आज अभागी राष्टर् भाषा या राजभाषा हिन्दी हिवस िै। आज से पूरा िेश हिन्दी हिवस-सप्ताि और पखवाडा मनाने में
जुट जाएगा। अभागी इसहिए क्यहों ि िाश्मीर से िन्यािु मारी ति सोंवैधाहनि रूप से राजभाषा िे पि पर प्रहतहित
ियते हुए भी यि राजभाषा िे वास्तहवि रूप िय निींो प्राप्त िर सिी िै। उत्तर भारत और िहिण भारत िे बीच आज
भी इसिय िेिर संोघषष िी स्थिहत िै। संोसि मंे िी निींो वैिेहशि िासता िी हनशानी अंोग्रेजी िा सम्मान िरते िैं तमाम
सांोसि हजन्हंे यि भाषा िम या निीों आती वरन् िेश िे उच्च न्यायािय और उच्चतम न्यायािय िी आजािी मंे इिित्तर
साि िे बाि भी यि स्वीिायष निींो और विाँा िे सारे िाम अंोग्रेजी मंे ियते िंै। हितना बडा अपमान िम अपनी राष्टर्भाषा
िा िर रिे वि भी न्याय िे पावन मस्न्दर में। इस िेश िे तिािहित मध्य व उच्च वगष िे ियग आज भी अपने
बच्चय/ंो पाल्यों में बजाय हिन्दी िे अंोग्रेजी भाषा िे संोस्कार डािने िे हिए प्राणपण से अभी भी जुटे हुए िैं चािे वि नेता ियों
या अहधिारी। हिर प्रश्न उठना स्वाभाहवि िै हि िम अपनी राजभाषा िा हितना सम्मान िर रिे हजसिा हिवस
सप्ताि और पखवाडा आज से मनाने जा रिे हजस पर आज से 29 हसतंोबर ति िेश िा तमाम पैसा पानी िी तरि
बिाया जाएगा िेहिन नतीजा ढाि िे तीन पात जैसा। मुझे भी िय आययजनयों मंे आमंोहित हिया गया िै यि बात अिग
िै हि िायााँ िाि फ्ैरक्चर ियने िे िारण पहुँाच पाता हाँ या निी।ों एि गीत आज िे इस पावन ऐहतिाहसि मित्व िे
अवसर पर-
गीत
आधा और अधूरा हनहमषत
हिन्दी िा आवास,
उच्च न्याय मस्न्दर ति
वैिेहशिता िरे हनवास।
राष्टर् एि पर अन्तर िै
ध्रुवीय ज्यंो भाषा में
संोसि िे माइि पर
अंोग्रेजी पररभाषा में
हजसिी बीत रिी सातवें
िशि गणतन्त्री आयु
हिर भी अधर-िण्ठ-
हजह्वा न ऐक् अहभिाषा मंे
आश्चयष िै हववश प्रेत
िहवता िे िे शविास
और सुधार न पाते
मृिुि-सरि अहत तुिसीिास
ििराती ध्वज हजसिे
रानी मीरा जैसी भस्ि
और चाम हसिनेवािी
िठौहत िी गोंगा-शस्ि
हजसिे ध्वज वािि िबीर
िे शबि रुह़ि िर अन्त
हजसमंे पन्त-प्रसाि-हनरािा
िी असीम अनुरस्ि
िै िुभाषग्य हि भूिे िम
उसिी भूषण-िििार
और हचराग मयस्सर निीों
शिर िुश्यन्त हनराश।
रस्श्मरिी हिनिर िी
और मैहििी िी सािे त
प्रेमचोंि िी ियरी िय बैियों
िी ििा समेत
बाबा नागाजषुन िी और
अिम िी जय िुहभषि
िटा सुिन्ना पिने
िरचरना जनगण समवेत
सवेश्वर ियाि िी हजसमें
बडा गजब िा िेश
हजसिे िाहमि बुल्के
और हग्रयसषन जैसे िास।
हिर मेरे िािा जी िा,
िौर आया।
उन्हयनों े पगडी उतारी,
पर जनेऊ बचाया।।
मेरे िािा जी,
अंोग्रेजी हबििु ि निीों जानते िे।
जानना तय िू र,
अंोग्रेजी िे नाम से िन्नी िाटते िे।।
मेरे हपताजी िय अंोग्रेजी,
ियडी ियडी समझ में आई।
िु छ खुि समझे,
िु छ अिष चक्र ने समझाई।।
पर वय अोंग्रेजी िा प्रययग,
मजबूरी में िरते िे।
याहन सभी सरिारी िामष,
हिन्दी में िी भरते िे।।
जनेऊ उनिा भी,
अिुण्य िा।
पर संोस्कृ त िा प्रययग,
नगण्य िा।।
विी िौर िा, जब संोस्कृ त िे साि,
सोंस्कृ हत खय रिी िी।
इसीहिए सोंस्कृ त,
मृत भाषा घयहषत िय रिी िी।।
धीरे धीरे समय बििा,
और नया िौर आया।
मैंने अंोग्रेजी िय प़िा िी निी,ंो
अच्छे से चबाया।।
मंैने खुि िय,
हिन्दी से अोंग्रेजी में हिफ्ट हिया।
साि िी जनेऊ िय,
पूजा घर मंे हसफ्ट हिया।।
और जय जनवरी िे वािे िै
उन्हंे हिसम्बर हनभाता िै...
िै से जनवरी से
हिसम्बर िे सिर मे
११ मिीने िग जाते िै...
िेहिन हिसम्बर से जनवरी बस
१ पि मे पहुोंच जाते िै!!
जब ये िू र जाते िै
तय िाि बिि िेते िै,
और जब पास आते िै
तय साि बिि िेते िै...
िेखने मे ये साि िे मिज
िय मिीने िी तय िगते िै,
िेहिन...
सब िु छ हबखेरने और समेटने
िा वय िायिा भी रखते िै...
ियनयंो ने हमििर िी तय
बािी मिीनयों िय बांोध रखा िै,
.
अपनी जुिाई िय
िुहनया िे हिए
एि त्यौिार बना रखा िै..!
[06/03, 11:07 am] Hema: अहत सुंोिर िहवता
एि बार जरुर पूरी प़िे
स्वगष में हवचरण
िरते हुए
अचानि एि िुसरे िे
सामने आ गए
हवचहित से
िृ ष्ण ,
प्रसन्नहचत सी
राधा...
िृ ष्ण सिपिाए,
राधा मुस्काई
इससे पििे िृ ष्ण
िु छ ििते
राधा बयि उठी
"िै से िय द्वारिाधीश ?"
जय राधा उन्हंे
िान्हा िान्हा
िि िे बुिाती िी
उसिे मुख से
द्वारिाधीश िा
सोंबयधन
िृ ष्ण िय
भीतर ति
घायि
िर गया
हिर भी हिसी तरि
अपने आप िय
संोभाि हिया
.....और बयिे राधा से
मै तय तुम्हारे हिए
आज भी िान्हा हाँ
तुम तय द्वारिाधीश
मत ििय!
आओ बैठते िै ....
िु छ मै अपनी ििता हँा
िु छ तुम अपनी ििय
सच िहँा राधा
जब जब भी
तुम्हारी याि
आती िी
इन आँाखयंो से
आाँसुओों िी बाुँिे
हनिि आती िी
बयिी राधा ,मेरे साि
ऐसा िु छ निीों हुआ
ना तुम्हारी याि आई
ना ियई आंोसू बिा
क्ूोंहि िम तुम्हे
िभी भूिे िी ििााँ िे
जय तुम याि आते
इन आँाखयंो मंे सिा
तुम रिते िे
ििीों आाँसुओंो िे
साि हनिि
ना जाओ
इसहिए रयते भी
निींो िे
प्रेम िे अिग ियने पर
तुमने क्ा खयया
इसिा इि आइना
हिखाऊंो आपिय ?
िु छ िडवे सच ,
प्रश्न सुन पाओ तय
सुनाऊ?
िभी सयचा इस
तरक्ी मंे तुम
हितने हपछड गए
यमुना िे मीठे पानी
से हजंोिगी शुरू िी
और समुन्द्र िे
खारे पानी ति
पहुच गए ?
एि ऊँा गिी पर
चिने वािे
सुिशषन चक्र
पर भरयसा िर हिया
और िसयों उाँगहिययों
पर चिने वाळी
बांोसुरी िय
भूि गए ?
िान्हा जब तुम
प्रेम से जुडे िे तय ....
जय ऊँा गिी
गयवधषन पवषत
उठािर ियगयंो िय
हवनाश से बचाती िी
प्रेम से अिग ियने
पर विी ऊँा गिी
क्ा क्ा रंो ग
हिखाने िगी
सुिशषन चक्र
उठािर हवनाश िे
िाम आने िगी
िान्हा और
द्वारिाधीश में
क्ा ििष ियता िै
बताऊाँ
िान्हा ियते तय
तुम सुिामा िे
घर जाते
सुिामा तुम्हारे घर
निींो आता
युद्ध में और प्रेम
मंे यिी तय ििष
ियता िै
युद्ध मंे आप हमटािर