शब्द - रचना
अनेक शब्दों के लए एक शब्द
हन्दी भाषा अत्यंत समदृ ्ध भाषा है। इसमंे अनेक शब्दों के लए एक
शब्द का प्रयोग कया जाता है।
इससे भाषा मंे स्पष्टता और सं क्षप्तता आ जाती है और भाषा सदंु र हो
जाती है।
१. िजसमंे लज्जा न हो - नलजर्ा ्ज
२. िजसमंे लज्जा हो - लज्जालु
३. बहुत तज़े चलने वाला - द्रतु गामी
४. जो पथृ ्वी पर वचरता हो - थलचर
५. जो जल में वचरता हो - जलचर
६. जो आकाश में वचरता हो - नभचर
७. आकाश को चमू ने वाला - गगनचबंु ी
८. जो वन मंे रहता हो - वनवासी
९. जो बात पहले न हुई हो - अपूवरा् / अभूतपवू ्रा
१०. तप करने वाला - तपस्वी
११. िजसमंे सहनशि त हो - सहनशील
१२. िजसकी गनती न की जा सके - असखं ्य
१३. िजसका संबधं पिश्चम से हो -पाश्चात्य
१४. अपनी शि त के अनसु ार - यथाशि त
१५. िजसके नीचे रेखा ( लकीर ) खचं ी हो - रेखां कत
१६. क्षण भर टकनेवाला - क्ष णक
१७. क्षण में नष्ट होने वाला - क्षणभंगरु
१८. मन को रंजन ( प्रसन्न ) करने वाला - मनोरंजक
१९. कई राष्ट्रों से संबं धत - अंतरार्ाष्ट्रीय
२०. राष्ट्र से सबं ं धत - राष्ट्रीय