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मह एक ऐसे व्मक्तत की प्रेभ कहानी है, क्जसके लरए प्माय सभम
फीतने के साथ जीवन फन गमा। मह मगु ों की अॊतहीन मात्रा है। मह
एक ऐसे व्मक्तत की कहानी है क्जसने चीजों को अजॊ ाभ ददमा, मह
एकतयपा प्माय को एक खशु हार शादी औय अप्रत्मालशत दददनाक अतॊ
भें फदरने की कहानी है। मह उस शख्स की कहानी है, जो हय रयश्ते
को हभेशा ददर से भानता था। मह उस शख्स की कहानी है जो तफ
प्माय के लरए ऩेशे से हय रयश्ते को भानता था, 8810 बफना आयाभ
की यातें। मह चीजों को ऩूया कयने का, सऩनों को साकाय कयने का एक
तयीका है। मह एक सऩने देखने वारे व्माऩायी की कहानी है, क्जसने
सऩने देखने की दहम्भत की औय उन्हंे सच कयने के लरए कडी
भेहनत की। मह वास्तववक जीवन, वास्तववक रोगों औय वास्तववक
प्रेभ का दहस्सा है। क्जस सभम सभ्म औय कम्प्मूटयीकृ त जीवन के
साथ प्माय ऩुयाना होने रगा, वह सफसे जुनूनी प्रेभ कहानी थी। मह प्रेभ
के सात चयणों की मात्रा है, क्जसभें से ऩहरा आकषणद के साथ शुरू
हुआ औय अतॊ तभ भतृ ्मु के साथ सभाप्त होगा।
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मह एक बावनात्भक भूखद से वास्तववक जीवन भें सफसे फडे
खरनामक तक की मात्रा है। प्माय इॊसान को फहुत ज्मादा खफू सूयत
औय अच्छा फनाता है औय प्माय ही इॊसान को फहुत ज्मादा क्रू य
फना सकता है। मह कहानी जीवन की खूनी वास्तववकता के फाये भंे
है, जहाॊ दतु नमा कबी बी दो आत्भाओॊ को एक दसू ये के साथ हभेशा
के लरए नहीॊ यहने देती है। एक असरी आदभी कबी बी राखों
रडककमों से प्माय नहीॊ कयता है रेककन वह एक अके री रडकी को
राखों तयीकों से प्माय कयता है, मह कहानी उन राखों तयीकों की
है। मह एक ऐसी कहानी है जहाॊ बावुक भखू द ने आखखयकाय
व्मावहारयक व्मक्तत को हया ददमा।
मह सफ एक अलबशाऩ के फाये भें है क्जसे प्रेभ कहा जाता है …
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9th भाचद 1998
11वीॊ तरास, कॉभस,द वोके शनर कोसद की
ऩयीऺा का आखखयी ददन था. मश ने
अऩना ऩेऩय कापी अच्छे से लरखा था
औय कपय घॊटी फजी तो वह अऩने कयीफी
दोस्त जीत के साथ फाहय आमा। वे दोनों
काइनेदटक ऩय फाहयी शहय भें घूभना
चाहते थे औय जीत को अऩनी प्रेलभका
तनशा को घय वाऩस जाते सभम लभरना
था, तमोंकक मह कॉरेज का आखखयी ददन
था औय कपय 3 भहीने तक जीत तनशा
से नहीॊ लभर ऩाएगा | इसलरए कयीफी
दोस्तों ने उसकी आखखयी फाय देखने भंे
भदद की। तनशा के घय से गजु यते ही
जीत की उसके चेहये ऩय नजय गई,
तमोंकक मह एकतयपा प्रेभ कहानी थी,
तनशा ने जफ दोनों को अऩने घय के
साभने घूभते हुए देखा, तो गुस्से से ,
इडडमट मा मॊू कहंे योड साइड योलभमो
आदद फोरी। तो, महाॉ छोटी मात्रा का
उद्देश्म ऩूया हो गमा, रेककन वे दोनों उस
तूपान से अनजान थे जो मश के जीवन
भंे प्रवेश कयने रगा।
सडकों ऩय घूभते-घूभते, अफ ऩयीऺा मा
ऩढाई का फोझ नहीॊ है, कपय बी वे
काइनेदटक ऩय घभू यहे थे।
3
उस सभम, वे नेहरू नगय के ऩास एक देवी भदॊ दय के ऩास आए, मश
ने रूऩा को घय वाऩस जाते हुए देखा। उसने जीत से ऩूछा "- वह
कौन है, तमा वह हभायी तरास भंे है?“
उसने जवाफ ददमा, "हाॉ बाई, वह रूऩा है औय वह वऩछरे 1 सार से
हभायी कऺा भंे है, तमा तभु ने अबी तक उस ऩय ध्मान नहीॊ ददमा"
मश, 'ककसके ऩास पारतू रडककमों के ऩीछे बागने का सभम है, भेये
लसय ऩय वऩता की व्मावसातमक क्जम्भेदायी है, महाॉ तक कक भेये
ऊऩय ऩढाई का कोई फोझ नहीॊ है, भैं लसपद वऩता के व्मवसाम का
ववस्ताय कयने के लरए कु छ ऻान प्राप्त कयने के लरए लशऺा रे यहा
हूॉ। भंै भूखद नहीॊ हूॊ जो ककसी बी रडकी के ऩीछे खदु की क्जदॊ गी
फफादद कय रे | "जीवन भंे हभेश माद यखना रडकी, फस औय ट्रेन
ककसी के लरए रुकती नहीॊ है औय एक जाती है तो दसू यी आती है"
जीत ने जवाफ ददमा, "आऩ भुझे चचढा यहे हैं तमोंकक भंै एक रडकी
से प्माय कयता हूॊ औय आऩके ऩास कोई बावना नहीॊ है, आऩ कभ
उम्र भंे एक व्मवसामी हंै। रेककन जीवन भें एक फाय आऩको बी
इस तयह की ककक लभरेग |
मश ने कहा, हभ देखेंगे, भेये लरए ककसी बी रडकी के प्माय भंे
ऩागर होना नाभभु ककन है, महाॊ तक कक चाहे वह एक स्टाय ही
तमों न हो औय वे आगे फढ गए |
रूऩा एक रॊफी औय स्भाटद रडकी थी औय साथ ही वह फहुत शान्त
बी थी। मश औय रूऩा एक ही तरास भें थे, रेककन ऩूये 11वीॊ
तरास भें मश ने कबी उनके फाये भंे कु छ भहसूस नहीॊ ककमा। औय
महाॊ तक कक उसने ऩयू े सार उस ऩय कबी ध्मान नहीॊ ददमा था।
रेककन जफ वे घय ऩहुॊचे तो मश रूऩा के फाये भें सोचना फॊद नहीॊ
कय सका, उसने जीत को ऩूछा कक तमा उसे नहीॊ रगता कक वह
एक सॊुदय रडकी है औय हभेशा कऺा भंे चुऩ यहती है, उसके
अके रेऩन औय शातॊ होने का तमा कायण होना चादहए? वह कॉरेज
भंे भुस्कु याती बी तमों नहीॊ है? तमा उसके जीवन भंे कु छ अजीफ है?
वह कौन है? उसका व्मक्ततत्व तमा है? भैं जानना चाहता हूॊ, मश ने
कहा। जीत ने मश से ऩूछा कक तमा वह रूऩा से प्माय कयता है?
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? प्माय औय मश … नहीॊ, कबी नहीॊ …… मश। औय ककसी के प्माय भें
ऩागर हो जाए … बफरकु र नहीॊ… मे भुभककन नहीॊ… कबी नहीॊ
होगा. मश ने उत्तय ददमा। हाराकॉ क उस सभम उनका भनोववऻान
ऐसा ही था, रेककन अनजाने भें ही वह प्माय के ऩहरे चयण भें
प्रवेश कय चकु ा था…. आकषणद मा कु छ बी हो…. उसके व्मक्ततत्व
को जानने के लरए, उसके दखु ी होने का कायण जानने के लरए….
वह फस रगाताय उसके फाये भें सोच यहा था ... शामद मह
आकषणद था, रेककन तनक्श्चत रूऩ से मह एक बावकु प्रेभ का
ऩरयणाभ होगा, रेककन उस सभम उसे मह सभझ भें नहीॊ आमा कक
उसे रूऩा से प्माय हो गमा तमोंकक ………………
14
10th-12th भाचद 1998
चूॊकक कर की ऩयीऺाएॊ सभाप्त हो गई
थी,ॊ अफ न कोई कॉरेज, न कोई कऺा,
मह ऩाटॊ, उत्सव औय खुलशमों का सभम
है। मश इतना आनॊद के लरए नहीॊ है,
तमोंकक वह एक भध्मभवगॉम ऩरयवाय से
था, व्माऩाय कय यहा था औय मश के
कॊ धे ऩय बी अऩने वऩता की व्माऩाय भंे
भदद कयने की क्जम्भेदायी है … इस फीच
कपल्भंे, दोस्त औय ऩादटदमाॊ आदद सफ
कु छ हो यहा था। रेककन मश की क्जदॊ गी
भें एक नमा फदराव मे आमा कक वऩता
ने उन्हें नई फाइक हीयो होंडा स्प्रंेडय
दी। चॊकू क मश को चगमय वारी
भोटयसाइककर की आदत नहीॊ है इसलरए
उसने फाइक चराने का अभ्मास कयना
शुरू कय ददमा, साथ ही काय चराने का
बी। रेककन काय मा फाइक चराते सभम
उन्होंने नेहरू नगय की उस सडक को
प्राथलभकता दी, जहाॊ उन्होंने ऩहरी फाय
कॉरेज के आखखयी ददन रूऩा को देखा
था। हय सभम उसकी तनगाहें रूऩा के
घय, उसके चेहये को ढूॊढती यही थी
रेककन चाय भहीने की इस अवचध भें
वह एक फाय बी नहीॊ लभरी|
3
कपय बी उसका भन उसके फाये भंे सोच यहा है, उसकी तनगाहंे
उसे हय जगह खोज यही थी।ॊ वह नहीॊ जान ऩा यहा था कक उस
रडकी की गहयी आखॉ ों भें वह आकषणद तमा था, रेककन था। वह
यात को उसके फाये भंे सोचे बफना सो नहीॊ ऩा यहा था। हय ददन
उसकी फाइक उसके घय के ऩास घूभ यही थी। तमों दोस्त? तमों
तुभ ऩेट्रोर फफादद कय यहे हो……? भुझे नहीॊ ऩता...भंै मह कय यहा
हूॉ तमोंकक भुझे मह ऩसॊद है...इसे प्माय कयो। तो उस रडकी से
प्माय कयो? ...? भंै नहीॊ जानता …। रेककन भैं ककसी के प्माय भें
नहीॊ ऩड सकता...तमोंकक भेये ऩास उसके लरए सभम नहीॊ
है...उसने कहा...
हाराकॉ क वह ऐसा कह यहा था, कपय बी उसका भन खुद उससे
ऩूछ यहा था कक तमा वह उससे प्माय कयता है…। रेककन अबी
तक …। उसका ददभाग जवाफ देने की दहम्भत नहीॊ कय ऩ यहा
था । जैसा कक मश औय रुऩा अरग-अरग वग,द अरग-अरग
धभद औय सॊस्कृ तत से ताल्रकु यखते हंै, भूर रूऩ से व्मवसाम-
उन्भखु सभाज हंै। जीवन के फाये भंे मश का सऩना लसपद
फी.कॉभ ऩास कयना औय वऩता के व्मवसाम का ववस्ताय कयना
था। जीवन से ज्मादा उम्भीदंे नहीॊ थी तमोंकक वह फहुत शभॉरा
औय अच्छा ददखने वारा रेककन ऩतरा आदभी था, ज्मादा
आक्राभक नहीॊ था। वह हय काभ फहुत सुयक्षऺत ढॊग से कयना
चाहता था इसलरए, जैसा कक रूऩा अरग जातत की थी , उसने
अॊतजातद ीम सॊफधॊ फनाने की दहम्भत नहीॊ की।
ददन तजे ी से फीत यहे थे औय वह उसे देखने के लरए अचधक से
अचधक बावुक हो यहा था … उसे भहसूस कयने के लरए …… उसे
जानने के लरए …… उसके साथ यहने के लरए …… औय अपसोस,
इॊतजाय का खेर खत्भ हो गमा औय 12 वीॊ कऺा का कॉरेज।
..एच.एस.सी. 13 जुराई 1998 से शरु ू हो यहा है।
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13th जुराई 1998
जसै े कक एक नजय के साथ बरे ही साभने न
हो, एकतयपा प्माय मा आकषणद शुरू हुआ था
| 4 भहीनों के रॊफे इॊतज़ाय के फाद मा ऐसे
कहो के प्माय के ऩहरे ब्रेकअऩ के फाद आज
कॉरेज शुरू हो यहा था | जरु ाई का भदहना
था, जोयदाय फारयश हो यही थी जीत औय मश,
मश का दसू या नाभ जम बी है रेककन वो
कहानी के अगरे दहस्से भें है | दोनों नई
फाइक ऩय कॉरेज जाने तनकरे, यास्ते भंे मश
ने फाइक गणेश भॊददय ऩय योकी, फाइक से
उतया औय भॊददय भंे दशनद के लरए गमा |
जीत फोरा ,” अये तू ! औय भॊददय जा यहा है,
मे कफ हुआ औय कै से हुआ? “
मश कहता है, जीत, प्माय इॊसान को फहुत
अच्छा फना देता है, नाक्स्तक को आक्स्तक
फना देता है | भैं तो बगवान से प्माय मा
शामद तुभ उसे आकषणद कहो मा जो बी कहो
वो बगवान से भागॊ ने जा यहा हूॉ | देख बाई,
हभ अफ फायहवी भें है , तमा ऩता अगरी
सार हभ एक ही कॉरेज भंे होंगे मा नहीॊ |
भेये ऩास मही एक सार है क्जसभे भझु े प्माय
का इजहाय कयना है | अबी तक भझु े
रडककमों से फात कयने से फहुत डय रगता था
रेककन अफ भझु े खुद भें साहस फढाना होगा |
आई रव मू , मे तीन शब्द तो छोडो , भंै तो
फस उससे फात ही कय रॉू तो ऐसा रगेगा
भानो भनैं े दतु नमा जीत री | इसलरए गणेश
जी को भस्का रगाने भदॊ दय आमा हूॉ
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दशनद कयके दोनों कॉरेज ऩहुॉचे, जानफझू कय थोडा जल्दी ऩहुॉचे,
दोस्तों से जो लभरना था | मश की आखॊ े बीड भें रूऩा को ढूॊढ
यही थी | कॉरेज भें मश ,जीत, भोदहत औय यवव चायों की फैड
फॉय्ज़ की गंैग सी फनी थी | इनका काभ घूभना कपयना , भस्ती
कयना , कॉरेज फॊक कयके भूवीज जाना मही था | 4 भहीने फाद
भहकिर जभी थी | जीत को छोडकय ककसी को बी मश औय रूऩा
के फाये भंे ऩता नहीॊ था | मश कॉरेज की फारकनी से कॉरेज के
गेट ऩय नज़ये गडाए फठै ा था |
उसकी आखॊ े तो फस रूऩा का इॊतज़ाय कय यही थी | कॉरेज की
घॊटी फज गई , सबी अध्माऩक आ गए , सबी अऩनी अऩनी
कऺा भें गए | मश औय रूऩा एक ही कऺा भें थे रेककन उनका
भाध्मभ अरग था , मश अगॊ ्रेजी भाध्मभ का ववधाथॉ था औय
रूऩा भयाठी इसलरए दोनों के लसपद दो ही रेतचय अगॊ ्रेजी औय
रेखाकॊ न के एक ही कऺा भें होते थे | रूऩा का योर नॊफय 22
था, मश का 43 , मश के ग्रऩु भंे यवव भयाठी भाध्मभ भंे था औय
उसका योर नॊफय 23 था जो मश को आगे जा के फहुत काभ
आमा | रॊच हो गमा, यवव औय भोदहत ने जीत से ऩछू ा ,अये बाई
! मे मश आज फाते तमों नहीॊ कय यहा , वसै े तो मे फहुत फातनू ी
है | जीत फोरा , “आज रूऩा कॉरेज नहीॊ आई इसलरए मश
उखडा हुआ है” कपय उसने उन्हे सफ फाते फताई |
ऐसे ही इॊतज़ाय भंे ददन तनकार गमा | कॉरेज खत्भ होने के
फाद शाभ को मश जीत के साथ रूऩा के भोहल्रे भें
भोटयसाइककर ऩय चतकय रगाके आमा , आते वक़्त जोयदाय
फारयश हो यही थी | मश जीत को उसके घय छोडकय अऩने घय
रौटा, न ककसी से कु छ खास फाते की न कु छ काभ ककमा,
ख्मारों भें खो के सऩने देखते देखते सो गमा |
9
9
14th जुराई 1998
आज मश सुफह फहुत जल्दी उठ गमा | कॉरेज 11 फजे
शरु ू होता था रेककन मश 8 फजे ही बफना चाम नाश्ता
ककए भोटयसाइककर ऩय अके रा घूभने तनकरा , जाते जाते
गणेश भॊददय भंे रुका औय बगवान से झगडा ककमा | वो
भन ही भन भें फोरा, “ हे बगवान क्ज़दॊ गी भंे भनंै े कबी
बी तझु से कु छ भाॉगा है? भागॉ ा है तो फस एक खशु ी |
भझु े रुऩा के फाये भंे जानना है, वो इतनी चऩु तमों यहती
है? वो ककसी से फात बी नहीॊ कयती , भुझे उसे सभझना
है ,भुझे उसकी आखॉ ों भंे तमा ददद है जानना है , भुझे
उसके साये दखु : अऩने साथ फाटॉ ने है, भुझे उसे हॉसाना है
, भुझे उससे अफ फस फात कयनी है , बगवान मे इॊतज़ाय
अफ फदादश्त नहीॊ होता |
भझु े उससे लभरा दो, इतना कह के वो भदॊ दय से तनकरा
औय रुऩा के भोहल्रे के 4 चतकय रगाए उसे ढूॊढा औय
आते वतत रुऩा के घय के ऩास येणुका भाता का भॊददय था
उधय बी जाके पू र वगैयह चढाकय प्राथनद ा कयके घय रौटा
, बीड भें रुऩा को ढूॊढता यहा |
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रुऩा उसकी सहेरी ईशा के साथ साइककर ऩय कॉरेज आती थी,
अचानक मश की नजय कॉरेज के गेट ऩय ऩडी , वहाॉ ईशा
साइककर ऩय आ यही थी, मश खुश हुआ कक अगय ईशा आई है
तो उसके साथ रुऩा बी आई होगी |
रेककन वो इतना खशु ककस्भत नहीॊ था, रुऩा आज बी कॉरेज
नहीॊ आई थी, अॊदय ही अॊदय मश को डय सता यहा था कक रुऩा
ने कॉरेज तो नहीॊ फदर ददमा ? रेककन ऩूछे तो ककस से ऩूछे ?
मश रडककमों से फात नहीॊ कयता था , दयसर वह फहुत शलभरद ा
था | रेककन उसके कऺा की रडककमाॉ उसे अभीय फाऩ की बफगडी
हुई घभॊडी सतॊ ान सभझती थी , मश को तो मे फात तफ ऩता ही
नहीॊ थी |
कपय तमा होना था ? मश ने जैसे तसै े 3 रेतचय अटेन्ड ककए,
रॊच भें जीत को फोरा कक तबफमत ठीक नहीॊ है औय अके रा घय
रौट गमा | जीत को जो सभझना था वो सभझ गमा | मश घय
रौटते ही अऩने कभये भंे चरा गमा, दयवाजा फॊद ककमा औय नभ
आखॉ ों से सोचते सोचते सो गमा | मश के ऩरयवाय के एक ही
अऩाटदभंेट भंे 2 फ्रैट्स थे , एक फ्रैट भें भाता, वऩता औय फहन
यहते थे औय दसू ये फ्रैट भंे मश अके रा यहता था इसी वजह से
मश को इतनी छू ट थी कक वो कु छ बी कये , उसने डामयी
लरखना शरु ू कय ददमा | आज मह ककताफ बी उन्हीॊ डामयी के
लरखे हुए ऩन्नों से फनी है | कॉरेज छू टने के फाद जीत भोदहत
के साथ मश से लभरने आमा | भोदहत फोरा , मश, “बाई देख
हभे सफ ऩता है | तू ऩयेशान न हो, चर, झीर ऩय घूभ कय
आते है ,” तमा ऩता झीर ऩय तझु े रुऩा ददख जाए” ? जैसे ही
भोदहत मे फोरा तो मश की भयी हुई आखॉ ों भंे जान आ गई ,
तुयॊत 3 माय तनकर ऩडे | झीर ऩय 2 घॊटे तक घूभते यहे ,
पास्टपू ड खामा , बीड भें मश की आखॊ े रुऩा का ही इॊतज़ाय कय
यही थी रेककन तकदीय को आज मे भजॊ यू नहीॊ था , कपय बी
घभू ने कपयने के कायण उसका भन थोडा फहर गमा |
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मश की सफसे फडी ताकत उसकी दोस्ती थी , “ वो कहते है न,
माय का लभरन ककस्भत की है फात , ददर फहरता है तये ा अच्छा है
साथ | एक औय यात रुऩा के इॊतज़ाय भें गजु य गई ,एक औय ददन
ढर गमा |
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15th जुराई 1998
आज का ददन कु छ अरग ही शरु ू हुआ |
मश को सुफह उठने भें फहुत देय हो गई थी
औय जफ वो जागा तो ऩयू ा फदन फुखाय से
काऩॉ यहा था | वऩछरे दो ददनों भें वो
फारयश भंे फहुत बीगा था | प्माय भें ऩागर
जो था फारयश भंे येनकोट तनकार के बीगते
हुए घूभता था | अजीफ सा जनु ून लसय ऩय
सवाय था जैसे कक वो नश्वय हो , उसे इन
ददनों न भौत का डय था न ककसी औय
चीज का | शामद उसका आकषणद नश्वय था
| इस कहानी भें फारयश का फहुत फडा
ककयदाय है | मश के ऩास 3 बयू े यॊग की
जीन्स थी औय वो उन ददनों फारयश भें
इतना बीगा कक कु छ ही भहीनों भें वो तीनों
बूयी यॊग कक जीन्स सपे द ऩड गई |
उसे फारयश भें बीगते हुए रुऩा के भोहल्रे
भें चतकय काटने की आदत हो गई थी |
ददनबय घूभते यहना , फारयश भंे बीगना ,
कपय ककसी चाम कक टऩयी ऩय ठॊ ड से काऩॉ ते
हुए चाम ऩीना , घय भंे बीग के आमा देख,
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भाॉ की डाॉट खाना जैसे योज की फात हो गई हो | जीत कॉरेज जाने
के लरए मश के घय आमा रेककन मश की खयाफ हारत देख वो उसे
अस्ऩतार जाने की सराह दे के कॉरेज चरा गमा | मश ने उसे
फोरके यखा था कक रुऩा ददखे तो रेतचय छोडकय कॉइनफॉतस से
रडैं ्राइन ऩय कॉर कयना | उन ददनों भोफाईर की शुरुआत थी ,
कॉलरगॊ फहुत भहॉगी थी, हाराकॉ क मश के वऩता के ऩास व्मावसातमक
कामों की वजह से नोककमा का एक कारा भहॉगा भोफाईर था औय
मश को वसै े बी भहॉगी चीजों का शौक नहीॊ था |
रेककन उसे मे उस वतत ऩता नहीॊ था कक दतु नमा की सफसे भहॉगी
चीज है प्माय, क्जसकी वजह से आने वारे सभम भंे कबी बी उसकी
जान बी जा सकती थी , उसने इसी भहॉगी चीज का शौक ऩार यखा
था |
कपय वो स्टाप के साथ अस्ऩतार गमा, एक इन्जेतशन औय दवाइमाॉ
रेके घय आ के आयाभ कयने अऩने कभये भंे चर गमा | म्मकू ्जक
लसस्टभ ऩय योभादॊ टक गाने सुनते हुए कफ आखॉ रग गई ऩता ही
नहीॊ चरा | 9 फजे दयवाजे की घटॊ ी फजी | जीत, भोदहत औय यवव
उसे लभरने आए थे |
मश अॊदय से फहुत भज़फूत था | व्मावसातमक कायणों से उसने 8
वषद की आमु से, कई फाय कॉरेज से छु ट्टी रे के , अऩने वऩता के
साथ भॊफु ई , भैसूय की मात्रा की थी | वो कोल्हाऩयू शहय से था ,
उसे घण्टों तक मात्रा कयने की आदत थी | इॊसान को फाहयी दतु नमा
की ऩहचान मात्रा के दौयान होती है औय मश ने तो फहुत ही काभ
उम्र भंे फाहयी दतु नमा देखी थी | इसी वजह से वो भानलसक तौय से
फहुत भज़फतू था, बावनाओ से बया हुआ फेवकू प था रेककन उसके
अदॊ य क्जदॊ गी जीने की एक अरग ही तयह की ददरचस्ऩी थी |
लभर फैठे 4 माय ,भहकिर जभ गई | मश फोरा ,” तमा हुआ आज
कॉरेज भें “ यवव फोरा , “तझु े कॉरेज भें तमा हुआ इस फात से
भतरफ नहीॊ है”, तुझे फस मे जानना कक रुऩा आज कॉरेज आई कक
नहीॊ ,रेककन तू ऩयेशान न हो भनंै े भेये कऺा की अव्वर रडककमों
यीना औय तनशा ( रुऩा की सहेलरमाॉ ) से ऩछू ताछ की थी, रुऩा बी
आज फीभाय थी इसीलरए कॉरेज नहीॊ आई |
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शामद तुम्हायी जोडी ऊऩय से फन के आई है | कपय तमा था इतना
सुनते ही मश का फुखाय जसै े उड ही गमा | उसने कऩडे फदरे औय
सबी दोस्तों को ऩाटॊ देने झीर ऩय रे गमा | फखु ाय हो कय बी
चीमसद कयके सॉफ्ट डरतॊ स ऩी |
ऩाटॊ ककस फात की थी ? रुऩा उसी कॉरेज भे है, उसने कॉरेज
फदरा नहीॊ है , इस फात की ऩाटॊ थी औय वैसे बी जफ माय जभा
होते है तो ऩाटॊ के लरए फहाना तो लभरना ही था |
11
16th जुराई 1998
आज का ददन मश ने सकायात्भक ददभाग
से शरु ू ककमा | फुखाय की वजह से फदन
भंे कभजोयी थी , कपय बी उसने कॉरेज
जाने की ठान री थी | रेककन फदन की
कभजोयी के कायण वह ऑटो से कॉरेज
जाने के लरए जीत के साथ तनकरा |
कॉरेज से थोडी ही दयू ी ऩय गणेश भॊददय
था वहाॉ वो दोनों उतये | हभेशा की तयह
मश ने गणेश जी से प्राथनद ा की औय
दोनों चरते चरते कॉरेज की तयप जाने
रगे |
तबी एक रेडीफडद साइककर उनके फगर
से गजु यी औय मश भनोभन चचल्रामा, “
ओए “ उस साइककर ऩय वही रफॊ ी ,
भासभू सी ,शाॊत स्वबाव वारी रुऩा थी |
6
बरे ही उसका चेहया बी न ददखा हो तो बी उसका एहसास ही मश
की क्ज़दॊ गी फना गमा , वो भन ही भन भें फोरा , “ तये ी एक
झरक से जागा मे कै सा एहसास , ऩहरे तो भहसूस न हुई भुझको
ऐसी प्मास |
वो तजे ी से कॉरेज के गेट ऩय ऩहुॉच गमा , जीत कापी ऩीछे यह
गमा था | मश को ऩता था साइककर ऩाककिं ग भंे खडी कयके रुऩा को
उसी यास्ते से कऺा भंे जाना होगा | वो वहीॊ जानफूझ कय जीत का
इॊतज़ाय कयने रुक गमा | तबी साइककर खडी कय के रुऩा कऺा की
तयप फढ यही थी | इतने रफॊ े इॊतज़ाय के फाद अॊतत् मश ने रुऩा
को जी बय के देख लरमा | रुऩा ने बी उसकी तयप देखा कक मश
उसे देख यहा है | दोनों की नजये एक दसू ये की नज़यों से लभर गई
रेककन रुऩा ने जैसे कु छ हुआ ही नहीॊ ऐसे जता के अऩनी नजय
हटाई औय अनदेखा कय के कऺा भंे चरी गई | मश तो अबी बी
वहीॊ का वहीॊ खडा था | वो भन ही भन भें फोरा ,” वो हभ ही हभ
है तो तमा हभ है ,वो तभु ही तुभ हो तो तमा तभु हो “ तबी जीत
फोरा , बाई कऺा भें जाना है मा नहीॊ ? हभाये 2 रेतचय रुऩा के
साथ ही है , उन 2 रेतचय भंे जी बय के देख रेना रुऩा को |
रेककन उसके लरए कऺा भें जाना तो ऩडगे ा | वो देख ,
प्रधानाध्माऩक आ गए है औय तुझे तो ऩता है न कक वो
(प्रधानाध्माऩक ) ककतने गुस्सैर है | मश फोरा, हाॉ चरते है , कु छ
ऩर के लरए के लरए भंै खुद को ही बूर गमा था, ऩता नहीॊ भुझको
तमा हो यहा है | रगता है ददन यात उसे ही सोचता यहूॉ , भहसूस
कयता यहूॉ | न बूख रगती है न प्मास | ऩता नहीॊ इन सफ का
अजॊ ाभ तमा होगा रेककन आज तो मे एहसास फहुत खूफसयू त रग
यहा है | रुऩा औय उसके ख्मारों भंे खो जाने का ददर कयता है |
इतना कहके वो कऺा भंे ऩहुॉचे | ऩहरे 3 रेतचय तो रुऩा से अरग
थे इसलरए मश रुऩा को देख नहीॊ ऩामा | रॊच हो गमा | उसने
सोचा कक चरो अफ 2 रेतचय जी बय के उसे देखगूॉ ा औय उस ऩय
अऩनी छाऩ छोडने की कोलशश करूॉ गा | इसी सोच भें कॉरेज की
फारकनी भंे सफ दोस्त फात कयने खडे हो गए थे | तबी रुऩा उसके
कऺा से फाहय आई | जीत ने मश को इशाया ककमा | मश ने ऩरट
के देखा , रेककन देखता है तो तमा ? रुऩा तो अऩनी सहेरी तनशा
के साथ कॉरेज का फैग रेके सीदढमों से नीचे जा यही थी |
15
मश सभझ गमा कक वो अगरे रेतचय नहीॊ रेने वारी है | मश के
भानो साये सऩने टू ट से गए हो | उसने बी ऩर बय बी नहीॊ सोचा
| वो कऺा भंे गमा ,अऩने कॉरेज का फगै उठामा औय सबी दोस्तों
को फाम कह के कॉरेज से फाहय आमा | वसै े बी आज वह
भोटयसाइककर नहीॊ रामा था तो वो अके रा ही टू टे हुए ददर से
बीगते हुए ऩैदर चरते हुए अऩने घय की तयप फढने रगा | रुऩा
बी थोडी दयू ी ऩय साइककर खडी कयके फारयश की वजह से एक
ककनाये रुकी थी | मश रुऩा के साभने से ऐसे गुजया जसै े उसने रुऩा
को देखा ही न हो | मश के ऩास येनकोट बी था रेककन उसने
ऩहना नहीॊ था | हाथ भंे ऐसे ही येनकोट रे के फारयश भंे ऩयू ा बीगते
हुए रुऩा के साभने से गुजय गमा | मश के भन भें ख्मार आ यहा
था कक रुऩा को तमा रगा होगा | इतनी जोयदाय फारयश भें उसके
साभने से भंै उसे अनदेखा कयके बीगते बीगते चर गमा | इससे
भेयी अच्छी छवव फनी होगी मा फयु ी ? अफ साढे सोरह वषद की उम्र
भें एक रडका इससे अरग औय कय बी तमा सकता था | रगबग
आधा घटॊ ा फारयश भें बीग के वो घय ऩहुॉचा | ऩहरे ही फदन भंे
फुखाय था औय कभजोयी थी, उस ऩय गसु ्से भें कपय से वो फारयश भंे
इतना बीग गमा था | वो घय ऩहुॉचा औय भाॉ की फहुत डाॉट खाई
रेककन वो कु छ नहीॊ फोरा | ऩयू ा फदन ठॊ ड से काऩॉ यहा था | उसने
कऩडे फदरे 2 / 3 फाय गयभ चाम ऩी औय फदन भंे गभाहद ट राने
की कोलशश की | दवाइमाॉ रेके कॊ फर ओढ के ठॊ ड से काॉऩते हुए
रुऩा के ख्मारों भंे, म्मकू ्जक लसस्टभ ऩय योभाॊदटक गाने सुनते सुनते
सो गमा | उस ददन फहुत फारयश थी इस वजह से कॉरेज खत्भ
होने के फाद कोई दोस्त उससे लभरने नहीॊ आ ऩामा |
शाभ को 6 फजे उसे घय के स्टाप ने डोयफेर फजा के उठामा | मश
का ऩयू ा फदन फखु ाय से तऩ यहा था तो उसके भाता वऩता ने
डॉतटय को घय ऩय ही फुरा लरमा कपय इन्जेतशन औय दवाइमाॉ दे
दी |
वसै े बी मश कर कॉरेज नहीॊ जा सकता था , उसके चचेये बाई
फहन उससे लभरने आने वारे थे | भन ही भन भंे मश उदास था,
इतने इॊतज़ाय के फाद बी वो रुऩा के बफल्कु र बी कयीफ नहीॊ आ ऩा
यहा था न ही वो उसका ख्मार अऩने ददभाग से तनकार ऩ यहा था
| 15
17th जुराई 1998
सेहत ज्मादा अच्छी न होने के कायण
आज मश फहुत देयी से जागा | कर
से आज तबफमत थोडी फेहतय थी,ॊ
फुखाय बी उतय यहा था | चाम नाश्ता
कयके वो यीडडगॊ कयने फठै गमा | ”
यीडडगॊ “ मे बी एक फहुत फडा ऩहरू
था मश की क्ज़दॊ गी का | उसे फचऩन
से ज्मादा सपय कयने के कायण मात्रा
के दौयान ककताफे औय उऩन्मास ऩढने
की आदत थी | उसने अफतक फहुत
से उऩन्मास, जनै सॊस्कृ तत, गीता औय
बी फहुत सी ककताफे ऩढी थी | उसे
उन ककताफों को इकट्ठा कयने की
आदत थी |
| उसकी यीडडगॊ भंे इततहास , ववऻान, स्ऩेस, योभाॊदटक औय जासूसी
कहातनमाॉ ज्मादा होती थी | गीता तो मश ने उन्ही 4 भहीनों के
इॊतज़ाय के वतत हार भें ही ऩढी थी |
कु छ ही देय भें उसके कक्जन्स , अकॊ र , आॊटी घय आ गए | इधय
उधय की फाते कयते कयते सफने साथ भें खाना खामा औय मश का
कक्जन फोरा , “चरो भवू ी चरते है” | उसी ददन नजदीकी लसनेभा
भें “कयीफ“ भूवी रयरीज हुई थी | सफ कक्जन्स लभर के भूवी देखने
चरे गए | घय भें भेहभानों की बीड थी | ऊऩय से तो मश हॉसकय
सफसे फाते कय यहा था रेककन अॊदय ही अॊदय उसे रुऩा की माद
सता यही थी | उसने सोचा भूवी देखते है, कभ से कभ 3 घॊटे तो
रुऩा को बूरेगा | रेककन इॊसान सोचता कु छ है औय होता कु छ है |
“कयीफ“ भवू ी देखने मश चर तो गमा रेककन इस उम्र के फच्चों ऩय
भवू ीज का फहुत असय ऩडता है औय असर क्ज़दॊ गी भें हुआ बी ऐसा
ही | “कयीफ” भूवी एक सॉफ्ट योभाॊदटक भवू ी है औय उसभे फारयश के
सीन जो कक मश हार ही भें रुऩा के प्माय भंे असर क्ज़ॊदगी भें
क्जमा था | वही सफ साभने भूवी भंे देखकय मश एक ऩर के लरए
बी रुऩा को बरू नहीॊ ऩा यहा था | उस भूवी के ददर छु रेने वारे
योभाॊदटक गाने औय कभ उम्र भंे प्माय कयने वारों की भासूलभमत
मश के ददर को छू गई | उसे मे ऩता नहीॊ था कक इस भवू ी के
फहुत से गाने आगे जाके उसकी असर क्ज़ॊदगी का दहस्सा औय
ककस्सा फनेगंे |
“ तमा जाने तमा लभर गमा, तमा जाने तमा खो गमा , तूने मे
तमा कय ददमा , भझु को मे तमा हो गमा “ | मे भन ही भन भंे
गनु गुनाता हुआ , भवू ी खत्भ होने के फाद वो घय रौटा | आज न
तो कॉरेज के ककसी दोस्त से भुराकात हुई न रुऩा की कोई खफय
आई | आते वतत के सेट की दकु ान से मश ने कयीफ भूवी की
औडडमो के सेट खयीदी थी | शाभ 7 फजे भेहभान चरे गए | मश के
ददरोददभाग ऩय “कयीफ” भवू ी इतनी हावी हो गई थी कक उसने उस
भूवी के सबी गानों के सबी फोर औडडमो के सेट को यीवाइन्ड
पॉयवडद कयके अऩनी डामयी ऩय उताय ददए | एक तयप उसका रुऩा
ऩय एकतयपा आकषणद था तो दसू यी जगह फायहवी कऺा भंे होने के
कायण ऩढाई लरखाई की बी जरूयत थी |
14
रगबग वऩछरे 5 भहीनों से उसने कु छ बी ऩढाई नहीॊ की थी |
उसके सबी दोस्त ऩढाई भें उससे आगे जा यहे थे औय वो ऩीछे यहा
जा यहा था | वैसे बी आने वारे 2 ददन शतनवाय औय यवववाय थे |
मश ने सोचा कक कु छ ऩढाई कयते है | उसे वैसे तो ऩढाई के लरए
ऩरयवाय की तयप से कोई दफाव नहीॊ था | वह आज बी कॉरेज के
फाद वऩता को घय के व्मवसाम भंे भदद कयता था | उसे तो फस
फी.कॉभ तक लसपद डडग्री के लरए ऩढना था | उसके फी.कॉभ भें
ककतने भातसद आए, काभ मा ज्मादा, उसे मा उसके ऩरयवाय को
इससे कोई पकद नहीॊ ऩडने वारा था | कपय बी मश ने सोच के यखा
था कक वह अच्छे भातसद राकय रुऩा को अऩनी तयप प्रबाववत व
आकवषतद कय सकता है कपय तमा तजे ी से सबी ववषम का, सबी
टॉवऩक का ऩढाई का प्रान फना रेककन वो फस कागज ऩय ही यहा
| रुऩा भंे खो जाने के फाद मश ददन भें सऩने फहुत देख यहा था |
सऩने देखते देखते उसने तो फायवही भें भेरयट भंे आने के बी सऩने
देख डारे |
रेककन यात को व्मवसातमक मात्रा के कायण उसे अऩने स्टाप के
साथ भुफॊ ई के लरए तनकरना ऩडा | कॉरेज की छु ट्दटमों के कायण
उसे जाने भें कोई ऐतयाज नहीॊ था |
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18th-19th जुराई 1998
इसलरए आज की सफु ह भुफॊ ई भें हुई | होटर भंे कु छ
सभम आयाभ कयके कपय फाजाय भंे व्मवसाम की रेन
देन कयने वो तनकरे | मश को भॊफु ई आना फहुत
ऩसॊद था | वह कई फाय भॊुफई की सडकों ऩय घूभा
था | साथ भंे स्टाप बी उसके फचऩन से साथ था
तो दोस्ती जैसा ही नाता था | मूहॉ ी रुऩा के चचे
कयते हुए एक एक काभ तनऩटाते गए | ऩयू ा ददन
बागादौडी भंे चरा गमा | कु छ काभ फाकी यह गए थे
इसलरए उन्हे यवववाय को बी भफॊु ई भंे ही यहना था |
शाभ को काभ खत्भ होने के फाद सभनु ्र ककनाये
जाकय वह घण्टों तक फठै ा | ऩयू ा सभम मश रुऩा के
फाये भंे सोचता यहा | उसको ऩटाने के तयीके सोचने
रगा था | अगरे ददन बी दोऩहय तक भफुॊ ई भंे फाकी
फचे काभ तनऩटाए कपय भुफॊ ई से वाऩसी के लरए
तनकरे | घय ऩहुॉचते ऩहुॉचते देय यात होने वारी थी |
फस भें बी सोचते सोचते मश ने कई प्रान फनाए |
उसने ऩसनद लै रटी डवे रऩभंेट कयने की सोची | उसने
ज्मादा हैन्डसभ ददखने के लरए कु छ भैटेरयमर ऩहरे
ही खयीद के यखे थे | उसके साथ ही क्जभ जॉइन
कयने फॉडी बी फनाने का प्रान ककमा | वह ऩहरे ही
भाशरद आट्दस व कयाटे फचऩन से ही सीखा था |
मश की सफसे फडी कभजोयी थी क्स्वलभगॊ , उसे ऩानी
भें उतयने से फहुत डय रगता था | उसके अकॊ र ,
कक्जन्स उसे कई फाय ताराफ भें क्स्वलभगॊ लसखाने
फचऩन भंे रेके गए थे रेककन वह हभेशा वहाॉ से
बाग खडा होता , शामद मह उसकी कभजोयी थी
उसने प्रान तो फनामा था कक क्स्वलभगॊ बी सीखेगा
रेककन वह खुद इस फाये भंे तनक्श्चत नहीॊ था |देय
यात वह घय ऩहुॉचे | कर कॉरेज थासऩनों की दतु नमा
भें खोते ही मश तयु ॊत सो गमा |
2
20th जुराई 1998
सपय की वजह से तबफमत थोडी नयभ थी |
रेककन कपय बी मश कॉरेज जाने को फेकयाय
था | सफु ह जल्दी उठके उसने कॉरेज का
होभवकद ऩूया ककमा | मश हभेशा की तयह
भदॊ दय होकय, जीत के साथ कॉरेज ऩहुॉचा |
रुऩा के कॉरेज आने के कोई आसाय नहीॊ
ददख यहे थे | मश फहुत कन्फ्मूज़्ड था | मश
जीत से फोरा , “ मे तमा हो यहा है ! रुऩा
योजाना कॉरेज तमों नहीॊ आ यही है ?
सभझ नहीॊ आ यहा कक रुऩा को कॉरेज भंे
ऩढना है मा कॉरेज छोडना है | इॊतज़ाय
कयते कयते ऩयेशान हो गमा हूॉ | “ जीत
फोरा, “देख मश, इतने बी भासूभ भत फनो
, तू अऩनी कोलशश फढा ” | सबी रडके
रडककमाॉ कॉरेज के अरावा फाहय प्राइवेट
तरास भंे बी ऩढने जाते है खासकय अगॉ ्रेज़ी
व रेखाकॊ न की तरास तो जरूय जाते है |
हभ जानकायी तनकारते है कक रुऩा ने कौन
सी प्राइवेट तरास जॉइन की है | हभ बी
वहीॊ तरास जॉइन कयंेगे | तुभ उसे वहाॉ जी
बय के देख रेना, रुऩा के साथ दोस्ती कयने
की कोलशश कयना |
10
मश फोरा , “ तमा मे हो सकता है “ भुझे तो अफ सफ सऩना ही
रगता है | न तो ऩढाई भें ध्मान रग यहा है न ककसी काभ भंे औय
न ही भै उसे ददभाग से तनकार ऩा यहा हूॉ | औय सभझो , हभ
दोनों के फीच अगय बववष्म भंे कोई रयश्ता फना बी तो तमा हभाये
ऩरयवाय , हभाये अरग अरग सभाज मे फात हजभ कय ऩाएॊगे ?
जीत, “ देख मश, तझु े इस फात ऩय ध्मान देना ऩडगे ा | वयना तये ी
खुद की क्ज़ॊदगी फफादद हो जाएगी | मा तो कपय तझु े इतनी तयतकी
कयनी ऩडगे ी कक तभु सफको झुका दो | अगय तुभ कोई अच्छा
करयअय फनाते हो तो तुम्हें थोडी भदद लभरेगी | तभु सी.ए. फनने
के फाये भंे तमों नहीॊ सोचते ? ”
मश, सी.ए. .. औय भंै ! , बाई भयना है तमा ? इतना ददभाग
नहीॊ चरता भेया | व्मवसाम के साथ सी.ए. की ऩढाई भैं नहीॊ कय
ऩाऊॉ गा |
जीत , देखो अगय तुम्हें अऩने भाॉ फाऩ के व्मवसाम को ही आगे
फढाना है तो वो तभु फढा ही दोगे रेककन तुम्हाये ऩारयवारयक
व्मवसाम भंे ज्मादातय रेनदेन सभाज के रोगों के साथ होता है |
आगे जाकय तमु ्हें भहसूस होगा कक तुम्हाया खदु का कोई अक्स्तत्व
ही नहीॊ है | तभु अफ एक रडकी के प्माय भें हो वो बी एक दसू यी
जातत की | अगय तुम्हाये ऩास खुद के हुनय से लभरी कोई डडग्री
होगी, खदु का करयअय होगा तो तुम्हाये प्माय के साये यास्ते आसान
हो जाएॊगे |
मश, सोचता हूॉ बाई ! रेककन इतनी ऩढाई भैं कय नहीॊ ऩाऊॉ गा |
इतने भंे ही कॉरेज की घटॊ ी फजी औय दोनों कऺा भंे गए | दसू या
रेतचय कॉभन था तो तरास फदर कय जैसे ही मश ने अॊदय देखा
तो साभने रुऩा फठै ी थी | शामद आज वो मा तो ऩहरे आई थी मा
फहुत देय से | मश की भानो जैसे रॉटयी रग गई हो | अफ कौन
तरास भंे ध्मान देने वारा था ? प्रोपे सय जैसे एक रडके को तरास
भें कभ लसखाने वारे थे | बफना नजय हटाए तरास खत्भ होने तक
वह रुऩा को देखता ही यहा | ऩूयी तरास को धीये धीये अॊदाजा होने
रगा था कक मॊहा कु छ तो होने वारा है मा कु छ हो यहा है | उस
ददन 2 रेतचय कॉभन थे औय मश को छोडकय ऩूयी तरास ऩढ यही
थी, उसने तो प्रोपे सय के ददए नोट्स बी नहीॊ लरखे थे |
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लरखने के लरए उसे पु यसत तो होनी चादहए थी न | इतना कयके
बी जैसे जी न बया हो | कॉरेज छू टने के फाद औय एक फाय रुऩा
को भोटयसाइककर से ओवयटेक कयके ऩीछे भडु कय स्भाइर देके मश
घय रौटा | आज बी गजफ की फारयश हुई थी इसलरए घय ऩय डाॉट
तो ऩडनी ही थी |
अफ जो ददनबय तरास भंे ऩढाई नहीॊ की थी, के लरए सफ ऩयू ा
कयने उसे देय यात तक लरखने फठै ना ऩडा | चरता है ,प्माय भें
कबी कबी |
14
21st जुराई 1998
आने वारा हय एक ददन कोई नमा ककस्सा
रेकय आ यहा था, जैसे कक कोई इततहास का
दहस्सा कु दयत लरख यही हो | आज सफु ह मश
जल्दी जाग गमा | घय भंे व्मामाभ कयने के
सबी उऩकयण थे, उसने थोडा सभम व्मामाभ
ककमा | चकॊू क उसने स्कू र की लशऺा भयाठी
भाध्मभ से प्राप्त की थी तो उसने कॉरेज
प्रोपे सय से प्रबाववत होकय अॊग्रेजी अखफाय
रेकय ऩढने की कोलशश की | जसै ा कक उसने
मात्रा के दौयान ऩसनद ैलरटी डवे रऩभेंट का
प्रान फनामा था, तो उसने कोलशश चारू कय
दी | आज जीत नहीॊ था तो वो अके रे कॉरेज
गमा था | तबी उसे यवव फोरा, “ अये मश
तझु े तो आज रॉटयी रग गई” | मश, ” तमों
बाई ऐसा तमा हुआ ? तमा रुऩा ने भुझे बफना
ऩूछे भझु े कोई प्रततकक्रमा दी है ? मा कॉरेज
के नोदटस फोडद ऩय आई रव मू लरखा है
उसने ? “ हॉसते हॉसते यवव फोरा, “ नहीॊ माय
, इतना जल्दी नहीॊ होगा , सुन, “ कोई
हसीना ऩहरे कदभ फढाती नहीॊ, भजफूयी ददर
से न हो तो ऩास आती नहीॊ “
8
ऐसा नहीॊ है बाई , यॉबफन सय से उसके तरास के फाये भें ऩता चरा
है, वो प्रदन्मा तरास भें अगॊ ्रेजी के लरए जाती है, उसका सभम हभ
ऩता कय रंेगे | मे वातम सुनकय मश थोडा बावकु हो गमा तमोंकक
उसका हय दोस्त उसे उसके प्माय रुऩा से लभराने के लरए भदद कय
यहा था, कोलशश कय यहा था | प्माय के साथ साथ मे कहानी दोस्ती
की बी है | कहते है न , आऩकी क्ज़दॊ गी भें बरे ही फहुत दोस्त न
हो रेककन क्जतने बी हो अगय वो ददर से साथ तनबाते है तो आऩ
सपर हो जाते है | मुवा अऩने भाॉ, फाऩ, बाई, फहन से सफ फाते
खरु के नहीॊ फताते, वो दोस्त ही होते है जो उन्हे भुसीफत से फाहय
तनकारते है , जीवन भंे आगे फढने के लरए प्रोत्सादहत कयते है |
कबी प्माय से, कबी डाटॉ कय, कबी झगड कय अच्छे दोस्त अऩने
दोस्त को क्ज़ॊदगी भें कबी चगयने नहीॊ देते |
मश ने उसका शुकक्रमा ककमा औय तरास भंे चरे गए | आज उसे
फहुत भौके लभरे, रुऩा क्जस फेंच ऩय फठै ी थी उसके फगर वारी फेंच
दोस्तों ने मश के लरए ऩहरे से खारी यखी थी | वसै े बी उनके दो
रेतचय एक साथ होने थे तो मश भौका नहीॊ छोडना चाहता था,
इसलरए अगॊ ्रेजी व रेखाॊकन के जो दो रेतचय दोनों एक साथ रेते
थे मश उन ववषमों भें ऩढाई नहीॊ कय ऩा यहा था | सफ से ऩीछे
होता जा यहा जा था औय प्राइवेट ट्मूइशन जाने के लरए उसके ऩास
इतना सभम नहीॊ था इसके दो भुख्म कायण थे ,रुऩा के ऩीछे घभू ना
व व्मवसाम | औय उसने स्कू र के ददनों से कबी प्राइवेट ट्मूइशन
सॊज़ीदगी से नहीॊ लरए थे | कबी जॉइन ककमा बी तो भुक्श्कर से
एक हफ्ते से ज्मादा रगाताय नहीॊ गमा | रुऩा के अरावा मश सबी
भाभरों भंे चॊचर था | साभान्म मुवा की तयह उसे न ककसी करयअय
की जरूयत थी औय न ही उसने इस फाये भें कबी सज़ॊ ीदगी से सोचा
था | वह खदु को हभेशा “ I am a discontinuous person ” फोरता था
|
कॉरेज खत्भ होने के फाद आज वह तयु ॊत घय रौटा, साथ भें
व्मवसाम कयने वारे रोग आए थे | यात को उन्हे छोडने गमा |
उन्हे फस भें फैठा के फारयश भंे ऩूया बीगता हुआ रुऩा के भोहल्रे भंे
चतकय काट के घय रौटा | उन ददनों डॉतटय की ऐश थी |
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फारयश भंे हय तीन चाय ददन भें बीगना, फीभाय ऩडना, इन्जेतशन,
सराइन जैसे हय हफ्ते का कोसद हो गए था | शामद ऩागरऩन था
वो | तबी यास्ते भें मश को ककसी ने ऩुकाया, “ साहफ “ मश,
कौन?, ” अये ववष्णु , कै से हो ? कहाॉ हो आजकर ? अये वाह
तबफमत अच्छी रग यही है तमु ्हायी “ तबी वो आदभी योते योते मश
के ऩयै छू ने रगे | मश, अये मे तमा कय यहे हो ? भैं 17 सार का
हूॉ औय तभु भुझसे रगबग दगु नी उम्र के है |
ववष्णु, साहफ आऩकी फात भानी तो भंै बुखभयी से फच गमा, कभया
लरमा, शादी की, फच्ची हुई अबी, आऩने भेयी क्ज़ॊदगी फना दी |
आऩने एक नौकय को सही याह ददखाई | मश, नहीॊ ऐसा नहीॊ है ,
क्ज़ॊदगी जीने का हक सबी को है, भनंै े तुम्हें फस वही फतामा था |
चरो अफ जाता हूॉ , घय ऩय याह देखते होंगे | ऩरयवाय के साथ
आना कबी वऩताजी से लभरने, इतना कहके वो तनकर गमा |
ववष्णु मश के वऩताजी के महाॉ तीन सार ऩहरे नौकयी कयता था,
उसे सौ रुऩमे फतौय वेतन लभरते थे | एक फाय फात कयते कयते
मश को ववष्णु ने फतामा कक वो एक सभम का ही खाना खाता है
|कभये का ककयामा औय गावॉ भें ऩरयवाय को ऩैसे बेजने के फाद
भुक्श्कर से एक वतत के खाने के लरए ऩैसे फचते है | तफ उसको
मश ने कोई ज्मादा वेतन वारी नौकयी तराशने को कहा, तो ववष्णु
ने फतामा कक नौकयी तो है रेककन नॉनवेज की दकु ान ऩय है, खाना
ऩीना औय दो हजाय वेतन | मश ने ऩूछा तुभ मे नौकयी कयते तमों
नहीॊ, तो उसने फोरा जानवय काटना अच्छी फात नहीॊ | मश तो
शदु ्ध शाकाहायी था, कपय बी उसने फोरा, अगय तू शाकाहायी होता
तो फात अरग होती | अफ जो चीज तभु खाते हो, उसे काटके मा
उसका व्माऩाय कयके अगय तुम्हायी क्ज़दॊ गी फन सकती है तो उसभे
फयु ा कु छ नहीॊ | क्ज़दॊ गी एक जगॊ है, प्माय औय जगॊ भंे सफ जामज
है | औय इससे बी फडी फात कक भैं शाकाहायी होकय बी तुम्हंे मे
याम दे यहा हूॉ , तो तुभसे ज्मादा ऩाऩ तो भुझे रगेगा |
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22nd जुराई 1998
कपय से फारयश भंे बीगने के कायण आज
बी मश की सेहत कु छ खास नहीॊ थी | कपय
बी सुफह जल्दी उठकय उसने औय जीत ने
व्मामाभ ककमा, फाद भंे तमै ाय होकय योज की
ददनचमाद की तयह भदॊ दय होकय जीत के
साथ कॉरेज चरा गमा | फारयश का भौसभ
औय ददभाग भंे घूभते हुए योभादॊ टक गाने मश
की सोच औय ददभाग ऩय फडा असय कय यहे
थे जसै े कक रूऩा नाभ की कोई आत्भा ने
उसके ददभाग को जकड लरमा हो | आज
उसे रूऩा का ज्मादा इॊतजाय नहीॊ कयना ऩडा,
दोनों रगबग एक ही सभम ऩय कॉरेज ऩहुॊचे
थे, तो कॉरेज की सीदढमों से तरास तक
जाते वतत बी मश को उसके ऩीछे चरने का
औय थोडा चचढाने का भौका लभर गमा |
तरास शरु ू होने से ऩहरे सबी दोस्त रोग
फारकनी भें जभा होकय फातें कय यहे थे,
चचे तो मश औय रूऩा के ही थे |
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कोई दोस्त मश को चचढा यहा था तो कोई दोस्त मश को आगे फढने की याम
दे यहा था औय कु छ दोस्त उसे प्रऩोज कयने के अरग-अरग तयीके फता
यहे थे |
तबी यवव उसे फोरा, मश, रूऩा के प्राइवेट ट्मशू न का सभम ऩता चर गमा
है आज सुफह भैं फाजाय योड से गुजय यहा था तफ तकयीफन 8:00 फजे रूऩा
को प्रऻा तरासेस भंे जाते हुए देखा तबी भैं तुम्हंे पोन कयने ही वारा था
रेककन वऩताजी के साथ होने के कायण नहीॊ कय ऩामा | आज हभ जाकय
उसी तरास भें तुम्हाया, भेया औय जीत का एडलभशन कयवाते हैं तमोंकक
अगय तुम्हाये साथ भेये मा जीत दोनों भें से एक बी आ ऩामा तो तुम्हायी
ददनचमाद भें कोई फदराव नहीॊ होगा औय तुभ हभेशा उसके कयीफ यह
ऩाओगे | मश फोरा, “ठीक है बाई वसै े बी सफ तरास रे ही यहे है ,
थोडा फहुत ऩढाई भंे बी उसका पामदा हो तो औय अच्छा होगा | “ उसी
सभम जीत फोरा, ” यवव तरास भें एडलभशन तुभ दोनों को ही रेना
ऩडगे ा तमोंकक भेये वऩताजी खदु अगॊ ्रेजी के प्रोपे सय है औय अगय भंै अगॊ ्रेजी
की ट्मशू न रगाऊॉ गा तो मह फात उन्हंे हजभ नहीॊ होगी ना ही वह अनुभतत
दंेगे औय योज झठू फोरकय कौन सा फहाना फनाकय भैं जल्दी आ ऩाऊॊ गा
तमोंकक तुभ शहय भंे यहते हो औय भंै शहय से फहुत दयू यहता हूॊ तो जल्दी
शहय भें आकय ददन बय रुकना भेये लरए आसान नहीॊ होगा | कपय बी
कबी कबी भैं जरूय साथ दॊगू ा” | मश फोरा , “अये बाई जीत भुझे मही
रगा था कक तुम्हाये वऩताजी तो खदु प्रोिे सय होने के कायण तुम्हाया
प्राइवेट ट्मशू न भंे भेये साथ आना भकु ्श्कर होगा | तुभ चचतॊ ा भत कयो,
भैं कु छ ना कु छ जुगाड कय रगूॊ ा | रूऩा की ट्मशू न भंे औय बी कोई ना
कोई लभत्र जरूय होगा तमोंकक यवव को कबी कबी अऩने वऩता के साथ
बफजनेस भंे बी हाथ फटाना ऩडता है इसलरए उसका बी योज भेये साथ
आना भुक्श्कर होगा, अके रे ही एडलभशन रे रेता हूॉ, आगे जो होगा
देखा जाएगा ”|
तबी घण्टी फजी औय तरास चारू हो गई | शुरू के दो रेतचय कॉभन थे तो
मश जी बय के रूऩा को देखता, चचढाता औय ऩागरों की तयह घयू ता यहा |
कॉभन रेतचय भंे कबी बी उसका ध्मान नहीॊ रगा भानो कक जैसे वह
रेतचयसद ऩढाई के लरए नहीॊ फक्ल्क वह उसकी औय रूऩा की भीदटगॊ के
लरए थे | धीये-धीये मह फात सबी रोगों को बी सभझ आने रगी थी औय
यॉबफन सय ने स्टाप रूभ भंे चचाद कय यखी थी इसलरए कोई प्रोिे सय उसे
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अबी तक तो नहीॊ डाॊटते थे |
फाद भंे ऩूया ददन वह फाकी चाय रेतचय भंे ऩढाई ऩय ध्मान देने की कोलशश
कयता यहा, कॉरेज खत्भ होने के फाद जोय से फारयश शरु ू हो गई थी औय
रूऩा फारयश की वजह से एक साइड भंे रुक गई थी | सोचना तमा था जफ
तक रुऩा रुकी हुई थी, तफ तक मश को बी वहीॊ रुकना ही था औय
कपय जानफूझकय रुऩा के ज्मादा से ज्मादा नजदीक जाकय रुक गमा |
दोस्तों के साथ इधय-उधय की फातंे कयते कयते उस ऩय राइन भायने रगा |
रूऩा बी हल्के से उसे नजये चयु ा कय देख यही थी वह तो सभझ गई थी कक
मह रडका उसके प्माय भंे दीवाना हो चुका है रेककन खुद की तयप से कोई
बी इशाया नहीॊ दे यही थी, ना ही वह ज्मादा ककसी से फात कयती थी तो उसके
भन भंे तमा चर यहा है मह ककसी को बी नहीॊ ऩता था, कपय फारयश रुक गई |
मश, रूऩा के यास्ते भंे जो भदॊ दय था वहाॊ जाकय रुक गमा औय रुऩा के आने
का इॊतजाय कयने रगा | कु छ ही देय भें रूऩा वहाॊ से गुजयी, उसने मश
को देखा औय अऩनी साइककर की यफ्ताय फढा के घय रौट गई | मश बी
अऩने घय आकय काभ ऩय रग गमा, उसने सोचा कक रूऩा की तरास भें
एडलभशन वह अगरे ददन ही रेगा इसलरए आज वह रूऩा की तरास ऩय
नहीॊ गमा | घय के व्मवसाम के योज के काभ कयके अऩनी डामयी
लरखकय, आज वह सो गमा | ज्मादा व्मामाभ कयने के कायण वैसे बी
फदन भंे कापी ददद था |
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23rd जुराई 1998
आज सुफह से ही मश का कॉरेज
जाने का भन नहीॊ था | न ही
सेहत ठीक थी न ददभाग | कहते
है न प्माय इन्सान को ऩागर
फना देता है | मश शामद सोच
यहा था कक तमों न वेदटगॊ गेभ
खेरी जाए तमोंकक उसने वैसे बी
कर के ददन रुऩा के साभने फहुत
सभम बफतामा था | उसने तम
कय लरमा था कक आज कॉरेज
फॊक कयते है थोडा रुऩा बी
सोचने रगे शामद | तबी जीत
आमा उसने कॉरेज चरने की
क्जद ऩकड री, जीत को उसकी
प्रेलभका तनशा को देखना था |
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मश, देख जीत कॉरेज के चतकय रगाते है, रेककन आज रेतचय
अटेन्ड नहीॊ कयते | आज कपय से ‘कयीफ’ भूवी देखने चरते है औय
भंै तो चाहता हूॉ आज रुऩा के साभने न आऊॉ वैसे बी कर से 3
ददन की कॉरेज की छु ट्दटमाॉ है तो थोडा रुऩा को बी भुझे बीड भंे
ढूॉढने दो औय भेयी माद भंे तडऩने दो , ताकक आगे जाके ज्मादा
ददभागी खेर न खेर ऩाए |
जीत, माय तये ा तकद सभझ नहीॊ आ यहा | जफ वो नहीॊ ददखती तफ
उसके घय के , गरी के चतकय काटते हो औय जफ वो योजाना
कॉरेज आ यही है तो भौका छोडकय तभु अनदेखा कय यहे हो | भझु े
तो कु छ सभझ ही नहीॊ आ यहा | ऐसा चरेगा तो तभु दोनों कफ
कयीफ आओगे ? |
मश , दोस्त , हाॉ, इसभे एक ददन एक ककस्सा कभ होने का
जोखखभ तो है, रेककन देख एकतयपा प्माय भैं नहीॊ भानता | वैसे
बी कोई रयश्ता अगय फनना है तो आग दोनों जगह फयाफय की होनी
चादहए | भुझे तो उसकी माद हयऩर आती है, उसका चेहया, उसकी
आखॉ ंे, उसकी शाॊतत भेयी आखॉ ों से एक ऩर के लरए बी दयू नहीॊ
होते | रेककन आज थोडा दयू होने का वतत है, “कपय एक नमा ददन
आएगा” |
कपय तमा, दोनों कॉरेज के नजदीक ऩहुॉच गए | मश जानफझू के
फेकयी ऩय रुक गमा | उसे ककसी बी हार भें रुऩा के साभने नहीॊ
आना था | फेकयी ऩय स्टू डंेट्स का अड्डा बी था | फर्थ्ड,ै स्नैतस,
के क, कोल्डडरतॊ स सफ ऩादटदमाॉ वहीॊ होती थी | मश ने कोल्डडरकॊ री
औय आयाभ से एक टेफर ऩय ऩीने फैठ गमा | रेककन कबी कबी
इॊसान क्जस चीज से ऩीछा छु डाना चाहता है, तकदीय उसे प्रेट भंे
सजाकय साभने ऩयोस देती है | अचानक से रुऩा, ईशा औय कु छ
अन्म सहेलरमों के साथ फेकयी ऩय आई | शामद आज ईशा का फर्थ्डै
था तो वह सहेलरमों को ऩाटॊ देने आई थी रेककन ज्मादातय टेफर
बयी होने के कायण मश के फगर वारे टेफर ऩय वह फैठ गई | मश
को थोडा अजीफ रग यहा था तमोंकक वह अके रा फैठा था औय वो
बी कोक के साथ | तबी अचानक से जीत बी आमा उसने आखॉ ों से
इशाया ककमा |
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मश सभझ गमा कक जीत ने रुऩा को फेकयी आते हुए देखा था औय
वह उसे कॊ ऩनी देने आमा था | मश के दोस्तों की मही तो फडी फात
थी, वे कबी उसे शलभदिं ा नहीॊ होने देते थे | कपय तमा जानफझू कय
मश औय जीत ने वही चीज़े ऑडयद की जो रुऩा औय उसकी सहेलरमों
ने की थी | जैसे कक कोई भहकिर जभी थी | मश के ददभाग भें
गाना घूभ यहा था, ” तू भेये साभने, भंै तये े साभने, तुझे देखूॉ कक
प्माय करूॉ ” | ऩाटॊ खत्भ हुई, रुऩा सहेलरमों के साथ कॉरेज चरी
गई | मश औय जीत जैसा तम हुआ था, भवू ी चरे गए |
वही प्माय बयी कहानी, वही प्माय बये गाने, दोनों ने भवू ी का
आनॊद तो लरमा रेककन भूवी से तनकरते ही यास्ते भें मश की
भोटयसाइककर फॊद हो गई, कोई भोटयसाइककर सही कयने वारा
ऩास नहीॊ था तो दोनों दोस्त फायी फायी भोटयसाइककर को धतका
रगाते रगाते घय रौटे | फारयश भंे बीगना तो जैसे उसका नसीफ
फन गमा था |
मश भन भंे तो फहुत खुश था तमोंकक वसै े बी साथ भंे फेकयी भें
सभम बफता कय उसने कॉरेज फकॊ ककमा था औय उसे ववश्वास था
कक रुऩा जरूय कन्फ्मूज़ हुई होगी कक इसने रेतचय तमों नहीॊ अटेन्ड
ककए | शामद उसकी आखॉ े बी बीड भें मश को ढूॊढ यही हो |
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24th जुराई 1998
आज चॉकू क कॉरेज फॊद था, मश औय उसके
दोस्तों ने नजदीकी ऩहाडी औय भदॊ दय ऩय
घूभने जाने की मोजना फनाई | सफु ह तैमाय
होकय मश अके रे ही रुऩा की तरास भें
ऐडलभशन के लरए गमा, रेककन ऐडलभशन
फदॊ हो गए थे, मश ने प्रोपे सय को सभझाने
की कोलशश की रेककन फात नहीॊ फनी, वह
उदास भन से वहाॉ से तनकरा | तफ तक
सफ दोस्त आ गए, चायों दोस्त
भोटयसाइककर रेके घूभने तनकर ऩडे |
उन ददनों साभान्मत् भोफाईर नहीॊ यहते थे
| भोदहत अऩना कोडके का कै भया रेकय
आमा था | फारयश का भौसभ, ऩहाडडमा,ॉ
भॊददय भें ऩूजा के सुय औय हसीन वाददमाॉ
सफ ने इन सफ के फहुत भजे लरए औय
तस्वीये खीची |
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उस उम्र भंे ऩरयऩतवता का अबाव यहता है औय साहस हद से
ज्मादा यहता है मही कायण था कक बफना ककसी सुयऺा उऩकयण के
ऩहाड की भुक्श्कर चोदटमों ऩय शतद रगा के चढने रगे |
मश को बी मह सभम फहुत सुकू न दे गमा | कु छ घण्टों के लरए
वह ऐसी क्ज़ॊदगी जी गमा जैसे रुऩा नाभ का कोई शतस उसकी
क्ज़दॊ गी भंे है ही नहीॊ |
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25th जुराई 1998
आज कॉरेज नहीॊ था | आयाभ से उठ के
व्मामाभ कयके मश रुऩा के तरास ऩे औय
भोहल्रे तक चतकय काट के आमा | अफ
उसे रुऩा के तरास का टाइभ ऩता था तो
उसकी एक झरक देखने की उभीद भंे
चतकय कटता यहा | कपय घय रौट के वऩता
के साथ व्मवसाम के लरए खयीददायी कयने
गमा | उस जभाने भें भॉरस का याज
इतना नहीॊ था इसलरए अरग अरग फाजाय
जा कय खयीददायी कयनी ऩडनी थी | दोऩहय
को दोस्त रोग इकट्ठा हो गए | मोजना
थी सदी ककन सफसे फडी योभकै ्न्टक भूवी
टाइटैतनक देखने जाने का | जुराई १९९८ भें
अफ तक की सफसे अच्छी योभकै ्न्टक भूवीज
एक ही भहीने भंे रयरीज हुई थी औय नई
भवू ीज देखनी हो तो टॉकीज जाने के
लसवाम कोई ववकल्ऩ नहीॊ यहता था |
वी.सी.डी. / डी.वी.डी. मा ओ.टी.टी. जैसे
ववकल्ऩ उऩरब्ध नहीॊ हुआ कयते थे |
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सी.डी. लभरती थी भगय वो बी ५ मा ६ भहीने फाद | तो चायों
दोस्त अऩनी एक साथ लसनेभा ऩहुॉचे | ऩूया लसनेभा बया हुआ था,
इसलरए दटकट रेने के लरए जुगाड रगाना ऩडा था | भोदहत का
एक दोस्त लसनेभा घय भें काभ कयता था, उससे कहके भोदहत ने
दटकट का प्रफॊध ककमा | फारयश बी जोयों से हो यही थी | भूवी शरु ू
होने भंे सभम था तो सफ साभने वारे कै पै भंे चाम ऩीने गए |
जीत फोरा, “तो आज तमा तमा ककमा, ककतने चतकय रगाए” |
मश, “हाॉ बाई तीन चाय फाय ढूॉढा उसे रेककन कहीॊ ददखी नहीॊ |
शामद आज उसने तरास फॊक की होगी | काश उसकी तरास भें
ऐडलभशन लभर जाता तो अच्छा होता रेककन तमा कयें | देखते है
आगे कु छ न कु छ यास्ता तनकर आएगा” | फात कयते कयते वे कै पै
से फाहय आए | लसनेभा उनके कॉरेज से एकदभ नजदीक था | औय
जसै े ही फाहय आए तबी यवव जो सफसे ऩहरे फाहय तनकरा था ,
जोय से चचल्रामा “मश” | मश फोरा, “तमा हुआ यवव ? ” | यवव –
बाई जया अऩनी दामीॊ ओय दयू तक नजय भायो | मश ने भुडके
देखा तो वो बी दहर गमा | साभने से रुऩा अऩने यथ ऩे ( साइककर
ऩे ) सवाय होकय सहेलरमों के साथ आ यही थी |
ऩारयद जा के आई थी शामद | मश को रगा कक काश लसनेभाघय भंे
वो बी आए तो साथ भंे भवू ी देखने का भौका लभरेगा | रेककन उस
ददन वैसा होना नहीॊ था | वह साभने से चरी गई, मश बी उसे
ऩागरों की तयह देखता यहा | कपय भूवी शरु ू होने का सभम हो
गमा तो सफ लसनेभाघय के अॊदय चरे गए | ऩूयी भूवी भंे मश रुऩा
के फाये भें ही सोचता यहा | भवू ी उसे फहुत ऩसॊद आई औय तमोंकक
रुऩा उसे अचानक से ददख गई थी तो उसे रगा की जसै े ऊऩय वारे
ने कु छ इशाया ददमा है औय टाइटैतनक की तयह मह कहानी उसकी
बी जान न रेरे |
एकदभ खुशी के भाहौर भंे घय रौटकय रुऩा के सऩने सजाते हुए
सो गमा | ऩढाई तो जसै े कबी कयनी होती ही नहीॊ थी | वह कॉरेज
सीखने के लरए थोडे ही जाता था, वह तो रुऩा के ऩीछे घूभने के
लरए जाता था |
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वैसे देखा जाए तो उन चायों का गटु ऩढाई के फाये फाये भें गबॊ ीय
नहीॊ था | मश औय यवव व्मावसातमक ऩरयवाय से थे | भोदहत खुद
ऩाटद टाइभ नौकयी कयता था औय जीत के वऩताजी प्रोपे सय थे | तो
जीत के वऩताजी को छोडकय ऩढाई के फाये भें उन्हे डाॉटने वारा कोई
नहीॊ था | उस जाभने भें प्री तवारपाइ ऩयीऺा से ज्मादा फायहवी
कऺा के अकॊ ों की एहलभमत थी रेककन मह चायों तो जैसे ककताफ
हाथ भें रेना भतरफ जैसे कोई गनु ाह है ऐसा सभझते थे |
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26th जुराई 1998
कर की घटना की वजह से मह एक
ठॊ डा औय फयसात का यवववाय था, मश
फहुत खुश था औय महाॊ तक कक उसने
इस फात ऩय बी ध्मान ददमा कक रूऩा
ने उसे टॉकीज ऩय दोस्तों के साथ देखा
था, रेककन मश ने आज उसका ऩीछा
न कयके कपय से अऩना खुद का भान
यखा । जसै ा कक भूड फहुत अच्छा था,
उसने सुफह बायी कसयत की, कपय वह
शहय के सफसे अच्छे सैरून भंे गमा
तमोंकक वह रूऩा के साथ प्रततस्ऩधाद
कय यहा था, क्जसने कर अऩने फारों
की शरै ी को थोडा फदरा था। सरै नू भंे
एक रडका था तनततन जो ददल्री के
शीषद सरै नू से प्रलशक्षऺत था। मश औय
तनततन कयीफ हो गए औय थोडी
फातचीत से तनततन सभझ गमा कक
मश उससे तमा उम्भीद कय यहा था।
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मश, "जो बी कयना हो कयो, रेककन जोकय भत फना देना (हॊसते
हुए)"। उस ददन ऩहरी फाय रगबग 17 सार की उम्र भंे उसने
ब्रीच, पे लशमर औय महाॊ तक कक फारों ऩय बी शेड्स का इस्तेभार
ककमा था। साया काभ ऩयू ा होने के फाद, आईने भंे मश के लरए खुद
का चेहया औय रुक ऩहचानना भुक्श्कर था। कपय वह घय रौटा,
उसके भाता-वऩता उसके नए रूऩ को ऩसदॊ कयने के फावजदू फहुत
हॉसे।
कपय शाभ को व्मावसातमक काभ के लरए मश को फाहय जाना ऩडा,
रूऩा की कॉरोनी भें कु छ चतकय का भौका लभरा। वह कर की
तयह एक औय चभत्काय की उम्भीद कय यहा था, मा तो मह फहुत
अचधक भखू तद ा मा फहुत अचधक भासलू भमत वारी सोच थी |उन
ददनों व्माऩाय भंे तजे ी थी औय मश को फहुत सायी व्मावसातमक
गततववचधमों का प्रफॊधन कयना ऩडता था। चकूॊ क उनका घय औय
व्मवसाम का स्थान सभान था औय उनका व्मवसाम गहनों का था,
इसलरए सबी जोखखभ कभचद ारयमों के हाथों भें नहीॊ डार सकते थे,
इसलरए मश को कई व्मावसातमक कामों की क्जम्भेदायी स्वमॊ रेनी
ऩडती थी औय रूऩा के साथ अऩने एकतयपा सफॊ ॊध के दौयान, उसी
वषद अचधक मात्रा कयनी ऩडी। चॊकू क वे रगबग सबी व्मावसातमक
गततववचधमों को सबॊ ार यहा था, उन ददनों उनकी जेफ भंे बायी ऩैसा
था औय अरग फ्रैट की गोऩनीमता के कायण वे 1998 से हय यात
अऩनी डामयी लरख यहा था तमोंकक कोई बी उसे ऩढने वारा नहीॊ
था।
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27th जुराई 1998
एक औय ददन एक औय कहानी औय कर की
तयह एक औय माद, सैरनू से रौटते सभम
मश ने तनततन सैरून की लसपारयश ऩय कु छ
सौंदमद उत्ऩाद खयीदे। सुफह बायी व्मामाभ के
फाद उसने कु छ वतत भेकअऩ औय नए हेमय
स्टाइर ऩय बी बफतामा। इस वजह से उसे
कॉरेज के लरए देय हो गई, जीत उसके नए
अवताय से हैयान हो गमा | उसने कहा "वाह,
तुभ अद्बुत रग यहे हो माय अफ तुम्हें
कॉन्टैतट रेंस ऩहनना चादहए औय आखॊ ों का
यॊग फाय-फाय फदरना चादहए" नहीॊ, "बफल्कु र
नहीॊ! भुझे रेंस से डय रगता है। इससे आखॊ ों
भंे चोट रग सकती है। भैं उनका कबी बी
उऩमोग नहीॊ करूॊ गा औय भेयी भाॉ बी हभेशा
कहती हैं कक भेयी आखॉ ंे फहुत आत्भववश्वासी
ददखती हैं। उन्हंे अऩना यॊग तमों फदरना
चादहए (हॉसते हुए वह पु सपु साए) वे कॉरेज भंे
देय से आए थे रेककन ककसी तयह प्रोपे सय के
प्रवेश कयने से ऩहरे कऺा भें प्रवेश कय गए,
रूऩा ऩहरे से भौजूद थी। मश के गंैग ने उसके
लरए रूऩा की कताय भें ऩहरे से ही फंेच खारी
कय यखी थी। जफ वह अऩनी फंेच ऩय ऩहुॉचा
तो रूऩा उसकी ओय देख यही थी, उसकी शतर
औय अऩना चेहया ईशा की ओय घुभामा औय
थोडा हॉसने रगी ।
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