Volume-23 01-04-2018 to 30-04-2018
E-Patrika आजमगढ़
E-Newsletter April-2018 1
आजमगढ़ दर्णप श्रीमती शीला श्रीवास्तव
श्रीमती प्रततभा स हिं (अध्यक्ष)
(अधिशाषी अधिकारी)
नगर पालिका पररषद, आजमगढ़ अप्रिै 2018 के ई-पत्रिका आजमगढ़ दपणप मंे स्वागत है | अप्रिै माह
में हुये ववकास कायो को ई-पत्रिका आजमगढ़ दपणप के माध्यम से आपसब तक पहुँचाना चाहते हैं |
आजमगढ़ नगर पालिका प्रत्येक माह ई-पत्रिका आजमगढ़ दपणप के द्वारा नगर पालिका मंे हुये ववकास
कायो को आपसब के सामने िाने का प्रयास करता है | जजससे आजमगढ़ नगर पालिका पररषद के
ववकास और नई योजनाओं से िाभाजववत हो सके | नगर पालिका पररषद आजमगढ़ का एक माि उद्दशे ्य
नगर पालिका का ववकास है | जजसमे त्रबना ककसी भेद-भाव, सभी समदु ायों के िोगो को एकसाथ िके र
आगे बढने का उद्देश्य है | जजसके लिए नगर पालिका पररषद के ननवालसयों को इसमंे सहयोग महत्वपणू प
है | और नगर पालिका इसका उम्मीद करता है | नगरवालसयों से अपीि है की नगर को स्वच्छ और
सवु दर बनाने मंे नगर पालिका की मदद करे | अपने आस-पास साफ-सथु रा रखे | कू ड़ा-कचरा डस्टत्रबन
मंे रखे , गवदगी न फै िाये | आने वािे कि अच्छा हो इसके लिये आज बहे तर बनायें |
E-Newsletter April-2018 2
आजमगढ़ दर्णप
Smt. Pratibha Singh
(Executive Officer)
I am happy to present the April 2018 issue to all of you. A number of projects
have been commissioned in the month of April. The former will help smoothen
the flow of traffic, reduce the travel time of citizens, ease the congestion and
reduce pollution on nagar road. There have been a lot of lessons to learned and
these insights will certainly stand in good stead with us in our endeavors in
future. The one thing that stands out is the most active participation of citizens.
We the residence of the Nagar Palika Parishad Azamgarh respective of ages,
castes, creeds, religions, localities have untidily participated in creation of
Azamgarh’s Swachh Nagar Palika Parishad proposal. As I look into the future
with great expectation, it is this one aspect of the municipality which gives me
the greatest hope. We in the Nagar Palika Parishad Azamgarh, would be very
happy to receive your feedbacks on all matters that you feel are important.
E-Newsletter April-2018 3
आजमगढ़ दर्णप
Smt. Sheela Srivastava
( Chairman )
I am delighted to present the tasks and issue of Azamgarh Nagar Palika by E-Patrika
Azamgarh in April 2018. Nagar Palika Parishad Azamgarh is grateful to the citizens who
displayed tremendous enthusiasm and whole heartedly participated in numerous activities
throughout this period. All of us should bear in mind that this is not end but a beginning of
the exercise pertaining to development and Swachh Mission program. The coming years
will surely be very hectic and eventful. Azamgarh promises to leave no room for
complacency and will work even harder to achieve the targets. We solicit active
participation from the citizens in our endeavor. We sincerely believe that decisions taken by
Nagar Palika Parishad Azamgarh should benefit Nagar Palika Parishad Azamgarh and the
citizens in the ultimate analysis. Many projects process in work in Nagar Palika Parishad
Azamgarh for development our Nagar Palika and citizens. Thanks to all citizens of Nagar
Palika Parishad Azamgarh for supporting to develop Azamgarh.
E-Newsletter April-2018 4
आर् भी को राम नवमी की हार्दपक शभु कामनाएँ
रामनवमी एक बहुत ही धालमकप और पारंपररक हहवदू त्यौहार है। इस त्यौहार को परु े भारत मंे बहुत
ही हषप और उल्िास के साथ हहवदू िोग मनाते हैं। यह त्यौहार अयोध्या के रजा दशरथ और रानी
कौशल्या के पिु श्री राम के जवम हदवस की ख़ुशी मंे मनाया जाता है। श्री राम को भगवान ् ववष्णु जी
के 10 अवतारों मंे से 7वां अवतार माना जाता है। हहवदू किंेडर के अनसु ार, प्रनतवषप रामनवमी का
हदन चिै माह के शकु ्ि पक्ष 9वें हदन को माना जाता है इसीलिए इस हदन को चिै मास शुक्िपक्ष
नवमी भी कहा जाता है। िोग अपने घरों मंे भगवान ् श्री राम की मूनतप बनाते हैं और उसके सामने बठै
कर अपने पररवार और जीवन की सखु -शानं त की कामना करते हैं। इन हदनों राम महं दरों को बहुत ही
सुवदर तरीके से सजाया जाता है। रामनवमी के त्यौहार को 9 हदन तक मनाया जाता है। इन 9 हदनों
में रामनवमी मनाने वािे सभी हहवदू भक्त रामचररतमानस का अखडं पाठ करते हंै और साथ ही
महं दरों और घरों मंे धालमकप भजन, कीतनप और भजक्त गीतों के साथ पजू ा आरती की जाती है।
ज्यादाता भक्त रामनवमी के 9 हदनों के प्रथम और अंनतम हदन परू ा हदन ब्रत रखते हैं। दक्षक्षण
भारतीय िोग रामनवमी के हदन को भगवान श्री राम और माता सीता के वववाह सािगगराह के रूप मंे
मनाया जाता है। इस हदन सभी दक्षक्षण भारतीय महं दरों को फू िों और िाइट से रोशन कर हदया जाता
है |
E-Newsletter April-2018 5
आर् भी को हनुमान जयंिती की हार्दपक शभु कामनाएँ
एक बार, एक महान संत अगं गरा स्वगप के स्वामी, इवर से लमिने के लिए स्वगप गए और उनका स्वागत
स्वगप की अप्सरा, पजंु ीक्ष्थिा के नतृ ्य के साथ ककया गया। हािाकं क, सतं को इस तरह के नतृ ्य में कोई
रुगच नहीं थी, उवहोंने उसी स्थान पर उसी समय अपने प्रभु का ध्यान करना शरु ु कर हदया। नतृ ्य के
अवत मंे, इवर ने उनसे नतृ ्य के प्रदशनप के बारे मंे पछू ा। वे उस समय चपु थे और उवहोंने कहा कक, मंै
अपने प्रभु के गहरे ध्यान में था, क्योंकक मझु े इस तरह के नतृ ्य प्रदशनप मंे कोई रुगच नहीं है। यह इवर
और अप्सरा के लिए बहुत अगधक िज्जा का ववषय था; उसने संत को ननराश करना शरु ु कर हदया और
तब अंगगरा ने उसे शाप हदया कक, “देखो! तुमने स्वगप से पथृ ्वी को नीचा हदखाया है। तुम पवतप ीय क्षेि
के जंगिों मंे मादा बदं र के रुप में पदै ा हो।” उसे कफर अपनी गिती का अहसास हुआ और संत से क्षमा
याचना की। तब उस सतं को उस पर थोड़ी सी दया आई और उवहोंने उसे आशीवादप हदया कक, “प्रभु का
एक महान भक्त तमु से पदै ा होगा। वह सदैव परमात्मा की सवे ा करेगा।” इसके बाद वह कंु जार (पथृ ्वी
पर बवदरों के राजा) की बटं ी बनी और उनका वववाह समु ेरु पवतप के राजा के सरी से हुआ। उवहोंने पाँचु
हदव्य तत्वों; जसै े- ऋवष अंगगरा का शाप और आशीवादप , उसकी पजू ा, भगवान लशव का आशीवापद, वायु
देव का आशीवादप और पिु श्रेष्ठी यज्ञ से हनमु ान को जवम हदया। यह माना जाता है कक, भगवान लशव
ने पथृ ्वी पर मनषु ्य के रुप पनु जवप म 11वें रुर अवतार के रुप मंे हनमु ान वनकर जवम लिया; क्योंकक वे
अपने वास्तववक रुप मंे भगवान श्री राम की सवे ा नहीं कर सकते थ।े सभी वानर समदु ाय सहहत
मनषु ्यों को बहुत खशु ी हुई और महान उत्साह और जोश के साथ नाचकर, गाकर, और बहुत सी अवय
खलु शयों वािी गनतववगधयों के साथ उनका जवमहदन मनाया। तब से ही यह हदन, उनके भक्तों के द्वारा
उवहीं की तरह ताकत और बवु िमत्ता प्राप्त करने के लिए हनमु ान जयतं ी को मनाया जाता है।
E-Newsletter April-2018 6
डॉ. भीमराव अम्बेडकर जयतंि ी
20वीं शताब्दी के श्रेष्ठ गचवतक, ओजस्वी िखे क, तथा यशस्वी वक्ता एवं स्वतिं भारत के प्रथम काननू मिं ी डॉ. भीमराव
आंबेडकर भारतीय सवं वधान के प्रमखु ननमाणप कताप ह।ैं ववगध ववशषे ज्ञ, अथक पररश्रमी एवं उत्कृ ष्ट कौशि के धनी व उदारवादी, परवतु
सदु ृण व्यजक्त के रूप में डॉ. आबं डे कर ने सवं वधान के ननमापण मंे महत्वपणू प योगदान हदया। डॉ. आबं ेडकर को भारतीय सवं वधान का
जनक भी माना जाता है। छु आ-छू त का प्रभाव जब सारे देश में फै िा हुआ था, उसी दौरान 14 अप्रिै , 1891 को बाबा साहेब भीमराव
आबं डे कर का जवम हुआ था। बचपन से ही बाबा साहेब ने छु आ-छू त की पीङा महससू की थी। जानत के कारण उवहें ससं ्कृ त भाषा
पढने से वगं चत रहना पड़ा था। कहते है,ं जहाँु चाह है वहाँु राह है। प्रगनतशीि ववचारक एवं पणू रप ूप से मानवतावादी बङौदा के महाराज
सयाजी गायकवाङ ने भीमराव जी को उच्च लशक्षा हेतु तीन साि तक छािवतृ ्ती प्रदान की, ककवतु उनकी शतप थी की अमरे रका से
वापस आने पर दस वषप तक बङौदा राज्य की सेवा करनी होगी। भीमराव ने कोिजम्बया ववश्वववद्यािय से पहिे एम. ए. तथा बाद
मंे पी.एच.डी. की डडग्री प्राप्त की। उनके शोध का ववषय “भारत का राष्रीय िाभ” था। इस शोध के कारण उनकी बहुत प्रशसं ा हुई।
उनकी छािवजृ त्त एक वषप के लिये और बढा दी गई। चार वषप पणू प होने पर जब भारत वापस आये तो बङौदा मंे उवहे उच्च पद हदया
गया ककवतु कु छ सामाजजक ववडबं ना की वजह से एवं आवालसय समस्या के कारण उवहंे नौकरी छोङकर बम्बई जाना पङा। बम्बई मंे
सीडने हम कॉिेज में अथशप ास्ि के प्रोफे सर ननयकु ्त हुए ककवतु कु छ सकं ीणप ववचारधारा के कारण वहाुँ भी परेशाननयों का सामना करना
पङा। इन सबके बावजूद आत्मबि के धनी भीमराव आगे बढते रहे। उनका दृण ववश्वास था कक मन के हारे, हार है, मन के जीते
जीत। 1919 में वे पनु ः िदं न चिे गय।े अपने अथक पररश्रम से एम.एस.सी., डी.एस.सी. तथा बरै रस्री की डडग्री प्राप्त कर भारत
िौटे। 1923 में बम्बई उच्च वयायािय मंे वकाित शरु ु की अनेक कठनाईयों के बावजदू अपने कायप मंे ननरंतर आगे बढते रहे। एक
मकु दमे में उवहोने अपने ठोस तकों से अलभयकु ्त को फासं ी की सजा से मकु ्त करा हदया था। उच्च वयायािय के वयायाधीश ने
ननचिी अदाित के फै सिे को रद्द कर हदया। इसके पश्चात बाबा साहेब की प्रलसिी मंे चार चादुँ िग गया। डॉ. आबं ेडकर की िोकतिं
मंे गहरी आस्था थी। वह इसे मानव की एक पिनत (Way of Life) मानते थ।े उनकी दृष्टी में राज्य एक मानव ननलमतप ससं ्था है।
इसका सबसे बङा कायप “समाज की आवतररक अव्यवस्था और बाह्य अनतक्रमण से रक्षा करना है।“ परवतु वे राज्य को ननरपके ्ष
शजक्त नही मानते थ।े उनके अनसु ार- “ककसी भी राज्य ने एक ऐसे अके िे समाज का रूप धारण नहीं ककया जजसमंे सब कु छ आ
जाय या राज्य ही प्रत्यके ववचार एवं कक्रया का स्रोत हो।“ अनके कष्टों को सहन करते हुए, अपने कहठन सघं षप और कठोर पररश्रम
से उवहोंने प्रगनत की ऊं चाइयों को स्पशप ककया था। अपने गणु ों के कारण ही सवं वधान रचना में, सवं वधान सभा द्वारा गहठत सभी
सलमनतयों में 29 अगस्त, 1947 को “प्रारूप-सलमनत” जो कक सवापगधक महत्वपणू प सलमनत थी, उसके अध्यक्ष पद के लिये बाबा साहेब
को चनु ा गया। प्रारूप सलमनत के अध्यक्ष के रूप में डॉ. आबं डे कर ने
महत्वपणू प भलू मका का ननवाहप ककया। सवं वधान सभा मंे सदस्यों द्वारा उठायी
गयी आपजत्तयों, शकं ाओं एवं जजज्ञासाओं का ननराकरण उनके द्वारा बङी ही
कु शिता से ककया गया। उनके व्यजक्तत्व और गचवतन का सवं वधान के
स्वरूप पर गहरा प्रभाव पङा। उनके प्रभाव के कारण ही सवं वधान में समाज
के पद-दलित वगों, अनसु गू चत जानतयों और जनजानतयों के उत्थान के लिये
ववलभवन सवं धै ाननक व्यवस्थाओं और प्रावधानों का ननरुपण ककया ; पररणाम
स्वरूप भारतीय सवं वधान सामाजजक वयाय का एक महान दस्तावजे बन
गया। 1948 में बाबा साहेब मधमु ेह से पीडड़त हो गए । जनू से अक्टू बर
1954 तक वो बहुत बीमार रहे इस दौरान वो नदै ाननक अवसाद और
कमजोर होती दृजष्ट से भी ग्रस्त रहे । अपनी अनं तम पाडं ु लिवप बिु और
उनके धम्म को परू ा करने के तीन हदन के बाद 6 हदसबं र 1956 को
अम्बेडकर इह िोक त्यागकर परिोक लसधार गय।े 7 हदसबं र को बौि शिै ी
के अनसु ार अनं तम ससं ्कार ककया गया जजसमें सकै ड़ों हजारों समथकप ों,
कायकप ताओप ं और प्रशसं कों ने भाग लिया। भारत रत्न से अिकं ृ त डॉ.
भीमराव अम्बेडकर का अथक योगदान कभी भिु ाया नहीं जा सकता , धवय
है वो भारत भलू म जजसने ऐसे महान सपतू को जवम हदया ।
E-Newsletter April-2018 7
स्वच्छ भारत समशन के अन्तगतप खुले मे शौच े मुक्तत
के म्बन्ि मंे जागरूकता हेतु एक मासमकप अर्ील
जागो युवा जागो स्वच्छ भारत है तुम्हारा अधिकार लके कन र्हले उठाओिं र्हले कतवप ्य का भार
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ववकस त राष्ट्र की हो कल्र्ना,
अब हमें है स्वच्छ बनना.
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स्वच्छता अर्नाओ – स्वच्छता अर्नाओ,
अर्ने घर को ंदिु र बनाओ.
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घर- माज को रखो ाफ,
भववष्ट्य नहींि करेगा वरना माफ़.
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तभी आएगा नया वरे ा,
जब होगा ाफ – थु रा माज हमारा.
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अर्ना देश भी ाफ हो,
इ मे हम ब का हाथ हो.
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भी लोग करो गणु गान,
गिंदगी े होगा बको नकु ान.
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स्वच्छ भारत समशन आजमगढ़
श्रीमती प्रनतभा लसहं श्रीमती शीला श्रीवास्तव
(अधिशाषी अधिकारी) ( अध्यक्ष )
E-Newsletter April-2018 8
आजमगढ़ दर्णप
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Tel/Fax : 01204349756
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