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Published by gharichshika, 2021-11-12 04:43:57

अभिहस्तांतरण

अभिहस्तांतरण

के अधतगतच ककसी भी एक पक्ष में भवन के ननमाचण के पश्र्ात ् कथथत फशच में दसू रे पक्षकार को दसू रे
पक्षकार के अथिकार, हक एवम ् दहत को अतं ररत करने दसू ्तातं ररत करने की शन्क्त भी आयेगी िेककन
प्रथम पक्षकार को मात्र लिखित सरू ्ना के बात और उसके िडि 26 के अध्यिीन रहते हुए मात्र तथाकथथत
अतं रण की एक पवू वच ती होने के लिए वतमच ान ननबधिनों को मात्र प्रस्ततु करने के पश्र्ात ्
8. यह कक प्रथम पक्षकार अतं रण को सन्म्मलित कर अनेक प्रयोजनाथच एक नो्री दारा तथा उपरन्जस्रार के
समक्ष दोनों सम्यक रूप से अथिप्रमाखणत द्ववतीय फशच के ननमाचण के लिए व्यापक सािारण मखु ्तार नामा
एवम ् ववशषे मखु ्तारनामा का ननष्पादन करेगा। अनतररक्त तौर पर पक्षकारों के बीर् पारस्पररक तौर पर
करार पायी ड्राफ्् तथा यथा नीर्े सरू ्ीबद्ि ड्राफ्् के अनसु ार दस्तावेजो का ननष्पादन प्रथम पक्षकार द्वारा
भी ककया जायगे ा।
(क) ................. िन प्रनतफि के लिए रसीदे।।

(ि) एक नो्री द्वारा अथिप्रमाखणत िोक ननकाय/पट््ाकताच के समक्ष प्रनतननथित्व करने के लिए अनेक मदु ्दो हेतु

ववशेष मुख्तारनामा।

(ग) द्ववतीय फशच तथा उसके र्बूतरा के 50% मंे पूणच और सदैव के लिए अथिकार, हक एवम ् दहत की वसीयत करने

वािी बबि।

(घ) द्ववतीय फशच तथा र्बूतरे के 50% का वविय करने का करार।

(ङ) वस्तुतः कब्जा सौप देना।

(र्) द्ववतीय फशच संरर्ना का ननमाणच करने का िाइसैस : और

(छ) द्ववतीय फशच तथा 50% र्बूतरे के लिए मालसक तौर पर पट््ा करार।

9. यह कक द्ववतीय पक्षकार एवम ् इसके समनदु ेलशती की कोई भी एवम ् आििे कताच इत्यादद उन सपं णू च
घोषणाओं, वगीकरणों एवम ् दस्तावजे ो को देने के लिए आबद्ि ककया हुआ रहेगा न्जसकी अपके ्षा द्ववतीय
फशच तथा कथथत द्ववतीय फशच के िुिे र्बतू रे के 50% को छोडकर तपणू च सम्पवि की बाबत इसके अधय

अथिकारो, हक एवम ् दहत को पषु ्् करने या स्थावपत करने के प्रयोजनाथच प्रथम पक्षकार द्वारा जसै े अपके ्षा
की जाय जो मात्र दसू रे पक्षकार होगी।
10. यह कक पक्षकारगण पथृ क ववद्यतु , वा्रमी्र इत्यादद को प्राप्त करेगे और कर प्रयोजनाथच साथ उनके
िलमक भागो की दाखिि िाररज करायेगा। मान पथृ क मी्र ककसी भी कारणवश सभं व नहीं है तो पक्षकार
इन सभी ििे ाओं पर सभी िर्ों के मी्र शये ररगं " एक पारस्पररक तौर स्वीकारणीय प्रणािी का पोषण
करेगा। दोनों पक्षकारगण ककसी भी ववभाग द्वारा ककसी कु की, मजं ूरी, वविय इत्यादद से सम्पवि की
सरु क्षा करने के उनके िलमक शये रो का तत्काि सम्पणू च भगु तान करने के लिए उिरदायी होगा।
11. यह कक स््ेयर के स एवम अधय सामाधय मामिा दोनों पक्षकारों के लिए उभयननष्ठ सा प्रकार प्रनतभनू त
प्रयोजनों के लिए दोनों पक्षकारगण इसके स्पष्् के स/सामाधय क्षेत्रो में बाजा को ननयत कर सकता है परधतु
वह जबकक उसको गोदरेज ्ािी से कफ् ककया वगा और दसू री र्ाभी दसू रे पक्षकार को प्रदान की जायेगी।
12. यह कक प्रथम पक्षकार उस र्ािन मागच क्षते ्र के नीर्े एक पथृ क भलू मगत तािाब का ननमाचण करायेगा जो
दसू रे पक्षकार द्वारा अनधय प्रयोग के लिए उपिब्ि होगा। तािाब स्वालमत्व ककसी भी प्रकार प्रथम पक्षकार
के पास रहेगा।
13. यह कक प्रथम पक्षकार ................. पथृ क पक्ष ने एक क्षनतपनू तच की है कक उपयकुच ्त क्म्ब सदस्यों के
पास कथथत फशच मंे कोई अथिकार नहीं है और ककस रूप मंे कोई भी आक्षपे करार के बारे में नहीं कर सकते
है र्ाहे जो कु छ भी हो। प्रथम पक्षकार एतद्द्वारा करार करता है। और आश्वासन देता है कक उसने कथथत
फशच की बाबत तारीि तक ककसी भी दसू रे के साथ कोई ऐसा करार या सवं ्यवहार नहीं ककया है।
14. यह कक पक्षकार मात्र आवालसक प्रयोजनों के लिए पररसरों का प्रयोग करेगा और गेसी रीनत से कक शषे
सम्पवि का उपयोग करने के लिए पथृ क पक्षकार को या ककसी भी दसू रे को कोई बािा या आक्षेप नहीं होता
है।
15. यह कक सम्पणू च इमारत का प्रयोग मात्र आवालसक प्रयोजनों के लिए ककया जायगे ा और कोई भी अविै ाननक
या अननजु ्ञेय प्राप्त नहीं उपयोग कताच ऐसे प्रत्येक पक्षकार द्वारा सम्पाददत ककया जायगे ा कक प्रवेश के /
अथिकारो इत्यादद का प्रयोग करके िी. िी. ए. की सभं ावना को ्ािा जा सके । यह एतद्द्वारा और आगे

स्पष्् कर ददया जाता है कक ककधही नकु साननयों, शान्स्त्रयों, कम्पाउन्डिग प्रभारो इत्यादद का उद्ग्रहण
ककसी भी पक्षकार द्वारा प्रयोगकताच के लिए िी. िी. ए. /एम. सी. ए. द्वारा उद्ग्रहण ककया जाताहै तब यह
कक पक्षकार उसका सदं ाय करने के लिए अनधय रूप से उिरदायी होगा।
16. यह न तो प्रथम पक्षकार और न ही द्ववतीय पक्षकार ककधही पररन्स्थनतयों में या उनके अिीन करार को
सहं ृत या रद्द कर दे र्ाहे जो कु छ हो।
17. यह कक इस करार के अधय उपबधिों के अध्यिीन रहते हुए ददल्िी नगर पालिका और / या अधय
प्राथिकाररयों से भवन ननमाणच योजना इत्यादद की अपेक्षक्षत इजाजतो, मजं रू रयाँा को प्राप्त करने में
अधतग्रसच ्त सम्पणू च व्यावसानयक िागतो एवम ् िर्ों का प्रथम पक्षकार द्वारा वह न एवम ् भगु तान ककया
जायेगा। प्ररुप 'ग' एवम ् 'घ' और प्रमाण पत्र को परू ा करने के र्रण पर उपगत ककया जाने वािे ववथिक
िर्ों को सन्म्मलित कर सम्पणू च िर्ों का दोनों पक्षकारो के बीर् एक समान रूप से दहस्सा िगाया जायगे ा।
18. यह कक ककसी भी पक्षकार के ववरुद्ि र्ाहे न्जस भी प्रकृ नत का कोई दावा, माग/मकु दमा/ और/या धयायािय
की कोई डििी हो, तो यह इस करार की शतच है कक ववकास कायच और/या इस करार का परू ा ककया जाना
ककसी भी समय या ननमाणच के दौरान या परू ा ककया जाने के पश्र्ात ् या िलमक पक्षकारों को कब्जा सौपा
जाने पर ककसी भी रीनत से र्ाहे जो कु छ भा कोई भी दावा, माँगा , नहीं बधद ककया जायेगा, न हीं रोका
जायगे ा, उसको बािा नहीं पहुर्ाई जायेगी या नहीं वविन्म्बत ककया यह कक कोई भी दावो, माँागे मकु दमा
और / या धयायािय की डिकियाँा सम्बन्धित पक्षकार के दहस्से से मात्र परू ी की जायेगी या उनका समािान
ककया जायगा। इस करार के अिीन उनका होने वािे ननलमतच क्षते ्रों में या उसके उत्पाद और यह कक काई
ऐसा दावा, परादेय माँगा ,े मकु दमा और / या ककसी प्राथिकारी से धयायािय की डििी भार / या धयायािय
ककसी भी रीनत से दसू रे पक्षकार के दहस्से को प्रभाववत नहीं करेगा या उससे वसिू ा नहीं जायेगा।
19. दोनों पक्षकारगण मात्र उनके ननमाचण का सम्पादन और पणू तच या मजं ूर की गयी योजना पाठत अधय िागू
ववथियो, ननयमों एवम ववननयमनो के अनसु ार करेंगे। जसै ा पक्षकारगण इस समय अनजु ्ञये समझते है,
एफ. ए. आर. 160 है। यह करार ककया जाता है कक एफ. ए. आर. गा र्ाहे जो भी अनजु ्ञेय हो एफ. ए. आर.
को 60 (जी. एफ.), 60 (एफ. एफ.) (एफ. एफ.) के अनपु ात मंे ववभान्जत कर ददया जायगे ा। पक्षकारगण

यह समझते है कक वतमच ान र में 1175-00 वगच कफ् अथग्रम शतच के अध्यिीन रहते हुए ननमाणच करने के
लिए द्ववतीय पक्षकार हेतु द्ववतीय फशच के अनजु ्ञये आच्छाददत ककया गया क्षते ्र है कक मानिे कोई शमनीय
गन्स्त फशच के अनसु ार उपिब्ि है तो द्ववतीय पक्षकार उन सभी शतो पर शमनीय होने शान्स्त का िाभ
िने े के लिए प्रथम पक्षकार के अथिकार को सन्म्मलित करे जमीन फशच एवम प्रथम फशच के सम्बधि मंे
प्रथम पक्षकार के अथिकार को प्रनतकू ि तौर पर प्रभाववत ककये बबना ही उसका िाभ िे सकता है मान िे
शमनीय होना। शान्स्त पणू तच या सम्पवि के लिए है तो उसके योग को 60 : 60 : 40 के अनपु ात मंे भी
ववभक्त ककया जायगे ा। द्ववतीय पक्षकार मात्र अथिकतम उतने का ही ननमाणच करायेगा न्जतना कक प्रथम
पक्षकार प्रथम (फश)च गरै ेज के ऊपर ननमाणच करायेगा। दोनों पक्षकार िमशः अपने स्वयं के िर्े एवम ्
दानयत्व पर 3 कफ् बािकननयों का ननमाचण करा सकता है। ककसी भी पक्षकार को न तो मौजूद रेिा के परे
ििु े स्थानों, मागच इत्यादद को बािााँ पहुाँर्ाना है।
20. न्स्वर् एवम ् ववद्यतु सम्बन्धित ननयतं ्रण मात्र िलमक फशो पर न्स्थत होगी। सभी फशच की पम्प प्रमिु
सीढी-सम्बधिी मामिे के या आिार फशच पर ककसी अधय स्थान के नीर्े होगी न्जसको प्रथम पक्षकार इसके
अनधय वववेकाथिकार मंे र्नु सके गा या पररवनततच कर सके गा।
21. यह करार ककया जाता है कक द्ववतीय फशच के र्बतू रे का 50% ररपर भाग प्रथम पक्षकार मंे ननदहत होगा
जबकक कथथत र्बतू रे के सामने का 50% दसू रे पक्षकार के साथ होगा। ककसी प्रकार दसू रा पक्षकार सम्पणू च
र्बतू रा ननमाणच के गणु के लिए उिरदायी होगा, परधतु यह तब जबकक यदद प्रथम पक्षकार द्वारा ककसी
ववशषे उपयोगकताच के कारण कोई कफसाई नहीं होती है तो प्रथम पक्षकार उस ववस्तार तक मरम्मत करने
के लिए उिरदायी होगा। अधय घ्नाओं मंे दसू रा पक्षकार भरणपोषण की प्रनतपनू तच करेगा र्ँाकू क यह ररपर
भाग दसू रे पक्षकार के दसू रे फशच भाग के ऊपर छत होगा।
22. यह कक स््ेयर हाि और द्ववतीय फशच के र्बतू रे को द्ववतीय फशच के एक शालमिाती स््यर के स उसके
िर्च को दोनों पक्षकारो द्वारा एक समान रूप से वहन ककया जाने वािे इतर फशच को परू ा करने के पश्र्ात ्
बनवाया जायेगा। दसू रे प्रथम फशच से दसू रे फशच तक के स््ेयर कस और स््ेयर हाि की िागत दसू रे
पक्षकार द्वारा वहन ककया जायगे ा।

23. यह कक दोनों पक्षकार कोई भी ऐसी बात नहीं करवायेगे जो शान्स्त, असवु विा के या ककसी अधय प्रनतकि
पक्षकार के साथ ननरीक्षण कर सके ग।े

24. यह कक दोनों पक्षकारगण अच्छी एवम ् ठीक हाित मंे अपन-े अपने िलमक भागों को वा और कोई बात नहीं
करेगे या ककया जाने का िोप करेगे जो कथथत पररसर के भाग को ितरा पदै ा कर सके गे या प्रनतकू ि तौर
पर प्रभाववत कर सके गे।

25. यह कक दोनों पक्षकार के पास भलू मगत या ्ैंक के शीषच पर, पम्प हाउसजे , ववद्यतु या जि की मोरी
स्तम्भो, दीवारो इत्यादद तक पहुाँर्ने का पणू च अथिकार रिगे ा न्जसकी आपात प्रकृ नत की सफाई पा मरम्मतो
के लिए अपके ्षा की जाय या ककधही अधय अपके ्षाओं के लिए।

26. यह कक ककसी अधय व्यन्क्तयों पर इस प्रकार की उनकी सम्पवियों या प्रसवु विाओं और/या िाभ को अतं ररत
करने की इच्छा करने वािा प्रत्येक पक्षकार र्ाहे पणू तच ः या अशं त हो स्पष््रूपणे अतं रण के सवं ्यवहार मंे
अनबु न्धित करेगा कक इस करार के ननबधिनों एवम ् शते उस करार का भाग होगी। इसके समरूप ही यदद
कोई भी पक्षकार पट््ा / अनजु ्ञन्प्त पर सम्पणू च पररसर को ककसी भी दे देता है तो इस करार के ननबधिन
एवम ् शतो को उस दस्तावेज के एक भाग बनाये जायगे े और उसकी एक प्रनतलिवप यह सनु नन्श्र्त करने
के लिए दसू रे पक्षकार को दे दी जायगे ी कक यह अनपु ािन ककया जा र्कु ा है। परधतु यह तब जबकक दसू रा
पक्षकार ननम्नलिखित आकन्स्मकता को छोडकर इसकी तारीि से 10 वषों की एक कािावथि के लिए,
इस करार के अिीन द्ववतीय फशच का अतं रण करन,े वविय करने । उसको बिं क रिने या अधय सिं ामण
करने या ककसी अथिकार का हकदार नहीं होगा। परधतु यह और कक आपवाददक पररन्स्थनतयों में, दसू रा
पक्षकार प्रथम पक्षकार को सहमनत से 10 वषों की. समान्प्त के पवू च भी द्ववतीय पक्षकार को द्ववतीय फशच
को बरे ्ने का हकदार होगा न्जसको प्रथम पक्षकार अयनु ्क्तयकु ्त रूप से सहमनत को इधकार नहीं करेगा।

27. ककसी भी समय, र्ाहे जो कु छ भी हो, पदै ा होने वािा वववाद र्ाहे इस करार के सम्बधि मंे या इसके सगं त
हो या कोई भी अधय मदु ्दा, इस प्रकार कोई भी कथथत पररसरो की स्वालमत्व, उपयोग या उपभोग से
सम्बन्धित हो, दोनों पक्षकारो को पारस्पररक तौर पर स्वीकारणीय एक मध्यस्थ द्वारा ववननन्श्र्त ककया
जायेगा।

28. पक्षकारों ने यह करार ककया है कक करार का ज्ञापन पक्षकारो के बीर् सम्बधिों एवम ् सवं ्यवहारों को शालसत
करने वािा आिारभतू दस्तावेज है। परै ा 8 मंे ननदेलशत ककये गये दस्तावजे ों को सवाथच िक सवु विाजनक
प्ररूप एवम ् रीनत से दसू रे पक्षकार द्वारा लििा जायेगा और एक ववपडय हक को प्राप्त करने के लिए दसू रे
पक्षकार को सवाथच िक उपयकु ्त होने वािा बनाया जायेगा। ककसी प्रकार, उन सभी दस्तावजे ों में से ककसी
भी (तथा उसके ननबधिनों) और वतमच ान ज्ञापन (या उसके ननबधिनों) के बीर् कोई वववाद, मतभेद, या
ववरोिाभाष होने की दशा मंे, हो तो प्रथम ज्ञापन अध्यारोही प्रभाव रिने वािा होगा और पक्षकारो के बीर्
वास्तववक सवं ्यवहार एवम वास्तववक करार को अविाररत करने के लिए कियान्धवत होगा।
न्जसके साक्ष्य मंे इसके पक्षकारो ने ननम्नलिखित साक्षक्षयों की उपन्स्थनत में वखणतच ददन, एवम ् वषच को इस
ववििे पर हस्ताक्षर ककया है।

.
.

प्रिम पक्षकार
द्दवितीय पक्षकार
साक्षीगण

1. ...............
2. ...............

तनिााण कताा द्िारा विक्रय वििेख

.................रुपये के ललए विक्रय विलखे
.................रुपये के ललए विक्रय विलखे

................में रप्जस्रीकृ ि कायालय य के साथ कम्पनी अचधयनयम 1956 के अधीन ननगलमत की गयी एक कमपनी
................द्वारा तारीि...........को ददया गया वविय विलखे । (इसमंे इसके पश्चाि ् उस प्रोमटर के बारे में यनदियष्ट
ककया गया प्जस पि के अन्िगिय इसके समनिु ेलशिीगण, उत्तरििी इत्यादि जब िक विर्य एिंी सिंी भय अन्यथा अपके ्षा
नहीीं करिा है, आयेग)े सम्यक रूप से प्राचधकृ ि ककये गये श्री ................. के जररये कायय कर रहा और प्राचधकृ ि ककये
गये श्री ................ द्िारा रप्जस्रीकरण के ललए प्रस्ििु ककया जा रहा है िेखे : एक भाग की ओर से और मखु ्िारनामा
सीं ....... ........ दिनाींककि ...................... और

................................
..................................

तनम्न के पि िंे :

(क्रे िा के बारे में इसमंे इसके पश्चाि ् यनदियष्ट ककया गया प्जस पि के अन्िगिय उसका / उनके / िाररसगण,
यनष्पादिक, समनिु ेलशिीगण इत्यादि, जब िक विर्य या सिंी भय अन्यथा अपके ्षा करिा है।

यिः सम्प्रििकय इसकी सहबद्ध कम्पयनयों के साथ-साथ सम्यििकय यह कक.................. भलम को खरीिा
िथा ................. के रूप में ज्ञाि एक आिालसक कालोनी की प्रोन्नयि एिम ् विकास के ललए.............................. से
लाइससें प्राति ककया है। (इसमंे इसके पश्चाि ्कालोनी के बारे में यनदियष्ट ककया।)

और यिः सम्प्रििकय सामदहक और सपीं णय भलम का विकास करने के ललए एिम ् नतशा बनाने के ललए िथा
ऐसे रूप में विलभन्न आकारों एिम ् पररसीमाओंी के भखण्डों का विक्रय करने का उस पर यनमायण करने या बहुमपीं ्जली
औद्योचगक इमारिे उठाने के ललए िथा आशय रखने िाले क्रे िा से विक्रय मल्य की िसली करने के ललए इसकी सहबद्ध
कम्पयनयों के साथ इींिजामों में भाग ललया है।

और यिः उपयतुय ि इींिजामों के अनसु रण में, सहबद्ध कम्पयनयों ने विक्रय विलखे का यनष्पािन करने िथा
उसको रप्जस्रीकृ ि करिाने के ललए अन्य बािों के साथ-साथ शप्तियों सदहि सम्प्रििकय के पक्ष में सम्बप्न्धि उप-
रप्जस्रार के कायायलय मंे सम्यक रूपणे रप्जस्रीकृ ि ककये गये मखु ्िारनामे का यनष्पािन ककया है।

औद्योचगक और यिः सम्प्रििकय ने ऊपर िप्जि कालोनी मंे ................... ज्ञाि एक काम्पलते स का यनमाणय करिाया
है।

और यतः िे ता के आवदे न पत्र पर, सम्प्रवतकच ने कथथत आवेदन पत्र मंे अनबु न्धित ननबधिनों एवम ्शतों पर सुपर क्षते ्र

पर आिाररत तथा यह समािान हो जाने के पश्र्ात ् कक सम्प्रवतकच के पास कथथत ऊपर औद्योथगक स्थान का वविय करते का

अथिकार एवम ्प्राथिकार था, िे ता द्वारा सम्यक रूप से स्वीकृ त ककये गये ................ रुपये (................ रुपये मात्र) के प्रनतफि
के लिए देिे आवं्न ददनाकं कत ................. को ................ के इसके सुपर क्षेत्र को रिने वािे .................. में ................
सम्बन्धित ववभेद सं ............... एक दकु ान ररक्त स्थान िे ता को आबदं ्त कर ददया था।

और यतः सम्प्रवतकच का पणू तच या एवम ् आत्यंनतक कब्जा है और अधयथा कथथत फ्ि्ै को बेर्ने का भिी भाँना त एवम ्

पयाचप्त रुपेण हकदार है जो सभी प्रकार के ववल्िगमो, िारणाथिकार प्रभारी, इस प्रकार र्ाहे जो कु छ भी हो, ये स्वतधत्र है। और

यतः िे ता ने यह इच्छा की है कक फ्ि्ै का उसको अब आतं ररत कर ददया जाय और सम्प्रवतकच उसका करार कर र्ुका है।

अब यह विक्रय वििेि ननम्नलिखित में साक्षक्षत करता है :

1. यह कक उपयकुच ्त आब्ं न पत्र ददनाकं कत .................. के अनसु रण मंे और सम्प्रवतकच को। िे ता द्वारा
पहिे से ही सदं ाय की गयी ................ रुपये (.................. रुपये मात्र) की रालश के प्रनतफि में न्जसकी
................. रुपये की सपं णू च रकम की प्रान्प्त को सम्प्रवतकच एतद्द्वारा स्वीकृ त एवम ् अलभस्वीकृ त कर
देता है और उसके भगु तान का उससे सदैव िे ताको उधमकु ्त एवम ्ननमोथर्त कर देता है। सम्प्रवतकच कथथत
फ्ि्ै के उपभोग के लिए सभी अथिकारों, स्वतधत्रताओं/ववशषे ाथिकारो, आवश्यक सिु ार्ारों के साथ में
.................... मंे सपु र क्षते ्रफि को रिने वािी उन सभी वाखणन्ज्यक ररक्त स्थान िे ता को वविय के
रूप में एतद्द्वारा अतं ररत, हस्तातं रण एवम ् समनदु ेशन करता है। इसमंे इसके पश्र्ात और ऊपर फ्ि्ै
के रूप मंे ननददचष्् ककया गया। और सदैव के लिए सभी अथिकार एवम ् अनिु ग्नकों के साथ कथथत फ्ि्ै
को रिना तथा िारण करना है। अधय बातों के साथ-साथ सपु र क्षेत्र के अधतगतच पररथि दीवारंे, आच्छाददत
प्रक्षेपों, मागों, ्ायि्े ो, लिफ््, (Lebbias) शालमिाती सीदढयाँा एवम ् अधय शालमिाती क्षेत्र इत्यादद आते
है।

2. यह कक एतद्द्वारा वविय ककये गये फ्ि्ै का वास्तववक ररक्त भौनतक कब्जा इस वविय वविेि की
रन्जस्रीकरण के समय पर िे ता को सम्प्रवतकच द्वारा सौपा जा र्कु ा है।

3. यह कक फ्ि्ै का कब्जा िने े के लिए समय पर िे ता ने फ्ि्ै के बारे मंे सभी पररप्रेक्ष्यों मंे स्वयमेव का
समािान कर र्कु ा है और इस प्रकार र्ाहे जो कु छ भी हो, सम्प्रवतकच के ववरुद्ि ककसी भी प्रकार का कोई
भी दावा नहीं रिता है और न ही िे ता इसके पश्र्ात ् कोई आक्षपे करने या कोई भी दावा करने का हकदार
होगा।

4. यह कक िे ता ने वविय वविेि का ननष्पादन करने के पवू च हक-दस्तावेजों एवम ् सम्बन्धित अधय कागजातों
के एक ननरीक्षण का एक वर्नबधि ददया है और स्वयमेव का यह समािान ककया है कक कथथत फ्ि्ै के
सम्प्रवतकच का हक पणू तच या ववपडय है। िे ता फ्ि्ै का वविय करने के लिए सम्प्रवतकच के हक या प्राथिकार
की आगे अधवषे ण करने का हकदार नहीं होगा और कोई आक्षपे इसके पश्र्ात ककसी भी समय उससे
सम्बन्धित मदु दे पर नहीं ककया जायगे ा। ककसी प्रकार सम्प्रवतकच ने िे ता का यह बीमा ककया है कक
सम्प्रवतकच ने ककसी एक को एतदद्वारा वविय की गयी सम्पवि को बधिक नहीं रिा है या प्रभाररत नहीं
ककया है और न ही वही ककसी मकु दमे की ववषयवस्तु है।

5. यह कक अब तक फ्ि्ै का नगरपालिका कर के सदं ाय के लिए पथृ क तौर पर ननिारच ण नहीं ककया जाता है
तब तक िे ता सम्पणू च भवन पर यथा-ननिाचररत ककये गये नगरपालिका करो एवम ् जिकरो के समथु र्त
दहस्से का सदं ाय करेगा ज्यों ही उद्ग्रहीत हो एवम ् सदं ेय हो रहा हो। ऐसा समानपु ानतक शये र आनपु ानतक
आिार पर िे ता द्वारा ककया जायेगा और वही ननणाचयक, अनं तम और िे ता पर आबद्िकारी होगा।

6. यह कक िे ता सम्प्रवतकच तथा सम्बन्धित प्राथिकाररयों की अनजु ्ञा पवू च लिखित अनजु ्ञा के बबना एतद्वारा
वविय ककये गये फ्ि्ै मंे कोई वदृ ्थि/पररवतनच करने का हकदार नहीं होगा।

7. यह कक िे ता सरकारी अनजु ्ञन्प्त के ननबधिनों के रूप में भी सभी िागू ववथियो, उपववथियो, ननयमों एवम
ववननयमनों का अनपु ािन करेगा और कथथत सम्पवि को शालसत करने वािे ननयमों एवम ् उल्िघं नों एवम ्
ववननयमनो, सभी ववर्िनों के लिए उिरदायी होगा।

8. यह कक यह इसके पक्षकारों के बीर् एतद्द्वारा अलभव्यक्त तौर पर करार ककया जाता है और समझा जाता
है कक वविय वविेि मात्र इसको आबदं ्त ककये गये क्षते ्र की बाबत है। िे ता के पास भवन के ककसी अधय
भाग मंे ककसी प्रकार कोई अथिकार हक एवम ् दहत नहीं रिता है।

9. यह कक भवन की र्ो्ी पर र्बतू रा सम्प्रवतकच या उसके नामननदैलशती की सदैव सम्पवि रहेगी और वे
पणू तच या इस प्रकार ककसी भी ढंग से उसका प्रयोग करने के लिए पणू तच या प्राथिकृ त ककया जायेगा जो वे
उथर्त एवम ् ठीक समझ।े सम्प्रवतकच उस भवन मंे या उस पर अनतररक्त ननमाणच या मनं ्जिों की सरं र्ना
करने या आगे और कोई सरं र्ना उठाने के अथिकार को आरक्षक्षत रिता है न्जसे सम्प्रवतकच द्वारा उथर्त
समझ।े िे ता काम्पिके ्स के भाग मंे ककसी अनतररक्त ननमाचण ककसी भी पररवतनच पर कोई आक्षेप करने
का नहीं हकदार होगा।

10. यह कक िे ता से उस सामाधय पोषण एवम ् सवे ा प्रभारों का सदं ाय करने की भी अपके ्षा की जायेगी न्जसे
सम्प्रवतकच को समय-समय पर अविाररत ककया जाय न्जसको सपु र क्षते ्र आिार पर प्रनतवगच कफ् के आिार
पर ननयत ककया जायगे ा ककसी प्रकार मान ि,े समयके सामाधय अनिु म में सम्प्रवतकच ककसी दसू रे व्यन्क्त
को नाम ननदेलशत करेगा, कथथत भवन में भरण पोषण एवम ् सामाधय सेवा की देि रेि करने के लिए एक
ननगम ननकाय को नाम ननदेलशत करेगा। िे ता ननमाचता के नाम ननदेलशती को करार पायी गयी प्रभारी का
सदं ाय करने के लिए आबद्ि ककया जायगे ा। भरण पोषण एवम सेवा प्रभारों को ससु गं त समय पर ससु गं त
िर्ों एवम ् अधय पररन्स्थनतयों पर ननभरच करते हुए समय-समय पर सशं ोथित ककया जाने योग्य होगा।

11. यह कक िे ता एतद्वारा वविय ककये गये फ्ि्ै को छोडकर कथथत भवन के ककसी सामाधय स्थानों, पाककिं गो,
िाबबयों, स््ेयर मामिों या ककसी भी दसू रे स्थान की बाबत कोई भी अथिकार, दावा, या ककसी भी प्रकार
का िारणाथिकार नहीं रिगे ा। ककसी प्रकार िे ता एवम ् उसका आमन्धत्रतीगण के पास शालमिाती गलियारा
एवम सीडियो के प्रयोग द्वारा कथथत सम्पवि मंे प्रवेश करने और बाहर जाने का अथिकार होगा। भवन
एवम ् भलू म पर समस्त ननयतं ्रण सदैव सम्प्रवतकच का होगा।

12. यह कक िे ता ककसी भी ितरनाक, ज्विनशीि या ववषिै ी सामग्री या ऐसी भारी सामथग्रयाँा न्जनसे भवन के
स्थानयत्व के प्रभाववत होने की सभं ावना हो या पडोसी फ्ि्ै स्वालमयों अथिभोथगयों को कोई क्षोभ या
असवविा पदै ा होने की सभं ावना हो। ककसी भडिारण के लिए एतद्वारा वविय ककये गये फ्ि्ै का प्रयोग
नहीं करेगा।

13. यह कक सम्प्रवतकच भवन के सपं णू च दहत मंे िे ता को पणू च नोद्स के पश्र्ात ् सपं णू च यनु ्क्तयकु ्त समय मंे
एतद्द्वारा वविय ककये गये फ्ि्ै की दशा एवम ् न्स्थनत को ध्यान मंे रिने का हकदार होगा।

14. यह कक इसमंे िे ता के पास भलू म ककराया और अधय समरूपी प्रभारों की ददशा मंे आनपु ानतक योगदान देना
पडगे ा न्जसे प्राथिकारीगण भलू म के नीर्े और दानयत्व उसी तारीि से प्रभावकारी हो जायगे ा, इसका उद्ग्रहण
फ्ि्ै के आव्ं न की तारीि के पश्र्ात ् ककया जा सके गा।

15. यह कक िे ता ििू , कू डाकरक्, थर्थडों को नहीं फे के गा और उसका सवं हन नहीं करेगा या कथथत भवन के
फ्ि्ै में या उसके शालमिाती क्षते ्र मंे से ककसी भी में उसको फंे के जाने से इंकार नहीं करेगा या अनजु ्ञा नहीं
प्रदान करेगा।

16. यह कक िे ता के पास कथथत फ्ि्ै की बाबत पथृ क ववद्यतु कनेक्शन के लिए आवेदन करने तथा उसको
प्राप्त करने का अथिकार होगा। ककसी प्रकार ऐसे कनेक्शन को प्रदान कर ददये जाने तक िे ता ववद्यतु बबि
के प्रयोग की दशा में आनपु ानतक प्रभारों का भगु तान करेगा। मान ि,े यह कथथत फ्ि्ै में उपमी्र िगाने
की सिाह दी जा सकती है तो प्रभारो का भगु तान मी्र पाठयांको के आिार पर िे ता द्वारा सदं ाय ककया
जायगे ा। मान िे उप-मी्र िगाने की सिाह नहीं दी जा सकती है तो इसके द्वारा नाम ननदेलशत की गयी
अनरु क्षण अलभकरण या साम्प्रवतकच द्वारा यथा लििी गयी। आनपु ानतक प्रभार ननश्र्यात्मक एवम ् िे ता
पर आबद्िकारी होगे।

17. यह कक अनरु क्षण अलभकरण आग, दंगों, भकू म्प एवम ् अधय जोखिमों के ववरुद्ि सम्पणू च भवन का बीमा
करवायगे े। ऐसी बीमा का इंतजाम करने के लिए प्रीलमयम का सदं ाय एतदद्वारा वविय ककये फ्ि्ै के क्षते ्र
की बाबत अनपु ाततः िे ता द्वारा ककया जायेगा। भगवान क्षमा करे, यदद भवन या उसके एक भाग का
नकु सान कर ददया जाता है या ववनष्् कर ददया जाता है तब इस प्रकार प्राप्त ककया गया बीमािन उसी
की मरम्मतों / पनु ः ननमाणच कराने पर िर्च कर ददया जाता है। मान ि,े बीमा िन से अथिक ककसी िर्च
को परू ा करने की उपके ्षा की जाती है तो उसका आनपु ानतक रूप में सदं ाय ककया जायेगा।

18. यह कक िे ता कािोनी को प्रदान ककया जाने के लिए ककसी वाहय । उपात /सवे ा के लिए सरकार या स्थानीय
प्राथिकार द्वारा अथिरोवपत ककये गये ककसी प्रभारो, उदग्रहणो इत्यादद तथा फ्ि्ै के क्षते ्र के अनसु ार
आनपु ानतक आिार पर ककसी अधय प्रभारो का सदं ाय करने के लिए उिरदायी होगा न्जसको िे ता को
सम्प्रवतकच द्वारा सथू र्त ककया जाय.

19. यह कक िे ता ककसी कायच या बात को नहीं करेगा या करवायगे ा या ककया। जाने के लिए अनजा प्रदान करेगा
जो उसके ककसी भाग को भवन पर ककसी बीमा को शधू य या शधु य करणीय बना सके गा या उसकी बाबत
सदं ाय होने वािी प्रीलमयम मंे वदृ ्थि करवा सके गा।

20. यह कक िे ता भवन के दसू रे भागों के अथिभोथगयों के साथ शालमिाती तौर पर प्रसािन सवु विा का प्रयोग
करने का हकदार होगा।

21. यह कक िे ता ................ मंे वविय वविेि के अनसु रण में सदं ेय सपं णू च रकम सम्प्रवतकच /अनरु क्षण
अलभकरण को सदं ाय करेगा और भवन पर िागू सभी शतो, ननबधिनो एवम ् प्रसवं वदाओं का पािन करेगा

और कथथत भगु तानं एवम ् न पािन ककया जाने तथा कथथत ननबधिनो शतो एवम ् प्रसवं वदाओं के ववरुद्ि
सम्प्रवतकच । अनसु रण अलभकरण की क्षनतपनू तच करवायगे ा। ववलभधन रकमों के सदं ाय के लिए समय
पक्षकारों के बीर् सवं वदा का सार होगा। दो प्रनतशत प्रनत माह या एक आलशक माह की दर पर ब्याज के
साथ-साथ िे ता से देयो की वसिू ी करने के लिए सम्प्रवतकच /अनरु क्षण अलभकरण को उपिब्ि उपर्ारों के
अिावा व्यनतिम के मामिे में, सम्प्रवतकच िे ता को प्रदान की जाने के लिए करार पायी गयी सिु सवु विाओं
को बधद कर देने की स्वतधत्रता होगी।

22. यह कक िे ता अच्छी मरम्मत एवम ् दशा में एतद्वारा वविय ककये गये उसका/उसकी/इसकी िागत पर
कायम करेगा और कोई भी कायच नहीं करेगा या कोई उपके ्षा नहीं करेगा कक कथथत भवन के ककसी भी भाग
का नकु सान हो सके । एतद्द्वारा वविय ककये गये या उस भवन के ककसी भी भाग को काररत की जा रही
ककसी हानन या क्षनत के मामिे में जो िे ता, उसके /उसकी/इसकी उपके ्षा के कारण हुई हो, उसको परू ा करने
के लिए उिरदायी होगा।

23. यह कक एतद्वारा वविय ककये गये फ्ि्ै की बाबत .................... सरकार द्वारा मजं ूर की गयी अनजु ्ञन्प्त
के वे ननबधिन एवम ् शते जो उसके ननबधिनों के भाग की ववरर्ना करता है, इसमें िे ता को सम्यक रूपणे
अथिसथू र्त ककया जा र्ुका है न्जसने उसको पणू तच या समझ लिया है। सम्पवि के मामिे मंे कथथत सरकारी
अनजु ्ञन्प्त के ननबधिनों के ववरुद्ि ककसी भी रीनत से इस वविय वविेि की ववषय वस्तु के दरु ुपयोग ककये
जाने की दशा में िे ता ककधही शान्स्तयों या सरं र्ना प्रभारो या ककधही अधय प्रभारो या उन प्रभारो को
सन्म्मलित कर उस पर देय ब्याज के सदं ाय को सन्म्मलित कर उससे उद्भतू होने वािे सभी पररणामों के
लिए उिरदायी होगा न्जसका दावा अनज्ञन्प्त के रद्दीकरण को प्रत्यावनततच करने के लिए ककया जा सके गा।
सम्प्रवतकच की सभी ऐसी आकन्स्मकताओं से हानन नहीं होने दी जायेगी और उसके ववरुद्ि क्षनतपनू तच
करवायी जायेगी।

24. यह कक िे ता यह सनु नन्श्र्त करेगा कक उसके (basemant) में उसके / उसकी द्वारा िय ककये गये स्थान
का उपयोग मात्र भडिारण के लिए ककया जायेगा। कोई भी उल्िघं न इसके रद्दीकरण के योग्य वविय को
बना देगा।

25. यह कक िे ता ने यह करार ककया था कक सम्प्रवतकच को सवपच ्रथम दावा करना था और सम्प्रवतकच ककसी
शोध्य का सदं ाय करने में असफि होने की दशा में एतदद्वारा वविय ककये गये फ्ि्ै पर वह प्रभार िगाना
था जो ककसी भी पर सम्प्रवतकच को िे ता द्वारा सदं ेय हो सके ।

26. यह कक सभी ससं रू ्नाए रन्जस्रीकृ त िाक द्वारा िे ता को अनं तम ज्ञात पते पर सम्प्रवतकच द्वारा भेजा
जायगे ा और उसको इस तथ्य पर ववर्ार ककये बबना ही उसकी सपं ्रेषण से र्ािीस ददनों की समान्प्त पर
िे ता द्वारा प्राप्त ककया हुआ समझा जायेगा क्या सम्प्रवतकच ने वास्तव मंे उसे प्राप्त ककया है या नही।ं
िाकघर िे ता का अलभकताच द्वारा होगा।

27. यह कक इसके पक्षकारगण िे ता द्वारा कथथत फ्ि्ै की क्षनत के बारे मंे िागू ववथि के अिीन आयकर
ववभाग, नगर पालिका सलमनत एवम ्अधय ननकायो, स्थानीय या अधयथा को सन्म्मलित कर इस सवं ्यवहार
को शालसत करने वािे सभी ननयमों ववथियों, ननयमों एवम ् ववननयमनों का अनपु ािन करने के लिए करार
करते है। ववदहत प्ररूपों में आवश्यक प्रक्नों को ववथि द्वारा अनजु ्ञात समय के अधदर सम्बन्धित
प्राथिकाररयों को िे ता द्वारा प्रस्ततु ककया जायेगा। कथथत िागू ववथियों मंे से ककसी के भी न पािन कर
ददये जाने की दशा में, िे ता उसकी ओर से उसके / उसकी/इसके व्यनतिम से उद्भतू होने वािे सभी
शान्स्तयों एवम ् पररणामों के लिए उिरदायी होगा। ऐसी एक आकन्स्मकता में िे ता सम्प्रवतकच को प्रनतपनू तच
करने का उिरदायी होगा यदद उधहे ककसी ऐसी शान्स्तयों या प्रभारो का सदं ाय करने के लिए की जाती है।

28. यह कक िे ता, यदद भारतवषच के बाहर का ननवासी हो तो एफ. ई. एम. ए. सदं ाय के प्रेषण के उसको
सन्म्मलित कर एफ. ई. एम. ए. मंे यथा अथिलिखित तथा सम्प्रवतकच द्वारा ववदहत प्ररूप में अपेक्षक्षत
घोषणा को दाखिि कर फ्ि्ै के अजनच के लिए आवश्यक औपर्ाररकताओं का अनपु ािन करने के लिए
एक मात्र उिरदायी होगा।

29. यह कक इस वविय वविेि को स््ान्म्पत करने को मो्े अक्षरों मंे लििना, (Engrossing) एवम ्
रन्जस्रीकरण के सम्पणू च िर्ों को इसमें िे ता द्वारा वहन ककया जा र्कु ा है। न्जसके साक्ष्य मंे सम्प्रवतकच
प्रथम ऊपर लिखित तारीि, महीना एवम ् वषच को .............. में इस ववििे पर हस्ताक्षर ककया है।

प्राधधकृ त हथताक्षरकताष

साक्षीगण

8. तनिोचन का वििेख

यनमोचन का यह विलखे िारीख .................. .................. को प्रस्ििु ककया गया। द्िारा -

स्ियमेि की ओर से िथा उसके अप्रातििय पतु ्र श्री .................. .................. उम्र .................. िर्य की ओर
से नसै चगकय सरंी क्षक की हैलसयि से भी श्री .................. .................. उम्र .................. िर्य .................. िोनों
यनिासीगण ..................... (इसमंे इसके पश्चाि ् श्री .................. ..................पतु ्र .................... यनिासी
.................... के पक्ष में यनष्पादििी कहलाया।)

यिः ..................... का मापमान की होने िाली एक पणय स्िालमत्ि की भलम पर यनमाणय ककया जािा है और पिै कृ यनचध
से अप्जिय ककया गया और इस विलखे के यनष्पादििी (1) ........................ िथा (2) ................. के कु टु म्ब का है और
समान शये रों में उनके कु टु म्ब के प्रत्यके की है।
1. और यिः स्ियंी िह िथा उसके पतु ्रगण ..................... ..................... (ियस्क) िथा (2) ...................

..................... (अियस्क) से पररपणय सयीं तु ि कु टु म्ब का किाय एिम ्प्रबन्धक होने िाला यनष्पादििी का कचथि
सम्पवत्त में एक यिहाई अलभव्यति स्ित्ि अचधकार िथा दहि के अचधभोग मंे रहा है।
2. और यिः यनष्पादििी ने स्ियीं उसके एिम ् उसके िोनों पतु ्रों के दहि में िथा इसको समीचीन माना कक 1/3 भाग
..................... से प्रभाि के साथ श्री .................. ..................... के पक्ष मंे इसमें इसके पश्चाि ् समके कि
ककया जािा है और उसका कचथि िारीख से उपयतुय ि ............. ..................... द्िारा अनन्य रूप से उपभोग
ककया जा रहा है।
3. अब अिएि यह विलखे साक्षक्षि करिा है - यह कक िह स्ियम के ललए िथा अपने पतु ्रों की ओर से यनष्पादििी
.................. श्री ................... ..................... के पक्ष मंे सम्पवत्त स.ीं ..................... ................. के कचथि
अविभति 1/3 शये र मंे सभी अपने अचधकारी, हक एिम ् का एिद्द्िारा यनमोचन एिम ् त्याग करिा है और
इसमें इसके पश्चाि ् कचथि श्री ................... ..................... इसमें इसके पिय िखणिय सम्पवत्त में यनष्पादिनी

के सभी अचधकार, हक एिम ् दहि का एकमात्र स्िामी हो जायेगा और उसका अियस्क पत्र इसमें इसके पश्चाि ्
इस प्रकार विलीन हो जायेगा कक इसमंे इसके पिय िखणिय कचथि सम्पवत्त में 1/3 अविभति अचधकार, हक एिम ्
दहि सपीं णय विस्िार िक श्री ..................... ..................... के अचधकार हक एिम ् दहि में िदृ ्चध हो सके ।

जिसके साक्ष्य िंे तनष्पाटदती ने तारीख ................... ..................... को तनिोचन के वििेख पर िस्ट्तािर
ककया िै।

साक्षीगण यनष्पादििी
1. .....................
2. .....................

23. पट्टा करार

सखु ािार अचधयनयम के अधीन इजाजि एिम अनजु ्ञप्ति को मजीं र करने का करार ................... ........ सकंी ्षपे
में होने के ललए इसमें इसके पश्चाि ् कहे गये ................. ................... मंे अपना रप्जस्रीकृ ि कायालय य रखने िाले
कम्पनी अचधयनयम, 1956 के अथय के अन्िर इसकी रप्जस्रीकृ ि ककये गये िथा यनगलमि ककये गये प्जस पि के
अन्िगिय जब िक उसके सिंी भय या अथय द्िारा अपवन्जतच नहींी कर दिया जािा या उसके विरुद्ध नहीीं होिा, िब िक
इसके उत्तरििी आिे है एिम ्एक भाग के अनजु ्ञाि ककये गये समनिु ेलशिी ककये गये पररसीलमि ककये गये िाययत्ि के
साथ ................. िथा िसरे भाग के सकीं ्षपे के ललए ................. इसमें इसके पश्चाि ् कहे गये अपना मखु ्य कायालय य
रखने िाले भागीिार अचधयनयम के अधीन स्थावपि ककये गये ................... के बीच ................. के प्रथम दिन ककया
गया।

यिः-.

(1) ....................... अनके सखु -सवु िधाएीं के साथ और खुली भलम ................... के राज्य में ................. मंे प्स्थि
एक ................. का स्िामी एिम ् कब्जाधारी है। ................. के पास खुली भलम िथा कचथि ................. में
स्ियमेि के प्रिशे के अचधकारों को आरक्षक्षि ककये गये सपंी णय अचधकार है।

(2) और ................. वियनमाणय करने िाली कम्पनी है और ................. को यह अभ्यािेिन ककया है कक इजाजि
एिम ् अनजु ्ञप्ति आधार पर 3 िर्ों की एक कालािचध के ललए इसके अन्य प्रयोजनाथय इसकी अस्थायी अपके ्षा के
ललए कचथि ................. ................... में आच्छादिि ककये गये क्षते ्र .................. भाग की जो अपके ्षा करिा
है, श्रणे ीकृ ि िंीग से यह कथन ककया है कक उन्होंने ककसी अन्य स्थल पर अपने कायालय य के िकै प्ल्पक इिंी जाम
ककया है और िीन िर्ों के अन्ि में आच्छादिि ककये गये अन्य कायालय य स्थल का प्रयोग करने को रोक दिया
है।

(3) और ................. के ऊपर िगीकृ ि एिम ् सत्ययनष्ठ िचनबन्धों पर ................... करने इसमंे इसके पश्चाि
और अचधक विलशष्ट िौर हाप्जर होने िाली यनबन्धनों एिम शिों पर ........ ................... अयिररति मापमान

की होने िाली कचथि आच्छादिि ककये गये िीन िर्ों की एक पररसीलमि की गयी कालािचध के ललए "फै ब" के
अस्थायी उपयोग के ललए इजाजि एिम अनजु ्ञप्ति मजीं रू करने का करार ककया है।

अब यि करार तनम्नलिखखत िंे साक्षित करता िै।

i. यह कक ................. िगकय फट की मात्र मापिाली आच्छादिि ककये गये क्षते ्र के अस्थायी उपयोग के ललए 3
िर्ों की एक कालािचध के ललए अस्थायी इजाजि एिम ् अनजु ्ञप्ति मजीं र करने का करार ककया है।

ii. यह कक ................. िगय कफट के कचथि आच्छादिि ककये गये क्षते ्र मंे सखु सवु िधाएंी एिम सवु िधाओीं के
उपयोग के प्रयिफल मंे ................. से ही अनजु ्ञप्ति फीस के रूप मंे प्रयिमाह ................. रुपये की एक
रालश .................. को सिीं ाय करेगा। अनजु ्ञप्ति फीस प्रत्येक इींप्ग्लश कलणे ्डर महीने के साििे दिन या
उसके पिय अचिम रूप में सिीं ेय होगा।

iii. यह कक ................. इसमंे इसके ऊपर खण्ड 2 मंे यथा उपबप्न्धि अनज्ञप्ति फीस के अलािा अनजु ्ञति
ककये गये भाग के उपयोग के ललए अनजु ्ञति भाग से सम्बप्न्धि नगरपाललका प्राचधकाररयों और/या अन्य
प्राचधकाररयों द्िारा प्रस्ििु ककये गये बबल के अनसु ार सपीं णय भविष्यगामी उद्िहणों, करों का सिीं ाय करेगा।
................... ................... सपंी णय डाक एिम ्िार विल के ललए िथा अनजु ्ञति ककये गये भाग मंे उपयोग
के ललए िथा अनजु ्ञति कर दिये गये भाग मंे विद्यिु के प्रयोग एिम उपभोग के ललए विद्यिु प्राचधकारी
................. द्िारा भी पशे ककये गये बबलों का भगु िान करने का िचन िेिा है।

iv. यह कक ................. कथथत ................. के लिए ..... .......... के ननयमों एवम ् ववननयमनों का प्रके ्षण
करेगा, सम्पादन करेगा, और / या अधयथा अनपु ािन करेगा और यह करार करता है कक वह कोई कायच या
बात नहीं करेगा या उसके ककया जाने के लिए कष्् नहीं उठायगे ा न्जसके द्वारा यह ................. और / या
उसके िुिे क्षेत्र मंे सडक सवे ाओं पर यह धयसू सें , बािा और/या अथििमण कर सके ।

v. यह कक अनजु ्ञन्प्त कािावथि ................. से प्रारम्भ होने वािे तीन वषों के परे अथिक नहीं होगा न्जससे
वह इस अनजु ्ञन्प्त की तारीि की समान्प्त पर .. ................... के पक्ष मंे अनजु ्ञप्त काम्पिेक्स के उपयोग

को रोक देने का वर्न देता है यह कक ................. और इसमंे इसके पश्र्ात िडि स.ं 6 मंे यथा प्राविाननत
इस अनजु ्ञन्प्त के अविारण एवम ् समान्प्त से पहि।े
vi. यह कक इस अनजु ्ञन्प्त के अिीन उपयोग के लिए कािावथि ................. को दो महीने की नोद्स की तामीि
करके पवू तच र इस िाइससंे को इसके ववकल्प पर समाप्त कर सके गा यदद

(क) ...................... को मालसक तौर पर अनजु ्ञन्प्त फीस का सदं ाय करने में असफि हो जाता है।
(ि) ................... कथथत अनजु ्ञप्त भाग के उपयोग की बाबत करो, उदग्रहणों या अधय देयों का सदं ाय

करने मंे असफि हो जाता है।
(ग) ............ इसमंे इसके पवू च िडि मंे यथा उपबन्धित ननबधिनों, शतच एवम ननयमों इत्यादद तथा

इसमंे इसके पश्र्ात ् अधतववषच ्् अधय ननबधिनों एवम ् शतों का उल्िघं न करता है।

vii. ............. इसका पवू तच र अविारण एवम ् समान्प्त के िाइससें की समान्प्त पर इस करार के अिीन
................. के सपं णू च दावों का समा शोिन करने के पश्र्ात मात्र इसके उपस्कर पदारोहणों अलभििे ों
इत्यादद को दरू करेगा।

viii. यह कक ................. जब ................. द्वारा मांग की जाय तब ................. रुपये का एक अथग्रम तौर पर
ब्याज देगा। ................. द्वारा अनजु ्ञप्त ककये गये भाग के उपयोग को रोकने पर इस करार के अिीन
.................. द्वारा सदं ेय असदं ि देयों और या अधय दानयत्वों के अध्यिीन रहते हुए ............... से
अनजु ्ञप्त भाग के शान्धतपणू च उपयोग की प्रान्प्त के ववरुद्ि अथग्रम तौर पर स्वततं ्र एक ब्याज का प्रनतसदं ाय
करेगा।

ix. यह कक ................. को जगं म, कायाचिय एवम ् अधय उपस्कर को िाने की अनधु या प्रदान की जाती है
िके कन लिखित ................. की सहमनत के बबना कथथत अनज्ञप्त भाग सदहत स्थायी प्रकृ नत के पररवतनच
और/या बढाया जाने का अनपु ािन नहीं करेगा।

x. यह कक ................. उनकी स्वयं की िागत एवम ्िर्े पर अच्छी और उथर्त दशा में सपं णू च अनजु ्ञप्त ककये
गये भाग का अनपु ािन करेगा।

xi. यह कक वह अलभव्यक्त तौर पर ................. एवम ् ................. द्वारा एवम ् के बीर् समझा जाता है और
करार ककया जाता है कक इस करार के अिीन मजं ूर की गयी यह इजाजत तथा अनजु ्ञन्प्त कथथत अनजु ्ञप्त
भाग मंे न तो ककसी दहत सम्पदा स्वालमत्व के अथिकार और / या ककरायेदारी अथिकारों को पाररत करता है
और न ही उधहें पषु ्् करता है। करार अनजु ्ञप्त ककये गये भाग के अस्थायी उपयोग के लिए मात्र अनजु ्ञा
होती है।

xii. यह कक ................... इस करार को कािावथि के दौरान अनजु ्ञप्त भाग के अस्थायी उपयोगकताच का मात्र
अथिकार रिगे ा।

xiii. यह कक हडताि, बिबा, लसववि अशान्धत आग द्वारा या बिात प्रवशे , दहसं ा, दैवी कृ त्य द्वारा नकु सानी
या ववद्वषे पणू च नकु सानी को सन्म्मलितकर सभी जोखिमों के ववरुद्ि ................. और ............... दोनों
के सयं कु ्त नाम से ................. रुपये के लिए इसकी िगान पर प्रत्यके वषच .............. को सरू ्ना के अिीन
अनजु ्ञप्त भाग को बीमाकृ त करवाने का वर्न देता है।

xiv. यह कक ................. यह करार करता है कक ................. यथा इसमंे उपबन्धित तीन वषों की अनजु ्ञन्प्त
कािावथि के पवू च ................. को या इसकी समान्प्त पर अनजु ्ञप्त भाग का उपयोग को न रोकने वािे
..... ................. की दशा में ................. को सदं ाय करना र्ािू रिगे ा प्रथम दो महीने के लिए ........ रुपये
प्रनतमाह और तत्पश्र्ात ् अनजु ्ञप्त भाग के प्रयोग .... ............... रुपये की दर से अनजु ्ञन्प्त फीस के एवज
मंे मालसक तौर पर प्रनतकर ................. सदं ाय करना र्ािू रिेगा।

xv. यह कक यह अलभव्यक्त तौर पर ................. द्वारा करार ककया गया और समझा गया कक इस करार मंे
इसके साथ अधतववषच ्् ककये गये ननबधिनों एवम ् शतों का भगं इस करार के अिीन इस अनजु ्ञन्प्त का
अविारण करने तथा उसको समाप्त करने के लिए .................. के लिए पयापच ्त होगा।

xvi. यह कक अनजु ्ञन्प्त कािावथि की समान्प्त पर या इसके अविारण / समान्प्त पर ...................... अनजु ्ञप्त
भाग का शान्धत पवू कच उपयोग पीछे प्रत्यावनततच हो जायगे ा।

xvii. यह कक .................. अशं तः या पणू तच ः ककसी भाग या सदं ि अनजु ्ञप्त भाग में उपपट््ा नहीं करेगा।

xviii. माध्यथिम- मतभदे ों के सभी प्रश्न र्ाहे जो कु छ भी हो जो इसमंे इसके पश्र्ात ् ककसी भी समय इस करार
या उसकी ववषय वस्तु को स्पशच करने वािे या उससे उद्भतू होने वािी या उसके सम्बधि में इसके पक्षकारों
के बीर् उदभतू हो सके गा और र्ाहे ननमाचण के बारे मंे हो या अधयथा, भारतीय ववथि के अनसु ार अविाररत
ककया जायेगा और एकि माध्यस्थम को ननदेलशत ककया जायेगा यदद पक्षकारगण एक पर सहमत हो सकते
हं।ै वविय माध्यस्थम हेतु असहमनत के मामिे में, दो माध्यस्थम प्रत्यके पक्षकार द्वारा ननयकु ्त ककया
जाने वािा एक और ऐसा माध्यस्थम एक अम्पायर की भारतीय माध्यस्थम अथिननयम 1940 या तत्समय
प्रविृ उसके ककसी काननू ी उपातं रणों के उपबधिों के अनसु ार या उनके अध्यिीन रहते हए उपयकु ्त मामिों
मंे से ककसी भी दशा मंे, साथ-साथ ननयकु ्त करेगा परंतु यह तब जबकक सभी माध्यस्थम कायवच ादहयााँ जब
तक पक्षकारों द्वारा अधयथा लिखित करार नहीं पाया जाता तब तक .................. में होगी।

जिसके साक्ष्य में इसके पक्षकारों ने अपने-अपने क्रलमक अगं ठू े िगा करके इस करार तिा इसकी द्दवितीय प्रनत का ननटपािन

ककया है।

साक्षी पट््ाकताच
प्ेदार
1. .................
2. .................

21. पट्टा करार

इस पट्टा करार का यनष्पािन इसमंे इसके पश्चाि ्'द्वििीय पक्षकार' कहे गये भागीिार के जररये ...
............ के पक्ष में इसमें इसके पश्चाि ् प्रथम पक्षकार कहे गये श्री ........ ...................... ......................पतु ्र
...................... यनिासी ...................... द्िारा िारीख ...................... को दिल्ली में ककया गया।

प्रथम पक्षकार एिम ् द्वििीय पक्षकार का पि उसके उत्तराचधकारगण, उत्तरििीगण, विचधक प्रयियनचधगण,
प्रशासकगण, यनष्पािनकिागय ण, नामयनिेलशिीगण िथा समनिु ेलशिीगण से अलभप्रेि है िथा उसके अन्िगिय यें सभी
आिे ह।ंै

यिः प्रथम पक्षकार ...................... ......................गाूिँ में प्स्थि खसरा स.ंी ...................... से सम्बप्न्धि
...................... बीघा ...................... विस्िा मापमान की होने िाली भलम का आत्ययीं िक स्िामी है।

और यिः प्रथम पक्षकार ने ...................... ......................से प्रारम्भ होने िाले ......................
...................... िर्ों की एक कालािचध के ललए पट्टे पर कचथि भलम को िेने का करार ककया है और िसरा पक्षकार
उसको लने े का करार ककया है।

अब यि वििखे तनम्नलिखखत रूप िंे साक्षित करता िै

1. यह कक प्रथम पक्षकार ने प्रयि ककल्ला ....... ........ ......................रुपये की िर से......................एकड़ िथा
...... .......... विस्िा मापमान की होने िाली भलम के ललए नकि िौर पर ....................... रुपये (..............
रुपये मात्र) की एक रालश प्राति की है और िसरा पक्षकार ईटों का वियनमाणय करने के ललए िथा अन्य प्रयोजनाथय
लमट्टी खोिने के ललए एक ईट का भट्टा चलाने के ललए कचथि भलम का उपयोग करेगा। भलम की खुिाई
...................... औसि कफट िक की जा सकिी है। द्वििीय पक्षकार को मागय प्रयोजनाथय िथा ककन्हींी अन्य

प्रयोजनों के ललए प्जन्हें िे पसिीं करिे हो, के ललए कचथि भलम का उपयोग करने के ललए भी प्राचधकृ ि ककया
जािा है।
2. यह कक कचथि भलम का कब्जा प्रथम पक्षकार के साथ पहले से है।
3. यह कक प्रथम पक्षकार द्वििीय पक्षकार का यह बीमा करिा है कक कचथि भलम, विक्रय, िान बन्धक, वििािों
मकु िमा, ककसी न्यायालय की र्डक्री में कु की, धारणाचधकार, न्यायालय व्यािेश इत्यादि के सादृश्य इस प्रकार
सभी प्रकार के विल्लगंी मों से मतु ि है और यदि इसको सिैि अन्यथा साबबि ककया जािा है, या यदि कचथि
सपीं णय या आलंी शक भलम प्रथम पक्षकार के स्िालमत्ि एिम हक मंे विचधक िोर् के कारण िसरे पक्षकार के कब्जे
से ले ली जािी है या बाहर चली जािी है िो प्रथम पक्षकार, िसरे पक्षकार द्िारा उठायी गयी हायन को परा करने
के ललए िायी एिम उत्तरिायी होगा।
4. यह कक कचथि भलम की बािि सिीं ेय प्रत्यके कर िेय एिम ्माँगू का भगु िान आज की िारीख िक प्रथम पक्षकार
द्िारा ककया जायेगा और ित्पश्चाि ् द्वििीय पक्षकार उसके भगु िान के ललए उत्तरिायी होगा।
5. यह कक यह करार ....................... िर्ों की एक कालािचध के ललए ....................... से प्रभािकारी बनाया
जािा है और ....................... िर्ों की कालािचध की समाप्ति के पश्चाि द्वििीय पक्षकार प्रथम पक्षकार को
ररति भलम का कब्जा सौंप िेगा।
6. यह कक यह विलेख अप्रयिसहंी रणीय है।

जिसके साक्ष्य िंे पिकारों ने ऊपर िखणता तारीख ....................... को इस पट्टा करार पर िस्ट्तािर ककया िै।

साक्षीगण प्रथम पक्षकार
1. ....................... द्वििीय पक्षकार
2. .......................

रसीद

पणय एिम ्अयीं िम पररयनधारय ण के रूप में करार दिनाकीं कि ................ मंे िखणिय भलम की बाबि करार दिनाकीं कि
.............. के यनबन्धनों मंे पट्टा धन के रूप में ............... भागीिार के जररये ............... से नकि रूप में .............. रुपये
(.............. रुपये मात्र) की एक रकम प्राति की गयी।

िारीख :

1. ....................... यनष्पादिि
2. .......................

22. पट्टा वििेख

पट्टा विलखे का करार एक भाग के इसमें इसके पश्चाि ्पट्टाकिाय कहे गये श्रीमिी ................. ................
................ पत्नी................ ......................... यनिासी भिन से (जो पि उसके उत्तराचधकारीगण, विचधक
प्रयियनचधगण एिम ्समनिु ेलशिीगण से अलभप्रेि होगा और िे उसके (पि) के अन्िगिय आयगे )े

और
िसरे भाग के इसमें इसके पश्चाि ् पट्टेिार कहे गये श्री ................ ................ पतु ्र ................ ................
यनिासी ................ ................ (प्जस पि के अन्िगिय उसके उत्तराचधकारीगण विचधक प्रयियनचधगण एिम ्
समनिु ेलशिीगण आयेगंे) के बीच नयी दिल्ली मंे िारीख ............... को ककया जािा है।

यिः पट्टाकिाय भिन स.ंी .................. का विचधक एिम ्पणय स्िामी है।
यिः पट्टाकिाय करने के ललए सहमि होिा है और पटेिार चकैं द्िारा प्रत्यके इगंी ललश कलणे ्डर महीने के 7िंे
द्िारा अचिम िौर पर सिंी ाय ककया जाने िाले ................. रुपये (........... रुपये मात्र) की मालसक िर पर .................
ककराया पर लेने का करार करिा है।
अब यि वििखे तनम्नलिखखत रूप िंे साक्षित करता िै -
1. यह कक कचथि पररसर का पट्टा ................ ................ से िथा पारस्पररक सहमयि के साथ अयीं िम समय
की एक अचिम कालािचध के ललए निीनीकरण को समाति होने िाला प्रारम्भ होिा है। मान लें कोई भी
निीनीकरण नहींी होिा है िो पट्टेिार पट्टा कालािचध के अन्ि में एक स्पष्ट कब्जा िेने का करार करिा है यह
कक आगे यदि निीनीकरण िो महीने की कालािचध के परे ककया जािा है िो करार पायी गयी ककराये में
.............% िदृ ्चध का सिीं ाय ककया जाना होगा।

2. यह कक ........... ................ रुपये (की .......... रुपये मात्र) का मालसक ककराया प्रत्येक कलेण्डर महीने के 7िंे
द्िारा अचिम िौर पर अिा ककया जायेगा।

3. यह कक ................. रुपये (.............. रुपये मात्र) की रालश प्जसमें ................. रुपये नकि िौर पर िथा
................. को ललखे गये चकै संी ................. द्िारा ................. रुपये का अचिम िौर पर सिीं ाय ककया जा
चकु ा है प्जसमंे से िीन महीने का ककराया सिंी ेय शरे ् बचे रहे ककसी शोध्य के समायोजन के पश्चाि ् पट्टा
कालािचध / बढाई गयी पट्टा कालािचध की समाप्ति पर प्रयििेय ब्याज की स्िितंी ्र प्रयिभयि के रूप में पट्टाकिाय
के साथ रहेगा।

4. यह कक भिन का मात्र पट्टेिार िथा उसके कु टु म्ब के आचश्रि सिस्यों के आिालसक प्रयोजनाथय ककया जायेगा।
5. यह कक िास्िविक मीटर पाठ्याक के अनसु ार पट्टेिार को ककराये पर दिये गये पररसरों के प्राति ककये गये

नगरपाललका का बबल के अनसु ार विद्यिु एिम ् जल के उपयोग के ललए िास्िविक प्रभारों का सिंी ाय पट्टेिार
द्िारा ककया जायेगा। ककन्िु ककसी भी िर के प्रभार कर उपकर या उििहण चाहे जो कु छ भी सम्पवत्त पर हो,
उनका िहन पट्टाकिाय द्िारा ककया जायेगा।
6. यह कक पट्टाकिाय सही चाल हालि में सपंी णय स्िच्छिा, विद्यिु एिम ् अन्य कफदटगीं एिम ् कफतसरों के साथ
ककरायिे ारी पररसरों का कब्जा प्रिान करेगा।
7. यह कक पटटेिार मात्र आिालसक प्रयोजनों के ललए पररसरों का प्रयोग नहीीं करेगा और ककसी भी िसरे व्यप्ति को
पणिय ः या अशीं िः कचथि पररसरों को उपपट्टे पर नहींी िेगा।
8. ककसी भी दरु ुपयोग की दशा में पट््ेदार मकु दमा शान्स्तयों, जुमानच ों, प्रनतकर इत्यादद के िर्च को सन्म्मलित कर
सभी पररणामों को िारण करेगा।
9. यह कक पट््ेदार माफ ककये गये दैवी कृ त्य द्वारा प्राकृ नतक कफसाई, नकु साननयाँा एक ही दशा मंे सभी कफक्सरों
एवम ् कफद्गं को प्रत्यावनततच करने के लिए उिरदायी होगा।
10. यह कक पट््ेदार पट््ाकताच की सहमनत के बबना पट््ातररत ककये गये पररसरों मंे जैसे कोई अनतररक्त ननमाणच
या पररवतनच नहीं करेगा।

11. यह कक पट््ेदार पयापच ्त नोद्स देने के पश्र्ात ् सपं णू च यनु ्क्त-यकु ्त समय पर ननरीक्षण के लिए कथथत पररसरों
का कायच भार सम्भािने के लिए पट््ाकताच या उसके प्राथिकृ त प्रनतननथियों को अनजु ्ञा प्रदान करेगा।

12. यह कक पट््ाधतररत ककये गये पररसरों के बाहरी /आधतररक पदे ्गं , डिस्ेम्पररगं एवम ् पालिस करना पट््ेदार
द्वारा पट््ाधतररत ककये गये पररसरों के अथिभोग के पवू च ककया जा र्कु ा है।

13. यह कक पट््ाकताच पट््ाधतररत ककये गये पररसरों की ववद्यतु सम्बधिी प्रणािी की कोई नकु सानी ककये बबना
इध्ाि एअर कधिीशनि या एअर कू िर पट््ेदार मामिे में कोई आक्षेप नहीं रिगे ा। आवश्यक ववद्यतु िोि
यदद अपके्षक्षत हो, तो ववद्यतु पनू तच वर्नबधि ................ ................ से पट््ेदार द्वारा इधतजाम ककया
जायेगा। पट््ाकताच एवज में इस बारे मंे सपं णू च अपके ्षक्षत कागजातों पर हस्ताक्षर करेगा।

14. यह कक सभी ववद्यतु तथा स्वच्छता कफक्सरों मंे ्ू ्-फू ् से उद्भतू होने वािे सपं णू च छो्े-मो्े ददन-प्रनतददन
मरम्मते पट््ेदार का दानयत्व होगा िेककन बडी मरम्मतें उसकी िागत पर पट््ाकताच द्वारा ककया जायगे ा।

15. यह कक पट््ेदार ............... ................ की नगर पालिका ............... ................ तथा अधय स्थानीय /
के धद्रीय प्राथिकरणों की ववथियों, ननयमों एवम ्ववननयमनों का अनपु ािन करेगा और भगं होने की दशा में उसके
स्वयं की िागत पर पररणामों के लिए पणू तच या उिरदायी होगा और उपरोक्त कारणवश ककसी भी शान्स्त का
सदं ाय पट््ेदार द्वारा ककया जाना पडगे ा।

16. यह कक ककरायदे ारी ककसी भी के द्वारा एक महीने की नोद्स पर समाप्त होने योग्य होगी। मान िे भवन ककसी
नोद्स के बबना ररक्त कर ददया. तब एक महीने का ककराया नोद्स के बबना ररक्त करने के एवज में सदं ाय
ककया जायगे ा।

17. यह कक मान िें पट््ेदार ववदहत रीनत से ननयलमत तौर पर ककराये का सदं ाय करने में असफि हो जाता है या
ककसी अधय शतच का अनपु ािन करने में असफि हो जाता है या उसके ककसी को भगं कर देता है, पट््ाकताच इसमंे
आरक्षक्षत ककये गये पट््े की कािावथि पर ववर्ार ककये बबना पट््ाधतररत ककये गये पररसर पर पनु ः प्रवेश करने
तथा कब्जा ग्रहण करेगा।

जिसके साक्ष्य मंे हम प्रिम एिम ् िसू रा पक्षकार उजलिखित तारीि, महीना एिम ् िर्ष पर साक्षक्षयों की उपजथिनत मंे

हथताक्षर ककया है।

पट््ाकताच ................
पट््ेदार ................

साक्षीगण

5. प्रकाशक एिि ्िेखक के बीच करार

यह करार इस भाग के ........................ ....................... मंे इसको रप्जस्रीकृ ि करिा करके लललमटेड
ररिायसं ......... ........... ....................... (इसमंे इसके पश्चाि ्'प्रकाशक' के रूप मंे यनदियष्ट ककया गया जो पि, जब िक
अलभव्यति िौर पर सिंी भय को अपिप्जिय नहीीं कर दिया जािा िब िक इसके उत्तरियियय ों एिम समनिु ेलशयियों को
सप्म्मललि करना समझा जायेगा और िसरे भाग के श्री ....................... ....................... ननिासी
...........................................(इसमंे इसके पश्चाि ्लखे क के रूप में यनदियष्ट ककया गया जो पि, जब िक सन्िभय को
अलभव्यति िौर पर अपिप्जिय नहींी कर दिया जािा िब िक उसके उत्तरियियय ों एिम ् समनिु ेलशयियों को सप्म्मललि
होना समझा जायेगा; के बीच िारीख ....................... ....................... को ककया गया। यिः लखे क ने .......................
....................... की एक अचधकृ ि पसु ्िक को ललखा है और यह लखे क की एक मल कायय है।

और यिः प्रकाशक पसु ्िक प्ररुप में कचथि कायय का अनन्य रूप से प्रकालशि करने के ललए करार ककया है।

यि तनम्नलिखखत रूप िें पिकारों के बीच एतद्द्िारा करार ककया िाता िै -
1. यह कक प्रकाशक पसु ्िक प्ररुप में ...................... ....................... हकिार पसु ्िक को प्रकालशि करेगा जो

लखे क का मल कायय है और लखे क जो उसकी प्रयिललतयाचधकार अचधकार का स्िामी है, यहाूँ िक उसको प्रकालशि
नहीीं ककया है।
2. यह कक लखे क प्रकाशक की पिय ललखखि सहमयि के बबना कचथि कायय या उसके ककसी भाग को प्रकालशि करने
के ललए ककसी भी अचधकार को न मजंी र करने का िचनबन्ध िेिा है।
3. यह कक प्रकाशक उसके स्ियीं के खचय एिम जोखखम पर पसु ्िक प्ररुप में कचथि कायय को प्रकालशि करने का िचन
िेिा है।
4. यह कक प्रकाशक प्रकालशि मल्य के ...................... प्रयिशि की िर पर लेखक को ककसी स्िालमत्ि का सिीं ाय
करने का िचन बन्ध िेिा है।

5. यह कक प्रकाशक िैिकृ त्य द्िारा विज्ञापन के ललए प्रकाशक द्िारा वििररि की गयी और िैिकृ ि द्िारा खो गयी।
विनष्ट की गयी प्रयिललवपयों पर लेखक की कोई रायललटी सिीं ाय करने के ललए उत्तरिायी नहींी होगा।

6. यह कक प्रकाशक लखे क को सिीं ेय स्िालमत्ि की रकम के साथ-साथ िावर्कय विक्रय के कारण वििरण िेने का
िचनबद्ध िेिा है।

7. यह कक कचथि सकंी मय के नये ससंी ्करण का प्रकाशन प्रकाशक द्िारा वियनप्श्चि ककया जायेगा और प्रकाशक उस
लेखक को एक ललखखि नोदटस िेगा जो पसु ्िक को सशंी ोचधि कर सके गा। मान िे ििे क उसकी मतृ ्यु के कारण
उसकी असमथिय ा िश पसु ्िक को सशीं ोचधि करने में असमथय है तो प्रकाशक के पास इसकी पसिंी के ककसी
अन्य लखे क द्िारा सशंी ोचधि करिाने की स्िितीं ्रिा होगी। ककधतु नए ससं ्करण की पनु ःमदु ्रण के ननबिं न
एवं शते करार के अनसु ार एक ही रहेगी।

8. यह कक मान लंे, लखे क ककसी अन्य व्यप्ति के कचथि कायय के ललतयाचधकार का ववकिय करने के ललए इच्छु क
है िो उस िशा में उसके यनबन्धन एिम ्िशाएीं प्रकाशक एिम ् लेखक द्िारा पारम्पररक िौर पर वियनप्श्चि की।

जिसके साक्ष्य में िोनों पक्षकारों ने ऊपर लिखित दिन .............. ..............महीना.............. .............. िर्ष को इस

करार पर हथताक्षर ककया है।

साक्षीगण प्रथम पक्षकार
द्ववतीय पक्षकार
1. ........
2. ..............

प्रस्ट्ताि के प्रततसंिरण की नोटटस

टदनाकं …………..

सेिा मंे
………………
………………

श्रीमान जी,
मैं एिद्िारा उत्तरििी परै ो के बारे में यनम्नललखखि रूप मंे नोदटस आपको िेिा हूँ।

1. यह कक मेरे पत्र दिनाकीं कि................ द्िारा मनै े ................ प्रयि कु न्िल के मल्य पर चािल (िासमिी) के
.............. आपको पयिय करने की मरे े प्रस्िाि को आपको ससंी चचि कर दिया था।
2. यह कक (कारण का उल्लखे करे) के कारण मंै चािल (िासमिी) की कचथि मात्रा की आपको पयिय करने की िशा मंे
नहींी हँू।
3. यह कक चंीकक आपने कचथि प्रस्िाि को अपनी सहमयि को यहाूँ िक सजंी ्ञावपि नहीीं ककया था, इसललए मैं चािल की
कचथि मात्रा की आपयिय के ललए अपने प्रस्िाि का एिद्िारा प्रयिसहंी रण कर िेिा हँू।

आपका शभु धचतं क

किग

एन-बी प्रस्िाि को स्िीकृ यि प्रिानकिाय के उसकी सहमयि को सजंी ्ञावपि करने के पिय प्रयिसहंी ि ककया जा सकिा है।

प्रस्ट्ताि के स्ट्िीकृ तत की नोटटस

टदनांक…………..

सिे ा में
………………
………………

श्रीमान जी

मझु े यनम्नललखखि रूप में आपको ससीं चचि करना पड़िा है
1. यह कक आपने………….रुपये प्रयि कु न्िल के मल्य पर चािल (िासमिी) के ............. कु न्िल मझु को

आपयिय करने के ललए अपनी रजामिंी ी उपिलशिय की थी िेखे..... आज मरे े द्िारा प्राति ककया गया आपका
पत्र दिनाकंी कि…
2. यह कक मंै एिद्द्िारा आपके कचथि भंेट को स्िीकृ ि करिा है और उसके मरे ी सहमयि का सजीं ्ञावपि करािा
हँू।
3. यह कक आपको .............. को या उसके पिय चािल की कचथि मात्रा की पयिय करने का अनरु ोध ककया जािा
है और उसके ललए सिंी ाय पररिान पर अव्यिदहि ककया जायेगा। कृ पया नोदटस को प्राति करंे

आपका
शभु धचतं क

20. प्रोबेट / प्रशासन पत्र की ििं ूरी के लिए भारतीय उत्तराधिकार अधितनयि की िारा 278 के अिीन याधचका

न्यायालय ............... ...............
प्रोबटे स.ीं ............... ..................... सन ्............... ...............
अबक ............... ............... ............... ............... ............... ............... ...................... याची

बनाम
किग ............... ............... ............... ............... ............... ............... ............... .......प्रत्यथी

सादर प्रदलशता करता िै
1. यह कक ............... ............... विधिा ............... ............... यनिालसनी .............. ............... की मतृ ्यु

िारीख ........ ............... को हो गयी। मतृ ्यु प्रमाणपत्र की प्रयिललवप इसके साथ उपाबद्ध की जािी है।
2. यह कक मिृ क ने ऊपर ................ ...............प्रत्यचथयय ों की हैलसयि से िखणिय अपने पीछे विचधक िाररसों को

छोड़ दिया था। ................ ...............मिृ क के साथ सम्बन्ध यनम्नललखखि रूप मंे है।
3. प्रत्यथी .................. ............... मिृ क के मिृ क पयि का भाई है। प्रत्यथीगण .... ............... ...............

स्िगीय श्री ................... ............... प्रत्यथी .................. ............... स्ि. ........... ............... की विधिा
है और प्रत्यथी स.ीं ................ उस स्ि. ................ ...............का पतु ्र है जो मिृ क का भाई था।
प्रत्यथीगण ................. ...............भाई है और प्रत्यथीगण ................ मिृ क की बहने है।ं
4. यह कक मिृ क का भारि में एक यनयि स्थान था और भिन सीं ............. ................ मंे उसका साधारण यनिास
स्थान था।

5. यह कक मिृ क .............. ................ याची के पक्ष में इस याचचका के साथ उपाबद्ध की गयी ...................
................ में िखणिय अचल सम्पवत्तयाूँ भी अनके बकैं ों में जमा अपनी सम्पणय सम्पवत्तयाूँ (चल एिम ् अचल)
की िसीयि कर िी थी िेखंे; िारीख ................. को सम्यक रुपणे रप्जस्रीकि की हुई उसकी विल दिनांीककि
................. ................ जो उसकी अयंी िम विल थी और उसको साक्षक्षयों की उपप्स्थयि में सम्यक रूपणे
यनष्पादिि ककया गया अथायि ् -

1. ................
2. ................
6. यह कक याची कचथि विल के आधार पर यनणीि मामला सीं ................ में श्री की न्यायालय से अनेक बकैं ों में
जमा की गयी सपीं णय सम्पवत्त की बािि उत्तराचधकार प्रमाणपत्र प्राति कर चकु ी है।
7. यह कक मिृ क .................. .................. मंे प्स्थि िथा ............... .................. का प्स्थि का सरु क्षक्षि स.ीं
.................. में पडे हए अपने भिन का भी िसीयि कर चकु ा है। इसके समचु चि मल्य के साथ याची को िसीयि
की गयी सम्पवत्त का ब्यौरा इस याचचका के साथ उपाबद्ध की गयी ............. .................. मंे उप्ल्लखखि ककया
जािा। उसका सपंी णय मल्य. ... ...... .................. है। न्यायालय फीस अचधयनयम की धारा 19(1) के अधीन
................ .................. के अनसु ार शपथपत्र उपाबद्ध ककया जािा है।
8. यह कक यार्ी .................. .................. सम्पवि की बाबत तथा मात्र सरु क्षा स.ं .................. मंे पडे हुए
............... के बारे में प्रोब्े / प्रशासन पत्र की मजं रू ी के लिए पहिे से ही आवदे न ककया था। प्रस्ततु याथर्का में
ककसी भी प्रकार से यार्ी ने यार्ी को वसीयत की गयी ................. मंे न्स्थत दो सम्पवियों को भी सन्म्मलित
ककया है। पवू च याथर्का न्जिा धयायािीश की धयायािय में प्रस्ततु ककया गया प्रोब्े स.ं ................ न्जिा
धयायािीश की धयायािय . ......................... द्वारा ननयत की गयी और सरु क्षक्षत स.ं .............. उसके द्वारा
िोिी गयी तथा कथथत सरु क्षा में पडी हुई ................ की तालिका उसके द्वारा तयै ार की गयी और जवे रात की
बाबत मलू ्याकं न ररपो्च .............. रन्जस्रीकृ त मलू ्याकं नकताच से प्राप्त की गयी; देिंे उसकी ररपो्च ददनाकं कत
................. और उसका ननिाचरण कथथत मलू ्याकं नकताच ................. द्वारा रुपये पर ककया गया। कथथत
याथर्का न्जिा धयायािीश .............. की धयायािय से यार्ी द्वारा वापस िे िी गयी क्योंकक न्जिा धयायािीश

की धयायािय के पास याथर्का का ववननश्र्य करने कोई अथिकाररता नहीं थी क्योंकक ................ ..................
की अथिकाररता के बाहर न्स्थत सम्पवियों का मलू ्य .................. रुपये से अथिक है यह कक सरु क्षक्षत सं
................ मंे पडी हुई .................. का मलू ्य ............... है और यार्ी को न्जिा धयायािीश ..................
द्वारा ननयकु ्त ककये गये स्थानीय आयकु ्त की ररपो्च के पश्र्ात ् मात्र इसके मलू ्यांकन के बारे में जानकारी हुई।
अतएव प्रस्ततु याथर्का आदरणीय उच्र् धयायािय के समक्ष प्रस्ततु की गयी।
9. यह कक याथर्का कथथत बबि मंे एकमात्र वसीयतदार है।
10. यह कक यार्ी के पक्ष में प्रोबे् / प्रशासन पत्र की मजं रू ी के लिए भारतीय उिराथिकार अथिननयम की िारा 370
या ककसी अधय उपबिं के अिीन कोई अवरोि नहीं है।

प्राथनच ा

अतएव, यह प्राथनच ा की जाती है कक मतृ क ............... .................. द्वारा सम्यक रूप से ननष्पाददत ककये गये
प्रोबे्/प्रशासन पत्र यार्ी के पक्ष में मजं रू ककया जाय कोई अधय अनुतोष जो आदरणीय धयायािय मामिे की पररन्स्थनतयों में
उपयुक्त एवम ् उथर्त समझता है, यार्ी को भी मजं ूर ककया जा सकता है।

स्थान यार्ी जररये अथिवक्ता
ददनांक

सत्यापन
में ................... ................... यार्ी सत्यननष्ठा से प्रनतज्ञान करता हूाँ कक ऊपर याथर्का की अधतवसच ्तुएं मेरी जानकारी मंे

सत्य एवम ् सही है।
यार्ी

फ्िैट क्रे ता का करार

फ्लटै क्रे िा का करार िारीख................... को ककया जािा है और यनष्पादिि ककया जािा है
................... के बीच
श्री ........................

(इसमंे इसके पश्चाि ्एक भाग का स्िामी/यनमायिा कहा गया)

पि "स्िामी / यनमायिा" िथा "फ्लटै क्रे िा" जब िक सन्िभय के विरुद्ध न हो िब िक यह उनके क्रमशः
िाररसगण, उत्तरििीगण, विचधक प्रयियनचधगण एिम समनिु ेलशणीगण से अलभप्रिे है। और इसके अन्िगिय आिे है।

तनम्नलिखखत रूप िें साक्षित करता िै :

यिः भारििर्य के राष्रपयि ने .................... के पक्ष में उपरप्जस्रार, नयी दिल्ली के समक्ष सम्यक रूप से
रप्जस्रीकृ ि की गयी िथा अयिररति िही संी ............. िालम................. पषृ ्ठ ................. पर एस. आई. स.ंी मंे
सम्यक रूप से रप्जस्रीकृ ि ककये गये पट्टा विलेख दिनाकीं कि ................... द्िारा ................... िगय गज माप िाली
िथा सीं ................... रखने िाली भखण्ड का एक स्थायी पट्टा मजंी र ककया और विक्रय प्रमाण पत्र भी उसी दिन ही जारी
ककया। और यिः कचथि श्री ............. ने अयिररति बही सीं .............. मंे िालम संी ................... पषृ ्ठ ................. पर
स.ंी ............. में सम्यक रूप से रप्जस्रीकृ ि ककये गये एक विक्रय विलखे दिनाींककि ................. द्िारा स्िामी / यनमािय ा
को कचथि भखण्ड का विक्रय ककया िथा हस्िािंी रण ककया।

और यिः स्िामी / यनमािय ा योजना के मजीं र कर ललये जाने के पश्चाि ्भिन के सबसे नीचे के भाग, रींगभलम
की सबसे नीचे की छि, प्रथम एिम ्द्वििीय फशो के यनमाणय का सम्पािन ककया।

अब अतएि, करार की ये सभी िस्ट्तएु साक्षित करती िै और यि तनम्नलिखखत रूप िें पिकारों द्िारा तथा उनके बीच
एतद्द्िारा करार ककया िाता िै और घोषणा की िाती िै :

1. यह कक क्रे िा ने इस करार के यनष्पािन के पि,य मजीं री योजना एिंी अन्य योजनाओीं को सप्म्मललि कर स्िामी
/ यनमािय ा के अन्य सम्बप्न्धि कागजािो के यनरीक्षण का बचनबन्ध दिया है और स्ियमिे का विपण्य होने
के रूप में कचथि भखण्ड पर यनलमिय क्षेत्रों का विक्रय करने के ललए स्िामी यनमायिा के हक िथा उसके
हकिाररणी होने के बारे मंे समाधान ककया है और उसको स्िीकृ ि करने का करार दिया है। क्रे िा .................
कचथि भखण्ड िथा विक्रय ककया जाने िाले क्षते ्र पर स्िामी / यनमािय ा की अचिम हकिारी का अन्िेर्ण करने
का हकिार नहींी होगा और कोई भी आपवत्त नहींी उससे सम्बप्न्धि ककसी भी मदु ्िे पर नहीीं की गयी है या
िहण की गयी है और विक्रय जारी है। जो जहाूँ है िही आधार है।

2. यह कक िे ता ... .... वगच गज का क्षते ्रफि रिने वािे यनू न् के रूप मंे इसमंे इसके पश्र्ात ् ननददचष्् ककये
गये कथथत भवन के भतू ि पर यनू न् सम्बन्धित स०ं ....... को ................... रुपये (...................
रुपये मात्र) व्यय करने का करार करता है और स्वामी/ननमाचता उसको वविय करने का करार करता है
न्जसके अधतगतच िे ता द्वारा ननरीक्षण ककये गये। देिे गये तथा अनमु ोददत ककये गये योजनाओं एवम ्

ववननदेशों के अनसु ार कथथत यनू न् से जडु ी हुई अधय यनू न्ो के साथ शालमिाती दीवारों का आिा क्षेत्रफि,
पररथि, दीवारों के अिीन सपं णू च क्षेत्रफि, और बािकननयों के अधय क्षते ्रफि, और सामाधय क्षते ्र मागो.
सीढी सम्बधिी मामिे तथा अधय शालमिाती क्षते ्र आते है।

3. यह कक ................... रुपये (...रुपये मात्र) के उपयकुच ्त प्रनतफि का सदं ाय पहिे से ही िे ता द्वारा ककया
जा र्कु ा है।

4. यह कक स्वामी / िे ता ऐसी रीनत से यनू न् के अतं रण/वविय को प्रभाववत करेगा जो काननू ी तौर पर अनरु ोि.
हो। िे ताओं की ककसी सहकारी सोसाइ्ी, लिलम्ेि कम्पनी या ककसी अधय ननगलमत ननकाय की ववरर्ना
से जडु ी हुई सम्पणू च िागतो, प्रभारी एवम ् िर्ों का सदं ाय िे ता द्वारा ककया जायगे ा। स्वामी / ननमाचता या
िे ता द्वारा इस ववििे के अिीन ननष्पाददत ककया जाने वािे करार, समनदु ेशन ववििे , वविय ववििे ,
हस्तांतरण पत्र या अधय दस्तावेजों को तयै ार करन,े मो्े अक्षरों में लििने स््ान्म्पत करन,े रन्जस्रीकृ त
करने के सभी अधय िर्े तथा सभी कथथत दस्तावजे ों को तयै ार करने एवम ् अनमु ोददत करने का सपं णू च
व्यावसानयक िर्च (िागत) िे ता के िाते मंे होगी। दस्तावेजो का ननष्पादन ददल्िी प्रभाजन स्वालमत्व
अथिननयम के अिीन ककया जा सके गा। वविय समानपु ानतक पट््ाितृ अथिकारों सदहत अववभक्त,
अववभाज्य एवम ् ननष्पक्ष होगा।

5. यह कक कथथत यनू न् पर कब्जा िे ता को दे ददया जाने पर िे ता कायच के ककसी भी मद, गणु विा पणू च कायच
एवम ्कोई भी सामग्री तथा इस प्रकार का र्ाहे जो कु छ भी हो ककसी भी आिार पर कथथत यनू न् में सामग्री,
प्रनतष्ठापनों के बारे मंे स्वामी/ननमाचता के ववरुद्ि कोई भी दावा नहीं होगा और दावा यदद कोई हो तो उसके
बारे मंे यह समझा जायगे ा कक उसने इसका त्यजन कर ददया है। ऐसी सभी लशकायतों । दोष यदद कोई भी
हो तो कब्जा ग्रहण करने के पवू च स्वामी / ननमातच ा के माध्यम से क्षेत्र को िे ता द्वारा ह्वा ददया जाय।

6. यह कक िे ता, वविय एवम ् कब्जे के पररदान पर, ककसी हस्तक्षेप एवम ् बािा के बबना िके कन इसमंे
अधतववषच ्् ननबधिनों, शतों, अनबु धिों एवम ् ननबधच िनों के अध्यिीन रहते हुए कथथत यनू न् के अनधय
उपयोग तथा अथिभोग का हकदार होगा।

7. यह कक इस वविेि मंे अधतववषच ्् ककसी भी बात का नहीं, ककसी भी प्रकार कथथत भिू डि में या शषे भवन
मंे ककसी अथिकार, हक, दहत, अनदु ान, पट््ा, पट््ाधतरण या समनदु ेशन िे ता को प्रदि कराने के लिए
अथाचधवयन ककया जायगे ा। ऐसा प्रदान ककया जाना। ऐसी शतों के अध्यिीन रहते हारा हो सकता है की
कम्पनी या ननगलमत ननकाय, सहकारी सोसाइ्ी के पक्ष में मात्र सपदचगी ववििे पर मात्र इसमें अधतववषच ््
की जाती है, न्जधहंे कथथत अथिकारों के अतं रण के लिए आवश्यक समझा जाय या उपयकु ्त समझा जाए।

8. यह कक िे ता ववद्यतु , जि तथा अधय कनके ्शन के लिए तथा अपके्षक्षत ककसी ववद्यत उपस््ेशन या जेनरे्र
के लिए अनपु ाततः करार करता है और स्वयं को आबद्ि करता है।

9. यह कक जब तक कथथत भवन की प्रत्येक यनू न् का साम्पनतक कर के लिए ननिारच ण नहीं ककया जाता है
तब तक वते ा सम्पणच भवन के लिए यथा ननिारच रत ककये गये नगर पालिका कर, भवन कर दरें एवम ्
जिकर इत्यादद के आनपु ानतक शये र का सदं ाय करेगा। ऐसा ननयत ककया जाना स्वामी द्वारा ककया जायगे ा
और वही ननश्र्यात्मक, अनं तम और िे ता पर बाध्यकारी होगा।

10. यह कक कोई भी अउपान्जतच वदृ ्थि उस मामिे में िे ता द्वारा सदं ेय होगा न्जस भलू म पर सम्पवि बनायी
जाती है, पणू सच ्वालमत्व होने के लिए ईन्प्सत है या घोवषत की जाती है।

11. यह कक िे ता यनू न् पररथि दीवारे एवम ववभाजन दीवारे, मिनालियाँा, नालियााँ, पाइपें, उन अच्छी ककराये
पर ददया जाने योग्य मरम्मतो, दशा, आदेश एवम शतच मंे अनिु ग्नकों को बनाये रिेगा न्जसमंे यह उसको

पररदान ककया जायेगा और ववशषे तौर पर वसै े कक यह आिम्ब दे सके , आश्रय दे सके तथा भवन के अधय
भागों का सरं क्षण कर सके ।

12. यह कक िे ता उपववथियाँा, ननयमों एवम ् ववननयमनों के अनसु ार पररसरों का उपयोग करेगा।

13. यह कक िे ता ककसी मागच को कोई बािा या अवरोि नहीं प्रस्ततु करेगा, ककसी भी बरामदा, र्बतू रा या ििु ा
स्थान आच्छाददत नहीं करेगा।

14. यह कक िे ता भवन के बाहर सजाव् नहीं करेगा। उसी को ही सभी िे ताओं को शालमिाती सहमनत द्वारा
सजाया जायगे ा और कोई भी मतभदे होने की दशा में, न्जसे स्वामी ववननश्र्य कर सके गा। स्वामी/ननमातच ा
का ववननश्र्य अनं तम एवम ् बाध्यकारी होगा।

15. यह कक िे ता स्वामी / ननमातच ा की पवू च लिखित सहमनत के बबना यनू न् मंे अपने अथिकारों, हकों, एवम ्
ब्याज का समनदु ेशन कर सकता है।

न्जसके साक्ष्य मंे, स्वामी / ननमातच ा और िे ता ने .................. की उपन्स्थनत मंे तारीि ..... को इन सभी िेिन सामग्री

पर हस्ताक्षर ककये है।

साक्षीगण

थिामी/ननमाषता

विक्रे ता

12-क. बन्िक वििेख

तारीख .................... .................... को ककया गया यि बन्िक वििखे
के बीच

एक भाग का अबक (इसिें इसके पश्चात ्बन्िककताा किा गया)
और

दसू रे भाग का किग (इसिंे इसके पश्चात ्बन्िकदार किा गया)

यिः बन्धककिाय .................... ....................को उसकी पतु ्री के वििाह का खचय परा करने के ललए
आिश्यकिा है और इसके साथ उपाबद्ध की गयी अनसु ची में पणिय या िखणिय सम्पवत्त की प्रयिभयि पर ....................
रुपये एडिांसी िेने के ललए कचथि .................... बन्धककिाय के पास पहुूँचा है।

अब यि वििखे तनम्नलिखखत रूप िंे साक्षित करता िै -

यह कक बन्धकिार द्िारा बन्धककिाय को सिीं ाय की गयी रकम के प्रयिफल में बन्धककिाय एिद्द्िारा प्रसवीं ििाकिाय
करिा है और यनम्नललखखि रूप में आबद्ध करिा है -

1. यह कक बन्धककिाय उसको एडिांसी िी गयी रकम पर .................. की िर पर ब्याज का सिंी ाय करेगा और
ब्याज का भगु िान करने के ललए इसके साथ उपाबद्ध की गयी अनसु ची मंे पणिय या िखणिय सम्पवत्त का
कब्जा उस बन्धकिार को दिया जािा है जो ब्याज के एिज मंे फलोपभोग एिम ्आय को वियनयोप्जि करेगा।

2. यह कक बन्धकिार सपीं णय बन्धक शोध्य के सिीं ाय िक सम्पवत्त का कब्जाधारी बना रहेगा।

3. यह कक बन्धककिाय इसके पश्चाि ्बन्धक रखी गयी सम्पवत्त का विल्लगंी म नहींी करेगा, उसको नहींी प्रभाररि
ककया जायगे ा या उसके साथ कोई यह बाि नहींी करेगा या नहींी करिायेगा यिद्िारा प्रयिभयि हालसल ककया
जािा है।

4. यह कक इसमंे इसके पिय यनबन्धनों में से ककसी को परा करने के ललए बन्धककिाय की असफलिा पर,
बन्धकिार को बन्धक रखी गयी सम्पवत्त से या बन्धककिाय की शरीर से सभी खचों के साथ मंे िेय सपीं णय
रकम को िसलने का विकल्प होगा।

5. यह कक कचथि करार िाररसानों, यनष्पािकों, प्रशासकों या बन्धककिाय के समनिेलशिी को आबद्ध करेगा।

प्जसके साक्ष्य मंे पक्षकारों ने ऊपर ललखखि दिन माह एिम ्िर्य को इस विलखे का यनष्पािन ककया है।

स्थान : हस्िाक्षर
िारीख : सम्पवत्त की अनसु ची

साक्षीगण
1. ....................
2. ....................

2. भिन विक्रय करने का करार

यह विक्रय करने का करार (प्रथम भाग के विक्रे िा के रूप में इसमंे इसके पश्चाि ्यनदियष्ट ककये गये अयिररति
नहीीं स.ंी ....................... िालम स.ंी ....................... पषृ ्ठ ..................... में िस्िािेज स.ंी ...................... दिनाकीं कि
.................... के रूप मंे रप्जस्रीकृ ि मतु िारनामा को िेखंे; ....................... अपने महान्यायिािी श्री .......................
..................... पतु ्र ..................... ..................... यनिासी .................... .....................के जररय)े .............. यनिासी
.................... और यह पि से अलभप्रेि होगा और इसके अन्िगिय आयेगंे, उसके िाररसान, उत्तरििीगण, विचधक
प्रयियनचधगण, और ..................... यनिासी .......................... के पक्ष में समनिु ेलशयियों (इसमें इसके पश्चाि ् िसरे
भाग का क्रे िा कहा गया) और यह पि से अलभप्रिे होगा और इसके अन्िगिय आयगे ें उसके िाररसान, उत्तरििीगण,
विचधक प्रयियनचधगण एिम ्समनिु ेलशिीगण द्िारा एिम ्उनके बीच िारीख ..................... को ककया जािा है। यिः
विक्रे िा भलम फशय िथा प्रथम फशय पर स्नान कमरे के साथ एक कमरे पर उसी आिासन ..................... को समाविष्ट
करने िाला ........................ का पणय स्िामी है। कचथि भिन को यनम्नललखखि रूप में आबद्ध ककया जािा है।

पिय .....................

पप्श्चम.....................

उत्तर .....................

िक्षक्षण.....................

और यिः विक्रे िा ने उप रप्जस्रार ..................... के कायालय य मंे िारीख ..................... अयिररति िहीीं स.ंी
....................... पषृ ्ठ में िस्िािेज स.ंी ..................... के रूप मंे रप्जस्रीकृ ि ककये गये एक रप्जस्रीकृ ि विलखे के आधार
पर दिल्ली विकास प्राचधकारण से शाश्िि पट्टे के रूप में उपयतुय ि सम्पवत्त का अजनय ककया था।

और यिः कचथि सम्पवत्त के यनमाणय के ललए विक्रे िा ने .................. से प्जसको कचथि सम्पवत्त को बन्धक
रखा जािा है से .................... रुपये का एक ऋण ललया और विक्रे िा ने .................. द्िारा उसको यनमोचचि करिाने

के ललए िथा अपने स्ियीं के खचय पर विक्रे िा को प्रयिहस्िािीं ररि करने के ललए िचनबद्ध दिया है। और यिः विक्रे िा
पहले से ही उपयतुय ि सम्पवत्त को बेचने में दहिबद्ध है और इसललए बेंच रहा है और क्रे िा आिासन में यनलमिय ककये गये
होने के साथ-साथ विक्रे िा से उपयतुय ि भिन िथा ..................... रुपये (.................... रुपये मात्र) के सपंी णय प्रयिफल के
ललए सपंी णय विद्यिु कफदटगीं ..................... के साथ-साथ................ मीटर लगभग मापमान की होने िाली इसके नीचे
की भलम क्रय करने की इच्छु क है।

अब यि करार तनम्नलिखखत रूप िंे साक्ष्य प्रस्ट्ततु करता िै :

1. यह कक विक्रे िा विक्रय करेगा और क्रे िा सपीं णय प्रयिफल (............................ मात्र) के ललए इसके सपंी णय
अनलु ग्न को सखु ाचारों विशरे ्ाचधकारों एिम ् विकल्पों पटे ेट या लेटंेट सदहि उस पर सभी भिनों एिम ्
यनमायणों के साथ - साथ की इस रकम में से िे ता ने ....................... के पक्ष में ........................... रुपये
तथा वविे ता के पक्ष ..................... रुपये के लिए एक डिमांि ड्राफ्् के रूप मंे .....................
..................... रुपये ..................... ..................... रुपये मात्र) की एक रालश का सदं ाय वविे ता को ककया
है न्जसकी रसीद वविता दारा एतदद्वारा अलभस्वीकृ त की जाती है (उसके महाधयायवादी ..........
..................... के जररय)े

2. यह कक _......................... रुपये (........................ रुपये मात्र) की बकाया रकम का सदाय वविय ववििे
के रन्जस्रीकरण के समय पर कर ददया जायेगा।

3. यह कक वविय अनजु ्ञा प्राप्त करने के लिए, िी. िी. ए. की भलू म मलू ्य अनान्जतच वदृ ्थि के शये र के कारण
सदं ेय सपं णू च रकम ....................... रुपये (....................... रुपये मात्र) की करार पायी गयी मलू ्य से
अथिक वविे ता द्वारा वहन ककया जायगे ा िके कन िे ता द्वारा अदा ककया जायगे ा और वविय वविेि के
रन्जस्रीकरण के समय पर सदं ेय रकम से समायोन्जत ककया जायगे ा।

4. यह कक वविय ववििे की तयै ारी के लिए िर्च स््ाम्प पपे र की िागत एवम ्रन्जस्रीकरण प्रभार का भगु तान
िे ता द्वारा ककया जायेगा।

5. यह कक प्रथम फशच के लसवाय पट््ाधतररत भलू म पररसर वतमच ान समय में िािी पडा है और वविे ता इस
करार पर हस्ताक्षर करने पर शीघ्र िे ता के जमीनी फशच एवम द्ववतीय फशच का कब्जा देने का करार करता
है।

6. यह कक वविे ता ने 1 अप्रिै , 1979 को समाप्त होने वािी 2 वषों की कािावथि के लिए ददल्िी ककराया
ननयतं ्रण अथिननयम की िारा 21 के अिीन कब्जा प्राप्त करने के पश्र्ात ...................... को
...................... रुपये प्रनतमाह की दर पर प्रथम फशच दे ददया है। इसको ररक्त करवाने का दानयत्व उसी
िे ता का होगा।

7. यह कक वविे ता अपने महाधयायवादी के जररये िी. िी. ए. तथा आयकर अथिननयम के अिीन आयकर
समाशोिन प्रमाणपत्र (प्रसाववत वविय करके परू ा होने पर) से वविय अनजु ्ञा के लिए आवेदन करेगा और
नगर भलू म और अथिकतम भलू म सीमा अथिननयम के अिीन वविय अनजु ्ञा के लिए िे ताओं द्वारा ददये
गये ...................... रुपये मात्र) के बकंै ड्राफ्् को भनु ाने के 10 ददनो के अधदर आवदे न करेगा।

8. यह कक उपयकुच ्त पररसरों का वविय वविे ता के िी. िी. ए. तथा नगर भलू म और अथिकतम भलू म सीमा
अथिननयम 1976 के अिीन सक्षम प्राथिकारी से अपके्षक्षत अनजु ्ञा तथा आयकर प्राथिकाररयों से समाशोिन
प्रमाणपत्र प्राप्त कर िने े के पश्र्ात ् 30 ददनों के अधदर परू ा ककया जायगे ा।

9. यह कक वविे ता ऐसे सभी कागजातों, प्ररुपों एवम ् दस्तावजे ों पर आसानी से हस्ताक्षर करेगा कक वह पररसर
के वविय के लिए वविय अनजु ्ञाओं को प्रदान ककया जाने मंे समथच हो सके और िे ता इस ननलमि सपं णू च
सहायता प्रदान करेगा। सम्पवि दिाि, ककसी भी प्रकार से सम्बन्धित ववभागों के साथ उसका अनसु रण
करने के लिए उिरदायी होगा और इस ननलमि िर्च िे ता द्वारा वहन ककया गया।

10. यह कक वविे ता को 30 ददनों की उपयकुच ्त कािावथि के अधदर िे ता के नाम से सम्पवि को रन्जस्रीकृ त
कराना पडगे ा और यदद वह उपयकुच ्त करार का अनपु ािन करती है तो िे ता करार के ववननददचष्् अनपु ािन
के लिए धयायािय मंे आवदे न करने का हकदार होगा और मान िे िे ता इस करार के ननबधिनों का अनपु ािन
करने में असफि होता है तो करार वविे ता के ववकल्प पर रद्द ककया हुआ होगा और वविे ता उसके द्वारा
प्राप्त की गयी रकमों मंे से ...................... .......... रुपये की रकम को प्रनतिाररत करने का हकदार होगा

और िे ता पररसर का कब्जा प्रनतिाररत करने के लिए इस ननलमि ...................... ..................... रुपये
प्रनतमाह की दर से नकु सानी का सदं ाय करने के लिए उिरदायी होगा। रन्जस्रीकरण ननयमों एवम ्
ववननयमनों के अध्यिीन होगा, यदद कोई रन्जस्रीकरण प्राथिकाररयों द्वारा अथिरोवपत ककया जाय।
11. यह कक वविे ता एतद्द्वारा घोषणा करता है कक उपयकुच ्त सम्पवि ...................... ...................... ऋण
के लसवाय सभी प्रकार के ववल्िगमों, दानों, ववथिक (Staws) से स्वततं ्र है जो िे ता को जानकारी के अिीन
है और कथथत ऋण .................... रुपये की रकम के भगु तान द्वारा समाशोथित कर ददया हुआ होगा, देिें;
परै ा (1) ऊपर को वविे ता यह सनु नन्श्र्त करेगा कक वविय ववििे के रन्जस्रीकृ त कर ददये जाने के पवू च
पणू तच या ननमोथर्त कर ददया जाता है और सम्पवि वविे ता को .................... द्वारा प्रनत हस्तारं रत कर दी
जाती है और ....................... के साथ मिू दस्तावजे वविय ववििे के रन्जस्रीकरण के समय पर वविे ता
को जाने के लिए वापस िे िी जाती है। दस्तावेज ........................ के कायाचिय में देिा जा सकता है यदद
िे ता द्वारा इस प्रकार इच्छा की जाय।
12. यह कक सभी उपयकुच ्त सम्पवि की बाबत सदं ेय सभी कतवच ्यों करों, कतबच ्यों, मांगों, प्रभारों एवम ् बाहर जाने
वािी र्ाहे नगर पालिका या िे ता द्वारा भवन के ररक्त भाग के अथिभोग की तारीि एक अधयथा िे ता
द्वारा वहन ककया और तत्पश्र्ात ् िे ता द्वारा सदं ाय ककया जायगे ा।
13. यह ककस भी ववद्यतु कनके ्शनों एवम ् जि कनके ्शनों को वविे ता द्वारा िे ता के नाम से स्थानाधतररत
करवा ददया जायेगा और वविे ता, वविे ता के ननक्षेपों की रकमों के सवं वतरण पर िे ता के नाम से आवश्यक
पत्रों, अतं रणीय दस्तावजे ों का ननष्पादन करेगा।
14. यह कक यह व्यवहार ...................... के प्रयासों के माध्यम से बातर्ीत की ओर से यथा गया है जो उनके
द्वारा प्रदान की गयी सवे ाओं के लिए प्रत्यके पक्ष की और से यथा करार पायी गयी व्यावहाररक कमीशन
का हकदार है और उसको उसी अनपु ात मंे सदं ाय ककया जाना होगा जसै े सदं ाय ककये जाते हं।ै वह िे ता के
िर्च पर िी. िी. ए. से सभी अनजु ्ञा का अनसु रण करेगा।

न्जसके साक्ष्य में पक्षकारगण ऊपर वखणतच ददन, महीना एवम ् वषच मंे इस करार पर अपना हस्ताक्षर करेगंे।

साक्षीगण वविे ता िे ता

1. ......................
2. ......................

भाधगता के विघटन की नोटटस

दिनाींककि..............

श्रीमान जी

भाचगिा विलखे दिनाकीं कि .................. के खण्ड के अनसु रण में मैं आपको एिद्द्िारा नोदटस िेिा
हँू कक आपके िथा हमारे मिु प्तकलों के बीच अप्स्िित्िशील भागीिारी.............. से प्रभािकारी िींग से
एििद्िारा विघदटि हो गयी है। कृ पया इस नोदटस को िहण करें।

अधििक्ता


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