The words you are searching are inside this book. To get more targeted content, please make full-text search by clicking here.

☆उत्कृष्ट सूत्रसंचालन☆

Discover the best professional documents and content resources in AnyFlip Document Base.
Search
Published by , 2018-09-21 07:03:17

☆उत्कृष्ट सूत्रसंचालन☆

☆उत्कृष्ट सूत्रसंचालन☆

प्रबु श्री कृ ष्ण ने मरदशरे :- ”शी लऱे शी ननघुन ज ईर”

चर तय जीलन त आऩण लेऱेर भशत्ल देत ऩढु े ज ऊ म ..
आऩर शे ऩवलर स नद न चे क मा ईळलय चे स्भयण कयत करू म ....

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
रीन भॎडभ:

ज्म ने श ननवगा ननमभरा
वला वखु े ददरी भ नल र
त्म ईळ र करुनी लंदा न
वरु ु करुम ईळस्तलन

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
वयु ेळ अदशये :

वब भंाडऩ छ न वजर ,
वनई चौघड , वूय ल जर ,
आरे ऩ शुणे रश न, थोय,
उऩण्स्थत ंचा ीशी गदी प य,
श्रोत्म मंा ळल म क मका ्रभ र ळोब न शी,
ईळस्तलन मळल म क मका ्रभ ऩढु े ज ण य न शी.

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
रीन भॎडभ :

उत्वकु त आशे भन र ,
आतुयत आशे क न र ,
लंादन करुनी त्म ईळ र ,
वुरुल त करुम ईळस्तलन र .

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
आत्भ य भ जगद ऱे:

मवध्दीवलन मक गण र्धळ तू
घेऊनी मेई वभधृ ्दी
र्चतां भणी ब्रीद व था कयोनी
देई वकर वद्फदु ्धी ॥

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
आत्भ य भ जगद ऱे:

दशवंा दशळत रम ज ऊ दे
अस्तांगत शो पु टीयऩण भ नव्म च अथा कऱू दे
बयकटरेल्म भन भन ॥

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
भीनर बोरे:

रक्ष्भी देलीची ऩजू के ल्म ने वंाऩत्ती, ऐश्लमा प्र प्त शोत,े देली वयस्लतीच्म कृ ऩेने प्र प्त वऩां त्तीचे
भशत्ल ल मथ मोग्म वलननमोग कयण्म चे स न प्र प्त शोते आख्रण श्रीगणेळ च्म आळील दा ने
वांऩत्ती प्र प्तीच्म भ ग ता ीर वलघ्न चां न ळ शोतो,अळ म वला देलत चंा े स्भयण करून
वलद्म देली ळ यद स्तलन ऐकू म

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
ऩषु ्ऩ ग मकल ड:

ऩयभशे ्लय म्शणजे अगम्म. ...ऩण त्म च्म चयणी रीन झ र की वगऱ भऱब कवां मभटू न ज तंा
.... तेजोभम शोऊन ज त......,.........चर तय ईळस्तलन ने आऩणशी ईळचयणी रीन शोऊम ......

. --------------------------------------------------------------------------------------------------------------
आत्भ य भ जगद ऱे:

ले स्ऩळा शी क्म ण्जव स्ऩळा भे अऩनों क आब व न शो
ले ल दे क्म ण्जव ल दोंभे ननब ने क वलश्ल व न शो
ले वूय शी क्म ण्जन्शे वून कय कपय वनु ने की प्म व न शो
ले कंा ठ शी क्म ण्जन कां ठो भे भॉ वयस्लती क ल व न शो !

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
आत्भ य भ जगद ऱे:

स ननम च ल तुक्म च तोच भ झ लाळं आशे .
भ ख्रझम यक्त त क शी ईश्लय च अळंा आशे ...
म ईश्लय र व द घ रण्म व ठी ....

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
गणऩत दवऩतु े:

मेथे ळ यद देलीचे शे आशे बलन ...वलद्म देलीचे ग तो आम्शी कलन...

अस न , अधंा ्क य चे कयतो आम्शी शलन ..

त्म व ठी घेऊन मेत आशोत "ईळस्तलन"....

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
Raju Kolekar:

वसु ्ल गतभ. वसु ्ल गतभ.. वुस्ल गतभ..... आजच्म म भांगर प्रवंगा ी आऩण वला ईथे

जभर त म फद्दर वल चा े आब य. आऩर भश य ष्र शी वंता भशंात तंात ऩतंा ळयू वलय स नी

वलस नी अळ वलवलध स्री ऩरु ूऴ चंा ्म ऩुननत ल स्तव्म ने ऩवलर झ रेल्म म भश य ष्र च्म ऩवलर

बूमभर लंादन करून आजच्म म क मका ्रभ ची वुरूल त त्म देल र्धदेल गणेळ र लांदन करून

करूम , गणेळ लांदन व दय कयत आशेत आऩण वल ांच्म आलडत्म मळक्षषक मभनर बोऱे

भँडभ .........

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
आत्भ य भ जगद ऱे:

तुर ऩ दशरे ऋतू ऋतूतनू
पु र पऱ ंातनू
त्म गगन तनू , म भ तीतनू
ण्स्थती गतीतून
वघंा ऴ ातून , वुखद्ु ख तनू
व्मथे व्मथते नू
म वषृ ्टीतून अन बलतीच्म
भ नलतेतून
ये कवे ळोधू तजु लेडम ऩयी
भी तुर च ट कू न
भी कधीच न शी म्शटरे
की
तु दे भज दळना !

भांगेळ ऩ डग लकय

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
मबवकीटे वय:

ददल ऱीतीर वुयांगी झ ड आक ळ त उां च उड लां आख्रण रखरखण ंाय च ंदा ण व ंाड ल, ळयद च्म
चदंा ्र न आब ऱ बरून ज लां अन द दधु ऱ ण्स्नग्ध प्रक ळ नंा व यम ंना भोशुन ट क लां, प्र जक्त च्म
झ ड नंा फशरुन म लां आख्रण भनभोशक वुगधां न जग प्रवन्न करुन ट क ल, भघे बयल्म
क्षषतीज लय वप्तयांगी इंाद्रधनु उभट लां तवे शज यो कंा ठ तनु मेण यम वप्तवयु नां ी भन तर
आब ऱशी बरून ज लंा तवंा शे फ रचभुंचा ईळस्तलन.

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गणऩत दवऩतु े :

*ईळस्तलन*
(शेभंात ऩयु ख्रणक म चंा े )

भन व आभचु ्म ळक्ती दे न
भन वलजमी कये
दवु रम चंा ्म वलजम आधी
आम्श व वलजमी कये

बेदब ल भन ऩ वुन दयू करु ळके
मभर ांची चकु ी अवुनी त्म व भ प कये
अवत्म दयू ठे ऊनी वत्म व जलऱ कये
दवु रम चंा ्म वलजम आधी
आम्श व वलजमी कये

भन व आभुच्म ळक्ती दे न
भन वलजमी कये
दवु रम चां ्म वलजम आधी
आम्श व वलजमी कये
भन व आभुच्म ळक्ती दे न

कठीण वभम मेत जयी एलढे क भ कये
व थ जो धभ ाची धये तोच धभ ा आचये
स्लत्लयच बयलव नदीव ऩ य कये
दवु रम चां ्म वलजम आधी
आम्श व वलजमी कये

भन व आभुच्म ळक्ती दे न
भन वलजमी कये
दवु रम चां ्म वलजम आधी
आम्श व वलजमी कये
भन व आभुच्म ळक्ती दे

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
भश नोय वय :

स्लत्र भ गतो ती म चन ,
वल वंा ठी भ गणंा म्शणजे प्र थना . ऩण भ ग मचां कु ण र ?
ऩयभशे ्लय आशे कक न शी म ल द त न ऩडत , म वषृ ्टीच च रवलत कु णीतयी आशे म लय
वलश्ल व ठे ल मर शल .
ईश्लय वगऱीकडे बरून आशे. त्म च कौतकु के रेच ऩ दशज.े
तय म नातं य करूम इळस्तलन .....
इळ स्तलन व ठी मेत आशेत ..........

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
गणऩत दवऩतु :े

*ईळस्तलन*
(दत्त रम श्रीयंाग भुऱे म चंा )े

झ ड ची छ म तू आईची भ म तू
भदतीच श त तू , दमेच द त तू
तझु चे गोड गीत ग ती र्चभणी ऩ खये
जथे े ज तो तेथे तू आभच व गंा ती

ऩयद:ु ख जणू दे , भदतीर ध लू दे
वले चे ी फुद्धी दे , यषण्म व ळक्ती दे
ववु लच य चां ्म लतना ने जग र ल चली
जथे े ज तो तथे े तू आभच व ंगा ती

आख्रणक न दवु ये क शी न शी भ गणे
दम षभ ळ तंा ीने , स्लगा मेथे ननभूा दे
वल चंा ्म रृदमी ददवो तझु े रुऩडे
जेथे ज तो तथे े तू आभच व ांग ती

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गणऩत दवऩुत:े

*ईळस्तलन*

शभ को भन की ळण्क्त देन , भन वलजम कयें
दवू योंकी जम वे ऩशरे, खदु की जम कयें
शभ को भन की ळण्क्त देन ...

बदे \-ब ल अऩने ददरव,े व फ़ कय वकें
दवू योंवे बूर शो तो, भ फ़ कय वकें
झठू वे फचे यशंे, वचक दभ बयें
दवू योंकी जमवे ऩशरे, खदु की जम कयंे
शभ को भन की ळण्क्त देन ...

भुण्श्करें ऩड़ें तो शभऩ,े इतन कभा कय
व थ दें तो धभा क , चरंे तो धभा ऩय
खदु ऩे शौवर यशे, वचक दभ बयंे
दवू योंकी जमवे ऩशरे, खदु की जम कयंे
शभ को भन की ळण्क्त देन ...

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
गणऩत दवऩतु :े

ईळस्तलन/प्र थना *

इतनी ळण्क्त शभंे देन द त
भनक वलश्ल व कभजोय शो न - 2

शभ चरंे नेक यस्ते ऩे
शभवे बरू कय बी कोई बरू शो न
इतनी ळण्क्त शभें देन द त
भनक वलश्ल व कभजोय शो न

शय तयफ़ जुल्भ श फफे वी श
वशभ -वशभ व शय आदभी श
ऩ ऩ क फोझ फढ़त शी ज ए

ज ने कवे मे धयती थभी श
फोझ भभत क तू मे उठ रे
तेयी यचन क मे अतां शो न
शभ चरें नेक यस्ते ऩे
शभवे बरू कय बी कोई बरू शो न ...

दयू अस न के शो अधँ ेये
तू शभें स न की यौळनी दे
शय फयु ई वे फचके यशें शभ
जीतनी बी दे बरी ण्जन्दगी दे
फय शो न ककवी क ककवी वे
ब लन भन भंे फदरे की शो न
शभ चरंे नेक यस्ते ऩे
शभवे बूरकय बी कोई बूर शो न

इतनी ळण्क्त शभें देन द त
भनक वलश्ल व कभजोय शो न

शभ न वोचें शभंे क्म मभर श
शभ मे वोचंे क्म ककम श अऩणा
पू र खमु ळमों के फ टां ंे वबी को
वफक जीलन शी फन ज ए भधफु न
ओ.. अऩनी करुण को जर तू फश के
कयदे ऩ लन शय एक भन क कोन
शभ चरें नेक यस्ते ऩे
शभवे बरू कय बी कोई बूर शो न

इतनी ळण्क्त शभें देन द त
भनक वलश्ल व कभजोय शो न

शभ अधँ ेये भें शैं यौळनी दे
खो न दे खुद शो शी दशु ्भनी वे
शभ वज ऩ मंे अऩने ककमे की
भौत बी शो तो वश रे खळु ी वे
कर जो गुज य श कपयवे न गजु ये
आनले र लो कर ऐव शो न

शभ चरे नके यस्ते ऩे
शभवे बूरकय बी कोई बरू शो न

इतनी ळण्क्त शभंे देन द त
भनक वलश्ल व कभजोय शो न

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
गणेळ मळदंा े:

देल जीच घेऊन न ल
क मका ्रभ र करू वुयल त
लदंा न कयण्म देल जीर
नम्रऩण ने जोडू श त

चर तय भग श त जोडू न कयत आशोत ईळस्तलन व दय

---------------------------------------------------------------------------------------------------------------
कोंडु वकय भॎडभ:

ददव्मत्ल ची जथे प्रर्चती तेथे कय भझु े जऱु ती
वभईतीर ज्मोत प्रज्लमरत शोत च त्म ज्मोतीऩढु े श त आऩोआऩ जुऱत त. भन ल आत्भ ळधु ्द
करून त्म अग ध अनतां ऩयभेश्लय ची ज णील करून देण्म ची त कद म प्र थना ेत अवते
प्र थना भे ुऱे भन आख्रण ह्रुदम ऩवलर शोते. म व ठी वलद्मेचीदेलत वयस्लतीभ तचे ी आऩणप्र थना
कय म .

वभायोऩ

आनदं घेऊ वतू ्रवचं ारनाचा

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------

नभस्काय फधं -ू बगगन नं ो
आऩल्मा शात आनदं घऊे वूत्रवचं ारनाचा चचाा बाग -4 PDF पाईर* देताना आम्शारा खऩू
आनदं शोत आशे. शे वला आऩरेच क्रे डिट आशे.
धन्मलाद!

-वौ वंगगता ऩाटीर
- श्र .गणऩत दवऩुते

लेऱ:-वामं 6 ते 10 दद.2-06-2016

आजचा वलऴम:- कोणत्माशी कामका ्रभाचे ईळस्तलन वरु ू कयण्माऩूली कोणते कोटव ्
(ओऱ ) अवाव्मात? ..

(अथाता ईळस्तलन)

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
भीनर बोरे भॎडभ:

श्री ळायदे कभरावने ,नामभतो तरु ा भनोबालान,े
नभन करुनी तरु ा ळायदे ,कामारा ा प्रायंब करू दे,अऩुना ी ईळवुभन,े ....वमु ळाचे गाऊन गाणे,प्रवन्न
शोऊनन शास्मलदन,े दे आळीलचा न.े

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
: मा कु न्देन्दतु ऴु ायशायधलरा मा ळुभ्रलस्रालतृ ा

मा लीणालयदण्डभण्ण्डतकया मा श्लते ऩद्मावना ।
मा ब्रह्भाच्मतु ळंकयप्रबनृ तमबदेल् वदा ऩणू ्जता
वा भां ऩातु वयस्लनत बगलती नन्ळऴे जाड्माऩशा

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
गणऩत दवऩुते :

कभा म्शणजे प्रत्मष वेला; बक्ती म्शणजे वेलाबाल .बफनमबतं ीची इथरी ळाऱी, राखो इथरे गुरु
। झाड,े लरे ी, ऩळुऩाखये मांची वंगत धरु ॥
वरु ु कयत आशोत ईळस्तलन...

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
वोनारी पे गडे :

श्री ळायदे ग आई वलद्मा वुफुद्धी देइ ।अळा मा वलद्मेचे वयस्लती भातेरा लदं न कयण्मावाठी
आभच्मा वलद्मार्थना ी इळस्तलन वादय कयत आशे

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
ऩाटीर वय:

शे ळायदे भाॅॎ शे ळायदे भाॅॎ
असानता वे शभे ताय दे भाॅॎ
तू स्लय की देलीश वंगीत तुझवे
शय ळब्द तये ा श शय गीत तझु वे

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
ऩाटीर वय:

अल्राश आशे.ख्रिस्त आशे.भशालीय आशे.फवलशे ्लय आशे.
ह्मा बूभीलय मा भातीलय एकच आशे ईश्लय .कोण भारक कोण नोकय एकच तत्ल आशे
ऩयभशे ्लय.मा ऩयभशे ्लयारा ,बगलंतारा लंदन कयण्मावाठी ईळस्तलन घेलनू मेत आशेत ..

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
वजु ाता भॎडभ :

अवखं ्म ताया तझु ्मा वलणेरा अवती ऩयभशे ्लया...त्मातच गुपंू दे भजरा भाझ्मा ह्रद्माच्मा
ताया...ईळस्तलनाऩुवला मा ओऱी चारतीर

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
:

प्रत्मेक काभाची वुरुलात आऩण भगं र अळा गणेळाच्मा ऩूजनाने कयतो. म्शणूनच आज आऩण
आऩल्मा कामका ्रभाची वुरुलात भंगर अळा स्तलनाने करु मा.
वादय कयत आशोत इळस्तलन...

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
ऩाटीर वय: इतनी ळक्ती शभे देना दाता
भन का वलश्लाव कभजोय न शोना

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
भीनर बोरे भॎडभ:

वलद्मेची देलता वयस्लती दशच्मा ऩजू नाने आज आऩण कामका ्रभाची वुयलात कयीत आशोत

---------------------------------------------------------------------------------------------------------------
: Sri Ganesha

लक्रतुण्ड भशाकाम वूमका ोदट वभप्रब ।
ननवलघा ्नं कु रु भे देल वलाकामेऴु वलदा ा ॥

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
ऩाटीर वय:

कोणत्माशी कामका ्रभाची वुरूलात वलद्मा देलतरे ा प्रवनं ्न करून के री जात अवते म्शणून
कामका ्रभाची वरु ूलात ईळस्तलनाने करूमा......

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
गणऩत दवऩतु े :

आऩल्मारा चांगरच भादशत अवतं
कक भतृ ्मू शा अटऱ आशे, शा मेणायच.

आऩल्मा भतृ ्मनू तं य आऩण काशीशी घेऊन जात नाशी,

तयीशी आऩण "भाझं भाझं" कयत जगत अवतो.

आऩल्मा भतृ ्मनू तं य "दश व्मक्ती चांगरी शोती ककं ला दश व्मक्ती लाईट शोती" मा दोन गोष्टी
भागे याशतात.

भग आशे ते चांगरं " काभ शेच ईळलय" भाननू जगत याशा ..अवाच इळलय वंदेळ घेऊन
आभचे फारचभू मेत आशेत...

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
गणेळ मळदं े वय:

वकऱभगं ऱननधी श्रीवलटठ्राचे नाभ आधी
अव वतं वागं ून गेरेत
भागा शा नाभाचा जगा दालून गेरेत
त्माच भागाना े चारत आऩणशी वुयलातीरा ईश्लयाचचे स्तलन कयत
वबेरा वुयलात करुमात

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------

भगं रा ऩाटीर

दनु नमाभे शय चीज भांग के नशी मभरती शय एक भुस्कू याशट वच नशी शोती ऩय बगलान वे
भांगी शय दलु ाॅॎओ भे अऩनी औय अऩनो की आशट शोती श

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
भीनर बोरे भॎडभ:

वयस्लती देलीचे भरं पायच परदामी अवतात. मा भरं ांचे वलर्ध-वलधानाने वयस्लतीची वाधना
करून अनके भशाऩरु ुऴ ऩयभ प्रसालान झारे आशे.वयस्लती वाधकारा फवु द्ध, वलद्मा, आख्रण
आयोग्म वलका ाशी प्राप्त शोत.े

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
गणऩत दवऩुते :

तभु च्माभध्मे वशनळक्ती दांडगी अवामरा ऩाशीजे ..
तयच तुम्शी शे जग ण्जकं ू ळकार,
जय ती नवेर शेच जग तमु ्शारा शायलरे...
कादशशी झारे तयी ण्जद्द वोडू नका...

आऩणच ण्जंकणाय माच वलचायाने काभारा वरु ूलात कया.....

प्रमत्न, र्चकाटी, ण्जद्द,आत्भवलश्लाव माराच ईळलय भानू मा .. वादय आशे ईळस्तलन....

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
गणऩत दवऩतु े :

प्राथना ा म्शणजे आत्म्माची बूक ,

ळयीयारा जवे ्शडी आलश्मक आशे .

तले ढीच आत्म्मारा प्राथना ा आलश्मक आशे.

फदु ्धी ऐयण आशे आख्रण सान घण आशे

ण्जतके जीलनाचे अनुबल फुद्धीलय ऩडतात नततकी ती चभकते ..फुद्धीच्मा देलतचे े शे ईळस्तलन
वादय शोत आशे ...

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
गणेळ वय :

जो वलद्मा की देली बगलती वयस्लती कु न्द के पू र, चदं ्रभा, दशभयामळ औय भोतीके शाय की तयश
धलर लणा कीश औय जो श्लेत लस्र धायण कयती श, ण्जनके शाथ भें लीणा-दण्ड ळोबामभान श,
ण्जन्शोंने श्लते कभरों ऩय आवन ग्रशण ककमा श तथा ब्रह्भा वलष्णु एलं ळंकय आदद देलताओं
द्लाया जो वदा ऩूण्जत शैं, लशी वंऩूणा जड़ता औय असान को दयू कय देने लारी वयस्लती शभायी
यषा कयंे ॥1॥

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
गणऩत दवऩुते :

मळषण शे एक प्रबाली अस्र आशे, .

जे लाऩरून तुम्शी प्रत्मष जग फदरताना फघू ळकता.

अळा मळषणाच्मा ळायदेरा लंदन करू मा ....

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
भीनर बोरे भॎडभ:

ळायदादेलीची उऩावना के ल्मालय भाणवाच्मा भनात चागं रे वलचाय मेतात,त्मारा सान प्राप्त
शोत,े "भानली जीलनाचे द्मेम काम"शा वदवलचाय भनात मेऊन वललके फधु ्दी जागतृ शोत,े आख्रण
भाणवारा आदळा, वुवऩं न्न, लबलऩणू ा अवे जीलन प्राप्त शोते.....वयस्लती भातेरा लंदन करून
आज आऩण कामारा ा ळुबायंब करूमात !

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
गणऩत दवऩतु े :

एकदा अजुना ने श्री कृ ष्णरा वांर्गतरे :- मबतं ीलय काशीतयी अवे मरशा की, आनंदात लाचरे तय
द:ु ख शोईर आख्रण द:ु खात लाचरे तय आनदं शोईर….

प्रबु श्री कृ ष्णाने मरदशरे :- ”शी लऱे शी ननघुन जाईर”

चरा तय जीलनात आऩण लऱे ेरा भशत्ल देत ऩुढे जाऊ मा ..
आऩर शे ऩवलर सानदानाचे कामा ईळलयाचे स्भयण कयत करू मा ....

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
रीना भॎडभ:

ज्माने शा ननवगा ननमभरा ा
वला वखु े ददरी भानलारा

त्मा ईळारा करुनी लदं न
वरु ु करुमा ईळस्तलन

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
वुयेळ अदशये वय :

वबाभंडऩ छान वजरा,
वनई चौघडा, वूय लाजरा,
आरे ऩाशुणे रशान, थोय,
उऩण्स्थतांचीशी गदी पाय,
श्रोत्मामं ळलाम कामका ्रभारा ळोबा नाशी,
ईळस्तलना मळलाम कामका ्रभ ऩुढे जाणाय नाशी.

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
रीना भॎडभ :

उत्वकु ता आशे भनारा,
आतयु ता आशे कानारा,
लंदन करुनी त्मा ईळारा,
वुरुलात करुमा ईळस्तलनारा.

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
आत्भायाभ जगदाऱे:

मवध्दीवलनामक गणार्धळ तू
घेऊनी मेई वभधृ ्दी
र्चतं ाभणी ब्रीद वाथा कयोनी
देई वकरा वद्फुद्धी ॥

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
आत्भायाभ जगदाऱे:

दशवं ा दशळत रमा जाऊ दे
अस्तंगत शो पु टीयऩणा भानव्माचा अथा कऱू दे
बयकटरेल्मा भना भना ॥

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
भीनर बोरे भॎडभ:

रक्ष्भी देलीची ऩजू ा के ल्माने वऩं त्ती, ऐश्लमा प्राप्त शोत,े देली वयस्लतीच्मा कृ ऩेने प्राप्त वऩं त्तीचे
भशत्ल ल मथामोग्म वलननमोग कयण्माचे सान प्राप्त शोते आख्रण श्रीगणेळाच्मा आळीलादा ाने
वंऩत्ती प्राप्तीच्मा भागाातीर वलघ्नाचं ा नाळ शोतो,अळा मा वला देलतांचे स्भयण करून
वलद्मादेली ळायदास्तलन ऐकू मा

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
ऩुष्ऩा गामकलाड:

ऩयभेश्लय म्शणजे अगम्म. ...ऩण त्माच्मा चयणी रीन झार की वगऱ भऱब कवं मभटू न जातं
.... तेजोभम शोऊन जात......,.........चरा तय ईळस्तलनाने आऩणशी ईळचयणी रीन शोऊमा......

. --------------------------------------------------------------------------------------------------------------
आत्भायाभ जगदाऱे:

ले स्ऩळा शी क्मा ण्जव स्ऩळा भे अऩनों का आबाव न शो
ले लादे क्मा ण्जव लादोंभे ननबाने का वलश्लाव न शो
ले वयू शी क्मा ण्जन्शे वनू कय कपय वुनने की प्माव न शो
ले कं ठ शी क्मा ण्जन कं ठो भे भॉ वयस्लती का लाव न शो !

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
आत्भायाभ जगदाऱे:

साननमाचा ला तुक्माचा तोच भाझा लंळ आशे .
भाख्रझमा यक्तात काशी ईश्लयाचा अळं आशे ...
मा ईश्लयारा वाद घारण्मावाठी ....

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
गणऩत दवऩतु :े

मेथे ळायदा देलीचे शे आशे बलन ...वलद्मा देलीचे गातो आम्शी कलन...

असान , अधं ्कायाचे कयतो आम्शी शलन ..

त्मावाठी घेऊन मेत आशोत "ईळस्तलन"....

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
Raju Kolekar:

वुस्लागतभ. वुस्लागतभ.. वुस्लागतभ..... आजच्मा मा भंगर प्रवंगी आऩण वला ईथे

जभरात मा फद्दर वलाचा े आबाय. आऩरा भशायाष्र शी वंत भशंत तंत ऩतं ळयू वलय सानी

वलसानी अळा वलवलध स्री ऩरु ूऴांच्मा ऩनु नत लास्तव्माने ऩवलर झारेल्मा मा भशायाष्राच्मा ऩवलर
बमू भरा लंदन करून आजच्मा मा कामका ्रभाची वुरूलात त्मा देलार्धदेल गणेळारा लदं न करून
करूमा, गणेळ लंदना वादय कयत आशेत आऩणा वलांाच्मा आलडत्मा मळक्षषका मभनर बोऱे
भँडभ .........

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
आत्भायाभ जगदाऱे:

तरु ा ऩादशरे ऋतू ऋततू नू
पु रापऱातं नू
त्मा गगनातनू , मा भातीतनू
ण्स्थती गतीतनू
वंघऴाातून , वुखद्ु खातनू
व्मथे व्मथते ून
मा वषृ ्टीतून अन बलतीच्मा
भानलतेतनू
ये कवे ळोधू तजु लेडमाऩयी
भी तुराच टाकू न
भी कधीच नाशी म्शटरे
की
तु दे भज दळना !

भगं ेळ ऩाडगालकय

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
मबवकीटे वय:

ददलाऱीतीर वयु ंगी झाड आकाळात उं च उडालं आख्रण रखरखणांय चांदण वांडाल, ळयदाच्मा
चदं ्रान आबाऱ बरून जालं अन ् दधु ाऱ ण्स्नग्ध प्रकाळानं वायमांना भोशुन टाकालं, प्राजक्ताच्मा
झाडानं फशरुन मालं आख्रण भनभोशक वगु धं ान जग प्रवन्न करुन टाकाल, भेघबयल्मा
क्षषतीजालय वप्तयंगी इंद्रधनु उभटालं तवे शजायो कं ठातुन मेणायमा वप्तवयु ानं ी भनातर
आबाऱशी बरून जालं तवं शे फारचभुंच ईळस्तलन.

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गणऩत दवऩतु े :

*ईळस्तलन*
(शेभतं ऩुयाख्रणक मांचे )

भनाव आभुच्मा ळक्ती दे ना
भन वलजमी कये
दवु रमाचं ्मा वलजमा आधी
आम्शाव वलजमी कये

बेदबाल भनाऩावनु दयू करु ळके
मभरांची चकु ी अवनु ी त्माव भाप कये
अवत्म दयू ठे ऊनी वत्माव जलऱ कये
दवु रमाचं ्मा वलजमा आधी
आम्शाव वलजमी कये

भनाव आभुच्मा ळक्ती दे ना
भन वलजमी कये
दवु रमाचं ्मा वलजमा आधी
आम्शाव वलजमी कये
भनाव आभुच्मा ळक्ती दे ना

कठीण वभम मेता जयी एलढे काभ कये
वाथ जो धभााची धये तोच धभाा आचये
स्लत्लयचा बयलवा नदीव ऩाय कये
दवु रमाचं ्मा वलजमा आधी
आम्शाव वलजमी कये

भनाव आभुच्मा ळक्ती दे ना
भन वलजमी कये
दवु रमांच्मा वलजमा आधी
आम्शाव वलजमी कये
भनाव आभचु ्मा ळक्ती दे

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
भशानोय वय :

स्लत्रा भागतो ती माचना,
वलांवा ाठी भागणं म्शणजे प्राथना ा . ऩण भागामचं कु णारा ?

ऩयभेश्लय आशे कक नाशी मा लादात न ऩडता , मा वषृ ्टीचा चारवलता कु णीतयी आशे मालय
वलश्लाव ठे लामरा शला .
ईश्लय वगऱीकडे बरून आशे. त्माच कौतकु के रेच ऩादशज.े
तय मानतं य करूमा इळस्तलन .....
इळास्तलनावाठी मेत आशेत ..........

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
गणऩत दवऩतु े :

*ईळस्तलन*
(दत्तारम श्रीयंग भऱु े माचं )े

झाडाची छामा तू आईची भामा तू
भदतीचा शात तू , दमेचा दाता तू
तुझचे गोड गीत गाती र्चभणी ऩाखये
जथे े जातो तेथे तू आभचा वागं ाती

ऩयद:ु ख जणू दे , भदतीरा धालू दे
वेलेची फुद्धी दे , यषण्माव ळक्ती दे
ववु लचायाचं ्मा लतना ाने जगारा लाचली
जथे े जातो तथे े तू आभचा वांगाती

आख्रणक न दवु ये काशी नाशी भागणे
दमा षभा ळातं ीने , स्लगा मेथे ननभूा दे
वलााचं ्मा रृदमी ददवो तझु े रुऩडे
जथे े जातो तेथे तू आभचा वांगाती

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
वरीभ खान ऩठाण:

ईळस्तलन रा उदाू भध्मे शम्द म्शणतात . 'शम्द चा अथा खदु ा की तायीप अथाता ईश्लयाची
स्तुती )
ईळस्तलन वरु ु कयण्माऩलू ी काशी ळये म्शणता मेतीर ते खारीरप्रभाणे -
खदु ा के नाभवे भशकपर / जरवे का शभ आगाज कयते श
लशी भाअफदू श शभ उवके कय भ ऩय नाज़ कयते श

आगाज- प्रायंब
भाअफदू - ऩूजनीम
नाज- गला

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
गणऩत दवऩुते :

*ईळस्तलन*

शभ को भन की ळण्क्त देना, भन वलजम कयें
दवू योंकी जम वे ऩशरे, खदु की जम कयंे
शभ को भन की ळण्क्त देना ...

बेद\-बाल अऩने ददरव,े वाफ़ कय वकें
दवू योंवे बूर शो तो, भाफ़ कय वकें
झूठ वे फचे यशंे, वचका दभ बयंे
दवू योंकी जमवे ऩशरे, खदु की जम कयें
शभ को भन की ळण्क्त देना ...

भणु ्श्करंे ऩड़ें तो शभऩ,े इतना कभा कय
वाथ दंे तो धभा का, चरंे तो धभा ऩय
खदु ऩे शौवरा यशे, वचका दभ बयंे
दवू योंकी जमवे ऩशरे, खदु की जम कयंे
शभ को भन की ळण्क्त देना ...

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
गणऩत दवऩुते :

*ईळस्तलन/प्राथना ा*

इतनी ळण्क्त शभें देना दाता
भनका वलश्लाव कभजोय शो ना- 2

शभ चरें नके यस्ते ऩे
शभवे बूरकय बी कोई बरू शो ना
इतनी ळण्क्त शभंे देना दाता
भनका वलश्लाव कभजोय शो ना

शय तयफ़ ज़ुल्भ श फेफवी श
वशभा-वशभा वा शय आदभी श
ऩाऩ का फोझ फढ़ता शी जाए
जाने कवे मे धयती थभी श
फोझ भभता का तू मे उठा रे
तये ी यचना का मे अतं शो ना
शभ चरंे नेक यस्ते ऩे
शभवे बूरकय बी कोई बूर शो ना ...

दयू असान के शो अधँ ेये
तू शभंे सान की यौळनी दे
शय फुयाई वे फचके यशें शभ
जीतनी बी दे बरी ण्ज़न्दगी दे
फय शो ना ककवी का ककवी वे
बालना भन भंे फदरे की शो ना
शभ चरें नके यस्ते ऩे
शभवे बूरकय बी कोई बरू शो ना

इतनी ळण्क्त शभंे देना दाता
भनका वलश्लाव कभजोय शो ना

शभ न वोचंे शभें क्मा मभरा श
शभ मे वोचंे क्मा ककमा श अऩणा
पू र खमु ळमों के फांटें वबी को
वफका जीलन शी फन जाए भधफु न
ओ.. अऩनी करुणा को जर तू फशा के
कयदे ऩालन शय एक भन का कोना
शभ चरंे नके यस्ते ऩे
शभवे बूरकय बी कोई बूर शो ना

इतनी ळण्क्त शभंे देना दाता
भनका वलश्लाव कभजोय शो ना

शभ अधँ ये े भें शैं यौळनी दे
खो ना दे खदु शो शी दशु ्भनी वे
शभ वज़ा ऩामें अऩने ककमे की

भौत बी शो तो वश रे खळु ी वे
कर जो गजु ़ाया श कपयवे ना गुज़ये
आनेलारा लो कर ऐवा शो ना
शभ चरे नेक यस्ते ऩे
शभवे बरू कय बी कोई बरू शो ना

इतनी ळण्क्त शभंे देना दाता
भनका वलश्लाव कभजोय शो ना

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
गणेळ मळदं े वय:

देलाजीच घेऊन नाल
कामका ्रभारा करू वयु लात
लंदन कयण्मा देलाजीरा
नम्रऩणाने जोडू शात

चरा तय भग शात जोडू न कयत आशोत ईळस्तलन वादय

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------
कोंडु वकय भॎडभ:

ददव्मत्लाची जथे प्रर्चती तथे े कय भुझे जऱु ती
वभईतीर ज्मोत प्रज्लमरत शोताच त्मा ज्मोतीऩुढे शात आऩोआऩ जऱु तात. भन ल आत्भा ळुध्द
करून त्मा अगाध अनतं ऩयभेश्लयाची जाणील करून देण्माची ताकद मा प्राथना ेत अवते
प्राथना ेभुऱे भन आख्रण ह्रुदम ऩवलर शोते. मावाठी वलद्मेचीदेलता वयस्लतीभातेची आऩणप्राथना ा
कयामा.

-------आनदं घऊे सतू ्रसचं ारनाचा-------

ददन ॊक:- 4-6-2016 लेऱ:-व म 6 ते 10

आजचा वलषम:- कोणत्माही नोकयीतीर अधधकायी/कभचम ायी सले ाननलतृ ्त अथला फदरी
झाल्मानंतय होणाऱ्मा कामकम ्रभात कोणते कोटस ्
(ओऱी) असाव्मात? ..

(अथातम ननयोऩ सभायंब )

नभस्काय फधं -ू बधगनींनो
आऩल्मा हाती आनदं घेऊ सतू ्रसचं ारनाचा चचाम बाग -5 PDF पाईर* देताना आम्हारा खूऩ आनदं
होत आहे. हे सलम आऩरेच क्रे डिट आहे.
धन्मलाद!

-सौ सधं गता ऩाटीर
- श्री.गणऩत दसऩतु े

---------------------------------------------------------------------------------------------

भीनर बोऱे:
ननयोऩ वभ यॊब चे लऱे ी ननयोऩ र उत्तय देत नॊ ल ऩयत मेऊ ळकतीर अळ ओऱी.......

मळ भुठीत ठे लण्म इतकॊ व शव तमु ्शी ददरत ,

भ म शी के री आब ऱबय, व गय एलढॊ प्रभे ददरत।

ऩरयव कव अवतो कधी न शी ऩ दशरॊ

भ त्र तभु च्म वशल व त जीलन च वोनॊ झ र.ॊ ...
======================

भीनर बोऱे:
ननयोऩ वभ यॊब प्रवॊगी भनोगत व्मक्त कयण्म व ठी ल ऋण ,आब य प्रदर्ळति कयण्म व ठी एक
च गॊ री कवलत

इतकॊ ददरतॊ ,
इतकॊ ददरतॊ
इतकॊ ददरतॊ तुम्शी भर !

खयॊ व ॊगतो,
भ णूव के रतॊ तमु ्शी भर !

ऩ लव ळ्म त तय
लऴ िल र र्भती नव्शती;
भ झी ओजॊ ऱ
कधीवदु ्ध रयती नव्शती!

ऩण कधी उन्श ळ्म च्म लणव्म तशी
तभु चॊ प्रभे वयी झ ल्म ,
भर ळोधत घयी आल्म !
इतकॊ ददरॊत….

तव भी भ झ्म तच गॊुग शोतो,
स्लत्बोलती फपयण्म तच दॊग शोतो,
भीच भ झ्म खळु ीच यॊग शोतो

तयी तमु ्शी भ नून घते रत,
भ झॊ भन ज ननू घेतरत!
इतकॊ ददरॊत…..

र्बऊन भ झ्म व लरीर
ऩऱत शोतो,
नको त्म लऱण लय लऱत शोतो,
एकरेऩण त शत ळ शोऊन
जऱत शोतो….

तमु ्शी भर र्बजलरतॊ ,
दशयलग य रूजलरॊत !
इतकॊ ददरतॊ ….

तभु चॊ प्रेभ स्भरून इथनू ज त न
तभु च्म भ मेत
चचफॊ र्बजनू न्श त न ,
तभु च्म वभोय
उबॊ य शून ग त न ,

भन अवॊ बरून मेतॊ
डोळ्म तनू झरून मेतॊ !

डोळ्म त जवे ्श आवलॊ अवत त
तेव्श च भ णवॊ भ णवॊ अवत त !

इतकॊ ददरॊत,
इतकॊ ददरतॊ
इतकॊ ददरॊत तमु ्शी भर !
खयॊ व गॊ तो,
भ णवू के रतॊ तुम्शी भर !

(भगॊ ेळ ऩ डग लकय)
======================
गणऩत दवऩुते :
ऋतू आऩरी कु व एकदभ फदरतो,

अच नक वमू ि ढग आड
ददवने व शोतो ,

आब ऱ गच्च बरुन मेत,

षण ध ति ऩ लव च्म ध य नॉ ी
अगॊ ण र्बजनू ज त,्

भ नतर शी वूगधॊ वटु तो,

नोकयीचे शी अवचे आशे,

अवे आऩरे प्रदीघि वेले नतॊ य वेल ननलतृ ्त शोण ये .....
======================

भीनर बोऱे:
भन लऱु नमे,
अळी श्रध्द शली...
ननष्ठ ढऱू नमे,
अळी बक्ती शली...
व भर्थ्मँ वऩॊ ू नम,े

अळी ळक्ती शली...
कधी वलवरु नमे,
अळी न ती शली...

अळीच न ती जऩण ऱ्म आजच्म उत्वलभूती.....
======================
भीनर बोऱे:
श ननयोऩ च वभ यॊब नवून स्नेश च आशे,आणण आत आऩल्म उत्वलभतू ींची दश वके ॊ ड इननगॊ
वुरु शोण य आशे,त्म नॊ खऩू खऩू ळुबेच्छ
======================
आत्भ य भ जगद ऱे :
फदरी शोऊन आरेल्म र्ळषक फ फत ...
दयु च्म ग ली रौकीक र्भऱलून आऩल्म कततिृ ्ल ची ऩ रखी घेऊन आरेल्म व्मक्तीच्म फकतीची
ऩत क रोक ख ॊद्म लरुन र्भयलत त ..... "
======================
वजु त ऩुयी:
ननयोऩ वभ यॊब च्म लऱे ी आऩण ऩढु ीर ळये म्शणु ळकतो.....ंजॊदगी की अवरी उड न अबी
फ की शै..शभ ये ईय दों क इंम्तश न अबी फ की शै.अबी तो न ऩी शै भुठ्ठीबय जभीॊ..अबी व य
आवभ न फ की शै
======================
भीनर बोऱे:
नलीन ळ ऱेत ज त आशे म्शणनू प्रोत्व शनऩय आऩण ळले टी अवशे ी फोरू ळकतो ,

पु र ने अऩेष के री क कधी
क ट्म कङू न आध य ची ?

जर्भनीने कधी ल ट ऩ दशरी क
आब ऱ च्म व लरीची?

फकन -म र ल टरी क
कधी र्बती वभदु ्र च्म ऩ ण्म ची ?

कधी ल -म ने वगॊ त धयरी क
ळले टऩमति ऩ चोळ्म ची ?

अळीच रढ ई आशे शो
आऩल्म एक जीलन ची,

पक्त एकट्म नचे रढु न
आशे ती ंजकॊ मची..!....

म भऱु े त्म ॊचे भनोफर नक्कीच ल ढेर
======================
आत्भ य भ जगद ऱे :
र्ळषक चे क मि शे अभयत्ल र स्ऩळि कयण ये आशे त्म च्म व्मंक्तभत्ल चे ठवे कु ठे कु ठे
उभटरेरे अवतीर व गॊ त मेत न शी . आदळि र्ळषक ने के रेल्म वसॊ ्क य ची आठलण त्म चे
वलद्म थी प्रवॊग ऩयत्ले क ढीत अवत त . जग च्म ऩ ठीलय ते वलद्म थी कु ठे शी अवतीर '
ननलतृ र्ळषक च गौयल कयत न
======================
उभ भॎडभ:
ड री वे टू ट पू र फपय वे नशीॊ रग वकत शै
भगय
ड री भजफतू शो तो उव ऩय नम पू र णखर वकत शै!
इवी तयश ंिन्दगी भंे खोमे ऩर को र नशीॊ वकते
भगय
शौवरंे ल वलश्ल व वे आने ल रे शय ऩर को खफु वयू त
फन वकते |
======================
गणऩत दवऩुते :
पु रऩ खरु पक्त 14 ददलव जगतॊ,

ऩयॊतु ते प्रत्मेक ददलव आनॊद ने
जगुन फकत्मेक शदम ंजकॊ त....

आमुष्म तीर प्रत्मेक षण श अभुल्म आशे....

तो आनदॊ ने जग आण
प्रत्मेक शदम ंजकॊ त यश ....

अळ श आजच वेल ननलतृ ्ती वोशळ्म चे वत्क य भतू ी आशेत .....
======================
देल जी ऩ टीर:
ऩुन्श ऩनु ्श आठलतो
गत क ऱ तीर षण नॊ
भ झ्म व ठी जवे क शी

ते जगण्म ची आव शोते.
भोर चे ल टत त भर
तभु च्म वोफतचे षण
ऩण ते ननघनू ज त च फचै नै शोते भन.
दैददप्मभ न त्म चॊ ी क यफकदि शोती.
चढत मळ च आरेख .
ननयोऩ वभ यॊब ने त्म चॊ ्म
झ री भन ची घ रभेर.अवे आजचे ननयोऩ थी ल वत्क यभतु ी आशेत .....
======================
गणऩत दवऩुते :
(भगॊ ेळ ऩ डग लकय म चॊ ्म ओऱीतनू )

अळी ऩ खये मेती आणणक स्भतृ ी ठे लुनी ज ती.
दोन ददव ॊची यॊगत व ॊगत,दोन ददव ॊची न ती...

चदॊ ्र कोलऱ ऩदशर ल दशर झ ड भ गे उब य दशर ..

जय र जुनी जम उजऱूनी क ऱोख च्म य ती...

पु रून मेत पु र फोररे,भी भयण लय शुिदम तोररे

नव्शते नॊतय,ऩयी ननयॊतय,गचॊ धत झ री भ ती..

श त एक तो शऱू थयथयर ,ऩ ठीलय भ मेने फपयर ..

देलघय तीर वभईभधनु ी अजनू जऱती ल ती..

कु ठे कु ण च्म घडल्म बटे ी,गीत एक भोशयरे ओठी
त्म जुऱल्म शुिद म ॊची ग ठ,वयू अजनू शी ग ती...
वत्क य व ठी मेत आशेत..
======================
आत्भ य भ जगद ऱे :
र्ळषक आऩल्म गणु ने मोग्मतेर चढर अवे ऩरयवय म्शणतो . आऩल्म कतफि ग यीने भोठ
झ र अवे म्शणत न शी . खयच आऩण आज ज्म मोग्मतेनॊ र्ळषण षेत्र त कतफि ग यी के रीत
ते आऩरे गणु आम्श व र्ळकण्म व यखचे आशेत .....
======================
उभ भॎडभ:
ऩ कळ्म च गऱण म्शणजे पु र च भयण अवत,

भयत ण शी वुॊगध देण म तच आमुष्म व य अवत,

अवेच आजऩमतं वुगधॊ देत आरेरे वत्क यभतू ी ...

======================

भीनर बोऱे:
चौकट न भोडत
शऱूच फ शेय ऩड मचॊ
खऩू खऩू र्ळक मचॊ
वुवसॊ ्कृ त भन घडल मचॊ
ध्मेम आऩरॊ ग ठ मचॊ
======================
वुवप्रम भॎडभ:
र्भत्र चॊ े स्थ न आमषु ्म त श य तल्म दोम िप्रभ णे अवत.े
त्म चे ददवणे भशत्त्ल चे नवून अवणे भशत्त्ल चे अवत.े
अवेच आऩरे र्भत्र आणण आजचे वत्क यभूती ............
======================
गणऩत दवऩुते :

तटु रेरी पु रे वुगधॊ देऊन ज त त,

गेरेरे षण आठलणी देऊन ज त त

प्रत्मेक च अदॊ ज लगे ऱ आशे,म्शणनु

क शी षणबय...तयक शी आमषु ्मबय रष त य शत त ...

अवे आऩरे आज वले ननलतृ ्त शोत अवरेरे .......
======================
देल जी ऩ टीर:
ज्म चॊ ्म कततिृ ्ल च्म ऩ म लय शी स नभदॊ ीय ची इभ यत नक्कीच उबी य शीरी.आणण त्म ॊच्म
मळ च्म वत्क म िच वुगधॊ वदैल म ळ ऱेर प्रपु ल्रीत कयत य शीर अवे आजचे वत्क यभतु ी ल
वेल ननलतृ ्त शोत अवरेरे आदयणीम.....
======================
गणऩत दवऩुते :

भी शयरो म्शणू नकोव, म लऱे ी शयरोम म्शण.. ऩुन्श जग ंजॊकण्म व ठी, मेतीर फकतीतयी

षण..
एकट उयरो म्शणू नकोव...!!!
वध्म एकट आशे म्शण..आमषु ्म वऩॊ रे न शी अजनू , बटे तीर फकती तयी जण...!!!
भी थकरो म्शणू नकोव, जय दभ घेतोम म्शण.. ऩनु ्श झऩे घेण्म व ठी, ऩटे ू न उठे र एके क
कण...!!!

अळ म ननयोऩ वभ यॊब क मकि ्रभ चे ......... शे आऩरे भनोगत व्मक्त कयतीर ..

======================
:

ऩेड़ कशे ऩते व,े वुन ऩते भेयी फ त, इव घय की मश रयत, इक आलत इक ज त.
======================
Kishor Sir:
ननयोऩ घेऊन ननघत न ,
कोणी दयू ज ऊ र गत.ॊ
नजय शटत न शी त्म ॊच्म लरून,
भन भजफयू शोऊ र गतॊ.
======================
गणऩत दवऩतु े :
व गय च्म तऱ ळी अनेक र्ळऩॊ रे अवत त...

ऩण त्म तल्म एख द्म च र्ळऩॊ ल्म त
भौल्मल न यत्न र्भऱत.ॊ ....

आऩल्म आमषु ्म त शी तचे घडतॊ
र्भञ अनके र बत त..

ऩण भन च्म र्ळऩॊ ल्म त
आठलण फननु क मभचे य शण ये त्म ऩकै ी...

क दशच तुभच्म व यखे अवत त
जे क ऱज च घय करुन य श त त..

अवे आऩरे वत्क य भूती आशेत श्री....
======================
Sangita Patil:

|| वले ननलतृ ्ती ||

वेल ननलतृ ्ती? छे, छे !! शी तय षणबय वलश्र ॊती !

भन व यखे जगणे आत , आनदॊ ची अनबु तू ी !

जीलन तर लवॊत श , अनुबल ॊच प्र जक्त वड ,

वले घेउनी वप्रमजन ॊन , आठलणीनच बय घड !

‘उळीय शोतो’, ‘ग डी ज ईर’, ‘डफ न भी नेण य’,

म व ऱ्म र फगर देऊनी यम्म वलश्ल पु रण य!

म ल टेलय व थ म्शणुनी, ळब्दरूऩी म ब लन ,

आयोग्म-धन अषम र्भऱो, भन ऩ वनु ी ळुबक भन !
======================

Konduskar Madam

उऩक्रभळीरत श जीलतॊ र्ळषण च प्र ण. ळ रेमस्तय लय आऩण अनके उऩक्रभ, ऩरयवलॊ द

क मळि ॊऱ मळॊ ंस्लरयत्म य फवलल्म , त्म च प मद अवखॊ ्म वलद्म र्थ्म ंन झ र . आणण ऩुढे शोत

य दशर. अळ प्रक ये ळ रेम जगत त चतै न्म ननभ िण कयण ये, वलद्म र्थ्म ंन प्रये ण

देलनू त्म नॊ गनतळीर फनलण ये आजचे वत्क यभूनति आऩल्म जीलन रूऩी

नबोभडॊ ऱ त ंस्थयआनदॊ च धलृ त य वतत तजे ोभम यश ल . शीच वददच्छ !
======================

आत्भ य भ जगद ऱे

र्ळषक चे आत्भकथन म्शणजे एक वऩढीच्म वलक व ची ग थ अवते . ध्मेमल दी वले ब ली

आणण व्रतस्थ र्ळषक ने के रेरे आत्भकथन म्शणजे क ऱ च्म ओॊजऱीतून र्ळल्रक य दशरेल्म

वॊस्कृ तीच तो एक भौर्रक ठे ल अवतो .

आऩरे अनबु ल कथन कयण्म व ठी मेत आशेत .....
======================

गणऩत दवऩुते :

वुख् दखु ् ने वलणरेरी प्रत्मेक ची एक कश णी अवत.े ....
कधी गोड तय कधी कडू आठलणीॊची र्ळदोयी अवते. ....
वुख् शवण्म च्म रुऩ त तय दखु ् अश्रचूॊ ्म रुऩ त ल शत.े ...
ऩदशल्म ॊद के रेल्म गोष्टीॊचे स्ऩुयण अवत.े ....
दवु म चं े ऩ शून के रेरे अनकु यण अवत.े ...

आठलण्म व यखे फयेच अवते आणण वलवयण्म व यखे क शीच नवते. ..

आमुष्म च्म रघुऩट लय आऩणच ंजॊकरेरो अवतो. ...

क यण छ न जगण्म इतऩत तयी आऩण र्ळकरेरो अवतो...

अळ कडू गोड आठलणी उज ऱ देण्म व ठी मेत आशेत श्री.....
======================
भीनर बोऱे:
चकु ीच्म ननणमि भऱु े अनुबल ल ढतो..आणण मोग्म ननणमि भऱु े आत्भवलश्ल व...
म्शणनू ननणमि चकु फक फयोफय वलच य कय मच न शी..ननणमि घ्म मच अनॊ ऩढु े ज मच.ॊ ....।।।।।

"जीलन त एक षण यडलनू ज ईर तय दवु य षण
शवलून ज ईर...
म जीलनरूऩी प्रल व त मेण य प्रत्मेक षण
जीलन जगण्म ची कर
र्ळकलनू ज ईर......!

न कु ण ळी स्ऩध ि अव ली, न कु ण च द्लेऴ अव ल ,
न कु ण च्म ऩुढे

ज ण्म ची आक षॊ अव ली, न कु ण र कभी रेखण्म ची गभु ी अव ली,
पक्त स्लत्र र्वद्ध कयण्म ची

ंजद्द अव ली...!!
अवचे ंजद्दीने ऩढु े ज ण ये आजचे उत्वलभूती
======================
भीनर बोऱे:
आमुष्मबय दखु ्,चचतॊ ,द्लऴे ,क्रोध,भोश,नक य त्भकत म गोष्टीत अडकु न य शण्म ऩेष
वखु ,वभ ध न,आनदॊ ,प्रेभ,वक य त्भकत म गोष्टीनॊ ी आमषु ्म फशरुन ट क मर नको क ?
जीलन छोटॊ अवुनशी त्म च षणोषणी आनॊद घेण यॊ पु रऩ खरु श च तय वदॊ ेळ देत.ॊ
आमषु ्म जगर त फकती शे भशत्ल चॊ न शी तय आमषु ्म जगर त कवॊ शे भशत्ल च.ॊ .....

अवचे आऩरे आमषु ्म बयबरून जगण ये आऩरे वत्क यभतू ी.
======================
आत्भ य भ जगद ऱे वय:
र्ळषण चे वौंदमि र्ळषक त रऩरेरे अवते . वसॊ ्क य चे वौंदमि आचयण त रऩरेरे अवते .
आणण आचयण तीर वौदमि वभ ज जीलन त प्रगट शोत अवते . अवे र्ळषण षेत्र त वसॊ ्क यषभ
वऩढम घडू न वभ ज र्ळषक च आदळि भ .
======================

गणऩत दवऩतु े :
प्रत्मेक भनषु ्म ल टवरू आशे...

तो च रतो ल ट कतवि ्म ची....

ळले ट त्म च एकच उयतो...

चच ि च गॊ ल्म ल ईट स्लब ल ची...

अवे आऩरे प्रभे ऱ स्लब ल चे .....

आत्भ य भ जगद ऱे वय:
र्ळषक कव अव ल ,
भुर चॊ अध्म ऩक
ऩ रक ॊच भ गदि ळकि
वशक ऱ्म चॊ व थीद य
घय च कु टुॊफप्रभुख
वॊस्थचे वॊच रक
आणण वभ ज च वले क
म वलि बरू ्भक ज्म ॊनी आमुष्म त नके ीनॊ ननब लल्म ते ....

कु ठे कु ण च्म घडल्म बेटी

गीत एक भोशयरे ओठी

त्म जुऱल्म रृदम ॊची ग थ वूय अजनु शी ग ती। ज्म ॊची स्भनृ त वलवयणे खयोखय अनतळम

अलघड आशे .....शी ल स्तशू ी जणू गदशलयरी आशे...स्तब्ध झ री आशे ....अवे आऩरे शयशुन्नयी
, वल चं े र डके वलद्म थी वप्रम , व्मक्ती भत्त्ल.......
======================

आत्भ य भ जगद ऱे वय:

आऩण पु रलरेल्म भऱम तीर पु र चॊ ्म गधॊ ने भ ऱम र ,

आणण

वलद्म र्थ्म िच्म उभरत्म भनोलतृ ीकडे ऩ शून र्ळषक र शोण य आनदॊ त्म त्म लळॊ ीम नॊ च
कऱण य न शी क ?

र्ळषण षते ्र ा तून कृ त थि ब लनने े ननलतृ ्त शोण ये ...
======================

भीनर बोऱे:

"ज्म भनगट त फऱ,फधु ्दी आणण च तुमि आशे,

तोच स्लकततिृ ्ल लय रोक र्बभुख य ज फनू ळकतो" श वलच य आऩल्म कृ तीतनू जग र

द खलनू देण म ि....आजच्म उत्वलभतू ी
======================
आत्भ य भ जगद ऱे
' रक्ष्भीकडे नजय आणण वयस्लतीच्म ळजे यी व्म वऩीठ लय शजय म दोन्शी गोष्टी एक र च
न शी र्भऱत , ऩण आज ज्म ॊच आऩण वन्भ न कयण य आशोत त्म नॊ रक्ष्भी आणण वयस्लती
दोघीशी प्रवन्न आशेत .
======================
ऩषु ्ऩ ॊ:
जोऩमतं भन र आळचे े ऩखॊ आशेत,
ह्रदम भध्मे ध्मेम चे ल दऱ आशे,
अतॊ ्कयण त ंजद्द आशे,
ब लन ॊन पु र चॊ े गॊध आशेत,
डोळ्म वभोय खरु े आक ळ आशे,
तोऩमतं मेण य प्रत्मेक षण तभु च च आशे...! आऩल्म ऩुढीर क म वि रष रष ळबु चे ्छ .
......
======================
Ganesh Shinde:
आज घेऊम ननयोऩ आऩण
वलयश द टतो उयी
अवू द्म प्रेभच वल िलयी
======================
*गणेळ:*
ननलतृ ्त झ रेल्म र्ळषक ॊफद्दर श्री भ धल व लतॊ वय ॊची एक वदॊु य कवलत आशे ....
======================
|| *ननयोऩ* ||

ननलतृ ्ती भ झी आज गडम नॊ ो,
लम ची आठठ लन्न ऩणू ि झ री |
वुख-द:ु ख त व थीने तभु च्म ,
न ल भ झी ऩैरतीय गेरी ||१||
कवे भ नू आब य कु ण च,े
व थीर कोण-कोण शोते |
तभु च्म वलन जगणे कवे ते,
र्भत्र तमु ्शी ददरद य शोते ||२||
ननयोऩ च्म षणी आज भ झ्म ,
फकती आठलणी भनी द टल्म |

वलवरून गेरो ळदु ्र षण ॊन ,
इतक्म ळबु ेच्छ आज बटे ल्म ||३||
लम ने थकरो आज जयी भी,
भन भ झे तरुण आशे |
जडल्म अवतीर व्म धी ऩयॊत,ु
उत्व श भ झ बरून आशे ||४||
जीलन च्म व गय त म ,
फकती वॊकट चॊ ी ल दऱे ऩ दशरी |
तुम्शीच ददर त आध य तवे ्श ,
भ झी नौक जेव्श ल दशरी ||५||
ज्म ॊच्म भुऱे च रर वॊव य भ झ ,
एक ऩलि आमुष्म चे ऩूणि झ रे |
न ल कु ण कु ण चे घेऊ इथे भी,
आज आमषु ्म भ झे धन्म झ रे ||६||
फशू शोत्म अडचणी ऩयॊत,ू
कतवि ्म प्रती भी ज गरो |
लयीष्ट चॊ ी भोडरीन आस ,
वले ेत एकननष्ट य दशरो ||७||
ऩुण्म ई आई लडडर ॊची,
भर वॊस्क य तनू घडवलरे |
वलन तक्र य अध गि ीणीने,
शले-नको ते ऩ दशरे ||८||
वलवरू कव चचभकु ल्म नॊ ,
र्ळकवलत त्म नॊ भीच फकती र्ळकरो |
भनी य ग द्लऴे न शी कधीशी,
फकतीद त्म चॊ ्म लय य ग लरो ||९||
आत ओझे न टऩ र चॊ ,े
न पोन कधी फैठकीॊच |
तयी क नोव घेईर भी,
दयलऴी फदरण म ि धोयण ॊच ||१०||
वटु ्म चॊ ी ओढ ब यी,
कधी भर शी गडम ॊनो ल टरी |
वटु ्टम् च ददवत त वभोय आत ,
जयी डमटु ी करुळी ल टरी ||११||

घेतो प्रेभ च ननयोऩ आत ,
जयी प्रवॊगी कु ण र फोररो |
नक ठे ऊ भन त क शी,
ऋण त तुभच्म च ररो ||१२||
*भ धल व लॊत*
======================
गणेळ:
ननयोऩ घेत ॊन ऩळे च
ब लन द टल्म ह्म उयी
वेलते नवरे जयी उद्म
अवू द्म प्रेभ ची र्ळदोयी
..............गणेळ धोटे

======================
गणऩत दवऩुते :
जगणॊ खऩू वॊदु य आशे;
त्म लय दशयभवु ू नक ,

एक पु र उभररॊ न शी,
म्शणून योऩ र तडु लू नक ... वगऱॊ

भन व यखॊ शोत अवॊ न शी, ऩण

भन व यखॊ झ रेरॊ वलवरू नक ;

अवे वल ंच्म भन त घय कयण ये ....

======================
आत्भ य भ जगद ऱे:
ऩ ट लय उबे य शून ऩुज कयण ऱ्म गरु ुजीॊच्म ऩ म ख री र्ळष्म ॊनी चौयॊग द्म ल ऩण तो
ननलतृ ्तीच्म नतॊ य !र्ळष्म च्म भन त गुरुजीचॊ ्म वलऴमी बक्तीचे च ॊदणे पु रल्म नॊतय
अव मोग आज आर आशे ..

======================
आत्भ य भ जगद ऱे वय:
ळ रेम जगत त आऩण एख द्म क भग य व यखे श्रभर त .
आऩरे कल्ऩक भन एख द्म क य चगय व यखे यभरे . आऩर आत्भ कर लॊत व यख यॊगर .
अळ नतशेयी तॊद्रीत आऩरे लम कधी वयरे कऱरे देणखर न शी . क भग य पक्त देश कष्टलतो ,

क य चगय र फदु ्धी ल ऩय ली र गते , ऩण कर लॊत त्म त आऩरे दळनि घडलतो म्शणनू आऩर श
ऱ्शदम वत्क य !

======================
ऩषु ्ऩ ॊ:
ऩषी उडू न गेल्म लय त्म ॊची वऩवे व ॊड लीत तवे क शीवे षण ननघून गेल्म लय शोते.भ गे पक्त
उयत त त्म आठलणी. अळ आठलणीॊच्म भऊ वऩव ॊच ग र्रच भन त वजल ल , जऩनू
ठे ल ल .म्शणजे कधी त्म लय जय लेऱ फवनू आप्त चॊ ्म , गतषण ॊच्म त्म वुख ची अनबु ूती घेत
मेईर.जगण्म च्म गदीत गुदभयरेर श्ल व जय ननल तॊ ऩणे खयेखयु े आमुष्म जगेर.

======================
भीनर बोऱे:
आमुष्म च्म म ऩ मयीलय
तुभच्म नव्म जग तीर
नव्म स्लप्न नॊ फश य मेऊ दे.......
तुभच्म ईच्छ आक ॊळ उॊ च उॊ च
बय यी घेऊ दे...
भन त आभच्म एकच ईच्छ
आऩण व उदॊड आमुष्म र बु दे...... आऩण व ळबु चे ्छ

======================
ऩुष्ऩ :ॊ
श त धरुनी आऩण
च ररो जे अतयॊ ...
त्म ची स्भतृ ी वखु ली
भन व म ननयॊतय...

ददरे घेतरे जे जे
व ये जऩून ठे लू...
अनफु धॊ शे स्नशे चे
कधी तुटू न देऊ...

जीलन प्रल व आशे
अवॊख्म ल ट ॊच ...
ल ट ॊच धभि आशे
लऱत य शण्म च ...

ल ट ॊच धभि आशे
लऱत य शण्म च ...
दबु गॊ ून ऩुन्श
र्भऱत य शण्म च ..

ऩनु ्श कु ण्म ल टेलय
ऩुन्श कु ण्म लऱण लय...
शोईर बटे अऩुरी
घेऊ ननयोऩ तोलय...

======================
भीनर बोऱे:
भर अवे ल टते फक वेल ननलतृ ्ती नतॊ यच तुम्शी खये आमुष्म जग मर वयु ल त कयत ।क यण
तुम्शी वलि जफ फद यीतून भकु ्त झ रेरे अवत आणण जीलन च भोकऱेऩण ने आनॊद रुटू ळकत
======================
गणऩत दवऩतु े :
रॊफी म त्र के फ द
आत शै तमु ्श य ऩड़ ल
तुम्शें उत यते शुए
तुम्शें वौंऩत शूॉ
तमु ्श ये ऩॊख
ददगॊत आक ळ
तमु ्श ये वऩने
स्भयण कयल त शूॉ तुम्शें
तुम्श य ठौय-दठक न
आक ळ के नीचे
ऩरृ्थ्ली के छोय तक
तमु ्श ये व म्र ज्म जवै
तुम्श य न भ

======================

जगद ऱे वय:
ळरययीक दृष्टम ददघ मि षु ्म ,
भ नर्वकदृष्टम ळ ॊती वभ ध न .
फौवद्धक दृष्टम ळॊक वभ ध न ,

व भ ंजक दृष्टम दशतकय वशजीलन
ननै तकदृष्टम कतवि ्म कभि ,
आणण त ंत्लक दृष्टम जन्भ भयण लय भ त शे कृ त थि जीलन चे दळनि आशे , जे आऩल्म
व्मंक्तभत्ल त आम्श व ददवते . !
======================
गणऩत दवऩतु े :
जीलन की ऩटयी ऩय
आज एक येरग ड़ी
रयट मय शो गई...
इॊजन भंे आज बी ऊज ि शै
डडब्फे बी दभखभ यखते शंै
भगय वभम ने
वले के आगे वभऩणि कय ददम
अफ 58 व र के इॊजन को
वयक य ने वलश्र भ ददम शै
भगय वशी भ मने भंे
वपय तो अफ ळुरू शुआ शै
अफ आऩको चरन शै
मे शै शभ ये आज के अनतथी श्रीभ न...
======================
भीनर बोऱे:
शवत शवत व भोये ज आमुष्म र
तयच घडलू ळक र बवलष्म र
कधी ननघून ज ईर आमुष्म कऱण य न शी
आत च शवय षण ऩयत

र्भऱण य न शी!! ...नेशभीच अव वक य त्भक दृंष्टकोन ठे लण ऱ्म भॎडभ....
======================
भीनर बोऱे:
जीलन भें उत्व श फन ए यखने के र्रए मश आलश्मक शै फक भनुष्म वक य त्भक चचतॊ न फन ए
यखे औय ननय ळ को श ली न शोने दे।

कबी – कबी ननयॊतय र्भरने ल री अवपरत ओॊ वे व्मंक्त मश भ न रेत शै फक अफ लश ऩशरे
की तयश क मि नशीॊ कय वकत , रेफकन मश ऩणू ि वच नशीॊ शै.

"वक य त्भक वोच शी आदभी को "आदभी" फन ती शै....
उवे अऩनी भजॊ ीर तक रे ज ती शै...!"......इवी ऩथ ऩय चरनेल रे शभ ये अनतचथ.....

======================
र्रन वुयेळ अदशये:

ऩष ॊव यखे जीलन आऩुरे, ऩष व यखी ग णी,
कधी म तरु तय कधी त्म तरु
तळी आऩरु ी जीलनग णी,
दोन ददव ॊची कभबि रू ्भ शी,
दोन ददव ॊची न ती,
अनबु ल चॊ ी र्ळदोयी वोफत,
कयतोम ळ ऱ ॊची ल यी,
म्शणून अळ ल यीर ,
च ररेत आऩरे वशक यी,
ळुबेच्छ त्म नॊ देऊनी,
ननयोऩ त्म चॊ घेऊनी,
ऩण अवदू ्म अवचे न ते अऩरु े
अवू द्म च ॊगल्म आठलणी.
======================
गणऩत दवऩुते :
खऩू लऴि ल शण ऱ्म धफधब्म चे अच नक ऩ णी ऩडणे फदॊ झ ल्म लय...
कवे एकदभ आमषु ्म थ ॊफल्म गत ल टते न ....
खडक र त्म प्रश ल ची झ रेरी वलम ....
आवऩ वच्म लेरीनॊ ,
झ ड ॊन आणण धफधब्म च्म डोश त य शण ऱ्म जरचय प्र ण्म ॊलय फकती ऩरयण भ शोतो..
शे व गॊ णे कठीण आशे.
अवे वल ंचे र डके .....
======================
गोये क ॊचन

तुटरेरी पु र वगु धॊ देऊन ज त त
गेरेरे षण आठलणी ठे ऊन ज त त
प्रत्मेक चे अदॊ ज लेगलेगऱे आशेत म्शणूनच क शॊ ी भ णवेआमुष्मबय रष त य शत त _क चॊ न
गोये .
======================
गोये क चॊ न

वमू ि भ लऱर तयी
भ गे य शतो वधॊ ीप्रक ळ
वशल व चे वऩॊ रे षण
तयी वोफत अवते आठलणीॊचे आक ळ.
======================
वॊचगत भॎभ:
ंजदॊगी ऐवे न ंजमो के रोग फपयम द कये फंल्क ऐवे यशो की रोग तमु ्शे फपय म द कये
अवेच क शीतयी व्मक्तीभत्ल अवरेरे आजचे आऩरे वत्क यभूती---'''---'
======================
गोये क चॊ न:

वभुद्र त र्ळऩॊ रे व ठलत मेत न शीत
पु र ॊच वुगधॊ द खलत मेत न शी
आऩरे लरै ्ळष्ट्म अवे आशे की लणनि ळब्द ॊत कयत मेत न शी ._ क चॊ न गोये .
======================
आत्भ य भ जगद ऱे
डोऱम ॊच एक फयॊ अवतॊ
आवल ॊन ल शू तयी देत मेतॊ
ऩण तोंड चॊ क म ?
ज्म तोंड नॊ कौतूक के रॊ
त्म च तोंड नॊ ननयोऩ देत न
फकती ल ईट ल टतॊ ! ! ;

======================
क चॊ न गोये

तुभचे लणनि कवे करु ? तभु च्म करयत ऩुयतीर एलढे ळब्द आशेत कु ठे ?
तुभच्म व ठी लणनि कयण्म इतऩत न शी भ झे व्मक्तीभत्ल भोठे - -क चॊ न गोये .
======================
गणऩत दवऩतु े :
वगऱीच स्लप्न ऩुणि
शोत नवत त ती पक्त
ऩश मची अवत त…

कधी कधी त्म त यॊग
बय मचे अवत त ऩण

स्लप्न ऩणु ि झ रॊ न शी
तय दखु ी व्श मच नवत.ॊ .

यॊग उड रे म्शणुन चचत्र
प ड मचॊ नवतॊ पक्त
रष त ठे ल मच अवतॊ
वलचि क शी आऩर नवत..

अवचे आऩल्म वेलभे ध्मे जे र्भऱ रे
ते आऩरे भ ननू क मि कयण ये श्री ....
======================
कृ ष्ण :
आठलणीत वदैल ठे लू भनी । उद त्त तभु च्म ब लन नॊ । स्भतृ ी ऩटर लयी य शी खणु । नच
ओवय कधी शी म स्नेश । आत ननयोऩ घ्म ल तमु ्श ।। -------अवे आजचे ननयोऩभतु ी श्री------
---
======================
गणऩत दवऩतु े :
आमऴु कव अवत शे कोण र शी भ दशत नवत ...

ऩण ज्म र भ दशत अवत त्म च जीलन नशे भी वखु ी अवत ...

प्रत्मेक ल टेलय द:ु ख अवत ...

ऩण शे भ दशत अवतन शी आऩरी ल ट क ढत च रण य

त्म वखु च ल टेकयी अवतो ...

ल ट जयी चकु ीची अवरी तयी

उद्देळ भ त्र खये अवणे आलश्मक अवते ..

ऩण ळक्मतो ल ट अथ ित भ गि नेशभी वत्म अवर ऩ दशज.े ...

वेलभे ध्मे ळले ट ऩमतं अळी वत्म ची ल ट धयत जीलन जगण ये श्री....
=====================

Ganesh Shinde

ननयोऩ चे षण वलयश चे
दयू दयू ज ण्म चे
ऩयस्ऩय तीर स्नशे भऱु े
ऩ ऩणीभधल्म ऩ ण्म चे

एकत्र अवे आरो की
जणू ठयरेरे व ये क शी
आऩल्म दयू ज ण्म ने
वनु ्म ददळ द शी
======================
*Harsha pandurang patil

आदयणीम ........
ननयोऩ थी व्मक्तीचे आजऩमतं के रेरे क मि ल आम्शी त्म चॊ े गणु आगॊ ीक यण्म व ठी ऩढु ीर
ओऱीत ब लन व्मक्त कयत मेतीर
======================
Ganesh Shinde:
वलक व व्श ल उत्तयोत्तय
वौख्म र्भऱो जीलनी
आमु आयोग्म र बो तुम्श
शीच प्र थनि भनी

आज शोतवे वले ऩतू ी
कतवि ्म ची तभु ची भतू ी
आम्शी व ये नक्की घेऊ
तभु च्म कडू न ददव्म स्पु ती
======================
Ganesh Shinde:

देतो ननयोऩ आज वुख ने
ऩ लन झ रो तल वेलने े
वलद्म द ने ऩवलत्र के रे
वयस्लतीचे शे रेणे
======================
वतीळ चव्श ण:
ननयोऩ थी म नॊ ी र ल ले योऩ
त्म ॊच्म आठलणीत आऩण जगल ले योऩ
श च एक ननवगि ठे ल जऩून ल ढल ले योऩ,

======================
Nilima Mam:
ऩ शत ददलव उडु न ज तीर
तझु ्म कततिृ ्ल ने ददळ झऱकु न ज तीर
आळ भ गीर ददलव चॊ ी करु नको,
ऩढु ीर ददलव तुझे वोन्म ने न्श ऊन ननघतीर.
नलीन लऴ िच्म अनके ळबु चे ्छ !

वभ योऩ

-------आनदं घऊे शतू ्रशचं ाऱनाचा-------

ददन ॓क:- 5-6-2016 लऱॐ :-व म 6 तॐ 10

आजचा वळवय:- आज पयााळरण ददनाननममत्त षोणाऱ्या कायका ्रमात कोणते कोटश ् (ओली )
अशाव्यात?

(पयाळा रण शळं र्ना उपाय ळ योजना याळर प्रकाऴ टाकणारे कोटश ् अशाळेत)

नमस्कार बरं ्-ू भगगनींनो,
आपल्या षाती आनदं घऊे शतू ्रशचं ाऱनाचा चचाा भाग -6 PDF फाईऱ देताना आम्षाऱा खूप आनदं षोत
आषे. षे शळा आपऱेच क्रे डिट आषे.
र्न्यळाद!

-शौ शगं गता पाटीऱ (मबं ई ) - 9969393583
- श्री.गणपत दशपते (मालीळािा-अषमदनगर ) - 9422855689

---------------------------------------------------------------------------------------------

भीनर बोऱॐ:

ज गततक ऩम ालयण ददन च्म श ददाक ळुबॐच्छ ।
आज एक तयी योऩ र ऊम , न शीतय बफम ट कू म .

---------------------------------------------------------------------------------------------

Ganesh Shinde

आत ऩमतं आऩण
एकभकॐ ॓ची अडलणकू बयऩूय कॐ री
चर म लऴी पक्त ऩ णी अडलूम

नको तततकी एकभकॐ ॓ची जजयलरी
आत ऩ ण्म च प्रत्मॐक थंेफ जजयलमू

र ल र व्म कयण्म तच आमषु ्म च ररम
कधीतयी झ डॐ ऩण र लनू ऩ शूम

क भ ची &एकभकॐ च॓ ी बयऩयू ट ऱ ट ऱ कॐ री
आत पक्त प्रदऴू ण ट ऱूम

एकभॐक च॓ ्म क ड्म कयत कचय च कयत आरो
आत ऩरयवय वोफत भनॐ ऩण स्लच्छ करूम

गणॐळ न .शळद॓ ॐ

---------------------------------------------------------------------------------------------

गणऩत दवऩुत:ॐ

झ डॐ अवत त प्र भ णणक

कयत न शीत वलश्ल वघ त

जॐ श त कु ऱ्श ड च रलत त

त्म च॓ ्म शी चरु ी ऩॐटलत त

चर तय आज आऩण झ डॐ र लू म .....

---------------------------------------------------------------------------------------------

Ganesh Shinde :

आजच्म वलऴम लय
भ ड॓ कल्ऩन आऩ ऩल्म
धयणीभ म ल चलण्म व ठी
व ॓ग मकु ्त्म भनभोकळ्म

---------------------------------------------------------------------------------------------

गणऩत दवऩुत:ॐ
ऩम ला यण क मका ्रभ त आरॐल्म भ न्मलय ॓न उ्ॐळून ......

व शॐफ!
शभ ऩढॐ-शरखॐ रोग नशी॓ शैं
ऩय ळ त॓ त
शभें बी ऩवद॓ श॑
तभु क्मों च शतॐ शो द॓ग
ज॓गर औय ऩश डों को कय नग॓ ।

दॐखन व शॐफ!
जफ जग॓ र ख़त्भ शो ज ए॒गॐ
शभ तमु ्श यॐ ळशय आएग॒ ॐ
औय तमु ्श य जीन
दबू य शो ज एग ।

---------------------------------------------------------------------------------------------

मलु य ज ल घ:

झ ड वलन ढग गॐरॐ
ढग वलन ऩ णी गॐरॐ
ऩ ण्म वलन ळतॐ ी गॐरी
ळतॐ ीवलन वभदृ ्धी गॐरी
वभदृ ्धीवलन व यॐ शल रददर झ रॐ
इतकॐ अनथा * लषृ तोडीन*ॐ कॐ रॐ...!!!
म्शणून तनवगा श कोऩर
ज णील त्म ची ठॐ ल यॐ...!!!
त्म व ठीच श व॓दॐळ
झ डॐ र ल झ डॐ जगल यॐ

---------------------------------------------------------------------------------------------

Ganesh Shinde:

रोक झ ड॓ तोडत त
क गद फनलत त
त्म लय शरशून
भग ल चत त
त्म ऩॐष रोक
झ डच क
ल चत न शीत

झ ड॓ ल च मर शळक

---------------------------------------------------------------------------------------------

Sangita Patil:

५ जून- ज गततक ऩम ला यण ददन....

झ ड तोडू नी, प्रदऴू ण ल ढलूनी,
क म कोणी शभऱवलरॐ?
ऩयू , दषु ्क ऱ, ल दऱ त
वलसा ्ल गभ वलरॐ…….
थ फ॓ लु म शॐ व यॐ आऩण,
करुनी ऩनु ्श लषृ योऩण.
झ डॐ र ल,ू झ डॐ जगल,ू
लवधु॓ यॐर ऩुन्श वजल.ू
ऩम ालयण च्म गुढीवग॓ ,ॐ
करू ऩम ला यण चॐ यषण.

---------------------------------------------------------------------------------------------

Sangita Patil:

दॐशद न वलऴमी एक ऩत्रक लयीर ख रीर घोऴण भर खऩू च आलडरी.

"भ झी चचत यच मर
झ डॐ नक तोडू ,

ऩुढच जन्भ
ऩक्ष्म च शभऱ र तय - - -

घयटॐ कु ठॐ फ ध॓ ू ?"

म्शणनू झ डॐ र ल झ डॐ जगल

---------------------------------------------------------------------------------------------

गणऩत दवऩतु :ॐ

नक तोडू लषृ आणण ज॓गरॐ....

कय यषण ऩम ालयण चॐ आणण आऩरॐ जीलन जग च ॓गरॐ ...

झ डॐ आशॐत आऩरॐ जील कक प्र ण ...

---------------------------------------------------------------------------------------------

आत्भ य भ जगद ऱॐ:

पक्त त्म नत॓ य

जंेव्श ळलॐ टच॓ झ ड तोडर ज ईर

पक्त त्म नत॓ य जवॐ ्श ळलॐ टच्म वलदशयीत ऩ णी

वलऴ यी शोईर

पक्त त्म नत॓ य

जवॐ ्श ळलॐ टच भ व ऩकडर ज ईर

पक्त त्म नत॓ य

तमु ्श र वभजरॐ .......

ऩ॑व ख त मॐत न शी !

---------------------------------------------------------------------------------------------

आत्भ य भ जगद ऱॐ:

आशळल ाद दॐण्म व ठी भस्तक लय
श त ठॐ ल ल
तळी झ ड॓ ख री उभ्म भ णव ल॓ य
व लरी धयीत ;
झ ड॓ आणण भ णव॓ म च॓ ्म त शोत॓
एक दशयलग य न त॓
आत भ त्र वगऱीकडॐ झ ड॓
भ णव ॓न शबऊ र गरी आशॐत .
ल य आर की झ ड॓ द खलत त
आऩण वऱवऱत्म च॓ ! ...
ऩण
खय॓ तय
भ णव ॓न ऩ शून
झ ड॓ थयथय क ऩत अवत त !

---------------------------------------------------------------------------------------------

गणऩत दवऩुत:ॐ

ऩम ला यण श॑ शभ वफ की ज न..

इवशरए कयो इवक वन्भ न ..

प्रकृ ती क भत कयो ळोऴण ...

वफ शभरकय फच ओ ऩम ालयण..

---------------------------------------------------------------------------------------------

Ganesh Shinde:

ऩ ण्म च आणण भ नलतचॐ दषु ्क ऱ म न॓ जोडत वलच य भथ॓ न तनू उभटरॐरॐ शॐ क व्म.

ऩ लव न॓तयच भ तीच ग॓ध
ऩलू ी कव आब ऱबय ऩवय मच
आत न क ओढू न फऱच॓
घॐतल्म व यख कय ल र गतो
भ णुवकीव यख

लऱीलशी कोवऱत न शी
भन ऩ वनू आत
तो शी झ र म क॓ जूऴ
भ णव च्म भन व यख

आब ऱबरून ढगशी
कधीतयीच ददवत त
ऩोकऱ आश्ल वन ॓व यखॐ तॐ शी
फयवत न शीत आत

ल य शी ऩषऩ त कयतोम
नको ततथच॓ ल शतोम
उक ड्म न॓ शॏय ण गल्रीत
ज मर च नको म्शणतोम

ज तीऩ तीच ऊन तय
इतक त ऩू र गरम॓
प्रत्मॐकच गोष्टीत
य जक यण॓ शळजू र गर॓म

म्शणूनच म्शणतो
जय भ णुवकीची झ ड॓ र ल
आऩरॐऩण च॓ ऩ णी आडल

ज तीम वरोख्म च्म लरॐ ी
एकभकॐ च॓ ्म भ ड॓ ल लय चढल

न शीतय एक ददलव श दषु ्क ऱ
आटवलर भ णवु कीर ऩ ण्म व यख
भग ट॒कयन आणत मॐईर क भ णुवकी
वलच य कय ???
क त्म तशी कोणी कयीर घोट ऱ ?

गणॐळ न .शळद॓ ॐ (य शुयी)

---------------------------------------------------------------------------------------------

आत्भ य भ जगद ऱॐ:

कधी अच नक क ऱीज पु रलून न चू र गती झ डॐ
कधी तभ लय ददलॐ भ ॓डती नव्म मुग चॐ ऩ ढॐ . ॥

---------------------------------------------------------------------------------------------

ऩौणणभा य णॐ:

झ डॐ आशॐत आऩरॐ व ॓ग ती,
दॐऊ नक त्म ॓न षती,
करू त्म ॓च्म लय प्रीती ,
तेंव्श च शोईर आऩरी प्रगती!!!

---------------------------------------------------------------------------------------------

मुलय ज ल घ:

ऩ णी गॐर खोर खोर
ऩ ण्म भऱु डोळ्म त ओर
भ णव आत तयी
शभटरॐरॐ डोऱॐ खोर

उघडी झ री धयणीभ म
एलढी तझु ी क म श ल ?
उग चच घ रत वुटर व
आऩल्म च ऩ म लय घ ल


Click to View FlipBook Version