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Published by Vistrati, 2022-12-13 03:52:13

RAS Pre & Main Syllabus

RAS Pre & Main Syllabus

Keywords: RAS Pre Syllabus,RAS Main Syllabus,RAS Syllabus

RAS PRE & MAINS

SYLLABUS

आर.ए.एस. (प्रारम्म्भक परीक्षा)

ललखिि परीक्षा योजना एवं पाठ्यक्रम :-

प्रारंभिक परीक्षा मंे नीचे तवतनर्िष्ट तवषय पर एक प्रश्न-पत्र होगा, जो वस्िुतनष्ठ प्रकार का होगा और अमधकिम 200 अंकों का होगा।

परीक्षा का उद्देश्य के वल स्रीननग परीक्षण करना ह।ै प्रश्नपत्र का स्िरमान स्नािक मडग्री स्िर का होगा। ऐिे अभ्यर्थयों द्वारा, जो मुख्य परीक्षा में प्रवेश

के सलए अर्हि घोतषि तकए गए हो, प्रारभं िक परीक्षा मंे प्राप्ि अंकों को उनका अंतिम योग्यिा रम अवधाररि करने के सलए िंगभणि नहीं तकया

जाएगा।

प्रश्न-पत्र तवषय अधधकिम अकं समय

I. िामान्द्य ज्ञान और िामान्द्य तवज्ञान 200 िीन घण्टे

नोट :-

1. प्रश्न-पत्र मंे बहुतवकल्पीय प्रकार के 150 प्रश्न होंगे व ििी प्रश्न िमान अंक के होंगे।

2. मूल्याकं न मंे ऋणात्मक अंकन तकया जाएगा, जजिमंे प्रत्येक गलि उत्तर के सलए 1/3 अंक काटे जाएगं ।े

पाठ्यक्रम

राजस्थान का इतिहास, कला, ससं ्कृ ति, सातहत्य, भारि का इतिहास

परम्परा एवं तवरासि प्राचीनकाल एवं मध्यकाल :
 िारि के िांस्कृ तिक आधार –सिन्द्धु एवं वदै िक काल; छठी
 राजस्थान के प्रागतै िहासिक स्थल-पुरापाषाण िे िाम्र पाषाण
एवं कांस्य यगु िक शिाधिी ई. पू. की श्रमण परभपरा और नये धार्मक तवचार-
आजीवक, बौद्ध िथा जैन।
 ऐतिहासिक राजस्थान: प्रारम्भिक ईस्वी काल के महत्त्वपूणण  प्रमखु राजवंशों के महत्त्वपूणण शािकों की उपलम्धधयााँ : मौयण,
ऐतिहासिक के न्द्र। प्राचीन राजस्थान में िमाज, धमण एवं कु षाण, िािवाहन, गुप्ि, चालुक्य, पल्लव एवं चोल।

िंस्कृ ति।  प्राचीन िारि में कला एवं वास्िु।
 प्रमुख राजवंशों के महत्त्वपणू ण शािकों की राजनीतिक एवं  प्राचीन िारि में िाषा एवं िातहत्य का तवकाि : िंस्कृ ि,

िांस्कृ तिक उपलम्धधयााँ-गुतहल, प्रतिहार, चौहान, परमार, प्राकृ ि एवं िममल।
राठौड़, सििोदिया और कच्छवाहा। मध्यकालीन राजस्थान मंे
 िल्िनिकाल : प्रमखु िल्िनि शािकों की उपलम्धधयाँा।
प्रशाितनक िथा राजस्व व्यवस्था।
 आधुतनक राजस्थान का उिय : 19वीं-20वीं शिाधिी के िौरान तवजयनगर की िांस्कृ तिक उपलम्धधयाा।ँ
 मगु लकाल : राजनीतिक चुनौतियाँा एवं िुलह-अफगान,
राजस्थान मंे िामाजजक जागृति के कारक। राजनीतिक
जागरण : िमाचार पत्रों एवं राजनीतिक िसं ्थाओं की िमू मका। राजपूि, िक्कनी राज्य और मराठा।
20वीं शिाधिी मंे जनजाति िथा तकिान आन्द्िोलन, 20वीं  मध्यकाल मंे कला एवं वास्िु, मचत्रकला एवं िंगीि का तवकाि।

शिाधिी के िौरान तवभिन्द्न िेशी ररयाििों मंे प्रजामण्डल  िसि िथा िूफी आिं ोलन का धार्मक एवं िातहत्त्यक
आन्द्िोलन। राजस्थान का एकीकरण।
 राजस्थान की वास्िु परभपरा- मदं िर, तकले, महल एवं मानव योगिान।
तनर्मि जलीय िरं चनाएँा; मचत्रकला की तवभिन्द्न शसै लयाँा और आधतु नक काल (प्रारम्म्भक 19वीं शिाब्दी से 1964 िक) :

हस्िसशल्प।  आधुतनक िारि का तवकाि एवं राष्ट्रवाि का उिय: बौजद्धक
 प्रिशणन कला : शास्त्रीय िंगीि एवं शास्त्रीय नृत्य; लोक िंगीि जागरण; प्रिे ; पभिमी सशक्षा। 19वीं _शिाधिी के िौरान

एवं वाद्य; लोक नतृ ्य एवं नाट्य। िामाजजक-धार्मक िधु ारः तवभिन्द्न नेिा एवं िसं ्थाएँा
 िाषा एवं िातहत्य : राजस्थानी िाषा की बोसलयााँ। राजस्थानी
 स्विंत्रिा िंघषण एवं िारिीय राष्ट्रीय आन्द्िोलन- तवभिन्द्न
िाषा का िातहत्य एवं लोक िातहत्य। अवस्थाएँा, धाराएाँ, महत्त्वपणू ण योगिानकिाण एवं िेश के अलग-
 धार्मक जीवन : धार्मक िमुिाय, राजस्थान मंे िंि एवं
अलग तहस्िों का योगिान
िभप्रिाय । राजस्थान के लोक िेवी-िेविा।  स्वािंत्र्योत्तर राष्ट्र तनमाणण - राज्यों का िाषायी पुनगठण न, नेहरू
 राजस्थान मंे िामाजजक जीवन : मेले एवं त्योहार; िामाजजक
युग मंे िासं ्थातनक तनमाणण, तवज्ञान एवं िकनीकी का तवकाि
रीति-ररवाज िथा परभपराएँ; वेशिूषा एवं आिषू ण।
 राजस्थान के प्रमखु व्यसित्व ।

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तवश्व एवं भारि का भगू ोल राजस्थान की राजनीतिक एवं प्रशासतनक व्यवस्था

तवश्व का भूगोल : राज्य की राजनीतिक व्यवस्था :
 प्रमखु स्थलाकृ तियाँा- पवणि, पठार, मैिान एवं मरुस्थल  राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मंतत्रपररषि,् तवधानििा, उच्च
 प्रमखु नदियााँ एवं झीलें
 कृ तष के प्रकार न्द्यायालय।
 प्रमखु औद्योतगक प्रिेश प्रशासतनक व्यवस्था :
 पयाणवरणीय मुद्दे – मरुस्थलीकरण, वनोन्द्मूलन, जलवायु  जजला प्रशािन, स्थानीय स्वशािन एवं पंचायिी राज िंस्थाए।ाँ
संस्थाएँ :
पररविणन एवं ग्लोबल वार्मग (ऊष्मीकरण), ओजन अवक्षय  राजस्थान लोक िेवा आयोग, राज्य मानवामधकार आयोग,
भारि का भगू ोल :
 प्रमखु स्थलाकृ तियाँा- पवणि, पठार एवं मिै ान लोकायुि, राज्य तनवाणचन आयोग, राज्य िूचना आयोग।
 मानिून ितं ्र व वषाण का तविरण लोक नीति एवं अधधकार :
 प्रमुख नदियाँा एवं झीलंे  लोक नीति, तवमधक अमधकार एवं नागररक अमधकार-पत्र।
 प्रमुख फिलें- गेहाँ, चावल, कपाि, गन्द्ना, चाय एवं कॉफी
 प्रमिु ितनज लौह-अयस्क, मंैगनीज, बॉक्िाइट एवं अभ्रक आर्थक अवधारणाएँ एवं भारिीय अथवश ्यवस्था
 ऊजाण िंिाधन- परभपरागि एवं गरै -परभपरागि
 प्रमुख औद्योतगक प्रिेश अथशश ास्त्र की मूलभिू अवधारणाएं :
 राष्ट्रीय राजमागण एवं प्रमखु पररवहन गसलयारे  बजट तनमाणण, बनंै कग, लोक-तवत्त, वस्िु एवं िेवा कर, राष्ट्रीय

राजस्थान का भगू ोल आय, िंवृजद्ध एवं तवकाि का आधारिूि ज्ञान
 लखे ांकन- अवधारणा, उपकरण एवं प्रशािन में उपयोग
 प्रमुख िू-आकृ तिक प्रिेश एवं उनकी तवशषे िाएँा
 जलवायु की तवशषे िाएँा  स्टॉक एक्िचंजे एवं शेयर बाजार
 प्रमुख नदियााँ एवं झीलें  राजकोषीय एवं मौदरक नीतियाँा
 प्राकृ तिक वनस्पति एवं मृिा  िम्धिडी, लोक तविरण प्रणाली
 प्रमुख फिलें- गेहाँ, मक्का, जौ, कपाि, गन्द्ना, एवं बाजरा  ई-कॉमिण
 प्रमुख उद्योग  मरु ास्फीति- अवधारणा, प्रिाव एवं तनयंत्रण ितं ्र
 प्रमुख सिचाई पररयोजनाएाँ एवं जल िरं क्षण िकनीकें आर्थक तवकास एवं आयोजन :
 जनिखं ्या- वृजद्ध, घनत्व, िाक्षरिा, सलगानुपाि एवं प्रमखु  अथवण ्यवस्था के प्रमुख क्षते ्र : कृ तष, उद्योग, िवे ा एवं व्यापार

जनजातियाँा क्षते ्रों की विणमान म्स्थति, मदु ्दे एवं पहल।
 खतनज- धात्त्वक एवं अधात्त्वक  प्रमुख आर्थक िमस्याएँा एवं िरकार की पहल, आर्थक िुधार
 ऊजाण ििं ाधन- परभपरागि एवं गैर-परभपरागि
 जैव-तवतवधिा एवं इनका िंरक्षण एवं उिारीकरण।
 पयटण न स्थल एवं पररपथ
मानव संसाधन एवं आर्थक तवकास :
भारिीय संतवधान, राजनीतिक व्यवस्था एवं  मानव तवकाि िचू कांक

शासन प्रणाली  वैभिक खुशहाली िूचकांक
 गरीबी एवं बेरोजगारी-अवधारणा, प्रकार, कारण, तनिान एवं
भारिीय संतवधानः दाशशतनक तत्त्व :
 ितं वधान ििा, िारिीय िंतवधान की तवशषे िाएाँ, िंवधै ातनक विमण ान फ्लगे सशप योजनाएँ
सामाजजक न्याय एवं अधधकाररिा :
िशं ोधन।
 उद्देसशका, मूल अमधकार, राज्य नीति के तनिेशक तत्त्व, मूल  कमजोर वगों के सलए प्रावधान।

किणव्य। राजस्थान की अथशव्यवस्था
भारिीय राजनीतिक व्यवस्था :
 राष्ट्रपति, प्रधानमतं ्री एवं मंतत्रपररषि,् ििं ि, उच्चिम न्द्यायालय  अथवण ्यवस्था का वृहि् पररदृश्य
 कृ तष, उद्योग व िेवा क्षेत्र के प्रमुख मदु ्दे
और न्द्यातयक पनु रावलोकन।  िंवृजद्ध, तवकाि एवं आयोजना
 िारि तनवाणचन आयोग, तनयंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, नीति  आधारिूि-िंरचना एवं ििं ाधन

आयोग, के न्द्रीय ििकण िा आयोग, लोकपाल, के न्द्रीय िूचना  प्रमुख तवकाि पररयोजनाएाँ
आयोग एवं राष्ट्रीय मानवामधकार आयोग।  राज्य िरकार की प्रमखु कल्याणकारी योजनाएँा : अनिु ूमचि
 िंघवाि, िारि में लोकिांतत्रक राजनीति, गठबधं न िरकारें,
राष्ट्रीय एकीकरण जाति/अनुिूमचि जनजाति / तपछड़ा वगण / अल्पिखं ्यकों,
तनःशिजनों, तनराभश्रिों, मतहलाओं, बच्चों, वदृ ्धजनों, कृ षकों

एवं श्रममकों के सलए।

तवज्ञान एवं प्रौद्योतगकी

 िैतनक जीवन मंे तवज्ञान के मूलिूि तत्त्व
 कभप्यूटिण, िूचना एवं िंचार प्रौद्योतगकी
 रक्षा प्रौद्योतगकी, अंिररक्ष प्रौद्योतगकी एवं उपग्रह
 ननै ो-प्रौद्योतगकी, जैव-प्रौद्योतगकी एवं आनुवंसशक-अभियातं त्रकी

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 आहार एवं पोषण, रि िमूह एवं Rh कारक आधारभूि संख्यात्मक दक्षिा :
 स्वास््य िेखिाल; िंरामक, अिंरामक एवं पशुजन्द्य रोग  अनपु ाि-िमानुपाि िथा िाझा
 पयाणवरणीय एवं पाररम्स्थतिकीय पररविणन एवं इनके प्रिाव  प्रतिशि
 जैव-तवतवधिा, प्राकृ तिक ििं ाधनों का िंरक्षण एवं िधं ारणीय  िाधारण एवं चरवृजद्ध धयाज
 िमिलीय मचत्रों के पररमाप एवं क्षेत्र
तवकाि  आकँ ड़ों का तवश्लषे ण (िारणी, िण्ड–आरेख, रखे ीय आलेख,
 कृ तष तवज्ञान, उद्यान तवज्ञान, वातनकी एवं पशुपालन राजस्थान
पाई-चाटण)
के तवशषे ििं िण मंे  माध्य (िमांिर, गुणोत्तर एवं हरात्मक), माध्ध्यका एवं बहुलक
 तवज्ञान एवं प्रौद्योतगकी तवकाि राजस्थान के तवशषे िंििण में  रमचय एवं िंचय
 प्रातयकिा (िरल िमस्याए)ाँ
िार्कक तववचे न एवं मानलसक योग्यिा
समसामधयक घटनाएँ
िार्कक दक्षिा (तनगमनात्मक, आगमनात्मक, अपविशनात्मक):
 कथन एवं मान्द्यिाएं  राजस्थान, िारिीय एवं अन्द्िराषण ्ट्रीय महत्त्व की प्रमुख
 कथन एवं िकण िमिामतयक घटनाएँा एवं मदु ्दे
 कथन एवं तनष्कषण
 कथन-कायणवाही  विणमान में चर्चि व्यसि, स्थान एवं िसं ्थाएाँ
 तवश्लेषणात्मक िकण क्षमिा  खेल एवं खले कू ि िंबंधी गतितवमधयााँ
मानलसक योग्यिा :
 िखं ्या/ अक्षर अनरु म, 
 कू टवाचन (कोडडग-डीकोडडग),
 िंबंधों िे िबं ंमधि िमस्याएँा
 दिशा ज्ञान परीक्षण
 िार्कक वेन आरखे
 िपणण /पानी प्रतितबभब
 आकार और उनके उपतविाजन

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आर.ए.एस. (मखु ्य परीक्षा)

ललखिि परीक्षा योजना एवं पाठ्यक्रम :
(क) मखु ्य परीक्षा मंे प्रतवष्ट तकए जाने वाले अभ्यर्थयों की िंख्या, उि वषण में परीक्षा के माध्यम िे िरी जाने वाली ररसियों की कु ल अनुमातनि िखं ्या
का 15 गुणा होगी, तकन्द्िु उि रेजं में उन िमस्ि अभ्यर्थयों को, जजन्द्होंने वही अंक प्राप्ि तकए हैं, जिै ा आयोग द्वारा तकिी तनभनिर रेजं के सलए
तनयि तकया जाए, मुख्य परीक्षा मंे प्रवशे दिया जाएगा।

(ख) सलखखि परीक्षा में तनभनसलखखि चार प्रश्न-पत्र होंगे जो वणणनात्मक/तवश्लेषणात्मक होंगे। अभ्यथी को नीचे िचू ीबद्ध िमस्ि प्रश्नपत्र िेने होंगे,
जजनमंे िभं क्षप्ि, मध्यम, िीघण उत्तर वाले और वणणनात्मक प्रकार के प्रश्नों वाले प्रश्नपत्र िी होंगे। िामान्द्य तहन्द्िी और िामान्द्य अगं ्रेजी का स्िरमान
िीतनयर िैके ण्डरी स्िर का होगा। प्रत्येक प्रश्न-पत्र के सलए अनुज्ञाि िमय 3 घण्टे होगा।

प्रश्न-पत्र तवषय अधधकिम अकं समय
I. सामान्य अध्ययन-I 200 3 घण्टे
II. सामान्य अध्ययन-II 200 3 घण्टे
III. सामान्य अध्ययन-III 200 3 घण्टे
IV. सामान्य हहन्दी एवं सामान्य अगं ्रेजी 200 3 घण्टे

पाठ्यक्रम

प्रश्न पत्र- । ● 19वीं िथा 20वीं शिाधिी में िामाजजक-धार्मक िधु ार
आन्द्िोलन।
सामान्य ज्ञान एवं सामान्य अध्ययन
● स्वाितं्र्योत्तर िुदृढीकरण और पनु गठण न- िेशी ररयाििों का
इकाई I - इततहास तवलय िथा राज्यों का िाषायी आधार पर पुनगणठन।
खडं अ - राजस्थान का इततहास, कला, संस्कृ तत, सातहत्य
िडं स- आधुतनक तवश्व का इतिहास(1950 ईस्वी िक)
परम्परा और धरोहर ● पनु जागण रण व धमण िधु ार ।
● प्रागैतिहासिक काल िे 18वीं शिाधिी के अविान िक ● अमेररकी स्विंत्रिा िंग्राम, फ्ािं ीिी रांति 1789 ईस्वी व

राजस्थान के इतिहाि के प्रमुख युगांिकारी घटनाएं, महत्वपणू ण औद्योतगक रांति।
राजवंश, उनकी प्रशाितनक एवं राजस्व व्यवस्था। ● एसशया व अफ्ीका मंे िाम्राज्यवाि और उपतनवेशवाि।
● 19वी-20वीं शिाधिी की प्रमुख घटनाए: तकिान एवं जनजाति ● तवि यिु धों का प्रिाव।
आन्द्िोलन, राजनीतिक जागतृ ि, स्विन्द्त्रिा िंग्राम और
इकाई II - अथशव्यवस्था
एकीकरण। िण्ड अ– भारिीय अथशश ास्त्र
● राजस्थान की धरोहरः प्रिशणन व लसलि कलाएँा, हस्िसशल्प व ● कृ तष- िारिीय कृ तष मंे वजृ द्ध एवं उत्पािकिा की प्रवृसत्तयाँा।
खाद्य प्रिसं ्करण क्षते ्र और खाद्य प्रबधं न। कृ तषगि िुधार और
वास्िुसशल्प, राजस्थान में तवि तवरािि के प्रमखु स्थल और चनु ौतियाँा।
राजस्थान मंे पयणटन, मेले, पव,ण लोक िगं ीि व लोक नृत्य। ● औद्योतगक क्षते ्र की प्रवृसत्तयााँ – औद्योतगक नीति एवं औद्योतगक
तवत्त। उिारीकरण, विै ीकरण, तनजीकरण और आर्थक िधु ार।
● राजस्थानी िातहत्य की महत्वपणू ण कृ तियााँ एवं राजस्थान की अविंरचना और आर्थक वृजद्ध ।
● स्फीति, कीमिंे और मागं / पूर्ि प्रबंधन ।
बोसलयााँ। ● के न्द्र-राज्य तवत्तीय िंबंध और नवीनिम तवत्त आयोग।
● राजस्थान के िंि, लोक िेविा एवं महत्वपूणण तविूतियाँा। राजकोषीय उत्तरिातयत्व एवं बजट प्रबधं न अमधतनयम और
िारि में राजकोषीय िधु ार।
िडं ब- भारिीय इतिहास एवं संस्कृ ति ● बजटीय प्रवृतियााँ और राजकोषीय नीति। िारि मंे कर िधु ार।
अनुिान- नकि हस्िान्द्िरण और अन्द्य िंबंमधि मुद्दे । राजस्व
● िारिीय धरोहर: सिन्द्धु िभ्यिा िे लेकर तिदटश काल िक के और व्यय की प्रवृतियाँा।
िारि की लसलि कलाएँा, प्रिशणन कलाएँा, वास्िुकला एवं

िातहत्य।

● प्राचीन एवं मध्यकालीन िारि के धार्मक आन्द्िोलन और धमण

िशनण ।
● 19वीं शिाधिी के प्रारिं िे 1965 ईस्वी िक आधतु नक िारि

का इतिहाि: महत्वपणू ण घटनारम, व्यसित्व और मदु ्दे।
● िारिीय राष्ट्रीय आन्द्िोलन- इिके तवभिन्द्न चरण व धाराएाँ,

प्रमखु योगिानकिाण और िेश के भिन्द्न-भिन्द्न िागों िे

योगिान।

Vfff
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● आर्थक गतितवमधयों मंे िरकार की िूममका। तनजी, िावणजतनक शेयर बाजार, बहुराष्ट्रीय कभपतनयााँ, तविेशी प्रत्यक्ष तनवेश,
और मरे रट वस्िुएाँ।
तविेशी िसं ्थागि तनवशे ।
● िामाजजक क्षते ्र– गरीबी, बेरोजगारी और अिमानिा। स्वास््य ● निे ृत्व के सिद्धािं िथा शैसलयााँ, िमूह व्यवहार, व्यसिगि
िेवा और सशक्षा नीति। प्रिावी तनयामक की िमस्या। आर्थक
तवकाि मंे राज्य की िमू मका को पुनिाणतषि करना और रोज़गार व्यवहार, अभिवृसत्त, मूल्य, टीम तनमाणण , अभिप्रेरण के सिद्धािं ,
उन्द्मखु वृजद्ध व्यूह रचना। िंघषण-प्रबधं न, िमय-प्रबंधन, िनाव-प्रबंधन, प्रसशक्षण, तवकाि
िण्ड ब- वशै्वश्वक अथवश ्यवस्था
िथा आकलन प्रणाली।
● वैभिक आर्थक मदु ्दे और प्रवृसत्तयााँ : तवि बंैक, अंिराणष्ट्रीय मुरा ● उद्यममिा – उद्भवन, स्टाटणअप्ि, यतू नकॉनण, उद्यम पँजूा ी, एजं ल
कोष और तवि व्यापार िंगठन की िमू मका।
तनवेशक।
● ििि् तवकाि एवं जलवायु पररविणन। ● अत्यावश्यक िेवाओं का प्रबंधन - सशक्षा प्रबंधन, हेल्थके यर

िथा वलै नेि प्रबंधन, पयटण न िथा आति्य प्रबधं न।

िण्ड स- राजस्थान की अथशव्यवस्था िण्ड स- लिे ांकन एवं अंके क्षण
● कृ तष पररदृश्य- उत्पािन एवं उत्पािकिा। जल िंिाधन और ● लेखांकन की िोहरा लखे ा प्रणाली का िामान्द्य ज्ञान, तवत्तीय

सिचाई। कृ तष तवपणन। डेयरी एवं पशुपालन। तववरण तवश्लेषण की िकनीकें , उत्तरिातयत्व और िामाजजक
● ग्रामीण तवकाि और ग्रामीण अविंरचना। पंचायिी राज और लेखांकन ।
● अकं े क्षण का अथण एवं उद्देश्य, िामाजजक, तनष्पसत्त एवं िक्षिा
राज्य तवत्त आयोग। अकं े क्षण, िरकारी अंके क्षण की प्रारम्भिक जानकारी।
● औद्योतगक तवकाि का िंस्थागि ढाँाचा। औद्योतगक वजृ द्ध और ● तनष्पािन बजट एवं शून्द्य आधाररि बजट की िामान्द्य
जानकारी।
नवप्रवृतियााँ। खािी और ग्रामोद्योग।
● अविंरचना तवकाि- तवद्युि और पररवहन। अविरं चना में प्रश्न पत्र- II
सामान्य ज्ञान एवं सामान्य अध्ययन
तनजी तवतनयोग और िावणजतनक तनजी िहिातगिा
पररयोजनाएं- दृतष्टकोण और िभिावनाए।ं इकाई I- प्रशासकीय नीतिशास्त्र
● राजस्थान की प्रमुख तवकाि पररयोजनाए।ं राज्य बजट और ● नीतिशास्त्र एवं मानवीय मूल्य– महापुरूषों, िमाज िुधारकों
राजकोषीय प्रबंधन- मदु ्दे और चुनौतियााँ।
● राजस्थान की आर्थक कल्याण योजनाए।ं िामाजजक न्द्याय िथा प्रशािकों के जीवन िे प्राप्ि सशक्षा। पररवार, िामाजजक
और िशसिकरण। एवं शकै ्षभणक िसं ्थाओं का मानवीय मूल्यों को तवकसिि करने
● बुतनयािी िामाजजक िेवाएं- सशक्षा व स्वास््य। गरीबी, मंे योगिान।
बेरोजगारी और ििि् तवकाि लक्ष्य । ● नतै िक िपं ्रत्यय- ऋि एवं ऋण, किवण ्य की अवधारणा, शुि
एवं िद्गणु की अवधारणा। तनजी एवं िावणजतनक िंबधं ों में
इकाई III - समाजशास्त्र, प्रबधं न, लेिाकं न एवं अंके क्षण। नीतिशास्त्र की िमू मका- प्रशािकों का आचरण, मूल्य एवं
िण्ड अ- समाजशास्त्र राजनतै िक अभिवृसत्त, ित्यतनष्ठा का िाशणतनक आधार।
● िगवि् गीिा का नीतिशास्त्र एवं प्रशािन मंे इिकी िमू मका।
भारि में समाजशास्त्रीय तवचारों का तवकास - ● गाधं ी का नीतिशास्त्र।
● िारिीय िमाज में जाति और वगण : प्रकृ ति, उद्भव, प्रकायण और ● िारिीय एवं तवि के नैतिक मचिकों एवं िाशणतनकों का
योगिान। प्रशािन मंे नतै िक मचन्द्िा, द्वन्द्ि एवं चनु ौतियां।
चनु ौतिया। ● नतै िक तनणयण प्रतरया िथा उिमंे योगिान िेने वाले कारक;
● पररविनण की प्रतरयाएं : िसं ्कृ तिकरण, पभिमीकरण, िामाजजक न्द्याय, मानवीय मचन्द्िा, शािन में जवाबिेही एवं
नैतिक आचार िंतहिा।
लौतककीकरण, िूमण्डलीकरण। ● उपरोि तवषयों पर आधाररि के ि अध्ययन।
● िारिीय िमाज के िमक्ष चुनौतियां : िहजे , िलाक एवं बाल
इकाई II - सामान्य तवज्ञान एवं प्रौद्योतगकी
तववाह के मदु ्दे, भ्रष्टाचार, िाभप्रिातयकिा, तनधणनिा, बेरोजगारी, ● िैतनक जीवन में रिायन तवज्ञान; रव्य की अवस्थाएं;
मािक पिाथण व्यिन, कमजोर िबके तवशेषकर िसलि, वृद्ध
और तद्वव्यांग। परमाम्ण्वक िरं चना; धािु, अधािु और उपधािु, धािकु मण
● राजस्थान मंे जनजािीय िमिु ाय : िील, मीणा, गरासिया– सिद्धांि और तवमधयाँा, महत्वपणू ण अयस्क और ममश्र धािु; अभल,
िमस्याएं व कल्याण। क्षार और लवण, pH और बफर की अवधारणा; महत्वपूणण
औषमधयां (िंश्लेतषि और प्राकृ तिक), एटं ीऑम्क्िडंेट,
िण्ड ब- प्रबधं न परररक्षक, कीटनाशी, पीड़कनाशी, कवकनाशी, शाकनाशी,
● तवपणन की आधतु नक अवधारणा, तवपणन ममश्रण – उत्पाि, उवणरक, योजक और मधरु क; काबणन, इिके यौतगक और उनके

मूल्य, स्थान और िवं धणन, आपूर्ि श्रंखला प्रबधं न, प्रचालन ितं ्र,
इ-वाभणज्य, इ-तवपणन, व्यविाय िथा तनगम आचारनीति ।
● धन के अमधकिमकरण की अवधारणा, तवत्त के स्रोि -
अल्पकालीन िथा िीघणकालीन, पँजूा ी िंरचना, पजँाू ी की लागि,
लािों का तविाजन, बंतै कग एवं गैर बनैं कग तवत्तीय िसं ्थान,

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घरले ू और औद्योतगक अनुप्रयोग; रमे डयोधर्मिा-अवधारणाएं ● जनिखं ्या : वजृ द्ध, तविरण, घनत्व, सलगानपु ाि, िाक्षरिा,
और अनपु ्रयोग। नगरीय एवं ग्रामीण जनिखं ्या।
● िैतनक जीवन में िौतिकी; गुरूत्वाकषणण; मानव नेत्र और िोष; िण्ड स-राजस्थान
ऊष्मा; म्स्थर एवं धारा वदै ्यतु िकी; चुंबकत्व, वैद्यिु चंुबकत्व,
ध्वतन एवं तवद्युि चंबु कीय िरंगंे; चुंबकीय अनुनाि इमेजजग और ● प्रमखु िौतिक िू-आकृ तियााँ : पवणि, पठार, मिै ान, मरूस्थल।
नाभिकीय चुबं कीय अनुनाि; नाभिकीय तवखडं न और िलं यन। ● प्रमुख नदियाँा एवं झीलें।
● कोसशका; मानव मंे तनयंत्रण और िमन्द्वय, प्रजनन, उत्िजनण , ● जलवायु : तवशेषिाएं एवं उनका वगीकरण।
ििन, पररिचं रण और पाचन ितं ्र; रि िमहू , रि की िरं चना ● प्रमुख वनस्पति प्रकार।
और कायण; हामोन; आनवु ांसशक एवं जीवन शैली के रोग; मानव ● कृ तष– प्रमुख फिलें : उत्पािन व तविरण ।
रोग- िंचारी और गैर- िचं ारी, एडं ेममक, एतपडेममक, पनै डेममक ● धात्त्वक एवं अधात्त्वक खतनज : प्रकार, तविरण एवं उनका
रोग- इनके तनिान और तनयंत्रण, प्रतिरक्षीकरण और
टीकाकरण; ड्रग्ि एवं एल्कोहल का दुरूपयोग; पािप के िाग औद्योतगक उपयोग।
और उनके कायण, पािपों में पोषण, पािप वजृ द्ध तनयतं ्रक, पािपों ● परभपरागि एवं गैर– परभपरागि ऊजाण ििं ाधन।
मंे लतंै गक और अलतंै गक प्रजनन, राजस्थान के तवशेष ििं िण में ● जनिांम्ख्यकी तवशषे िाएं एवं प्रमुख जनजातियाँा।
महत्वपूणण औषधीय पौधे; जतै वक खिे ी; जवै प्रौद्यौतगकी और ● वन्द्यजीव एवं जवै तवतवधिा : चुनौतियां एवं िंरक्षण।
उिके अनपु ्रयोग। ● यनू ेस्को की िू-पाकण एवं िू-धरोहर स्थल िंकल्पना : राजस्थान
● आधारिूि कं प्यटू र तवज्ञान; नटे वर्कग और प्रकार; एनालॉग
और मडजजटल दूरिचं ार; आवसृ त्त स्पके ्रम; मोबाइल टेलीफोनी, में ििं ावनाए।
िचू ना और िंचार प्रौद्यौतगकी मंे निू न तवकाि आर्टतफसशयल ● प्रमुख पयाणवरण िबं ंधी मुद्दे ।
इटं ेसलजेंि; तबग डेटा, क्लाउड कप्यूटटग, इटं रनेट ऑफ सथग्ि,
तरप्टो करंेिी, ओटीटी प्लेटफॉमण और िोशल मीमडया और प्रश्न पत्र III
उनके प्रिाव; िारि में आईटी उद्योग, मडजजटल इंमडया पहल ।
● तवज्ञान और प्रौद्यौतगकी मंे िारिीय वैज्ञातनकों का योगिान, सामान्य ज्ञान एवं सामान्य अध्ययन
वजै ्ञातनक और िकनीकी प्रगति रोबोदटक्ि, मशीन लर्नग,
ऑगमटंे ेड ररयसलटी, ननै ो प्रौद्योतगकी, आरएफआईडी, क्वांटम इकाई I - भारिीय राजनीतिक व्यवस्था, तवश्व राजनीति एवं
कं प्यटू टग आदि; राजस्थान में तवज्ञान और प्रौद्यौतगकी का समसामधयक मामले
तवकाि, तवज्ञान और प्रौद्यौतगकी िे िंबंमधि िरकार की
नीतियाा।ँ ● िारि का िंतवधान : तनमाणण , तवशेषिाएँा, िशं ोधन, मलू ढाँाचा ।
● अंिररक्ष प्रौद्यौतगकी- िारिीय अिं ररक्ष कायणरम, उपग्रह और ● वचै ाररक ित्व : उद्देसशका, मूल अमधकार, राज्य की नीति के
उनकी कक्षाएाँ, तवभिन्द्न प्रक्षेपण यान, िुदूर िंविे न।
● रक्षा प्रौद्यौतगकी- ममिाइलंे, िारिीय ममिाइल कायरण म, तनिेशक ित्व, मलू किणव्य।
रािायतनक और जतै वक हसथयार। ● िसं ्थात्मक ढाचँा ा – I : िंििीय प्रणाली, राष्ट्रपति, प्रधानमतं ्री

इकाई III- पथृ ्वी तवज्ञान (भगू ोल एवं भू-तवज्ञान) एवं मतं त्रपररषि,् िंिि।
िण्ड अ-तवश्व ● िंस्थात्मक ढाँचा ा – II : िघं वाि, के न्द्र-राज्य िंबंध, उच्चिम

● प्ृ वी की िरं चना एवं िूवैज्ञातनक िमय िाररणी। न्द्यायालय, उच्च न्द्यायालय, न्द्यातयक पुनरावलोकन, न्द्यातयक
● प्रमखु िौतिक िू-आकृ तियाँा : पवणि, पठार, मिै ान, मरूस्थल । ितरयिा।
● िकू ं प एवं ज्वालामखु ी : प्रकार, तविरण एवं उनका प्रिाव। ● िंस्थात्मक ढााचँ ा – III : िारि तनवाचण न आयोग, तनयतं ्रक एवं
● प्रमखु िू–राजनीतिक िमस्याए।ं महालेखापरीक्षक, िंघ लोक िेवा आयोग, नीति आयोग,
● प्रमुख पयाणवरण िबं ंधी मुद्दे। के न्द्रीय ििकण िा आयोग, के न्द्रीय िूचना आयोग, राष्ट्रीय मानव
अमधकार आयोग।
िण्ड ब-भारि ● राजनीतिक गत्यात्मकिाएँा : िारिीय राजनीति में जाति, धमण,
● प्रमखु िौतिक िू-आकृ तियााँ : पवणि, पठार, मैिान, मरूस्थल । वगण, नृजािीयिा, िाषा एवं सलग की िूममका, राजनीतिक िल
● िारि का प्रमखु िू-आकृ तिक तविाजन। एवं मििान व्यवहार, नागररक िमाज एवं राजनीतिक
● प्रमुख नदियााँ। आंिोलन, राष्ट्रीय अखंडिा एवं िरु क्षा िे जुड़े मदु ्दे, िामाजजक-
● जलवायु : मानिनू की उत्पसत्त, जलवायु तवशेषिाएं, वषाण का राजनीतिक िंघषण के ििं ातवि क्षते ्र।
● राजस्थान की राज्य-राजनीति : िलीय प्रणाली, राजनीतिक
तविरण एवं जलवायु प्रिेश। जनातं ककी, राजस्थान में राजनीतिक प्रतिस्पधाण के तवभिन्द्न
● प्राकृ तिक ििं ाधन : प्रकार एवं उनका उपयोग चरण, पंचायिी राज एवं नगरीय स्वशािन िंस्थाए।ाँ
● शीि यदु ्धोत्तर िौर मंे उिीयमान तवि व्यवस्था, िंयुि राज्य
(क) जल, वन एवं मृिा ििं ाधन अमरीका का वचणस्व एवं इिका प्रतिरोध, ियं ुि राष्ट्र एवं क्षते ्रीय
(ख) शैल एवं खतनज। िंगठन, अंिरराष्ट्रीय अथणव्यवस्था की गत्यात्मकिा, अंिरराष्ट्रीय
आिकं वाि एवं पयाणवरणीय मुििे।
● िारि की तविेश नीति : उतद्वकाि, तनधाणरक ित्व, ियं िु राज्य
अमरीका, चीन, रूि, यूरोपीय िंघ एवं पड़ोिी िेशों के िाथ
िारि के िंबधं , िंयुि राष्ट्र, गटु तनरपेक्ष आंिोलन, तिक्ि, जी-
20, जी-77 एवं िाकण मंे िारि की िमू मका।

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