9. भागीदारी का वििेख
भागीिारी का विलखे िारीख ................... ................... को .................. ................... मंे प्रस्ििु ककया गया।
के बीच
श्री ..................... ................... पतु ्र ....................... ................... यनिासी .................. (इसमंे इसके
पश्चाि ्प्रथम पक्षकार कहा गया) िथा श्री ........... ................... पतु ्र ....... ........ यनिासी ................... (इसमें इसके
पश्चाि ्द्वििीय पक्षकार कहा गया) यिः पक्षकारों ने इसमें इसके पश्चाि विद्यमान रहने िाली शिों एिम ्यनबन्धनों
पर ..................... में िारीख ................... को ................... के नाम एिम ् स्टाइल से ..................... के कारबार को
चाल रखने के ललए करार ककया है;
(1) यह कक भागीिारी ........... ................... से प्रारम्भ होना समझा जायगे ी और इसको ही इसमंे इसके
पश्चाि ् उपबप्न्धि रीयि से अिधाररि कर दिया जाने िक चाल रहेगी।
(2) यह कक भागीिारी का कारबार ................. ................... का होगा
(3) यह कक भागीिारी का कारबार ................... ................... या ऐसे स्थान या स्थानों पर होगा प्जसका
पक्षकारगण समय-समय पर वियनश्चय कर सके गें।
(4) यह कक भागीिारी का बकंै कारी लखे ाकार ................... ................... के साथ या ऐसे िसरे बकैं के साथ
खोला जायेगा और कचथि खािा सयंी तु ि रूप से या पथृ क िौर पर पक्षकारों द्िारा चाल रखा जायगे ा।
(5) यह कक प्रत्यके पक्षकारगण समानपु ाि मंे भागीिारी की पजंी ी में अलभिाय करेगंे।
(6) यह कक भागीिारी कारबार के लाभ ि हायनयाूँ एक समान अनपु ाि मंे पक्षकारों के बीच विभति कर िी
जायेगी।
(7) यह कक सभी आिश्यक एिम ् उचचि लखे ा िही फमय द्िारा रखे जायगे ें और खािे की लखे ा परीक्षा चाटयड
लखे ाकर द्िारा करायी जायगे ी।
(8) यह कक पक्षकारगण फमय के कारबार को अपना सपंी णय समय एिम ् ध्यान समवपिय करेंग।े
(9) यह कक यदि कोई भी पक्षकार .................. ................... फमय से सिे ायनितृ ्त होना चाहिा है िो िह
भागीिारी से सेिायनितृ ्त होने के ललए उसके आशय की ललखखि िीन महीने से न कम की नोदटस िसरे
पक्षकार को िेकर िसै ा कर सकिा है।
(10) यह कक कोई वििाि या मिभिे भागीिारी या इस विलेख के सगंी ि माध्यस्थम को यनिेलशि ककया
जायेगा और प्रत्येक भागीिार एक माध्यस्थम को यनयतु ि करने का हकिार होगा। कचथि माध्यस्थम को
भारिीय माध्यस्थम अचधयनयम, 1940 या ककसी काननी उपाींिरण या ित्समय अमिृ उसके पनु ः
अचधयनयलमयि के उपबधंी ों द्िारा शालसि ककया जायगे ा।
जिसके साक्ष्य िंे पिकारगण इसिें इसके ऊपर लिखखत टदन ििीना और िषा को अलभदाय ककया िै और अपना
िस्ट्तािर ककया िै।
साक्षीगण प्रथम पक्षकार
1. ................... द्वििीय पक्षकार
2. ...................
भागीदारी के विघटन का वििेख
भागीिारी के इस विघटन का विलेख ककया जािा है और श्री ................. ................. (इसमें इसके पश्चाि ्
प्रथम पक्षकार कहा गया) िथा श्री ................. ................. (इसमंे इसके पश्चाि ्द्वििीय पक्षकार कहा गया) के बीच
प्रारम्भ ककया जािा है प्जस पि के अन्िगिय उनके माध्यम से या उनके अधीन िािा करने िाले उसके विचधक िाररसान,
प्रयियनचधगण या कोई अन्य व्यप्ति/व्यप्तियों आिे हं।ै
यिः उपयतुय ि पक्षकारगण िारीख ...... ................. को उनके द्िारा यनष्पादिि की गयी भागीिारी के विलखे
के आधार पर भागीिारी में ................... ................. के नाम एिम ्अलभनाम से ................. ............ कारबार कर रहा
है।
यिः उपयतुय ि सभी पक्षकारों ने ................... ................. से प्रभाि के साथ प्रत्यके इसकी सहमयि से प्रथम
फमय को विघदटि करने का वियनश्चय ककया है और ककसी भी अचिम जदटलिा को िर करने हेिु सपंी णय कारबार को बन्ि
करने के ललए विघटन विलेख लखे बद्ध कर दिया जािा है।
साक्षीगण
1.
2.
अब यह वििेि ननन्मलिखित रूप में साक्षक्षत करता है –
1. यह की कथथत भागीदारी एतदद्वारा ववघद्त कर दी जाती है ....................... से प्रभाव के साथ समाप्त
की हुई तथा ववघद्त कर दी गई होगी।
2. यह की एक पणू च एवं सपं ूणच िेिा इसके साथ तिु न पत्र मंे यथावखणतच मूल्याकं न की तथा भागीदारी के
ववघ्न के वविेि के एक समाकलित व गठन की स्वीकृ नत के रूप मंे सभी ननबिं नो के मलू ्याकं न के साथ
में भागीदारी की आन्स्तयो एवं दानयत्वों को प्रदान ककया जा र्ुका है।
3. यह की उपयकु ्त सभी पक्षकारों ने तिु ना की तिु नापत्र मंे पडी रहेगी।
4. यहां की सभी पक्षकारों तुिनपत्र, व्यापार िेिा एवं िाभ एवं हानन िेिा की प्रनतलिवप तथा ववघ्न वविेि
की प्रनतलिवप और उसकी प्रनतलिवप जो कु छ भी कथथत फमच के रूप मंे ग्रहण कर र्ुका है।
न्जसके साक्ष में इसके पक्षकारो ने ऊपर लिखित ददन महीना एवं वषच पर साक्षक्षयों की उपन्स्थनत मंे एक
लिखित पर िमशः अपना अपना हस्ताक्षर बनाए हैं।
साक्षीगण
प्रथम पक्ष
द्ववतीय पक्ष
9-क. भागीदारी वििेख
भागीिारी के इस विलखे का यनष्पािन ..................... ..................... के बीच ककया जािा है।
के बीच
श्री .................... ....................पतु ्र श्री .................... .......................यनिासी.................... ....................
(इसमें इसके पश्चाि ्प्रथम भाग का पक्षकार कहा गया)
और
पतु ्र श्री ................. ................. यनिासी .................. (इसमें इसके पश्चाि ्िसरे भाग का पक्षकार कहा गया)
.................................... के नाम एिम ्अलभनाम मंे भागीिारी में ................... ................. का कारबार करने
के ललए भागीिारी के एक करार मंे भाग लने े का इच्छु क है।
और यिः इस विलखे के पक्षकारगण ने एक पश्चात्ििी िारीख पर भ्रम या जदटलिाओंी को टालने के ललए
अन्य बािों के साथ-साथ यनबन्धनों एिम ्शिों को पररभावर्ि करने िाली भागीिारी के विलेख का यनष्पािन करने के
ललए इसे आिश्यक एिम ्समीचीन समझा है।
अब अतएि भागीदारी का यि वििखे तनम्नलिखखत रूप िें साक्षित करता िै –
1. यह कक भागीिारी कारबार को ..................... ................. के नाम एिम ् अलभनाम से चलाया जायगे ा।
2. यह कक भागीिारी का कारबार ............ .................... का होगा और कारबार के ऐसे अन्य मागय या मागों िक
विस्िाररि ककया जा सकिा है जैसे पक्षकारगण पारस्पररक सहमयि द्िारा वियनप्श्चि कर सकें ।
3. यह कक भागीिारी के कारबार का स्थान .................. ................. मंे होगा। पक्षकारगण ऐसे स्थान या स्थानों
में शाखायें खोलने का हकिार है जो िह समय-समय पर वियनप्श्चि करंे। कारबार का मल स्थान ऐसे स्थान या
स्थानों को भी पररियििय ककया जा सके गा जो पक्षकारगण एकमि होकर वियनश्चय करंे।
4. पक्षकारगण................. ................. से प्रभाि के साथ प्रारम्भ करेगंे और इसमंे इसके पश्चाि यथा उपबप्न्धि
अिधारण करने योग्य पक्षकारों की बबल पर होगा।
5. यह कक भागीिारी कारबार का लाभ या हायन यदि कोई हो िो भागीिारों के बीच एक समान दहस्सा लगाये जायेगें।
6. यह कक भागीदारों का पंूजी ननवेश वही िनरालश जो समय-समय पर भागीदारी की वही में भागीदारों की िे डि् मंे िडी हो
सके गी।
7. यह कक भागीदारी की संपणू च बदहयााँ कारबार के स्थान पर रिी जायेगी और सभी भागीदारों की सहमनत के बबना उस स्थान
से नहीं ह्ायी जायेगी और उन भागीदारों द्वारा कायच ददवस मंे ननरीक्षण के लिए ििु ा होगा न्जसके पास सार संग्रह या
उसकी प्रनतलिवपयों को ग्रहण करने के लिए स्वतंत्र होगा।
8. यह कक भागीदारगण अपनी पंजू ी में से ननकािने के हकदार है और यह कक फमच ऐसी दरों पर प्रसुवविा में से बकाया पंूजी
पर भागीदारों को ब्याज का सदं ाय करेगा जो प्रत्येक िेिा वषच के समापन के पवू च भागीदारों द्वारा ववननन्श्र्त ककये जायेगंे।
9. यह कक भागीदारों का वावषकच ििे ा प्रत्येक वषच के 31 मार्च अन्स्तयों एवम ् दानयत्वों के कथन पर लिया जायेगा। तयै ार
ककये गये व्यापार िेिा, िाभ एवम ् हानन िेिा पर सम्यक रूप से हस्ताक्षर ककया जायेगा और उसकी िेिा परीक्षा की
जायेगी।
10. यह कक भागीदार कनतपय अनसु ूथर्त बकंै या बकैं ों के बकंै िाता या बकंै िाते िोि सके गें और उसे उधहें ही संयकु ्त रूप
से कियान्धवत ककया जायेगा या उसे / उधहंे न्जसे / न्जधहें भागीदारों द्वारा पारस्पररक तौर पर ववननन्श्र्त ककया गया है।
प्रत्याहरण पक्षकारों में से दो हस्ताक्षरों के द्वारा ककया जा सकता है या उसे / उधहंे न्जसे / न्जधहंे न्जसका / न्जनका सभी
पक्षकारों द्वारा पारस्पररक तौर पर करार ककया जा सके गा।
11. यह कक भागीदारी के लिए अपेक्षक्षत कोई भी ऋण उनके संयुक्त हस्ताक्षरों के अिीन सहमनत एवम ् सयं ुक्त सहमनत से
पक्षकारों द्वारा उठाया जायेगा। उसके उल्िघं न में जो उठाया गया कोई भी ऋण जो कु छ भी ऊपर कहा गया है भागीदारी
पर आबद्िकारी नहीं होगा और ऋण उठाने वािा व्यन्क्त-व्यन्क्तगत तौर पर उिरदायी होगा।
12. यह कक कोई भी भागीदार लिखित अधय भागीदारों की सहमनत के बबना भागीदारी कारबार में अपने दहस्सों या दहत को
स्थानाधतररत नहीं करेगा, बधिक नहीं करेगा या समनुदेलशत नहीं करेगा और उसमें उसके साथ भागीदार के रूप में ककसी
अधय को अधतःस्थावपत नहीं करेगा।
13. यह कक भागीदारी / भागीदारों की 'इच्छा पर' है और दसू रे भागीदार को बाहर जाने वािे भागीदार द्वारा लिखित एक
किेडिर महीने की नोद्स देकर पयवच सेय होगी।
14. यह कक दोनों भागीदार वे कायरच त भागीदार होंगे जो आयकर अथिननयम, 1961 की िारा 40(9) के ननबधिनों मंे फमच की
‘प्रसुवविा बही' मंे से अनुज्ञये सपं णू च पाररश्रलमक में से एक समान पारश्रलमक एवम कमीशन का हकदार होंगे हानन के
मामिे मंे संदेय सफि पाररश्रलमक 50,000 रुपये प्रनत वषच से अथिक नहीं होगी।
15. यह कक भागीदारी की एक कायवच िृ बहीं होगी न्जसमंे ऊपर प्रनत िडि 14 के अनुसार कायरच त भागीदारों को सदं ेय पारश्रलमक
एवम ् कमीशन की मात्रा पर िेिा की समान्प्त के पवू च प्रत्येक वषच न्जस ननष्कषच पर पहुंर्ा गया और उसी दर पर भी न्जस
पर ऊपर िडि 8 के अनसु ार ब्याज प्रववष्् और अलभिेि के प्रयोजनाथच प्रनतिाररत ककया जायेगा।
16. यह कक भागीदारों ने फमच के कारबार में भाग लिया। कोई भी व्यन्क्त भागीदारी की ननरंतरता के दौरान वह कायच नहीं करेगा
या करवायेगा जो भागीदारी कारबार के दहत में ननरथकच एवम ् हाननप्रद हो।
17. यह कक भागीदारी वविेि के पक्षकारों के दानयत्व के लिए नहीं होगी।
18. यह कक भारतीय भागीदारी अथिननयम, 1932 के उपबंि इस वविेि के साथ ववलशष्् तौर पर न संव्यवहार ककये गये
मुद्दों की बाबत िागू होंगे।
19. यह कक भागीदारी-वविेि के पक्षकारों के बीर् वववाद होने के मामिे मंे, कोई भी पक्षकार एक काननू की धयायािय जाने
का हकदार नहीं होगा। मामिा भारतीय माध्यस्थम अथिननयम, 1940 के अिीन माध्यस्थम को सौंप ददया जायेगा।
20. यह कक उपयकुच ्त ननबधिनों, शतों एवम ् अनबु धिों मंे से ककसी को भी लिखित सभी भागीदारों की पारस्पररक सहमनत
िेकर उसको पहिे से पररवनततच ककया जा सके गा, उसमें फे रफार ककया जा सके गा या उसमें वदृ ्थि की जा सके गी।
जिसके साक्ष्य में उसके पक्षकार इसमंे इसके ऊपर िखणतष दिन महीने एिम ् िर्ष को इस वििेि को इसमें उपिखणतष ककया है
उस पर अपना हथताक्षर ककया है।
साक्षी
1. प्रथम पक्ष
2. द्ववतीय पक्ष
26. भूलि का विक्रय वििेख –
विक्रय विलखे का ................. रुपये स्टाम्प शलु ्क ................. रुपय;े यनगम कर ................. रुपये योग
................. पर मल्याींकन ककया गया।
विक्रय विलखे का यनष्पािन श्री / श्रीमिी पत्र / पत्नी यनिासी (इसमें इसके पश्चाि िसरे भाग का क्रे िा कहा
गया) के पक्ष मंे श्री ................. ................. पुत्र ................. ......................... ननवासी ................. राज्य .................
(इसमंे इसके पश्चाि ्प्रथम भाग का विक्रे िा कहा गया)।
पि यह कक विक्रे िा एिम क्रे िा िोनों के अन्िगिय क्रमशः उनके िाररसगण, यनष्पािनकिागय ण, प्रयियनचधगण
िथा समनिु ेलशिीगण आिे है।
यिः विक्रे िा ............... ................. मंे प्स्थि खसरा संी ................ को पररिपे ्ष्ठि कर ................. बीघा
................ विस्िा की माप िाली भलम का िास्िविक स्िामी एिम ्कब्जाधारी है।
यिः विक्रे िा दिल्ली भलम सधु ार अचधयनयम, 1954 के अधीन कचथि भलम का भलमधर है।
यिः विक्रे िा ने ................. रुपये के एक प्रयिफल के ललए क्रे िा को कचथि भलम का विक्रय करने का करार
ककया है। सपीं णय प्रयिफल रकम क्रे िा से विक्रे िा द्िारा अचिम िौर पर प्राति ककया जा चकु ा है।
यह विलखे यनम्नललखखि रूप मंे साक्षक्षि करिा है -
1. यह कक उपयतुय ि रकम के प्रयिफल में, विक्रे िा ने क्रे िा को एिद्द्िारा सभी अचधकारों, स्ित्ि एिम ् दहि सदहि
उपयतुय ि भलम का एिद्द्िारा अिीं रण, हस्िाींिरण एिम ् समनिु ेशन करिा है।
2. यह कक कचथि विक्रे िा ने स्थल पर कचथि क्रे िा को कचथि भलम का िास्िविक भौयिक कब्जा पररिान कर चकु ा
है।
3. यह कक इस विलखे के सपीं णय खचों का सिंी ाय ककया जायगे ा और कचथि क्रे िा द्िारा िहन ककया जायेगा।
4. यह कक कचथि क्रे िा इस विलखे के आधार पर कचथि राजस्ि अलभलेखों मंे कचथि भलम की िाखखल खाररज को
प्रभािकारी बनिा सकिा है।
5. यह कक उपयतुय ि भलम नगरीकृ ि पररसीमाओीं के परे हं।ै अनापवत्त प्रमाणपत्र ................. ................. से प्राति
ककया जा चुका है। कचथि भलम के अिंी रण के ललए भलम सधु ार अचधयनयम, 1954 की धारा 33 के ककसी भी
उपबन्ध का उल्लघंी न नहीीं ककया जायगे ा। कचथि भलम का प्रयोग कृ वर्क प्रयोजनाथय ककया जायेगा।
6. यह कक विक्रय, बन्धक एिम ् िान इत्यादि के रूप में इस प्रकार सभी प्रकार के विल्लगमों से मतु ि विक्रय के
अधीन उपयतुय ि भलम और विक्रे िा के हक में कोई िोर् नहींी है और यदि अन्यथा साबबि कर दिया जाय िो कचथि
क्रे िा द्िारा सधंी िृ हायन को पणिय ः या अशंी िः विस्िार िक क्रे िा की क्षयिपयिय करने के ललए उत्तरिायी होगा।
प्जसके साक्ष्य मंे विक्रे िा ने ऊपर ललखखि दिन, महीना एिम ् िर्य को इस विलखे पर हस्िाक्षर ककया है।
साक्षीगण विक्रे िा
1. .................
2. .................
13. िखु ्तारनािा
.................... रुपये का स्टाम्प इस विलखे द्िारा यह सिवय िदिि हो कक श्री ... .................... ..................... पतु ्र
श्री .................... .................... .................... यनिासी .................... .................... की राजस्ि सम्पिा मंे
प्स्थि.................... ....................बीघा .................. .................... विस्िा की मापमान की होने िाली सपीं णय खसरा स.ंी
.................... .................... में पररिपे ्ष्ठि की गयी मेरी कृ वर्क भलम की बाबि मरे ा सत्य एिम ् विचधपणय साधारण
मखु ्िारनामा के रूप मंे श्री .................. .................... पतु ्र ................. .................... यनिासी ....... .................... को
एिद्िारा स्थावपि करिा है, यनयतु ि करिा है, प्राचधकृ ि करिा है एिम ्नाम यनिेलशि करिा है और मंै मरे े नाम से िथा
मरे े यनलमत्त यनम्नललखखि कायों, विलखे ों एिम ्बािों को करने के ललए उसको एिद्िारा सशति करिा है।
(क) सभी पररपके ्ष्य में कचथि सम्पवत्त का प्रबन्ध करने एिम ् यनयबंी त्रि करने के ललए िथा इस यनलमत्त प्रत्यके
सम्बप्न्धि प्राचधकारी के समक्ष उसको व्यपिेलशि करने के ललए।
(ि) कचथि सम्पवत्त को ककराये पर िेने / पट्टे पर िेने के ललए और ककराया / पट्टा प्राति करने के ललए िथा उसकी
रसीि जारी करने के ललए।
(ग) कचथि सम्पवत्त का विक्रय करने के ललए, करार करने के ललए, एडिाींसों को जारी करने के ललए: सक्षम प्राचधकारी
या ककसी अन्य सम्बप्न्धि प्राचधकारी से आिश्यक अनजु ्ञाये प्राति करने के ललए मेरी ओर से कोई भी शपथपत्र,
कथन, आिेिनपत्र, या बन्धपत्र इत्यादि िेने के ललए, रप्जस्रार या उपरप्जस्रार या ककसी अन्य सम्बप्न्धि
प्राचधकारी के समक्ष विक्रय विलखे का यनष्पािन करने के ललए, उसको हस्िाक्षररि करने के ललए िथा उसको
प्रस्ििु करने के ललए और मरे ी ओर से उसको रप्जस्रीकृ ि करिाने के ललए, प्रयिफल रकम को प्राति करने के
ललए, रसीिे जारी करने के ललए, िाखखल खाररज को प्रभाविि करिाने के ललए।
यनमाणय करने या पररििनय के ललए; भिन सामिी की परलमट एिम कोटा प्राति करने के ललए भिन कर यनयि
करिाने के ललए; जलसीिर िथा विद्यिु कनते शनों को स्थावपि करिाने के ललए।
.............. के सभी कायालय यों मंे हाप्जर होने िथा कायय करने के ललए।
अजनय के मामले मंे, प्रयिकर प्राति करने के ललए; समझौिा करन;े शमन करने के ललए या मामलों को िापस
करने के ललए; उन्हें माध्यस्थम को यनिेलशि करने के ललए। मरे ी ओर से ककसी िकील, तलीडर, एडिोके ट को यनयतु ि
करने िथा स्थावपि करने के ललए आगे एटनी को यनयतु ि करने के ललए।
यि वििेख अविखण्डनीय िै:
मंै एिद्िारा यह अनसु मथनय एिम ्पपु ्ष्ट करने के ललए सहमि है कक मेरे कचथि मखु ्िारनामे द्िारा ककये गये
सभी कायय विलखे एिम ् बािें व्यप्तिगि रूप में मेरे द्िारा ककये गये कायों विलखे ों एिम बािों के रूप मंे अथानय ्ियन
ककया जायेगा मानों िह हाप्जर हो। प्जसके साक्ष्य में मनंै े िारीख....................को .................... मंे इस अविखण्डनीय
मखु ्िारनामें पर हस्िाक्षर ककया है।
साक्षीगण यनष्पादििी
1. ....................
2. ....................
15. िुख्तारनािा
न्यायालय ................................
वाद स.ं .................................सन........................
अबक ............................................................................... िािी/आििे क/याची/आयतु ि/यनधायररिी
बनाम
किग ........................................................................................प्रयििािी/प्रत्यथी/अलभयतु ि
यह उन सभी को ज्ञाि हो प्जसको ये सभी विलखे आये हैं कक म/ंै हम ........ ................ ................ ऊपर नालमि
ककये गये ................. ................ को ऊपर नोट ककये गये मामले मंे मरे ा / हमारा एडिोके ट होने के ललए श्री ................
................ को एिद्द्िारा यनयतु ि करिा हँू, और उसको प्राचधकृ ि करिा हँू इसमें इसके पश्चाि ्एडिोके ट/एडिोके टों
कहा गया।
इस न्यायालय में या अन्य न्यायालय मंे ऊपर नोट ककये गये मामले में हाप्जर होने के ललए, कायय करने के
ललए िथा अलभिचन करने के ललए प्जसमंे विचारण ककया जा सके या उसको सनु ा जा सके और मरे े/हमारे द्िारा प्रत्यके
न्यायालय मंे पथृ क िौर पर फीस के सिीं ाय के अध्यधीन रहिे हुए उच्च न्यायालय को सप्म्मललि कर अपीलीय
न्यायालय मंे भी।
अलभिचनों, अपीलों, प्रयि आक्षपे ों या यनष्पािनों के ललए याचचकाएंी, पनु विलय ोकन, पनु रीक्षण, िापस लेना,
समझौिा या अन्य याचचकाएंी या शपथपत्रों या अन्य िस्िािजे ों पर हस्िाक्षर करने के ललए, उन्हें सत्यावपि करने के
ललए िथा उन्हंे प्रस्ििु करने के ललए जो इसकी सभी चरणों मे कचथि मामलों के अलभयोजन के ललए आिश्यक या
उचचि समझा जाय।
िस्िािेजों को िाखखल करने िथा िापस लने े के ललए।
कचथि मामले को िापस लने े के ललए या उसमंे समझौिा करने के ललए, ककन्हींी मिभिे ों या उन वििािों को
माध्यस्थ को प्रस्ििु करने के ललए जो कचथि मामले स्पशय करिे हए या उससे सम्बप्न्धि ककसी भी रीयि से उद्भि हो
सके गा। यनष्पािन कायिय ादहयों को िहण करने के ललए। धन को जमा करने के ललए यनकालने के ललए िथा उसको
प्राति करने के ललए िथा उसकी रसीिे मजंी र करने के ललए और उन सभी अन्य कायों और बािों को करने के ललए जो
कचथि कारण की प्रगयि के ललए िथा उसके अलभयोजन के अनक्रम मंे ककया जाना आिश्यक हो सके ।
अचधितिा को एििद्िारा सौंपी गयी शप्ति एिम ् प्राचधकार का प्रयोग करने के ललए उसको प्राचधकृ ि करने
िाले ककसी अन्य विचध व्यिसायी को यनयतु ि करने के ललए िथा अनिु ेश िेने के ललए जहाूँ कहीीं भी आिश्यक हो िथा
और हमारी ओर से मखु ्िारनामे पर हस्िाक्षर करने के ललए।
और म/ैं हम प्जसने नीचे हस्िाक्षर ककया अचधितिा द्िारा काररि ककये गये सभी कायों या उसी रीयि से उनका
अनसु मथनय करने के ललए िथा पषु ्ट करने के ललए एिद्द्िारा करार करिा हूँ/करिे हैं जसै े -मेरा/ हमारा स्ियमिे का
कायय हो, मानों सभी आशयों एिम ्प्रयोजनों के ललए मरे े हमारे द्िारा ककया गया हो।
और मैं / हम िचनबन्ध िेिा है/ िेिे हैं कक म/ैं हम या मरे ा/हमारा सम्यक रूप से प्राचधकृ ि ककया गया अलभकिाय
सभी सनु िाइयों पर न्यायालय में हाप्जर होगा और उस समय हाप्जरी के ललए अचधितिा को सचचि करेगा जब मामले
में पकु ार की जािी है। और मंै / हम प्जसने नीचे हस्िाक्षर ककया न्यायालय से उस समय उनकी गरै हाप्जरी के पररणाम
स्िरुप कचथि मामलों के पररणाम स्िरुप अचधितिा या उसके प्रयिस्थावपिी को उत्तरिायी बनाने के ललए एििद्िारा
करार करिा है/करिे हैं जब कचथि मामले की सनु िाई के ललए कचथि एडिोके ट या उसके प्रयिस्थावपिी की ककसी उपके ्षा
के ललए बलु ाया जािा है, स्थगन करिा है जब कभी भी धयायािय द्वारा आदेश ककया जाय तब यह वही एिवोके ् होगा
न्जसको वह प्राप्त करेगा और स्वयं के लिए प्रनतिाररत करेगा।
और मंै / हम न्जसने नीर्े हस्ताक्षर ककया / ककये एतद्वारा करार करता हूाँ / करते हैं कक असदं ाय ककये गये शषे रहने
वािे एिवोके ् को संदाय ककया जाने के लिए मेरे / हमारे द्वारा करार पायी गयी संपणू च फीस या आंलशक फीस की दशा मंे भी वह
उसका संदाय कर ददया जाने तक कथथत मामिे को अलभयोजन से वापस होने का हकदार होगा यदद ककधहीं िागतों को एक स्थगन
के लिए अनुज्ञात कर ददया जाता है तो एिवोके ् उसके लिए हकदार होगा। तय की गयी फीस मात्र ऊपर मामिे तथा धयायािय
के लिए होती है। म/ैं हम एतद्वारा करता हूँा/करते हंै कक जब एक बार फीस का संदाय कर ददया जाता है तब मंै / हम इस प्रकार र्ाहे
जो कु छ भी हो, ककसी भी मामिे में उसके प्रनतदाय के लिए नहीं हकदार होगा।
न्जसके साक्ष्य में मंै /हम इस वविेि पर यहााँ अपना हस्ताक्षर करता हूाँ/करते हंै न्जसकी अधतवसच ्तुएं तारीि
.................. को मेरे/हमारे द्वारा समझी जा र्कु ी है।
फीस के ननबधिनों के अध्यिीन रहते हुए स्वीकृ त ककया गया।
अथिवक्ता मुवन्क्कि मुवन्क्कि
24. िजु स्ट्िि विधि-पत्नी को दान
इस विलेख द्िारा सब लोगों को ज्ञाि हो कक मैं ... ................. ................पुत्र ................. ................. यनिासी
................. रुपये पर ििमय ान समय पर मल्याकीं न की हुई इसकी अनसु ची में और अचधक सकीं्षक्षति िौर पर िप्जिय
सम्पवत्त का सह अशंी धारी एिम ् सहस्िामी हीं। यिः मनंै े ................. मरे ी पत्नी के पक्ष में एक बबल का पहले से ही
यनष्पािन ककया है लके कन मरे ी मतृ ्यु के पश्चाि ्ककसी भी वििाि को टालने के ललए मंै इस शिय के ककसी प्रकार अध्यधीन
रहिे हुए ................ ................. मरे ी पत्नी का इसकी अनसु ची मंे िखणिय सम्पवत्त में मरे ा दहस्सा एिम ्स्िालमत्ि िान
के इस विलेख द्िारा एिद्िारा सौंप िेिा हूँ कक िह उसकी बािि बन्धक, विक्रय या िान के सदृश्य ककसी अन्य सकंी ्रामण
का कोई प्रकार उसकी बबल पर प्रस्ििु करने की शप्ति सदहि भेंट या िान की गयी सम्पवत्त के आधे पर कब्जा रखगे ा
और शरे ् के ललए, िह उसी पर कब्जा रखगे ा जसै े जीिन स्िामी उसका अन्य सकीं ्रामण ककसी शप्ति के बबना रखे। मेरी
पत्नी की मतृ ्यु के पश्चाि ् यह आधा दहस्सा समान दहस्सा सदहि मरे े िाररसों को प्रत्याियििय हो जायगे ा और िे सभी
िाररसान ्शये रों के अनन्य स्िामी होंग।े मनैं े मरे ी पत्नी को िान की हुई सम्पवत्त के कब्जे का पररिान ककया है और आज
से, मंै िान की हुई सम्पवत्त पर कोई अचधकार रखना या िािा करना बन्ि कर दिया है।
जिसके साक्ष्य िंे दाता तारीख ............... पर साक्षियों की अनपु जस्ट्थतत िंे अपना िस्ट्तािर करता िै पररदान
करता िै।
साक्षीगण िािा
1. ................. ................. िानिहीिा
2. ................. .................
रजिस्ट्रीकृ त देय अलभस्ट्िीकृ तत परक्राम्य लिखत अधितनयि, 1881 की िारा 138 के अिीन चकै के अनादर
के लिए नोटटस
अबक
श्रीमान जी
मरे े मिु प्तकल ............... यनिासी .............. के अनिु ेशों के अधीन एिम ् उसकी ओर से मंै उत्तरििी परै ा मंे यथा इस
नोदटस को आप पर िामील करिा हूँ :
1. यह कक आप ............... की ओर से मरे े मिु प्तकल को............रुपये के चकै सीं ............... दिनाीकं कि
............. को जारी ककया।
2. यह कक कचथि बकँू आपको बकै ारी पर उसके बकै कारी के जररये मेरे मिु प्तकल द्िारा प्रस्ििु ककया गया
लेककन उसको भी "अपयातय ि यनचध" दटतपणी के साथ आपके बकै कारी द्िारा िापस कर दिया गया था।
3. यह कक मेरे मिु प्तकल आपके बकै कारी द्िारा चेक की िापसी शीघ्रिा से टेलीफोन पर के साथ-साथ
व्यप्तिगि रूप से आपसे सम्पकय ककया लेककन आपने बीमा पर पनु ः चैक को प्रस्ििु करने के ललए मरे े
मिु प्तकल को सलाह दिया कक उसका भी अनािर ककया जायेगा।
4. यह कक आपके आश्िासन पर मरे े मिु प्तकल ने उसके बकै कारी के माध्यम से आपके बकै कारी के चकैं पनु ः
प्रस्ििु ककया बप्ल्क "अपयायति विचध" दटतपणी के उसी के साथ आप बकै कारी द्िारा पनु ः िापस कर दिया
गया।
5. यह कक मेरे मिु प्तकल चके की िापसी पर, टेलीफोन पर आप से पनु ः सम्पकय ककया लेककन आपने पनु ः चैक
को प्रस्ििु करने के ललए मरे े मिु प्तकल को सलाह दिया ककसी प्रकार मेरे मिु प्तकल ने चकंै का भगु िान
करने के ललए आपसे अनरु ोध ककया लके कन आप िसै ा कर पाने में असफल हो गय।े
इस नोदटस के माध्यम से मंै इस नोदटस की प्राप्ति के पन्द्रह दिनों के अन्िर भगु िान होने चैक की िारीख से
............... मंे ब्याज के साथ चकै रकम को अभ्यािेिन करने िाले ...... रुपये के भगु िान करने की आपसे अपके ्षा करिा
हँू प्जसके असफल होने पर मरे ा मिप्तकल परक्राम्य ललखि अचधयनयम की धारा 138 िथा आपके जोखखमों एिम ्
लागिो पर मिु िे में अचधकाररिा रखने िाले विचध की एक न्यायालय में भारिीय िण्ड सदीं हिा की धारा 420 के अधीन
आपके विरुद्ध पररिाि को िाखखल कराने के ललए वििश ककया जायेगा।
मनै े भविष्यगामी यनिेश के ललए मरे े अलभलखे में इस नोदटस की एक प्रयिललवप रखी है।
...............
अधििक्ता
16. िकाितनािा
न्यायालय ......... ......... .........
लसविल आरप्म्भक/अपीलीय/पनु रीक्षण अचधकाररिा
िाि/अपील/पनु रीक्षण/प्रकीणय स.ीं ......... ......... ......... सन ......... ......... .........
आििे नपत्र/याचचका
के बीच
......... ......... ......... ......... ......... ......... ......... ......... ......... िािी/अपीलाथी/आििे क/याची
एिम ्
......... ......... ......... ......... ......... ......... ......... ......... ......... प्रयििािी/प्रत्यथी
िकालिनामा
म/ंै हम......... ......... ......... ......... ......... ......... ......... ......... ........ नाम (नामों)
यनिासी ......... ......... ......... ......... ......... ......... ......... ......... .........
......... ......... ......... ......... ......... ......... ......... ......... .........
ऊपर नालमि ककये गये िाि में िािी (गण) / प्रयििािी (गण) / अपीलाथी / (गण) / प्रत्यथी (गण) / याची (गण)
ऊपर नोट ककये गये िाि / अपील / पनु रीक्षण, आिेिनपत्र/प्रकीणय मामला/याचचका में मरे े/हमारे ललए िथा उन्हें ही,
उन सभी कायिय ादहयों को सचीं ाललि करने के ललए िथा उन्हींी को अलभयोप्जि करने के ललए उनकी प्रयिरक्षा करने के
ललए मेरे / हमारे विलभन्न श्री / श्रीमिी ......... ......... ......... ......... ......... ......... .......... अचधितिा (गण) को
एििद्िारा यनयतु ि करिा है/करिे हंै और प्रयिधाररि करिा हँू/करिे हंै प्जन्हें उन्हीीं से जडु ़े हुए ककसी आिेिनपत्र या
यनष्पािन / कराधान मंे कायिय ादहयों को सप्म्मललि कर उसमे पाररि की गयी ककसी र्डक्री या आिेश और िस्िािेजों
को िाखखल करने एिम ् वििरण प्राति करने के ललए आििे न पत्र की बाबि और कचथि िाि / अपील / पनु रीक्षण /
प्रकीणय आिेिन पत्र / याचचका मंे िथा पनु यनविलय ोकन के ललए आिेिन पत्र मंे मेरे / हमारी और धन को जमा करने
एिम प्राति करने के ललए िथा मेरा / हमारा प्रयियनचधत्ि करने के ललए िथा उपरोति मामले में मरे ी / हमारी ओर से
आिश्यक कायिय ाही करने के ललए की जा सकिी है।
म/ैं हम इस प्राचधकार के अनसु रण में उपयतुय ि अचधितिा द्िारा ककये गये सभी कायों का अनसु मथनय करने
का करार करिा हूँ/करिे ह।ंै
िारीख ......... ......... ......... ......... ......... ......... ......... ......... .........
िािी (गण)/अपीलाथी (गण)/आिेिक (गण)/याची
(गण)/प्रयििािी (गण)/प्रत्यथी (गण)
स्िीकृ ि ककया गया
अचधितिा (गण)
पिा ......... ......... ......... ......... ......... ......... ......... ......... .........
......... ......... ......... ......... ......... ......... ......... ......... .........
3. विक्रय करने का करार
विक्रय करने के करार का यनष्पािन श्री .................... .................... यनिासी .................... ....................
(इसमें इसके पश्चाि ् क्रे िा कहा गया) के पक्ष मंे "विक्रे िा” को ........................ .................... पतु ्र ....................
............ यनिासी (इसमें इस के पश्चाि ्विक्रे िा कहा गया) द्िारा िारीख .................. .................... को ललया गया।
1. विक्रे िा एिम ्क्रे िा पि उनके िाररसों, उत्तरियियय ों विचधक प्रयियनचधयों, प्रशासकों, यनष्पािकों नाम यनिेलशयियों
िथा समनिु ेलशयियों से अलभप्रेि होगा और िे उसके अन्िगिय आयगे ंे।
2. यिः विक्रे िा ........................ बीघे एिम ् ........................ विस्िा, खसरा स.ंी .................... प्स्थि
........................ में मापमान िाली कृ वर्क भलम का पणय स्िामी एिम ् कब्जाधारी है।
3. और यिः विक्रे िा विक्रय करने का करार ककया है और क्रे िा ...................... .................... रुपये की एक रकम
के ललए कचथि भलम का क्रय करने के ललए करार ककया है प्जसमें से अचिम धन एिम ् आलंी शक भगु िान के रूप
मंे ................. .................... रुपये (.................. .................... रुपये मात्र) क्रे िा से विक्रे िा द्िारा प्राति
की जा चकु ी है प्जसकी रसीि विक्रे िा एिद्िारा स्िीकृ ि एिम ्अलभस्िीकृ ि करिा है प्जसकी और ....................
......................... रुपये की बकाया रकम ( ......................... रुपये मात्र) विक्रय विलखे के रप्जस्रीकरण के
समय पर क्रे िा से विक्रे िा द्िारा प्राति की जायगे ी।
4. यह कक कचथि भलम का िास्िविक भौयिक ररति कब्जा विक्रय करने इस करार पर हस्िाक्षर करने के समय पर
स्थान पर क्रे िा को विक्रे िा द्िारा पररिान ककया जा चुका है।
5. यह कक विक्रे िा यनराक्षपे प्रमाणपत्र िथा आयकर समाशोधन प्रमाणपत्र प्राति करेगा।
6. यह कक कचथि अनजु ्ञा प्राति करने के पश्चाि ् विक्रे िा रप्जस्रीकृ ि डाक द्िारा क्रे िा को सचचि करेगा।
7. यह कक क्रे िा को कचथि सचना की प्राप्ति की िारीख से पन्द्रह दिनों के अन्िर विक्रे िा क्रे िा या उसके नाम
यनिेलशिी / नाम यनिेलशिीगण प्जसमंे असफल होने पर विक्रे िा की लागि एिम ् खचे पर सवंी ििा के वियनदियष्ट
अनपु ालन द्िारा विचध की न्यायालय के जररये विक्रय को रप्जस्रीकृ ि करिाने का हकिार होगा।
8. यह कक विक्रे िा क्रे िा को यह आश्िासन िेिा है कक कचथि भलम, विक्रय, िान, बन्धक, वििािों, मकु िमें, अजनय
ककसी न्यायालय की र्डक्री मंे कु की, धारणाचधकार : न्यायालय व्यािेश पट््े, करार इत्यादि ऐसे रूप मंे सभी
विल्लगमों से स्िितंी ्र है और यदि इसको सिेि अन्यथा साबबि कर दिया जाना है िो विक्रे िा क्रे िा द्िारा झले ी
गयी हायन को परा करने हेिु उत्तरिायी एिम ् िायी होगा।
9. यह कक मान ले भलम का अजनय विक्रय विलखे के रप्जस्रीकरण की िारीख के पिय सरकार द्िारा ककया जािा है
िो क्रे िा प्रयिकर प्राति करने का हकिार होगा।
10. वविय ववििे के समस्त िर्च उदाहरणाथच स््ापं शलु ्क, रन्जस्रीकरण प्रभार इत्यादद को िे ता द्वारा वहन एवम ्
सदं ाय ककया जायेगा।
11. न्जसके साक्ष्य में, पक्षकारों ने ननम्नलिखित साक्षक्षयों की उपन्स्थनत में ऊपर उन्ल्िखित प्रथम तारीि पर
....................... मंे वविय करने के इस करार पर हस्ताक्षर ककया है।
साक्षीगण
1. ....................
2. ....................
वविे ता
िे ता
11. वितनिय का वििेख
वियनमय का यह विलखे एक भाग का श्री ............... ................. पतु ्र ................. ................. यनिासी ........
................. िथा िसरे भाग का श्री. ..... ................. .................पुत्र ................. ................. यनिासी ..............
................. के बीच इस िारीख को ककया गया। पक्षकारों के नाम जब िक सिीं भय के असगीं ि या अन्यथा नहींी होि.े िब
िक इसके अन्िगिय उनके िाररसान, उत्तरििीगण, प्रशासकगण एिम ्समनिु ेशन किागय ण भी आिे हैं।
यिः .................. कथथत ................. ................. इसके साथ उपाबद्ध की गयी अनसु ची क मंे िखणिय
सम्पवत्त का स्िामी होने िाला िथा इसके साथ उपाबद्ध की गयी अनसु ची “ख” मंे िखणिय सम्पवत्त का स्िामी होने िाला
कचथि .................. ................. इस विलखे के भाग की विरचना करने िाली कचथि िोनों अनसु चचयों ने कचथि
पक्षकारो का वियनमय करने का करार ककया है। जब यह विलखे यनम्नललखखि रूप मंे साबबि करिा है।
(1) यह कक उपयतुय ि करार के अनसु रण मंे कचथि ................. ................. अनसु ची 'क' मंे िखणिय सम्पवत्त सभी
प्रभारों एिम ् विल्लगमों से स्िितीं ्र कचथि .................. ................. को एिद्द्िारा ही हस्िांिी ररि करिा है
और कचथि .................. ................. अनसु ची "ख" मंे िखणिय सम्पवत्त सभी प्रभारों एिम ्विलग्गमों से स्िितीं ्र
कचथि ............... ................. को ही हस्िांीिररि करिा है।
(2) यह कक यह करार ककया जािा है और घोर्णा की जािी है कक वियनमय के इस विलखे के प्रत्यके पक्षकार के पास
वियनमय के इस विलखे के माध्यम से कचथि सम्पवत्त को हस्िािंी ररि करने का सभी अचधकार, हक दहि एिम ्
कब्जा होिा है।
(3) यह कक अनरु ोध पर िथा िसरे के स्थान पर प्रत्येक पक्षकार सभी ऐसा कायय या बाि को यनष्पादिि करेगा जो
आिश्यक हो या उसको वियनमय के इस विलखे द्िारा एिद्द्िारा हस्िांिी ररि की गयी। सम्पवत्त िसरे को आगे
और अचधक सही िंीग से आश्वासन िेने के ललए िसरे द्िारा अपेक्षा की जाय।
प्जसके साक्ष्य मंे हम कचथि ................. ................ एिम ्................ ................ ने क्रमशः िारीख ............
................ को इस विलखे पर इसका हस्िाक्षर ककया है।
साक्षीगण हस्िाक्षर
1. ….....
2. ….........
सम्पवत्तयों की अनसु ची
6. विभािन वििेख
विभाजन विलखे िारीख को ककया गया।
के बीच
श्री ..................... ..................... पतु ्र ..................... ..................... यनिासी ..................... .....................
और श्री ..................... .....................पतु ्र ......... .................. ..................... यनिासी..................... .....................
(इसमें इसके पश्चाि ् प्रथम पक्षकार कहा गया) और श्री ...................... ..................... पतु ्र .....................
..................... यनिासी ...................... ..................... (इसमंे इसके पश्चाि ्द्वििीय पक्षकार कहा गया)।
यिः उपयतुय ि पक्षकारगण इसमंे इसके नीचे िखणिय एक अनसु ची मंे िखणिय पक्षकारों के एक समान दहस्सों मंे
सयीं तु ि स्िामी है।
और यिः ललखि के पक्षकारगण एक बराबर दहस्सों के हकिार है इसललए इसकी उपयतुय ि सम्पवत्त का
विभाजन समान भागों में ककया जा रहा है और क्रमशः प्रत्यके पक्षकार को आबदंी टि की जा रही है।
अतएि, अब यि विभािनिाद तनम्नलिखखत रूप िंे साक्ष्य प्रस्ट्ततु करता िै –
1. यह कक ललखि के पक्षकारगण एिद्द्िारा सहमि हो जािे हैं और घोर्णा करिे हंै –
(क) यह कक प्रथम पक्षकार इसकी प्रथम अनसु ची मंे यथा िखणिय ..................... .....................के
आत्ययीं िक स्िामी की हैलसयि से अनन्य रूप में कब्जा रखिा है और उसका उपभोग करिा है।
(ि) यह कक द्वििीय पक्षकार द्वििीय अनसु ची मंे यथािखणिय ..................... ..................... के
आत्ययीं िक स्िामी की हैलसयि से अनन्य रूप से कब्जा रखिा है उसका उपभोग करिा है।
2. यह कक इस ललखि के पक्षकारगण एिद्द्िारा यह प्रसवंी ििा करिे हैं कक प्रत्येक पक्षकार को एिद्द्िारा
आिदंी टि की गयी सम्पवत्त उनके या उनमंे से ककसी के भी ललए न्यास के अधीन या उसके जररये िािा करने
िाले िसरे या ककसी एक द्िारा ककसी मध्यक्षपे या ककसी भी प्रकार के हस्िक्षेप द्िारा पथृ क िौर पर एक
ित्काल धयृ ि पर प्रविष्ट करायेगा।
3. यह कक इस ललखि के पक्षकारों मंे से प्रत्येक को आिदीं टि की गयी सम्पवत्तयों का स्ित्ि विलेख क्रमशः
पक्षकारों द्िारा सम्यक रूप से प्राति ककया गया है और प्रत्यके पक्षकार दसु रे पक्षकार के अपिजनय द्िारा
सम्पवत्त का आत्ययंी िक स्िामी हो गया है।
4. यह कक इस ललखि के पक्षकारगण जब कभी सिीं भय िसै ी स्िीकृ यि प्रिान करे, उनके क्रमशः िाररसानों,
उत्तरियियय ों, यनष्पािकों प्रशासकों एिम ् समनिु ेलशयियों सप्म्मललि होंगे।
5. यह कक पक्षकारगण पारस्पररक िौर पर प्रत्येक िसरे को यनमोचचि कर िेिे हैं और प्रत्यके िसु रे को रखने
के ललए उपयतुय ि सम्पवत्त की बाबि सभी कायिय ादहयों, िािों एिम ् माँगू ों से क्षयिपयिय ककया।
न्जसके साक्ष्य मंे पक्षकारों ने साक्षक्षयों की उपन्स्थनत में ववभाजन के इस वविेि पर अपना हस्ताक्षर ककया है।
साक्षीगण
1. .....................
2. .....................
प्रथम पक्षकार प्रथम अनसु रू ्ी
द्ववतीय पक्षकार a)
b)
c)
द्ववतीय अनसु रू ्ी
a)
b)
c)
विि से सम्बधं धत साक्षी द्दिारा प्रमाणपत्र
में ............................................................... पुत्र श्री .................................................. ननवासी
......................................... सत्यननष्ठ से प्रमाखणत करता हु की ............................................. वविवा श्री
.............................................................. ने उसकी अंनतम ववि पर एक ववि ददनांककत
............................................. ननष्पाददत ककया था और न्जसने मेरी उपन्स्थनत में और श्री ...................................
साक्षी को अनुप्रमाखणत करने वािे स्वामी की उपन्स्थनत मंे उसी पर हस्ताक्षर ककया था और में तथा श्री
..................................................... ने भी ननष्पाददती की उपन्स्थनत मंे तथा प्रत्येक दसु रे की उपन्स्थनत मंे उसके
साक्षक्षयों को अनपु ्रमाखणत की उपन्स्थनत मंे उसके साक्षक्षयों को अनुप्रमाखणत करने वािे के रूप मंे भी हस्ताक्षर ककया
था |
साक्षी
विि
इस विलखे द्िारा सभी लोगों को ज्ञाि हो; यह विलखे श्री ................... यनिासी ............... (इसमंे इसके
पश्चाि ्िसीयिकिाय कहा गया) द्िारा िारीख .................... को ................... मंे प्रस्ििु ककया गया।
1. मंै इस बबल मंे यथा उप्ल्लखखि मेरी स्थािर एिम ् जगंी म सम्पवत्तयों की बाबि अपनी स्ियंी की स्ििन्त्र
इच्छा से और ककसी भी पक्ष की ओर से ककसी प्रपीड़न के बबना पणय मेरी चिे ना एिम ् व्ययन करने िाली
सझ-बझ के बबना इस प्रथम एिम ् अयंी िम बबल को प्रस्ििु कर रहा हँू।
2. मैं ................. का स्िामी हूँ। मैं कचथि ........ का पट्टा अचधकार धारण करिा हँू िेखे, ................ द्िारा
मेरे पक्ष मंे यनष्पादिि ककया गया पट्टा। मैं अपनी स्ियीं की बचिो एिम ् साधनों में से इस ................ का
पट्टाधयृ ि अचधकार का अजनय कर चुका हूँ और उसका व्ययन करने का परा अचधकार रखिा हूँ।
3. मनंै े अपने स्ियंी की बचिो एिम ् साधनों में इसमंे इसके पश्चाि ् िखणिय विलशप्ष्टयों के अनसु ार वियनधान
ककया है और मरे े पास उसी का व्ययन करने का भी पणय अचधकार है।
(1) ओकारा वियनधान प्रमाणपत्र .................... रुपये
(2) ययनट रस्ट आफ इप्ण्डया प्रमाणपत्र स0ंी ................ ययनट की सीं ...
(3)मंै प्रयिमाह पंेशन के रूप में ................. रुपये की रसीि मंे भी हँू।
4. मैं मेरी पत्नी .............. की उपयतुय ि स्थािर सम्पवत्त एिम ् जगीं म सम्पवत्त का एिद्िारा िसीयि करिा हूँ।
िथा पट्टान्िरण करिा हँू जो उसी का व्ययन करने या इसका विक्रय करने के ललए सम्पणय अचधकारों के
साथ पणय रूप से उन्हंे उत्तराचधकार में प्राति करेगी यदि िह िसै ा पसिीं करिी है।
5. मंै मरे ी पत्नी .................. को मालसक िौर पर पेंशन का िसीयि एिम ् पट्टान्िरण करिा हँू और िह
कु टु म्ब पेंशन को प्राति करने का हकिाररणी होगी।
6. यह बबल अप्रयिसहंी रणीय होगी और मंै एिद्द्िारा ककसी अन्य व्यप्ति के पक्ष में उपयतुय ि स्थािर एिम ्
जगंी म सम्पवत्तयों की बाबि कोई भी अन्य बबल न करने की घोर्णा करिा हूँ।
7. जैसे ऊपर कहा गया मंै ककसी भी तिाटयर इस प्रकार चाहे जो कु छ भी हो, से मरे े ऊपर सवंी ्यिहृि ककये गये
ककसी प्रपीड़न, कपट का िवु ्ययय पशे न के बबना मरे ी स्ििन्त्र बबल का यह बबल कर रहा हँू।
8. यह कक मैं पणिय या, स्िस्थ्य एिम ् व्ययन करने िाली सझ बझ का हूँ। और मैं बबल के एकमात्र अलभयोतत्री
एिद्द्िारा उसको यनयतु ि करिा हँू।
प्जसके साक्ष्य मंे िसीयिकिाय साक्षक्षयों की उपप्स्थयि मंे ऊपर-ललखखि िारीख। महीना िथा िर्य को इस बबल
पर हस्िाक्षर ककया है प्जन्होंने उसकी इस अयंी िम बबल पर अपना यनशान एिम हस्िाक्षर करिे हुए
िसीयिकिाय को िेखा है और प्रत्यके िसरे की उपप्स्थयि में िथा साक्षक्षयों के रूप मंे िसीयिकिाय की उपप्स्थयि
में भी हस्िाक्षर ककया है।
साक्षक्षयों की उपन्स्थनत में वसीयतकताच .....पुत्र................ ननवासी..................द्वारा हस्ताक्षर ककया गया।
िसीयतकताष
साक्षीगण :
हम ननम्नलिखित साक्षीगण इस उसकी अनं तम बबि श्री................ को अपना हस्ताक्षर करते हुए देिा है जो उसी समय पर
उपन्स्थत है और साक्षक्षयों की हैलसयत से वसीयतकताच की उपन्स्थनत में उसी पर हस्ताक्षर ककया है।
1. ............
2...............
..
18. विशषे िखु ्तारनािा
इस विलखे से समस्ि लोगों को ज्ञाि हो कक मैं ............ ............ ............ पतु ्र ............. ............ यनिासी
........................ सभी कायों, विलखे ों या बािों या उनमें से ककसी को करने एिम ्सवंी ्यिहृि करने के ललए मरे े नाम से
एिम ् मरे ी और मेरा सत्य एिम ् विचधपणय एटनी श्री ............ ............ ............ को नाम यनिेलशि करिा हँू स्थावपि
करिा हँू, एिम ्यनयतु ि करिा हूँ अथायि ्यनम्नललखखि को –
उन सभी आिेिन पत्रों, िस्िािजे ों, वििररखणयों, आक्षेपों एिम ् अन्य कागजािों को हस्िाक्षररि करने
यनष्पादिि करने िथा िाखखल करने के ललए प्जनकी िकु ान एिम स्थापन अचधयनयम, सीमा शलु ्क और के न्द्रीय उत्पाि
एिम नगरपाललका प्राचधकाररयों, स्थानीय स्िरोजगार यनकायो, यनगमों के अधीन के न्द्रीय सरकार, राज्य सरकार,
के न्द्रीय एिम ्राज्य विक्रय कर प्राचधकाररयों के समक्ष ककसी भी मामले के सम्बन्ध मंे उनसे या मरे ी ओर से अपके ्षा की
जाय और हाप्जर होने के ललए और ............. ............ ............ के राज्य मंे सम्बप्न्धि प्राचधकाररयों के समक्ष या िो िह
स्ियमेि या अचधितिा (गण) के जररये मेरी ओर से िाखखल िथा सभी कायों एिम ्बािों को करने के ललए।
और मंै घोर्णा करिा हूँ कक मेरी कचथि एटनी इन सभी विलेखों के अधीन या उनके आधार पर ककये गय,े
यनष्पादिि ककये गय,े अनपु ाललि ककये गये सभी काय,य विलखे एिम ्बािंे मरे े पर आबद्धकारी होगी।
प्जसके साक्ष्य मंे मैं कचथि ............ ............ िारीख ............ ............ को अपना हस्िाक्षर ककया है।
िस्ट्तािर
12. सिनुदेशन का वििेख
िारीख .................... को .................... मंे ककया गया समनिु ेशन का यह विलखे :
के बीच
श्री ..................... .................... पतु ्र .................... .................... उम्र .................... यनिासी ....................
....................िथा श्री ..................... ....................पतु ्र ................. ....................उम्र ................ यनिासी .................
....................यिः समनिु ेशनकिाय ने ................ ....................के विरुद्ध िारीख ................. को ................ की
न्यायालय मंे िाि स.ीं .................. मंे एक र्डक्री प्राति ककया।
और यिः यनणीि ऋणी ने कचथि र्डक्री के विरुद्ध एक अपील नहींी िायर ककया और र्डक्री इस प्रकार अयीं िम
हो गयी।
और यिः कचथि समनिु ेशनकिाय य. एस. ए. को िर चला जाने के कारण र्डक्री का यनष्पािन करने मंे असमथय
है। और यिः कचथि र्डक्री का यदि िारीख .................. के पिय यनष्पािन नहींी ककया जािा है िो यह कालिप्जिय होगा।
समनिु ेशनकिाय ब्याज इत्यादि के साथ में र्डक्रीि रकम होने वािा ....................रुपये (......... रुपये मात्र) के
एक प्रयिफल पर समनिु ेलशिी के पक्ष में कचथि र्डक्री को समनिु ेलशि करने का करार ककया है।
अब इनर्डबेन्चर यनम्नललखखि रूप में साक्षक्षि करिा है—यह कक कचथि करार के अनसु रण मे और उस सपीं णय
का समनिु ेलशिी द्िारा सिंी ाय की गयी .................. रुपये की धनरालश के प्रयिफल मंे जो कचथि र्डक्री के अधीन िेय
एिम ्सिीं ेय है, समनिु ेशनकिाय समनिु ेलशिी के साथ एिद्द्िारा यह प्रसवीं ििा करिा है कक उसने यनणीि ऋणी के साथ
कोई समझौिा या करार नहीीं ककया है या कचथि ऋण को ऐसे बट्टे खािे मंे नहींी डाला है कक कचथि र्डक्री के िाययत्ि से
यनणीि ऋणी को िोर्मतु ि कर सके । र्डक्री पणिय ः प्रििनय ीय है। यह यनष्पािन करने योग्य है और उसके विरुद्ध कोई
र्डक्री अप्स्ित्ि नहीीं रखिी है।
प्जसके साक्ष्य मंे पक्षकारों ने इसमंे इसके पिय ललखखि दिन, माह और िर्य पर हस्िाक्षर ककया है।
साक्षीगण समनिु ेशनकिाय का हस्िाक्षर
1. .................. .................. समनिु ेलशिी के हस्िाक्षर
2 .................. ..................
सम्पवत्त अतं रण अधितनयि, 1882 की िारा 106 के अिीन नोटटस
रजिस्ट्रीकृ त देय अलभस्ट्िीकृ तत
दिनांकी कि................
सिे ा में
अबक
श्रीमान जी
श्री ............. मेरे मिु प्तकल के अनिु ेशों के अधीन और उसकी ओर से मैं एिद्द्िारा क्रमििो परै ा मंे जसै े इस
नोदटस को आप िामील करिा हँू।
1. यह कक आप .............. रुपये की एक मालसक ककराये पर .............. में प्स्थि पररसर में मरे े मिु प्तकल के
ककरायिे ार है।
2. यह कक आपकी ककरायेिारी प्रत्येक अिेजी कलणे ्डर महीने के साििे दिन से प्रारम्भ होिी है।
3. यह कक इस नोदटस द्िारा आपकी ककरायिे ारी िारीख .............. से प्रभािकारी िींग से समाति कर िी जािी
है।
आपसे ............... को या उसके पिय उपयतुय ि पररसरो का शाप्न्िपणय ररति कब्जा को सौपने के ललए एिद्द्िारा
सलाह िी जािी है। मान ले, आप शाप्न्िपणय ररति कब्जा सौपने मंे असफल हो जाय िो मनैं े आपको जोखखमों एिम ्
लागिों पर मदु ्िे में अचधकाररिा रखने िाले एक न्यायालय मंे आपकी बेिखली के ललए आिश्यक विचधक कायिय ादहयाँू
प्रारम्भ करने के ललए मेरे मिु प्तकल से अनिु ेश रखिा हूँ। मैं भविष्यगामी आिश्यक कायिय ाही के ललए मरे े अलभलखे मंे
इस नोदटस की एक प्रयिललवप रखिा हूँ।
आपका विश्िसनीय
३क सम्पवत्त का विक्रय करने का करार
विक्रय करने के करार के एक भाग का श्री .................... .................... उम्र लगभग ....................
.................... िर्य पतु ्र ...................... .................... यनिासी .................... .................... (इसमंे इसके पश्चाि
विक्रे िा कहा गया) िथा िसरे भाग का श्री ......................... .................... उम्र लगभग .................... ............ िर्य
पतु ्र ...... .................... यनिासी ....................... .................... (इसमंे इसके पश्चाि ्'क्रे िा' कहा गया) के बीच िारीख
.................. .................... को ककया गया।
यिः विक्रे िा विक्रय करने का इच्छु क है और क्रे िा सभी विल्लगमों, प्रभारों एिम धारणाचधकारो से स्िितीं ्र ....
.................... (......... रुपये मात्र) की एक रकम के ललए विक्रे िा की होने िाली ................... .................... (इसकी
अनसु ची में और वियनदियष्ट िौर पर िखणिय ) के नगर मंे मोहल्ला ..................... में प्स्थि स्थल एिम ्भलम के साथ एक
भिन का क्रय करने के ललए करार करने योग्य है।
जो कु छ भी;
अब यि करार तनम्नलिखखत रूप िें करार का साक्ष्य प्रस्ट्ततु करता िै -
1. यह कक विक्रे िा सभी विल्लगमों, प्रभारों एिम ्धारणाचधकारों से स्िितंी ्र विक्रय करेगा चाहे जो कु छ भी यथा नीचे
आबद्ध ककये गये ......................... के नगर मंे मोहल्ला में प्स्थि भलम एिम ् स्थल के साथ उसका रहायसी
भिन हो और क्रे िा कचथि मल्य एिम ् शिय पर उसी का क्रय करेगा।
2. यह कक यह करार विक्रे िा अलभधयृ ि पर क्रे िा द्िारा ककया गया है उसमंे से िह कचथि भिन, तथा एििद्िारा
अनधु ्याि की गयी रीयि से अिीं रण करने के एक अप्स्ित्िशील अचधकार के साथ स्थल एिम ् भलम का पणय
स्िामी है और यह कक कचथि सम्पवत्त ककसी भी धन के सिीं ाय के साथ ककसी भी रीयि से विल्लगम बनायी या
प्रभाररि नहींी है। ।
3. यह कक क्रे िा ...................... रुपये (........................ रुपये मात्र) की एक रकम विक्रे िा को इस करार के
यनष्पािन पर इस दिन सिीं ाय ककया है जो इस करार के प्रयिफल का गठन करिा है और बकाये क्रय मल्य का
सिंी ाय उसकी िारीख से एक-एक महीने की समाप्ति पर या उसके पहले लेककन इसमंे इसके पश्चाि विद्यमान
रहने िाली शिों के अध्यधीन रहिे हुए ककया जायगे ा।
4. यह कक विक्रे िा क्रे िा के विचधक सलाह श्री ....................... .................... द्िारा सिीं ीक्षा के विक्रय ककया
जाने के ललए आशययि सम्पवत्त का होने िाले सभी हक विलेखों को आज से एक सतिाह के अन्िर पेश करूंी गा
और यदि कचथि विचधक सलाहकार स्पष्ट हक नहीीं प्राति करिा है और अप्स्ित्िशील यह करार बके ार या
यनरथकय होगा और आज क्रे िा से विक्रे िा द्िारा प्राति ककये गये ......................... रुपये (.................... रुपये
मात्र) के बराबर होने िाले इस करार का प्रयिफल चाहे जो कु छ हो और ककसी विलम्ब के बबना, ककन्हीीं कटौयियों
के बबना िे ता को प्रनतदाय कर ददया जायेगा।
5. यह कक िे ता के कथथत ववथिक सिाहकार द्वारा तैयार ककये गये एक वविय वविेि अनुबन्धित कािावथि को या उसके
पवू च बकाया िय मूल्य को उपिब्ि कराने वािे िे ता पर िे ता की िागत पर वविे ता द्वारा ननष्पाददत तथा रन्जस्रीकृ त
ककया जायेगा। वविय वविेि माि एवम ् ववद्यमान हक तथा ववल्िगमों इत्यादद से स्वततं ्रता के व्यावहाररक क्षनतपनू तच
िडिों को अधतववषच ्् करेगा।
6. यह कक वविे ता वविय वविेि के रन्जस्रीकरण के समय पर या उसके पवू च ननक्तम पणू च हुए वविीय वषच तक सपं णू च
संदाय को प्रदलशतच करने वािी सम्पवि की बाबत कर सदं ाय की नवीनतम रसीदों के साथ मंे सभी हक वविेिों को सौंपेगा।
न्जसके साक्ष्य मंे कथथत ...................... .................... वविे ता एवम ्कथथत ...................... .................... िे ता
ने प्रथम ऊपर लिखित ददन एवम ् वषच को इस करार पर हस्ताक्षर ककया और इसका ननष्पादन ककया।
साक्षीगण
1. .................... वविे ता
2. .................... िे ता
विक्रय की िाने िािी आिनयत सम्पवि का िणनष
.................... .................... नगर...... .................... मोहल्िा मंे न्स्थत एवम ्यथा नीर्े आबद्ि ककये गये स्थान एवम ्भलू म
तथा सीमा दीवार साथ में पूणच स्वालमत्व भूलम पर ननलमतच एक दोहरी मंन्जिा भवन -
पूरब : ....................
पन्श्र्म : ....................
उिर : ....................
दक्षक्षण : ....................
िे ता वविे ता
15-क. सािारण िुख्तारनािा
यह उन सभी को ज्ञाि हो कक यह इस बाि से सरोकार रख सके गा कक म/ंै हम मेरे/हमारे विचधपणय विचधक साधारण
एटनी के रूप में को एििद्िारा नाम यनिेलशि करिा हूँ/करिे ह,ंै यनयतु ि करिा हँू/ करिे है एिम ्स्थावपि करिा हँू/करिे
हंै और यनम्नललखखि कायों, विलेखों और बािों को करने के ललए सम्बप्न्धि सम्पवत्त स.ंी की बाबि मरे े /हमारी ओर से
और मरे े/हमारे स्थान पर िथा मरे े / हमारे नाम से यनयतु ि करने के ललए उसको प्राचधकृ ि करिा हूँ /करिे हैं और म/ैं हम
मात्र कचथि सम्पवत्त की बाबि मेरे / हमारे नाम से िथा मरे े / हमारे यनलमत्त यनम्नललखखि कायों, विलखे ों एिम ्बािों
को करने के ललए मेरी/हमारी कचथि सम्पवत्त को एिद्िारा सशति करिा हँू/करिे हैं।
1. कचथि सम्पवत्त के मामलों का व्यिस्थापन करने के ललए उसको यनयप्न्त्रि करने के ललए िथा उसका पयिय के ्षण
करने के ललए िथा प्रयोजनाथय उसका भौयिक कब्जा रखने के ललए, ककसी राज्य /के न्द्रीय सरकार या स्थानीय
यनकाय के ककसी कायायलय / प्राचधकारी के समक्ष मझु े / हमंे व्यपदिष्ट करने के ललए अथायि ् एम. सी. डी. / एल.
एण्ड डी.ओ. / सक्षम प्राचधकारी प्जसको इस प्रकार चाहे जो कु छ भी हो, ककसी भी रीयि से कचथि सम्पवत्त से जो
जोड़ा जा सके गा और / या उससे सम्बप्न्धि बनाया जा सके गा और कचथि सम्पवत्त या उसके ककसी अनरु ्चंी गक
मिु िे की बाबि मरे े/ हमारे यनलमत्त और मेरे / हमारे नाम से िथा मरे े / हमारे के स्थान पर कोई कथन, आििे नपत्र,
शपथपत्र, िचनबन्ध इत्यादि को प्रस्ििु करने के ललए।
2. ऐसे यनबन्धनों पर सपंी णय भखण्ड या उसके आलंी शक भाग पर बािचीि करने के ललए, उसका विक्रय करने के
करार मंे भाग लने े के ललए, सहयोग करने के ललए या उसका व्ययन करने के ललए या वियनयमन, बन्धक, पट्टा,
विक्रय के रूप मंे अिीं ररि करने के ललए (चाहे स्थायी रूप से हो या बड़ी या सकीं्षक्षति कालािचध के ललए) प्जसको
मरे ा / हमारे एटनी उसकी / उसका एकमात्र स्िवििके ाचधकार भी हो, ककसी व्यप्ति के साथ उपयतु ि एिम ् ठीक
समझे, और आशय रखने िाले क्रे िा के साथ ककसी करार में भाग लेने के ललए, उसके स्ियम ्के नाम से या उसके
नाम यनिेलशिी (गण) के नाम से अचिम धन / पणय / एिम ् अयंी िम भगु िान प्राति करने के ललए िथा उसकी
रसीिे िेने के ललए।
3. आयकर अनापवत्त प्रमाणपत्र के आििे न करने के ललए, यदि िसै ा अपके्षक्षि हो िो आयकर अचधयनयम, 1961 की
धारा 230- क (i) के उपबधंी ों के अधीन, प्ररूप 34-क मंे सम्बप्न्धि आयकर अचधकारी के कायायलय स,े कचथि
सम्पवत्त या उसके ककसी भाग मंे मरे े/हमारे अचधकारों दहिों. मागों एिम हकों के विक्रय / अिंी रण के ललए िथा
उन सभी कायों, विलखे ों एिम ् बािों को करने के प्रयोजनाथय जो प्रयोजनाथय आिश्यक है/है।
4. आशय रखने िाले क्रे िा (गण) के पक्ष में कचथि सम्पवत्त या उसके ककसी भाग मंे मेरे / हमारे अचधकारों. दहिों,
मागों िथा हकों को हस्िांीिररि करने के ललए उचचि रप्जस्टर करने िाले प्राचधकारी के समक्ष, उचचि विक्रय /
हस्िािंी रण विलखे के रप्जस्रीकरण के ललए यनष्पादिि करने के ललए, हस्िाक्षररि करने के ललए िथा प्रस्ििु
करने के ललए िथा उसको हो पणय रुपणे हस्िांीिररि करने के प्रयोजनाथय िथा आशय रखने िाले क्रे िा या उसके
नाम यनिेलशिी (गण) के पक्ष में, उन सभी कायों, विलखे ों एिम ् बािों को करने के ललए जो प्रयोजनाथय आिश्यक
है/हैं यह कक, उसके प्रयिफल को प्राति करने के ललए िथा उसकी रसीि स्िीकृ ि करने के ललए िथा या िो भौयिक
या आन्िययक उसके नाम यनिेलशिी (गण) को कचथि क्रे िा को उसका कब्जा पररिान करने के ललए जो साथ हो।
5. एि. एडि िी. ओ./या ककसी सम्बन्धित प्राथिकारी से कथथत सम्पवि के पणू सच ्वालमत्व में सपं ररवतनच के लिए
तथा सक्षम प्राथिकारी के समक्ष ककसी आवेदनपत्र, शपथपत्र, क्षनत पनू तबच धिपत्र, घोषणा इत्यादद को प्रस्ततु
करने और अपके ्षक्षत फीस / प्रभार / शलु ्क का सदं ाय करने के लिए यदद कोई हो तो आशय करने वािे िे ता (गण)
या उसके नाम ननदेलशती (गण) के पक्ष में पणू च स्वालमत्व में पट््ाितृ प्रणािी से सपं ररवतनच की माँाग करना।
6. सािारण तौर पर उन सभी कायों, ववििे ों एवम बातों को करना न्जसको मेरा/हमारा कथथत ए्नी कथथत सम्पवि
के प्रबधि ननयतं ्रण और पयवच के ्षण के लिए उथर्त एवम ् ठीक समझ,े यद्यवप उसका भी इस दस्तावेज में उल्िेि
नहीं ककया जाता है।
और मैं / हम, ननष्पाददती, एतद्द्वारा यह ववननददचष्् तौर पर उल्िेि करते हंै कक कथथत सम्पवि की बाबत ए्नी की इस
शन्क्त के आिार पर मेरे / हमारे ए्नी द्वारा ककये गये करवाये गये कायों, वविेिों एवम बातों का अथाचधवयन मेरे / हमारे द्वारा
व्यन्क्तगत तौर पर ककये गये कायों, वविेिों एवम ् बातों के रूप में ककया जाना र्ादहए मानों मंै / हम हान्जर है / हंै, न्जसके साक्ष्य
में म/ंै हम इस सािारण मखु ्तारनामा का ननष्पादन करता हूँा / करते हंै जो ननम्नलिखित साक्षक्षयों की हान्जरी मंे तारीि ..............
.............. को .............. .............. मंे वविडिनीय होगा।
साक्षीगण ननटपािक
1. ......... ........
2. ........ ........
14. सािारण िुख्तारनािा
इस विलखे द्िारा यह सिवय िदिि हो कक मैं .................... .................... पतु ्र .................... ....................
यनिासी ..................... एिद्द्िारा इस साधारण मखु ्िारनामे का यनष्पािन करिा हँू, मेरे सत्य और विचधपणय साधारण
ए्ानी के रूप मंे श्री .................... .................... पतु ्र ..................... .................... यनिासी .................... को बनािा
हँू, यनयतु ि करिा हूँ िथा नाम यनिेलशि करिा हँू, .................... में खसरा स.ंी .................... के भाग के लगभग
.................... िगय गज का क्षेत्रफल रखने िाली मेरी सम्पवत्त के बारे मंे मरे े नाम से या मरे े यनलमत्त मेरे ललए विचधपणय
कायों, विलखे ों एिम ्बािों मंे कु छ भी करने के ललए उसको प्राचधकृ ि कर िेिा है।
यिः विलभन्न प्राचधकरणों /प्राचधकाररयों या ककसी भी अन्य सम्बप्न्धि अचधकारी/अचधकाररयों के समक्ष
व्यप्तिगि रूप से हाप्जर होने में असमथय होने के कारण िथा उपयतुय ि सम्पवत्त के विक्रय का सकु र बनाने के ललए िथा
कयिपय बािों को करने के ललए मंै मरे ी ओर से एिम ् मरे े नाम से यनम्नललखखि सभी विचधपणय कायों, विलखे ों एिम ्
बािों को या उनमंे से ककसी को करने के ललए श्री ..................... .................... को प्राचधकृ ि करिा हूँ, अथािय ् -
1. ककसी भी न्यायालय में ककसी भी विभाग मंे उपयतुय ि सम्पवत्त की बाबि कोई प्रसवु िधा प्राति करने के ललए ककसी
भी शपथपत्र, क्षयिपयिय बन्ध पत्र घोर्णा िाखखल करने के ललए या ककसी कोई भी कथन करने के ललए।
2. कचथि सम्पवत्त से सम्बप्न्धि सभी मामलों का प्रबन्ध करना, उसको यनयप्न्त्रि करना, पयिय ेक्षण करना िथा
सचंी ाललि करने के ललए।
3. कचथि सम्पवत्त के सगंी ि रप्जस्रीकरण कायायलय िथा अन्य सम्बप्न्धि विभागों के ..................... के कायायलय
मंे हाप्जर होना, सभी कागजािों पर हस्िाक्षर करना िथा इस सिीं भय में सभी मदु ्िों का अनसु रण करना।
4. कचथि सम्पवत्त के एन. ओ. सी. के ललए आििे न करना कागजािों पर हस्िाक्षर करना िथा मेरी ओर से अनजु ्ञा
प्राति करना।
5. कचथि सम्पवत्त के विक्रय के ललए एक करार मंे भाग लने ा, विक्रय प्रयिफल प्राति करना िथा उसकी उचचि
रसीि प्राति करना।
6. क्रे िा के पक्ष में एक उचचि एिम ् यनयलमि विक्रय विलखे का यनष्पािन करना। विक्रय प्रयिफल को स्िीकृ ि
करना िथा मरे ी ओर से उप-रप्जस्रार के समक्ष रप्जस्रीकरण के ललए कागजािों को प्रस्ििु करना।
7. अन्य सभी बािों, उन विलखे ों को भी करना िथा यनष्पादिि करना प्जन्हें उन खण्डों द्िारा नहीीं आच्छादिि
ककया जािा है प्जन्हें कचथि प्राचधकारी उपयतुय ि सम्पवत्त की बाबि उचचि िथा समीचीन सोचिा है।
8. अचिम एटनी को यनयतु ि करना और कचथि सम्पवत्त के सगंी ि कयिपय अचधयनयमों के अनपु ालन के ललए
तलीडर अचधितिा को यनयोप्जि करना।
9. एटनी की यह शप्ति अविखण्डनीय है।
10. जल एिम विद्यिु कनेतशन के ललए आिेिन करना, ससु गंी ि कागजािों पर हस्िाक्षर करना िथा मेरी ओर से
इस बाबि सभी किवय ्यों का अनपु ालन करना।
11. कचथि सम्पवत्त की का यनमाणय करने या पनु ः यनमायण करने के ललए, भिन योजना पर हस्िाक्षर करना; योजना
को मजंी र करिाना िथा कचथि सम्पवत्त के यनमाणय की बाबि मरे ी ओर से सभी किवय ्यों का अनपु ालन करना।
12. साधारणिौर, एटनी द्िारा काररि ककये गये कायय मरे े द्िारा प्रमाखणक िौर पर ककया हुआ समझा जायगे ा।
मंै कचथि सम्पवत्त के बारे में मेरे कचथि एटनी द्िारा विचधपणय िरीके से ककये गये या करिाये गये सभी कायों,
विलखे ों एिम ् बािों का अनसु मथनय करने एिम ् पपु ्ष्ट करने के ललए िचनबन्ध िेिा हूँ िो स्ियंी मेरे द्िारा ककये गये
कायों, विलखे ों एिम बािों के रूप में अथायन्ियन ककया जायगे ा मानों मंे व्यप्तिगि रूप से हाप्जर होिा और सभी
पररपेक्ष्यों मंे मझु पर आबद्धकारी होगा प्जसके साक्ष्य में, मनैं े यनम्नललखखि साक्षक्षयों की हाप्जरी में िारीख को इस
विलेख में यहाूँ पर हस्िाक्षर ककया है।
साक्षीगण यनष्पादििी
1....................
लसविि प्रकक्रया सटं िता की िारा 10 के अधीन आििे न पत्र
न्यायालय. ........
िाि नबंी र ....... सन ्....
अ०ब०स० .... .... बनाि िािी
स०ि०फ० ............. प्रयििािी
आवेदक ननम्नलिखित रूप मंे सादर ननवदे न करता हे.
1. यह की आवेदक वादी तारीि ................को इस आदरणीय धयायिय में प्रनतवादी के ववरुद्ि एक
वाद दाखिि ककया हे.
2. यह की प्रनतवादी ने भी कथथत वाद मंे प्रनतवादी के रूप आवदे क को अलभयोन्जत कर
तारीि...........इस आदरणीय धयायिय में एक वाद दाखिि ककया है. प्रनतवादी द्वारा यथा दाखिि
ककये गए वाद्पत्र की एक प्रमाखणत प्रनतलिवप के इसके साथ सिं ग्न ककया जाता हे और उपबिं
“क” के रूप में थर्धहाकं कत ककया जाता हे.
3. यह की प्रनतवादी द्वारा दाखिि ककये गए वाद में वववाद्यक के मामिे को वादी द्वारा पहिे से
सनं ्स्थत ककये गए वाद मंे उसको वाही प्रत्यक्षता एव सारभतू रूप से भी हे और पक्षकार वाही हे .
4. यह की वादी द्वारा दाखिि ककया गया इस आदरणीय धयायिय में िबं बत है .
5. यह की आदरणीय धयायिय के पास दोनों वादों में दावाकृ त अनतु ोष को मजं ूर करने का
अथिकाररकता हे.
प्राथना ा
यह सादर ननवदे न ककया जाता हे की प्रनतवादी द्वारा दाखिि ककये गए वाद का ववर्ारण वादी के वाद के अंनतम रूप
से सनु े जाने तथा ननप्ाए जाने तथा स्थथगत कर ददया जाए.
िािी
द्िारा अधििक्ता …..
टदनांक ............ स्ट्थान……
17. िाजिरी का ज्ञापन
न्यायालय ....... .................. ..................
िाि/अपील/पनु रीक्षण स.ंी ........................... सन ्..................
.................. .................. .................. .................. .................. ...................... िािी (गण)
अपीलाथी (गण)
आिेिक (गण)
याची (गण)
बनाम
.................. .................. .................. .................. .................. ......................
प्रयििािी (गण)
प्रत्यथी (गण)
िाजिरी का ज्ञापन
श्रीमान,्
कृ पया िािी (गण) / प्रयििािी (गण)/अपीलाथी (गण)/आििे क (गण) के ललए उपयतुय ि मामले मंे मरे ी हाप्जरी
मंे पशे हो प्जसके द्िारा मझु को मामले मंे अलभिचन करने के ललए सम्यक रूप से प्राचधकृ ि ककया गया है।
िारीख अचधितिा
पिा .................. ..................
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