*New India Abroad is a Registered trademark and not affiliated with the newspaper named India Abroad marketed in the US from 1972 to 2021. भारतीय मूल की प्रोफेसर डॉ. नीली की अमेरिका में क्यों हो रही है चर्चा? Quad Summit : मोदी, बाइडेन और किशिदा की मेजबानी को तैयार एंथनी ...Page 5 ...Page 22 भारत और अमेरिका के मजबूत रिश्ते रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण: रो खन्ना ...Page 9 A platform for the voice of next generation Indian Diaspora Year 1, Volume 27 Washington DC, Monday 1 May, 2023 l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और भारतीय मूल की कमला हैरिस की जोड़ी ने अगले राष्ट्रपति चुनाव में अपनी दावेदारी का ऐलान कर दिया है। बाइडेन राष्ट्रपति जबकि कमला हैरिस उपराष्ट्रपति पद के लिए मैदान में उतरेंगी। बाइडेन ने फ्रीडम नाम से अपने वीडियो संदेश में लोकतंत्र बचाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हम अमेरिका की आत्मा को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। हमने चार साल पहले जो शुरू किया था, उसे पूरा करने के लिए चार साल का समय और दिया जाना चाहिए। 80 वर्षीय जो बाइडेन ने अपनी दावेदारी का ऐलान 25 अप्ल के रै दिन किया है। चार साल पहले ठीक इसी दिन उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी दावेदारी की थी और सफलतापूर्वक राष्ट्रपति की कुर्सी तक पहुंचे थे। बाइडेन ने 3 मिनट के अपने वीडियो में एक बार भी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम नहीं लिया। ट्रंप राष्ट्रपति चुनाव लड़ने का पहले ही ऐलान कर चुके हैं। बाइडेन की उम्मीदवारी को लेकर इस बार थोड़ा संशय था क्योंकि उनकी बढ़ती उम्र, खराब स्वास्थ्य और भूलने की बीमारी को लेकर विपक्षी दल सवाल उठाते रहते हैं। राष्ट्रपति ने वीडियो में विपक्षी रिपब्लिकन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हम MAGA यानी मेक अमेरिका ग्ट अगेन का सपना लेक रे र आगे चल रहे हैं, जबकि रिपब्लिकंस अमेरिका को बांटने और नागरिकों के अधिकार छीनने पर अपना ध्यान लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई हमारी निजी आजादी की है। हर पीढ़ी के सामने ऐसा मौका आता है जब उसे लोकतंत्र को बचाने के लिए मैदान में उतरना पड़ता है। इसलिए ये चुनाव हमारा है। उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने दोबारा उपराष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के पीछे अपने इरादे को जाहिर किया। उन्होंने कहा कि यह हमारे इतिहास के लिए एक निर्णायक पल है। हमने ऐसे राष्ट्र के निर्माण के लिए प्रयास किए हैं जहां हर कोई सुरक्षित रहे, स्वस्थ रहे, उसे अच्छी नौकरी मिले और गरिमा के साथ वह रिटायर हो सके। बाइडन ने अपने प्रचार अभियान के लिए जूली चावेज़ रोड्रिगेज को कैंपेन मैनेजर और क्वेंटिन फुल्क्स को प्रिंसिपल डिप्टी कैंपेन मैनेजर बनाने का भी ऐलान किया। इसके अलावा अपने प्रचार अभियान को धार देने के लिए एक कमिटी की भी घोषणा की है। इस कमिटी की अगुआई संसद सदस्य लीजा ब्लंट रोचेस्टर, जिम क्लिबर्न, क्रिस कून्स, टैमी डकवर्थ, वेरोनिका एस्कोबार, जेफरी काट्जेनबर्ग और गवर्नर ग्टचेन रे व्हिटमर करेंगे। l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क अमेरिका का वीजा पाने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे आवेदकों के लिए अच्छी खबर है। अमेरिका ने वीजा बनवाने के नियमों में अपनी छूट का दायरा एक बार फिर से बढ़ा दिया है। इस बार कुछ शर्तें पूरी करने वाले आवेदकों को इंटरव्यू में छूट देने रास्ता निकाला गया है। भारत में अमेरिकी दूतावास ने घोषणा की है कि जिन लोगों को पहले ‘मंजूरी मिल चुकी है’ या ‘डिपार्टमेंट से स्वीकृति’ मिल चुकी है उन्हें ‘नए वीजा’ के लिए इंटरव्यू से छूट दी जाएगी। दूतावास ने एक ट्वीट के माध्यम से इस राहत भरे घटनाक्रम की जानकारी दी है। नए नियम के तहत पात्र आवेदकों को वीजा अवधि की समाप्ति के 48 महीने के भीतर उसी श्रेणी में वीजा रिन्यूअल के लिए आवेदन करना होगा। इसके अलावा कॉउसलं र अधिकारी F, H-1, H-3, H-4, नॉन-ब्लैंकेट L, M, O, P, Q, और शैक्षणिक J वीजा के लिए आवेदन करने वाले यात्रियों के लिए व्यक्तिगत साक्षात्कार में छूट देने के लिए अधिकृत हैं। लेकिन इसके लिए शर्त है कि उन्हें पहले भी वीजा जारी किया गया हो और वे अपनी राष्ट्रीयता या निवास वाले देश से वीजा के लिए आवेदन कर रहे हों। वहीं, यह नियम उन पर लागू नहीं होगा जिन्हे पहले वीजा इंटरव्यू में ‘इंकार’ या वीजा क्लीयरेंस नहीं मिली था। इसके लिए उन्हें व्यक्तिगत साक्षात्कार के लिए संबंधित अधिकारी से अनुरोध करना होगा। साक्षात्कार छूट प्रक्रिया के माध्यम से आवेदन करने वालों को वीजा आवेदन केंद्र में पासपोर्ट स्वीकार किए जाने के समय से तीन सप्ताह तक का समय देना चाहिए जब तक कि आवेदक को पासपोर्ट नहीं मिल जाता या उन्हें यह सूचित नहीं किया जाता है कि आपका पासपोर्ट तैयार है, आप ले सकते हैं। गौरतलब है कि भारत से सबसे ज्यादा छात्र अमेरिका में पढ़ाई और कामकाज के लिए जाते हैं लेकिन कोविड महामारी के चलते आवागमन पर प्रतिबंध लग गया और जब पाबंदियां हटीं तो विदेश जाने वालों की भीड़ लग गई। बाइडेन ने फ्रीडम नाम से अपने वीडियो संदेश में कहा कि हम अमेरिका की आत्मा को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। हमने चार साल पहले जो शुरू किया था, उसे पूरा करने के लिए चार साल का समय औरदिया जाना चाहिए। यह नियम उनपर लागू नहीं होगा जिन्हे पहले वीजा इंटरव्यू में ‘इंकार’ या वीजा क्लीयरेंस नहीं मिली था। इसके लिए उन्हें व्यक्तिगत साक्षात्कार के लिए संबंधित अधिकारी से अनुरोध करना होगा। बाइडेन-कमला हैरिस की जोड़ी चुनाव-2024 के लिए फिर से मैदान में जो बाइडेन और कमला हैरिस (फोटो twitter @KamalaHarris) वीजा आवेदकों को मिलेगी छूट, शर्तें लागू विशेष: भारतीयता एक वश्विै क विचार है जो दुनिया को सरहदी सीमाएं मिटाने का दर्शन देती है......Page 8
2 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 1 मई, 2023 Indian Star LLC Published Weekly Copyright © 2022 Indian Star LLC Editor in Chief Dr. Sridhar Krishnaswami sridhar54k@newindiaabroad.com Chief Executive Officer Rajeev Bhambri rajeevb@newindiaabroad.com Editor (Hindi) Dr. Rameshwar Dayal rdayal@newindiaabroad.com Registered Address Indian Star LLC, 6215 Rockhurst Rd, Bethesda, MD 20817 USA A publication of Website www.NewIndiaAbroad.Com Disclaimers: 1. New India Abroad is a Registered trademark and not affiliated with the newspaper named India Abroad marketed in the US from 1972 to 2021. 2. Indian Star LLC assumes no liability for claims / assumptions made in advertisements and advertorials. Views expressed by the writers are their own. Email Info@newindiaabroad.com Ph. 7323476511 l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क दीपावली उत्सव की जगमगाहट का दायरा धीरे-धीरे बढ़ता ही जा रहा है। समृद्धि का यह त्योहार आज पूरी दुनिया को आलिंगन करने को तैयार है। इसी कड़ी में अमेरिका के पेन्सिलवेनिया प्रांत में अब दीपावली पर छुट्टी होगी। यहां इस दिन को राजकीय अवकाश घोषित किया गया है। पेन्सिलवेनिया के सीनेटर निकिल सावल ने बुधवार (26 अप्ल) को रै ट्वीट करके यह जानकारी दी। उत्सव को आधिकारिक अवकाश के रूप में मान्यता देने के लिए सीनेट ने सर्वसम्मति से मतदान किया। रिपोर्ट के अनुसार राज्य के सीनेटर ग्ग रे रोथमैन और सीनेटर निकिल सावल ने इस साल फरवरी में पेन्सिलवेनिया में दीपावली को आधिकारिक राजकीय अवकाश बनाने के लिए एक कानून पेश किया था। सीनेटर रोथमैन ने कहा कि हजारों पेंसिल्वेनियावासी हर साल यह उत्सव मनाते हैं। रोथमैन ने ट्वीट कर लिखा कि पेन्सिलवेनिया में दीपावली को मान्यता देने का कानून पीए सीनेट ने 50-0 से पारित किया है। सीनेटर निकिल सावल ने ट्वीट कर कहा कि प्रकाश और जुड़ाव के इस त्योहार को मनाने वाले सभी पेंसिल्वेनियावासियों की तरफ से धन्यवाद। सावल ने कहा कि यह त्योहार आधिकारिक मान्यता का हकदार है, और मैं इसे पास करने के लिए सीनेटर रोथमैन के साथ जुड़कर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। वहीं, रोथमैन ने कहा कि दीपावली को आधिकारिक राजकीय अवकाश के रूप में मान्यता देना हमारे राष्ट्रमंडल की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को दिखाता है। उधर, भारतीय अमेरिकी मूल के पेंसिल्वेनिया राज्य के पहले प्रतिनिधि वेंकट ने कानून को पारित करने के लिए सदन की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह कानून महत्वपूर है क ्ण ्योंकि यह पेंसिल्वेनिया की बढ़ती विविधता को दर्शाता है। बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति कार्यालय में भी यह उत्सव धूमधाम के साथ मनाया जाता है और अमेरिकी राष्ट्रपति उसमें हिस्सा लेते हैं। पिछले साल ही न्यूयॉर्क के मेयर एरिक एडम्स ने 2023 से न्यूयॉर्क सिटी स्कूलों में दिवाली के दिन सार्वजनिक छुट्टी की घोषणा की थी। साल 2021 में अमेरिका के वर्ल्डट्रेड सेंटर पर पहली बार दीपावली की थीम पर एनिमेशन किया गया था। अमेरिका के अलावा दुनिया के कई देशों में भी दीपावली को राष्ट्रीय पर्व की तरह मनाया जाता है और उस दिन सार्वजनिक छुट्टी होती है। फिजी, गुयाना, मॉरीशस, म्यांमार, सूरीनाम, श्रीलंका और नेपाल में दीपावली पर सार्वजनिक अवकाश होता है। वहीं, कनाडा, ब्रिटेन, थाईलैंड, मलेशिया जैसे देशों में भी यह पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क अमेरिका के मिशिगन स्टेट हाउस में भारतीय-अमेरिकी समेत तीन विधायकों (Legislators) ने दीवाली और ईद को आधिकारिक अवकाश घोषित करने के लिए विधेयकों का एक सेट पेश किया है। इन विधायकों में भारतीय अमेरिकी रंजीव पुरी, अब्राहम अयश और शेरोन मैकडोनेल हैं। पुरी द्वारा पेश किए गए हाउस बिल 4446 और 4449 दीवाली और वैसाखी को राजकीय अवकाश के रूप में स्थापित करते हैं। वैसे तो सदन में तीनों विधायकों ने मिशिगन में दीवाली, वैशाखी, ईद अल-फितर, ईद अलअधा और लुनार नव वर्ष को आधिकारिक छुट्टी घोषित करने के लिए विधेयक पेश किए हैं। भारतीय अमेरिकी रंजीव पुरी ने कहा कि सांस्कृतिक विविधता का जश्न मनाना एक जीवंत और समावेशी समाज की आधारशिला होती है। इन त्योहारों पर राजकीय अवकाश की मान्यता देकर हम न केवल अपने साथी मिचिगैंडर्स की परंपराओं और विश्वासों के लिए अपना सम्मान दिखा रहे हैं बल्कि हम इसके जरिए समाज में समावेश और एकता का एक शक्तिशाली संदेश भी दे रहे हैं। बता दें कि पुरी डेमोक्रेटिक पार्टी से हैं। पुरी ने कहा कि हिंदू धार्मिक त्योहार दीवाली अंधेरे पर प्रकाश की जीत, बुराई पर अच्छाई और अज्ञानता पर ज्ञान की जीत का त्योहार है जिसका जश्न पूरा हिंदू समाज मनाता है। वहीं वैशाखी हिंदुओं और सिखों दोनो समुदाय द्वारा मनाया जाने वाला त्योहार है। वहीं अन्य विधायक अब्राहम अयश ने बिल 4447 को पेश करते हुए कहा कि ये बिल विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक छुट्टियों को मान्यता देकर हमारे राज्य के विविध ताने-बाने को सजोकर रखता है। इन त्योहारों को आधिकारिक राजकीय अवकाश बनाने से मिशिगन के कई समुदायों को पता चलेगा कि हमारे महान राज्य में सभी के लिए स्थान है। वे हर किसी की तरह अपने त्योहार को भी जश्न के साथ मना सकते हैं। बता दें कि वर्तमान में मिशिगन में 12 आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त छुट्टियां हैं। इनमें क्रिसमस, थैंक्सगिविंग, न्यू ईयर, जुनेथेंथ और मार्टिन लूथर किंग जूनियर डे शामिल हैं। इंडियन अमेरिकी इम्पैक्ट के अनुसार मिशिगन में करीब 9,00,000 एशियाई अमेरिकी रहते हैं। इसमें अधिकतर भारतीय मूल के निवासी हैं। अधिकांश दक्षिण एशियाई मिशिगन के डेट्रायट और आसपास के इलाकों जैसे ट्रॉय, नोवी और फार्मिंग्टन हिल्स में रहते हैं। आपको बता दें कि पेंसिल्वेनिया ने दीवाली को हाल ही में राजकीय अवकाश घोषित कर दिया है। यहां सीनेटर ग्ग रे रोथमैन और निकिल सावल ने इस साल फरवरी में एक विधेयक पेश किया था। शुभकामनाएं: इस राज्य में अब खुलकर मनेगी दीवाली अमेरिका के पेन्सिलवेनिया प्रांत में अब दीपावली पर छुट्टी होगी। यहां इस दिन को राजकीय अवकाश घोषित किया गया है। इस साल फरवरी में पेन्सिलवेनिया में इस उत्सव को आधिकारिक राजकीय अवकाश बनाने के लिए एक कानून पेश किया था। अमेरिका के राष्ट्रपति कार्यालय में भी यह उत्सव हर साल धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस राज्य में दीवाली व अन्य पर्व पर राजकीय अवकाश का विधेयक पेश Photo by Joshi Milestoner / Unsplash Photo by Suchandra Roy Chowdhury / Unsplash Photo : @RanjeevPuri वर्तमान में मिशिगन में 12 आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त छुट्टियां हैं। इनमें क्रिसमस, थैंक्सगिविंग, न्यू ईयर, जुनेथेंथ और मार्टिन लूथर किंग जूनियर डे शामिल हैं। इंडियन अमेरिकी इम्पैक्ट के अनुसारमिशिगन में करीब 9,00,000 एशियाई अमेरिकीरहते हैं। भारतीय अमेरिकी रंजीव पुरी ने कहा कि सांस्कृतिक विविधता का जश्न मनाना एक जीवंत और समावेशी समाज की आधारशिला होती है।
न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 1 मई, 2023 3 l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क उत्तरी अमेरिका में आचार्य श्री योगेश द्वारा स्थापित सबसे बड जैन- ़े हिंदू तीर्थस्थल सिद्धायतन तीर्थ का उद्घाटन 13 मई को डलास के पास टेक्सास के विंडोम में किया जाएगा। ‘आध्यात्मिक डिजनीलैंड’ कहे जाने वाले इस विरासत स्थल में 60 एकड़ के पवित्र स्थलों तक पहुंच होगी। सिद्धायतन तीर्थ में 11,000 वर्ग फुट का जैन-हिंदू मंदिर है। एक आध्यात्मिक रिट्रीट सेंटर, आश्रम और मठ भी है जो भारतीय संस्कृति और प्राचीन आध्यात्मिक शिक्षाओं के संरक्षण के लिए समर्पित है। यही नहीं अहिंसा, एकता और सभी जीवित प्राणियों के लिए सम्मान को भी बढ़ावा देता है। आचार्य योगेश ने कहा कि यह इतिहास का एक महत्वपूर्णक्षण है क्योंकि सिद्धायतन तीर्थ भारत के बाहर अपनी तरह का पहला जैन-हिंदू तीर्थ है। जो लोग उत्तर और दक्षिण अमेरिका में रहते हैं, उन्हें भारत में तीर्थयात्रा करना मुश्किल होता है। अब उन्हें एक ही स्थान पर कई लघु तीर्थस्थलों की यात्रा करने का अनुभव आसानी से मिल सकेगा। टेक्सास स्टेट के सीनेटर जॉन व्हिटमिरे ने कहा कि यह ऐतिहासिक घटना बहु-संस्कृतिवाद और विविधता का प्रतीक है, जो टेक्सास और अमेरिका को एक स्वागत योग्य और समावेशी स्थान बनाता है। धार्मिक स्वतंत्रता हर अमेरिकी का अधिकार है और हम जानते हैं कि यह नामुमकिन नही है। प्स रिलीज में कहा गया है रे कि सिद्धायतन तीर्थ एक गैर-लाभकारी आध्यात्मिक संगठन है। इसका नेतृत्व उत्तरी अमेरिका की जैन साध्वियों, अमेरिकी सेना की सेवाएं दे चुकीं साध्वी सिद्धली श्री और साध्वी अनुभूति कर रही हैं। सिद्धायतन तीर्थ में 11,000 वर्ग फुट का जैन-हिंदू मंदिर है। एक आध्यात्मिक रिट्रीट सेंटर, आश्रम और मठ भी है जो भारतीय संस्कृति और प्राचीन आध्यात्मिक शिक्षाओं के संरक्षण के लिए समर्पित है। ‘आध्यात्मिक डिज़नीलैंड’ कहे जाने वाले इस स्थल में 60 एकड़ में पवित्र स्थल बने हैं। ‘टेक्सास में जैन समुदाय का सबसे बड़ा तीर्थस्थल बनेगा सिद्धायतन तीर्थ’ उत्तरी अमेरिका में जैनियों का धर्मस्थल (फोटो Siddhayatan Tirth) l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क अमेरिका के कैलिफोर्निया प्रांत की सेनेट जूडिशियरी कमेटी ने जातिगत भेदभाव बिल को पारित कर दिया है। अब इस बिल के सीनेट में जाने का रास्ता साफ हो गया है। दूसरी ओर कैलिफोर्निया में हिंदू संगठनों की तरफ से विरोध भी तेज हो गया है। भारतीय मूल के कई अमेरिकी ये मान रहे हैं कि जाति को नीति का हिस्सा बना देने से अमेरिका में ‘हिंदूफोबिया’ (हिंदुओं के प्रति नफरत) की घटनाएं बढ़ सकती हैं। अमेरिका के सबसे पुराने और सबसे बड़े हिंदू संगठनों में से एक विश्व हिंदू परिषद ऑफ अमेरिका से जुड़ेप्रमुख हिंदू संगठनों, भारतीय व्यवसाय और मंदिर से जुड संगठनों ़े आदि ने प्रस्तावित कैलिफोर्निया जाति विधेयक एसबी 403 का विरोध करते हुए बयान जारी किया है। बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में एशियन अमेरिकन होटल ओनर्स एसोसिएशन (AAHOA) भी शामिल है। यह 20,000 सदस्यों के साथ देश का सबसे बड़ा होटल मालिक संघ है। 600 मंदिरों के संगठन हिंदू मंदिर एग्जेक्युटिव कॉन्फ्रेंस (HMEC), हिंदू बिजनस नेटवर्क (HBN) और हिंदू पॉलिसी रिसर्च एंड एडवोकेसी कलेक्टिव, वर्ल्ड हिंदू काउंसिल ऑफ अमेरिका (वीएचपीए) आदि संगठनों ने इसका विरोध किया है। प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा गया है कि बिल ‘जाति’ की एक जटिल और व्यापक परिभाषा प्रस्तुत करता है। इस विधेयक में ‘जाति’ की परिभाषा भारतीय उपमहाद्वीप के हर व्यक्ति और उनके द्वारा चलाए जा रहे व्यवसायों को भेदभाव का संदेह देती है, जिसमें शाकाहार का अभ्यास करने वाले भी शामिल हैं। यह बिल हिंदुओं के खिलाफ उत्पीड़न, भेदभाव, धमकाने और हिंसा को जन्म देगा। होटल व्यवसाय से जुड एएएचओए के बो ़े र्ड सदस्य कल्पेश जोशी ने कहा कि हम इस बिल के सख्त खिलाफ है। इस बिल के पास होने के बाद अब होटल मालिकों और छोटे दुकानों के खिलाफ मनगढ़ंत आरोप लगाए जाएंगे, जिससे चुनौतीपूर आ्ण र्थिक हालात उत्पन्न होंगे, जिससे राज्य को नुकसान होगा। एशियन अमेरिकन शॉप ऑनर एशोसिएशन के अध्यक्ष विपुल पटेल का कहना है कि यह विधेयक गुमराह करने वाला है और सभी भारतीय अमेरिकियों के खिलाफ पूर्वाग्रह को बढ़ावा देगा। हिंदू मंदिरों के संगठन एचएपईसी के संयोजक तेजल शाह ने कहा कि बिल के पारित होने से धर्मों की स्वतंत्रता पर हमले को वैधता मिलेगी और हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया जाएगा। हिंदू बिजनेस नेटवर्क (HBN) के संयोजक का कहना है कि यदि एसबी 403 पास हो जाता है, तो हिंदू और भारतीय कारोबारियों को राजनीतिक और धार्मिक रूप से प्रिरे त मुकदमों से निपटना होगा। हमारा मानना है कि इनमें से कई व्यवसाय तुच्छ मुकदमों से बच नहीं पाएंगे। हम कैलिफोर्निया के सीनेटरों से एसबी 403 को खारिज करने का अनुरोध करते हैं। जाति आधारित बिल का विरोध क्यों कर रहे हैं हिंद संगठन व ू कारोबारी? एशियन अमेरिकन होटल ओनर्स एसोसिएशन (AAHOA), एशियन अमेरिकन स्टोर ऑनर्स एसोसिएशन (AASOA), हिंदू मंदिर कार्यकारी सम्मेलन (HMEC), हिंदू बिजनस नेटवर्क (HBN) औरहिंदू पॉलिसी रिसर्च एंड एडवोकेसी कलेक्टिव (HinduPACT) ने जाति पर आधारित बिल की आलोचना की है। बिल के विरोधियों का कहना है कि यह विधेयक गुमराह करने वाला है और सभी भारतीय अमेरिकियों के खिलाफ पूर्वाग्रह को बढ़ावा देगा। (फोटो : Twitter @HinduAmerican ) अमेरिका में कैलिफोर्निया जाति विधेयक एसबी 403 का विरोध शुरू हो गया है। फोटो : Twitter @HinduAmerican
aparnadave@immigration2us.com 4 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 1 मई, 2023 l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क प्रसिद्ध भारतीय-अमेरिकी आव्रजन वकील शीला मूर्ति को मैरीलैंड चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा 11 मई को प्रतिष्ठित मैरीलैंड बिजनेस हॉल ऑफ फेम में शामिल करके सम्मानित किया जाएगा। समुदाय में प्रमुख व्यापारिक नेताओं के योगदान का सम्मान करने के लिए हर साल मैरीलैंड चैंबर ऑफ कॉमर्स अपने विशेष कार्यक्रम Inspire MD की मेजबानी करता है। शीला मूर्ति दुनिया की प्रमुख यूएस इमिग्शन लॉ फ रे र्मों में से मूर्ति लॉ फर्म की संस्थापक और अध्यक्ष हैं। मूर्ति एक कुशल उद्यमी, परोपकारी, सामुदायिक नेता, सार्वजनिक वक्ता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त यूएस इमिग्शन वकील हैं। रे Inspire MD एटीएंडटी द्वारा किया जाने वाला एक वार्षिक उत्सव है, जो मैरीलैंड के नेताओं, परिवर्तनकारी लोगों, उद्यमियों, संगठनों, प्रभावशाली हस्तियों और पेशेवरों के समुदाय को एक शाम के लिए इकट्ठा करता है जो मैरीलैंड को अद्वितीय बनाने में अहम योगदान देते हैं। चैंबर ने 12 अप्ल को जा रै री एक प्स रे विज्ञप्ति में कहा कि उनके अविश्वसनीय नेतृत्व व उद्यमशीलता कौशल के साथ ही सेवा और परोपकार के माध्यम से उदार योगदान के लिए और दूसरों को उनके सपनों को हासिल करने में मदद करने के लिए मैरीलैंड चैंबर ऑफ कॉमर्स सुश्री शीला मूर्ति को मैरीलैंड बिजनेस हॉल ऑफ फेम में शामिल करके हर्षित है। इस उलपब्धि को लेकर शीला ने कहा कि यह सम्मान मेरे लिए विशेष रूप से महत्व रखता है क्योंकि मैं मैरीलैंड चैंबर ऑफ कॉमर्स और मैरीलैंड चैंबर फाउंडेशन के मिशन में विश्वास करती हूं ताकि एक मजबूत कारोबारी माहौल का समर्थन किया जा सके। यह हमारे महान राज्य और देश में व्यवसाय, व्यक्तियों और परिवारों के लिए जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करता है। मैरीलैंड स्थित मूर्ति लॉ फर्म मैरीलैंड चैंबर ऑफ कॉमर्स का एक सक्रिय सदस्य रहा है। मैरीलैंड चैंबर राज्यव्यापी है और व्यापारिक हितों के उद्शदे्य से महत्वपूर सा ्ण र्वजनिक नीति के मुद्दों पर भागीदारों के गठबंधन के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। अमेरिका के शीर्ष आव्रजन वकीलों में से एक मूर्ति हारर्ड ्व लॉ स्कूल से स्नातक हैं। उन्होंने 1994 में बाल्टीमोर, मैरीलैंड में मूर्ति लॉ फर्म की स्थापना की थी। l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क भारत के नामी उद्योगपति गौतम अडानी के कारोबार पर सवाल खड़ा करने वाले हिंडनबर्ग प्रकरण ने अनिवासी भारतीयों (NRI) को भारत के बाजारों में निवेश को लेकर चिंतित कर दिया है। NRI केंद्रित फिनटेक प्लेटफॉर्म SBNRI द्वारा किए गए एक सर्क्षणवे ने दावा किया है कि अनिवासी भारतीय अडानी समूह की कंपनियों पर छाए संकट के बाद निवेश के लिए विकल्पों की तलाश कर रहे हैं। कई निवेशक अपने शेयर बेचकर कंपनी से किनारा कर चुके हैं। रिपोर्ट बताती है कि ऑस्ट्रेलिया के लगभग 9.7 प्रतिशत NRI अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में निवेश का नेतृत्व करते हैं। यानी सबसे ज्यादा निवेश करते हैं। इनमें से 2.99 प्रतिशत ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट जारी होने के तरुतं बाद अपनी शेयरधारिता (स्वामित्व) बेच दी। यूके और कनाडा में भी ऐसा ही रुझान रहा क्योंकि अडानी समूह की कंपनियों में निवेश करने वाले क्रमशः 4.48 प्रतिशत और 2.24 प्रतिशत NRI ने अपने शेयर बेच दिये। सर्वे में खुलासा हुआ कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के तरुतं बाद अमेरिका, सिंगापुर, जापान और अन्य देशों के अनिवासी भी इसी रास्ते पर चल पड़े और उनमें से कई ने बिना देर किेये अपने शेयर बेच डाले। इस साल जनवरी के अंत में हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा एक रिपोर्ट जारी करने के बाद अडानी कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट आई और अगले कुछ ही हफ्तों में बाजार पूंजीकरण में करीब 100 अरब डॉलर का नुकसान हुआ। रिपोर्ट में कथित तौर पर स्टॉक हेराफेरी और धोखाधड़ी को लेकर कंपनी को कठघरे में खड़ा किया गया था, जिसके कारण भारत के शीर्ष उद्योगपति का कारोबारी साम्राज्य डोलने लगा था। बहरहाल सर्वेक्षण से यह भी पता चला कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अमेरिका के लगभग 4.48 फीसदी अनिवासी अपने निवेश को लेकर बेहद चिंतित हैं। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि ऑस्ट्रेलिया, यूके और अन्य देशों के 8 प्रतिशत से अधिक अनिवासी स्थिति को सहन करने की रणनीति के रूप में अपने निवेश पोर्टफोलियो को पुनर्संतलित ु करने पर विचार कर रहे हैं। इंडिया डे परेड न्यूयॉर्क शहर की सबसे बड़ी सांस्कृतिक घटनाओं में से एक है। यह परेड हजारों लोगों को आकर्षित करती है और साथ ही भारत की सांस्कृतिक विविधता का भी प्रदर्शन करती है। सर्वे में खुलासा हुआ कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के तरुतं बाद अमेरिका, सिंगापुर, जापान और अन्य देशों के अनिवासी भी इसी रास्ते पर चल पड औ़े र उनमें से कई ने बिना देरकिेये अपने शेयर बेच डाले। FIA ने इस साल होने वाली इंडिया डे परेड के लिए की परिषद की पहली बैठक बीते साल की गतिविधियों की जानकारी देते संगठन के सदस्य। सभी फोटो साभार: FIA अडानी-हिड ं नबर्ग प्रकरण के बाद भारत में निवेश को लेकर NRI उलझन में!
न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 1 मई, 2023 5 l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क भारतीय मूल की प्रोफेसर डॉ. नीली बेंदापुडी अमेरिका स्थित पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी की अध्यक्ष हैं। उच्च शिक्षा में उनके योगदान के लिए अमेरिकी आव्रजन परिषद की ओर से उन्हें आप्रवासी उपलब्धि पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार उन व्यक्तियों या संगठनों को दिया जाता है जो आप्रवासी के तौर पर अमेरिकी विरासत के प्रति प्रतिबद्धता और समर्पण प्रदर्शित करते हैं। साथ ही संयुक्त राज्य अमेरिका में निष्पक्ष और मानवीय आव्रजन नीतियों के लिए संघर्ष करते हैं। नीली को यह सम्मान वाशिंगटन, डीसी में 28 अप्ल को रै दिया जाएगा। इस मौके पर नीली बेंदापुडी ने कहा कि मैं इस वर्ष के आप्रवासी उपलब्धि पुरस्कार के लिए सम्मानित महसूस कर रही हूं। संयुक्त राज्य अमेरिका आप्रवासियों का देश है। मैं उन कई लोगों में से एक हूं जो अवसर और समृद्धि की तलाश में इस देश में आए। उन्होंने कहा कि मैं उन सभी छात्रों के लिए प्रतिबद्ध हूं जो सीखने के लिए तैयार हैं। इनमें वे भी शामिल हैं जो मेरी तरह अपने लिए बेहतर जीवन और अपने परिवारों के लिए एक उज्जवल भविष्य के निर्माण की उम्मीद में अपनी डिग्री लेने के लिए इस देश में आए हैं। विशाखापट्टनम में जन्मी नीली बेंदापुडी इस समय पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी की अध्यक्ष हैं। इससे पहले वे केंटकी स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ लुईविल में बतौर अध्यक्ष अपनी सेवाएं दे रही थीं। नीली साल 1996 में भारत से अमेरिका आई थीं और तभी से यहां रह रही हैं। नीली बेंदापुडी शिक्षा जगत से करीब तीन दशकों से जुड़ी हुई हैं और उन्होंने कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं। उन्होंने भारत में आंध्र विश्वविद्यालय से अंग्जी औरे र एमबीए में स्नातक की डिग्री हासिल की है। इसके बाद उन्होंने कंसास विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। उन्हें मार्केटिंग और कंज्यूमर बिहेवियर में महारत हासिल है। हाल ही में नीली बेंडापुड़ी को अमेरिकी विश्वविद्यालय संघ (AAU) के एक कार्य समूह के पांच सह-अध्यक्षों में से चुना गया है, जो संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच अनुसंधान और शैक्षणिक सहयोग को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखता है। अमेरिकी आव्रजन परिषद के कार्यकारी निदेशक जेरेमी रॉबिंस का कहना है कि लगभग 30 वर्षों से उच्च शिक्षा के क्त्र में नीली ने कई मुकाम हा षे सिल किए हैं। उनका करियर छात्र की सफलता, उनकी उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के साथ ही छात्रों, संकाय और कर्मचारियों के लिए अवसर पैदा करने के लिए प्रतिबद्ध है। वह उच्च शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति और व्यक्तियों और समुदायों पर इसके प्रभाव में मजबूती से विश्वास करती हैं। एक आप्रवासी के रूप में उन्होंने नेतृत्व में विविधता की कमी और अल्पसंख्यक समूहों के सामने आने वाली चुनौतियों को लेकर वर्षों तक मार्गदर्शक की भूमिका निभाई है। उच्च शिक्षा में योगदान के लिए डॉ. नीली बेंदापुडी को अमेरिकी आव्रजन परिषद की ओर से 28 अप्रैल को आप्रवासी उपलब्धि पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। विशाखापट्टनम में जन्मी नीली बेंदापुडी इस समय पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी की अध्यक्ष हैं। डॉ. नीली का कहना है कि अमेरिका आप्रवासियों का देश है। भाररतीयय मूल की प् मूल की प्रोफरोफेसरर डॉ. नीली की डॉ. नीली की अमेरिका में क्यों हो रही है चर्चा? डॉ. नीली बेंदापुडी अमेरिका स्थित पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी की अध्यक्ष हैं। (फोटो : ट्विटर @newsindia5) अधिकांश भारतीय छात्रों ने अंग्रेजी को अपनी मुख्य भाषा के रूप में दर्जकिया है। फोटो: Twitter @Dr_Donegan भारततीयय छात्रोंरों कके लिलिए पसंदीदा जगह बना यह देश, बढ़ रही है तादाद l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क इंग्लैंड भारतीय छात्रों के लिए पढ़ने से लेकर नौकरी के लिए नई पसंद बन कर सामने आ रहा है। 2021 की जनगणना के विश्लेषण के अनुसार इंग्लैंड और वेल्स में विदेशी छात्रों में सबसे अधिक संख्या भारतीय छात्रों की है। आंकड़ों के आधार पर यह तथ्य सामने आए कि इस दौरान यहां के उच्च शिक्षा संस्थानों में 43,175 भारतीय छात्रों का नामांकन दर्ज था। लंदन में जनगणना आंकड़ों का विश्लेषण करने वाली संस्था द ऑफिस फॉर नेशनल स्टैटिस्टिक्स (ONS) की तरफ से यह जानकारी दी गई है। मार्च 2021 में इंग्लैंड और वेल्स के लिए आयोजित ऑनलाइन जनगणना की प्रतिक्रियाओं के आधार पर ओएनएस जनगणना के आंकड़ों का विश्लेषण कर रहा है। ओएनएस ने अपने विश्लेषण में पाया कि ब्रिटेन में जन्म न लेने वाली कुल छात्र आबादी में भारत की हिस्सेदारी 11.6 प्रतिशत है। इसके बाद 41,810 छात्रों के साथ चीन का स्थान दूसरे नंबर पर था। यह कुल छात्रों का 11.2 प्रतिशत है। इसमें रोमानिया की 9.5 और नाइजीरिया की हिस्सेदारी 5.3 प्रतिशत थी। अंतरराष्ट्रीय छात्र आबादी का एक तिहाई (33.9 प्रतिशत) लंदन में रहता है। पिछले साल नवंबर में ओएनएस की ओर से जुटाए गए यूके होम ऑफिस के आंकड़ों से पता चला था कि भारतीय छात्रों ने पहली बार ब्रिटेन में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों के सबसे बड़े समूह के रूप में चीन को पीछे छोड़ दिया था। रोजगार की बात करें तो रोमानिया के 21.4 प्रतिशत के बाद भारतीय छात्रों के नौकरी पाने की संभावना (11.9 प्रतिशत) थी। जनगणना के विश्लेषण के मुताबिक अधिकांश भारतीय छात्रों ने अंग्रेजी को अपनी मुख्य भाषा के रूप में दर्जकिया। कुछ छात्रों ने तेलुगु, उर्दू, मलयालम, हिंदी, पंजाबी, बंगाली, गुजराती, तमिल और मराठी भाषाओं को भी दर्ज किया था। ओएनएस के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय छात्रों में ऐसे छात्रों को रखा गया है जो इंग्लैंड और वेल्स में एक सामान्य निवासी है। जिसका जन्म यूके में नहीं हुआ हो, गैर-यूके पासपोर्ट जिसके पास है। ओएनएस का कहना है कि उच्च शिक्षा में अंतरराष्ट्रीय छात्र इंग्लैंड और वेल्स में आबादी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। दुनिया के अन्य देशों से ब्रिटेन आने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्र ट्यूशन फीस आदि के माध्यम से विश्वविद्यालयों की आय में योगदान करते हैं। साथ ही उन समुदायों की अर्थव्यवस्था में भी योगदान करते हैं जिनमें वे रहते हैं। इन छात्रों के आने से ब्रिटेन का आर्थिक तौर पर फायदा होता है। इन छात्रों के निवास का अंतर उम्र के अनुसार अलग-अलग होता है।18 से 25 वर्ष की आयु के अधिकांश छात्र सामुदायिक प्रतिष्ठानों में रहते हैं। 26 वर्ष और उससे अधिक आयु के अधिकांश छात्र एकल या एकाधिक-परिवार के घरों में रहना पसंद करते हैं। बड़ी संख्या में भारतीय छात्र ब्रिटेन पढ़ने जा रहे हैं। पहले चीनी छात्र बड़ी संख्या में यूके जाते थे। लेकिन अब भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है। द ऑफिस फॉर नेशनल स्टैटिस्टिक्स (ओएनएस) के मुताबिक इंग्लैंड और वेल्स में विदेशी छात्रों में सबसे अधिक संख्या भारतीय छात्रों की है।
6 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 1 मई, 2023 classified rajeevb@newindiaabroad.com Book Your l सुनीता सोहराबजी हेडस्पिन के पूर्व सीईओ मनीष लचवानी पर कैलिफोर्निया के उत्तरी जिले के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में 22 मई से ज्यूरी ट्रायल शुरू होने वाला है। लचवानी पर आरोप है कि उसने निवेशकों से कम से कम 80 मिलियन डॉलर ऐंठने के लिए अपनी कंपनी के मूल्य को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया। मुकदमे की अध्यक्षता न्यायाधीश चार्ल्स ब्रेयर करेंगे। ब्रेयर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश स्टीफन ब्रेयर के भाई हैं, जो पिछले साल सेवानिवृत्त हुए थे और उनकी जगह न्यायमूर्ति केतनजी ब्राउन जैक्सन ने ली थी। इस मामले के लिए जूरी चयन 19 मई से शुरू होने वाला है। ब्रेयर के कोर्ट कैलेंडर के अनुसार ट्रायल कम से कम 9 दिनों तक चलने की उम्मीद है। लचवानी पर वायर फ्रॉड के एक मामले और सिक्योरिटीज फ्रॉड के एक मामले का आरोप है। हरेक मामले में अधिकतम 20 साल की सजा हो सकती है। वायर फ्रॉड के आरोप में 250,000 डॉलर और प्रतिभूति धोखाधड़ी के आरोप में 5000 डॉलर का जुर्माना किया जा सकता है। हर्जाना भी देना पड़ सकता है। लचवानी को न्याय विभाग और प्रतिभूति तथा विनिमय आयोग ने आरोपी बनाया है। उसे अगस्त 2021 में गिरफ्तार किया गया था और उस समय उसने दोनों आरोपों में खुद को निर्दोष बताया था। लचवानी ने याचिका समझौते का रुख नहीं किया है। सनीवेल, कैलिफोर्निया स्थित हेडस्पिन दुनिया में कहीं से भी मोबाइल ऐप के परफॉर्मेंस का पता लगाने के लिए आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल करता है। पता चला है कि टी-मोबाइल, फ्लिपकार्ट, ग्लोबो और नेडबैंक जैसी कंपनियां मैन्युअल और स्वचालित परीक्षण करने के लिए हेडस्पिन का उपयोग करती हैं और 100 से अधिक प्रमुख प्रदर्शन संकेतक एकत्र करती हैं जैसे लॉन्च की संख्या, एप्लिकेशन उपयोग की अवधि, डाउनलोड की संख्या, सक्रिय उपयोगकर्ता और प्रभाव समय इत्यादि। लचवानी ने 2015 से 2020 तक ब्रायन कोलवेल के साथ स्थापित की गई कंपनी का संचालन किया और चार दौर की फंडिंग की। आरोप है कि 2019 से 2020 तक कंपनी की सीरीज सी फंडिंग राउंड के दौरान लचवानी ने निवेशकों के लिए सामग्री और प्रस्तुतियों में हेडस्पिन के मूल्य को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया। यही नहीं लचवानी ने अपने लाभ के लिए निवेशकों को कंपनी से जुड़ी और भी गलत जानकारियां दीं। लचवानी को न्याय विभाग और प्रतिभूति तथा विनिमय आयोग ने आरोपी बनाया है। उसे अगस्त 2021 में गिरफ्तारकिया गया था और उस समय उसने दोनों आरोपों में खुद को निर्दोष बताया था। l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने नियमित आकाशवाणी (रडिे यो) कार्यक्रम के जरिए एक बार फिर देशवासियों से बात की। प्रधानमंत्री पिछले नौ सालों से यह कार्यक्रम हर माह के आखिरी रविवार को कर रहे हैं। विशेष बात यह है कि भारत में करोड़ों लोगों ने ‘मन की बात’ की बात को तो सुना ही, साथ ही विदेशों में भी हुए इसके प्रसारण के दौरान अनिवासी भारतीयों व विशेष लोगों ने भी इसे सुना। प्रधानमंत्री का रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम का 100वां एपिसोड था। प्रधानमंत्री मोदी के ‘मन की बात’ एक ऐसा लोकप्रिय कार्यक्रम है, जिसमें देश-विदेश की राजनीति और न ही वहां के राजनैतिक घटनाक्रमों पर बात की जाती है। इस कार्यक्रम में मोदी देश-विदेश के लोगों से सीधे बात करते हैं और उनके दुख-सुख साझा करते हैं। विशेष बात यह है कि पीएम इस कार्यक्रम में आम लोगों की बड़ी उपलब्धियों की जानकारी लोगों तक पहुंचाते हैं और उनसे प्रेरणा लेने का आग्रह करते हैं। इस बेहद भावुक कार्यक्रम में उन लोगों के बारे में भी जानकारी दी जाती है, जो अपने समाज या क्त्र में बड षे ़े सामाजिक कार्य कर रहे है। इस कार्यक्रम में लोग प्रधानमंत्री से बात कर बेहद प्रसन्न और भावुक नजर आते हैं। पीएम के ‘मन की बात’ की 100वीं कड़ी में अलग अलग क्त्र से देशभ षे र से100 लोगों को चुना गया है। इस एपिसोड का लाइव प्रसारण भारत में 4 लाख सेंटरों में किया गया। पीएम मोदी के ‘मन की बात’ का यह विशेष प्रसारण संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में भी किया गया। यूएन ने ट्वीट में कहा ऐतिहासिक क्षण के लिए तैयार हो जाइए। पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम का 100वां एपिसोड का लाइव प्रसारण UN मुख्यालय में ट्रस्टीशिप काउंसिल चैंबर में भी दिखाया जाएगा। इस क्षण को ऐतिहासिक माना जा रहा है। दूसरी ओर न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूतावास में भी इस कार्यक्रम को सुना गया। प्रवासी भारतीयों ने सामुदायिक संगठन के साथ मिलकर भारतीय-अमेरिकी और प्रवासी समुदाय के लिए न्यू जर्सी में इस कार्यक्रम को प्रसारित किया। इस कार्यक्रम में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भी शामिल हुए। दूसरी ओर लंदन में इसके प्रसारण से पहले केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी प्रवासी भारतीयों से बातचीत की। दूसरी ओर माइक्रो साफ्ट के सहसंस्थापक बिल गेट्स ने‘मन की बात’ को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई दी है। एक ट्वीट में बिल गेट्स ने कहा कि इस कार्यक्रम से स्वच्छता के प्रति सामुदायिक कार्य, स्वास्थ्य, महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और स्थायी विकास लक्ष्यों से संबंधित विषयों को प्रेरणा मिलती है। लंदन में प्रवासी भारतीयों का कहना था कि पीएम मोदी ने विदेशों में भारतीय प्रवासियों का सम्मान बढ़ाया है। विशेष बात यह है कि मोदी के ‘मन की बात’ को भारत की 22 भाषाओं के अलावा 29 बोलियों में भी प्रसारित किया जाता है। इसके अलावा इस कार्यक्रम को विदेशी भाषाओं फ्च, रें चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी, बलूची, अरबी, पश्तू, फारसी, दारी और स्वाहिली सहित 11 विदेशी भाषाओं में प्रसारित किया जाता है। विशेष बात यह है कि प्रधानमंत्री मोदी का ‘मन की बात’ कार्यक्रम अनूठा और विलक्षण हैं, जहां वह सीधे देशवासियों के सुख-दुख के साथ जुड़ते हैं। ‘मन की बात’ प्रधानमंत्री मोदी की रडिे यो के माध्यम से देश-विदेश के भारतीयों से जुड़ने का एक प्रभावी कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम ने पारंपरिक रडिे यो प्रसारण को एक बार फिर से जनता को जोड़ा है। ‘मन की बात’ के जरिए प्रधानमंत्री विभिन्न मसले मांगते हैं और फिर बाद में उस पर बात करते हैं। यह कार्यक्रम देश विदेश की आम जनता तक पहुंचे इसके लिए भारतीय दूरदर्शन के 34 और लगभग 91 निजी सैटेलाइट टीवी चैनल पूरे देश में इस रडिे यो कार्यक्रम का प्रसारण करते हैं। इसके अलावा एक अलग ट्विटर हैंडल ‘मन की बात अपडेट्स’ बनाया गया है जो इस कार्यक्रम में दौरान उठाए गए मसलों के बारे में अपडेट देता है। प्रधानमंत्री मोदी के ‘मन की बात’ एक ऐसा लोकप्रिय कार्यक्रम है, जिसमें देश-विदेश कीराजनीति और न ही वहां के राजनैतिक घटनाक्रमों पर बात की जाती है। इस कार्यक्रम में मोदी देश-विदेश के लोगों से सीधे बात करते हैं और उनके दुख-सुख साझा करते हैं। भारत के अलावा समुद्र-पार भी सुनी गई पीएम मोदी के ‘मन की बात’ लचवानी के खिलाफ ज्यूरी ट्रायल 22 मई से, निवेशकों से बड़े फ्रॉड का आरोप आरोपी मनीष लचवानी। Photo by Jon Tyson / Unsplash
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8 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 1 मई, 2023 विविशेष: भा शेष: भाररतीययता वैश् ता वैश्विविक विविचारर है जो सररहदी सीमाएं हदी सीमाएं मिमिटाने का द टाने का दर्श र्शन देती है... न देती है... l बुद्धदेब पांड्या एमबीई कहते हैं कि आप किसी भारतीय को भारत से बाहर तो ले जा सकते हैं मगर उससे उसकी भारतीयता नहीं छीन सकते। अपने जीवन और बेहतर रोजगार की तलाश में आजादी के बाद से ही हजारों की संख्या में भारतीयों ने दुनिया के कितने ही देशों का रुख किया। कई चुनौतियों का सामना किया। नई धरती पर नई भाषा के साथ नए मूल्य और व्यावहारिकताओं को आत्मसात किया। वे प्रवासी धरती के सार्वजनिक जीवन में रम तो गए लेकिन रहे भारतीय। उनकी भावनात्मक पहचान अब भी भारतीय है। उनके दिल और आत्माओं में भारत और भारतीयता बसी हुई है। हालांकि परदेसी जमीन पर नई नस्लों ने जन्म लिया लेकिन एक डोर है जो उन्हे सात समंदर पार अपने देश और अपनी धरती से बांधे रहती है। हम अक्सर उस भूमि की ओर देखते हैं जिसे हम अपनी आध्यात्मिक दुनिया के रूप में जानते हैं। मैं एक हिंदू ब्राह्मण हूं। विदेशी धरती पर भी मेरी पहचान यही है। एक तरफ भारत है जिसके दर्शन और संस्कृति से हम वाकिफ हैं और दूसरी तरफ कुछ विकसित माने जाने वाले समाज हैं जिनके विचार और व्यवहार से हम अवगत होते जा रहे हैं। कई मामलों में सोच समान हो सकती है लेकिन व्यवहार के स्तर पर जिस उदारता की बात भारत करता है उसी उदारता की परिभाषा विकसित जगत में जुदा है। भारत का दर्शन पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में देखता है। कुछ देशों का व्यवहार इस विचार को अलग तरह से देखने का है। लेकिन फिर भी कुछ है जो हमें एक साथ सभी के लिए समानता से बांधता है। मेरी भारतीयता की विचारधारा में सांस्कृतिक विरासत है जो समान होने और विश्वास व संस्कृतियों की विविधता को गले लगाने की वकालत करती है। मेरे हिंदू धर्म का अभ्यास करने का मेरा अधिकार अन्य धर्मों के अनुयायियों के बीच समान सम्मान और अधिकारों को खड़ा करता है। लेकिन वर्चस्व मेरे वैदिक मूल्यों से परे है। हमने अत्याचार के एक असहनीय स्तर पर क्रूरता को सहन किया, जबकि भारतीयता का मेरा सपना एक नई यात्रा के एक स्वतंत्र और समावेशी साहसिक कार्य को सुरक्षित करने के लिए एक विशाल बलिदान देने का विरोध करता है। एक राष्ट्र जिसके पास एक दृष्टि है जो दूसरों पर नस्लीय वर्चस्व की शाश्वत विचारधारा पर आधारित है। निसंदेह यह भारत की विचारधारा नहीं है। बेशक, मैं विविधता का हामी हूं। लेकिन हमारी विविधता समानता और न्याय की जमीन से उपजी है। इसमें हरेक आंख से आंसू पोंछने का निर्मल और मानवीय विचार है। एक आंख यह देखती है और दूसरी आंख अन्य की आंख से आंसू पोंछकर उसे भी सशक्त बनाने की चाहत रखती है। (लेखक वर्तमान में ब्रिटिश इंडियन साइकियाट्रिक एसोसिएशन के नीति और शासन के निदेशक, औपचारिक रूप से ब्रिटिश इंटरनेशनल डॉक्टर्स एसोसिएशन के मुख्य अधिकारी) मेरी भारतीयता की विचारधारा में सांस्कृतिक विरासत है जो समान होने औरविश्वास व संस्कृतियों की विविधता को गले लगाने की वकालत करती है। मेरे हिंदू धर्म का अभ्यास करने का मेरा अधिकार अन्य धर्मों के अनुयायियों के बीच समान सम्मान और अधिकारों को खड़ा करता है। लेकिन वर्चस्व मेरे वैदिक मूल्यों से परे है। l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क ब्रिटेन में 60 से अधिक मोपेड ड्राइवरों को गिरफ्तार किया गया है। इन पर अवैध रूप से देश में घुसने और फूड डिलीवरी कंपनियों के लिए अवैध रूप से काम करने का आरोप है। गिरफ्तार लोगों में कई भारतीय भी हैं। यूके सरकार का कहना है कि देश में अवैध रूप से आए लोगों के खिलाफ सप्ताह भर तक चलाए गए अभियान के दौरान ये गिरफ्तारियां की गई हैं। गिरफ्तार लोगों में भारतीयों के अलावा ब्राजील और अल्जीरियाई के नागरिक भी हैं। इन्हें अवैध रूप से काम करने और फर्जी दस्तावेज रखने आदि आरोपों में पकड़ा गया है। गिरफ्तार 60 लोगों में से 44 लोग तब तक गृह मंत्रालय की हिरासत में रहेंगे जब तक कि उन्हें ब्रिटेन से निकाल नहीं दिया जाता। बाकी 16 लोगों को आव्रजन जमानत पर रिहा कर दिया गया है। सरकार को उम्मीद है कि इस कार्रवाई से ब्रिटेन में अवैध रूप से घुसपैठ करने वाले लोग खुद ही देश छोड़कर जाने पर मजबूर हो जाएंगे। ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने ताजा आंकड़े भी जारी किए हैं जिनमें दावा किया गया है कि यूके में अवैध रूप से घुसपैठ करने वालों में भारतीय दूसरा सबसे बड़ा समूह है। ये लोग छोटी नौकाओं पर गैरकानूनी तरीके से इंग्लिश चैनल पार करके आते हैं। मंत्रालय ने आंकड़े बताते हुए कहा कि इस साल जनवरी से मार्च के बीच ही 675 ऐसी घटनाएं दर्ज की गई हैं। ब्रिटेन की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने कहा कि इन अवैध कामगारों से हमारे नागरिकों को नुकसान होता है। ईमानदार कर्मचारियों को नौकरियां नहीं मिलतीं। सरकारी खजाने को भी घाटा झेलना पड़ता है। भारतीय मूल की मंत्री सुएला ने कहा कि हम अपने कानूनों और सीमाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रधानमंत्री ऋषि सुनक का भी यही मानना है। ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने ताजा आंकड़े भी जारी किए हैं जिनमें दावा किया गया है कि यूके में अवैध रूप से घुसपैठ करने वालों में भारतीय दूसरा सबसे बड़ा समूह है। ये लोग छोटी नौकाओं पर गैरकानूनी तरीके से इंग्लिश चैनल पार करके आते हैं। UK ने ‘घुसपैठियों’ के खिलाफ छेड़ा अभियान, गिरफ्तार 60 लोगों में कई भारतीय Photo by Rowan Freeman / Unsplash फोटो: @Buddhdev17 की Twitter वॉल से।
न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 1 मई, 2023 9 l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क अमेरिका में भारतीय मूल के सांसद रो खन्ना ने दोनों देशों के मजबूत रिश्तों की वकालत की है। खासतौर से चीन के भारत के प्रति रवैये और उसकी रूस से नजदीकियों के मद्नजदे र। सिलिकॉन वैली से प्रतिनिधि सभा के सदस्य खन्ना ने कहा है कि अमेरिकी कांग्स रे में भारतीय-अमेरिकियों का लक्ष्य दोनों देशों के संबंधों की मजबूती होना चाहिए। रो खन्ना ने 26 अप्ल को एक रै दिवसीय अमेरिका-भारत शिखर सम्मेलन से पहले संवाददाताओं से कहा कि एक विचार के रूप में यह एक सतही अवधारणा है कि भारतीयअमेरिकी भारतीय समाज को नया रूप दे सकते हैं। अलबत्ता हम अपने मूल्यों की पुष्टि तो कर ही सकते हैं और उनके बारे में साफसाफ बोल भी सकते हैं। खन्ना ने कहा कि हम आशा करते हैं कि यह एक ऐसा मॉडल है जिसे अन्य लोग प्रेरक के रूप में देखेंगे। इसीलिए कांग्स में भा रे रतीयअमेरिकियों का लक्ष्य बुनियादी मूल्यों के लिए बोलना जारी रखना होना चाहिए। इसी के साथ उन मूल्यों के लिए खड होना औ ़े र जहां हमें लगता है कि उन मूल्यों को बनाकर नहीं रखा जा रहा वहां बोलना आवश्यक है। इसीलिए हमे अपने रिश्तों को मजबूत करना चाहिए। रूस-यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में खन्ना ने कहा कि मॉस्को-बीजिंग की निकटता के मद्नजदे र भारत रूस को एक ‘सुरक्षित’ मित्र के रूप में देखे इसकी संभावना नहीं है। लेकिन सामरिक स्थितियों के लिहाज से इस नाते अमेरिका भारत का एक भरोसेमंद सहयोगी है। उन्होंने कहा कि चीन के खिलाफ ‘सर्वोत्तम बचाव’ की दृष्टि से अमेरिका के साथ अधिक मजबूती से जुड़ना भारत के हित में है और यह भारतीय विदेश नीति का एक महत्वपूर्णहिस्सा भी रहा है। खन्ना के मुताबिक भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर स्पष्ट हैं कि इसका मतलब यह नहीं है कि वह अमेरिका में हमारे हितों के साथ आंखें मूंदकर कदमताल करेंगे, लेकिन वह इस समय रेखांकित करना चाहते हैं कि यह (भारत-अमेरिका के रिश्तों में सार्वजनिक मजबूती) रणनीतिक रूप से महत्वपूर है। ्ण l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क सिलिकॉन वैली के एक प्रख्यात भारतीयअमेरिकी समुदाय नेता ने अमेरिकी सांसदों से आग्रह किया है कि ग्रीन कार्ड पर लगी 7 प्रतिशत की पाबंदी को हटाया जाए। अजय जैन भुटोरिया का कहना है कि सबसे अधिक मांग वाले इस आवासीय दस्तावेज पर देश-विशिष्ट सीमा ने व्यापक बैकलॉग खड़ा कर दिया है। ग्रीन कार्ड अमेरिका में अप्रवासियों को जारी किया गया वह दस्तावेज है जो इस बात का प्रमाण है कि वाहक को देश में स्थायी रूप से रहने का विशेषाधिकार दिया गया है। बुधवार को यूएस कैपिटल में आयोजित अमेरिका-भारत शिखर सम्मेलन में भुटोरिया ने पूछा कि अगर H-1 वीजा पर पाबंदी नहीं है तो ग्रीन कार्ड पर क्यों है। भुटोरिया अमेरिका में बसे भारतीय मूल के अमेरिकी उद्यमी और समुदाय नेता हैं। सम्मेलन का आयोजन भारतीय-अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने कांग्सनल इं रे डिया कॉकस के सह-अध्यक्ष के रूप में किया था। सम्मेलन में भुटोरिया ने कहा कि जब हमारे पास अपनी कंपनियों, व्यवसायों और अर्थव्यवस्था का समर्थन करने के लिए H-1 वीजा देने की कोई देश-सीमा नहीं है तो ग्रीन कार्ड जारी करने की देश सीमा क्यों होनी चाहिए? कुछ देशों के व्यक्तियों को ग्रीन कार्ड जारी करने पर प्रति-देश की सीमाएं दरअसल संख्यात्मक सीमाएं हैं। आप्रवासन कानून में प्रत्येक वर्ष लगभग 140,000 रोजगारआधारित ग्रीन कार्ड जारी करने का प्रावधान है। हालांकि उन ग्रीन कार्डों में से केवल सात प्रतिशत कार्ड ही सालाना किसी एक देश के व्यक्तियों के पास जा सकते हैं। भुटोरिया ने कहा कि भारत से 1,80,000 से 1,90,000 छात्र अमेरिका में पढ़ने के लिए आते हैं। उनमें से 50,000-60,000 को H-1B वीजा मिलता है और देश की सात प्रतिशत कैप (पाबंदी) सीमा के कारण हर साल केवल 2,000 को ग्रीन कार्डमिलता है। बाकी आवेदक अमेरिका नें अनिश्चित जीवन जीते हैं। लिहाजा सांसदों से आग्रह है कि ग्रीन कार्ड पर लगी यह 7 फीसदी की देश-सीमा हटाई जाए। रूस-यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में खन्ना ने कहा कि मॉस्को-बीजिंग की निकटता के मद्नजदे र भारत रूस को एक ‘सुरक्षित’ मित्र के रूप में देखे इसकी संभावना नहीं है। लेकिन सामरिक स्थितियों के लिहाज से इस नाते अमेरिका भारत का एक भरोसेमंद सहयोगी है। भुटोरिया ने कहा कि जब हमारे पास अपनी कंपनियों, व्यवसायों और अर्थव्यवस्था का समर्थन करने के लिए H-1 वीजा देने की कोई देश-सीमा नहीं है तो ग्रीन कार्ड जारी करने की देश सीमा क्यों होनी चाहिए? भारत और अमेरिका के मजबूत रिश्ते रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण: रो खन्ना रूस-यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में खन्ना ने कहा कि मॉस्को-बीजिंग की निकटता के मद्नजर दे भारत रूस को एक ‘सुरक्षित’ मित्र के रूप में देखे इसकी संभावना नहीं है। भुटोरिया अमेरिका में बसे भारतीय मल ू के उद्यमी और समुदाय नेता हैं। सांसदों से भुटोरिया ने किया आग्रह, ग्रीन कार्ड से 7% की पाबंदी हटाई जाए
10 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 1 मई, 2023 l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क भारतीय मूल के आठ अमेरिकी छात्रों को ‘द पॉल एंड डेजी सोरोस फेलोशिप फॉर न्यू अमेरिकन्स’ से सम्मानित किया गया है। ये सभी उन 30 लोगों में शामिल हैं, जिन्हें आगे अध्ययन में सहायता के तौर पर हरेक को 90 हजार डॉलर की राशि दी जाएगी। फेलोशिप के निदेशक क्रेग हारवुड ने कहा कि आप्रवासियों ने अमेरिका को मजबूत बनाया है। पॉल एंड डेजी सोरोस फाउंडेशन के अनुसार इनकी उपलब्धियों और अध्ययन के क्त्र में षे संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए सार्थक योगदान देने की इनकी क्षमता के लिए इन्हें चुना गया है। इनमें भारतीय मूल के ध्रुव गौड़, श्यामला रामकृष्ण, जसप्रीत कौर, ओमर एम खान, नाथन मल्लिपेड्डी, अर्जुन मेंटा, वैभव मोहंती, शौमिक वर्मा को लगभग 2,000 आवेदकों में से चुना गया है। ध्व गौ रु ड़: ध्रुव गौड़ ने ब्राउन विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि हासिल की है। उन्होंने सार्वजनिक स्वास्थ्य और अर्थशास्त्र का अध्ययन किया है। ध्रुव गौड़ ने अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल करते हुए अग्नाशय कैंसर अनुसंधान के लिए एक एक लाख डॉलर से अधिक रकम जुटाए थे। स्नातक होने के बाद से उन्होंने हारर्ड ्व में प्री-डॉक्टरेट रिसर्च फेलो के रूप में काम किया है। वह अर्थशास्त्र में पीएचडी करना चाहते हैं। श्यामला रामकृष्ण: राजनीति और अर्थशास्त्र से स्नातक कर्नाटक संगीत की जानकार श्यामला अपने बैंड ‘फोरगर’ में प्रमुख गायिका हैं। येल में उन्होंने एक गायन समूह ‘शेड्स’ का निर्देशन किया है जो अमेरिका के वंचित पब्लिक स्कूलों में मुखर संगीत कार्यशालाओं का आयोजन करता है। उन्होंने अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन में कानूनी अनुसंधान और एशियाई अमेरिकी कला गठबंधन में कला प्रशासन में काम किया है। नाथन मल्लिपेड्डी: नाथन ने महत्वपूर्ण चिकित्सा संसाधनों के साथ हकलाने वाले लोगों के लिए माईस्पीच की स्थापना की। माईस्पीच ने 25 से अधिक देशों में हकलाने वाले 30,000 से अधिक लोगों के बोलने की गुणवत्ता में 90% सुधार किया है। इसके साथ ही चिकित्सा पर लागत में 15 गुना कमी की है। वर्तमान में वह हारर्ड ्व मेडिकल स्कूल और स्टैनफोर्ड ग्जुएट रे स्कूल ऑफ बिजनेस में एमडी / एमबीए के छात्र हैं। अर्जुन मेंटा: जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय से एमडी की पढ़ाई कर रहे अर्जुन मेंटा न्यूरो सर्जरी में एक कुशल शोधकर्ता हैं और उनके पास उनके शोध पर आधारित कई पेटेंट हैं। उन्होंने इंजीनियरिंग, डेटा विज्ञान और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) में भी शोध किया है। उनका उद्शदे्य चिकित्सा की एक ऐसी दुनिया बनानी है जो निरतरं नए नए शोध के कार्य में जुटा है। जसप्रीत कौर: जसप्रीत फिल्मों के माध्यम से समाज में परिवर्तन लाना चाहती हैं। वह ब्राउन गर्ल जॉय प्रोडक्शंस की सह-संस्थापक हैं। यह संस्था अल्पसंख्यक समुदायों के हितों की बातें फिल्में के माध्यम से करता है। अमेरिका में 9/11 आतंकी हमले के बाद मुसलमानों के खिलाफ नफरती माहौल को खत्म करने के लिए उन्होंने फिल्में बनाकर मुख्यधारा की मीडिया को चुनौती दी थी। ओमर एम खान: ओमर न्यू ऑरलियन्स लुइसियाना के रहने वाले हैं। वह स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में स्टेम सेल जीव विज्ञान में एमडी/पीएचडी कर रहे हैं। येल में उन्होंने आणविक, सेलुलर और विकासात्मक जीव विज्ञान और वैश्विक स्वास्थ्य पर अध्ययन किया है। हाई स्कूल में अपने शोध प्रदर्शन के बाद उन्होंने प्रोफेसर रिचर्ड फ्लेवेल की प्रयोगशाला में शोध पर चार साल बिताए हैं। वैभव मोहंती: बतौर वैज्ञानिक वैभव गंभीर बीमारियों से निपटने के लिए नए चिकित्सीय दृष्टिकोण विकसित करने की इच्छा रखते हैं। वह हारर्ड ्व विश्वविद्यालय और एमआईटी में रसायन विज्ञान में एमडी / पीएचडी हैं। उन्होंने 2019 में रसायन विज्ञान (सिद्धांत) में मास्टर डिग्री और संगीत के साथ रसायन विज्ञान, भौतिकी में स्नातक की की उपाधि हासिल की है। भौतिकी अनुसंधान के लिए 2018 में वह बैरी गोल्ड वाटर छात्रवृत्ति हासिल कर चुके हैँ। शौमिक वर्मा: प्रदूषण के कारण अपने चाचा को खोने के बाद शौमिक ने फैसला लिया था कि स्वच्छ ऊर्जा के लिए अपना जीवन समर्पित कर देंगे। ड्यूक विश्वविद्यालय में मैकेनिकल इंजीनियरिंग का अध्ययन करने के दौरान उन्होंने ड्यूक इलेक्ट्रिक वाहन टीम को ईंधन क्षमता को विकसित करने के लिए दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्सतक पहुंच बनाने में मदद की। भारतीय मूल के 8 छात्रों ने ऐसा क्या किया कि हर एक को मिले 90 हजार डॉलर? भारतीय मल ू के 8 छात्रों को मिला ‘द पॉल एंड डेजी सोरोस फेलोशिप फॉर न्यू अमेरिकन्स’ (फोटो : pd soros)
न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 1 मई, 2023 11 l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क हुरुन द्वारा हाल ही में जारी की गई विश्व की शीर्ष 100 यूनिकॉर्न सूची में छह भारतीय कंपनियों को शामिल किया गया था। भारत ने इस वर्ष 68 यूनिकॉर्न्स के साथ सूचकांक में तीसरा स्थान बरकरार रखा है। इनमें पेमेंट और बैंकिंग प्लेटफॉर्म रेजरपे, एडटेक स्टार्टअप बायजू, फूडटेक प्लेटफॉर्म स्विगी और फैंटेसी गेमिंग कंपनी ड्रीम11 शामिल हैं। हुरुन की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में सबसे ज्यादा यूनिकॉर्न हैं। उसके बाद चीन का नंबर है। सोशल मीडिया फर्म बाइटडांस 200 अरब डॉलर की कुल संपत्ति के साथ यूनिकॉर्न सूची में सबसे ऊपर है। इसके बाद एलन मस्क का स्पेसएक्स और एंट ग्प है। रु भारत का सर्वोच्च रैंक वाला यूनिकॉर्न बायजू 14वें स्थान पर है। इसके बाद गेमिंग प्लेटफॉर्म ड्रीम11 और लोकप्रिय ऑन-डिमांड डिलीवरी साइट स्विगी 84वें स्थान पर है। दोनों का मूल्यांकन 8 बिलियन डॉलर है। एसएएएस कंपनी नेटस्कोप, राइडशेयर ऐप ओला और फिनटेक फर्मरेजरपे संयुक्त रूप से 94वें स्थान पर हैं। देश के बाहर भारतीयों द्वारा स्थापित कई यूनिकॉर्न भी हैं। इस लिहाज से इंस्टाकार्ट रैंकिंग और मूल्यांकन के मामले में सूची में अग्रणी है। टॉप 100 लिस्ट में पहुंचने पर रेजरपे के सीईओ हर्षिल माथुर कहते हैं कि हम दुनिया के शीर्ष 100 यूनिकॉर्न्स में सूचीबद्ध छह भारतीय स्टार्टअप्स में से एक के रूप में पहचाने जाने पर रोमांचित हैं। यह न केवल रेजर बल्कि हमारे ग्राहकों और उद्योग भागीदारों के लिए भी एक खुशी का क्षण है। इसी के साथ यह भारत के वित्तीय क्त्र की अपा षे र क्षमता के प्रमाण के रूप में भी देखा जा सकता है जो हमारे देश की क्षमताओं का प्रदर्शन करता है। रेज़रपे एक फुल-स्टैक वित्तीय सेवा कंपनी है जो किसी भी व्यवसाय के लिए भुगतान और बैंकिंग के लिए मजबूत तकनीक पर निर्मित व्यापक और नवीन समाधानों के साथ भारतीय व्यवसायों की मदद करती है। भारत के शीर्ष-5 यूनिकॉर्न... * बायजू सबसे बड़ा और दुनिया का 14वां बड़ा यूनिकॉर्न है। इसका मूल्यांकन 22 अरब डॉलर है। * ड्रीम11 और स्विगी 8-8 अरब डॉलर के मूल्यांकन के साथ भारत के दूसरे बड़े यूनिकॉर्न हैं। * भारत में ओला और रेजरपे तीसरे स्थान पर हैं, मूल्यांकन 7.5-7.5 अरब डॉलर है। * ओयो 6.5 अरब डॉलर के साथ भारत के चौथे और क्रेड 6.4 अरब डॉलर के साथ पांचवें स्थान पर है। * बायजू दुनियाभर के उन शीर्ष-10 यूनिकॉर्न में भी शामिल है, जिसके मूल्यांकन में कोविड19 महामारी से पहले के समय से ही भारी उछाल देखने को मिला। * Hurun Global: हुरुन वर्ष 1998 में लंदन में स्थापित एक प्रमुख शोध, लक्जरी प्रकाशन और इवेंट ग्प है। इसके भा रु रत, चीन, फ्रांस, यूके, यूएसए, ऑस्ट्रेलिया, जापान, कनाडा और लक्ज़मबर्ग में कार्यालय हैं। इसे दुनिया भर के सबसे धनी व्यक्तियों के व्यापक मूल्यांकन के लिए दुनिया भर में व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है। अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने कहा कि 45 लाख की आबादी वाला भारतीय अमेरिकी समुदाय तकनीक, होटल, परिवहन, स्वास्थ्य देखभाल, वित्त और कृषि सहित विविध क्षेत्रों में प्रत्यक्ष तौर पर योगदान करता है। लेकिन नीतिगत मामलों पर उनके मुद् औदे रचितं ाएं हिल पर प्रतिबिबितं नहीं होती हैं। भारत का सर्वोच्च रैंक वाला यूनिकॉर्न बायजू 14वें स्थान पर है। इसके बाद गेमिंग प्लेटफॉर्म ड्रीम11 और लोकप्रिय ऑन-डिमांड डिलीवरी साइट स्विगी 84वें स्थान पर है। दोनों का मूल्यांकन 8 बिलियन डॉलर है। भाररतीयय प्रप्रवासिय सियों व अमेरिकी कांग्स की रे ‘अग्रणी भूमिका’ पर चर्चा रेजरपे के संस्थापक हर्षिल माथुर। Hurun Global की यूनिकॉर्नलिस्ट में टॉप 100 में छह भारतीय कंपनियां l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने वाशिंगटन में भारतीय अमेरिकियों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय प्रवासी और अमेरिकी कांग्स ने दोनों देशों के बीच रे संबंधों को मजबूत बनाने में अग्रणी भूमिका निभाई है। गत 27 अप्ल को रै यूएस कैपिटल में इंडिया एडवोकेसी डे मनाया गया था। कार्यक्रम में 70 से अधिक सांसद शामिल हुए थे। भारत और भारत से संबंधित सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मामलों पर अध्ययन करने वाले अमेरिका स्थित गैर-लाभकारी संगठन फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज (FIIDS) ने यह कार्यक्रम आयोजित किया था। संधू ने कार्यक्रम में कहा कि यह देखकर बड़ा अच्छा लग रहा है कि भारतीय अमेरिकी समुदाय कैपिटल हिल पर इतना सक्रिय है। उन्होंने कहा कि 45 लाख की आबादी वाला भारतीय अमेरिकी समुदाय तकनीक, होटल, परिवहन, स्वास्थ्य देखभाल, वित्त और कृषि सहित विविध क्षेत्रों में प्रत्यक्ष तौर पर योगदान करता है। लेकिन नीतिगत मामलों पर उनके मुद् औदे र चितं ाएं हिल पर प्रतिबिबित ं नहीं होती हैं। हम यहां प्रभाव डालने के लिए हैं ताकि समुदाय की आवाज सुनी जाए। राजदूत ने कहा कि हम मुख्य रूप से दीर्घकालिक रणनीतिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जिनमें कंट्री वाइज कोटा और H-1B वीजा जैसे आव्रजन मुद्दों से लेकर भारत के सभी धर्मों के प्रति धार्मिक-फोबिया का समाधान और भारतअमेरिकी संबंधों को गहरा करना हैं। भारत और अमेरिका के बीच ICET, Quad और I2U2 के जरिए गहरे संबंध बन रहे हैं। वहीं कार्यक्रम में मौजूद भारतीय अमेरिकी कांग्सी रे रो खन्ना ने कहा कि मुझे जो प्रतिक्रिया मिलती है, वह यह है कि भारतीय अमेरिकी समुदाय ने बहुत प्रभावी तरीके से अपनी जगह बनाई है। इसके लिए पूरे समुदाय को खुद पर गर्व होना चाहिए। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारतीय अमेरिकी समुदाय अपना विकास करना जारी रखेगा। हमारी भागीदारी न केवल भारतीय अमेरिकी समुदाय के लिए बेहतर है बल्कि पूरे संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए अच्छी है। ऐसे ही अन्य भारतीय अमेरिकी कांग्सी रे राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि भारतअमेरिका की मजबूत साझेदारी के पीछे भारतीय अमेरिकी समुदाय है जो पुल की तरह काम कर रहा है और दोनों देशों के एक साथ लाता है। कार्यक्रम में भारतीय अमेरिकी कांग्सी श् रे री थानेदार ने व्यापक आव्रजन सुधार का आह्वान किया और ग्रीन कार्ड जारी करने में कंट्री वाइज कोटा हटाने के लिए FIIDS की सिफारिशों का समर्थन किया। उन्होंने टैक कर्मचारियों के लिए हर साल अमेरिका द्वारा जारी किए जाने वाले H-1B वीजा की संख्या बढ़ाने का भी आह्वान किया। USISPF के अध्यक्ष मुकेश अघी ने इस मौके पर कहा कि भारत की आर्थिक समृद्धि अमेरिका और उसकी कंपनियों के लिए अच्छे संकेत हैं और सैन्य रूप से मजबूत भारत क्षेत्रीय स्थिरता के लिए जरूरी है।
राष्ट्रपति बाइडेन ने भरी एक चुनौतीपूर्ण यात्रा की हुंकार अमेरिका में अगले साल होने वाली सबसे बड़ी सियासी जंग के लिए आखिरकार राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी हुंकार भर दी है। एक दृष्टि से और कई वर्गों में इससे अनुमानित राहत की लहर है कि बाइडेन ने अपना मन बना ही लिया। लेकिन पिछले कई महीनों में उन्होंने इस तरह के पर्याप्त संकेत दिये कि वह एक ऐसे कार्यालय की दौड़ में शामिल हो रहे हैं जो निश्चित रूप से अमेरिका के लिए उनकी 50 साल या उससे अधिक की प्रतिष्ठित सेवा का अंतिम ‘पड़ाव’ होगा। अगर चुने गए तो उस समय बाइडेन 82 साल के होंगे और जब उनका कार्यकाल खत्म होगा तो 86 के हो चुके होंगे। अब चूंकि बाइडेन अमेरिका के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति हैं और दोबारा से जंग में उतरने का ऐलान कर चुके हैं तो सियासी और सामाजिक गलियारों में यह संवाद आम है और कई लोग इस बात को लेकर गंभीरता के साथ चिंतित भी हैं कि क्या अब उनके पास इतनी शारीरिक शक्ति बची है कि वह चुनाव अभियान की थकान और तनाव को झेल सकें। अब यह तय करना तो अमेरिका वालों के हाथ में है कि क्या वर्तमान राष्ट्रपति बाइडेन को अगले चार साल और देने हैं। लेकिन निश्चित रूप से राष्ट्रपति के रूप में पिछले चार वर्षों का उनका ट्रैक रिकॉर्ड उन राजनीतिक विरोधियों के लिए उचित अवसर होगा जो चुनाव प्रचार के नाम पर सस्ते स्टंट करने में खासे सक्षम हैं। कितं ु बाइडेन इस खेल में नए नहीं हैं। वह अच्छी तरह जानते हैं कि यह सब कैसे होगा, न केवल ग्ड ओल रैं ्ड पार्टी के दावेदारों के लिए बल्कि मीडिया में भी। हालांकि विरोधियों को वह कई ऐसे अवसर दे चुके हैं कि उनके बारे में बातें बनाई जा सकें। वह कई बार नाम और पद बताने में लड़खड़ा चुके हैं। एक वीडियो संदेश के माध्यम से अगले चार साल के लिए अपनी दावेदारी जताते हुए राष्ट्रपति बाइडेन ने तर्क दिया कि चरमपंथी रिपब्लिकन के विरुद्ध अमेरिका की ‘आत्मा’ की लड़ाई अभी भी जारी है और चरमपंथी अब भी अधिकारों को छीनने और राष्ट्र को विभाजित करने पर उतारू हैं। सवाल यह है कि आने वाले वर्षों में हम अधिक आजाद होंगे या कम। हमारे पास अधिक अधिकार होंगे या जो हैं उनमें ह्रास होगा। मैं जानता हूं कि इसका उत्तर क्या होना चाहिए। यह संतष्टु होने का समय नहीं है। इसीलिए मैं इस जंग में दोबारा से उतरा हूं। बहरहाल, अनुभवी राजनेता यह भी जानते हैं कि केवल अधिकार और विभाजनकारी बातें ही निर्णायक कारक नहीं होंगे। एक ऐसे देश में जहां राष्ट्रपति या कांग्स की दौ रे ड़ में विदेश नीति शायद ही मायने रखती है, यह सब अर्थशास्त्र के बाद आता है। मायने इस बात के रहते हैं कि अर्थव्यवस्था की स्थिति क्या है, नौकरियां, कीमतें और मुद्रास्फीति के मोर्चे पर हालात कैसे हैं। लेकिन एक बात तय है कि 2024 का चुनाव भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए खासे महत्व का है। यह समुदाय अब एक बड़ी राजनीतिक ताकत बन चुका है। हर क्त्र में इस षे समुदाय का दबदबा है। ऐसे में डेमोक्रेट्स हों या रिपब्लिकन, दोनों ही इस समुदाय को लुभाने की जी-जान से कोशिश करेंगे। पारंपरिक ज्ञान कहता है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि ओवल कार्यालय में एक डेमोक्रेट या रिपब्लिकन है। इसलिए क्योंकि भारत और अमेरिका के बीच संबंध बेहतर होने ही हैं। पिछले दो दशकों की दास्तान तो यही है। गलवान झड़प के बाद पहली बारमिले चीन के रक्षा मंत्री को भारत का कड़ा संदेश l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क वर्ष 2020 में लद्दाख सीमा पर खूनी झड़प के बाद शुक्रवार को भारत और चीन के रक्षा मंत्री पहली बार आमने सामने बैठे। शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक से इतर भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की चीनी समकक्ष जनरल ली शांगफू के साथ मुलाकात हुई। इस दौरान भारत ने चीन को कड़ा संदेश देते हुए सीमा पर शांति कायम रखने की जरूरत पर जोर दिया। भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन द्वारा समझौतों के उल्लंघन से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों का पूरा आधार नष्ट हो चुका है। भारत चीन से संबंध सुधारना चाहता है लेकिन इसके लिए पहले सीमा पर शांति स्थापित करनी होगी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग तभी बढ़ सकता है, जब सीमा पर शांति हो। बैठक के बाद में जारी बयान में कहा गया कि राजनाथ सिंह ने चीन को स्पष्ट कर दिया कि दोनों देशों के संबंधों सीमा पर शांति और अमन-चैन पर टिके हैं। ऐसे में वास्तविक नियंत्रण रेखा से जुड़े सभी मुद्दों को मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों और प्रतिबद्धताओं के अनुसार हल करने की आवश्यकता है। लद्दाख में चीनी सेना द्वारा अतिक्रमण करने के बाद साल 2020 में गलवान में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी जिसमें 20 भारतीय सैनिकों की मौत हो गई थी। चीन के भी काफी सैनिक मारे गए थे, लेकिन चीन ने कभी उनकी असल संख्या का खुलासा नहीं किया। गलवान की घटना के बाद भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच 18 दौर की बातचीत हो चुकी है। सैन्य बातचीत के दौरान हॉट स्प्रिंग्स, गलवान और पैंगोंग झील के उत्तरी तट सहित लद्दाख के कुछ क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी पर सहमति बनी लेकिन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण डेमचोक और डेपसांग में हालात को सामान्य बनाने में ज्यादा कामयाबी नहीं मिल पाई है। वहां पर चीन ने भारतीय क्त्र के बड षे ़ेहिस्से पर कब्जा कर लिया है। अक्सर ऐसी खबरें आती रही हैं कि चीन लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश के विभिन्न स्थानों में भारतीय क्त्र को अलग थलग क षे रने की कोशिश कर रहा है। सड़कों और हवाई पट्टियों का निर्माण करके अपनी स्थिति मजबूत बनाने में जुटा हुआ है। चीन के रक्षा मंत्री नई दिल्ली में होने वाली SCO के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए भारत पहुंचे हैं। इस बैठक की अध्यक्षता राजनाथ सिंह करेंगे। इस बैठक में रूस, उज्बेकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान, ईरान और कजाकिस्तान आदि देशों के रक्षा मंत्री भी हिस्सा लेंगे। हालांकि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री भारत नहीं आएंगे और ऑनलाइन ही बैठक में शामिल होंगे। संपादकीय हमारे पास अधिक अधिकार होंगे या जो हैं उनमें ह्रास होगा। मैं जानता हूं कि इसका उत्तर क्या होना चाहिए। यह संतष्टु होने का समय नहीं है। इसीलिए मैं इस जंग में दोबारा से उतरा हूं। मैं इस वर्ष के आप्रवासी उपलब्धि पुरस्कार के लिए सम्मानित महसूस कर रही हूं। संयुक्त राज्य अमेरिका आप्रवासियों का देश है। मैं उन कई लोगों में से एक हूं जो अवसर और समृद्धि की तलाश में इस देश में आए। - डॉ. नीली बेंदापुडी, अध्यक्ष पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी अमेरिकी कांग्स रे में भारतीयअमेरिकियों का लक्ष्य दोनों देशों के संबंधों की मजबूती होना चाहिए। हम आशा करते हैं कि यह एक ऐसा मॉडल है जिसे अन्य लोग प्रेरक के रूप में देखेंगे। - सांसद रो खन्ना, सांसद व वकील भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन द्वारा समझौतों के उल्लंघन से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों का पूरा आधार नष्ट हो चुका है। भारत चीन से संबंध सुधारना चाहता है लेकिन इसके लिए पहले सीमा पर शांति स्थापित करनी होगी। 12 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 1 मई, 2023 SCO बैठक से पहले भारत और चीन के रक्षा मंत्रियों की मुलाकात हुई. (फोटो Twitter @rajnathsingh)
न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 1 मई, 2023 13 l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क सिंगापुर में एक भारतीय मूल के व्यक्ति को आव्रजन लाभ हासिल करने के लिए एक सहकर्मी और अपनी भतीजी के बीच सुविधानुसार शादी करने के अपराध में छह महीने की जेल की सजा सुनाई गई है। मिली जानकारी के मुताबिक मीरान गनी नागूर पिचाई (73) ने अब्दुल कादर कासिम नाम के एक भारतीय नागरिक से S$25,000 (करीब 15 लाख रुपये) के भुगतान के बदले में आर्थिक तंगी से जूझ रही अपनी भतीजी से शादी करने के लिए कहा था। कासिम उस समय (2016) अपने अल्पकालिक यात्रा पास का विस्तार करना चाहता था। कासिम के सामने यह प्रस्ताव इसलिए रखा गया क्योंकि सिंगापुर में प्रवेश की अपनी तिथि से 89 दिनों के विस्तार की मांग करने वाले लघु अवधि के यात्रा पास आवेदकों को स्थानीय प्रायोजक की आवश्यकता होती है। इस तरह समझौते के एक हिस्से के रूप में पिचाई ने अपनी भतीजी नूरजान अब्दुल को कासिम का प्रायोजक बनाने की व्यवस्था की। कासिम और नूरजान की शादी और वित्तीय व्यवस्था के लिए रजामंदी के बाद यह भी सहमति हुई कि पिचाई को 1,000 डॉलर (करीब 61 हजार रुपये) मिलेंगे क्योंकि नूरजान के पूर्व पति ने उन्हें पैसे दिए थे। समझौते के अनुरूप कासिम और नूर की सितंबर 2016 में शादी हुई मगर पिछले साल इमिग्शन एंड चेकपॉइंट रे ्स अथॉरिटी (ICA) के अधिकारियों ने अप्रवासन लाभ प्राप्त करने के लिए नकली विवाह आयोजित करने के आरोप में पिचाई को गिरफ्तार कर लिया। फिर मुकदमेबाजी होती रही। बुधवार को ICA के सहायक अधीक्षक गणेशवरन धनशेखरन ने अदालत को बताया कि नकली विवाह एक अपराध है क्योंकि उसका पता लगाना मुश्किल होता है और नकली विवाह के साक्ष्य को उजागर करना भी कठिन है। उन्होंने अदालत से पिचाई के लिए छह महीने की जेल की सजा की मांग करते हुए कहा कि ICA नकली शादियों को गंभीरता से लेता है। इस पर पिचाई के वकील ने अदालत से कहा कि इस मामले को लेकर उनके मुवक्किल को पछतावा है और उनकी मंशा अपने सहयोगी और भतीजी की मदद करना था। अदालत ने भी माना कि इस समझौते से पिचाई को आर्थिक रूप से लाभ नहीं हुआ मगर कहा कि पिचाई ने शादी कराने में अहम भूमिका निभाई है लिहाजा छह महीने की सजा सुना दी गई। गौरतलब है कि कासिम को इस मामले में पिछले साल ही अगस्त में छह महीने की सजा हो चुकी है और नूर इस साल फरवरी माह से सात महीने की सजा काट रही है। अदालत ने भी माना कि इस समझौते से पिचाई को आर्थिक रूप से लाभ नहीं हुआ मगर कहा कि पिचाई ने शादी कराने में अहम भूमिका निभाई है लिहाजा छह महीने की सजा सुना दी गई। पिछले साल इमिग्रेशन एंड चेकपॉइंट्स अथॉरिटी (ICA) के अधिकारियों ने अप्रवासन लाभ प्राप्त करने के लिए नकली विवाह आयोजित करने के आरोप में पिचाई को गिरफ्तार कर लिया था। वीजा के लिए फर्जी शादी कराने के आरोप में पिचाई को सिंगापुर में मिली जेल l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क अमेरिकी राज्य टेक्सास से लापता हुए दिव्यांग बच्चे के भारतीय अमेरिकी सौतेले पिता पर स्थानीय पुलिस ने एक और मामला दर्जकिया है। अर्शदीप सिंह नाम के इस शख्स पर पुलिस ने पहले मासम बच् ू चेकी हत्या का आरोप लगाया था। अब पुलिस प्रशासन ने उस पर अपने नियोक्ता के 10,000 डॉलर चुराने का भी आरोप लगाया गया है। अर्शदीप सिंह और उसकी पत्नी देश छोड़कर भारत भाग चुके हैं। पुलिस को मासम बच् ू चेकी बॉडी अभी तक नहीं मिली है। इसलिए बच्चेको मृत माना जा रहा है। यह बच्चा अर्शदीप सिंह की पत्नी के 10 बच्चों में से एक था। परा मामला ू ये है कि पिछले साल नवंबर से नोएल नाम का छह वर्षीय दिव्यांग बच्चा लापता है। पुलिस को गुप्त सत्ूरों से बच्चे के लापता होने की सचना ू मिली थी। इसके बाद ही पुलिस ने बच्चेकी तलाश शुरू कर दी थी। हालांकि अर्शदीप सिंह और उसकी पत्नी सिडं ी भारत भाग गए थे। पुलिस ने उनके खिलाफ बच्चेको बेसहारा छोड़ने और उसकी जिंदगी को खतरे में डालने के आरोप में मामला दर्जकिया था। इसके बाद पुलिस ने मामले को हत्या की जांच में तब्दील कर दिया। एवरमैन पुलिस प्रमुख क्रेग स्पेंसर ने 25 अप्ल को जानका रै री देते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि इन भगोड़ों को गिरफ्तार किया जाए और संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रत्यर्पित किया जाए ताकि हम मासूम बच्चे के लापता होने के जवाब मांगे जा सकें। स्पेंसर ने कहा है कि हम सिंह और उनकी पत्नी का पता लगाने और उन्हें प्रत्यर्पित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ काम करने के लिए संघीय अधिकारियों पर निर्भर हैं। स्पेंसर ने बताया कि एक टिप मिलने के बाद एवरमैन पुलिस ने मार्च में नोएल की तलाश शुरू कर दी थी। अब जानकारी मिली है कि अर्शदीप सिंह ने पिछले महीने देश छोड़ने से कुछ घंटे पहले एक सुविधा स्टोर पर सामान की डिलीवरी की थी और अपने नियोक्ता के 10,000 डॉलर की नकदी चुरा ली। इसके लिए अर्शदीप ने जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया। अधिकारी ने बताया कि जिस वक्त अर्शदीप और उसकी पत्नी ने देश छोड़ा, उस वक्त नोएल उनके साथ नहीं था। अर्शदीप और उसकी पत्नी सिंडी व उसके छह बच्चों के लिए ही एक तरफा एयलाइन टिकट खरीदी गईं थीं। इसके लिए अर्शदीप सिंह ने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया था। अधिकारी ने कहा कि ऐसा लगता है कि अर्शदीप ने पिछले साल नवंबर में अपने जुड़वा बच्चों के पैदा होने के एक सप्ताह के बीच देश से भागने की योजना बनाना शुरू कर दिया था। माता-पिता ने नोएल का कभी भी स्कूल में दाखिला तक नहीं करवाया था। इससे ऐसा मालूम पड़ता है कि नोएल के साथ नियमित रूप से दुर्व्यवहार किया जा रहा था। अधिकारी का कहना है कि ऐसा कोई डेटा नहीं मिलता है जिससे पता चल सके कि परिवार ने टेक्सास-मेक्सिको सीमा की यात्रा की हो और नोएल को बेच दिया हो। इसलिए पुलिस बच्चे की बॉडी तलाशने में जुटी हुई है। बता दें कि नोएल समेत सिंडी के 10 बच्चे थे। इनमें से 3 बच्चे दादा-दादी के साथ रहते थे जबकि बाकी 7 बच्चे एवरमैन के एक इलाके में एक किराये के मकान में रह रहे थे। एवरमैन पुलिस प्रमुख क्रेग स्पेंसर ने 25 अप्रैल को जानकारी देते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि इन भगोड़ों को गिरफ्तारकिया जाए और संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रत्यर्पित किया जाए ताकि हम मासूम बच्चे के लापता होने के जवाब मांगे जा सकें। अधिकारी ने बताया कि जिस वक्त अर्शदीप और उसकी पत्नी ने देश छोड़ा, उस वक्त नोएल उनके साथ नहीं था। बच्चा हुआ ‘लापता’, भारत भागे माता- पिता, वापस लाने में जुटी पुलिस
14 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 1 मई, 2023 नशा देकर महिलाओं से कररता थथा ररेप, वीडिय डियो भी बनाए, बालेश दोषी करार ऑस्ट्रेलिया में भारतीय मूल के बालेश धनखड़ को बलात्कार का दोषी पाया गया है। धनखड़ ने छिपाकर रखे गए कैमरे का उपयोग करके अपने यौन उत्पीड़न को रिकॉर्ड भी किया। इस साल के अंत में सजा सुनाई जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स में इस मामले को शहर के हालिया इतिहास के सबसे खराब मामला बताया गया है। Photo by Joey Csunyo / Unsplash l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क एक तरह जहां भारतीय मूल के लोग पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन कर रहे हैं। न्यायपालिका, कार्यपालिका और नामी कंपनियों में बड़े बड़े ओहदे पर आपको भारतीय मूल के लोग मिल जाएंगे। वहीं, चंद ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने अपनी करततूों से पूरे देश का सिर शर्म से झुका दिया है। ऑस्ट्रेलिया में भारतीय मूल के बालेश धनखड़ को बलात्कार का दोषी पाया गया है। बालेश ने सिडनी में पांच कोरियाई महिलाओं को नशीला पदार्थ खिलाया और उसके बाद उनके साथ रेप किया। ऑस्ट्रेलियन मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक बालेश धनखड़ को ऑस्ट्रेलिया के हाल के इतिहास में सबसे खराब बलात्कारियों में से एक बताया गया है। डाउनिंग सेंटर में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की जूरी ने सोमवार को पाया कि बालेश ने पांच कोरियाई महिलाओं को झूठ के जाल में फंसाया। उन्हें नशीला पदार्थ देने के बाद उनके साथ बलात्कार किया। सोमवार को जब जूरी फोरमैन ने धनखड़ को दोषी ठहराया तो वह रो पड़ा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बालेश धनखड़ की पत्नी भी जूरी के फैसले के बाद कोर्ट रूम में रो पड़ी। वह अक्सर सुनवाई के दौरान उसके साथ कोर्ट आती थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि धनखड़ ने महिलाओं से झूठ बोला था कि विवाहेतर संबंध टूटने के बाद वह अकेला रह रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक धनखड़ ने छिपाकर रखे गए कैमरे का उपयोग करके अपने यौन उत्पीड़न का रिकॉर्ड भी किया। पुलिस को 2018 में धनखड़ के अन्य महिलाओं के साथ दर्जनों वीडियो मिले थे। एक वीडियो में वह बेहोश महिलाओं के साथ बलात्कार करते हुए देखा गया। जूरी के फैसले के बाद बालेश धनखड़ ने कोर्ट से जमानत मांगी, लेकिन जिला जज माइकल किंग ने उसे जमानत देने से इनकार कर दिया। इसके बाद सिडनी पुलिस बालेश धनकड़ के हाथों में हथकड़ी लगा उसे लेकर चली गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि 43 वर्षीय धनखड़ को मई में फिर से अदालत का सामना करना पडगा औ़े र उन्हें इस साल के अंत में सजा सुनाई जाएगी। सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड अखबार के मुताबिक बालेश ऑस्ट्रेलिया में ‘ओवरसीज फ्डरें्स ऑफ द बीजेपी’ का पूर्व प्रमुख था।
न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 1 मई, 2023 15 वाह! के वाह! केररल प्रप्रवासिय सियों के लििए UAE का ए UAE का काररोबाररी चलाएगा ए ी चलाएगा एयरयरलाइन UAE स्थित भारतीय मूल के व्यवसायी अफी अहमद ने मार्च 2023 में airkerala.com नाम से एक डोमेन खरीदा था जिसके लिए उन्होंने एक कंपनी को 1 मिलियन दिरहम यानी लगभग ढाई करोड़ रुपये का भुगतान किया है। l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क संयुक्त अरब अमीरात स्थित भारतीय मूल के एक व्यवसायी अफी अहमद प्रवासियों के लिए एक नई भारतीय एयरलाइन शुरू करने की योजना पर काम कर रहे हैं। स्मार्ट ट्रैवेल्स के प्रबंध निदेशक अफी अहमद ने कहा है कि एयर केरल नाम की परियोजना को वास्तविकता में बदलने के लिए उन्होंने विभिन्न रणनीतियों पर काम शुरू कर दिया है। UAE में बसा मलयाली समुदाय भी उन्हें इस काम के लिए समर्थन कर रहा है। यह एयरलाइन प्रवासियों पर ही फोकस रहेगी। मिली जानकारी के अनुसार अफी अहमद ने मार्च 2023 में airkerala.com नाम से एक डोमेन खरीदा था जिसके लिए उन्होंने एक कंपनी को 1 मिलियन दिरहम यानी लगभग ढाई करोड़ रुपये का भुगतान किया है। airkerala.com डोमेन को साल 2000 में डोमेन बिक्री पोर्टल एक्जीक्यूटिव बैचलर्स डॉट कॉम द्वारा खरीदा गया था। यह कंपनी संयुक्त अरब अमीरात स्थित एक निवेश कंपनी है। साल 2005 में airkerala.com का अनुमानित मूल्य लगभग 2.5 मिलियन दिरहम था। इसे खरीदने के लिए कंपनी के पास कई पार्टियां आईं लेकिन यह पहली बार है जब एग्जीक्यूटिव बैचलर्स डॉट कॉम ने इस प्रतिष्ठित डोमेन को बेचा है। अफी अहमद ने UAE के एक स्थानीय समाचारपत्र को बताया कि मैं अपने बी2सी प्रोजेक्ट के लिए एक डोमेन की तलाश कर रहा था। एयरलाइन को शूरू करने के अपने इरादे की घोषणा करने के बाद से मेरे पास संयुक्त अरब अमीरात में रहने वाले मलयाली समुदाय से काफी समर्थन मिल रहा है। कई व्यवसायियों ने मुझसे संपर्क किया है और परियोजना को चलाने के लिए धन का योगदान देने का भी वादा किया है। बता दें कि केरल सरकार ने साल 2005 में एयर केरल नाम की एक परियोजना शुरू की थी। इसका उद्शदे्य संयुक्त अरब अमीरात में रहने वाले केरलवासियों को आसमान छूती टिकटों की कीमत में राहत देना था। सालों तक इस परियोजना की चर्चा गर्मरही लेकिन बाद में इसे निलंबित कर दिया गया था। airkerala.com डोमेन को साल 2000 में बिक्री पोर्टल एक्जीक्यूटिव बैचलर्स डॉट कॉम द्वारा खरीदा गया था।
16 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 1 मई, 2023 l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क जरूरतमंद अनिवासी भारतीयों की सहायता करने वाली फर्म एनआरआई हेल्पलाइन ने अपने सीड फंडिंग राउंड में 24,447 अमेरिकी डॉलर जुटाए हैं। इस फंड की मदद से भारत के एनआरआई की सहायता की जाएगी। इस फर्म का उद्शदे्य वैश्विक एनआरआई आबादी के लिए अपनी संपत्ति का प्रबंधन करने और भारत में वन-स्टॉप समाधान बनना है। सीड फंडिंग एक बहुत आरभिं क निवेश है। इसका मकसद किसी बिजनेस को आगे बढ़ाने में सहायता करना होता है। सीड फंडिंग व्यवसाय द्वारा कोई राजस्व अर्जित करने से पहले इसकी शुरुआत करने में मदद करती है। इस फंडिंग की अध्यक्षता डाबर इंटरनेशनल के सुब्बाराव, ट्रेवल बुटीक ऑनलाइन के अर्जुन निझावन, इंडिया नेटवर्क के राहुल नार्वेकर, एनआरआई लीगल सर्विसेज के नवनीत सिंह और हाइनेस ग्प के भा रु रत भूषण भाटिया कर रहे हैं। फर्म की तरफ से बताया गया है कि रियल एस्टेट क्त्र में षे तीन दशकों तक डीएलएफ और एम्मार एमजीएफ के साथ काम करने वाली अनंत रघुवंशी एनआरआई हेल्पलाइन टीम में शामिल हो गईं हैं। इसकी वजह यह है कि वह नियमित रूप से भारतीय विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं के साथ काम करने की वजह से एनआरआई के सामने आने वाली कठिनाइयों और पीड़ा से अवगत हैं। बताया गया है कि अनंत इस फर्म को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह एनआरआई के भारत में अपने व्यवसाय को संभालने के तरीके को बदल देगा। एनआरआई को अपने देश में अपनी संपत्तियों का प्रबंधन करने के लिए एक प्रौद्योगिकी समाधान प्रदान करने के लिए प्रसन्ना राव ने एनआरआई हेल्पलाइन की स्थापना की है। कंपनी का इरादा पहले चरण में प्राथमिक अचल संपत्ति की बिक्री के साथ-साथ भविष्य में द्वितीयक अचल संपत्ति की बिक्री के लिए 6 महत्वपूर भा ्ण रतीय राज्यों और 29 शहरों में रियल एस्टेट इन्वेंट्री को शामिल करने का है। एनआरआई हेल्पलाइन ने सीड फंडिंग के तहत 24,447 अमेरिकी डॉलर जुटाए हैं। इस फंड की मदद से भारत के एनआरआई की सहायता की जाएगी। सीड फंडिंग एक बहुत आरभिं क निवेश है। इसका मकसद किसी बिजनेस को बढ़ाने में सहायता करना होता है। एनआरआई की सहायता करने के लिए इस स्टार्टअप ने ऐसे जुटाया धन l सुनीता सोहराबजी कंप्यूटर शिक्षा’ भारत में वंचित वर्ग के बच्चों को कंप्यूटर ज्ञान देने का कार्यक्रम है। डॉ. राकेश सूरी ने लगभग एक दशक पहले भारत के गुड़गांव में इसकी छोटी सी शुरुआत की थी। आज ये कार्यक्रम भारत के 17 राज्यों तक फैल चुका है। लगभग 1,28,000 छात्रों को इसका लाभ मिल रहा है। डॉ. सूरी को उम्मीद है कि इस साल ऐसे बच्चों की संख्या 10 लाख तक पहुंच जाएगी। वे गर्व से दावा करते हैं कि उनके बच्चे फाइव स्टार स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों से भी ज्यादा कंप्यूटर स्मार्ट हैं। बिट्स पिलानी से पढ़ाई करने वाले डॉ. सूरी ने न्यू इंडिया अब्रॉड से बातचीत में बताया कि मैं खुद ऐसी ही परिस्थितियों से होकर गुजरा हूं। हमारे पास संसाधन नही थे। हम जो करना चाहते थे, जो पढ़ना चाहते थे, मजबूरी की वजह से नहीं कर पाते थे। मुझे इससे थोड़ी शर्मिंदगी भी महसूस होती है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से प्रबंधन में पीएचडी करने वाले सूरी ने बताया कि जब मैं छोटा था तभी मैंने फैसला कर लिया था कि एक दिन मैं उन बच्चों के लिए कुछ करने की कोशिश करूंगा जो मेरे जैसे हालात में रहे हैं और जीवन में मामूली चीजें पाने के लिए भी जूझ रहे हैं। मैंने ऐसे बच्चों के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है। सूरी ने आगे बताया कि ‘कंप्यूटर शिक्षा’ को इस मुकाम तक लाने में बहुत से लोगों ने मेरी मदद की। वर्ष 2012 में मैंने कुछ दोस्तों ने मिलकर शिक्षा आधारित एनजीओ बनाने की योजना बनाई थी। हमने एमबीए इंटर्न को हायर किया। उनसे भारत के अलग अलग जिलों में लगभग 50 स्कूलो में सर्वे कराया। हम जानना चाहते थे कि स्कूलों में विद्यार्थी क्या चाहते हैं, शिक्षक क्या चाहते हैं। उन्हें किस चीज की सबसे ज्यादा जरूरत है। इन एमबीए इंटर्न्स ने सार्वजनिक और निजी सेक्टर के स्कूलों का सर्वेक्षण किया। इनमें एनजीओ द्वारा चलाए जा रहे स्कूल भी शामिल थे। हमने एक कॉमन बात देखी, सभी स्कूल चाहे अच्छे हों या बुरे अंग्जी, रे हिंदी और गणित पढ़ाने में सक्षम थे लेकिन उनमें से कोई भी कंप्यूटर साक्षरता या कंप्यूटर शिक्षा के बारे में कुछ करने लायक नहीं था। हमारी बैकग्राउड भी ं आईटी थी इसलिए हमने महसूस किया कि यही ऐसा क्त्र है जहां हम काम क षे र सकते हैं। सूरी ने बताया कि भारत में पांच से 16 वर्ष की आयु के 33 करोड़ 40 लाख बच्चे हैं। ये एक से 12वीं कक्षा तक पढ़ते हैं। इनमें से 29 करोड़ बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने कभी कंप्यूटर की पढ़ाई नहीं की होगी। वे जब स्कूल और कॉलेज पास करके निकलेंगे तो उन्हें कंप्यूटर का कुछ ज्ञान नहीं होगा। आजकल के जमाने में बिना कंप्यूटर साक्षरता के आपको अच्छी नौकरी मिलना बहुत मुश्किल है। भारत ही नहीं दुनिया के अन्य तमाम हिस्सों की भी यही सचाई है कि कर्मचारियों को कंप्यूटर का बुनियादी ज्ञान तो होना ही चाहिए। अगर आपके पास वह नहीं है तो आप गिग नौकरियां ही कर पाएंगे जिनमें काफी कम वेतन मिलता है। सूरी ने आगे बताया कि इस तरह हमने कंप्यूटर शिक्षा की शुरुआत की। सबसे पहले गौशाला में बने स्कूल के 60 बच्चों को कंप्यूटर की बुनियादी बातें सिखाईं। ये बच्चे आसपास की झुग्गी झोपड़ियों में रहते थे। इन बच्चों को काम करने के लिए 15 लैपटॉप उपलब्ध कराए। इसकी जानकारी जब दूसरे बच्चों को मिली तो उनमें भी उत्सुकता जागी। इस तरह जल्द ही 15 लैपटॉप से 35 हो गए और छात्रों की संख्या भी 200 तक पहुंच गई। उन्होंने बताया कि आसपास के स्कूलों को भी इस कार्यक्रम के बारे में पता चला तो उन्होंने भी अपने बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा देने का आग्रह किया। इस तरह केवल 11 महीनों में ही हमारा कार्यक्रम 60 छात्रों से 1200 बच्चों तक पहुंच गया। इस स्टार्टअप की शुरुआती लागत लगभग 8 लाख रुपये थी यानी मोटे तौर पर 9500 डॉलर। एक दशक बाद यह कार्यक्रम भारत के 17 राज्यों तक फैल गया। लगभग 1,28,000 छात्रों को इसका लाभ मिलने लगा। सूरी ने उम्मीद जताई कि इस साल ऐसे बच्चों की संख्या 10 लाख तक हो जाएगी। कंप्यूटर शिक्षा के तहत 55 सप्ताह का पाठ्यक्रम उपलब्ध कराया जाता है। इसमें छात्र बुनियादी कंप्यूटर साक्षरता हासिल करते हैं जैसे कंप्यूटर शुरू करना, बंद करना, माउस और टच पैड का उपयोग करना, वर्ड प्रोसेसिंग और फ़ॉर्मेटिंग, फाइलों को व्यवस्थित करना और नाम देना आदि। वे पेंट के जरिए ड्रॉ करना, डेटाबेस बनाने के लिए स्प्डशीट का उपयोग क रे रना, प्जेंटेशन सॉफ रे ्टवेयर, इंटरनेट सर्च और ईमेल मैनेज करने जैसे एडवांस स्किल भी सीखते हैं। सूरी ने बताया कि कंप्यूटर शिक्षा की पढ़ाई वीडियो के जरिए कराई जाती है। शिक्षकों को भी प्रशिक्षित किया जाता है कि वे किस तरह वीडियो को मैनेज करें और बच्चों के सवालों के जवाब दें। जब बच्चे कंप्यूटर पर एक-दो सप्ताह बिता लेते हैं तो उनके आत्मविश्वास का स्तर किसी भी पाँच सितारा स्कूली बच्चे के जितना हो जाता है। वे खुद को कमजोर महसूस नहीं करते क्योंकि वे जानते हैं कि कंप्यूटर के मामले में वह फाइव स्टार स्कूल के बच्चे से अच्छा जानते हैं। सूरी कहते हैं कि फाइव स्टार स्कूल में बच्चे फेसबुक और सोशल मीडिया में अधिक व्यस्त रहते हैं जबकि ये ग्रामीण बच्चे असल में कंप्यूटर साक्षरता हासिल कर रहे होते हैं। वे एक्सेल सीखते, वर्ड सीखते हैं, पावरपॉइंट सीखते हैं इसलिए वे ज्यादा बेहतर तरीके से कंप्यूटर चला पाते हैं। सूरी गर्व के साथ कहते हैं कि हमारे बच्चों ने जहां भी इन फाइव स्टार स्कूली बच्चों से मुकाबला किया, जीतकर ही आए हैं। बिट्स पिलानी से पढ़ाई करके AMU से पीएचडी करने वाले डॉ. सूरी ने न्यू इंडिया अब्रॉड से बातचीत में बताया कि मैं खुद काफी मुश्किल परिस्थितियों से होकर गुजरा हूं। इसीलिए मैंने ऐसे बच्चों के लिए अपना जीवन समर्पित करदिया है। फोटो Computer Shiksha डॉ. सरी ू को उम्मीद है कि इस साल उनके कार्यक्रम का लाभ उठाने वाले बच्चों की संख्या 10 लाख तक पहुंच जाएगी। (फोटो Computer Shiksha) भारत में गरीब बच्चों को ‘डिजिटल ज्ञान’ की दौलत बांटने में जुटा एक मिशन Photo by Dmitry Demidko / Unsplash
न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 1 मई, 2023 17 l संवाददाता भारत के हिमाचल राज्य में एनआरआई (अनिवासी भारतीय) आयोग बनाने की मांग को लेकर कनाडा स्थित प्रवासी संगठन हिमाचली प्रवासी ग्लोबल एसोसिएशन (HPGA) के एक प्रतिनिधिमंडल ने 25 अप्ल को रै राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई निदेशक भाग्य चंद्र ने की। बताया गया है कि एचपीजीए के 17 देशों में सदस्य हैं। सीएम के अलावा प्रतिनिधिमंडल ने उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह से भी मुलाकात की। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार विदेशों में रह रहे हिमाचल के लोगों के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से राज्य में पर्यटन और अन्य क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया। सुक्खू ने कहा कि सरकार राज्य में अपनी इकाइयां स्थापित करने के लिए उन्हें हरसंभव सहायता प्रदान करेगी और आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। एचपीजीए के निदेशक चंद्रा ने कहा कि एचपीजीए राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रचार-प्रसार के लिए काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि हाल ही में कनाडा के टोरंटो में ‘शाइनिंग हिमाचल’ कार्यक्रम में हिमाचल के उत्पादों और यहां संस्कृति के प्रति विदेशियों की अच्छी प्रतिक्रिया देखने को मिली। उन्होंने हिमाचल में एक एनआरआई आयोग और यहां राज्य सचिवालय में एनआरआई सेल स्थापित करने की मांग की। इस अवसर पर महाधिवक्ता अनूप रतन, पूर्व विधायक बंबर ठाकुर, हिमालयन एजुकेशन सोसाइटी के सचिव गोविंद घोष और एचपीजीए की सदस्य डॉ. रूपित कौर भी उपस्थित थीं। भारत के हिमाचल राज्य में अनिवासी भारतीय आयोग के गठन की मांग की जा रही है। इसे लेकर कनाडा स्थित प्रवासी संगठन HPGA ने हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदरसिंह सुक्खू और अन्य मंत्रियों से मुलाकात की। इस प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई संगठन के निदेशक भाग्य चंद्र ने की। कनाडा के प्रवासी संगठन ने हिमाचल के सीएम से इसलिए की मुलाकात डीसी साउथ एशियन लिटरेरी फेस्टिवल (DCSALF) अगले महीने 5 मई से शुरू होगा। (फोटो : Twitter @dcsalf) दक्षिण एशियाई प्रवासी मुद्दों परफोकस होगा यह लिटररेी फस्टि े वल, जुटेंगे दिग्गज l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क डीसी साउथ एशियन आर्ट्स काउंसिल आईएनसी (DCSAACI) ने घोषणा की है कि हर साल आयोजित हाने वाले डीसी साउथ एशियन लिटररेी फेस्टिवल (DCSALF) अगले महीने 5 मई से शुरू होगा। दो दिनों तक व्यक्तिगत रूप से चलने के बाद यह 14 मई तक वर्चुअल रूप से चलेगा। अमेरिका स्थित मेरीलैंड के रॉकविले स्थित यहूदी सामुदायिक केंद्र में यह कार्यक्रम भारतीय संसद के सदस्य और 24 पुस्तकों के लेखक डॉ. शशि थरूर की एक चर्चा के साथ शुरू होगा। महोत्सव में साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता अरुंधति सुब्रमण्यम, चित्रा बनर्जी दिवाकर्नी, रक्दा जलील, डॉ. अनी षं ता नाहल, डॉ. अली मदीद हाशमी, रजा मीर, नहीद फिरोज पटेल, सारा चनसरकर, डॉ. हरीश नवल, सुनंदा मेहता, नरेंद्र चौहान, सुनयना काचरू, सुरिंदर देओल, सोमा बोस, लोपा बनर्जी, गोपाल लाहिड़ी और सीमा सिरोही जैसे प्रसिद्ध लेखकों, साहित्यकारों के साथ बातचीत, पैनल चर्चा और प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किए जाएंगे। संगठन ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि हम डीसीएसएएलएफ को एक ऐसा मंच बनाने की कल्पना करते हैं जो असमानता, विभाजन, आव्रजन, एलजीबीटीक्यू चुनौतियों, सामाजिक न्याय और अन्य दक्षिण एशियाई प्रवासी मुद्दों और चुनौतियों के बारे में महत्वपूर्ण चर्चाओं को प्रोत्साहित करता है। बताया गया है कि डीसीएसएएसीआई एक गैर-लाभकारी संस्था है जो दक्षिण एशियाई कला कार्यक्रमों की मेजबानी, निर्माण और प्रचार के लिए समर्पित है। संस्था ने कहा कि डीसीएसएएलएफ कलाकारों और लेखकों के लिए अपनी कहानियों को आवाज देने के लिए एक तटस्थ और प्रेरणादायक मंच है। हम दक्षिण एशियाई फिक्शन और नॉन-फिक्शन लेखकों, कवियों, पटकथा लेखकों और जीवनीकारों को प्रदर्शित करेंगे। दुनिया भर से लेखकों और व्यापक डीसीएसएएसीआई दर्शकों को भाग लेने, चुनिंदा लेखकों के साथ जुड़ने और समुदाय को समृद्ध करने के लिए आमंत्रित किया जाता है। महोत्सव में साहित्य अकादमी पुरस्कारविजेता अरुंधति सुब्रमण्यम, चित्रा बनर्जी दिवाकर्नी, रक्दा जल षं ील, डॉ अनीता नाहल, डॉ अली मदीद हाशमी, रजा मीर, नहीद फिरोज पटेल, सारा चनसरकर, डॉ हरीश नवल, सुनंदा मेहता जैसे दिग्गज शामिल होंगे। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व संगठन के सदस्य।
18 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 1 मई, 2023 l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने ऑस्ट्रेलिया की संभावित यात्रा पर जाने वाले हैं। इसे लेकर वहां के भारतीय समुदाय के लोग बेहद उत्साहित हैं। इस बीच खबर है कि पश्चिमी सिडनी के उपनगर में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोग अपने क्त्र का नाम ‘ षे लिटिल इंडिया’ रखना चाहते हैं। भारतीय समुदाय के लोग मोदी की यात्रा से पहले नाम बदलने की आधिकारिक घोषणा की मांग कर रहे हैं। सिडनी में रहने वाले भारतीय समुदाय ने एक बार फिर से अपने शहर के उपनगर हैरिस पार्क का नाम ‘लिटिल इंडिया’ करने की मांग तेज कर दी है। हैरिस पार्क में भारतीय व्यवसायी रेस्तरां और दुकानों के समूह को ‘लिटिल इंडिया’ के रूप में पेश करते हैं। उनका मानना है कि आधिकारिक नाम रखे जाने पर पर्यटक आकर्षित होंगे। ये पूरा क्त्र भा षे रतीय समुदायों से भरा हुआ है, लिहाजा इस क्त्र की पहचान ही षे भारतीयों की पहचान बन गई है। लिटिल इंडिया हैरिस पार्क बिजनेस एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय देशवाल का कहना है कि इस संबंध में पहला प्रस्ताव 2015 में लाया गया था। उस समय भौगोलिक नाम बोर्ड ने पैरामैटा काउंसिल को इस शब्द का इस्तेमाल नहीं करने के लिए कहा था, क्योंकि इससे भ्रम की स्थिति पैदा होने की बात कही जा रही थी। काउंसिल ने पिछले हफ्तेविग्राम, मैरियन और स्टेशन मार्ग को शामिल करने वाले उपनगर के हिस्से में नाम लागू करने के लिए प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए मतदान किया था। पैरामैटा काउंसलर पाल नोआक ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि हम सिंगापुर और दुनिया भर के अन्य स्थानों में लिटिल इंडिया की तर्ज पर इसे अंतरराष्ट्रीय गंतव्य स्थल बनाना चाहते हैं। हैरिस पार्क के पूरे उपनगर का नाम बदलने के बजाय यह नाम केवल उस व्यापारिक क्त्र षे पर लागू होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रस्ताव उपनगर नाम हैरिस पार्क की जगह नहीं लेगा। तीन मुख्य सड़कों को एक सांस्कृतिक क्त्र के रूप षे में पहचान दी जाएगी। अभी तक लिटिल इंडिया नाम देने के लिए औपचारिक आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। बताया गया है कि पीएम मोदी अगले महीने ऑस्ट्रेलिया क्वाड सम्मेलन में शिरकत करेंगे। इस बैठक में अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन, जापान के पीएम फूमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बनीज भी हिस्सा लेंगे। सिडनी में रहने वाले भारतीय हैरिस पार्क का नाम बदलकर ‘लिटिल इंडिया’ करवाना चाहते हैं। यह उनकी पुरानी मांग है। इस इलाके में भारतीयों की तादाद अच्छी खासी है। अगर नाम बदला जाता है तो इससे यहां के पर्यटन को भी फायदा होगा। पीएम मोदी अगले महीने क्वाड सम्मेलन में भाग लेने ऑस्ट्रेलिया जाने वाले हैं। मोदी की यात्रा से पहले क्या ऑस्ट्रेलिया बदलेगा सिडनी उपनगर का नाम? ब्रोक कीना और संजय पटेल NSW प्रीमियरक्रिस मिन्स ने इसलिए की 11 साल के बच् की ता चे रीफ ! l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क कभी-कभी बच्चे वह काम कर जाते हैं जिसकी उनसे तो क्या किसी बड़े से भी उम्मीद नहीं होती। इसीलिए जब आज के दौर में ऐसा कोई वाकया सामने आता है तो हैरानी होती है। कुछ ऐसा ही न्यू साउथ वेल्स (NSW) में एक 11 साल के बच्चे ने किया, जिसकी वहां के प्रीमियर ने भी प्रशंसा की है। सोशल मीडिया में बच्चे की बहादुरी और संवेदनशीलता के खूब चर्चे हो रहे हैं। हुआ यह कि NSW सेंट्रल कोस्ट के उत्तर में स्वानसी से न्यूकैसल की यात्रा के दौरान एक भारतीय मूल के बस चालक संजय पटेल को नस्लीय दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा। बस ड्राइवर ने 9 न्यूज को बताया कि एक महिला एक छोटे बच्चे के साथ बस में चढ़ी और चिल्लाने लगी कि कोई बस में धूम्रपान कर रहा है। इस हंगामे के बाद वह अपने स्टॉप पर उतर गई। जैसे ही उतरी तो उसने कहा- तुम वापस क्यों नहीं चले जाते जहां से आए हो... अफ्रीका से? उसी बस में 11 साल का ब्रोक कीना भी सामने वाली सीट पर बैठा था। उसने वह सब देखा जो उस महिला और बस ड्राइवर के दरम्यान हुआ। कीना उठा और ड्राइवर पटेल के पास जा पहुंचा। फिर जो उसने कहा, वह आप संजय पटेल के शब्दों में ही पढ़िए। संजय याद करते हैं- जब कुछ और स्टॉप गुजर गए तो एक बच्चा मेरे पास आया और कहा- तुम्हारे साथ ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए था। मुझे उम्मीद है कि आप ठीक होंगे! संजय याद करते हुए कहते हैं कि वह ऑस्ट्रेलिया तब आए थे जब ब्रोक की उम्र के थे। जीवन का अधिकांश समय वेस्टर्न सिडनी में ही गुजारा। लेकिन जिस तरह से ऑस्ट्रेलिया में मेरे साथ नस्लीय दुर्व्यवहार हुआ वैसा कभी किसी ने नहीं कहा था। परिवहन विभाग द्वारा इस घटना का वीडियो साझा किया गया तो लोगों को पता चला। वीडियो में दिख रहा है कि एक छोटा सा बच्चा ड्राइवर के पास आता है। उससे कुछ कहता है और फिर हाथ मिलाता है। ब्रोक के इस करुणामयी व्यवहार का किस्सा जब NSW प्रीमियर क्रिस मिन्स के पास पहुंचा को उन्होंन ब्रोक की तारीफ की। ब्रोक के माता- पिता ने मीडिया से कहा कि उन्हे उनके बेटे के नेक व्यवहार पर गर्व है। ब्रोक की सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ की जा रही है। ब्रोक के इस करुणामयी व्यवहार का किस्सा जब NSW प्रीमियर क्रिस मिन्स के पास पहुंचा को उन्होंन ब्रोक की तारीफ की। ब्रोक के माता-पिता ने मीडिया से कहा कि उन्हे उनके बेटे के नेक व्यवहार पर गर्व है। ब्रोक की सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ की जा रही है। Photo by Eggzy Pallet / Unsplash
न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 1 मई, 2023 19 प्रिय पाठकगण कुछ कहना चाहते है? न्यू इंडिया अब्रॉड आपकी प्रतिक्रिया हमारे लिए प्रेरणादायी है। वेबसाइट/ई-पेपर में प्रकाशित होने वाले समाचार, कॉलम और विचार या भारतीय प्रवासियों से संबंधित किसी भी मुद् पर आपकी राय या आ दे लोचना। हम सभी का स्वागत करते हैं। अपने विचार भेजें, हम उसे अवश्य प्रकाशित करेंगे। संपादक के नाम पत्र लिखें l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क पाकिस्तान को डर सता रहा है कि भारत जल्द ही उसके ऊपर एक और सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दे सकता है। यह बात किसी और ने नहीं बल्कि भारत में पाकिस्तान के हाई कमिश्नर रहे अब्दुल बासित ने कही है। दरअसल 20 अप्ल रै को भारत के जम्मू के पुंछ में भारतीय सैनिकों पर घात लगाकर हमला हुआ था। इसमें पांच जवान मारे गए थे और एक घायल हो गया था। इसके पीछे पाकिस्तान समर्थित आतकिं यों के हाथ होने के संकेत मिल रहे हैं। इसी को देखते हुए पाकिस्तानियों को भारत की तरफ से जवाबी हमले का खतरा लग रहा है। बता दें कि 14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में भारतीय सुरक्षाबलों के काफिले पर बड़ा हमला हुआ था। इसमें 40 जवान मारे गए थे। इस घटना की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने ली थी। उसके दो हफ्ते बाद ही भारतीय वायुसेना ने एलओसी पार करके पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह के बालाकोट में जैश के ट्रेनिंग कैंपों पर सर्जिकल स्ट्राइक कर दी थी। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि उस दौरान 150 से 200 आतंकी मारे गए थे। हालांकि इसकी कभी पुष्टि नहीं हुई। अब्दुल बासित ने यूट्यूब पर एक वीडियो जारी करके कहा कि पुंछ हमले के बाद पाकिस्तान में यही चर्चा है कि भारत एक बार फिर अंदर घुसकर हमला कर सकता है। यह एयर स्ट्राइक भी हो सकती है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि मुझे ये भी लगता है कि भारत में जल्द ही SCO समिट होने वाली है और भारत G20 की अध्यक्षता भी कर रहा है, ऐसे में वह इस तरह का कोई कदम उठाएगा, इसमें शक है। बासित ने आगे कहा कि भारत में अगले साल वहां आम चुनाव होने हैं, तब पाकिस्तान पर इस तरह के किसी हमले का खतरा बहुत ज्यादा रहेगा। हो सकता है कि भारत में लोकसभा के चुनाव के ठीक पहले पाकिस्तान पर कोई हमला हो जाए। बासित ने पुंछ में हुए आतंकी हमले को जायज ठहराने के लिए कुछ तर्क दिए। उन्होंने कहा कि पुंछ में इंडियन आर्मी पर हमला चाहे जिसने भी किया हो, उसने सिर्फ मिलिट्री को ही निशाना बनाया, किसी सिविलियंस को नहीं। हो सकता है यह काम मुजाहिदीन का रहा हो, जो अपने हक की जंग लड़ रहे हैं। जब ऐसा कोई आंदोलन होता है तो उसमें मिलिट्री को ही निशाना बनाया जाता है, आम नागरिकों को नहीं। भारत बहुत अच्छे से जानता है कि वो अब कहां खड़ा है। बता दें कि पुंछ में 20 अप्ल को आ रै तकिं यों ने भारतीय सेना के एक ट्रक को स्टिकी बम से निशाना बनाया था। ये जवान इफ्तार के लिए खाने का सामान लेकर जा रहे थे। हमले में पांच जवान मारे गए थे। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद की शाखा प्रतिबंधित पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट ने ली थी। इस सिलसिले में भारतीय सुरक्षा बलों ने एक व्यक्ति नासिर को हिरासत में लिया है। उसने कथित तौर पर दावा किया है कि उसने दो महीने तक आतकिं यों को अपने घर में पनाह दी थी और मदद मुहैया कराई थी। इस हमले के सिलसिले में अब तक 60 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है। इनमें से कइयों को छोड़ दिया गया है। सुरक्षा एजेंसियां आतकिं यों की तलाश में ड्रोन, खोजी कुत्तों और मेटल डिटेक्टर की भी मदद ले रही हैं। अब्दुल बासित भारत में पाकिस्तान के हाई कमिश्नर रह चुके हैं। (फोटो साभार सोशल मीडिया) 20 अप्रैल को जम्मूके पुंछ में हमले में पांच भारतीय सैनिक मारे गए थे. (फोटो साभार सोशल मीडिया) पाकिस्तान को डर, भारत एक बार फिर कर सकता है सर्जिकल स्ट्राइक? भारत के पुंछ में 20 अप्रैल को आतकिं यों ने भारतीय सेना के एक ट्रक को स्टिकी बम से निशाना बनाया था। ये जवान इफ्तार के लिए सामान ले जा रहे थे। हमले में पांच जवान मारे गए थे। इसी के बाद भारत में पाकिस्तान के हाई कमिश्नररह चुके अब्दुल बासित ने हमले का डर जताया है।
सुकून से प्रकृति के अद्भुत नजारों का आनंद लेना है तो गोवा के ये तट हैं बेस्ट l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क भागदौड़ भरे जीवन में सुकून के कुछ पल गुजारने हैं तो भारत के गोवा का रुख कर लें। वहां के समुद्री तट पर ऐसे कई ठिकाने हैं जहां आपको प्रकृति का सान्निध्य तो मिलेगा ही, आसपास के खुशनुमा माहौल आपकी सारी थकान मिटा देंगे। बटरफ्लाई बीच और कोला बीच जैसी कई जगहों पर आप खुद को तरोताजा महसूस कर सकते हैं। कोला बीच : दक्षिण गोवा में भी कोला बीच एक शांत और स्वच्छ समुद्री किनारा है। यहां आराम करते हुए आप गोवा की प्राकृतिक सुंदरता का लुत्फ उठा सकते हैं। यहां लैगून पर कतार में लगे पाम के दृश्य शानदार लगते हैं। गलगिबागा बीच : यह गोवा का प्राचीन समुद्र तट है। दक्षिण गोवा में स्थित यह ठिकाना अपनी आश्चर्यजनक प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए मशहूर है। कछुए की लुप्तप्राय प्रजाति ओलिव रिडली का भी ठिकाना है। मोरजिम बीच : उत्तरी गोवा में मोरजिम बीच एकांत और शांत समुद्र तट है। पर्यटन के लिहाज से यह बेहतर जगह है। यह ठिकाना परिंदों के चहेतों को खूब आकर्षित करता है। पक्षियों को देखने के लिए यह एक लोकप्रिय स्थान है। काकोलेम बीच : दक्षिण गोवा में एकांत समुद्र तट है काकोलेम। यह एक प्राचीन समुद्र तट है और प्राकृतिक वातावरण के बीच बसा है। यह विशाल चट्टानों से घिरा हुआ है। तैराकी के लिए एक शानदार जगह है। अगोंडा बीच : दक्षिण गोवा स्थित अगोंडा बीच एक शांत और प्रदूषण रहित समुद्र तट है। सुकून के पल गुजारने के लिए यह एक आदर्श जगह है। कयाकिंग और पैडलबोर्डिंग जैसे वाटर स्पोर्ट्स के लिए भी एक बेहतरीन जगह है। अश्वेम बीच : उत्तरी गोवा में एक अश्वेम बीच एक शांत और एकांत समुद्र तट है। यह एक शांतिपूर्ण समय बिताने के लिए महफूज ठिकाना है। यह शांत वातावरण प्रदान करता है। यह अपने आश्चर्यजनक सूर्यास्त के लिए भी जाना जाता है। यह एक लोकप्रिय फोटोग्राफी स्थल है। जिंदगी के तमाम उथल-पुथल के बीच सुकून के दो पल कौन नहीं तलाशता। मन की थकान मिटाने के लिए गोवा इस लिहाज से बहुत ही सुंदर जगह है। जी चाहे तो आप यहां पार्टी का लुत्फ उठा सकते हैं, शांत माहौल में कुछ दिन बिता सकते हैं। बटरफ्लाई बीच गोवा (Photo@traveltriangle) बटरफ्लाई बीच साउथ गोवा में स्थित बटरफ्लाई बीच शानदार जगह है। आप नाव से यहां पहुंच सकते हैं। एकांत समुद्री किनारा और आसपास को मनोरम दृश्य आपको अद्भुत शांति महसूस कराएंगे। गोवा में समुद्र तट का एक नजारा (Photo@oatourismdepartment) Unsplash 20 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 1 मई, 2023 मोरजिम बीच गोवा (Photo@tripadvisor)
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22 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 1 मई, 2023 अल्बनीज के साथ बाइडेन, मोदी और किशिदा। सौजन्य : अमेरिकी दूतावास, ऑस्ट्रेलिया l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी एल्बनीज 24 मई को सिडनी में क्वाड नेताओं के सम्मेलन-2023 की मेजबानी करेंगे। यह पहला अवसर है जब ऑस्ट्रेलिया क्वाड लीडर्स समिट की मेजबानी करने जा रहा है। मई 2022 में टोक्यो में क्वाड लीडर्स समिट में प्रधानमंत्री अल्बनीज की उपस्थिति के बाद ऑस्ट्रेलिया इस आयोजन की मेजबानी कर रहा है। जानकारी के अनुसार पीएम अल्बनीज शिखर सम्मेलन के लिए ऑस्ट्रेलिया में अपने क्वाड समकक्षों का स्वागत करने के लिए तैयार हैं। क्वाड सम्मेलन में भारत, जापान और अमेरिका के शीर्ष नेताओं की इस मंच पर मुलाकात की रूपरेखा अल्बनीज अपनी बातचीत में पहले ही तय कर चुके हैं, लिहाजा 24 मई को भारत के प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन और जापान के प्रधानमंत्री किशिदा तथा स्वयं अल्बनीज एक साथ एक मंच पर होंगे। आयोजन को लेकर प्रधानमंत्री अल्बनीज ने कहा कि मैं सिडनी, ऑस्ट्रेलिया में पहली बार क्वाड लीडर्स समिट की मेजबानी करने पर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि क्वाड सहयोगी हिंद-प्रशांत क्त्र की सफल षे ता को लेकर गंभीरता से काम कर रहे हैं। हमारी सामूहिक ताकत का लाभ उठाने से ऑस्ट्रेलिया को अपने हितों को आगे बढ़ाने में मदद मिलती है और इस क्त्र की ज़रू षे रतों को अधिक प्रभावी ढंग से पूरा किया जा सकता है। जब हम अपने करीबी दोस्तों और साझेदारों के साथ मिलकर काम करते हैं तो हम हमेशा बेहतर होते हैं। क्वाड हिंद-प्रशांत क्त्र में षे स्थिरता, लचीलापन और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध चार देशों का एक साझा राजनयिक मंच है। साझा मत के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका स्वीकृत नियमों और मानदंडों द्वारा शासित क्त्र के षे लिए एक दृष्टिकोण साझा करते हैं जहां हम सभी सहयोग, व्यापार और विकास कर सकते हैं। इस वर्ष क्वाड सहयोगी G20 (भारत), G7 (जापान) और APEC (अमेरिका) की मेजबानी के माध्यम से हिंद-प्रशांत क्त्र में एक मजबू षे त नेतृत्व की भूमिका निभा रहे हैं। सिडनी में क्वाड लीडर चर्चा करेंगे कि परस्पर सहयोग को मजबूत करने और इस क्त्र को साझा म षे त के मुताबिक आकार देने के लिए क्वाड सहयोगी अन्य भागीदारों, क्षेत्रीय समूहों, प्रमुख आसियान तथा प्रशांत द्वीप समूह फोरम के साथ मिलकर कैसे काम कर सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका स्वीकृत नियमों और मानदंडों द्वारा शासित क्त्र के षे लिए समान दृष्टिकोण साझा करते हैं, जहां हम सभी परस्पर सहयोग के साथ व्यापार औरविकास कर सकते हैं। Quad Summit : मोदी, बाइडेन और किशिदा की मेजबानी को तयै ार एंथनी लंदन में हाउस ऑफ कॉमन्स के पास वेस्टमिनिस्टर एबे में 6 मई को होगा कार्यक्रम। (फोटो : Twitter @Coronation2023) l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क लंदन में हाउस ऑफ कॉमन्स के पास वेस्टमिनिस्टर एबे में 6 मई को ब्रिटेन के किंग चार्ल्सततृ ीय और क्वीन कैमिला के राज्याभिषेक समारोह का आयोजन किया जा रहा है। समारोह में सभी धर्मों के प्रतिनिधियों को बुलाया गया है। ईसाई धार्मिक समारोह वाले समारोह में सभी धर्मों के लोगों को शामिल कर उनमें विश्वास का संदेश देने की एक कोशिश है। हाउस ऑफ लॉर्ड्स में पगड़ी पहनने वाले पहले सदस्य इंदरजीत सिंह सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व करेंगे। किंग चार्ल्स ततृ ीय इंग्लैंड के चर्च के प्रमुख के रूप में भी सेवा कर रहे हैं। यह पहली बार है कि विभिन्न धर्मों के साथी राज्याभिषेक समारोह के दौरान जुलूस का हिस्सा होंगे। 90 वर्षीय इंदरजीत सिंह के अलावा हाउस ऑफ लॉर्ड्स के 84 वर्षीय सदस्य नरेंद्र बाबूभाई पटेल हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व करेंगे। इनके अलावा लॉर्ड कमाल मुस्लिम समुदाय और यहूदियों का प्रतिनिधित्व बैरोनीस मेररॉन द्वारा किया जाएगा। हाउस ऑफ लॉर्ड्स यूनाइटेड किंगडम की संसद का ऊपरी सदन है। पूर्व सांसद तरलोचन सिंह ने एक बयान में कहा कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार में लॉर्ड इंदरजीत सिंह ने सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने तत्कालीन प्रिंस ऑफ वेल्स चार्ल्स के बेटे की शादी में भी भाग लिया था। तरलोचन सिंह ने कहा कि सिख समुदाय ने सभी धर्मों को समान दर्जा देने के किंग चार्ल्स के फैसले की सराहना की है। हमें खुशी है कि ब्रिटेन सरकार ने इंदरजीत सिंह को सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व करने के लिए नामित किया है। तरलोचन सिंह ने कहा कि किंग चार्ल्स जो उस समय प्रिंस ऑफ वेल्स थे, ने अपनी पहली भारत यात्रा के दौरान अमृतसर में स्वर मं ्ण दिर का दौरा किया था। उन्होंने अपनी दूसरी भारत यात्रा के दौरान दिल्ली स्थित बंगला साहिब में भी मत्था टेका था। वर्ष 1997 में महारानी एलिजाबेथ स्वर मं ्ण दिर अमृतसर गईं थीं। ब्रिटेन के शाही परिवार ने एक ट्वीट में कहा, राज्याभिषेक की सुबह महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की हीरक जयंती के लिए 2012 में बनाए गए डायमंड जुबली स्टेट कोच में द किंग्स जुलूस में बकिंघम पैलेस से वेस्टमिंस्टर एब्बे तक जाएंगे। किंग चार्ल्स तृतीय के राज्याभिषेक में सभी धर्मों के प्रतिनिधि होंगे शामिल 6 मई को ब्रिटेन के किंग चार्ल्स तती ृ य और क्वीन कैमिला के राज्याभिषेक समारोह में सभी धर्मों के प्रतिनिधियों को बुलाया गया है। यह पहली बार है कि विभिन्न धर्मों के साथीराज्याभिषेक समारोह के दौरान जुलूस का हिस्सा होंगे।
न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 1 मई, 2023 23 Photo by Ronald Felton / Unsplash शीला मूर्ति l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क प्रसिद्ध भारतीय-अमेरिकी आव्रजन वकील शीला मूर्ति को मैरीलैंड चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा 11 मई को प्रतिष्ठित मैरीलैंड बिजनेस हॉल ऑफ फेम में शामिल करके सम्मानित किया जाएगा। समुदाय में प्रमुख व्यापारिक नेताओं के योगदान का सम्मान करने के लिए हर साल मैरीलैंड चैंबर ऑफ कॉमर्स अपने विशेष कार्यक्रम Inspire MD की मेजबानी करता है। शीला मूर्ति दुनिया की प्रमुख यूएस इमिग्शन रे लॉ फर्मों में से मूर्ति लॉ फर्म की संस्थापक और अध्यक्ष हैं। मूर्ति एक कुशल उद्यमी, परोपकारी, सामुदायिक नेता, सार्वजनिक वक्ता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त यूएस इमिग्शन वकील हैं। रे Inspire MD एटीएंडटी द्वारा किया जाने वाला एक वार्षिक उत्सव है, जो मैरीलैंड के नेताओं, परिवर्तनकारी लोगों, उद्यमियों, संगठनों, प्रभावशाली हस्तियों और पेशेवरों के समुदाय को एक शाम के लिए इकट्ठा करता है जो मैरीलैंड को अद्वितीय बनाने में अहम योगदान देते हैं। चैंबर ने 12 अप्ल को जा रै री एक प्स रे विज्ञप्ति में कहा कि उनके अविश्वसनीय नेतृत्व व उद्यमशीलता कौशल के साथ ही सेवा और परोपकार के माध्यम से उदार योगदान के लिए और दूसरों को उनके सपनों को हासिल करने में मदद करने के लिए मैरीलैंड चैंबर ऑफ कॉमर्स सुश्री शीला मूर्ति को मैरीलैंड बिजनेस हॉल ऑफ फेम में शामिल करके हर्षित है। इस उलपब्धि को लेकर शीला ने कहा कि यह सम्मान मेरे लिए विशेष रूप से महत्व रखता है क्योंकि मैं मैरीलैंड चैंबर ऑफ कॉमर्स और मैरीलैंड चैंबर फाउंडेशन के मिशन में विश्वास करती हूं ताकि एक मजबूत कारोबारी माहौल का समर्थन किया जा सके। यह हमारे महान राज्य और देश में व्यवसाय, व्यक्तियों और परिवारों के लिए जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करता है। मैरीलैंड स्थित मूर्ति लॉ फर्म मैरीलैंड चैंबर ऑफ कॉमर्स का एक सक्रिय सदस्य रहा है। मैरीलैंड चैंबर राज्यव्यापी है और व्यापारिक हितों के उद्शदे्य से महत्वपूर सा ्ण र्वजनिक नीति के मुद्दों पर भागीदारों के गठबंधन के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। अमेरिका के शीर्ष आव्रजन वकीलों में से एक मूर्ति हारर्ड ्व लॉ स्कूल से स्नातक हैं। उन्होंने 1994 में बाल्टीमोर, मैरीलैंड में मूर्ति लॉ फर्म की स्थापना की थी। l संवाददाता मुंबई स्थित जियो संस्थान ने भारत में शिक्षकों को बेहतर ट्रेनिंग देने के लिए अमेरिका में मैसाचुसेट्स स्थित प्रिंसिपल्स ट्रेनिंग सेंटर (PTC) के साथ साझेदारी की है। इसके तहत भारत में शिक्षकों के लिए खास तरीके से तैयार किए गए प्रशिक्षण कार्यक्रम उपलब्ध कराए जाएंगे। बताया गया है कि पीटीसी का यह कार्यक्रम भारत में पहली बार लॉन्च किया गया है। भारत में शुरू किया जा रहा यह प्रोग्राम छात्रों की सीखने और क्षमता में सुधार पर केंद्रित है। पाठ्यक्रम की सामग्री को भारतीय संदर्भ की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार किया गया है। यह प्रोग्राम प्रभावी तरीके से स्कूल को योजना तैयार करने और उसे लागू करने के लिए ज्ञान और कौशल प्रदान करेगा। प्रोग्राम में बताया जाएगा कि कैसे स्कूली शिक्षक और स्कूल के अन्य नेतृत्वकर्ता सीखने-सिखाने के लिए अनुकूल परिस्थितियां बना सकते हैं। पीटीसी पाठ्यक्रम में केस स्टडीज और अन्य प्रशिक्षण की प्रयोगात्मक रणनीति पर जोर दिया जाता है। जियो संस्थान के अध्यक्ष डॉ. जी रविचंद्रन का कहना है कि प्रिंसिपल्स ट्रेनिंग सेंटर के बीच करार हमारे स्कूलों में प्रशिक्षण की नई तकनीक लाने की दिशा में एक अहम कदम है। इससे हमारे छात्रों का भविष्य उज्जवल होने का दरवाजा खुलेगा। उन्होंने कहा कि पीटीसी के साथ साझेदारी दुनिया की बदलती जरूरतों के लिए जरूरी है। बताया गया है कि पीटीसी दुनिया भर के स्कूलों के प्रधानाध्यापक, शिक्षक, विभाग प्रमुख, परामर्शदाताओं और बोर्ड के सदस्यों को खास तरह का प्रशिक्षण देता है। पीटीसी प्राथमिक से उच्च शिक्षा तक स्कूलों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार करता है। ये कार्यक्रम शोध और व्यावहारिक जरूरतों को पूरा करने पर आधारित होते हैं। प्रिंसिपल्स ट्रेनिंग सेंटर के कार्यकारी निदेशक बांबी बेट्स ने कहा कि हम जियो संस्थान के साथ सहयोग करने और भारत में ‘एक प्रभावी स्कूल बनाने’ की पहल पर आधारित कार्यक्रम की पेशकश करने के लिए रोमांचित हैं। हमारा काम यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक स्कूल शिक्षक और प्रधानाचार्य इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए जरूरी कौशल प्राप्त करें। प्रिंसिपल्स ट्रेनिंग सेंटर का पाठ्यक्रम सभी शैक्षिक बोर्ड और स्कूलों – अंतरराष्ट्रीय स्कूलों, सीबीएसई स्कूलों, आईसीएसई स्कूलों और राज्य शिक्षा बोर्डों से संबद्ध स्कूलों के शिक्षकों के लिए उपलब्ध हैं। यह कार्यक्रम अगले महीने 22 मई से 28 मई 2023 तक पेश किया जाएगा। मुंबई स्थित जियो संस्थान परिसर में यह 7 दिवसीय आवासीय कार्यक्रम होगा। चयनित उम्मीदवारों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। शीला मूर्ति दुनिया की प्रमुख यूएस इमिग्शन लॉ फ रे र्मों में से एक मूर्ति लॉ फर्म की संस्थापक और अध्यक्ष हैं। मूर्ति एक कुशल उद्यमी, परोपकारी, सामुदायिक नेता, सार्वजनिक वक्ता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त यूएस इमिग्शन वक रे ील हैं। जियो संस्थान ने मैसाचुसेट्स स्थित प्रिंसिपल्स ट्रेनिंग सेंटर (PTC) के साथ साझेदारी की है। प्रोग्राम में बताया जाएगा कि कैसे शिक्षक अनुकूल परिस्थितियां बना सकते हैं। यह कार्यक्रम अगले महीने 22 मई से 28 मई 2023 तक पेश किया जाएगा। भारतीय-अमेरिकी शीला मूर्ति मैरीलैंड बिजनेस हॉल ऑफफेम में शामिल होंगी जियो संस्थान का PTC से करार, छात्रों को मिलेगा लाभ Stay Ahead With Us! Email info@NewIndiaAbroad.Com Website www.NewIndiaAbroad.Com
RAJASTHAN TEEN RAJASTHAN MRS RAJASTHAN MISS 7th BECOME A MEMBER NOW www.jhoomevents.com www.roarusa.org For Membership, Invitation and Sponsorship, Contact Tarang Soni : 732-306-1003 Biggest Rajasthani Festival of the USA Royal Alberts Palace, 1050 King George Post Road, Edison, NJ Ghoomar Dance | Folk Dance | Folk Songs | Rajasthani Food Multiple awards -Teej Queen, Maharani Padmavati, Mrs.Tradition 18th August 2023, Friday, 6:30 PM Annual T Mah E otsav E 2023 J 7 Annual Mahotsav 2023 Rajasthani Organization of American Residents in collaboration with presents Jhoom Events & Tarang Soni Through Membership & Invitation FREE ENTRY 24 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 1 मई, 2023
क्या लॉस एंजिलिस में बेघरों की समस्या का हल कर पाएंगी दीपिका शर्मा? ...Page 2 *India Abroad is a Registered trademark and not affiliated with the newspaper named India Abroad marketed in the US from 1972 to 2021. ...Page 4 ...Page 6 Year 1, Volume 27 Washington DC, Monday ़1 May, 2023 ब्रिटेन: बन रहे पहले जगन्नाथ मंदिर के लिए 250 करोड़ रुपये देंगे बिश्वनाथ परदेस जाकर 120% अधिक कमाते हैं भारतीय, अकुशल श्रमिकों की आय में भी 500 % तक की बढ़त! अजय बंगा विश्व बैंक प्रमुख पद के लिए नामित एकमात्र उम्मीदवार हैं। फोटो : Twitter @FortunayPoder l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क कैलिफोर्निया की सीनेट समिति ने जातिगत भेदभाव पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी है। इस तरह यह बिल पास होने के एक कदम करीब पहुंच गया है। भारतीय अमेरिकी व्यापारिक और अन्य संगठनों के कड़ेविरोध के बीच पिछले महीने यह विधेयक पेश किया गया था। यह पहला मौका है जब किसी अमेरिकी राज्य की विधायिका ने इस तरह के बिल पर विचार कर रही है। कैलिफोर्निया सीनेट ज्यूडिशियरी कमेटी ने सर्वसम्मति से विधेयक को मंजूरी दी है। अब इसे विचार के लिए अगली कमेटी के पास भेजा जाएगा। यदि बिल पारित हो जाता है तो राज्य के भेदभाव-विरोधी कानूनों में जाति को भी संरक्षित श्रेणी के रूप में जोड़ दिया जाएगा। अमेरिका के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य में जाति के आधार पर भेदभाव करना अवैध घोषित हो जाएगा। इससे पहले अमेरिका के सिएटल शहर प्रशासन ने जाति आधारित भेदभाव पर प्रतिबंध का ऐतिहासिक कानून बनाया था। यह प्रस्ताव इस साल की शुरुआत में भारतीय अमेरिकी नेता क्षमा सावंत ने पेश किया था। सिएटल इस तरह का कानून बनाने वाला दक्षिण एशिया के बाहर पहला शहर है। पिछले महीने इस बिल को पेश करने वाली प्रांतीय सीनेटर आयशा वहाब ने कहा कि हमने भेदभाव के ऐसे रूप को उजागर किया है जिसके बारे में बहुत से लोगों को पता भी नहीं चल पाता था। उन्होंने कहा कि यह बिल किसी विशिष्ट समुदाय या धर्म को टारगेट नहीं करता। बिल के विरोधियों का यह कहना गलत है कि इससे हिंदुओं और भारतीय मूल के लोगों को परेशानी होगी। बता दें कि आइशा राज्य से सीनेट के लिए चुनी गईं पहली मुस्लिम अफगानी अमेरिकी सीनेटर हैं। इस विधेयक के विरोधियों का कहना है कि यह अगर कानून बना तो मंदिरों और छोटे व्यापारियों के खिलाफ जातिगत भेदभाव के मुकदमों की संख्या काफी बढ़ जाएगी जिससे उनकी छवि और व्यापार दोनों प्रभावित होंगे। l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क अमेरिका का कहना है कि भारतीय मूल के अमेरिकी कारोबारी अजय बंगा विश्व बैंक (World Bank) का नेतृत्व करने के लिए विशिष्ट रूप से सक्षम हैं। अमेरिका सरकार के उप-प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि आज के चुनौतीपूर समय में अजय बंगा ्ण के पास नेतृत्व क्षमता के साथ ही मैनेजमेंट का अनुभव भी है। साथ ही वह वित्तीय सेक्टर में भी अनुभव रखते हैं। कैलिफिफोर्नियर्निया: जातितिगत भेदभाव कानून गत भेदभाव कानून की ओरर बढ़े कदम, क ़े कदम, कमिमिटी ने दी मंजू टी ने दी मंजूररी कैलिफोर्निया सीनेट ज्यूडिशियरी कमेटी ने सर्वसम्मति से विधेयक को मंजूरी दी है। अब इसे विचार के लिए अगली कमेटी के पास भेजा जाएगा। इससे पहले, अमेरिका के सिएटल शहर प्रशासन ने जाति आधारित भेदभाव पर प्रतिबंध का ऐतिहासिक कानून बनाया था। अमेरिका का कहना है कि अजय बंगा विश्व बैंक का नेतृत्व करने के लिए सही उम्मीदवार हैं। इस साल फरवरी में अमेरिकीराष्ट्रपति बाइडन ने अजय बंगा को विश्व बैंक का अध्यक्ष नामित किया था। अजय का विश्व बैंक का अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है। अमेरिका को इसलिए है अजय बंगा पर भरोसा शेष पेज 4 पर
l न्यू इंडि्ा अब्रॉि नेटवर्क भारती्य-अमेररकी दंपती और उनके शकिोर बेटे को िबशलन, ओहा्यो शसथत उनके घर पर मृत पा्या ग्या है। तीनों की मौत गोली लगने से हुई है। पुशलस मृत्यु का कारण पता लगाने में र्ुटी है। दंपती और उनके बेटे की हत्या हुई ्या ्यह सामूशहक आतमहत्या का मामला है, इसकी पडताल की र्ा रही है। मीशि्या ररपोटस्र में बता्या ग्या है शक भारती्य मूल के रार्न रार्ाराम (54), िांशतलता रार्न (51) और उनके बेटे अनीर रार्ाराम (19) के िव 18 र्नवरी को उनके घर में शमले। पररवार के एक र्ानने वाले ने उनकी खैरर्यत र्ानने के शलए फोन शक्या था लेशकन शकसी ने उठा्या नहीं। इसके बाद उसने पुशलस को इत्ला दी। पुशलस मौके पर पहुंची तो घर में िव शमले। पुशलस के खुशफ्या सूत्ों ने अपनी प्ारंशभक र्ांच में कहा है शक तीनों की मौत गोली लगने से हुई है। ्यह हत्या ्या सामूशहक आतमहत्या का मामला हो सकता है। अशधकारर्यों का कहना है शक उनहें इस बात के सुबूत नहीं शमले हैं शक घर में कोई र्बद्रसती घुसा हो। ्यह भी लग रहा है शक घर के अंदर िव कई शदनों से पडे हुए थे। रिेंकशलन काउंटी का्या्रल्य के ररकॉडस्र के आधार पर बता्या ग्या है शक रार्न पररवार उस घर में 1998 से रह रहा था। रार्न शसनशसनाटी शसथत टेक्ोसॉफट कॉपटोरेिन में इंर्ीशन्यर थे। उनकी पत्ी र्ेपी मॉग्रन चेस में काम करती थीं। बेटा अनीर ऑकसफोि्ट, ओशह्यो शम्यामी शवशवशवद्ाल्य के फाम्रर सकूल ऑफ शबर्नेस में अकाउंशटंग प्मुख था। शवशवशवद्ाल्य ने एक ब्यान में कहा है शक छात् अनीर की मृत्यु की खबर से संसथान के कम्रचारी और बेहद दुखी हैं। पररवार के पररशचत और दोसत भी घटना को लेकर व्यशथत हैं। िबशलन कॉफमैन हाई सकूल के एक शिक्षक एली शर्मरमैन ने मीशि्या से कहा शक वह अनीि को तब से र्ानती हैं र्ब वह कॉफमैन में पहले साल आ्या था। वह सामुदाश्यक सेवा संगठन से भी र्ुडा हुआ था। एक समझदार, िांत और मेहनती बच्ा था। वह पढाई में तो अचछा था ही, उसमें नेतृतव के भी गुण थे। अनीर के बचपन के एक दोसत गाबे शफनटा ने मीशि्या से कहा शक उनकी मुलाकात तब हुई थी, र्ब वे आठवीं कलास में थे। हाल ही में वह दुबई की ्यात्ा पर गए थे र्हां अनीर ने अपने एक िर पर र्ीत हाशसल की थी, वह िर था सकाईिाइशवंग का। अनीि ऐसा लडका था र्ो शर्ंदगी को पूरी तरह र्ीना चाहता था। उसकी और पररवार की मौत से हमें बहुत दुख है। 16 न् यू इंडि्ा अब्रॉि सोमवार, 30 जनवरी, 2023 ओहायो में भाितीय मूल िे दंपकत औि बेटे िे िव कमले, हतया या सामूकहि आतमहतया? खबरों में बताया गया है लक भारतीय मूल के राजन राजाराम (54), िांलतलता राजन (51) और उनके बेटे अनीष राजाराम (19) के िव उनके घर में लमले। तीनों की मौत गनोली लगने से हुई बताई गई है। 2 सोमवार, 1 मई, 2023 परदेस में 120% अधिक कमाते हैं भाररतीयय, दूसररों को भी लाभ ों को भी लाभ l संवाददाता वर्ल्ड डेवलपमैंट रिपोर्ट (WDR) में अनुमान लगाया गया है कि जो भारतीय विदेश में जाकर काम करते हैं, उनकी कमाई 120 प्रतिशत तक बढ़ जाती है जबकि आंतरिक प्रवास के चलते उनकी आय 40 प्रतिशत ही बढ़ पाती है। हाल ही में जारी इस रिपोर्ट में अनुमान व्यक्त किया गया है कि कम कौशल वाले भारतीय जब अमेरिका जाकर काम करते हैं तो उनकी बल्ले-बल्ले होती है। उनकी कमाई में 500 प्रतिशत के करीब तक बढ़त हो जाती है। और अगर भारतीय यूएई जाते हैं तो आय में 300 प्रतिशत तक का इजाफा हो जाता है। हालांकि खाड़ी सहयोग परिषद वाले देशों में जाने पर भारतीय कामगारों को अमेरिका जितना फायदा नहीं होता। खाडी़ सहयोग परिषद में सऊदी अरब, बहरीन, ओमान, कतर, कुवैत और यूएई आते हैं। रिपोर्ट कहती है कि उच्च स्तरीय दक्षता वाले कामगारों की आय में अत्यधिक बढ़ोतरी होती है। मिसाल के तौर पर सिलिकॉन वैली जाने वाले तकनीकी रूप से कुशल लोगों को कई गुना ज्यादा पैसा मिलता है। डॉक्टरों को लेकर भी यही स्थिति है। कई बार कम कौशल वाले मजदूर भी कई गुना ज्यादा पैसा पा जाते हैं। रिपोर्ट के अनुसार कई बार यह कमाई कौशल से अधिक उम्र, जगह और भाषाई क्षमता पर निर्भर करती है। WDR, 2023 यह भी दावा करती है कि अवसर और उस जगह विशेष (देश या शहर) की मांग के मुताबिक काम और कौशल मिल जाए तो काम के सिलसिले में प्रवास आर्थिक रूप से अधिक लाभकारी होता है। वैसे अधिकांश लोगों के लिए प्रवास फायदे का सौदा ही साबित होता है। लाभ इसलिए भी होता है क्योंकि काम और कौशल का चुनाव अवसर के हिसाब से होता है। उच्च आय वाले देशों में जाकर कई बार यह लाभ इतना होता है कि अपने देश में उतना पैसा कमाने में कामगार को दशकों लग सकते हैं। हालांकि यह भी सच है कि प्रवास के लिए शुरुआत में अच्छी-खासी कीमत भी चुकानी पड़ती है। लेकिन वह कीमत बाद में बहुत अधिक प्रतीत नहीं होती। जहां तक प्रवास की रफ्तार की बात है तो भारत-अमेरिका, भारत-खाड़ी सहयोग परिषद और बांग्लादेश- भारत के बीच कामकाजी सिलसिले में प्रवास की अधिकता है। यहां पर भारतीयों का लगातार आना-जाना लगा रहता है। उच्च आय वाले देशों में जाकर कई बार यह लाभ इतना होता है कि अपने देश में उतना पैसा कमाने में कामगार को दशकों लग सकते हैं। हालांकि यह भी सच है कि प्रवास के लिए शुरुआत में अच्छी-खासी कीमत भी चुकानी पड़ती है।
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4 सोमवार, 1 मई, 2023 ब्रिटेन: बन रहे पहले जगन्नाथ मंदिर के लिए 250 करोड़ रुपये देंगे बिश्वनाथ l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क लंदन में भगवान जगन्नाथ को समर्पित ब्रिटेन के पहले मंदिर के निर्माण की परियोजना पर काम कर रही ब्रिटेन की धर्मार्थ संस्था ने एक भारतीय उद्यमी की GBP 25 million (करीब 250 करोड़ रुपये) देने की प्रतिज्ञा का स्वागत किया है। संस्था को उम्मीद है कि अगले साल के अंत तक निर्माण का पहला चरण पूरा हो जाएगा। इंग्लैंड में चैरिटी कमीशन के साथ पंजीकृत श्री जगन्नाथ सोसाइटी, यूके ने बताया कि वैश्विक भारतीय निवेशक बिश्वनाथ पटनायक मूल रूप से उड़ीसा के हैं। पटनायक ने रविवार को लंदन में आयोजित पहले श्री जगन्नाथ सम्मेलन में यह प्रतिज्ञा की थी। फिननेस्ट ग्रुप ऑफ कंपनीज के संस्थापक पटनायक ने कंपनी के प्रबंध निदेशक अर्जुन कार से हाथ मिलाया है जो इस निर्माण परियोजना के यूके स्थित प्रमुख दाता हैं। इस मामले को लेकर जगन्नाथ सम्मेलन में श्री कार ने घोषणा की थी कि बिश्वनाथ पटनायक ने लंदन में भगवान जगन्नाथ के एक भव्य मंदिर के निर्माण के लिए GBP 25 मिलियन की राशि देने का वचन दिया है। पटनायक फिननेस्ट के प्रबंध निदेशक भी हैं। जानकारी के अनुसार फिननेस्ट एक प्रारंभिक चरण की निजी इक्विटी निवेश फर्म, है जो नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs), हाइड्रोजन लोकोमोटिव, नवीन प्रौद्योगिकी और फिनटेक में दुनिया भर में निवेश करती है। कार ने खुलासा किया कि समूह ने श्री जगन्नाथ मंदिर लंदन के नाम से जाने जाने वाले नए मंदिर के लिए लगभग 15 एकड़ भूमि की खरीद के वास्ते 7 मिलियन GBP (करीब 70 करोड़ रुपये) देने की प्रतिबद्धता जताई है। चैरिटी की ओर से बताया गया है कि मंदिर निर्माण के लिए एक उपयुक्त जगह की पहचान कर ली गई और भूमि खरीद सौदा अंतिम चरण में है। मंदिर निर्माण के लिए स्थानीय परिषद को अर्जी भी भेज दी गई है। मंदिर को साकार करने के लिए पटनायक ने लोगों से साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया है। l संवाददाता पिछले सालों में लगातार ऐसी खबरें आ रही हैं कि भारत से चोरी की गई बहुमूल्य प्रतिमाएं या तो वापस लाई जा रही हैं या उनके वापस आने का रास्ता साफ हो चुका है। भारत सरकार ने बताया है कि हाल ही में चोल वंश से संबंधित भगवान हनुमान की चोरी की गई मूर्ति को ऑस्ट्रेलिया से वापस लाया गया है। ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा में भारतीय उच्चायुक्त को यह मूर्ति सौंपी गई थी। इसके बाद फरवरी 2023 में इस मूर्ति को भारत लाया गया था। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार यह मूर्ति भारत के तमिलनाडु के एक मंदिर से चोरी की गई थी। यह राज्य के अरियालुर जिले के पोट्टावेली वेल्लूर के श्री वरथराजा पेरूमल स्थित भगवान विष्णु के मंदिर से चुराई गई थी। भारत सरकार ने इस मूर्ति को तमिलनाडु सरकार की मूर्ति विंग को सौंप दिया है। यह चोल साम्राज्य यानी 14वीं-15वीं शताब्दी से संबंधित है। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने बताया कि भारत सरकार देश के भीतर देश की पुरातन विरासत को सुरक्षित रखने की दिशा में काम कर रही है। अतीत में अवैध रूप से विदेश ले जाई गईं बहुमूल्य मूर्तियों आदि को वापस लाने में महत्वपूर भू ्ण मिका निभा रही है। अभी तक 251 प्राचीन काल की वस्तुओं को विभिन्न देशों से वापस लाया गया है। इनमें से 238 को साल 2014 से वापस लाया गया है। बता दें कि इससे पहले बुद्ध की एक मूर्ति इटली से मिली थी। इस मूर्ति को बिहार से 20 साल पहले चुराया गया था। इसके अलावा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने मन की बात कार्यक्रम के 29वें एपिसोड में एक ऐसी ही मूर्ति का जिक्र किया था। उन्होंन कहा था कि एक सदी पहले भारत से चोरी की गई देवी अन्नपूर्णा की मूर्ति को कनाडा से वापस लाया जाएगा। यह मूर्ति वाराणसी से साल 1913 के आसपास चोरी हुई थी और तस्करी कर कनाडा भेज दी गई थी। उन्होंने कहा कि अजय बंगा विश्व बैंक को उसके उद्शदे्य जैसे गरीबी हटाने, समृद्धि फैलाने में मददगार साबित होंगे। विश्वबैंक ने हाल ही में कहा था कि भारतीय-अमेरिकी अजय बंगा विश्व बैंक प्रमुख पद के लिए नामित एकमात्र उम्मीदवार हैं क्योंकि नामांकन की अवधि 29 मार्च को समाप्त हो गई थी। वेदांत पटेल ने कहा कि आज दुनिया तेजी से बदल रही है। हम जलवायु परिवर्तन के साथ ही वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य को लेकर समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इन परिस्थितियों के बीच अजय बंगा विश्व बैंक का नेतृत्व करने के लिए सही उम्मीदवार हैं। अमेरिका ने बंगा के बारे में यह राय देते हुए कहा कि विश्व बैंक औपचारिक रूप से अपने अध्यक्ष के रूप में उनकी नियुक्ति की घोषणा करने की योजना बना रहा है। इस साल फरवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अजय बंगा को विश्व बैंक का अध्यक्ष नामित किया था। उस वक्त अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने कहा था कि उनका देश बंगा को विश्व बैंक का नेतृत्व करने के लिए नामित करेगा। बता दें कि विश्व बैंक के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करने की आखिरी तारीख 29 मार्च थी। अजय बंगा के अलावा किसी और उम्मीदवार ने नामांकन नहीं किया है। ऐसे में अजय का विश्व बैंक का अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है। भारतीय-अमेरिकी अजय बंगा फिलहाल इक्विटी फर्म जनरल अटलांटिक में वाइस चेयरमैन के रूप में कार्यरत हैं। उनका जन्म भारत के महाराष्ट्र के पुणे में हुआ था। अजय की स्कूलिंग हैदराबाद पब्लिक स्कूल से हुई है। तब उनके पिता हरभजन सिंह बंगा सेना में अफसर थे और 1970 में हैदराबाद में ही तैनात थे। स्कूली पढ़ाई के बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में बीए की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) अहमदाबाद से पढ़ाई की। बंगा मास्टरकार्ड के प्रमुख रह चुके हैं। विश्व बैंक के नए प्रमुख को मई की शुरुआत तक चुने जाने की उम्मीद है। मंदिरनिर्माण के लिए एक उपयुक्त जगह की पहचान कर ली गई और भूमि खरीद सौदा अंतिम चरण में है। मंदिर को साकार करने के लिए पटनायक ने लोगों से साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया है। भारत सरकार देश के भीतर देश की पुरातन विरासत को सुरक्षित रखने की दिशा में काम कररही है। अतीत में अवैध रूप से विदेश ले जाई गईं बहुमूल्य मूर्तियों आदि को वापस लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। श्री जगन्नाथ सोसाइटी, यूके ऑस्ट्रेलिया से 'मिले' हनुमान, इटली से बुद्ध और कनाडा से आईं अन्नपूर्णा अमेरिका को इसलिए है अजय बंगा पर भरोसा पेज 1 का शेष
22 New India Abroad न् यू इंडि्ा अब्रॉि सोमवार, 17 अप् Monday, 6 March, 2023 सोमवार, 1 मई, 2023 ैल, 2023 215 3 Monday, 6 February, 2023 New India Abroad Ami Bera on the Select Committee on Intelligence, Raja Krishnamoorthi on the Select Committee that looks at Strategic Competition between the US and China; Ro Khanna on the Sub-committee on Cyber, Innovative Technologies and Information Systems and Pramila Jaypal on the Sub-committee on Immigration. Indian American Legislators in key House Committees STAFF REPORTER The Democratic leadership in the House of Representatives has picked four Indian American law makers for critical Committee positions: Ami Bera of California for Select Committee on Intelligence: Raja Krishnamoorthi of Illinois as Ranking Member in the Select Committee that looks at Strategic Competition between the United States and the Chinese Communist Party; Ro Khanna of California as Ranking Member of the House Armed Services Subcommittee on Cyber, Innovative Technologies and Information Systems (CITI) and Pramila Jaypal of the State of Washington as Ranking Member in the Sub-committee on Immigration. Bera’s influential House Permanent Select Committee oversees intelligence activities of the United States including that of the Central Intelligence Agency (CIA), the Director of National Intelligence (DNI), the National Security Agency (NSA) and military intelligence programs. “At a time of increased threats, both at home and abroad, I take seriously this new role and the responsibility entrusted to me to protect and defend American families”, Bera has said. In a new Committee formed in the 118th Congress to specifically investigate and develop policy to address America’s economic, technological and security competition with the Communist Party of China, Congressman Raja Krishnamoorthi will be serving as Ranking Member. “The Chinese Communist Party poses serious economic and security threats to the United States and to democracy and prosperity across the globe, illustrated by its threats against Taiwan’s democracy, its weaponization of TikTok, and its theft of hundreds of billions of dollars’ worth of American intellectual property”, the Illinois Democrat said. “… at a time when anti-Asian hate and violence are on the rise, it’s essential that this committee focuses its vital work on protecting all Americans from the threat posed by the CCP, while avoiding dangerous rhetoric that fuels the types of xenophobia that have endangered members of the Asian American and Pacific Islander community”, he added. Congressman Krishnamoorthi is also a senior Member in the House Permanent Select Committee on Intelligence. While Ro Khanna is also a member of the committee on the Chinese Communist Party, he has been selected as a Ranking member of the House Armed Services Subcommittee on Cyber, Innovative Technologies and Information Systems (CITI) in the 118th Congress. “Our adversaries are making advances in emerging technologies like Artificial Intelligence for their defense systems and have the potential to unleash cyberattacks against our critical infrastructure,”Khanna said. “In planning for the future of defense, our emerging and commercial technologies must be at the forefront. One of my goals on this committee will be to strengthen the bridge between Silicon Valley and the Department of Defense,” he added. Pramila Jayapal has been tapped to serve in the sub committee of the House Judiciary Committee on Immigration, Integrity, Security and Enforcement as a Ranking Member making her the first immigrant in a leadership role. “As the first South Asian woman elected to the U.S. House of Representatives and one of only two dozen naturalized citizens in Congress, I am honored and humbled to serve as the Ranking Member…”, she said in a statement. “ It is extremely meaningful to me that I will now be in this position to better move the needle and re-center our broken immigration system around dignity, humanity, and justice”, she added. Congresswoman Jayapal’s Sub committee will have jurisdiction over immigration law and policy, naturalization, border security, refugee admissions, nonborder immigration enforcement, and other various issues. Images- Twitter Mohanty will take charge from February 23, 2023. Kuldip Mohanty is Chief Information Officer in North Dakota MADHU BALAJI Governor of North Dakota Doug Burgum has announced the appointment of Kuldip Mohanty to the North Dakota Information Technology (NDIT) department as the state’s next chief information officer (CIO). Mohanty will take charge from February 23, 2023. He has served the private sector for about 30 years. “Kuldip brings a wealth of experience in modernizing services and transforming IT that will help the State of North Dakota become more efficient and responsive, serving citizens 24/7 with smart, easy-touse systems. With his leadership of the outstanding team at NDIT, we look forward to building upon North Dakota’s reputation as a national leader in cybersecurity as we reduce redundancies, improve services and enhance the security of citizens’ data,” Burgum said. “It is a great honor and privilege to serve the people of North Dakota. I’m thankful to Gov. Burgum for the opportunity to lead the amazing team at North Dakota Information Technology,” Mohanty said. “I look forward to building on the momentum and successes of NDIT and collaborating with all stakeholders to build a citizen-centric, frictionless customer experience,” he added. Mohanty has served as senior vice president of IT and North America CIO for ManpowerGroup, a leading global workforce solutions company, from 2018- 2019. He has also served as vice president of enterprise IT strategy and services for CNO Financial Group from 2014-2018. Mohanty has a master’s degree in computer applications from Jorhat Engineering College and a master of business administration degree from the Kellstadt Graduate School of Business at DePaul University in Chicago. He serves on the board of the executive service corps in Chicago and has worked to improve education and health care in rural India with the Abhaya Foundation. Kuldip Mohanty Image: Twitter 22 Monday, 6 February, 2023 New India Abroad Known for combining Bollywood influences in her music, Aurora said she had so much to learn from all the artists performing at the event. SRK after Pathaan success My genuine desire is to spread happiness Khan said the overwhelming success of the film on the worldwide box office has “still not sunk in” SANJEEV KUMAR Bollywood superstar Shahrukh Khan a.k.a SRK on Jan 30, 2023 expressed his love for acting after the success of his new film, Pathaan, and said, “My genuine desire is to spread happiness and I feel bad if I fail to do so’. Khan made these remarks during the first press meet organized for the success of Pathaan, which has proved to be a blockbuster earning around US$ 67 million in just five days. His co-stars, Deepika Padukone and John Abraham, and director Siddharth Anand were also present on the occasion. SRK started the press meet by thanking fans, cast and crew for all the love and said, “There were some things that could have stalled happy release of the film, Pathaan and we can’t thank people enough on behalf of all Bollywood colleagues for bringing life back in cinemas.” Commenting on the controversy surrounding the movie, Khan said, “Our aim by making movies is to spread love and kindness even if we are playing bad characters, say bad things and it isn’t intended to hurt any sentiments. Fun and entertainment should left at that and it shouldn’t be taken seriously,” Khan added. He shared that his intention in film making was to ensure that people can watch it with love. Yet there were some incidents when some fans got too excited and might have broken a chair or two. “But It shouldn’t hurt or disturb anyone. Cinema watching, film making and film experience is an experience of love, more than an empty box of popcorn,” the Bollywood superstar said. Responding to a query on getting immense love after his movies become a hit, Khan retorted that his fans’ love remain the same even after a film doesn’t work. of fans who love me. My elders had told “I have millions, billions me that if some things don’t work go to the people who loves you. So whenever I am happy or sad, I go to my balcony (to meet people who love him). I am grateful that the God has given me lifetime ticket to the balcony.” Talking about his four year hiatus from movies, the actor said two and half years got marred by Covid and I, too, like everyone else, had good and bad parts. But most importantly, I was with my children and for first time, I saw my children, Aryan, Suhana and Abram grow up. “After Zero tanked then many people said my films wont work anymore now. So I had even thought of an alternate career during Covid, cooking and learned Italian cooking,” he said, adding he was planning to open Red Chillies Food Eatery. at Pathaan 2 by saying that he was grateful King Khan also hinted to Yash Raj Films (YRF) and Anand for giving him the opportunity to work in the movie and would definitely like to work in the sequel of the spy thriller. Image- Twitter/@JacyKhan “Feel so welcomed” Indian American singer Raveena Aurora on performing at Lollapalooza India STAFF REPORTER I ndian American singer and songwriter Raveena Aurora was overwhelmed with the love she received from the audience during her performance, at the inaugural Lollapalooza music festival held in Mumbai, India on January 29, 2023. Aurora took to Instagram to share her feelings after the show, “First show in India, can’t even explain how special this was, especially because of how much ‘Asha’s awakening’ (her new music album) was inspired by here.” “I think maybe in a way I was always searching for a sense of belonging somewhere and I think for a moment I felt it at this show,” the singer added. Known for combining Bollywood influences in her music, Aurora said she had so much to learn from all the artists performing at the event. “There is so much beauty and talent in every corner of my country. I love u all so much and thank u for making me feel so welcomed, I hope this is a spark to many more shows in India,” the 29-year-old singer wrote. It is worth noting that Aurora who is recognized for her ability to pair soothing sounds with powerful and soulful lyrics previously created headlines as the first ever Indian American to perform at Coachella 2022. Inspired by Indian singing legends such as Lata Mangeshkar and Asha Bhonsle, Aurora’s songs usually bring attention to social issues such as sexual assault, identity politics, sexuality, and heartbreak. Raised by Sikh parents in New York and Connecticut, she is considered a trailblazer for her exploration of sexuality and identity in her art, especially in the representation of the queer South Asian Community. Image - Instagram/@Raveena Aurora 15 Monday, 6 February, 2023 New India Abroad Dr. Shivangi maintained that health care across the world is regarded as an important determinant in promoting the general, physical, mental, and social well-being of people around the world and can contribute to a significant part of a country’s economy STAFF REPORTER S tressing that the diaspora wants to make India’s health care a world class endeavour by utilizing information technology, medicine, finance, banking and politics, Dr. Sampat Shivangi, a physician, an influential community leader and a veteran of the American Association of Physicians of Indian Origin (AAPI) recommended that the government of India must collaborate with the professional body. “I want to stress the importance of working together with solid cooperation and partnership, which will make such a tremendous change in the Indian healthcare system,” Dr. Shivangi said in remarks made to delegates at the recently held Pravasi Bharatya Diwas in Indore. During the recent Covid catastrophe, AAPI provided extensive support to India raising more than US$ 5 millions that were used to procure and provide Oxygen Concentrators, Ventilators, High Flow Oxygen and setting up dozens of Oxygen plants, and Chemiluminescence ImmunoAnalyzers (CLIA). The AAPI also adopted several villages and closely coordinated the overall development by providing primary care and preventive medicine to dozens of rural villages across India. A close friend of the Bush family, Dr. Shivangi was instrumental in lobbying for the first Diwali celebration in the White House and for President George W. Bush to make his trip to India. He had accompanied President Bill Clinton during his historic visit to India. The prominent Indian origin Physician also played a critical role during the United States-Indian Civilian Nuclear Agreement, seen as a landmark deal of Prime Minister Manmohan Singh and George Bush tenures. Dr. Shivangi maintained that health care across the world is regarded as an important determinant in promoting the general, physical, mental, and social well-being of people around the world and can contribute to a significant part of a country’s economy, development, and industrialization when efficiently improving human health and providing access to affordable highquality health care. “India has made striking progress in health standards in the postindependence era. The sustained efforts to control the country’s population & the political will to march towards the SDG in health will help India to make a significant impact in the international health sector”, he said. Dr. Shivangi, an obstetrician/gynecologist, has been elected by a US state Republican Party as a full delegate to the National Convention. He is one of the top fund-raisers in Mississipi state for the Republican Party. Besides being a politician by choice, the medical practitioner is also the first Indian to be on the American Medical Association, the apex law making body. Dr. Sampat Shivangi was awarded the Pravasi Bharatiya Diwas Sanman in 2016 in Bengaluru by the then President Pranab Mukhejee. He was awarded the prestigious Ellis Island Medal of Honor in New York in 2008. Diaspora has role in promoting healthcare ecosystem during Amritkaal… Dr. Sampat Shivangi Dr. Sampat Shivangi with Minister of Health Mansukh Mandaviya 7 Monday, 6 February, 2023 New India Abroad India’s Republic Day celebrated at Vaishnav Temple of New York BHAVANA P The first traditional Pashtimargiya temple in North America, The Vaishnav Temple of New York (VTNY), along with the The Cajani Sam of New York (CSNY) celebrated 74th Republic Day of India, with almost 300 Indian “Desh Bhakts” on January 29, 2023. Founded by the late Dr. Arvind Shah, in 1986, VTNY along with the Indian community have been celebrating India’s Republic Day for more than 30 years. Dr. Bobby Kalotee, chairman of the Nassau County Commission on Human Rights, and Ragini Srivastava, Town Clerk of the Town of North Hempstead, in Nassau County, New York, were the event’s chief guests. Dr. Pratix Shroff and his family, who are devout Vaishnavs, sponsored the event. Famous for both general and cosmetic dentistry, Shroff has for long supported VTNY. The celebration began with a parade of the Indian and American flags, in which all the dignitaries, trustees, executive committee members, and other Indians from VTNY and CSNY participated. Everyone was welcomed by Kamat Madaria, secretary of VTNY. Champakbhai Parikh and his sons Bharathbhai Parikh Charpakhat led the flag hoisting event, which has been conducted for more than 20 years, while all the senior members of VTNY and CSNY joined on the stage with the dignitaries. Avantika Shah sung the American National Anthem, which was followed by the Vande Mataram, flag hoisting by dignitaries, Rashtra Dwaj salami, and everyone singing India’s National Anthem. The community members were then honoured for their altruistic contribution by Kalotre and Srivastava. The festivities also included patriotic song dance performances by young kids and teenagers from the community. The celebration grandly commenced with a parade of the Indian and American flags, which recorded participation from the dignitaries, trustees, and executive committee members. As part of India’s commitment to the idea that “the world is a family,” BMVSS (Jaipur Foot), which is the largest lower limb rehabilitation facility, aims to help people worldwide. Bobby Kalotee and Ragini Srivastava presented Citation to Mrs. and Mr. Jignesh Pratix Shroff, addressing the gathering, as the events sponsor. 74th Republic Day Flag Hosting at Vaishnav Temple of New York. Images - Provided Jaipur Foot camp inaugurated in Beirut STAFF REPORTER On the occasion of India’s 74th Republic Day, the Jaipur Foot artificial limb fitment camp was launched in Beirut, the capital of Lebanon at the Rafik Hariri University Hospital. Organized by Bhagwan Mahaveer Viklang Sahayati (BMVSS), Jaipur, under the Indian Ministry of External Affairs’ “India for Humanity” initiative, the camp was was attended by Dr. Jihad Saadeh, chairman of the Rafik Hariri University Hospital, Colonel Nadim Kakoun, who represented the Lebanese Armed Forces, and Joseph El Helo, Minister of Public Health. The Elite Center of Culture and Education Tripoli, Dar El Handassa, El Khalil Foundation, and Rotary club were among the partner associations represented at the inauguration ceremony. Speaking on the occassion, Joseph El Helo commended the Indian government’s efforts and thanked it for supporting the handicapped people of Lebanon. He hoped that this partnership would persist. Dr. Jihad Saadeh emphasized the necessity of such programmes in Lebanon and recognized the efforts of the Government of India and the Jaipur Foot organization. Charge d’Affaires Sandeep Grover stressed on the value that India places on its long-standing relations with Lebanon and expressed his happiness that the inaugural Jaipur Foot camp was launched on India’s Republic Day, a day of special significance. According to D R Mehta, the founder and chief patron of BMVSS the ‘India for Humanity’ campaign was inaugurated in 2018 to mark Mahatma Gandhi’s 150th birthday by late External Affairs Minister Sushma Swaraj. Bhagwan Mahaveer Viklang Sahayati (BMVSS) in the Jaipur foot camp Images - BMVSS A platform for the voice of next generation Indian Americans Bringing you the Latest from Indian communities around the world New India Abroad thenewindiaabroad NewIndAbroad New India Abroad Email Info@newindiaabroad.com Website www.NewIndiaAbroad.Com subscribe now
6 सोमवार, 1 मई, 2023 क्या लॉस एंजिलिस में बेघरों की समस्या का हल कर पाएंगी दीपिका शर्मा? l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क भारतीय-अमेरिकी अटॉर्नी दीपिका शर्मा को निगरानी करने वाली नागरिक निरीक्षण समिति ‘माप यूएलए’ में नियुक्त किया गया है। यह 2022 में लॉस एंजिल्स के मतदाताओं द्वारा अनुमोदित एक नया संपत्ति हस्तांतरण कर की व्यवस्था है। दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय (UAC) गोल्ड प्स के रे अनुसार लॉस एंजिल्स (एलए) सिटी मेयर करेन बास ने यह नियुक्ति की है। इस नियुक्ति पर मार्च 2023 में सिटी काउंसिल ने अपनी मुहर लगाई थी। लॉस एंजिल्स में बढ़ते बेघर संकट को दुरुस्त करने के लिए विभिन्न अधिकार समूहों द्वारा माप यूएलए का मसौदा तैयार किया गया था। लॉस एंजिल्स होमलेस सर्विसेज अथॉरिटी की ओर से आयोजित सबसे हालिया गिनती के अनुसार लॉस एंजिल्स काउटी में बेघ ं र लोगों की संख्या 2020 से 4.1% बढ़कर 9,000 से अधिक हो गई है। समिति में अपनी नियुक्ति पर उन्होंने कहा कि मैं लॉस एंजिल्स शहर की सेवा के लिए मेयर द्वारा नियुक्त किए जाने पर सम्मानित महसूस कर रही हूं। जहां मेरी परवरिश हुई है और जिसे मैं अभी भी घर कहती हूं, वहां आवास संकट से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद मैं इस शहर की भावना से उत्साहित हूं। इसकी वजह ये है कि यह मेरे जैसे आप्रवासी परिवारों को भी गले लगाता है। करीब 15 साल की कानूनी प्रैक्टिस के बाद दीपिका शर्मा एक शिक्षाविद के रूप में यूएससी गोल्ड में शामिल हुई थीं। वह वर्तमान में कानून की सहायक प्रोफेसर और यूएससी के गोल्ड स्कूल ऑफ लॉ में हाउसिंग लॉ एंड पॉलिसी क्लिनिक की संस्थापक निदेशक हैं। इससे पहले वह लॉस एंजिल्स मेयर और भारतीयअमेरिकी परिषद की सदस्य नित्या रमन के साथ आवास सुरक्षा पहल और नीति निदेशक के रूप में काम कर चुकी हैं। वह इफिक्शन डिफेंस नेटवर्क (EDN) में पर्यवेक्षण वकील थीं। ईडीएन से पहले उन्होंने पब्लिक काउंसिल (पीसी) में एक वरिष्ठ वकील के रूप में छह साल काम किए और सकारात्मक आवास पर कानूनी लड़ाई का नेतृत्व किया। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा दीपिका शर्मा ने 'माप यूएलए' के महत्व की सराहना की क्योंकि यह समुदाय ने समुदाय के लिए है। उन्होंने विस्थापन के बिना अधिक आवास विकास बनाने वाले कार्यक्रमों और नीतियों के निर्माण और निरीक्षण में सहायता के लिए अपने अनुभव का उपयोग करने के लिए आभार व्यक्त किया। बताया गया है कि 15 सदस्यीय समिति में शर्मा की नियुक्ति विशेष समिति में शामिल किए जाने वाले निर्धारित मानदंडों पर की गई है। वह किरायेदार अधिकारों या किरायेदारों का प्रतिनिधित्व करने या वकालत करने वाले निष्पक्ष आवास कानूनी विशेषज्ञ के रूप में कम से कम पांच साल के आवश्यक अनुभव के साथ एक व्यक्ति के रूप में काम करेगी। लॉस एंजिल्स में बढ़ते बेघर संकट को दुरुस्त करने के लिए विभिन्न अधिकार समूहों द्वारा माप यूएलए का मसौदा तैयार किया गया था। दीपिका शर्मा को नागरिक निरीक्षण समिति ‘माप यूएलए’ में नियुक्ति किया गया है। दीपिका बेघरों और किराएदारों के लिए कानूनी लड़ाई लड़ने को लेकर जानी जाती हैं। Image - LinkedIn l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क न्यूयॉर्क शहर में मेयर के नस्लीय न्याय से संबंधित सलाहकार बोर्ड में भारतीय अमेरिकी उदय तांबर को जगह दी गई है। मेयर एरिक एडम्स ने नस्लीय न्याय चारर्ट संशोधनों के कार्यान्वयन पर सलाहकार बोर्ड का हाल ही में गठन किया है। इसमें 15 सदस्य हैं। मेयर का मानना है कि यह सलाहकार बोर्ड जातिगत बराबरी सुनिश्चित करने और नस्लीय न्याय के लिए चारर्ट पर अमल के इनोवेटिव उपाय करने में मदद करेगा। उदय तांबर नॉर्थवेल हेल्थ में सामुदायिक स्वास्थ्य के उपाध्यक्ष रहे हैं। फिलहाल वह न्यूयॉर्क जूनियर टेनिस एंड लर्निंग (NYJTL) के अध्यक्ष और सीईओ हैं। यह देश में युवाओं के लिए सबसे बड़ा गैर-लाभकारी टेनिस और शिक्षा कार्यक्रम है। न्यूयॉर्क में केजी से 12वीं तक के करीब 85 हजार छात्र इसका लाभ उठा रहे हैं। तांबर ने अपने करियर का अधिकांश युवाओं की सेवा के लिए समर्पित किया है। उदय तांबर कॉर्नेल विश्वविद्यालय से कला में स्नातक करने के बाद प्रिंसटन विश्वविद्यालय से सार्वजनिक मामलों में स्नातकोत्तर की उपाधि ले चुके हैं। वह न्यूयॉर्क सिटी के डिप्टी मेयर के लिए स्वास्थ्य एवं मानव सेवा मामलों के चीफ ऑफ स्टाफ और युवा एवं बाल सेवा निदेशक के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। वह साउथ एशियन यूथ एक्शन (SAYA) के कार्यकारी निदेशक भी रहे हैं। मेयर एडम्स के कार्यालय द्वारा जारी बयान में तांबर ने कहा कि मैं न्यूयॉर्क सिटी के सबसे मजबूत समुदायों के प्रतिनिधि के रूप में नए सलाहकार बोर्ड में साझेदारी के लिए उत्साहित हूं। उन्होंने कहा कि NYJTL में हम जिन परिवारों की सेवा करते हैं उनमें से अधिकांश BIPOC (अश्वेत, मूल निवासी और वर वाले) हैं। नस ्ण ्लीय समता का यह नया संगठन सुनिश्चित करेगा कि हम ऐसे समाज में रहें जहां अपनी पूरी क्षमता से काम कर सकें और तरक्की कर सकें। मेयर एडम्स ने कहा कि न्यूयॉर्क में हम नस्लीय न्याय की लड़ाई में एक लंबा सफर तय कर चुके हैं लेकिन प्रणालीगत असमानता को खत्म करने के लिए अभी और काम करना बाकी है। हमें उम्मीद है कि यह सलाहकार बोर्ड इस दिशा में महत्वपूर कदम ्ण बढ़ाने में मदद करेगा। न्यूयॉर्क में नस्लीय न्याय बोर्ड पर मेयर के सलाहकार बने उदय तांबर उदय तांबर नॉर्थवेल हेल्थ में सामुदायिक स्वास्थ्य के उपाध्यक्ष रहे हैं। फिलहाल वह न्यूयॉर्क जूनियर टेनिस एंड लर्निंग (NYJTL) के अध्यक्ष और सीईओ हैं। यह देश में युवाओं के लिए सबसे बड़ा गैरलाभकारी टेनिस औरशिक्षा कार्यक्रम है। उदय तांबर (फोटो facebook @daviefa) मेयर एरिक एडम्स, फाइल फोटो
मेष आप एक ऐसे दौर में प्रवेश करने वाले हैं जहां आपके पास ढेर सारे अवसर होंगे। यानी आर्थिक तरक्की के हालात। आंखें खुली रखकर अपने लक्ष्यों के बारे में सोचिए। उनकी पहचान करके उनपर काम शुरू कर दीजिए। हालात के हिसाब से खुद को बदलने की स्थितियां बनने लगेंगी। आपका अंतर्ज्ञान बहुत तेज होगा इसलिए यदि आपको कोई निर्णय लेना है तो किसी और की सलाह के बजाय अपने मन की बात सुनें। आपके पास निर्णय करने और चुनौतियों से निपटने की क्षमता होगी। आप प्रतिकूल हालात से बाहर निकल आएंगे। अगर कोई किसी व्यापार की पेशकश करे तो उस दिशा में कदम न बढ़ाएं। वह प्रलोभन हो सकता है। वह जोखिम भरा भी होगा। प्यार के मामले में कुढ़ने वालों की टिप्पणियां सुनकर खुद को जलाने की जरूरत नहीं है। वृष भआप इन दिनों कुछ ज्यादा ही संवेदनशील होंगे मगर अपनी पूरी कोशिश करके वास्तविकता की राह पकड़ने की जरूरत है। अपनी धारणाओं के आवेग में बहने की जरूरत नहीं है। आपको लग सकता है कि पूरी दुनिया आपके खिलाफ है। कुछ गैर जरूरी मामले आपको क्रोधित भी कर सकते हैं। अगर कोई कुछ कह रहा है तो उसके लिए किसी को दोष देना उचित नहीं है क्योंकि हरेक को अपनी बात कहने की आजादी है। कुछ भी करने से पहले दो बार सोचें। आप अपने शब्दों से कठोर भी हो सकते हैं मगर सच यह है कि जब आपको उसका अहसास होता है तो पछतावा भी करते हैं। पैसे-धेले के मामले में समय अनुकूल है। आर्थिक संतुलन की वापसी होगी जिससे आप मानसिक राहत भी महसूस करेंगे। गलत फैसले लेने से बचें। दुविधा की स्थिति आपकी प्यार की नैया को डुबा सकती है। मिथुन मिथुन राशि वालों के लिए यह समय काम के नए अवसरों की तलाश का है। अभी आप जिस जगह पर हैं वहां आपने खूब मेहनत की मगर उसका फल आपको नहीं मिल सका। उसका कारण शायद यह हो सकता है कि सत्ताधारी लोगों से आपके संबंध सौहार्दपूर्ण नहीं रहे होंगे। इस सप्ताह आपको लगेगा कि आपको और फ्री होना चाहिए और अधिक आजाद होना चाहिए। दूसरों से संबंध कई बार आपको असहज कर देते हैं। इसलिए क्योंकि आप अपनी चलाते हैं। इस पर सोचने की दरकार है। इस बारे में शांति से बात करें। अपनी आकांक्षाओं को लेकर संवाद करें। हल मिल जाएगा। प्यार के मामले में संदेह आपका काम बिगाड़ देता है। आपको लगता है कि साथी कहीं दूर चला गया है। तब आप अकेला महसूस करते हैं। आप खुद ही सोचकर देखिए कि क्या आप ऐसे इंसान के साथ जिंदगी बसर कर सकते हैं जो आप पर संदेह करता हो। कर्क पेशेवर समस्याओं के चलते जो कुंहासा आपके दिलोदिमाग पर छाया हुआ था आखिरकार वह हट गया है। अपने एक वरिष्ठ सहकर्मी से मतभेद के चलते आप जिस कठिन दौर से गुजरे हैं वह खत्म हो गया है। अब अगर आपने यह तय कर लिया है कि आप समस्याओं को दरकिनार करके कड़ी मेहनत करेंगे और अपनी क्षमताओं की नुमाइश करेंगे तो इन कोशिशों का नजीता मिलने का समय आ गया है। आपकी कोशिशें जाया नहीं होंगी। इस सप्ताह आपको वह पहचान हासिल होगी जिसके आप हकदार हैं। जाहिर है कि इससे आपको कई लाभ मिलेंगे और आप मानसिक तौर पर राहत महसूस करेंगे। यह बदलाव आपके प्रेम के लिहाज से भी सकारात्मक है। इसलिए कि जो सुख आप अपने साथी को देंगे उससे वह हर्षित होगा। अगर आप अकेले हैं तो मलाल न करें, अपने दोस्तों के साथ खुशियां साझा कीजिए। सिंह सिंह राशि वालों को इस समय मंथन करना चाहिए कि आखिर कामकाज के मोर्चे पर चल क्या रहा है। आपकी अपने बॉस या सहकर्मी के साथ अनबन हुई है और आप सहज महसूस नहीं कर पा रहे। लेकिन इस सप्ताह माहौल शांत रहने वाला है और साथ ही आपको यह अहसास भी होने वाला है कि आखिरकार अनबन हुई क्यों। लगता है कि अनजाने में आपने ही उन्हे छेड़ दिया। अगर आप निवेश का मन बना रहे हैं तो अपना ध्यान उससे मिलने वाले रिटर्न पर केंद्रित करें। अब तक आपने जो किया है उसके नतीजे अच्छे रहे हैं लेकिन अगला कदम उठाने के लिए अब आपको योजना बनाने की जरूरत है। पैसों को लेकर थोड़ा सतर्क रहें क्योंकि वह आपके हाथ में रुकता नहीं है। छोटे-बड़े घपले-घोटालों से भी सावधान रहें। प्यार की राहों में अच्छेदिन आपका इंतजार कर रहे हैं। अब आपकी निराशा जाती रहेगी। कन्या कन्या राशि वालों के लिए कामकाजी स्थल पर अधिक गतिविधियां मन पर प्रतिकूल असर डाल सकती हैं। इनसे बचने की कोशिश कीजिए क्योंकि सहकर्मियों से आपके रिश्ते खराब हो सकते हैं। आपको लगेगा कि बहुत कुछ हो रहा है इसका मतलब सब ठीक चल रहा है। ऐसा भी हो सकता है कि इस चक्कर में आपको वह काम करना पड़े जो आप करते नहीं हैं लिहाजा आपके अंदर असुरक्षा का भाव पैदा हो सकता है। लेकिन शांत रहिये। जो आप चाहते हैं उसे पाने में पूरी तरह से सक्षम हैं। आपकी क्षमताओं और संसाधनों में कोई कमी नहीं है। कामयाबी के लिए सबसे जरूरी यह है कि आप अपनी घबराहट पर नियंत्रण पाएं। आपके हाथ में पैसा टिकता नहीं है। अपने खर्चों पर नियंत्रण कीजिए। आपको अपने साथी के व्यवहार में कुछ अजीब नजर आएगा जिससे आप सतर्क हो जाएंगे। कुछ भी करने से पहले विचार करें। तुला इस सप्ताह कामकाज में गहमागहमी रहने वाली है। इसके चलते आप अपनी क्षमता और कौशल प्रदर्शन के दम पर यह साबित करने में कामयाब होंगे कि तनावपूर्णस्थितियों में भी आप काम कर सकते हैं। यह आपके लिए सकारात्मक रहेगा इसलिए चौंकिये मत। दूसरी तरफ व्यापार इत्यादि के मामले में सावधानी जरूरी है। आप किसी प्रोजेक्ट को पूरा करने के दौरान मुसीबतें झेल चुके हैं और आपको यह भी लगता है कि आप उन मुसीबतों से पार नहीं पा सकेंगे क्योंकि हल बताने वालों की बात तो आप सुनते नहीं हैं। इसलिए थोड़ा विनम्र होन की जरूरत है। अपना रुख बदलना होगा। प्यार के मामले में आपको पता है कि आपका साथी बेकार की बातों में बह जाता है। पर अब आपको कोई ऐसा मिल गया है जो आपसे बहुत प्यार करता है। वृश्चिक इस शाशि वालों के लिए कामकाज के लिहाज से यह एक शानदर सप्ताह है। अब आप वह सब पा सकते हैं जो आप चाहते हैं। सप्ताह के अंत में आपको वह अवसर मिल सकता है जिसका आप लंबे समय से ख्वाब देख रहे थे। इससे आपकी पेशेवर प्रतिष्ठा में इजाफा होगा। लेकिन आर्थिक मामलों में जोखिम है। यह किसी प्रोजेक्ट को शुरू करने का सही समय नहीं है। हो सकता है कि आपका कोई जानने वाला आपसे पैसा उधार मांगे। इस समय आपको जो लगता है वह कीजिए लेकिन उधार दिया पैसा वापस मिलने की संभावना नहीं लग रही। भावनात्मक स्तर पर खुले दिल वाले जातकों को कुछ सरप्राइज मिल सकता है। कोई पुराना दोस्त अपने प्यार का इजहार कर सकता है। उसे इन्कार न करना। आपको सलाह है कि उस पेशकश पर हां कर दें। धनु इस राशि वाले इन दिनों निराशा में हैं। यह कई कारणों से हो सकता है। हो सकता है कि आप किसी प्रोजेक्ट पर काम करना चाह रहे थे लेकिन उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। ऐसे में निराश न हों, बाद में फिर से मौका आएगा। इस सप्ताह जरा ठंडे दिमाग से काम लें। आर्थिक मामलों में भी सावधानी बरतने की जरूरत है। माहौल सही नहीं है लिहाजा बड़े फैसले लेने से बचें। कोई छोटा काम भी करने की सोचेंगे तो उसमें खर्चा बहुत हो जाएगा। अगर आप कार या घर लेने की सोच रहे हैं तो तब तक रुक जाइये जब तक कि सितारे आपके अनुकूल नहीं हो जाते। भावनात्मक स्तर पर आपको अपने साथी को ओर से कुछ समस्या आ सकती है। कामकाजी परिवेश में वैसे तो आपके कई चाहने वाले हैं लेकिन उनकी कोई बात अगर आपके साथी के कान में गई तो बखेड़ा खड़ा हो सकता है। मकर कामकाजी परिदृश्य की दृष्टि से आप एक अच्छे चरण में प्रवेश करने वाले हैं। अब आप अधिक आश्वस्त महसूस कर रहे हैं क्योंकि आपके काम की पहचान हो रही है। लेकिन फिर भी खुद पर नियंत्रण रखें। इसलिए कि सकारात्मक माहौल में आप कुछ अजीब बात कह जाते हैं। अगर आप कोई व्यवसाय कर रहे हैं तो वहां भी यही दिक्कत है। आपकी योजना के हिसाब से कुछ नहीं होता तो आप खुद को ऐसी स्थिति में डाल लेते हैं कि परेशानी खड़ी हो जाती है। ध्यान रहे कि इस सप्ताह सितारे उकसावे का काम कर सकते हैं और आपको ऐसे में भटकने की अपना चारित्रिक खामी को दूर करना है। सहनशीलता जरूरी है। खास तौर से दूसरों की गलतियों को लेकर। आपका अपने साथी को लेकर भरोसा कम हुआ तो मुसीबत खड़ी हो सकती है। कुंभ कामकाज के लिहाज से यह सप्ताह बहुत सकारात्मक रहने वाला है। आपको कोई अच्छा सा सरप्राइज भी मिल सकता है। हर साल आपकी कंपनी में लोगों की तरक्की होती है। आप भी वह पाने के लिए कदम उठाना चाहते हैं लेकिन बढ़ाते नहीं हैं क्योंकि आपको लगता है कि ऐसा करना बेकार और आपको कोई तवज्जो भी नहीं देने वाला। लेकिन अब आप जान गए हैं कि आपके सीनियर्स ने आपको नोटिस किया है और समर्थन भी मिल रहा है। यह बात आपका उत्साहवर्धन करेगी। लेकिन आदतों से जुड़ी कुछ ऐसी बातें हैं जिन्हे ठीक किया जाना जरूरी है। जैसे कि आप हमेशा खुद को सही मानते हैं। आप अपने से अनुभवी लोगों की सुनते भी नहीं हैं। सलाह को सुनना चाहिए। आप अपने साथी की भी नहीं सुनते और फिर उसी को दोषी भी ठहराते हैं। मीन ये दिन आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह आपकी पेशेवर योजनाओं पर असर डाल सकते हैं। हो सकता कि इस सप्ताह आपकी कंपनी के किसी प्रभावशाली व्यक्ति की ओर से आपके पास कोई बहुत सकारात्मक प्रस्ताव आए। वह व्यक्ति वह होगा जिसने आपकी क्षमताओं की पहचान कर ली है। आप अपने काम से खुद को दूसरों से अलग दिखा सकते हैं। खाली समय में हर उस चीज के बारे में सोचिए जो चल रही है। सितारे इस सप्ताह आपको राह दिखाने वाले हैं। आपको आपका रास्ता साफ नजर आएगा और आप तय करेंगे कि अब गलती भी नहीं करनी है। भावनात्मक स्तर पर इस समय अगर आप अकेले हैं तो आप किसी ऐसे शख्स से मिलने वाले हैं जो आपकी जिंदगी को पूरी तरह से बदल कर रख देगा और आपको बहुत खुशी भी देगा। साप्ताहिक भविष्यफल (01-07 मई) Sundeep Kochar Astrologer https://www.sundeepkochar.com विश्वप्रसिद्ध ज्योतिषी संदीप कोचर से जानिए साप्ताहिक भविष्यफल। कोचर पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और डोनाल्ड ट्रम्प की जीत की भविष्यवाणी करके नाम कमा चुके हैं। यके के ू विश्वविद्यालय ने उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया है। विश्व के कई रेडियो और टीवी चैनलों को वह साक्षात्कार दे चुके हैं। सोमवार, 1 मई, 2023 7
8 सोमवार, 1 मई, 2023 Published Weekly Copyright © 2022 Indian Star LLC Editor in Chief Dr. Sridhar Krishnaswami sridhar54k@newindiaabroad.com Chief Executive Officer Rajeev Bhambri rajeevb@newindiaabroad.com Registered Address Indian Star LLC, 6215 Rockhurst Rd, Bethesda, MD 20817 USA Disclaimers: 1. India Abroad is a Registered trademark and not affiliated with the newspaper named India Abroad marketed in the US from 1972 to 2021. 2. Indian Star LLC assumes no liability for claims / assumptions made in advertisements and advertorials. Views expressed by the writers are their own. Indian Star LLC A publication of Editor (Hindi) Dr. Rameshwar Dayal rdayal@newindiaabroad.com न्यू जर्सी में इस बार भी दशहरे की रहेगी धूम, IAF कररहा है तैयारी l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क भारत में तो उत्सवों की धूम रहती है। इसके साथ ही अमेरिका सहित दुनिया के तमाम देशों में भी इन उत्सवों का चलन बढ़ता जा रहा है। बड़ी तादाद में लोग इनमें शामिल होते हैं। इसी कड़ी में इंडो अमेरिकन फेस्टिवल आईएनसी (IAF) 21 अक्टूबर को 25वां सालाना दशहरा महोत्सव आयोजित करने जा रहा है। आयोजकों का कहना है कि एडिसन, न्यू जर्सी के लेक पापियान्नी पार्क में मेला दिन में 1 बजे से रात 8 बजे तक चलेगा। आयोजकों के अनुसार अगर इस दिन बारिश हुई तो यह आयोजन 28 अक्टूबर को किया जाएगा। इस समारोह की तमाम तैयारियों के लिए पिछले रविवार को ईस्ट ब्रंसविक, न्यू जर्सी में एक मीटिंग का आयोजन किया गया। इसमें 40 से अधिक सदस्यों, समर्थक और सामुदायिक नेताओं ने भाग लिया। आईएएफ की ओर से आयोजित दशहरा उत्सव एक सांस्कृतिक आयोजन है जो बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाता है। यह भारतीय-अमेरिकी समुदाय में सबसे प्रतीक्षित कार्यक्रमों में से एक है। आयोजकों की ओर से मीडिया को दी गई जानकारी के अनुसार दशहरा महोत्सव में वर्षा नाइक समूह की तरफ से एक रामलीला का मंचन किया जाएगा। प्रतिभा की तरफ से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण कृष्ण सिंघल द्वारा अमेरिका में निर्मित रावण के 25 फुट ऊंचे पुतले का दहन होगा। सांस्कृतिक आयोजन के अलावा अग्रवाल समाज की तरफ से एक मुफ्त स्वास्थ्य/ चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा महोत्सव में आपको कला और शिल्प के साथ ही स्वादिष्ट भारतीय व्यंजन के स्टाल नजर आएंगे। संगीत-नृत्य के साथ ही पूरे परिवार का मनोरंजन के लिए यहां बहुत कुछ मिलेगा। आईएएफ एक गैर-लाभकारी स्वयंसेवी संगठन है। इसकी स्थापना स्वर्गीय श्री मंगल गुप्ता ने 1999 में न्यू जर्सी में दशहरा मनाने के उद्शदे्य से की थी। इस त्योहार का चलन पिछले कुछ वर्षों में बढ़ा है। हर साल 10,000 से अधिक लोग इसमें शामिल होते हैं। यह महोत्सव आम जनता के लिए पूरी तरह से खुला है। इसमें शामिल होने के लिए किसी तरह का कोई शुल्क नहीं लिया जाता। इसका आयोजन पूरी तरह से संरक्षक और सदस्यों के दान के माध्यम से होता है। आयोजन में मिडिलसेक्स कंट्री बोर्ड ऑफ कल्चर एंड हेरिटेज, न्यूजर्सी स्टेट काउंसिल फॉर आर्ट/डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट कुछ अनुदान के साथ सहयोग करते हैं। अमेरिका में इस साल दशहरे को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। इंडो अमेरिकन फेस्टिवल इंक (आईएएफ) की तरफ से 21 अक्टूबर को सालाना दशहरा महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम में 10 हजार से अधिक लोग शामिल होंगे। रामलीला, रावण दहन के साथ कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इंडो अमेरिकन फेस्टिवल आईएनसी (IAF) 21 अक्टूबर को दशहरा महोत्सव आयोजित करेगा। फोटो : IAF कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण कृष्ण सिंघल द्वारा निर्मित रावण के 25 फुट ऊंचे पुतले का दहन होगा। l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क क्या पूर्व इराकी राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन भारतीय मूल के थे। इराक में इसे लेकर तमाम तरह के दावे किए जा रहे हैं। प्रमाण के तौर पर डीएनए विश्लेषण को इसका आधार बताया जा रहा है। दरअसल इराक में असैब अहल अल-हक आंदोलन के महासचिव कैस अल-खजाली ने दावा किया है कि पूर्व इराकी राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन के डीएनए विश्लेषण से साबित हो गया है कि वह भारतीय मूल के थे। अल-खजाली के बयान ने सोशल मीडिया पर व्यापक बहस छेड़ दी है। अल-खजाली ने बगदाद में शनिवार को ईद अल-फितर के अवसर पर एक संदेश में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि सद्दाम हुसैन यह विश्वास करते थे कि इराकी लोगों की उत्पत्ति भारत में हुई है। इन बातों का वह प्रचार भी करते थे। डीएनए विश्लेषण के बाद यह पता चला है कि वह खुद भारतीय मूल के थे। हालांकि पार्टी के किसी भी नेता ने पहले निश्चित रूप से पूर्व इराकी राष्ट्रपति या उनकी जनजाति की उत्पत्ति पर चर्चा नहीं की थी। हालांकि अल-खजाली ने यह उल्लेख नहीं किया कि वह पूर्व इराकी राष्ट्रपति की उत्पत्ति के बारे में इस निष्कर्ष पर कैसे पहुंचे या उन्होंने डीएनए परीक्षण के माध्यम से वंश की पहचान कैसे की, जो आमतौर पर विशेष प्रयोगशालाओं में किया जाता है। अल-खजाली के करीबी सूत्रों ने अशरक अल-अवसत को बताया कि वह इराकी शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययनों पर भरोसा करते हैं जो पिछली शताब्दी के दौरान इराक में रहने वाले लोगों के वंश में रुचि रखते थे। इन अध्ययनों ने निष्कर्ष निकाला गया कि निदा जनजाति में ‘इंडो-आर्यन’ मूल है। हालांकि इन अध्ययनों की वैधता और विश्वसनीयता को सत्यापित करना मुश्किल है। हालांकि इससे पहले 2017 में सरकारी पत्रिका ‘अल-शबाका’ ने ‘सद्दाम की उत्पत्ति’ की एक जांच रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इसमें दावा किया गया कि डीएनए परीक्षण ने साबित किया है कि वह ‘एल’ वंश से संबंधित थे। यह वंश दक्षिण एशिया में पाया जाता है। लेकिन इस अध्ययन में उल्लेख नहीं किया गया था कि यह परिणाम कैसे मिला। इसके साथ ही इसमें किसी भी वैज्ञानिक स्रोत का उल्लेख नहीं किया गया जो इन दावों की पुष्टि करता है। गौरतलब है कि मार्च 2003 में अमरीका ने अपने कुछ सहयोगी देशों के साथ इराक पर हमला कर दिया था। 13 दिसंबर, 2003 को सद्दाम हुसैन को पकड़ लिया गया। 5 नवंबर 2006 को उन्हें मौत की सज़ा सुनाई गई। इसके बाद 30 दिसंबर 2006 को सद्दाम हुसैन को फांसी पर लटका दिया गया। उनकी मौत के बाद की रिपोर्टों में डीएनए विश्लेषण पर ध्यान केंद्रित किया गया। जिसमें सद्दाम को उनके बेटों उदय और कुसे की लाशों से जोड़ा गया था जिससे उनकी पहचान की पुष्टि की जा सके। इराक में असैब अहल अल-हक आंदोलन के महासचिव कैस अल-खजाली के दावों ने इराक में एक नई बहस छेड़ दी है। दावा है कि पूर्वराष्ट्रपति भारतीय मूल के थे। इसके लिए डीएनए के विश्लेषण को आधार बताया जा रहा है। इसे लेकर सोशल मीडिया में बहस छिड़ी हुई है। पूर्व इराकी राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन। फोटो : ट्विटर @maj_rma सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस, क्या सद्दाम हुसैन भारतीय मल ू के थे?