वाह
वष - 13 अकं - 12 वष - 2020
नगर राजभाषा काया वयन सिमित (के ीय सरकारी कायालय), मबंु ई
सदं ेश
यह बड़े हष का िवषय है िक के ीय सरकारी कायालय क नगर राजभाषा काया वयन सिमित ारा 'राजभाषा
वाह” पि का का बारहवां अकं कािशत िकया जा रहा ह।ै इस पि का के काशन से जहां एक ओर मुंबई ि थत के
सरकार के कायालय म राजभाषा म िकए जा रहे काय का पता चलता ह,ै वह िविभ न लेख के मा यम से अिधका रय तथा
कमचा रय के िवचार को भी जानने का एक सुनहरा अवसर िमलता है।
जैसा िक हम सभी जानते ह िक भारतीय सिं वधान सभा ने िहदं ी को राजभाषा के प म, इसिलए वीकार िकया था
य िक यह भारत के एक बड़े जनसमुदाय ारा बोली और समझी जाती थी। अतः भारत सरकार के यके अिधकारी एवं
कमचारी का सवं ैधािनक दािय व है िक वह अपने सरकारी कामकाज म पूरी ईमानदारी और िन ा से िहदं ी का अिधक से
अिधक योग कर।े
िहदं ी, भारतीय क रा ीय पहचान होने के साथ-साथ भारत क सां कृ ितक समृि क तीक भी ह।ै िहदं ी एक
सरल, समृ एवं सश भाषा है और भारत क रा ीय एकता को बनाए रखने क एक मह वपूण कड़ी भी ह।ै
मुझे इस बात क स नता है िक नगर राजभाषा काया वयन सिमित भारत सरकार क राजभाषा नीित के अनुसार
के सरकार के कायालय म राजभाषा का चार- सार करने के साथ-साथ इसके योग का एक अनुकू ल वातावरण भी
तैयार कर रही ह।ै राजभाषा वाह पि का के इस अकं के सफल काशन के िलए म सपं ादक मंडल को शुभकामनाएं दते ा हँ
और आशा करता हँ िक यह पि का िनर तर कािशत होती रहेगी और पाठक को ानवधक और उपयोगी रचनाएं िमलती
रहेगी।
(आलोक कं सल)
अ य , नराकास एवं
महा बधं क, पि म रले वे
सदं ेश
मुझे स नता है िक मुबं ई ि थत के सरकार के िविभ न कायालय म राजभाषा िहदं ी के िवकास के िलए गिठत
नगर राजभाषा काया वयन सिमित ारा 'राजभाषा वाह” पि का का बारहवां अकं कािशत िकया जा रहा ह।ै िकसी भी
आजाद दशे क एक ऐसी भाषा अव य होती है जो उसक सं कृ ित, ान और सं कार को अिभ य करती ह।ै िहदं ी, भारत
क ऐसी ही भाषा है जो भारतीय के के वल िवचार को ही अिभ य नह करती है बि क भारत के सां कृ ितक, सािहि यक,
सामािजक, धािमक एवं आ याि मक मू य को भी अिभ य करने म पूणतया स म है।
भारत क अिधकाशं जनता िहदं ी समझती है और इसका योग करती ह।ै अतः येक भारतवासी का यह परम
कत य है िक वह अपने यावसाियक, वै ािनक एवं तकनीक तथा अ य काय म िहदं ी का अिधक से अिधक योग कर।े
राजभाषा िहदं ी के चार- सार म िहदं ी पि काएं मह वपूण भूिमका िनभाती ह। आशा है िक इस पि का म कािशत
रे णादायी लेख पाठक का मागदशन करगे और अ य अिधकारी एवं कमचारी भी िहदं ी म मूल लेखन के िलए े रत ह गे।
म नगर राजभाषा काया वयन सिमित के सभी सद य कायालय के मुख से अपील करता हँ िक आप वयं अपना
सरकारी काय पूण उ साह, लगन और गव से िहदं ी म कर तथा अपने अधीन थ अिधका रय एवं कमचा रय को भी िहदं ी म
काय करने के िलए े रत और ो सािहत कर।
(अजय गोयल)
उपा य , नराकास एवं
मु य राजभाषा अिधकारी,
पि म रले वे
सपं ादक क कलम से ....
नगर राजभाषा काया वयन सिमित क राजभाषा पि का 'राजभाषा वाह” का बारहवां अकं पाठक के सम तुत करते
हए मुझे िवशषे हष हो रहा है य िक जब से मने इस सिमित के सद य सिचव का कायभार सभं ाला है तब से इस पि का का
सभी सद य कायालय के पूण सहयोग से िनयिमत प से काशन हआ है और हर वष इसके तर म भी सुधार हआ है।
आज भारत क वाणी िहदं ी ान-िव ान, िव ापन, क यूटर, इटं रनेट, मोबाइल तथा सभी कार के सं षे ण मा यम के
िलए अिभ यि का एक ि य साधन बन चुक ह।ै यह भारत क सामािजक और सां कृ ितक धरोहर क प रचायक है और
भारत के रा य को आपस म जोड़ने का काय कर रही है य िक यह िकसी ा त अथवा समुदाय तक सीिमत नह है।
भारत एक बड़ा लोकतांि क दशे ह,ै िजसम िहदं ी, शासन और जनता के बीच भावी सपं क थािपत करके दशे के िवकास
म भी अपना मह वपूण योगदान दे सकती ह।ै इसिलए भारत सरकार के यके अिधकारी एवं कमचारी को अपना सरकारी
काय अिधक से अिधक िहदं ी म ही करना चािहए।
इस पि का का काशन सद य कायालय के मुख और रचनाकार के सहयोग से ही सभं व हो पाया है। सभी के ित म
दय से आभार कट करता हँ और आशा करता हँ िक आप सभी का सहयोग हम िनर तर िमलता रहगे ा।
िजन सद य कायालय ने सिमित क िविभ न िहदं ी ितयोिगताओंके आयोजन अपने कायालय म िकए ह, उनके ित भी
म िवशषे प से ध यवाद ािपत करता ह।ँ
इस पि का को और अिधक िचकर, उपयोगी, ानवधक एवं साथक बनाने के िलए पाठक के सुझाव का सवदा वागत
है।
सध यवाद,
(डॉ सशु ील कु मार शमा )
सद य सिचव, नराकास एवं
उप महा बधं क(रा.भा.),
पि म रले व,े मुबं ई
¨¸«¸Ä -13 राजभाषा वाह ¨¸«¸Ä - 2020
‚¿ˆÅ - 12
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ªú आलोक कं सल
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ªú अजय गोयल
मु य राजभाषा अिधकारी, œ¸¢©\¸Ÿ¸ £½¥¸¨¸½
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ीमती वदं ना ीवा तव, ¨¸¢£«“ ‚›¸º¨¸¸™ˆÅ, œ¸¢©\¸Ÿ¸ £½¥¸¨¸½
सु ी ममता िसहं , ¨¸¢£«“ ‚›¸º¨¸¸™ˆÅ, œ¸¢©\¸Ÿ¸ £½¥¸¨¸½
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ªú मोिहंदर कु मार, किन अनुवादक, œ¸¢©\¸Ÿ¸ £½¥¸¨¸½
ी शिकलूर रहमान, किन अनुवादक, œ¸¢©\¸Ÿ¸ £½¥¸¨¸½
टंकण सहयोग
ी वामन भंडारी, Ÿ¸º‰¡¸ ’¿ˆÅˆÅ, œ¸¢©\¸Ÿ¸ £½¥¸¨¸½
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िजसके िलए सपं ादक मंडल उ रदायी नह है ।
अनु मिणका
1. अ य महोदय का स दशे ी आलोक कं सल
2. मुराधी महोदय का स दशे ी अजय गोयल
3. सपं ादक क कलम से .... ी सुशील कु मार शमा
4. नराकास के सद य कायालय क राजभाषा गितिविधयां
01-09
5. नराकास ारा आयोिजत ितयोिगताओं के प रणाम 10-13
6. सहज विृ यां महावीर िसहं (मोहन) 14
7. याल क जगं रिव के . िदवाकर 14
8. भारत क गुिड़या अिपत जैन 15
9. आकं लन रतु मोटवानी 16
10. मुखौटा सु िच स सेना 16
11. आधुिनक सचं ार ांित म िहदं ी क भूिमका ीमती मे ा काबं ली 17-18
12. भारत के मुख यौहार िवनोद कु मार पुरी 19-20
13. फाइल पर यु क जाने वाली कितपय दिै नक सपं ादन सिमित
21-22
िहदं ी-अं ेजी िट पिणयाँ
14. बहन सु िच स सेना 23
15. र त का मोल सु िच स सने ा 24
16. तेरी याद मुकिसत मुजावर 25
17. िभ ुक सूयकातं ि पाठी िनराला 26
18. तोड़ती प थर सूयकांत ि पाठी िनराला 26
19. फोटो ाफ 27-33
20. योग और वा य डॉ.सुशील कु मार पा डेय 34-36
21. भारतीय सिं वधान के प र े य म नाग रकता
परी क 37-38
सशं ोधन कानून क उपयोिगता’ सु ी सीमा भ ास 39-41
22. सा दाियकता मानवता के िलए घातक
23. कोिवड-19 से िनपटने म भारतीय सं कृ ित सपं ादन सिमित 42-44
और आयुवद क भूिमका .........’’......... 45
24. राजभाषा के चार- सार एवं िवकास म िहदं ी
सािह यकार का योगदान
25. तुलसीदास .........’’......... 46
26. मुंशी मे चदं .........’’......... 47
27. महादवे ी वमा .........’’......... 48
28. भारतदु ह र ं .........’’......... 49
29. रामधारी िसहं िदनकर .........’’......... 50
30. सूयकातं ि पाठी िनराला .........’’......... 51
31. मैिथलीशरण गु .........’’......... 52
32. महावीर साद ि वदे ी .........’’......... 53
नगर राजभाषा काया वयन सिमित (क ीय सरकारी कायालय),
मबुं ई के सद य कायालय क राजभाषा गितिविधयां
1. अपर महािनदशे क (अिभ.) प. .े का कायालय, आकाशवाणी एवं दूरदशन, मबुं ई
अपर महािनदशे क(अिभ.)प. े., आकाशवाणी एवं दूरदशन, मुंबई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के योग- सार हेतु िहदं ी
पखवाड़े का आयोजन िकया गया ।
2. सरकारी नौवहन कायालय, पोत प रवहन मं ालय, मबंु ई
सरकारी नौवहन कायालय, मुबं ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को ो सािहत करने हते ु एक िहदं ी कायशाला का
आयोजन िकया गया िजसम 9 अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया गया ।
3. शासक य समापक उ च यायालय मबंु ई का कायालय
शासक य समापक उ च यायालय मुबं ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को बढ़ावा दने े के उ े य से “िहदं ी िदवस” के
अवसर पर िदनांक 13/09/2019 से 27/09/2019 तक िहदं ी पखवाड़े का आयोजन िविभ न ितयोिगताओं के साथ
िकया गया िजसम अिधका रय /कमचा रय ने ितभािगता क । िवजेताओं को पुर कार एवं शि त प भी दान िकया
गया । इसके अलावा एक िहदं ी कायशाला का आयोजन िकया गया िजसम 4 अिधका रय /कमचा रय को िशि त
िकया गया ।
4. मु य अिभयतं ा (प.अ.-III), क ीय लोक िनमाण िवभाग, मबुं ई
मु य अिभयतं ा(प.अ.-III), क ीय लोक िनमाण िवभाग, मुबं ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी का अनुकू ल वातावरण
तैयार करने हते ु िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया ।
5. कं पनी रिज ार का कायालय, कारपोरटे काय मं ालय, मबंु ई
कं पनी रिज ार, मुंबई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के योग- सार के उ े य से िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया ।
कायालय म दो िहदं ी कायशालाओं का आयोजन िकया गया िजसम अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया गया ।
6. मु य अिभयतं ा (प.अ.) - 1, क ीय लोक िनमाण िवभाग, मबुं ई
मु य अिभयतं ा (प.अ.) -1, मुबं ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को ो सािहत करने हते ु िहदं ी िदवस मनाया गया ।
7. आकाशवाणी, मबुं ई
आकाशवाणी, मुंबई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को बढ़ावा दने े के उ े य से िदनांक 13/09/2019 से 27/09/2019
तक िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया । पखवाड़े के दौरान शु लेखन, िहदं ी िनबधं , िट पण व ा प लेखन, ो री, आशु
भाषण आिद ितयोिगताएं तथा एक िहदं ी कायशाला का आयोजन िकया गया िजसम 14 अिधका रय /कमचा रय को
िशि त िकया गया । ितयोिगताओं के िवजेताओं को नकद पुर कार दान िकया गया ।
1
8. क ीय िव य एकाशं , आकाशवाणी, मबंु ई
क ीय िव य एकाशं , आकाशवाणी, मुबं ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के योग- सार हेतु िदनांक 13/09/2019
से 27/09/2019 तक िहदं ी पखवाड़े का आयोजन िकया गया । िदनांक 13/09/2019 को 'िहदं ी िदवस समारोह' तथा
िदनाकं 14/09/2019 से 27/09/2019 तक िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया । पखवाड़े के दौरान िहदं ी िनबधं , िहदं ी िट पण
और ा प लेखन, िहदं ी ता कािलक भाषण, िहदं ी अतं ा री, िहदं ी ो री आिद ितयोिगताओं का आयोजन िकया
गया । िदनाकं 27/09/2019 को पुर कार िवतरण समारोह के दौरान ितयोिगताओं के िवजेताओं को नकद पुर कार
दान िकया गया ।
9. परमाणु ऊजा िवभाग, मबुं ई
परमाणु ऊजा िवभाग, मुंबई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को बढ़ावा दने े के उ े य से िदनांक 03/09/2019 से
04/10/2019 तक 'िहदं ी माह' का आयोजन िकया गया । िदनांक 14/09/2019 को 'िहदं ी िदवस' के अवसर पर ' भारत
का अतं र काय म – एक प रचय ' िवषय पर एक या यान का आयोजन िकया गया । कायालय म िहदं ी माह के
दौरान िविभ न 10 िहदं ी ितयोिगताओं का आयोजन िकया गया । कायालय म दो िहदं ी कायशाला का आयोजन िकया
गया िजसम 43 कमचा रय को िशि त िकया गया ।
10. आयकर अपीलीय अिधकरण, मबुं ई
े ीय वन पित सगं रोध क , मुंबई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को बढ़ावा दने े के उ े य से िदनाकं 14/09/2019 से
30/09/2019 तक िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया । िदनाकं 16/09/2018 को िहदं ी िदवस मनाया गया । पखवाड़े के दौरान
िविभ न ितयोिगताओं का आयोजन िकया गया । इसके अलावा कायालय म तीन िहदं ी कायशालाओं का आयोजन
िकया गया िजसम लगभग 159 अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया गया ।
11. अपर महािनदशे क (प. .े -I) का कायालय, के .लो.िन.िवभाग, मबंु ई
अपर महािनदशे क (प े-I), मुंबई के कायालय म राजभाषा िहदं ी म उ रोतर विृ हेतु िसतंबर माह के दौरान िविभ न
ितयोिगताएँ आयोिजत क गई । कायालय म दो िहदं ी कायशालाओं का आयोजन िकया गया िजसम 43
अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया गया ।
12. कमचारी चयन आयोग, मबंु ई
कमचारी चयन आयोग, मुंबई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को बढ़ावा दने े के अनुकू ल वातावरण तैयार करने के उ े य
से िसतबं र माह म िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया ।
13. िफ म भाग, मबंु ई
िफ म भाग, मुंबई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को बढ़ावा दने े के उ े य से िदनाकं 29/08/2019 से 15/09/2019
तक िहदं ी पखवाड़े का आयोजन िकया गया । पखवाड़े के दौरान िविभ न ितयोिगताओं का आयोजन िकया गया ।
िवजते ाओं को पुर कार एवं माणप दान िकए गए । एक िहदं ी कायशाला आयोिजत क गई िजसम 11
अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया गया ।
14. धान आयु सीमाशु क (सामा य) का कायालय, मबुं ई
2
धान आयु सीमाशु क (सामा य), मुबं ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के योग- सार के उ े य से िहदं ी िदवस का
आयोजन िकया गया ।
15. कायालय धान िनदेशक वािणि यक लेखापरी ा एवं पदने सद य, लखे ापरी ा बोड – II, मबुं ई
कायालय धान िनदशे क वािणि यक लेखापरी ा एवं पदने सद य लेखापरी ा बोड- II, मुबं ई के कायालय म राजभाषा
िहदं ी को बढ़ावा दने े के उ े य से िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया ।
16. कायालय िनदेशक लेखा परी ा (नौसने ा), मबुं ई
कायालय िनदशे क लेखा परी ा (नौसेना), मुंबई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को सािहत करने के उ े य से िदनांक
13/09/2019 से 20/09/2019 तक िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया ।
17. मु य पो टमा टर जनरल कायालय, महारा सिकल, मबुं ई
मु य पो टमा टर जनरल कायालय, महारा सिकल, मुबं ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के योग- सार हते ु िहदं ी
पखवाड़ा मनाया गया ।
18. ादिे शक मौसम क , मबुं ई
ादिे शक मौसम क , मुंबई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को बढ़ावा दने े के उ े य से िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया ।
19. े ीय िश ण सं थान, भारतीय लखे ापरी ा और लखे ा िवभाग, मबंु ई
े ीय िश ण सं थान, मुंबई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के अनुकू ल वातावरण तैयार करने के िलए कायालय म
िहदं ी िदवस का आयोजन िकया गया ।
20. धान िनदशे क लखे ापरी ा का कायालय, म य रले , मबंु ई
धान िनदशे क लेखापरी ा म य रले , मुबं ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी क उ रोतर विृ के उ े य से िदनाकं
14/09/2019 से 28/09/2019 तक िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया । पखवाड़े के दौरान िविभ न ितयोिगताओं का
आयोजन िकया गया । इस वष कायालय क गहृ पि का " नव वहन " के थम अकं का काशन िकया गया । कायालय
म दो िहदं ी कायशाला का आयोजन िकया गया िजसम 05 कमचा रय को िशि त िकया गया ।
21. भारतीय माि यक सव ण, मबुं ई
भारतीय माि यक सव ण, मुंबई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के योग- सार हते ु िदनाकं 16/09/2019 से
27/09/2019 तक िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया । पखवाड़े के दौरान िहदं ी िनबधं , िट पणी एवं मसौदा लेखन, राजभाषा
ान ो री, अतं ा री, िहदं ी किवता पाठ आिद ितयोिगताओं का आयोजन िकया गया । इसके अलावा कायालय म
दो िहदं ी कायशालाओं का आयोजन िकया गया िजसम 41 अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया गया ।
22. े ीय वन पित सगं रोध क , मबंु ई
े ीय वन पित सगं रोध क , मुबं ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को बढ़ावा दने े के उ े य से िदनांक 14/09/2019 से
3
30/09/2019 तक िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया । िदनांक 16/09/2018 को िहदं ी िदवस मनाया गया । पखवाड़े के दौरान
िविभ न ितयोिगताओं का आयोजन िकया गया । इसके अलावा कायालय म तीन िहदं ी कायशालाओं का आयोजन
िकया गया िजसम लगभग 159 अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया गया ।
23. मडं ल रले बधं क कायालय, मबंु ई स ल, पि म रले वे
मंडल रले बधं क, मुंबई स ल, पि म रले वे के कायालय म राजभाषा िहदं ी के अनुकू ल वातावरण तैयार करने हेतु िहदं ी
पखवाड़ा मनाया गया । पखवाड़ा के दौरान िहदं ी िट पण एवं ा प लेखन, िहदं ी िड टेशन, -मंच, का य पाठ,
िनबधं , वाक् आिद िविभ न ितयोिगताओं का आयोजन िकया गया । िवजेताओं को पुर कार एवं माण-प दान िकए
गए ।
24. कारखाना सलाह सवे ा और म सं थान महािनदेशालय, मबंु ई
कारखाना सलाह सेवा म सं थान महािनदशे ालय, मुबं ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के योग- सार हेतु िदनाकं
16/09/2019 को िहदं ी िदवस मनाया गया । िदनांक 14/09/2019 से 30/09/2019 तक िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया ।
पखवाड़े के दौरान िविभ न 08 ितयोिगताओं का आयोजन िकया गया । इसके अलावा कायालय म दो िहदं ी
कायशालाओं का आयोजन िकया गया िजसम 15 अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया ।
25. धान महालखे ाकर (लखे ापरी ा) – I का कायालय, महारा , मबुं ई
धान महालेखाकर (लेखापरी ा)-I महारा , मुबं ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के िवकास के उ े य से िदनाकं
13/09/2019 से 27/09/2019 तक िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया । कायालय म एक िहदं ी कायशाला का आयोजन िकया
गया िजसम 13 अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया ।
26. नािवक रोजगार कायालय, मबुं ई
नािवक रोजगार, मुबं ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को बढ़ावा दने े के उ े य से एक िहदं ी कायशाला आयोिजत क गई
िजसम 09 अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया गया ।
27. िनदशे ालय, जनगणना कायालय, महारा , मबंु ई
िनदशे ालय, जनगणना कायालय, महारा , मुबं ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को बढ़ावा दने े के उ े य से िहदं ी िदवस
का आयोजन िकया गया ।
28. क ीय िफ म माणन बोड, मबुं ई
क ीय िफ म माणन बोड, मुबं ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के योग- सार म विृ के उ े य से िदनांक
14/09/2019 से 30/09/2019 तक िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया । पखवाड़ा के दौरान िहदं ी िट पण एवं ा प लेखन,
कं यूटर पर टंकण, ो री, िनबधं , शु लेखन आिद ितयोिगताओं का आयोजन िकया गया ।
29. भारत पयटन , मबुं ई
भारत पयटन, मुबं ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को बढ़ावा दने े के उ े य से िहदं ी िदवस का आयोजन िकया गया ।
4
30. अिखल भारतीय भौितक िचिक सा एवं पुनवास सं थान, मबंु ई
अिखल भारतीय भौितक िचिक सा एवं पुनवास सं थान, मुबं ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी क उ रोतर विृ के
उ े य से िदनाकं 11/09/2019 से 25/09/2019 तक िहदं ी पखवाड़े का आयोजन िकया गया । 14 िसतबं र 2019 को
िहदं ी िदवस के उपल य म िदनांक 08/07/2019 से 31/08/2019 तक पा रभािषक श दावली, िल यतं रण, अनुवाद,
िट पण आलेखन, टंकण, िनबधं , ुत लेखन, पो टर ितयोिगता, "िहदं ी क वािलय क झनकार" आिद सािह यपरक
ितयोिगताओं का आयोजन िकया गया । 1 नवबं र 2019 को ' साम य ' नामक पि का का आठवाँ अकं कािशत िकया
गया । इसके अलावा कायालय म 4 िहदं ी कायशालाएं आयोिजत क गई िजसम 115 अिधका रय /कमचा रय को
िशि त िकया गया ।
31. क ीय रशे म बोड, मबुं ई
क ीय रशे म बोड, मुंबई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के योग- सार हते ु िदनांक 16/09/2019 से 30/09/2019 तक
िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया । पखवाड़े के दौरान िविभ न ितयोिगताओं का आयोजन िकया गया । इसके अलावा
कायालय म दो िहदं ी कायशालाओं का आयोजन िकया गया िजसम 11 अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया
गया।
32. कै टीन भडं ार िवभाग, र ा मं ालय, मबुं ई
कै टीन भडं ार िवभाग, मुबं ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को बढ़ावा दने े के उ े य से िहदं ी िदवस का आयोजन िकया
गया ।
33. कमचारी रा य बीमा िनगम, मबंु ई
कमचारी रा य बीमा िनगम, मुबं ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के योग- सार हेतु िहदं ी िदवस का आयोजन िकया
गया ।
34. क ीय कपास ौ ोिगक अनसु धं ान सं थान , मबुं ई
क ीय कपास ौ ोिगक अनुसधं ान सं थान, मुबं ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के अनुकू ल वातावरण तैयार करने के
उ े य से िहदं ी िदवस का आयोजन िकया गया ।
35. धान आयु का कायालय, क ीय व तु एवं सवे ा कर तथा क ीय उ पाद शु क, मबुं ई म य
आयु , क ीय व तु एवं सवे ा कर तथा क ीय उ पाद शु क, मुंबई म य के कायालय म राजभाषा िहदं ी को ो सािहत
करने के उ े य से एक िहदं ी कायशालाएं आयोिजत क गई िजसम 26 अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया गया
36. समु ी उ पाद िनयात िवकास ािधकरण, मबुं ई
समु ी उ पाद िनयात िवकास ािधकरण, मुंबई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को बढ़ावा दने े के उ े य से िहदं ी िदवस
का आयोजन िकया गया ।
37. मडं ल रले बधं क कायालय, छ.िश.म.ट. मबुं ई, म य रले
मडं ल रले बधं क कायालय, छ.िश.म.ट. मुबं ई, म य रले के कायालय म राजभाषा िहदं ी के अनुकू ल वातावरण तैयार
करने के उ े य से िहदं ी िदवस का आयोजन िकया गया ।
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38. कायालय, र ा लखे ा िनयं क (कै .भ.ं िव.), मबंु ई
र ा लेखा िनयं क (कै .भ.ं िव.), मुंबई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के योग- सार के उ े य से िहदं ी िदवस का
आयोजन िकया गया ।
39. ादेिशक िनदेशक, पि म े , कारपोरटे काय मं ालय, मबंु ई
ादिे शक िनदशे क, पि म े , कारपोरटे काय मं ालय, मुंबई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के अनुकू ल वातावरण
तैयार करने के उ े य से िदनांक 13/09/2019 से 27/09/2019 तक िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया । इस दौरान िविवध
िहदं ी ितयोिगताओं का आयोजन िकया गया और िवजते ाओं को पुर कार दान िकए गए । इसके अलावा कायालय म
दो िहदं ी कायशालाओं का आयोजन िकया गया िजसम 17 अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया गया ।
40. व आयु कायालय, मबंु ई
व आयु , मुंबई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को बढ़ावा दने े के उ े य से िहदं ी िदवस का आयोजन िकया गया ।
41. पोत प न वा य सगं ठन, मबंु ई
पोत प न वा य सगं ठन, मुंबई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को ो सािहत करने के उ े य से िदनांक
14/09/2019 को िहदं ी िदवस तथा िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया । पखवाड़ा के दौरान िहदं ी िनबधं लेखन ितयोिगता,
सगं ो ी एवं िहदं ी ो री का आयोजन िकया गया ।
42. रा ीय बचत सं थान, मबंु ई
रा ीय बचत सं थान, मुंबई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के योग- सार म विृ के उ े य से िदनांक 01/09/2019
से 15/09/2019 तक िहदं ी पखवाड़े का आयोजन िकया गया । इस दौरान िट पण लेखन, िनबधं आिद ितयोिगताओं
का आयोजन िकया गया और िवजेताओं को पुर कार दान िकए गए । इसके अलावा दो िहदं ी कायशालाएं आयोिजत
क गई िजसम 13 अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया गया ।
43. धान महालखे ाकार का कायालय (लेखा व हकदारी) – I, मबंु ई
धान महालेखाकर (लेखा व हकदारी)-I, मुंबई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को बढ़ावा दने े के उ े य से िहदं ी िदवस
का आयोजन िकया गया ।
44. कायालय धान िनदेशक वािणि यक लखे ापरी ा एवं पदने सद य, लेखापरी ा बोड - I, मबंु ई
धान िनदशे क वािणि यक लेखापरी ा एवं पदने सद य, लेखापरी ा बोड – I, मुंबई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को
ो सािहत करने के उ े य से िहदं ी िदवस का आयोजन िकया गया ।
45. महा बधं क कायालय, म य रले , मबंु ई
महा बधं क, म य रले , मुंबई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के अनुकू ल वातावरण तैयार करने के उ े य से िहदं ी िदवस
का आयोजन िकया गया ।
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46. क ीय व तु एवं सवे ा कर तथा क ीय उ पाद शु क आयु का कायालय, थाने
क ीय व तु एवं सवे ा कर तथा क ीय उ पाद शु क आयु , थाने के कायालय म राजभाषा िहदं ी को बढ़ावा दने े के
उ े य से िदनांक 09/09/2019 से 23/09/2019 तक िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया । इस दौरान िहदं ी िनबधं , सामा य
ान ितयोिगता, तकनीक श दावली का अनुवाद, िहदं ी किवता पाठ, िहदं ी टंकण, िहदं ी आशु भाषण, िहदं ी ो री
आिद िहदं ी ितयोिगताओं का आयोजन िकया गया । ितयोिगताओं के िवजेता अिधका रय /कमचा रय को माण-प
दान िकए गए । एक िहदं ी कायशाला आयोिजत क गई ।
47. धान महालेखाकर का कायालय (लेखापरी ा)–III महारा , मबुं ई
धान महालेखाकर (लेखापरी ा)-III महारा , मुबं ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को ो सािहत करने के उ े य से
िदनाकं 13/09/2019 से 27/09/2019 तक िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया । इसके अलावा दो िहदं ी कायशालाएं आयोिजत
क गई िजसम 15 अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया गया ।
48. प रवार क याण िश ण तथा अनसु धं ान क , मबुं ई
प रवार क याण िश ण तथा अनुसधं ान क , मुबं ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को बढ़ावा दने े के उ े य से िहदं ी
िदवस का आयोजन िकया गया ।
49. टाटा मलू भूत अनसु धं ान सं थान, मबुं ई
टाटा मूलभूत अनुसधं ान सं थान, मुबं ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को ो सािहत करने के उ े य से िहदं ी िदवस का
आयोजन िकया गया ।
50. धान आयु का कायालय, क ीय जी.एस.टी. मबंु ई दि ण
धान आयु क ीय जी.एस.टी. मुंबई दि ण के कायालय म राजभाषा िहदं ी के अनुकू ल वातावरण तैयार करने के
उ े य से िहदं ी िदवस का आयोजन िकया गया ।
51. वतन िनदशे ालय, मबंु ई
वतन िनदशे ालय, मुंबई के कायालय म राजभाषा िहदं ी क उ रोतर विृ के उ े य से िहदं ी िदवस का आयोजन िकया
गया ।
52. मबुं ई पोट ट
मुंबई पोट ट के कायालय म राजभाषा िहदं ी को बढ़ावा दने े के उ े य से िदनांक 13/09/2019 से 21/09/2019 तक
िहदं ी पखवाड़े का आयोजन िकया गया । पखवाड़े के दौरान िहदं ी िनबधं , िट पणी का अनुवाद, आशुभाषण ितयोिगता,
राजभाषा सगं ो ी तथा िवशषे िहदं ी कायशाला का आयोजन िकया गया । इसके अलावा कायालय म दो िहदं ी कायशालाएं
आयोिजत क गई िजसम 35 अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया गया ।
53. उप नमक आयु का कायालय, मबंु ई
उप नमक आयु , मुंबई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को ो सािहत करने हते ु िदनांक 14/09/2019 से 28/09/2019
तक िहदं ी पखवाड़े का आयोजन िकया गया ।
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54. महािनदशे क लखे ापरी ा का कायालय, पि म रले व,े मबुं ई
महािनदशे क लेखापरी ा, पि म रले वे, मुंबई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को बढ़ावा दने े के उ े य से िदनाकं
18/09/2019 से 30/09/2019 तक िहदं ी पखवाड़े का आयोजन िकया गया । इसके अलावा कायालय म एक िहदं ी
कायशाला आयोिजत क गई िजसम 11 अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया गया ।
55. क ीय व तु, सवे ा कर एवं क ीय उ पाद शु क आयु का कायालय, मबुं ई पूव
क ीय व तु, सवे ा कर एवं क ीय उ पाद शु क आयु , मुबं ई पूव के कायालय म राजभाषा िहदं ी क उ रोतर गित के
उ े य से िहदं ी िदवस का आयोजन िकया गया ।
56. धान मु य आयकर आयु , मबुं ई
धान मु य आयकर आयु , मुंबई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के योग- सार के िलए िहदं ी िदवस का आयोजन
िकया गया ।
57. े ीय लेखन सामा ी िडपो, मबुं ई
े ीय लेखन साम ी िडपो, मुंबई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को बढ़ावा दने े के उ े य से िहदं ी िदवस का आयोजन
िकया गया ।
58. क ीय अ वेषण यूरो, ाचार िनरोधक शाखा, मबंु ई
क ीय अ वेषण यूरो, ाचार िनरोधक शाखा, मुबं ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को बढ़ावा दने े के उ े य से िहदं ी
िदवस का आयोजन िकया गया ।
59. राज व आसूचना िनदशे ालय, मबुं ई
राज व आसूचना िनदशे ालय, मुबं ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को ो सािहत करने के उ े य से िदनाकं
14/09/2019 से 20/09/2019 तक िहदं ी स ाह का आयोजन िकया गया । स ाह के दौरान िद.19/09/2019 को
कायालय प रसर म एक र दान िशिवर का आयोजन िकया गया ।
60. क ीय िव ालय न.2, मबुं ई
क ीय िव ालय न.2, मुंबई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को बढ़ावा दने े के उ े य से िहदं ी िदवस का आयोजन िकया
गया ।
61. समु ी वािण य िवभाग, मबंु ई
समु ी वािण य िवभाग, मुंबई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के अनुकू ल वातावरण तैयार करने के उ े य से िसतंबर
माह के दौरान िहदं ी िदवस तथा िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया िजसम िविभ न ितयोिगताओं का आयोजन िकया गया ।
एक िहदं ी कायशाला आयोिजत क गई िजसम 25 अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया गया ।
62. धान आयु सीमाशु क (िनवारक) का कायालय, मबुं ई
धान आयु सीमाशु क (िनवारक), मुबं ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के योग- सार के उ े य से िहदं ी िदवस का
आयोजन िकया गया ।
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63. सार भारती , भारत का लोक सवे ा सारक, आकाशवाणी, मबुं ई
सार भारती , भारत का लोक सवे ा सारक, आकाशवाणी, मुंबई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को बढ़ावा दने े के
उ े य से िहदं ी पखवाड़े का आयोजन िकया गया । पखवाड़ा के दौरान िहदं ी िनबधं , िट पण व ा प लेखन, आशुभाषण,
-मंच और शु लेखन आिद ितयोिगताओं का आयोजन िकया गया ।
64. कायालय, र ा लखे ा धान िनयं क (नौसने ा), मबुं ई
कायालय, र ा लेखा धान िनयं क (नौसने ा), मुंबई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के योग- सार के उ े य से एक
िहदं ी कायशाला आयोिजत क गई ।
65. टाटा मारक अ पताल, मबुं ई
टाटा मारक अ पताल, मुबं ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को बढ़ावा दने े के उ े य से िदनांक 16/09/2019 से
30/09/2019 तक िहदं ी पखवाड़े का आयोजन िकया गया । पखवाड़े के दौरान िहदं ी िनबधं , ुत लेखन, वाद-िववाद
ितयोिगता, गीत-गायन ितयोिगता तथा सुलेखन आिद ितयोिगता का आयोजन िकया गया । कायालय क गहृ पि का
' पदं न ' का काशन िकया जाता है । इसके अलावा कायालय म दो िहदं ी कायशालाएं आयोिजत क गई िजसम 16
अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया गया ।
64. धान कायालय, पि म रले वे, मबुं ई
पि म रले व,े धान कायालय के राजभाषा िवभाग ारा वष 2019-20 के दौरान राजभाषा के चार- सार एवं योग को
बढ़ाने के िलए अनुकू ल वातावरण तैयार करने के िलए राजभाषा सबं धं ी िविभ न गितिविधय का आयोजन िकया गया ।
िदनांक 27.05.2019 को नगर राजभाषा काया वयन सिमित क बैठक का आयोजन िकया गया । इस बैठक के दौरान
नराकास के त वावधान म आयोिजत िविभ न कार क िहदं ी ितयोिगताओं म पुर कार ा ितभािगय /िनणायक
तथा िहदं ी म उ कृ काय करने के िलए तीन सद य कायालय को अ य एवं महा बधं क महोदय के कर-कमल ारा
नकद रािश, माण-प , शि त प तथा राजभाषा शी ड दान क गई । इस अवसर पर नराकास क पि का “
राजभाषा वाह ” के 11व अकं का िवमोचन भी िकया गया । धान कायालय म राजभाषा के चार- सार एवं योग को
बढ़ाने के उ े य से िदनांक 12.09.2019 से 26.09.2019 तक राजभाषा पखवाड़े का आयोजन िकया गया । पखवाड़े
के दौरान अिधका रय एवं कमचा रय के िलए िविभ न िहदं ी ितयोिगताओ,ं -मंच एवं िहदं ी कायशाला आयोिजत क
गई । िदनाकं 17.09.2019 को िविभ न िवभाग म राजभाषा म िकए जा रहे काय को दिशत करने हते ु राजभाषा
दशनी लगाई गई तथा िहदं ी नाटक “कमाल चौकड़ी” का रले वे के कलाकार ारा मचं न िकया गया । िदनांक
25.09.2019 को आयोिजत राजभाषा पखवाड़ा समापन एवं वािषक राजभाषा पुर कार िवतरण समारोह के अवसर पर
सां कृ ितक काय म आयोिजत िकया गया तथा िहदं ी म उ कृ एवं उ लेखनीय काय करने वाले एवं िविभ न
ितयोिगताओं म िवजेता अिधका रय /कमचा रय को पुर कृ त िकया गया । िदनाकं 25.10.2019 को नगर राजभाषा
काया वयन सिमित क बैठक का आयोजन िकया गया ।
- सपं ादन सिमित
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मबुं ई ि थत के ीय सरकार के कायालय म नराकास ारा
आयोिजत ितयोिगताओं के प रणाम
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सहज वृि यां याल क जगं
घर शौहरत है धन दौलत है भाई - बंधु अपने ह गे। याल क याल से एक जगं सी हो जाती ह,ै
जब कौड़ी पास नह होगी नाते र ते सपने ह गे।। जब नवीन सोच िढ़वािदता से टकराती है
गुन गान करगे िम जहां पॉके ट म खुशहाली होगी। तो सोच भी उलझन म पड़ जाती है
कोई हाल नह पूछेगा जब पॉके ट अपनी खाली होगी।। िक जो सोच िवरोध म ह,ै उसका आधार या है
आिखर य सम पता नह है, उसम िनराधार या है
िबगड़ी का नह कोई मोल यहाँ सब नाम ह र का जपते ह।
कं गाली का रोया दुखड़ा तो मन ही मन म हसं ते ह।। बमुि कल िव ेषण के बाद
आधार ही आधारहीन जब लगे,
जब आग लगी होगी घर म नह पास पड़ोसी झाकं गे। तब लगता है नवीनता िढ़वािदता से जीत जाए शायद,
घी डाल आग म जायगे और दूर बैठ कर तापगे।। ये याल आते ही, एक उमंग सी लहरा जाती है,
जब नवीन सोच िढ़वािदता से टकराती है
आगे बढ़ते को दखे नह आगे बढ़ने क सोचगे। लाख आधार ढूंढने क कोिशश के बावजूद जब
द तूर पुराना है िमलकर सब उसक टाँग ख चगे।। एक पदा सा हटता है, तो िदखता है िक
ये जो पदा िढ़वािदता का है,
मतलब के नाते र ते ह मतलब का भाईचारा ह।ै इसम नसिलयत ढक हई थी।
जो काम समय पर आ जाये समझो बस वही तु हारा ह।ै । और जब पदा पूणतः बेपदा जब हआ,
तो दखे ा नसिलयत के अनेक ,
िजतनी ल बी चादर अपनी बस पैर भी उतने फै लाओ। असं य आयाम िव मान थे।
कोई साथ चले ना चले अके ले ही आगे को बढ़ जाओ।। तब समझ आया िक जो जगं थी, वो िनराधार न थी
ये तो एक िनमल और मिलत मन क जगं थी
भीड़ म चलने वाले लोग यहाँ अ सर खो जाते ह। और सिदय से रही है सिदय रहगे ी।
कछुए क चाल चल बेशक वे मिं जल को पा जाते ह।।
बदलगे तो िसफ आयाम
छल कपट भरे ह गे मन म नह िनमल ेम जहाँ होगा। सुकू न है तो इस बात का
सुख चैन रहगे दूर सदा भाई-चारा सपना होगा।। िक हर युग िनमल मिलत को चुनौती दते ा रहेगा
और ये जगं होती रहेगी
महावीर िसहं (मोहन)
सीिनयर से शन इंजीिनयर, रिव के . िदवाकर
सहायक लेखापरी ा अिधकारी
पि म रले वे का- चचगेट
म य रले , मुंबई
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भारत क गिु ड़या
भारत क गुिड़या चीख रही, आ गया वो समय
वो जोर-जोर से कराह रही। जािहल सी सतं ान को बिं दश म रखने का
ऐसे मुझे सहना होगा कब तलक , कब तलक,
बेचैनी इतनी है िक नह झपक रह .. मेरी पलक।। आ गया वो समय
न ह कली को रोक िलए तुम इस दुिनया म आने स,े इनक सगं त पर उठाने का
ूण ह या करवाते तुम, लड़के क आस लगाने स।े
आकं ा तुमने कमजोर उस,े आ गया वो समय
तोड़ िदया उसका बल- सबं ल। इनके समय का लेखा- जोखा लेने का
उसक सासं को छीन कर, कर देते तुम उसको दुबल।।
जसै -े तैसे करके उसके इस धरती पर कदम पड़े, आ गया वो समय
तमाम बिं दश लगा दो तुम, वो बंिदश उसे लड़ पड़े। िनभया के गुनहगार को सजा िदलाने का
उसको िमलते कम मौके हर दायरा बस उसके िलए 16 से 29 िदसबं र, 2013 तक वह सहती रही
लड़का जसै े सब कु छ है, अ पताल के िब तर पर िससकती- िबलखती रही
लड़क को तुम कम आकं िलए।।
उसके िलए हर समय सीमा, तोड़ दी उसने सांस अपनी,
उसके पहनावे पर सवाल ह,ै सात साल बीत गए,
दरे रात घर आए लड़का, उस पर न कोई सवाल है।
या तुमने पूछा लड़के से, वो कहां िकसके सगं था ? जाने ऐसी िकतनी िनभया,
लड़क से सारे करोगे, कौन उसके सगं था? के िकतने िक से बीत गए
उन लाडल म से एक ने िकतने ऐसे िक से ह गे,
शायद उस लड़क से दु कम िकया। जो कभी उजागर नह हए।।
म आवाज उठाता ह.ँ .
काश बिं दश लगा दते े,
य तुमने परव रश म कमी िकया।। आ गया वो समय,
कौन था उसके सगं म, िकस समय उसने या िकया असामािजक प रदं को िपजं रे म रखने का
िकतने जािहर थे सगं उसके , जब उसने ये कु कम िकया। जािहल से प रदं को िपजं रे म रखने का
कब तक िनभया- िदशा ऐसे ही तािड़त ह गी।
उ नाव और कठु आ जैसी घटनाएं कब तक थमगी आ गया वो समय
िनभया के गुनहगार को सज़ा िदलाने का
अिपत जैन
बौि क सपं दा भवन
अ टॉप िहल, मुबं ई
15
‘ आकं लन ' मखु ौटा
हम करते िनत आकं लन मनु य का वो ,वो नह था ,
िक कौन अ छा और कौन बुरा जो समझे थे हम ।
वो ,वो भी नह था ,
वयं िनयत और िनधा रत ि कोण से कहता था जो ।
हम करते मनु य का आंकलन वो, वो भी नह िनकला ,
करता था जो ।
यह ि कोण कै से बना और िकसने बनाया
इसका नह कोई सुराग, पर है आंकलन प लू म ,
दखे ते ही दखे ते मनु य को पदवी दे दी जाती है ढेर मुखौटे थे पास उसके ।
िक कौन भगवान और कौन शतै ान कब वो या है ,
यह तो ार ध है िक येक उसे खुद भी
पता नह था ।
मनु य है िभ न और रहेगा िभ न वो एक ही य ,
पर िफर भी हम करते सभी का आकं लन हर एक के पास ,
परतं ु यह आकं लन वयं पर नह होता कभी नह है
िजस मनु य म वयं का आकं लन करने मुखौट क ।
क हो िह मत उसे ही कह सकते ह े कब बादल जाता है
तो इस आकं लन के गुण को हम य न ये नकाब ,
वयं पर अपनाएं और ानोदय क ओर बढ़....! मुखौटे वाला ,
चेहरे से हमारे ।
रतु मोटवानी हमे खुद भी नह
लेखा परी ा अिधकारी है खबर ।
भारतीय लेखापरी ा और लेखा िवभाग
कायालय महािनदशे क वािणि यक लेखापरी ा सु िच स सने ा
तथा पदने सद य, लेखापरी ा बोड-1, मुबं ई के ीय िव य एकाशं
आकाशवाणी ,मुबं ई
16
आधुिनक सचं ार ािं त म िहदं ी क भूिमका
िवषय प रचयः आज इ क सव सदी म सचं ार के आधुिनक िखताब हािसल िकया है।
मा यम ने के वल भारत म ही नह ; बि क सम त िव म
एक नई ांित उ प न कर मानव जीवन म असाधारण मह व ग) सयं ु रा सघं क वेबसाईट तथा सा ािहक ई-
ा िकया है। सचं ार ांित के प रणाम व प हम आज पि का पर िहदं ी क पकड़
वैि क प से सपं क कर पाने म सरलतापूवक समथ हो चुके
ह। इटं रनेट, यू-ट्यूब, वॉटस-ऍप, मोबाईल फोन, दूरदशन, िहदं ी को सयं ु रा क अिधका रक भाषा बनाने के
ि टं -मीिडया, एसएमएस आिद ने हमारे जीवन म असाधारण सपने को समीप लाती यह आधुिनक सचं ार ािं त आज िहदं ी
मह व ा िकया है। को सयं ु रा क वेबसाईट पर थान िदला चुक है तथा
उनक सा ािहक पि का पर थान पाकर िहदं ी ने सचं ार
िहदं ी क भूिमकाः यह त य उ लेखनीय है िक िहदं ी िव
भर म बोली जाने वाली दूसरी बड़ी भाषा है। हमारे दशे क ािं त क सीढ़ी के मा यम से अपने मह व का सबूत िदया ह।ै
एक सौ तीस करोड़ क आबादी क यह सपं क भाषा है।
आज दशे के िकसी भी कोने म एक दूसरे से बातचीत अथवा घ) सयं ु अरब अमीरात से िनकलने वाली अिभ यि
सपं क हते ु लोग िहदं ी भाषा का ही योग करते ह। ऐसे मे िहदं ी ने ट, अनभु ूित आिद ई-पि काओं का बधं न कनाडा
आधुिनक सचं ार ांित म िहदं ी अछूती कै से रह सकती ह।ै से, सािह य सजृ न इलाहाबाद से तथा सपं ादन सयं ु अरब
िहदं ी ने सचं ार ांित के मा यम से वैि क पटल पर अपना अमीरात से हो पाना आधुिनक सचं ार ांित इटं रनेट क ही
मह वपूण थान ा िकया ह।ै दने है। चाहे अनचाहे, जाने अनजाने िहदं ी आज ती गित से
सचं ार मा यम के ज़ रए लोकि य भूिमका अदा कर रही है।
क) सचं ार ािं त का मह वपूण मा यम इंटरनटे ः
आधुिनक सचं ार ांित म इंटरनेट और इटं रनेट पर च) िहदं ी बाल सािह य के ई-सं करण
िहदं ी बाल सािह य आज इटं रनेट के मा यम से उस
िहदं ी क भूिमका मह वपूण ह।ै आज इंटरनेट पर कृ िष,
िचिक सा, सािह य, बधं न, गिणत, िव ान आिद पर लाख बाल पीढ़ी के िलए भी उपल ध है िजनके माता िपता नौकरी,
लेखक , किवय तथा रचनाकार क रचनाए,ँ लेख, लेख यवसाय, िश ा तथा िकसी िवशषे पेशे के चलते भारत से दूर
श दकोश, अनुवाद, िवदशे ी सािह य अनुवाद, आसानी से िवदशे मे बसे ह। चपं क, चदं ामामा, इं जाल कॉिम स जैसी
उपल ध ह। हाल ही म मानव ससं ाधन मं ी ी काश िहदं ी बाल पि काओं का िव भर के भारतीय मूल के ब च
जावड़ेकर ने “िव पठन-पाठन िदवस” के अवसर पर महा मा ारा चाव से पढ़ा जाना िहदं ी क लोकि यता मे चार चादँ
गांधी अतं ररा ीय िव िव ालय क NDL अथात नेशनल लगा रहा है िजसका मूल ये आधुिनक सचं ार ािं त को ह।ै
िडिजटल लाई ेरी का लोकापण िकया। इस लाई रे ी को
िनःशु क रखा गया है तथा इसम अब तक 30 लाख से भी छ) यू-ट्यूब - य- य मा यम आज के युग मे सचं ार
यादा पाठक ने पजं ीकरण करवाया ह।ै सचं ार ांित म िहदं ी ािं त का सरताज
क लोकि यता का इससे बड़ा सबूत या हो सकता ह?ै भारत से लाख मील दूर िवदशे म बसे भारतीय को
ख) वासी भारतीय के िहदं ी सािह य के ई-सं करण इंटरनेट पर यू-ट्यूब के मा यम से भारत म िनिमत िहदं ी
आज सहजता से इटं रनेट पर उपल ध ह। िहदं ी ने इन मशहर धारावािहक, िहदं ी िफ म, िहदं ी िश ावधक लघु-
िफ म आिद घर बैठे िकसी भी समय पर अपने मोबाईल के
वासी भारतीय सािह य के ज़ रए लोकि यता का विै क लघु परदे पर भी उपल ध ह। मोबईल फोन अथात माट
फोन क यह दने िहदं ी के चार सार को बढ़ावा दे रही है।
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भारत के दि णी िह से म कोई कु छ भी कहे िक िहदं ी ऐसा हो जो वॉटस ऍप समूह बनाकर वातालाप न करता ह ।
से वे िवशेष प रिचत नह है, लेिकन िस िहदं ी धारावािहक िवशेष बात यह है िक भारत के 90 (न बे) से अिधक ितशत
कहानी घर घर क , सास भी कभी बह थी, भारत एक खोज, लोग को अं जे ी का आज भी पया ान नह ह।ै वे सपं क
तारक मेहता का उ टा च मा आिद घर-घर म बड़े चाव से हते ु िहदं ी भाषा का योग वॉटस ऍप वातालाप म करना सरल
दखे े गए एवं आधुिनक मा यम यू-ट्यूब पर तो सम त समझते ह।
इितहास उपल ध है एवं िकसी धारावािहक का कोई िवशषे
भाग कभी भी दखे ा जा सकना िहदं ी के िलए एक बड़ी ठ) िहदं ी क मह वपूण भूिमका
उपलि ध है जो उसे लोकि यता के िशखर पर ले जा रही ह।ै अतं ररा ीय कं पिनय जसै े याह, गूगल, एपल आिद ने
ज) टेिलिवजन एक सफल चार- सार मा यम भी िहदं ी के मह व को भाँप िलया ह।ै भारत म, बहरा ीय
टेिलिवजन के तमाम िहदं ी खबर के चैनल, तमाम कं पिनय के उ पाद क िब के िलए बाजार तैयार करने क
बल भावना के चलते िहदं ी को आधुिनक सचं ार मा यम म
िहदं ी प रचचाएँ या िहदं ी क मह वपूण भूिमका एवं उसके िव ापन , अनुवाद, सच-इंजन आिद के ज रए उ ह िहदं ी को
ग रमामय थान को इंिगत नह करते? िहदं ी के नामचीन मह व दने ा पड़ा ह।ै आज गूगल तथा अ य कं पिनय के पं ह
चैनल आजतक, ज़ी यूज िहदं ी आिद क लोकि यता को से यादा सच इजं न इंटरनेट पर मौजूद ह िजनके कारण
दखे ते हए, बीबीसी अथात ि िटश ॉडकाि टंग कॉप रशे न अनुवाद ि या सरल हो चुक है।
चैनल ने भी िहदं ी खबर का सारण शु कर िदया जो िहदं ी
को सपं क भाषा के प म दी गई मा यता का तीक है। थ) अखबार के ई-सं करण तथा उनके अनवु ाद
आज िव भर के भारतीय को िहदं ी अखबार भारत
झ) सचं ार ािं त क दने मोबाईल माट फोन
मोबाईल फोन के माट अवतार ने जो जनमानस म क िम ी क खुशबू दान कर रहे ह जो आधुिनक सचं ार
ांित के अभाव म शायद कभी भी इतनी ती ता से न हो
अन य साधारण प ा कर िलया है उसम िहदं ी क
भूिमका को अलग करने नह दखे ा जा सकता। मोबाईल म पाता।
भडं ा रत िहदं ी गाने; मोबाईल पर भेजे गए िहदं ी सदं शे , उपसहं ारः िहदं ी आज इंटरनेट तथा आधुिनक सचं ार
मोबाईल फोन पर िहदं ी मे वातालाप, मोबाईल फोन पर
मौजूद सच इजं न के मा यम से पता या थान ढूँढना और ांित के अ य मा यम से िव पटल पर अपने रगं िबखेर
इन सभी म लहराती िहदं ी आज अपना िवशेष अि त व रही है ओर इसक मह वपूण भूिमका आनेवाले भिव य म
बयान कर रही ह।ै और भी मजबूती से हम दखे ने को िमलेगी।
ट) वॉटस ऍप ीमती मे ा काबं ली
मोबाईल माट फोन पर आज शायद ही कोई यि कायालय अधी क
व र सहायक िव सलाहकार(िब )
लेखा िवभाग, म य रले व,े छ.िश.म.ट.
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भारत के मखु यौहार
तावनाः भारत एक िवशाल दशे है िजसम 28 रा य व 09 रा य क सरकार, सरकारी समारोह का आयोजन करती ह।
के शािसत दशे ह। येक रा य क अपनी राजभाषा है, मुख रा ीय पव 03 ह।ै
अपनी पोशाक/वेषभूषा है, अपनी खान पान क िविश शलै ी (क) गणतं िदवस - ितवष 26 जनवरी को आयोिजत
ह,ै लोकगीत है, अपनी समृ सं कृ ित है और अपनी िविश िकया जाता है। रा पित रायसीना िह स पर ि थत
पहचान ह।ै इतना िवशाल दशे होने के कारण भारत म पचास रा पित भवन से इंिडया गेट तक िवजय पथ से गुजरने वाले
से भी यादा यौहार मनाए जाते ह । कृ िष धान दशे होने िविभ न रा य मं ालय व िवभाग क झांिकय को दखे ते ह
के कारण बहत सारे यौहार, फसल तैयार होने पर मनाए इसके अलावा, इसम तीन सेवाओ,ं अधसिै नक बल और
जाते ह तो कु छ यौहार सूय के दि णायन से उ रायण क एन.सी.सी. क िविभ न टुकिड़य ारा सलामी माच पा ट का
तरफ बढ़ने पर अथवा सूय के मकर रािश म वशे करने पर आयोजन होता है। इस अवसर पर हम िकसी अ य दशे के
दशे के अलग-अलग ात म मनाए जाते ह। मकर सं ाि त - रा ा य अथवा धान को मु य अितिथ के प म
उ र दशे , म य दशे , िबहार, राज थान, छ ीसगड व आमिं त करते ह। इसी िदन 26 जनवरी, 1950 को दशे म
झारखंड म ित वष 14 जनवरी को मनाई जाती है जबिक सिं वधान लागू हआ।
उसी समय व ितिथ को पजं ाब, ह रयाणा, िहमाचल दशे म
लोहड़ी, आसाम व पूव र रा य म बीह का आयोजन होता (ख) वतं ता िदवस - वतं ता िदवस हम दशे क
ह और दि णी रा य तिमलनाडू म प गल का आयोजन होता आज़ादी के िदन के प म मनाते ह और अपने दशे क
है। िबहार म िखचड़ी के प म मनाते ह, मुि लम स दाय आज़ादी म शहीद हए लोग को याद करते ह। 15 अग त
के लोग अपना यौहार च मा के दशन होने के बाद मनाते ह 1947 को दशे आजाद हआ तभी से इस पव को मनाते ह।
जसै े दूज का चादं दखे ने के बाद ही ईद मनाई जाती ह।ै साथ इस िदन दशे के धानमं ी लाल िकले पर झडं ा फहराने के
ही साथ कु छ यौहार िह दी नव वष के ारभं म मनाए जाते बाद लाल िकले क ाचीर से दशे को सबं ोिधत करते ह।
ह िजसम महारा म मनाया जाने वाला गुढ़ीपाडवा, पजं ाब म रा य क राजधािनय म दशे के मु यमं ी तथा
मनाया जाने वाला बैसाखी, आ दशे व तेलगं ाना मे के शािसत दशे म, शासन झडं ा फहराते ह। सभी
मनाया जाने वाला उंगाडी, िबहार म मनाया जाने वाला सरकारी इमारत पर वजारोहरण का आयोजन होता है।
स ुआन मुख ह।ै कु छ यौहार रा ीय यौहार के प म िव ालय म िविभ न सां कृ ितक काय म व खेलकू द का
िनधा रत ितिथ को मनाए जाते ह। 26 जनवरी को गणतं आयोजन होता ह।ै
िदवस और 15 अग त को वतं ता िदवस ित वष, 02 (ग) गाधं ी जयतं ी - यह रा ीय पव 02 अ टूबर को
अ ू बर को गाधं ी जयतं ी और 14 अ ैल को अ बेडकर मनाया जाता ह।ै यह यौहार हम अपने रा िपता महा मा
जयतं ी (य िप क यह रा ीय यौहार नही है परतं ु के व गांधी के ज म िदन के अवसर पर मनाते ह । सभी सरकारी
रा य सरकार इं मटल िनगोिशएसन ए ट के तहत इमारत पर वजारोहण िकया जाता है।
अवकाश दान करती ह। यौहार को मु य प से हम दो
भाग म िवभािजत कर सकते ह। 2) े ीय यौहारः यह कहना िब कु ल गलत नही होगा
(1) रा ीय पव / यौहार िक भारत यौहार का दशे ह।ै शायद ही कोई ऐसा महीना
(2) सामािजक एवं धािमक यौहार होगा िजसम हम यौहार न मनाते ह । दशे के अलग-अलग
ांत म मनाए जाने वाले यौहार िन निलिखत ह।
रा ीय पवः रा ीय पव वे पव अथवा यौहार ह िजसे
पूरा रा एक िविश िदन को मनाता है और के तथा
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(i) लोहड़ी/बीह/प गल/िखचड़ी/मकर सं ा तः के िलए उसक कलाई म राखी बाधं ती है और भाई बहन को
िविभ न नामो से जाने जाना वाला यौहार मु य प से 14 उसक र ा का वचन दते ा है। महारा व अ य तटवत
जनवरी को हर वष मनाया जाता है। यह साल का पहला रा य मे यह यौहार ना रयली पूिणमा के प मे मनाई जाती
मुख यौहार है जो लगभग पूरे दशे म मनाया जाता ह।ै ह।ै इस िदन को मछुआर समु म मछली पकड़ने क
शु आत करने के िदन के प म मनाते ह।
(ii) बसतं पचं मी/सर वती पूजाः यह यौहार मुख प
से जनवरी के अिं तम स ाह या फरवरी माह मे मु य प से (viii) गणशे चतुथ : यह महारा का मुख यौहार है जो
उ र व पूव भारत म मनाया जाता ह।ै यह यौहार माघ भा पद महीने को शु ल प क चतुथ के िदन मनाया जाता
महीने क शु ल प क पचं मी को मनाई जाती ह।ै यह है।
यौहार िव ा क दवे ी मां सर वती का पूजन करके मनाया
जाता है। (ix) दशहराः यह उ र भारत िवशेषकर बगं ाल का मुख
यौहार है जो दस िदन तक चलता ह।ै इसम मां दुगा के
(iii) िशवरा ः यह यौहार लगभग पूरे दशे म आयोिजत िविभ न प क पूजा करते ह और दसव िदन को
िकया जाता है। यह यौहार फा गुन मास क कृ ण प क िवजयादशमी के प म मनाते ह। कु छ जगह पर रावण का
योदशी के िदन मनाया जाता है। अमूमन यह यौहार पुतला भी जलाते ह।ै
फरवरी अथवा माच के थम स ाह म मनाया जाता ह।ै
(x) दीपावलीः दीपावली का यौहार पूरे दशे म अ यतं
(iv) होलीः यह उ र भारत का मुख यौहार है। यह चै धूमधाम के साथ मनाया जाता है। दीप का यह यौहार मु य
माह के पहले िदन खेली जाती ह।ै इससे पहले िदन अथात
फा गुन माह क पूिणमा के िदन होिलका जलाने के बाद प से उ र व म य भारत मे मनाया जाता है। यह यौहार
अगले िदन मनाते ह। यह रगं का यौहार है िजसम अबीर, धनतेरस से शु होकर भैया-दूज तक पाँच िदन मनाया जाता
गुलाल रगं का योग हम एक दूसरे पर डालकर मनाते ह। ह।ै
(v) वैशाखी/सतुआन/उगाडीः यह यौहार िह दू नव वष (xi) छठः यह िबहार का मुख पव है जो काितक माह क
के प म दशे के अलग-अलग भाग म मनाई जाती ह।ै ष ी से ारभं होकर स मी को ातः समा होता है। इसमे
वशै ाखी पजं ावी, ह रयाणा म जबिक उगाडी, तेलंगाना व मिहलाएं ष ी के िदन डू बते सूय को अ य दते ी ह तथा स मी
आं ा दशे के े ो म तथा सतुआन िबहार व पूव उ र को ातः उगते सूय को अ य दते ी है।
दशे म मनाते ह। यह यौहार अ ैल माह म मनाते ह।ै यह
यौहार नई फसल के आगमन से भी सबं िं धत है। महारा (xii) ि समसः यह इसाईय ारा मनाया जाने वाला मुख
मे मनाया जाने वाला गुडीपाडवा भी नववष के प म यौहार है जो यके वष 25 िदसबं र को मनाते ह।
आयोिजत िकया जाता है।
उपसहं ार - िन कष प म कहा जा सकता है िक ये िविभ न
(vi) बु पूिणमाः यह यौहार बु को मानने वाले अनुयायी यौहार हम सभी को सामािजक एकता के सू म िपरोकर
मनाते ह जो वैशाख माह क पूिणमा को मनाया जाता है। यह रखते ह। इन यौहार से समाज के सभी तबक म आपसी
यौहार मई महीने म आता है। भाईचारा, मे , सौहाद एवं मेलजोल बना रहता है। ये यौहार
हम नई फू ित, ऊजा एवं उ लास से भर दते े ह और साथ
(vii) र ाबधं नः यह भाई-बहन का यौहार है जो मु य प ही हम एक दूसरे के साथ मे पूवक िमलजुल कर रहने का
से उ र भारत म मनाया जाता है। इसम बहन भाई क र ा सदं शे भी दते े ह।
िवनोद कु मार पुरी
सहायक बधं क, एडिमरल अधी क
लायनगेट, नौसने ा
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फाइल पर यु क जाने वाली कितपय दैिनक
िहदं ी-अं जे ी िट पिणयाँ
21
22
बहन
(एक भाई क अपनी बहन के ित नहे क अिभ यि )
कं कु , अ त , माल , ना रयल और हम भाइय क दुिनया म
असं य दुआओं के साथ वे आती ह बेहद सधे हए
अपनी सलामती और
आती ह वे जैसे आती है धरती पर सबकु छ ठीक होने क
गम के बाद बरसात क बूंद । उनक घोषणाएँ कई बार
सिं द ध लगती है पर
उनका आना घर क दीवार से लेकर फू ल क तरह उसक मु कु राहट
हर कोने तक महसूस होता है , हम िफर कर दते ी बेपरवाह।
कभी ये भी लगता है
िक वे गई ही नह इस घर से पाँचे ,चपेटे के खेल म
या िफर िजतनी गई ह खेल समा ी के पहले
उससे यादा यह अपनी सभी जीती हई बािज़याँ
रह गई ह इस घर म उतार दते ी थी बहन िक
न रहे भाइय पर कोई भार
उनके आने से झरने लगता है इस टोटके म िछपी होती थी
मृितय का झरना इस घर क दीवार से उसक मंगल कामनाएँ
और भीग जाता है माँ के हाथ
िलया हआ आगँ न
दरवाजा िपता क आखँ क उ के इस पड़ाव पर सोचता हँ बहन
तरह खुलता है और नेह भर ितनका अपने बचपन से ही
हवा के साथ वशे करता है उन भाइय के िलए रखती रह
आखँ मे िकतनी िचतं ाएँ और हम
भाई इससे बेखबर रहे
िफर दरवाजे पर ही तब भी और अब भी ।
छू पड़ती है एक बूंद
उस ितनके क नोक पर सु िच स सने ा
के ीय िव य एकांश
आकाशवाणी ,मुंबई
1234
र त का मोल
एक बार म अपने अकं ल के साथ एक बक म गयी थी कहा िक म आपक िकसी भी मदद के िलए तैयार हँ ।
, य िक उ ह कु छ पसै ा कह ा सफर वो यि जो हर महीने मेरे घर आकर मेरे सारे यूिटिलटी
करना था । ये बक एक छोटे से क बे के छोटे से इलाके म िबल ले जाकर खुद भर आता था,
था । वहाँ एक घटं े िबताने के बाद जब हम वहाँ से िनकले तो िजसके बदले म उसे थोड़े बहत पैसे दते ा था उस आदमी के
उ ह पूछने से म अपने आप को रोक नह पायी । अकं ल िलए कमाई का यही एक ज रया है और उसे खुद को
य न हम घर पर इटं रनेट बिकं ग शु कर ल ? रटायरमट के बाद य त रखने का तरीका भी ।
अकं ल ने कहा ऐसा य क ? कु छ िदन पहले मॉिनग वॉक करते व त अचानक मेरी प नी
तो मने कहा िक अब छोटे –छोटे ा सफर के िलए बक जाने िगर पड़ी , मेरे िकरानेवाले दुकानदार क नज़र उस पर गई ,
क और एक घटं ा टाइम खराब करने क ज रत नह , और उसने तुरतं अपनी कार से उसे घर पहचं ाया य िक वो
आप जब चाहे तब घर बैठे अपनी ऑनलाइन शॉिपगं भी कर जानता था िक वो कहाँ रहती है ।
सकते ह । हर रोज बहत आसान हो जाएगी । म बहत अगर सारी चीज़ ऑनलाइन ही हो गई ं तो मानवता ,
उ सुक थी उ ह नेट बिकं ग िक दुिनया के बारे म िव तार से अपनापन , र ते – नाते सब ख म नह हो जाएगं े ?
बताने के िलए । म हर व तु अपने घर पर ही य मगं ाऊँ ? म अपने- आपको
इस पर उ होने पूछा ...अगर म ऐसा करता हँ तो या मुझे िसफ अपने क यूटर से ही बात करने म य झ कू ?
घर से बाहर िनकलने क ज रत ही नह पड़ेगी ? मुझे बक म उन लोग को जानना चाहता हँ िजनके साथ मेरा लेन –
जाने क ज रत नह ? दने का यवहार है ,जो िक मेरी िनगाह म िसफ दुकानदार
मने उ सुकतावश कहा, हाँ , आपको कह जाने क ज रत नह ह । इससे हमारे बीच एक र ता , एक बधं न कायम होता
नह पड़ेगी और आपको िकराने का सामान भी घर बैठे ही है । या एप क दुिनया के लोग र ते – नाते , अपनापन,
िडिलवरी हो जाएगा और आजकल ऐसे बहत से एप आए ह यार भी दे पाएगं े ?
बाज़ार म जो सबकु छ घर पर ही िडिलवरी करते ह । अगर िफर उ होने बहत ही पते क बात कही जो मुझे बहत ही
आपको कोई चीज़ पसदं नह आयी या िफर बदलना हो तो िवचारणीय लगी । उ होने कहा िक ये घर बैठे सामान
भी आप घर बैठे कर सकते ह । उ होने इस बात पर जो मँगवाने क सुिवधा दने ेवाला यापार उन दशे म फलता –
जवाब मुझे िदया उसने मेरी बोलती बदं कर दी । फू लता है जहां आबादी कम ह,ै और लेबर काफ महगं ी है ।
उ होने कहा आज सुबह जब से म इस बक म आया , म ये िवदशे म चलनेवाली था हमारे यहाँ यादा िदन तक नह
अपने चार िम से िमला और मने उन कमचा रय से बात चलेगी य िक हम भारतवासी र ते – नाते, यार और
भी िक जो मुझे जानते ह । अपनेपन क दुिनया म रहना ही पसदं करते ह । यही
मेरे ब चे दूसरे शहर म नौकरी करते ह और कभी – कभार हमारे सं कार ह । मुझे उनक बात तकसगं त लगी, र त
ही मुझसे िमलने आते जाते ह , पर आज ये वो लोग ह का मोल समझ म आ गया और मने भी ठान िलया िक म
िजनका साथ मुझे चािहए । म अपने आप को तैयार कर के भी र त को यादा मह व दूगँ ी और ज रत पड़ने पर ही
बक म आना पसदं करता हँ , यहाँ जो अपनापन मुझे इंटरनेट बिकं ग का इ तेमाल क ं गी ।
िमलता है उसके िलए ही म व त िनकलता हँ ।
दो साल पहले क बात है म बहत बीमार हो गया था । िजस सु िच स सने ा
दुकान से मोबाइल रीचाज करवाता हँ , वो मुझे दखे ने आया के ीय िव य एकाशं
था और मेरे पास बैठ कर मुझे सहानुभूित जताई और मुझसे
आकाशवाणी ,मुबं ई
24
तेरी याद
ये जाम जो उठाया था,
हमने भूलने तेरी याद क मकशी के िलए ।
उसे हम यूँ ही पीते चले गए, ख़ुदकु शी के िलए ।
तेरी ज़ु फ का अधं ेरा भूलने के िलए जािलम ,
हम चले िज़दं गी के अधँ रे क ओर..।
अब यही अधं रे े हम यारे लग रहे ह ।
हमारी डू ब रही िजदं गीनुमा क ती के सहारे लग रहे है ।
अब भी दुआ है , उस खुदा से हमारी ,
िसफ एक तुम िमल जाओ ,
तो िफर बस एक तुम ही काफ ह ,
पूरी िज़दं गी िबताने के िलए ।
मेरी अधं ेरी िज़दं गी म उजाले दने े के िलए ,
बस तुम ही काफ ह मेरी पूरी िज़दं गी िबताने के िलए ।
मकु िसत मजु ावर
के ीय िव य एकांश
आकाशवाणी ,मुबं ई
25
िभ कु तोड़ती प थर
वह आता-- वह तोड़ती प थर;
दो टूक कलेजे के करता पछताता दखे ा मने उसे इलाहाबाद के पथ पर-
पथ पर आता। वह तोड़ती प थर।
पेट पीठ दोन िमलकर ह एक, कोई न छायादार
चल रहा लकु िटया टेक, पड़े वह िजसके तले बैठी हई वीकार;
मु ी भर दाने को-- भूख िमटाने को याम तन, भर बधं ा यौवन,
मुँह फटी पुरानी झोली का फै लाता-- नत नयन, ि य-कम-रत मन,
दो टूक कलेजे के करता पछताता पथ पर आता।
गु हथौड़ा हाथ,
साथ दो ब चे भी ह सदा हाथ फै लाय,े करती बार-बार हार:-
बाय से वे मलते हए पटे को चलते, सामने त -मािलका अ ािलका, ाकार।
और दािहना दया ि -पाने क ओर बढ़ाय।े
चढ़ रही थी धूप;
भूख से सूख ओठ जब जाते गिमय के िदन,
दाता-भा य िवधाता से या पाते?-- िदवा का तमतमाता प;
घूटँ आसँ ुओं के पीकर रह जाते। उठी झुलसाती हई लू
चाट रहे जूठी प ल वे सभी सड़क पर खड़े हए, ई य जलती हई भू,
और झपट लेने को उनसे कु े भी ह अड़े हए! गद िचनग छा गई,
ायः हई दुपहर :-
- सूयकातं ि पाठी िनराला वह तोड़ती प थर।
दखे ते दखे ा मुझे तो एक बार
उस भवन क ओर दखे ा, िछ नतार;
दखे कर कोई नह ,
दखे ा मुझे उस ि से
जो मार खा रोई नह ,
सजा सहज िसतार,
सुनी मने वह नह जो थी सुनी झकं ार।
एक ण के बाद वह कापँ ी सुघर,
ढुलक माथे से िगरे सीकर,
लीन होते कम म िफर य कहा-
"म तोड़ती प थर।"
- सूयकातं ि पाठी िनराला
26
नराकास ारा आयोिजत ितयोिगताओं के य
27
अपर महािनदेशक (अिभ.), प. े., आकाशवाणी एवं दूरदशन,
ित ठा भवन, मबुं ई क राजभाषा सबं धं ी गितिविधयां
मु य पो टमा टर जनरल कायालय, मबुं ई क
राजभाषा सबं धं ी गितिविधयां
28
के ीय कपास ौ ोिगक अनसु धं ान सं थान,
मबंु ई क राजभाषा सबं धं ी गितिविधयां
र ा लेखा धान िनयं क, कु लाबा,
मबुं ई क राजभाषा सबं धं ी गितिविधयां
29
मडं ल रले बधं क कायालय, म य रले ,
मबंु ई क राजभाषा सबं धं ी गितिविधयां
के ीय व तु सवे ाकर तथा के ीय उ पाद शु क (जी एस टी ),
मबुं ई क राजभाषा सबं धं ी गितिविधयां
30
सार भारती, आकाशवाणी, मबुं ई क राजभाषा सबं ंधी गितिविधयां
े ीय यूनानी िचिक सा अनसु धं ान सं थान,
मबुं ई क राजभाषा सबं धं ी गितिविधयां
31
धान िनदशे क, वािणि यक लखे ा परी ा, बां ा कु ला कॉ ले स ,
मबुं ई क राजभाषा सबं धं ी गितिविधयां
32
पि म रले व,े धान कायालय, चचगटे क राजभाषा सबं धं ी गितिविधयां
33
योग और वा य
बामन िशवराम आ टे के सं कृ त िहदं ी श दकोश म योग श द ही इन लेश से बचकर ई र म िमला जा सकता है अथवा
के 32 तथा रामच वमा ारा सपं ािदत मानक िहदं ी कोश म मो ा िकया जा सकता ह।ै ई र क ाि के िलए ससं ार
40 अथ िदए गए ह। सं कृ त िहदं ी श द कोश म योग के साथ से िवर होकर ाणायम पूवक ई र का यान करना चािहए
अ य श द को जोड़कर करीब 28 तथा मानक िहदं ी कोश म और समािध लगानी चािहए। योग के आठ अगं बताए गए ह
लगभग 89 श द उि लिखत ह। कह -कह पर एक श द के यम, िनयम, आसन, ाणायम, याहार, धारणा, यान और
पाँच अथ िदए गए ह। इससे अनुमान िकया जा सकता है िक समािध। इनके यथािविध ि या वयन से तन और मन व थ
योग श द िकतना यापक ह।ै योग का धान अथ है दो रहता है िजससे अक पनीय उपलि धयां हािसल क जा
अथवा अिधक पदाथ का एक म िमलना अथवा िमलाना। सकती ह।
इस िमलन या सयं ोग के अनेक आयाम होते ह, थम आ मा योग म मामूली ताकत नह ह,ै यह अ िसि य का दाता
का परमा मा से सयं ोग, ि तीय वा थ तन और फु ि लत ह। इनके नाम 1. अिणमा-इसे िस कर लेने पर योगी
मन का सयं ोग। इसके अलावा योग के बहत आयाम ह जो अितसू म प धारण कर सकते ह िजससे उ ह लोग दखे न
जीवन के िविभ न े से जुड़े ह। योग वह िवधा-िव ा है जो सक 2. मिहमा- इसके िस होने पर योगी इ छानुसार अपना
यि को परमा मा से िमला दते ी ह,ै तन मन को व थ कर िव तार कर लेता ह।ै 3. ग रमा-इसके िस होने पर योगी
उसक सु शि य को जागतृ कर दते ी ह,ै िजससे मानव इ छानुसार अपने शरीर का भार िजतना चाहे बढ़ा सकता है।
के िलए कु छ अ ा य नह रह जाता। योग का साधक योगी 4. लिघमा-इसक ाि होने पर योगी लघुतम प धारण कर
कहलाता ह।ै िकसी को जब हम योगी कहते या मानते ह, जब सकता ह।ै 5. ाि -इसक उपलि ध से योगी क अभी
मन म यह भावना उठती है िक इस यि ने कड़ी कामनाएं पूण हो जाती ह। 6. ाका य-इसके िस होते ही
आ याि मक साधना क है और लोकक याण ही उसके योगी क सब कार क कामनाएं बहत सहज म और तुरतं
जीवन का एकमा ल य ह।ै योग-साधना से योगी अि न पूरी क जा सकती ह।ै 7. ईिश व-इसके साधक सब पर
उ प न कर अपने शरीर का अिं तम सं कार कर सकता है, शासन करने के यो य हो जाता है। 8. विश व-इसके िस हो
इसे योग अि न कहते ह। रामच रतमानस म सती ारा योग- जाने पर साधक सबको अपने वश म कर सकता ह।ै
अि न के मा यम से शरीर छोड़ने का उ लेख आया है। योगमाया ई र क वह माया है िजसके नाम, प और गुण से
कािलदास ने रघुवशं म िलखा है िक रघुवशं ी राजा योग के यु यह सारी सिृ बनी है और िजसके भीतर ई र या हम
ारा ( हम का यान करते हए) शरीर छोड़ते थे। का त व समािहत है। पुराण के अनुसार यशोदा के गभ से
उ प न वह क या योगमाया थी िजसे ले जाकर दवे क के
ीम ागवत गीता म किथत 'योग- ेम' श द चिलत है पास रख आए थे और िजसके बदले म ीकृ ण को उठा जाए
िजसका ता पय है अ ा व तु को ा करना तथा ा क थे। कं स ने इसी को दवे क क सतं ान समझकर जमीन पर
र ा करना। योग- ेम, कु शल-मगं ल के अथ म यु होता ही पटक कर मार डालना चाहा था और यही अ भुजा दवे ी का
ह।ै योगदशन भारतीय िव ा पर परा क अ यतं मह वपूण
उपलि ध ह।ै महिष पतजं िल का िवभूित और कै व य नामक प धारण करके कं स को चेतावनी दते ी हई ऊपर उठकर
चार भाग म िवभ ह।ै इसम योग अथात् ई र ाि के आकाश म िवलीन हो गयी थ । योगी उसे कहते ह जो दुःख,
उ े य, ल ण तथा साधन के कार बतलाए गए ह तथा योग सुख आिद को समान भाव से हण करे जो आ म ानी हो
के िभ न-िभ न अगं का िववेचन िव ेषण िकया गया ह।ै तथा योग क साधना करता ह।ै योगी-महादवे िशव को कहा
महिष पतंजिल का मत है िक अिव ा, अि मता, राग ेष जाता ह।ै भारत म योिगय क लबं ी परपं रा है िजसम नाथ
और अिभिनवशे ये पाचं कार के लेश, मनु य को जीवन सं दाय क िवशेष मह ा ह।ै इस स दाय म गोर नाथ,
मरण के च म फं साए रखते ह और योग क साधना करके वाले नाथ, का रणनाथ, गिहनीनाथ, चपटनाथ, रवे णनाथ,
34
नागनाथ, भतृनाथ और गोपीच नाथ-नवनाथ के प म िचिक सा प ित के प म वीकार करते ह। इसी कारण
िस है। गोर नाथ को गोरखनाथ कहा जाता है। गोरखपुर 'िव योग िदवस' अब मनाया जा रहा ह।ै व थ तन और े
का नामकरण भी इ ह के नाम पर हआ ह।ै गोरखनाथ मिं दर िचतं न योग से यि को िमलते ह। जो िकसी कार क
गोरखपथं का सां दाियक पीठ होने के कारण यह मठ और उपलि ध के िलए ाथिमक सोपान ह। ेता तर उपिनषद
इसके मह त भारत म अ यतं िस ह। यहाँ के महतं िस का मानना है िक योग से शरीर ह का हो जाता ह।ै आज
पु ष होते आए ह। इस समय यहां के महतं योिगराज िचिक सक दहे के वजन को िनयिं त करने क सलाह दते े ह।
आिद यनाथ ह।ै भारत क योग िव ा को िव ने पहचाना अिधक वजन हो जाने से आल य और अनेक रोग दहे म घर
और सयं ु रा सघं ने 21 जून को िव योग िदवस घोिषत बना लेते ह। योग आरो य का आधार तंभ है। आरो य-
कर िदया। नीरोगता ही मानव दहे का थम सकारा मक ल ण है
िजससे मानव जीवन क या ा सुगम और सफल होती है।
मानव के दुख का एक कारण उसके िच का चचं ल योग से िवषय से मन हटता है। आज का मानव असीिमत
होना है। जब तक िच ि थर नह होगा िकसी काम म मन लालच क मृगतृ णा म फं सकर या से या अनथ नह कर
लगेगा ही नह और बेमन से िकया गया काम असफल ही बैठता है? वह कबीर के इस अथशाॉााúय दोहे को मरण नह
होता ह।ै यही कारण है िक महोपिनषद् मन के शमन (शातं रखता िक
रखना) के उपाय को योग कहता है। िकसी का जीवन कभी
सदवै एक रस नह रहता। उसम उतार चढ़ाव आते ह। यिद दाता इनता दीिजए जाम कु टु ब समाय।
सुख क अिधकता म कोई खूब शराब पी ले और दुःख क म भी भूखा ना रह,ँ साधु न भूखा जाय।।
गहन िवभीिषका म जहर पी ले तो या प रणाम होगा? सभी योग या कबीर के अथशाॉा को तभी अपनाया जा
जानते ह। सुख और दुःख दोन म जो सम व का भाव रखता सकता है जब िवषयासि क अ य पता रहे। महा मा गांधी
है वही सतं ु होता है। ीम गवदगीता “सम व” को योग ने कहा था िक कृ ित येक यि क आव यकता क पूित
मानती ह।ै कम ही जीवन है। गितशीलता ही जीवन है और कर सकती है पर उसके लोभ क नह । योग से शारी रक
जो कम करता है उसे ही फल िमलता ह।ै कोई िशि त सौ व तो िनखरता ही है, आतं रक स नता बढ़ती है। योग
िकसी काय को िजतनी कु शलता से शी कर लेता है उस से शारी रक वण क उ जवलता बढ़ जाती है। दूसरे श द म
िवषय का अ िशि त उसी काय को पूरा करने म बहत समय चम रोग से मुि िमलती ह।ै अनेक लोग के वर ककश एवं
लगाता है और ठीक से कर भी नह पाता। अपने काय म कणकटु होते ह। योग के मा यम से ककश वर को कोमल
कु शला (िनपुणता- वीणता) को गीता योग कहते ह। महिष बनाया जा सकता है। योग से शरीर क दुगध दूर होती है
पतजं िल िच विृ के िनराध को योग कहते है। िच क और दहे से सुगधं आने लगती है। योग से खायेपदाथ क
अनेक विृ याँ-िदखाएँ होती है उसे सब ओर अनथक अतं हीन अिधकाशं मा ा उपयोगी बनकर अवयव म समािहत हो जाती
दौड़ लगाने से रोककर िविश सकारा मक िदशा क ओर ले है, मल-मू क अ पता हो जाती ह।ै जब योग नह होगा तो
जाने से काय क सफलता म शी ता होती है। मानव जीवन पाचन ि या भी सही नह रहगे ी फलतः को ब ता होगी,
के कितपय अिनवाय िस ातं है। जो इ ह मानता है और मल-मू क अिधकता बनी रहेगी। हण िकया गया भोजन
च रताथ करता है व तुतः वही “मानव” कहे जाने का ठीक से शरीर को पोषण त व न दे पाएगा। ये सब योग क
अिधकारी होता है जसै े सहयोग, लोक क याण आिद। थम िसि के ल ण ह अथात् योग पहले शरीर को दु त
िवनोबा भावे ने कहा है िक जीवन के िस ातं को यवहार म करता है बाद म अ य त व को भी। योग चूड़ामिण उपिनषद्
लाने क जो कला या युि ह,ै उसी को 'योग' कहते ह। ने योग क उपयोिगता को बड़े ही रोचक ढंग से समझाया है।
यह स य है िक भारत को ाचीनकाल म िव गु पद क उसका कथन है िक आसन से रोग का नाश होता है और
ित ा के पीछे 'योग-िव ा' का िवशषे मह व था। आज का ाणायाम से पाप का। योगी के मन के िवकार याहार से
िव िजसम िनरी रवादी भी है, योग को उ म सकारा मक दूर हो जाते ह। धारणा से मन म धैय आता है तथा अ ुत
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चैत य क ाि होती है। समािध म शुभाशुभ काय को याग का भी एक िनयम-समय होना चािहए। िचिक सक रोगी को
कर साधक मो को ा करता ह।ै आजकल एलोपथै के सलाह दते े ह िक भरपूर न द लीिजए और सुबह शाम
िचिक सक भी 'नेचुरोपैथ' - ाकृ ितक िचिक सा दूसरे श द टहिलए। िजसने मुहत का दशन ही नह िकया और
म योगिव ा को भी अपनाने क सलाह दे रहे ह। उनका 'नसीमे सहर ( ातःकालीन वायु) का सवे न ही नह िकया उसे
मानना है िक यिद ाकृ ितक िचिक सा-योग िव ा को व प कै से कहा जाएगा। कहा गया है िक “शाम सुबह क
सहयोगी उपचार के प म अपनाया जाए तो रोग शी दूर हो हवा-लाख पए क दवा” यह कहावत जब पहली बार कही
जाएगा। योग-िचिक सा से कोई 'साइड इफे ट' भी नह गई होगी तब एक लाख पए का या मू य रहा होगा आज
होता। अब तो अनेक योग सं थान खुल रहे ह। रोिगय क क तुलना म कौन कह सकता है? कं दपुराण क मा यता है
िक योग से सामने आया हआ यि योगी के ित अनुर हो
िच उधर बढ़ रही है। आसन से शरीर के जोड़ चु त जाता ह।ै व तुतः योगी के मुखमडं ल पर िवल ण चमकती
दु त रहते ह।ै रीढ़ से सबं िं धत रोिगय को भुजगं ासन, ह,ै स मोहन आकिषत करने लगता है। लोग योगी क परो
धनुरासन, मकटासन तथा शलभासन आिद क सलाह दी म शसं ा करने जगते ह। योग-साधना से यि व म जो
जाती है। ाणायाम से मन शातं तथा ि थर रहता है जो उदारता और आकषण उ प न होता है वह वाभािवक प
िकसी भी कायिसि के िलए अ यतं आव यक ह।ै धारणा म से साि न य म आने वाले यि को भािवत करता ह।ै
मन को अनेक िवषय से हटाकर िकसी एक िनिद ल य पर सामा यतः लोग ककश और दयहीन यि से िमलते समय
ि थर िकया जाता ह।ै धारणा से मन क ढ़ता और िकसी असहज महसूस करते है पर योगी मृदुभाषी और स यव ा
िवषय को धारण करने क शि बढ़ती है। समािध, ई र म होता है, वातालाप करते समय उसके चेहरे पर स नता
यान म न हो जाना ह।ै भौितक जगत म अपने काय के ित सहानुभूित तथा सदाशयता झलकती रहती ह।ै अतएवं 'योगी'
मनसा-वाचा-कमणा एका हो जाना है। समािध योग साधना से िकसी काम क िसि न भी हो तो लोग उसे बुरा नह
का चरम फल है और भौितक जगत म अपने ल य क ाि । मानते बि क कािलदास के इस कथन को मरण करने लगते
योग बधं न कला ह।ै अब अनेक कं पिनय म कमचा रय को ह िक भले आदमी (योगी) से मागँ कर िनराश होना ठीक है
इसिलए योग क िश ा दी जा रही है तािक वे अपना काय पर अधम से यिद इ छा क पूित भी हो जाए तो ठीक नह
कु शलतापूवक कर सक। योग अमू य िचिक सा प ित है कािलदास का उ कथन चाहे कोई पढ़े हो या न उसके
िजसक आव यकता सबको है। यह व थ को और भी भाव का आ मीकरण तो कर ही लेता है।
अिधक व थ करता है और अ व थ को तो व थ करता अब योग का कु छ सयं ोग ऐसा बना िक िव उसके िनकट
ही है। योग से जीवन शलै ी म सतं ुलन आता है। गीता का आने को आतुर है। भारत ाचीन काल से ही 'वसुधवै
कथन है िक अनुशासनहीन जीवन प ित वाले यि के िलए कु टु बकम्' का उ ोषक रहा ह।ै एक बार िफर भारत को,
योग कु छ नह कर सकता। एक कहावत है िजसके वयं बुि िव को अपने पूवज क िव ा 'योग' के मा यम से व थ
नह है उसका भला शाॉा या कर पाएगा? कु छ तो बुि हो, रखने का मौका िमला ह,ै उसे गवाएं नह युत सब नाग रक
सीखने क ललक हो तो शाॉा उसके िलए उपकारी बन अपना-अपना यथायो य सहयोग दान कर और याद कर
सकता है। ठीक यही बात 'योग' के िवषय म भी है। योग अपने पूवज के उस कथन को “सभी सुखी ह , सभी व थ
उसी का दुख दूर करता है जो भूख से कम भोजन करता ह।ै ह , सबका क याण हो। कोई भी दुखी न रहे”
शु वायु म िवहार करता है। काय को कथायो य, यथासमय
करता है। कहावत है िक िब छू का मं ही न जाने और सापं डॉ.सशु ील कु मार पा डेय
के िबल म हाथ डाले। यि म िजतनी मता-यो यता तथा
ितभा हो उतना और वसै ा ही काय करे तभी सफलता िमल
सकती है। यथा समय सोने और जागने वाले का ही दुःख
योग दूर करता है। सोने क एक िनि त अविध और जागने
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‘भारतीय सिं वधान के प र े य म नाग रकता
सशं ोधन कानून क उपयोिगता'
नाग रकता या है:- नाग रक अथात नगर का वासी या नगर पड़ोसी दशे वयं का रा ीय धम मुि लम धम घोिषत कर
म रहने वाला वो यि िजस पर वहां के िनयम और कानून चुके ह । यह तीन दशे ाचीन काल म भारतीय उप-महा ीप
लागू ह । नगर क हर कार क सपं दा म बराबरी का का िह सा थे । इसिलए यहॉं पर रहने वाले अ प–सं यक
मािलक । उस यि को अन य अिधकार से शि शाली के अिधकार को सरं ि त करना भारत के लोग के अिधकार
बनाया गया हो, साथ ही कई दािय व को िनभाने क के सरं ण करने जसै ा है ।
िज मेदारी भी दी गई हो ।
जुड़े हए अ य सशं ोधन :- नाग रकता कानून म सशं ोधन के
भारतीय सिं वधान म अनु छेद 6 से 11 तक उपरो िवषय साथ सरकार ने िवदशे ी कानून, 1946 एवं पासपोट कानून,
का उ लेख िमलता है । 1955 के नाग रकता कानून ने इस 1920 म भी सशं ोधन िकया है । यह कानून भारत म अवधै
िवषय पर काफ सू मता से काश डाला है । इसके बाद
उपरो कानून म समय-समय पर िविभ न सरकार ारा प से रह रहे यि य क पहचान करने के मापदडं को
सशं ोधन िकया गया । सुिनि त करते है ।
नाग रकता सशं ोधन कानून, 2019 :- यह कानून 12 िदसबं र, सिं वधान के प र े य म िवशषे उपयोिगता :-
2019 को महामिहम रा पित ी रामनाथ कोिवदं के
ह ता र के उपरातं लागू हआ । िकसी भी कानून म सशं ोधन अनु छेद 14 (समानता का अिधकार) एवं अनु छेद 15
करने के िलए सिं वधान के अनु छेद- 368, म पूरी ि या दी (भदे -भाव के िखलाफ अिधकार)
गई है । अथात् िकसी भी ताव को कानून बनाने के िलए
दोन सदन क िवशषे अनुमित एवं रा पित क मजं ूरी यह उपरो दशे के िनवािसय को भारत म समानता का
अिनवाय है । अिधकार दान करता है । कु छ लोग का मानना है िक इस
सशं ोधन ने मुि लम समुदाय के साथ नाइंसाफ क है एवं यह
या है बदलाव :- इस सशं ोधन के अनुसार वे यि जो कानून सिं वधान का उ लंघन करता है । उसी प र े य म
िहदं ी, बौ ्, पारसी, जैन, ईसाई धम से ता लुक रखते ह एवं कु छ िवशेष का मानना है िक यह कानून भारत क एकता
भारत दशे म छ: साल से िनवासरत ह, उ ह भारत क एवं अखडं ता के िलए अितआव यक है । उनका यह भी
नाग रकता दान क जा सकती है । पहले यह समय-सीमा कहना है िक तथा-किथत सशं ोधन भारतीय मुसलमान को
11 वष थी परतं ु वतमान सरकार ने इसे घटाकर 6 वष कर नाग रकता से विं चत नह करता ।
िदया है । यह कानून उ ह के िलए लाभदायक है जो
बां लादशे , पािक तान एवं अफगािन तान से ता लुक रखते पूव र रा य क सम या :- भारत म शािमल होते व
ह। पूव र रा य ने कई शत रखी थी िजनम से एक शत थी
िक हमारा िवलय तभी सपं न होगा जब भारत दशे हम हमारे
कु ल िमलाकर सरकार ने उपरो पड़ोसी दशे म रीित- रवाज , सं कृ ित, भाषा आिद का सरं ण करने क
अ पसं यक समुदाय को वहां हो रहे अ याचार से बचाकर सौगात द।े इसके िलए सिं वधान अहक ावधान िकए गए ।
भारत क नाग रकता दान करने के िलए इस सशं ोधन को परतं ु कु छ िवशेष का कहना है िक यह सशं ोधन सं या म
अजं ाम िदया । बां लादशे से गैर-मुि लम को आकिषत करगे ा और उसके
कारण पूव र रा य क सपं दा एवं सं कृ ित पर भारी दबाव
आव यकता य :- भारत एक धम िनरपे दशे है । उपरो एवं दु भाव पड़ेगा ।
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भारतीय सिं वधान म विणत कु छ मह वपूण त य :- असम म चल रही एन.आर.सी. ि या म कई भारतीय
नाग रक भी रिज टर म सूचीब नह हो पाए, िजसम
1) एकता 2)अखडं ता 3) सं भुता-सपं न मुि लम सं दाय के भी काफ लोग ह । इस कारण से यह
म फै ल गया है िक नाग रकता सशं ोधन कानून उ ह
अ पसं यक को आसरा दने े हते ु भारतीय शा के एक नाग रकता से विं चत करता है ।
पुराने चिचत सू वा य को प रभािषत करता ह,ै और वह
वा य है ''वसुदवै कु टु कम्'' । यह उपयु कथन गलत ह,ै य िक भारतीय नाग रक क
नाग रकता पर यह सशं ोधन कोई नह उठाता ।
िवदशे के िकसी एक समुदाय को नाग रकता से विं चत करना,
जो िक ऐसे दशे से ता लुक रखता है जहॉं से भारी सं या म ''गर ज म िमले दुबारा तो, मेरा दशे हो िहदं ु तान ।
पलायन क सभं ावना ह,ै य िक भारत तथा-किथत तीन
दशे से लगभग हर े म आगे है, भारत क एकता-अखंडता म बनूं इसी का नाग रक और भारत मॉं क सतं ान ।।
के िलए खतरा बन सकता है । ऐसे हालात म भारतीय
ाकृ ितक सपं दा पर भारी दु भाव पड़ सकता ह,ै भारत क अत: यह सभी यि य को समझना चािहए िक सशं ोधन पूरी
अपनी सं कृ ित ीण हो सकती ह,ै जनसं या म विृ हो तरह सवैधािनक है । वह भारतीय नाग रक के अिधकार को
सकती ह,ै रोजगार के अवसर कम हो सकते य िक और ढ़ बनाता है, मजबूती दान करता है ।
जनसं या बढ़ सकती है । ऐसे म िहसं ा, आगजनी जसै ी
दु:खद घटनाऍ ंभी हो सकती है । सिं वधान ने सु ीम कोट के मा यम से याय का अिं तम
दरवाजा खुला रखा ह,ै कोई भी िवसगं ित-दु प रणाम से
अब ऐसा पलायन अगर न रोका जाए तो, भारत का सिं वधान िनपटने के िलए उ चतम यायालय ह,ै अत: कोई भी कानून
जो िक भारत के नाग रक के मूलभूत-अिधकार का सरं ण को कोई भी हाथ म न ले ।
करता है, उस सिं वधान का घोर उ लंघन ही होगा ।
‘'जय िहदं ''
भारत का सिं वधान कहता है भारत एक सं भुता-सपं न रा
ह,ै जो अपने िनयम-कायद-े कानून बनाने क शि वयं ‘'जय भारत''
रखता ह। िविभ न अतं रा ीय सं थान इसको सामा य प
से दखे रहे ह, वे कहते है- यह एक धािमक भेदभाव है, जो ‘'जय भारतीय''
िक भारत क प रि थितय से काफ अलग है ।
‘'जय हो भारत का सिं वधान''
सिं वधान का अनु छेद- 368- भारत के लोग को यह शि
दान करता है िक समय क आव यकता के अनुसार िजसका इतना यारा सिं वधान, वो दशे है िहदं ु तान ।
भारतीय सिं वधान भारत के लोग के िहसाब से रह ।
गर ज म िमले दोबारा तो, मेरा दशे हो िहदं ु तन ।।
परी क,
बौि क सपं दा भवन,
अटं ॉप िहल
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सा दाियकता मानवता के िलए घातक
मनु य एक सामािजक ाणी है । समाज म रहने के िलए, 1. आिथक- आिथक कारण स दाय के टकराव का मूल
उसके लायक बनने के िलए और कई िनयम का पालन करने कारण है । कु छ स दाय आिथक प से बहत स म थे तो
के िलए वे छा और सामािजक िनयम के चलते मनु य को कु छ बहत कमज़ोर । इस असमानता को बराबर करने के िलए
िविभ न स दाय तथा वग मे िवभािजत िकया गया । नोबल स दाय का आपस म टकराव होने लगा और कु छ लोग इस
पुर कार िवजते ा किव रवी नाथ टैगोर के श द म - लोभ के चलते अ यिधक अ याचारी, िनरकं ु श वीभ स काय
करने लगे िजसके कारण स दाय िवशेष प से बदनाम होने
सम त आनदं का ल य कम क ओर है और सम त कम का लगा ।
ल य आनदं क ओर है ।
2. सामािजक- कु छ स दाय वयं के लोग क गित एवं
शायद पुराने लोग ने यही सब यान म रखकर समाज सुख का अिधक यान रखते थे िजसके कारण उस स दाय
को िविभ न वग म िवभािजत िकया होगा । बुि मान और के लोग अिधक स प न, िशि त तथा सुखी रहने लगे । अ य
स दाय उनक गित, स प नता तथा िश ा को दखे ई या
ानी लोग ने अलग-अलग धम और स दाय का िनमाण के वशीभूत होकर उस समाज पर अ याचार करने लगे ।
िकया होगा तािक मनु य धम और स दाय क छ छाया म
अपने परम व प को ा करे और एक अ छा िनयमब 3. राजनैितक- राजनैितक कारण के चलते िविभ न
जीवनयापन करे । इसी के चलते समाज म िविभ न महान स दाय के लोग का एक-दूसरे क स पि का हनन कर
लोग ने अलग-अलग स दाय तथा धम का ारभं िकया । वयं उनके ऊपर शासन करना हमेशा से समाज म चिलत
सभी धम तथा स दाय का एक ही उ े य था िक मनु य रहा है । इसी के चलते समय-समय पर स दाय म टकराव
अ छे िनयम का पालन कर उ नित के माग पर अ सर हो । होना आम बात बनती चली गई ।
वह अिधक से अिधक बौि क ऊँ चाइय को छुए । धम तथा
सा दाियक अनु ान का पालन करते हए समाजसेवा करे 4. भौगोिलक- पृ वी पर अलग-अलग थान पर अलग-अलग
तथा समाज म ठ€ली बुराइय से दूर रहे । स दाय के लोग रहते थे । िकसी िवशेष थान पर किठन
भौगोिलक प रि थितय के कारण उ ह दूसरी जगह थान
स दाय लोग को आपस म मे पूण यवहार करने, प रवतन करना पड़ता था िजसके कारण नई जगह जा कर
दया, दान, धम, आदर, सहयोग आिद के िलए े रत करने अपना अि त व कायम करने के िलए िफर से सा दाियक
तथा िनयम ब रहने के िलए बनाए गए थे । कोई भी धम या टकराव पैदा हो जाते थे । इन सा दाियक टकराव के चलते
स दाय मनु य को गलत काम करने के िलए े रत नह समाज म मनु य को िहसं ा तथा यु का िशकार समय-समय
करता । पर होना पड़ा है ।इ ह स दाियक दगं के चलते हज़ार
मनु य को बिलदान दने ा पड़ा है । मानवता समय-समय पर
समाज के िवकास के साथ-साथ समाज म िविभ न लहलुहान होती रही है । आज का युग िव ान का युग है और
स दाय अि त व म आए जसै े िहदं ू, मुसलमान, ईसाई, हम िव ान के िलए नये अिव कार करके तकनीक प से
यहदी, िसख, बौ , जैन एवं पारसी आिद । परतं ु सभी धम अिधक से अिधक स प न होकर जीवन अिधक से अिधक
एवं स दाय का एकमा उ े य था मनु य को स माग पर सुखी बनाते जा रहे ह ।
ले जाना परतं ु जसै ा िक हम सभी जानते ह िक कोई भी
स दाय का मानवता के िलए घातक बनने के चार मूल आज हरके मा-ँ बाप का एक सपना होता है िक उनका
कारण रहे ह- ब चा पढ़-िलखकर उ च पद ा कर, धनवान बने लेिकन
1. आिथक 3. सामािजक
2. राजनैितक 4. भौगोिलक
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िकतने लोग ऐसे ह जो ये सोचते ह िक उनका बालक अ छा चािहए िक समय-समय पर दशे -िवदशे म अनेक समाज
इसं ान बने । िहदं ी िफ म के िस गीतकार सािहर सुधारक का ज म हआ जो स दाय का सही व प समाज
लुिधयानवी क गीत रचना- के सामने रखना चाहते थे । इनम से मुख सुधारक थे
कबीरदास, वामी िववेकानदं , दयानंद सर वती, मदर टेरसे ा,
तू िहदं ू बनगे ा न मसु लमान बनगे ा, सुकरात आिद । इनका उ े य था मानव का स दाय से
ऊपर उठकर मानवता से प रचय कराना और िकसी हद तक
इंसान क औलाद है इंसान बनगे ा । वह अपने इस उ े य म सफल भी हए ।
काश हर यि इसी कार क सोच रखता, तो शायद आज हमारे समाज म सा दाियकता के चलते
समाज का प ही कु छ और होता । अि थरता, भय, िहसं ा और लालच या है तो या ऐसे म
सभी स दाय को अवधै घोिषत करके मानवता नामक
इितहास गवाह है समय-समय पर सा दाियक दगं स दाय म दी ा िदला दने ी चािहए । इस सबं धं म मेरा
तथा यु ने पृ वी को मानव लह से लाल िकया ह।ै चाहे वो िवचार है िक नह , य िक स दाय तो एक बहाना मा है
भारत पर िवदशे ी लोग ारा िकए गए आ मण ह या समाज म अशािं त फै लाने का । जब तक मनु य अदं र से
अमे रक व ड ेड सटर पर िकया गया हवाई हमला, सबके अपने िवकृ त िवचार को याग नह दते ा तब तक स दाय
पीछे स दाय ही मूल कारण रहा है । या स दाय का मूल िवशषे बदनाम होता रहगे ा । ज़ रत है आज येक स दाय
उ े य आतकं को बढ़ावा दने ा है, ये हमारे पूवज ने स दाय म वयसं ेवी लोग क जो आगे बढ़कर अपने स दाय का
का िनमाण करने से पहले न सोचा होगा । आिखर स दाय नेतृ व कर और स दाय िवशेष के लोग को पथ होने से
के नाम पर िदन-रात आतंक फै लने से िह से म या आना है रोक तािक िकसी भी स दाय के लोग गलत काम न कर ।
। लेिकन यह शायद मनु य क अधं भि का ही प रणाम है और स दाय घातक न बन कर समाज के िलए साथक बने ।
िक स दाय िवशषे के लोग मूल मु े को समझे िबना िहसं ा
करने पर उता हो जाते ह । इितहास उठा कर दखे तो स दाय का के वल घातक
व प ही सामने आया ह । आज स दाय क आव यकता
भारत के ही सदं भ म दखे तो क मीर जो पृ वी के है िक वह अपने नाम के आगे लगे कलंक को िमटाने क
वग के नाम से जाना जाता ह,ै वहाँ से हज़ार क मीरी कोिशश कर और अपनी छिव साफ कर । िकसी स दाय के
पिं डत को स दाय के नाम पर िव थािपत होना पड़ा । असामािजक त व क उसी स दाय के लोग ारा िनंदा क
हज़ार क मीरी पिं डत इस िव थापन के समय िवषम जाए तथा दडं क यव था हो, न िक उ ह सरं ण दान
भौगोिलक प रि थितय तथा आिथक प से िवप न होने के िकया जाए ।
कारण अकाल मृ यु को ा हए । पजं ाब म खािल तानी
उ वाद के समय हज़ार -लाख िहदं ी तथा िसख को अपने आज क यव था म िविभ न स दाय अपने यहाँ
ाण से हाथ धोना पड़ा । अं जे के शासन काल म भी असामािजक त व को सरं ण दते े है िजसका कठोर प से
िहदं ुओं पर हए अ याचार अतं हीन ह और उनसे कोई उसी स दाय के लोग ारा िवरोध आव यक है । अगर ऐसा
अनिभ भी नह है । इसके अित र िवदशे म भी अनेक होगा तो लोग स दाय के नाम पर आतंक फै लाने से
दशे सा ादाियक दगं क चपेट म आए । जापान ने बम क भयभीत ह गे ।
िवभीिषका को झेला । जापान के दो शहर िहरोिशमा और
नागासाक इसके गवाह ह । इसके अित र इज़राइल, उपरो सभी बात को दखे ते हए सा दाियकता
िवयतनाम, िफिल तीन आिद दशे आज भी इस िवभीिषका से िन य ही मानवता के िलए घातक बनती जा रही है परतं ु
उबर नह पाए । अभी भी समय है जब सभी स दाय के लोग सचेत बुि से
काम करके अपने स दाय के िनयम का सही प से
अतं म यही सोचना पड़ता है िक आिखर इस सबसे
बचने का या उपाय है ? इस सदं भ म हम नह भूलना
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पालन कर । अ यथा वह िदन दूर नह जब कोई समाज आज के बुि जीवी वग म अिधकतर लोग को
सुधारक आकर स दाय का अि त व ही िमटा दे । और स दाय के नाम पर गलत काम करने क फु सत ही नह है
के वल मानवता नामक स दाय ही अि त व म रह जाए । परतं ु कु छ लोग साम-दाम-द ड भेद नीित को अपनाते हए
अगर ऐसा हआ तो समाज बहत एकरस हो जाएगा । न उसम स दाय को मानवता के नाम पर घातक िस करने म लगे
होली, दीवाली क िमठाईय का वाद रहेगा न ईद क है । ई र ऐसे लोग को स ुि दान करे तथा स दाय को
सवे ईयं क िमठास और न ही ि समस के के क का वाद । कु छ वाथ लोग के हाथ का िखलौना बनने से बचाए ।
इस के िलए यके यि को अपने अदं र से बुराई हटानी
पड़ेगी जसै ािक सतं कबीर ने कहा ह-ै “सव भव तु सिु खन” तभी सभं व होगा जब
स दायवादी स माग बन अ यथा आतकं , िहसं ा, अ याचार,
बुरा जो दखे न म चला, लूटमार का िशकार बनने से मानवता को कोई नह बचा
सकता ।
बुरा न िमलया कोई,
सु ी सीमा भ ास
जो िदल देखा आपना, अवर णे ी िलिपक
मझु से बुरा न कोई । आकाशवाणी
सारण भवन-मुबं ई
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कोिवड-19 से िनपटने म भारतीय सं कृ ित
और आयुवद क भूिमका
साभार - राजभाषा भारती
खुली सड़क, घर म पूरा प रवार देखा, हम अपनी अि न( पाचन अि न) को मजबूत रखगे, तब तक
हम बीमारी नह होगी. यानी आयुवद म बीमा रय क
बरस बाद पहले वाला इतवार दखे ा. रोकथाम के अनेक उपाय बताए गए ह . अपनी इस अि न को
मजबूत रखकर और अपनी अनुशासनब िदनचया का
हम जानते ह िक कोरोना वायरस एक िव यापी पालन करते हए हम कोरोना वायरस से सं िमत होने से
महामारी ह.ै लोग दहशत म ह; कू ल- कॉलेज बदं ह,ै सड़क वयं को बचाए रख सकते ह. आयुवद म बताई गई यह
सूनी ह, शहर बदं ह और हर िकसी को प रवार के साथ पहली मह वपूण बात ह.ै
अपने घर म बैठना पड़ता है. यह बहत ही मह वपूण समय है
. यह अभूतपूव और अ यािशत समय म आयुष णाली का इसके अलावा, आयुवद म आठ लाभकारी ाणायाम
उपयोग करने वाले लोग क सं या बड़ी ह.ै कोिवड-19 अ यास का सुझाव िदया गया है-
महामारी के वतमान वा य सकं ट म आयुवद िचिक सा
प ित के कारगर होने सबं धं ी अनेक दावे िकए जा रहे ह भि का, कपाल भाती, अनुलोम-िवलोम, ामरी, उ जयी,
जबिक दवा क िकसी भी प ित म इसक रोकथाम या उ गीत और अतं म शीतली और शीतकारी. ाणायाम क इन
शितया इलाज अभी तक नह िमला है. कोरोना वायरस के 8 ि याओं को करने से, हम अपने ाणवायु ोत , अपनी
कोप ने इस लेख के िलखे जाने तक ( मई, 2020) दुिनया सन णाली सिहत सपं ूण ितर ा णाली को मजबूत कर
भर के लगभग 213 दशे म 52 लाख से अिधक लोग को सकते ह. इससे रस वाहा ोत यानी अपनी लिसका णाली
सं िमत िकया है और 3लाख से अिधक यि य क जान साफ होगी और इस तरह हम अपनी ऊजा को बढ़ा सकते ह.
ली है. हर दशे िनवारक उपाय पर यान कि त कर रहा है इससे ओजस ( ितर ा शि ), तेजस ( सू म और थूल
और इसे ख म करने क दवाई ईजाद करने म लगा हआ ह.ै दोन का पाचन), ाण ( अ याव यक जीवनी शि ) म
सतं ुलन बनाए रखा जा सकता है.
चरक सिं हता म “जनपद वसं यािध” नामक एक
अ याय है, िजसका अथ िव यापी महामारी ह.ै यहां आचाय इसके साथ साथ, कु छ एक आसान हबल उपचार ह.
चरक कहते ह िक यह घर पर होने का एक शानदार अवसर िजनका चरक म उ लेख िकया गया है. आम सद जुकाम के
है. यह एक ऐसी अविध िजसम हम अपनी िदनचया का पालन होने पर भी, चरक म कहा गया है िक आपको िसतोपलािद,
करना चािहए. सुबह ज दी उठकर, अपने दातं ो को श कर, तलीशादी, अ क भ म और महासुदशन चूण लेना चािहए.
अपनी जीव को कू ड़ेद, मुहं कु ला कर और गम चाय या पानी इस िम ण को िदन म दो-तीन बार आधा च मच सुबह और
िपए.ं अदरक, दालचीनी इलायची क चाय, तुलसी (एक या शाम लेने का सुझाव िदया गया है. यिद आप थके हए ह, तो
दो प े), या यहां तक िक पुदीना, दालचीनी और इलायची इस िम ण को लेने के बजाए चुटक भर िसतोपलािद या
क चाय के साथ बनाई गई िनयिमत चाय का सेवन कर तलीशादी चाय म िमला ल. इससे चाय का वाद भी बढ़ेगा.
सकते ह. यह हबल चाय ऊजा को बढ़ावा दते ी ह.ै जब तक
ाणायाम से हम अपनी ाणवायु ोत, अपने वसन
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