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$25,000 bounty on India’s most wanted hiding in Canada

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Published by NEW INDIA ABROAD, 2023-02-20 03:38:17

New India Abroad Hindi Epaper Feb 20, 2023

$25,000 bounty on India’s most wanted hiding in Canada

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अगली पीढ़ी के भारतीय अमेरिकियों की आवाज का एक मंच वर्ष 1, अंक 18, वाशिंगटन, सोमवार, 20 फरवरी 2023 *New India Abroad is a Registered trademark and not affiliated with the newspaper named India Abroad marketed in the US from 1972 to 2021. अंदर देखिए ‘UP इन्वेस्टर्स समिट में 33 लाख करोड़ के ऑफर विश्व हिंदी सम्मेलनः फिजी वालों का बॉलिवुड स कैसा खास र े िश्ता! ...Page 15 पानी पर करना है लग्जरी सफर तो भारत में य क्रूज़ े हैं शानदार ...Page 17 9 साल की समेधा ने फहराया मेधा का परचम ...Page 23 ...Page 05 व्हाइट हाउस की रेस में उतरीं निक्की हेली l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क दुनिया के ताकतवर मुल्क अमेरिका के राष्ट्रपति पद की दौड़ में भारतीय मूल की निक्की हेली ने दावेदारी ठोक दी है। रिपब्लिकन पार्टी की राइजिंग स्टार निक्की ने 2024 के लिए अभियान की शुरुआत अपने पूर्व बॉस और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की खिलाफत से की। इसी के साथ निक्की भारतीय मूल के उन लोकप्रिय नेताओँ की सूची में शामिल हो गई हैं जो इस समय दुनिया के दूसरे देशों में सियासत की बुलंदियों पर हैं। अमेरिका में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के बढ़ते प्रभाव को कमला हैरिस की सफलता के रूप में देखा जा सकता है। कमला अमेरिका की पहली महिला उपराष्ट्रपति होने के साथ ही पहली अश्वेत उपराष्ट्रपति बनीं। हैरिस डेमोक्रेट हैं। इस समय सत्ताधारी डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से भारतीय मूल के पांच सांसद प्रतिनिधि सभा में हैं। राजा कृष्णमूर्ति, रो खन्ना, प्रमिला जयपाल, अमी बेरा और श्री थानेदार। जहां तक दुनिया के दूसरे देशों में भारतीय मूल के लोगों के सियासी वर्चस्व की बात है तो इसमें अब सबसे पहला नाम लिया जा सकता है ऋषि सुनक का जो इस समय ब्रिटेन के प्रधानमंत्री हैं। सुनक पिछले साल ब्रिटेन के पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री बने थे। ब्रिटेन के 210 वर्षों के इतिहास में सुनक सबसे कम उम्र के ब्रिटिश प्रधानमंत्री हैं। वह ब्रिटेन के पहले हिंदू प्रधानमंत्री हैं। ब्रिटेन की सियासत में दूसरे नंबर का रुतबा रखने वाली सुएला ब्रेवरमैन गृहमंत्री हैं और मूल रूप से भारतीय राज्य गोवा की हैं। आयरलैंड के प्रधानमंत्री (ताओसीच) लियो एरिक वराडकर भी भारतीय मूल के हैं। एंटोनियो कोस्टा 2015 से पुर्तगाल के प्रधानमंत्री हैं। वह आधे भारतीय और आधे पुर्तगाली हैं। कनाडा की रक्षा मंत्री अनीता आनंद के माता-पिता भारतीय थे। उनके पिता तमिलनाडु से थे और मां पंजाब से। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के मंत्रिमंडल में दो और भारतीय मूल के सदस्य हैं- हरजीत सज्जन और कमल खेरा। हेली ने अपना प्रचार अभियान शुरू कर दिया है (फोटो @NikkiHaley) एयर इंडिया का ये विमान सौदा कितना बड़ा है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चार देशों के राष्ट्रप्रमुख- भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और बिट्रेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने इसके लिए बधाई दी है। ‘महाराजा’ की महाडील पर बोले बाइडेन, आएंगी 10 लाख नौकरियां l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क भारत के टाटा समूह की कंपनी एयर इंडिया ने फ्रांस की एयरबस और अमेरिकी विमान निर्माता बोइंग के साथ अरबों डॉलर के सौदे किए हैं। इसे इतिहास का सबसे बड़ा विमान सौदा माना जा रहा है। एयर इंडिया ने 250 एयरबस और 220 बोइंग समेत 470 यात्री विमान खरीदने के ऑर्डर दिए हैं। इसकी कीमत 85 अरब डॉलर से अधिक बताई गई है। ये सौदा कितना बड़ा है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चार देशों के राष्ट्रप्रमुखों ने इसके लिए बधाई जारी की है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और बिट्रेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने इसके लिए बधाई दी है। बाइडेन ने बोइंग से लगभग 200 विमान खरीदने के एयर इंडिया के फैसले की सराहना करते हुए इसे ऐतिहासिक समझौता बताया। वाइट हाउस की ओर से जारी बयान में राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि इस सौदे से अमेरिका के 44 राज्यों में दस लाख से अधिक नौकरियां पैदा होंगी। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जो बाइडेन ने एयर इंडिया और बोइंग के बीच इस ऐतिहासिक समझौते पर बात की और इसे पारस्परिक रूप से लाभप्रद सहयोग का शानदार उदाहरण बताया। बाइडेन ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपनी साझेदारी को और भी गहरा करने की आशा करता हूं। हम साझे तौर पर वैश्विक चुनौतियों का सामना करने जा रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ बात करके खुशी हुई। हम ऐतिहासिक एअर इंडिया और बोइंग समझौते का स्वागत करते हैं, जो दोनों देशों में नए अवसर पैदा करने में मदद करेगा। कभी महाराजा के नाम से मशहूर एयर इंडिया ने बोइंग से 34 बिलियन (अरब) डॉलर में 220 विमान खरीदने का सौदा किया है। साथ ही 45.9 बिलियन (अरब) डॉलर चुकाने पर अतिरिक्त 70 विमान खरीदने का विकल्प भी मिल सकता है। एयरबस के साथ सौदे के तहत टाटा समूह 40 वाइड-बॉडी ए350 प्लेन और 210 नैरो-बॉडी एयरक्राफ्ट खरीदेगा। वाइड-बॉडी एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल अल्ट्रा-लॉन्ग फ्लाइट्स के लिए किया जाएगा। एयरबस के मुख्य कार्यकारी गुइलौम फाउरी ने वर्चुअल कार्यक्रम में कहा कि यह सौदा एयरबस की तरफ से एयर इंडिया की नई इबारत लिखने में मदद करने का ऐतिहासिक क्षण है। बोइंग एयरप्लेन्स ने भी ट्वीट करते हुए किया है और एयर इंडिया का स्वागत किया है। एयर इंडिया 10 बोइंग एयरप्लेन्स 777-9s वाले खरीदेगा और इसके जरिए भारत की विश्व के लगभग हर डेस्टिनेशन से कनक्टिविट े ी बढ़ेगी। एयरबस के मुख्य कार्यकारी गुइलौम फाउरी (फाइल) (चित्र साभार : सोशल मीडिया)


Indian Star LLC Published Weekly Copyright © 2022 Indian Star LLC Editor in Chief Dr. Sridhar Krishnaswami [email protected] Chief Executive Officer Rajeev Bhambri [email protected] Editor (Hindi) Dr. Rameshwar Dayal [email protected] Registered Address Indian Star LLC, 6215 Rockhurst Rd, Bethesda, MD 20817 USA A publication of Website www.NewIndiaAbroad.Com Disclaimers: 1. New India Abroad is a Registered trademark and not affiliated with the newspaper named India Abroad marketed in the US from 1972 to 2021. 2. Indian Star LLC assumes no liability for claims / assumptions made in advertisements and advertorials. Views expressed by the writers are their own. Email [email protected] Ph. 7323476511 2 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 20 फरवरी, 2023 सिएटल बनाएगा यह खास कानून? क्षमा के प्रस्ताव पर क्या कहते हैं लोग अब मिसिसॉगा के मंदिर पर हमला, भारत ने कनाडा से की कारव्र ाई की मांग l त्रिभुवन शर्मा कनाडा के ओंटारियो के मिसिसॉगा में राम मंदिर को विरूपित करने की भारत ने बुधवार को कड़ी निंदा की है। भारत सरकार ने कनाडाई अधिकारियों से घटना की जांच करने और अपराधियों के खिलाफ त्वरित कारवाई कर ्र ने की मांग की है। राम मंदिर की दीवारों पर 13 फरवरी की रात को भारत और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में और खालिस्तान के समर्थन में स्प्रे से नारे लिख दिए गए थे। टोरंटो में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने ट्वीट करते हुए लिखा कि हम मिसिसॉगा में भारत विरोधी नारे लिखकर राम मंदिर को विरुपित करने की कड़ी निंदा करते हैं। हमने कनाडा के अधिकारियों से घटना की जांच करने और अपराधियों पर त्वरित कारवाई कर ्र ने का अनुरोध किया है। मिसिसॉगा के मेयर बोनी क्रॉम्बी ने भी हमले की निंदा की और ट्वीट में कहा कि मिसिसॉगा को बदनाम करने वाले घृणित और विभाजनकारी भित्तिचित्रों को लेकर मैं नाराज हूं। ये हमले शहर और क्षेत्र की विविधता के विपरीत हैं। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पील पुलिस मंदिर की सुरक्षा सुनिश्चित करने की कवायद कर रही है और समुदाय के साथ मिलकर काम कर रही है। मिसिसॉगा के श्री राम मंदिर की ओर से फेसबुक पर जानकारी दी गई थी कि 13 फरवरी 2023 को मंदिर में रात भर हुई बर्बरता की तस्वीरें देखें। हम मंदिर में हुई घटना से बहुत परेशान हैं और कारवाई के ्र लिए काननू प्रवर्तन प्राधिकरण के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन ने भी इस बर्बरता की निंदा करते हुए कहा कि मिसिसॉगा में राम मंदिर मंदिर में नफरत से प्रेरित बर्बरता के बारे में सुनकर मुझे दुख हुआ है। अज्ञात लोगों ने मंदिर के पिछले हिस्से की दीवारों पर स्प्रे पेंट कर दिया। पील क्षेत्र में इस प्रकार की घृणा के लिए कोई स्थान नहीं है। यह पहली बार नहीं है जब कनाडा में किसी हिंदू मंदिर में भारत विरोधी नारे लिखे गए हैं। इससे पहले जनवरी में ब्रैम्पटन में एक हिंदू मंदिर में भारत विरोधी नारे लिखे गए थे। कनाडा में इससे भारतीय समुदाय में भी काफी रोष है। इससे पहले सितंबर 2022 में कनाडा के BAPS स्वामीनारायण मंदिर को कनाडाई खालिस्तानी उग्रवादियों द्वारा भारत विरोधी भित्तिचित्रों से विरूपित किया गया था। l सुनीता सोहराबजी वाशिंगटन में सिएटल सिटी काउंसिल की सदस्य क्षमा सावंत के प्रस्तावित प्रस्ताव पर सारज्व निक टिप्पणी देने के लिए 14 फरवरी को 155 से अधिक लोग इकट् हुए। इस ठे प्रस्ताव में जातिगत भेदभाव पर प्रतिबंध की मांग की गई है। अगर प्रस्ताव पारित हुआ तो इस तरह का काननू बनाने वाला सिएटल अमेरिका का पहला शहर होगा। सिटी काउंसिल में 20 फरवरी को इस पर मतदान होगा। इस प्रस्ताव के पक्ष और विपक्ष में सिटी काउंसिल को सैकड़ों पत्र मिले हैं। इनमें से अधिकांश पत्र भारतीय-अमेरिकियों ने लिखे हैं। पत्र लिखने वाले इस मुद् पर दे विभाजित हैं। प्रस्ताव के समर्थकों का कहना है कि जातिगत भेदभाव अब भी स्कूलों, यूनिवर्सिटी, कार्यस्थलों और यहां तक कि व्यक्तिगत संवाद में भी मौजूद है। आमतौर पर यह जातिगत भेदभाव भी भारतीय अमेरिकी करते हैं। यानी भेदभाव करने वाले और इसका शिकार होने वाले भारतीय-अमेरिकी ही हैं। इस प्रस्ताव के विरोधियों का कहना है कि अमेरिका में जातिगत भेदभाव होता है मगर वर्तमान काननू इससे निपटने में सक्षम है। प्रस्ताव को लेकर जन-सामान्य की राय भी सामने आई। कई दलितों ने कार्यस्थल पर जातिगत भेदभाव का दावा किया है। कुछ ब्राह्मणों ने प्रस्ताव का सर्थन किया है। कई वक्ताओं ने कहा कि वह अमेरिका इसलिए आए थे कि यहां जातिगत भेदभाव के दंश से मुक्ति मिलेगी मगर उन्हें निराशा ही हाथ लगी। कोएलिशन ऑफ बे एरिया हिंदूज ऑफ नॉर्थ अमेरिका की पुष्पिता प्रसाद ने न्यू इंडिया अब्रॉड से कहा कि सिएटल बेहद मिलनसार शहर है लेकिन यह प्रस्ताव लोगों के एक समूह को अलग कर देता है। यदि इस तरह का काननू पारित हुआ तो किसी भी मानवीय संघर्ष को भेदभाव का हथियार बनाया जा सकता है। वहीं इक्वैलिटी लैब्स की कार्यकारी निदेशक थेनमोझी सौंद्राराजन ने कहा कि यह वक्त हमारा है। सिएटल देश का पहला शहर होगा जो भेदभाव का सामना करने पर कामगारों की वास्तव में रक्षा करेगा। उत्तरी अमेरिका की अम्बेडकर एसोसिएशन की सदस्य माया कांबले ने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए दावा किया कि उन्हें भी अपनी जाति के कारण कार्यस्थल पर उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था। हालांकि सैन फ्रांसिस्को की कंपनी में आईटी निदेशक एल्ड्रिन दीपक का नजरिया बिल्कुल अलग है। दीपक दलित हैं। बकौल दीपक, वह अमेरिका में 35 साल से रह रहे हैं लेकिन उनसे यह कभी नहीं पूछा गया कि आप किस जाति से ताल्लुक रखते हैं। उनका कहना है कि लोगों को यह कैसे पता चलेगा कि कौन दलित है और कौन नहीं। कोई सर्टिफिकेट तो नहीं बांट रहा। वहीं हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन में कार्यकारी निदेशक सुहाग शुक्ला ने कहा कि अमेरिकी संविधान मूल रूप से नस्ल या राष्ट्रीयता के आधार पर भेदभाव से सुरक्षा की गारंटी देता है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ भारतवंशी लोग वहां जैसी राजनीति अमेरिका में कर रहे हैं और समुदायों को एक दूसरे के खिलाफ खड़ा कर रहे हैं। वाशिंगटन में सिएटल सिटी काउंसिल की सदस्य क्षमा सावंत के प्रस्तावित प्रस्ताव पर सार्वजनिक टिप्पणी देने के लिए 14 फरवरी को 155 से अधिक लोग इकट्ठे हुए। इस प्रस्ताव में जातिगत भेदभाव पर प्रतिबंध की मांग की गई है। अगर प्रस्ताव पारित हुआ तो इस तरह का कानून बनाने वाला सिएटल अमेरिका का पहला शहर होगा। टोरंटो में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने ट्वीट करते हुए लिखा कि हम मिसिसॉगा में भारत विरोधी भित्तिचित्रों के साथ राम मंदिर को विरुपित करने की कड़ी निंदा करते हैं। हमने कनाडा के अधिकारियों से मामले की जांच करने और अपराधियों पर त्वरित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। मिसिसॉगा के श्री राम मंदिर द्वारा साझा की गई तस्वीरें


न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 20 फरवरी, 2023 3 राष्ट्रपति चुनाव की रेस में उतरने की तैयारी में एक और भारतवंशी l संवाददाता 2024 में होने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव पर अभी से भारतीय-अमेरिकी रंग चढ़ता जा रहा है। दक्षिण कैरोलिना की पूर्व गवर्नर और संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत रहीं निक्की हेली ने अपनी दावेदारी का ऐलान कर दिया है। इसी बीच GOP के संभावित दावेदार के रूप में भारतीय-अमेरिकी विवेक रामास्वामी का नाम भी तैरने लगा है। यह भी कहा जा रहा है कि अगर राष्ट्रपति जो बाइडेन अगला चुनाव नहीं लड़ते तो भारतवंशी सांसद रो खन्ना किस्मत आजमाने मैदान में उतर सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पिछले महीने आयोवा की यात्रा के दौरान इस बात के संकेत मिले थे कि रामास्वामी 2024 की बड़ी जंग में कूद सकते हैं। डैनियल लिपमैन ने पोलिटिको में लिखा कि 37 वर्षीय रामास्वामी, जिन्हें हाल ही में न्यूयॉर्क वासियों ने ‘एंटी-वोक इंक के सीईओ’ का तमगा दिया है, जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या ‘वोकिज्म’ और ईएसजी के खतरों के बारे में उनकी चेतावनियों में कोई कमी आई है। लिपमैन के मुताबिक लेखक रामास्वामी टकर कार्लसन शो में लगातार दिखाई दिये हैं। ठीक वैसे ही जैसे बड़ी जंग में कूदने से पहले 2016 में डोनाल्ड ट्रम्प या फिर 2020 में एंड्रयू यांग दिेखे थे और अचानक सियासत के सबसे बड़े मैदान में आकर सबको चौंका दिया था। इसलिए कि दोनों सियासत में सक्रिय नहीं थे लिहाजा ‘बाहरी’ उम्मीदवार थे। रामास्वामी के माता-पिता अप्रवासी भारतीय हैं। पिता जनरल इलेक्ट्रिक इंजीनियर और मां एक मनोचिकित्सक। रामास्वामी का जन्म सिनसिनाटी में हुआ था। उन्होंने हार्वर्ड और येल लॉ से पढ़ाई की है। उन्होंने एक सफल बायोटेक उद्यमी बनकर और एफडीए-अनुमोदित पांच दवाओं सहित अन्य दवाओं का विकास करके अपनी पहली पहचान अर्जित की। वर्ष 2016 में फोर्ब्स ने उनकी कुल संपत्ति 600 मिलियन डॉलर आंकी थी। उस समय रामास्वामी का शुमार 40 वर्ष से कम आयु के 24वें सबसे अमीर उद्यमी के रूप में हुआ था। उससे एक साल पहले उन्होंने एक्जोवेंट नाम की एक कंपनी की स्थापना की थी जिसने अपनी शुरुआती सार्वजनिक पेशकश के माध्यम से 315 मिलिन डॉलर जुटाए थे। यानी वह प्रक्रिया जिसके माध्यम से एक कंपनी आम जनता द्वारा व्यापार के लिए अपने स्टॉक के शेयरों को सूचीबद्ध करती है। फोर्ब्स के मुताबिक लिस्टिंग उस समय का सबसे बड़ा बायोटेक आईपीओ था। l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क अमेरिका में जाकर बस चुके एक अप्रवासी भारतीय के साथ बड़ी धोखाधड़ी हुई है। भारत के पुणे शहर में उनके बंगले को कम से कम तीन बार बैंकों और वित्तीय फर्मों में या तो बेच दिया गया या गिरवी रखकर रकम ले ली गई। चौंकाने वाली ये है कि बंगले के मालिक को इसकी भनक तक नहीं लगी और जालसाजों ने प्रॉपर्टी पर 11.8 करोड़ रुपये का कर्ज ले लिया। अब अप्रवासी भारतीय ने पुलिस से मदद की गुहार लगाई है। इस फर्जीवाड़े की शुरुआत वर्ष 2021 से हुई। अमेरिका में रहने वाले बुजुर्ग एनआरआई दंपती का पुणे के कोंढवा स्थित एनआईबीएम रोड पर एक बंगला है। 2021 में उन्होंने अपने ही परिवार के एक सदस्य के जरिए इस बंगले को बेचने की प्रक्रिया शुरू की थी। कुछ रियल एस्टेट एजेंटों को संपत्ति के दस्तावेज दे दिए और खरीदार खोजने के लिए कहा। पुलिस के मुताबिक मार्च 2021 और जून 2022 के बीच जालसाजों ने एक रियल एस्टेट एजेंट की मदद से फर्जीवाड़ा शुरू किया। ऐसे ही एक दंपती को बंगले का मालिक बनाकर उप-पंजीयक कार्यालयों में ले गए और एक-एक करके कई बार उसे बेच दिया और गिरवी रख दिया। जालसाजों ने बंगले के असली मालिक के नाम से फर्जी पैन और आधार कार्ड भी बनवा लिए। उनके आधार पर बैंक खाता खोल लिए। बाद में बंगले को बैंक में गिरवी रखकर उस पर लोन ले लिया और रकम अपने खातों में ले ली। जब ये सब चल रहा था, बंगले के असली मालिक को इसकी भनक तक नहीं थी। यह पूरा गोरखधंधा पिछले साल जुलाई में असली बंगला मालिकों की जानकारी में तब आया जब एक शुभचिंतक ने बंगले के फर्जी लेनदेन के बारे में उन्हें जानकारी दी। मालिकों ने परिवार के एक सदस्य की मदद से पुणे शहर पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में शिकायत दर्ज कराई। ईओडब्ल्यू की तरफ से कुछ महीनों तक जांच कार्यवाही चलने के बाद अब बंगला मालिक ने शुक्रवार को पुणे के कोंढवा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने स्थानीय मीडिया को बताया कि इस मामले में आरोपी आबिद शेख की पहचान रियल एस्टेट एजेंट के रूप में है। उसी पर आरोप है कि उसने खरीदारों को खोजने के लिए संपत्ति के दस्तावेज एकत्र किए। दूसरे आरोपियों के साथ मिलकर साजिश रची और फर्जी लेनदेन के माध्यम से संपत्ति को गिरवी रख दिया। भारत में इस तरह का फर्जीवाड़ा सालों से चल रहा है और प्रवासियों को लगातार मानसिक और आर्थिक परेशानी का सामना उठाना पड़ता है। भारत के जिन प्रदेशों में लोग विदेश में जाकर बस गए हैं, या रोजी-रोटी के लिए वहां कार्य कर रहे हैं, उन पर इस तरह के घोटालों का अंदेशा लगा रहता है। दुख की बात यह है कि ऐसे कार्यों में इन प्रवासियों के रिश्तेदार ही अधिक शामिल होते हैं और वे उनकी जमीन-जायदाद को बेच देते हैं। चूंकि ये प्रवासी विदेश में होते हैं इसलिए उन्हें ऐसे घपलों की जानकारी नहीं मिल पाती। अगर मिलती भी है तो वे इतने बेबस होते हैं कि भारत में आकर मुकदमेबाजी का सामना नहीं कर पाते हैं। राज्य सरकारें प्रवासियों को इस प्रकार के फर्जीवाड़े से बचाने के लिए कानून तो बनाती हैं, लेकिन दुख की बात यह है कि इन्हें लागू करने वाले अधिकतर अधिकारी निजी स्वार्थों के चलते मुजरिमों का साथ देते हैं। वे इस तरह की कार्यवाही करते हैं कि पीड़त प्रवासियों को उम्मीद नजर नहीं आती। कुछ मामलों में तो लोगों को सजा भी हुई है और प्रवासियों को उनकी चल-अचल संपत्ति वापस भी मिल है, लेकिन ऐसे उदाहरण गिने-चुने ही होते हैं। प्रवासी हमेशा मांग करते रहे हैं कि सरकार को ऐसे मामलों में उनकी मदद के लिए ठोस कानून बनाने जाएं और निपटारे के लिए फास्ट कोर्ट का गठन भी करना चाहिए। रामास्वामी टकर कार्लसन शो में लगातार दिखाई दिये हैं। ठीक वैसे ही जैसे बड़ी जंग में कूदने से पहले 2016 में डोनाल्ड ट्रम्प या फिर 2020 में एंड्रयू यांग दिेखे थे और अचानक सियासत के सबसे बड मैदान में आकर सबको ़े चौंका दिया था। अमेरिका में NRI दंपती अनजान, भारत में उनका बंगला 3 बार बिक गया! अमेरिका में जाकर बस गए एक बुजुर्ग एनआरआई दंपती ने 2021 में परिवार के एक सदस्य के जरिए पुणे के कोंढवा में अपना बंगला बिकवाने के लिए पेपर एक स्थानीय प्रॉपर्टी डीलर को दिए थे। इसके बाद जालसाजों ने उस बंगले पर उसने फर्जीवाड़ा करके 11.8 करोड़ का लोन ले लिया और कई बार बेच दिया। सांकेतिक चित्र (साभार : सोशल मीडिया)


4 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 20 फरवरी, 2023 बदहाल ट्रैफिक के मामले में बेंगलुरु नंबर-2, पहले स्थान पर UK का यह शहर ई-फार्मेसी के विरुद्ध भारत में व्यापारी संगठन ने खोला मोर्चा, लगाए आरोप l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क भारत में बेंगलुरु शहर का सिटी सेंटर ड्राइव करने के लिहाज से दुनिया का दूसरा सबसे धीमा शहर है। यहां 10 किलोमीटर की दूरी तय करने में औसतन आधा घंटा लगता है। डच जियोलोकेशन टेक्नोलॉजीज कंपनी TomTom के विशेषज्ञों ने अपने ट्रैफिक इंडेक्स में ऐसे शहरों की लिस्ट तैयार की है, जहां जाम की वजह से ट्रैफिक बहुत धीमा रहता है। इस मामले में लंदन का नाम पहले नंबर पर है। TomTom ने अपने वार्षिक ट्रैफिक इंडेक्स के 12वें संस्करण में 2022 के दौरान 56 देशों के 389 शहरों में ट्रैफिक के हाल का हवाला और विवरण दिया है। रिपोर्ट में बताया गया कि लंदन में 6.2 मील यानी 10 किमी की यात्रा करने में सबसे ज्यादा 36 मिनट और 20 सेकंड का औसत समय लगा। वहीं इंडेक्स में दूसरे नंबर पर काबिज बेंगलुरु शहर के सिटी सेंटर में 10 किमी की यात्रा करने में उन्हें 29 मिनट और 9 सेकंड का समय लगा। इस सूची में आयरलैंड की राजधानी डबलिन तीसरे स्थान पर है। जापानी शहर साप्पोरो चौथे और इटली में मिलान पांचवें स्थान पर है। TomTom ने अपने अध्ययन में इस बात का भी खुलासा किया है कि शहर विशेष में ट्रैफिक की क्या स्थिति रहती है, समय के लिहाज से गाड़ी चलाने की लागत क्या आती है, पैसा कितना खर्च होता है तथा वाहन परिचालन के पर्यावरणीय प्रभाव क्या होते हैं। अध्ययन में पाया गया कि भीड़-भाड़ वाले ट्रैफिक के कारण लोगों का 129 घंटों का नुकसान हुआ। इस पैमाने पर बेंगलुरु चौथे स्थान पर है। रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक शहरों में भीड़-भाड़ वाले ट्रैफिक के चलते लोगों के समय का नुकसान बीते एक साल में बढ़ा है। ट्रैफिक से डबलिन में लोगों का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। वहां लोगों के 140 घंटे ट्रैफिक की भेंट चढ़ गए। यह तब है जब काम करने की लचीली व्यवस्था यानी रिमोट वर्क या वर्क फ्रॉम होम के विकल्प मौजूद थे। l संवाददाता भारत के एक प्रमुख कारोबारी संगठन ने तमाम देसी-विदेशी कॉरपोरेट कंपनियों पर ऑनलाइन फार्मेसी के जरिए गैरकाननूी तरीके से दवाएं बेचने का आरोप लगाया है। संगठन का कहना है कि ड्रग एवं कॉस्मैटिक क़ाननू की लगातार अवहेलना करते हुए आपूर्ति की जा रही ऐसी दवाइयों से न केवल देश के करोड़ों थोक व खुदरा केमिस्टों का व्यापार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है बल्कि उपभोक्ताओं की सेहत व सुरक्षा भी खतरे में आ गई है। कन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAT) ने भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया से इस महत्वपूर्ण मुद् पर दे तत्काल संज्ञान लेने का आग्रह किया है। साथ ही ऐसा करने वालों पर एक लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक का जर्मान ु ा लगाने की अपील की है। यही नहीं, विषय की गंभीरता को देखते हुए CAT ने देश के विभिन्न राज्यों की प्रमुख केमिस्ट एसोसिएशनों का राष्ट्रीय सम्मेलन मार्च के पहले सप्ताह में नई दिल्ली में आयोजित करने का निर्णय लिया है। सम्मेलन में इस मसले पर आगामी कारवाई की रूपरे ्र खा तैयार की जाएगी। इस मुद् को उठा दे ने के लिए कैट का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात करेगा और उन्हें देश में ई-फार्सिमे यों द्वारा नियम-क़ाननू के कथित उल्लंघन के बारे में अवगत कराएगा। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया व राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि देश में दवाओं का निर्माण, आयात, बिक्री और वितरण औषधि एवं प्रसाधन सामग्री काननू और अन्य नियमों द्वारा नियंत्रित होता है। इनमें प्रावधान है कि प्रत्येक आयातक, निर्माता, विक्रेता या दवाओं के वितरक के पास वैध लाइसेंस होना अनिवार्य है। सभी दवाओं को केवल पंजीकृत फार्मासिस्ट द्वारा देने की बात भी लिखी है। व्यापारी नेताओं का आरोप है कि ई-फार्मेसी मार्केटप्लेस देश के काननू का दुरुपयोग कर रहे हैं। डॉक्टर के पर्चे के बिना दवाएं बेचकर और अपंजीकृत फार्मासिस्ट द्वारा दवाओं का वितरण करके निर्दोष भारतीयों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्होंने कई कंपनियों के नाम गिनाते हुए आरोप लगाया कि ये ई-फार्मेसी नियम तोड़ने में सबसे आगे हैं। उन्होंने मांग की कि इन कंपनियों के मनमाने रवैये पर जल्द अंकुश लगना चाहिए। भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि सरकार को केवल उन्हीं ई-फार्सिमे यों को अनुमति देनी चाहिए जिनके पास इस तरह दवाएं बेचने की अनुमति है। बाकी सभी ई-फार्मेसी को बंद कर दिया जाना चाहिए। किसी भी व्यक्ति या कंपनी को ई-फार्मेसी इकाई और उपभोक्ता के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करने के लिए वेब पोर्टल स्थापित करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। संगठन के नेताओं ने सरकार से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि सभी दवाएं केवल पंजीकृत खुदरा फार्मेसी से वितरित की जाएं। उनका कहना है कि पंजीकृत फार्मासिस्ट उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए सत्यापित करने के बाद ही दवाएं देते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि उपभोक्ताओं को वही दवाएं मिलें, जो वे चाहते हैं। दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा कि ई-फार्मेसी के जरिए नियम तोड़ने वालों पर सरकार को न्यूनतम 1,00,000 रुपये का जर्मान ु ा लगाना चाहिए। यह जर्मान ु ा 10,00,000 रुपये तक हो सकता है। ऐसा करना जरूरी है ताकि काननू का उल्लंघन करने वालों को दंडित किया जा सके। डच जियोलोकेशन टेक्नोलॉजीज कंपनी TomTom के विशेषज्ञों ने अपने ट्रैफिक इंडेक्स में ऐसे शहरों की लिस्ट तैयार की है, जहां जाम की वजह से ट्रैफिक बहुत धीमा रहता है। बेंगलुरू में यहां 10 किलोमीटर की दूरी तय करने में औसतन आधा घंटा लगता है। कन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAT) का एक प्रतिनिधिमंडल इस मसले पर भारत के स्वास्थ्य मंत्री और वाणिज्य मंत्री से मुलाकात करेगा। संगठन ने राज्यों की केमिस्ट एसोसिएशनों का राष्ट्रीय सम्मेलन भी आयोजित करने का ऐलान किया है। Photo by Aleksandr Popov / Unsplash Photo by Towfiqu barbhuiya / Unsplash भारतीयों पर छाया स्कॉच का सुरूर, फ्रांस को पछाड़ा l मनोज शर्मा भारत अब ब्रिटेन की स्कॉच व्हिस्की का सबसे बड़ा बाजार बन गया है। इस मामले में मात्रा के लिहाज भारत ने फ्रांस को पीछे छोड़ दिया है। स्कॉटलैंड की प्रमुख औद्योगिक संस्था के आंकड़ों के अनुसार 2021 की तुलना में वर्ष 2022 में आयात में 60 प्रतिशत की वृद्धि ने भारत को फ्रांस से ऊपर कर दिया है। स्कॉच व्हिस्की एसोसिएशन (SWA) ने बताया कि भारत ने पिछले साल स्कॉच व्हिस्की की 700 मिलीलीटर वाली 21.9 करोड़ बोतलों का आयात किया था जबकि फ्रांस ने 20.5 करोड़ बोतलों का आयात किया था। SWA के आंकड़े बताते हैं कि भारतीय स्कॉच मार्केट ने पिछले दशक में 200 फीसदी की बढ़त हासिल की है लेकिन जहां तक कीमत या पैसे का सवाल है तो अमेरिका ने 1.1 बिलियन पाउंड के साथ सबसे बड़े बाजार के रूप में अपनी शिखर स्थिति बनाए रखी है। ब्रिटेन के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक स्कॉच व्हिस्की का कुल निर्यात मूल्य 37 प्रतिशत बढ़कर 6.2 बिलियन पाउंड हो गया। भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को लेकर बात चल रही है। FTA को लेकर दोनों देशों के बीच सातवें दौर की वार्ता जारी है। इसी बीच SWA ने बताया है कि ऊंची दरों के कारण मात्रा में बढ़ोतरी अभी भी भारतीय व्हिस्की बाजार का एक अंश है। SWA ने बताया कि दो अंकों की वृद्धि के बावजूद स्कॉच व्हिस्की अभी भी भारतीय व्हिस्की बाजार का केवल 2 प्रतिशत है। SWA को लगता है कि भारत और ब्रिटेन के बीच होनो वाला FTA स्कॉटलैंड की व्हिस्की कंपनियों के लिए भारत में अपना दायरा बढ़ाने के लिहाज से फायदेमंद हो सकता है। भारत-ब्रिटेन सौदा भारत में स्कॉच व्हिस्की पर 150 प्रतिशत टैरिफ बोझ कम कर देगा। इससे पांच साल में 1 बिलियन पाउंड का बाजार बढ़ेगा। SWA को लगता है कि भारत और ब्रिटेन के बीच होनो वाला मुक्त व्यापार समझौता (FTA) स्कॉटलैंड की व्हिस्की कंपनियों के लिए भारत में अपना दायरा बढ़ाने के लिहाज से फायदेमंद हो सकता है।


न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 20 फरवरी, 2023 5 भारतीय-अमेरिकी ने दी UP को 500 करोड़ की सौगात, खुलेगा अस्पताल ‘UP बनेगा भारत का ग्रोथ इंजन’, इन्वेस्टर्स समिट में 33 लाख करोड़ के ऑफर l त्रिभुवन शर्मा भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में 10-12 फरवरी तक चले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में कुल मिलाकर 33.5 करोड़ के निवेश प्रस्ताव आए हैं। इनमें भारतीय अमेरिकी मृणालिनी सेठी भी हैं, जिन्होंने हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के लिए इलाज के लिए 500 करोड़ रुपये निवेश करने का फैसला किया है। मृणालिनी गैर-लाभकारी संगठन सलोनी हर्ट फाउंडेशन की संस्थापक और अध्यक्ष हैं। वह अपने संगठन के जरिए यह निवेश करेंगी। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में मृणालिनी सेठी अपने पति हिमांशू सेठी और संगठन से जड़ेु एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिली थीं। उन्होंने मुख्यमंत्री से जन्मजात हृदय रोग पीड़ित बच्चों के लिए एक समर्पित अस्पताल स्थापित करने का आग्रह किया और परियोजना के लिए 500 करोड़ रुपये निवेश करने की इच्छा व्यक्त की। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (SGPGI) में एक अलग यूनिट स्थापित करने के निर्देश जारी किए हैं। इससे हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को इलाज मिल सकेगा। कई बच् हृदय रोग के साथ पैदा चे होते हैं और उनमें से अनगिनत को जीवन के पहले वर्ष के भीतर सर्जरी की आवश्यकता होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे सबको ध्यान में रखते हुए SGPGI में जल्द से जल्द सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी यूनिट स्थापित की जाए। सीएम योगी ने सलोनी हार्ट फाउंडेशन के प्रस्ताव का स्वागत किया है और सरकार की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है। सलोनी हर्ट फाउंडेशन पहले चरण में 30 बिस्तरों वाली यूनिट शुरू करेगा। इसके सफल क्रियान्वयन के बाद दूसरे चरण में 100 बिस्तरों और तीसरे चरण में 200 बिस्तरों तक यूनिट का विस्तार किया जाएगा। एक बार चालू होने के बाद यह अस्पताल हृदय रोगों से पीड़ित कम से कम 5,000 बच्चों की सर्जरी करने और 10,000 और रोगियों का इलाज सुनिश्चित करने में सक्षम होगा। मृणालिनी सेठी गैर-लाभकारी संगठन सलोनी हर्ट फाउंडेशन की संस्थापक और अध्यक्ष हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से जन्मजात ह्रदय रोगी पीड़ित बच्चों के लिए राज्य में एक समर्पित अस्पताल स्थापित करने का आग्रह किया था और परियोजना के लिए 500 करोड़ रुपये निवेश करने की इच्छा भी व्यक्त की थी। l संवाददाता भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में राज्य सरकार को उम्मीद से तीन गुना अधिक निवेश प्रस्ताव मिले हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समिट के समापन समारोह में बताया कि 33.5 लाख करोड़ रुपये के प्रस्ताव मिले हैं। विभिन्न कंपनियों के साथ 18,643 एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इससे 92.50 लाख से अधिक नौकरी व रोजगार के अवसर सृजित होंगे। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित समिट में ब्रिटेन के रक्षा खरीद राज्य मंत्री एलेक्स चॉक ने कहा कि यूपी भारत के फ्यूचर ग्रोथ का इंजन बनेगा। तीन दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के अंतिम दिन यूनाइटेड किंगडम पार्टनर कंट्री/डिफेंस सत्र में एलेक्स ने भरोसा देते हुए कहा कि ब्रिटेन उत्तर प्रदेश में रक्षा एवं एयरोस्पेस के साथ चिकित्सा के क्षेत्र में बड़ा निवेश करेगा। हम प्रदेश में, विशेष तौर पर रक्षा क्षेत्र में अपनी साझेदारी निभाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। एलेक्स चॉक ने कहा कि उत्तर प्रदेश भारत की रक्षा जरूरतों को पूरा करने की दिशा में मेक इन इंडियामुहिम के तहत अपनी व्यापक भूमिका निभा रहा है। इस भूमिका में हमारा योगदान निवेश के साथ ही सामरिक व तकनीकी आयुध निर्माण समेत कई क्त्षेरों में होगा। इससे उत्तर प्रदेश न सिर्फ भारत की रक्षा जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होगा बल्कि वैश्विक परिदृश्य में निर्यात के लिहाज से भी अपनी धाक जमा पाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ब्रिटेन को न केवल रक्षा, एयरोस्पेस के क्षेत्र में बल्कि खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में भी बेहतर तरीके से आगे बढ़ाने में प्रदेश सरकार से पूरा सहयोग प्राप्त होगा। प्रदेश में उनका हर निवेश सुरक्षित होग। योगी ने कहा कि प्रदेश में विकास की नई उड़ान देने के लिए जिन 25 क्त्षेरों पर बल दिया गया है, उनमें रक्षा एवं एयरोस्पेस पहली प्राथमिकता पर है। जीआईएस-23 को सफलता की नई ऊंचाई तक पहुंचाने में ब्रिटेन ने साझेदार देश के रूप में जो सहभागिता और योगदान दिया है, वह अनुकरणीय है। बता दें कि इस दौरान सत्र में ब्रिटेन की छह कंपनियों से निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि समावेशी विकास की सोच के साथ आयोजित यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिति के सार्थक परिणाम आएंगे। उत्तर प्रदेश को विश्वव्यापी ख्याति मिलेगी। दूरदर्शितापूर्ण नीतियों को लागू कर तथा उसके कार्यान्वयन से उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप नए भारत का ग्रोथ इंजन बनने के लिए सक्षम भी है और इसके लिए तैयार भी है। रविवार को आबकारी और चीनी उद्योग विषय पर आयोजित सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए भारत के केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश तेज गति से आगे बढ़ रहा है और अब इसे कोई नहीं रोक सकता है। अन्य राज्यों को भी यूपी से सीख लेनी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में पिछले छह वर्षों में यूपी का एक्साइज कलेक्शन 14500 करोड़ रुपये से बढ़कर 42500 करोड़ रुपये हो गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 33.5 लाख करोड़ रुपये के प्रस्ताव मिले हैं। विभिन्न कंपनियों के साथ 18,643 एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इससे 92.50 लाख से अधिक नौकरी व रोजगार के अवसर सृजित होंगे।


Email [email protected] Website www.NewIndiaAbroad.Com Stay Ahead With Us! subscribe Now 6 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 20 फरवरी, 2023 ‘भारतीय’ के साथ आए UK वासी, बोले- न दें देश-निकाला l संवाददाता कोरोना महामारी के दौर में जिस ब्रिटिश भारतीय को महारानी ने सम्मानित किया था, अब उनके ऊपर ‘देश-निकाला’ की तलवार लटक रही है। ब्रिटेन निवासी भारतीय मूल के 42 वर्षीय विमल पंड्या की आप्रवासन वीजा की अपील खारिज हो गई है। यह वही विमल पंड्या हैं, जिन्हें ब्रिटेन में कोविड-19 महामारी के दौरान 50 जरूरतमंद परिवारों को मदद करने के लिए क्वीन विक्टोरिया-2 ने ‘कोविड हीरो’ के तौर पर सम्मानित किया था। रिपोर्ट के अनुसार पंड्या ने इस वर्षजनवरी में दक्षिण-पश्चिम लंदन के हैटन क्रॉस स्थित ट्रिब्यूनल में आप्रवासन अर्जी पर सुनवाई की अपील की थी लेकिन जज एड्रियन सीलहॉफ की अदालत ने 24 जनवरी को वह खारिज कर दी। उसके बाद उन्हें ब्रिटेन में रहने के लिए 28 दिनों का समय दिया गया था। इस तरह उनके पास अब ब्रिटेन में रहने के लिए हफ्ते भर का समय ही बचा है। मूल रूप से स्टॉक ब्रोकर पंड्या ने वर्ष 2011 में ब्रिटेन के एक कॉलेज में प्रबंधन की पढ़ाई के लिए दाखिला लिया था। ब्रिटेन के गृह कार्यालय ने तब पंड्या को 60 दिनों के भीतर अपने छात्र वीजा को प्रायोजित करने के लिए कोई दूसरा उच्च शिक्षा संस्थान खोजने या भारत लौट जाने की सलाह दी थी। पंड्या इस समय रोदरहिथ में एक दुकान चला रहे हैं। उन्होंने एक स्थानीय मीडिया को बताया कि वह ब्रिटेन में अब और न रह पाने की चिंता से परेशान हैं। यहां तक कि वह रात को ठीक से नींद भी नहीं ले पाते हैं। वह अपने निर्वासन को लेकर घबराए और सहमे हुए हैं। हालांकि स्थानीय समुदाय के सदस्यों के साथ-साथ ब्रिटेन के लोग पंड्या के समर्थन में खुलकर सामने आए हैं। वे उनके सपोर्ट में सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनके वीजा को बहाल करने के लिए एक ऑनलाइन याचिका पर 1,75,000 से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर भी किए हैं। Change.org ने पंड्या का समर्थन किया। पंड्या ने स्थानीय मीडिया से कहा कि मैंने ब्रिटेन में रहने के लिए बहुत मेहनत की है। मैंने काननूी फीस पर 42,000 पाउंड खर्च भी किए। यहां तक कि अपराधियों को भी इतना खर्चनहीं करना पड़ता है। l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क भारत के झारखंड राज्य के कम से कम 36 प्रवासी मजदूर पिछले दो महीनों से मध्य एशियाई देश ताजिकिस्तान में फंसे हुए हैं। वे वहां रोजगार की तलाश में गए थे। अब झारखंड की राज्य सरकार उन्हें सुरक्षित वापस लाने के प्रयास कर रही है। मजदूरों ने सोशल मीडिया के माध्यम से परिवार के सदस्यों के साथ बातचीत की। इन मजदूरों बिजली पारेषण (ट्रांसमिशन) लाइन बिछाने का काम लिया जा रहा है। वे लोग कहीं काम छोड़कर नहीं चले जाएं, इसके लिए उन्होंने मजदूरों के पासपोर्टजब्त कर लिए हैं। दावा किया जा रहा है कि इन मजदूरों का हाल इतना बुरा है कि उन्हें मजदूरी के पैसे भी नहीं दे रहे हैं और घटिया किस्म का खाना देकर उनसे कड़ी मेहनत करवा रहे हैं। किसी तरह यह मामला सामाजिक कार्यकर्तासिकंदर अली तक पहुंची। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों की नजर में मामले को लाया। उन्होंने कहा कि भारत में काम कर रही फर्म के एजटेंों ने उन मजदूरों के लिए अच्छे वेतन का वादा किया था। इसके बाद पिछले साल 19 दिसंबर को वहां के मजदूर मध्य एशियाई देश के लिए रवाना हुए थे। मजदूर भारत के झारखंड राज्य के हजारीबाग, बोकारो और गिरिडीह जिलों के रहने वाले हैं। हजारीबाग की उपायुक्त नैन्सी सहाय ने भारत की स्थानीय मीडिया एजेंसी को बताया कि श्रमिकों के परिजनों से शिकायतें मिली हैं कि उन्हें बंधुआ मजदूरों की तरह जीवन जीने के लिए मजबूर किया जा रहा है। सहाय ने कहा कि शिकायतों के आधार पर राज्य प्रवासी प्रकोष्ठ को संबंधित अधिकारियों के साथ इस मुद् को उठा दे ने के लिए सूचित किया गया है। ताजिकिस्तान में फंसे मजदूरों की जल्द रिहाई और सुरक्षित वापसी के रास्ते तलाशे जा रहे हैं। ताजिकिस्तान में फंसे मजदूरों ने सोशल मीडिया पर मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मंत्री से अपील की है कि वे उन्हें सुरक्षित बाहर निकालें और वतन वापसी सुनिश्चित करें। मजदूर कह रहे हैं कि वे वहां दाने-दाने के लिए तरस गए हैं। मजदूरों का आरोप है कि ठेकेदार ने उन सभी से काम करवाया लेकिन पिछले मजदूरी के नाम पर उन्हें कुछ नहीं दिया। अब उनके सामने भूखमरी के हालात पैदा हो गए हैं। यह पहला मौका नहीं है जब गरीब मजदूर विदेशों में फंसे हैं। ताजिकिस्तान में ही कुछ समय पहले 44 मजदूर इसी तरह फंस गए थे। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता की पहल पर उन्हें वहां से छुड़ाया गया था। भारतसे 36 लोगों को ले गए विदेश, अब बंधक बना करा रहे जबरन काम मजदूरों का हाल इतना बुरा है कि उन्हें मजदूरी के पैसे भी नहीं दे रहे हैं और घटिया किस्म का खाना देकर उनसे कड़ी मेहनत करवा रहे हैं। किसी तरह यह मामला सामाजिक कार्यकर्तासिकंदर अली तक पहुंची। विमल पंड्या को ब्रिटेन में कोविड-19 महामारी के दौरान 50 जरूरतमंद परिवारों को मदद करने के लिए क्वीन विक्टोरिया-2 ने ‘कोविड हीरो’ के तौर पर सम्मानित किया था। अब उनके पास ब्रिटेन में रहने के लिए हफ्ते भर का समय ही बचा है। क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा सम्मानित कोविड नायक विमल पंड्या (चित्र साभार : सोशल मीडिया)


न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 20 फरवरी, 2023 7 Stay Ahead With Us! Email [email protected] Website www.NewIndiaAbroad.Com राष्ट्रपति बाइडेन ने भरत राममूर्ति को सौंपी अहम जिम्मेदारी, करेंगे ये काम भारत गए प्रवासी भारतीय मुंबई में हुए लापता, 12 दिन बाद ‘चमत्कार’ से मिले l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपनी राष्ट्रीय आर्थिक टीम का पुनर्गठन किया है जिसमें भारतीय मूल के अमेरिकी भरत राममूर्ति को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। राममूर्ति पहले से राष्ट्रीय आर्थिक परिषद में उप निदेशक हैं। राममूर्ति को राष्ट्रपति की आर्थिक टीम में सामरिक आर्थिक संचार के सलाहकार की जिम्मेदारी दी गई है। भरत राममूर्ति की जिम्मेदारियों की घोषणा करते हुए राष्ट्रपति बाइडेन ने यह भी बताया कि कि लिल ब्रेनार्ड को राष्ट्रीय आर्थिक परिषद का निदेशक नियुक्त किया गया है। आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष के रूप में जेरेड बर्नस्टीन को नामित किया गया है। हीथर बौशे जो आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य के रूप में कार्य कर रही हैं, वह निवेश कैबिनटे के मुख्य अर्थशास्त्री के रूप में भी जिम्मेदारी निभाएंगी। बाइडेन ने बताया कि जोएल गैंबल को राष्ट्रीय आर्थिक परिषद का उप निदेशक बनाया गया है। राममूर्ति और अन्य पदाधिकारियों की नियुक्ति पर राष्ट्रपति बाइडेन कहा है कि भरत, हीथर, जूले और व्हाइट हाउस की आर्थिक टीम के अन्य प्रमुख सदस्यों के साथ लिल और जेरेड एक मजबूत, समावेशी और भविष्य की लचीली अर्थव्यवस्था ध्यान में रखते हुए अपनी-अपनी जिम्मेदारियां निभाएंगे। हमारे ऐतिहासिक आर्थिक सुधार और स्थिर विकास का प्रबंधन करने की रणनीति को लागू करने के लिए यह टीम प्रतिबद्ध होगी। हारर्व ्ड कॉलेज और येल लॉ स्कूल से स्नातक राममूर्ति ने ट्वीट करके कहा कि नई टीम में काम करने को लेकर वह काफी उत्साहित हैं। बता दें कि भरत वर्तमान में राष्ट्रीय आर्थिक परिषद के उप निदेशक हैं। 2020 में वह सीनटे डेमोक्रेटिक लीडर चक शूमर की टीम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। राममूर्ति ने रूजवेल्ट संस्थान में कॉर्पोरेट पावर प्रोग्राम के निदेशक के रूप में भी कार्य किया है। सीनटेर एलिजाबेथ वॉरेन के सीनटे कार्यालय में और उनके राष्ट्रपति अभियान में आर्थिक नीति सलाहकार के रूप में भी योगदान दिया है। l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क दक्षिण अफ्रीकी में रहने वाले 69 वर्षीय भारतवंशी धरमलिंगम पिल्लई (डैन) भारत आए लेकिन मुंबई के इंटरनैशनल एयरपोर्ट से लापता हो गए। 30 जनवरी को बेटी रेबेका के साथ वह डरबन जाने के लिए एयरपोर्ट पहुंचे थे लेकिन फ्लाइट छूटने से पहले ही वह कहीं भटक गए। उसके बाद बेटी उनकी तलाश में दर-दर भटकती रही। 12 दिन बाद अब जाकर वह मुंबई के खार इलाके में मिले। कुछ लोग इसे चमत्कार मान रहे हैं। बुजर्ग ु पिता के इस तरह अचानक लापता होने के बाद बेटी रेबेका ने एक होटल में कमरा लिया और किराए पर स्टकूी लेकर खुद ही उन्हें ढूंढने निकल पड़ी। उन्होंने 31 जनवरी को मुंबई के सहार पुलिस स्टेशन में पिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। धर्मलिंगम की तस्वीर और अन्य जानकारी वाले हैंडबिल और पोस्टर छपवाए। स्थानीय पुलिस, मुंबई स्थित दक्षिण अफ्रीकी दूतावास के कार्यालय की मदद से उन्हें लोगों के बीच बंटवाया। मुंबई की उपनगरीय पुलिस ने पिल्लई का पता लगाने के लिए सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म का भी सहारा लिया। पुलिस अधिकारी ने स्थानीय मीडिया को बताया कि भारतवंशी बुजर्ग ु की खोजबीन के लिए कई टीमों का गठन किया गया। विभिन्न स्थानों के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले गए। लेकिन कुछ पता नहीं चल रहा था। जैसे जैसे दिन बीत रहे थे, परिवारवालों और पुलिस की चिंता बढ़ती जा रही थी। सोशल मीडिया और स्थानीय प्रिंट मीडिया से जानकारी मिलने के बाद रविवार को दो लोगों ने पिल्लई को उपनगरीय खार में 14वीं रोड पर भटकते हुए देखा। पूछताछ के बाद उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचित किया। पुलिस ने पिल्लई की बेटी को बुलाया। पिल्लई को सहार थाना लाया गया और रविवार की शाम को उन्हें बेटी से मिलवा दिया गया। अधिकारी ने कहा कि पिल्लई का पता लगाने में मुंबई के लोगों ने काफी मदद की। यह पुलिस और नागरिकों के मिलकर मदद करने का अच्छा उदाहरण है। धरमलिंगम पिल्लै सेवानिवृत्त क्लर्क हैं। उनकी बेटी लॉजिस्टिक्स में एक वरिष्ठ पद पर कार्यरत हैं। अपने जन्मदिन पर वह अपने गृहनगर का दौरा करने भारत गए थे। बरसों पहले उनके दादा दक्षिण अफ्रीका चले गए थे, तभी से यह परिवार डरबन में बस गया। पिल्लई को शॉर्ट टर्म मेमोरी लॉस है। वह केवल अंग्रेजी में बोलते हैं। पुलिस के जांच अधिकारी सुशांत भावचकर के अनुसार पिल्लई स्वस्थ हैं लेकिन उन्हें शहर में बिताए इतने दिनों के बारे में ज्यादा कुछ याद नहीं है। राष्ट्रपति बाइडन ने अपनी राष्ट्रीय आर्थिक टीम का पुनर्गठन किया है जिसमें भारतीय-अमेरिकी भरत राममूर्ति को महत्वपूर्णजिम्मेदारी दी है। राममूर्ति पहले से राष्ट्रीय आर्थिक परिषद में उप निदेशक हैं। राममूर्ति को राष्ट्रपति की आर्थिक टीम में सामरिक आर्थिक संचार के सलाहकार की जिम्मेदारी दी गई है। धरमलिंगम पिल्लै सेवानिवत्तृ क्लर्क हैं। उनकी बेटी लॉजिस्टिक्स में वरिष्ठ पद पर कार्यरत हैं। जन्मदिन पर वह भारत में अपने गृहनगर गए थे, वापस लौटते समय एयरपोर्ट से लापता हो गए। वह शॉर्ट टर्म मेमोरी लॉस के शिकार हैं। मुंबई में इतने दिनों तक गुम रहने के बारे में भी उन्हें ज्यादा कुछ याद नहीं है। भरत राममूर्ति की फाइल फोटो (चित्र साभार : सोशल मीडि) राष्ट्रपति जो बाइडने ने अपनी आर्थिक टीम की घोषणा की (फाइल फोटो) (चित्र साभार : सोशल मीडिया)


8 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 20 फरवरी, 2023 नस्लवाद-भेदभाव से टक्कर लेंगी प्रीति, अहम आयोग में मिली जगह l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क भारतीय-अमेरिकी प्रीति कृषटेल को नस्लवाद और स्वास्थ्य भेदभाव दूर करने वाले पैनल में नामित किया गया है। प्रीति के अलावा इसमें अमेरिका के चार अन्य विशेषज्ञ भी रखे गए हैं। यह ओ’नील-लैंसेट आयोग का पैनल है जिसमें दुनिया भर के लगभग 20 विशेषज्ञ शामिल हैं। ओ’नील-लैंसेट आयोग वाशिंगटन में जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी लॉ सेंटर में स्थित है। यह रंगभेद, संरचनात्मक भेदभाव और वैश्विक स्वास्थ्य पर काम करने वाली एक संस्था है। पैनल में चयनित होने पर कृषटेल ने एक बयान में कहा कि यह मेरे लिए गर्व की बात है कि आयोग में सेवा करने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि हर कोई अपने परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य की चिंता करता है और इसके लिए वह सजग रहता है। ऐसे लोगों तक मदद पहुंचाने का उन्हें मौका मिला है। जरूरतमंद लोगों तक दवा और टीके सुनिश्चित कराने में मददगार बनेंगी। कृषटेल को पेटेंट प्रणाली की गड़बड़ियों को उजागर करने के लिए 2022 मैकऑर्थर फेलो के रूप में चयनित किया गया था। वह न्यायसंगत दवा प्रणाली का निर्माण करने वाली एक गैर-लाभकारी संस्था आई-एमएके की सह-संस्थापक और सह-कार्यकारी निदेशक हैं। वह कैलिफोर्निया में पली-बढ़ीं। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले से स्नातक की डिग्री प्राप्त कीं और और न्यू यॉर्क यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ से अपनी ज्यूरिस डॉक्टर की डिग्री प्राप्त कीं। 2000 के दशक की शुरुआत में एचआईवी/एड्स महामारी के समय भारत में जनहित वकील के रूप में काम करते हुए उन्होंने दवाओं पर काम करना शुरू किया था। बयान में कहा गया है कि कोविड19 महामारी ने दुनिया को समझाया है कि सामाजिक-आर्थिक असमानताओं, प्रणालीगत नस्लवाद और संरचनात्मक भेदभाव ने न केवल बीमारी के जोखिम को बढ़ाया बल्कि उपचार की गुणवत्ता को भी प्रभावित किया। आयोग के सह-अध्यक्ष और संयुक्त राष्ट्र के विशेष रैपोर्टेयर डॉ. त्लालेंग मोफोकेंग ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान भेदभाव के कारण दुनिया के कई देश टीकों पर छूट देने में असफल रहा। भेदभाव नहीं होता तो अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ हिस्सों में रहने वाले लोगों में व्यापक स्तर पर टीकाकरण सुनिश्चित हो पाता। भारतीय-अमेरिकी प्रीति कृषटेल सहित अमेरिका के चार अन्य विशेषज्ञों को नस्लवाद और स्वास्थ्य भेदभाव दूर करने वाले पैनल में नामित किया गया है। कृषटेल ने एक बयान में कहा कि यह मेरे लिए गर्व की बात है कि आयोग में सेवा करने का मौका मिला है। अमेरिका के इस शहर में रिपब्लिकन पार्टी ने ‘योगी’ को बनाया उम्मीदवार l त्रिभुवन शर्मा अमेरिका के लॉस एंजिल्स के आर्टेसिया सिटी से पहली बार एक गुजराती शख्स पार्षद (Councilman) का चुनाव लड़ने जा रहा है। रिपब्लिक पार्टी ने लॉस एंजिल्स में रहने वाले योगी पटेल को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा जनू में की जाएगी। योगी पटेल मूल रूप से भारत के गुजरात राज्य के सूरत से हैं। वह दो दशकों से लॉस एंजिलिस में रह रहे हैं। योगी पटेल ने अमेरिका से केमिकल इंजीनियर की पढ़ाई की और इसके बाद अमेरिका में ही बस गए। रियल स्टेट से लेकर होटल और मोटल उद्योग तक में योगी पटेल का नाम है। वह लंबे समय से समाज सेवा से भी जड़ेु हुए हैं। राजनीतिक जीवन की बात करें तो वह पिछले पांच साल से रिपब्लिकन पार्टी से जड़ेु हुए हैं। पार्टी में सक्रिय भारतीय के तौर पर मशहूर होने के बाद पार्टी ने उन्हें इस साल के पार्षद के लिए चुनाव लड़ने की जिम्मेदारी दी है। योगी पटेल की निरन्तर सेवा भावना और उनके साथ भारतीय समुदाय के बड़े पैमाने पर जड़ेु रहने के कारण यह दायित्व निर्धारित किया गया है। योगी सामाजिक सेवा संगठन के तौर पर Cerritos College Foundation के सहअध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हैं। इस कॉलेज में उन्होंने गुजराती छात्रों की काफी मदद की है। लॉस एंजिल्स में पढ़ने के लिए जाने वाले गुजराती छात्रों को छात्रवृत्ति और आवास के लिए भी उन्होंने काफी मदद की है। पिछले तीन सालों से वह इंडो कल्चर सोसाइटी ऑफ नॉर्थ अमेरिका के अध्यक्ष हैं और इंडियन एसोसिएशन ऑफ लॉस एंजिल्स के कार्यकारी सदस्य भी हैं। इसके साथ ही वह लॉस एंजिल्स पीस सेंटर में निदेशक हैं। योगी पटेल को ऑरेंज काउंटी के सीनटेर किम यांग द्वारा साउथ इंडियन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन पुरुस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। आर्टेसिया सिटी से योगी पटेल पहले गुजराती हैं जिन्हें रिपब्लिक पार्टी द्वारा उम्मीदवार के रूप में घोषित किया गया है। योगी पटेल मूल रूप से भारत के राज्य गुजरात के सूरत से हैं। वह दो दशकों से लॉस एंजिलिस में रह रहे हैं। रियल स्टेट से लेकर होटल और मोटल उद्योग तक में योगी पटेल का नाम है। वह लंबे समय से समाज सेवा से भी जुड़े हुए हैं।


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US में सियासत के अग्निपथ पर एक साहसी भारतीय-अमेरिकी अमेरिका में राष्ट्रपति पद की सियासी जंग का डंका बज गया है। शिखर सियासत की इस पथरीली पिच पर एक भारतीय-अमेरिकी महिला ने तमाम तरह की अंतर्बाह्य चुनौतियों को जानते हुए अपनी दावेदारी का ऐलान कर दिया है। निक्की हेली ने 2024 की इस लड़ाई की हुंकार अप्रवासी होने के गर्वीले अहसास के साथ भरी है। निक्की हेली (51) दक्षिण कैरोलिना की दो बार गवर्नर रह चुकी हैं और संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत भी। निक्की ने सत्ता प्रतिष्ठान के रूढ़िवादियों और चरमपंथियों के सामने ऐलान-ए-जंग की न केवल हिम्मत दिखाई है बल्कि ऐसे तमाम लोगों को साफ संदेश दिया है कि वह मैदान में उतर आई हैं और अडिग भी हैं। दौड़ में शामिल होने की घोषणा के वक्त जो वीडियो संदेश उन्होंने दिया, उसने साफ कर दिया कि वह राजनीति के पेशेवर अंदाज में किसी का भी मुकाबला करने के लिए तैयार हैं। पहली पीढ़ी की भारतीय-अमेरिकी निक्की हेली ने न केवल पीढ़ीगत परिवर्तन पर जोर दिया बल्कि 75 वर्ष से अधिक उम्र के राजनेताओं के लिए अनिवार्यसियासी योग्यता का आईना भी दिखला दिया है। यह आईना ओवल ऑफिस में इस समय जमे सबसे उम्रदराज जोसफ (जो) बाइडेन के लिए तो है ही, निक्की के पूर्व बॉस और अमेरिका के राष्ट्रपति रहे चुके डोनाल्ड ट्रम्प के लिए भी है। गौरतलब है कि ट्रम्प एक बार फिर से ओवल यात्रा की मंशा जाहिर कर चुके हैं। दावेदारी की घोषणा करते हुए हेली ने कहा कि अमेरिका में मैं देखती हूं कि स्थायी राजनेता अंत में सेवानिवृत्त हो जाएंगे लेकिन हमारे जेहन में कांग्रेस के लिए समय-सीमाएं हैं और 75 वर्ष से अधिक उम्र के राजनेताओं के लिए अनिवार्य मानसिक योग्यता परीक्षण का विचार भी है। व्हाइट हाउस का रास्ता निस्संदेह रूप से अग्निपथ है जिसे पार करने के लिए सबसे पहले रिपब्लिकन पार्टी का नामांकन जीतना होगा। ग्रैंड ओल्ड पार्टी से अभी भले ही दो दावेदारियां सामने आई हैं लेकिन उम्मीदवार बढ़ेंगे। ट्रम्प और हेली के अलावा कद्दावर संभावितों में फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डीसांटिस, पूर्व उपराष्ट्रपति माइक पेंस और सीनटेर रिक स्कॉट शामिल हैं। और यह अभी शुरुआत है। लेकिन हेली की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वह एक अश्वेत महिला हैं और साथ ही एशियाई-अमेरिकी भी। व्हाइट हाउस के लिए अपनी दावेदारी के समय निक्की ने कहा कि हर दिन हमें बताया जाता है कि अमेरिका में खामियां हैं। व्यवस्था में सड़ांध है और समाज में नफरत। कुछ तो यहां तक कहते हैं कि अमेरिका नस्लवादी है। सच से और दूर कुछ भी नहीं हो सकता। अमेरिकी लोग बेहतर जानते हैं। मेरे अप्रवासी माता-पिता भी सच से वाकिफ रहे हैं। निक्की के माता-पिता सिख हैं जो पंजाब से अमेरिका आकर बसे थे। हालांकि 1996 में अपनी शादी के वक्त उन्होंने धर्म-परिवर्तन कर लिया था, फिर भी उन्हे ताना मिलता रहा कि वह ‘पूरी तरह से’ ईसाई नहीं हैं। यकीनन तानों का यह भूत सियासत के घात-प्रतिघत भरे चुनावी मैदान में भी निक्की का पीछा करता रहेगा। दक्षिण कैरोलिना के लोगों ने यह सब देखा और निक्की को दो बार गवर्नर चुना। अब उम्मीद है कि इस जंग के वक्त अमेरिका के लोग चुनाव प्रचार के दौरान उनका आधिकारिक ट्रैक रिकॉर्ड देखेंगे। मूल्यांकन इससे इतर भी होगा। भारतीय-अमेरिकी लोगों ने राजनीति के साथ ही अमेरिका के हर उस क्षेत्र में कदमताल की है जिसके बारे में सोचा जा सकता है। हो सकता है कि हेली को अपनी पार्टी में ही नामांकन के वक्त अन्य भारतीय-अमेरिकियों से चुनौती मिले। यह भी हो सकता है कि ग्रैंड ओल्ड पार्टी की अंतिम स्वीकृति के बावजूद उनके सामने उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस ही आ खड़ी हों। हालांकि ऐसा तब हो सकता है जब बाइडेन फिर से मुकाबले में न उतरें। वो दिन हवा हुए जब भारतीय-अमेरिकी केवल डेमोक्टरे्स को ही वोट देते थे। आज समुदाय के पास मजबूत रिपब्लिकन समर्थकों का वर्ग है। डेमोक्रेटिक पार्टी खुद उन मजबूत प्रगतिशील और स्वतंत्र मतदाताओं को लेकर चितिं त है जो स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर बदलाव लाते हैं। 5 नवंबर, 2024 का चुनाव निस्संदेह भविष्य को लेकर है और निक्की हेली निश्चित रूप से आगामी बहस-मुबाहिसों के लिए एक स्वस्थ राह की स्थापना करेंगी। 10 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 20 फरवरी, 2023 विश्व में अपनापन कैसे पाएगी हिंदी? फिजी ने माना भारत को भरोसेमंद मित्र l डॉ. रामेश्वर दयाल भारतीयों विशेषकर हिंदी भाषियों से समृद्ध देश फिजी में हाल ही में विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया गया। कोई दो-राय नहीं कि इस बार हिंदी सम्मेलन की खूब चर्चा हुई और वहां हिंदी साहित्यकारों के दबदबे को दरकिनार कर उसे कृत्रिम मेधा (Artificial Intelligence) की भाषा बनाने पर बल दिया गया और कहा गया कि इसका उपयोग कर हिंदी सही मायने में अंतरराष्ट्रीय भाषा का दर्जा पा सकती है। लेकिन बड़ा सवाल यही है कि क्या हिंदी को भारत में ही वह दर्जा प्राप्त है जो अन्य देशों में अपनी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा (राष्ट्रभाषा) को मिलता है। सवाल यह भी है कि भारत में हिंदी ‘कामकाज’ की भाषा बन गई या अभी वक्त लगेगा। फिजी के नांदी शहर में आयोजित इस विश्व हिंदी सम्मेलन से एक बात तो उभरकर आई कि पहले आयोजित ऐसे सम्मेलनों जो कुछ कथित प्रबुद्ध लोगों का वर्चस्व रहता था, वैसा इस बार नहीं हो पाया और सम्मेलन में गंभीरतापूर्वक हिंदी को विश्व की भाषा बनाने पर चर्चा की गई। भारत के विदेश मंत्रालय और फिजी सरकार के मेल से आयोजित सम्मेलन में हिंदी के करीब 1200 विद्वान व लेखकों ने भाग लिया। सम्मेलन की थीम ‘हिंदी-पारंपरिक ज्ञान से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) तक’ रखी गई है। तीन दिन के इस सम्मेलन में 10 समानांतर सत्र हुए, जिनमें गिरमिटिया देशों में हिंदी, सूचना प्रौद्योगिकी और 21वीं सदी में हिंदी, मीडिया और हिंदी को लेकर वैश्विक धारणा और अनुवाद (Translation) पर विचार-विमर्श हुआ। सम्मेलन में कहा गया कि आधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए हिंदी मीडिया, सिनेमा और जनसंचार के विविध माध्यमों ने हिंदी को विश्व भाषा का रूप दिया जा सकता है। इस बात में दो-राय नहीं कि भारत समेत विश्व के कई देशों में हिंदी का प्रसार-प्रचार बढ़ा है। उसका कारण यह है कि हिंदी बोलने वालों ने अपनी भाषा को बोलने में अब हिचकिचाहट त्याग दी है तो धीरे-धीरे ही सही हिंदी देशविदेश के कारोबार से जुड़ रही है। इसी का परिणाम यह निकला है कि हिंदी बोलने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। हम इस बात पर गर्व कर सकते हैं कि विश्व में हिंदी का स्थान तीसरे नंबर पर है और प्रवासी भारतीय भी हिंदी को लेकर उत्सुक हैं और वे इसे फैलाने में पूरा प्रयास कर रहे हैं। लेकिन सवाल यही है कि भारत में हिंदी को वह गरिमा और अपनापन मिल पाएगा जो किसी भी देश की राष्ट्रभाषा को मिलता है। सरविदि ्व त है कि कुछ ‘कारणों’ से भारत देश में आज भी हिंदी राष्ट्रभाषा के बजाय राजभाषा के रूप में जानी जाती है और अहिंदी भाषी राज्यों को इस बात का अधिकार है कि वे अपनी मातृभाषा को सरकारी भाषा के रूप में प्रयोग में ला सकते हैं। ऐसे राज्यों में त्रिभाषा फार्मूला लागू किया गया है। इसमें वहां की भाषा के अलावा हिंदी व अंग्रेजी शामिल है। इस बात को लेकर आज भी आरोप लगते हैं कि भारत में बुद्धिजीवियों की एक लॉबी ने हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर सदा अड़चने पैदा करने का प्रयास किया, जो आज भी जारी है। इसमें भारत में बड़े पदों पर बैठे नौकरशाह भी शामिल हैं। वैसे जो हिंदी आज हम बोलते हैं उसका इतिहास लगभग 100 पुराना है और इसे सर्वमान्य भाषा बनने में अभी और समय लगेगा। लेकिन ऐसी भाषा बनने की रास्ते में सबसे बड़ा रोड़ा अनुवाद की हिंदी है। अंग्रेजी या दूसरी भाषाओं के आवश्यक ज्ञान या तकनीकी जानकारी का हिंदी में जो अनुवाद हो रहा है, वह इतना अधिक जटिल और दुरूह हो रहा है कि उसे समझना मुश्किल है। उसके लिए या तो शब्दकोश रखना होगा या इंग्लिश भाषा का सहारा लेना पड़ेगा। दुख की बात है कि यह षडयंत्र आज भी जारी है। बार-बार मांग उठती है कि जब चीन, जापान में उनकी भाषा में पूरा ज्ञान और तकनीकी सिस्टम को पढ़ा सकता है तो हिंदी में ऐसा क्यों नहीं हो रहा है। हिंदी को लेकर कई अवरोध हैं, कई प्रकार के स्वार्थ हैं और तीसरे यह कि भारत के लोग अपनी भाषा को लेकर वह गर्व और राष्ट्रीयता की बात नहीं कर पाते जो दूसरे देशों में होता है। हिंदी भाषा को लेकर भारत में राज्यों के अपने झगड़े हैं, जो जब-तब तनाव बढ़ाते हैं। इन सबके बावजूद हिंदी का प्रसार-प्रचार हो रहा है। उसके पीछे सबसे बड़ा करण यह है कि हिंदी अब धीरे-धीरे रोजगार, कामकाज और कारोबार से जुड़ रही है। भारत सरकार से जड़ेु लोग और नौकरी देने वाले लोग भी हिंदी को लेकर गंभीरता दिखा रहे हैं। बड़ी बात यह है कि विदेशों में भी हिंदी का गंभीरता से प्रचार हो रहा है। यानी प्राकृतिक और मौलिक तरीके से हिंदी आगे बढ़ रही है। बस आवश्यकता इस बात की है कि हिंदी को उसके मठाधीशों से बचाया जाए और उन नेताओं और अफसरशाहों से दूर रखा जाए तो अपने कथित स्वार्थो के चलते हिंदी को पिछड़ी भाषा ही बनाए रखना चाहते हैं। इसे कूटनीति की भाषा भी बनाना होगा और भारत के नेताओं और अफसरों को विदेश में हिंदी बोलकर एक अलग ही विश्वास पैदा करना होगा। तब संभव है कि हिंदी विश्व भाषा बनने की ओर आगे बढ़ पाए। रास्ता कठिन है कि लेकिन असंभव नहीं। l मनोज शर्मा फिजी के प्रधानमंत्री सितिवेनी राबुका ने भारत को अपना विशेष मित्र और विश्वसनीय साथी बताया है। 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन के दौरान संयुक्त प्रेसवार्ता में 16 फरवरी को राबुका ने कहा कि भारत मुश्किल के वक्त उनके देश के साथ खड़ा रहा है इसलिए हम हमेशा एक विशेष मित्र और विश्वसनीय साथी रहेंगे। राबुका ने कहा कि हमने मजबूत साझेदारी विकसित की है, जिसमें राष्ट्र निर्माण के सभी क्षेत्र शामिल हैं। भारत हमेशा जरूरत के वक्त हमारे साथ खड़ा रहा है। हम भाग्यशाली हैं कि कोरोना महामारी के दौरान भारत ने हमें वैक्सीन देकर मदद दी। इस मानवीय मदद के लिए हम भारत सरकार के शुक्रगुजार हैं। राबुका ने कहा कि 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन का फिजी में सह-आयोजन करने के लिए मैं प्रधानमंत्री मोदी और भारत सरकार की तारीफ करता हूं। राबुका ने कहा कि फिजी सामूहिक प्राथमिकताओं के माध्यम से प्रशांत क्षेत्र के विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की सराहना करता है। फिजी में परिवारों के लिए एक मजबूत और स्थायी भविष्य बनाने के लिए हम अब पहले से कहीं अधिक संकल्पित हैं। यह दायरा प्रशांत क्षेत्र और इसके पार भी जाता है। मैं फिजी सरकार की ओर से इस महत्वपूर्ण सहयोग को साकार करने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद देता हूं। भारत और फिजी के बीच वीजा छूट के लिए हुए समझौते पर प्रधानमंत्री राबुका ने कहा कि हमारे देश के कई नागरिक शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भारत जाते हैं। भले ही पैमाने अलग हों लेकिन इससे हम लाभान्वित होंगे। संपादकीय हम इस बात पर गर्व कर सकते हैं कि विश्व में हिंदी का स्थान तीसरे नंबर पर है और प्रवासी भारतीय भी हिंदी को लेकर उत्सुक हैं और वे इसे फैलाने में पूरा प्रयास कर रहे हैं। फिजी के प्रधानमंत्री सितिवेनी राबुका


न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 20 फरवरी, 2023 11 HERE'S YOUR CHANCE TO BE A DJ DIASPORA J OURNO With Indians in all corners of the world, there's never a dull moment! New India Abroad gives you the unique opportunity to capture such moments and be a journalistfor your community. All you have to do is: Cover community news Send us your report Wait for it to be published Inform us about diaspora events in your area. You can cover both immediate and future events Send us a report with all the details and other material like images, audio/video clips, and interviews Our team will edit and publish yourstory in our paper & website with due credit given to you NOW ANYBODY CAN BE A DJ! New India Abroad prides itself in being a platform for the Indian Diaspora - Be itin the Americas, Europe, Asia Pacific, Middle East or Africa. Send yourstories to [email protected]


12 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 20 फरवरी, 2023 सिडनी में भारतीयों ने श्रद्धापूर्वक मनाई महाशिवरात्रि l सरस्वती सिंह शिवरात्रि पर भारतीय प्रवासियों ने आस्ट्रेलिया के सबसे पुराने शहर सिडनी के हर कोने से मंदिरो व शिवालयों का रुख किया। शनिवार को मनाए गए इस शिवरात्रि पर्व पर मंदिरो में भव्य सजावट देखने को मिली। सिडनी शक्ति टेम्पल में श्रद्धालुओं ने हर हर महादेव के जयकारे के साथ जल व दूध से महादेव का अभिषेक किया। सिडनी शक्ति टेम्पल के पुजारी आनंद गुरुक्कल ने बताया कि इस बार महा शिवरात्रि शनिवार को प्रदोष के संयोग से है, जो एक अद्भुत और शुभ अवसर है, इसलिए यह शिव भक्तों के लिए एक बहुत ही महान दिन है। ऑस्ट्रेलिया में सभी बहुराष्ट्रीय भारतीय समुदाय सिडनी में रह रहे हैं, भारत के ब्राह्मण, पंजाबी गुजराती दक्षिण भारतीय उत्तर भारतीय, फिजी भारतीय और सभी भक्त महाशिवरात्रि पर्व पर पूजा अर्चना, हवन को लेकर बहुत उत्साहित और भक्तिभाव से भरे रहते हैं। शिव के लिए अंतिम पूजा महाभिषेक रात 11:30 बजे से आधी रात तक हुआ, जिसमें चावल-आटा अभिषेकम, हल्दी पाउडर (हल्दी) अभिषेक, दूध, दही, अभिषेक पाउडर, नारियल, विभूति, चंदन, गन्ने का रस, तरबूज आदि से अभिषेक किया गया। सिडनी शक्ति टेम्पल में भोले बाबा के अभिषेक आए भक्तो में भारत के कश्मीर से ले कर कन्याकुमारी तक की सांस्कृतिक झलक देखने को मिली। शक्ति टेम्पल के अध्यक्ष कृष्णनन गॉउन्डेर ने न्यू इंडिया अब्रॉड से खास बातचीत में जानकारी दी कि आज के भारतीय मूल के लोग यहां पूजा करने आते हैं। हम लोग उन की धार्मिक इच्छाओ को पूर्ण करने की कोशिश करते हैं। यहां मंदिर में आकर लोग अपनी संस्कृति से जुड़ाव सा महसूस करते हैं। हम अलग अलग बैकग्राउंड से है लेकिन एक चीज जो सब में कॉमन है कि हम भारतीय हैं। महादेव की पूजा करने आई श्रद्धालु नीलम पांडे कहती हैं कि मैं झारखण्ड से हूं। हमारे यहां पर भव्य विधि विधान से महाशिवरात्रि की पूजा होती है। आज हमने इंडिया की तरह यहां भी उपवास किया और पूरे परिवार के साथ मिलकर घर पर शिव जी की पूजा की और शाम को मंदिर में आकर महादेव माता पार्वती के दर्शन किए। शक्ति टेम्पल में महादेव का दूध से अभिषेक करते श्रद्धालु। शक्ति टेम्पल के अध्यक्ष कृष्णनन गॉउन्डेर ने न्यू इंडिया अब्रॉड से खास बातचीत में जानकारी दी और बताया कि “आज के भारतीय मूल के लोग यहां पूजा करने आते है हम लोग उन की धार्मिक इच्छाओ को पूर्ण करने की कोशिश करते हैं। Photo by - Saraswati Singh, Sakti Temple Sydney परे ूभक्तिभाव से शिवलिंग की पजू ा अर्चना करते नजर आए शिवभक्त।


न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 20 फरवरी, 2023 13 लॉकडाउन में कर्ज लेकर कर डाला फ्रॉड, UK में भारतीय कारोबारी को जेल NRI की मौत के 11 महीने बाद पत्नी और सास-ससुर पर लगे हत्या के आरोप विदेशी छात्रों के लिए नई नीति बनाएगा UK l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क ब्रिटेन में भारतीय मूल के एक बिजनेसमैन को सरकारी कर्ज के दुरुपयोग के आरोप में 12 महीने जेल की सजा सुनाई गई है। 58 साल के कुलविंदर सिंह सिद्धू को कोरोना लॉकडाउन के दौरान व्यापार में घाटे से उबरने के लिए वित्तीय सहायता ली थी लेकिन रकम मिलने के बाद उसने धोखाधड़ी कर डाली। अब अदालत ने उसे गुनाहों की सजा सुनाई है। कुलविंदर सिंह सिद्धू ने साल 2020 में वित्तीय सहायता योजना के तहत बाउंस बैंक लोन लिया था। वह 2010 से दक्षिणपूर्व इंग्लैंड में स्टैनवेल स्थित एक ढुलाई कंपनी वेविलेन लिमिटेड में निदेशक था। जांच से पता चला कि 50,000 पाउंड का ऋण लेने के तुरंत बाद उसने कंपनी को भंग कर दिया और लोन की रकम को अपने व्यक्तिगत बैंक खाते में ट्रांसफर कर लिया। यूके सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान बाउंस बैक लोन योजना चलाई थी। इसके तहत महामारी से प्रभावित बिजनेस के लिए 50,000 पाउंड तक का ब्याजमुक्त करदाता-समर्थित ऋण लिया जा सकता था। सिद्धू ने 9 जून 2020 को लोन के लिए आवेदन किया। इस पर धनराशि उसके खाते में भेज दी गई। 26 जून 2020 को सिद्धू ने कंपनी भंग करने के लिए कागजी कार्रवाई शुरू कर दी। अक्तूबर 2020 में कंपनी को भंग कर दिया गया। सिद्धू पर कर्ज की रकम के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया। यूके की गिल्डफोर्ड क्राउन कोर्ट ने उसे यूके कंपनी अधिनियम और धोखाधड़ी अधिनियम के तहत दोषी माना है। अदालत ने सिद्धू को 12 महीने की जेल की सजा सुनाते हुए 50,000 पाउंड की वसूली का आदेश भी दिया है। इसके अलावा सिद्धू को छह साल के लिए कंपनी का निदेशक बनने के अयोग्य ठहराया गया है। l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क सिंगापुर में NRI की मौत के लगभग 11 महीने बाद पुलिस ने उनकी पत्नी और पत्नी के माता-पिता पर गैर इरादतन हत्या के अलावा आईपीसी और आईटी अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज किया है। सिंगापुर के नागरिक बृज नंदन सिंह सोइन की मार्च 2022 में मौत हो गई थी। मौत की वजह कैंसर बताई गई थी लेकिन अब बृज नंदन के बेटे ने अपनी सौतेली मां पर हत्या के आरोप लगाए हैं। बृज नंदन के 26 वर्षीय बेटे अश्विन नंदन सिंह ने अपने पिता की दूसरी पत्नी कमलप्रीत कौर और उनके माता-पिता गुरबख्श सिंह और समरजीत कौर पर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने उनके पिता की हत्या करके सारी संपत्ति अपने नाम कर ली है। एफआईआर के अनुसार अश्विन ने आरोप लगाया कि कमलप्रीत ने बृज नंदन की बॉडी को जलाया जबकि ईसाई धर्म के अनुसार शव को दफनाया जाता है। कमलप्रीत ने ऐसा इसलिए किया ताकि सबूतों को मिटा सके। कमलप्रीत कौर लुधियाना के राय कोट की निवासी हैं जबकि अश्विन सिंगापुर के नागरिक हैं। हालांकि इस वक्त वह चंडीगढ़ के सेक्टर 15 में रहते हैं। अश्विन ने यह शिकायत पंजाब के ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन के डायरेक्टर के पास की है। अश्विन ने इससे पहले जनू 2022 में मोहाली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी और उसके बाद पंजाब की NRI विंग से भी संपर्क किया था। अश्विन ने यह भी आरोप लगाया है कि कमलप्रीत ने बृज नंदन की मौत की जानकारी नहीं दी और पहले ही बैंक खातों से पैसे निकाल लिए। अश्विन के अनुसार उसके पिता भारत में कमलप्रीत कौर से मिले थे और दोनों साथ रहने लगे थे। अश्विन की मां के तलाक देने के बाद बृज नंदन ने कमलप्रीत कौर से शादी कर ली। अश्विन का आरोप है कि कमलप्रीत को जब पता चला कि बृज नंदन को कैंसर है तो उसने उन्हें जीरकपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने बृज नंदन की गंभीर हालत के बारे में बताया। इसके बावजूद कमलप्रीत ने डॉक्टरों की सलाह की अनदेखी करते हुए अस्पताल से छुट्टी ले ली और जाली कागजात बनाकर बृज नंदन के खाते से 15 लाख रुपये ट्रांसफर कर लिए। अश्विन की शिकायत पर पुलिस ने कमलप्रीत और उनके माता-पिता के खिलाफ आईपीसी की धारा 304, 419, 420, 120-बी और आईटी अधिनियम की धारा 66-सी और 66-डी के तहत मामला दर्ज किया है। l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क यूके में पढ़ने आने वाले विदेशी छात्रों की वीजा संबंधी मुश्किलों को आसान बनाने के लिए एक नया आयोग बनाया गया है। स्टडी के बाद वर्क वीजा नहीं मिल पाने के कारण जिन छात्रों को स्वदेश लौटना पड़ता है, अब उनके लिए उम्मीद की नई रोशनी दिखी है। आयोग ‘नई अंतरराष्ट्रीय शिक्षा रणनीति 0.2’ के तहत इस पर काम कर रहा है। यूके की अर्थव्यवस्था और समाज में विदेशी छात्रों का बड़ा महत्व है। इसे देखते हुए विदेशी छात्रों को वीजा मुहैया कराने में यूके अन्य देशों के मुकाबले आगे रहे, इसके लिए नई रणनीति बनाई गई है। इस आयोग का नाम अंतरराष्ट्रीय उच्च शिक्षा आयोग (आईएचईसी) है। इसका गठन यूके में विश्वविद्यालय मामलों के पूर्व मंत्री और संसद सदस्य क्रिस स्किडमोर की अध्यक्षता में किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, यूके में 2021 में ग्रेजुएट रूट वीजा की शुरुआत होने के बाद से यहां आने वाले वाले भारतीय छात्रों की संख्या कई गुना बढ़कर लगभग 1,20,000 हो गई है। ऑफिस फॉर नेशनल स्टैटिस्टिक्स (ओएनएस) के ताजा आंकड़ों के अनुसार भारतीयों ने पिछले साल विदेशी छात्रों के सबसे बड़े समूह के रूप में चीन को पीछे छोड़ दिया है। जुलाई 2021 में पेश किया गया ग्रेजुएट रूट वीज़ा अध्ययन के बाद दो साल तक रहने की अनुमति देता है। हालांकि हाल की कुछ रिपोर्टों के मुताबिक ब्रिटेन की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने कहा है कि ग्रैजुएट रूट वीजा के समय को कम करने पर विचार किया जा रहा है। NISAU यूके ने ग्रेजुएट रूट वीज़ा के लिए वर्षों तक अभियान चलाया है। आयोग के पैनल की एक आयुक्त और यूके स्थित भारतीय छात्र व पूर्व छात्र संघ (एनआईएसएयू) की अध्यक्ष सनम अरोड़ा का कहना है कि यूके में हॉस्पिटैलिटी से लेकर स्वास्थ्य सेवा तक कुशल मैनपावर की कमी है। भारतीय ग्रेजुएट के जरिए इस कमी को पूरा किया जा सकता हैं क्योंकि इसमें पढ़ाई के बाद रोजगार का विकल्प है। ग्रेजुएट वीजा इसमें काफी मददगार हो सकता है। इंग्लैंड के स्टैनवेल स्थित ववेिलेन लिमिटेड कंपनी में निदेशक कुलविंदर सिंह सिद्धू ने 2020 में ब्याज मुक्त ऋण लिया। लेकिन 50,000 पाउंड का ऋण लेने के तुरंत बाद कंपनी को भंग कर दिया और लोन की रकम अपने व्यक्तिगत बैंक खाते में ट्रांसफर कर ली। बृज नंदन के 26 वर्षीय बेटे अश्विन सिंह ने अपने पिता की दूसरी पत्नी कमलप्रीत कौर और उनके माता- पिता गुरबख्श सिंह और समरजीत कौर पर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने उनके पिता की हत्या करके सारी संपत्ति अपने नाम कर ली। यूके में शिक्षा विशेषज्ञों ने विदेशी छात्रों की अध्ययन के बाद वीजा संबंधी आने वाली मुश्किलों को आसान करने के लिए इस हफ्ते एक नया आयोग बनाया है। सांकेतिक तस्वीर Photo by Harry Shelton / Unsplash


14 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 20 फरवरी, 2023 ‘इंडियन वियाग्रा’ की तस्करी के दोषी की गुहार, जेल न भेजिए जज साहब l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क ड्रग्स तस्करी के मामले में दोषी साबित एक भारतीय-ऑस्ट्रेलियाई ने अदालत से जेल न भेजने की गुहार लगाई है। खुद को फूड डिलिवरी बॉय बताने वाले रमन शर्मा नाम के व्यक्ति को 2021 में एडिलेड मेडी होटल में अवैध ओपिओइड के साथ पकड़ा गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उसने ड्रग्स को बरिटो में लपेटकर उबर ईट्स बैग में छिपा रखा था। पकड़ेजाने पर उसने बहाना बनाया कि वह होटल में क्वारंटीन लोगों को खाना देने आया है। एडिलेड मजिस्ट्रेट कोर्टने वेस्ट हिंडमार्श के शर्मा को पिछले साल अक्टूबर में अफीम और हेरोइन रखने का दोषी पाया था। वह किसी अन्य व्यक्ति को ड्रग्स सप्लाई करना चाहता था। ड्रग्स में हेरोइन के साथ ‘इंडियन वियाग्रा’ भी शामिल थी, जिसे कामिनी के नाम से भी जाना जाता है। इसमें अत्यधिक नशे की लत वाले ओपिओइड होते हैं जिन्हे ऑस्ट्रेलिया के थेराप्यूटिक गुड्स एडमिनिस्ट्रेशन (TGA) ने प्रतिबंधित किया हुआ है। पुलिस ने बताया कि बैगों के साथ कोई रसीद या सामान का ब्योरा नहीं था जिसके कारण संदेह हुआ। जब शर्मा को पकड़ा गया तो उसने बताया कि वह मेलबर्न में एक सहयोगी के कहने पर अनजान लोगों को ड्रग्स सप्लाई कर चुका है। एडिलेड मैजिस्ट्रेट कोर्ट से जेल न भेजने की अपील करते हुए 29 साल के शर्मा ने कहा कि उसने एक दोस्त के लिए ‘सांस्कृतिक दायित्व’ के चलते ड्रग्स खरीदी थी और इससे उसे कुछ भी हासिल नहीं होने वाला था। अभियोजकों की कोशिश है कि शर्मा को जेल हो लेकिन उन्हें लगता है कि अदालत निलंबित सजा सुनाएगी। शर्मा इस समय बेल पर बाहर है। उसे इस साल अप्रैल में सजा सुनाई जाएगी। रमन शर्मा को 2021 में एडिलेड मेडी होटल में अवैध ओपिओइड के साथ पकड़ा गया था। उसने ड्रग्स को बरिटो में लपेटकर उबर ईट्स बैग में छिपा रखा था। ड्रग्स में हेरोइन के साथ ‘इंडियन वियाग्रा’ भी थी जिसे कामिनी के नाम से भी जाना जाता है। नौकरी के लिए ले गए थे दुबई, लीबिया ले जाकर 3000 डॉलर में बेच दिया l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क लीबिया से भारत लौटे पंजाब के कुछ युवाओं ने दावा किया है कि एजेंट ने उन्हें 3-3 हजार डॉलर में बेच दिया था। पिछले महीने फिल्लौर, जालंधर की एक महिला (33) ने वीडियो भेजकर मदद मांगी थी। इसमें उसने आरोप लगाया था कि जालंधर के एक एजेंट ने उसे दुबई में घरेलू काम दिलाने का वायदा किया था पर उसे 13 हजार दिरहम (करीब 3 लाख रुपये) में बेच दिया गया था। लीबिया से लौटे युवाओं का दावा है कि उन्हें एक कंपनी में बंधक बनाकर रखा जाता था और गुलामों की तरह काम कराया जाता था। कुछ युवाओं ने मंगलवार को भारत के विदेश मंत्रालय को यह कहते हुए आभार जताया था कि सरकार ने सही समय पर हस्तक्षेप करके उन्हें अपने देश लाने में मदद की है। खबरों के अनुसार सभी युवक लीबिया के बेंगाजी स्थित एलसीसी सीमेंट कंपनी में मजदूरी करने गए थे। हालांकि लीबिया पहुंचते ही युवाओं को पता चल गया कि उन्हें उनके एजेंट ने कंपनी को बेच दिया है। युवाओं का दावा है कि कंपनी उनसे 18 घंटे से ज्यादा काम कराती थी और कई बार तो खाना और पानी भी नहीं दिया जाता था। कपूरथला के नूरपुर राजपूत गांव का रहने वाला गुरप्रीत सिंह भी इन्हीं में से एक है। उसने बताया कि वह पिछले साल दिसबंर में ड्राइवर की नौकरी के लिए दुबई गया था। लेकिन जैसे ही दुबई पहुंचा उसे अन्य युवाओं के साथ लीबिया भेज दिया गया। गुरप्रीत ने बताया कि लीबिया पहुंचकर हम हैरान रह गए। हमारे ठहरने के लिए वहां कोई जगह नहीं थी। खाने के लिए भी कुछ नहीं था। कई दिनों तक हमें बासा खाना दिया गया। गुरप्रीत ने कहा कि जिस कंपनी के लिए हम काम करते थे, उसने हमें पैसा भी नहीं दिया। जो कोई इसके खिलाफ आवाज उठाता था, उसे पीटा जाता था। जब हमने कहा कि हम भारत वापस जाना चाहते हैं तो कंपनी के आदमी ने बताया कि उसने हम में से हरेक को 3 हजार डॉलर में खरीदा है। अगर आजादी चाहिए तो 3 हजार डॉलर चुकाने पड़ेंगे। सभी युवकों को लीबिया के बेंगाजी स्थित एलसीसी सीमेंट कंपनी में मजदूरी करने ले जाया गया था। वहां पहुंचकर युवाओं को पता चला कि एजेंट ने उन्हें कंपनी को बेच दिया है। कंपनी उनसे 18 घंटे काम कराती थी। खाना-पानी भी नहीं देती थी। लीबिया से भारत लौटे युवक। (फोटो @NCM_GoI)


न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 20 फरवरी, 2023 15 12वां विश्व हिंदी सम्मेलनः फिजीवासियों का बॉलिवुड से बना हुआ है खास रिश्ता l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क फिजी के नाडी में बुधवार से शुरू हुए 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन को संबोधित करते हुए फ़िजी के राष्ट्रपति विलियम काटोनिवेरे ने भारत और खासकर बॉलिवुड से देश के संबंधों का जिक्र किया। भारत के विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन ने कहा कि इस आयोजन का मकसद फिजी में हिंदी की प्रयोगशाला की स्थापना करना है। यह प्रयोगशाला भारत की तरफ से फिजी के हिंदी प्रेमियों के लिए एक उपहार है। 15 फरवरी से शुरू हुआ विश्व हिंदी सम्मेलन 17 फरवरी तक चलेगा। यह आयोजन भारत और फिजी की सरकारों की सह मेजबानी में किया जा रहा है। सम्मेलन में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि वह युग पीछे छूट गया है जब हमने प्रगति और आधुनिकता की तुलना पश्चिमीकरण से की थी। कई ऐसी भाषाएं और परंपराएं जो औपनिवेशिक युग के दौरान दब गई थीं, फिर से वैश्विक मंच पर अपनी आवाज उठा रही हैं। इस मौके पर फ़िजी के राष्ट्रपति विलियम काटोनिवेरे ने कहा कि यह मंच भारत के साथ फ़िजी के ऐतिहासिक और विशेष संबंधों की स्थायी ताकत का जश्न मनाने का एक अनूठा अवसर प्रस्तुत करता है। जब मनोरंजन की बात आती है तो फ़िजी के लोग बॉलीवुड फिल्में देखना पसंद करते हैं। भारत के विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन ने कहा कि फिजी में इस सम्मेलन के आयोजन के लिए मैं देश में नई चुनी हुई सरकार का धन्यवाद करता हूं। मुझे आशा है कि यह भारत और फिजी के बीच दीर्घकालीन, ऐतिहासिक और गहरे संबंध को और मजबूत करने में मदद करेगा। मुरलीधरन ने कहा कि विश्व हिंदी सम्मेलन फ़िजी में पहले बार आयोजित हो रहा है। मॉरीशस, सूरीनाम, त्रिनिदाद जहां फ़िजी की तरह भारतीय समुदाय के लोग बड़ी संख्या में है, वहां यह पहले आयोजित हो चुका है। 1975 से नागपुर में शुरू हुए इस सम्मेलन ने 11 पड़ाव पार कर लिए हैं। अब 12वां आयोजन हो रहा है। गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी ने इस अवसर पर कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य हिंदी भाषा को बढ़ावा देना और भारत की संस्कृति के बारे में दुनिया के ज्ञान को बढ़ाना है। आज जब भी कोई देश या समुदाय खतरे में होता है, भारत सरकार उनका समर्थन करती है। 15 फरवरी से शुरू हुआ विश्व हिंदी सम्मेलन 17 फरवरी तक चलेगा। यह आयोजन भारत और फिजी की सरकारों की सह मेजबानी में किया जा रहा है। इस मौके पर भारत के विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन ने कहा कि इस आयोजन का मकसद फिजी में हिंदी की प्रयोगशाला की स्थापना करना है। l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क दक्षिण एशियाई अभिनत्री े अवंतिका वंदनाप को पैर ू ामाउंट पिक्चर्स की आने वाली फिल्म में करेन स्मिथ की भूमिका निभाने के लिए कास्ट किया गया है। यह फिल्म टोनी-नॉमिनेटेड ब्रॉडवे म्यूजिकल ‘मीन गर्ल्स’ पर आधारित है। टीना फे की 2004 में लिखी फिल्म क्लासिक हिट का एक आधुनिक रूप है। भारत के कर्नाटक की अवंतिका इस साल डिज्नी ब्रांडेड टेलिविजन के लिए लाइव-एक्शन युवा-वयस्क सीरीज का निर्माण करेंगी। नाम होगा ‘अ क्राउन ऑफ विशेस’। इसी के साथ यह उपलब्धि हासिल करने वाली वह सबसे कम उम्र की दक्षिण-एशियाई अभिनत्री े बन जाएंगी। भारत में अपने आगामी प्रोजेक्ट की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया किफिलहाल वह नित्या मेहरा और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता सुधांशु सरिया निर्देशित अमेजॉन प्राइम की ‘मासम’ की श ू ूटिंग कर रही हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अवंतिका जल्द ही स्क्रीन जेम्स ‘हॉररस्कोप’ में प्रमुख भूमिका में नजर आएंगी। आने वाले समय में आपका लक्ष्य क्या होगा? इस सवाल के जवाब में वह बताती हैं कि उनका उद्शदे्य रचनात्मक रूप से समाज के हाशिए पर रहने वाले समुदायों की परेशानियों को उजागर करने वाली फिल्मों में काम करना है। कहानियां ऐसी हों, जिसमें उन समुदाय के लोगों को मुख्य धारा में लाने वाली विषय वस्तुहो। उन्होंने कहा कि वह खासतौर से कैंसर से पीड़ित किशोरों की मदद करना चाहती हैं। 2018 में शुरुआत के बाद से अवंतिका मनोरंजन उद्योग में कई प्रकार के अनभु व ले चुकी हैं। दक्षिण उनकी भारतीय ‘ब्रह्मोत्सवम’, ‘प्रेमम’, ‘रारंडोई वेदुका चधम’ और ू ‘बूमिका’ फिल्में खास हैं। हॉलिवुड में उनके खाते में ‘डायरी ऑफ अ फ्यूचर प्रेसिडेंट’, ‘कमला’, ‘रॉयल डिटेक्टिव’ और ‘मोक्सी’ आती हैं। रीयल एस्टेट मैनेजर अनुपमा रेड्डी चिंताला और सॉफ्टवेयर इंजीनियर श्रीकांत वंदनापु की इकलौती संतान अवंतिका कैलिफोर्निया में पली- बढ़ी हैं। उन्होंने कुचिपुड़ी, कथक, बैले और आधुनिक नृत्य कला का प्रशिक्षण लिया है। उनके बचपन के शुरुआती दिन भारत में बीते हैं। लॉस एंजेलिस स्थित अभिनेता- डांसर-निर्माता ने इस घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए बताया, “मैं इस परियोजना का हिस्सा बनकर रोमाचिं त हूं। करेन स्मिथ की प्रतिष्ठित भूमिका के लिए एक नया नजरिया लेकर आया हूं। उम्मीद है कि मैं जिस काम के लिए मशहूर हूं, उसे पर्दे पर उतार सकूंगा। मेरा यह प्रयास अन्य फिल्म निर्माताओं के लिए प्रेरणा का काम करेगा। भारत के कर्नाटक की अवतिं का इस साल डिज्नी ब्रांडेड टेलिविजन के लिए लाइव-एक्शन युवा- वयस्क सीरीज का निर्माण करेंगी। नाम होगा ‘अ क्राउन ऑफ विशेस’। इसी के साथ यह उपलब्धि हासिल करने वाली वह सबसे कम उम्र की दक्षिणएशियाई अभिनेत्री बन जाएंगी। भारत के विदेश मंत्री और फिजी के राष्ट्रपति ने विशेष डाक टिकट का विमोचन किया। हॉलिवुड की ‘मीन गर्ल्स’ में अवंतिका की एंट्री, निभाएंगी ये भूमिका


16 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 20 फरवरी, 2023 यहां हैं वास्कला के बेजो तु ड़ नजारे, जरूर जाएं कहा जाता है कि कर्नाटक एक ऐसा राज्य है जो वास्तुकला के चमत्कारों से समृद्ध है। इसकी राजधानी बेंगलुरु देश में आई हब के तौर पर जानी जाती है। यहां कलाकृतियों से संवरे मंदिर और मनोहारी दृश्य देखने को मिलते हैं। साहसी पर्यटक यहां के पहाड़ों में ट्रैकिंग भी कर सकते हैं। l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क कई पर्यटक दक्षिण भारत घूमने जाते हैं, लेकिन अक्सर कर्नाटक की अनदेखी कर देते हैं। ऐसे पर्यटक वास्तुकला के चमत्कारिक नजारों को देखने से वंचित रह जाते हैं। अगर आप वास्तुकला में रुचि रखते हैं तो भारत में कर्नाटक की यात्रा आपको सुखद आश्चर्य का अहसास जरूर कराएगी। तो आइए देखते हैं वास्तुकला के इस खजाने में कौन-कौन से रहस्य छिपे हुए हैं। कहा जाता है कि कर्नाटक ऐसा राज्य है जहां वास्तुकला के चमत्कार कूट कूटकर भरे हैं। राजधानी बेंगलुरु को देश में आई हब के तौर पर जाना जाता है। यहां मनमोहक कलाकृतियों वाले मंदिर और मनोहारी दृश्य देखने को मिलते हैं। साहसी पर्यटक यहां के पहाड़ों में ट्रैकिंग भी कर सकते हैं। मैसूर पैलेस : यहां सबसे प्रतिष्ठित संरचनाओं में से एक है मैसूर पैलेस। वास्तुकला में रुचि रखने वालों को यहां की यात्रा जरूर करनी चाहिए। यह पैलेस 14वीं सदी में बनाया गया था। यह शाही भव्यता का प्रतीक है। इसकी जटिल नक्काशी, पेंटिंग और मेहराब बेहतरीन हैं। मैसूर पैलेस इंडो-सरैसेनिक वास्तुकला का उदाहरण है। हम्पी : हम्पी के अवशेष समृद्ध इतिहास और संस्कृति का एक अद्भुत प्रमाण है। वास्तुकला और इतिहास में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति इसे अवश्य देखना चाहिए। यह खंडहर प्राचीन शहर विजयनगर के अवशेष हैं। विजयनगर कभी दुनिया के सबसे बड़े शहरों में से एक था। हम्पी खंडहर अतीत की एक खिड़की है। इससे आप यहां बनाए गए शानदार मंदिरों, महलों और स्मारकों का नजारा देख सकते हैं। समर पैलेस : टीपू सुल्तान का समर पैलेस कर्नाटक में सबसे महत्वपूर्ण संरचनाओं में से एक है। इस महल को 18वीं सदी में बनाया गया था। यह इंडो-इस्लामिक वास्तुकला का एक सुंदर उदाहरण है। टीपू सुल्तान का समर पैलेस वास्तुकला और इतिहास में रुचि रखने वालों के लिए किसी अजूबे से कम नहीं है। जैन बसदी : जैन बसदी आस्था और वास्तुकला का संगम है। बसदी मंदिर को कहते हैं। यहां के मंदिरों में एक से बढ़कर एक नक्काशियां देखने को मिलती हैं। कला के किसी भी क्षेत्र में रुचि वाले यहां आकर निराश नहीं लौटते। सुंदर-सुंदर शानदार नक्काशियों, मूर्तियों को देखने का यहां अवसर मिलेगा। मूडबिद्री : कर्नाटक स्थित मूडबिद्री बहुत ही शानदार दर्शनीय स्थल है। थोड़ी गहराई में जाएं तो यह दो शब्दों से मिलकर बना है- मुदु और बिदरू। मुदु यानी पूर्व और बिदरू यानी बांस। पर यहां बांस नहीं, हर जगह नारियल और सुपारी के बाग देखने को मिलते हैं। जैन तीर्थंकर पार्श्वनाथ की मूर्ति यहां की प्राचीनतम अंकित मूर्ति है।


न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 20 फरवरी, 2023 17 एमवी महाबाहू क्रूज शानदार एमवी महाबाहु के जरिए आप भारत की सबसे शानदार नदियों में से एक असम की ब्रह्मपुत्र नदी पर साहसिक सफर कर सकते हैं। इस अद्भुत यात्रा के दौरान असम के हरे-भरे चाय के बागानों के अनोखे दृश्य देखें, देश की मिट्टी को महसूस करें और नदी घाटियों का नजारा देखें। पांडव गंगा रिवर क्रूज आप आरवी कथा पांडव और आरवी किंडत पांडा पर 14 शानदार रातें बिताते हुए अपर गंगा रिवर के मनोरम दर्शनीय स्थलों का लुत्फ ले सकते हैं। इस अनोखे सफर पर निकलने के लिए आप कोलकाता या वाराणसी में से किसी जगह को चुन सकते हैं। जलेश (कॉर्डेलिया) क्रूज ये भारत का पहला मल्टी-डेस्टिनेशन क्रूज लाइन है। इसमें लक्जरी और आराम दोनों की अच्छी सुविधाएं है। इन लक्जरी जहाजों पर सवार होकर आप मुंबई से गोवा, दीव और गणपतिपुले जैसे गंतव्यों के लिए सफर कर सकते हैं। इस सफर में मनोरंजन और रोमांच का अद्भुत तालमेल आप महसूस कर पाएंगे। भारत में दुनिया की सबसे लंबी तटरेखाएं हैं, अद्भुत नदी प्रणालियां हैं। भारत में अंडमान, लक्षद्वीप, सुंदरबन, केरल बैकवाटर और ब्रह्मपुत्र व गंगा जैसी नदियों पर बेहतरीन लग्जरी क्रूज की सुविधाएं उपलब्ध हैं। अगर आप पानी की लहरों पर सवारी करते हुए क्रूज़ करने के शौकीन हैं तो आपको एक बार भारत का रुख जरूर करना चाहिए। भारत में दुनिया की सबसे लंबी तटरेखाएं हैं, अद्भुत नदी प्रणालियां हैं। भारत में अंडमान, लक्षद्वीप, सुंदरबन, केरल बैकवाटर और ब्रह्मपुत्र व गंगा जैसी नदियों पर बेहतरीन लग्जरी क्रूज की सुविधाएं उपलब्ध हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में- भारत की मुख्य भूमि से अंडमान में पोर्ट ब्लेयर तक आने-जाने के लिए केवल सरकार द्वारा संचालित क्रूज उपलब्ध हैं। ये क्ज कोलक रू ाता और विशाखापत्तनम के बंदरगाहों से संचालित होते हैं। कुछ प्रमुख लक्जरी क्ज में एमवी रू हर्षवर्धन, एमवी निकोबार, एमवी स्वराज द्वीप, और एमवी नानकौड़ी शामिल हैं। एक बार अंडमान पहुंचने पर आपको घमू ने के लिए कई प्राइवेट जहाज मिलेंगे। कोलकाता से सुंदरबन के जंगलों तक आप एमवी परमहंस की सवारी करते हुए जा सकते हैं। इस जहाज पर आपको सभी आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी जो यात्रा को यादगार बना देंगी। चार-डेक का यह लक्जरी क्ज ल रू ाइनर सुंदरबन के मैंग्रोव का नजारा करने के सबसे बेहतर तरीकों में से एक है। अंडमान-निकोबार द्वीप क्रूज सुंदरबन लक्जरी क्रूज पानी पर करना है लग्जरी सफर तो भारत में क्रूज़ के ये हैं शानदार विकल्प केरल के भव्य बैकवाटर को एक्सप्लोर करने के लिए यह सर्वोत्तम तरीकों में से एक है। इस क्ज में प रू ांच सितारा लक्जरी सुविधाएं उपलब्ध हैं। यह आपको केरल के अलेप्पी बैकवाटर्स और वेम्बनाड झील तक ले जाएगा। इस क्रूज की यात्रा और देखी गईं जगहें लंबे समय तक आपके दिलोदिमाग पर छाई रहेंगी। वृंदा लग्जरी केरल क्रूजर


18 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 20 फरवरी, 2023 सीधी हवाई सेवा से जुड़े न्यूयॉर्क-मुंबई, जानें नई फ्लाइट में क्यासविु धाएं l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क एयर इंडिया ने भारत के मुंबई और न्यू यॉर्क के जेकेएफ हवाई अड्डे के बीच अपनी नॉनस्टॉप सेवा 14 फरवरी से फिर से शुरू कर दी है। वर्ष 2019 की शुरुआत में इस सेवा को बंद कर दिया गया था। लेकिन अब भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन एयर इंडिया और स्टार एलायंस की सदस्य ने अपनी भौगोलिक पहुंच को विस्तार दिया है। फिर से इस सेवा के शुरू होने से दोनों देशों के बीच यात्रा करने वालों को काफी फायदा होगा। यह एयर इंडिया की मुंबई से यूएसए के लिए नेवार्क (ईडब्ल्यूआर) और सैन फ्रांसिस्को (एसएफओ) के बाद तीसरी सबसे बड़ी नॉनस्टॉप सेवा है। भारत में मुंबई दिल्ली के बाद इंटरनेशनल कनक्टिविट े ी का सबसे बड़ा हब है जो भारत को दुनिया के बाकी देशों से जोड़ता है। एयर इंडिया हफ्ते में अमेरिका और भारत के बीच नॉन-स्टॉप 47 फेरे लगाएगी। इसके लिए बोइंग 777-200एलआर विमान का इस्तेमाल किया जाएगा। वर्तमान में एयर इंडिया मुंबई से न्यू यॉर्क, सैन फ्रांसिस्को और नेवार्क के लिए नॉनस्टॉप उड़ान की सेवा दे रही है। दिल्ली से न्यूयॉर्क, नेवार्क, वाशिंगटन डीसी, सैन फ्रांसिस्को और शिकागो, जबकि बेंगलुरु से सैन फ्रांसिस्को के लिए नॉनस्टॉप सेवा उपलब्ध करा रही है। एयर इंडिया के सीईओ और एमडी कैंपबेल विल्सन ने बताया कि एयर इंडिया के विहान योजना के तहत यह एक महत्वपूर्ण कदम है। एयर इंडिया भारत के प्रमुख शहरों और प्रमुख वैश्विक गंतव्यों के बीच कनक्टिविट े ी में काफी सुधार कर रहा है। दिसंबर में मुंबई से सैन फ्रांसिस्को के लिए नॉनस्टॉप उड़ानें शुरू करने के बाद मुंबई से न्यू यॉर्क जेएफके के लिए इस नई सेवा को जोड़ा गया है। विल्सन ने आगे बताया कि यह भारत की वाणिज्यिक राजधानी में एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय हब विकसित करने की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। मुंबई-न्यू यॉर्क रू के खुल जाने से एयर इंडिया भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच प्रत्येक हफ्ते 47 नॉनस्टॉप उड़ानें करेगी। इसके साथ ही हर हफ्ते कनाडा के लिए 14 फेरे लगाएगी। ध्यान देने वाली बात है कि जिस बोइंग 777- 200एलआर एयरक्राफ्ट को इस रूट पर लगाया गया है उसे एयर इंडिया ने हाल ही में खरीदा है। इसमें टोटल 238 सीटें हैं। इसमें थ्री-क्लास कॉन्फिगरेशन होगी जो लंबे सफर के लिए खास होती है। फर्स्ट क्लास में 8 फ्लैट बेड, बिजनेस क्लास में 35 सीटें और स्टैंडर्ड इकॉनमी क्लास में 195 सीटें हैं। उद्घाटन उड़ान में एआई 119 मुंबई से 14 फरवरी को 00:55 बजे रवाना हुई और उसी दिन (स्थानीय समयानुसार) 06:55 पर न्यू यॉर्क पहुंच गई। l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क स्टेटिस्टा ने 25 जनवरी तक हरेक खाते के फॉलोअर्स की संख्या को ध्यान में रखते हुए टॉप आठ की रैंकिंग साझा की है। इस रैंकिंग के अनुसार तब तक टी-सीरीज के 23 करोड़ सब्सक्राइबर्स थे। दूसरा सबसे ज्यादा फॉलो किया जाने वाला अकाउंट अमेरिकी YouTube चैनल Cocomelon का रहा जिसके 15 करोड़ से कुछ अधिक सब्सक्राइबर्स हैं। यह चैनल एनीमेटेड नर्सरी राइम्स अपलोड करता है। स्टेटिस्टा की इस सूची में तीसरे नबंर पर भी एक भारतीय चैनल ही है। तीसरे नंबर पर सोनी के 15 जनवरी तक 15 करोड़ सब्सक्राइबर्स थे। स्टेटिस्टा ने यह रैंकिंग जारी करते हुए कहा कि बॉलीवुड सबसे ऊपर है। अमेरिकी YouTuber मिस्टर बीस्ट कोई 13 करोड़ सब्सक्राइबर्स के साथ चौथे स्थान पर है। मिस्टर बीस्ट अपने स्टंट्स के चलते लोकप्रिय है। स्वीडन का PewDiePie 11 करोड़ ग्राहकों के साथ पांचवें स्थान पर था। वह दुनिया के सबसे प्रसिद्ध YouTubers में से एक है लेकिन अपने आपत्तिजनक चुटकुलों के कारण लोगों के गुस्से का शिकार भी होना पड़ा। PewDiePie को 2016 में ट्विटर से निलंबित कर दिया गया था क्योंकि उसने मजाक में कहा था कि वह आतंकवादी समूह आईएसआईएस में शामिल हो गया है। स्टेटिस्टा की इस सूची में PewDiePie के बाद यूक्रेन के किड्स डायना शो (10 करोड़) और रूसी बाल कलाकार लाइक नास्त्य (10 करोड़) तथा WWE के YouTube खाते (9 करोड़ से अधिक) शामिल थे। स्टेटिस्टा के आकलन में YouTube के अपने चैनल शामिल नहीं हैं। अधिकांश अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की तरह YouTube भी शॉर्ट वीडियो सामग्री की लोकप्रियता में वृद्धि दर्ज कर रहा है। आधे से अधिक YouTubers शॉर्ट वीडियो कंटेंट में सिद्धहस्त हैं। मुंबई एयरपोर्ट पर एयर इंडिया का एक विमान (चित्र साभार : सोशल मीडिया) विमान के अंदर बैठे यात्री (फाइल फोटो) (चित्र साभार : सोशल मीडिया) एयर इंडिया ने भारत के मुंबई और न्यू यॉर्क के जेकेएफ हवाई अड्डे के बीच अपनी नॉनस्टॉप सेवा 14 फरवरी से फिर से शुरू कर दी है। यह एयर इंडिया की मुंबई से यूएसए के लिए नेवार्क और सैन फ्रांसिस्को के बाद तीसरी सबसे बड़ी नॉनस्टॉप सेवा है। l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क अमेरिका के कैलिफोर्निया में पिछले महीने गायब हुई मराठा शासक छत्रपति शिवाजी की मूर्तिमिल गई है। यह मूर्ति सैन जोस के ग्वाडालप ू रिवर पार्क में लगी हुई थी। खबर है कि मूर्तिडाउनटाउन के उत्तर में सैन जोस के एक कबाड़खाने में मिली है। सैन जोस को यह प्रतिमा भारत के पुणे शहर की तरफ से उपहार में दी गई थी। इसमें छत्रपति शिवाजी घोड़े पर तलवार लिए बैठे हुए हैं। 1999 में शहर में लगाई गई यह प्रतिमा उत्तरी अमेरिका में शिवाजी महारात की एकमात्र मूर्तिहै। मिली जानकारी के अनुसार 17वीं सदी के शासक की 440 पाउंड की यह मूर्ति तुंग ताई ग्प की ल रु ॉबी में एक सोडा मशीन के पास रखी हुई मिली है जो सैन जोस का एक मेटल स्क्रैपयार्डयानी कबाड़खाना है। मरकरी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार मूर्ति का पता चलने के बाद पुलिस अधिकारी कबाड़खाने गए और वहां कर्मचारियों से पछतू ाछ की। कर्मचारियों ने कथित तौर पर बताया कि दो पुरुष और एक महिला 29 जनवरी को यह मूर्तिस्क्रैप में बेचने के लिए आए थे। हालाकिं तीनों के बारे में ज्यादा जानकारी कर्मचारियों के पास नहीं थी। दो दशक पहले इस मूर्ति को स्थापित करने में मदद करने वाले सैन जोस निवासी सुनील गानूने मीडिया को बताया कि मैं बहुत खुश हूं कि यह प्रतिमा वापस मिल गई है। लोग जानना चाहते थे कि यह कहां है। सैन जोस को यह प्रतिमा भारत के पुणे शहर की तरफ से उपहार में दी गई थी। इसमें छत्रपति शिवाजी घोड़े पर तलवार लिए बैठे हुए हैं। 1999 में शहर में लगाई गई यह प्रतिमा उत्तरी अमेरिका में शिवाजी महारात की एकमात्र मूर्ति है। सैन जोस से गायब हुई छत्रपति शिवाजी की मूर्ति कबाड़खाने में मिली YouTube का महाबली है ये भारतीय चैनल है


न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 13 फरवरी, 2023 19 कनाडा के इस आतंकवादी का पता बताने वाले को भारत देगा $25,000 l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कनाडा में रह रहे लखबीर सिंह संधू उर्फ लांडा की गिरफ्तारी करवाने या उसके बारे में सूचना देने वाले को 25,000 डॉलर यानी लगभग 15 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। पिछले साल मई के महीने में पंजाब राज्य के मोहाली में पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर हमले में लांडा का हाथ बताया जाता है। NIA ने कहा है कि लांडा की जानकारी देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी। NIA के अनुसार लांडा पंजाब के तरनतारन का रहने वाला है और इस वक्त कनाडा के अल्बर्टा के एडमोंटन में रहता है। पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर जिस शख्स ने रॉकेट दागा था, उसे NIA ने जनवरी में उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर से गिरफ्तार किया था। दीपक रंगा कनाडा स्थित लांडा का करीबी है। भारत सरकार लांडा को आंतकवादी मानती है। रंगा के गैंगस्टर से आंतकवादी बनकर पाकिस्तान में जा बसे हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंडा के साथ भी संबंध बताए जाते हैं। पंजाब के खुफिया मुख्यालय पर जो रॉकेट दागा गया था वो काफी ताकतवर था लेकिन दीवार से टकराने के बाद वह फटा नहीं था। इससे किसी को चोट नहीं आई थी। हालांकि इस घटना ने पंजाब में दहशत फैला दी थी। 20 सितंबर 2022 को NIA ने इस सिलसिले में मामला दर्ज किया। जांच से पता चला कि जिन्होंने इस हमले को अंजाम दिया था, वह आतंकवादी संगठन विदेशों में स्थित हैं। ये संगठन भारत के उत्तरी राज्यों में हिंसक आपराधिक कृत्यों को अंजाम देने के लिए पंजाब के कई गिरोह के साथ मिलकर काम कर रहे थे। ये आतंकवादी संगठन सीमापार हथियारों, गोला-बारूद, विस्फोटक आदि की तस्करी में भी लगे थे। इन संगठनों पर शातिर तरीके से अपहरण और फिरौती के भी आरोप है। l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क अमेरिकी एजेंसी की सक्रियता से भारत में एक इंजीनियर की जान बच गई। हुआ यूं कि मुंबई की एक आईटी कंपनी में काम करने वाला युवक गूगल पर ‘बिना दर्द के आत्महत्या कैसे करें’ सर्च कर रहा था। अमेरिकी एजसिें यों ने तुरंत इसकी सूचना मुंबई पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर युवक को बचा लिया। जानकारी के अनुसार 25 साल का ये युवक मुंबई के जोगेश्वरी इलाके में रहता था और एक प्राइवेट आईटी कंपनी में इंजीनियर था। उसने अपनी पढ़ाई और अन्य जरूरतों के लिए कई जगहों से लोन ले रखे थे। लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से वह अपने हाउसिंग लोन की किश्तें नहीं चुका पा रहा था। इसकी वजह से डिप्रेशन में चला गया था। दुखी होकर उसने गूगल पर मरने के तरीके सर्च करना शुरू किया। यूएस नेशनल सेंट्रल ब्यूरो-इंटरपोल ने नई दिल्ली में इंटरपोल ऑफिस को सतर्क किया जिसने मुंबई पुलिस को सूचना दी। बताया कि एक युवक गूगल पर सर्च कर रहा है कि ‘बिना दर्द के आत्महत्या कैसे करें’। अमेरिकी एजेंसी की तरफ से युवक की लोकेशन और आईपी एड्रेस भी दिया गया। इसके बाद मुंबई पुलिस हरकत में आ गई। पुलिस ने अमेरिका से मिली जानकारी की मदद से युवक की लोकेशन का पता लगाया और उसके पास पहुंच गई। युवक को क्राइम ब्रांच के ऑफिस में लाकर काउंसलिंग की गई। काउंसलिंग के बाद उसे माता-पिता के साथ घर जाने की अनुमति दी गई और इलाज कराने की सलाह दी गई। बताया गया कि वह युवक पहले भी तीन-चार बार आत्महत्या का प्रयास कर चुका था। इस बार अमेरिकी एजेंसियों की सतर्कता ने उसकी जान बचा ली। NIA के अनुसार लांडा पंजाब के तरनतारन का रहने वाला है और इस वक्त कनाडा के अल्बर्टा के एडमोंटन में रहता है। जो भी लांडा की जानकारी NIA तक पहुंचाएगा, उसकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी। भारत सरकार लांडा को आंतकवादी मानती है। 25 साल का युवक मुंबई में एक प्राइवेट आईटी कंपनी में इंजीनियर था। उसने अपनी पढ़ाई और अन्य जरूरतों के लिए कई जगहों से लोन ले रखे थे। लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से वह अपने हाउसिंग लोन की किश्तें नहीं चुका पा रहा था। इसकी वजह से डिप्रेशन में चला गया था। मरने के तरीके खोज रहा था, US एजेंसी ने मुंबई में इंजीनियर की जान बचाई


मेष इस सप्ताह अप्रत्याशित घटनाओं के लिए तैयार रहें, क्योंकि कई चीजें आपको चौंका देंगी। यदि आप बुरे निर्णय लेने से बचना चाहते हैं, तो अपने आप को तर्क, सामान्य ज्ञान और अपने अंतर्ज्ञान से निर्देशित होने दें। वे आपको गलतियाँ करने से रोकेंगे। कार्यस्थल पर बदलाव संभव है जो आपको प्रभावित करेंगे। निराश मत होइए। सबसे अच्छी चीज जो आप कर सकते हैं वह है, खुद को अनुकूल बनाना। शिकायत न करें क्योंकि इससे मदद नहीं मिलेगी। इसलिए अपने उत्साह को बनाए रखें। सौभाग्य से, यदि आप किसी रिश्ते में हैं, तो जनुनू से भरा अच्छा समय और रातें आपका इंतजार कर रही हैं। यदि आप अविवाहित हैं, तो आपकी मुलाकात किसी ऐसे व्यक्ति से होगी जो आपको चीजों को एक नई रोशनी में देखने को प्रेरित करेगा। वृष आपको हमेशा से विश्वास रहा है कि आप एक अच्छेनेता हैं। सहकर्मी आपमें यह विशेषता देखेंगे। आप इसे इच्छाशक्ति और विनम्रता की अच्छी खुराक के साथ और मजबूत कर सकते हैं। अपने व्यवहार और लोगों को संबोधित करने के तरीके को ठीक करें। आप वही नेता बनेंगे जो आपने सोचा था कि आपके अंदर इस तरह की क्षमता है। इन दिनों का लाभ उठाएं जब सितारे मेल-मिलाप की आपकी क्षमता को मजबूत करते हैं और उत्पन्न होने वाले किसी भी संघर्ष को ठीक करते हैं। आप खुश रह सकते हैं क्योंकि अब आपका वित्त सुरक्षित है। यदि आपने अपनी आय और व्यय को व्यवस्थित करने की पूरी कोशिश की है, तो आपको इसके उचित परिणाम मिलने शुरू हो जाएंगे। भावनात्मक स्तर पर इस सप्ताह रिश्तों पर खतरा मंडराता नजर आ रहा है। लेकिन धीरे-धीरे सब ठीक होता चला जाएगा। मिथुन इन दिनों काम पर अपने कामकाज की बोरियत से थोड़े उदास हैं। जिस तरह से आपका काम चल रहा है उससे आप कम और कम संतुष्ट महसूस करते हैं। आपको बदलाव पर गंभीरता से विचार करना होगा, क्योंकि आप इसे अपने जीवन के अन्य पहलुओं को प्रभावित करने की इजाजत नहीं दे सकते। तुरंत निर्णय न लें बल्कि इसके बारे में सोचें। क्षेत्र में आपके लिए उपलब्ध संभावनाओं की खोजबीन करें। बस इसके बारे में सोचने और खुद को व्यवहार में लाने से आपका उत्साह बढ़ जाएगा। यदि आप अपने लिए एक नया अवसर खोजने का लक्ष्य निर्धारित करते हैं, तो आप निश्चित रूप से सफल होंगे और एक ऐसी जगह पाएंगे जहां आप पूर्ण महसूस करेंगे। रोमांटिक स्तर पर आप किसी ऐसे पूर्व से मिल सकते हैं, जिसके साथ आपकी अच्छी नहीं बनती थी। अब उसके लिए आपकी भावनाएं फिर से जाग सकती हैं। कर्क कार्यक्षेत्र में भाग्यशाली सप्ताह आपका इंतजार कर रहा है। सितारे आपके पक्ष में रुख कर रहे हैं। आप ऐसी दिशा की ओर बढ़ रहे हैं, जो आपको आगे बढ़ाएगी। सोचें कि आप क्या बनना चाहते हैं, जिस पद पर आप पहुंचना चाहते हैं, उसे पाने के लिए अपनी सारी ऊर्जा लगाएं। आप उसे पा लेंगे। यह सप्ताह आगे बढ़ने या उपकरणों के रिन्यू में निवेश करने का भी एक अच्छा समय है। ऐसा कर लें, क्योंकि सिस्टम ठीक से काम नहीं कर रहा है और आपको नुकसान हो सकता है। प्यार में यदि आप अपने साथी के व्यवहार में कुछ बदलाव के बारे में चितिं त हैं और संदेह करते हैं कि उसके जीवन में कोई और भी हो सकता है, तो यह कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जो अपने काम से जड़ा ु है जैसा आप सोचते हैं। अपने सामाजिक दायरे पर एक नज़र डालें। निर्णय लेने से पहले पता करें कि वास्तव में क्या चल रहा है। सिंह इस सप्ताह सितारे आपके लिए वह सारी ऊर्जा लेकर आए हैं। अपने निर्णय और किसी भी स्थिति को हल करने की क्षमता पर विश्वास करें। कार्यस्थल पर अपने आसपास ईर्ष्यालु लोगों के उकसावे से बचें। यदि आप किसी ऐसे कारोबार से जड़ेु हैं, जो उचित रिजल्ट नहीं दे रहा है तो हार मत मानो, संकट को दूर करने का प्रयास करें। अगले सप्ताह के अंत में आपके पास एक भरपूर सामाजिक और पारिवारिक जीवन होगा, जहां से आपको सलाह और प्रस्ताव मिलेंगे, इनसे लाभ होगा। भावुकता के क्षेत्र में अपने आप को अतीत की उन स्थितियों में फंसाने से बचें जो आपको असहज करती हैं। यदि आपने किसी के साथ रहने का फैसला किया है, तो सभी नकारात्मक चीजों को भूल जाएं, तभी आप एक बार फिर से उस प्यार का आनंद ले सकते हैं और विशेष संबंध बना सकते हैं। यदि आप सफल होते हैं, तो बड़ेजनुनू भरी रातें आपका इंतजार करती हैं। कन्या यह सप्ताह आपके लिए पेशेवर रूप से सफल माना जाएगा। हो सकता है कि हाल ही में आपका किसी सीनियर से मतभेद हुआ हो। ऐसा लग रहा था कि सब कुछ सुलझ गया है, लेकिन आपका अंतर्ज्ञान बताता है कि कोई शिकायत है। आप गलत नहीं हैं। इस व्यक्ति के अहंकार को ठेस पहुंची है और वह आपसे इसके लिए प्रतिशोध का अवसर तलाश रहा है। रास्ता बदल लें, क्योंकि यह बदलाव जरूरी लग रहा है। महत्वपूर्ण बात यह है कि नकारात्मकता से दूर रहें। इन दिनों आपको उस बुरे मूड से छुटकारा पाने की कोशिश करनी चाहिए जो कई बार पारिवारिक समस्याओं के कारण आप पर हावी हो जाता है और जिसे आप अक्सर अपने साथी पर उतार देते हैं। अपनों से माफी मांग लें। संबंध जल्द सामान्य हो जाएंगे। प्रेम के मसले पर बात करें तो दुख के डर से फिर से प्यार में पड़ने से डर है तो यह एक अवसर है। साहस दिखाना होगा। इस बार आपके पास खुश रहने के लिए सब कुछ है। तुला हालांकि आप अत्यधिक ऊर्जावान और आशावाद से भरे हुए महसूस करते हैं, लेकिन इन दिनों अपने आसपास के नकारात्मक लोगों को नियंत्रित करें और उन्हें अपने ऊपर हावी न होने दें। शिकायतें बिल्कुल बेकार हैं। अपनी स्थिति को सुधारने के लिए लड़ना बेहतर है। अपने अंतर्ज्ञान का प्रयोग करें। यदि आपका कोई कारोबार है, तो इस सप्ताह विस्तार का अच्छा अवसर मिल सकता है। लेकिन कोई व्यक्ति इसमें बाधक बन सकता है। आपको इस बाधा का सामना करना होगा और शांति से अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक योजना बनानी होगी। अच्छे तर्कों और बेहतर शब्दों से उन्हें समझाने की कोशिश करें। आप बातचीत में कुशल हैं। इस सप्ताह, जहां तक सुलह का सवाल है, आप मनमुटावों को मिटाने का प्रयास करें। सब ठीक रहेगा। आप में क्षमा करने और पुराने मनमुटावों को भूलने की क्षमता है। दोस्ती और परिवार के स्तर पर अनुकूलता बन जाएगी। अब समय आ गया है कि आप अपने प्रियजन को बताएं कि आप कैसा महसूस करते हैं, शब्दों से नहीं बल्कि कर्मों से। वृश्चिक इस सप्ताह आपको अपने वरिष्ठ अधिकारियों से धन्यवाद प्राप्त हो सकता है। आपके आसपास ऐसे लोग होंगे जो आपकी भरपूर प्रशंसा करेंगे, लेकिन हर किसी पर भरोसा न करें। कुछ लोग जो आपकी श्रेणी में नहीं आते हैं, वे आपकी उपलब्धियों के प्रति ईर्ष्या महसूस करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप उनसे मन को न भाने वाली प्रशंसा होती है क्योंकि आपकी सफलता उन्हें शोभा नहीं देती। इस स्थिति में करने के लिए सबसे अच्छी बात यह है कि आप यह दिखावा करें कि आप नहीं जानते। सवालों को अनदेखा कर दें। अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करें और बाकी को भूल जाएं। भावनात्मक क्षेत्र में पिछले कुछ समय से आपके पार्टनर के साथ मतभेद हो सकता है। यह अपने आप में इतना बुरा नहीं है। इन मतभेदों के लिए आप आप उन लोगों को दोषी मान रहे हैं जो आपके साथी के आसपास हैं। लेकिन आपको रवैया बदलना होगा। सब ठीक हो जाएगा। धनु आप अपनी प्रतिभा और रचनात्मक क्षमता को जानते हैं, लेकिन आप महसूस करते हैं कि लोग आपकी पहल को पूरी तरह से नहीं समझते हैं। शायद आपको अपने आप को बेहतर और अधिक उत्साह के साथ समझाना चाहिए। दूसरों के ईष्यालु रवैये की चिंता न करें और कड़ी मेहनत करते रहें क्योंकि जितना आप सोच रहे हैं, भाग्य तेजी से आपको साथ देगा। आशावादी बनने का प्रयास करें। आप स्थितियों को नहीं बदल सकते हैं, लेकिन आप उन्हें कैसे देखते हैं और आप समाधानों को कैसे देखते हैं, इसे बदल सकते हैं। आपके पास खुश होने का कारण आने वाला है, क्योंकि धन का आवागमन बिगड़ रहा है, ऐसे में मुमकिन है कि आपको कुछ ऐसा धन मिल जाए जिसकी आपने उम्मीद नहीं की थी। भावनात्मक तौर पर अगर आप किसी रिश्ते में हैं तो इन दिनों गपशप आपके कानों तक पहुंच सकती है। मौज करें, जिस व्यक्ति से आप प्यार करते हैं उस पर भरोसा करें, क्योंकि सितारे इस रिश्ते के लिए बहुत अच्छे भविष्य की भविष्यवाणी करने वाले हैं। मकर इस सप्ताह शांत रहना जरूरी है। गलतियां न करने के लिए अपने प्रत्येक कदम के बारे में सोचना चाहिए। कार्यक्षेत्र में यह समय निर्णय लेने का नहीं है। आपके काम में बदलाव या नयापन आ सकता है। इसे अनुकूल करने का प्रयास करें, क्योंकि अगले सप्ताह इसका समाधान मिल जाएगा। यह संभव है कि आपको कोई नया विकल्प दिया जाए, लेकिन जवाब मिलने में देरी हो सकती है। अपने पैसों पर नियंत्रण रखने पर ध्यान दें क्योंकि नुकसान होने का खतरा है। फालतू खर्च न करें और निवेश करने से बचें। आपको किसी मित्र से किसी मीटिंग या वीकेंड आउटिंग पर जाने का निमंत्रण मिल सकता है। इसे स्वीकार न करें, क्योंकि एक व्यक्ति जिसने आपको भावनात्मक क्षति पहुंचाई है जिससे आप उबर नहीं पाए हैं, वह भी मौजूद होगा। प्यार में यदि आप किसी रिश्ते में हैं, तो आप बहुत महत्वपूर्ण क्षणों का अनुभव करने जा रहे हैं। लंबा जड़ा ु व संभव है। कुंभ कार्य क्षेत्र में बदलाव के लिए अनुकूल समय आ गया है। लेकिन जहां हैं, वहां उन्नति संभव है। अपना मन बनाने और अपने विचारों को क्रम में रखने के लिए थोड़ा इंतजार करें। अपने अंतर्मन की सुनें, जो आपको सही दिशा में ले जाएगा। आपके परिवार में इन दिनों उथल-पुथल रहेगी और आपको इन विवादों को सुलझाने की आवश्यकता होगी। भावनात्मक स्तर पर आपका किसी ऐसे व्यक्ति पर क्रश हो सकता है, जिसका आपके वर्तमान साथी से कोई लेना-देना नहीं है। अनिश्चित भविष्य के साथ साहसिक कार्य शुरू करने से पहले अच्छी तरह से सोच लें। आपके साथी ने हमेशा अनुकरणीय व्यवहार किया है, खासकर कठिन समय में। आपके पास वास्तव में शिकायत करने के लिए कुछ भी नहीं है। अधिक यथार्थवादी बनो और घमंड करने से बचो। मीन आपके पेशेवर जीवन अशांति बन सकती है। आप पीड़ित हो सकते हैं क्योंकि डर है कि आपकी कंपनी में कुछ बदलवों का आपके लिए नकारात्मक परिणाम निकलेगा। ऐसा नहीं है, इसके विपरीत ये बदलाव आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकते हैं। अब आपको अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा। आप अपनी नौकरी छोड़ने की योजना बना रहे हैं और अपने मन में आने वाले किसी कारोबार में अपनी किस्मत आज़माने का मन बना रहे हैं तो रुकें। आप इस क्षेत्र में सही रास्ते पर हैं। बहुत अधिक आशावादी होने से बचें। गहराई से सोच-विचार करें और जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें। आपके पार्टनर के साथ आपके रिश्ते में मनमुटाव पैदा होता है क्योंकि आप हमेशा सही रहना चाहते हैं। कभी-कभी क्रोधित हो जाते हैं क्योंकि अपनी इच्छा थोपना चाहते हैं, चाहे कोई भी सही हो। अगर आप चाहते हैं कि रिश्ता काम करे, तो अपना रवैया बदलें। इस मसले पर अधिक ध्यान दें। 20 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 20 फरवरी, 2023 साप्ताहिक भविष्यफल Sundeep Kochar Astrologer https://www.sundeepkochar.com जानिए विश्वप्रसिद्ध् ज्योतिषी संदीप कोचर से अपना साप्ताहिक भविष्यफल। श्री कोचर ने कुंडली के आधार पर राष्ट्रपति बराक ओबामा और डोनाल्ड ट्रम्प के चुनावों के विजेता की भविष्यवाणी की थी। वह शीर्ष 10 विश्व प्रसिद्ध भारतीय ज्योतिषियों में से एक हैं। श्री संदीप को यूके स्थित विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है। उन्होंने भारत और विदेशों में कई रेडियो स्टेशनों और टीवी चैनलों के लिए साक्षात्कार दिए और लाइव शो भी किए।


न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 20 फरवरी, 2023 21 l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क संयुक्त अरब अमीरात में रहने वाले केरल के मूल निवासी उद्यमी डॉ. शमशीर वायलिल ने भूकंप प्रभावित तुर्की और सीरिया के लिए सहायता के रूप में 11 करोड़ रुपये का दान दिया है। बुर्जील होल्डिंग्स के संस्थापक और अध्यक्ष डॉ. शमशीर ने यह सहायता राशि अमीरात रेड क्रिसेंट को सौंप दी है। रेड क्रिसेंट वहां पर व्यापक राहत कार्यों में लगी हुई है। मालूम हो कि तुर्की और सीरिया इस महीने एक के बाद एक आए भूकंपों में सैकड़ों परिवार विस्थापित हो गए हैं। ताजा आंकड़ों के अनुसार 34,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। शहर के शहर जमींदोज हो गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार यह प्राकृतिक आपदा 23मिलियन यानी 2 करोड़ 30 लाख लोगों को प्रभावित कर सकती है। डॉ. शमशीर वायलिल अरबपति बिजनेस मैग्नेट एमए यूसुफ अली के दामाद हैं। उनके द्वारा दिए गए फंड का उपयोग दवा और अन्य आपूर्ति के लिए किया जाएगा। उनकी दी गई रकम से उन पीड़ितों की भी मदद की जाएगी जो अपने घरों को खो चुके हैं। वायलिल ने कहा कि यह दान राहत कार्य में सहायता प्रदान करने के हमारे चल रहे प्रयासों का हिस्सा है। विनाशकारी भूकंप से प्रभावित सभी लोगों के प्रति मेरी संवेदना है और मुझे उम्मीद है कि यह योगदान उनकी जरूरतों को पूरा करेगा। वायलिल अक्सर भारत में भी सहायता प्रयासों में योगदान देते रहे हैं। कोरोना काल के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री राहत कोष में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। साल 2018 में निपाह वायरस से लड़ रही केरल सरकार के लिए भी वायलिल ने एक फ्लाइट में चिकित्सा संबंधी और अन्य जरूरी सामान भेजे थे। केरल में आई बाढ़ के बाद पुनर्वास और पुनर्निर्माण परियोजना भी उन्होंने चलाई थी जिसके तहत क्षतिग्रस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को मॉडल परिवार स्वास्थ्य केंद्र के रूप में पुनर्निर्मित किया गया था। वायलिल का नाम द गिविंग प्लेज में भी आ चुका है जिसमें माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स और बिजनेसमैन वॉरेन बफेट जैसे दिग्गज शामिल हैं। l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क भारत के बेंगलुरु शहर में एशिया के सबसे बड़े एयरो शो ‘एयरो इंडिया 2023’ का पांच दिवसीय कार्यक्रम ‘द रनवे टू ए बिलियन अपॉर्च्युनिटीज’ सोमवार से शुरू हो गया। इस मौके पर अमेरिका ने अपने दो एफ-35 लड़ाकू विमानों का शानदार प्रदर्शन किया। अमेरिका ने इस शो में अपना अब तक का सबसे बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी भेजा है। अमेरिकी वायु सेना (यूएसएएफ) के पांचवीं पीढ़ी के दो सुपरसोनिक बहुउद्शदे्यीय एफ-35ए विमान इस एयर शो में पहली बार नजर आए। अमेरिका में उटाह और अलास्का वायुसेना से इन एफ-35ए लाइटनिंग-2 और एफ-35ए लड़ाकूविमानों को भारत में बेंगलुरु के येलहंका वायुसेना स्टेशन पर भेजा गया है। भारतीय सैन्य अधिकारियों के अनुसार, यह पहली बार है जब अमेरिकी वायुसेना का एफ35 विमान भारत में उतरा है। दो एफ-35एस के अलावा फाल्कन फोर्स के प्रमुख लड़ाकू विमानों में से एक एफ-16 अपनी क्षमता का प्रदर्शन करने के लिए हवाई करतब करेगा। अमेरिका F-16 फाइटिंग फाल्कन डुओ का रोजोना 17 फरवरी तक प्रदर्शन कर रहा है। इसमें फाइटर जटे की क्षमता का प्रदर्शन किया जाएगा। यह अपने एफ/ए-18ई और ए/ए18एफ सुपर हॉर्नेट मल्टीरोल लड़ाकूविमानों को भी प्रदर्शित कर रहा है। केरल के बिजनेसमैन ने भूकंप प्रभावित देशों को दिया महादान तुर्की और सीरिया इस महीने एक के बाद एक आए भूकंपों में सैकड़ों परिवार विस्थापित हो गए हैं। 34,000 से अधिक लोग अब तक मारे जा चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार इस प्राकृतिक आपदा से 2.3 करोड़ लोग प्रभावित हो सकते हैं। लेटेस्ट फाइटर्स के साथ अमेरिका ने किया दमदार आगाज


22 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 20 फरवरी, 2023 l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क अमेरिकी राज्य कैलिफोर्निया में काननू प्रवर्तन एजेंसी के सदस्यों को अब बाल मुंडवाना जरूरी हो गया है। यहां तक कि धार्मिक या चिकित्सकीय कारण होने पर भी बाल रखने की छूट नहीं मिलेगी। नागरिक अधिकार कार्यकर्ता इस कदम की निंदा कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह धार्मिक और सामाजिक रूप से सिखों व अश्वेत अल्पसंख्यक अमेरिकियों को टारगेट करना है। खबरों के अनुसार कैलिफोर्निया डिपार्टमेंट ऑफ करेक्शंस एंड रिहैबिलिटेशन (सीडीसीआर) ने 1 फरवरी के आदेश में कहा है कि विभाग के स्टाफ को अपनी दाढ़ी शेव करनी जरूरी है। इसके लिए धार्मिक या चिकित्सकीय आधार पर भी छूट नहीं दी जाएगी। सीडीसीआर के एक अधिकारी ने कहा कि इस नीति में बदलाव के लिए विभाग के कोविड-19 सुरक्षा उपायों के अनुपालन के लिए प्रेरित किया गया था। उत्तरी कैलिफोर्निया के अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन और सिख गठबंधन के अनुसार, नई नीति सिख और काले अमेरिकियों जैसे धार्मिक अल्पसंख्यकों को लक्षित करेगी। सिख गठबंधन की वरिष्ठ कानूनी सलाहकार हरसिमरन कौर ने कहा कि शांति व्यवस्था से जुड़े सभी अधिकारियों को एन95 मास्क पहनने के लिए दाढ़ी कटवानी होगी। हम जानते हैं कि वैकल्पिक रेस्पिरेटर्स वाले मास्क को दाढ़ी वाले लोग भी अपना काम करते हुए सुरक्षित रूप से पहन सकते हैं। लेकिन हमें लगता है कि दाढ़ी वाले लोगों के नागरिक अधिकारों को रौंदने का यह एक तरीका है। पिछले साल 23 दिसंबर को अमेरिका की संघीय अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि मरीन कॉर्प्स में दाढ़ी और पगड़ी के साथ सिखों के प्रवेश को प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता। यह आदेश उन तीन सिख रंगरूटों की याचिका पर आया था जिन्हें दाढ़ी होने के कारण बुनियादी प्रशिक्षण से वंचित कर दिया गया था। US के इस राज्य में सिख अफसर नहीं रख पाएंगे दाढ़ी, नहीं मिलेगी कोई छूट कैलिफोर्निया डिपार्टमेंट ऑफ करेक्शंस एंड रिहैबिलिटेशन (सीडीसीआर) ने आदेश में कहा है कि विभाग के स्टाफ को अपनी दाढ़ी शेव करनी जरूरी है। इसके लिए धार्मिक या चिकित्सकीय आधार पर भी छूट नहीं दी जाएगी। सिख और नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं ने इसकी निंदा की है। (साभार सोशल मीडिया) (साभार सोशल मीडिया) l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क यूक्रेन में हो रही तबाही की भरपाई करने और दुनियाभर में फैले यूक्रेनी शरणार्थियों से अपनापन जताने के इरादे से आयरलैंड में पर्यावरण प्रेमी सिख कार्यकर्ता एक जंगल लगाने के मिशन पर हैं। एक संयुक्त प्रयास के रूप में इकोसिख आयरलैंड और रिफॉरेस्ट नेशन वृक्षारोपण अंदोलन चला रहे इस दौरान विकलो काउंटी के ग्रेस्टोन्स में 10,000 पौधे लगाए जाएंगे। अभियान की शुरुआत शनिवार 18 फरवरी से होगी। कार्यकर्ता आयरलैंड में मौजूद यूक्रेनी शरणार्थियों की उपस्थिति में सप्ताह भर चलने वाले वृक्षारोपण कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। इकोसिख आयरलैंड के प्रोजेक्ट मैनजे र सतविंदर सिंह ने स्थानीय मीडिया को बताया कि हमें उम्मीद है कि हरियाली लाने का यह प्रयास और ताजी हवा उन लोगों के लिए उपचारात्मक अनुभव साबित होगा जिनकी इस युद्ध के कारण जिंदगी बर्बाद हो गई है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस कार्यक्रम से शरणार्थियों को समुदाय का हिस्सा मानेंगे और खुद को जमीन से जड़ा ु महसूस करेंगे। इससे उन्हें आयरलैंड को अपना घर कहने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि जिन 10,000 पौधों को लगाया जाएगा उनमें ओक, हेजेल और चेरी समेत 17 अलग-अलग प्रजातियां के पौधे हैं। रिफॉरेस्ट नेशन के संस्थापक गेरॉइड मैक इवोय ने कहा कि जंगल को जमीन पर उतारने के लिए हम सभी को फावड़ा आदि लेकर साथ जुड़ने के लिए आमंत्रित करते हैं। इस वृक्षारोपण कार्यक्रम के साथ-साथ शरणार्थियों को फिर से जिंदगी शुरू करने में मदद के लिए एक फंडरेजर कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा। यह कार्यक्रम ऐसे समय हो रहे हैं जब रूसयूक्रेन युद्ध को 24 फरवरी को एक साल पूरा हो जाएगा। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह सबसे बड़ा संकट है। रिपोर्टों के अनुसार अब तक 80 लाख से अधिक यूक्रेनी देश छोड़कर भाग चुके हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध को 24 फरवरी के दिन एक साल पूरा हो जाएगा। यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप में सबसे बड़ा संकट है। 80 लाख से अधिक यूक्रेनियन देश छोड़कर भाग गए हैं और पूरे यूरोप और उत्तरी अमेरिका में बिखर गए हैं। यूक्रेनी शरणार्थियों के लिए इस देश में सिख समुदाय लगाएगा 10,000 पौधे


न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 20 फरवरी, 2023 23 l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क भारत की तरह अब अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में भी दिवाली के मौके पर स्कूलों में अवकाश की घोषणा हो सकती है। न्यूयॉर्क स्टेट असेंबलीवुमन जेनिफर राजकुमार ने यह जानकारी देते हुए ट्विटर पर बताया कि न्यूयॉर्क सिटी काउंसिलवुमेन लिंडा ली ने दिवाली पर स्कूलों की छुट्टी का समर्थन करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है। लिंडा ली ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि उन्होंने दिवाली पर स्कूलों की छुट्टी घोषित करने के ऐतिहासिक प्रस्ताव का समर्थन किया है। न्यूयॉर्क सिटी काउंसिल की सदस्य लिंडा ली ने एक वीडियो भी साझा किया जिसमें उन्होंने शिक्षा विभाग से दिवाली को न्यूयॉर्क में छात्रों के लिए आधिकारिक अवकाश के रूप में मान्यता देने का आह्वान किया है। ली ने आगे लिखा कि NYC की संस्कृति में विविधता की महानता तब तक अधूरी है, जब तक कि हम अपने 20 फीसदी विद्यार्थियों को अपने परिवार के साथ त्योहार मनाने का मौका न दें। अभी उन्हें दिवाली के दिन स्कूल आने और परिवार के साथ जश्न मनाने के बीच चयन करना होता है। आज हमने ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया है जिससे न्यूयॉर्क के सभी स्कूलों में दिवाली पर अवकाश रहेगा। न्यूयॉर्क विधानसभा की सदस्य जेनिफर राजकुमार ने ट्वीट किया और लिखा- ब्रेकिंग: पीपुल्स चैंपियन @CMLindaLee ने दिवाली स्कूल की छुट्टी का समर्थन करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया और हमारे दिवाली बिल A.628 के लिए अपना समर्थन भी दिया। अपनी टिप्पणी में लिंडा ली ने कहा कि मैं चैंबर के उन सभी सहयोगियों का भी दिल से धन्यवाद करती हूं जिन्होंने इस कानून का समर्थन किया। उन्होंने सीनेटर जोसेफ एडवो और जॉन लू को भी धन्यवाद दिया । उन्होंने इस निर्णय को AAPI समुदाय के सदस्यों के लिए भी एक ऐतिहासिक कदम बताया। ली ने कहा कि यह केवल उन लाखों न्यूयॉर्करों की जीत नहीं है जो हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध हैं बल्कि यह AAPI समुदाय के लिए भी ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने कहा कि दीवाली पर स्कूलों की छुट्टी घोषित करने से इतिहास और संस्कृति के प्रति समझ और सम्मान बढ़ेगा। न्यूयॉर्क में दीवाली पर होगी स्कूलों की छुट्टी, अमेरिकी विधायक ने की घोषणा न्यूयॉर्क सिटी काउंसिल की सदस्य लिडं ा ली ने कहा कि यह केवल उन लाखों न्यूयॉर्करों की जीत नहीं है जो हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध हैं बल्कि यह AAPI समुदाय के लिए भी ऐतिहासिक कदम है। Photo by Suchandra Roy Chowdhury / Unsplash l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क समेधा ने 76 देशों के 15,300 छात्रों के साथ वर्ष 2021-22 की परीक्षा दी थी। अमेरिका स्थित जॉन्स हॉपकिन्स सेंटर फॉर टैलेंटेड यूथ (सीटीवाई) ने समेधा को ‘वर्ल्ड्स ब्राइटेस्ट स्टूडेंट’ के तौर पर नामित किया है। वह न्यू यॉर्क में बैटरी पार्क सिटी स्कूल में कक्षा 4 की छात्रा हैं। सीटीवाई ने दुनिया के सर्वश्रेष्ठ छात्रों की पहचान करने और उनकी शैक्षणिक क्षमताओं को आंकने के लिए कक्षा 4 के स्तर की परीक्षा का आयोजन किया था। विश्वविद्यालय के मुताबिक समेधा ने 76 देशों के 15,300 छात्रों के साथ वर्ष 2021-22 की परीक्षा दी। इसमें हिस्सा लेने वाले छात्रों में से 27 प्रतिशत ने शानदार प्रदर्शन किया। इसमें एसएटी (स्कोलास्टिक एप्टीट्यूड टेस्ट), एसीटी, स्कूल और कॉलेज एबिलिटी टेस्ट लिया गया। क्वॉलिफाई करने वाले विद्यार्थियों में समेधा सबसे कम उम्र की रहींं। परीक्षा के समय समेधा 8 वर्ष की थीं। सीटीवाई के कार्यकारी निदेशक डॉ. एमी शेल्टन ने समेधा को बधाई देते हुए कहा कि यह विद्यार्थियों के सीखने के प्रति प्रेम और उनके युवा जीवन में अब तक के संचित ज्ञान का सम्मान है। एक रोमांचक भविष्य इन बच्चों का इंतजार कर रहा है। हमें भरोसा है कि बच्चे अपनी क्षमता का इस्तेमाल अपने जुनून को संवारने, सपने पूरे करने और समाज को उसका लाभ पहुंचाने के लिए करेंगे। समेधा के अलावा एक अन्य भारतीयअमेरिकी छात्रा नताशा पेरियानयागम को सीटीवाई की तरफ से ‘दुनिया की सबसे प्रतिभाशाली’ छात्रा के रूप में सम्मानित किया गया था। नताशा ने लगातार दूसरे साल ये खिताब अपने नाम किया है। न्यूजर्सी में फ्लोरेंस एम गॉडिनियर मिडल स्कूल की 13 वर्षीय छात्रा नताशा ने 2021 में जब परीक्षा दी थी, तब वह कक्षा 5 की छात्रा थीं। नताशा के माता-पिता चेन्नै से ताल्लुक रखते हैं। नताशा को डूडल बनाने और जेआरआर टोलकिन के उपन्यास पढ़ने का शौक है। नई दिल्ली के नौ वर्षीय आर्यवीर कोचर भी प्रतिभाशाली छात्रों की सूची में शामिल हैं। रघुबीर सिंह जूनियर मॉडर्न स्कूल के छात्र आर्यवीर को कथित तौर पर ‘भव्य सम्मान’ मिला। 9 साल की समेधा ने फहराया मेधा का परचम, बनीं सबसे प्रतिभाशाली छात्रा समेधा ने 76 देशों के 15,300 छात्रों के साथ वर्ष 2021-22 की परीक्षा दी थी। अमेरिका स्थित जॉन्स हॉपकिन्स सेंटर फॉर टैलेंटेड यूथ (सीटीवाई) ने समेधा को ‘वर्ल्ड्सब्राइटेस्ट स्टूडेंट’ के तौर पर नामित किया है। वह न्यू यॉर्क में बैटरी पार्क सिटी स्कूल में कक्षा 4 की छात्रा हैं।


24 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 20 फरवरी, 2023


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