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अरनव सैनी, 5 ए अयान वी. ए 5 ए
हमारा प्यारा स्ूक ल माँ
देखो बच्चों स्कू ल हमारा माँ हमारे जीवन में यदि कोई
सबसे न्यारा सबसे प्यारा | सबसे ज़्यादा महत्व रखता है |
हमको है यह सब सिखलाता , वह हमारी माँ है ।
आगे बढने की राह दिखलाता || माँ सिरफ् हमारी जननी ही नहीं
पूरे कोच्चि की है शान, बल्कि हमारी अभिभावक,
हमको है इस पर अभिमान | शिक्षक एवं सबसे अच्ेछ मित्र भी होती है |
उच्च खेलकू द और ज्ञान खुद को भूखा रखकर
यही है एन. सी . एस की पहचान || अपने बच्चंो को खाना खिलाना,,
पूजा , ज्ञान और विज्ञान की बातंे न भूलने वालीमाँ..
सारे अध्यापक हमंे सिखलाते | प्ेरम एवं करुणा का प्रतीक है ।
हमंे है आगे बढते जाना माँ संकट की घडी मंे भी
हर सीढी को चढते जाना || हमंे अके ला महसूसहोनेनहीं देती।
हर बच्चे का एक ही सपना माँ पृथ्वी परईश्वर का रूप है |
एन. सी . एस जैसा स्ूक ल हो अपना | इसलिए हमें माँ का सम्मान करते हुए
सबसे अनूठी इसकी पढाई उसे सदैव खुश रखने की कोशिश करनी चाहिए ॥
हर कोई करता इसकी बढाई ||
हमको है अनुशासित बनाता
ऎसी हममंे ज्योति जलाता |
हमारा है बस एक ही सपना
सबसे आगे रहे स्ूक ल अपना ||
150 | BEACON 2020-21 | NAVY CHILDREN SCHOOL, KOCHI | www.ncskochi.ac.in
जसकीरत सिहं , 4 इ श्रेया त्रिवेदी, 3 ए
पहेलियाँ वकृ ्ष
1. गोल है पर नही,ं पँूछ है पर पशु नही,ं पंूछ पकड़कर जीवन का आधार वृक्ष हैं
खेलंे बच्चे, फिर भी मेरे आंसू न निकलते? धरती का श्ृंरगार वृक्ष हंै।
2. ऊँ ट की बैठक, हिरन सी तेज चाल। वो कौन सा जानवर प्राण वायु दे रहे सभी को,
जिसके पूँछ न बाल। ऐसे परम उदार वृक्ष हैं।
3.त ीन अक्षर का मेरा नाम। उल्टा सीधा एक समान॥ ईश्वर के अनुदान वृक्ष हैं,
4. 1 लाल डिबिया में हंै पीले खाने, खानों मंे मोती के दाने?
5. जो करता है वायु शुद्ध, फल देकर जो पेट भरे , मानव फल-फू लों की खान वृक्ष हैं।
बना है उसका दुश्मन, फिर भी वह उपकार करे ? मूल्यवान औषधियां देते,
6.ध न-दौलत से बड़ी है यह, सब चीजों से ऊपर है यह, जो ऐसे दिव्य महान वृक्ष हैं।
पाए पंडित बन जाए, बिन पाए मूर्ख रह जाए? देते शीतल छांव वृक्ष हैं,
7. चौकी पर बैठी एक रानी, सिर पर आग बदन मंे पानी॥ रोकें थकते पांव वृक्ष हैं।
8. फू ल भी हूँ, फल भी हँू और हँू मिठाई, तो बताओ क्या हँू लाखों जीव बसेरा करते,
मैं भाई॥ जैसे संुदर गांव वृक्ष हैं।
9. जल से भरा एक मटका, जो है सबसे ऊँ चा लटका, पी जनजीवन के साथ वृक्ष हंै,
लो पानी है मीठा, ज़रा नहीं है खट्टा॥ खुशियों की बारात वृक्ष हंै।
10.ल ाल हूँ, खाती हँू मैं सूखी घास, पानी पीकर मर जाऊँ , योगदान से इस धरती पर,
जल जाए जो आए मेरे पास॥ ले आते वरदान वृक्ष हैं।
जीव-जगत की भूख मिटाते,
उत्तर ये सुंदर फलदार वृक्ष हंै।
1. गुब्बारा
2. मंेढक जीवन का आधार वृक्ष हैं,
3. जहाज धरती का शृंर्गार वृक्ष हंै।
4. अनार
5.पेड़
6. विद्या
7. मोमबत्ती
8.ग ुलाबजामुन
9. नारियल
10. आग