आयकर भवन, आश्रम रोड मंे नवनननमित निन्दी लाउंज का उदघाटन करते हुए
प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त-गुजरात, अिमदाबाद श्री अनमत जैन
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18 जंगल
मुिाबरे के जंगल की अपनी एक भार्ा िै एक कर देती िै
नजसे समझने का दावा
कोई बन्य जन्तु भी निीं कर सकता मेरी उम्र सुबि जागने के बाद
इस भार्ा की शब्दावली में जंगल रोज बािर फें क आती िै
एक शाम की रोशनी मंे कई अंधेरे िोते िैं ताजा -ताजा उठ रिे कचरे के पिाड़ पर
एक आंख के कई दृश्य नफर न जाने कै से वापस आ जाता िै ये
एक नुकीली चोचं के धो -पोछं कर पनवि नकए
कई नवफल वारों के बाद सफल धोखा मेरे नकसी नवचार में
एक नशकार पर कई झपट्टे गुलदस्ते में तक्षक सा बैठा
एक शिर की कई नदल्ली सांसों के सिारे अंदर समा जाता िै
गंुटू र या गोरखपुर
जिां एक नतनका भी निीं उगता
इस जंगल का एक िी फल निीं िोता उन ठं डे रे नगस्तानों में
नजसकी तलाश में दो शिु दे शों की सेनाओं के बीच
िजारों मील से पक्षी उड़े आते िैं कल्ल्पत सीमा रे खा पर
और िवा पागल हुई धरती आसमान बेशुमार उग आता िै
अननल नमश्र
प्रधान आयकर आयुक्त (आरईएसी)(एयू)-4, अ’बाद
महन्दी हिारी संमवधान सम्मत राजभाषा है,
इसे अपनाना प्रत्येक भारतीय का कतशव्य है । - डॉ. िोहम्मद
इकबाल
महन्दी भाषा और महन्दी सामहत्य को सवांागसंुदर बनाना हिारा कर्त्शव्य है ।
- डॉ. राजेंद्र प्रसाद
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