The words you are searching are inside this book. To get more targeted content, please make full-text search by clicking here.
Discover the best professional documents and content resources in AnyFlip Document Base.
Search
Published by Priya Jaiswal, 2020-08-08 04:13:40

e-magazine KVC

e-magazine KVC

विद्मारम ऩत्रत्रका—२०१९-२०

विद्मारम ई-ऩत्रत्रका
School E-magazine

कंे द्रीम विद्मारम चित्रकू ट

Kendriya Vidyalaya Chitrakoot

G.G.I.C ऩरयसय किी चित्रकू ट

website– https://chitrakoot.kvs.ac.in

कंे द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका

श्री डड. भणणि.णन

उऩामकु ्त

कें द्रीम विद्मारम सॊगठन

सॊदेश िायाणसी सबॊ ाग

भुझे मह जानकय अत्मतॊ प्रसन्नता हो यही है कक कंे द्रीम
विद्मारम चित्रकू ट सत्र २०१९-२० की विद्मारम की ऩहरी ई-ऩत्रत्रका

का प्रकाशन कय यहा है |

कंे द्रीम विद्मारम अऩने फच्िों के सिांागीण विकास हेतु कृ त
सॊकल्ऩ है | इसका उद्दशे ्म फच्िों भंे सॊिधै ाननक भूल्मों एिॊ याष्ट्रीम

एकता की बािना को फढ़ािा देना है |

विद्मारम ऩत्रत्रका न के िर विद्मारम भंे की गई िर्ष ऩमनष ्त की
शैक्षऺक एिॊ शशऺणेत्तय किमा—कराऩों की सुन्दय प्रस्तुनत है फल्ल्क

मह विद्माचथमष ों भंे सजृ नात्भकता के विकास का भाध्मभ बी है |

इस शुब अिसय ऩय भंै अऩनी ओय से विद्मारम के छात्र—छात्राओॊ,

शशऺकों एिॊ प्रािामष को अऩनी शुबकाभनाऍ प्रेवर्त कयता हूॉ |

प्रनत:- (डड. भणणि.णन)

विनोद कु भाय उऩामकु ्त
प्रािामष

के .वि.चित्रकू ट

1

कंे द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका

सदॊ ेश श्रीभान शेर्भणण ऩाण्डमे (IAS)
ल्जराचधकायी चित्रकू ट
अध्मऺ

(विद्मारम प्रफॊधन सशभनत)

भझु े मह जानकय अत्मॊत हर्ष हो यहा है कक कंे द्रीम विद्मारम चित्रकू ट सत्र २०१९-२० भें
विद्मारम की ऩहरी ई-ऩत्रत्रका का प्रकाशन कयने जा यहा है |

प्रािीन कार से ही चित्रकू ट का साॊस्कृ नतक, साहहल्त्मक औय आध्माल्त्भक भहत्त्ि यहा है | बगिान श्री
याभ की इसी तऩोस्थरी भंे भहान सतॊ एिॊ विश्िविख्मात कवि गोस्िाभी तुरसीदास जी ने ‗याभिरयत भानस‘
भहाकाव्म की यिना की | आध्माल्त्भक उजाष से ओत-प्रोत भहान सॊतो औय तऩल्स्िमों की इस धयती से जड़ु े
विद्माचथमष ों को साहहल्त्मक एिॊ यिनात्भक भॊि प्रदान कयने िारी विद्मारम ऩत्रत्रका नन्सॊदेह विद्मारम की

शऺै णणक गनतविचधमों को जन जन तक ऩहुॉिाने का भाध्मभ फनगे ी औय चित्रकू ट की उियष धया से ननकरने िारे
साहहत्म प्रेभी कवि औय रेखकों का भागष प्रशस्त कयेगी |

विद्माचथमष ों भंे असीभ सबॊ ािनाएॊ होती हंै, महद उन्हें सही भॊि प्राप्त हो तो उनकी प्रनतबा को ऩखॊ रग
जाते हंै औय उनकी कल्ऩनाएॉ उड़ान बयने रगती हंै | उनकी यिनाओॊ भें साहहल्त्मक ऩरयऩक्िता बरे ही
ऩरयरक्षऺत न हो रेककन उनके भनोबािों को ऩढ़कय िही भसु ्कान अधयों ऩय आ जाएगी जो एक फारक की
तोतरी फोरी सनु कय आ जाती है |

भेयी तयप से ऩत्रत्रका के सभस्त निाॊकु य विद्माथी यिनाकायों, शशऺकों औय विद्मारम प्रशासन
को ऩत्रत्रका के सपर प्रकाशन हेतु हाहदषक शुबकाभनाएॉ |

प्रनत- (शरे ्भणण ऩाण्डमे )

विनोद कु भाय ल्जराचधकायी

प्रािामष चित्रकू ट
के .वि.चित्रकू ट

2

कंे द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका

श्री. V. शशिाजी
सहामक आमुक्त
कंे द्रीम विद्मारम सगॊ ठन
िायाणसी सबॊ ाग

सॊदेश

भझु े मह जानकय हार्दिक प्रसन्नता हुई कक कंे द्रीम विद्मारम चित्रकू ट
सत्र २०१९-२० हेतु अऩने विद्मारम ई-ऩत्रत्रका के िावषकि अकॊ का प्रकाशन
कयने जा यहा है |

कें द्रीम विद्मारम विद्माचथमि ों के सभग्र विकास हेतु ननयॊतय किमाशीर
है | विद्मारम ऩत्रत्रका िह सशक्त भाध्मभ है जो विद्माचथमि ों को
यिनात्भक भिॊ प्रदान कयता है तथा उनभें सषु ुप्त शक्क्तमों को जागतृ कय
उन्हें अचधक उियि फनाता है|

छात्रों के अन्दय अभबव्मक्क्त कौशर एिॊ ननै तक भूल्मों का ननयॊतय
विकास होता यहे इसी सदॊ ेश के साथ ऩत्रत्रका के सपर प्रकाशन हेतु विद्माचथमि ों
ि प्रािामि के अथक प्रमास हेतु हार्दिक फधाई देते हुए उनके सपर औय उज्जिर
बविष्म की काभना कयता हूॉ |

प्रनत:- (V. भशिाजी )
सहामक आमकु ्त
विनोद कु भाय
प्रािामि

के .वि. चित्रकू ट

3

कंे द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका

श्रीभान जी . ऩी. शसहॊ
अऩय ल्जराचधकायी (वि./या.)

नाशभत अध्मऺ
(विद्मारम प्रफधॊ न सशभनत)

सॊदेश

मह अत्मतॊ हर्ष का विर्म कक कें द्रीम विद्मारम चित्रकू ट सत्र २०१९-२० भें
विद्मारम की ऩहरी ई—ऩत्रत्रका प्रकाशशत कयने जा यहा है |

विद्मारम भें होने िारी विशबन्न गनतविचधमाॊ शशऺा प्रकिमा का अहभ ् हहस्सा
फन िकु ी है ल्जसका उद्देश्म फच्िो भंे सॊिैधाननक भलू ्मों एिॊ याष्ट्रीम एकता की
बािना को विकशसत कयना है |

विद्मारम ऩत्रत्रका स्कू री गनतविचधमों की झाकॊ ी प्रस्ततु कयने का एक सशक्त
भाध्मभ है |

ऩत्रत्रका के सपर प्रकाशन के शरए प्रािामष एिॊ सभस्त विद्मारम ऩरयिाय को
फधाई औय असीभ शुबकाभनाऍ |

प्रनत:- जी . ऩी. शसहॊ (PCS)
विनोद कु भाय अऩय ल्जराचधकायी
प्रािामष
चित्रकू ट
के .वि. चित्रकू ट

4

कें द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका

प्रािामष की करभ से

“ सदॊु य सभु न णखरे गुरशन भंे, गधॊ गशु रस्ताॉ भें कपय होरी,
फार कल्ऩना के ऩॊखो िढ़, चिडड़मों की भखु रयत हो फोरी |

नि वििाय भथॊ न से ननकरे, अभतृ करश भें शभसयी घोरी ,
‗ विद्मारम ऩत्रत्रका‘ नहीॊ बय, फार सजृ न की मह यॊगोरी ||‖

विद्मारम ई-ऩत्रत्रका का प्रथभ अॊक प्रकाशशत कयते हुए अऩाय हर्ष का अनबु ि हो यहा है |
ऩत्रत्रका विद्मारम की िावर्कष गनतविचधमों का सनु ्दय प्रनतत्रफम्फ है जो विद्मारम को सभाज

से प्रत्मऺ औय अप्रत्मऺ दोनों रूऩों से जोड़ती है सिॊ ाय िाॊनत के कायण आज ककताफंे बी
भोफाइर औय कॊ प्मूटय ऩय ऩढ़ी जाने रगी है | विद्मारम के विद्माचथमष ो की उम्र िाहे ककतनी ही
कभ हो उनभंे असीभ सबॊ ािनाए होती हैं |आिश्मकता है उन्हें अिसय प्रदान कयने की | उनके

अन्दय की उजाष को किमाशीरता से जोड़कय उन्हंे कु छ नमा कयने के शरए प्रोत्साहहत ककमा जाए
तो कबी—कबी हभायी उम्भीदों से कहीॊ ज्मादा अच्छे औय सकायात्भक ऩरयणाभ देखने को

शभरते हंै | विद्मारम की ई—ऩत्रत्रका इस हदशा भें सकायात्भक प्रमास है | भझु े आशा ही नही

अवऩतु विश्िास है की इस ऩत्रत्रका के भाध्मभ से न शसपष कें द्रीम विद्मारम चित्रकू ट की छवि
सभाज भें स्थावऩत होगी अवऩतु मह सुधी ऩाठको , अशबबािकों को बाि—विबोय कयने भंे बी

सपर होगी |

ऩत्रत्रका के प्रकाशन भें भाननीम श्री डड. भणणि.णन, उऩामकु ्त कें द्रीम विद्मारम

िायाणसी सॊबाग के हदशा ननदेश विशरे ् उल्रेखनीम है | इसके शरए भै उनके प्रनत कृ तऻता
ऻावऩत कयता हूॉ | स्थानीम स्तय ऩय विद्मारम प्रफधॊ न सशभनत के अध्मऺ भाननीम श्री
शरे ्भणण ऩाण्डमे ल्जराचधकायी भहोदम, श्री जी. ऩी.शसहॊ अऩय ल्जराचधकायी ि नाशभत

अध्मऺ (वि.प्र.स.) से प्राप्त हदशा ननदेशों एिॊ शुबकाभना सदॊ ेश के शरए हाहदषक कृ तऻता

ऻावऩत कयना िाहूॊगा ल्जनके सहमोग से ऩत्रत्रका साकाय रूऩ रे सकी है |

अॊत भंे सऩॊ ादक भडॊ र के अनठू े सजृ नात्भक प्रमासों के शरए धन्मिाद् के साथ ऩत्रत्रका

की सपरता के शरए हाहदषक शबु काभनाऍ..........|

(विनोद कु भाय)
प्रािामष

5

कंे द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका

From the Editor’s pen

It gives me immense sense of pleasure and pride to
make the E-magazine of K.V. Chitrakoot for the year
2019 public. Such documents are mission statements
of an institution. This edition of the e-magazine once
again reflects our vision, mission, ambition and
commitment to the society. And the stake holder. It
is also a beautiful representation of exploration and
exhibition of innate talents of the students of the
vidyalaya. It is a beautiful compilation of the image
of the vidyalaya through images. Heartfelt grati-
tude to principal sir for his initiative and inspiration
in making this possible. Special thanks to the staff
members and the students for their support and co-
operation. We will keep making such efforts and en-
deavors in future.

Anupam Kumar

PGT English
6

कंे द्रीम विद्मारम चित्रकू ट सॊऩादकीम विद्मारम ऩत्रत्रका

विद्मारम की ई –ऩत्रत्रका का प्रथभ अॊक आऩके हाथों भंे सौंऩते हुए अऩाय हर्ष का
अनबु ि हो यहा है | आज के सुिना प्रद्मोचगकी के मुग भंे ककताफों का बी
डडल्जटरीकयण ककमा जा यहा है उस ऩरयप्रेक्ष्म भें मह ई-ऩत्रत्रका एक प्रमास है आज के
सभम के साथ जड़ु ने का, साथ ही प्रकृ नत के सॊयऺण भें बी अऩना मोगदान सनु नल्श्ित
कयने का | इस ऩत्रत्रका भंे विद्माचथमष ों की किमाशीरता एिॊ यिनाधशभतष ा को
इरेक्रोननक पॉभष भें प्रस्ततु ककमा गमा है |

आदयणीम प्रािामष श्री विनोद कु भाय जी के भागदष शनष से विद्मारम ऩत्रत्रका
साकाय रूऩ रे ऩाई है उनके प्रनत सरृदम आबाय व्मक्त कयने के साथ ही
सॊऩादक भॊडर के सदस्मों के प्रनत ऩत्रत्रका को सजाने सॉिायने के शरए हाहदषक
आबाय व्मक्त कयती हूॉ |

ऩत्रत्रका भें जो कु छ बी अच्छा औय सयाहनीम है उसका सभस्त श्रेम भाननीम
प्रािामष जी औय सॊऩादक भडॊ र के सदस्मों को देते हुए सॊबावित खाशभमों को
अऩनी भान, ऩिू ष ही ऺभामािना के साथ आऩके सभऺ सादय प्रस्तुत औय
सभीऺाओ के इॊतजाय भंे……

वप्रमा जामसिार
ऩसु ्तकारमाध्मऺ

7

कें द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका

EDITORIAL BOARD

Sh. Anupam Kumar Mrs. Priya Jaiswal Dr. Anand Prakash
PGT-English Librarian PGT-Hindi

Executive Editor

Mr. B.L . Gupta Mr. Amit Kumar
TGT– English Singh

Student editors TGT-Hindi

Vikalp Tripathi Akshara Tiwari Anushrut Shreya Yadav
XI –Sc. XI –Sc. XI– Hum. XI –Sc.

8

कंे द्रीम विद्मारम चित्रकू ट Staff members विद्मारम ऩत्रत्रका

S.n Name of Employee Designation

Regular Staff

1 MR. VINOD KUMAR PRINCIPAL
2 MR. R.K. MAURYA PGT (COMP. SC.)
3 MR. ALOK SRIVASTAVA PGT (HISTORY)
4 DR. ANAND PRAKASH PGT (HINDI)

5 MR. ANUPAM KUMAR PGT (ENGLISH)

6 MR. ANSHUMAN SINGH PGT (ECONOMICS)

7 MR. SURYAKANT RAY PGT (GEOGRAPHY)

8 MR. P. N. TIWARI PGT (PHYSICS)

9 MR. BADREESH SHUKLA PGT (CHEMISTRY)

10 MR. AVADHESH PAL PGT (MATHS)

11 MR. SAMEER SHUKLA PGT (BIOLOGY)

12 DR.(smt) ANJANI SHARMA TGT (SANSKRIT) VRS

13 MR. B.L. GUPTA TGT (ENGLISH)

14 MR. AMIT KUMAR SINGH TGT (HINDI)

15 MR. RACHIT KUMAR TGT (MATHS)

16 MR. MUKESH SINGH TOMAR TGT (WE)

17 MR. NAHEED JAMAL TGT (PH&E)

18 MRS. PRIYA JAISWAL LIBRARIAN

19 MRS. FEROZ NUSRAT TGT (AE)

20 MR. CHANDRIKA YADAV PRT

21 MS. RENU TOMAR PRT

22 MRS. KAVITA PRT

23 MR. BHANU PRATAP PRT

24 MR. SURYAKANT KUSHWAHA PRT

25 MR. ANIL KUMAR TIWARI PRT (MUSIC)
26 MR. RISHU SHRIVASTAVA SSA (OfICE)
Contractual Staff

1 MS. VIJAY RAJ LAKSHMI PRT

2 MR. ARVIND KUMAR MAURYA COMP. INSTRUCTOR

9

कंे द्रीम विद्मारम चित्रकू ट Our Prestigious Staff विद्मारम ऩत्रत्रका

Sh. Vinod Kumar Sh. R.K. Maurya Sh. Anupam Kumar Sh. Anand Prakash Sh. Sameer Shukla
Principal PGT– CS PGT -English PGT-Hindi PGT-Biology

Sh. P.N. Tiwari Sh. Badreesh Shukla Sh. Avadhesh Pal Sh. Alok Sh. S.K. Ray
PGT-Physics PGT-Chemistry PGT– Maths Shrivastava PGT-Geography
PGT– History

Sh. Anshuman Sh. B.L. Gupta Sh. .Amit K. Singh Sh. Rachit Kumar Sh. M.S. Tomar
Singh TGT—English TGT—Hindi TGT- Maths TGT—WE
PGT-Economics

Smt. Priya Jaiswal Smt. Feroz Nusrat Sh. Nahid Jamal Sh. Chandrika Yadav Sh. Anil.K. Tiwari
Librarian TGT—AE TGT– PH& E PRT PRT-Music

Ms Renu Tomar Sh. Bhanu Pratap Sh. S.K. Kushwaha Sh. Rishu Shrivastava
PRT PRT PRT SSA (Office)

10

कंे द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका

TEACHERS ACHIEVMENT FOR CBSE FOR SESSION 2019-20

CLASS—X Result AISSE 2019-20

Overall School Result 100 % , PI - 70.1

S.NO CODE SUBJECT NAME OF PASS % PI
TEACHER 62.5

1 134 English Anupam kumar 100%

2 002 Hindi Mr. Anand Prakash 100% 76.9

3 122 Sanskrit Dr. Anjani sharma 100% 77.5

4 241 Maths (B) Mr. Avadhesh Pal 100% 48.6

5 041 Maths (S) Mr. Avadhesh Pal 100% 80.5

6 086 Science Mr. P.N.Tiwari 100%

Mr. B. Shukla 66.5

Mr. S. Snhukla

7 087 Social sc. Mr. Alok Sri. 100% 75.5
Mr. S.K. Ray
Mr. A. Singh

11

कंे द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका

CLASS—XII RESULT AISSCE 2019-20

Overall Result - 100% Science
Stream
SCHOOL PI (Without Phy. Edu) — 60.33, PI , (With Phy. Edu. ) — 58.75

S.NO CODE SUBJECT NAME OF TEACHER PASS PI

1 301 English Mr. Anupam Kumar 100% 63.33

2 302 Hindi Dr. Anand Prakash 100% 75

3 041 Maths Mr. Avadhesh Pal 100% 53.75
4 042 Physics Mr. P.N. Tiwari 100% 66.07

5 043 Chemistry Mr. Badreesh Shukla 100% 49.11

6 044 Biology Mr. Sameer Shukla 100% 68.75
7 083 CS Mr. R. K. Maurya 100% 45
8 048 Phy. Edu Mr. Nahid Jamal 100% 50.83

Humanities Stream

S.NO CODE SUBJECT NAME OF PASS PI
TEACHER
1 029 History % 37.5
2 027 Geography Mr. Alok Srivastava 62.5
3 030 Economics 100% 75

Mr. S.K. Ray 100%

Mr. Anshuman Singh !00%

12

कंे द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका

CBSE TOPPERS FOR THE SESSION 2019 –20

CLASS - 12

Shrutikirti Ajay Kumar Anand Kumar Arti Devi
Devi Singh Yadav
89.8% 89.2 72%
92.8%
Humanity only
student & topper

CLASS - 10

Shaurya Suchi Pradosh Sneha Prabhakar
Pratap Dwivedi Kumar Upadhyay Patel
Singh
93.6% 91.4% 91% 90.4%
94.6%

13

कंे द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका

Celebration of Republic Day 2019

Welcome of chief guest Flag Hoisting

Speech Cultural Performance

Student Gathering Sweet Distribution

जो शहीद हुए है उनकी ज़या माद कयो कु फाषनी
14

कंे द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका

FIT INDIA RALLY

Hon’ble Chief Guest—Sh. Sheshmani Pandey (IAS) DM Chitrakoot

15

कंे द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका

Celebration of International

Yoga Day 21st June 2019

16

कें द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका

National Integration Camp

Ek Bharat Shresth Bharat

Observation of project Exhibits by DIOS Chitrakoot

Folk Dance of Mizoram Certificate holders of SST Exhibition

17

कंे द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका

Students Council

Take a stand! The result will be grand!

18

कंे द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका
विद्मारम का िावर्कष ननयीऺण २०१९-२०

भाॉ सयस्िती की प्रनतभा ऩय भाल्माऩणष प्राथनष ा सबा का ननयीऺण

प्रेयणा एिॊ हदशा ननदेश ननयीऺण दर का स्िागत

शशऺा का नहीॊ है कोई भोर, है जीिन की बानॊ त अनभोर

19

कें द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका

सॊस्कृ त सप्ताह सभायोह

20

कंे द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका

एक विद्माथी
एक ऩौधा

ऩेड़ रगाओ जीिन फिाओ

21

कें द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका

Pariksha Pe Charcha

Awareness towards Drug Abuse (AEP)

22

कंे द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका

150th Birth Anniversary of Mahatma Gandhi

फाऩू का घय—घय ऩहुिे सॊदेश स्िच्छ हो सुॊदय हो अऩना देश |

23

कंे द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका

हहन्दी
विबाग

24

कंे द्रीम विद्मारम चित्रकू ट अनिु भणणका विद्मारम ऩत्रत्रका

िभ स.. यिना यिनाकाय कऺा
१ फेटी की व्मथा डॉ अजॊ नी शभाष शशक्षऺका (VRS)
२ िभत्कायी शसक्का आमुर् शसहॊ
३ िक्त का भहत्ि प्रस्तनु त ऩािनी VII
४ सफ़रता की कॊु जी अभनदीऩ VIII
५ तभु िट्टानों से खड़े यहे आहदत्म ऩाण्डमे IX
६ सनै नक : ऩयभ देशबक्त अभनदीऩ VII
IX
७ भाॉ िनृ ्दनी ऩाण्डमे VI
VI
८ भये े टीिय प्रसनू नायामण नतिायी IV
VI
९ कॊ प्मूटय प्रत्मुर् VI
१० ऩेड़ फिाओ योहहत कु भाय TGT करा
IV
११ फिऩन अहदनत श्रीिास्ति XI
प्राथशभक शश.
१२ आज की नायी smt कपयोज नसु यत X
VI
१३ सीख रक्ष्भी देिी VIII
VIII
१४ हॉसना ज़रूयी है अनुकृ नत गुप्ता VIII
VI
१५ ऑनराइन शशऺा व्मिस्था बानु प्रताऩ

१६ हभाया कें द्रीम विद्मारम प्रकृ नत ऩािनी
१७ ऩेड़ हभाया जीिन आहदत्म कु भाय

१८ प्मास से व्माकु र याजा किश्नेंद्र कु भाय

१९ कोयोना वप्रमाॊशी शसहॊ

२० भये ा गािॉ , ि प्रकृ नत प्रदरु ्ण आरोक कु भाय

२१ क्मा हुआ था फाऩू के साथ िर्ाष

25

कंे द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका

फेटी की व्मथा

फेटी क्मा है धानऩौध सभ, इस घय से उस घय को जाती |
जड़ंे छोड़ देती इस घय भंे, उस घय जाकय पू र णखराती |

यहती वप्रमतभ के घय भंे है, ऩय वऩतृ गहृ कबी बरू न ऩाती |
यहे प्रपु ल्ल्रत सदैि िह घय, मही काभना सदा भनाती |

उस घय की गरयभा भमादष ा, सदै ि अऩने साथ है राती
िरे याह ऩय कबी ऩतन की, तो उसकी फेटी कहराती |
मद्दवऩ समु ्ऩरु यत ननजगहृ भंे , ऩत्नी, भाॉ, दादी फन जाती |
कबी बरू ऩाती क्मा िो घय जहाॉ फार िीडा कय जाती |
फेटी का बी क्मा बविष्ट्म है, कबी गबष भें भायी जाती |
औय कबी वप्रमतभ के हाथों ही भतृ ्मु समै ा ऩय सो जाती |
इक्कसिीॊ सदी का भेया बायत, फेटी को क्मा दे ऩामा है |
विऻान - कृ ऩा से उसने स्िमॊ को आज गबष भंे होभ कयामा है |

डॉ. अजॊ नी शभाष
प्र.स्ना.शश. ससॊ ्कृ त

नायी तभु के िर श्रद्धा हो , विश्िास यजत नग ऩग तर भें |
ऩीमूर् स्त्रोत सी फहा कयो , जीिन के सनु ्दय सभतर भें

26

कें द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका

िभत्कायी शसक्का

एक ककसान था िह फहुत गयीफ था उसके दो ऩतु ्र थे | औय उनकी भाॉ की भतृ ्मु हो िकु ी थी उनके
ऩास कोई योजगाय नही था िह बीख भाॊग कय खाते थे | कु छ हदन फाद दोनों ऩतु ्र फड़े हो गमे िे
अऩने वऩता से फोरे की हभ कहीॊ काभ कयने िरे जामे वऩता ने कहा िरे जाओ औय अऩना ध्मान
यखना िे िरे गमे | जाते -जाते उनको यात हो जाती है िह एक घय भें जाते है िह खारी यहता है
जफ उस घय भें िे आऩस भें फात कयते है तबी अिानक आिाज आती है िह इधय – उधय देखते हंै
उन्हें कु छ नही हदखाई देता |

िह फहुत डय जाते हंै तबी उन्हें एक औयत हदखाई देती है िह सभझ जाते है की मह घय िभत्कायी
है िह औयत ऩछू ती है तभु कहाॉ जा यहे थे | िह अऩनी ऩयू ी फात फताते है | िह औयत इतना सफ
सनु ने के फाद उन्हें एक शसक्का देती है औय कहती है कक इस शसक्के को दो फाय से ज्मादा
इस्तभे ार नही कय सकते | अगय इसे दो फाय से ज्मादा इस्तेभार कयोगे तो उतना ही साभान
गामफ होता जामेगा इसे ध्मान से यखना जफ तुम्हे ऩसै ों की जरुयत हो तो इसे फाहय ननकार कय
कहना भझु े ऩसै े दो, ऩसै े ननकरने रगेंगे | िे शसक्का रेकय घय रौट जाते है औय अऩने वऩता से
फताते है की एक औयत ने भझु े मह शसक्का हदमा है मह शसक्का िभत्कायी है ऩय िह ऩयू ी फात
नही फताते क्मोंकक िह आधी फात बरू जाते है |

िे दो फाय से अचधक उस शसक्के को इस्तेभार कयते है उनका धीये—धीये साया साभान गामफ हो
जाता है | तफ उन्हंे एहसास होता है की रारि नहीॊ कयना िाहहए उन्हें फहुत अफ़सोस होता है

सीख— इस कहानी से हभें मह शशऺा शभरती है कक ―रारि फयु ी फरा है‖ |

कर करमुग का कल्ऩतरु, कर कॊ ठो का भूर | आमुर् शसहॊ - कऺा— ७
कर िाहत सफ कोम जग, कर नहहॊ आिै बरू | |

27

कें द्रीम विद्मारम चित्रकू ट िक्त का भहत्ि विद्मारम ऩत्रत्रका

िक्त जरुय आता है भगय िक्त ऩय ही आता है |

कागज अऩनी ककस्भत से ही उड़ता है,

रककन ऩतॊग कात्रफशरमत से |

इसशरए ककस्भत साथ दे मा ना दे, कात्रफशरमत जरुय साथ देती है |

दो अऺय का होता है रक, ढाई अऺय का होता है बाग्म,

तीन अऺय का होता है नसीफ, साढ़े तीन अऺय की होती है ककस्भत |

ऩय मे िायो के िायो अऺय भहे नत से छोटे होते है |

ल्जन्दगी भें दो अऺयों का ख्मार यखना फहुत जरुयी है,
वऩता ल्जसने तमु ्हायी जीत के शरए सफकु छ हाया हो, भाॉ ल्जसको तभु ने हय द्ु ख भंे ऩकु ाया हो |

काभ कयो ऐसा की ऩहिान फन जाए ,

मह ल्जन्दगी तो सफ काट रेते है, ल्जन्दगी ऐसे ल्जमो की शभसार फन जाए |

बगिान की बल्क्त से शामद हभंे भाॉ न शभरे,

रके कन भाॉ की बल्क्त कयने से बगिान अिश्म शभरेंगे |

अहॊकाय भंे तीन गए—धन , िबै ि , औय िॊश,

न भानो तो देख रो यािण, कौयि , कॊ स |

इन्सान एक दकु ान है औय जफु ान उसका तारा, प्रस्तनु त ऩािनी
जफ तारा खुरता है तबी भारभू ऩड़ता है, कऺा—8

कक दकु ान सोने की है मा कोमरे की | |

मॉू तो हय हदर भें सपरता के ख्िाफ ऩरते हैं,
हौसरे फुरदॊ हो तो , आॉचधमों भंे बी चियाग जरते हैं |

28

कें द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका

सपरता की कॊु जी

भुल्श्करों से टकयाने को, तुभ सफसे आगे खड़े हो |

िाहे हो ऩयाजम की प्राल्प्त, ऩय तुभ ही शसपष अऩने डय से रड़े हो ||
असफ़रता हाथ रगने ऩय , एक सीख का उत्सि जी रेना |
ऩय इस अनभोर भौके ऩय, अनबु ि का काढ़ा बी ऩी रेना ||

जो गरनतमाॉ गरती से हुई उनको स्िीकाय कय एक शस्त्र फना |
औय उन्ही गरनतमों को सुधायकय कै सी बी ऩयीऺा के शरए ब्रह्भास्त्र फना ||

ऩरयश्रभ की िाबी खोजकय , ल्जद से असफ़रता की दीिाय तोड़ दो |

तूफ़ान रूऩी फाधाओॊ को हहम्भत के ढार से भोड़ दो ||

प्रनतकू र ऩरयल्स्थमों के विरुद्ध ही, ननडयता से बये कदभ प्रशस्त कयना है |

औय उनसे जीत स्िीकाय कय ऩयू ी दनु नमाॊ को प्रभाणणत कयना है ||

कीिड़ भंे ही सफ ऩुष्ट्ऩों भें िह श्रेष्ट्ठ कभर णखरता है |

औय कोमरे की ही खदानों भें, एक फहुभलू ्म हीया शभरता है ||

अभनदीऩ
कऺा—IX

अऩने भन का हो जाए तो अच्छा, न हो तो बी अच्छा |
सोऩान कोई असफ़रता का, सफक दे जाए तो सफसे अच्छा ||

29

कंे द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका

जो देश के शरए शहीद हुए उनको भेया सराभ है,
अऩने खनू से जभीॊ को सीिा उन फहादयु ों को सराभ है |

30

कंे द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका
सनै नक —- ऩयभ देशबक्त

देश की सेिा औय िदी ही उसको खफू बाती है |

क्मोंकक सीभा ऩय तनै ाती है ||

तमायी ऩूयी कयके िह रेन भें फैठकय िरा गमा,

औय अऩनी मादों की ऩीड़ा देकय सफकी आखॉ े नभकय िरा
गमा ||

कर फेटी उसकी जन्भी है, खफय आज ही उसे ऩता िर यही |

आज उसकी आत्भा तो शसपष अऩनी फेटी को देखने भिर यही ||

हदनबय हभायी यऺा कय, यात को उसे घय जाना था |

ऩय उसे क्मा ऩता था कक आज शत्रुओॊ से टकयाना था ||

ितन की यऺा कयते—कयत,े उसकी साॊसो की डोय बी वऩघर गई |

जफ दशु ्भनो की गोशरमाॊ उसका सीना िीय के ननकर गई ||
ईश्िय बी ऩरयिाय के शरए एक द्ु ख बया सदॊ ेश रामा था |

आज फेटा उनका अऩने कदभों ऩय नहीॊ िाय कॊ धो ऩय घय आमा था ||
सभािाय ऩत्र देखा तो फशरदान उसका अॊककत था |

ऩय अबी आधा देश इस फशरदान से िचॊ ित था ||

उसने तो अऩनी कु फानष ी देकय हभ सफ को महाॉ सुयक्षऺत सुरा हदमा | अभनदीऩ
ऩय हभने उसका नाभोननशान एक ही ऩर भंे बुरा हदमा || कऺा IX

31

कें द्रीम विद्मारम चित्रकू ट भाॉ विद्मारम ऩत्रत्रका

प्मायी जग से न्मायी भा,ॉ भॊल्जर हभंे हदखाती भाॉ |

सफसे भीठा फोर है भाॉ, दनु नमाॊ भंे अनभोर है भाॉ ||
खाना हभें णखराती है भाॉ, रोयी गाकय सरु ाती है भाॉ |

प्मायी जग से न्मायी भा,ॉ खुशशमाॊ देती सायी भाॉ ||

तू धयती ऩय खुदा है भाॉ .....
ऩछॊ ी को छामा देती , ऩेड़ों की डारी है तू भाॉ |

सयू ज से योशन होते िहे ये की रारी है त,ू
ऩौधों को जीिन देती शभटटी की क्मायी है तू भाॉ ||

सफसे अरग सफसे जदु ा भाॉ सफसे न्मायी है |
तू यौशनी का ऩुजॊ है भाॉ, फॊजय धया ऩय फारयश की फौछाय है तू भाॉ ||

जीिन के सुने उऩिन भें, कशरमों की फहाय है तू भाॉ |
ईश्िय का सफसे प्माया औय सुन्दय अिताय है तू भाॉ ||

तू परयस्तों की दआु है भाॉ , तू धयती ऩय खदु ा है भाॉ … ||

िनृ ्दनी ऩाण्डेम
कऺा — 6

भाॉ धयती की हयी दफू सी, भाॉ के सय की क्मायी है,
ऩूयी सलृ ्ष्ट्ट न्मोंछािय ल्जसऩय , भाॉ की छवि ही न्मायी है ||

32

कें द्रीम विद्मारम चित्रकू ट भेये टीिय विद्मारम ऩत्रत्रका

भभेयेेयेबबगगिािनानहै भहै ेयभे टेयीे िटयीि,यउ,नउकना कसाम्भसामन्भहाैनभहेयैे हभदरेये हकदे रबीकते यब|ीतय |

ककयय ददे े ककोोईईउउननकका ाअअऩऩभभानान, , तो उनसे फदरा रेने के शरए रगा दू जान ||

टीिय हतै वोिउदन्मसारे फमदरका री शेनेाकने ,शरगएातरागहाूॉ दभू जै उानन्ह|ी| के गान |

टीियटहीै िवियद्महाभरंे मऩाकठी शसाभनझ, गाताते हा ै,हूॉ हभभै ंे उऩन्ाहसी कके गयाानने |क| े शरए जी जान रगाते है ||

टीिय हभें ऩाठ सभझाते है, हभें ऩास कयाने के शरए जी जान
टीिय हभंे सही यास्ता हदखाते, औय हभें सपर फनाते है ||

रगाते है ||

बगिान को भै सफसे उऩय भसानहीतयाासह्तूॉ ा| हदखाते, औय हभें सपर फनाते है ||
टीिय हभंे

बगिान के नाभ ऩे भै टीियबकगिो ानही कजोानभतै सा फहसूॉ |े |उऩय भानता हूॉ |

बगपि्रसाननू कने ानयााभमणऩे नभतै िटाीयिी य को ही जानता हूॉ ||

प्रसनू नायामण नतिायी कऺा-6

कऺा– VI कॊ प्मूटय

कॊ प्मटू य

ककॊ पॊ्पम्मटू टू यय हहैै फफहहुतुतuusesfeuflu,lक, यकतया तकााभकत्ारफभनता्रफशनोयागशुरोय|गुर |

सबी किसमबामी ेकिछमडाऐभछें ड़कयभतें का, यकताब, की बनीहनीॊ हमीॊ हमहगरगरतती ीककययतताा ||

फफसस ककााहटहटककट,ट,िािहे ारहेने र, ेनि,ाहेिहाटहके टहटहको टएमहयोोप्एरमने यो|प्रेन | प्रत्मरु ्
फचफ्िच्ोंिको ाकमाहमरयहजरल्यटजफल्नटातफा,नछातऩाा,ई छके ऩमाईह कके ाभमहहै कआातभा |ह| ै आता || कऺा—IV

मातामात की मह यखिारी कयता, भौसभ की मह बविष्ट्मिाणी कयता |

मातामात की मह यखिारी कयता, भौसभ की मह बविष्ट्मिाणी कयता |

फकंै कॊ ग इसके त्रफना अधयू ी काभ कये मह सफ जरुयी ||

फकंै कॊ ग इसके त्रफना अधूयी काभ कये मह सफ जरुयी |

जात - ऩात का धभां - कभष का बेद न हहदॊ ी जाने |

हहदॊ ी उन सफकी जो इसको अऩनी भाता भाने || मोगेश दमारु

33

कें द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका

ऩेड़ फिाओ

ऩेड़ हूॉ भै ऩेड़ हूॉ, पर देता छामा देता | रेता कभ हूॉ देता ज्मादा |
जीता हूॉ भै सारों सार धयती का हूॉ ऩारनहाय ||

ऩानी भुझको देते तुभ, हया — बया भै हो जाता |
ल्जतना हूॉ भैं हया — बया उतनी ही फरयश भैं राता ||

भेया जीिन भेया नहीॊ है, कय हदमा तुभ ऩय न्मोंछािय |
ल्जतना प्माय कयता तभु को,

उतना कयना भुझको प्माय ||
साये फच्िों यखना माद, सदा कयना इनका सम्भान |

इनकी जान है सफकी जान, सोिो इस दनु नमाॊ से,
मे क्मा रेते औय क्मा ऩाते ||

अऩनी आणखयी रकड़ी बी, दनु नमा को ही दे जाते ||
आओ सबी माद यखें एक ऩेड़ है हभंे रगाना,

ऩानी देना उसे फढ़ाना कटने से बी उसे फिाना ||

योहहत कु भाय
कऺा—VI

काॉटों भंे णखरकय हभ सफने , हॉस— हॉस कय है जीना सीखा |

Waएक सतू ्र भंे फधॊ कय हभन,े हाय गरे का फनना सीखा || रयका प्रसाद भाहेश्ियी

34

कंे द्रीम विद्मारम चित्रकू ट फिऩन विद्मारम ऩत्रत्रका

मह भेया प्माया फिऩन खेरता कू दता प्माया फिऩन |
नानी के घय भें उधभ भिाता है फिऩन ||
शभट्टी के णखरोने से खेरता है फिऩन |
कबी — कबी तो स्कू र भंे फहाने भायकय घुभने जाता है
प्माया फिऩन ||
छु ट्टी भें घय िुऩके - िुऩके भाॉ से खेरता है प्माया फिऩन |
िऩु के से दीदी के फार खीॊिकय बाग जाता है प्माया फिऩन ||
चगप्ऩी गेंद से है खेरता प्माया फिऩन |
यात — यात भें दादी से कहानी सुनता है फिऩन ||
जफ नही सुनाती तो रूठ जाता है फिऩन |
दोस्तों के साथ सभोसा ऩाटी कयता है फिऩन ||
गरी भहु ल्रों भंे शोय भिाता प्माया फिऩन |
छोटी— छोटी फातों भंे रूठता — हॉसता है प्माया फिऩन ||

अहदनत श्रीिास्ति
कऺा — 6

एक तभु , मह विस्ततृ बखू ॊड, प्रकृ नत िबै ि से बया अभदॊ |
कभष का बोग, बोग का कभ,ष मही जड़ का िेतन आनॊद || - जमशॊकय प्रसाद

35

कें द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका

आज की नायी

आज नहीॊ हूॉ भैं अफरा, न ही भैं फेिायी |
सहे जो जग के अत्मािाय अफ नहीॊ भुझभें

िह रािायी ||
चित्र को विचित्र फना दॊू आज भुझभे हंै िह कराकायी |

ताकत है हभभें अफ फ़ौरादी जीत रेंगे दनु नमाॊ सायी ||
सभाज के हय ऺेत्र भें है आज अऩनी बागेदायी |

कामऺष ते ्र हो मा घय — आॉगन ऩूयी की है हभने हय ल्जम्भेदायी ||
नायी अफ एक सुकु भायी ! ना ना नायी |

भैं हूॉ आज की सजग, सफर ि सफ़र नायी ||

श्रीभती कफ़योज़ नुसयत
टी.जी. टी. करा

मह जन्भ हुआ ककस अथष अहो , सभझो ल्जससे मह व्मथष न हो |
कु छ तो उऩमुक्त कयो तन को, नय हो न ननयाश कयो भन को — भचै थरी शयण गपु ्त

36

कें द्रीम विद्मारम चित्रकू ट सीख विद्मारम ऩत्रत्रका

रक्ष्भी देिी
कऺा— 4

ऺभा शोबती उस बजु गॊ को ल्जसके ऩास गयर हो |

उसका क्मा दॊतहीन, विर्हीन , विनीत सयर हो || याभधायी शसहॊ हदनकय

37

कें द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका

हॉसना ज़रूयी है

1. फेटा: ऩाऩा कर हभ भाराभार हो जामगें े |

ऩाऩा : कै से ?
फेटा: कर हभाये गणणत के टीिय ऩैसे को रुऩमे भंे फदरना शसखामगंे े |
2. रयश्तदे ाय इतने बी फयु े नहीॊ होते ल्जतने स्टाय प्रस िारे हदखाते हंै

औय ऩडोसी इतने बी अच्छे नही होते ल्जतने ―तायक भेहता का उल्टा िश्भा ―
भंे हदखाते हंै |
3. िो भड़ु —भड़ु के देख यहे थे हभें, हभ भुड़—भुड़ के देख
यहे थे उन्हंे, िो हभंे हभ उन्हें, हभ उन्हें िो हभें,
क्मॊकू क exam भंे न उन्हंे कु छ आता था ना हभें |

4. महद आऩका िजन ऩथृ ्िी ऩय 100 kg है, तो भॊगर
ऩय मह 38 kg होगा, औय िाॉद ऩय भात्र 16.6 kg | भतरफ आऩ भोटे नही है
फस गरत ग्रह ऩय है इसशरए खानऩान नही फल्ल्क गहृ
फदरे |

औयों को हसते देखो भनु, हॉसो औय सखु ऩाओ | अनकु ृ नत गुप्ता
अऩने सखु को विस्ततृ कय रो, सफको सखु ी फनाओ || कऺा—XI

38

कें द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका

ऑनराइन शशऺा व्मिस्था

फात 'बविष्ट्म' की हो तो कु छ बी ननल्श्ित कै से कहा जा सकता है ऩय 'बविष्ट्म' है
ककसके शरए ? हभायी आने िारी ऩीहढ़मों के शरए ल्जसे हभंे शशक्षऺत कयना है। िसै े तो शशऺा
कामष अबी तक सुिारू रूऩ से िर यहा था औय अचधकतय फच्िों को विद्मारम तक ऩहुॊिाने
के रक्ष्म भें बी हभ कापी हद तक सपर हुए हंै । रेककन तबी सभम ने कयिट री,
ऩरयल्स्थनतमों भंे ऩरयितनष आमा औय मह ऩरयितनष फाढ़, सुनाभी, तपू ान जसै ा नहीॊ था कक
ल्जस की ऩिू ष सिू ना शभर सकती मह बकू ॊ ऩ है जो ऺण बय के शरए नहीॊ आमा है रगाताय
शशऺा व्मिस्था की फुननमाद को हहरा यहा है झकझोय यहा है।

इस विर्भ ऩरयल्स्थनत की कल्ऩना तो ना ककसी शशऺक, न छात्र, ना सभाज औय शशऺा
विबाग क्मा ही कयता। इस प्रनतकू र िाताियण को सभझने के शरए एक उदाहयण रेते हंै
वऩछरे 167 िर्ों के इनतहास भें बायतिर्ष ने कई मुद्धों का साभना ककमा महाॊ भहत्ि इस फात
का नहीॊ है कक हभने िे मदु ्ध जीते मा हाये! ऐसी विकयार ऩरयल्स्थनतमों भंे बी बायत की जीिन
येखा कही जाने िारी रौहऩथगाशभनी अथातष येर मात्रा सिु ारू रूऩ से सिॊ ाशरत होती यही है
रेककन इस भहाभायी ने उसे बी ठऩ कय हदमा , तो कपय शशऺण सॊस्थानों भें विद्माचथमष ों की
सुयऺा को देखते हुए शशऺण कामष को स्थचगत ककमा गमा ऩयॊतु ल्जस तयह से शयीय को
जीवित यहने औय विकास कयने के शरए आहाय की आिश्मकता होती है उसी तयह से आत्भा
के विकास के शरए शशऺा की आिश्मकता होती है इसे योकना सभाज को स्थचगत कयने के
जैसा था। महद ककसी याष्ट्र का शशऺण सॊस्थान कभजोय हो जाए तो उसके अन्म सबी

सॊस्थागत ढािॊ े ढह जाएॊगे।

शशऺा विबाग ने शशऺा िानॊ त राने का प्रमास शुरू कय हदमा।

इतने िर्ों फाद बी क्मा ऑनराइन शशऺा देने के शरए विद्मारम भें सॊस्थागत ढािॊ े को

विकशसत ककमा गमा मह सिार ही फईे भानी सा रगता है? क्मा शशऺक स्िमॊ तमै ाय है, क्मा

हभायी शशऺण ससॊ ्थानों भंे शशऺकों को इस तयह से प्रशशक्षऺत ककमा गमा है?

39

कंे द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका

ऐसी ऩरयल्स्थनतमों भें हभाया उत्तयदानमत्ि क्मा है? हभें हहम्भत नहीॊ हायनी। याइट
फधॊ ओु ॊ ने हिाई जहाज उड़ाने से ऩहरे इससे ज्मादा िनु ौनतमाॊ झरे ीॊ थी।ॊ हिाई जहाज
आज उड़ यहा है। हभ बी उड़ेगं े। जो फच्िे ह्िाट्सएऩ नहीॊ जानते थे गगू र भीट से ऩढ़ यहे
हैं। आने िारा सभम शशऺा िाॊनत का है। सिॊ ाय िाॊनत, इरेक्रॉननक िाल्न्त औय अफ
शशऺा िाॊनत। के िर एक फात ध्मान यखनी होगी ऩहरे गयीफ भा-ॊ फाऩ बखू े यहकय फच्िों के
शरए ककताफें खयीदते थे अफ डाटा खयीदंेगे।

हभ सफ जानते है कक विद्मारम का स्थान भोफाइर पोन मा रऩै टॉऩ कॊ प्मूटय नहीॊ
रे सकता। रेककन कोविड-१९ भहाभायी के दौयान आनराइन शशऺा के शरए हभाये हचथमाय
िाक- डस्टय की जगह भोफाइर औय रऩै टॉऩ कॊ प्मूटय हंै।

हभें विश्िास है हभाये िऻै ाननक सपर होंगे औय हभ कपय स्कू र जाएॊगे औय कपय से
िाक डस्टय हभाये हचथमाय औय भोफाइर, रऩै टॉऩ कॊ प्मटू य शशऺण सहामक साभग्री होंगे।

ऩरयितनष सलृ ्ष्ट्ट का ऩहरा औय शाश्ित ननमभ है।

बानु प्रताऩ
प्राथशभक शशऺक

अहॊकाय भनुष्ट्म का फहुत फड़ा दशु ्भन है | िह सोने के हाय को बी शभट्टी का फना देता है |
- भहवर्ष िाल्भीकक

40

कंे द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका

*हभाया के न्द्रीम विद्मारम*

तऩोबूभभ बगिान याभ की, चित्रकू ट है इसका नाभ।
फसें महाॊ सफ देि देविमाॊ, करॊ नभन सफको प्रणाभ।।
महाॊ खुरा के न्द्रीम विद्मारम, अनुऩभ मह भशऺा का धाभ।
फार फेर्टमाॊ चित्रकू ट की, ऩािें जीिन का सच्िा ऻान।।
मह प्रदीऩ विऻान-ऻान का, अॊशभु ान का मह आरोक ।
अध्ममन का आनॊद महाॊ, आते ही भभट जाता शोक।।
अन्िेषण तकनीकंे इॊटय- नेट कॊ प्मूटय भंे याजेश।
ज्माभभनत औय त्रत्रकोणभभनत की, ऩरयचध नऩाते हंै अिधेश ।।
ऩेड़ औय ऩौधों भें से जो, फहे िरॊ ्द्रका अननर सभीय ।
बानु सूमि की काॊत सयीखी, हय रेती थकान की ऩीय ।।
घुर-भभर कय हभ यहना सीखें, सीखंे सॊस्कृ नत फाफू, रार ।
खेर कू द सॊग मोगा सीखें, रयशु भुके श नाहीद जभार ।।
विद्मारम भें यचित कहानी,हृदम खखराती हंै अयविदॊ ।
अजॊ नन की कविता भन जगती, विजम रक्ष्भी बाि गोविदॊ ।।
येनु वप्रमा की अभभत क़ियोजा, जीिन का यस हंै फद्रीश ।

आकय विद्मारम भंे रगता, फार विनोद कयें जगदीश ।।

प्रकृ नत ऩािनी — कऺा- १०

‘’ क्जसभें न जीतने की िाह है औय न हायने का डय उसे कोई बी हया नही सकता ―‖
सॊदीऩ भाहेश्ियी

41

कें द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका
ऩेड़ हभाया जीिन

ऩेड़ फिाओ ऩेड़ उगाओ ऩेड़ हभाया जीिन है |
इससे हभें शभरती साॊसे इसी से तो जीिन है |
ऩेड़ फिाओ ऩेड़ उगाओ.....

भत काटो इन ऩेड़ों को मही हभंे जीिन देते हैं |
ऩेड़ों की शीतर छामा भें खेरता हभाया

फिऩन है |
ऩेड़ फिाओ ,ऩेड़ उगाओ, ऩेड़ हभाया जीिन है ||

आहदत्म कु भाय
कऺा—६

िऺृ कफहुॉ नहहॊ पर बख,ै नदी न सॊिै नीय |

42

कंे द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका

किश्नेंद्र कु भाय
कऺा—८

त्रफगड़ी फात फने नहीॊ , राख कयो ककन कोम |

यहहभन त्रफगड़े दधू को . भथे न भाखन होम ||

43

कंे द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका

कोयोना

कोयोना का कािॉ — कािॉ ऩॉहुिा है गाॉि - गािॉ ,
फदरें न आऩ ठािॊ , घय भंे ही यहहमे |

शासन की हय नीत, भानना है आज भीत,

ऩाएॊगे अिश्म जीत बाि भें न यहहमे |

हाथ, ऩािॊ , भुॊह,
नाक यखना सबी मे ऩाक,

यहा है कोयोना झाकॊ सफसे ही कहहमे |

फदॊ कयें ताभ—झाभ कहना है याभ—याभ,

दयू से कयंे प्रणाभ हाथॉ नहीॊ गहहमे |

हो गमा है योग िि, पॊू क के वऩमगंे े ति,

फदॊ का ततृ ीम िि प्रेभ से ननबाइए |

ल्जसने नछऩामा योग, बोगता है देश बोग ,

एकजुट हो सभाज धमै ष को न खोए आज |

जसै ा होगा शॊखनाद, ककॊ चित न प्रनतिाद,

एक ही है परयमाद, ढीर न हदखाइए | वप्रमाॊशी शसहॊ
कऺा- ८

विऩल्त्त हीये की धूर है, ल्जससे ऩयभात्भा अऩने यत्नों को िभकाता है |

44

कें द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका

भेया गाॉि

छोटा—सा गाॉि भेया ऩूया त्रफग फाजाय था
एक नाई, एक भोिी , एक रोहाय था , हय आदभी फड़ा र्दरदाय था .

कहीॊ बी योटी खा रेते , हय घय भें बोजन तैमाय था …

गाड़ी की सब्जी भजे से खाते थे , क्जसके आगे शाही
ऩनीय फेकाय था..
दो भभनट की भैगी ना थी , झटऩट दभरमा तैमाय
था...
नीभ की ननफौयी औय शहतूत सदाफहाय था …
छोटा सा गाॉि भेया ऩूया त्रफग फाजाय था |
अऩना घड़ा कस के फजा रेत,े सभार ऩूया सॊगीतकाय था
भुल्तानी भभट्टी से नहा रेत,े साफनु औय क्स्िभभगॊ ऩुर फेकाय था
औय कपय कब्फडी खेर रेते , हभें कहाॉ किके ट का खुभाय था..
दादी की कहानी सुन रेते , कहाॉ टेभरविजन औय अख़फाय था |
बाई— बाई को देख के खशु था , सबी रोगो भें फहुत प्माय था
छोटा सा गाॉि भेया ऩूया त्रफग फाजाय था |

आरोक कु भाय
कऺा—८

जो कु छ बी तुभको कभजोय फनाता है -शायीरयक,फौवद्धक मा
भानशसक उसे जहय की तयह त्माग दो | — स्िाभी वििेकानदॊ

45

कंे द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका

प्रकृ नत प्रदरू ्ण

नहदमों के फहाि को योका
औय उन ऩय फाॊध फना डारे |
जगह - जगह फहती धायाएॉ, अफ फन के यह
गई है गॊदे नारे |
जफ धायाएॉ शसकु ड़ गई तो , उन सफ की धयती
कब्जा री |
सीनों ऩय कपय बिन फन गमे छोड़ा नही कु छ बी खारी |
अच्छी िर्ाष जफ बी होती है, ऩानी फाॊधो से छोड़ा जाता है,
िो ही तो कपय धया के सीनों ऩय , बिनों भंे घसु जाता है |
इसे प्राकृ नतक आऩदा कहकय सफ फाढ़ — फाढ़ चिल्राते है |
भीडडमा, अपसय नते ा शभरकय , तफ योहटमाॊ खूफ ऩकाते है | |

आरोक कु भाय
कऺा—८

ऩमािष यण की हो सयु ऺा, इससे फढ़कय नहीॊ तऩस्मा |
46

कें द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका

हुआ क्मा था फाऩू के साथ

िरो फताती हूॉ भै तुभको , हुआ था क्मा फाऩू के साथ
ऩहरे यहते थंे िो गजु यात के , याजकोट भंे अऩने ऩरयिाय के साथ |

कयते थें िकारत िह इभानदायी औय विश्िास के साथ,

श्री अब्दलु ्राह ने फरु ामा दक्षऺण अफ्रीका, रड़ने भु़दभा ऩुये सम्भान के साथ |
गाॉधी जी हो गमे तमै ाय, जाने को दक्षऺण अफ्रीका,

फाऩू जी ऩहुॉिे डयफन, रेकय ऩानी का िाहन |
गोयों की एक गरती ने सत्माग्रह को जन्भ हदमा,

वििश हुए तफ गोयों ने बायत को आज़ाद ककमा |
फहुत सहा फाऩू ने ऩय कपय बी िह भौन यहे ,

नहीॊ कहा कु छ उन्होंने , धक्का बी स्िीकाय ककमा |
7 जनू 1893 था सनˎ वप्रटोरयमा जा यहे थे भोहन,

रेन ऩकड़ी औय फठै गमे प्रथभ िग,ष जफ ऩहुिी रेन ऩीटय भाहटषज़ फगष |
कहने रगे कु छ गोये आकय उठो जाओ तुभ थडष क्रास |

भाना नही फाऩू ने जफ तो भाया धक्का ननकार हदमा फहाय | िर्ाष
ऩयू ी यात गजु ायी फाऩू ने, कड़-कड़ाती ठण्ड भंे, कऺा—६

वप्रटोरयमा ऩहुिंे थे िह घोय कष्ट्ट ऩाकय
उसी यात फाऩू के अन्दय सत्माग्रह का जन्भ हुआ,

ल्जसने आगे िरकय बायत को आज़ाद ककमा |

फहुत सहा था फाऩू ने, ऩय हाय कबी न भानी थी,
गोयों को क्मा भारभू था कक गाॉधी के रूऩ भें आधॉ ी थी ||

भसु ्कान औय भदद मे दो ऐसे इत्र हैं ल्जन्हें ल्जतना अचधक आऩ दसु यों ऩय नछड़के गंे,

उतने ही सुगल्न्धत आऩ स्िमॊ होंगें |

47

कें द्रीम विद्मारम चित्रकू ट Run for unity विद्मारम ऩत्रत्रका

48

कंे द्रीम विद्मारम चित्रकू ट विद्मारम ऩत्रत्रका

CCA प्रनतबा सम्भान

49


Click to View FlipBook Version