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Published by esuvidhanoida, 2017-10-05 07:00:12

FE-Mainpuri Sept_2017

FE-Mainpuri Sept

मैनपुरी दर्शन

ई-पत्रिका

01-09-2017 To 30-09-2017

Volume-21

E-Newsletter September-2017 1

मैनपरु ी दर्नश CLEAN MAINPURI—GREEN MAINPURI

श्री धर्रम ाज स हिं

(अधधशा ी अधधकारी)

नगर पालिका पररषद, मैनपरु ी के नगरवालियों को लितम्बर 2017 के ई-पत्रिका मनै पुरी
दर्नश में स्वागत है | लितम्बर माह में हुये ववकाि कायो को ई-पत्रिका मैनपुरी दर्नश के
माध्यम िे आपिब को अवगत कराना चाहता हुँ | मनै पुरी नगर पालिका प्रत्येक माह ई-
पत्रिका मनै परु ी दर्नश के द्वारा नगर पालिका में हुये ववकाि कायो को आपिब के िामने
िाने का प्रयाि करता है, जिििे मनै परु ी नगर पालिका पररषद के ववकाि और नई
योिनाओं िे िाभाजववत हो िके | नगर पालिका पररषद मैनपरु ी का एक माि उद्देश्य
नगर पालिका का ववकाि है | जििमे त्रबना ककिी भेद-भाव, िभी िमुदायों के िोगो को
एकिाथ िेकर आगे बढने का उद्दशे ्य है | जििके लिए नगर पालिका पररषद मनै परु ी के
ननवालियों को इिमंे िहयोग महत्वपूर्श है, और नगर पालिका इिका उम्मीद करता है |
नगरवालियों िे अपीि है की नगर को स्वच्छ और िुवदर बनाने मंे नगर पालिका की
मदद करे | अपने आि-पाि िाफ-िुथरा रखे | कू ड़ा-कचरा डस्टत्रबन मंे रखे , गवदगी न
फै िाये | आने वािा कि अच्छा हो इिके लिये आि बेहतर बनायें |

E-Newsletter September-2017 2

मैनपरु ी दर्नश CLEAN MAINPURI—GREEN MAINPURI

श्री धर्रम ाज स हंि

(अधधशा ी अधधकारी)

I am happy to present the September 2017 issue to all of you. A number of projects have
been commissioned in the month of September. The former will help smoothen the flow
of traffic, reduce the travel time of citizens, ease the congestion and reduce pollution on
Nagar Palika Parishad Mainpuri’s road. There have been a lot of lessons to learned and
these insights will certainly stand in good stead with us in our endeavors in future. The
one thing that stands out is the most active participation of citizens. We, the residence of
the Nagar Palika Parishad Mainpuri respective of ages, castes, creeds, religions, localities
have untidily participated in creation of Mainpuri’s Swachh Nagar Palika Parishad
proposal. As I look into the future with great expectation, it is this one aspect of the
municipality which gives me the greatest hope. We in the Nagar Palika Parishad
Mainpuri, would be very happy to receive your feedbacks on all matters that you feel are
important.

E-Newsletter September-2017 3

CLEAN MAINPURI—GREEN MAINPURI

Nagar Palika Parishad Mainpuri

I am delighted to present the tasks and issue of Mainpuri Nagar Palika by E-Patrika
Mainpuri Darshan in September 2017. Nagar Palika Parishad Mainpuri is grateful to the
citizens who displayed tremendous enthusiasm and whole heartedly participated in
numerous activities throughout this period. All of us should bear in mind that this is not
end but a beginning of the exercise pertaining to development and Swachh Bharat
Mission program. The coming years will surely be very hectic and eventful. Mainpuri
promises to leave no room for complacency and will work even harder to achieve the
targets. We solicit active participation from the citizens in our endeavor. We sincerely
believe that decisions taken by Nagar Palika Parishad Mainpuri should benefit Nagar
Palika Parishad Mainpuri and the citizens in the ultimate analysis. Many projects process
in work in Nagar Palika Parishad Mainpuri for development our Nagar Palika and
citizens. Thanks to all citizens of Nagar Palika Parishad Mainpuri for supporting to
develop Mainpuri.

E-Newsletter September-2017 4

आप भी को ' ईद-उल-जहु ा ' र्बु ारक हो |

नगर पासलका पररषद् , लोनी की ओर े आप भी नगर वास यों को ' ईद-उल-जुहा ' की हार्दमक
शभु कार्नायें | 'बकरीद' र्ु लर्ानों का एक प्रस द्द त्यौहार है। इ े 'ईद-उल-ज़ुहा' अथवा 'ईद-उल-अज़हा' के
नार् े भी जानते हंै। यह बसलदान का पवम है। यह हर ाल र्सु ्ललर् र्ाह जलु -र्हज्जा के द वें र्दन
र्नाया जाता है। र्ाना जाता है कक पगै ंिबर हज़रत इब्राहीर् को ईश्वर की ओर े हुक्र् आया कक वह
अपनी ब े अधधक प्यारी वलतु की कु बामनी दे। हज़रत के सलए उनका बटे ा ब े अधधक प्यारा था। ईश्वर
का हुक्र् उनके सलए पत्थर की लकीर था। वह उ े र्ानने के सलए तयै ार थ।े कु बामनी े पहले उन्होंने इ
ववषय पर बटे े े बात की। बेटे ने वपता के फै ले को ही बताया और हँ ते-हँ ते कु बामन हो गया। वपता
और बेटे की भस्क्त देखकर ईश्वर प्र न्न हुए और उन्होंने हज़रत के बटे े को जीवनदान र्दया। तब े लेकर
आज तक इ े र्नाया जाता है। बकरीद की तैयारी त्यौहार के कई र्दनों पहले े आरम्भ हो जाती है।
पररवार के भी दलयों के सलए नए कपडे खरीदे जाते हंै। इ त्यौहार र्ंे बकरे की बसल देने का ववधान
है। अतः बकरे खरीदे जाते हंै। बकरे की कु बामनी के बाद उ के गोश्त को तीन भागों र्ंे ववभक्त ककया जाता
है। इ का एक भाग पररवार के सलए, दू रा भाग बंि ंधि धयों के सलए तथा ती रा भाग गरीबों र्ें बाटँ ा जाता
है। यह त्यौहार दनु नया भर र्ंे र्ु लर्ानों के बीच काफी उत् ाह के ाथ र्नाया जाता है।

E-Newsletter September-2017 5

नवरात्रि की हार्दमक शभु कार्नायें !

नवरात्रि एक हहदं ू पवश है। नवरात्रि एक िसं ्कृ त र्ब्द है, जििका अथश होता है 'नौ रातंे'। इन नौ रातों
और दि हदनों के दौरान, र्जतत / देवी के नौ रूपों की पिू ा की िाती है। दिवाँु हदन दर्हरा के
नाम िे प्रलिद्ध है। नवरात्रि वषश में चार बार आता है। पौष, चिै ,आषाढ,अजश्वन प्रनतपदा िे नवमी
तक मनाया िाता है। नवरात्रि के नौ रातों मंे तीन देववयों - महािक्ष्मी, महािरस्वती या िरस्वती
और दगु ाश के नौ स्वरुपों की पिू ा होती है जिवहें नवदगु ाश कहते हैं। इन नौ रातों और दि हदनों के
दौरान, र्जतत / देवी के नौ रूपों की पिू ा की िाती है। दगु ाश का मतिब िीवन के दखु कॊ
हटानवे ािी होता है। नवरात्रि एक महत्वपरू ्श प्रमखु त्योहार है जििे परू े भारत में महान उत्िाह के
िाथ मनाया िाता है।
र्जतत की उपािना का पवश र्ारदीय नवराि प्रनतपदा िे नवमी तक ननजश्चत नौ नतथथ, नौ नक्षि,
नौ र्जततयों की नवधा भजतत के िाथ िनातन काि िे मनाया िा रहा है। िवपश ्रथम श्रीरामचंद्रिी
ने इि र्ारदीय नवरात्रि पिू ा का प्रारंभ िमदु ्र तट पर ककया था और उिके बाद दिवें हदन िकं ा
वविय के लिए प्रस्थान ककया और वविय प्राप्त की। तब िे अित्य, अधमश पर ित्य, धमश की िीत
का पवश दर्हरा मनाया िाने िगा। आहदर्जतत के हर रूप की नवराि के नौ हदनों मंे क्रमर्ः अिग-
अिग पिू ा की िाती है। माुँ दगु ाश की नौवीं र्जतत का नाम लिवद्धदािी है। ये िभी प्रकार की
लिवद्धयाुँ देने वािी हैं। इनका वाहन लिहं है और कमि पषु ्प पर ही आिीन होती हैं। नवरात्रि के
नौवें हदन इनकी उपािना की िाती है।

E-Newsletter September-2017 6

दशहरा की हार्दमक शभु कार्नायें !

दशहरा र्हन्दओु िं का एक प्रर्ुख त्योहार है । यह त्योहार असशवन र्हीने के शकु ्ल पक्ष र्ंे द र्दनों तक र्नाया
जाता है । इन र्दनों र्ाँ दगु ाम के ववसभन्न रूपों की पजू ा-अचनम ा की जाती है । नवराि र्ंे र्ूनतम पजू ा र्ें पस्श्चर्
बिगं ाल का कोई ानी नहींि है जबकक गुजरात र्ंे खेला जाने वाला डाडिं डया बेजोड है। परू े द र्दनों तक त्योहार की
धरू ् रहती है। लोग भस्क्त र्ें रर्े रहते हंै। र्ािं दगु ाम की ववशषे आराधनाएिं देखने को सर्लती हंै। र्ाँ दगु ाम शस्क्त की
अधधष्ठािी देवी हंै । जीवन र्ें शस्क्त का बहुत र्हत्त्व है, इ सलए भक्तगण र्ाँ दगु ाम े शस्क्त की याचना करते हंै
। पं.ि बंगि ाल, त्रबहार, झारखडिं आर्द प्राितं ों र्ंे र्र्हषा रु र्र्दमनी र्ाँ दगु ाम की प्रनतर्ा लथावपत की जाती है । नौ र्दनों
तक दगु ाम प्तशती का पाठ चलता रहता है । शंखि , घडडयाल और नगाडे बजते हंै । पजू ा-लथलों र्ें धरू ् र्ची रहती है
। तोरणद्वार जाए जाते हंै । नवराि र्ंे व्रत एवंि उपवा रखे जाते हैं । र्िरं ्दरों र्ें ववशषे पजू ा-अचनम ा होती है ।
प्र ाद बाटँ ने और लंगि र चलाने के कायकम ्रर् होते हंै । दशर्ी के र्दन त्योहार की र्ास्प्त होती है। इ र्दन को
ववजयादशर्ी कहते हंै। बरु ाई पर अच्छाई के प्रतीक रावण का पुतला इ र्दन र्चू े देश र्ें जलाया जाता है। इ
र्दन भगवान रार् ने राक्ष रावण का वध कर र्ाता ीता को उ की कै द े छु डाया था। और ारा र्ाज
भयर्ुक्त हुआ था। रावण को र्ारने े पूवम रार् ने दगु ाम की आराधना की थी। र्ांि दगु ाम ने उनकी पूजा े प्र न्न
होकर उन्हें ववजय का वरदान र्दया था। रावण दहन आज भी बहुत धरू ्धार् े ककया जाता है। इ के ाथ ही
आनतशबास्जयािं छोडी जाती हंै। दगु ाम की र्नू तम की लथापना कर पूजा करने वाले भक्त र्ूनत-म वव जनम का कायकम ्रर् भी
गाज-े बाजे के ाथ करते हैं। उत्तर भारत के ववसभन्न प्रािंतों र्ें रार्लीला का र्ंिचन होता है । कहा जाता है कक
ववजयादशर्ी के र्दन भगवान रार् ने लंकि ा नरेश अहिंकारी रावण का वध ककया था । रावण अत्याचारी और घर्डंि ी
राजा था । उ ने रार् की पत्नी ीता का छल े अपहरण कर सलया था । ीता को रावण के चगिं ुल े र्ुक्त
कराने के सलए रार् ने वानरराज गु ्रीव े र्ैिी की । वे वानरी ने ा के ाथ र्ुद्र पार करके लिंका गए और रावण
पर चढाई कर दी । भयिंकर युद्ध हुआ । इ युद्ध र्ंे र्घे नाद, किंु भकण,म रावण आर्द भी वीर योद्धा र्ारे गए । रार्
ने अपने शरण आए रावण के भाई ववभीषण को लंिका का राजा बना र्दया और पत्नी ीता को लेकर अयोध्या की
ओर प्रलथान ककया । रार्लीला र्ें इन घटनाओिं का ववलततृ दृश्य र्दखाया जाता है । इ के द्वारा श्रीरार् का र्यादम ा
पुरुषोत्तर् रूप उजागर होता है । भक्तगण दशहरे र्ंे र्ांि दगु ाम की पजू ा करते हैं। कु छ लोग व्रत एविं उपवा करते
हैं। पजू ा की र्ास्प्त पर पुरोर्हतों को दान-दक्षक्षणा देकर ितं ुष्ट ककया जाता है। कई लथानों पर र्ेले लगते हैं।

E-Newsletter September-2017 7

लवच्छ भारत सर्शन के अन्तगतम खुले र्े शौच े र्ुस्क्त

के म्बन्ध र्ंे जागरूकता हेतु एक र्ासर्कम अपील

जागो युवा जागो लवच्छ भारत है तुम्हारा अधधकार लके कन पहले उठाओिं पहले कतवम ्य का भार
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जब होगी हर डगर, हर गली ाफ |
तो ही परू ी होगी लवच्छ भारत की आ ||

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हर गाँव हर शहर होगा जब ाफ |
तभी हो पाएगा देश का ही ववका ||

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लवच्छ भारत असभयान है एक आ |
ताकक हो भारत देश का म्पणू म ववका ||

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लवच्छता ही है एक र्ाि उपाए |
जो भी को हर्शे ा लवल्य बनाए ||

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स्वच्छता है महा अलभयान |
लवछता र्े दीस्जए अपना योगदान ||

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हाथ े हाथ सर्लाना है
गदंि गी नहीिं फै लाना है
लवच्छता को अपनाना है

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लवच्छ भारत सर्शन

श्री रार्पाल यादव ( अध्यक्ष )
(अधधशाषी अधधकारी)

E-Newsletter September-2017 8

: www.fageosystems.in
: [email protected]
Tel/Fax : 01204349756

E-Newsletter September-2017 9


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