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☆उत्कृष्ट सूत्रसंचालन☆

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Published by , 2018-09-21 07:03:17

☆उत्कृष्ट सूत्रसंचालन☆

☆उत्कृष्ट सूत्रसंचालन☆

आॉगस्ट 1947 वऩॊ णथ ब यत आनॊद व गय त डु फॊ र शोत .प्रत्मेक देळप्रभे ीचे ह्रुदम आनदॊ ने
उचफॊ ऱन ननघ रे शोते.उभ्म आमुषम च शोभ करून शज यो अव भ न्म य षरबकत नॊ ी श देळ
घडलर . अळ प्रक ये उघड्म डोळ्म ॊनी वमभथ ॊडऱ र श त घ र ऩ शण -म , भ तबृ सभच्म
भुजकतव ठी आऩरे वलसथ ्ल शोभ मर ननघ रेल्म आझण जीलतॊ ऩणी भतृ ्मुर जीकॊ न य शीरेल्म
ध्मेम धदॊु क्र नॊ तक यक नॊ , त्म चॊ ्म श्रध्देर , आलगे र ,ऩय क्रभ र भ झे र खर ख प्रण भ!

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आत्भ य भ जगद ऱे:
झडण यी ऩ रली ऩुन्श भोशय ली
वुकरेरी पु रॊ शी ऩुन्श टलटलीत व्श ली
जीलनरुऩी फॊध ऱ्म तन
वसॊ ्क य ॊचॊ ऩ णी व्श लॊ
वॊस्कृ तीचॊ जतन कयण्म व ठी
प्रत्मेक ब यतीम नॊ ऩढु ॊ म लॊ
तय चॊ आऩल्म स्ल ततॊ ्र्म रढम र अथथ प्र प्त शोईर !

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Harsha chaudhari

देळ भये मे वफवे न्म य
ककतन वॊुदय ककतन प्म य
ऩलतथ उॊ चे इवकी कयते शै यखल री
रॊफीरॊफी नददम ॉ इवकी
पै र एॉ शरयम री

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वलु ण थ भॎभ:
जे वीभले यती रढ ती ,
द नशी देती प्र ण ॊचे
वलवरु नक कधीशी,
फसरद न जल न ॊचे

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आत्भ य भ जगद ऱे:
भ तीत प्र ण ओत ,
ददु थम्म आव आशे
गौयलळ री ब यत च
भज गचयॊतन ध्म व आशे

दळददळ ओर ॊडण यी
शी गरुडझऩे आशे !

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Harsha patil
खन जजवने शै ददम
जशय जजवने शै वऩम
जजवने की जजद् देळ की ख नतय
खदु को जजवने रटु ददम
चरो नभन उन्शे ळतफ य कये

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वुलण थ भॎभ:
झजॊु य ऩतु ्र देळ च,े
मुद्ध च्म क भी आरे.
स्भयण य शु दम ननत्म
म ळय वलय चॊ े ननसभत्त,
आशे आज स्ल तॊत्र्मददन च.े

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Ganesh Shinde:
धभ शथ ुनी श्रेषठ जो देळ व आऩल्म वभजर

भ न आम्शी क शी त्म र च धभथ वभजर

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नकपव क झी:
ज न तो कय दी शभने लतन के न भ ऩय ,ळ न तो कय दी शभने लतन के न भ ऩय,कु फ नथ नमो
वे ऩ ई शै शभने आज़ दी ,शभ य लतन तो र खों भें एक शै ,आन बी कय दी शभने लतन के
न भ ऩय।

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गणऩत दवऩतु े :
आईने आऩल्म भरु चे द न ददरे...

वलल शीतने े आऩरे वौब ग्म ऩण र र लरे..
तरुणीनी शी ळस्त्र ध यण के रे...

देळ र च आऩर द गगन भ नरे...

तेव्श स्ल ततॊ ्र्म उदम व आरे...

स्ल तॊत्र ददन च्म ळुबचे ्छ ....

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वलु ण थ भॎभ:
घोडनदी क धो धो ऩ नी
शभ वफ रोग दशदॊ सु ्थ नी
दशदॊ सु ्थ न शै शभ यी ळ न
कमोकी भेय ब यत देळ भश न

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उभ भॎडभ:
दे वर भी ईव नतयॊगे को, जो शभ यी ळ न शै, वय शभेळ
ऊॉ च यखन ईवक , जफ तक ददरभें ज न शै…

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Ganesh Shinde:
भन त आभच्म तऱऩत आशे
दशदॊ बभीच त य
तऱऩत य शीर वदैल नब गॊ णी
ध्लज नतयॊग प्म य

देऊ फसरद न म जव ठी
श्रभद न ते म जव ठी
ळत्रच्म नयडीच घोट
घेऊ आम्शी देळ व ठी

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90496 205 :
म तो इव सभट्टी भें फशुत वे रोग भयते शै|रेकीन ळशीद लशी कशर ते शै, जो इव देळ के
ख तीय भयते शै|
ळशीद ॊच ऩरयचम देत ॊन ल ऩयत मेईर.

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नकपव क झी भॎभ:
लतन शभ य ऐवे न छीन ऩ मे कोई;रयश्त शभ य ऐवे न तोड ऩ मे कोई;ददर शभ ये एक शैं
एक शै शभ यी ज न;दशदॊ सु ्त न शभ य शै शभ शंै इवकी ळ न।ळबु गणततॊ ्र ददलव।

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Ganesh Shinde:

ळशीद शोऊ देळ व ठी
भरू ऩुन्श अलतरू
ळतजन्भ घेऊनी आम्शी
ब यतबर स्भरू

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गणऩत दवऩतु े :
ददव्म वलन ल त अन ् ल तीवलन ददल ,
देऊ ळकण य न शी
कधी, प्रक ळ जो शल ...

प्रक ळ व ठी ल तीनशॊ ी कय मचे अवत त चटके वशन,

वद्गुण चॊ ्म जमोतीनॊ उजऱ मचॊ अवतॊ ददव्म चॊ अॊगण...

अळ शज यों ददल ल तीचॊ ्म आलरीनॊ नषट शोतॊ क ऱोख चॊ य न, ....

वभ ज घडतो षणोषणी ठे लन प्रक ळभम वलक व चॊ ब न...

चर आऩणशी घेऊ म देळवलक व ची आन ..

आऩर देळ वुजर भ वपु र भ कयण्म ची प्रनतस करू म आज ...

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Ganesh Shinde:

देळ व ठी जन्भ आभुच
देळ व ठी भयण य
आऩल्म ननत्म कभ थने
वेल ती कयण य

अन्न ख तो देळ चे म
शल ऩण वऩतो
उब जन्भ देळ तीर
ऩ णी आम्शी वऩतो

कृ तद्ण्मत यकत त आभुच्म
न शी कु ठे झुकण य

वॊकट मेत ध लन आम्शी
अटके ऩ य ज ण य

ल यव आभच बगतसवगॊ च
आदळथ आशे सळलय म च
त ठ कण प्रत ऩ य ण
कधी कु ठे न ल क म च

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Vikram Sir:
"कळ व आई सबजवलळी डोऱे उजऱ तुझे ब ऱ,य त्रीच्म गब थत अवे उद्म च
उऴ्क र.वयण लयती आज आभची ऩटे त च प्रेते त्म जल र तनु उठतीर ब ली क्र तॊ ीचे नेते"
अळ प्रक यचे क्र तॊ ीवुकत गीत ओठ भध्मे बरून,ऩोट तीर आग डोळ्म भध्मे आणन,इन्कर फ
जजदॊ फ द म्शणत म्शणत, आऩल्म ननधड्म छ तीलयती गोळ्म ॊचे लऴ लथ झरे त झरे त आऩल्म
ब यतभ तेर ब्रब्रटीळ ॊच्म जोखड तन भुकत कयण्म व ठीआनदॊ ने प व चे त ईत आऩल्म
गळ्म बोलती आलऱुन घेतरे त्म शज यो देळफ धॊ ल ॊन वलनम्र असबल दन करून आजच्म
क मकथ ्रभ र वुरूल त करूम

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ददरळ द वय्मद
श देळ भ झ।् शम चे ब न ् जय वे य शु दम ये जय वे य शु दम श उॊ च दशभ रम भ झ।् श
वलळ र व गय भ झ।् जम ॊच आल ज़ च ॊगर अवरे त्म नी शे गीत म्शणन प्रस्त वलक करू
ळकत त

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सळदॊ े भॎभ अ.नगय

थोय भश त्भे शोऊन गेरे चयीत्र त्म ॊचे ऩश जय
आऩण त्म चॊ ्म वभ न व्श ले श ची व ऩडे फोध खय

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वगॊ गत बॊडे :
भ झ्म देळ ची फ ई
क म लण लथ ी भशती
जनजन च्म भन त

.ल शे ऐकम ची शो नदी
श त भदतीचे शज य

कोणी न शी इथे
. रचय
वलथ धभथ ऩॊथ ज ती
एकवघॊ न दॊती
ध्लजनतयॊग दशभसळखयी
पडकती
नतयॊग आन फ न ळ न
. शे भये ी
शे फ र भन भन त
गुजॊती.

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गणऩत दवऩतु े :

आत आम्श ॊ नको बदे ...

ज ती धभ चथ भध्मे नको छेद..

आत सरश देळ वलक व च नल लदे ..

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Ganesh Shinde:

ब यतल वी आम्शी व ये
जमदशदॊ चे देऊ न ये
देळ आऩरु एक अवत
बदे ब ल चे नकोत ल ये

दशदॊ ु भसु ्रीभ ळीख ईव ई
क भ कय ये एकच ब ई
ब यतबभीची ककती
भग जग व ये ग ई

एकच शल आभच धभथ
भ नलतचे ॅे े व्श ले कभथ

एकतने े सभऱल आम्शी
क्रभ कॊ एक शेच लभथ

क भ अवो कोणतशे ी
देळवले शीच ब लन
ब ऴ प्र ॊत ऩॊथ वतॊ
अन ् लेऴ लगे ऱे अवत न

शटल व य दशळतल द
प्र ॊतल द अन ् ब ऴ ल द
ब यभ त की जम च
एकच न द एकच व द

गणेळ न .सळदॊ े (य शुयी)

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गणऩत दवऩतु े :
स्ल ततॊ ्र्म च यणवगॊ ्र भ ऩेटर ..

देळ ऐकम व ठी प्रत्मेक जण झटर ..

म्शणन ऩ यतॊत्रम च अधॊ य सभटर ..

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गोये क ॊचन:
मसी जम ॊनी देउनन ननजसळय
घडडरे भ नलतचे े भदॊ दय
ऩरय जम चॊ ्म दशनबभीलय
न शी गचय न शी ऩणती
तेथे कय भ झे जुऱती

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Ganesh Raut:
कु छ नळ नतयॊगे की आन क शै,
कु छ नळ भ तबृ सभ की भ न क शै,
शभ रशय मगंे े शय जगश मे नतयॊग ,
नळ मे दशन्दसु ्त न की ळ न क शै….

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ऩुषऩ ॊ ग मकल ड :

Ohh India oh my India I love u oh my india bay of bengol indian ocean. arebean

sea is near my nation. ........... great himalayas heart of nation ........ganga jamuna daughters

of india .....oh India oh my india ...I love u oh my india...

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Ganesh Raut:

इतनी वी फ त शल ओॊ को फत मे यखन

यौळनी शोगी गचय गों को जर मे यखन

रश देकय की शै जजवकी दशप जत शभने

ऐवे नतयॊगे को शभळे ददर भें फव मे यखन

...म च उद त्त आळे वश स्भयण करुम त्म देळबकत ॊचे ऩढु ीर गीत तुन..

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आत्भ य भ जगद ऱे:
आम्शी देळ च्म वऩु त्र कन्म , दशदॊ बभीचे न ल ग जल I
वत्म ळ तॊ ीच , सभत्रत्ल च जगत त वदॊ ेळ ऩोचल॥

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Ganesh Raut:
भोशब्फत क दवय न भ शैं भेय देळ
अनके ो भें एकत क प्रनतक शंै भेय देळ
चदॊ गयै ों की वनु न भुझे गॉल य नशीॊ
दशन्द शो म भजु स्रभ वबी क प्म य शै भये देळ

स्लततॊ ्रत ददलव की फध ई

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आत्भ य भ जगद ऱे:
इॊद्रधनचे यॊग लेगऱे , तरयशी त्म ची एक कभ न
वलसबन्नतते शी देळ ग त वे , एकत्ल चे गीत भश न ॥

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ऩषु ऩ ॊ ग मकल ड
भ झ देळ भ झ भ न
तोच आशे आभची
आण फ ण ळ न

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गणऩत दवऩतु े :
स्ल तॊत्र्म सभऱलण्म व ठी जम ॊनी श ती घेतर शोत झेंड ...

ते सभऱलणे श च शोत त्म चॊ अजेंड ...

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Ganesh Raut:
लतन के यखल रे शैं शभ
ळये -ए-जजग़य ल रे शंै शभ
भौत वे शभें कमों डय रगगे
भौत को फ ॉशों भंे ऩ रे शैं शभ

जम दशन्द लन्दे भ तयभ

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वभायोऩ

-------आनदं घेऊ वतू ्रवचं ारनाचा-------

बाग-11

ददन ॊक:- 10-6-2016 लऱे :- व म 6 ते 10

आजचा वलऴम:- रग्न वोशऱा/ळबु वललाश वभायंबातीर कामकय ्रभात काम ल कवे फोरता मेईर
ककं ला कोणते कोटव ् (ओऱी) अवाव्मात? ....

(पक्त कक दोन ओऱी्मा ळुबे्छा नकोत)

नभस्काय फधं -ू बगगनींनो, देताना आम्शारा खऩू आनदं
आऩल्मा शाती आनदं घेऊ वतू ्रवचं ारनाचा चचाय बाग - 10 PDF पाईर
शोत आशे. शे वलय आऩरचे क्रे डिट आशे.

धन्मलाद!
-वौ वगं गता ऩाटीर (भफंु ई) - 9969393583
- श्री.गणऩत दवऩतु े (भाऱीलािा-अशभदनगय) - 9422855689

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देल जी ऩ टीर:

रग्न म्शणजे....जुऱरेरे फॊध
रग्न म्शणज.े .....नले अनफु ॊध!!

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भीनर बोऱे:

श स्नशे फधॊ आऩुर , देल जी ऩ टीर: रग्न म्शणजे....जऱु रेरे फॊध
रग्न म्शणज.े .....नले अनफु ॊध!! आज झ र , .........................
आरे मभऱोनी व ये, म रृद्म वोशळ्म र || ध्रु ||

वौब ग्म र ब झ र , जऱु रे नवलन न त,े
दोन्शी कु र त आशे, कु रदैल न भ ग त,े
कु रस्ल मभनी कृ ऩेने, श दैली मोग आर || १ ||

शे ऩणु ्म रुख्मभणणच,े स्नेश र्द्र ऩ ॊडु यॊग,
वोनर व तैव ळोब,े ऩय गशी श्रीयॊग,
यघुनदॊ न नभनु ी, लॊदु गज नन र || २ ||

भधकु य ककयण ॊनी, वोनर व न व जे,
वुश वलखृ ्तत म्शणनु ी, ऩय ग कीर्तर ग जे,
लऴ रल अषत ॊच , दे वौमम उबमत र || ३ ||

लयभ ई क ॊचन ई, कृ तकृ तम आज झ री,
लधभू म शी वऴु भ , भनी धन्म धन्म झ री,
र गो न दृष्ट ऐळ , वुखनलै फॊधन र || ४ ||

नेले कु टुॊफे दोन्शी , आदळ,र वसु , गुणी,
भौख्ततक वोनर शी, ऩय ग भरे ुभणी,
घ्म व ष ऩ यखनु ी, आनदॊ द्म ददठीर || ५ ||

गशृ भॊददय तर जो, ल तवल्ममवधॊ ू ठे ल ,
थोय वी र्नत ऩजु नु ी, शोइर तम ॊची वेल ,
शी आण घेउर्नशी, व्श मवद्ध प्रऩचॊ र || ६ ||

ववॊ य लेमरलयती, पु रतीर यम्म वभु ने,
ती लेचण्म अधधय, दोन्शी आजम ॊची भने,
व भर्थमलर न दोघी, वॊस्क य अवऩणर ्म र || ७ ||

आर त स्नशे ीजनशो, घेउनी स्नेश व य ,
आऩुल्म च आमळऴ न,े पु रण य श वऩव य ,
मेइर तोधच क भी, ववॊ य फशयण्म र

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Ganesh Shinde:

षण वौमम च आनॊद च
भनोभीरन ऩरयल य च
आळीलचर श स्नशे ीजन ॊच
लऴ रल श ळुबेच् ॊच

देल जी ऩ टीर:

वलल श म्शणजे दोन जील ॊचे भधयु मभरन.
वनई चौघडम ॊचम भॊजऱु स्लय त नलजीलन त के रेरे ऩद ऩणर .वखु स्लपन चॊ म ऩ कळ्म चॊ े न जूक
उन्भीरन.
व वय भ शेयचम न तम ॊची
भगॊ ऱवुत्र त के रेरी ऩवलत्र गुॊपण
म व ठी शल आमळल रद आणण ळुबेच् ॊची यम्म ऩ खयण
म्शणून म प्रवगॊ ी लधू लय ॊव ळबु ेच् ल आऩण वल ांचे वसु ्ल गतभ वसु ्ल गतभ!!!

गणेळ ग मकल ड:

रग्न रग्न रग्न म्शणजे क म अवतॊ ?
तम चम भन तीर वलच य ॊचे
र्तचम चशे र्म लयचॊ प्रर्तबफफॊ अवतॊ
र्तचम प्रश्न आधी तम चॊ
उततय तम य अवतॊ
रग्न रग्न म्शणजे क म अवतॊ ?
तम र र गत च ठवक
र्तचम डोळ्म त ऩ णी तयऱतॊ
र्तर र गत च ठे च
तम च भन कऱलऱतॊ
रग्न रग्न म्शणजे क म अवतॊ ?
र्तने चश के र तयी
तम र वयफत शलॊ अवतॊ
तम ने गजय आणर की नेभकॊ
र्तर फ़ु र शलॊ अवतॊ
रग्न रग्न म्शणजे क म अवतॊ ?
तम चम फके पकीयीर
र्तचम ज णील ॊच कोंदण अवतॊ
र्तचम खच रर तम चम णखळ चॊ आॊदण अवतॊ
रग्न रग्न म्शणजे क म अवतॊ ?
तम चम चकु नॊ र्तचम ऩदय चॊ ऩ ॊघरुण अवतॊ
र्तचम द्ु ख र तम चम ख ॊद्म चे अथॊ रुण अवतॊ
रग्न रग्न म्शणजे क म अवतॊ ?
कधी वभझॊत तय
कधी ब डॊ ण आवतॊ

तो धचडर तयी
र्तने ळ तॊ यश मच अवतॊ
कऩ तल्म ल दऱ र
चश फयोफय वऩॊ ल मच अवतॊ
रग्न रग्न म्शणजे क म अवतॊ ?
कधी दोन भन ॊच मभरन अवतॊ
तय कधी दोन जील चॊ ब डॊ ण अवतॊ
एक नॊ वलस्कटरॊ तयी दवु र्म ने आलय मचॊ अवतॊ
वॊकट चम ल दऱ र द य तच थोऩल मचॊ अवतॊ
रग्न रग्न म्शणजे क म अवतॊ ?
प्रेभ चॊ ते फॊधन अवतॊ
घय चॊ ते घयऩण अवतॊ
वलध तम र ऩडरेरे
ते एक वदॊु य स्लपन अवत

रमरत कोऱलरे-ज धल:

वलल श म्शणजे एक ऋण णफु धॊ ची ग ठबेट...
जीलन पु रलण य दोन ऩरयल य चॊ आनॊदोतवल....
आऩल्म व ख्न्नध्म त श आनदॊ ोतवल व जय व्श ल ल ्
नलद ऩॊ ततम व आऩरे ळबु ळील दर मभऱ लेत शीच वददच् ...

भीनर बोऱे:

वखु द:ु ख त भजफूत य दशरी
एकभके चॊ ी आऩव तीर आऩरु की
भ म भभत नेशभीच ल ढत य दशरी
अळीच षण षण र
तुभचम वॊव य ची गोडी ल ढत य शो,रग्न चम खऩू खऩू ळुबेच्

भीनर बोऱे:

तभु चम प्रभे र अजून ऩ रली पु टू दे
मळ तुभ र बय बरून मभऱू दे
रग्न चम भन ऩ वनू
श ददरक ळबु चे ् !!

Vaishnv Kullarn :

लधु आणण लय जणु क जु आणण भनकु जोड ब यी आजच वुयल त झ री म येळीभ ग ठीर
एेके भंेक लय प्रभे कयती रमब यी जन्भोजन्भी अव च वशल व र बो भस्त जोडीर शीच
ईश्लय चयणी प्र थनॉ

रमरत कोऱलरे-ज धल:

वलल श..!!
आमुष्म तीर एक भोशक लऱण....
अजून ऩुयेव ऩरयचम न झ रेर ...
तयीशी शव्म शव्म ळ ल टण र्म आऩल्म जोड़ीद य चम श त भधे श त देलनू
आमषु ्म ची नव्म ने वरु ुल त कय मची अवत.े ..
अळ प्रवॊगी तम ॊन जरूयी अवते ती वददच् ची ल ् आळील रद ची....
तम व ठीच आऩरी उऩख्स्थती शोती अगतम ची....
ती उऩख्स्थती आऩण दळलर रीत...

ळतळ् आब य

भीनर बोऱे:

शे फॊध येळभ चे एक न तम त गुॊपरेरे
रग्न , ववॊ य आणण जफ फद यी ने पु ररेरे
आनॊद ने न ॊदो ववॊ य तभु च ....
रग्न चम श ददरक ळुबेच्

गणऩत दवऩतु े :

वलल श म्शणजे दोन जील ॊचे भधयु मभरन ..

वनई चौघडम ॊचम भजॊ ऱु स्लय त
नव्जीलन त के रेरे ऩद ऩरण ..

वखु स्लपन ॊचम ऩ कळ्म ॊचे न जकू उन्भीरन ..

व वय -भ शेयचम न तम चॊ ी
भॊगऱवतू ्र त के रेरी ऩवलत्र गुॊपण
म व ठी शल ळुब आळील दर आऩर ...

आतभ य भ जगद ऱे:

गणऩतीव आल शन !
ऩरयल य वश अलश्म म ले , रग्न र भगॊ रभूती
गणन मक म वलघ्नशय म . द्म वगऱम नॊ नल स्पू ती !
बतत लतवर गणेळ रुऩ ने भन भन लय य जम कय
गज नन वी आल शन करूनी , ळुब वोशऱ प्र यॊब कय !

आतभ य भ जगद ऱे:

ऩ ऊव षण च ऩण ग यल क मभच
बेट षण ची ऩण भैत्री दोन जील चॊ ी
भशु ूतर षण च ऩण न ती आमुष्म ची
आऩर वशब ग षण च ऩण आमळल रद क मभच !

Ganesh Shinde:

स्ल गत आशे शे वकर जन ॊचे
भॊडऩ तल्म स्नशे ी जन ॊचे
आऩरु कीने श त जोडोनी
स्ल गत दोन्शी ऩरयल य ॊचे

रमरत कोऱलरे-ज धल:

ओॊजऱीतल्म न जुक पु र प्रभ ण,
आमषु ्मबय जऩरेरी र ड़की रेक....
क रऩयल अगॊ ण त खेऱण यी,फ गड़ण यी...
आज अच नक त टव्म तीर ळले यीप्रभ णे भोठी झ री...
ती आत नव्म ऋण नफु ॊध चम येमळभग ठीत फद्ध शोतेम...
एकीकडे कन्म द न चम कतवर ्मऩूर्तचर आनॊद,
तय दवू यीकडे रेकीचम वलयश ची शुयशुय...
दोन लगे लेगळ्म ब लन ॊच वुयेख मभर प व धण य षण मेतोम....
----- ल ् -----
ऩरयल य चम आमुष्म त वलल श भशु ूतर फननू ....
आऩल्म आळील दर चम रुऩ नॊ श षण भगॊ रभम व्श ल ....

भीनर बोऱे:

भधयु षण चम शऱव्म भन चॊ म शऱव्म ओल्म आठलणी
वयरे लऴर तयरतचे े ते कऱरेशी न शी ...
न तम च गोडल जऩ ल अव च तुम्शी
ळुबचे ् ची ऩखयण कयतो आज आम्शी ...
त टव्म त पु र लेत षण प्रीतीचे नव लते तेथे क टे कु णी
यथ दौड ल ददभ ख त ऩरय नव ले कु यकु यण ये च क कु णी ...
वत य ्े डत दो ह्रुदम नी तयॊग उभट ले तन भन लय
अवे ऩयस्ऩय चॊ े येळभी न ते वुखे न ॊद ले म अलनीलय ...

Ganesh Shinde:

जीलन तर भगॊ र षण
दोन ऩरयल य ॊचे भीरन
आज शोण य व ष आऩरी
आळील रद ची धय व लरी

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मभनर बोऱे:

क शी न ती पु रल मची भोय वऩव र्म व यखी,
क शी न ती जऩ मची बफल्रोयी कॊ कण व यखी,
क शी न ती व ॊब ऱ मची भन चॊ म कु पऩीत अततय व यखी
अळी न ती दृढ शोऊन वऩॊ न्न शोण य आशे श ळुबवलल श वोशऱ !!!''

भीनर बोऱे:

रग्न ची नशे भीच अऩलू ईर
वॊव य लेरीलय उभरतीर आत ज ई आणण जईु ...
वपतयॊगी इॊर्द् धनषु ्म ची यॊगत म ली वशजीलन त
ळबु चे ् चे क यॊजे आभचम प्रतमेक चम भन त...
एक भधयु स्लपन अलतय ण य आत वतम त
एक रोबव जोडपम ची ल ट ऩ शतोम आम्शी घय त ...
वभ ध न चम लरे ी आणण ल शती वौमम चे झये
श दीक ळुबचे ् देण्म व आज आतयु आम्शी व ये !!!

अनके ोततभ भधयु आणण वुखद ळबु ेच् **

भीनर बोऱे:

न ती जन्भोजन्भीची,

ऩयभेश्लय ने ठयलरेरी,

दोन जील ॊन प्रभे बयल्म
येळीभग ठीत फ ॊधरेरी…

… प्रभे चॊ तवचॊ न तॊ,

शे तुम्श दोघ चॊ म वॊव य चॊ गवु ऩत

वुखद्ु ख त भजफतु य शीरी
एकभेक ॊची आऩ ऩव तीर

आऩरु की, भ म -भभत नेशभीच ल ढत य शीरी

अळीच षण षण र

तभु चम ववॊ य ची गोडी ल ढत य शो

भीनर बोऱे:

नलजीलन ची नली ऩश ट
वोनेयी ककयण नॊ ी न शरी

भौन स्लय ॊची भौन ब ऴ
षण ॊत ऩयी ती उभगरी
धचफॊ धचफॊ भन भोशयत
प्रीत भेंदीत मबजरी
नकऱत शरके शरके
प्रभे फधॊ न वलणून गेरी ...रग्न चम श ददरक ळुबचे ्

वौं कोंडवकय भॎडभ:

रग्न म्शणजे प्रल व दोन भन ॊच । प्रल व रोचन तीर तम भोशक ब लन चॊ ,कऱतनकऱत
झ रेल्म तम अफोर बटे ीच । प्रल व डोळ्म तीर वपतयॊगी ब ल ओठ ऩमतंा मणे ्म च , मभरन व ठी
आतयू रेल्म दोन ह्रुदम चॊ । वुगधॊ ी पु र ॊचम भडॊु लळ्म ने वजरेरीत!ू श त ऩ म लयचम तऱव्म
लयीर न जुक नषी तुर व गॊ त आशे, "चर ऩढु े शो " प्रभे चम न जुकनज कतीन,े भंेदी ब यल्म
अरगद ऩ लर ॊनी,वप्रमवमम र आऩरेवे कय। र जेच घगुॊ ट ओढरेल्म तझु ्म म ऩ ऩण्म
नजयेचम कॊु चल्म ने जमभनीलय उदम चम वदुॊ य ववॊ य ची ,बवलतव्म ची धचत्र येख टण्म त दॊग
आशेत. ऩण फेट ! तुझीशी स्लपन, तुझ तुझ्म ववॊ यतीर अख्स्ततल दठऩतम दठऩतम ने जोडत
व क यण -म य ॊगोऱी व यख अव ल! प्रेभ वन्भ न शे आशेत, डोंगय तुन मभऱण ये प्रर्तव द,
प्रर्तव द व ठी घ र ली रग ते प्रथभ आऩल्म च ओठ तून व द। तुझ्म नल जीलनीच श आयॊब
अऩरयमभत शऴ रच । वोनेयी बफरोयी स्लऩन ॊचम लख रच शोलो! तभु चम म आयॊब व आभचम
गोडगोड ळुबेच् !

भीनर बोऱे:

भफु यक शो आऩको एक नई ख्जदॊ गी;
खमु ळमों वे बयी यशे मे नई ख्जॊदगी;
गभ क व म कबी आऩ ऩय न आमे;
शभेळ आऩ दोनों खरु कय भसु ्कु य एॊ।
आऩको ळ दी की श ददरक ळुबक भन एॊ!

भीनर बोऱे:
ळ दी भुफ यक शो पम य शी पम य तुभको मभरे;
ददर वे दआु शै मे भेयी पम य व वॊव य तुभको मभरे;
ककस्भत मभरे ऐवी नवीफ वे कक वफ देखते यश ज में;
च ॊदनी शो शय य त तेयी तुझे शय ददन फश य मभरे।

उभ भॎडभ:

रग्न रग्न म्शणजे क म अवतॊ?...
आनॊद च उध ण अवतॊ ,जफ फद यीच ल ण अवत.ॊ ..
रग्न रग्न म्शणजे क म अवतॊ?...
ऩ ऩण्म त रऩरेल्म र्तचम नजयेच तम चम कडे फघनू
र जण अवत ...
रग्न रग्न म्शणजे क म अवतॊ?...
कऩ ऱ लयीर कॊु कल र वौब ग्म च भ न अवतो ....

रग्न रग्न म्शणजे क म अवतॊ?...
वनईचम भखभरी वुय त वलदशणीचम रुवव्म च
लगे ऱ च नयू अवतो....
रग्न रग्न म्शणजे क म अवतॊ?...
ऩतीभ गे ऩ ऊर ट कण्म र्म भन त व शचम चर वुॊदय
जीलन अवतॊ ...
रग्न रग्न म्शणजे क म अवतॊ?...
र्तचम के व त गजय भ ऱण य तम च प्रेभऱ श त
अवतो.. ...
रग्न रग्न म्शणजे क म अवतॊ?...
य तय णीचम दयलऱण यम वुगधॊ त न्श मरेर श्रगॊु य
अवतो ....
रग्न रग्न म्शणजे क म अवतॊ?...
बयजयी ळ रूर भेंदीच गॊध ल तम चम प्रेभ च ्ॊ द
अवतो....
रग्न रग्न म्शणजे क म अवतॊ?...
घय र घयऩण आणण शलशलवॊ ल टण ये फॊधन अवतॊ .....
रग्न रग्न म्शणजे क म अवतॊ?...
बयकटण र्म भन र व लयण य श त
अवतो,देलघय तीर ख्स्नग्धतेच व थ अवतो ....
रग्न रग्न म्शणजे क म अवतॊ?...
आई,लडीर,ब ऊ,फदश ण म न तम चॊ
ऩम रमअवतो,जीलन च यॊगरेर वुदॊ य ड ल अवतो....
रग्न रग्न म्शणजे क म अवतॊ?...
तम चम र्नष्क ऱजी स्लब ल र र्तचम
जफ फद यीच कोंदण अवतॊ आणण र्तचम खच रर
तम चम णखळ च आदॊ ण अवतॊ .............
रग्न रग्न म्शणजे क म अवतॊ?...
तम चम चकु ॊन र्तच ऩदय आणण र्तचम द:ु ख र
तम च ख ॊद अवतो.....
रग्न रग्न म्शणजे क म अवतॊ?...
तो धचडर तयी र्तने ळ तॊ य श मचॊ अवतॊ,कऩ तल्म
ल दऱ र चश फयोफयच वॊऩल मचॊ अवतॊ .....

रग्न रग्न म्शणजे क म अवतॊ?...
आनदॊ च उध ण अवतॊ ,जफ फद यीच ल ण अवत.ॊ ..

भीनर बोऱे:

आऩकी जोड़ी वर भत यशे;
जीलन भंे फळे भु य पम य फशे;
शय ददन आऩ खळु ी वे भन मे;
आऩको ळ दी की ळबु क भन ए!ॊ

भीनर बोऱे:
स्लगर भंे तम शोते शंै रयश्ते
वुन शै ऐव , वफ कशते शैं,
जन्नत व घय उनक जो
इकदजू े के ददर भंे यशते शैं !

जीलन ककतन वून शोत
तभु बफन वच शी शभ कशत,े
खमु ळमों की इक ग थ उनभंे
आवॊ ू जो फयफव फशते शंै !

श थ थ भ कय रीॊ थीॊ कवभंे
उव ददन ख्जव ऩ लन फरे भें,
वद र्नब म वशज शी तुभने
ऩेऩय ऩय मरख कय देते शैं !

कदभ-कदभ ऩय ददम शौवर
प्रभे क झयन फशत यशत ,
ऊऩय कबी कु श व बी शो
अतॊ य भंे उऩलन णखरते शंै !

नशीॊ यशे अफ „दो‟ शभ दोनों
एक शी वयु इक शी ब ऴ शै,
एक दजू े वे ऩशच न फनी
वगॊ -वॊग शी ज ने ज ते शैं !

आज मश ॉ आकय ऩशुॊचे शंै
जीलन क यव ऩीते-ऩीते
कर बी व थ र्नब एॊगे शभ
ऩलन, अगन, वयू ज कशते शंै !

वुज त ऩयु ी:
वलल श! स्री ची जीलन वयीत एक वभथर आणी वफरॊ ऩरु ूऴ चम भश व गय र ज ऊनॊ मभऱते
...ते वॊस्भयणीम लऱण..एक स्री चम उभरेल्म वुगधॊ ीत ऩुष्ऩ ची व वयचम भ णव चॊ म
भ मरके त वयू ेख गूॊपण.....

भीनर बोऱे:
" जीलन डोय तमु ्शी वॊग फ ॉधी "

जीलन के अरॊ ्तभ चयणों तक जो व थ शभ य र्नब त शैं--
जीलन -व थी लशी कशर त शैं !
जीलन व थी लशी कशर त शैं !
जीफन की नमै को जो ऩ य रगत शैं --
जीलन व थी लशी कशर त शंै !
जीलन व थी लशी कशर त शैं !
जफ -जफ भझु ऩय द्ु ख आम तो ,
तुभने भये व थ ददम ,
शय भखु ्श्कर आव न कय दी ,
जीलन को गुरज य ककम ---!

व त जन्भो के इव रयश्ते को ,
व जन तभु ने न भ ददम !
भये ी शय अनदेखी गरती को .
प्रीतभ तभु ने भ न ददम ---!

य नी भुझको फन कय अऩनी ,
भभत क वौब ग्म ददम --!
शय ऩर भये े तन के वखु ऩय,
अऩन जीलन त य ददम --!

भझु वे ळरु ू शोती शैं उनके जीलन की शय खमु ळम ॉ !
भझु ऩय शी खतभ शोती शैं उनकी इच् औय यॊगीर्नम ॉ !
ऐवे जीलन व थी को यफ ने भुझ ऩय ल य ददम --!

दरु ्नम ॊ की शय यस्भ र्नब कय ,
जफ उनवे न त जोड़ थ ,
तम ऩत थ जीलन के इव अख्ग्न -ऩथ ऩय --
वॊग -वॊग चरन भखु ्श्कर शोग ,
अगॊ यों वे बयी जभीॊ शोगी ,
औय झरु वत आवभ न शोग ,
ऩय, तमु ्श ये व थ ने वप्रमतभ शय भखु ्श्कर को आव न ककम --!

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रुधचत कोंडवकय:

अगॊ ण तीर आठलणी अगॊ ण तच ठे ल मचम , आणण दयु लय कोठे तयी उडू न ज मच कोण चम तयी
जीलन त व भ लण्म व ठी,रश नऩणीच अगॊ ण षण त वलवय मच ते वशजीलन च अथर
ज णण्म व ठी,म च न्म म न शऱदीचम ऩ लर ॊनी,भेंदीबयल्म नख नॊ ी नटु नवजुन आईलडीर ॊनी
ठयलरेल्म जोडीद य फयोफय वपतऩदी घ रून जेव्श तू आभचम तनू र्नघुन ज ळीर, तम लऱे ी ल ईट
ल टेर ,

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Ganesh Shinde:
फदर जय रग्नप्रथ
व लध न व्श ये
D J लय न चण -म ॊन
कोणी तयी आलय ये

भडॊ ऩ त ल ट ऩश त
फवरी व यी भॊडऱी
फधे दॊु ऩणे न चत शेत
व यी मभत्रभॊडऱी

नक उचरु लधू लय ॊन
नव्शे आऩरी वॊस्कृ ती
लेडे च ऱे कयण्म ची
दयू पे क वलकृ ती

ऩॊगतीत व लक ळ जेल
उष्टे ट कू नक ये
जग गेर चरॊ ्द् लय
आत तयी वधू य ये

नको रूवल ब ॊड ब डॊ ी
वन्भ न द्म लधऩु ष र
तम नॊ ी भोठ उऩक य के र
ऩोयगी देऊन तुम्श र

गणेळ मळदॊ े (य शुयी )

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मभनर बोऱे :
आवभ न क च ॉद तये ी फ शो भे शो,
जो बी तू च शे लो तये ी य शो भे शो,
शय लो वऩन शो व क य जो आऩकी आखॉ ो भे शो,
खळु नवीफी की शय रकीय आऩके श थो भे शो....ळ दी भफु यक शो

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वॊधगत भॎभ :
रग्न म्शणजे एकभके ॊचे

भन वभजनू घेण
फदॊ भुठ्ठीत क म अवरे
म ने ददर धडकण
रग्न म्शणजे कधी

भमवब
कधी च कोयीची लदशल ट

रग्न म्शणजे व द
घ रण

शलॊ नको फघण
रग्न म्शणजे एकभेक चॊ

वन्भ न कयण
दोघ ॊचशी न ल जोडीन

घेतर ज ण
रग्न म्शणजे कु टूॊफ

गणगोत
एकभेक चॊ म भम रद
वभजनू घेण
रग्न म्शणजे ऩयस्ऩय ॊन
. पु रलणॊ
एकच ग ण दोघ चम

गऱम त उभरण
रग्न म्शणजे मवरेडयॊ

फदरण
कधी ऩव य व लयण.
रग्न म्शणजे ऩ लव ऱी
आब ऱ तीर थडॊ ग यल
कधी फोचण य ऩण तयीशी शल शल व .

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नकपव ळखे :
आऩ दोनो की जोड़ी कबी न टू टें
खदु कये आऩ एक दवू ये वे कबी न रूठे
मशू ीॊ एक शोकय आऩ मे ख्जदॊ गी बफत मे
आऩ दोनो वे खमु ळमों के एक ऩर बी न ्ू टे
ळ दी भफु यक ☘☘

गणऩत दवऩतु े :

रग्न म्शणजे
दोन जील चॊ भेऱ..
दोन ब लन चॊ ॊ फधॊ न..
दोन भन चॊ मभरन जन्भबय च..

एक नॊ ॊ ऩवयरॊ तय दवु र्म नॊ आलय मच.ॊ .

एक च तोर गेर तय दवु र्म नॊ व लय मच..

एक कोरभडर तय दवु र्म नॊ उबॊ कय मच.ॊ .

दोघ ॊचम घ भ नॊ ववॊ य ची फ ग पु रल मची..

र्तचम वगु ॊध न वबोत रचम न आनदॊ दत कय मच.ॊ ..

भीनर बोऱे:
Congratulations. Wishing the both of you all the happiness in the world.

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भीनर बोऱे:
A Happy marriage is abt three things...memories of togetherness, forgiveness of mistakes,& a
promise to never give up on each other....happy marriage life

भीनर बोऱे:
Happy is the man who finds a true friend, and far happier is he who finds that true friend in
his wife.

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गणऩत दवऩतु े :

व गय र व थ र टॊ ची..

वूम रर व थ ककयण ॊची..

तर ल लय जोडी ळोबे दटम्फ आणण दटम्फ म चॊ ी..

ईळलय ने ग ठ फ धॊ री व त जन्भ ची
ऩलू र ऩुण्म ई दोन्शी घय ण्म चॊ ी ..

वश कु टुॊफ उऩख्स्थत य शून ळोब ल ढलरी भॊडऩ ची..

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भीनर बोऱे:
Love recognizes no barriers. It jumps hurdles, leaps fences, penetrates walls to arrive at its
destination full of hope.”

“A successful marriage requires falling in love many times, always with the same person.”

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Ganesh Shinde:
एकवलव व्म ळतक भधरी
अळी अव ली रग्नप्रथ

नकोच शुॊड लयदक्षषण
नको खोट्म भ न ऩ न
वभ न दोन्शी ऩष अव ले
अव व्म वखु चम फ त
अळी अव ली रग्नप्रथ

वनई चौघड ल द्म अव ले
लऱे ेचशे ी ब न अव ले
ऩ शुणे नको बयभव ट
फदॊ अळ कु प्रथ
अळी अव ली रग्नप्रथ

लधलु य ॊनी झ ड र ल ले
आपतगण नॊ ी ते ल ढल ले
अन्नद न व ठी अव व्म
आश्रभ अथल अन थ
अळी अव ली रग्नप्रथ

रग्न म्शणजे वुखवॊल द
शले कळ र ल दवलल द
दोन जील ॊच भऱे अव ल
वखु व्श ले ग त ग त
अळी अव ली रग्नप्रथ

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भीनर बोऱे:
वध्म ऩळै चॊ ओघ ल ढल्म ने वलतर ्र श मप म रग्न वॊस्कृ ती रु जत आशे. तम तच जुन्म प्रथ
क रफ ह्म शोत च रल्म आशेत. ऩलू ी रग्न म्शटरे की, तीन ददलव घोऱ अव मच , ऩयॊतु आत
एक ददलव तच रग्न उयकण्म ची ऩद्धत वुरू झ री आशे. म त ग णी म्शणणे, उख णे घेणे,
भडॊु लळ्म फ धॊ णे, क न वऩऱणे, कोऩय भ यणे अळ अनके प्रथ फदॊ शोत आशेत. एकीकडे
रग्नवभ यॊब त ऩळै ॊच चयु ड कयत ददख ऊऩण चे स्लरूऩ आणरे ज त अवत न दवु यीकडे
रग्नवॊस्कृ तीचे लगे ऱेऩण व ॊगण र्म यीर्तरयल ज ॊच भ त्र वलवय ऩडत आशे. म भुऱे जुन्म प्रथ ,
ऩयॊऩय फॊद ऩडतीर, अळी बीती जमेष्ठ न गरयक ॊकडू न व्मतत के री ज त आशे.
रग्न म्शणजे दोन जील ॊन ल तम चॊ म कु टुॊफ नॊ एकत्र आणण्म च वोशऱ . तो व धऩे ण ने ल
जुन्म प्रथ जऩत वभ ज वभोय आदळर र्नभ रण कयत मेतो. आत भ त्र रग्न त ऩैळ ॊच चयु ड
ककती, म लय रग्न चे भोठे ऩण अलरॊफून आशे. ऩलू ी भेशॊदीचम झ ड र भोशोय र गर की तो

क ढू न ठे लर ज मच . नलयीची दृष्ट क ढत न तम च ल ऩय के र ज मच . नव्म वऩढीर
म फ फत क शीच भ दशती न शी. ऩलू ी शस्तकरेने व क यरेरी ल कऱ देण्म ची प्रथ शोती, जम र
रुखलत म्शणत त. आज शे रुखलत रग्न वभ यॊब तून फ द शोत अवून फ ज य तीर तम य लस्तू
ठे लल्म ज त आशेत. ग णी फोरणे, उख णे घेणे, भुडॊ लळ्म फ धॊ णे, क न वऩऱणे अळ अनेक
प्रथ ॊच वलवय ऩडर आशे. म क मकर ्रभ ॊभऱु े उऩख्स्थत रोक ॊची च गॊ रीच कयभणकू व्श मची.
उख ण घेणे ऩयॊऩय शी अर्नल मर शोती. उख ण घेतल्म मळल म लधू-लय चम बोलती जभरेरे
रोक शरत नव.े क शी लऴ ंाऩूली लधू -लय ॊन फोशल्म लय चढण्म आधीच दोन-च य उख णे तोंडऩ ठ
करून ठे ल ले र गत. क शी उख णे ळब्द वौंदम नर े ऩरयऩूणर आळमघन अवत. आत तय उख णे
ऐक मर मभऱत न शीत. तम भुऱे उख ण्म चॊ ी ऩयॊऩय अडगऱीत ज त आशे. शल्री रग्न
वभ यॊब त लध-ू लय व बेटलस्तू म्शणनू फदॊ ऩ ककटे ल र्नवगधर चत्र ची फ्रे भ ददरी ज त त. ऩूली श
प्रक य नव्शत . तम क ऱी वोने-च दॊ ी स्लस्त अवल्म ने जोडली, ऩजंै ण, अगॊ ठी, च ॊदीच ऩट्ट अळ
बटे लस्तू देत. ऩूली रग्न म्शणजे ग ल तीर उतवल अव मच ल प्रतमेक न गरयक म त वशब गी
शोत. आजच रग्न वभ यॊब श ध मभकर वलधीचे ग ॊबीमर जऩण्म ऩषे ददख ऊऩण र अधधक
भशततल देण य ठयत आशे. म वगळ्म ध भधभु ीत जनु े यीर्तरयल ज प्रतमेक घय त जऩणे
आलश्मक आशेत.

गणऩत दवऩतु े :

आमषु ्मचम लरे ीलयच शऱुल य ऩ न..

म्शटरे तय दोन जील नॊ जोडण य प्रेभ च ध ग ....

म्शटरे तय अनेक कु टुॊफ न जोडण य एक स्नशे फधॊ न...

व त जन्भ चम ग ठी जुऱलण य श वोशऱ ....

आऩल्म ळुबचे ् आणण आळील दर ने आज ऩणू र शोत आशेत..

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भीनर बोऱे:
Maharashtrian weddings involve a lot of tradition - and the wedding ceremony holds the most
of them all. Each part of the ceremony has a religious aspect, which is meant to bond the
bride and groom together both in this life and each after-life.

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आतभ य भ जगद ऱे:

एक षण , ऩ दशर प्रशय
एक षण , भंेदीच फशय
एक षण , रगीन घ ई
एक षण , ल जे ळशन ई
एक षण , आॊतयऩ ट
एक षण , येळीभग ठ

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आतभ य भ जगद ऱे:

भन आनॊद त न्श त , डोऱ ऩ णी द टतॊ
नजयेची बटे शोत , भनी प्रेभ व ठतॊ
नली न ती जन्भत न , भ शेय क आटतॊ ?
नलय नलयी दोघ चॊ ,घयकु र थ टतॊ !

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आतभ य भ जगद ऱे:

भरु ीकडीर वलदशण __ रेक आभची - वनू आऩरी भ मेने न ॊदल

भ मजयी न _ भ लळी ऩयी प्रभे ने ल गल

रेक र डकी ऩयकी झ री , अवे न ल टो आम्श

कॊ ठ द टतो कळी वभजलू , पु टे अतॊ यी ऩ न्श

भ शेयची बूक म ऩढु े तुम्शीच शो ब गल

भ मजयी न भ लळी ऩयी , प्रभे ने ल गल

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आतभ य भ जगद ऱे:

भुर कडीर वलदशण
रेक तुभची वनू आभची
पतत लगे ऱ ळब्द
भुरगी भ नू आम्शी र्नजर
देते वलदशण ळब्द !
आज ऩयी भी व वु झ रे भी शी शोते वनू
नक करू क ऱजी कोन ची
घेईन भी वभजनू
आनॊद ने य शू आम्शी
ऩ ऱीन भी शो ळब्द

भरु गी भ नू आम्शी र्तजर
देते वलदशण ळब्द !

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आतभ य भ जगद ऱे :
कॊु कू !

एक त ॊफडम यॊग ची बकु टी !
म्शण ल तय ळुल्रक फ फ !
ऩण दशदॊ ू वभ ज नॊ तम भध्मे भ गॊ ल्म , ऩ वलत्र्म बयरॊ आशे -
व वफु ई तुभचॊ नेवणॊ पु र ॊच ,
य घू भनै चम लळॊ च ,
व वुफ ई , व य वॊव य तभु च ,
कऩ ऱी कॊु कू _ एलढ द धगन आभच
अव श भॊगर वलधी म्शणजचे
लधयू णीचॊ औषण !!

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गणऩत दवऩुते :

वपतऩदीची व त ऩ लरॊ..

व त जन्भ ॊचम ग ठी..

आऩर फशुभोर लेऱ देऊन आर त आभचम व ठी...

आभची कन्म दोन आशे ब लडॊ त भोठी..

तय दोन्शी धचयॊजील आशेत आभची म्शत यऩण ची क ठी..

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भीनर बोऱे:

Mubarak Ho Aapko Naya Ye Rishta
Khushiyon Se Bhara Rahe Ye Rishta
Gam Ka Naamo Nisha Na Aaye
Aap Hamesha Khushiyan Paye
Har Mushkil Mein Bhi Saath Nibhaye
Haste Haste Chale Zindgi
Sukh Dukh Har Pal Saath Bitaye
Dua Hai Karte Hum Bhi Rab Se
Dheron Khushiyan Aap Bhi Paye

Shadi Karke Sukhi Raho Tum
Hum Dete Hain Shubhkamnaye

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वभायोऩ

-------आनदं घऊे वतू ्रवचं ारनाचा-------

बाग-12

ददन ॊक:- 11-6-2016 लेऱ:- व म 6 ते 10

आजचा वलऴम:- गाल/ळाऱा/ ऩरयवयात शोणाऱ्मा *स्लच्छता अभबमान* कामकय ्रभात काम ल कवे
फोरता मेईर ककं ला कोणते कोटव ् (ओऱी) अवाव्मात? ....

(पक्त एक दोन ओऱीचे नकोत.ते PDF पाइर भध्मे घेतरे जाणाय नाशीत.)

नभस्काय फधं -ू बगगनींनो, देताना आम्शारा खऩू आनदं
आऩल्मा शाती आनदं घऊे वतू ्रवचं ारनाचा चचाय बाग – 12 PDF पाईर
शोत आशे. शे वलय आऩरचे क्रे डिट आशे.
धन्मलाद!

-वौ वगं गता ऩाटीर (भफं ई) - 9969393583
- श्री.गणऩत दवऩते (भाऱीलािा-अशभदनगय) - 9422855689

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देल जी ऩ टीर:

भै नशी तू ,तू नशी भै
वद शी कयते तू तू भै भै
कयो कबी कोई अच्छ क भ
फढ ए जो ब यत देळ क न भ
देळ की धयोशय ऩय शै वफक अधधक य फपय क्मू शै इवकी वप ई वे इनक य.
नशी शै कोई फशूत फड उऩक य फव कयन शै जीलन भे फदर ल
ग ल को भ नकय घय अऩन
ननभरम स्लच्छ शै उवे बी यखन
कु डदे न भे पंे को कु ड
शय जगश न पंे को कु ड
थकु ने को नशी शै धयती भमै
फदरो अऩनी आदत बमै
न कयो फकवी ऩडोवी क इॊतज य

देळ शै वफक फढ ओ
स्लच्छत अभबम न.

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देल जी ऩ टीर:

स्लच्छतते नू वभदृ ्धीकडे वतॊ ग डगेफ फ ग्र भस्लच्छत अभबम न

स्लच्छतेवलऴमीची प्रत्मेक कृ ती ,देई व भ जजक आयोग्म र गती

घ्म भशत्ल स्लच्छतेचे ध्म नी
व्श ननयोगी जीलन चे धनी

करून ऩरयवय स्लच्छत कय
योगय ईची व ॊगत

र लनू व ॊडऩ ण्म ची मोग्म वलल्शेल ट ,धय ननयोगी जीलन ची ल ट.

व ॊडऩ णी वलल्शेल ट,कयी योगय ईच न मन ट.

उऩमोग त आणू व डॊ ऩ णी
ऩयवफ ग पु रलू अगॊ णी

ग लकयी भभऱून एक क भ करू,ळौच रम च ल ऩय करू

स्लच्छ वदॊु य ऩरयवय ,आयोग्म न दॊ ेर ननयॊतय

ऩरयवय शे स्लच्छ ठे लू ,वदॊु यतचे े गीत ग लू

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देल जी ऩ टीर:

ग्र भस्लच्छत अभबम न लय घोऴल क्मे

ग डगेफ फ चॊ एकच भतॊ ्र स्लच्छतेचे ज ण ततॊ ्र

स्लच्छत आरी अगॊ ण त वभ ज क अधॊ य त

उघड्म लय ळौच व फवू नक
योग नॊ आभॊत्रण देलू नक .

स्लच्छतेचे वॊदेळ ध्म नी धरू
आयोग्म आऩरे ननयोगी फनलू

ऩ ण्म चे ब डॊ े नेशभी स्लच्छ
धलु ड व चॊ ी अडॊ ी ऩऱलून र ल .

व डॊ ऩ ण्म ची मोग्म वलल्शे-
ल ट,ग ल त मेईर आयोग्म ची ऩश ट.

जम ॊचे घयी वदैल स्लच्छत ,
न ॊदेर तथे े आयोग्म वुफत्त

स्लच्छ वदॊु य ऩरयवय ,जीलन ननयोगी ननयॊतय.

ग लकयी भभऱून एक क भ करू,ळौच रम च ल ऩय करू.

कचय कॊु डीच ल ऩय करू,वदॊु य ऩरयवय ननभ णम करू.

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गणऩत दवऩुते :

व फ़ वप ई जीलन क , फन यशे अभबम न,

रक्ष्भी बी वलय जें लशीीँ, जश ॊ स्लच्छ भकु भ...

बफभ रयम ॉ आती नशी,ॊ उव फस्ती की ओय,...

भ नल जश ॊ कय यशे, स्लच्छत ऩय अभबभ न....

भीनर बोऱे:

ऩम लम यण लय आध रयत घोऴल क्म

ऩम लम यण ज गल लवधुॊ य ल चल

व्रष र ल द योद यी आयोग्म मेईर घयोघयी

द यी लषृ च ऩ श य , देऊ ऩष र आवय
द यी लषृ च ऩ श य , देऊ ऩष र आवय

तुर शली अवेर उबी यश मर व लरी…
तय झ डे र ल ऩ लरोऩ लरी..

लषृ र ल , जजलन ल चल

झ डचे झ डे र ऊम
पऱे पु रे लेचमू

नको लषृ ळी कृ तन्घ
य शू वद कृ तदस.

झ ड म्शणतॊ म ये म
पऱॊ, पु रॊ, व लरी घ्म

एक एक क गद ल चलू. .
खऩू खऩू झ डे जगल.ू

क लऱ कयतो क लक ल,
म्शणतो भ णव ,झ ड र ल

झ डे र लू ब यॊब य,
भळल य शोईर दशयलेग य

ब ल तोची देल जयी
प्रभे अव ले तरू लयी.

वॊदु य नषी, आक ळ त ऩषी
भ नल वलक व व ऩम लम यण व षी

ऩढु ीर वऩढीव ठी ठे लू ल यव
तरू लेरी द खलतीर आयव

व लरी ,ऑजक्वजन, पु र ,पऱ ऩ न
लषृ चॊ ठे लू ददरो ज न वे भ न.

क ळ्म भ तीत फीज ऩेयरे
ओजॊ ऱ बय ऩ णी घ तरे

भ तीच्म कु ळीत फीज श वरे
जो फ ऱ जो ये जो..

लवुॊधयेचे दशयले रेणे
र ल लने ल चल लने

लवुॊधय आभची छ न
य खू तीच भ न

Ganesh Shinde:

वलश्ल वच फवत न शी, इतके तमु ्शी झझजर त
स्ल थम वोडू न वेलेव ठी,ग लोग ल बटकर त

स्लत: उन्श त य शून, व लरी तमु ्शी झ र त
अन थ आझण अऩॊग ची ,भ उरी तुम्शी झ र त

ननस्ऩशृ नन:स्ल थम ळब्द वुद्ध र जतीर
क मम एलढे भश न की चदॊ ्र वूमम शी नभतीर

ध्म न अव फ लऱॊ फक मेडॊ शी मेडॊ म्शणॊर
वेलवे ठी पक्त कोण इतक झझजॊर

ग डगे अन ् खय ट एलढीच ती वऩॊ त्ती
फशुजन चॊ े कल्म ण वद लवे धचत्ती

व्म वगॊ फकती भश न, न ल चत ऩुस्तक
ऩुन्श ऩनु ्श आदय ने झुकतम भस्तक

फ फ तुभची ऩ मधऱू , भस्तकी ऩडू द्म
कणबय तयी वले ,आभच्म श तनू घडू द्म

गणेळ न .भळदॊ े
य शुयी

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Ganesh Shinde:

झ डे र ल झ डे ल ढल
वॊदेळ. वलतम ्र फपयर

प्रत्मष झ डे र लत न
कोणीच न शी ददवर

ऩ णी जजयलण्म आधी
घ भ जजयल ल र गतो
झ डे र लण्म आधी
खड्ड खण ल र गतो

त्म च खड्ड्म त तेच झ ड
दयलऴी र लरॊ ज तम
ऩम लम यण ददन च भशत्ल
ओयडू न व ॊधगतरॊ ज तमॊ

ऩोस्टव ् तय इतक्म फक
भेभयी अऩुयी ऩडरी
खड्डे खणत न भ त्र
टीभ न शी ददवरी (दटभ - व्श टव ् ग्रुऩ)

आऩल्म र क म कय मचॊ
र लण ये र लतीर
क शी पक्तआरेरी
ऩोस्ट प ॉयलडम कयतीर

कोणी कय अथल नक करू
भी भ त्र वुयल त के री
म लऴी ऩम मलयण ददनी
च य झ डॊ र लरी

गणेळ भळदॊ े (य शुयी)

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भीनर बोऱे:

घोऴल क्मे

1) ग डगेफ फ चॊ एकच भॊत्र, स्लच्छतेचे ज ण तॊत्र.
2) स्लच्छत आरी अगॊ ण त, वभ ज क अधॊ य त.

3) वयु क्षषत व धन ऩ ण्म चे , भशत्ल ऩटल श तऩॊऩ च.े
4) शगलण , अनतव य योग च प्रव य ,शे तय दवू ऴत ऩ ण्म चे प्रश य.
5) उघड्म लय ळौच व फ वु नक , योग नॊ आभतॊ ्रण देऊ नक .
6) ऩ णी म्शणजे जीलन, शेच आऩरे स्ऩॊदन.
7) स्लच्छतचे े वॊदेळ ध्म नी धरु, आयोग्म आऩरे ननयोगी फनल.ू
8) ऩ ण्म चे ब डॊ े नशे भी स्लच्छ धलु , ड व ॊची अडॊ ी ऩऱलुन र ल .
9) वऩण्म व ठी शले ळुध्द ऩ णी, न शीतय शोईर आयोग्म ची श नी.
10) नक फवु उघड्म लय वडॊ व र ,वधॊ ध भभऱेर योग य ई ऩवयण्म र .
11) व डॊ ऩ ण्म ची मोग्म वलल्शेल ट, ग ल त मेईर आयोग्म ची ऩश ट.
12) वऩण्म चे ऩ णी घ्म ओगय ळ्म णे , दवू ऴत करू नक तुभच्म श त न.े
13) स्लच्छत ल ळुद्ध ऩ णी शे आशे तॊत्र , ग्र भभण आयोग्म च श च क नभतॊ ्र.
14) जम चे घयी वदैल स्लच्छत , न दॊ ेर तथे े आयोग्म वुफत .
15) यॊग बगल त्म ग च , भ गम जस्लक रू स्लच्छतेच .
16) ऩ णी ळुवद्धकयण ननमभभत करू, वल चंा े जीलन आयोग्म वऩॊ न्न करू.
17) ऩ ण्म च्म स्लच्छेते वलऴमी दषत घेवू, वलम योगय ईन दयू ऩऱलू .
18) स्लच्छते वलऴमीची प्रत्मेक कृ ती, देईर व भ जजक आयोग्म र गती.
19) ” स्लच्छत ” भ णव चे आत्भदळनम घडवलत.े
20) लमै जक्तक स्लच्छतेची भशती, योग ऩ वुन भभऱेर भुजक्त.
21) श त त भोफ ईर घय त पोन , उघड्म लय ळौच र फवरमॊ कोण.
22) जले ण ऩलू ी धलु श त, जेलण नॊतय धलु द त.
23) नखे क ऩ फोट ची , न शी शोण य व्म धध ऩोट ची.
24) अवरे दृष्टी , तय ददवरे स्लच्छ वजृ ष्ट.
25) वडॊ व फ धॊ घयोघयी , आयोग्म न ॊदेर त्म च्म द यी.
26) व ॊडऩ ण्म र आऱ , योग य ई ट ऱ .
27) स्लच्छ वदुॊ य ऩरयवय , जीलन ननयोगी ननयॊतय.
28) स्लच्छ ळ ऱ कय श त ॊनी , वुॊदय ग णी ग ऊ भखु ॊनी.
29) स्लच्छ वुॊदय ऩरयवय तचु , वॊदु य वुवसॊ ्कृ त न गरयक घडत त.
30) ग लकयी भभऱुन एक क भ करू, ळौच रम च ल ऩय करू.
31) ळौच रम अवेर जेथे , खयी प्रनतष्ठ मेईर तथे .े
32) वडॊ व फ ॊधण्म न शी म्शणू नमे, ळौच र रोट घेऊन ज ऊ नमे.
33) आधी के रे भग व धॊ गतरे , आधी आऩल्म घयी ळौच रम फ ॊधरे.
34) स्लच्छ घय , वॊुदय ऩरयवय , ळोचखड्म च करुम ल ऩय.
35) कचय कॊु डडच ल ऩय करू , वॊदु य ऩरयवय ननभ मण करू

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वॊधगत अननर ऩ टीर:
स्लच्छ शो ब यत

बोजन नशीॊ फकम थ कफ वे, ऩ नी ऩीकय क भ चरे ।
म त्र वे कर य त शी रौटे, भोदी कश ॉ वलश्र भ कये ॥

श थ भें अऩने झ ड़ू रेकय, भोदी जी श्रभद न कयें ।
कशने वे वनु त नशीॊ कोई, रोग, जो देखें, क भ कयें ॥

श्रेष्ठ ऩुरुऴ के आचयण को, अन्म रोग अऩन ते शैं ।
लश जो प्रभ ण कय देत शै, ले उवको रक्ष्म फन ते शैं ॥

गीत क मश भन्त्र वयर शै, कई रोग दोशय ते शंै ।
दरु बम ले जो ननज जीलन भें, कयके इवे ददख ते शंै ॥

शै जीलन शी वॊदेळ भये , ग धॊ ी के ल क्म वनु े शभने ।
य ष्रवऩत के जन्भ ददलव ऩय, ऩूणम कयें उनके वऩने ॥

थकूॊ े नशीॊ वड़क ऩय बफरकु र, न क न अऩनी व फ़ कयें ।
तम्फ कू की, ऩ न की, ऩीकें , आदत क उऩच य कयंे ॥

गड्ढे बयंे, न जर क वचॊ म, न भच्छय उत्ऩ त कयें ।
कू ड़दे न भें कू ड़ ड रें, आज वे मश ळुरुआत कयें ॥

जो लस्तुए,ॉ नशीॊ उऩमोगी, ढेय न उनक घय भें रग एॊ ।
धरू ढकी, कीटों की जनक मे, भुजक्त इनवे ळीघ्र शी ऩ एॊ ॥

स्लच्छ लस्त्र ऩशने शभ, अऩन , ल त लयण बी स्लच्छ यखें ।
स्लच्छ जर ळम, स्लच्छ शो भॊददय, घय, क म रम म स्लच्छ यखंे ॥

ग धॊ ी के इन लचनों को शभ, कयंे स्भयण, आच य भंे र एॊ ।
अधधक यों की बीड़ शो गई, कु छ कत्तवम ्म बी क्मों न ननब एॊ ॥

स्लच्छत शभ ग धॊ ी वे वीखें, थोड़ व तो प्रम व कयें ।
स्लच्छ शो ब यत, स्लस्थ शो ब यत, आज नई ळरु ुआत कयंे ॥

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गणऩत दवऩतु े :

आत नशे भी ळुद्ध ठेल ऩम मलयण.
न शीतय लेऱ न शी र गण य म मर भयण...

आत कय स्लच्छतचे े नेशभी न भस्भयण.
कळ लय ठे ल आऩरे डोके ,एकच उत्तय स्लच्छतेचे चयण...

वतॊ ग डगेफ फ ॊचे वभोय उद शयण.
स्लत:च र ल स्लत:र लऱण....

भदत कय वॊऩूणम ऩथृ ्लीची,स्लच्छतवे ठी ग ऱ घ भ.
न शीतय ल ईटच शोतीर ह्म चे ऩरयण भ....

आत व ॊगतो नक करू आऱळीऩण ....
ज गे व्श ,चर ,ल जर आशे रढ ईच घणघण ....

आत ऩनु ्श म्शणतो स्लच्छतेचे ननमभ ऩ ऱ ...
ऩयत व गॊ तो प्रदऴू ण ट ऱ ,प्रदऴू ण ट ऱ ....

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Ganesh Shinde:

ऩ णी गेर खोर खोर
ऩ ण्म भुऱ डोळ्म त ओर
भ णव आत तयी
भभटरेरे डोऱे खोर

उघडी झ री धयणीभ म
एलढी तुझी क म श ल ?
उग चच घ रत वटु र व
आऩल्म च ऩ म लय घ ल

ख मर शल गयभ गयभ
कोण य खीर ऩम लम यण

एक ददलव पु टेर ऩथृ ्ली
इतक त ऩरम ल त लयण

झ ड तय र वलतच न म
प्रदऴू ण च वलच यत क म?
एक घय त च य ल शनॊ
प्रॎजस्टकच तय कशयच श म

ज ग शो आत तयी
ऎक धयणीच्म श क
न शीतय एकददलव
ऩ ण्म भळल म य शळीर फयॊ क !

झ डॊ र ल झ डॊ
लेऱ क ढ लऱे
एक षण अव मेईर
वॊऩरे व य खेऱ

चर आज ननश्चम करू
दशयलीग य वषृ ्टी करू
आऩ ऩल्म श्रभ ने
आऩल्म आईची ओटी बरू

गणेळ न य मण भळदॊ े
(य शुयी)

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वॊधगत अननर ऩ टीर:

–ग ल तीर म्शणी–

।।स्लच्छतेतनू वभधृ ्दीकड।े । वॊत ग डगेफ फ ग्र भलस्लच्छत अभबम न

स्लच्छतवे लऴमीची प्रत्मेकी कृ ती, देई व भ जजक आयोग्म र गती.

घ्म भशत्ल स्लच्छतेचे ध्म नी व्श ननयोगी जीलन चे धनी.

करुन ऩरयवय स्लच्छत , कय योगय ईची व ॊगत .

र लनू व डॊ ऩ ण्म ची मोग्म वलल्शेल ट, धय ननयोगी जीलन ची ल ट.
व डॊ ऩ णी मोग्म वलल्शेल ट, कयी योगय ईच न मन ट.
उऩमोग त आणू व ॊडऩणी, ऩयवफ ग, परलू आगॊ णी.
ग लॊ कयी भभऱून एक क भ करु, ळौच रम च ल ऩय करु.
ऩ णी ऩुयलठ मोजन ग ल ची, देखयेख जफ फद यी वल ंचा ी.
स्लच्छ घय, स्लच्छ आगॊ ण, प्रवन्न ठे लू ल त लयण.
शोण्म व ॊडऩ ण्म च मोगम ननचय ते ऩयवफ ग परवलण्म व ठी ल ऩय ,.
उघडम ऩद थ ाचं वेलन, योगय ईर ठयेर ननभतॊ ्रण.
अस्लच्छ श त, अस्लच्द दवु ऴत अन्नऩ णी, योगय ईची वरु ु शोतीर यडग णी.
कचय कॊु डीच ल ऩय करुन, वॊदय ऩरयवय ननभ मण करु.
करुन कचय कॊु डीच ल ऩय, ननभ मण करु वॊदु य ऩरयवय.
जरु फ शोत फ रय ज , आ एव चे भभत्रण ऩ ज .
ऩ णी ग ऱ , न रु ट ऱ .
स्लच्छ वुदॊ य ऩरयवय, आयोगम न दॊ ेर ननयॊतय.
ऩरयवय शे स्लच्छ ठे ल,ू वुॊदयतेचे धगत ग लू.
स्लच्छ ननभरम जीलन, वद वदुॊ यतेचे लऱण.
स्लच्छतेची आलड, वॊदु यतेची ननलड.
स्लच्छ ळ ऱ कय श त ॊनी, वॊदयु ग णी ग ऊ भखु ॊनी.
नष्ट करुम दरदर खड्डे, गड्डे खोदनु नम ळोऴखड्ड.े
दशलत ऩ चे करु, लव शतीतनू देऊन भळषण.

ऩयवफ ग परल ली ऩयवद यी, आणण्म स्ल स्थ घयोघयी.
एकच ध्म व भनी धय , आयोग्म भळकण्म च भॊत्र खय .
आव धय क व धय उचरून ऩटे ीत ट कू कचय .
चर चर त्लय कय , वगऱ ऩरयवय स्लच्छ कय .
आयोग्म च उऩ म खय , द त ॊची ननग श च खय ध्म व.
व ये भभऱून करु व पवप ई दयू ऩऱे योगय ई.
आशो वडॊ व फ ॊधण्म व ठी कधी म्शणू नमे, य त्रीच्म अधॊ य त रोट घेऊन ज ऊ नमे.
जो ळौच रम आग्रश धीय तो कु टुॊफ चे आयोग्म उध्द यी.
स्लच्छत शी भ णव चे आत्भदळनम घडवलत.े
ळौच रम अवे जेथे, खयी प्रजष्तठ मेईर तेथ.े
आयोग्म च भरु भॊत्र, ळोऴखड्डम चे वोऩे ततॊ ्र.
देश देल चे देऊऱ आत ल शे ननभऱम .
जले ण ऩूली धलु श त, जले ण नतॊ य धलु श त.
देशी आयोग्म न दॊ ते, ब ग्म न शी त्म ऩरयते.
स्लच्छ वदॊु य ऩरयवय, जीलन ननयोगी ननयॊतय.
स्लच्छ घय, वदॊु य ऩरयवय, ळोऴखड्डम च करुम ल ऩय.
ऩयवफ ग जम चॊ े घयी, आयोग्म न दॊ ी त्म ची घयी.
नष्ट करुम दरदर खड्डे फ धॊ नु नम ळोऴखड्ड.े
वॊड व फ ॊध घयोघयी, आयोग्म न दॊ ी त्म ॊचे द यी.
र ॊफ ठे ल घय ऩ वून गोठे, गयु ॊचे ऩ ऱ वलम वदॊ ेळ आयोग्म च.े

वडॊ व फ धॊ णे आयोग्मद मी आशे, कु टुॊफ चे लैबल आशे.
कचय कॊु डी कॊ ऩोस्ट खड्डम च उऩमोग करुन.
घयोघय ळोऴखड्ड ऩयवफ ग,गटभळषण च ल ऩय करु भ ळ ड व दरदर आझण योगय ईऩ वनू
फच ल करु.
व ॊडऩ ण्म ची मोग्म वलल्शेल ट कय , आयोग्म च श च भॊत्र खय .
नको ग लकम ॊचे ऩ ण्म व ठी श र करु म ऩ णी मोजनचे े आऩणच देखब र.
श तऩॊऩ, टमफु लेर वलदशयीच ऩरयवय ठे ल 15 भीटयऩमतंा स्लच्छ वदुॊ य.
वुयक्षषत व धन ऩ ण्म चे भशत्ल ऩटल श तऩऩॊ च.े
ग लकयी भभऱून एक क भ करु, ऩ णी मोजनचे ी देखब र.
वऩण्म चे ऩ णी घ्म , ओगय ऱम ने, दवु ऴत करुन नक आऩल्म श त ने.
व डॊ ऩ ण्म च उऩमोग करु, द यी आऩल्म ऩयवफ ग र ल.ू
स्लच्छ घयवदॊु य ऩरयवय, आयोग्म चे भ शेयघय.
व डॊ ऩ ण्म च मोग्म ननचय , ळोऴखड्डम च अलरॊफ कय .
ऩयवफ ग र ल द यी, ब जीऩ र भभऱल घयच्म घयी.
आऩरी आयोग्म उन्नती आशे आऩल्म च श ती.
स्लच्छत ल ळधु ्द ऩ णी, ततॊ ्र ग्र भीण आयोग्म च श च क नभॊत्र.
दयू करु वगऱी घ ण उडेर योग ची द ण द ण.
वोनखत फशुभोर नक करु भ तीचे भोर.
भरभुत्र न शी घ ण ळते ीच तो ऩॊचप्र ण.
स्लच्छ ग ल, वदुॊ य ग ॊल, भॊगर ग ल, ऩवलत्र ग लॊ .
घयोघयी एकच न य ळौच रम त्लयीत कय .

वदुॊ य स्लच्छ ऩरयवय तनू च वदॊु य वॊस्कृ त न गरयक घडत त.
स्लच्छ ठे ल र ळ ऱ तय ग ल ची फयरेर कऱ .
स्लच्छतचे ी भळ र घयोघयी ऩेटच ल योगय ईर मभरोकी ऩ ठल .
लमै जक्तक स्लच्छत जथे े आयोग्म न दॊ ेर तेथे.
वलजम ण घेलू श ती झ ड,े गल्री फोऱ तून कचय क ढू .
यस्त्म लय घ ण करु नक , ळौच रम च ल ऩय कय .
ळौच रम अवरे जेथे घयी प्रनतष्ठ मेईर तथे .े
नखे ल ढरी जम ची भबती त्म ॊन योग ॊची.
अन्न आझण ऩ णी म ची वलऴमी दषत घेलू, वलम योग य ईंन दयू ऩऱल.ू
न शी र ज स्लच्छ कयण्म ची, न शी धचतॊ योग शोण्म ची.
स्लच्छ य शू आऩण व ये अभलु ्म फनलू जीलन आऩरे.
स्लच्छ ठे ल ळ ऱ ग ल ची फदरेर कऱ .
स्लच्छतेचे ननमभ ऩ ऱ , घयी द यी प्रदऴु ण ट ऱ .
स्लच्छत जम चे घयी, आयोगम तेथे ल व कयी.
लैमजक्तक स्लच्छतचे ी भशती योग ऩ वनू भभऱे भकु ्ती.
फऱफुध्दी वोन भभऱवलतो, स्लच्छतचे जो धड धगयलतो.
गुरुफकल्री आयोग्म ची क व धय ऩरयवय स्लच्छतेची.
ल म घ रलू नक व डॊ ऩ णी, त जम ब जम भभऱल ऩयवफ गेतनू ी.
योगय ईच कय न मन ट, भरभतु ्र ची र लू वलल्शेल ट.
व डॊ ऩ ण्म च शोई ननचय ळऴे खड्डम च ल ऩय कय .

देत गयै वभजूतीनॊ थ य आज य शोण य न शी फय .

ऩ णी ळधु ्दीकयण ननमभभत करुन वल चां ी जीलन अयोग्म वॊऩन्न करु.

भ नल चे ल जन लय ॊचे भरभतु ्र ळत्रु आयोग्म च.े

वोऩे ळौच रम फ धॊ णे अनतळम वोऩे आशे.

ट कऊतून दटक ऊ भरभुत्र ची प मद घेलू.

न शी उघडम लय ज ण्म च त्र व य ल ॊनी भ म व ठी फ ॊधर वॊड व.

वदयच्म म्शणी ग ल त 1000 दठक णी भरदशण्म त आल्म आशेत.

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भीनर बोऱे:

ग ल शी ळयीय।त्म व य ख ले नशे भी ऩवलत्र।
त्म ने च न ॊदेर वलतम ्र।आनदॊ ी ग ली।।
य भधनू ऩलू ी ग लऩूण।म व्श ले स्लच्छ, वौंदमलम न।
कोण शी घयी गभरच्छऩण ।न ददव ल।े ।

गणऩत दवऩतु े :

ओर आझण कोयड कचय लेगऱ करून ठे लणे शी आशे वल ंचा ी जफ फद यी ....

प्र जस्टक , क गद कोठे शी न पे कत कचय कॊु डीत ट कणे तय फकती शोईर ब यी... .

आठलड्म तनू २ त व आऩल्म वबोलत रची , वल जम ननक ज ग ॊची , तवचे वयक यी
इजस्ऩतऱ चॊ ी व प वप ई ठे लल्म व देळ च्म म अभबम न व भभऱेर उब यी... .

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यली आड:े

ग ल शी ळयीय,त्म वी य ख ले नशे भी ऩवलत्र।

त्म ने च न ॊदेर ग ली आनदॊ ी आनदॊ वलतम ्र।

य भधनू ऩूली व्श ले ग लऩणू ,म स्लच्छ नी वौंदमलम न।

घयी न ददव ले गभरच्छऩण ,
व्श ले वकऱ आयोग्मल न।ॊ

गणऩत दवऩतु े :

आत जय अवेर देळ ननभऱम ...

तय ल ढेर त्म चचे फऱ.....

वलजम ण श त श त त झ डू घेऊ म ..

झ डू न देळ स्लच्छ करू म ...

देळ त स्लच््त न ॊदलू म ....

त ठभ न ने जग त भभयलू म ...

व य कचय कॊु डीतच ट कू म ....

आऩरेच आयोग्म जऩू म ...

घय घय त स्लच्छतेचे भशत्ल ऩोशचलू म ....

प्रत्मेक च्म श तून देळ वले आत घडलू म .....

Gawande:

स्लच्छ करूम ग ल वगऱे !

म जणी शो म षणी!!!

घ ण शी बयरी ऩयु ी म वडके लयी! व्मलश य शी भऱर तव !

अनत बदे ऩडर वे भनी !!! ल.ॊ तुकडोजी भश य ज

वजु त ऩयु ी:

श त नॊ ी जे ऩये ले तचे उगलनू ॊ श ती ऩडते..ऩ ऩऩणु ्म,बरेफयू े श त नीचॊ घडत.े
श तॊ म्शणजे श त!ॊ जम ॊन ज तऩ त भऱु ीचॊ नवते..
श्रभण म म श त ॊननच जीलन र लबै ल चढत.े ....

आत्भ य भ जगद ऱे:

भन तीर झोऩ ळ्म लय फवून
जेव्श भी आक ळ कडे ऩ दशरे
आक ळ नव्शे तो आयव च जणू
त्म त भर भ झे स्लच्छ वॊुदय ग ल ददवरे .

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आत्भ य भ जगद ऱे:

स्लच्छतेची भळ र घेऊन
तरुण च रर ळथीने
क भ व ठी ऩेटू म व ये
कौर ददर आज धयतीने
ऩटे ू म व ये उठलू म ल ये
जोळ आभुच तरुण ईच
भन च्म म देव्श ऱ्म त
करू म ज गय स्लच्छतेच !

( आलश्मक ते ळब्द फदरून / लगऱून / नले घ रनू कवलतचे ्म ओऱी ल ऩयत मेतीर ! )

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आत्भ य भ जगद ऱे:

ब यतबभू ीर वभधृ ्दीच
तवे ्श च शोईर व ष त्क य
जेव्श प्रत्मेक ग ल च वयऩॊच फनरे
ग ल च्म वलक व च भळल्ऩक य !
( स्लच्छत अभबम न त ग ल च्म वशब ग व ठी ल ऩरु ळकतो )

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ऩषु ्ऩ ॊ ग मकल ड :

स्लच्छ ऩरयवय,दशयलीग य लनय ई

गू,भरेरयम ऩऱून र ॊफ ज ई

वल नंा ी घेऊम स्लच्छतेच लव

उठू न भरवेर जग त ब यत च ठव ।

जनू ्म प्रथ ऩयॊऩय वलच य ने ल ऩय ।

नव्म ने ल ऩय त मेऊ दे कचय ।

अभ ऩ ल ऩय र मजु अॎन्ड थो ऩथृ ्लीलरून तुम्श र भभऱेर क मभच खो।
भ णव भ णव व लध शो वुख वभदृ ्धी तुझ्म घय त य शो.....

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गणऩत दवऩुते :

आम्शी स्लच्छ, नेटके वदुॊ य जीलन आत जगण य आशे..
ळयीय आभचे भभरन नव ले, त्म व स्लच्छ कयण य आशे..
त्म ळयीय लय वदुॊ य लस्त्रे रेलूनी आम्शी वजण य आशे...
घय ते आभचे अवो झोऩडी फकॊ ल बव्म भश र ,
भरीनत कोठे शी नव ली, म स्तल आम्शी झटण य आशे...
जे जे ओॊगऱ, गभरच्छ जे, ते ते न आम्श ॊ रुचण य आशे...
स्लच्छ नन वुॊदय फनलू ऩरयवय श आभच ननध मय आशे..
स्लच्छत न आभच्म ऩयु ती, वल ांच आच य आशे..

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वई भॎडभ:

वबोलतीचे द्ु ख ऩ शत हॄदम तझु े गदशलरून आरे,

ददन-दभरत,वऩडडत चॊ े जगणे ऩ शून डोऱे तझु े बरून आरे,,,,,,

भ णूवकीच्म न त्म व ठी तोडरीव तू यक्त ची न ती,,

तुझ्म ऩ लर चॊ ्म स्ऩळ मने ऩ लन झ री आभची इथरी भ ती....

तूच भळकवलरे त्म व जऩ म ,जम चे न शी जग त कोणी,

बकु े ल्म व ब कय दम ली अन ् तश नल्म व ऩ णी...

अस न च्म बम न य ती ऩटे ्वलल्म तू अषयल ती,

तझु ्म स्ऩळ मने ऩ लन झ री आभची इथरी भ ती....

घेतर व श त त खय ट ,खड़े ोऩ डी कयण्म ननभऱम ,

कीतनम तल्म ळब्द भधनु ी ऩ झयरी ये तुझीच तऱभऱ,

वूमम शोऊनन जऱत य दशर जीलनबय तू आभच्म व ठी,

तझु ्म ऩ लर चॊ ्म स्ऩळ नम े ऩ लन झ री आभची इथरी भ ती.

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वुलण म ग मकल ड :

स्लच्छत अभबम न लय
आध यीत ऩथ न टम त
ल ऩयत मेईर अवे उख णे

ळौच शून आल्म लय श त
धलु मर र गते व फण ची
लडी आझण ..... म नॊ ी भर
लटऩौझणभम ेव ठी आणरी
नली कोयी व ड़ी.

शॊड्म लय शॊडे शोते व त
त्म लय शोती ऩय त
: . . . नी व ॊड ऩ ण्म लय के री ऩयव फ ग द य त

व लॊतल डी ते भळरुय
इथनू नतथनू र लर म
रवूण : ... नी ळौच रम
फ धॊ रे न शी म्शणनू भी
फवरे की रुवून

: . . . . ची आशे ग ल त
भोठी ळ न आझण वॊत
ग डगे फ फ ॊनी वरु ु के रे
स्लच्छत अभबम न

-------------------------------------------------------------------------------------------वौं

रुधचत कोंडवकय:

खयच! क शीतयी व्श मर ऩ शीजे अस्लच्छतचे ी शी अबदे ्म भबतॊ कोणीतयी पोडरी ऩ शीजे।
भरे ेरे प्र णी, जवै लक ट क लू ऩद थ।म
आऩण तवेच देत ेे ननवग मत ट कू न।
म चे ऩढु े क म शोईर, म च वलच य कयतो क कधी आऩण?
कु जनू , वडू न वगऱीकडे दगु धंा ी वुटते।
प्रदऴू ण,योगप्रव य शोण्म ची,ळक्मत भ त्र ल ढते।
म लय ननमॊत्रण ठे लण्म ची यचन ननवग मची आशे तय्म य।
क लऱे,घ यी,गरूड,धगध डे शे तय आशेत ननवग चम े स्लच्छत क भग य।
भ ॊव,श ड,े ख लनू शे स्लच्छत क भग य "ठे लत त ऩरयवय स्लच्छ।
म्शणूनच म्शणत,े भ नल ! व बॊ ऱ ननवगम चक्र।
खयच क शीतयी व्श मर च ऩ शीजे।
ननवगम चक्र तीर प्रत्मेक घटक च भशत्ल भ नल र कऱरच ऩ शीज।े
अस्लच्ठतेच अधॊ य दयू झ र च ऩ शीज।े

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Ganesh Shinde:

ग लकयी भभऱून एक वलच य कय
आऩल्म ग ल ची स्लच्छत कय

नको श गणद यी नको भश भ यी
ग ल त नको गट यी द यी
ग ल र आऩल्म ननभऱम कय
आऩल्म ग ल ची स्लच्छत कय

नको कचय नको घ ण
स्लच्छत आशे आऩरी ळ न
ळोऴखड्ड्म व ठी आग्रश धय
ग ल र आऩल्म स्लच्छ कय

गणेळ भळदॊ े

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Ganesh Shinde:

व -म ग ल च वलच य ठयर
स्लच्छतचे भ गम आम्शी धयर


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