*New India Abroad is a Registered trademark and not affiliated with the newspaper named India Abroad marketed in the US from 1972 to 2021. खास बात: भारत में G20 फोरम की मेजबानी इसलिए करेगा इंडियास्पोरा स्वच्छ ऊर्जा: रिलायंस और ऑस्ट्रेलिया की ब्रुकफील्ड ने मिलाए हाथ ...Page 5 ...Page 16 विश्व कप क्वालीफायर के लिए अमेरिकी U-19 टीम की उप-कप्तानी करेगा उत्कर्ष ...Page 14 A platform for the voice of next generation Indian Diaspora Year 1, Volume 42 Washington DC, Monday 7 August, 2023 दिलजीत दोसांझ की ‘पंजाब 95’ का प्रीमियर टोरंटो फिल्म फेस्टिवल में ...Page 18 जब घर जैसा नमककन हो खाना राजभोग नमककन ही लाना Order now - www.rajbhog.com Photo by Aidan Bartos / Unsplash l त्रिभुवन शर्मा रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार भारतीय मलू के विवेक रामास्वामी ने कहा है कि उन्हें विश्वास नहीं है कि अमेरिकी सरकार ने 11 सितंबर 2001 के आतंकवादी हमलों के संबंध में आम लोगों के सामने ‘सच्चाई बताई है’। भारतीय-अमेरिकी ने ब्लेजटीवी पर एक उपस्थिति के दौरान कहा कि सऊदी अरब सरकार इस हमलों में शामिल हो सकती है। विवेक रामास्वामी ने कहा कि मुझे विश्वास नहीं है कि सरकार ने हमें सच बताया है। उन्होंने कहा कि ये जरूर है कि मैं साक्ष्यों और डेटा पर विश्वास करता हूं लकिे न पिछले कई वर्षों में मैंने देखा है कि सरकार हमें जो बताती है उस पर हमें संदेह करना पड़ता है। मैंने बयानों के विपरीत कोई सबूत नहीं देखे हैं। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि क्या हमें सरकार ने इसके बारे में जो कुछ भी बताया है उस पर मैं उस पर विश्वास करूं? तो मैं कहूंगा बिल्कुल नहीं। क्या मैं 9/11 आयोग पर विश्वास करता हूं? बिल्कुल नहीं। विवेक के इस बयान से बढ़ते विवाद के बाद उनके अभियान ने साक्षात्कार के बाद सोशल मीडिया पर किए गए एक पोस्ट की ओर इशारा किया, जिसमें यह दोहराया गया कि अमेरिकी सरकार हमलों के बारे में ‘पूरी तरह से स्पष्ट’ नहीं थी। उन्होंने लिखा कि क्या मैं मानता हूं कि हमारी सरकार 9/11 के बारे में पूरी तरह से स्पष्ट है? नहीं। अल-कायदा ने स्पष्ट रूप से हमलों की योजना बनाई और उन्हें अंजाम दिया है। लकिे न हमने कभी भी पूरी तरह से संबोधित नहीं किया कि सऊदी सरकार को इसके बारे में क्या पता था। हम में इतनी ताकत है कि हम सच्चाई को बयां कर सकते हैं। बता दें कि विवेक ने फरवरी में एक आउटसाइडर के तौर पर रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के नामांकन प्रतियोगित में प्रवेश किया था लकिे न अब वह नंबर 1 पर आ गए हैं। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्र्ंप अब फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस से पीछे तीसरा स्थान पर हैं। रॉयटर्स-इप्सोस पोल के मतुाबिक विवेक रामास्वामी को रिपब्लिकन पार्टी के 9% नेताओं का समर्थन प्राप्त है। मालमू हो कि विवेक रामास्वामी के माता-पिता भारत के राज्य केरल से संयुक्त राज्य अमेरिका चले आए और ओहियो में एक जनरल इलक्ट्रिे क प्लांट में काम किया। 37 वर्षीय विवेक रामास्वामी चीन पर निर्भरता खत्म करने और योग्यता को वरीयता देने जैसे मुद्दों के साथ राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। 9/11 हमले पर बोले विवेक, विश्वास नहीं कि सरकार ने बताई है ‘सच्चाई’ विवेक रामास्वामी ने कहा कि मुझे विश्वास नहीं है कि सरकार ने हमें सच बताया है। उन्होंने कहा कि ये जरूर है कि मैं साक्ष्यों और डेटा पर विश्वास करता हूं लेकिन पिछले कई वर्षों में मैंने देखा है कि सरकार हमें जो बताती है उस पर हमें संदेह करना पड़ता है। आखखिरकाार टेस्लाला पहुंच गई भारत, पहला ऑफफिस पुणे िस पुणे ममें खखललु ेगाा l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क टेस्ला इंडिया मोटर एंड एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड ने भारत में अपना ऑफिस खोलने की तैयारी शुरू कर दी है। कंपनी ने पुणे के पंचशील बिजनेस पार्क में 11.65 लाख के शुरुआती मासिक किराए पर पांच साल के लिए ऑफिस की जगह लीज पर ली है। कंपनी ने बिल्डिंग ऑपरेटर टेबलस्पेस टेक्नोलॉजीज से पहली मजिलं पर स्थित 5,850 वर्ग फुट जगह पट्टे पर ली है। पट्टे की लॉक-इन अवधि 36 महीने है और किराया सालाना 5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा। डेटा एनालिटिक्स फर्म सीआरई मट्रिै क्स के अनुसार किराया शुरू होने की तारीख 1 अक्टूबर है। शेष पेज 18 पर टेस्ला की भारत में एंट्री नजदीक आ रही है। साभार सोशल मीडिया
2 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 7 अगस्त, 2023 भारत ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए लॉन्च किया study in India पोर्टल l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क भारत सरकार ने गुरुवार को स्टडी इन इंडिया (SII) पोरल्ट लॉन्च किया है जो अंतरराष्ट्रीय छात्र पंजीकरण और वीजा आवेदन प्रक्रिया के लिए एक एकीकृत वन-स्टॉप समाधान प्रदान करेगा। पोरल्ट को केंद्रीय विदेश मत्री ं एस जयशंकर और केंद्रीय शिक्षा मत्री ं धर्द्रमें प्रधान द्वारा विविध पृष्ठभूमि के छात्रों का स्वागत करते हुए भारत को शिक्षा के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने के उद्शदे्य से लॉन्च किया गया है। लॉन्चग के वक िं ्त उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए भारत के विदेश मत्री ं जयशंकर ने कहा कि यह पोरल्ट देश को शिक्षा क्त्र षे में ब्रांड इंडिया की एक मजबूत अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति स्थापित करने में मदद करेगा। जयशंकर ने कहा कि पोरल्ट को देखने पर पता चलता है कि यह अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए पंजीकरण से लेकर वीजा अनुमोदन तक उपयोगकर्ता के अनुकूल आवेदन प्रक्रियाओं को सक्षम बनाता है। इससे छात्रों की पूरी यात्रा सरल हो जाएगी उन्हे वांछित पाठ्यक्रम चुनने और संबंधित संस्थानों से प्रस्ताव प्राप्त करने में आसानी होगी। उन्होंने आगे कहा कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों की उपस्थिति से घरले ू छात्रों को भी वैश्वीकृत दुनिया से अधिक निकटता से जुड़ने और वैश्विक कार्यस्थल के लिए बेहतर तरीके से तैयार होने में लाभ होगा। इस अवसर पर शिक्षा मत्री ं धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पोरल्ट राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के आधार पर तैयार किया गया है और भारत को पसंदीदा शिक्षा स्थल बनाने के साथ-साथ समृद्ध भविष्य को आकार देने के लिए शैक्षणिक सीमाओं को समाप्त करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। Indian Star LLC Published Weekly Copyright © 2023 Indian Star LLC Editor in Chief Dr. Sridhar Krishnaswami [email protected] Chief Executive Officer Rajeev Bhambri [email protected] Editor (Hindi) Dr. Rameshwar Dayal [email protected] Registered Address Indian Star LLC, 6215 Rockhurst Rd, Bethesda, MD 20817 USA Email [email protected] Ph. 908-472-0006 Website www.NewIndiaAbroad.Com Disclaimers: 1. New India Abroad is a Registered trademark and not affiliated with the newspaper named India Abroad marketed in the US from 1972 to 2021. 2. Indian Star LLC assumes no liability for claims / assumptions made in advertisements and advertorials. Views expressed by the writers are their own. A publication of Advisory Board Albert Jasani Entrepreneur and Philanthropist Dr Suresh Kumar President TIE-NJ Media Partner Bollywood Insider भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि यह पोर्टल देश को शिक्षा क्षेत्र में ब्रांड इंडिया की एक मजबूत अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति स्थापित करने में मदद करेगा। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पोर्टल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के आधार पर तैयार किया गया है। इस एप का फायदा यह होगा कि NRI शिकायत दर्ज कराने के बाद उसकी प्रगति के बारे में भी जान सकेंगे। यानी कि मामला किस स्थिति में है, जांच कहां तक पहुंची इत्यादि। यह NRI एप तमिलनाडु पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट https:// eservices.tnpolice. gov.in पर उपलब्ध रहेगा। दक्क्षिण भाारत के इस र रत के इस रााज्य्य की पुलिलिस ने NRI के लिलिए तैया यार किया किया विविशेष एप demo Photo by Rodion Kutsaiev / Unsplash Image: twitter@ Tamil Nadu Police l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क इस एप का फायदा यह होगा कि NRI शिकायत दर्ज कराने के बाद उसकी प्रगति के बारे में भी जान सकेंगे। यानी कि मामला किस स्थिति में है, जांच कहां तक पहुंची इत्यादि। इस वास्ते डीजीपी मुख्यालय में एक NRI सेल का गठन किया जा चुका है। एप के माध्यम से NRI सेल के अधिकारियों तक पहुंच सकेंगे और अपनी अर्जी दाखिल कर सकेंगे। एक बार जब कोई शिकायतकर्ता एक एप के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज करा देगा तो उसकी एक यूनीक आईडी बन जाएगी। अर्जी NRI सेल के माध्यम से ही ली जाएगी। इसकी पड़ताल के बाद उसे सम्बद्ध शहर या जिले तक आगे की जांच के लिए भेज दिया जाएगा। जब एक शिकायत किसी जिला या शहर तक पहुंच जाएगी तो वहां का नोडल अधिकारी उस मामले की छानबीन स्थानीय पुलिस को सौंप देगा। इस तरह से शिकायत पर काम शुरू हो जाएगा और छानबीन करने के बाद दस्तावेजों के साथ NRI सेल को एक रिपोर्ट भेज दी जाएगी। NRI सेल उसकी पड़ताल करने के बाद केस से जुड़ी जानकारी शिकायतकर्ता तक पहुंचाएगी। हालांकि जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी और जिस स्तर तक पहुंचेगी उसके हर चरण की जानकारी ई मले के माध्य्म से शिकायतकर्ता तक पहुंचाई जाएगी। यह NRI एप तमिलनाडु पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट https://eservices.tnpolice.gov.in पर उपलब्ध रहेगा।
न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 7 अगस्त, 2023 3 क्वींसलैंड के स्कूलों में ‘कृपाण’ की अनुमति, कोर्ट ने प्रतिबंध को पलटा l विशेष संवाददाता ऑस्ट्रेलिया में क्वींसलैंड सुप्रीम कोर्ट ने स्कूल परिसर में सिख समारोहों या धार्क कृपाण प मि र प्रतिबंध लगाने वाले कानून को पलट दिया है। अदालत ने पाया कि सिख धार्क मि प्रतीकों पर प्रतिबंध लगाना नस्लीय भेदभाव अधिनियम के तहत नस्लीय भेदभाव के समान होगा। इससे पहले क्वींसलैंड ने सिखों को कृपाण ले जाने की अनुमति देने वाला एक कानून पेश किया था, लकिे न जल्द ही इसे स्कूलों के अंदर ले जाने से रोक दिया था। कमलजीत कौर अठवाल ने इसे भेदभावपूर्ण बताते हुए क्वींसलैंड सरकार को अदालत में ले जाने का फैसला किया। अदालत ने शुरू में कमलजीत के इस दावे को खारिज कर दिया कि हथियार अधिनियम भेदभावपूर्ण है। हालांकि एक अपील के बाद, अदालत ने कहा कि कानून ‘असंगत’ था। उन्होंने कहा कि एक कानून जो किसी व्यक्ति को धार्क मि उद्शदे्यों के लिए स्कूल में कृपाण ले जाने से रोकता है, सिखों को उनकी धार्क मि मान्यताओं का पालन करते हुए कानूनी रूप से स्कूलों में प्रवेश करने से रोककर उन पर प्रभाव डालता है। कोई अन्य समूह अपने धर्म की स्वतंत्रता या आंदोलन की स्वतंत्रता को इस तरह से सीमित नहीं पाता है। दरअसल, मामला दो साल पहले का है। न्यू साउथ वेल्स के एक स्कूल में कथित तौर पर 16 साल के लड़के पर 14 साल के लड़के ने कृपाण से दो बार हमला किया था। इस घटना के आधार पर, एनएसडब्ल्यू सरकार ने सभी छात्रों को स्कूलों में चाकू ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया। हालांकि, सामुदायिक आक्रोश और उचित परामर्श प्रक्रियाओं के बाद इस प्रतिबंध को जल्द ही हटा लिया गया था। ऑस्ट्रेलियन सिख एसोसिएशन का कहना है कि कृपाण को सिख सदियों से एक धार्क मि चिह्न के रूप में धारण कर रहे हैं। ब्रिटेन, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और अन्य कई देशों की सेनाओं ने पहले और दूसरे विश्व युद्ध में सिखों की बहादुरी को सम्मान देने के लिए कृपाण को मान्यता दी है। पहले विश्व युद्ध में तर्की ु के गलीपली में हुई लड़ाई में बहुत से सिख ऑस्ट्रेलिया की ओर से लड़ेथे। क्वींसलैंड सुप्रीम कोर्ट ने स्कूल परिसर में सिख समारोहों या धार्मिक कृपाण पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून को पलट दिया है। दो साल पहले न्यू साउथ वेल्स के एक स्कूल में कथित तौर पर 16 साल के लड़के पर 14 साल के लड़के ने कृपाण से दो बार हमला किया था। एनएसडब्ल्यू सरकार ने कृपाण पर प्रतिबंध लगा दिया था। कृपाण को सिख सदियों से एक धार्मिक चिह्न के रूप में धारण कर रहे हैं। @AkshayR60372408 भारत के स्वास्थ्य मत्री ं मनसुख मडाविया ं ने इस पोरल्ट की जानकारी दी है। फोटो: पीआईबी l त्रिभुवन शर्मा किसी प्रियजन के पार्थिव शरीर को अब भारत भेजना आसान हो जाएगा। भारत सरकार ने इसके लिए एक समर्पित पोरल्ट को लॉन्च किया है जिसके माध्यम से 48 घंटे के भीतर मंजूरी मिल जाएगी और कहीं दर-बदर भटकना भी नहीं होगा। भारत के स्वास्थ्य मत्री ं मनसुख मंडाविया ने यह जानकारी दी है। बीते गुरुवार को भारत के स्वास्थ्य मत्री ं ने एक कार्यक्रम के दौरान इस पोरल्ट को लॉन्च किया। मत्री ं ने सोशल मीडिया पोरल्ट एक्स के माध्यम से लिखा कि आज 13वें नेशनल ऑर्गन डोनेशन दिवस के अवसर पर अंगदान करने वालों, प्रचार-प्रसार करने वाले लोगों एवं अन्य सभी उन संगठनों को सम्मानित किया जिन्होंने इस सेवा कार्यमें भागीदारी की। इसके साथ ही विदेशों से बचे हुए मानव अवशेष को सुगमता से वापिस लाने हेतु eCARe पोरल्ट को भी लाँच किया है। मिली जानकारी के अनुसार मतृ क के परिवार के सदस्य eCARe या मुत्यु के पश्चात अपने प्रियजनों के अवशेषों के लिए ई-क्लीयरेंस नाम के इस पोरल्ट पर प्रासंगिक दस्तावेज जमा कर सकते हैं। हवाईअड्डा स्वास्थ्य संगठन (AHPO) के नोडल अधिकारी 24X7 पोरल्ट की निगरानी करेंगे और 48 घंटे के भीतर आवेदन को मंजूरी देंगे। आवेदक को चार दस्तावेजों जिनमें मृत्यु प्रमाणपत्र, शव लेप प्रमाणपत्र, भारतीय दूतावास या वाणिज्य दूतावास से अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) और मतृ क के रद्द किए गए पासपोर्ट की स्कैन की गई प्रतियां जमा करनी होंगी। पोरल्ट में दो प्रावधान हैं। एक पार्थिव शरीर लाने के लिए और दूसरा अस्थियां लाने के लिए। स्वास्थ्य मत्रालं य के शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि ई-केयर पोरल्ट का परीक्षण पहले ही किया जा चुका है। स्वास्थ्य मत्रालं य ने कहा कि मौजूदा प्रणाली में कई बाधाएं हैं जो देरी का कारण बनती हैं। एक समर्पित पोरल्ट का उद्शदे्य बाधाओं को दूर करना है। मालमू हो कि अभी तक किसी प्रियजन के शव को दूसरे देश से भारत भेजने के लिए हवाईअड्डा स्वास्थ्य अधिकारी से ई-मले आधारित मंजूरी की आवश्यकता होती थी। अभी तक किसी प्रियजन के शव को दूसरे देश से भारत भेजने के लिए हवाईअड्डा स्वास्थ्य अधिकारी से ई-मेल आधारित मंजूरी की आवश्यकता होती थी। मौजूदा प्रणाली में कई बाधाएं हैं जो देरी का कारण बनती हैं। एक समर्पित पोर्टल का उद्शदे ्य बाधाओं को दूर करना है। इस पोरल्ट से अब प्रियजनों के पार्व शरीर को थि भारत भेजना होगा आसान
[email protected] 4 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 7 अगस्त, 2023 l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क अमेरिका में न्यू जर्सी के रॉबिंसविले में बोचासनवासी अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) चैरिटीज ने स्थानीय अस्पतालों और संगठनों के सहयोग से रक्तदान अभियान की शुरुआत की है। बीएपीएस स्वामीनारायण अक्षरधाम में यह आयोजन दस सप्ताह से अधिक समय तक चलेगा। संस्था का लक्ष्य इस दौरान कम से कम 6,000 पिंट (लगभग 1 यूनिट) रक्त एकत्र करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया गया है, जिससे 18,000 लोगों की जान बचाने में मदद मिल सकती है। दान किया गया रक्त इलाके के अस्पतालों और संगठनों को वितरित किया जाएगा। यह आयोजन मिलर-कीस्टोन ब्लड सेंटर, न्यू जर्सी ब्लड सर्विसेज, आरडब्ल्यूजे बरनबास हेल्थ, विटालेंट और अमेरिकन रेड क्रॉस आदि के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। रक्तदान अभियान का उद्घाटन रॉबिंसविले के मेयर डेव फ्राइड ने काउंसिल अध्यक्ष डेबोरा ब्लेकली और काउंसिलवूमन क्रिस्टीन सियाशियो के साथ मिलकर किया। मेयर फ्राइड सामुदायिक सेवा को लेकर काफी सक्रिय रहते हैं। वह अपनी प्रभावशाली “पे इट फॉरवर्ड” पहल के लिए चर्चित हैं जिसने जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए 450,000 डॉलर से अधिक जुटाए हैं। मेयर फ्राइड ने अक्षरधाम रक्त अभियान की सराहना करते हुए कहा कि यह अभियान अद्वितीय है। मैं इसका हिस्सा बनने के लिएउत्साहित हूं। बीएपीएस का निस्वार्थ मिशन हम सभी को प्रेरणा देता है। मुझे खुशी है कि इस अभियान के लिए रॉबिंसविले को चुना गया है। काउंसिल अध्यक्ष ब्लेकली ने कहा कि रॉबिन्सविले की विविधता आश्चर्यजनक है। जब हम एक समुदाय के रूप में एक साथ आते हैं तो एक-दूसरे से सीखते हैं, एक-दूसरे को समझते हैं और एकदूसरे के कठिन समय में उनका साथ देते हैं। इसके लिए मैं सभी को धन्यवाद देता हूं। सेटन हॉल यूनिवर्सिटी की प्री-मडिे कल छात्रा और यूनिवर्सिटी ब्लड इनिशिएटिव की अध्यक्ष संस्कृति ब्रह्मभट्ट ने अभियान के लिए सभी का हार्दिक आभार व्यक्त किया। BAPS चैरिटीज़ 2006 से अकेले ही अमेरिका में लगभग 500 रक्तदान अभियान आयोजित कर चुका है जो कि एक बड़ा रिकॉर्ड है। इतना रक्त 56,000 अमेरिकी लोगों की जान बचाने के लिए पर्याप्त है। संगठन ने स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए सुसान जी. कोमेन फाउंडेशन के साथ भी साझेदारी की है। BAPS चैरिटीज़ एक वैश्विक चैरिटी है जो पांच महाद्वीपों के नौ देशों में सक्रिय है। यह मानवीय कार्यों में 50 से अधिक वर्षों से सक्रिय है। BAPS का लक्ष्य स्वास्थ्य जागरूकता, शैक्षिक सेवाओं, मानवीय राहत, पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक सशक्तिकरण के माध्यम से निस्वार्थ सेवा की भावना स्थापित करना है। l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (USCIS) ने H-1B वीजा के लिए आवेदकों का अनियमित (random) चयन पूरा कर लिया है। 29 जुलाई को USCIS ने वित्त वर्ष 2024 (30 सितंबर, 2024 को समाप्त वर्ष) के H-1B वीजा के लिए अनियमित लॉटरी चयन के दूसरे दौर की घोषणा की थी। USCIS की ओर से कहा गया है कि हमने वित्त वर्ष 2024 के लिए दूसरे दौर के अनियमित लॉटरी राउंड को पूरा कर लिया है। जिन आवेदकों का चयन किया गया है उन्हे सूचित कर दिया गया है कि वे आवेदन के पात्र माने गये हैं। मार्चमें USCIS ने वित्त वर्ष 2024 के H-1B कैप के लिए उचित तरीक से जमा इलक्ट्रॉनि े क पंजीकरण पर प्रारभिं क अनियमित चयन किया था। इसमें एडवांस्ड डिग्री छट के ू लिए पात्र लाभार्थी भी शामिल थे। केवल वित्त वर्ष 2024 के लिए चयनित पंजीकरण वाले याचिकाकर्ता H-1B कैप-विषयक अर्जी दायर करने के पात्र हैं। वित्त वर्ष 2024 के लिए चयनित पंजीकरण वाले लोगों के लिए प्रारभिं क फाइलिंग अवधि 1 अप्रैल, 2023 से 30 जून, 2023 तक थी। ऐसा पहली बार नहीं था जब USCIS ने H-1B वीजा के लिए दूसरी लॉटरी की घोषणा की थी। अमेरिका ने वित्त वर्ष 2022 के लिए पहली बार कई लॉटरी निकालीं लकिे न ऐसा वीजा आवेदनों की कम संख्या के कारण था जो अंततः अमेरिकी प्रायोजक संस्थाओं द्वारा दायर किए गए थे। दूसरी लॉटरी जुलाई 2021 में निकाली गई और इसके बाद नवंबर 2021 में एक और ड्रॉ किया गया था। USCIS को 30 सितंबर 2024 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के H-1B कैप सीजन के लिए 7,58,994 पात्र पंजीकरण प्राप्त हुए थे। इनमें से 85,000 के वार्षिक कोटा को पूरा करने के लिए 1,10,791 पंजीकरणों का चयन किया गया था। अभियान के दौरान कम से कम 6,000 पिंट रक्त एकत्र करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया गया है जिससे 18,000 लोगों की जान बचाने में मदद मिल सकती है। USCIS की ओर से कहा गया है कि हमने वित्त वर्ष 2024 के लिए दूसरे दौर के अनियमित लॉटरी राउंड को पूरा कर लिया है। जिन आवेदकों का चयन किया गया है उन्हे सूचित कर दिया गया है कि वे आवेदन के पात्र माने गये हैं। महादान: BAPS ने न्यू जर्सी में शुरू किया रक्तदान का महा- अभियान रक्तदान अभियान दस सप्ताह तक चलेगा। फोटो : BAPS USCIS ने H-1B वीजा के लिए दसर ू ा रेंडम लॉटरी राउंड पर ू ा किया Demo pic : Image : NIA
न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 7 अगस्त, 2023 5 खास बात: भारत में G20 फोरम की मेजबानी इसलिए करेगा इंडियास्पोरा इंडियास्पोरा-इंडिया के सीईओ श्रीकुमार नायर ने बताया कि इंडियास्पोरा जी20 फोरम वश्विै क स्तर पर स्थायी प्रभाव पैदा करने का एक अद्वितीय अवसर प्रस्तुत करता है। इस कार्यक्रम को आयोजित करके हमारा लक्ष्य ऐसे ठोस समाधान निकालना है जो सीमाओं से परे हों और सहयोग को बढ़ावा दें। Photo by Naveed Ahmed / Unsplash l विशेष संवाददाता भारतीय प्रवासियों को एकजुट करने के लिए समर्पित गैरलाभकारी संगठन इंडियास्पोरा (Indiaspora) ने घोषणा की है कि संगठन भारत की प्रगति में भारतीय प्रवासियों की भूमिका पर विचार-विमर्श करने के लिए अगस्त महीने के अंत में राजधानी दिल्ली में एक जी20 फोरम की मेजबानी करेगा। भारत 100 वर्ष की आजादी के बाद यानी 2047 में कैसा हो इस पर विचार-विमर्श किया जाएगा। आगामी 22 अगस्त से तीन दिवसीय इंडियास्पोरा जी20 फोरम विदेश नीति, वित्तीय समावेशन, जलवायु परिवर्तन, लैंगिक समानता, स्वास्थ्य सेवा, परोपकार, उद्यमिता, खेल, व्यापार व निवेश पर आधारित होगा। इन महत्वपूर्णमुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए दुनिया भर से प्रभावशाली लोगों को आमत्रित ं किया जाएगा। इंडियास्पोरा-इंडिया के सीईओ श्रीकुमार नायर ने बताया कि इंडियास्पोरा जी20 फोरम वैश्विक स्तर पर स्थायी प्रभाव पैदा करने का एक अद्वितीय अवसर प्रस्तुत करता है। इस कार्यक्रम को आयोजित करके हमारा लक्ष्य ऐसे ठोस समाधान निकालना है जो सीमाओं से परे हों और सहयोग को बढ़ावा दें। यह फोरम सकारात्मक बदलाव और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सार्थक विरासत छोड़ने को लेकर भारतीय प्रवासियों की सामहिू क प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है। तीन दिवसीय इस कार्यक्रम में कई सेशन होंगे। विभिन्न चर्चाओं के लिए वक्ताओं को मंच प्रदान किया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों से वक्ताओं में सरकारी अधिकारी और नीति निर्माता, व्यवसायी और उद्यमी, निपुण खिलाड़ी, प्रेरक कलाकार और समर्पित परोपकारी शामिल होंगे जो सभी एक बेहतर दुनिया के लिए एक समान दृष्टिकोण साझा करते हैं। इस मामले पर इंडियास्पोरा के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर संजीव जोशीपुरा ने बताया कि चूंकि भारत ने जी20 की अध्यक्षता संभाली हुई है इसलिए इंडियास्पोरा जी20 फोरम की योजना इससे अधिक उपयुक्त समय पर नहीं बनाई जा सकती थी। इंडियास्पोरा 25 देशों के 200 प्रवासी नेताओं को इकट्ठा कर रहा है ताकि यह देखा जा सके कि हम आजादी के 100 साल की दिशा में भारत की यात्रा में कैसे योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में प्रमुख नेताओं के साथ काम कर रहे भारतीय प्रवासी समावेशी विकास, सतत विकास और सामाजिक प्रगति को बढ़ावा देने के लिए हमारी सामहिू क शक्ति का उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क संघीय जांच ब्यूरो (FBI) ने साल्ट लेक सिटी, यूटा में अपने कार्यालय प्रमुख के रूप में भारतीय-अमेरिकी की नियुक्ति की घोषणा की। शोहिनी सिन्हा की नियुक्ति की घोषणा 31 जुलाई को की गई। FBI निदेशक क्रिस्टोफर रे ने शोहिनी सिन्हा को साल्ट लेक सिटी फील्ड कार्यालय के प्रभारी विशेष एजेंट के रूप में नामित किया है। ब्यूरो की ओर से प्रेस से साझा की गई जानकारी के अनुसार सिन्हा ने हाल ही में वाशिंगटन डीसी में ब्यूरो मुख्यालय में निदेशक के कार्यकारी विशेष सहायक के रूप में कार्य किया है। शोहिनी 2001 में एक विशेष एजेंट के रूप में एफबीआई में शामिल हुई थीं। उन्हें सबसे पहले मिल्वौकी फील्ड ऑफिस में नियुक्त किया गया जहां उन्होंने आतंकवाद विरोधी जांच के लिए काम किया। वर्ष 2009 में उन्हें पर्यवेक्षी विशेष एजेंट के रूप में पदोन्नत किया गया और वाशिंगटन डीसी में आतंकवाद विरोधी प्रभाग में स्थानांतरित कर दिया गया। साल 2012 में सिन्हा को ओटावा, कनाडा में सहायक कानूनी अताशे के रूप में पदोन्नत किया गया था, जो रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस और कैनेडियन सिक्योरिटी इंटेलिजेंस सर्विस के सहयोग से आतंकवाद विरोधी मामलों पर काम कर रहा था। 2015 में उन्हें डेट्रॉइट फील्ड ऑफिस में फील्ड सुपरवाइज़र के रूप में पदोन्नत किया गया जहां उन्होंने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद मामलों की जांच के लिए जिम्मेदार दस्तों का नेतृत्व किया। वर्ष 2021 में सिन्हा को FBI निदेशक के कार्यकारी विशेष सहायक के रूप में सेवाएं देने के लिए चुना गया था। FBI में काम करने से उन्होंने एक चिकित्सक के रूप में भी सेवाएं दी हैं और बाद में लाफायेट, इंडियाना में एक निजी-गैर-लाभकारी क्लिनिक के लिए प्रशासक के रूप में भी काम किया है। भारतीय-अमेरिकी शोहिनी सिन्हा को एफबीआई में मिली अहम जिम्मेदारी शोहिनी सिन्हा की नियुक्ति की घोषणा 31 जुलाई को की गई। Image : twitter@FBISaltLakeCity ब्यूरो की ओर से प्रेस से साझा की गई जानकारी के अनुसार सिन्हा ने हाल ही में वाशिंगटन डीसी में ब्यूरो मुख्यालय में निदेशक के कार्यकारी विशेष सहायक के रूप में कार्यकिया है। वर्ष 2021 में सिन्हा को FBI निदेशक के कार्यकारी विशेष सहायक के रूप में सेवाएं देने के लिए चुना गया था।
6 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 7 अगस्त, 2023 भारतीय अर्थव्यवस्था मारेगी छलांग, लोगों की पॉकेट का बढ़ेगा वजन स्टैंडर्ड चारर्ड ्ट बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की प्रति व्यक्ति आय 2030 तक लगभग 70% बढ़ सकती है। इसके 2,450 डॉलर के मौजूदा स्तर से 4,000 डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। कई रिपोर्ट से यह संकेत मिल रहा है कि 2030 तक भारत, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। l विशेष संवाददाता अभी कुछ दिनों पहले वैश्विक निवेश बैंक मॉर्गन स्टेनली ने ‘वॉय दिस इज इंडियाज डिकेड’ शीर्षक से जारी अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि 2030 तक भारत, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। विश्व की कई एजेंसियां भारत के बारे में ऐसी ही रिपोर्ट प्रकाशित कर रही हैं। इन रिपोर्ट से साफ निष्कर्ष निकलता है कि अगर भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत होती है तो इसका मतलब है कि भारतीय नागरिकों की कमाई भी बढ़ेगी। इसी बात की पुष्टि स्टैंडर्ड चारर्ड ्ट बैंक की एक शोध रिपोर्ट से होती है। स्टैंडर्ड चारर्ड ्ट बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की प्रति व्यक्ति आय 2030 तक लगभग 70% बढ़ सकती है। यह 2,450 डॉलर के मौजूदा स्तर से 4,000 डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। शोध में कहा गया है कि आय में बढ़ोतरी से देश को 6 ट्रिलियन डॉलर के सकल घरले ू उत्पाद के साथ मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्था बनने में मदद मिलेगी और इसका आधा हिस्सा घरले ू खपत से आएगा। प्रति व्यक्ति आय 2011 में 460 डॉलर से बढ़कर 1,413 डॉलर और 2021 में यह 2,150 डॉलर हो गई । भारतीय अर्थव्यवस्था के बढ़ने के विभिन्न फैक्टर की बात करें तो आर्थिक विकास को बढ़ावा देने वाला अहम कारक अन्य देशों से व्यापार होगा, जो 2030 तक लगभग दोगुना होकर 2.1 ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान है। यह वृद्धि वित्त वर्ष 2023 में दर्ज 1.2 ट्रिलियन डॉलर से जबर्दस्त उछाल लेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले समय में नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ 10 फीसदी रहेगी। इसके अलावा रिपोर्ट से इस बात का संकेत मिलता है कि इस वृद्धि में दूसरा प्रमुख योगदानकर्ता घरले ू खपत होगी, जिसके वित्त वर्ष 2030 तक 3.4 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2023 में घरले ू खपत 2.1 ट्रिलियन डॉलर है। भारत के प्रधानमत्री ं नरद्रें मोदी कई बार इसे लेकर अपनी प्रतिबद्धिता दिखा चुके हैं। पिछले दिनों दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था को उनके अगले कार्यकाल के दौरान शीर्ष 3 में रखा जाएगा और यह 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। वर्तमान में जापान संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बाद तीसरे स्थान पर है। वर्तमान में भारत का तले ंगाना राज्य प्रति व्यक्ति आय रैंकिंग में 2,75,443 रुपये ( 3,360 डॉलर के बराबर) के साथ शीर्ष स्थान पर है। इसके बाद कर्नाटक (2,65,623 रुपये), तमिलनाडु (2,41,131 रुपये), केरल (2,30,601 रुपये) और आंध्र प्रदेश (2,07,771 रुपये) का स्थान है। हालांकि स्टैनसी की रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2030 तक इस रैंकिंग में बदलाव की भविष्यवाणी की गई है, जिसमें गुजरात को प्रति व्यक्ति आय में अग्रणी होने का अनुमान है। वर्तमान में सकल घरले ू उत्पाद में तले ंगाना, दिल्ली, कर्नाटक, हरियाणा, गुजरात और आंध्र प्रदेश का संयुक्त योगदान 20% है। वित्त वर्ष 2030 तक इन राज्यों को 6,000 डॉलर की प्रति व्यक्ति आय प्राप्त होने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे बड़ेराज्यों में वित्त वर्ष 2023 तक प्रति व्यक्ति आय 2,000 डॉलर से कम होगी, जो अभी भी उनके मौजूदा स्तर से दोगुना है। अर्थव्यवस्था के विकास के पीछे मुख्य प्रेरक कामकाजी उम्र की आबादी का बढ़ता अनुपात बनी रहेगी। 2020 में देश में कामकाजी आयु के व्यक्तियों का हिस्सा कुल आबादी का 64.2% था। आने वाले वर्षों में यह आंकड़ा थोड़ा बढ़कर 64.8% होने का अनुमान है। हालांकि, वर्ष 2040 तक 63.6% तक मामली ू गिरावट हो सकती है, और 2050 तक 61.1% तक नीचे आ सकती है। इस क्रमिक कमी के बावजूद, कामकाजी उम्र की आबादी अभी भी देश के आर्थिक विकास को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। Photo by Dan Dennis / Unsplash दुनिया निया काा दसर ूू ाा सबसे बड़ा़ा 5जी नेटव 5जी नेटवरर्क वाला ाला देश कैसे बन गया भारत? भारत के दूरसंचार मंत्री अश्विनी वष्णव ै ने बताया कि दुनिया का सबसे तेज 5G रोलआउट जारी है। 714 जिलों में 3 लाख से अधिक साइटें स्थापित की गई हैं। दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा 5G इकोसिस्टम अब भारत में है। l विशेष संवाददाता भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा 5जी नेटवर्क स्थापित करने वाला देश बन गया है। 10 महीनों में 3,00,000 साइटों के निर्माण के बाद ऐसा संभव हो पाया है। यह जानकारी खुद भारत के दूरसंचार मत्री ं अश्विनी वैष्णव ने अपने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए साझा की है। बता दें कि अभी दुनिया में सबसे बड़ा 5जी नेटवर्क चीन में है। चीन में कुल मिलाकर 356 शहरों में 5जी सेवा उपलब्ध हैं। भारत में निर्मित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कू पर एक पोस्ट में मत्री ं ने लिखा कि दुनिया का सबसे तेज 5G रोलआउट जारी है। 714 जिलों में 3 लाख से अधिक साइटें स्थापित की गई हैं। दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा 5G इकोसिस्टम अब भारत में है। इसके अलावा संसद के साथ साझा की गई जानकारी के अनुसार दूरसंचार सेवा प्रदाता भारती एयरटेल और रिलायंस जियो ने मिलकर साइटें स्थापित की हैं, जो जुलाई में 2.8 लाख थीं। बता दें कि भारत का दूरसंचार विभाग 5जी नेटवर्क के रोलआउट की जिलों के संदर्भमें निगरानी कर रहा है। विभाग ने पिछले महीने संसद को बताया था कि 7 जुलाई तक देश भर में वितरित 717 जिलों में 5जी नेटवर्क शुरू कर दिया गया है। भारत की संसद में सरकार के राज्य मत्री ं देवुसिंह चौहान ने पिछले महीने राज्यसभा में एक बयान में कहा था कि देश में 5जी नेटवर्क को तेजी से शुरू करने के लिए सरकार ने कई पहल की हैं। कई तकनीकी कामों को त्वरिंत मंजूरी देने के साथ-साथ 5जी नेटवर्क के रोलआउट में सुविधा और तेजी लाने के लिए गतिशक्ति संचार पोरल्ट लॉन्च किया गया है। मत्री ं ने बताया कि DoT ने 5G तकनीक में प्रगति का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए स्वास्थ्य, खेल, कृषि और भारी उद्योग मत्रालं य सहित विभिन्न मत्रालं यों को कम्यूनिकेशन भेजा है। आपको बता दें कि पिछले वर्ष अक्टूबर में ही 5जी सर्विस को भारत में लॉन्च किया गया था। पहली 1 लाख साइटें 5 महीनें में तैयार हुई थीं जबकि कुल मिलाकार 2 लाख साइटों का काम 8 महीनें में पूरा हो गया था।
14 New India Abroad Monday, 17 July, 2023 SPECIAL PRINT EDITION SSUUBBSSCCRRIIBBEE NNOOWW!! TO COMMEMORATE INDIA'S INDEPENDENCE DAY WE WILL BE GIVING AWAY FREE COLLECTOR'S COPY TO OUR PAID SUBSCRIBERS IN THE UNITED STATES INDEPENDENCE DAY TO GET YOUR FREE COPY CLICK HERE न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 7 अगस्त, 2023 7
8 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 7 अगस्त, 2023 l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क सिंगापुर में भारतीय मलू के तीन सांसदों ने शपथ ली है। ये उन नौ सांसदों में शामिल हैं, जिन्होंने बुधवार को सदन की शपथ ली। भारतीय मलू के इन सांसदों में राज जोशुआ थॉमस, निमिल रजनीकांत और चंद्रदास उषा रानी शामिल हैं। वकील व सिक्योरिटी एसोसिएशन सिंगापुर के अध्यक्ष राज जोशुआ थॉमस का यह दूसरा कार्यकाल है। नामांकित संसद सदस्य (एनएमपी) बने पारेख निमिल रजनीकांत सिंगापुर इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष हैं। इनके अलावा चंद्रदास उषा रानी एक कला इतिहासकार और वकील हैं। वह प्लुरल आर्ट पत्रिका की सह-संस्थापक भी हैं। इनके अलावा सीन कियान पेंग को संसद के नए अध्यक्ष के रूप में चुना गया है। उन्होंने तान चुआन जिन की जगह ली है, जिन्होंने साथी सांसद चेंग ली हुई के साथ कथित विवाहेतर संबंध के बाद इस्तीफा दे दिया था। थॉमस के अलावा आठ एनएमपी की नियुक्ति पहली बार की गई है। संसद में सामुदायिक विचारों का व्यापक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए 1990 में स्थापित एनएमपी योजना के तहते ढाई साल के कार्यकाल के लिए सांसद बनाया जाता है। शपथ लेने वाले अन्य एनएमपी में सिंगापुर एंग्लिकन कम्युनिटी सर्विसेज के उपाध्यक्ष चुआ तियांग चून कीथ, सिंगापुर यूनिवर्सिटी ऑफ सोशल साइंसेज में सार्वजनिक सुरक्षा कार्यक्रम की प्रमुख रज़वाना बेगम अब्दुल रहीम भी शामिल हैं। इस बीच, सिंगापुर में भारतीय मलू के पूर्व मत्री ं थर्मन शनमुगरत्नम ने पिछले महीने औपचारिक रूप से राष्ट्रपति पद के लिए अपना अभियान शुरू कर दिया है। उन्होंने देश की संस्कृति को दुनिया में सबसे चमकदार बनाने के लिए विकसित करने का वादा किया है। 66 वर्षीय थर्मन ने पिछले महीने 22 साल बाद सक्रिय राजनीति से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा कि उनका इरादा एक नए युग का राष्ट्रपति बनने का है। सिंगापुर की संसद में शपथ लेने वाले भारतीय मूल के सांसदों में राज जोशुआ थॉमस, निमिल रजनीकांत और चंद्रदास उषा रानी शामिल हैं। इन तीनों सांसदों का चयन पहले ही हो गया था।अब शपथ लेने के बाद वे आधिकारिक तौर सांसद बन गए हैं। सिंगापुर की संसद में भारतीय प्रतिनिधित्व बढ़ा, तीन सांसदों ने ली शपथ सिंगापुर के नौ सांसदों को शपथ दिलाई गई है। फोटो फेसबुक parliament of singapore नए सांसदों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। फोटो फेसबुक parliament of singapore l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क अमेरिका के राष्ट्रीय आर्थिक परिषद (NEC) में समन्वयक के रूप में काम करने वाले भारतीय मलू के एरोन रोनी चटर्जी अब व्हाइट हाउस छोड़ रहे हैं। वह ड्यूक विश्वविद्यालय में एक प्रोफेसर के रूप में अपने पद पर लौट रहे हैं। चटर्जी ने चिप और विज्ञान अधिनियम के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वैश्विक माइक्रोचिप्स की कमी को दूर करने और अमेरिका के सेमिकंडक्टर उद्योग के विस्तार में उनका अहम योगदान रहा है। बाढ़ प्रबंधन करने के लिए बाइडन प्रशासन के प्रयासों में एक प्रमुख सलाहकार के रूप में उन्होंने काम किया है। स्थानीय मीडिया में छपी खबरों को मानें तो रोनी चटर्जी को ऐसे समय में व्हाइट हाउस छोड़ना पड़ रहा है, जब बाइडन प्रशासन की सेमीकंडक्टर रणनीति वैश्विक चिप की कमी को दूर करने में जुटी है। इसके लिए विदेशी सप्लायर पर निर्भरता को कम करने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही अमेरिका-आधारित विनिर्माण सुविधाओं पर फोकस किया जा रहा है, जो चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच एक राजनीतिक कदम बन गया है। चटर्जी बाइडन के कार्यकाल के कुछ महीने बाद ही वाणिज्य विभाग में मुख्य अर्थशास्त्री के तौर पर शामिल हुए थे। पिछले साल एनईसी में चले गए जहां उन्होंने चिप क्रियान्वयन के लिए व्हाइट हाउस समन्वयक के तौर पर काम किया। व्हाइट हाउस ने कहा कि उन्होंने चिप कार्यान्वयन संचालन परिषद के काम का प्रबंधन किया और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद, विज्ञान और प्रौद्योगिकी नीति कार्यालय, वाणिज्य विभाग और संचालन परिषद के साथ मिलकर काम किया। जून 2021 में संयुक्त राज्य अमेरिका के वाणिज्य विभाग के मुख्य अर्थशास्त्री के रूप में अपनी नियुक्ति के बाद चटर्जी ने ड्यूक विश्वविद्यालय के फुक्वा स्कूल ऑफ बिजनेस से छुट्टी ले ली थी। ड्यूक में वह प्रतिष्ठित प्रोफेसर थे। उन्होंने पहले राष्ट्रपति ओबामा के प्रशासन में व्हाइट हाउस काउंसिल ऑफ इकोनॉमिक एडवाइजर्समें एक वरिष्ठ अर्थशास्त्री के रूप में काम किया था। इस मामले में वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो का कहना है कि चटर्जी को अमेरिकी प्रशासन के लिए एक अविश्वसनीय धरोहर कह सकते हैं। उन्होंने कहा कि वह अमेरिका की आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने, देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और पूरे अमेरिका में अच्छी नौकरियां पैदा करने में मदद करने के लिए उनकी विशेषज्ञता और मार्गदर्शन पर भरोसा करती हैं। ड्यूक में चटर्जी के शोध ने सार्वजनिक नीति और व्यवसाय के एक ऐसे केंद्र का पता लगाया, जिसमें उन्हें गति देने वाले फोर्स पर ध्यान केंद्रित किया गया जो अभिनव फर्मों और नए स्टार्टअप के लिए सफलता को सक्षम बनाते हैं। उनका काम रणनीतिक प्रबंधन, अर्थशास्त्र, वित्त और संगठनात्मक अध्ययन में शीर्ष पत्रिकाओं में प्रकाशित हुआ है। उन्हें उद्यमिता में विशिष्ट अनुसंधान के लिए 2017 कॉफमैन पुरस्कार पदक, एस्पेन इंस्टीट्यूट से राइजिंग स्टार पुरस्कार और स्ट्रेटेजिक मैनेजमेंट सोसाइटी इमर्जिंग स्कॉलर अवार्ड के साथ-साथ कई शिक्षण पुरस्कार भी मिले हैं। चटर्जी और उनकी पत्नी नीली के तीन बच् हैं। चे बड़ी शख्सियत रोनी चटर्जी को व्हाइट हाउस क्यों छोड़ना पड़ रहा है? भारतीय मूल के एरोन रोनी चटर्जी का अमेरिका के सेमिकंडक्टर उद्योग के विस्तार में अहम योगदान रहा है। अब वह ड्यूक विश्वविद्यालय में एक प्रोफेसर के रूप में अपने पद पर लौट रहे हैं। जब सेमिकंडक्टर रणनीति को लेकर अमेरिका आगे बढ़ रहा है तो ऐसे में चटर्जी का जाना कई सवाल खड़े कर रहा है। भारतीय मूल के एरोन रोनी चटर्जी अब व्हाइट हाउस छोड़ रहे हैं। फोटो : @_amitm
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10 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 7 अगस्त, 2023 l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क अमेरिकी सीनेट ने भारतीय मलू की निशा देसाई बिस्वाल को अमेरिकी वित्त एजेंसी अंतरराष्ट्रीय विकास वित्त निगम (DFC) का डिप्टी सीईओ बनाने के लिए मंजूरी अपनी दे दी है। DFC मुख्य रूप से निम्न और मध्यम आय वाले देशों में विकास परियोजनाओं में निवेश करता है। यह ऊर्जा, स्वास्थ्य देखभाल, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकी सहित कई क्षेत्रों में निवेश करता है। सीनेट ने 27 जुलाई को निशा के नामांकन को मंजूरी दी है। इसके बाद निशा ने ट्वीट के माध्यम से अपनी खुशी का इजहार किया। निशा ने लिखा- डीएफसी की डिप्टी सीईओ के रूप में काम करने के लिए सीनेट की मंजूरी मिलने से काफी खुश और सम्मानित महसूस कर रही हूं। सीनेट में मरेा समर्थन करने वाले कई मित्रों और सहकर्यों क मि ी आभारी हूं... मैं आपको गौरवान्वित करने के लिए अपनी पूरी कोशिश करूंगी। मुझे प्रतिभाशाली टीम के साथ काम करने का सौभाग्य मिला है। निशा इससे पहले यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स में अंतरराष्ट्रीय रणनीति और वैश्विक पहल की वरिष्ठ उपाध्यक्ष के रूप में काम कर चुकी हैं। बिस्वाल ने वर्ष 2013 से 2017 तक अमेरिकी विदेश विभाग में दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के सहायक मत्री ं के रूप में कार्यकिया है, जहां उन्होंने अमेरिका- भारत रणनीतिक साझेदारी की देखरेख की, जिसमें वार्षिक यूएस-इंडिया सामरिक और वाणिज्यिक वार्ता का शुभारंभ शामिल है। बिस्वाल यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) में एशिया की सहायक प्रशासक भी रही चुकी हैं। इस दौरान उनका पूरे दक्षिण, मध्य और दक्षिणपूर्व एशिया में यूएसएआईडी के कार्यक्रमों और संचालनों का निर्देशन और पर्यवेक्षण करना था। उन्होंने कैपिटल हिल में भी एक दशक से अधिक समय बिताया है। बिस्वाल स्वैच्छिक विदेशी सहायता के लिए सलाहकार समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रही हैं और नेशनल डेमोक्रेटिक इंस्टीट्यूट और यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस इंटरनेशनल एडवाइजरी काउंसिल के बोर्ड में शामिल हैं। निशा बिस्वाल बनीं DFC की डिप्टी सीईओ, सीनेट की मिली मंजरूी पूर्व करियर राजनयिक के पास अमेरिकी विदेश नीति और कार्यकारी शाखा, कांग्स और रे निजी क्षेत्र के भीतर अंतर्राष्ट्रीय विकास कार्यक्रमों में तीन दशकों से अधिक का अनुभव है। निशा एक दशक तक कैपिटल हिल में भी सेवाएं दे चुकी हैं। Image : twitter@Nisha Biswal
न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 7 अगस्त, 2023 11 सिडनी में भारतीय छात्र अक्षय की मौत से डिलीवरी ब्वॉय के हित में उठी मांग l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क सिडनी में भारतीय छात्र की दुखद मौत ने ऑस्ट्रेलिया के खाद्य-वितरण उद्योग में सुधार की मांग उठा दी है। अक्षय दोल्टानी (22) की मौत उस समय हुई जब सिडनी में एक एसयूवी ने उसकी डिलीवरी मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी। अक्षय उबर ईट्स के लिए काम करता था। घटना 22 जुलाई की है। छात्रवृत्ति प्राप्त करने के बाद अक्षय फरवरी में सिडनी के मैक्वेरी विश्वविद्यालय में वित्त में मास्टर्स की पढ़ाई के लिए भारत की वाणिज्यिक नगरी मुंबई से ऑस्ट्रेलिया आया था। सीनेटर टोनी शेल्डन ने ऑस्ट्रेलिया में अंशकालिक श्रमिकों (पार्ट टाइम) की दुर्दशा का हवाला देते हुए संसद में अपने संक्षिप्त बयान में अक्षय का जिक्र किया है। वर्ष 2017 के बाद से ऑस्ट्रेलियाई सड़कों पर फूड डिलीवरी करने वालों की यह 12वीं मौत है। इसी संदर्भ में सीनेटर शेल्डन ने कहा कि हमारी व्यवस्था की नाकामी के चलते 2017 से अब तक 12 परिवार मौत का दंश झेल रहे हैं। अगर हमारा सुरक्षा तंत्र ठीक होता तो उनमें से कम से कम एक की जान तो बच ही सकती थी। रिश्तेमें अक्षय के भाई प्रतीक कामथ ने ABC से कहा कि वह केवल अपने जीवन की बेहतरी के लिए विदेश नहीं आना चाहता था, बल्कि वह चाहता था कि उसके परिवार को भी अधिक सुख-सुविधाएं मिल सकें और वे बेहतरीन जिंदगी बसर कर सकें। हादसे के बाद पैरामेडिक्स ने अक्षय का इलाज किया और उसे रॉयल नॉर्थ शोर अस्पताल ले गए लेकिन उसे बचा नहीं सके। उबर ईट्स ने एक बयान में कहा कि हम अक्षय के परिवार और प्रियजनों के संपर्क में हैं ताकि यथासंभव मदद कर सकें। अक्षय के चाचा सुनील परयानी ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अक्षय को घर वापस लाना है। उसके बाद ही भारतीय रीति-रिवाज अपना सकते हैं। फिर देखेंगे कि हम क्या कदम उठाते हैं। इकलौती संतान के जाने का गम झेलना उसके माता-पिता के लिए भी बेहद कष्टकारी है। रिश्ते में अक्षय के भाई प्रतीक कामथ ने ABC से कहा कि वह केवल अपने जीवन की बेहतरी के लिए विदेश नहीं आना चाहता था, बल्कि वह चाहता था कि उसके परिवार को भी अधिक सुख-सुविधाएं मिल सकें और वे बेहतरीन जिंदगी बसर कर सकें। New India Abroad thenewindiaabroad NewIndAbroad New India Abroad Email [email protected] Website www.NewIndiaAbroad.Com For advertising Rajeev Bhambri 908-472-0006 Packages A platform for the voice of next generation Indian Diaspora available include - Full page advert - - Half page advert - - Quarter page advert - - Special mention - Special Edition Call for Adverts! We are excited to announce our special print edition for India’s Independence Day. If you wish to promote your services/ products/ business book your slots now अक्षय उबर ईट्स के लिए काम करता था। Image: ABC screenshot
भारत बात करेगा... लकिे न एजेंडे में सबसे पहले हो आतंकवाद पाकिस्तान के प्रधानमत्री ं शहबाज शरीफ भारत से बातचीत के लिए लगातार गुहार लगा रहे हैं। लकिे न इस दरम्यान शरीफ शायद दो बातें भूल रहे हैं। पहली, कि भारत ने बातचीत के लिए कभी न नहीं कहा। और दूसरी यह कि किसी भी एजेंडा पर बातचीत में सीमापार से होने वाला आतंकवाद अवश्य शामिल रहेगा। बल्कि सबसे ऊपर होगा। भारत का मानना और कहना यही रहा है कि यदि पाकिस्तान के साथ बातचीत के एजेंडा में आतंकवाद का मुद्दा शामिल नहीं हुआ तो कोई बात नहीं होगी क्योंकि उसका कोई अर्थ ही नहीं रह जाएगा। शरीफ को यह समझना होगा कि आतंकवाद की जिस आग में भारत दशकों से जल रहा है उसकी आंच को भुलाया नहीं जा सकता और उससे भी बुरा यह दिखावा करना है कि आतंकवाद जैसी कोई समस्या है ही नहीं। शरीफ शायद एक और बात भी भूल रहे हैं कि भारत एक शांतिपूर्ण दक्षिण एशिया चाहता है। ऐसा क्त्र जहां प षे ड़ोसी निर्दोष लोगों को मारने के लिए विस्फोटकों और सब-मशीनगनों से लैस सीमा पार से आने वाले ठगों और गुंडों में उलझने के बजाय आवश्यक आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर अपना ध्यान केंद्रित करें। पाकिस्तान के प्रधानमत्री ं को इस बात की पूरी जानकारी है कि चरमपंथी उनके देश में कितना नुकसान कर रहे हैं। दूसरों पर आरोप लगाने वाली उंगली उठाने से शायद ही मामले में कोई मदद मिलेगी। पाकिस्तानी नेता का यह कथन भी नया नहीं है कि युद्ध कोई विकल्प नहीं है। भारत भली- भांति समझता है कि संघर्ष की स्थिति उत्पन्न होने पर भीषण विनाश होना तय है। सीमा पार से हथियारों से लैस और सरकारी मशीनरी द्वारा समर्थित आतंकवादियों की हिंसा का खामियाजा भुगत रहे निर्दोष लोगों कों देखते हुए भी अगर भारत इतना धैर्य बरत रहा है तो उसकी वजह यही है कि वह जंग की परिणति जानता-समझता है। वैसे, शरीफ साहब भारत को यह तो याद न ही दिलाएं कि दोनों दक्षिण एशियाई देश परमाणु हथियारों से लैस हैं या दोनों में से किसके पास अधिक परमाणु हथियार हैं। सच तो यह है कि जिम्दा मे र परमाणु शक्तियां कब्जे और उपयोग पर कभी चर्चा नहीं करतीं। लकिे न यह बात पहले इस्लामाबाद में राजनेताओं और उच्च पदों पर बैठे लोगों को समझने की जरूरत है। इन हालात में पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रमुख चितं ा यह है कि देश आर्थिक व राजनीतिक अस्थिरता और पतन के कगार पर लड़खड़ा रहा है। वहीं, परमाणु भंडार जिहादियों और आतंकवादियों के हाथों में पड़ने की दुस्स्वप्न जैसी स्थिति पैदा हो रही है। पाकिस्तान खुद आतंकवाद से आहत है। जो भी थोड़े-बहुत देश पाकिस्तान का समर्थन कर रहे हैं वे भी वहां की जमीनी सच्चाई से वाकिफ हैं। हालात ऐसे हैं कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान अब इस बात पर लगातार टकरा रहे हैं कि कौन सा देश आतंकवादियों को पनाह दे रहा है। लकिे न मलू बात यह है कि इन दोनों देशों में से किसी को भी यह नहीं भूलना चाहिए कि आतंकवादियों की मौजूदगी केवल उनकी आबादी के लिए और अधिक संकट ला सकती है, जो पहले से ही गंभीर कठिनाइयों से जूझ रही है। प्रधानमत्री ं शरीफ को बिना किसी संदेह के यह साबित करना होगा कि उनका देश अब आतंक का केंद्र नहीं रह गया है और पाकिस्तानी सेना व आईएसआई अब सीमा पार से भारत में आतंकवादियों और आतंकी संगठनों की तस्करी में शामिल नहीं है। दिन में हाथ मिलाना और रात को आतकिं यों से दोस्ती निभाने से तो कुछ नहीं होने वाला। साख तय करने वाली एजेंसी की रिपोर्ट ने बढ़ाई भारत की साख, क्या है खास l विशेष संवाददाता एसएंडपी ग्लोबल ने भारत को लेकर ‘लुक फॉरवर्ड: इंडियाज मनी’ शीर्षक से अपनी रिपोर्ट जारी की है। दुनिया की दिग्गज रटिं े ग एजेंसी ने दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत के लिए एक दशक आगे का पूर्वानुमान दिया है। रिपोर्ट के मतुाबिक भारत अगर अगले सात साल तक औसतन 6.7 प्रतिशत की दर से वृद्धि करता है, तो उसकी अर्थव्यवस्था वर्ष 2031 तक 6,700 अरब डॉलर की हो जाएगी। यह फिलहाल 3,400 अरब डॉलर की है। वित्त वर्ष 2022-23 में भारत के सकल घरले ू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही थी। हालांकि रिपोर्ट में कहा है कि वैश्विक सुस्ती और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नीतिगत दर में बढ़ोतरी के प्रभाव से वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में धीमी पड़कर छह प्रतिशत रह सकती है। इसके बावजूद भारत जी20 देशों में सबसे तेज ग्रो करने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा। एसएंडपी ग्लोबल रटिं े ग्स के वैश्विक मुख्य अर्थशास्त्री पॉल ग्एनवाल रु ्ड, क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी और एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस के मुख्य अर्थशास्त्री (एशिया-प्रशांत) राजीव बिस्वास ने मिलकर यह रिपोर्ट तैयार की है। रटिं े ग एजेंसी को उम्मीद है कि भारत वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2030-31 तक औसतन 6.7 प्रतिशत की दर से वृद्धि करेगा। इससे देश की जीडीपी वित्त वर्ष 2022-23 के 3,400 अरब डॉलर से बढ़कर 6,700 अरब डॉलर हो जाएगी। इस दौरान प्रति व्यक्ति सकल घरले ू उत्पाद भी बढ़कर करीब 4,500 डॉलर हो जाएगी। भारत वित्त वर्ष 2023 में 7.2 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ के साथ महामारी के प्रकोप से काफी अच्छी तरह से बाहर आ गया है। रिपोर्ट में मैन्यूफैक्चरिंग और लेबर फोर्समें सुधार पर अधिक ध्यान देने की जरूरत पर बल दिया गया है। एजेंसी का कहना है कि हालांकि, सरकार ने निवेश को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके साथ ही उम्मीद है कि भारतीय निजी क्त्र ध षे ीरे-धीरे निवेश बढ़ाएगा। उम्मीद है कि दशक के अंत तक भारत की 6.7% औसत जीडीपी वृद्धि में कैपिटल का योगदान 53% होगा। रिपोर्ट के मतुाबिक भारत को माल एवं सेवा कर (GST) जैसे सुधारों से लाभ मिलने की संभावना है। इसके अलावा दिवाला व ऋणशोधन अक्षमता संहिता लागू होने से कर्ज को मामले में भी चीजें बेहतर होंगी। रिपोर्ट के अनुसार आने वाले एक दशक में भारत के लिए बड़ी चुनौती पारंपरिक रूप से असंतलित ु वृद्धि को उच्च और स्थिर प्रवृत्ति में बदलने की होगी। सरकार और निजी क्त्र षे के बुनियादी ढांचे और विनिर्माण क्त्र षे में तेजी से निवेश की बदौलत भारत इस रास्ते पर बढ़ सकता है। क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी का कहना है कि वित्त वर्ष 2025-26 में वृद्धि चरम पर होगी। संपादकीय पाकिस्तानी नेता का यह कथन भी नया नहीं है कि युद्ध कोई विकल्प नहीं है। भारत भली-भांति समझता है कि संघर्ष की स्थिति उत्पन्न होने पर भीषण विनाश होना तय है। मैंने बयानों के विपरीत कोई सबूत नहीं देखे हैं। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि क्या हमें सरकार ने 9/11 के बारे में जो कुछ भी बताया है उस पर मैं उस पर विश्वास करूं? तो मैं कहूंगा बिल्कुल नहीं। क्या मैं 9/11 आयोग पर विश्वास करता हूं? बिल्कुल नहीं। - रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी मैंने भारत में तमाम रंगों, विविधताओं, पाक-पकवानों का अनुभव किया। आश्चर्यजनक और अद्भुत भारतीय उपन्यास पढ़े। अद्भुत बॉलीवुड फिल्में देखीं। मैं भारत छोड़कर जा रहा हूं लेकिन भारत मुझे कभी नहीं छोड़ने वाला है। - भारत में नीदरलैंड के पूर्व राजदूत मार्टिन वैन डेन बर्ग एसएंडपी ग्लोबल की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत अगर अगले सात साल तक औसतन 6.7 प्रतिशत की दर से वद्धिृ करता है, तो उसकी अर्थव्यवस्था वर्ष 2031 तक 6,700 अरब डॉलर की हो जाएगी। भारत वित्त वर्ष 2023 में 7.2 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ के साथ महामारी के प्रकोप से काफी अच्छी तरह से बाहर आ गया है। 12 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 7 अगस्त, 2023 Photo by Ronan Furuta / Unsplash भारत के प्रधानमत्री ं नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ। Image: NIA
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14 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 7 अगस्त, 2023 विश्व कप क्वालीफायर के लिए अमेरिकी U-19 टीम की उप-कप्तानी करेगा उत्कर्ष l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क भारत के स्टार क्रिकेटर विराट कोहली को अपना आदर्शमानने वाले लखनऊ के किशोर को ICC- अंडर-19 पुरुष विश्व कप क्वालीफायर के लिए अमेरिका की टीम का उप-कप्तान नामित किया गया है। उत्कर्ष श्रीवास्तव (16) की जड़ें भारत के लखनऊ शहर के हुसैनगंज से जुड़ी हैं। उत्कर्ष न्यूजीलैंड के केन विलियमसन को भी फॉलो करता है लकिे न कोहली को अपना आदर्शमानता है और उन्हें दुनिया के कई युवाओं के लिए एक बड़ी प्रेरणा बताता है। U-19 विश्व कप अगले साल फरवरी-मार्चमें श्रीलंका में खेला जाएगा। उससे पहले क्वालीफाइंग मुकाबलों में अमेरिका और मेजबान कनाडा के साथ अर्जेंटीना और बरमूडा की टीमें शामिल होंगी। विश्व कप में केवल एक ही स्थान बचा है, इसलिए हर मैच हरेक टीम के लिए करो या मरो की स्थिति वाला होगा। मुख्य मुकाबले की तैयारी के वास्ते एक सप्ताह के लिए टोरंटो रवाना होने से कुछ घंटे पहले बुधवार को उत्कर्ष ने कहा कि सभी मैच महत्वपूर्ण है। हम शीर्ष पर रहकर इसे यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। जब से मैं क्रिकेट देख रहा हूं मैंने विराट कोहली जैसा बल्लेबाज बनने का सपना देखा है। वह मरेे लिए सब कुछ हैं। मैं हर जगह कोहली और विलियमसन दोनों को फॉलो करता रहता हूं लकिे न कोहली की स्टाइलिश बल्लेबाजी मुझे सबसे ज्यादा आकर्षित करती है। MLC जूनियर चैंपियनशिप U15 नेशनल में 555 रन सहित 2022 में 3500 रन बनाने वाले उत्कर्ष ने Divi1 एडल्ट लीग पीएल के नए सीज़न में अब तक तीन शतक और 14 अर्धशतक लगाए हैं। उत्कर्ष ने ऑफ स्पिनर के तौर पर कई विकेट भी चटकाए हैं। अमेरिकी टीम 11 अगस्त को अपने पहले आधिकारिक विश्व कप क्वालीफायर मैच से पहले चिर प्रतिद्द्वं वी कनाडा के खिलाफ अभ्यास मैचों की एक श्रृंखला खेलेगी। उत्कर्ष न्यूजीलैंड के केन विलियमसन को भी फॉलो करता है लेकिन कोहली को अपना आदर्श मानता है और उन्हें दुनिया के कई युवाओं के लिए एक बड़ी प्रेरणा बताता है। U-19 विश्व कप अगले साल फरवरी-मार्च में श्रीलंका में खेला जाएगा। विराट कोहली को अपना आदर्शमानता है उत्कर्ष। Image : social media Demo Photo by Alessandro Bogliari / Unsplash l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क फिल्म ‘कैनेडी’ में शानदार अभिनय के लिए समीक्षक सनी लियोन की जमकर तारीफ कर रहे हैं। हाल ही में सनी ने इंस्टाग्राम पर एक अपनी एक तस्वीर साझा करते हुए इस फिल्म को लेकर नेटिजंस की उत्सुकता बढ़ा दी है। सनी ने निर्देशक अनुराग कश्यप की खासी प्रशंसा भी की है। फिल्म ‘कैनेडी’ अनुराग कश्यप द्वारा निर्देशित है। इसे 14वें भारतीय फिल्म महोत्सव मेलबर्न (IFFM) में समापन फिल्म के रूप में चुना गया है। अनुराग ने IFFM में समापन फिल्म के चयन पर अपना उत्साह साझा किया और कहा कि यह पहला भारतीय फिल्म महोत्सव है, जिसके साथ हम पूरी दुनिया के सामने हैं। मैं दर्शकों की प्रतिक्रिया जानने के लिए उत्साहित हूं। अनुराग ने कहा कि मैं IFFM में भाग लेने और लोगों की प्रतिक्रिया जानने के लिए वहां रहूंगा। मुझे यकीन है कि जिस तरह से वैश्विक स्तर पर दर्शकों को यह फिल्म पसंद आई है समारोह में भी इस पसंद किया जाएगा। फिल्म को कान्स फिल्म फेस्टिवल में भी प्रदर्शित किया गया था और यह फिल्म के लिए एक और बड़ी उपलब्धि है। अनुराग कश्यप द्वारा निर्देशित ‘कैनेडी’ में सनी लियोन, राहुल भट्ट और अभिलाष थपलियाल मुख्य भूमिका में हैं। यह फिल्म अनिद्रा से पीड़ित एक पूर्व पुलिसकर्मी के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे लंबे समय से मृत मान लिया गया था लेकिन वह अब भी भ्रष्ट व्यवस्था के लिए काम कर रहा है और मुक्ति की तलाश में है। IFFM में प्रदर्शन के दौरान अनुराग के साथ सनी लियोन और राहुल भट्ट भी रहेंगे और अपनी फिल्म के बारे में बात करेंगे। भारतीय सिनेमा के सर्वश्रेष्ठ का जश्न मनाने वाला यह महोत्सव 20 अगस्त को मेलबर्न में ‘कैनेडी’ की स्क्रीनिंग के साथ समाप्त होगा। मेलबर्न का 14वां भारतीय फिल्म महोत्सव 11 अगस्त से आरंभ होगा जिसमें विभिन्न शैलियों की उत्कृष्ट भारतीय फिल्मों के साथ-साथ भारतीय उपमहाद्वीप की फिल्में भी प्रदर्शित की जाएंगी। IFFM: सनी लियोन की ‘कैनेडी’ फिल्म से होगा महोत्सव का समापन सनी लियोन के साथ अनुराग कश्यप और राहुल भट्ट भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे और अपनी फिल्म के बारे में बात करेंगे। फिल्म को कान्स फिल्म फेस्टिवल में भी प्रदर्शित किया गया था और यह फिल्म के लिए एक और बड़ी उपलब्धि है। फिल्म समीक्षक जहां सनी के अभिनय की तारीफ कर रहे हैं तो सनी निर्देशक अनुराग कश्यप का गुणगान कर रही हैं। Image : twitter@Sunny Leone
न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 7 अगस्त, 2023 15 India's Independence Day Celebration & Flag Hoisting We welcome all the sponsors & Supporters We invite all Dancing Group & Vendors Please confirm your name and logo
16 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 7 अगस्त, 2023 कौन हैं अशफ कौन हैं अशफााक जिजिन्ह्हें नेपरविले पब ें नेपरविले पब्लि्लिक लााइब्ररेरेीी बोर्ड र्ड काा अध्य्यक्ष चचुनाा गयाा अशफाक सैयद ने कहा कि नेपरविले पब्लिक लाइब्रेरी को पिछले 10 वर्षों से 100,000 - 250,000 जनसंख्या श्णी में रे अमेरिका की नंबर 1 पब्लिक लाइब्रेरी का दर्ज हासिल है। यह लाइब्रेरी पूरे समुदाय के लिए गौरव का प्रतीक रही है। अशफाक सैयद l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क अमेरिका की सबसे बेहतरीन लाइब्रेरी में से एक नेपरविले पब्लिक लाइब्रेरी में बीते दिनों बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में एक भारतीय को नियुक्त किया गया है। अध्यक्ष के रूप में चुने गए अशफाक सैयद को सामुदायिक कार्यों में उनके उत्साह और समर्पण के लिए जाना जाता है। वह शिकागो और नेपरविले क्त्र षे में कई गैर-लाभकारी संगठनों से भी जुड़ेरहे हैं। गत 19 जुलाई को लाइब्रेरी के अध्यक्ष बने अशफाक सैयद ने कहा कि मैं इस अवसर पर लाइब्रेरी के ट्रस्टी बोर्ड को इस महत्वपूर्ण जिम्दा मे री को देने के लिए और मुझ पर विश्वास करने के लिए धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि वह नेपरविले पब्लिक लाइब्रेरी को नई ऊचाइयों प ं र ले जाएंगे और इस दिशा में वह कई नवीन पहलों की संकल्पना करेंगे और उन्हें क्रियान्वित करेंगे। अशफाक सैयद ने इस मौके पर नेपरविले पब्लिक लाइब्रेरी बोर्ड के उत्कृष्ट नेतृत्व और महान सेवा के लिए निवर्तमान अध्यक्ष जीनिन ओ’मीरा का भी धन्यवाद दिया। उन्होंने कार्यकारी निदेशक डेव डेला टेर्जा और कर्मचारियों का भी उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए शुक्रिया अदा किया। अशफाक सैयद ने बताया कि अध्यक्ष के रूप में उन्हें नियुक्त किए जाने के अलावा नैन्सी हेस और निक गुओ को क्रमशः नेपरविले पब्लिक लाइब्रेरी बोर्ड के उपाध्यक्ष और सचिव के रूप में भी नियुक्त किया गया है। अशफाक सैयद ने कहा कि नेपरविले पब्लिक लाइब्रेरी को पिछले 10 वर्षों से 100,000 - 250,000 जनसंख्या श्णरे ी में अमेरिका की नंबर 1 पब्लिक लाइब्रेरी का दर्ज हासिल है। यह लाइब्रेरी पूरे समुदाय के लिए गौरव का प्रतीक रही है। photo : https://www.naperville-lib.org/ l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क भारत की मल्टीनेशनल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने ऑस्ट्रेलिया में नवीकरणीय ऊर्जा व शून्य-कार्बनीकरण उपकरण बनाने के लिए कारखाने स्थापित करने के लिए ब्रुकफील्ड एसेट मैनेजमेंट के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। कंपनी की ओर से जारी बयान के अनुसार ब्रुकफील्ड प्रत्यक्ष पूंजी निवेश के रास्ते तलाशने में रिलायंस की मदद करेगी और नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण बनाने के लिए ऑस्ट्रेलिया में इकाई स्थापित करने को लेकर मूल्यांकन भी करेगी। बयान में कहा गया कि रिलायंस और ब्रुकफील्ड के बीच हुए एमओयू का ‘मकसद पीवी मॉड्यूल, लंबे समय तक चलने वाली बैटरी भंडारण व पवन ऊर्जा घटकों जैसे स्वच्छ ऊर्जा उपकरणों का स्थानीय स्तर पर उत्पादन करना है। एमओयू की शर्तों के तहत ब्रुकफील्ड और रिलायंस इंडस्ट्रीज ऑस्ट्रेलिया के भीतर नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में प्रत्यक्ष पूंजी निवेश और कौशल, ज्ञान एवं विशेषज्ञता के विकास पर सहयोग करेंगे। दोनों कंपनियों के बीच इस समझौते से लगभग 18,000 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होने की संभावना है। सौर पैनल प्रौद्योगिकी और लंबी अवधि की बैटरी भंडारण में रिलायंस के विशाल अनुभव का लाभ उठाकर दोनों कंपनियों का लक्ष्य ऑस्ट्रेलिया में उन्नत विनिर्माण परिचालन स्थापित करना है। एमओयू का प्राथमिक उद्देश्य ऑस्ट्रेलिया में 14 गीगावॉट तक नई और बड़े पैमाने पर उत्पादन एवं भंडारण क्षमता विकसित करने के लिए आवश्यक स्वच्छ ऊर्जा उपकरणों की निरंतर और पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करना है। रिलायंस और ब्रुकफील्ड के बीच हुए एमओयू का ‘मकसद पीवी मॉड्यूल, लंबे समय तक चलने वाली बैटरी भंडारण व पवन ऊर्जा घटकों जैसे स्वच्छ ऊर्जा उपकरणों का स्थानीय स्तर पर उत्पादन करना है। स्व्वच्छ्छ ऊरर्: र जाजा िलाय िलायंस और ऑ ंस और ऑस्स्ट्रेलिया रेलिया की ब्करुरु फफील्ड्ड ने मिला मिलाए हाथाथ
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18 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 7 अगस्त, 2023 अमेरिका में भारतीय सीईओ कैसे तय कर रहे हैं AI का भविष्य? l डेडी ड्रोगे दुनिया भर के सीईओ और राजनीतिक नेता इन दिनों एआई स्पेस में सबसे प्रभावशाली आवाज बनने की दौड़ में हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारतीय इनोवेटर्स पहले से ही इस मामले में शीर्ष पर अपनी जगह बना रहे हैं। भारत का एआई वर्चस्व दो महत्वपूर्ण मोर्चों पर आधारित है: व्यापार विकास और अंतरराष्ट्रीय नीति। नीतिगत प्रयासों की बात करें तो भारत ने 2022 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (जीपीएआई) की चेयर-इन-वेटिंग स्थिति पर वैश्विक साझेदारी को सफलतापूर्वक सुरक्षित कर लिया है। यह एक भूमिका है जो अच्छी तरह निर्धारित कर सकती है कि अंतरराष्ट्रीय कानून एआई के प्रसार को कैसे संभालता है। हालांकि शायद इससे भी अधिक प्रभावशाली भारतीय-अमेरिकी सीईओ हैं, जो प्रौद्योगिकी उद्योग की एआई व्यापार रणनीतियों का नेतृत्व कर रहे हैं। आईबीएम के सीईओ अरविंद कृष्णा और माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला दोनों भारतीय मलू के हैं। इसमें कोई दो-राय नहीं कि भारतीय इनोवेटर्सतय करेंगे कि एआई का दुनिया भर के दैनिक जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा। अरविंद कृष्णा आईबीएम की एआई रणनीति कैसे संचालित कर रहे हैं आईबीएम की कार्यकारी नेतृत्व टीम ने एआई की कमाई क्षमता की रणनीति बनाने में तेजी दिखाई है। आईबीएम 2012 से एआई प्रौद्योगिकी के विभिन्न रूपों में भारी निवेश कर रहा है, जिससे कपनं ी उभरते टूल में सबसे शुरुआती और सबसे बड़े कॉर्पोरेट हितधारकों में से एक बन गई है। इन प्रयासों को 2019 में उस समय बढ़ावा मिला जब कंपनी ने 34 अरब डॉलर में ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर दिग्गज रेड हैट का अधिग्रहण किया। इस सौदे का नेतृत्व करने के एक साल बाद ही अरविंद कृष्णा को आईबीएम के सीईओ के रूप में पदभार संभालने के लिए चुना गया। पिछले महीने वॉल स्ट्रीट विश्लेषकों के साथ बातचीत में उन्होंने कहा था कि आईबीएम का मानना है कि निवेश 1 ट्रिलियन डॉलर के अवसर में बदल सकता है। उन्होंने कहा था कि हमारा ध्यान उद्यम एआई पर है, जो इन अवसरों को संबोधित करने और व्यावसायिक समस्याओं को हल करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। उपयोग के मामलों की सूची लंबी है। इसमें आईटी संचालन, कोड उत्पादन, बेहतर स्वचालन, ग्राहक सेवा, मानव संसाधन में वृद्धि, भविष्य का रखरखाव, वित्तीय पूर्वानुमान, धोखाधड़ी का पता लगाने, अनुपालन निगरानी, सुरक्षा, बिक्री, जोखिम प्रबंधन और आपूर्ति श्रृंखला शामिल हैं। क्या कृष्ण का दर्शन फलीभूत होगा? यदि आईबीएम को एआई को ग्राहकों के लिए नो- ब्नरेर बनाने का कोई तरीका मिल जाता है तो यह उसके लिए अच्छा फायदेमंद साबित हो सकता है। सत्या नडेला के पास माइक्रोसॉफ्ट में एआई के लिए क्या है एआई जब इस साल के वसंत में उद्योगों की बातचीत से मुख्यधारा की मीडिया बातचीत में स्थानांतरित हो गया था तो यह केवल संयोग नहीं था कि माइक्रोसॉफ्ट ने जनवरी 2023 में कुछ महीने पहले चैटजीपीटी के निर्माता ओपनएआई में $ 10 बिलियन का निवेश किया था। हैदराबाद में जन् सत मे ्या नडेला के नेतृत्व में यह माइक्रोसॉफ्ट में अब तक की सबसे लोकप्रिय एआई सेवा में रणनीतिक निवेश की केवल शुरुआत थी। फरवरी में नडेला ने ओपनएआई के बड़े भाषा मॉडल को बिंग में एकीकृत किया और मार्चमें उन्होंने कोपायलट रिलीज की घोषणा कर दी। यह एआई-संचालित उपकरण है जो कोडिंग को गति देता है। पिछले महीने इसकी वजह से माइक्रोसॉफ्ट को $ 1 बिलियन स्टॉक मूल्य में वृद्धि मिली थी। ओपनएआई के मुख्यधारा का सबसे अधिक सुलभ एआई उपकरण बने रहने की उम्मीद के साथ नडेला इस प्रतिस्पर्धी बढ़त को बनाए रखने के लिए अच्छा प्रयास कर रहे हैं। हालांकि यह एआई के वैश्विक अनुकूलन की शुरुआत है। भारत के कई व्यवसाय और प्रौद्योगिकी नवप्रवर्तक पहले से ही यह निर्धारित कर रहे हैं कि उपकरण का भविष्य कैसे सामने आएगा। लखे क का परिचयः डेडी ड्रोगे लॉस एंजिल्स: कैलिफोर्निया में स्थित एक स्वतंत्र लेखक, कॉपी एडिटर, पॉडकास्ट सलाहकार और पीआर रणनीतिकार हैं। फ्रीलांसिंग से पहले डेडी ने सैन फ्रांसिस्को में एक बुटीक पीआर एजेंसी में करियर शुरू किया था, जहां उन्होंने एवरनोट, डिस्कॉर्ड, काइट और लाइफ 360 सहित सिलिकॉन वैली के ग्राहकों के लिए रचनात्मक अभियानों की परिकल्पना और निष्पादन किया। उन्होंने बेवर्ली हिल्स में एक एजेंसी में मनोरंजन प्रचार में भी समय बिताया। रंगमंच और स्ट्रीमिंग रिलीज के दौरान स्वतंत्र फिल्मों के लिए जागरूकता बढ़ाने में भी मदद की। डेडी ने चैपमैन विश्वविद्यालय से दो डिग्री अर्जित की हैं। एक राजनीति विज्ञान में और दूसरी डॉज कॉलेज ऑफ फिल्म एंड मीडिया आर्ट्स से वृत्तचित्र फिल्म निर्माण और टेलीविजन पत्रकारिता में। एलए कार्यालय से खाली समय में वह डेनवर, कोलोराडो और टक्सन, एरिज़ोना में परिवार के साथ समय बिताती हैं। आईबीएम के सीईओ अरविंद कृष्णा और माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला दोनों भारतीय मूल के हैं। इसमें कोई दोराय नहीं कि भारतीय इनोवेटर्स तय करेंगे कि एआई का दुनिया भर के दैनिक जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा। l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क मशहूर पंजाबी एक्टर दिलजीत दोसांझ की आगामी फिल्म ‘पंजाब 95’ का ट्रेलर जारी हो गया है। फिल्म का वर्ल्ड प्रीमियर टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में 11 सितंबर को किया जाएगा। इस फिल्म में दिलजीत दोसांझ ने मानवाधिकार कार्यकर्ता जसवंत सिंह खालरा का किरदार निभाया है। हनी त्रेहान द्वारा निर्देशित पंजाब 95 में अर्जुन रामपाल और सुविंदर विक्की भी हैं जिन्हें नेटफ्लिक्स सीरीज कोहरा में उनकी प्रमुख भूमिका के लिए बहुत प्रशंसा मिली है। फिल्म का ट्रेलर रोनी स्क्रूवाला की प्रोडक्शन कंपनी आरएसवीपी मूवीज द्वारा जारी किया गया है। दोसांझ ने इंस्टाग्राम पर अपना फर्स्ट लुक शेयर करते हुए लिखा कि वाहेगुरुजी दा खालसा, वाहेगुरुजी दी फतेह! टोरंटो अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में विश्व प्रीमियर। पेश है पंजाब ‘95 की पहली झलक, जो मानवाधिकार कार्यकर्ता जसवन्त सिंह खालरा जी के जीवन पर आधारित एक सम्मोहक कहानी है। इस फिल्म का मूल नाम घल्लुघारा था। यह उस समय सुर्खियों में आई थी, जब इसके निर्माताओं ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) पर मुकदमा दायर कर दिया था। यह मुकदमा सेंसर प्रमाणपत्र प्रदान करने में छह महीने से अधिक की देरी और 21 दृश्यों को संपादित करने का निर्देश देने के खिलाफ दायर किया गया था। मानवाधिकार कार्यकर्ता जसवंत सिंह खालरा ने 80 और 90 के दशक में पंजाब में आतंकवाद के दिनों में पुलिस द्वारा करीब 25 हजार लोगों के अंतिम संस्कार किए जाने का मामला उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। बाद में सीबीआई जांच से पता चला कि पंजाब पुलिस ने तरनतारण जिले में ही 2097 लोगों का अवैध रूप से अंतिम संस्कार किया था। खालरा उस समय अमृतसर में एक बैंक में निदेशक थे। वह उन तमाम सिखों में से थे जिन्होंने उस समय पुलिस की बर्बरता देखी थी। 1995 में खालरा अचानक गायब हो गए। पंजाब पुलिस ने पहले खालरा की मौत को आत्महत्या माना लेकिन 2005 में खालरा के अपहरण और हत्या के लिए पंजाब पुलिस के छह अधिकारियों को दोषी मानकर सात साल की जेल की सजा हुई। ‘पंजाब 95’ का प्रीमियर टोरंटो फेस्टिवल में आखिरकार टेस्ला पहुंच गई भारत, पहला ऑफिस पुणे में खलु ेगा Demo Photo by Markus Winkler / Unsplash दिलजीत दोसांझ की आगामी फिल्म ‘पंजाब 95’। फोटो साभार फेसबुक टेस्ला के संस्थापक एलन मस्क ने पिछले महीने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुलाकात के दौरान बताया था कि वह भारत में अपनी एंट्री को अंतिम रूप दे रहे हैं और देश में कार बनाने की सुविधा में निवेश कर रहे हैं। टेस्ला के संस्थापक एलन मस्क ने पिछले महीने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुलाकात के दौरान बताया था कि वह भारत में अपनी एंट्री को अंतिम रूप दे रहे हैं और देश में कार बनाने की सुविधा में निवेश कर रहे हैं। पेज 1 का शेष इस तरह से प्रभावी शुरुआती किराया 199 रुपये प्रति वर्ग फुट प्रति माह बैठता है। टेस्ला के संस्थापक एलन मस्क ने पिछले महीने भारतीय प्रधानमत्री ं नरद्रें मोदी को मलुाकात के दौरान बताया था कि वह भारत में अपनी एंट्री को अंतिम रूप दे रहे हैं और देश में कार बनाने की सुविधा में निवेश कर रहे हैं। खबरों के अनुसार भारत सरकार चाहती है कि इलक्ट्रिे क कार निर्माता टेस्ला भारत में एप्पल का अनुकरण करे और स्थानीय साझेदार ढूंढे जो चीनी आपूर्तिकर्ताओं के साथ सहयोग कर सकें। भारत पूर्ण स्वामित्व वाली चीनी ऑटो कंपोनेंट कंपनियों को देश में स्थापित करने के खिलाफ है। टेस्ला की भारत शाखा को 2021 की शुरुआत में बेंगलुरु में पंजीकृत किया गया था। 2019 में मस्क ने भारत में परिचालन स्थापित करने में रुचि दिखानी शुरू की थी लकिे न प्रगति धीमी रही है। पहले खबरें थीं कि कंपनी भारत में अपना पहला कार्यालय मुंबई के लोअर परले इलाके में स्थापित करेगी। साथ ही शहर में एक रिटेल शोरूम भी खोलेगी लकिे न अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ है। मस्क इलक्ट्रिे क कारों पर आयात शुल्क में कटौती के लिए भारत सरकार के सामने पैरवी कर रहे हैं। वह भारत में टेस्ला कारों का आयात और बिक्री करना चाहते हैं।
न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 7 अगस्त, 2023 19 प्रिय पाठकगण कुछ कहना चाहते है? न्यू इंडिया अब्रॉड आपकी प्रतिक्रिया हमारे लिए प्रेरणादायी है। वेबसाइट/ई-पेपर में प्रकाशित होने वाले समाचार, कॉलम और विचार या भारतीय प्रवासियों से संबंधित किसी भी मुद् पर आपकी राय या आ दे लोचना। हम सभी का स्वागत करते हैं। अपने विचार भेजें, हम उसे अवश्य प्रकाशित करेंगे। संपादक के नाम पत्र लिखें चेतना मारू का उपन्यास बुकर के संभावित विजेताओं की सूची में l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क भारतीय मलू की ब्रिटिश लखिे का चेतना मारू के पहले उपन्यास ‘वेस्टर्नलेन’ को साल 2023 के बुकर पुरस्कार के अंतिम 13 में चुना गया है। पचास हजार पाउंड की पुरस्कार राशि को इस पुरस्कार की घोषणा 26 नवंबर को लंदन में आयोजित समारोह में की जाएगी। केन्या में जन्मी चेतना मारू का उपन्यास ब्रिटेन में रहने वाले गुजरातियों पर आधारित है। इसमें 11 साल की लड़की गोपी और उसके परिवार के साथ संबंधों की कहानी बताई गई है। उपन्यास में जटिल मानवीय भावनाओं को व्यक्त करने के लिए जिस तरह से स्क्वैश खेल की शब्दावलियों का प्रयोग किया गया है, उसकी बुकर पुरस्कार के निर्णायक मंडल ने प्रशंसा की है। ‘वेस्टर्न लेन’ दुख से जूझ रहे एक परिवार के बारे में एक गहरी विचारोत्तेजक शुरुआत है, जिसे स्पष्ट भाषा के माध्यम से व्यक्त किया गया है और जो गेंद के साफ और जोर से टकराने की ध्वनि की तरह गूंजती है। यह एक लड़की के दुख, अपनी जैसी दूसरी लड़कियों के साथ दोस्ती और सामान्य से अधिक हासिल करने के संघर्ष की कहानी है। लंदन में रहने वाली मारू की कहानियां कई संकलनों में छपी हैं और पेरिस रिव्यू, द स्टिंगिंग फ्लाई और डबलिन रिव्यूमें प्रकाशित हुई हैं। उन्हें फिक्शन के लिए वर्ष 2022 का प्लिम्प्टन पुरस्कार मिल चुका है। यह पुरस्कार 30 साल से पेरिस रिव्यू द्वारा उभरते लेखकों को दिया जाता है। पूर्णकालिक लखिे का बनने से पहले मारू ने एक एकाउटेंट के रूप ं में काम किया था। वेस्टर्न लेन उनका पहला उपन्यास है। बुकर के अंतिम 13 लांगलिस्ट में चार महाद्वीपों की किताबें, चार आयरिश लेखक और चार नवोदित उपन्यासकारों की कृतियां शामिल हैं। दस ऐसे लेखकों को भी पहली बार इस सूची में जगह बनाने में सफलता मिली है। इन 13 का चयन 163 किताबों में से किया गया है जो अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 के बीच प्रकाशित हुईं। लांगलिस्ट में से छह लेखकों की बुकर शॉरलि्ट स्ट की घोषणा 21 सितंबर को लंदन में होगी। केन्या में जन्मी चेतना मारू का यह उपन्यास ब्रिटेन में रहने वाले गुजरातियों पर आधारित है। इसमें 11 साल की लड़की गोपी और उसके परिवार के साथ संबंधों की कहानी बताई गई है। लंदन में रहने वाली मारू की कहानियां कई संकलनों में छपी हैं और पेरिस रिव्यू, द स्टिंगिंग फ्लाई और डबलिन रिव्यू में प्रकाशित हुई हैं। चेतना मारू ने अपने पहले उपन्यास से ही कमाल कर दिया है। फोटो साभार सोशल मीडिया
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l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क दक्षिण अफ्रीका में भारतीय मलू के एक इनोवेटर की टीम को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार विमान को सीधे ऊर्ध्वाधर टेक-ऑफ और लैंडिंग करने की अनोखी तकनीक तैयार करने के लिए प्रदान किया गया है। डॉक्टर रेजा मिया (40) की टीम इस परियोजना पर लगभग एक दशक से काम कर रही थी। जाने-माने डॉक्टर रेजा मिया के नेतृत्व वाली पेगासस यूनिवर्सल एयरोस्पेस की टीम को नवाचार और अनुसंधान श्णरे ी में प्रतिष्ठित राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी (एनएसटीएफ) पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उच्च शिक्षा, विज्ञान और नवाचार विभाग द्वारा समर्थित एनएसटीएफ पुरस्कार विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी (एसईटी) और नवाचार में उत्कृष्ट योगदान देने वालों को प्रदान किया जाता है। मिया को प्रशस्ति पत्र प्रदान करने से पहले बताया गया कि यह पुरस्कार विमान के वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग (वीटीओएल) को डिजाइन करने और विकास करने के लिए पेगासस यूनिवर्सल एयरोस्पेस टीम को प्रदान किया जा रहा है। इससे 7,000 से 11,000 नई नौकरियां पैदा होने और स्थानीय स्तर पर कौशल विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। मिया ने कहा कि मैं पेगासस वर्टिकल बिजनेस जेट को ये इनोवेशन अवॉर्ड मिलने से बहुत उत्साहित और आभारी हूं। उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके विचार को मान्यता मिलने से उनके द्वारा शुरू की गई परियोजना के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई दरवाजे खुल जाएंगे। उन्होंने कहा कि जो बात हमारे वीटीओएल को अलग और अनोखा बनाती है, वह यह है कि इसकी मदद से विमान चार गुना अधिक रेंज तक और एक बिजनेस जेट से चार गुना रफ्तार पर उड़ सकता है। यह हेलीपैड पर भी फिट हो सकता है। पारंपरिक रनवे के अलावा कच्ची सतहों पर भी उतर सकता है। यहां तक नौकाओं पर भी उतर सकता है। कोविड: पढ़ाई में आई थी बाधा, क्या मुआवजे की जंग जीत पाएंगे छात्र? l विशेष संवाददाता यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL) के छात्रों का कहना है कि कोविड महामारी के दौरान पढ़ाई ऑनलाइन हो गई थी। इस दौरान उनकी पढ़ाई को लेकर जो शर्तेंतय की गई थीं और जो अनुबंध किया गया था, उनका उल्लंघन किया गया था। इसे लेकर हजारों वर्तमान और पूर्व छात्र मुआवजे की मांग कर रहे हैं। इनमें भारत के दर्जनों छात्र शामिल हैं, जिन्हें पढ़ाई के दौरान व्यवधान का सामना करना पड़ा। समूह ने लंदन उच्च न्यायालय से मामले को आगे बढ़ाने की अनुमति देने का आग्रह किया है। इन छात्रों का कहना है कि उन्होंने यूसीएल में पढ़ाई के लिए एक साल में कम से कम 11,482 डॉलर का भुगतान किया है। छात्रों की तरफ से कहा गया है कि उन्हें ऑनलाइन पढ़ाई की जगह इन-पर्सन टीचिंग का वादा किया गया था। यूसीएल के खिलाफ केस चलाने वाले वकीलों का कहना है कि यूसीएल सहित 18 विश्वविद्यालयों के लगभग 100,000 छात्रों ने कानूनी कार्रवाई करने के लिए हस्ताक्षर किए हैं। अगर ये छात्र सफल हो जाते हैं तो इन्हें मुआवजे के रूप में हजारों डॉलर पाने का मौका मिलेगा। कानूनी कार्रवाई की मांग उन छात्रों द्वारा की गई है, जिन्होंने 2017 और 2022 के बीच ब्रिटेन में अध्ययन किया था। इनमें भारत की अरुणिमा घोष भी शामिल हैं, जो एप्लाइड बायोसाइंस की एमएससी की छात्रा हैं। अरुणिमा घोष का कहना है कि उन्होंने विश्वविद्यालय में व्यक्तिगत अनुभव के लिए पूरी फीस का भुगतान किया था और लोन के बदले जमानत के रूप में अपना घर गिरवी रखा था। वह कैंसर कोशिकाओं पर कीमोथरेेपी के प्रभावों पर शोध कर रही थीं, लकिे न विश्वविद्यालय ने महामारी के दौरान प्रयोगशालाओं को बंद कर दिया। इसलिए उसके पास प्रयोग के रूप में दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है। अरुणिमा के मतुाबिक मैंने कॉलेज की सारी फीस चुकाई और मुझे ऐसा कुछ भी नहीं मिला, जिसका वादा किया गया था। ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों ने महामारी के दौरान ऑनलाइन शिक्षण की ओर रुख किया, जिसमें छात्रों को पुस्तकालयों जैसी शिक्षण सुविधाओं तक पहुंच से भी वंचित कर दिया गया था। एक अन्य छात्र टिया ओ’डोनेल का कहना है कि मैं बहुत कमजोर डिग्री के साथ बाहर आया हूं। यह उस लायक नहीं है, जिसके लिए मैंने भुगतान किया था। मरेे पास वह कौशल नहीं है जिसका वादा किया गया था। हालांकि यूसीएल का कहना है कि उसने छात्रों के साथ अपने अनुबंध का उल्लंघन नहीं किया है। विश्वविद्यालय का तर्क है कि उसे अपने नियंत्रण से बाहर की परिस्थितियों के कारण अपने पाठ्यक्रमों के किसी भी हिस्से को बदलने या रद्द करने की अनुमति दी गई थी, जैसे कि महामारी और इसके परिणामस्वरूप लॉकडाउन के दौरान किया गया। वहीं, भारतीय छात्रों का मामला उठाने वाली लॉ फर्म हार्कस पारर्क का कहना है कि 300 छात्र अपने देश लौट चुके हैं, लकिे न अन्य देशों में कई हजार से अधिक भारतीय इस कानूनी जंग में हिस्सा ले रहे हैं। फर्म के रयान डनलेवी का कहना है कि इन भारतीय छात्रों ने बहुत पैसा खर्च किया है लकिे न वे बहुत असंतष्टु महसूस कर रहे हैं। 2020 से 2021 में शिक्षण को बेतरतीब तरीके से ऑनलाइन कर दिया गया था। भौतिक सुविधाओं को काफी हद तक हटा दिया गया था, फिर भी वे पत्राचार पाठ्यक्रम देने के लिए इन भारी अंतरराष्ट्रीय शुल्क का भुगतान कर रहे थे। द.अफ्रीका में भारतीय टीम को इसलिए मिला राष्ट्रीय पुरस्कार यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL) के छात्र एक कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। इनमें भारत के दर्जनों छात्र शामिल हैं। इनका कहना है कि उन्होंने यूसीएल में पढ़ाई के लिए एक साल में कम से कम 11,482 डॉलर का भुगतान किया है। लेकिन पढ़ाई के लिए जो शर्तें तय की गई थीं उसे पूरी नहीं की गई। इसलिए मुआवजा मिलना चाहिए। डॉक्टर रेजा मिया जाने-माने डॉक्टर रेजा मिया के नेतृत्व वाली पेगासस यूनिवर्सल एयरोस्पेस की टीम को नवाचार और अनुसंधान श्णी में प्र रे तिष्ठित राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी (एनएसटीएफ) पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। classified [email protected] Book Your न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 7 अगस्त, 2023 21 यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL) के छात्र मुआवजे की जंग लड़ रहे हैं। @NigeriaStories
22 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 7 अगस्त, 2023
Stay Ahead With Us! Email [email protected] Website www.NewIndiaAbroad.Com न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 7 अगस्त, 2023 23 विश्व धर्म संसद में शामिल होंगे जैन धर्मगुरु आचार्य लोकेशजी l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क शिकागो में आयोजित हो रहे विश्व धर्म संसद में भारत से प्रख्यात जैन धर्मगुरु आचार्य लोकेशजी को उद्घाटन समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में आमत्रित ं किया गया है। 14 से 18 अगस्त के बीच शिकागो में आयोजित होने वाली विश्व धर्म संसद में 80 देशों से दस हजार प्रतिनिधि भाग लेंगे। उल्लेखनीय है कि इसी विश्व धर्म संसद में सन 1893 में भाग लतेे हुए स्वामी विवेकानंद जी ने पूरे विश्व के आध्यात्मिक जगत पर विशिष्ट छाप छोड़ी थी। उस समय भी जैन धर्म की ओर से वीरचंद राघवजी गांधी ने भाग लिया था। अहिंसा विश्व भारती एवं विश्व शांति केन्द्र के संस्थापक जैन आचार्य लोकेशजी ने इस बात की पुष्टि की है और बताया कि विश्व धर्म संसद की ओर से उन्हें ईमेल प्राप्त हो चुका है जिसमें उन्हें उद्घाटन समारोह में वक्ता के अलावा प्लेनेरी हॉल में आयोजित अन्तर्धार्मिक सम्मेलन में भी बतौर वक्ता आमंत्रित किया गया है। इसके अलावा वह दो और सत्रों में जलवायु परिवर्तन और विश्व शांति विषय पर भी संबोधित करेंगे। मिली जानकारी के अनुसार अहिंसा विश्व भारती फाउंडेशन यूएसए के चेयरमैन अनिल मोंगा, विश्व शांति केन्द्र, भारत के चेयरमैन अभय कुमार और जैन सेंटर, शिकागो के प्रेसिडेंट दिलीप गांधी भी इस बात की पुष्टि की है कि जैन आचार्यलोकेशजी विश्व धर्म संसद में भाग लेने के लिए 12 अगस्त की शाम शिकागो पहुंच रहे हैं। इसी विश्व धर्म संसद में सन 1893 में भाग लेते हुए स्वामी विवेकानंद जी ने पूरे विश्व के आध्यात्मिक जगत पर विशिष्ट छाप छोड़ी थी। उस समय भी जैन धर्म की ओर से वीरचंद राघवजी गांधी ने भाग लिया था। शिकागो की विश्व धर्ममहासभा, 1893। Photo: Wikipedia ट्रम्प की कोर्ट में सुनवाई, मोक्सिला थीं जज ...और यह है इंडियन कनेक्शन भारत के गुजरात राज्य में जन्मीं भारतीय मूल की मोक्सिला उपाध्याय अमेरिका में जज हैं। मोक्सिला अमेरिका के कनास शहर में पली-बढ़ीं हैं। उन्होंने अमेरिका के प्रसिद्ध विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प गुरुवार को संघीय अदालत में एक भारतीय-अमेरिकी जज के सामने पेश हुए। ट्रम्प पर आरोप है कि उन्होंने 2020 में हुए राष्ट्रपति चुनावों के परिणामों को पलटने की साजिश रची थी। गुजरात में जन्मीं भारतीय मलू की मोक्सिला ए उपाध्याय अमेरिका में जज हैं। मोक्सिला अमेरिका के कनास शहर में पली-बढ़ीं हैं। उन्होंने अमेरिका के प्रसिद्ध विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। मोक्सिला ए उपाध्याय को 7 सितंबर, 2022 को यूनाइटेड स्टेट्स मजिस्ट्रेट जज के रूप में नियुक्त किया गया था। उपाध्याय ने मिसौरी स्कूल ऑफ जर्नलिज्म से बैचलर ऑफ जर्नलिज्म, मैग्ना कम लॉड और मिसौरी विश्वविद्यालय से लटिै न में ऑनर्स के साथ बैचलर ऑफ आर्ट्स की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने अमेरिकन यूनिवर्सिटी, वाशिंगटन कॉलेज ऑफ लॉ से जेडी (ज्यूरिस डॉक्टर) किया। वहां उन्होंने आपराधिक न्याय क्लिनिक में ग्राहकों का प्रतिनिधित्व करने वाले अपने परीक्षण कार्य के लिए विशिष्टता अर्जित की और वह एडमिनिस्ट्रेटिव लॉ रिव्यू की सदस्य भी रहीं। वाशिंगटन स्कूल से स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद उन्होंने डीसी कॉर्ट ऑफ अपील्स के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एरिक टी वाशिंगटन के साथ काम किया। इस दौरान वे दो साल तक पूर्व न्यायाधीश एरिक की कानून क्लर्क रहीं। इसके बाद उपाध्याय ने वेनेबल एलएलपी का वाशिंगटन डीसी कार्यालय ज्वाइन किया। यहां उन्होंने वाणिज्यिक और प्रशासनिक मामलों से जुड़े कठिनतम मामलों का अभ्यास किया। 2011 में उन्होंने वेनेबल छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने तत्कालीन जिला न्यायाधीश रॉबर्ट एल विल्किंस के पहले क्लर्क के रूप में नौकरी की। जिला न्यायाधीश के साथ काम करने के बाद वे दोबारा वेनेबल से जुड़ गईं और जज के रूप में नियुक्ति तक उन्होंने वेनेबल के साथ ही काम किया। वर्ष 2021-22 से न्यायाधीश मोक्सिला उपाध्याय को संघीय अदालत की शिकायत समिति में सेवा देने के लिए नियुक्त किया गया था। मोक्सिला अमेरिकन बार फाउडेशन क ं ी फेलो भी हैं।
24 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 7 अगस्त, 2023
न्यूयॉर्क आईं अपर्णा श्रीधर को क्यों कहा जाता है पेरिस की लता मंगेश्कर ...Page II *India Abroad is a Registered trademark and not affiliated with the newspaper named India Abroad marketed in the US from 1972 to 2021. ...Page V ...Page VI Year 1, Volume 42 Washington DC, Monday 7 August, 2023 विक्टोरिया में वीसीई अवार्ड पाने वालों में भारतवंशी छात्रों का जलवा कैपिटल हिल में लंगर का आयोजन, कई सांसदों ने भी प्रसाद छका l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क भारत में पंजाब राज्य के जालंधर में पुलिस ने एनआरआई के साथ धोखाधड़ी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। ये गिरोह फर्जी तरीके से ऑनलाइन विवाह प्रोफाइल बनाकर लोगों के साथ ठगी करते थे। ये गिरोह कितना शातिर था, इसका अंदाजा इसी से चलता है कि 2020 के बाद से एनआरआई को एक करोड़ रुपये से अधिक का चूना लगा चुके हैं। पुलिस आयुक्त कुलदीप सिंह चहल ने गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह एनआरआई मैरिज सर्विसेज की आड़ में जालंधर में चिन्मस्तिका बिल्डिंग की चौथी मजिलं से काम कर रहा था। पुलिस ने लैंडलाइन फोन, कपं्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल फोन सहित तकनीकी उपकरण भी जब्त कर लिए हैं। पुलिस आयुक्त ने बताया कि गिरोह ने खुद को विदेश में रहने वाला बताकर लोगों को अपने झांसे में लतेे थे और उन्हें विश्वास दिलाते थे कि वे शादी के लिए रिश्ते ढूंढ रहे हैं। इसके लिए वर्चुअल फोन नंबरों का इस्तेमाल करते थे। डीसीपी हरविंदर सिंह विर्क ने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि ये लोग वैवाहिक साइटों पर फर्जी प्रोफाइल बनाते थे। ऐसा इसलिए करते थे ताकि खुद को एनआरआई दिखा सकें। एक बार बातचीत होने के बाद एनआरआई विवाह सेवा के लिए डॉलर में फीस लतेे थे। फीस लेने के बाद ये गायब हो जाते थे। डीसीपी विर्क ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में आईटी में एमएससी कर चुका 29 वर्षीय आनंद शुक्ला और अर्थशास्त्र में एमए और वेबसाइट डिजाइन में विशेषज्ञता हासिल कर चुका 26 वर्षीय रोहित शामिल हैं। दोनों के कब्जे से सात कंप्यूटर, तीन लैपटॉप, दो मोबाइल फोन, चार आईपी फोन और नकदी जब्त की गई है। उन्होंने कहा कि जांच जारी है। कई स्थानों पर छापेमारी की जा रही है। एनआरआई को शादी का झांसा, पंजाब में गैंग का भंडाफोड़ l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क लॉरेंस वोग ने यह बात सिख सलाहकार बोर्ड (SAB) की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित रात्रिभोज में कही। उन्होंने एकत्रित लोगों से कहा कि आप सभी ने अपने-अपने व्यवसायों में खुद को साबित किया है और विविध क्षेत्रों में अहम योगदान दिया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सिखों ने सिंगापुर में अपनी संस्कृति, धर्म और विशिष्ट पहचान को बरकरार रखते हुए यह सब किया है। उप प्रधानमत्री ं ने कहा कि चाहे सिविल सेवा हो या सुरक्षा बल, न्यायपालिका हो या कारोबार, खेल या कोई अन्य पेशा हो, सिखों का सभी में अच्छा प्रतिनिधित्व रहा है। वे उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं और नेतृत्वकारी भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के नजरिए से हम समुदाय के साथ इस करीबी भागीदारी की प्रशंसा करते हैं और इसे अहमियत देते हैं। उन्होंने सिंगापुर में सिखों की तादाद करीब 13,000 होने की जानकारी देते हुए कहा कि अन्य समुदायों की तुलना में सिखों की संख्या कम हो सकती है लेकिन सिंगापुर में आपका योगदान इससे कहीं अधिक है। वोंग ने तीन साल पहले 2020 में कोरोना वायरस महामारी के दौरान देश में बढ़ी नस्लीय घटनाओं का जिक्र करते हुए आश्वासन दिया कि हालात में अब सुधार है और चीजें स्थिर हो चुकी हैं। लॉरेंस वोंग ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि सिख सलाहकार बोर्ड समुदाय से संबंधित मामलों पर राज्य को सलाह देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है चाहे ये मामले धर्म, रीति-रिवाज से जुड़े हों या समग्र कल्याण से। उन्होंने कहा कि बोर्ड समुदाय की चिंता के मुद्दों पर हमेशा स्पष्ट और आगे बढ़कर काम करता रहा है। सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री ने देश में सिखों के योगदान को जमकर सराहा उप प्रधानमत्री ं ने सिख समुदाय के कार्यों की जमकर तारीफ की। फोटो Lawrence Wong सांकेतिक तस्वीर Photo by Dollar Gill / UnsplashWong उप प्रधानमत्री ं सिख सलाहकार बोर्ड (SAB) की 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित रात्रिभोज में शामिल हुए। फोटो Lawrence Wong उप प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग ने कहा कि आप सभी ने अपने- अपने व्यवसायों में खुद को साबित किया है और विविध क्त्षे रों में अहम योगदान दिया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सिखों ने सिंगापुर में अपनी संस्कृति, धर्म और विशिष्ट पहचान को बरकरार रखते हुए यह सब किया है। ये गिरोह कितना शातिर था, इसका अंदाजा इसी से चलता है कि 2020 के बाद से एनआरआई को एक करोड़ रुपये से अधिक का चूना लगा चुके हैं। डीसीपी हरविंदर सिंह विर्क ने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि ये लोग ववै ाहिक साइटों पर फर्जी प्रोफाइल बनाते थे।
II सोमवार, 7 अगस्त, 2023 l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क वॉशिंगटन डीसी में कैपिटल हिल में वार्षिक लंगर का आयोजन किया गया। इसमें कांग्स रे सदस्यों सहित लगभग 150 लोगों ने हिस्सा लिया। लंगर में हिस्सा लेकर सिख अमेरिकी समुदाय के साथ बातचीत में शामिल होने वाले सांसदों में जूडी चू, डी-सीए और श्री थानेदार प्रमुख थे। लंगर कार्यक्रम का आयोजन सिख अमेरिकन लीगल डिफेंस एंड एजुकेशन फंड (SALDEF) के सिखलीड इंटर्नशिप क्लास और सीनेटर चक शूमर के कार्यालय द्वारा 26 जुलाई को किया गया था। लंगर सिखों की करीब 500 साल पुरानी परंपरा है, जो अलगाव को दूर करके खाद्य समानता के जरिए एकता को बढ़ावा देती है। इस अवसर पर SALDEF की कार्यकारी निदेशक किरण कौर गिल ने सिख अमेरिकियों का अनुभव बताते हुए लंगर के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अमेरिका में सिख नेताओं का लंबा इतिहास है। दलीप सिंह सौंद कांग्स रे में महान अग्रदूतों में से एक रहे हैं। सौंद से लेकर SALDEF के पैराकारों तक, अभिनव सामुदायिक जुड़ाव प्रदर्शित करने वालों की लंबी सूची है। अमेरिका में सिखों का 125 साल पुराना इतिहास होने के बावजूद अब भी कई बार सिख अमेरिकियों को गलतफहमियों का सामना करना पड़ता है। इस लिहाज से कैपिटल हिल पर लंगर का आयोजन अमेरिकी इतिहास औरसिख मूल्यों और विशेषकर सभी के लिए समानता के सिद्धांत को आगे बढ़ाने का महत्वपूर्ण अवसर है। सिखलीड इंटर्नशिप कार्यक्रम, विभिन्न कांग्स औरे र संघीय कार्यालयों के सहयोग से सिख अमेरिकी छात्रों को सार्वजनिक सेवा और सामुदायिक नेतृत्व में काम करने का मौका प्रदान करता है। SALDEF देश का सबसे पुराना सिख अमेरिकी पैरोकार संगठन है जो रचनात्मक बातचीत, आपसी समझ बढ़ाने और नागरिक व राजनीतिक जुड़ाव के माध्यम से सिख अमेरिकियों को सशक्त बनाने के लिए समर्पित है। कैपिटल हिल में लंगर का आयोजन, कई सांसदों ने भी प्रसाद छका लंगर कार्यक्रम का आयोजन सिख अमेरिकन लीगल डिफेंस एंड एजुकेशन फंड (SALDEF) के सिखलीड इंटर्नशिप क्लास और सीनेटर चक शूमर के कार्यालय द्वारा किया गया था। इस अवसर पर कार्यकारी निदेशक किरण कौर गिल ने सिख अमेरिकियों का अनुभव बताते हुए लंगर के महत्व पर प्रकाश डाला। आप एक बार फिर रूस की अपनी यात्राओं के लिए बिना परेशानी वीजा हासिल कर सकते हैं। द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्शदे ्य से रूस 1 अगस्त से भारतीय पासपोर्ट धारकों के लिए इलेक्ट्रॉनिक वीजा (ई-वीजा) शुरू कर रहा है फाइल फोटो साभार SikhNet लंगर में करीब 150 सदस्यों ने हिस्सा लिया। फोटो साभार SALDEF रूस ने भ रूस ने भाारतीयय पर्य र्यटकों के लिए फिर शुरू की इललक्क्े ट्रॉनिनिक-वीजाा सुविविधाा l विशेष संवाददाता कोविड-19 महामारी और इसके परिणामस्वरूप वैश्विक यात्रा प्रतिबंधों के कारण, रूस ने 2020 में इलक्ट्रॉनि े क वीजा (ई-वीजा) सेवा को सस्पेंड कर दिया था। अब यह सेवा फिर से शुरू हो गई है। आप एक बार फिर रूस की अपनी यात्राओं के लिए बिना परेशानी वीजा हासिल कर सकते हैं। रूस एक अगस्त से भारतीय पासपोर्ट धारकों के लिए अपनी ई-वीजा सुविधाएं शुरू कर रहा है। ई-वीजा को अधिकतम चार दिनों में संशोधित किया जाएगा और सुविधा के लिए 40 डॉलर कांसुलर शुल्क लिया जाएगा। रूसी विदेश मत्रालं य के हवाले से एक रिपोर्ट के मतुाबिक 1 अगस्त से नई ई-वीजा सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। ई-वीजा सुविधा का उपयोग विभिन्न उद्शदे्यों जैसे व्यापार यात्राओं, अतिथि यात्राओं, पर्यटन आदि के लिए रूस में प्रवेश करने के लिए किया जा सकता है। बता दें कि इलक्ट्रॉनि े क वीजा या ई-वीजा, एक इलक्ट्रॉनि े क और बायोमट्रिे क वीजा है, जो नियमित वीजा के समान अधिकार प्रदान करता है। नया ई-वीजा 60 दिनों के लिए वैध होगा। पर्यटक एक बार में 16 दिनों के लिए देश में रह सकेंगे। रिपोर्टों के अनुसार कुछ देशों के नागरिकों को छह महीने तक के लिए पर्यटक वीजा मिल सकता है यदि उन्होंने होटल बुक किया है। इसके अलावा राजनयिक पदों पर बैठे या अंतरराष्ट्रीय संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले व्यक्तियों को वीजा आवश्यकता से छूट दी गई है। भारत के लिए ई-वीजा सुविधा औपचारिक दस्तावेज की प्रक्रिया में कटौती की गई है। इससे समय में कमी आने की उम्मीद है, जिससे रूस जाने की योजना बना रहे भारतीय पर्यटकों के लिए अधिक सुविधाजनक विकल्प उपलब्ध होगा। भारत समते कुल 52 देश के यात्री ई-वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं। रूस के सार्वजनिक सुरक्षा मत्रालं य ने वीजा आवेदनों को सरल बनाने के लिए ई-वीजा सिस्टम की स्थापना की है। दरअसल, यूक्रेन युद्ध की वजह से विशेष रूप से पश्चिमी देशों के पर्यटकों की आमद बहुत कम हो गई है। मॉस्को टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि रूस में विदेशी पर्यटक 2021 में 290,000 से 40 प्रतिशत घटकर 2022 में 190,000 हो गए। एक साल पहले यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की शुरुआत के बाद से रूस ने पश्चिमी देशों की तलु ना में चीन, भारत और अफ्रीकी देशों की ओर रुख किया है। पासपोर्ट धारकों के लिए ई-वीजा सुविधा शुरू कर दी है। फोटो: @evisarussias नया ई-वीजा 60 दिनों के लिए वैध होगा। Photo by Random Institute / Unsplash
III सोमवार, 7 अगस्त, 2023 अमेरििकीी छात्रात्र वी वीजाा अनुमोदन में बड अनुमोदन में बड़ा़ा उछााल, भाारतीीयोंों को मिमिलाा लााभ अमेरिकी विदेश विभाग ने 2022 वित्त वर्ष (अक्टूबर 2021 से सितंबर 2022) के दौरान 411,000 से अधिक छात्र वीजा जारी किए थे, जो 2021 के वित्त वर्ष की तुलना में 15% अधिक है। अप्लाई बोर्ड की हालिया रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय शिक्षा क्षेत्र पूरी तरह से सुधार की राह पर है। बाइडेन ने लाइफ कोच, लेखक और पॉडकास्टर शेट्टी को बताया कि मेरे सात पोते-पोतियां हैं। उनमें से पांच की उम्र इतनी है कि फोन पर बात कर सकते हैं। आप जानते हैं हर दिन मैं या तो उन्हें कोई मैसेज भेजता हूं या फोन करता हूं। इस शो में बाइडेन ने दबाव में निर्णय लेने जैसी स्थितियों के बारे में भी बात की। Demo Photo by Juan Ramos / Unsplash l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क अमेरिकी छात्र वीजा में एक दशक से भी अधिक समय में सबसे बड़े वार्षिक अंतर से वृद्धि हुई है। इस तरह यह 2016 के बाद से एक साल में सबसे अधिक F-1 वीजा बनने की ओर अग्रसर है। अमेरिकी विदेश विभाग ने 2022 वित्त वर्ष (अक्टूबर 2021 से सितंबर 2022) के दौरान 411,000 से अधिक छात्र वीजा जारी किए थे, जो 2021 के वित्त वर्ष की तलु ना में 15% अधिक है। वीजा अनुमोदन में हुई इस बढ़ोतरी से भारतीय लाभ में रहे हैं। यह न केवल पिछले वित्तीय वर्ष की तलु ना में 15% की वृद्धि थी बल्कि यह छह वर्षों में देखी गई सबसे अधिक दर्ज की गई वृद्धि भी थी। ऐसा राज्य विभाग के आंकड़ों से पता चलता है। यह 2010 के बाद से सबसे बड़ी गैर-महामारी वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि थी। अमेरिका की तलु ना में कनाडा ने 2022 में 420,000 से अधिक छात्र वीजा जारी किए। यह 2021 की तलु ना में 27% अधिक है। यूके में मार्च 2023 को समाप्त वर्षमें वार्षिक वृद्धि 34% थी। अप्लाई बोर्ड की हालिया रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय शिक्षा क्त्र पू षे री तरह से सुधार की राह पर है। जारी किए गए F-1 वीजा में छह साल की उच्चतम वृद्धि, एक दशक में सबसे बड़ी वार्षिक वृद्धि (महामारी के बाहर) और कई उच्च-संभावित स्रोत बाजारों का उद्भव एक आशावादी दृष्टिकोण की नींव रखता है। छात्र वीजा की संख्या के मामले में अमेरिका अब तक के सबसे अच्छे वर्षों में से एक रहा है। अलबत्ता अनुमोदन दरों के मामले में ऐसा नहीं था। 2021 में F-1 वीजा अनुमोदन दर 10 साल के उच्चतम स्तर 80% से अधिक पर पहुंच गई थी लकिे न 2022 में यह प्रवृत्ति दूसरी तरह से बदल गई। 2022 में केवल 65% F-1 वीजा को मंजूरी दी गई थी। l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने तीन दिन पहले स्वीकार किया था कि उनके बेटे हंटर की बेटी की मां का नाम लुंडेन रॉबर्ट्स है। अब राष्ट्रपति बाइडेन ने दोहराया है कि उनके छह नहीं, बल्कि सात पोते-पोतियां हैं। राष्ट्रपति बाइडेन ने यह स्वीकारोक्ति पूर्व हिंदू भिक् जय शेट् षु टी के पॉडकास्ट ‘ऑन पर्पज विद जय शेट्टी’ पर की। इसी शो में राष्ट्रपति ने स्वीकार किया कि वह 4 वर्षीय नेवी जोन रॉबर्ट्स के दादा हैं। बाइडेन ने लाइफ कोच, लेखक और पॉडकास्टर शेट्टी को बताया कि मरेे सात पोते-पोतियां हैं। उनमें से पांच की उम्र इतनी है कि फोन पर बात कर सकते हैं। आप जानते हैं हर दिन मैं या तो उन्हें कोई मैसेज भेजता हूं या फोन करता हूं। इस शो में बाइडेन ने दुख के रास्तों पर चलने और दबाव में निर्णय लेने जैसी स्थितियों के बारे में भी बात की। हालांकि इससे पहले राष्ट्रपति ने कहा था कि उनके और जिल के 6 पोते-पोतियां हैं। गत 28 जुलाई को जारी एक बयान में बाइडेन ने पहली बार सार्वजनिक रूप से अपने सातवें पोते को स्वीकार करते हुए कहा कि वह और प्रथम महिला केवल वही चाहते हैं जो नौसेना सहित हमारे सभी पोते- पोतियों के लिए सबसे अच्छा हो। पोलिटिको का कहना है कि यह बदलाव पिछले महीने अरकंसास में हुई एक अदालती कार्यवाही के निष्कर्ष के बाद हुआ है। शेट्टी का पॉडकास्ट शो सोमवार और शुक्रवार को आता है। इस शो को शेट्टी ने 2019 में लॉन्च किया था। 35 वर्षीय शेट्टी मशहूर हस्तियों और अन्य सफल लोगों से जीवन और उनके उद्शदे्यों पर बात करते हैं। 2016 में यूट्यूब पर अपना वीडियो चैनल लॉन्च करने के बाद से शेट्टी के वायरल ज्ञान वीडियो को 4 बिलियन से अधिक बार देखा गया है और वैश्विक स्तर पर उनके 20 मिलियन से अधिक फॉलोअर्स हैं। इसी के चलते शेट्टी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इंटरनेट पर सबसे ज्यादा देखे जाने वाले लोगों में से एक बन गए हैं। मीडिया की दुनिया में गेम-चेंजर और प्रभावशाली व्यक्ति होने के लिए उन्हें 2017 के फोर्ब्स 30 अंडर 30 क्लास में नामित किया गया था। वीजा अनु्मोदन में हुई इस बढ़ोतरी से भारतीय लाभ में रहे हैं। Image : social media राष्ट्रपति बाइडेन ने यह स्वीकारोक्ति पूर्वहिंदूभिक्षु जय शेट्टी के पॉडकास्ट ‘ऑन पर्पज विद जय शेट्टी’ पर की। Image : NIA ‘ऑन पर्पज विद जय शेट्टी’ में बाइडेन ने माना कि उनके 7 पोते-पोतियां हैं...
IV सोमवार, 7 अगस्त, 2023 आरोप: हिहिंदीी में बाात करने पर इंज त करने पर इंजीनिीनियर वार्ष् वार्ष्णेय को नौकर णेय को नौकरीी से निनिकाालाा गयाा ! दिया गया। अलाबामा के उत्तरी जिले में दायर मुकदमे में दावा किया गया है कि वार्ष्णेय की अपने बहनोई के साथ वीडियो कॉल हंट्सविले कार्यालय के एक खाली कक्ष में केवल 2 मिनट के लिए हुई। हालांकि पार्सन्स ने उन पर एक वर्गीकृत कार्यस्थल पर फेसटाइम एप्लिकेशन का उपयोग करके सुरक्षा उल्लंघन करने का आरोप लगाया, जिसके कारण उन्हें बर्खास्त किया गया। लकिे न वार्ष्णेय का कहना है कि ऐसी कॉल्स पर रोक लगाने वाली कोई नीति नहीं थी, उन्हें गलत तरीके से निशाना बनाया गया। इसके अलावा मुकदमे में दावा किया गया है कि इस अन्यायपूर्ण बर्खास्तगी के और भी दुख परिणाम यह रहे कि कंपनी ने उसे संयुक्त राज्य अमेरिका मिसाइल रक्षा एजेंसी के साथ भविष्य के काम से भी ब्लैकलिस्ट कर दिया है। l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क भारतीय मलू के एक शख्स को अमेरिका में हिंदी में बात करने की बड़ी सजा मिली है। जैसा कि कहा जा रहा है उसकी सजा में उसका भारतीय मलू भी आधार बना है। हालांकि कपनं ी ने उसकी उम्र को नौकरी से हटाने का सबब बताया है। भारतीय-अमेरिकी इंजीनियर अनिल वार्ष्णेय (78) ने पार्सन्स कॉर्पोरेशन और अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड जे ऑस्टिन के खिलाफ एक संघीय मुकदमा दायर किया है। वार्ष्णेय ने आरोप लगाया गया है कि उन्हें मिसाइल रक्षा ठेकेदार के अलाबामा कार्यालय में उनके लंबे समय से चले आ रहे पद से गलत तरीके से बर्खास्त कर दिया गया है। AL.com ने यह जानकारी दी है। वाद के अनुसार वार्ष्णेय का प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग करियर अचानक समाप्त हो गया, जो केवल एक भारतीय-अमेरिकी के रूप में उनकी उम्र और जातीयता पर आधारित था। मुकदमे में कहा गया है कि एक श्वेत सहकर्मी ने वार्ष्णेय को भारत में अपने मरणासन्न बहनोई के साथ वीडियो कॉल पर हिंदी में बात करते हुए सुन लिया था। इसके बाद उन्हे नौकरी से निकाल मुकदमे में कहा गया है कि एक श्वेत सहकर्मी ने वार्ष्णेय को भारत में अपने मरणासन्न बहनोई के साथ वीडियो कॉल पर हिंदी में बात करते हुए सुन लिया था। इसके बाद उन्हे नौकरी से निकाल दिया गया। demo Photo by Samuel Branch / Unsplash मोहम्मद आदिल खान लखनऊ के रहने वाले हैं। वह एक वास्तुकार हैं। आदिल का कहना है कि वह इस रकम की मदद से अपने परिवार के लिए सबसे पहले एक घर खरीदेंगे। इसके बाद वह निवेश के अन्य अवसर भी तलाशना चाहेंगे। किकिस्म्मत: आदिलदिल को UAE को UAE ममें अगलले 25 सालाल तक हर मा माह मिलमिलेंगे 5.5 ेंगे 5.5 लाखलाख रुपयये l विशेष संवाददाता संयुक्त अरब अमीरात में रहने वाले एक भारतीय प्रवासी मोहम्मद आदिल खान ने पहला FAST5 ग्ड पु रैं रस्कार जीता है। अब उन्हें अगले 25 वर्षों तक हर महीने 25,000 दिरहम यानी लगभग 5 लाख 50 हजार रुपये मिलेंगे। आधिकारिक बयान से पता चला है कि मोहम्मद आदिल खान लखनऊ के रहने वाले हैं। वह एक वास्तुकार हैं। आदिल खान ने कहा कि मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि वह पहली बार में ही इस मोटे पुरस्कार के विजेता बन जाएंगे। आदिल का कहना है कि वह इस रकम की मदद से अपने परिवार के लिए सबसे पहले एक घर खरीदेंगे। इसके बाद वह निवेश के अन्य अवसर भी तलाशना चाहेंगे। आदिल ने एक बयान में कहा कि एक दिन सोशल मीडिया स्क्रॉल करते समय जब उनकी नजर विज्ञापन पर पड़ी तो उन्होंने लॉटरी टिकट खरीदने का फैसला किया। बता दें कि आदिल साल 2018 में सऊदी अरब से दुबई गए थे। उन्होंने बताया कि यह पहली बार था जब मैंने कोई रैफल ड्रा टिकट खरीदा था। एक दिन जब मैं सोशल मीडिया पर अपने परिवार की तस्वीरें देख रहा था, तब मरीे नजर एक एमिरेट्स ड्रा विज्ञापन पर पड़ी। आशा के साथ मैंने उसका एक टिकट खरीद लिया। आदिल कहते हैं कि हर महीने बैंक खाते में 25,000 दिरहम आने की मैं कल्पना भी नहीं कर सकता था। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मरीे पहली खरीदारी मुझे पहला FAST5 ग्रैंड पुरस्कार विजेता बनाएगी। मरेे बैंक खाते में 25 वर्षों तक हर महीने 25,000 दिरहम आना अविश्वसनीय है। यह जीत मरीे वित्तीय चितं ाओं को दूर कर देगी और एक स्थिर माध्यमिक आय की गारंटी देगी, जिससे मुझे अच्छेनिवेश निर्णय लेने में मदद मिलेगी। अपनी बड़ी जीत से खुश होकर आदिल ने कहा कि अब वह अपने परिवार को संयुक्त अरब अमीरात में अपने साथ रहने के आ अपने सपने को पूरा कर सकते हैं। दिल कहते हैं कि हर महीने बैंक खाते में 25,000 दिरहम आने की मैं कल्पना भी नहीं कर सकता था। वार्ष्णेय का कहना है कि उन्हें गलत तरीके से निशाना बनाया गया। demo Photo by Etienne Girardet / Unsplash
सोमवार, 7 अगस्त, 2023 V l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया में प्रतिभाशाली छात्रों को साल 2022 का वीसीई अवार्ड प्रदान किया गया। मले बर्न कन्वेंशन सेंटर में करीब एक हजार मेहमानों की मौजूदगी में ये पुरस्कार प्रदान किए गए। इस दौरान 300 विद्यार्थियों को राज्य में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए 331 पुरस्कार प्रदान किए गए। इन छात्रों ने 88 विषयों में अपनी प्रतिभा को लोहा मनवाया है। इन पुरस्कारों में 294 स्टडी अवॉर्ड, 34 टॉप ऑल राउंड वीसीई हाई अचीवर अवॉर्ड और तीन टॉप इंटरनेशनल स्टूडेंट अवॉर्ड प्रदान किए गए। टॉप ऑल राउंड वीसीई हाई अचीवर पुरस्कार उन छात्रों को प्रदान किया जाता है, जिन्होंने कम से कम पांच वीसीई विषयों में 50 में से 46 या उससे अधिक स्कोर किया है। स्टडी अवॉर्ड वीसीई विषयों में व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों को दिया जाता है। शिक्षा मत्री ं नताली हचिन्स ने टॉप वीसीई अवॉर्डप्राप्त करने वालों को बधाई देते हुए कहा कि छात्रों ने अपनी प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत से यह सम्मान हासिल किया है। इसके लिए वे बहुत-बहुत बधाई के पात्र हैं। उन्होंने उत्कृष्ट शैक्षणिक परिणाम प्राप्त करके विक्टोरिया को गौरवान्वित किया है। यह दिखाता है हम विक्टोरिया में किस तरह का शैक्षिक माहौल दे रहे हैं। ये पुरस्कार विक्टोरियन छात्रों और स्कूलों की प्रतिबद्धता, अनुकूलनशीलता और उत्कृष्टता को प्रदर्शित करते हैं। विक्टोरिया में वीसीई अवार्ड पाने वालों में भारतवंशी छात्रों का जलवा टॉप ऑल राउंड वीसीई हाई अचीवर पुरस्कार उन छात्रों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने कम से कम पांच वीसीई विषयों में 50 में से 46 या उससे अधिक स्कोर किया है। शिक्षा मंत्री नताली हचिन्स ने कहा कि छात्रों ने अपनी प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत से यह सम्मान हासिल किया है। वीसीई पुरस्कार पाने वाले प्रतिभाशाली छात्र। फोटो: Haileybury College दिशिता जथार, बॉक्स हिल हाई स्कूल - लेखा मनु उडुपा, द यूनिवर्सिटी हाई स्कूल - एल्गोरिदम (HESS) अनीश नारायण, मले बर्न हाई स्कूल - रसायन विज्ञान उदय परमार, मले बर्न हाई स्कूल - रसायन विज्ञान और गणितीय तरीके अर्नव चौहान, हैलीबरी कॉलेज - अंग्जरे ी किशोर मुरली, जॉन मोनाश साइंस स्कूल - पर्यावरण विज्ञान तनय कुलकर्णी, मले बर्न हाई स्कूल - आगे का गणित अमी अग्रवाल, विक्टोरियन स्कूल ऑफ लैंग्वेजेज - हिंदी अनन्या मित्तल, विक्टोरियन स्कूल ऑफ लैंग्वेजेज - हिंदी हृतिक जगताप, नोसल हाई स्कूल शियोन किम, रिंगवुड सेकेंडरी कॉलेज - कानूनी अध्ययन ऋषि सेठी, हैलेबरी कॉलेज - कानूनी अध्ययन निशिल शाह, हैलेबरी कॉलेज - समाजशास्त्र सात्विक सहगल, ह्यूम एंगलिकन ग्रामर - सिस्टम इंजीनियरिंग सिद्धार्थ श्रीवास्तव, ओबेरॉन हाई स्कूल - सिस्टम इंजीनियरिंग महेश नमसिवायम, विक्टोरियन तमिल एसोसिएशन- तमिल लव्या बस्सी, मेलबर्न हाई स्कूल अनीश नारायण, मेलबर्न हाई स्कूल उदय परमार, मेलबर्न हाई स्कूल निशिल शाह, हैलेबरी कॉलेज टॉप ऑल-राउंड वीसीई हाई अचीवर्स-2022 स्टडी अवॉर्ड-2022 विदेश मंत्रालय से हस्तक्प की मांग करते षे हुए एसजीपीसी प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि संबंधित अधिकारियों को सिख सैनिकों को सिख स्वरूप में सेवा करने की अनुमति देनी चाहिए। न्यूयॉर्क पुलिस विभाग में सिख सैनिकों ने लंबी लड़ाई के बाद 2016 में पगड़ी पहनकर ड्यूटी करने का अधिकार हासिल किया था। आस्थाथा काा प्रप्रश्न: अकालाल तख्त और SGPC की न्यूयॉरयॉर्क पुलिलिस से ‘भिभिडत’! ़ं़ं l विशेष संवाददाता भारत के सर्वोच्च धार्क मि सिख संगठन अकाल तख्त और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) सिख सैनिकों को दाढ़ी बढ़ाने की अनुमति न देने पर न्यूयॉर्क पुलिस विभाग (NYPD) की आलोचना की है। पता चला है कि न्यूयॉर्क स्थित एक सैनिक ने अपनी शादी के लिए दाढ़ी बढ़ाने की अनुमति मांगी थी लकिे न उसके अनुरोध को इस आधार पर अस्वीकार कर दिया गया कि इससे गैस मास्क के उपयोग के संबंध में एक सुरक्षा मुद्दा उत्पन्न हो गया था। अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने NYPD को आड़े हाथों लतेे हुए कहा कि सिखों की धार्क मि मान्यताएं और रीति-रिवाज अब परिचय के मोहताज नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सिखों ने अमेरिकी सेना में सेवा के लिए कानूनी लड़ाई जीती है। पुलिस ने एक सिख सैनिक को दाढ़ी बढ़ाने से क्यों रोका? विदेश मत्रालं य से हस्तक्प कषे ी मांग करते हुए एसजीपीसी प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि संबंधित अधिकारियों को सिख सैनिकों को सिख स्वरूप में सेवा करने की अनुमति देनी चाहिए। बिना कटी दाढ़ी को बांधकर गैस मास्क आसानी से पहना जा सकता है। हम भारत सरकार से इस मुद् पदे र ध्यान देने और अमेरिका में सिखों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग करते हैं। आपको बता दें कि न्यूयॉर्क पुलिस विभाग में सिख सैनिकों ने लंबी लड़ाई के बाद 2016 में पगड़ी पहनकर ड्यूटी करने का अधिकार हासिल किया था। यह लंबी लड़ाई के बाद संभव हो पाया था। तब विभाग ने सिखों को दाढ़ी रखने का भी अधिकार दिया था, लकिे न उसकी लंबाई सिर्फ आधा इंच तक ही रखने की बात कही थी। अब अमेरिका में सिख बड़ी दाढ़ी रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। न्यूयॉर्क पुलिस विभाग के सार्जेंट और सिख ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गुरविंदर सिंह ने बीते दिनों एक संबंधित प्रेस- कॉन्फ्रेंस में कहा कि किसी को भी अपने देश की सेवा करने के लिए अपने धर्म से समझौता नहीं करना चाहिए। उम्मीद है कि एक दिन आप पूरी पगड़ी और दाढ़ी वाले सिखों को न्यूयॉर्क राज्य के सैनिकों के रूप में देखेंगे। आस्था के सवाल पर भड़के भारतीय समुदाय के संगठन। Demo Image : Unsplash
VI सोमवार, 7 अगस्त, 2023 l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क भारत, नेपाल और भूटान में पांच साल तक डच राजदूत मार्टन वैन डेन बर्ग की विदाई हो गई है। इस मौके पर उन्होंने एक भावुक नोट में भारत को लेकर अपनी अद्भुत यादों को साझा किया। उन्होंने लिखा कि मैं भारत छोड़कर जा रहा हूं लकिे न भारत मुझे कभी नहीं छोड़ने वाला है। भारत में नीदरलैंड के राजदूत मार्टिन वैन डेन बर्ग ने कहा कि वह पांच साल पहले अपनी पत्नी शीला के साथ भारत आए थे। यह एक सपना सच होने जैसा था क्योंकि उनकी पत्नी को भी अपने पिता के देश में लौटने का मौका मिला था। राजदूत की पत्नी शीला भारतीय मलू की थीं। मार्टन वैन डेन बर्ग ने कहा कि पांच साल तक उन्होंने भारत को परिभाषित करने वाली संभावनाओं और विरोधाभासों का अवलोकन किया। उन्होंने बढ़ते आत्मविश्वास वाले भारत और यूरोप व नीदरलैंड के साथ उसके विकसित होते संबंधों को भी देखा। उन्होंने कहा कि उन्होंने भारत में तमाम रंगों, विविधताओं, पाक-पकवानों का अनुभव किया। आश्चर्यजनक और अद्भुत भारतीय उपन्यास पढ़े। अद्भुत बॉलीवुड फिल्में देखीं जिनमें महिलाओं, बेघर लोगों, किसानों, नायकों, श्रमिकों और भारतीय परिवारों के मार्मिक चित्र हैं। राजदूत ने कहा कि इससे भी बढ़कर मैंने यहां अद्भुत दोस्त बनाए और महान सहयोगियों के साथ मिलकर काम किया। मैं भारतीयों की गर्मजोशी और प्यार का अनुभव कर रहा हूं। उन्होंने हमें सिखाया कि भारत को कैसे आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि 5 साल पहले मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं भारत को छोड़कर जाना होगा। कुछ महीने पहले मेरी पत्नी का निधन हो गया लेकिन मैं खूबसूरत यादों के साथ भारत से जा रहा हूं। हमारे साथ अच्छा व्यवहार करने के लिए भारत को धन्यवाद। भारत छोड़ रहा हूं पर वह मुझे कभी नहीं छोड़ेगा... राजदत ने ऐसे द ू ी विदाई भारत में नीदरलैंड के राजदूत मार्टिन वैन डेन बर्ग ने कहा कि वह पांच साल पहले अपनी पत्नी शीला के साथ भारत आए थे। यह एक सपना सच होने जैसा था क्योंकि उनकी पत्नी को भी अपने पिता के देश में लौटने का मौका मिला था। दतूावास कर्मियों ने राजदत को भ ू ावभीनी विदाई दी। फोटो ट्विटर @BergMarten नीदरलैंड के राजदत ू मार्टिन वैन डेन बर्ग ने भारत में बिताए पलों को याद किया। फोटो ट्विटर @BergMarten अपर्णा श्रीधर शास्त्रीय संगीत, भजन, अभंग, गजल, गीत और लोक संगीत से भरपूर एक बेहद प्रतिभाशाली और बहुमुखी हिंदुस्तानी गायिका हैं। वह कई भारतीय भाषाओं में भी गाती हैं। उन्हें प्यार से पेरिस की लता मंगेशकर कहा जाता है। l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क न्यूयॉर्क में मौजूद भारतीय वाणिज्य दूतावास में बीते दिनों अपर्णा श्रीधर ने अपने एक संगीत कार्यक्रम में भारतीय धुनों से खचाखच भरे दर्शकों की भीड़ को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस कार्यक्रम में अपर्णा श्रीधर का संगीत प्रदर्शन ‘भारत के माध्यम से एक संगीत यात्रा’ पर आधारित था। इस मौके पर अपर्णा ने दिवंगत महान लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि भी दी थी। पिछले दिनों आयोजित इस संगीत कार्यक्रम में अपर्णा के साथ तबला वादक रोबी भट्टाचार्य और हारमोनियम वादक बिप्लब मुखर्जी भी थे, जिनकी व्यवस्था राकेश बनर्जी ने की थी। बता दें कि अपर्णा श्रीधर शास्त्रीय संगीत, भजन, अभंग, गजल, गीत और लोक संगीत से भरपूर एक बेहद प्रतिभाशाली और बहुमुखी हिंदुस्तानी गायिका हैं। वह कई भारतीय भाषाओं में भी गाती हैं। उन्हें प्यार से पेरिस की लता मंगेशकर कहा जाता है। यह कार्यक्रम इंडियन डायस्पोरा काउंसिल इंटरनेशनल (IDC) द्वारा ग्लोबल इंडियन ऑर्गनाइजेशन (GIO) के साथ साझेदारी में किया गया था और इसकी मेजबानी न्यूयॉर्क में भारत के वाणिज्य दूतावास द्वारा की गई थी। मालमू हो कि GIO का मुख्यालय पेरिस में है। IDC के अध्यक्ष अशोक रामसरन ने सभी का और महावाणिज्यदूत राजदूत का स्वागत किया। रणधीर जयसवाल ने भारतीय प्रवासियों के लिए भारतीय संगीत और कला के अंतर्निहित मूल्य पर प्रकाश डालते हुए प्रारभिं क टिप्पणी की। गुयाना से IDC के अध्यक्ष प्रकाश सिंह ने शानदार प्रस्तुति के लिए अपर्णा श्रीधर और संगीतकारों को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में भाग लेने वाले वाणिज्य दूतावास के कौंसल बिजेंदर कुमार और सूरीनाम के पूर्व राजदूत क्रिस्नदाथ नंदो भी अपने परिवार संग मौजुद थे। इस कार्यक्रम को वाणिज्य दूतावास और उद्यमी व IDC के आजीवन सदस्य बोयसी सीव ने समर्थन दिया था। न्यूयॉर्क आईं अपर् श्णा रीधर को क्यों कहा जाता है पेरिस की लता मंगेश्कर (बाएं से दाएं) रॉबी भट्टाचार्य, अपर् श्णा रीधर, महावाणिज्यदत ू राजदत रणदीर ज ू यसवाल और बिप्लब मखर्ु जी।
मेष आप एक ऐसे समय की ओर बढ़ रहे हैं जहां आपके पास ढेर सारे काम होंगे। यानी आर्थिक अवसर आएंगे। अपने लक्ष्यों के बारे में सोचिए और आंखें खोलकर उनकी पहचान करके कुछ करने को लेकर विचार करें। हालात के हिसाब से खुद को बदलने में सितारे आपकी मदद करेंगे। कुछ भी करने से पहले अपने मन की आवाज सुनें। फैसलों में भी मन की ही मानें न कि किसी और का सुझाव। आपके पास संकटों से निपटने की क्षमता और नजर है। अगर कोई किसी कारोबार के लिए कहे तो आगे न बढ़ें क्योंकि वह प्रलोभन हो सकता है। वह जोखिम भरा भी हो सकता है। ईर्ष्या भरी टिप्पणियों पर ध्यान न दें क्योंकि उनसे आपको ही कष्ट होगा। जो लोग आपसे जलते हैं उनकी गपशप पर भी तवज्जो न दें। ध्यान दिया तो आपकी ही हानि हो सकती है। वृषभ आप आने वाले दिनों में कुछ ज्यादा ही संवेदनशील रहेंगे। अपनी अवधारणाओं पर आगे बढ़ने के बजाय पूरी कोशिश करके वास्तविकता को जानने की कोशिश कीजिए। आपको लग सकता है कि पूरी दुनिया आपके खिलाफ है या आप बेकार की बातों पर गुस्सा हो सकते हैं। अगर कोई कुछ कहता और करता है तो उसे दोष न दें क्योंकि हरेक को अपनी बात कहने का हक है। कुछ भी करने से पहले दो बार जरूर सोचें। आप कई बार अपनी वाणी से बहुत कठोर हो जाते हैं लकिे न सच यह है कि जब आपको उस कठोरता का अहसास होता है तो आपको पछतावा भी होता है। आर्थिक मामलों में आपका समय अच्छा चल रहा है। लकिे न फिर भी गलत फैसले लेने से बचें। प्यार के मामले में आपका मन आपको परेशान करता है। इस बारे में सोचें। मिथुन मिथुन राशि वालों के लिए यह समय नए अवसरों की तलाश का है। आप जहां काम करते हैं वहां आपने खूब मेहनत कर ली लकिे न आपका संघर्षकिसी काम नहीं आया। हो सकता है कि सत्ताधारी लोगों से आपके संबंध सौहार्दपूर्ण न रहे हों। इस सप्ताह आप महसूस करेंगे कि आपको और अधिक फ्री होना चाहिए और स्वतंत्र भी। अगर आप दूसरे साझीदारों के साथ कोई रिश्ता कायम करते हैं तो आपको यह अहसास कुछ अहसज कर देता है। इसलिए कि आप अपनी ही चलाना चाहते हैं। किसी से सलाह नहीं करना चाहते। लकिे न उसे लेकर कठोर होने की जरूरत नहीं है। इस बारे में शांति के साथ बात करें। प्यार के मामले में अपने साथी पर संदेह न करें। खुद को दूसरे की जगह रखकर देखें। कर्क कामकाजी समस्याओ को लेकर अब आप किसी तरह की दुविधा में नहीं हैं। आप अपने किसी आला अधिकारी के साथ मतभेदों की वजह से परेशानी में चल रहे थे लकिे न अब वह समय समाप्त हो गया है। अगर अब आपने यह तय कर लिया है कि परेशानियों को दरकिनार कर कड़ी मेहनत करेंगे तो उस श्रम का फल मिलने का समय आ रहा है। अब आपके प्रयास बेकार नहीं जाएंगे। अब आप अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन कर सकेंगे। इस सप्ताह आप वह पहचान भी पाएंगे जिसके आप हकदार हैं। इससे आपको कई तरह के लाभ हासिल होंगे और आप मानसिक शांति महसूस करेंगे। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि आप अधिकांश समय कामकाज में बिताते हैं। प्यार-मोहब्बत के मामले में चीजें ठीक रहेंगी। सिंह अब आपके लिए इस बात का आकलन करने का समय आ गया है कि आखिर कामकाज के मामले में चल क्या रहा है। आपकी अपने बॉस या सहकर्मी के साथ कुछ अनबन हुई है और इसलिए आप भी असहज महसूस कर रहे हैं। लकिे न इस सप्ताह माहौल अधिक राहत भरा रहने वाला है। आप सोच पाएंगे कि मतभेदों की वजह क्या थी। हो सकता है कि अनजाने में आपने ही उन्हे भड़का दिया हो। अगर आप निवेश करेंगे तो उससे होने वाले रिटर्न पर अपना ध्यान लगाएं। अब तक आपको अच्छे नतीजे मिले हैं लकिे न अगला कदम उठाने से पहले कोई कारोबारी योजना अवश्य बना लें। पैसों को लेकर थोड़ा सावधान रहें क्योंकि वह आपके हाथ में टिकता नहीं है। उसके प्रबंधन के विषय में सोचिए। प्यार के लिहाज से अच्छा समय आने को है। कन्या कामकाजी स्थल पर गतिविधियों की अधिकता आपके मूड पर प्रतिकूल असर डालेगी। इससे बचने की कोशिश करें क्योंकि ये हालात सहकर्यों के सा मि थ रिश्तों को प्रभावित करेंगे। आपको यह सोचकर खुश होना चाहिए कि बहुत कुछ चल रहा है इसका मतलब सब ठीक है। आप असहज हो सकते हैं क्योंकि आपको कुछ ऐसे काम करने पड़गे जिनके आप अभ्यस्त नहीं हैं और आप असुरक्षित भी महसूस कर सकते हैं। ऐसे में शांत रहिये और ध्यान रखिये कि आप वह सब पाने में सक्षम हैं जो आप चाहते हैं। आपके पास संसाधन और क्षमताओं की कोई कमी नहीं है। लकिे न कामयाबी के लिए सबसे जरूरी बात यह है कि आप अपनी बेचैनी पर काबू रखें। खर्च कम करें और कोई भी फैसला लेने से पहले धैर्य से विचार अवश्य कर लें। तुला कामकाज के लिहाज से गहमागहमी रहने वाली है जिसकी वजह से आप यह दिखाने में कामयाब रहेंगे कि आप दबाव के हालात में भी अपनी पूरी क्षमता और कौशल के साथ काम कर सकते हैं। यह आपके लिए बेहद सकारात्मक है लकिे न चौंकिये मत। दूसरी तरफ, कारोबार के मामले में सतर्क रहने की जरूरत है। कुछ प्रोजेक्ट्स पर काम करने के दौरान आप मुसीबतें झेल चुके हैं और आपको यह भी लगता है कि आप उन परेशानियों को सुलझा नहीं पाएंगे क्योंकि आप सही रास्ता बताने वालों की बात सुनना ही नहीं चाहते। लिहाजा थोड़ा विनम्र बनने की जरूरत है और अपने व्यवहार को भी तब्दील करने की दरकार है। प्रेम के लिए स्थितियां अच्छी हैं। साथी से खुशी मिलेगी। हालांकि आप यह बात अच्छी तरह जानते हैं कि आपका साथी बेकार की बातों में बह जाता है। वृश्चिक सितारों की चाल सकारात्मक है इसलिए कामकाज के लिहाज से यह सप्ताह शानदार रहने वाला है। अब आप वह सब पा सकते हैं जो चाहते हैं। सप्ताह के अंत में आपको वह अवसर मिलने वाला है जिसके आप सपने देख रहे थे। इससे आपकी कामकाजी प्रतिष्ठा में भी बड़ा इजाफा होने वाला है। लकिे न आर्थिक राहें जोखिम भरी हैं। यह किसी नई परियोजना को शुरू करने का सही समय नहीं है। हो सकता है कि आपका कोई जानकार आपसे उधार मांगे। ऐसे में जो आपको लगता है वह कीजिए लकिे न उधार दिया हुआ पैसा वापस आने की संभावनाएं कम ही हैं। भावनात्मक स्तर पर खुले दिल वाले जातक इस सप्ताह सरप्राइज पा सकते हैं। कोई पुराना दोस्त प्यार का इजहार कर सकता है। उसके प्रस्ताव पर हामी भर दीजिए। अच्छा रहेगा। धनु धनु राशि के जातक इन दिनों निराश हो सकते हैं। ऐसा कई कारणों से हो सकता है। हो सकता है कि कामकाज के मामले में आप किसी प्रोजेक्ट को लेकर आगे बढ़ना चाहते होंलकिे न उसे ठंडे बस्तेमें डाल दिया गया हो। लकिे न निराश न हों। वह अवसर बाद में आएगा। इस सप्ताह चीजों पर शांति से विचार करें। आर्थिक मामलों में भी बेहद सावधानी के साथ कुछ करने की जरूरत है। माहौल उथल-पुथल भरा है लिहाजा कोई बड़ा फैसला लेने का यह सही समय नहीं है। अगर आप कोई कार या घर लेने का प्लान बना रहे हैं तो तब तक रुके रहिये जब तक कि सितारों की चाल आपके अनुकूल नहीं हो जाती। भावनात्मक स्तर पर आप अपने साथी की ओर से परेशान हो सकते हैं। दफ्तर में लोग आपको मर्ख ू बना सकते हैं इसलिए सावधान रहें। मकर कामकाज के लिहाज से आप एक अच्छे चरण में प्रवेश करने जा रहे हैं। आपके काम की कीमत समझी जाने लगी है यह बात अब आपको राहत देगी। लकिे न इस सबके बाद भी खुद पर काबू रखने की कोशिश करें। खासकर कामकाजी परिवेश में। यह सलाह इसलिए है क्योंकि कई बार आप अजीब व्यवहार कर बैठते हैं। कारोबार के मामले में भी ऐसा ही कुछ होता है। अगर कोई चीज आपकी योजना के हिसाब से नहीं होती तो आप खुद को ऐसी स्थिति में डाल लतेे हैं जिससे संकट खड़ा हो जाता है। इस सप्ताह सितारे आपके विचारों को भड़का सकते हैं लिहाजा हालात का अपने हित में लाभ लेने की कोशिश करें। थोड़ा सहनशील बनिये। अपने साथी को लेकर आत्मविश्वास बनाए रखें। अन्यथा परेशानी खड़ी हो सकती है। विचार करके ही आगे बढ़ें। कुंभ कामकाज की दृष्टि से यह सप्ताह बेहद सकारात्मक रहेगा। आपको एक अच्छा सा सरप्राइज भी मिल सकता है। हर बार कपनं ी में आंतरिक स्तर पर पदोन्नति होती है। आप भी वह हासिल करना चाहते हैं लकिे न आप उस तरफ कोई कदम नहीं बढ़ाते क्योंकि आपको लगता है कि इससे कुछ होने वाला नहीं है और कोई ध्यान भी नहीं देगा। लकिे न अब आपको पता है कि आपके वरिष्ठ साथियों ने आपके काम को देख लिया है और समर्थन भी मिल रहा है। इससे आपका हौसला बढ़ेगा। लकिे न आदतों से जुड़ी कुछ बातें ऐसी हैं जिन्हे दुरुस्त करना जरूरी है। जैसे कि आपको लगता है आप हमेशा सही हैं। आप अनुभवी लोगों की भी नहीं सुनते। यह ठीक नहीं है। अनुभवी लोगों की बात सुनें। प्यार के मामले में भी आप साथी की नहीं सुनते। अब आप ही तय करें कि क्या यह सब ठीक है। मीन मीन राशि वालों के लिए ये दिन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि ये आपकी पेशेवर योजनाओं पर असर डाल सकते हैं। आपके पास आपके कार्यालय में सबसे सकारात्मक चीज उस ताकततवर व्यक्ति की ओर से आएगी जिसे कपनं ी ने हाल ही में रखा है। वही व्यक्ति आपकी क्षमताओं की पहचान करेगा। ऐसे में आप अपने काम के दम पर खुद को दूसरों से अलग दिखा सकते हैं। खाली समय में विचार करें कि आखिर चल क्या रहा है। सितारों की चाल से जीवन के सभी पहलुओं पर विचार-मथं न के हालात बनेंगे। आपको आगे की राह साफ नजर आएगी और आप तय करेंगे कि कोई गलती नहीं करनी है। अगर भावनात्मक स्तर पर आप अकेले हैं तो आपको कोई ऐसा मिलने वाला है जो आपकी पूरी दुनिया बदल कर रखा देगा और आपको प्यार भी खूब करेगा। साप्ताहिक भविष्यफल (07 अगस्त-13 अगस्त) Sundeep Kochar Astrologer https://www.sundeepkochar.com विश्वप्रसिद्ध ज्योतिषी संदीप कोचर से जानिए साप्ताहिक भविष्यफल। कोचर पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और डोनाल्ड ट्रम्प की जीत की भविष्यवाणी करके नाम कमा चुके हैं। यके के ू विश्वविद्यालय ने उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया है। विश्व के कई रेडियो और टीवी चैनलों को वह साक्षात्कार दे चुके हैं। VII सोमवार, 7 अगस्त, 2023
सोमवार, 7 अगस्त, 2023 Published Weekly Copyright © 2022 Indian Star LLC Editor in Chief Dr. Sridhar Krishnaswami [email protected] Chief Executive Officer Rajeev Bhambri [email protected] Registered Address Indian Star LLC, 6215 Rockhurst Rd, Bethesda, MD 20817 USA Disclaimers: 1. India Abroad is a Registered trademark and not affiliated with the newspaper named India Abroad marketed in the US from 1972 to 2021. 2. Indian Star LLC assumes no liability for claims / assumptions made in advertisements and advertorials. Views expressed by the writers are their own. Indian Star LLC A publication of Editor (Hindi) Dr. Rameshwar Dayal [email protected] l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क भारत के दक्षिणी राज्य तमिलनाडु स्थित तूतीकोरिन में शिवकलाई क्षेत्र से प्राचीन अवशेषों का पुरातत्वविदों ने वर्षों तक अध्ययन किया है। तमाम अध्ययनों और विमर्श के बाद शोधकर्ता तमिलनाडु और सिंधु घाटी सभ्यता के बीच एक निश्चित संबंध स्थापित करने की दिशा में एक कदम आगे हैं। शोधकर्ता यह स्थापित करने में सक्षम हैं कि पुरातात्विक महत्व की ये चीजें 2,500 ईसा पूर्व से 3,000 ईसा पूर्व की हैं। पुरातात्विक खोज तमिलनाडु में एक लौह युग सभ्यता की ओर इशारा करती है, जो अध्ययनों के अनुसार सिंधु घाटी सभ्यता के समानांतर चलती थी। ऐतिहासिक रूप से सिंधु घाटी सभ्यता 3,300 ईसा पूर्व से 1,300 ईसा पूर्व तक चली। दिलचस्प बात यह है कि उपरोक्त समय अवधि के दौरान सिंधु घाटी सभ्यता तांबे की वस्तुओं (धातु युग का पहला चरण) का उपयोग कर रही थी। उसी अवधि में तमिलनाडु में लोहे की वस्तुओं की खोज धातु युग में प्रगति का संकेत देती है। ऐसे में सवाल उठता है कि यदि लोहे की वस्तुएं हैं तो लोहे की भट्टियां रही होंगी। रिपोर्टों के अनुसार इसका सबूत खोजना नई चुनौती है जो वर्तमान में शोधकर्ताओं के सामने है। खुदाई के दौरान तमिलनाडु में पाए गए भित्तिचित्र के निशानों के अध्ययन भी चल रहे हैं। यह सिंधु लिपि के साथ संबंध खोजने की कोशिश में बड़ा कदम है। दिलचस्प बात यह है कि सिंधु लिपि को अभी तक पूरी तरीके से समझा नहीं गया है। इन अध्ययनों से पता चलेगा कि भित्तिचित्र के निशान सिंधु घाटी सभ्यता के हैं या नहीं। गौरतलब है कि सिंधु घाटी सभ्यता की सर्वमान्य तिथि 2350 ईसा पूर्व से लेकर 1750 ईसा पूर्व मानी गई है। सिंधु सभ्यता की खोज इतिहासकार रायबहादुर दयाराम साहनी ने की। सिंधु सभ्यता को प्राग्रेतिहासिक (Prohistoric) युग में रखा जा सकता है। इस सभ्यता के मुख्य निवासी द्रविड़ और भूमध्यसागरीय थे। क्या तमिलनाडु का प्राचीन सिंध घू ाटी सभ्यता के साथ कोई नाता रहा है? पुरातात्विक निष्कर्षों से पता चलता है कि तमिलनाडु में एक लौह युग की सभ्यता सिंधु घाटी सभ्यता के बराबर चलती थी। खोज यह स्थापित करती है कि वे लगभग 2,500 ईसा पूर्व से 3,000 ईसा पूर्व तक थे, जो धातु युग में प्रगति का सुझाव देते हैं।