REET LEVEL 1 & 2
SYLLABUS
राजस्थान लशक्षक पात्रिा परीक्षा
(REET Level–I)
ललखिि परीक्षा योजना एवं पाठ्यक्रम :
िण्ड ललखिि परीक्षा का पाठ्यक्रम प्रश्नों की संख्या अंक समय
30 30 2.30 घंटे
I. बाल हवकास एवं लशक्षा हवचियाँ 30 30
II. भाषा प्रर्म 30 30
हहन्दी, अंग्रेजी, ससं ्कृ त, उदूग, पंजाबी (कोई एक भाषा) 30 30
30 30
III. भाषा हितीय 150 150
हहन्दी, अंग्रजे ी, संस्कृ त, उदूग, पंजाबी (कोई एक भाषा)
IV. गभणत
V. पयागवरण अध्ययन
कु ल
नोट :
1. प्रश्न-पत्र में ििी प्रश्न बहुतवकल्पीय होंगे िथा ििी प्रश्नों के अकं िमान होंगे।
2. मूल्यांकन में ऋणात्मक अंकन नहीं तकया जाएगा।
पाठ्यक्रम
खण्ड-I लशक्षण अचिगम की प्रहियाएँ, राष्ट्रीय पाठ्यचयाग रूपरेखा-2005
िाल तवकास एवं क्तशक्षि तवचधयाँ के संदभग मंे लशक्षण अचिगम की व्यहू रचना एवं हवचियाँ।
आकलन, मापन एवं मलू ्यांकन का अर्ग एवं उद्देश्य, समग्र एवं
िाल तवकास:- वदृ्धर्द् एवं हवकास की सकं ल्पना, हवकास के
हवभभन्न आयाम एवं लसर्द्ान्त, हवकास को प्रभाहवत करने वाले सतत् मलू ्यांकन, उपलस्ब्ि परीक्षण का हनमाणग । सीखने के
कारक (हवशेष रूप से पररवार एवं हवद्यालय के सदं भग मंे) एवं
प्रहतफल
अचिगम से उनका सबं ंि हियात्मक अनसु न्िान
वंशानुिम एवं वातावरण की भूचमका लशक्षा का अचिकार अचिहनयम-2009 अध्यापकों की भूचमका एवं
व्यक्तिगत तवणभन्नताए:ँ - अर्ग, प्रकार एवं व्यलक्तगत
दाहयत्व।
हवभभन्नताओं को प्रभाहवत करने वाले कारक। खण्ड-II
व्यक्तित्व:- संकल्पना, प्रकार व व्यलक्तत्व को प्रभाहवत करने वाले
भािा प्रथम-तहन्दी
कारक। व्यलक्तत्व का मापन।
िुद्धि:- सकं ल्पना, लसर्द्ान्त एवं इसका मापन, बहुबुद्धर्द् लसर्द्ान्त एक अपटित गद्यांश मंे से तनम्नक्तलखखत व्याकरि संिंधी
प्रश्न:- पयागयवाची, हवलोम, वाकयांशों के ललए एक शब्द, शब्दार्ग,
एवं इसके हनहहतार्ग। शब्द शुद्धर्द्। उपसगग, प्रत्यय, संचि और समास। सजं ्ञा, सवगनाम,
तवतवध अचधगमकताओथ ं की समझ:- हपछडे, हवमटं दत, हवशेषण, अव्यय।
प्रहतभाशाली, सजृ नशील, अलाभान्न्वत-वंचचत, हवशषे एक अपटित गद्यांश में से तनम्नक्तलखखत बिुि ओं पर प्रश्न:-
रेखांहकत शब्दों का अर्ग स्पष्ट करना, वचन, काल, ललगंि ज्ञात
आवश्यकता वाले बच्चे एवं अचिगम अक्षमता युक्त बच्च।े
अचिगम मंे आने वाली कटठनाइयाँ करना। टदए गए शब्दों का वचन काल और ललिगं बदलना।
समायोजन की सकं ल्पना एवं तरीके , समायोजन में अध्यापक की वाकय रचना, वाकय के अंग, वाकय के प्रकार, पदबिं , मुहावरे और
भचू मका लोकोलक्तयाँ, हवराम चचह्न।
अचिगम का अर्ग एवं संकल्पना। अचिगम को प्रभाहवत करने वाले भाषा की लशक्षण हवचि, भाषा लशक्षण के उपागम, भाषा दक्षता का
कारक। हवकास।
अचिगम के लसर्द्ान्त एवं इनके हनहहतार्ग। भाषायी कौशलों का हवकास (सुनना, बोलना, प़िना, ललखना)
बच्चे सीखते कै से ह।ै अचिगम की प्रहियाएँ। चचन्तन, कल्पना एवं
कहिंदी भाषा लशक्षण में चनु ौहतयाँ, लशक्षण अचिगम सामग्री, पाठय
तकग पुस्तक, बहु-माध्यम एवं लशक्षण के अन्य संसािन।
अभभप्ररे णा व इसके अचिगम के ललए हनहहतार्ग।
:: 27 ::
भाषा लशक्षण मंे मूल्यांकन, उपलस्ब्ि परीक्षण का हनमागण समग्र सचं ि, समास, सजं ्ञा, सवनग ाम, हवशेषण, हिया, ललिंग, वचन, काल,
एवं सतत् मलू ्यांकन, उपचारात्मक लशक्षण। शब्द शदु्धर्द्,।
एक अपटठत पद्यांश पर आिाररत हनम्नललखखत कबंिुओं पर प्रश्न :
SECTION-II भाव सौंदयग, हवचार सौंदयग, नाद सौंदयग, लशल्प सौंदयग, जीवन दृहष्ट।
वाकय रचना, वाकय के अंग, वाकय के भदे , पदबंि, मुहावरे,
LANGUAGE-I ENGLISH लोकोलक्तयाँ। कारक चचह, अव्यय, हवराम चचह्न।
भाषा लशक्षण हवचि, भाषा लशक्षण के उपागम, भाषायी दक्षता का
Unseen Prose Passage:- Synonyms, Antonyms, हवकास।
Spellings, Word-formation, One Word भाषायी कौशलों का हवकास (सनु ना, बोलना, प़िना, ललखना)
Substitution. लशक्षण अचिगम सामग्री-पाठय पसु ्तक, बहु-माध्यम एवं लशक्षण के
अन्य ससं ािन।
Unseen Prose Passage:- Parts of Speech, भाषा लशक्षण में मूल्यांकन, (सुनना, बोलना, प़िना, ललखना)
Tenses, Determiners, Degrees of comparison. उपलस्ब्ि परीक्षण का हनमागण समग्र एवं सतत् मलू ्याकं न।
उपचारात्मक लशक्षण।
Framing Questions Including Wh-questions,
Active and Passive Voice, Narration, Knowledge SECTION-III
of English Sounds and Phonetic Symbols
LANGUAGE-II ENGLISH
Principles of Teaching English, Methods and
Approaches to English Language Teaching Unseen Prose Passage:- Linking Devices,
Subject-Verb Concord, Inferences
Development of Language Skills, Teaching
Learning Materials:- (Text books, Multi Media Unseen Poem:- Identification of Alliteration,
Materials and other Resources) Simile, Metaphor Personification, Assonance,
Rhyme.
Comprehensive & Continuous Evaluation,
Evaluation in English Language. Modal Auxiliaries, Common Idioms and Phrases
Literary Terms Elegy, Sonnet, Short Story,
खण्ड-II Drama.
भािा-प्रथमा-संस्कृ तम्
Basic knowledge of English Sounds and
एकम् अपटितं गद्यांशम् आधारीकृ त्य तनम्नक्तलखखत व्याकरि symbols.
सम्िन्न्धतः प्रश्नाः- शब्दरूप - िातुरूप - कारक -हवभलक्त-
उपसगग-प्रत्यय सन्न्ि–समास-सवगनाम हवशषे ण संख्याज्ञानम्- Principles of Teaching English, Communicative
माहशे ्वर सतू ्राभण अव्ययषे ु प्रश्नािः। Approach to English LanguageTeaching,
Challenges of Teaching English: Difficulties in
एकम् अपटठतं गद्याशं म् राजस्र्ानस्य इहतहास-कलां-संस्कृ हत learning English (role of home language,
आटदनाम् आिारीकृ त्य हनम्नललखखत हबन्ुसम्बन्न्िनिः प्रश्नािः, multilingualism).
रेखांहकत हियापद-चयन-वचन-लकार-ललंगि ज्ञान प्रश्नािः, हवलोम
शब्द-लकार पररवतगन प्रश्नािः (लि्-लङ् लृि्-हवचिललङ् लकारेषु) Methods of Evaluation, Remedial Teaching
संस्कृ तानुवादिः, वाच्यपररवतनग म् (लि्-लकारस्य) वाकयषे ु- खण्ड-III
प्रश्नहनमागणम्, अशुद्धर्द्सशं ोिनम् ससं ्कृ तसूक्तयिः।
(i) ससं ्कृ त भाषा-लशक्षण-हवियिः। भािा-तितीया-संस्कृ तम्
(ii) ससं ्कृ तभाषा-लशक्षण-लसर्द्ान्तािः।
एकम् अपटितं गद्यांशम् आधारीकृ त्य तनम्नक्तलखखत व्याकरि
संस्कृ तभाषाकौशलस्य हवकास:, (श्रवणम्, सम्भाषाणम् पठनम्, सम्िन्न्धतः प्रश्नाः- शब्दरूप-िातुरूप-कारक हवभलक्त उपसगग-
लखे नम्) प्रत्यय–सन्न्ि–समास-लकार-सवनग ाम-हवशषे ्य-हवशेषण ललंिग-
सखं ्याज्ञानम् समयज्ञानम् अव्ययेषु प्रश्नािः।
ससं ्कृ ताध्यापनस्य अचिगमसािनाहन, पाठ्यपुस्तकाहन, संप्रषे णस्य
सािनाहन। एकम् अपटठतं पद्यांशं वा श्लोकम् राजस्र्ानस्य इहतहास-कलां-
संस्कृ हत आटदनाम् आिारीकृ त्य हनम्नललखखत- हबन्ुसम्बन्न्िन:
संस्कृ तभाषा लशक्षणस्य मलू ्यांकन सम्बन्न्िनिः प्रश्नािः, मौखखक- व्याकरण प्रश्नािः –
ललखखतप्रश्नानां प्रकार सततमूल्याकं नम् उपचारात्मकलशक्षणम्।
सन्न्ि-समास-कारक-प्रत्यय छन्द लकारसम्बन्न्िनिः प्रश्नािः।
खण्ड-III हवशेष्य हवशषे ण ललिंगसम्बन्न्िनिः प्रश्नािः।
भािा-तितीय-तहन्दी ससं ्कृ तानुवादिः, स्वर–व्यंजन-उच्चारणस्र्ानाहन, वाच्यपररवतगनम्
एक अपटितं गद्यांश आधाररत तनम्नक्तलखखत व्याकरि संिधं ी (लि्लकार)
प्रश्न:- यगु ्म शब्द, वाकयाशों के ललए एक शब्द, उपसगग, प्रत्यय, अशुद्धर्द्संशोिनम् ससं ्कृ त सकू ्तयिः।
:: 28 ::
(i) ससं ्कृ त भाषा लशक्षण हवियिः। आटद), हवद्युत और जल का अपव्यय, रोजगार नीहतयाँ, ससं द,
(ii) संस्कृ तभाषा लशक्षण लसर्द्ान्तािः। हविानसभा, राजस्र्ान के द्धजले एवं राजस्र्ान मंे पंचायती राज।
(ii) ससं ्कृ त लशक्षणाभभरुचचप्रश्ना:। हमारी सभ्यता, संस्कृ तत:- राष्ट्रीय प्रतीक, राष्ट्रीय पवग, राजस्र्ान
संस्कृ तभाषाकौशलस्य हवकासिः, (श्रवणम्, सम्भाषणम्, पठनम्, के मले े एव त्यौहार, राजस्र्ान की वशे भषू ा एवं आभूषण,
लेखनम्) संस्कृ तलशक्षणे-अचिगमसािनाहन, ससं ्कृ तलशक्षणे राजस्र्ान का खान-पान, राजस्र्ान की वास्तकु ला, राजस्र्ान के
संप्रषे णस्य सािनाहन, ससं ्कृ तपाठ्यपुस्तकाहन। पयगिन स्र्ल, राजस्र्ान की प्रमखु हवभूहतयां एवं गौरव राजस्र्ान
ससं ्कृ तभाषालशक्षणस्य मूल्याकं न सम्बन्न्िनिः प्रश्नािः, मौखखक- की हवरासत (प्रमखु ुगग, महल, स्मारक) राजस्र्ान की चचत्रकला,
ललखखतप्रश्नानां प्रकारा: सततमूल्यांकनम् उपचारात्मक लशक्षणम।् राजस्र्ान की लोकोलक्तयाँ, राजस्र्ान के लोकदेवता।
पररवहन और सचं ार:- यातायात और संचार के सािन, सड़क
खण्ड – IV पर चलने और यातायात के हनयम, यातायात के संके त, सचं ार
गणित सािनों का जीवन शैली पर प्रभाव।
अपने शरीर की देख-भाल:- शरीर के बाहय अगं और उनकी
एक करोड़ तक की पूणग सखं ्याएँ, स्र्ानीय मान, तुलना, गभणतीय
मलू सहं ियाएँ –जोड़, बाकी, गणु ा, भाग; भारतीय मिु ा। साफ-सफाई, शरीर के आंतररक भागों की सामान्य जानकारी,
सतं लु लत भोजन की जानकारी और इसका महत्त्व, सामान्य रोग
भभन्न की अविारणा, उचचत भभन्नं, समान हर वाली उचचत भभन्नों (आंत्रशोर्, अमीयोबायोलसस, मेिहीमोग्लोहबन, एहनचमया,
की तुलना, चमश्र भभन्नें, असमान हर वाली उचचत भभन्नों की फ्लुओरोलसस, मलेररया, डंेगू) उनके कारण और बचाव के उपाय,
तुलना, भभन्नों की जोड़ बाकी, अभाज्य एवं सयं ुक्त संख्याएँ,
अभाज्य गुणनखण्ड, लघुिम समापवत्यग, महिम समापवतगक। पल्स पोललयो अभभयान।
सजीव जगत:- पादपों और जंतुओं के संगठन के स्तर, सजीवों मंे
ऐहकक हनयम, औसत, लाभ-हाहन, सरल ब्याज।
समतल व वितल, समतल व ठोस ज्याचमहतय आकृ हतयाँ समतल हवहविता, राज्य पुष्प, राज्य वकृ ्ष, राज्य पक्षी, राज्य पशु, सरं भक्षत
वन क्षेत्रों एवं वन्य जीव (राष्ट्रीय उद्यान, वन्य जीव अभयारण्य,
ज्याचमतीय आकृ हतयों की हवशषे तायंे हबन्ु, रेखा, हकरण, रेखा बाघ संरभक्षत क्षेत्र, हवश्व िरोहर) की जानकारी, पादपों तर्ा
खण्ड, कोण एवं उनके प्रकार। लम्बाई, भार, िाररता, समय, जंतुओं की जाहतयों का संरक्षण, कृ हष पर्द्हतयाँ।
क्षेत्रमापन एवं इनकी मानक इकाइयाँ एवं उनमें सबं ंि वगागकार जल:- जल, वन, नमभूचम और मरुस्र्ल की मूलभतू जानकारी,
तर्ा आयताकार वस्तओु ं के पृष्ठ तल का क्षते ्रफल एवं पररमाप। हवभभन्न प्रकार के प्रदूषण एवं इनका हनयतं ्रण, जल के गणु , जल
गभणत की प्रकृ हत एवं तकग शलक्त, पाठ्यिम में गभणत की महिा, के स्त्रोत, जल-प्रबिं न, राजस्र्ान में कलात्मक जल स्त्रोत,
गभणत की भाषा, सामदु ाहयक गभणत, आकँ ड़ों का प्रबंिन।
औपचाररक एवं अनौपचाररक हवचियों िारा मूल्यांकन, लशक्षण की पये जल व लसिंचाई स्त्रोत।
समस्याएं, त्रटु ि हवश्लेषण एवं लशक्षण एवं अचिगम से संबंचित, हमारी पथृ ्वी व अतं ररक्ष:- सौर पररवार, भारत के अंतररक्ष यात्री।
हनदानात्मक एवं उपचारात्मक लशक्षण। पवथतारोहि:- पवगतारोहण मंे कटठनाईयाँ एवं काम आने वाले
खण्ड – V औजार, भारत की प्रमखु महहला पवतग ारोही।
पयाथवरि अध्ययन के क्षते ्र एवं संकल्पना। पयागवरण अध्ययन
पयाथवरि अध्ययन
का महत्व, समाकललत पयागवरण अध्ययन, पयावग रण लशक्षा के
पररवार:- आपसी सबं ंि, एकल एवं संयकु ्त पररवार, सामाद्धजक अचिगम लसर्द्ान्त, पयागवरण अध्ययन का हवज्ञान एवं सामाद्धजक
बरु ाईयां (बाल हववाह, दहजे प्रर्ा, बालश्रम, चोरी), ुव्यगसन
(नशाखोरी, िमू ्रपान) और इनके व्यलक्तगत, सामाद्धजक एवं हवज्ञान हवषयों के सार् अन्तसमग ्बन्ि एवं क्षते ्र।
आर्र्िंक ुष्पररणाम। पयावथ िीय क्तशक्षाशास्त्र:- सकं ल्पना प्रस्तुतीकरण के उपागम
वस्त्र एवं आवास:- हवभभन्न ऋतओु ं मंे पहने जाने वाले वस्त्र, घर हियाकलाप / प्रायोहगक कायग, चचाग, समग्र एवं सतत मलू ्यांकन,
पर वस्त्रों का रख-रखाव, हस्त करघा तर्ा पावरलमू , जीव लशक्षण सामग्री/ सहायक सामग्री, लशक्षण की समस्याए,ँ सचू ना
जन्तुओं के आवास, हवभभन्न प्रकार के मानव-आवास, आवास
और हनकिवती स्र्ानो की स्वच्छता, आवास हनमागण हेतु हवभभन्न एवं सचं ार प्रोद्यौहगकी।
प्रकार की सामग्री।
व्यवसाय:- अपने पररवेश के व्यवसाय (कपड़े लसलना, बागवानी,
कृ हष कायग, पशुपालन, सब्जीवाला आटद), लघु एवं कु िीर उद्योग,
राजस्र्ान राज्य के प्रमुख उद्योग एवं हस्तकलाएँ, उपभोक्ता
संरक्षण की आवश्यकता, सहकारी सचमहतयाँ।
सावजथ तनक स्थल एवं संस्थाएँ :- सावगजहनक स्र्ल जैसे
हवद्यालय, चचहकत्सालय, डाकघर, बस स्िैण्ड, रले वे स्िेशन,
सावजग हनक संपलि (रोड़ लाइि, सडक, बस, रेल, सरकारी इमारतंे
:: 29 ::
राजस्थान लशक्षक पात्रिा परीक्षा
(REET Level–II – Sci.Maths & S.St.)
ललखिि परीक्षा योजना एवं पाठ्यक्रम :
िण्ड ललखिि परीक्षा का पाठ्यक्रम प्रश्नों की संख्या अंक समय
I. बाल हवकास एवं लशक्षा हवचियाँ 30 30
II. भाषा प्रर्म 30 30
हहन्दी, अगं ्रेजी, ससं ्कृ त, उदूग, पंजाबी (कोई एक भाषा)
III. भाषा हितीय 30 30
हहन्दी, अगं ्रजे ी, ससं ्कृ त, उदूग, पजं ाबी (कोई एक भाषा) 2.30 घटं े
IV. (A) गभणत तर्ा हवज्ञान 60 60
IV. (B) सामाद्धजक अध्ययन 60 60
कु ल 150 150
नोट :-
1. प्रश्न-पत्र मंे ििी प्रश्न बहुतवकल्पीय होंगे िथा ििी प्रश्नों के अकं िमान होंगे।
2. मूल्याकं न मंे ऋणात्मक अंकन नहीं तकया जाएगा।
पाठ्यक्रम
खण्ड-I
िाल तवकास एवं क्तशक्षि तवचधयाँ बच्चे सीखते कै से ह।ै अचिगम की प्रहियाए।ँ चचन्तन, कल्पना एवं
तकग (हनर्मिहं तवादी उपागम, आनभु हवक अचिगम, सकं ल्पना
िाल तवकास : वृद्धर्द् एवं हवकास की सकं ल्पना, हवकास के मानचचत्रण, अन्वेषण एवं समस्या समािान)
हवभभन्न आयाम एवं लसर्द्ान्त, हवकास को प्रभाहवत करने वाले
कारक (हवशषे रूप से पररवार एवं हवद्यालय के संदभग मंे) एवं अभभप्ररे णा एवं इसके अचिगम के ललए हनहहतार्ग।
लशक्षण अचिगम की प्रहियायंे, राष्ट्रीय पाठ्यचयाग रूपरेखा-2005
अचिगम से उनका संबंि।
वशं ानुिम एवं वातावरण की भचू मका। के सदं भग में लशक्षण अचिगम की व्यहू रचना एवं हवचियाँ।
व्यक्तिगत तवणभन्नताएँ : अर्,ग प्रकार एवं व्यलक्तगत आकलन, मापन एवं मलू ्यांकन का अर्ग एवं उद्देश्य, समग्र एवं
हवभभन्नताओं को प्रभाहवत करने वाले कारक। सतत् मलू ्यांकन, उपलस्ब्ि परीक्षण का हनमाणग । सीखने के
व्यक्तित्व : संकल्पना, प्रकार व व्यलक्तत्व को प्रभाहवत करने वाले प्रहतफल
हियात्मक अनुसन्िान
कारक। व्यलक्तत्व का मापन। लशक्षा का अचिकार अचिहनयम-2009 अध्यापकों की भूचमका एवं
िुद्धि : संकल्पना, लसर्द्ान्त एवं इसका मापन, बहुबुद्धर्द् लसर्द्ान्त दाहयत्व।
एवं इसके हनहहतार्ग। खण्ड-II
तवतवध अचधगमकताथओं की समझ : हपछडे, हवमंटदत,
भािा प्रथम-तहन्दी
प्रहतभाशाली, सजृ नशील, अलाभान्न्वत वचं चत, हवशषे
एक अपटित गद्यांश मंे से तनम्नक्तलखखत व्याकरि सिं धं ी प्रश्न
आवश्यकता वाले बच्चे एवं अचिगम अक्षमता यकु ्त बच्चे। : शब्द ज्ञान- तत्सम, तद्भव, देशज, हवदेशी शब्द। पयागयवाची,
अचिगम में आने वाली कटठनाइयाँ। हवलोम, एकार्ी शब्द । उपसगग, प्रत्यय, संचि और समास । सजं ्ञा,
समायोजन की संकल्पना एवं तरीके , समायोजन में अध्यापक की सवगनाम, हवशषे ण, हवशषे ्य, अव्यय । वाकयांश के ललए एक शब्द,
शब्द शदु्धर्द्।
भूचमका।
अचिगम का अर्ग एवं संकल्पना। अचिगम को प्रभाहवत करने वाले एक अपटित गद्याशं में से तनम्नक्तलखखत बिुि ओं पर प्रश्न :
रेखाहं कत शब्दों का अर्ग स्पष्ट करना, वचन, काल, ललंगि ज्ञात
कारक। करना। टदए गए शब्दों का वचन, काल और ललंिग बदलना,
अचिगम के लसर्द्ान्त (व्यवहारवाद, गैस्िाल्िवाद, संज्ञानवाद, राजस्र्ानी शब्दों के हहन्दी रूप।
हनर्मिंहतवाद) एवं इनके हनहहतार्ग।
:: 30 ::
वाकय रचना, वाकय के अगं , वाकय के प्रकार, पदबिं , महु ावरे और ससं ्कृ तभाषा-लशक्षणस्य मलू ्यांकन सम्बन्न्िनिः प्रश्नािः, मौखखक-
लोकोलक्तयाँ, हवराम चचन्ह। ललखखतप्रश्नानां प्रकार सततमूल्याकं नम् उपचारात्मकलशक्षणम्।
ससं ्कृ तभाषायाम् राजस्र्ानस्य ससं ्कृ त साहहत्यकारा योगदानं
भाषा की लशक्षण हवचि, भाषा लशक्षण के उपागम, भाषा दक्षता का सम्बन्न्िनिः प्रश्नािः।
हवकास। खण्ड-III
भाषायी कौशलों का हवकास (सनु ना, बोलना, प़िना, ललखना) भािा-तितीय-तहन्दी
कहिदं ी भाषा लशक्षण मंे चनु ौहतयाँ, लशक्षण अचिगम सामग्री, पाठ्य एक अपटित गद्याशं आधाररत तनम्नक्तलखखत व्याकरि संिधं ी
पसु ्तक, बहु-माध्यम एवं लशक्षण के अन्य संसािन। प्रश्न : वणग हवचार, वणग हवश्लषे ण शब्द ज्ञान- तत्सम, तद्भव,
भाषा लशक्षण में मलू ्याकं न, उपलस्ब्ि परीक्षण का हनमाणग समग्र देशज, हवदेशी शब्द, युग्म-शब्द, उपसगग, प्रत्यय, संचि,
एवं सतत् मूल्यांकन, उपचारात्मक लशक्षण। समास,शब्दों को शब्द-कोश िम मंे ललखना, शब्दों के मानक रूप
ललखना, सजं ्ञा, सवगनाम, हवशषे ण, हिया हवशेषण, हिया, ललगंि ,
SECTION-II वचन, काल।
एक अपटित पद्यांश पर आधाररत तनम्नक्तलखखत बििुओं पर
LANGUAGE-I ENGLISH प्रश्न : भाव सौंदयग, हवचार सौंदयग, नाद सौंदयग, लशल्प सौंदयग,
जीवन दृहष्ट।
Unseen Prose Passage:- Synonyms, Antonyms, वाकय रचना, वाकय के अंग, वाकय के भेद, पदबिं , महु ावरे,
Spellings, Word-formation, One Word लोकोलक्तयाँ। कारक चचह्न, अव्यय, हवराम चचह्न, राजस्र्ानी
Substitution मुहावरों का अर्ग व प्रयोग।
भाषा लशक्षण हवचि, भाषा लशक्षण के उपागम, भाषायी दक्षता का
Unseen Prose Passage:- Parts of Speech, हवकास।
Tenses, Determiners, Degrees of comparison. भाषायी कौशलों का हवकास (सुनना, बोलना, प़िना, ललखना)
लशक्षण अचिगम सामग्री पाठय पसु ्तक, बहु–माि्यम एवं लशक्षण
Framing Questions Including Wh-questions, के अन्य संसािन।
Active and Passive Voice, Narration Knowledge भाषा लशक्षण मंे मूल्यांकन, (सुनना, बोलना, प़िना, ललखना)
of English Sounds and Phonetic Symbols. उपलस्ब्ि परीक्षण का हनमाणग , समग्र एवं सतत् मलू ्याकं न,
उपचारात्मक लशक्षण।
Principles of Teaching English, Methods and
Approaches to English Language Teaching. SECTION-III
Development of Language Skills, Teaching LANGUAGE-II ENGLISH
Learning Materials: (Text books, Multi-media
Materials and other resources). Unseen Prose Passage:- Linking Devices,
Subject-Verb Concord, Inferences
Continuous and Comprehensive Evaluation, Unseen Poem:- Identification of Alliteration,
Assessment and Evaluation in Language. Similie, Metaphor Personification, Assonance,
Rhyme
खण्ड-II Modal Auxiliaries, Common Idioms and
Phrases, Literary Terms : Elegy, Sonnet, Short
भािा-प्रथमा-संस्कृ तम् Story, Drama.
Basic knowledge of English sounds and their
एकम् अपटितं गद्यांशम् आधारीकृ त्य तनम्नक्तलखखत - Phonetic Symbols.
व्याकरि - सम्िन्न्धतः प्रश्ना:- शब्दरूप - िातुरूप – कारक – Principles of Teaching English, Communicative
हवभलक्त - उपसगग -प्रत्यय – सन्न्ि – समास – सवनग ाम – हवशेष्य Approach to English Language Teaching,
Challenges of Teaching English: Difficulties in
–हवशषे ण – संख्याज्ञानम् – उच्चारणस्र्ानाहन – अव्ययषे ु प्रश्नािः। learning English (role of home language
एकम् अपटितं गद्यांशम् राजस्थानस्य इततहास-कलां- multilingualism)
Methods of Evaluation, Remedial Teaching.
संस्कृ तत आटदनाम् आधारीकृ त्य तनम्नक्तलखखत
तिन्ुसम्िन्न्धनः व्याकरिप्रश्ना:- रेखाहं कतपदेषु हियापद –
चयन – वचन – लकार – ललगंि – ज्ञान – प्रश्नािः, हवलोम शब्द –
लकार पररवतनग – प्रश्नािः च। (लि्-लङ् -लृि्-लोि-
हवचिललङ् लकारेषु)
ससं ्कृ तानुवादिः, वाच्यपररवतनग म् (लि्-लकारस्य) वाकयेषु-
प्रश्नहनमागणम्, अशुद्धर्द्संशोिन ससं ्कृ तसकू ्तयिः।
(i) संस्कृ त भाषा लशक्षण–हवियिः।
(ii) संस्कृ तभाषा-लशक्षण-लसर्द्ान्तािः।
संस्कृ तभाषाकौशलस्य हवकासिः, (श्रवणम्, सम्भाषणम्, पठनम्,
लेखनम्) ससं ्कृ ताध्यापनस्य अचिगमसािनाहन, पाठ्यपसु ्तकाहन,
सपं ्रेषणस्य सािनाहन।
:: 31 ::
खण्ड-III सांख्ख्यकी : आँकड़ों का संग्रह एवं वगीकरण, बारम्बारता बिं न
साररणी, चमलान चचह्न, स्तम्भ (बार) लखे ाचचत्र एवं आयत
भािा-तितीया-संस्कृ तम् लखे ाचचत्र, विृ ीय ग्राफ (पाई चचत्र)।
एकम् अपटितं गद्यांशम् आधारीकृ त्य तनम्नक्तलखखत – लखे ाचचत्र (ग्राफ) : हवभभन्न प्रकार के लेखाचचत्र।
व्याकरि - सम्िन्न्धतः प्रश्नाः- शब्दरूप – िातुरूप – कारक – प्राहयकता
हवभलक्त – उपसगग – प्रत्यय – सन्न्ि – समास – लकार – सवनग ाम गभणत की प्रकृ हत एवं तकग शलक्त
– हवशेष्य - हवशेषण ललिगं – संख्याज्ञानम् – समयज्ञानम् - पाठयिम मंे गभणत की महिा
अव्ययेषु प्रश्नािः। गभणत की भाषा
सामुदाहयक गभणत
एकम् अपटितं पद्यांशं वा श्लोकम् राजस्थानस्य इततहास - मूल्यांकन
कलां-संस्कृ तत आटदनाम् आधारीकृ त्य तनम्नक्तलखखत - उपचारात्मक लशक्षण
तिन्ुसम्िन्न्धन: व्याकरि प्रश्ना:- सन्न्ि – समास – कारक – लशक्षण की समस्यायंे
प्रत्यय – छन्द – अलंकारसम्बन्न्िनिः-महशे ्वर सूत्राभण प्रश्नािः।
हवशषे ्य - हवशेषण - ललंगि सम्बन्न्िनिः प्रश्नािः। तवज्ञान
ससं ्कृ तानुवादिः, स्वर-व्यंजन - उच्चारणस्र्ानाहन, वाच्यपररवतनग म् सजीव एवं तनजीव : पररचय, अन्तर एवं लक्षण
(लि्लकार) अशुद्धर्द्सशं ोिनम्, ससं ्कृ तसूक्तयिः। सकू ्ष्म जीव : जीवाणु, वायरस, कवक (लाभकारी एवं
(i) संस्कृ त भाषा लशक्षण-हवियिः।
अलाभकारी)
(ii) ससं ्कृ तभाषा-लशक्षण-लसर्द्ान्तािः। सजीव : पौिे के प्रकार एवं हवभभन्न भाग, पादपों मंे पोषण,
(iii) ससं ्कृ त लशक्षणाभभरुचचप्रश्नािः। श्वसन एवं उत्सजनग , पादप और जंतु कोलशकाओं की सरं चना और
संस्कृ तभाषाकौशलस्य हवकासिः, (श्रवणम्, सम्भाषणम्, पठनम्, कायग, कोलशका हवभाजन
मानव शरीर एवं स्वास्थ्य : सूक्ष्म जीवों से फै लने वाले रोग (क्षय
लखे नम्) ससं ्कृ तलशक्षणे -अचिगमसािनाहन, ससं ्कृ तलशक्षणे रोग, खसरा, चड्र्ीररया, हैजा, िाइफाइड), रोगों से बचाव के
सपं ्रेषणस्यसािनाहन, संस्कृ तपाठ्यपुस्तकाहन। उपाय; मानव शरीर के हवभभन्न ततं ्र; संिामक रोग (फै लने के
संस्कृ तभािाक्तशक्षिस्य मूल्यांकन सम्िन्न्धनः प्रश्नाः- मौखखक कारण और बचाव); भोजन के स्त्रोत, भोजन के प्रमुख अवयव
- ललखखतप्रश्नानां प्रकारािः सततमूल्याकं नम् उपचारात्मक - और इनकी कमी से होने वाले रोग, संतलु लत भोजन।
जन्तु प्रजनन एवं तकशोरावस्था : जनन की हवचियाँ : लहंै गक
लशक्षणम।् एवं अलैंहगक, हकशोरावस्र्ा एवं यौवनारम्भ : शारीररक पररवतगन,
जनन में हामोन्स की भूचमका, जननात्मक स्वास््य।
खण्ड – IV (a) यातं त्रकी : बल एवं गहत, बलों के प्रकार (पशे ीय बल, घषणग बल,
गुरुत्व बल, चुम्बकीय बल, स्स्र्र वदै ्यतु बल, आटद), गहत के प्रकार
गणित और तवज्ञान (रखे ीय, वृिाकार, कम्पन, आविग एवं घणू नग गहत), कायग एवं
ऊजाग, ऊजाग के परम्परागत तर्ा वैकस्ल्पक स्रोत, ऊजाग संरक्षण,
गणित दाब, वायुमण्डलीय दाब, उत््लावन बल।
ताप एवं ऊष्मा : ताप एवं ऊष्मा का अभभप्राय, तापमापी, ऊष्मा
घातांक: समान आिार की घातीय संख्याओं का गुणा तर्ा भाग,
घातांक हनयम। सचं रण।
प्रकाश एवं ध्वतन:- प्रकाश के स्रोत, प्रकाश का परावतगन, गोलीय
िीजीय व्यजं क : बीजीय व्यंजकों का योग, व्यवकलन, गुणा एवं
भाग, सवसग चमकाए।ं दपणग , समतल दपणग व गोलीय दपगण से प्रहतहबम्ब बनना, प्रकाश
का अपवतनग , लसंै एवं लसंै से प्रहतहबम्ब का हनमाणग , ध्वहन, ध्वहन
गुिनखण्ड : सरल बीजीय व्यजं कों के गणु नखण्ड। के अभभलक्षण, ध्वहन सचं रण, ध्वहन प्रदूषण
समीकरि : सरल एकघातीय समीकरण। तवद्यतु एवं चंिु कत्व:- हवद्युत िारा, हवद्युत पररपर्, हवद्युत िारा
वगग और वगगमूल के ऊष्मीय, चबंु कीय एवं रासायहनक प्रभाव, चंबु क एवं चुंबकत्व।
घन और घनमूल तवज्ञान एवं प्रौद्योतगकी:- दैहनक जीवन में हवज्ञान का महत्त्व,
ब्याज : सरल ब्याज, चिवदृ्धर्द् ब्याज, लाभ-हाहन, सशं ्लेहषक रशे े तर्ा ्लान्स्िक - संश्लेहषक रेशों के गणु िमग एवं
अनुपात एवं समानपु ात : समानपु ाती भागों मंे हवभाजन, भभन्न। प्रकार, ्लान्स्िक एवं इसके गुणिमग, ्लान्स्िक एवं पयागवरण,
प्रहतशतता, जन्म व मतृ ्यु दर, जनसखं ्या वदृ्धर्द्, ह्रास। चडिजेंि, सीमंिे आटद, चचहकत्सा के क्षेत्र मंे हवज्ञान एवं प्रौद्योहगकी
रेखा तर्ा कोण, रेखा खण्ड, सरल एव वि रेखाएँ, कोणों के (एकस हकरण, सी.िी. स्कै न, शल्य चचहकत्सा, अल्रासाउण्ड तर्ा
लजे र हकरणें), दूरसंचार के क्षते ्र मंे फै कस मशीन, कम््यूिर,
प्रकार। इन्िरनेि, ई-मले तर्ा वबे साइि की सामान्य जानकारी।
समतलीय आकृ ततयाँ : हत्रभुज, हत्रभजु ों की सवागां समता,
चतुभगुज तर्ा वृि, बहुभजु
समतलीय आकृ ततयों का क्षते ्रफल एवं पररमाप : हत्रभजु ,
आयत, समान्तर चतभु गजु एवं समलम्ब चतुभुगज।
पषृ ्ठीय क्षेत्रफल तथा आयतन : घन, घनाभ एवं लम्बवृिीय
बेलन।
:: 32 ::
सौर मण्डल:- चन्िमा एवं तारे, सौर पररवार-सयू ग एवं ग्रह, जनसंख्या, मानव संसािन, हवकास के आर्र्िंक एवं सामाद्धजक
िमू के तु, तारामण्डल ।
कायगिम।
पदाथथ की सरं चना:- परमाणु एवं अण,ु परमाणु की संरचना; राजस्थान का भगू ोल एवं ससं ाधन:- भौहतक प्रदेश, जलवायु
तत्त्व, यौहगक और चमश्रण; चमश्रण के अवयवों का पृर्ककरण;
तत्त्वों के प्रतीक, यौहगकों के रासायहनक सूत्र तर्ा रासायहनक एवं अपवाह प्रणाली, झीले, मृदा जल-संरक्षण एवं संग्रहण, कृ हष
समीकरण, भौहतक एवं रासायहनक पररवतनग । फसलंे, खहनज एवं ऊजाग ससं ािन, राजस्र्ान की प्रमुख नहरंे एवं
नदी घािी पररयोजनाएँ, पररवहन, उद्योग एवं जनसखं ्या, पयिग न
रासायतनक पदाथथ:- ऑकसाइड्स, हररत गहृ प्रभाव और वभै श्वक स्र्ल, वन एवं वन्य जीवन।
तापन, हाइड्रोकाबनग (सामान्य जानकारी), अम्ल, क्षार और लवण, राजस्थान का इततहास:- प्राचीन सभ्यताएँ एवं जनपद,
ऑकसीजन गैस, नाइरोजन गसै , नाइरोजन चि, कोयला, राजस्र्ान के प्रमुख राजवंशों का इहतहास, 1857 की िांहत में
राजस्र्ान का योगदान, राजस्र्ान में प्रजामण्डल जनजातीय व
पेरोललयम तर्ा प्राकृ हतक गसै । हकसान आदं ोलन, राजस्र्ान का एकीकरण, राजस्र्ान के प्रमुख
हवज्ञान की संरचना एवं प्रकृ हत
प्राकृ ततक तवज्ञान:- लक्ष्य एवं उद्देश्य, प्राकृ हतक व्यलक्तत्व।
राजस्थान की कला व ससं ्कृ तत:- राजस्र्ान की हवरासत (ुगग,
संसािन,पयावग रण, प्रदूषण व हनयन्त्रण, जवै हवहविता,अनकु ू लन,
महल, स्मारक) राजस्र्ान के मले े, त्योहार एवं लोक कलाएँ,
कचरा प्रबिं न। राजस्र्ान की चचत्रकला, राजस्र्ान के लोक नृत्य एवं लोक नाट्य,
कृ ति प्रिंधन:- कृ हष पर्द्हतयाँ, राजस्र्ान मंे उगाई जाने वाली लोक देवता, लोक सतं , लोक संगीत एवं सगं ीत वाद्य यतं ्र,
राजस्र्ान की हस्तकला एवं स्र्ापत्य कला, राजस्र्ान की वशे भूषा
प्रमखु फसलें।
हवज्ञान को समझना। एवं आभूषण राजस्र्ान की भाषा एवं साहहत्य।
हवज्ञान की लशक्षण हवचिया।ँ िीमा एवं िैबकगि प्रिाली:- बीमा एवं बंकै के प्रकार, भारतीय
नवाचार
पाठय सामग्री / सहायक सामग्री मलू ्यांकन समस्याएँ, ररजवग बंैक और उसके कायग, सहकाररता एवं उपभोक्ता
उपचारात्मक लशक्षण। जागरूकता।
क्तशक्षाशास्त्रीय मदु ्दे-I:- सामाद्धजक हवज्ञान/सामाद्धजक अध्ययन
खण्ड – IV (b)
की सकं ल्पना एवं प्रकृ हत; कक्षा-कक्ष की प्रहियाएँ, हियाकलाप
सामाद्धजक अध्ययन एवं हवमशग; सामाद्धजक हवज्ञान/सामाद्धजक अध्ययन के अध्यापन
की समस्याएँ; समालोचनात्मक चचन्तन का हवकास।
भारतीय सम्यता, संस्कृ तत एवं समाज:- लसन्िु घािी सभ्यता, क्तशक्षाशास्त्रीय मुद्दे-II:- पृच्छा/आनुभाहवक साक्ष्य, लशक्षण
वैटदक ससं ्कृ हत, जैन व बौर्द् िमग, महाजनपदकाल। अचिगम सामग्री एवं सहायक सामग्री, सूचना एवं संचार
प्रोद्यौहगकी प्रायोजना कायग, सीखने के प्रहतफल, मूल्यांकन।
मौयथ तथा ग्ु त साम्राज्य एवं गु्तोत्तर काल:- राजनीहतक
इहतहास और प्रशासन, भारतीय संस्कृ हत के प्रहत योगदान भारत
600-1000 ईस्वी. वहृ िर भारत।
मध्यकाल एवं आधतु नक काल:- भलक्त और सफू ी आन्दोलन,
मगु ल राजपूत संबंि; मगु ल प्रशासन, भारतीय राज्यों के प्रहत
हिटिश नीहत, 1857 का हविोह, भारतीय अर्गव्यवस्र्ा पर हिटिश
प्रभाव, पुनजागगरण एवं सामाद्धजक सुिार, भारतीय राष्ट्रीय
आन्दोलन (1885-1947)।
भारतीय सतं वधान एवं लोकतंत्र:- भारतीय सहं विान का हनमागण
व हवशषे ताएँ, उद्देलशका, मलू अचिकार एवं मलू कतवग ्य, सामाद्धजक
न्याय, बाल अचिकार व बाल संरक्षण, लोकततं ्र मंे हनवागचन व
मतदाता जागरूकता।
सरकार : गिन एवं कायथ:- ससं द; राष्ट्रपहत, प्रिानमतं ्री एवं
मंहत्रपररषद् उच्चतम न्यायालय, राज्य सरकार पचं ायती राज एवं
नगरीय स्व-शासन (राजस्र्ान के हवशेष सदं भग मंे), द्धजला प्रशासन
व न्याय व्यवस्र्ा।
पथृ ्वी एवं हमारा पयावथ रि:- अक्षांश, देशान्तर, प्ृ वी की
गहतयाँ, वायुदाब एवं पवनें, चिवात एवं प्रहत चिवात, सयू ग एवं
चन्िग्रहण, पृ्वी के मखु ्य जलवायु कटिबन्ि, जैवमडं ल,
पयागवरणीय समस्याएं एवं समािान।
भारत का भूगोल एवं संसाधन:- भू-आकृ हत, प्रदेश, जलवायु,
प्राकृ हतक वनस्पहत, वन्य जीवन, बहुउद्देशीय, नदी घािी
पररयोजनाएँ, मदृ ा, कृ हष फसलें, उद्योग, खहनज, पररवहन,
:: 33 ::