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संदशे
मझु े यह जानकर अ य त खशु ी हई है िक नगर राजभाषा काया वयन सिमित, मबंु ई ारा इस वष “राजभाषा
वाह” के तेरहव अकं का काशन िकया जा रहा ह।ै “राजभाषा वाह” के िनर तर काशन से सिमित के सद य
कायालय के कई अिधकारी एवं कमचारी रचनाएं िलखने के िलए े रत हए ह। सद य कायालय के कई कािमक इस
पि का के मा यम से अपनी भावा मक अनभु ूितय एवं यो यताओंको कट करने म सफल हए ह।
िहदं ी भाषा गितशील है और बदलती सामािजक, सां कृ ितक एवं आिथक प रि थितय के साथ-साथ इसका
भी व प प रवितत हआ है। राजभाषा िहदं ी क कृ ित सामािसक है और इसम भारत के सभी ा त क भाषा
शैिलय को आ मसात करने क शि ह।ै
िहदं ी के सरकार के शासन क भाषा है और यह आम जनता और शासन के बीच एक सेतु का काय कर रही
है। अतः नगर राजभाषा काया वयन सिमित के सद य कायालय के सभी अिधका रय एवं कमचा रय का कत य है
िक वे अपने सरकारी काय म िहदं ी का अिधकािधक योग सिु नि त कर।
म “राजभाषा वाह” के काशन से जड़ु ी हई पूरी टीम को बधाई और शभु कामनाएं दते ा हँ और आशा करता हँ
िक यह पि का िनर तर कािशत होती रहेगी और नए-नए रचनाकार को रोचक एवं पठनीय लेख िलखने के िलए
े रत करती रहगे ी।
(आलोक कं सल)
अ य , नराकास एवं
महा बधं क, पि म रले वे
संदशे
मझु े यह जानकर अ य त स नता हई िक के ीय सरकारी कायालय क नगर राजभाषा काया वयन सिमित,
मबंु ई ारा “राजभाषा वाह” का तेहरवां अकं कािशत िकया जा रहा ह।ै “राजभाषा वाह” पि का पाठक को सिमित के
सद य कायालय ारा राजभाषा सबं धं ी समय-समय पर आयोिजत िविभ न गितिविधय क जानकारी उपल ध करवाने के
अित र राजभाषा के चार- सार एवं योग को बढ़ाने म िवशषे भूिमका िनभा रही है।
सरकारी कायालय ारा राजभाषा सबं धं ी प -पि काओंके काशन से राजभाषा के गामी अनु योग को बढ़ावा
िमलता है साथ ही साथ िहदं ी म काम करने वाले अिधका रय /कमचा रय के उ साह म भी विृ होती है िजससे अ य
अिधकारी/कमचारी भी रे णा हण करते ह। सघं क राजभाषा नीित का आधार रे णा है। इस आलोक म भी राजभाषा प -
पि काओंका काशन िहदं ी सवं िृ क िदशा म एक साथक कदम िस होता है।
म नगर राजभाषा काया वयन सिमित के सभी सद य कायालय से आ ह करता हँ िक वह अपने कायालय म
राजभाषा िवभाग, गहृ मं ालय ारा जारी वािषक काय म म िनधा रत ल य को ा करने हते ु साथक एवं सतत यास कर।
(अजय गोयल)
उपा य , नराकास एवं
मु य राजभाषा अिधकारी,
पि म रले वे
संपादक क कलम से ....
के ीय सरकारी कायालय क नगर राजभाषा काया वयन सिमित, मबंु ई ारा कािशत क जानेवाली राजभाषा
पि का “राजभाषा वाह” का तेहरवां अकं आपके सम ततु करते हए मझु े अपार खशु ी हो रही है। नगर राजभाषा
काया वयन सिमित के सद य कायालय म राजभाषा के चार- सार एवं योग को बढ़ाने के उ े य से कािशत
“राजभाषा वाह” म सद य कायालय क वष 2020-21 के दौरान आयोिजत िविभ न गितिविधय को शािमल िकया गया
ह।ै राजभाषा पि का को अ यिधक ानवधक, पठनीय, िचकर एवं मनोरजं क बनाने के िलए सभी सद य कायालय का
सहयोग अ यतं आव यक ह।ै
नराकास का यह मंच, मबंु ई ि थत के सरकार के कायालय म राजभाषा का चार एवं सार करने म मह वपूण
योगदान दे रहा ह।ै आज सपं ूण िव कोरोना महामारी से जूझ रहा ह।ै कोरोना महामारी के म ेनजर सभी िहदं ी ितयोिगताएं
सद य कायालय म सामािजक दूरी का पालन करते हए आयोिजत क गई।ं
िहदं ी भारतीय सं कृ ित के मूल त व क अिभ यि का मा यम ह।ै आज राजभाषा िहदं ी सभी भारतीय क
आशाओं एवं आकां ाओं का सबसे सश तीक बन गई है। वतमान म िहदं ी, िव म यवसाय क एक सश भाषा के
प म उभर रही है। सरकारी कामकाज अिधक से अिधक िहदं ी म करने के िलए यह आव यक है िक भाषा को सरल एवं
सहज बनाया जाए तािक वह सभी के योग के अनकु ू ल हो सके । िहदं ी इस उ े य म सफल भी हो रही ह।ै
राजभाषा वाह के इस अकं को पाठक के िलए रोचक, मनोरजं क एवं उपयोगी बनाने के िलए हर सभं व यास
िकया गया ह।ै पाठक से अनरु ोध है िक पि का का अगला अकं और अिधक ानवधक एवं उपयोगी बनाने के िलए अपनी
िट पिणयां एवं िति याएं सिमित को अव य भेज।
सध यवाद,
(डॉ सशु ील कु मार शमा )
सद य सिचव, नराकास एवं
उप महा बधं क(रा.भा.),
पि म रले वे, मबंु ई
राजभाषा वाह
¨¸«¸Ä -14 ‚¿ˆÅ - 13 ¨¸«¸Ä - 2021
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ªú आलोक कं सल
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टंकण सहयोग
ी वामन भडं ारी, Ÿ¸º‰¡¸ ’¿ˆÅˆÅ, œ¸¢©\¸Ÿ¸ £½¥¸¨¸½
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सम त राजभाषा िवभाग एवं ¬¸¢Ÿ¸¢÷¸ ˆ½Å ¬¸ž¸ú ¬¸™¬¡¸ ˆÅ¸¡¸¸Ä¥¸¡¸
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िजसके िलए सपं ादक मडं ल उ रदायी नह है ।
अनु मिणका
1. अ य महोदय का स दशे ी आलोक कं सल
2. मरु ाधी महोदय का स दशे ी अजय गोयल
3. सपं ादक क कलम से .... डॉ सशु ील कु मार शमा
4. नराकास के सद य कायालय क राजभाषा गितिविधयां 01-07
5. नराकास ारा आयोिजत ितयोिगताओं के प रणाम 08-11
6. डोसा सु िच स सने ा 12
7. व त कु छ बदल गया है ... सु िच स सेना 13
8. लॉकडाउन म पित रोिहत चौरिसया 14
9. अगर करो सवाल तमु तो सवाल ये करो गु नाथ मधकु र तेरवणकर 15
10. रा भि किवता सधु ी शमा 16
11. मेरी यारी भाषा िह दी सु िच स सने ा 17
12. सफलता का रह य अिनल कु मार 18
13. योग- सभी के िलए आकाश िसहं हाडा 19
14. भारत के आ मिनभर अिभयान म िहदं ी का योगदान मंगेश र न िसहं 20-22
15. ऑन लाइन िश ा राज ी बी सनदी 23
16. फोटो ाफ 24-29
17. कोरोनाकाल म हमारी जीवन शैली सजं ीव कु मार िसहं 30
18. कं यूटर म यूिनकोड इनेबल करना राके श कु मार समु न 31
19. िहदं ी के योग के िलए वष 2021-22 का वािषक काय म सपं ादन सिमित 32-33
20. िहदं ी म यु अशु एवं शु श द ..........”............ 34
21. ससं दीय राजभाषा सिमित ..........”............ 35-37
22. िहदं ी िव भाषा क ओर ..........”............ 38-43
23. ऊजा सरं ण के उपाय ..........”............ 44-48
24. के ीय सरकारी कायालय क नराकास,मबंु ई के सद य क सूची 49-57
नगर राजभाषा काया वयन सिमित (क ीय सरकारी कायालय),
मबुं ई के सद य कायालय क राजभाषा गितिविधयां
1. सरकारी नौवहन कायालय, पोत प रवहन मं ालय, मबंु ई
सरकारी नौवहन कायालय, मबंु ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को ो सािहत करने हते ु एक िहदं ी कायशाला का
आयोजन िकया गया िजसम 10 अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया गया ।
2. शासक य समापक उ च यायालय मबुं ई का कायालय
शासक य समापक उ च यायालय मबंु ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को बढ़ावा दने े के उ े य से “िहदं ी िदवस” के
अवसर पर िदनाकं 14/09/2020 से 28/09/2020 तक िहदं ी पखवाड़े का आयोजन िविभ न ितयोिगताओं के साथ
िकया गया िजसम अिधका रय /कमचा रय ने ितभािगता क । िह दी पि का का काशन िकया गया । इसके अलावा दो
िहदं ी कायशालाओं का आयोजन िकया गया िजसम 8 अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया गया ।
3. मु य अिभयतं ा (मबुं ई) II का कायालय , क ीय लोक िनमाण िवभाग, मबुं ई
मु य अिभयतं ा(मबंु ई) II का कायालय , क ीय लोक िनमाण िवभाग, मंबु ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी का अनकु ू ल
वातावरण तैयार करने हेतु िसतबं र माह-2020 को िहदं ी माह के प म मनाया गया ।
4. आयकर अपीलीय अिधकरण, मबुं ई
आयकर अपीलीय अिधकरण, मबंु ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के योग- सार हते ु िदनाकं 14/09/2020 से
28/09/2020 तक िहदं ी पखवाड़े का आयोजन िकया गया । पखवाड़े के दौरान िहदं ी म काय िन पादन, िनबधं लेखन,
अनवु ाद, िहदं ी टंकण, िहदं ी िट पण ा प आिद ितयोिगताओं का आयोजन ऑन लाइन मा यम से िकया गया ।
कायालय म दो िहदं ी कायशाला का आयोजन िकया गया िजसम 19 अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया गया ।
5. िफ म भाग, मबंु ई
िफ म भाग, मंबु ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को बढ़ावा दने े के उ े य से िदनांक 14/09/2020 से 29/09/2020
तक िहदं ी पखवाड़े का आयोजन िकया गया । पखवाड़े के दौरान िविभ न ितयोिगताओं का आयोजन िकया गया ।
िवजते ाओं को परु कार एवं माणप दान िकए गए । दो िहदं ी कायशाला आयोिजत क गई िजसम 59
अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया गया ।
6. कायालय महािनदशे क वािणि यक लखे ापरी ा, मबुं ई
कायालय महािनदशे क वािणि यक लेखापरी ा, मंबु ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को बढ़ावा दने े के उ े य से
िदनाकं 14/09/2020 से 29/09/2020 तक िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया । एक िहदं ी कायशालाएं आयोिजत क गई
िजसम 5 अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया गया ।
1
7. मु य पो टमा टर जनरल कायालय, महारा सिकल, मबुं ई
मु य पो टमा टर जनरल कायालय, महारा सिकल, मबंु ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के योग- सार हेतु िदनाकं
14/09/2020 से 28/09/2020 तक िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया । कायालय म 14 िसतंबर को िहदं ी िदवस मनाया गया
। पखवाड़े के दौरान िहदं ी प र छेद लेखन, लॉकडाउन के दौरान डाक सेवाओं के सबं धं म अपने अनभु व पर लेख, िच
दखे कर कहानी लेखन, िहदं ी किवता लेखन आिद िविभ न ितयोिगताओं तथा कायशाला का आयोजन िकया गया
िजसम सभी अिधका रय /कमचा रय ने उ साहपूवक भाग िलया । िवजेताओं को परु कार दान िकए गए ।
8. ादेिशक मौसम क , मबुं ई
ादिे शक मौसम क , मबंु ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को बढ़ावा दने े के उ े य से िदनाकं 14/09/2020 से
28/09/2020 तक िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया । इसके अलावा कायालय म दो िहदं ी कायशालाओं का आयोजन िकया
गया िजसम 28 अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया गया ।
9. महािनदेशक लखे ापरी ा का कायालय, म य रले , मबंु ई
धान िनदशे क लेखापरी ा म य रले , मंबु ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी क उ रोतर विृ के उ े य से िदनाकं
14/09/2020 से 28/09/2020 तक िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया । पखवाड़े के दौरान िहदं ी अनवु ाद, िहदं ी भाषण, िहदं ी
सूि लेखन आिद िविभ न ितयोिगताओं का आयोजन िकया गया । कायालय म एक िहदं ी कायशाला का आयोजन
िकया गया िजसम 05 कमचा रय को िशि त िकया गया ।
10. भारतीय माि यक सव ण, मबंु ई
भारतीय माि यक सव ण, मंबु ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के योग- सार हते ु िदनांक 14/09/2020 से
28/09/2020 तक िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया । पखवाड़े के दौरान िहदं ी िनबधं , िहदं ी तु लेखन, िहदं ी टंकण, िहदं ी
किवता पाठ आिद ितयोिगताओं का आयोजन िकया गया । इसके अलावा कायालय म दो िहदं ी कायशालाओं का
आयोजन िकया गया िजसम 27 अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया गया ।
11. मडं ल रले पबधक कायालय, मबुं ई स ल, पि म रले वे
मंडल रले बधं क, मबंु ई स ल, पि म रले वे के कायालय म राजभाषा िहदं ी के अनकु ू ल वातावरण तैयार करने हते ु
िदनाकं 14/09/2020 से 28/09/2020 तक िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया । पखवाड़ा के दौरान सदं शे वाचन, शासिनक
िहदं ी श द ान, -मंच, वरिचत का य पाठ, िनबधं आिद िविभ न ितयोिगताओं का आयोजन िकया गया । पखवाड़े
के समापन समारोह के दौरान िवजते ाओं को परु कार एवं माण-प दान िकए । इसके अलावा कायालय म दो िहदं ी
कायशालाओं का आयोजन िकया गया िजसम 23 अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया गया ।
12. कारखाना सलाह सवे ा और म सं थान महािनदेशालय, मबंु ई
कारखाना सलाह सेवा और म सं थान महािनदशे ालय, मबंु ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के योग- सार हेतु
िदनाकं 14/09/2020 को िहदं ी िदवस मनाया गया । िदनांक 01/09/2020 से 15/09/2020 तक िहदं ी पखवाड़ा मनाया
गया । पखवाड़े के दौरान िविभ न ितयोिगताओं का आयोजन िकया गया ।
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13. धान महालेखाकर (लखे ापरी ा) – I का कायालय, महारा , मबुं ई
धान महालेखाकर (लेखापरी ा)-I महारा , मबंु ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के िवकास के उ े य से िदनाकं
14/09/2020 से 30/09/2020 तक िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया । पखवाड़े के दौरान िहदं ी िनबधं , अनवु ाद, पो टर आिद
ितयोिगताओं का आयोजन िकया गया ।
14. नािवक रोजगार कायालय, मबंु ई
नािवक रोजगार, मंबु ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को बढ़ावा दने े के उ े य से एक िहदं ी कायशाला आयोिजत
क गई िजसम 07 अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया गया ।
15. क ीय िफ म माणन बोड, मबुं ई
क ीय िफ म माणन बोड, मंबु ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के योग- सार म विृ करने के उ े य से
िदनाकं 14/09/2020 से 30/09/2020 तक िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया । पखवाड़ा के दौरान िहदं ी िट पण एवं ा प
लेखन, कं यूटर पर टंकण, िनबधं , शु लेखन आिद ितयोिगताओं का आयोजन िकया गया ।
16. भारत पयटन, मबंु ई
भारत पयटन, मंबु ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को बढ़ावा दने े के उ े य से िदनांक 14/09/2020 से 30/09/2020
तक िहदं ी पखवाड़े का आयोजन िकया गया । एक िहदं ी कायशाला आयोिजत क गई िजसम 20
अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया गया ।
17. अिखल भारतीय भौितक िचिक सा एवं पुनवास सं थान, मबंु ई
अिखल भारतीय भौितक िचिक सा एवं पनु वास सं थान, मबंु ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी क उ रोतर विृ करने
के उ े य से िदनांक 07/09/2020 से 21/09/2020 तक िहदं ी पखवाड़े का आयोजन िकया गया । 14 िसतंबर 2020
को िहदं ी िदवस मनाया गया । पखवाड़ा के दौरान िनबधं लेखन, प लेखन, अनु छेद लेखन, िच दखे कर कहानी
लेखन, सूि य का िहदं ी सलु ेखन, पो टर ितयोिगता, आिद ितयोिगताओं का आयोजन िकया गया । सं थान ारा
िहदं ी पि का “ साम य “ का िनयिमत काशन िकया जाता है ।
18. क ीय रशे म बोड, मबंु ई
क ीय रशे म बोड, मंबु ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के योग- सार हते ु िदनांक 14/09/2020 से 28/09/2020 तक
िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया । पखवाड़े के दौरान िविभ न ितयोिगताओं का आयोजन िकया गया ।
19 . कमचारी रा य बीमा िनगम, मबंु ई
कमचारी रा य बीमा िनगम, मंबु ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के योग- सार हेतु िदनांक 01/09/2020 से
15/09/2020 तक िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया । 14 िसतंबर को िह दी िदवस मनाया गया । िहदं ी िदवस के अवसर पर
गहृ पि का “ व लरी “ का काशन भी िकया गया । पखवाड़े के दौरान िविभ न ितयोिगताओं का आयोजन िकया गया
। इसके अलावा कायालय म एक िहदं ी कायशालाओं का आयोजन िकया गया िजसम 22 अिधका रय /कमचा रय को
िशि त िकया।
3
20. आयु का कायालय, व तु एवं सवे ा कर तथा क ीय उ पाद शु क, मबंु ई म य
आयु , व तु एवं सेवा कर तथा क ीय उ पाद शु क, मंबु ई म य के कायालय म राजभाषा िहदं ी को ो सािहत करने के
उ े य से एक िहदं ी कायशालाएं आयोिजत क गई िजसम 18 अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया गया ।
21. समु ी उ पाद िनयात िवकास ािधकरण, मबंु ई
समु ी उ पाद िनयात िवकास ािधकरण, मंबु ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को बढ़ावा दने े के उ े य से िदनाकं
14/09/2020 को “ िहदं ी िदवस ” का आयोजन िकया गया । इसके अलावा कायालय म दो िहदं ी कायशालाओं का
आयोजन िकया गया िजसम 13 अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया गया ।
22. मडं ल रले बधं क कायालय, छ.िश.म.ट. मबुं ई, म य रले
मडं ल रले बधं क कायालय, छ.िश.म.ट. मंबु ई, म य रले के कायालय म राजभाषा िहदं ी के अनकु ू ल वातावरण तैयार
करने के उ े य से िदनांक 14/09/2020 से 18/09/2020 तक िहदं ी स ाह का आयोजन िकया गया । इस दौरान िहदं ी
िनबधं , राजभाषा वग पहेली, पु तक समी ा लेखन, िहदं ी सलु ेखन आिद िविवध िहदं ी ितयोिगताओं तथा किव स मेलन
का आयोजन िकया गया ।
23. कायालय, र ा लखे ा िनयं क (कै .भ.ं िव.), मबुं ई
र ा लेखा िनयं क (कै .भ.ं िव.), मंबु ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के योग- सार के उ े य से िदनांक14/09/2020
से 28/09/2020 तक िहदं ी पखवाड़े का आयोजन िकया गया । पखवाड़े के दौरान िविभ न ितयोिगता का आयोजन
िकया गया ।
24. ादिे शक िनदेशक, पि म े , कारपोरटे काय मं ालय, मबंु ई
ादिे शक िनदशे क, पि म े , कारपोरटे काय मं ालय, मबंु ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के अनकु ू ल वातावरण
तैयार करने के उ े य से िदनांक 14/09/2020 से 28/09/2020 तक िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया । इस दौरान िविवध
िहदं ी ितयोिगताओं का आयोजन िकया गया और िवजेताओं को परु कार दान िकए गए । इसके अलावा कायालय म
तीन िहदं ी कायशालाओं का आयोजन िकया गया िजसम 59 अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया गया ।
25. व आयु कायालय, मबंु ई
व आयु , मंबु ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को बढ़ावा दने े के उ े य से िदनांक 14/09/2020 से 28/09/2020
तक िहदं ी पखवाड़े का आयोजन िकया गया । पखवाड़े के दौरान िविभ न ितयोिगताओं का आयोजन िकया गया । दो
िहदं ी कायशालाएं आयोिजत क गई िजसम 34 अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया गया ।
26. पोत प न वा य सगं ठन, मबंु ई
पोत प न वा य सगं ठन, मबंु ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को ो सािहत करने के उ े य से िदनांक
14/09/2020 को िहदं ी िदवस मनाया गया । िहदं ी िदवस के उप य म एक सगं ो ी का आयोजन िकया गया। इसके
अलावा िद.15/04/2020 को समरसता िदवस तथा िद. 20/08/2020 को स ावना िदवस मनाया गया ।
4
27. रा ीय बचत सं थान, मबंु ई
रा ीय बचत सं थान, मबंु ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के योग- सार म विृ करने के उ े य से िदनाकं
14/09/2020 से 28/09/2020 तक िहदं ी पखवाड़े का आयोजन िकया गया । इसके अलावा दो िहदं ी कायशालाएं
आयोिजत क गई ।
28. महा बधं क कायालय, म य रले , मबंु ई
महा बधं क म य रले , मबंु ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के अनकु ू ल वातावरण तैयार करने के उ े य से िदनांक
14/09/2020 से 28/09/2020 तक िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया । इस दौरान िविभ न िहदं ी ितयोिगताओं का आयोजन
िकया गया । ितयोिगताओं के िवजते ाओं को परु कार दान िकए गए । इसके अलावा कायालय म दो िहदं ी
कायशालाओं का आयोजन िकया गया िजसम 28 अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया गया ।
29. क ीय व तु एवं सवे ा कर तथा क ीय उ पाद शु क आयु का कायालय, थाने
क ीय व तु एवं सवे ा कर तथा क ीय उ पाद शु क आयु , थाने के कायालय म राजभाषा िहदं ी को बढ़ावा दने े के
उ े य से िसतबं र माह म िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया । इस दौरान िहदं ी िनबधं , तकनीक श दावली का अनवु ाद, िहदं ी
सलु ेखन, िहदं ी ो री आिद िहदं ी ितयोिगताओं का आयोजन िकया गया । ितयोिगताओं के िवजते ा
अिधका रय /कमचा रय को माण-प दान िकए गए । एक िहदं ी कायशालाएं आयोिजत क गई ।
30. धान मु य आयकर आयु , मबुं ई
धान मु य आयकर आयु , मबंु ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के योग- सार के िलए िदनांक 14/09/2020 से
18/09/2020 तक िहदं ी पखवाड़े का आयोजन िकया गया । िदनाकं 14/09/2020 को “िहदं ी िदवस” मनाया गया । िहदं ी
पखवाड़े के दौरान िविभ न ितयोिगताओं का आयोजन िकया गया ।
31. राज व आसूचना िनदशे ालय, मबंु ई
राज व आसूचना िनदशे ालय, मंबु ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को ो सािहत करने के उ े य से िदनाकं
14/09/2020 से 20/09/2020 तक िहदं ी स ाह का आयोजन िकया गया । स ाह के दौरान िविभ न िहदं ी
ितयोिगताओं का आयोजन िकया गया । इसके अलावा कायालय म एक िहदं ी कायशाला का आयोजन िकया गया
िजसम 20 अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया ।
32. सार भारती, भारत का लोक सवे ा सारक, आकाशवाणी, मबुं ई
सार भारती , भारत का लोक सेवा सारक, आकाशवाणी, मबंु ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी को बढ़ावा दने े के
उ े य से िहदं ी पखवाड़े का आयोजन िकया गया । इसके अलावा कायालय म एक िहदं ी कायशाला का आयोजन िकया
गया िजसम 27 अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया ।
33. कायालय, र ा लेखा धान िनयं क (नौसने ा), मबुं ई
कायालय, र ा लेखा धान िनयं क (नौसेना), मबंु ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के योग- सार के उ े य से िदनाकं
01/09/2020 से 15/09/2020 तक िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया । पखवाड़े के दौरान िविभ न ितयोिगताओं का
आयोजन िकया गया ।
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34. कायालय महािनदेशक लेखा परी ा पयावरण और वै ािनक िवभाग, मबंु ई शाखा
कायालय महािनदशे क लेखा परी ा पयावरण और वै ािनक िवभाग, मंबु ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के योग- सार
के उ े य से िदनाकं 07/09/2020 और 08/09/2020 को िहदं ी िट पण लेखन, िनबधं लेखन, अनवु ाद ितयोिगता का
आयोजन िकया गया । िदनांक 14/09/2020 को िहदं ी िदवस समारोह का आयोजन िकया गया ।
35. एक व (पेटट) कायालय, मबंु ई
एक व (पटे ट) कायालय, मबंु ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के योग- सार के उ े य से िदनाकं 14/09/2020 से
28/09/2020 तक िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया । पखवाड़े के दौरान िविभ न ितयोिगताओं का आयोजन िकया गया ।
36. क ीय म सं थान, मबुं ई
क ीय म सं थान, मंबु ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के योग- सार के उ े य से िदनाकं 01/09/2020 से
15/09/2020 तक िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया । पखवाड़े के दौरान िविभ न ितयोिगताओं का आयोजन िकया गया ।
इसके अलावा कायालय म दो िहदं ी कायशालाएं आयोिजत क गई िजसम 15 अिधका रय /कमचा रय को िशि त
िकया गया ।
37. आयु ालय सीमाशु क, आयात–I, मबंु ई
आयु ालय सीमाशु क, आयात–I, मंबु ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के योग- सार के उ े य से िदनाकं
14/09/2020 से 30/09/2020 तक िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया । पखवाड़े के दौरान िविभ न ितयोिगताओं का
आयोजन िकया गया । इसके अलावा कायालय म दो िहदं ी कायशालाएं आयोिजत क गई िजसम 18
अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया गया ।
38. धान आयु सीमाशु क (सामा य) का कायालय, मबंु ई
धान आयु सीमाशु क (िनवारक), मबंु ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के योग- सार के उ े य से िदनांक
14/09/2020 से 30/09/2020 तक िहदं ी पखवाड़ा मनाया गया ।
39. सरकारी िचिक सा साम ी भडं ार, मबंु ई
सरकारी िचिक सा साम ी भडं ार, मंबु ई स ल के कायालय म राजभाषा िहदं ी को बढ़ावा दने े के उ े य से िदनाकं
14/09/2020 से 28/09/2020 तक िहदं ी पखवाड़े का आयोजन िकया गया । पखवाड़े के दौरान टंकण, सदंु र
अनलु ेखन, तु लेखन, िट पण आलेखन, सामा य ान, ावली, िनबधं लेखन आिद ितयोिगताओं का आयोजन
िकया गया । सफल ितभािगय को परु कार एवं माण-प दान िकया गया ।
40. अपर महािनदशे क (अिभ.) प. .े का कायालय, आकाशवाणी एवं दूरदशन,
मबंु ई अपर महािनदशे क(अिभ.)प. े., आकाशवाणी एवं दूरदशन, मबंु ई के कायालय म राजभाषा िहदं ी के योग-
सार हेतु एक कायशाला का भी आयोजन िकया गया िजसम 6 अिधका रय /कमचा रय को िशि त िकया गया ।
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41. धान कायालय, पि म रले वे, मबुं ई
पि म रले व,े धान कायालय के राजभाषा िवभाग ारा वष 2020-21 के दौरान राजभाषा के चार-
सार एवं योग को बढ़ावा दने े और अनकु ू ल वातावरण तैयार करने के िलए राजभाषा सबं धं ी िविभ न गितिविधय का
आयोजन िकया गया । धान कायालय म राजभाषा के चार- सार एवं योग को बढ़ाने के उ े य से िदनाकं
01/09/2020 से 15/09/2020 तक राजभाषा पखवाड़े का आयोजन िकया गया । पखवाड़े के दौरान अिधका रय एवं
कमचा रय के िलए ऑनलाइन िहदं ी ितयोिगताओं (िदनाकं 02/09/2020 को िनबधं ितयोिगता, िदनाकं
07/09/2020 को िच दखे कर कहानी लेखन ितयोिगता, िदनाकं 09/09/2020 को वरिचत िह दी किवता लेखन
ितयोिगता) का आयोजन िकया गया । िदनांक 16/09/2020 को आयोिजत िहदं ी पखवाड़ा समापन समारोह म
ितयोिगताओं के िवजेता अिधका रय /कमचा रय तथा वष के दौरान िहदं ी म उ कृ काय करने वाले
अिधका रय /कमचा रय को महा बधं क महोदय के कर-कमल से परु कृ त िकया गया । िदनांक 16.09.2020 को
महा बधं क क अ य ता म आयोिजत े ीय राजभाषा काया वयन सिमित क सयं ु ऑनलाइन बैठक म वेब पि का “
ई-राजहसं ” के 40व अकं का िवमोचन िकया गया । िदनाकं 20.10.2020 को नगर राजभाषा काया वयन सिमित क
सयं ु बैठक (मई/अ टूबर) का आयोजन िकया गया । बैठक के दौरान नराकास के त वावधान म आयोिजत िविभ न
िहदं ी ितयोिगताओं म िवजेता ितभािगय एवं इन ितयोिगताओं म िनणायक क भूिमका िनभाने वाले
अिधका रय /कमचा रय को अ य एवं महा बधं क महोदय के कर-कमल ारा नकद परु कार रािश एवं माण-प
दान िकया गया । बैठक के दौरान अ य एवं महा बधं क महोदय के कर-कमल ारा नगर राजभाषा काया वयन
सिमित, मंबु ई क गहृ पि का 'ई राजभाषा वाह' के बारहव अकं का िवमोचन भी िकया गया। िदनांक 11.12.2020 को
महा बधं क क अ य ता म आयोिजत े ीय राजभाषा काया वयन सिमित क बैठक म वेब पि का “ ई-राजहसं ” के
41व अकं का िवमोचन िकया गया । माह जनवरी-2021 से फरवरी-2021 के दौरान नगर राजभाषा काया वयन सिमित
के त वावधान म िविभ न सद य कायालय म िविभ न ितयोिगताओं का आयोजन िकया गया । िदनांक 04.01.2021
को िहदं ी िट पण एवं ा प आलेखन ितयोिगता, िदनांक 20.01.2021 को िहदं ी िनबधं ितयोिगता, िदनाकं
28.01.2021 को िहदं ी कायशाला और -मचं तथा फरवरी माह के दौरान िदनांक 02.02.2021 को कं यूटर पर िहदं ी
टंकण ितयोिगता, िदनाकं 08.02.2021 को िहदं ी अनवु ाद ितयोिगता, िदनाकं 15.02.2021 को िहदं ी िफ मी गीत
पर आधा रत अतं ा री ितयोिगता, िदनाकं 18.02.2021 को वरिचत िहदं ी किवता पाठ ितयोिगता, िदनाकं
24.02.2021 को िहदं ी महु ावरे और लोकोि ितयोिगता तथा िदनाकं 26.02.2021 को राजभाषा ान ितयोिगता
का आयोजन िकया गया । इन ितयोिगताओं म िविभ न सद य कायालय से लगभग 234 अिधका रय /कमचा रय ने
सहभािगता क । िदनांक 15.03.2021 को आयोिजत े ीय राजभाषा काया वयन सिमित क बैठक म महा बधं क
ारा वेब पि का “ ई-राजहसं ” के 42व अकं का िवमोचन िकया गया । इसके अलावा दो िहदं ी कायशाला एवं -मचं
का आयोजन िकया गया िजसम 95 कमचा रय को िशि त िकया गया ।
संता : मने अपने िपताजी क अिं तम इ छा परू ी कर दी
बतं ा : कै से ?
सतं ा : मने 11व क ा म इितहास िलया बाद म 12व क ा म भगू ोल
बंता : ऐसा य ?
संता : मरे े िपताजी चाहते थे क म इितहास बदल दंू ।
7
मबंु ई ि थत के ीय सरकार के कायालय म नराकास ारा
आयोिजत ितयोिगताओं के प रणाम
सव ी / सव सु ी
सव ी /
सव सु ी
8
सव ी / सव सु ी
सव ी / सव सु ी
9
सव ी / सव सु ी
से शन
10
सव ी / सव सु ी
सव ी / सव सु ी
11
डोसा
शाम हो चली थी। लगभग साढ़े सात बजे थे। वही डोसे के पैसे िदए और कहा िक उस आदमी को एक और
होटल, वही चाय, िसगरटे ... िसगरटे के एक कश के डोसा दे दो उसने अगर पैसे के बारे म पूछा तो उसे कहना
साथ–साथ चाय क चु क ले रहा था । उतने म ही िक हमने तु हारी बात सनु ी आज तु हारी बेटी का ज मिदन
सामनेवाली टेबल पर एक आदमी अपनी नौ-दस साल क है और वो लास म पहले नबं र पर आई है .. इसिलए
लड़क को लेकर बैठ गया । होटल क ओर से यह तु हारी लड़क के िलए इनाम है । उसे
आगे चलकर इससे भी अ छी पढ़ाई करने को कहना ...
उस आदमी का शट फटा हआ था, उसके शट के परतं ,ु भूलकर भी “मु त” श द का उपयोग मत करना, उस
ऊपर के दो बटन भी टूटे हए थे । पट भी मैला ही था, रा ते िपता के “ वािभमान “ को चोट पहचं ेगी ....
पर खदु ाई का काम करनेवाला मजदूर जैसा लग रहा था ।
लड़क का ॉक परु ाना पर धलु ा हआ था और उसने बाल होटल मैनेजर मु कु राया और बोला िक यह िबिटया
म सफ़े द वेणी भी लगाई थी, माथे पर िट क थी । उसका और उसके िपता आज हमारे मेहमान है । आपका बहत २
चेहरा अ यतं आनिं दत था और वो बड़े को तूहल स,े पूरे ध यवाद िक आपने हम इस बात से अवगत कराया । उनक
होटल को इधर-उधर से दखे रही थी ..उनके टेबल के ऊपर आवभगत का पूरा िज मा आज हमारा है।आप यह पु य काय
ही चल रहे पखं े को भी वो बार-बार दखे रही थी, जो उनको और िकसी अ य ज रतम द के िलए क िजएगा ।
ठंडी हवा दे रहा था ...बैठने के िलए ग ीवाली कु स पर
बैठकर वो और भी खशु िदख रही थी । वटे र ने एक और डोसा उस टेबल पर रख िदया, म
बाहर से दखे रहा था ..उस लड़क का िपता हड़बड़ा गया
उसी समय वेटर ने दो व छ िगलास म ठंडा पानी और बोला िक “मने िसफ एक डोसा बोला था ..” तब मैनेजर
उनके सामने रखा...उस आदमी ने अपनी लड़क के िलए ने कहा िक, अरे ! आपक लड़क लास म पहले नबं र से
एक डोसा लाने का ऑडर िदया। यह ऑडर सनु कर लड़क पास हई है न .. इसीिलए इनाम म आज होटल क ओर से
के चेहरे क स नता और बढ़ गई ..और आपके िलए ? वटे र आप दोन को डोसा िदया जा रहा है ।
ने पूछा..नह मझु े कु छ नह चािहए, उस आदमी ने कहा ।
उस िपता िक आख भर आई ं और उसने अपनी
कु छ ही समय म गमागम, बड़ावाला, फु ला हआ डोसा लड़क को कहा, दखे ा बेटी ऐसी ही पढ़ाई करोगी तो दखे ो
आ गया,साथ म चटनी और सांभर भी वटे र दे गया। लड़क या- या िमलेगा ...
डोसा खाने म य त हो गई, और वो उसक ओर उ सकु ता
से दखे कर पानी पी रहा था...इतने म उसका फोन बाजा । उस िपता ने वेटर को कहा िक या मझु े यह डोसा
वही परु ानावाला फोन । उसके िम का फोन आया था, वह बाधं कर िमल सकता है ? यिद म इसे घर ले गया, तो म और
बता रहा था िक आज उसक लड़क का ज मिदन है और मेरी प नी दोन आधा –आधा िमलकर खा लगे , उसे ऐसा
वह उसे लेकर होटल आया है ...वह बता रहा था िक उसने खाना खाने को नह िमलता ..
अपनी लड़क से कहा था िक यिद वो अपनी लास म पहला
नबं र लेकर आएगी तो उसे उसके ज मिदन पर डोसा जी नह ीमान, आप अपना दूसरा डोसा यह पर
िखलाएगा.. और वो अब डोसा खा रही है.. िफर कु छ क खाइए। आपके घर के िलए मने ३ डोसे और िमठाइयाँ का
कर बोला “ नह र,े हम दोन कै से खा सकते है ? हमारे पास एक पैके ट अलग से बनवाया है । आज आप घर जाकर
इतने पसै े कहाँ ह ? मेरे िलए घर म बेसन-भात बना हआ है अपनी िबिटया का बथडे बड़ी धूमधाम से मनाइएगा और
ना.. ..उसक बात म य त रहने के कारण मझु े अपनी चाय िमठाइयाँ इतनी ह िक आप पूरे महु ले को भी बाटँ सकते
पीना याद ही नह रहा और चाय ठंडी हो गई ..चाय का घूटं ह।
लेते ही म वा तिवकता म लौटा .. कोई कै सा भी हो अमीर
या गरीब, दोन ही अपनी बेटी के चेहरे पर मु कान दखे ने के यह सब सनु कर मेरी आखँ खशु ी से भर आई, मझु े इस
िलए कु छ भी कर सकते है .. बात पर पूरा िव ास हो गया िक जहां चाह, वहाँ राह है
..अ छे काम के िलए एक कदम आप आगे तो बढ़ाइए, िफर
म उठा और काउंटर पर जाकर अपनी चाय और दो दिे खए आगे आगे होता है या !!
- सु िच स सने ा
के .िव.ए, आकाशवाणी मंबु ई
12
व त कु छ बदल गया है ...
ये या हआ िक सारी कायनात के अब दरवाजे िक घटं ी नह बजती ...
तौर तरीके बदल गए ... अब बजती है टी वी पर रामायण
सोचने क मोहलत भी न िमली और महाभारत क धुन ।
और सारा मजं र बदल गया ...
अब मेहमान आकर नह बैठते ह
छत पे रौनक लौट आय ह ... घर के सोफ़ पर ...
िक जैसे हमारे बचपन म हआ करती थ ।
मगर छत पर आनेवाले कबूतर
मकान सराय नह है अब ... क मेहमान नवाजी बेहद सुकू न दते ी है ।
वो घर बन गए ह।
ये कै से पलट गए कायनात के हालात ...
अब बाई के िलए कोई बतन का अब उगता हआ और जाता हआ
ढेर नह लगाता ... सूरज भी िनहारने लगे हम ।
खाने के बतन सब अपने – अपने धोने लगे है । िक अब ज रत ही नह लगती
नए महं गे कपड़े खरीदने क ..
मन बहलाने क िलए दो त क महिफल नह ढूंढते अब जो है वो भी बेचैनी से कै द है
...
अलमा रय म ।
खून के र त म घुलने लगे ह लोग ।
वो जो उपेि त से पौधे हआ करते थे घर के ... मंिदर म बैठी मूरत अब नह
बुलाती हम ..
उ ह यार से सहलाने लगे ह अब।
घर म ही मंिदर सवँ ारने लग ह अब ।
पहले घर िक दीवार खामोश खड़ी रहती थ ...
वो इ सानी आवाज से मु कु राने लग ह। व त के ये ल हे तो कभी सोच म
भी शािमल नह थे ...
अब घर िक गािड़याँ खामोशी से तकती ह ...
मानो कह रही ह कभी तो टाट कर लो हम भी, ये ल हे सिदय तक कहे ,
िलखे और पढे जाएगं े ...
बैटरी बैठ जाएगी हमारी । पीिढ़य तक िक से ह गे ... िक
वाकई व त बादल गया था ।
सचमुच व बदल गया है ।
अब खाने िक मेज पर वीगी से सु िच स सने ा
मगं ाया िचली पनीर और िप ज़ा नह महकता .. के ीय िव य एकाशं
अब महकती है घर क बनी
कचो रयाँ और छोले भटुरे । आकाशवाणी: मुबं ई
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लॉकडाउन म पित
पूरे दशे म फै ला था कोरोना का ही रोना, बचा खाना मेरे सर वो चढ़ा के चली जाती,
लॉकडाउन था घर बाहर, घर म थी मेरी सोना, खा के डाट उनक म खुशी से झूम जाता हँ ,
दु:ख से मेरी हालत या थी यारो कोई तो पूछो, दातं अपने दो बाहर करके थोड़ा मु कु राता ह,ँ
डंडा पुिलस का है बाहर, काम घर के तुम करो ना,
हसं े हो दखे मुझको, या मजाक मेरा बनाए हो,
प नी को लगा, िमला है एक सु दर सा मौका, या िकसी कलमुंही से नैन बाहर तुम लगाए हो,
करवाउंगी इनसे म, बतन चू हा और चौका, पटक दूगं ी यह , रे लर हँ म तुम भूल बैठे या,
म च र तान के सोया था गहरी न द म खोया, अभी कल ही तो लात मु का तुम जोर क खाए हो,
मेरी प नी ने मुझको िफर कपड़ क तरह धोया,
चलो थोड़ा जो बच गया वो भी अब बताता ह,ँ
उठा म धीमे से, न न द उनक िबगड़ जाए, रोज सोने से पहले धीरे से पैर उनके दबाता ह,ँ
बनाया चाय धीरे से, कोई बतन न खनक जाए, हाथ क जाए जो, तो पैर वो खूब चलाती है,
कभी रोना डो तो पेले क वो झलक िदखाती है,
चाय रडे ी है ओ बाबू, यार से म बताता ह,ँ
उठा के उनको म, डरती मोह बत भी जताता ह,ँ मुझे गुलाम कहते ह, उससे जो बुलाते ह,
मुझे सब सेठ कहते ह, उससे सब हड िमलाते ह,
बैठे हो अभी तक तुम, झाड़ कौन लगाएगा,
पोछा कौन लगाएगा, प पू क कौन धुलाएगा, कै से कहँ क खुश हँ म यह बात जानकर,
मुझे सब ताड़का और पूतना का पित बुलाते ह।
इतना करके होते ही, मेरे वो पास आती है,
कहती है अबे घ चू, काम सब गलत बताती है, ......मुझे सब .....मुझे सब......
खाना पकाने का, अगला फरमान सुनाती है,
तड़का, घी तेल साम ी सब वो मुझे बताती है, - रोिहत चौरिसया
ना ता खाना खाके वो सहेली घर चली जाती, कमचारी रा य बीमा िनगम
े ीय कायालय, मुबं ई
मिहला : यह िलिप टक कतने क दी है ?
दकु ानदार : जी स ह पए क
मिहला : या स र पए क यह तो ब त मंहगी है । म तो इसके पचास
पए से यादा नही दगंू ी ।
दकु ानदार : नह , बहन जी आपको गलत सनु ाई दया है मैने स ह कहा है ।
14
अगर करो सवाल तुम तो सवाल ये करो
रोज सुबह अखबार है आता अगर करो बवाल तुम तो बवाल ये करो
कै सी-कै सी ख़बर लाता यूँ िडि य के बावजूद
इन खबर से मन के भीतर नौकरी िमली नह
कै से-कै से सवाल ह उठते यू घूस दे िबना कह भी
जाने िकतने बवाल ह मचते बि यां जली नही
मन को अजीब-सा मलाल भी होता अगर करो मलाल तुम तो मलाल ये करो
यूह िकसी का याल भी होता यूँ दहेज के िलये
िदनभर इनसे जूझ के आिखर
शाम को जब म मन से कहता बह अभी भी जल रही
िक िकतने किठन सवाल ह देखो यूँ कली िखले िबना ही
िकतने बड़े बवाल ह दखे ो कोख म ही मर रही
िकतना सूना मलाल हआ है
िकतना गहरा खयाल है दखे ो अगर करो खयाल तुम तो खयाल ये करो
मेरी सारी ये बाते सुनकर िक पेट काटकर िकसान
मन मेरा बस हसँ ने लगता दशे को िखला रहा
और कान पकड़कर मुझसे कहता और जागता जवान तुमको
चैन से सुला रहा
अगर करो सवाल तुम तो सवाल ये करो
यूँ जात-पात क दीवार अगर करो सवाल तुम तो सवाल ये करो
आज तक िगरी नह अगर करो बवाल तुम तो बवाल ये करो
यूँ धम क लड़ाईयाँ अगर करो मलाल तुम तो मलाल ये करो
आज भी थमी नह अगर करो खयाल तुम तो खयाल ये करो
- गु नाथ मधुकर तरे वणकर
एक पित ने अपनी प ी को दल क बात बताई ।
पित : तुमसे शादी करके मझु े एक फायदा आ है ।
प ी : कौन सा फायदा ?
पित : मुझे मेरे गुनाह क सजा, इसी ज म म िमल गई ।
15
रा भि किवता
रणभेरी जब भी बजे िह द के सिै नक
गीत का परचम लहराओ बहादुरी से इितहास रचो
भारत-माता क त वीर बना कर
भरत वशं को महकाओ एकजुटता साहस से
इितहास रचे जब भी सेना जय िवजय श त करो
वीर िसपाही क वाणी म
सोने क िचिड़या चहकाओ यु के मैदान म
ितरगं े को फहर-फहर फहराओ सवशि राह गढ़ो
रा -गान क गौरव गाथा दु मन को रण म
जय-िह द हमारा नारा है पछाड़ कर िवजयी बन
िव ितरगं ा भारत यारा िहम ढंके पवत पर
क मीर हम ाण से यारा जल, नभ, थल म
क मीर म ितरगं ा फहराओ शौय क गाथा िलखकर
अमरनाथ क गुफा हमारी जय िवजय बोल दो
महाका य के िवराट दशन तुगं गृं शैल पर
कु े क ढ़ ित ा िसहं सा दहाड़ दो
समूचा क मीर हमारा है। दु मन के सामने
जय िवजय गढ़ो
बहादुर सने ा िह द को
अ श सजा रण म
आ मण रणनीित हार से
दु मन को परा त करो
सकं ट आन पड़े दशे पर
रा का ितरगं ा लहरा दो
आन बान शान से
भ य जय िवजय करो
- सधु ी शमा, पि म रले वे - सधु ी शमा, पि म रले वे
किवता और सनु ीता क आपस म लड़ाई हो गई ।
किवता : तु हारे पास दमाग है क नह ?
सुनीता : हाँ है पर दगंू ी नह ।
16
“मरे ी यारी भाषा िह दी”
“िह दी” भाषा से जो िह द का नाता, िह दी हम सबक है माता,
अपनी माँ को छोड़ अधर म, दुजी क सेवा म जाता ।
कभी नह वो सुख पाता, बस के वल कृ त न कहलाता
I) सरल सरस ये भाषा िह दी, गीत रस से पगे पड़े ह।
सबके िदल को जीता इसने, जहां भी इसके चरण पड़े ह ।
“भारतवासी” सब कहलाए,ं नह इंिडयन सुनना भाता ।
II) इसम कह पर मोड़ नह है,अनाव यक कह तोड़ नह ह,ै
“ व” और “दीघ” ह के वल छंद म रस बहता पल – पल ।
मा ाओं का भेद नह है, बात –बात पर खेद नह है,
“बालक” भी अित सुदं र लगता, जब िह दी म है तुतलाता ..
III) “आं ल” गए पर भाषा रह गई, िजसम सारी सं कृ ित बह गई,
“go” गो और “to” टू ह, ये यूँ ऐसा वो यूँ यूँ है ।
िफर हम कहते समझ न आता, मन हीनता से भर जाता,
तो, सबसे अ छी अपनी बोली, बोले सब िमल िह दी भाषा ..
IV) हम भाषा को कवच बनाय , सारी सिृ पर छा जाएँ ,
कर चार और सार इसीका, भाषा म यूँ उधार िकसीका।
भाषा मा मातृ क भाषा, दय भाव से भरता जाता,
भारत का हर कण- कण बोले, बोले जन गण मन क भाषा ..
V) िविवधताओं से भरी हई, सं कृ ित क पहचान यही है,
दशे क भाषा अपनी भाषा, अपनी “आन और शान” यही है ।
होव ध य सफल हो सेवा, जब सब बोल िह दी भाषा ...
- सु िच स सने ा
के .िव.ए, आकाशवाणी मबंु ई
17
सफलता का रह य
एक बार एक मूितकार मूित बनाने के िलए एक अ छे मूित क थापना उस मिं दर म कर दी गई । थापना के
प थर क खोज म िनकल पड़ा । काफ खोज-बीन के बाद िफर एक सम या आई िक दवे ी माँ के मंिदर के पास
प ात उसे एक उपयु प थर िमला और उसने उस एक ऐसा प थर होना चािहए िजस पर ना रयल तोड़कर
प थर से मूित बनाना शु िकया । परतं ु जैसे ही उसने दवे ी माँ को चढ़ाया जा सके । उस मूितकार ने िफर
प थर तराशने के िलए प थर पर छेनी हथोड़ी चलानी सझु ाव िदया िक ऐसा प थर मेरी जानकारी म है जो इस
शु क तो प थर से िच लाने क आवाज आने लगी काम म आ सकता है और लोग को उस प थर के पास
“मझु े मत मारो मझु े बहत चोट लग रही है, मझु े छोड़ दो ले गया िजसको उस मूितकार ने पहली बार मूित बनाते
।“ मूितकार वह क गया और उस प थर को छोड़ कर समय अधूरा छोड़ िदया था । गावँ वाल ने उस प थर को
दूसरे प थर क खोज म िनकल पड़ा । काफ प र म के मंिदर म लगा िदया । अब सभी लोग मिं दर म पूजा करते,
बाद उसे एक उपयु प थर िमला और िफर उसने प थर प थर पर पटक कर ना रयल तोड़ते और दवे ी माँ पर
को तराशना शु िकया, य िप चोट इस प थर को भी चढ़ाते । यह दखे कर दवे ी माँ वाले प थर ने दूसरे प थर
लग रही थी लेिकन यह प थर सहन करता रहा और कु छ से कहा िक “मूितकार ने हम दोन पर ही छेनी हथोड़ी
िदन म ही एक सदंु र दवे ी माँ क मूित तैयार हो गई । चलाई लेिकन तमु ने चोट सहन नह कर पाये और म
सायकं ाल मूितकार पास के गावँ म राि िव ाम के िलए सहन करता रहा िजसके कारण आज मेरी पूजा हो रही है
गया और गावँ के धान के घर म िव ाम िकया । सबु ह और तमु को ितिदन ना रयल क चोट सहन करनी पड
उठकर उसने दखे ा िक सभी गावँ के लोग इक े होकर रह ह ।
कु छ िवचार-िवमश कर रहे ह , मूितकार ने पूछा तो धान
ने बताया िक सभी गावँ वाल ने िमलकर एक सदंु र मिं दर इस कहानी से यही िश ा िमलती है िक सफल
का िनमाण कराया है लेिकन उस मंिदर म थािपत करने होने के िलए मनु य को क सहन करना पड़ता है और
के िलए कोई मूित नह िमल रही है, उस मूितकार ने कहा जो मनु य क सहन नह करता है वह सफल नह हो
िक यिद आप लोग सहमत ह तो म मूित बता सकता ह,ँ पाता है यही सफलता का रह य और मूलमं है।
सभी लोग सहमत हो गए । तब वह मूितकार सभी गावँ
वाल को अपनी बनाई हई मूित के पास ले गया । गावँ - अिनल कु मार,
वाले मूित को दखे कर स न हो गए और दवे ी माँ क किन िह दी अनवु ादक
एक वसायी अपना काम करवाने हते ु एक राजनते ा के पास गया ।
वसायी : सर म अपने काम क वीकृ ित ा करने के िलए आपको एक ाडं नई
गाड़ी दने ा चाहता ं ।
राजनेता : म यह गाड़ी ऐसे ही नह लंगू ा इसके बदले म कु छ पसै े दने ा चाहता ं ।
वसायी : ठीक है सर आप एक पए दे द ।
राजनते ा ने 2 पए वसायी को दे दए
वसायी ( मजाक म) : सॉरी , सर हमारे पास वापस करने के िलए एक पया
छु टटा नह है ।
राजनते ा : कोई बात नह ऐसी ही एक कार मरे ी प ी को दे दो ।
18
योग- सभी के िलए
सयं ु रा सघं के ारा 21 जून को (2015 से) योग के अ ागं यथा यम, िनयम, आस न, ाणायाम,
अतं रा ीय योग िदवस के प म मनाने क उ ोषणा के याहार, धारणा, यान, समाधी के मा यम से शारी रक,
उपरांत शायद ही कोई हो जो योग श द से प रिचत ना
हो| हजारो वष परु ानी इस पर परा के सु यवि थत मानिसक, वचै ा रक इ यािद सभी का शिु करण हो
उ कृ ता ा होती ह|ै चूिँ क योग मानव क याण क
तिु तकरण (योगसू ) का ेय महिष पतजं िल को जाता ि या/ सं कृ ित है अतः इसका अनसु रण एवं सार एक
ह|ै हड़ पा स यता क महु र पर योग मु ा का अकं न भी अवदान ही कहा जाये तो अित योि नह होगी |
इसक पौरािणकता को मािणत करता है| वदे ो-वदे ातं ो म
योग वणन तो भगवत गीता व महाभारत के शांित पव म िकं तु आज कु छ धम म, राजनीित तिु करण एवं धािमक
योग का उ लेख िमलता ह|ै त प ात गौतम बु द हो या क रता से े रत, योग को धम िवशषे बताते है| ये कु छ
महावीर वामी, िस पथं , शैवपथं या अ य पथं ी, सभी ने धािमक ठेके दार, मानव क याण के िवरोधी, ित
अपने-अपने तरीको से योग का चार िकया| सूफ धम के समाजो थािनक के अलावा और कु छ नह |
अनयु ायी, वह दतउलवजूद के िच ती सतं तो कई योिगक मानव क याण हते ु िकये गए िकसी भी यास क हम
ि या का अनसु रण व चार करते थे| अतः योग िकसी खलु कर सराहना करनी चािहए, िफर वो माननीय
धम िवशषे का नह अिपतु सभी धम का मह वपूण भाग धानमं ी जी हो या डॉ. अहमद शलाबी जो मानव
रहा है| क याण हते ु सभी को योग करने हेतु आ ह करते है|
वतमान प रपे य म योग का नाम लेने के साथ ही दो के वल िवरोध करने के िलए िवरोध तो उिचत नह | सूय
िस यि व क चचा आव यक हो जाती ह|ै थम तो ऊजा का ोत है | सूय नम कार एक यायाम ह|ै सूय
अली सैयदपरु , ह रयाणा म ज मे िद य योग ट के िकसी धम िवशषे का नह हो सकता, उसी कार सूय
सं थापक ी रामकृ ण यादव िज हे सब बाबा रामदवे के नम कार यायाम िकसी धम िवशषे का नह हो सकता|
नाम से जानते है एवं दूसरे वडनगर, गजु रात म ज मे यायाम तो यायाम ह,ै शरीर, मन क व थता िकसी
भारत के धानमं ी ी नर दामोदर दास मोदी| योग गु एक धम अिधकार का नह है | अतः जन िहताथ सभी
के प म िव पटल पर भारत क पनु ः थापना म दोन को योग हते ु े रत कारण चािहए |
क मह वपूण भूिमका रही है| िन कषतः शरीर, मि त क का वा थ रहना ही व थय
योग का अथ है जोड़ना, मन से शरीर को, आ मा से धम क पहचान है| योग मानव क याण, वा थय, शरीर,
परमा मा को| मनु य और कित म सामजं य थािपत आ मा, का एक साधन है| िजसका सा य के वल और
करता ह,ै िचत से आ मा को िमलाने वाला, िवचार, सयं म के वल जन क याण है|
और पूित दान करने वाला है योग, तभी कहा गया है;
"योगः िचत-विृ त िनरोधः” आकाश िसहं हाडा
सहायक लेखा परी ा अिधकारी
19
भारत के आ मिनभर अिभयान म िहदं ी का योगदान
'िनज गौरव और ान क भाषा, आधिु नक यगु म जहॉं अं ेजी को जनसमूह एक यि गत
सफल प स मान क भाषा। पहचान के प म जानता ह,ै वह िहदं ी एक िवशाल
सं कृ ित क सहज सवं ाहक, जनसमूह को अपन व क भावना के साथ यार िसखाती
िहदं ी िह दु तान क भाषा ।। ह।ै
भारत को आ मिनभर बनाने म िहदं ी का मह वपूण
िहदं ी एक प रचय- योगदान है िफर वो चाह-े
भारतीय सं कृ ित के इितहास म वतं भारत क ितिथ 1) उ च िश ा के प म हो या
14 िसत बर, 1949 सदवै मरणीय रहगे ी य िक यही 2) कृ िष े म हो
वो िदन है जब िहदं ी को भारतीय सिं वधान के तहत 3) अनवु ाद के प म हो या
अनु छेद 343(1) के अनसु ार राजभाषा होने का गौरव 4) िवदशे म िहदं ी के चार- सार अिभयान के प म
ा हआ िजसके अनसु ार- 5) तकनीक े म हो या
भारतीय गणरा य क राजभाषा िहदं ी तथा िलिप 6) अिहदं ी भाषा े म सचं ार क भाषा के प म
दवे नागरी होगी तथा इसके िलए यु अकं का प भारत को आ मिनभर बनाने के िलए भारत के गहृ
अतं ररा ीय अकं का होगा। अत: येक वष िहदं ी िदवस मं ालय िवभाग के ारा कई मह वपूण कदम उठाए गए-
14 िसत बर को मनाया जाता है। िहदं ी को िव पटल 1) उ च िश ा के प म- वष 1955 म गहृ मं ालय
पर याित िदलाने वाले िव ान आचाय महावीर साद ारा वी. जी. खेर आयोग सिमित का गठन हआ तथा
ि वदे ी जी का योगदान अिव मरणीय ह।ै उ ह के कारण वीण, बोध एवं ा िहदं ी िश ण क न व डाली।
यके वष 10 जनवरी को िव िहदं ी िदवस के प म पिं डत नेह जी के अनरु ोध पर िहदं ी को राजभाषा
मनाया जाता है। िकसी भी दशे क भाषा उसक उ नित तथा अं जे ी को सहभाषा का दजा ा हआ।
क प रचायक होती है। 2) कृ िष के े म- जसै ा िक हम सभी को िविदत है
सरकारी कामकाज के िलए योग क गई भाषा राजभाषा भारतीय िकसान काय म कु शल होते ह जो िक उनके
तथा आम बोलचाल के िलए यु भाषा रा भाषा े से सबं िं धत होते ह पर तु आज के आधिु नक प रवशे
कहलाती ह।ै सिं वधान क अ म अनसु ूची म 22 भाषाओं म कृ िष सबं धं ी नवीन जानकारी अं जे ी म इ टरनेट पर
को राजभाषा होने का अिधकार ा है िजसम िहदं ी भाषा सहजता से उपल ध थी पर तु िहदं ी िवशेष ने कृ िष
भी है इतना ही नह िहदं ी को यारह (11) अ य रा य सबं धं ी नवीन एवं उ जानकारी िहदं ी म उपल ध कराकर
तथा तीन के शािसत दशे क भी राजभाषा होने का िकसान के कायकु शलता एवं फसल क उ पादकता को
गौरव ा ह।ै बढ़ाकर उनके आ मिनभर बनने के सपने को गित दान
आचाय िवनोवा भावे भी िहदं ी के ेम से बधं े हए थे उनके क ह।ै
अनसु ार िहदं ी ही वह भाषा है जो िक अनजान को एक 3) अनवु ाद के प म- वष 1960 म िहदं ी टंकण एवं
दूसरे के ित आदर और स मान जगाती है। आशिु लिप का नई िदशा िमली तथा सबं िं धत िश ण को
“भारत िकसी भी रा क रा ीयता के बारे िहदं ी के आव यक िकया है। सरकारी काय लय एवं अ य
िबना बात करना यथ ह”ै - वी. वी. िगरी कायालय म भी अिधका रय ारा िहदं ी म िड टेशन को
अिनवाय िकया गया। स ाह म एक िदन को िहदं ी िदन के
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प म माना जाए ऐसा ताव रखा गया। िलिपक य सवं ाद सरल हो जाता है। सवं ाद क सरलता के साथ मे
कमचा रय को िहदं ी ान क मह ा बताते हए िहदं ी ान और सौहाद का सम वय होता है और आ मिनभरता क
आव यक बताया गया। भावना को बल िमलता ह।ै
4) िवदशे म िहदं ी के चार- सार म- िशकागो के 7) िहदं ी समारोह म िविभ न े म िहदं ी के सफल
स मेलन म वामी िववके ान द ने सव थम जनसमूह को यि य को प रभूिषत करते हए महामिहम (भारत के
भाईय एवं बहन कहकर सबं ोिधत िकया था जो िक भाषा रा पित ) ी रामनाथ कोिवदं जी ने कहा था िक -
के आधार पर भारत को आ मिनभर बनाने के ल य का 'िहदं ी अनवु ाद क नह सवं ाद क भाषा है ', िहदं ी मौिलक
सफल कदम था। वष 1977 म त कालीन िवदशे मं ी ी सबं धं क अिभ यि क भाषा है।
अटल िबहारी वाजपेयी ने सयं ु रा सभा को राजभाषा रा पित महा मा गांधी के अनसु ार- 'रा भाषा के िबना,
म ही सबं ोिधत िकया था। वष 2019 म आदरणीय रा गूगं ा है '।
धानमं ी ी नरे मोदी जी ने भी सयं ु रा सभा को
िहदं ी म ही सबं ोिधत िकया था अथात् ात य हो िक ी राजगोपालाचारी के श द म- 'यिद भारतीय
िहदं ी िव पटल पर भी योग क जाने लगी है। िवदशे म सां कृ ितक, कला एवं राजनीित क ि से एक होना
रह रहे वासी भारतीय के िलए गहृ मं ालय ने िहदं ी क चाहते ह तो उसका मा यम के वल िहदं ी है ।'
िश ण यव था क है। वासी भारतीय को िव इसके अित र गहृ मं ालय ने वष 1987 म इिं दरा गांधी
स मेलन के ारा िहदं ी क जानकारी दी जाती है िजससे रा ीय परु कार का आरभं िकया
अपने दशे के ित रा ीयता क भावना जागतृ हो। * राजभाषा शी ड परु कार
5) तकनीक े म - आज क यूटर पर काय करना * राजभाषा रजत परु कार
िहदं ी म सरल हो गया है य िक िहदं ी िवभाग ने इस े * तकनीक सबं धं ी लेखन हते ु लाल बहादरु शा ी
म भावी उि त क ह।ै यूिनकोड टंकण के मा यम से परु कार
िहदं ी टाइिपगं के कई सारे ऑ सन उपल ध ह। इसी आरे * का य लेखन हेतु मैिथलीशरण गु परु कार
कदम बढ़ाते हए DVOT के तहत C Dec का भी * प लेखन हेतु मंशु ी मे चदं परु कार
अिव कार िकया गया िजसके तहत "LILA" App अथात् * िहदं ी म काय एवं डायरी बधं न हते ु 20,000 श द
लिनग ऑफ इिं डयन ल वेज िवद आिटिफशयल एप का िहदं ी डायरी परु कार
प रचय िदया गया िजससे तकनीक े म यु िकए * वीण, ा तथा बोध हेतु परु कार (िश ण पूण
जाने वाले श द का िहदं ी अनवु ाद बड़ी ही सहजता एवं करने पर )
सरलता से उपल ध है। गगु ल पर भी िकसी भी े क * आशिु लिप (िहदं ी) परी ा उ ीण करने पर एक मु त
जानकारी आज िहदं ी म भी उपल ध है। वते न विृ
6) अिहदं ी भाषी े म सचं ार एवं सवं ाहक भाषा के * आशिु लिप एवं टंकण परी ा उ ी करने नकद
प म - आज भारत के िकसी भी रा य म वेश करगे तो परु कार और भी अ य कई परु कार जैसे या ा वृ ातं ,
हम अपने आप को असहाय महसूस नह करते य िक आ मकथा लेखन, वृ िच , कहानी-सं ह इ यािद को
िहदं ी ने सभी जगह अपना थान बना िलया है । अ य िविभ न परु कार क ेणी म रखा गया ह।ै
कई भाषाओं के श द िहदं ी से िमलते-जलु ते ह और यही यिद हम परु ातन क ओर दखे े तो सं कृ त और िहदं ी के
कारण है िक िहदं ी को अ य कई भाषाओं क बड़ी बहन योग क ही अनभु ूित होगी। हम पायगे िक भारत क
भी कहा जाता ह।ै फल व प इसके आम जनता के साथ वतं ता म िहदं ी का िवशेष योगदान था िजसके
फल व प हमारी रा ीय एकता क भावना को बल
21
िमला। भारत वतं हआ और आ मिनभर बना। मझु े पूण िव ास है िक िहदं ी िव म भाषाओं क ेणी म
ी भारते दु ह रशच जी ने भी कहा था- एक िविश थान ा करगे ी।
आज इ टरनेट पर हर े क जानकारी िहदं ी म बड़ी ही
'िनज भाषा उ नित अहे , सहजता से उपल ध है । िहदं ी क सरलता से उपल ध
सब उ नित को मूल, जानकारी भारत को आ मिनभर बनाने म सहयोग करता
िबनु िनज भाषा ान के , है तथा आदरणीय धानमं ी जी के मेक इन इिं डया के
िमटत न िहय को शूल ' सपने को पूण करने म मह वपूण भूिमका िनभा रहा है।
उपसहं ार- धानमं ी ी नरे मोदी जी ने जब सयं ु
रा सभा को िहदं ी म सबं ोिधत िकया तो िवदशे म रह ी रामवृ बेनीपरु ी के श द म-
रहे वासी भारतीय के दय म दशे मे क भावना उमड़ 'िकसी रा क भाषा क उ नित का अथ है उसक
पड़ी। दशे के ित वामी भि क भावना को बल िमला। जाित एवं रा ीयता क उ नित '।
फल व प िवदशे म वासी भारतीय के िलए िश ण िहदं ी िह दु तान क सबके मन का भाए,
काय ारभं हए- दखे कर उ नित इसक मेरा मन हषाए,
आज इ टरनेट पर- Kavyokosh.org/ आ मिनभर भारत बने, िहदं ी मेरा मान,
padyakosh.org/kahani.org िव गु भारत बने हो सफल िहदं ी अिभयान।
आिद िवषय वबे साइट पर उपल ध ह।ै िहदं ी क बढ़ती ध यवाद।
लोकि यता रा मे को उजागर करती है। आज िव
पटल पर िहदं ी को थान दने े पर िवचार िकया जा रहा है - ी मगं शे र न िसहं
संता : अब तक आडर य नह प चं ा बे
ऑनलाइन स लायर : सर दिे खए , पहले तो आप न ता से बात क िजए ।
संता : हाँ ता कराओ
ऑनलाइन स लायर : मेरा मतलब है आप शािं त से बात क िजए
सतं ा : हां तो दोनो से करवाओ, हम कसी से डरते ह या ?
गु ा जी घर म परेशािनय के हल के िलए योितषी के पास गए ।
योितषी : कल अपने घर से थोड़ी िम ी लाना ।
अगले दन योितषी ने उसक लाई िम ी ली और कु छ मं पढ़े और बोला सुन
सकोगे तो बताऊं
गु ा जी : हां-हां सनु लंूगा ।
योितषी : जो तु हारे 2 बेटे ह वो तु हारे नह ह । तु हारी बेटी का दधू वाले से
अफे यर है और तु हारी प ी पड़ोसी के कारण गभवती है ।
गु ा जी जोर से हसं ने लगे ।
योितषी : य हसँ रहे हो ?
गु ा : म ज दी म अपने घर से िम ी लाना भलू गया था ज दी से आपके घर क
िमटटी उठा ली थी ।
22
ऑन लाइन िश ा
कोरोना ने बदला है िश ा का न शा,
अब घर-घर म पहचँ गयी है ऑनलाइन िश ा।।
सबु ह सबु ह न द म ही ब चे, अब करते ह लॉग इन
और शु हो जाती है पढ़ाई, ेन को करके रफाइन।।
अब ब च के कू ल आने जाने के समय क हई बचत,
इससे मॉ-ं बाप को भी िमली थोड़ी चैन क राहत ।।
ब च के साथ अब मॉ-ं बाप को भी बैठना पढ़ता है साथ,
ब च क िश ा पर अब उनक है पूरी ताक-झॉकं ।।
ऑनलाइन िश ा म टीचर बेचारी शु करती है ले चर,
लेिकन आधा समय तो गजु रता है, उसका नेटवक रहने क िफ ।।
या आप मझु े सनु सकते हो, यही कहते कहते गजु रता है व ,
ब चे भी बेचारे परशे ान, बैठे रहते मोबाइल पर बड़ी दरे तक ।।
िजस मोबाइल को कू ल म कभी नह िमला था वशे ,
उसी ने ब च क िश ा जारी रखने म िदया सहयोग िवशषे ।।
पर या यह ऑनलाइन िश ा ब च के िलए है उिचत?
या वाकई म ब चे ान से हो जाते ह प रिचत?
अगर कोई जाए जड़ तक दखे ने इसक बलु ंदी,
तो पता चलेगा क इसम नह है कोई फायदमे दं ी।।
कू ल का वातावरण ही होता है अलग,
लेिकन ब च से टीचर अब हो गए ह िवलग।।
लैक बोड क ताकत होती है बड़ी िनराली,
ब च को कू ल म ही िमलती, अपने दो त म खशु हाली।।
लॉकडाउन के समय म ब चे बैठे ह घर
खेलने कू दने क उमर म हो रहे हो बोर।।
इसिलए अब दआु है रब स,े क ख म हो जाए कोरोना,
और ब चे िफर से कू ल म, खशु हाली से जीने लगे अपना जीवन।।
- राज ी बी सनदी,
व र वै ािनक सहायक
23
नगर राजभाषा काया वयन सिमित, मबुं ई क राजभाषा
सबं धं ी गितिविधय के य
24
महा बधं क कायालय, म य रले , मबंु ई
क राजभाषा सबं धं ी गितिविधय के य
मडं ल रले बधं क कायालय, मबंु ई स ल म
आयोिजत नराकास ितयोिगताओं के य
25
मखु मु य आयकर आयु कायालय, मबुं ई
क राजभाषा सबं धं ी गितिविधय के य
भारत पयटन कायालय, मबुं ई
क राजभाषा सबं धं ी गितिविधय के य
26
महा बधं क कायालय, पि म रले व,े मबंु ई म
आयोिजत नराकास ितयोिगताओं के य
27
धान िनदेशक वािणि यक लेखापरी ा, मबंु ई
क राजभाषा सबं धं ी गितिविधय के य
अिखल भारतीय भौितक िचिक सा एवं पुनवास सं थान
क राजभाषा सबं धं ी गितिविधय के य
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पि म रले वे, धान कायालय, चचगटे क राजभाषा सबं धं ी गितिविधयां
ससं दीय राजभाषा सिमित क दूसरी उप सिमित ारा पि म रले वे,
धान कायालय, चचगटे का राजभाषा िनरी ण
29
कोरोनाकाल म हमारी जीवन शैली
अभी वतमान समय म पूरी दिु नया कोरोना महामारी से िलए एक नया अनभु व ह।ै शु आती कु छ तकनीक
त है एवं भारत पर भी इसका गहरा भाव पड़ा है। किठनाईय के बावजूद अब यह िश ा यव था क
िह सा बन गई है।
चीन के वहु ान शहर से िनकल कर कोरोना वायरस पूरी जैसा िक बहत शोध से पता चला है िक कोरोना वायरस
दिु नया म फै ल गया, िजसका दु भाव पूरी दिु नया पर वाले सतह को छूने से वायरस नाक, महंु , कान एवं आखं
पड़ा है। इस महामारी से िनपटने म भारत ने बहत के मा यम से शरीर म वशे करता ह।ै अत: कोरोना
त परता के साथ बहत सारे कदम उठाए ह। सरकार ारा वायरस के सं मण से बचने के िलए मा क एवं
उठाए गए कदम का सीधा असर हम लोग के जीवन सने ेटाइजर का उपयोग ज री है। इसिलए अब मा क एवं
शैली पर पड़ी ह।ै कोरोना वायरस ने पूरी तरह से लोग सेनेटाइजर हमारे िजदं गी का एक मह वपूण ज रत बन
क जीवन शलै ी बदल दी है। िव वा य सगं ठन के गए ह । मा क के उपयोग को स ती से लागू करने के
साथ-साथ तमाम दशे के वै ािनक का मत है िक िलए कु छ रा य ने कानून भी बना िदया ह।ै
आिं शक/पूणतया लॉकडाउन एवं सामािजक एवं शारी रक कोरोनाकाल म सरकारी कामकाज करने के तरीक म भी
दूरी से कोरोना वायरस के फै लाव को कम िकया जा बड़ा बदलाव आया ह।ै पूरी दिु नया म Work from
सकता है। Home Culture को बढ़ावा िदया जा रहा है तािक
वायरस से सं मण का खतरा कम हो सके । सरकारी
कोरोना वायरस के फै लाव को रोकने के िलए लगाया गया कायालय म बैठक बेिबनार के प म िकया जा रहा है।
पूण तालाबदं ी पूरी दिु नया के िलए एक नया अनभु व ह,ै सरकार भी सभी कायालय एवं उसके अिधकारी एवं
िजससे क समाज का कोई भी वग/ े अछूता नह रहा। कमचा रय को तकनीक से जड़ु ने के िलए समय-समय
इसने हमारे सोचने-समझने एवं जीने क शलै ी को पूरी पर िदशा िनदश जारी करती रहती ह।ै अत: आज
तरह बदल िदया है। जैसा िक यह सविविदत है िक मनु य कोरोनाकाल म सरकारी कायालय म कायशैली पूरी तरह
एक सामािजक ाणी ह,ै अत: सब लोग एक दूसरे के बदल गई ह।ै
सखु -दखु म शािमल होते हए जीवन का आनदं उठाते ह।ै जैसा िक सविविदत है िक कोरोना वायरस का सबसे बरु ा
लेिकन कोरोना काल म इस धारणा म पूरी तरह बदलाव एवं दूरगामी भाव वा य यव था पर पड़ा ह।ै अत:
आ गया ह।ै भारत सरकार ारा समय-समय पर िदए गए दूसरी बीमा रय से त रोगी भी आजकल अ पताल
आदशे ानसु ार िकसी शादी समारोह एवं ा काय म म जाने म िहचिकचाते ह और मन म एक डर सा घर कर
शािमल होने वाल लोग क सं या िसिमत कर दी गई ह।ै गया है िक कह वे वायरस से सं िमत न हो जाए।
अत: हम लोग अब चाहकर भी अपने दो त एवं इसिलए अब यादातर लोग टेिल मेिडिसन का सहारा ले
र तेदार के सखु -दखु म शािमल नह हो पाते ह। रहे ह। डॉ टर भी ऑनलाइन उपचार के बाद दवाई बताते
कोरोना वायरस के फै लाव के कारण लोग क जीवन ह तािक लोग घर म रह कर ही उपचार करा पाए।ं
शैली पूणत: बदल गई ह।ै िव वा य सगं ठन के ारा इस इ कसव सदी म कोरोना वायरस ने लोग क
िदए गए सझु ाव के अनसु ार हम को येक घटं े हाथ धोने िजदं गी पूरी तरह बदल दी है िजसका असर समाज के हर
क आदत पड़ गई है। घर से अनाव यक काय हते ु बाहर े जसै -े सामािजक, आिथक, शै िणक यव था पर
जाने क आदत भी बदं हो गई ह।ै िजसके कारण अब पड़ा है और तकनीक पर लोग क िनभरता बढ़ी है।
लोग घर म समय यतीत करने हेतु मनोरजं न के िलए
इनडोर खेल पर िनभर होना सीख िलया ह।ै कोरोना - सजं ीव कु मार िसहं
वायरस के भाव का सबसे अनोखा भाव िश ण े आशिु लिपक डे -2
पर पड़ा है। कोरोना काल म पूरी िश ण यव था
ऑनलाइन होने के कारण तकनीक पर िनभर हो गई है।
ऑनलाइन िश ण यव था िश क एवं छा दोन के
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कं यूटर म यूिनकोड इनबे ल करना
आज हम 21व सदी म ह और आजकल कं यूटर हमारे जीवन आवेदन म आिद।
का अिभ न अगं बन चकु ा ह।ै चाहे हमारे जीवन का कोई भी 2) क यूटर म िहदं ी इनबे ल करना- कं यूटर म िहदं ी इनेबल
े हो, हम पाते ह िक कं यूटर सभी जगह िव ान ह।ै हम करने हेतु आप टा क बार म ल वजे सच कर वहां पर िडफा ट
िकसी भी कायालय म काय कर रहे ह , कायालय का सारा अं ेजी रहता ह।ै वहां से िहदं ी का चनु ाव करके एड कर। इस
काय कं यूटर के मा यम से िकया जा रहा है। ऐसे म अगर ि या के बाद अगर आपको नवीनतम टाइिपगं णाली िडओ
िहदं ी को भी आगे बढ़ाना है तो हम कं यूटर पर सरलता से
िहदं ी म काय करने क ओर बढ़ना होगा। इस लेख म हम चचा ट आता है तो आप नीचे टा क बार से िहदं ी का चनु ाव
कर रहे ह िक िकस कार कायालय म हम अपना यादा से करते हए आप आसानी से िहदं ी टाइिपगं कर सकते ह।
यादा काय िहदं ी म कर सकते ह। कं यूटर पर िहदं ी म काय
क राह म सबसे बड़ी बाधा है अं ेजी क -बोड के मा यम से अगर आपको िडओ ट नह आता है तो आपके
िहदं ी म टंकण करना। आज यह भी काफ आसान हो गया है पास ऑ सन होता है िक आप फोनेिटक टाइिपगं कर या िफर
के वल आपको जानकारी होनी चािहए। इस लेख के मा यम से रिे मगं टन क बोड अगर आपने सीखी हो तो उससे भी आप
आगे हम इसके सरलतम तरीके पर चचा कर रहे ह- टाइिपगं कर सकते ह। इसके िलए हम इ टरनेट या अ य िकसी
1) वॉइस टाइिपगं के मा यम से िहदं ी म काय- जसै ा िक मा यम से िवडं ो 7 तक के िलए िहदं ी इ डीक-2 और िवडं ो-8
िविदत है िक आज सूचना ौ ोिगक ने बहत तर क कर ली या उससे ऊपर के िलए िहदं ी इ डीक-3 डाउनलोड करना
ह।ै आप कं यूटर को दिु नया के िकसी भी भाषा म िड टेशन दे होगा। त प ात् language preference म जाए,ं उसके बाद
सकते ह। इसके िलए मूलत: दो आव यकताएं ह- (क) कं यूटर Advance Setting म जाए,ं इसी म switching input
म माइक होनी चािहए और (ख) इंटरनेट क सिु वधा हो। इन method के तहत मांक-2 म सही का िनशान लगाए,ं उसके
दोन के मा यम से आप आसानी से कं यूटर को िड टेशन दे बाद Change language bar hot keys के तहत
सकते ह। आजकल नवीनतम कं यूटर म माइक इन िब ट language bar म जाएं और मांक-2 म सही का िनशान
आता ह,ै के वल उसे इनेबल करने क आव यकता है और लगाए,ं इसके नीचे क लाइन म भी मांक-2 म सही का
अगर आपके पास परु ाना कं यूटर हो तो बाजार से 200-300 िनशान लगाए।ं अतं म Apply कर और Ok दबाते हए बाहर
आकर र े श कर आप दखे गे िक नीचे टा क बार म Hi का
पए खच करके माइक (तार, कने टर) के साथ खरीदा जा िनशान आ जाएगा। उसके साथ ही डाउन एरो क को लीक
सकता ह।ै इसके प ात् ोम के मा यम से गूगल म करने पर आप पाएगं े िक क -बोड का ऑ शन आएगा। जहां से
dictation.io टाइप कर। लॉ च िड टेशन म जाए।ं आपके आप अपने मनचाहे क -बोड का चनु ाव कर सकते ह। अगर
सामने िलंग पजे खलु ेगा। उसक दाई ं ओर भाषा का चनु ाव आप फोनेिटक करना चाहते ह तो ासं िल ेशन पर लीक
कर (िहदं ी-अं ेजी या कोई अ य)। अब िलंग पजे पर नीचे करके नीचे ीिड टीव करते हए आप जो फोनेिटक म टाइप
टाट बटन दबाए।ं पहली बार माइ ोफोन इनेबल करने हेतु करगे उससे िमलता जलु ता कई श द आपको िदखेगा जहां से
पिमशन मांगा जाएगा, उसे एलॉ कर। अब कं यूटर के माइक के आप वािं छत श द का चनु ाव करते हए टाइप कर सकते ह।
पास जाकर या एटे ड माइक क मदद से िड टेशन शु कर।
अगर आपको रिे मंगटन क -बोड के मा यम से टाइप
जहॉं पर आप भाषा का चनु ाव करगे वहां पर नीचे पीच करना आता है तो आप गेल क -बोड का चनु ाव करते हए
रकॉगिनशन कमाडं आएगा वहां से आप िड टेशन के दौरान आसानी से टाइप कर सकते ह।
उपयोग म लाए जाने वाले िविभ न कमाडं को भी दखे सकते
ह, ि टं लेकर अपने पास रख सकते ह। िजसका उपयोग इस कार आज के दौर म अगर आपको िहदं ी म काय
िड टेशन म करके आप आसानी से बड़े से बड़े नोिटंग, लेख करना है तो सभी तकनीक ससं ाधन उपल ध ह के वल
आिद कर सकते ह। िड टेशन टाइप हो जाने के प ात उसम आपको उसका ान होना चािहए। अत: हम सभी को राजभाषा
कु छ िु टयां आिद ह तो उसे वहां पर कसर ले जाकर पनु : के उ रो र िवकास हेतु इन ससं ाधन का उपयोग करना
बोलकर या िफर टाइप करके सधु ारा जा सकता है। एक बार चािहए और अपने सरकारी कामकाज को यादा से यादा
जब आपका िड टेशन तैयार हो जाए तो वहां से कॉपी करके राजभाषा म ही करना चािहए।
आप जहां चाहे वहां पे ट कर- अपनी फाइल म, ई-मेल म,
- राके श कु मार समु न,
गोपनीय सहायक, पि म रले वे
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िहदं ी के िलए वष 2021 - 22 का वािषक काय म
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बीबी का खौफ ... दहशत का आलम
बचे ारा पित हमेशा कतना सहमा रहता ह.ै ..
बीवी ने 50 पए के दो नोट दए कहा : 50 पए का मटर और 50 पए के
आलू लते े आओ ।
पित कु छ दरे बाद घर वापस आया सहमा - सहमा सा बोला ...मटर वाला
नोट कौन सा है ?
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िहदं ी म यु अशु एवं शु श द
- सपं ादन सिमित
िकसी श द को िलखने म यु वण के म को वतनी या अ री कहते ह। िकसी भाषा क सम त विनय को सही ढंग से उ चा रत
करने हते ु वतनी क एक पता थािपत क जाती है। िजस भाषा क वतनी म अपनी भाषा के साथ अ य भाषाओं क विनय को हण
करने क िजतनी अिधक शि होगी, उस भाषा क वतनी उतनी ही समथ होगी। ाय: िहदं ी म यु होने वाले अशु एवं शु श द
3143
ससं दीय राजभाषा सिमित
- सपं ादन सिमित
ससं दीय राजभाषा सिमित, भारत सरकार क एक महोदय को स पने जा रही ह।ै
उ चािधकार ा सिमित है जो अपना ितवदे न माननीय ससं दीय राजभाषा सिमित को मं ालय/ िवभाग-वार तीन
रा पित महोदय को दते ी है। यह सिमित अब तक कई उप -सिमितय म िवभािजत िकया गया है िजसे पहली
िनरी ण बैठक और कई गणमा य यि य के मौिखक उप सिमित, दूसरी उप-सिमित और तीसरी उप- सिमित
सा य भी ले चकु है, िजनम उ च यायालय के मु य का नाम िदया गया ह।ै इसके अलावा आलेख एवं सा य
यायाधीश, रा य के मु यमं ी और रा यपाल आिद भी उप- सिमित का भी गठन िकया गया है िजसके पदने
शािमल ह। अ य समित के माननीय उपा य महोदय होते ह।
इस सिमित का गठन जनवरी, 1976 को राजभाषा तीन उप-सिमितय के सयं ोजक इस उप-सिमित के
अिधिनयम, 1963 क धारा 4(1) के अधीन िकया गया सद य होते ह और सिमित के अ य तीन उप-
ह।ै इस सिमित म 30 सद य होते ह िजनम से 20 सिमितय म से एक-एक सद य को आलेख एवं सा य
लोकसभा के सद य तथा 10 रा यसभा के सद य होते उप-सिमित म नािमत करते ह। राजभाषा िवभाग के
ह , जो मश: लोकसभा तथा रा यसभा के सद य सिचव भी इस सिमित के थायी सद य होते ह। आलेख
ारा आनपु ाितक ितिनिध व प ित के अनसु ार एकल एवं सा य उप-सिमित नीित िनधारक उप-सिमित भी ह।ै
सं मणीय मत ारा िनवािचत होते ह। मौजूदा पर परा के यह उप-सिमित ससं दीय राजभाषा सिमित के सा य
अनसु ार, के ीय गहृ मं ी जी इस सिमित के अ य होते काय म तािवत करती ह,ै नगर राजभाषा काया वयन
ह। वष 1976 म ' ससं दीय राजभाषा सिमित ' का गठन सिमित के साथ िवचार-िवमश करती है और माननीय
होने पर लोकसभा के अ य और रा यसभा के रा पित महोदय को ततु िकए जाने वाले ितवदे न का
सभापित ने सयं ु प से त कालीन गहृ रा य मं ी ी मसौदा तैयार कर उसे अिं तम प भी दान करती है।
ओम मेहता जी को इस सिमित का पहला अ य नािमत वतमान म माननीय के ीय गहृ मं ी ी अिमत शाह,
िकया। सिमित का पनु गठन लोकसभा चनु ाव के प ात् ससं दीय राजभाषा सिमित के अ य ह और ी भतहृ र
िकया जाता ह।ै सिमित क कायिविध और कायसचं ालन महताब इस सिमित के उपा य ह।
िनयमावली िदनाकं : 04.03.1976 को लागू हई। सिमित माननीय पूव धानमं ी वग य ी अटल िबहारी
का कत य है िक वह सघं के राजक य योजन के िलए वाजपेयी, उ र दशे के पूव रा यपाल वग य डॉ.
िहदं ी के योग म क गई गित का पनु िवलोकन करे और िव णकु ा त शा ी तथा ानपीठ परु कार से स मािनत
उस पर िसफा रश करते हए माननीय रा पित महोदय डॉ. सी. नारायण रडे ्डी और प भूषण तथा प ी ी
को ितवेदन करे और माननीय रा पित महोदय उस िव ा िनवास िम और प भूषण से स मािनत ी
ितवेदन को ससं द के हर एक सदन के सम रखवाएगं े ह मदवे नारायण यादव जसै े िविश यि भी पूव म
और सभी रा य सरकार को िभजवाएगं े। सिमित अब सिमित के माननीय सद य रह चकु े ह।
तक िविभ न िवषय पर अपने ितवेदन के 9 खंड माननीय गहृ मं ी जी क अ य ता म िदनांक:
माननीय रा पित महोदय को ततु कर चकु ह।ै 14.09.2019 को 'िहदं ी िदवस' के अवसर पर सिमित के
सिमित के सभी ितवेदन पर माननीय रा पित महोदय सभी सद य क 37 व बैठक म ी अिमत शाह,
क ओर से िनदशे िनकाले जा चकु े ह और ज द ही माननीय गहृ मं ी जी को इस सिमित का अ य चनु ा
सिमित ितवदे न का दसवां खडं भी माननीय रा पित गया। बैठक के दौरान ी भतहृ र महताब, माननीय ससं द
35
सद य (लोकसभा) को सिमित का उपा य घोिषत िकया गया तथा अ य चयन सबं धं ी घोषणाएं क गई,ं जो इस कार ह-
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ससं दीय राजभाषा सिमित का सिचवालय इस सिमित का एक मह वपूण त भ ह,ै जो नई िद ली के 11, तीन मूित माग
पर ि थत ह।ै सिमित के काय को सचु ा प दने े के िलए इस सिमित म सिचव, अवसर सिचव, व र अनसु धं ान
अिधकारी, अनसु धं ान अिधकारी, अनभु ाग अिधकारी, िहदं ी अिधकारी के पद के साथ-साथ िविभ न णे ी के अ य
कमचारी भी इस सिमित म िनयु िकए गए ह।
परेशान पित – जज साहब, जब भी मेरी और मरे ी बीबी क लड़ाई होती है
तो मेरी बीबी मबंु ई से अपने भाई को बुलवाती है । वह हवाई जहाज से
आकर मझु े मार पीटकर हवाई जहाज से वापस मंबु ई जाता है । मेरी बीबी
मरे े ही े िडट काड से उसके आन-े जाने के खच का भगु तान करती है । अब
आप ही बताएं म या क ँ ?
जज – आजकल ऐसी सम याएं कई पितय के साथ आ रही है । तुम ऐसा
करो मंबु ई िश ट हो जाओ कम से कम मबंु ई का कराया तो बचेगा ।
एक डॉ टर और क खोदने वाले पड़ोसी थे । एक दन वो आपस म िमलते
ह।
डॉ टर : तमु तो भगवान से ाथना करते होगे क लोग यादा से यादा
मरे ता क तुम अिधक क खोद कर यादा कमाई कर सको ।
क खोदने वाला : भगवान से ाथना करने क आव यकता नह होती । म
जब भी कसी मरीज को आपके ि लिनक म घुसते ए दखे ता ँ । तो क
खोदना शु कर दते ा ँ ।
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िहदं ी िव भाषा क ओर
साभार - राजभाषा भारती
वै ीकरण क ि या के पूव िव म सचं ार क ा क पना क परी ा िन न तक के आधार पर क जा
गित अ यतं धीमी थी, िव सचं ार के क म राजनैितक सकती है –
आ मण सिं धयॉं और सा ा य िव तार एवं धािमक व
आिथक आदान- दान था । िक तु सचं ार साधन के कोई भी भाषा िव भाषा कहलाने क अिधका रणी
अप रिमत िवकास के फल व प उ प न वै ीकरण क िन न कारण से हो सकती है। थम, उसके बोलने वाल
ि या ने जनसामा य के बीच वैि क सचं ार को सभं व क सं या हो यापक, जो भाषा दिु नया के अिधकाशं
दशे म सवं ाद का मा यम बने और उनके ारा बेिहचक
बनाया है । इन प रि थितय म भाषाओं का अतं रण तेजी योग हो। दूसर,े िजस भाषा म वैि क भाव सवं दे न क
से सभं व हआ । इससे कु छ े ीय भाषाओं पर सकं ट के अिभ यि हो एवं जो ान-िव ान के िविवध आयाम को
बादल मंडराने लगे तो अं जे ी जसै ी भाषाओं का तेजी से अिभ य करने म समथ हो। इसके अित र जो भाषा
िव तार हआ । वाभािवक ही दिु नया के तर पर सवं ाद अपने समृ सािह य से अपनी भौगोिलक सीमा का
के िलए एक सामा य भाषा क ज रत थी । इस प रवशे अित मण करते हए अ य भाषा-भािषय के भाव-सवं ेदना
म दिु नया क बड़ी आबादी और िव तार वाले दशे के के साथ सेतु बन सके अथात यापकता के तर पर
लोग क भाषा को फलने-फू लने का अवसर िमला । िजसका सािह य अ य भाषाओं म पया अनूिदत हो और
जमनी, जापान और चीन जसै े दशे क रा वादी चेतना दूसरी भाषा के सािह य को वीकार कर सके । अ य
के फल व प उनका अपने भाषा योग और सरं ण क कारण म एक मह वपूण कारण यह भी है िक िजस भाषा-
नीित ने जहॉं उ ह अपने िवकासवादी य न के बावजूद सं कृ ित म दिु नया के लोग िच ल और िव तारवादी न
उनक भाषा को िव तारवादी होने से बचाया, वह उ ह होकर भी एक सामी य का बोध िवकिसत कर सके । अब
भी अनभु व होने लगा है िक आज के वै ीकरण के यगु म इस ा क पना क परी ा क जाए ।
भाषा सबं धं ी दीवार को तोड़ते हए उ ह भी िव सचं ार िहदं ी क यापकता-
क ओर अ सर होना होगा । चीन, जापान से इस आशय वष 1991 क जनगणना के अनसु ार भारत क पूरी
के समाचार और िवचार समी ाएं ाय: िमलने लगी ह। आबादी 83,85,83,988 थी और 1652 भाषाओं को
वै ीकरण क ि या म कु छ िव ान ने िव बोलने वाले दशे म िहदं ी को अपनी भाषा वीकार करने
सचं ार क कृ ि म भाषा को गढ़ने का य न िकया है । वाल क सं या 33,72,72,114 थी। बोलने और
' लोिबश' (Globish) जसै ी भाषा क चचा इ ह सगं म समझने वाले जनसामा य को यान म रखे तो िहदं ी और
खड़ी हई है । दिु नया क भाषाओं के श द और व प के उदू म कोई खास फक नह ह।ै उदू को भी िहदं ी क एक
सम वय के आधार पर अ तरताना (इ टरनेट) के अनु प शैली माने तो 1991 क जनगणना के अनसु ार भारत म
सचं ार भाषा क फल िु त ह,ै - लोिबस । िक तु िबड बना उदू बोलने वाल क सं या 4,34,06,932 थी। इस
है िक भाषा कु छ यि य के य न के आधार पर गढ़ी़ कार आज से पूव िहदं ी एवं उदू बोलने वाल क कु ल
ही नह जा सकती । भाषा तो जनता क जबु ान पर गढ़ी सं या 38,06,79,046 थी। जो भारत क कु ल आबादी
जाती ह।ै भाषा के िवकास क असली ताकत उनके क 45 ितशत थी, जबिक इसी समय अं जे ी बोलने
वाभािवक योगक ाओं पर िनभर है । वाल क दिु नया म कु ल सं या 33,70,00,000 थी।
भारत व पािक तान के अलावा िहदं ी एवं उदू बोलने वाल
अब यह वाभािवक है िक या िहदं ी क कु ल सं या 38,06,79,046 थी, जो नेपाल,
िव भाषा के पद पर िति त हो सकती है ? इस
38
बां लादशे , मॉरीशस, िफजी, गयाना, सूरीनाम, ि नीडाड म अनवु ाद हो चकु ा ह।ै डॉ० ( ीमती) मा ेट गा लाफ ने
एवं टुबैगो. भूटान, यामं ार, बहरीन, कु वतै , ओमान, यशपाल, ेमच द एवं कृ च दर क कहािनय एवं
कतार, सउदी अरब, ीलंका, दि ण अ का आिद दशे मे च द के उप यास 'िनमला' एवं भी म साहनी के
म है और इधर के कु छ वष म अमे रका और यूरोप के 'बसतं ी' का जमन म अनवु ाद िकया है। इसी कार
दशे म भी िहदं ी भाषा-भािषय क सं या बढ़ी है। यह सले ा दवीर ने सूरदास के पद का सूरदास कृ णायन'
बात िकसी से िछपी नह है िक नासा और िसिलकन वैली शीषक से अनवु ाद िकया है। विे नस िव िव ालय के डॉ.
म िहदं ी भाषा- भािषय क बड़ी सं या मौजूद ह।ै िनि त मा रयो ला आफरी दी ने 'गोदान' तथा 'आ मजयी' (कंु वर
ही दिु नया के िवशालतम भू-भाग म िबखरी यह बड़ी नारायण) का तथा चेलीिलया कोि सयो ने रणे ु के 'मैला
सं या िहदं ी को िव भाषा के प म िति त करने क आचँ ल' का इतालवी भाषा म अनवु ाद िकया है। इं लै ड
पूवापे ा को भलीभांित पूण करती है। के मैक ेगर ने नंददास के पद का अनवु ाद िकया है।
िहदं ी सािह य का िवशाल वैि क अनवु ाद- नीदरलै ड के ो० वेगेल ने मे च द क कहािनय का
डच भाषा म अनवु ाद िकया ह।ै ांस क ीमती
आज िहदं ी के रचनाससं ार क धमक, िहदं ी क चसउै चली ने 'रामच रत मानस', ' ढोला मा रा दूहा'
भाषागत सीमा का उ लघं न कर दिु नया के अनेक तथा कबीर क रचनाओं का च भाषा म अनवु ाद िकया
भाषाओं के सािह य म पहचं चकु ह।ै अ ेय, अमरकांत, ह।ै ेमच द, साद, जैने , कृ चदं र, फणी र नाथ
काशीनाथ िसहं , कै लाश बाजपये ी, जयशकं र साद, रणे ,ु ऊषा ि यवं दा, म नू भडं ारी आिद िहदं ी रचनाकार
महादवे ी वमा, पा डेय बेचन शमा 'उ , ेमच द, बेढब क रचनाओं का पोिलश भाषा म अनवु ाद कर पोलै ड म
बनारसी, िनराला, शमशरे बहादरु िसहं , सभु ा कु मारी काशन हो चकु ा है । अनवु ाद क परपं रा के िव तार से
चौहान, सिु म ानदं न पतं , रामधारी िसहं 'िदनकर', मोहन िव सािह य म िहदं ी को मह वपूण थान िमला है और
राके श, राही मासूम रजा, िनमल वमा, भी म साहनी, म नू िहदं ी क एक िव भाषा क सभं ावना साकार हई ह।ै
भडं ारी, जैने कु मार जैसे अनेक सािह यकार क आज िव के तर पर यह अनभु व िकया जा रहा है िक
रचनाओं का जापानी भाषा म अनवु ाद हो चकु ा है।" दिु नया के अिधकांश दशे म पर पर सचं ार के अभूतपूव
कबीर, सूर, तलु सी, मीरा बाई क रचनाओं का सी िव तार से अिधकांश दशे के आधिु नक सािह य क
भाषा म अनवु ाद हो चकु ा ह।ै ेमच द, वृ दावन लाल सामा य विृ याँ एक-सी ह, उनम थोड़ा-बहत कालाविध
वमा, यशपाल, जनै े कु मार, भगवती चरण वमा, या समय का अतं र भर है। आधिु नक कालीन सािह य क
इलाच जोशी, अमतृ लाल नागर. अ क रणे ,ु मोहन विृ याँ िव के तर पर लगभग एक-सी तीत होने
राके श, भी म साहनी, िव णु भाकर, आिद कथाकार एवं लगी ह। िहदं ी दिु नया के अ य भाषाओं के सािह य के
िनराला, पतं , िदनकर, ब चन, के दारनाथ अ वाल, साथ कदम से कदम िमलाते हए आगे बढ़ रही ह।ै िहदं ी
मिु बोध, अ ेय, शमशेर बहादरु , सव र दयाल स सने ा, क सािह य िनिधय का न के वल दिु नया क अिधकाशं
रघवु ीर सहाय, धमवीर भारती, नागाजनु भतृ किवय क भाषाओं म अनवु ाद हो चकु ा है और िनरतं र हो रहा है
रचनाओं का सी भाषा म अनवु ाद हो चकु ा है। बि क ससं ार क अ य भाषाओं के सािह य का िहदं ी म
वाराि नकोव, बेकायेवा, ई०पी० चेलीशवे , बािलन, भी पया अनवु ाद हो रहा है।
गफरोवा, गनु ामोवा, वा सरे े या नी आिद ऐसे उ लेखनीय िहदं ी क भािषक सिह णतु ा अि तीय है
वै ीकरण के कारण परपं रागत रा ीयता क दीवार
सी नाम ह, िज ह ने अपने अनवु ाद से िहदं ी और सी खि डत हो चकु ह। िविभ न दशे -समाज क सं कृ ितय
भाषा के बीच सते ु थािपत िकया ह।ै तलु सीकृ त रामच रत
मानस और ेमच द क अनेक रचनाओं का चीनी भाषा
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के अ तरावल बन, समझदारी और आदान- दान क इसका वा तिवक उदाहरण मोबाइल के 'एस एम एस' क
ि या ती हई है। परपं रागत समाज के सं मण क भाषा के प म दखे ा जा सकता है जहाँ िलिप, श द और
पीड़ा को भी इसी ि या के अतं गत समझा जा सकता वा य रचना िकसी एक भाषा के याकरण म बधं े नह
है। जो समाज इन नए बदलाव को समझने, परखने और होते ह वरन् वे सकं रीकरण क ि या के ितफलन होते
उसम अपने को समायोिजत करने क कोिशश म होगा, ह। सकं रीकरण क इस ि या म यिद िहदं ी अपनी भािषक
वही समाज सां कृ ितक अ यदु य का व न दखे सकता विृ को यान म रखकर उसे आ मसात करती है तो
है । भाषा के सदं भ म एक बात मह वपूण है िक वै ीकरण िनि त ही िहदं ी को और िव तार िमलेगा। अपनी अि मता
क ि या के पूव सां कृ ितक साझेदारी म एक भाषा के को सरु ि त रखते हए पूरे लोच के साथ सिह णतु ा क
श द जब दूसरे भाषा-भाषी े म पहचँ ते थे तो वे श द भिं गमा िहदं ी क वाभािवक ि थित ह,ै य िक िहदं ी एक
थोड़े बहत प रवतन के साथ नई भाषा क विृ य के लोकभाषा है और अपनी िवकास या ा म इसने उस
अनसु ार ढल जाते थे। उदाहरणाथ अं जे ी का लै टन, वभाव को मािणत िकया है। यही कारण है िक िहदं ी ने
हॉि पटल, अ र टोटल, एल जे डर आिद श द िहदं ी म ज़, फ़. ऑ जैसी अ य भाषा क बहत-सी विनय को
आकर मशः लालटेन, अ पताल, अर तू व िसक दर वीकार कर िलया ह।ै
आिद हो गया िक तु वै ीकरण क ि या के उपरा त भारतीय लोग का सचं रण आज वैि क तर पर ह।ै भारत
सचं ार क गित इतनी ती हो गयी िक दूसरे समाज और क ाचीन हड़ पा स यता अपने समकालीन स यताओं
भाषा से आया हआ श द, हीता समाज म यथावत िबना म सचं ार क ि थित म रही है। इस बात के माण िमले
िकसी प रवतन के हण हो जाता है, उसम िकसी भी ह। ाचीन भारत यवन के साथ र ते-नात के डोर म
कार क हीता भाषा क विृ य के अनसु ार प रवतन बधं े थे। दज़ला-फरात से लेकर म यकाल म इरान-इराक
आए िक उसके पूव ही वह चलन म आ जाता ह।ै यही के सबं धं इसके विै क सबं धं का माण ततु करते ह।
कारण है िक आज अ य भाषा के बहत-से श द िबना भारत िकसी-न-िकसी प म दिु नया के शेष भाग से जड़ु ा
प रवतन के िहदं ी म वीकार कर िलए गए और उसी रहा है। भारत क सिह णु परपं रा सामािजक-सां कृ ितक
भाव म 'ऑ जसै ी विन ने भी िहदं ी म अपना थान और भािषक तर पर अपने समवत भाषा-सं कृ ित को
बना िलया ह।ै स मानजनक थान दते े हए अपनी िवकास या ा पूरी
करती ह।ै
िविभ न अनसु धं ान या िकसी नवाचार के साथ, िहदं ी एक लोकतांि क भाषा है
िकसी खबर अथवा िव ापन के साथ सा रत अं जे ी या वै ीकरण के कारण िव भाषा का पयाय िवकिसत हआ
अ य भाषा के श द बड़ी तेजी से दिु नया म फै लते ह। ह।ै ये दोन एक िस के के दो पहलू ह। िव भाषा,
ती सचं ार क ि या ने आज के वै ीकरण के दौर म िव कोश, िव सािह य आिद वै ीकरण क दने ह।ै ये
सावदिे शक श द क सभं ावना को बढ़ा िदया है। इन श द पहले से भी ह तो भी इन श द का वतमान अथ
प रि थितय म वही भाषा और उसके श द िव तार पा वै ीकरण से िमला है। वै ीकरण ने सं कृ ितय और भाषा
रहे ह, िजसके बोलने और समझने वाले दिु नया म फै ले ह के अ तरावल बन का उपयु वातावरण तैयार िकया ह।ै
और उनक सं या सवािधक है । यही कारण है िक िव इससे भाषा का भी अ तरावल बन तेजी से बढ़ा ह।ै
तर पर एक भाषा क आव यकता और सभं ावना जैसी वै ीकरण के ादभु ाव से भाव और वचै ा रक क ि ितज
अवधारणा को बल िमल रहा ह।ै यान दने े यो य त य है का अभूतपूव िव तार हआ है। विै क साधन ने भाषा के
िक यह एका मकता विृ गत नह है अिपतु श दगत है एकािं तक व प को तोड़ते हए िव सचं ार के वाह म
और याकरिणक कोिटय के िवघटन के फल व प ह।ै
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उसे खड़ा िकया है। इस वातावरण म दिु नया क बहत-सी जो उपभो ाओं क इ छा से शािसत होते ह । इस
भाषाएँ जो पूव म सकं ु चन क िशकार हो रही थ , वे सभी यव था म स ा का बधं न कु छ िशिथल होने लगता है।
खलु गई और सदु ूर ि थत अपने योगकताओं के म य इस बाजार के खलु ने से भाषा का लोकतांि क चेहरा
वाभािवक सचं ार क वािहका बन गई ह। वैि क सचं ार उजागर हआ ह।ै अब भाषा के बोलने वालो क आबादी
क इस यव था म भाषाओं का एक नया लोकतं के आधार पर ही भाषा क राजनीित हो सकती है। अब
थािपत हआ ह।ै वैि क तर पर भाषाओं क भौगोिलक दीवार खलु चकु
िकसी भाषा के िव भाषा होने क पूवापे ा है उसके पास ह। तकनीक के विै क सचं ार यव था म अब हर िकसी
पूव क भाषा/भाषाओं क सािह य समिृ और श द के िनबाध प से अपनी भाषा योग क सभं ावना साकार
स पदा क थाती हो और भिव य क भाषाओं को हई ह।ै इस काय को यूनीकोड ने सभं व बनाया ह।ै अब
सरं ि त करने क ताकत हो। इस ि से िवचार कर तो दिु नया म िकसी भी भाषा का वच ववादी स ा कायम हो,
िहदं ी के पास पारपं रक दाय के प म सं कृ त से लेकर ऐसी सभं ावना कम ह,ै यही कारण है िक अ तरताना पर
अपने समवत भाषाओं क ान सपं दा िमली है। सं कृ त ई-लेखन करने वाले भाषा यो ाओं के आकं ड़े अब
के धातु से असीिमत सं या म श द िनमाण क अमोघ सवमा य के िलए य होने लगे ह। दिु नया क
शि िहदं ी के पास उपल ध ह,ै िजसके आधार पर सवािधक योग क जाने वाली भाषाओं क सूची म िहदं ी
अन त पा रभािषक श द का िनमाण सभं व है । क मजबूत ि थित इस वजह से बन सक ह।ै यह िहदं ी
िवगत सह ाि द का इितहास इस बात का सा ी है िक भािषय के िलए गौरव का िवषय ह।ै
िहदं ी न के वल अपनी जननी सं कृ त क दने के साथ एक िव भाषा के प म िहदं ी बनाम अं ेजी
लोकभाषा के व प म उभरी वरन वह एक लोकभाषा के जहाँ तक िव भाषा के प म िहदं ी के सापे अं ेजी का
व प म उभरी है । उसने अपनी बोिलय को िवकिसत
और थािपत होने का पूरा अवसर दान िकया। समय- ह,ै िहदं ी क ि थित अं ेजी क तलु ना म गौरवाि वत
समय पर ज, अवधी, कौरवी, बु दले ी, भोजपरु ी, मैिथली करने वाली है। आं ल, से सन और जूट जाितय क
आिद बोिलय का भाषा के तर पर थािपत होने म िमि त भाषा अं जे ी अनेक अपवाद को आ मसात करके
अ य बोिलय के साथ िकसी कार का सघं ष नह भी दिु नया क सचं ार भाषा बन सक , इसका बहत बड़ा
िदखाई दते ा ह।ै यहाँ यह यान दने े यो य त य है िक कारण यह था िक उस भाषा के बोलने वाले िवगत कु छ
िहदं ी क अपनी ही उपभाषा भोजपरु ी और मैिथली शताि दय म पूरी दिु नया म फै ले। ये मा पूरी दिु नया म
सिं वधान क आठव अनसु ूची म अपना वतं अि त व फै ले ही नह बि क इ ह ने जगह-जगह फै लकर अपना
बनाने म सतत् य नशील है, तो भी िहदं ी भाषा का कोई िव तार िकया, उपिनवशे बनाये, अपने िलए उ ोग क
िनषेधा मक भिं गमा और च र नह िदखता है। सभं ावना को साकार िकया। उस सभं ावना म रोजगार एवं
िवगत सदी का एक दौर था जब िवचार के आधार पर जीवन के बेहतर िवक प क सभं ावना भी दिु नया के
लोकतािं क आदं ोलन खड़े हए एवं उसके ितिनिध लोग को िदखे, ऐसा अं ेज ने वयं यास िकया।
व प वैचा रक आधार पर राजनैितक स ाएं थािपत उ ह ने वयं सदं शे िदया िक अपनी बेहतरी चाहते हो तो
हई। औ ोगीकरण सूता बाजारवाद ने अपने को अ यतं अं जे ी सीखो । छल-छ से लोग को अपना दास
मजबूत कर िलया। स ित बाजार क ताकत स ा क बनाया। दास का एक सामा य मनोिव ान होता है िक
ताकत के समातं र या कह िक उससे ऊपर है तो भाषा-भाव-भावना म वे अपने मािलक का अनसु रण करते
अितशयोि न होगी। बाजार के कु छ अपने िनयम होते ह, ह इस कार अं जे ी क िव तारवादी नीित का कारण था
िक अं ेजी क जड़ िबना यो यता के सभी जगह जम ।
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अं जे ी क तरह िहदं ी भी एक लोकभाषा है। िहदं ी के साथ अिधकाशं दशे म, जो ायः िवकिसत ह, ान-िव ान क
िजतनी सं कृ त का मह वपूण वा ङमय उपल ध ह उतना एक नई शाखा 'भारत िव ा' (Indology) चलन म
ही लोक का सरं ण । िहदं ी को वीकारने म न तो िकसी आयी है। िव के बहत-से गैर िहदं ी भाषी लोग भारतीय
कार के राज व क ग रमा का बोध या ेरणा है और न सं कृ ित और भारतीय भाषाओं के अ ययन क ओर
ही िववशता। िहदं ी इस मामले म पूणतया लोकतािं क ह।ै आकिषत हो रहे ह। इस म म िहदं ी पठन-पाठन का
िहदं ी अपनी मातशृ ि सं कृ त क सां कृ ितक िवरोधी अ य दशे म तेजी से िव तार हो रहा ह।ै
अरबी-फारसी के साथ ऊदू क भी पोषक बनी और धम भारत के पड़ोसी दशे और दिु नया के अ य दशे म
एवं अ या म के सू म बधं े सपं ूण ीप के पार प रक लगभग 46 ऐसे दशे ह, जहाँ के िश ा सं थान म िहदं ी
अिभ यि क मा यम बनी । यह इसके लोकतांि क पठन-पाठन क सिु वधा है। मॉरीशस, िफजी सूरीनाम,
होने का माण ह।ै िहदं ी म सम वय क िवराट सभं ावना गयाना, ि िनडाड ए ड टोबैगो म बड़ी सं या म अ वासी
है। यह मा शा ीय ही नह अिपतु लोकभाषाओं को भी भारतीय ह, जो सकै ड़ वष पहले जाकर वहाँ बस गये
पया सरं ण दते े हए उसके गणु का आ मसात कर और वे वहाँ क आबादी के चालीस ितशत से ऊपर क
सकती ह।ै वष 1991 क जनगणना के अनसु ार 1652 सं या म ह। वे िहदं ी बोलते-समझते और पढ़ते-िलखते ह।
भाषाओं वाले दशे म िहदं ी जब िकसी भाषा के िलए पािक तान, बां लादशे , ीलंका, नेपाल, भूटान एवं
खतरा नह बनी. उसक अपनी ही उपभाषाओं म कई यामं ार आिद भारत के पड़ोसी दशे के िव िव ालय म
भाषा प (भाषा के तर पर समृ होने के बावजूद) िहदं ी के पाठ्य म चलते ह। इन सभी दशे म समाज के
चिलत ह। यह िहदं ी का लोकतािं क च र ह।ै बड़े वग के काम-काज क भाषा िहदं ी ह।ै पािक तान म
आज यह उठा िक तकनीक िहदं ी म अिभ य नह िलिप फारसी ह,ै राजभाषा उदू है लेिकन यान दने े यो य
हो सकता। िसिलकन वैली म िहदं ी का वच व ह।ै त य यह है िक बोल-चाल के तर पर दोन भाषाओं म
यूनीकोड आते ही िहदं ी योगकताओं क सं या दिु नया समानता ह।ै इसी कार सयं ु रा य अमे रका के दो
के तीसरे थान पर आ गयी। िजस िदन हम िहदं ी भाषी दजन से अिधक िव िव ालय िशकागो, कै िलफोिनया,
पूणतयः तकनीक से जड़ु जाएगं े, उस समय िव क िव काि सन, पेि सलेवािनया, कोलिं बया, वािशगं टन,
थम भाषा बनने से िहदं ी को कोई रोक नही सकता। विजिनया और टे सास आिद िव िव ालय के दि ण
िहदं ी म इसक पूव सभं ावना है । तकनीक के उपयु एिशया अ ययन िवभाग के अ तगत िहदं ी के अ ययन-
भाषा होने क सबसे मह वपूण आव यकता होती है उस अ यापन क सिु वधा ह।ै ि टेन के लदं न एवं कै ि ज
भाषा के श द िनमाण क मता और वै ािनक िव िव ालय म उ च तर पर िहदं ी का पठन-पाठन
अवधारणाओं क वहन क मता। यह मता सं कृ त के स प न होता है। जमनी, कनाडा, स, ांस, हॉलै ड,
साथ िहदं ी को ा ह।ै चीन क आबादी भले ही हमसे ि वटजरलै ड, डेनमाक नाव, वीडन, इटली, पोलै ड,
अिधक है िक तु उसक िच ा मक िलिप उसे िव भाषा हगं री, दि ण अ का तथा जापान आिद दशे के अनेक
बनने से रोकती ह।ै चीन का अपने नाग रक पर दबाव है िव िव ालय म िहदं ी के अ ययन अ यापन क सिु वधा
िक वे अपनी भाषा और िलिप को अपनाए।ं इस वजह से है। वै ीकरण क ती ि या ने न के वल भारतीय
मडरीन दिु नया क सबसे यादा बोली जाने वाली भाषा नाग रक को दिु नया के अ य दशे म िवचरण को सभं व
ह।ै बनाया है बि क दिु नया के अ य दशे के एवं भारत के
िव म िहदं ी और भारतीय सं कृ ित के ित बढ़ती िच साथ राजनैितक एवं राजनियक सिं धय एवं सां कृ ितक
के साथ वतमान म भारत के ित िच बढ़ी है। िव के आदान- दान को भी सभं व बनाया ह।ै िवदशे म बसे
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