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New India Abroad: Hindi Epaper 24 July, 2023

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Published by NEW INDIA ABROAD, 2023-07-24 06:57:02

New India Abroad: Hindi Epaper 24 July, 2023

New India Abroad: Hindi Epaper 24 July, 2023

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*New India Abroad is a Registered trademark and not affiliated with the newspaper named India Abroad marketed in the US from 1972 to 2021. ‘प्रेरणा का उत्सव’ शुरू, तीन महीने चलगा, स े ्वयं के साथ जीन का अव े सर H1B वीजा पर संघ न रखी मांग, राजा े कृष्णमूर्ति ल आए यह े अधिनियम! ...Page 4 ...Page 20 श्री राधा दामोदर मंदिर: न्यू इंग्लैंड में भव्यता और दिव्यता का प्रतीक ...Page 8 A platform for the voice of next generation Indian Diaspora Year 1, Volume 40 Washington DC, Monday 24 July, 2023 विशष: व े र्तमान अमरेिकी सामाजिक राजनीति में अंबडकर की े प्रासगिं कता...Page 22 जब घर जैसा नमककन हो खाना राजभोग नमककन ही लाना Order now - www.rajbhog.com भारतीय पासपोर्ट की ताकत बढ़ी,क्यों फिसला US, क्या कहते हैं विशेषज्ञ? l विशेष संवाददाता वैश्विक नागरिकता और निवास सलाहकार कंपनी हेनले एंड पार्टनर्स ने भारतीय पासपोर्ट को 80वें स्थान पर रखा है। गुरुवार को जारी हेनले एंड पार्टनर्स की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय पासपोर्ट की ताकत 87 वें स्थान से बढ़कर 80 वें स्थान पर पहुंच गई। भारतीय पासपोर्ट रखने वालों को 57 देशों में वीजा-मुक्त पहुंच मिली है। दिलचस्प बात यह है कि भारतीय नागरिकों के पसंदीदा प्रवास गंतव्य ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में भी उनके पासपोर्ट की शक्ति में सुधार देखा गया। ऑस्ट्रेलिया ने कनाडा को पीछ छोड़ते े हुए सूची में छठा स्थान हासिल किया, जबकि कनाडा 185 गंतव्यों को वीजा मुक्त करने के साथ अंतिम रैंकिंग से सातवें स्थान पर पहुंच गया। हालांकि संयुक्त राज्य अमेरिका आठवें स्थान पर फिसल गया। लगभग 10 साल पहले यूके और यूएस शीर स््ष थान पर थे। विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी पासपोर्ट की ‘शक्ति’ में गिरावट का कारण यात्रा/पर्यटन नीति में बदलाव के लिए देश के अंदर से मांग की कमी है। उनका कहना है कि महामारी के बाद की अवधि में पर्यटन बढ़ रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि प्रतिबंधात्मक वीजा छूट कार्यक्रमों को अमेरिका की सॉफ्ट पावर में ‘गिरावट’ के रूप में माना जा सकता है। टेंपल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पीटर जे स्पाइरो ने हेनले ग्लोबल मोबिलिटी रिपोर्ट 2023 की तीसरी तिमाही में टिप्पणी करते हुए कहा कि बंदूक हिंसा से ग्रस्त अमेरिका की बढ़ती प्रवृति को भी जोड़ दें तो अमेरिका की वैश्विक स्थिति और कम हो जाएगी। अमेरिका का वीजा-मुक्त पहुंच का विस्तार कम है, यहां तक कि विकसित अर्थव्यवस्थाओं के मानक से भी कम। यूरोपीय संघ के राज्य अमेरिका की तुलना में दोगुने से अधिक राज्यों को वीजा मुक्त विशेषाधिकार प्रदान करते हैं। वहीं, दूसरी तरफ अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अपने अमेरिकी समकक्षों की तुलना में कनाडा, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ में प्रतिस्पर्धी संस्थानों में तेजी से आकर्षित किया जाता है। रिपोर्ट में कई देशों के पासपोर्ट अधिक ‘शक्तिशाली’ हो गए। ऑस्ट्रेलिया अब 186 देशों तक पहुंच के साथ पासपोर्ट पावर सूची में छठ स् े थान पर है। रिपोर्टों के अनुसार, ऑस्ट्रेलियाई पासपोर्ट में सुधार पहले के 185 गंतव्यों से 186 गंतव्यों के लिए वीजा मुक्त पहुंच में वृद्धि के कारण है। इसने इथियोपिया, पापुआ न्यूगिनी और युगांडा तक वीजा-मुक्त पहुंच खो दी। साथ ही जापान, मंगोलिया, सूरीनाम और जिबूती पर बढ़त हासिल की। इसे 2015 के बाद से ऑस्ट्रेलिया की उच्चतम रैंकिंग कह सकते हैं। हालांकि कनाडाई पासपोर्ट रखने वाले लोगों के लिए गंतव्यों की संख्या में बदलाव नहीं हुआ, लेकिन इसने सूची में सातवें स्थान पर पहुंचने के लिए रैंकिंग में सुधार किया, जो पड़ोसी संयुक्त राज्य अमेरिका से अधिक है, जिसे दुनिया की शीर पांच देशों में ्ष गिना जाता है। विशेषज्ञों ने कहा कि अन्य देश मजबूत हो रहे हैं। 2022 में कनाडा चेक गणराज्य, ग्रीस, माल्टा और ऑस्ट्रेलिया के साथ आठवें स्थान पर था, जिनमें से अधिकांश ने रैंकिंग में सुधार किया। माल्टा और चेक गणराज्य 187 देशों के साथ पांचवें स्थान पर हैं। ग्रीस कनाडा के साथ सातवें स्थान पर है। वैश्विक नागरिकता और निवास सलाहकार कंपनी हेनले एंड पार्टनर्स ने एक रिपोर्ट जारी की है। भारतीय पासपोर्ट की ताकत 87 वें स्थान से बढ़कर 80 वें स्थान पर पहुंच गई। हालांकि संयुक्त राज्य अमेरिका आठवें स्थान परफिसल गया। ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में सुधार देखा गया है।


2 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 24 जुलाई, 2023 अबू धाबी में जल्द खुलेंगे मंदिर के द्वार, मनेगा ‘सद्भाव के त्योहार’ l विशेष संवाददाता संयुक्त अरब अमीरात में रहने वाले हिंदू श्रद्धालु अगले साल अबू धाबी के भव्य हिंदू मंदिर में दर्शन कर पाएंगे। भारतीय प्रवासी समुदाय के लोग अगले साल 15 फरवरी को अबू धाबी में बनने वाले पहले हिंदू मंदिर के बहुप्रतीक्षित उद्घाटन समारोह का जश्न मना सकेंगे। सार्वजनिक समारोह ‘सद्भाव के त्योहार’ का हिस्सा होगा। 10 फरवरी से हिंदू मंदिर के चरणबद्ध उद्घाटन के लिए धार्मिक और सामुदायिक कार्यक्रमों की एक श्रृंखला शुरू होगी। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2018 में मंदिर के मॉडल का अनावरण किया था। संगमरमर और गुलाबी बलुआ पत्थरों के साथ यह क्षेत्र में पहला पारंपरिक हिंदू तैयार हो रहा है। 15 फरवरी को होने वाले सामुदायिक कार्यक्रम में बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) के अध्यक्ष पूज्य महंत स्वामी महाराज के शामिल होने का कार्यक्रम है। शाम 6 बजे शुरू होने वाले दो घंटे के सामूहिक समारोह के लिए पंजीकरण की आवश्यकता होगी। पंजीकरण के विवरण की घोषणा फिलहाल नहीं की गई है। आम जनता को 18 फरवरी से मंदिर और उसके सांस्तिकृ क केंद्र में दर्शन और पूजा के लिए प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। संस्था की तरफ से बताया गया है कि 18 फरवरी से दुनिया के लोग मंदिर में रहने वाले देवताओं के दर्शन कर सकेंगे। इस दिन से पहले होने वाले कार्यक्रम और धार्मिक समारोह केवल पंजीकृत और आमंत्रित लोगों के लिए आरक्षित होंगे। उद्घाटन समारोह की श्रृंखला में पहले एक विशेष प्रार्थना समारोह होगा जो 10 फरवरी को शाम 6 बजे से रात 8 बजे तक आयोजित किया जाएगा। यह केवल उन तक ही सीमित होगा जिन्होंने मंदिर निर्माण में सहयोग किया है। 11 फरवरी को वैश्विक सद्भाव के लिए आशीर्वाद मांगने को लेकर एक प्रार्थना समारोह होगा। प्रबंधन का कहना है कि सम्मानित आध्यात्मिक लोगों और जोड़ों को इस समारोह में भाग लेने का विशेषाधिकार प्राप्त है। इससे पहले मंदिर का धार्मिक उद्घाटन 14 फरवरी को महाराज के नेतृत्व में हिंदू देवताओं की मूर्तियों के लिए प्रार्थना के साथ किया जाएगा। सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक का यह कार्यक्रम आमंत्रित अतिथियों तक ही सीमित रहेगा। संयुक्त अरब अमीरात के एक मंत्री द्वारा इस महीने की शुरुआत में मंदिर की प्रगति और मंदिर खोलने की योजना की समीक्षा करने के बाद उद्घाटन समारोहों का विवरण सार्वजनिक किया गया है। सहिष्णुता और सह-अस्तित्व मंत्री शेख नाहयान बिन मुबारक अल नाहयान ने हिंदू मंदिर के प्रमुख पुजारी ब्रह्मविहरिदास स्वामी, अन्य पुजारियों और स्वयंसेवकों का अबू धाबी में अपनी निजी रॉयल मजलिस में स्वागत किया। प्रबंधन का कहना है कि यह त्योहार अबू धाबी में अपनी तरह का पहला और ऐतिहासिक होगा। प्रतिष्ठित बीएपीएस हिंदू मंदिर वैश्विक सद्भाव के लिए बनाया गया है। यह राजसी, पारंपरिक रूप से हाथ से तराशा गया पत्थर का मंदिर और सांस्कृतिक परिसर अतीत का जश्न मनाता है और भविष्य को फिर से व्यवस्थित करता है। l त्रिभुवन शर्मा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया के समक्ष बयान जारी करते हुए कहा कि देशों देशों के बीच पेट्रोलियम लाइन के लिए Feasibility study की जाएगी। इसके अलावा एक land bridge की feasibility को भी जांचने का निर्णय लिया गया है। ऐसे में यदि दोनों देशों के बीच पुल का निर्माण किया जाता है तो इससे दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी और भी बेहतर हो जाएगी। भारत श्रीलंका के साथ भूमि के जरिए भी जुड़ जाएगा। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बड़ा एलान करते हुए यह भी बताया कि अब श्रीलंका में भी भारत का यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) शुरू किया जाएगा। बता दें कि संयुक्त अरब अमीरात, फ्रांस और सिंगापुर के बाद श्रीलंका में UPI के माध्यम से लेनदेन किया जा सकेगा। हालांकि UPI को लेकर वियतनाम से भी भारत की बातचीत अंतिम दौर में है। आपको बता दें कि भारत की दो दिवसीय यात्रा पर आए श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की उपस्थिति में दोनों देशों के बीच कई समझौतों का आदान-प्रदान किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि दोनों देशों के बीच Economic and Technological Cooperation Agreement पर जल्द बातचीत शुरू की जाएगी। इससे दोनों देशों के लिए व्यापार और आर्क सहयोग की नई संभावनाएं खुलेंगी। दोनों थि देशा आज हवाई कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए सहमत हुए हैं। तमिलनाडु के नागपट्टनम और श्रीलंका के कांके-संतुरई के बीच Passenger Ferry Services शुरू करने का निर्णय भी लिया गया है। मोदी ने कहा कि हम आशा करते हैं कि श्रीलंका सरकार तमिलों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी और उनके सम्मान और गरिमा को सुनिश्चित करेगी। भारतीय मूल के तमिल समुदाय को श्रीलंका में 200 साल पूरे होने को हैं। ऐसे में श्रीलंका के भारतीय मूल के तमिल नागरिकों के लिए 75 करोड़ रूपए की लागत के विभिन्न प्रोजेक्ट्स कार्यान्वित किए जाएंगे। मालूम हो कि पिछले साल श्रीलंका वित्तीय संकट में फंस गया था। श्रीलंका के पास डॉलर लगभग खत्म हो गए थे। ऐसे में उसे ईंधन, दवाएं आदि जरूरी सामानों के आयात के लिए संघर्ष करना पड़ा था। उस वक्त भारत ने श्रीलंका को लगभग 4 बिलियन डॉलर (32,796 करोड़ रुपये) की त्वरित मदद की थी। अगले साल 15 फरवरी को अबू धाबी में बनने वाले पहले हिंदू मंदिर के बहुप्रतीक्षित उद्घाटन समारोह का जश्न मनाया जाएगा। आम जनता को 18 फरवरी से मंदिर और उसके सांस्कृतिक केंद्र में दरन औ्श र पूजा के लिए प्रवेश की अनुमति होगी। UAE में रहने वाले हिंदू अगले साल भव्य हिंदू मदिं र में दर्शन कर पाएंगे। फोटो : @AbuDhabiLife 11वीं शताब्दी का है ये चित्र। Photo : Wiki commons Indian Star LLC Published Weekly Copyright © 2023 Indian Star LLC Editor in Chief Dr. Sridhar Krishnaswami [email protected] Chief Executive Officer Rajeev Bhambri [email protected] Editor (Hindi) Dr. Rameshwar Dayal [email protected] Registered Address Indian Star LLC, 6215 Rockhurst Rd, Bethesda, MD 20817 USA Email [email protected] Ph. 908-472-0006 Website www.NewIndiaAbroad.Com Disclaimers: 1. 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न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 24 जुलाई, 2023 3 खालिस्तान समर्थकों ने फिर दी ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और अमेरिका में भारतीय राजनयिकों को धमकी l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क अमेरिका और यूके में भारतीय दूतावासों पर हमले, कनाड़ा में भारत विरोधी अभियानों और अपने नापाक मंसूबे उजागर करने के बाद खालिस्तान समर्थकों और चरमपंथियों ने एक नये अभियान के तहत भारत के राजनयिकों और अधिकारियों को धमकाने की मुहिम शुरू की है। इस बार ऑस्ट्रेलिया से भारत-विरोधी हवाएं चली हैं। वैश्विक स्तर पर भारतीय राजनयिकों को खालिस्तान चरमपंथियों द्वारा अपने ‘किल इंडिया’ अभियान के तहत निशाना बनाया जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया में भारत के उच्चायुक्त मनप्रीत वोहरा, मेलबर्न में भारत के महावाणिज्य दूत डॉ. सुशील कुमार और सिडनी में भारत के महावाणिज्य दूत मनीष गुप्ता को खालिस्तान चरमपंथियों ने डराने वाले पोस्टर भेजे हैं और पोस्टरों में इन भारतीय प्रतिनिधियों को ‘ऑस्ट्रेलिया में भारतीय आतंकवादी’ बताया गया है। भारतीय राजनयिकों को धमकियां कोई अलग मामला नहीं है बल्कि लक्षित उत्पीड़न और प्रताड़ना का एक समेकित वैश्विक अभियान है। सोशल मीडिया पर प्रसारित किए जा रहे एक पोस्टर और वीडियो में राजनयिकों की तस्वीरें हैं और लिखा है- ऑस्ट्रेलिया में भारतीय आतंकवादी, अपराध: निज्जर की हत्या और खालिस्तान के खिलाफ आतंकवाद। ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और अमेरिका में भारतीय राजनयिकों की तस्वीरों के साथ इस किल इंडिया अभियान की घोषणा के पीछे आतंकवादी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ का हाथ है। ऐसा इन पोस्टरों और अभियान से साफ होता है। ‘ऑस्ट्रेलिया टुडे’ को ‘सिख फॉर जस्टिस’ के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नून का एक संदेश मिला है जिसमें उसने ‘किल इंडिया’ अभियान के पीछ अपना हा े थ होने का दावा किया है। इस संदेश में पन्नू ने ‘किल इंडिया’ अभियान के तहत सिख फॉर जस्टिस की ओर से कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन, पुर्तगाल, इटली, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया में भारतीय मिशनों को ‘घेराबंदी’ करने की घोषणा की है। ऐसा पहली बार नहीं है कि विदेशों में कार्यरत भारतीय राजनयिकों और अधिकारियों को धमकी दी गई हो। कुछ समय पहले सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय मिशन पर हमले के दौरान अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू पर निशाना साधा गया था। इस बार भी संधू निशाने पर हैं। भारतीय राजनयिकों को धमकियां कोई अलग मामला नहीं है बल्कि लक्षित उत्पीड़न और प्रताड़ना का एक समेकित वैश्विक अभियान है। सोशल मीडिया पर प्रसारित किए जा रहे एक पोस्टर और वीडियो में राजनयिकों को निशाना बनाने की तस्वीरें हैं। लंदन में खालिस्तान समरकों क ्थ ी भारत विरोधी महिमु । File pic : NIA धमकी वाले ये पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल हैं। Image : social media l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने कहा है कि अमेरिका और भारत दुनिया में सबसे करीबी सहयोगी और अपरिहार्य (जरूरी) भागीदारों में से हैं। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार पिछले साल अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया। आने वाले वर्षों में यह और बढ़ेगा, ऐसी उम्मीद है। येलेन ने गुजरात की राजधानी गांधीनगर में भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित करते हुए यह विचार व्यक्त किए। जी20 बैठकों के तहत भारत-अमेरिका वार्ता से पहले येलेन ने कहा कि अमेरिका जी20 की अध्यक्षता के दौरान भारत के नेतृत्व की सराहना करता है। इस दौरान सीतारमण ने कहा कि पिछले महीने प्रधानमंत्री नरन्ेद्र मोदी की अमेरिका यात्रा और अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ उनकी मुलाकात से दोनों देशों के बीच भागीदारी और मजबूत हुई है। येलेन ने कहा कि हम भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को बहुत महत्व देते हैं। अमेरिका और भारत दुनिया के सबसे करीबी साझेदारों में से हैं। हम अपना करीबी सहयोग जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि दुनिया जलवायु परिवर्तन और महामारी जैसी बड़ी चुनौतियों के बीच प्रगति के लिए जी20 की ओर देख रही है। मुझे उम्मीद है कि हम कुछ ठोस कदम उठा सकते हैं। येलेन ने कहा कि हमें विश्व बैंक की अगुवाई के लिए अजय बंगा की उम्मीदवारी का समर्थन करने पर भी गर्व है। हमारा मानना ​​है कि वह कई महत्वपूर्ण सुधारों को पूरा करने पर काम कर रहे हैं। अमेरिकी वित्त मंत्री ने कहा कि जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी की वॉशिंगटन यात्रा के दौरान दिखा, अमेरिका और भारत दुनिया में सबसे नजदीकी भागीदारों में हैं। मुझे गर्व है कि मैं इन संबंधों को आगे बढ़ाने में मदद कर रही हूं। इस मौके पर वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा और राष्ट्रपति बाइडन के साथ बैठक से दोनों देशों की भागीदारी और मजबूत हुई है। इस ऐतिहासिक यात्रा से सहयोग के नए रास्ते खुले हैं। इससे हमारी भागीदारी नई ऊंचाई पर पहुंच गई है। जेनेट येलेन भारतीय वित्त मत्री ं के साथ। फोटो ट्विटर @SecYellen अमेरिकी वित्त मत्री ं जेनेट येलेन ने भारत को बताया, जरूरी सहयोगी अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने कहा है कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापारपिछले साल अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया। आने वाले वर्षों में यह और बढ़ेगा, ऐसी उम्मीद है।


[email protected] 4 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 24 जुलाई, 2023 l विशेष संवाददाता त्योहार एक जीवंत उत्सव है, जो हिंदू धर्म की विविधता, कला, वास्तुकला, मूल्यों और संस्कृति की समृद्ध विरासत को आगे बढ़ाता है। त्योहार मूर्तियों से लेकर मंत्रमुग्ध करने वाले नृत्य प्रदर्शन और आत्मा को आनंदित करने वाले कार्यक्रमों तक, प्राचीन ज्ञान और कालातीत शिक्षाओं के प्रवेश द्वार के रूप में काम करता है। इसी कड़ी में अमेरिका में बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था (BAPS) ने न्यू जर्सी के रॉबिंसविले में 16 जुलाई से तीन महीने तक चलने वाले ‘प्रेरणा का उत्सव’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस कार्यक्रम में बीएपीएस के आध्यात्मिक संत परम पूजनीय महंत स्वामी महाराज और रॉबिंसविले के मेयर डेविड फ्राइड भी मौजूद रहे। कार्यक्रम का आयोजन उत्तरी अमेरिका के मेहमानों को उन गहन शिक्षाओं में भागीदार होने, उनसे जुड़ने और प्रोत्साहित करने के लिए किया गया जो मानव भावना को प्रेरित और प्रज्वलित करते हैं। संस्था की तरफ से बताया गया कि प्रेरणा का उत्सव उन मूल्यों और सिद्धांतों को गले लगाने का निमंत्रण है, जो समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं। ये स्वयं और दुनिया की गहरी समझ को बढ़ावा देते हैं। प्रेरणा का त्योहार सभी को प्रेरणा की चिंगारी को अपने जीवन में वापस ले जाने के लिए आमंत्रित करता है, अपनी परिवर्तनकारी ऊर्जा को दूर-दूर तक फैलाता है। अमेरिका के न्यू जर्सी में आयोजित BAPS के कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति रही। बीएपीएस में महिला कार्यक्रमों की राष्ट्रीय संयोजक अलक परमार का कहना है कि प्रेरणा का त्योहार जीवन के सभी क्त्षेरों के लोगों के लिए एक मंच के रूप में काम करता है। उन सार्वभौमिक मूल्यों को गले लगाओ जो हमें एक साथ बांधते हैं। उन्होंने बताया कि सांस्तिकृ क प्रदर्शन और प्रेरणादायक कहानियों के माध्यम से हम एक व्यापक जुड़ाव को समाहित करना चाहते हैं जो दर्शकों पर एक सार्थक प्रभाव पैदा करें। उन्होंने बताया कि महोत्सव का उद्देश्य युवाओं, पेशेवरों और समुदाय के सदस्यों के लिए विशिष्ट रूप से तैयार किए गए कार्यक्रमों के माध्यम से उन्हें प्रेरित करना और उनका उत्थान करना है। एक पारंपरिक तीन महीने स्वयं के साथ शांति और सद्भाव के लिए हार्दिक प्रार्थना करने के लिए लंबे वैदिक यज्ञ किए जाएंगे। अलक का कहना है कि प्रेरणा का त्योहार उन मूल्यों का जश्न मनाता है जो आगामी बीएपीएस स्वामीनारायण अक्षरधाम द्वारा भी सन्निहित हैं। हिंदू वास्तुकला और संस्कृति का यह मील का पत्थर अमेरिका की जीवंत ‘प्रणा का उत रे ्सव’ शुरू, तीन महीने चलेगा, स्वयं के साथ जीने का अवसर बीएपीएस के आध्यात्मिक संत परम पूजनीय महंत स्वामी महाराज। सभी फोटो: BAPS दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की गई। यह कार्यक्रम तीन महीने तक चलेगा। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में यवुाओं की उपस्थिति रही। कार्यक्रम के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति हुई। अमेरिका के न्यू जर्सी में आयोजित BAPS के कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति रही। अमेरिका में बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था (BAPS) ने न्यू जर्सी के रॉबिंसविले में 16 जुलाई से तीन महीने तक चलने वाले ‘प्रेरणा का उत्सव’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। उत्सव उन मूल्यों औरसिद्धांतों को गले लगाने का निमंत्रण है जो समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं। आधुनिकता के साथ प्राचीन भारत की समृद्ध विरासत को जोड़ता है। बीएपीएस स्वामीनारायण अक्षरधाम एक गतिशील सामुदायिक केंद्र के रूप में काम करेगा, जो जुड़ाव और सीखने के लिए विविध व्यक्तियों का स्वागत करेगा। यह संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय अमेरिकी समुदाय के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के प्रमाण के रूप में खड़ा है और इसके निर्माण में शामिल अनगिनत स्वयंसेवकों द्वारा प्रदर्शित सेवा और भक्ति की समर्पित भावना को नमन करता है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत भजन, पारंपरिक नृत्य के साथ हुई। इसके साथ ही मूल्यों और त्योहारों के महत्व के बारे में जानकारी दी गई। पूज्य आनंदस्वरूपदास स्वामी ने मूल्यों में निहित जीवन जीने के महत्वपूर्ण प्रभाव की व्याख्या की। सद्गुरु पूज्य ईश्वरचरणदास स्वामी ने व्यक्तिगत विकास को रेखांकित किया जो उपस्थित लोगों को ऐसे त्योहारों में भाग लेने से प्राप्त होता है। यह त्योहार तीन महीने तक जारी रहेगा। इसका उद्घाटन महंत स्वामी महाराज द्वारा किया गया।


न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 24 जुलाई, 2023 5 l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क अमेरिका की ऑनलाइन आवास होस्टिंग कंपनी एयरबीएनबी (Airbnb) ने भारत के केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसका उद्देश्य भारत की विरासत को प्रदर्शित करना और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देना है। एयरबीएनबी का कहना है कि इससे अतुल्य भारत ब्रांड को बढ़ावा मिलेगा और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को नए ऑफर भी मिलेंगे। एयरबीएनबी ने नियामक को जानकारी देते हुए बताया है कि वह अपने ‘विजिट इंडिया 2023’ कार्यक्रम के तहत पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय के साथ साझेदारी करेगी। एमओयू के तहत वह भारत की समृद्ध संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले वैश्विक दर्शकों के लिए एक समर्पित ‘सोल ऑफ इंडिया’ माइक्रोसाइट भी लॉन्च करेगी। इसके अतिरिक्त Airbnb कम चर्चित पर्यटन क्षेत्रों की यात्रा करने में लोगों की सहायता करेगी, उन्हें होमस्टे का आनंद उठाने में मदद करेगी। यही नहीं मेजबान क्षमता के निर्माण के साथ जिम्मेदार मेजबानी की संस्कृति को बढ़ावा देगी। एमओयू के तहत, एयरबीएनबी उभरते गंतव्यों पर छोटे उद्यमियों को आतिथ्य के लिए प्रशिक्षित करेगी। भारत के केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि एयरबीएनबी की वैश्विक पहुंच भारत की अनूठी और विविध आवास पेशकशों को बेहतर दृश्यता प्रदान करेगी और यात्रियों को देश की समृद्ध विरासत का प्रत्यक्ष अनुभव करने का अवसर देगी। उन्होंने कहा कि यह साझेदारी इनबाउंड पर्यटन के विकास में योगदान देगी, स्थानीय समुदायों के लिए आर्थिक अवसर पैदा करेगी और भारत को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर अच्छे से स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगी। एयरबीएनबी के महाप्रबंधक- भारत, दक्षिण पूर्व एशिया, हांगकांग और ताइवान अमनप्रीत बजाज ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन भारत में पर्यटन के माध्यम से नए आर्थिक और सामाजिक अवसरों के द्वार खोलने में महत्वपूर्ण साबित होगा। भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए Airbnb ने मिलाए सरकार से हाथ एयरबीएनबी ने बताया कि एमओयू के तहत वह भारत की समृद्ध संस्तिकृ को प्रदर्शित करने वाले वैश्विक दरकों के ्श लिए एक समर्पित ‘सोल ऑफ इंडिया’ माइक्रोसाइट भी लॉन्च करेगी। सिंगापुर इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष नील पारेख, प्लूरल आर्ट मैगजीन की सहसंस्थापक चंद्रदास उषा रानी और वकील राज जोशुआ थॉमस के नामों की घोषणा सोमवार को की गई। उन्हें 24 जुलाई को राष्ट्रपति हलीमा याकूब द्वारा ढाई साल के कार्यकाल के लिए नियुक्त किया जाएगा। l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क भारतीय मूल के तीन प्रतिष्ठित सिंगापुरवासियों को मनोनीत संसद सदस्य (NMP) के रूप में अगले महीने शपथ दिलाई जाएगी। सिंगापुर की संसद के लिए देश की कुल नौ हस्तियों को नामित किया गया है, जिनमें से तीन भारतीय मूल के हैं। सिंगापुर इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष और सिंगापुर बिजनेस फेडरेशन के परिषद सदस्य नील पारेख निमिल रजनीकांत, प्लूरल आर्ट मैगजीन की सह-संस्थापक और नानयांग बिजनेस स्कूल में पाठ्यक्रम समन्वयक चंद्रदास उषा रानी और वकील राज जोशुआ थॉमस के नामों की घोषणा सोमवार को की गई। ‘द स्ट्रेट्स टाइम्स’ के अनुसार NMP के लिए विचारार्थ 30 नाम रखे गये थे। इनमें से नौ मनोनीत सांसदों का चयन तत्कालीन स्पीकर तान चुआनजिन की अध्यक्षता वाली संसद की विशेष प्रवर समिति ने किया। उन्हें 24 जुलाई को राष्ट्रपति हलीमा याकूब द्वारा ढाई साल के कार्यकाल के लिए नियुक्त किया जाएगा और अगस्त में संसद की बैठक में शपथ दिलाई जाएगी। नील पारेख (60) टिकेहू कैपिटल में एशिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के साझेदार और प्रमुख तथा सिंगापुर एक्सचेंज में सूचीबद्ध एक विशेष उद्देश्य अधिग्रहण कंपनी पेगासस एशिया के मुख्य कार्यकारी भी हैं। उन्होंने ऐसे कार्यक्रम शुरू किए हैं, जो सिंगापुर में वित्तीय साक्षरता बढ़ाने में मदद करने पर फोकस करते हैं। चंद्रदास उषा रानी (42) पहली बार सांसद बनने जा रही हैं। वह 12 वर वकील के रूप में काम ्ष कर चुकी हैं। वह कहती हैं कि उन्हें उम्मीद है कि वह समग्र रूप से कला क्षेत्र के प्रचार और स्थिरता से संबंधित मुद्दों पर अपना ध्यान केंद्रित करेंगी। राज जोशुआ (43) मनोनीत सांसद के रूप में अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करने वाले एकमात्र व्यक्ति हैं। वह वर्तमान में सिक्योरिटी एसोसिएशन सिंगापुर के अध्यक्ष हैं और लॉ सोसाइटी की आपराधिक कानूनी सहायता योजना के तहत एक स्वयंसेवी वकील के रूप में काम कर रहे हैं। भारतीय मूल के 3 प्रतिष्ठित सिंगापुरवासी संसद के लिए नामित, शपथ अगले महीने नील पारेख निमिल रजनीकांत, चंद्रदास उषा रानी और राज जोशुआ थॉमस। Image: Social Media


6 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 24 जुलाई, 2023 मासूम मोक्षा ने दिखाया कि धरती की रक्षा सभी कर सकते हैं, पुरस्कार मिला अमी गण ने ट्विटर परलिखा कि ओनलीफैन्स में लगभग 3 साल बिताना जबकि इसकी गूंज पूरे सांस्कृतिक क्षेत्र में थी, मेरे लिए किसी पुरस्कार से कम नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि इस दौरान मैंने व्यवसाय के लिए अविश्वसनीय लक्ष्यों को पूरा किया l महक लूथरा अमी गण के नाम से चर्चित आम्रपाली गण ने ओनलीफैन्स (OnlyFans) के सीईओ पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया है। वयस्क सामग्री पर फोकस करने वाले क्रिएटरसब्सक्रिप्शन प्लेटफॉर्म के रूप में मशहूर ओनलीफैन्स में अमी गण तीन साल से हैं। ओनलीफैन्स लंदन, यूनाइटेड किंगडम में स्थित एक इंटरनेट सामग्री सदस्यता सेवा है। इस सेवा का उपयोग मुख्य रूप से यौनकर्मियों द्वारा किया जाता है, जो पोर्नोग्राफी का निर्माण करते हैं। लेकिन यह शारीरिक फिटनेस विशेषज्ञों और संगीतकारों जैसे अन्य सामग्री निर्माताओं के काम को भी होस्ट करती है। ओनलीफैन्स के मुख्य वित्तीय अधिकारी और निदेशक ली टेलर ने कहा कि अमी ने विकास के महत्वपूर्ण दौर में ओनलीफैन्स का नेतृत्व किया और हम उनकी कड़ी मेहनत के लिए बेहद आभारी हैं। अमी गण के बाद ओनली फैन्स की कमान केली ब्लेयर संभालेंगे। वह वर्तमान में मुख्य रणनीति और संचालन अधिकारी की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। अमी गण ने ट्विटर पर लिखा कि ओनलीफैन्स में लगभग 3 साल बिताना जबकि इसकी गूंज पूरे सांस्कृतिक क्षेत्र में थी, मेरे लिए किसी पुरस्कार से कम नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि इस दौरान मैंने व्यवसाय के लिए अविश्वसनीय लक्ष्यों को पूरा किया जिसमें प्लेटफ़ॉर्म सुरक्षा पर अपना प्राथमिक फोकस बढ़ाना, संगठन को वैश्विक स्तर पर ले जाना और ओएफ के रचनाकारों और प्रशंसकों के विविध समुदाय को पहचान दिलाना शामिल है। ओनलीफैन्स के सीईओ के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अमी गण ने डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म का सफलतापूर्वक मार्गदर्शन किया। उनके नेतृत्व में मंच ने महत्वपूर्ण विस्तार किया। दुनिया भर में 220 मिलियन से अधिक प्रशंसकों को आकर्षित किया और 3 मिलियन से अधिक रचनाकारों की मेजबानी की। इसके अलावा ओनलीफैन्स ने रचनाकारों को $10 बिलियन से अधिक का भुगतान करने की महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। अमी गण ने नए उद्यमों और अवसरों को आगे बढ़ाने के लिए अपनी भूमिका से हटने का फैसला किया है। OnlyFans को जानते है आप? अमी गण ने इसका सीईओ पद छोड़ा आम्रपाली गण मोक्षा का कहना है कि मैं यह पुरस्कार पाकर बहुत खुश हूं। फोटो : @Ajeet1994 महज तीन साल की उम्र से ही माइक्रोप्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ काम कररही सात साल की मोक्षा को ब्रिटिश प्रधानमंत्री के ‘प्वाइंट्स ऑफ लाइट’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। भारतीय मूल की मोक्षा को जरूरतमंद बच्चों की मदद के वास्ते धनराशि जुटाने समेत कई अभियानों में काम से पहचान मिली है। l विशेष संवाददाता क्या आप इसकी सहज कल्पना कर सकते हैं कि समाज में छोटे बच्चे की भी जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने में भूमिका है। क्या छोटे बच्चे भी इस काम के लिए शानदार मिसाल पेश कर सकते हैं? अगर आपका उत्तर नहीं है तो आप पूरी तरह से गलत हैं। आपको ब्रिटेन में रहने वाली भारतीय मूल की महज सात साल की छात्रा मोक्षा रॉय के बारे में जानना चाहिए। तब आपको समझ में आएगा कि इस ग्रह और लोगों की देखभाल करना और सभी के जीवन में बदलाव लाना महज कुछ लोगों का काम नहीं है। यह हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। महज तीन साल की उम्र से ही माइक्रोप्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र की सतत पहल के लिए काम कर रही मोक्षा को ब्रिटिश प्रधानमंत्री के ‘प्वाइंट्स ऑफ लाइट’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। मोक्षा ने अपनी मर्जी से यह काम करना शुरू किया था। पिछले हफ्ते ब्रिटिश उपप्रधानमंत्री ओलिवर डाउडेन ने मोक्षा रॉय को यह पुरस्कार प्रदान किया। उन्हें माइक्रोप्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ दुनिया की सबसे छोटी उम्र की पैरोकार के रूप में यह खिताब मिला है। मोक्षा को जरूरतमंद बच्चों की मदद के वास्ते धनराशि जुटाने समेत कई अभियानों में काम से पहचान मिली है। ब्रिटिश उपप्रधानमंत्री ओलिवर डाउडेन ने कहा कि मोक्षा ने संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (SDG) का समर्थन करते हुए अपने काम में एक शानदार उदाहरण पेश किया है। उन्होंने इन्हें स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए काफी प्रयास किया है। इसके साथ ही इस मसले पर दुनिया भर के नेताओं के साथ संवाद किया है ताकि उन्हें इस पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। उन्होंने कहा कि मोक्षा के प्रयास का ही नतीजा है कि उसका स्कूल अब प्लास्टिक सामानों का उपयोग नहीं करता है। यह एक बेहतर दुनिया बनाने की खातिर अपने आसपास के लोगों को प्रेरित करने के लिए उसके मजबूत आत्मविश्वास और उसकी क्षमता का प्रमाण है। मोक्षा ने भारत में वंचित स्कूली बच्चों के लिए शैक्षिक सत्रों में भी सहायता की है। मोक्षा का कहना है कि मैं यह पुरस्कार पाकर बहुत खुश हूं। मुझे उम्मीद है कि लोग यह समझेंगे कि इस धरती की रक्षा करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हम अपनी दांतों की देखभाल करने और दर्द से बचने के लिए ब्रश करते हैं। उसी तरह हम दूसरों के लिए ही नहीं बल्कि अपने लिए, सुरक्षित रहने के लिए इस ग्रह की देखभाल करें। जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण, गरीबी और असमानता का मुकाबला करने के लिए हम सभी अपने जीवन में छोटी-छोटी चीजें कर सकते हैं। मोक्षा के माता-पिता रागिनी रॉय और सौरव रॉय ने कहा कि उनकी बेटी के प्रयासों से साबित होता है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने में समाज में सबकी भूमिका है।


14 New India Abroad Monday, 17 July, 2023 SPECIAL PRINT EDITION SSUUBBSSCCRRIIBBEE NNOOWW!! TO COMMEMORATE INDIA'S INDEPENDENCE DAY WE WILL BE GIVING AWAY FREE COLLECTOR'S COPY TO OUR PAID SUBSCRIBERS IN THE UNITED STATES INDEPENDENCE DAY TO GET YOUR FREE COPY CLICK HERE न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 24 जुलाई, 2023 7


8 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 24 जुलाई, 2023 श्रीरी राधा ददामोददर मंदिदिर: न्यू्यू इंग्ल्लैंड में भव्य्यता और दिदिव्य्यता का प्रप्रतीक ब्रिटेन के श्सबरु री में 226 आर ग्राफ्टन सेंट में हाल ही में श्रीराधा दामोदर मंदिर का अनावरण किया गया है। न्यू इंग्लैंड में हरे कृष्ण समुदाय की तरफ से निर्मित यह क्षेत्र का सबसे बड़ा हरे कृष्ण मंदिर है। श्सबर रु ी में हाल ही में श्री राधा दामोदर मदिं र का अनावरण किया गया है। यह मदिं र लगभग नौ एकड़ भूमि पर बना है। मदिं र के उद्घाटन अवसर पर कई हस्तियां उपस्थित रहीं। मदिं र में भक्तिवेदांती स्वामी श्रील प्रभुपाद की शिक्षाओं के प्रकाश स्तंभ हैं। l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क ब्रिटेन के श्रुसबरी में 226 आर ग्राफ्टन सेंट में हाल ही में श्री राधा दामोदर मंदिर का अनावरण किया गया है। यह मंदिर लगभग नौ एकड़ भूमि पर बना है। इस भूमि का उपयोग पहले आवासीय उद्देश्यों के लिए किया जाता था। यह दो मंजिला मंदिर राजस्थानी वास्तुकला का उत्ष्टकृ नमूना है। इसमें एक विशाल मंदिर कमरे, कक्षाएं और बालकनी शामिल है। विशाल हरे लॉन के बीच खूबसूरती से डिजाइन किया गया यह मंदिर मनोरम माहौल प्रदान करता है। न्यू इंग्लैंड में हरे कृष्ण समुदाय की तरफ से निर्मित यह क्षेत्र का सबसे बड़ा हरे कृष्ण मंदिर है। यह मंदिर भक्तिवेदांत स्वामी श्रील प्रभुपाद के मिशन की सेवा को समर्पित है। उसके उद्घाटन अवसर पर प्रतिष्ठित आध्यात्मिक नेता, सम्मानित मेहमान और हजारों उत्साही आगंतुक शामिल हुए। आइए मंदिर की मुख्य विशेषताओं के बारे में आपको बताते हैं- आकार और भावना में शानदार न्यू इंग्लैंड में स्थित हरे कृष्ण मंदिर अपने अनुयायियों की भक्ति और समर्पण का प्रमाण है। विस्मयकारी वास्तुकला और सावधानीपूर्वक तैयार संरचना के साथ यह भव्य मंदिर क्षेत्र का सबसे बड़ा हरे कृष्ण मंदिर है। इसकी भव्यता आगंतुकों को आश्चर्यचकित कर देती है। श्रील प्रभुपाद मिशन का विस्तार यह मंदिर ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी श्रील प्रभुपाद की शिक्षाओं के प्रकाश स्तंभ के रूप में कार्य करता है। कृष्ण भावनामृत के प्रसार और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देने के मिशन को बनाए रखते हुए यह मंदिर दिव्य ज्ञान के साधकों के लिए धार्मिक स्थल प्रदान करता है। सांस्कृतिक उत्सव मंदिर के शुभारंभ अवसर पर मनोरम सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी गईं। हार्वर्ड के छात्रों ने शानदार कीर्तन प्रस्तुत किया। लस्या स्कूल ऑफ डांस की तरफ से सुंदर प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। स्रुथिलायलु समूह ने नारायण तीर्थ कृति की प्रस्तुति से मंत्रमुग्ध कर दिया। इन प्रस्तुतियों ने हरे कृष्ण परंपरा की जीवंतता और समृद्धि को प्रदर्शित किया। ज्ञानवर्धक पैनल चर्चा इस दौरान एक विचारोत्तेजक पैनल चर्चा का भी आयोजन किया गया। रंजनी सहगल द्वारा संचालित इस कार्यक्रम के दौरान आध्यात्मिक विषयों पर बौद्धिक चर्चा की गई। एचजी मधु पंडित दास, एचजी जय चैतन्य दास और एचजी भक्ति लता देवी दासी सहित प्रतिष्ठित वक्ताओं ने अपने विचार साझा किए और कृष्ण भावनामृत की गहरी समझ को बढ़ावा दिया। भक्ति का निवास स्थान मंदिर में श्री श्री राधा दामोदर, श्री श्री गौरा निताई और श्रील प्रभुपाद सहित उत्कृष्ट देवता विराजमान हैं। जयपुर में बारीकी से तैयार की गई वेदी अपनी दिव्य सुंदरता के साथ हर किसी को मोहित करती है। यह पूरा परिसर एक शांत और पवित्र वातावरण प्रदान करता है। राजस्थानी वास्तुकला का चमत्कार राजस्थानी वास्तुकला से प्रेरित यह मंदिर वास्तुशिल्प का एक चमत्कार है। अलंकृत नक्काशी से लेकर जीवंत रंग पैलेट तक हर जटिल विवरण समृद्ध विरासत को दर्शाता है। औपचारिक उद्घाटन उद्घाटन समारोह चार दिनों तक चला जिसमें भारत से आए पुजारी एचजी कुलशेखर चैतन्य दास और न्यूजर्सी के पुजारी द्वारा अनुष्ठान कराए गए। इनकी दिव्य उपस्थिति ने भव्यता में चार चांद लगा दिए। संपर्क और जानकारी मंदिर के बारे में अधिक जानकारी मंदिर की वेबसाइट और सोशल मीडिया पेजों से ली जा सकती है। यहां मंदिर की गतिविधियों, घटनाओं और आध्यात्मिक जुड़ाव के अवसरों के बारे में सूचनाएं प्रदान की जाती हैं। आध्यात्मिक नेता और विशिष्ट अतिथि इस मंदिर के उद्घाटन में एचजी मधु पंडित दास, एचजी चंचलपति दास, एचजी जय चैतन्य दास और एचजी भक्ति लता देवी दासी जैसे प्रतिष्ठित आध्यात्मिक नेताओं की उपस्थिति रही। सीनेटर माइक मूर, हार्वर्ड प्रोफेसर फ्रांसिस एक्स क्लूनी, कार्डियोलॉजिस्ट राम इमानी और एमआईटी के एसोसिएट डीन थिया कीथ लुकास आदि तमाम हस्तियां भी सम्मानित अतिथियों में शामिल थे। आतिथ्य और पोषण मंदिर में प्रतिदिन एक हजार से अधिक आगंतुक आतें हैं। उन्हें नाश्ते, दोपहर के भोजन और रात के खाने में स्वादिष्ट प्रसाद दिया जाता। यह स्वादिष्ट भोजन शरीर और आत्मा को पोषण देने का काम करता है और इसे ग्रहण करने वालों पर वाले सभी पर एक स्थायी छाप छोड़ता है।


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10 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 24 जुलाई, 2023 l विशेष संवाददाता पाकिस्तानी नागरिक सीमा हैदर के अवैध तरीके से भारत आने और भारतीय युवक सचिन के साथ रोमांस के चर्चे आजकल सुर्खियों में हैं। वहीं, एक और अलग तरह की प्रेम कहानी सामने आई है। पोलैंड की रहने वाली 49 साल की पोलाक बारबरा और झारखंड के 35 साल के शादाब मलिक के बीच सोशल मीडिया पर इस कदर प्रेम पनपा कि पोलाक सात समुंदर पार करके भारत के झारखंड पहुंच गईं। हालांकि पोलाक, हैदर की तरह अवैध तरीके से नहीं, बल्कि टूरिस्ट वीजा पर भारत आई हैं। छह साल की बेटी की मां पोलाक हजारीबाग के खुटरा गांव के रहने वाले शादाब से जल्द ही कोर्ट में शादी करने वाली हैं। शादाब और पोलाक ने हजारीबाग एसडीएम कोर्ट में शादी के लिए आवेदन किया है। रिपोर्ट के अनुसार दोनों के बीच इंस्टाग्राम पर दोस्ती हुई थी। यह दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। पोलाक को शादाब से इतना प्यार हो गया कि वह टूरिस्ट वीजा पर भारत आ गई। यह वीजा 2027 तक वैध है। उसका अपने पति से तलाक हो चुका है। दोनों ने अब शादी के बंधन में बंधने का फैसला किया है। शादाब का कहना है कि भारत पहुंचने के बाद पोलाक ने उनसे मुलाकात की और कुछ दिनों तक एक होटल में रुके। फिर वह खुटरा में रहने लगी। हालांकि गांव पहुंचते ही गर्मी ने उसे इतना परेशान किया कि शादाब को उसके लिए दो एसी लगवाने पड़े। विदेशी मेहमान के लिए नया कलर टीवी भी लगाया गया है। दूसरी ओर पोलाक घरेलू कामों में मलिक के परिवार की मदद कर रही हैं। वह दस्ताने पहनकर गाय के गोबर और कचरे को साफ करती हैं। उसका कहना है कि वह भारत और हजारीबाग से प्यार करती है लेकिन वह भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाना पसंद नहीं करती हैं। पोलाक ने मलिक के बारे में अपने विचार भी व्यक्त किए और उन्हें प्यारा व्यक्ति कहा। विदेशी महिला के गांव पहुंचने की खबर मिलने के बाद हजारीबाग मुख्यालय के डीएसपी राजीव कुमार और इंस्पेक्टर अभिषेक कुमार ने गांव का दौरा किया और पोलाक से बात की। पोलाक ने पुलिस अधिकारियों को अपना वीजा दिखाया और कहा कि वह अगले कुछ दिनों में अपने देश लौट जाएंगी। सीमा हैदर के बाद एक और प्म कहानी रे चर्चा में, पोलैंड से आई बारबरा! पोलैंड की रहने वाली 49 साल की पोलाक बारबरा और झारखंड के 35 साल के शादाब मलिक की कहानी आजकल चर्चा में है। दोनों के बीच इंस्टाग्राम पर प्यार का अंकूर फूटा। प्यार में दीवानी पोलाक भारत आ गईं। अब शादाब और पोलाक ने कोर्ट में शादी करने का फैसला किया है। दोनों ने हजारीबाग कोर्ट में आवेदन भी किया है। पोलैंड की पोलाक बारबरा और झारखंड के शादाब मलिक के बीच इंस्टाग्राम पर पनपा प्यार। फोटो: @KashifArsalaan


न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 24 जुलाई, 2023 11 शेल्टर रॉक लाइब्री में अ रे भिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर आवाज बुलंद l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क अल्बर्टसन, न्यूयॉर्क में शेल्टर रॉक पब्लिक लाइब्रेरी ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के हक में आवाज बुलंद की है। सिडनी, ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले अमेरिकी सामाजिक वैज्ञानिक प्रोफेसर साल्वाटोर बेबोन्स ने सार्वजनिक संवाद में 18 जुलाई को शेल्टर रॉक पब्लिक लाइब्रेरी में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर व्याख्यान दिया। कार्यक्रम का आयोजन लॉन्ग आइलैंड के हिंदू एडवोकेसी समूह द्वारा किया गया था। कार्यक्रम को बाधित करने के तमाम प्रयासों के बावजूद सभागार खचाखच भरा रहा और यह शिक्षाप्रद अनुभव देने वाला भी साबित हुआ। लाइब्रेरी के साथ आयोजकों ने इस सार्वजनिक वार्ता में भाग लेने के लिए कार्यक्रम स्थल के बाहर जमा सभी प्रदर्शनकारियों के लिए भी विनम्रतापूर्वक दरवाजे खोल दिए थे। प्रो. बेबोन्स ने लोकतंत्र और प्रेस स्वतंत्रता रैंकिंग में पद्धति संबंधी समस्याओं पर चर्चा की जिनके माध्यम से इन क्त्षेरों में भारत को दी गई खराब रटिं े ग को समझा जा सकता है। उन्होंने भारतीय समाज में स्व-रिपोर्ट किए गए भेदभाव पर प्यू शोध सर्वेक्षणों से प्राप्त व्यवस्थित डेटा प्रस्तुत किया जो दुनिया में अपनी तरह का सबसे बड़ा सर्वेक्षण है। भारतीय समाज में अल्पसंख्यकों के प्रति स्वरिपोर्ट किया गया भेदभाव बहुत कम (24%) है। यह अमेरिका में एशियाई-अमेरिकी स्वरिपोर्ट किए गए भेदभाव (42%) से लगभग आधा है। इसी तरह उन्होंने प्रेस स्वतंत्रता रैंकिंग की कार्यप्रणाली को भी उजागर किया जो कि खराब तरीके से बनाई गई है। यह प्रो, बेबोन्स की निजी राय है कि समान जीडीपी वाले अन्य देशों की तुलना में भारत में प्रेस की स्वतंत्रता मजबूत है। हालांकि यह सामाजिक विज्ञान का निष्कर नहीं है। ्ष बातचीत के बाद एक सार्थक प्रश्नोत्तर सत्र हुआ जिसमें प्रोफेसर ने गैर-पक्षपातपूर्ण तरीके से अपनी बात रखी। आयोजकों ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए खड़े होने पर शेल्टर रॉक पब्लिक लाइब्रेरी और कार्यक्रम में भाग लेने वाले भारतीय-अमेरिकियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नासाउ काउंटी पुलिस को धन्यवाद दिया। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किये गए नए दिशा-निर्देश 20 जुलाई से लागू होंगे। अलबत्ता विमानों में अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को पहले की तरह कोविड-19 के नियमों का पालन करना होगा। प्रो. बेबोन्स ने लोकतंत्र और प्रेस स्वतंत्रता प्रो, बेबोन्स ने रेटिंग सिस्टम की खामियां भी उजागर कीं। Image : NIA रैंकिंग में पद्धति संबंधी समस्याओं पर चर्चा की। Image: NIA


जंग के बीच अन्न पर ‘आक्रमण’ रूस के एक फैसले ने दुनिया को हैरान कर दिया है। रूस उस समझौते से अलग हो गया है, जिसने यूक्रेन को दुनिया के अन्य हिस्सों में अनाज ले जाने की अनुमति दी थी। रूस से इस फैसले ने पूरी दुनिया को न केवल स्तब्ध कर दिया है बल्कि विकल्पों का महत्वपूर्ण सवाल भी खड़ा कर दिया है। खासकर गरीब क्त्षेरों के लिए, जहां लाखों लोग पहले से ही भूख और भुखमरी के कगार पर हैं। जुलाई-अगस्त 2022 में संयुक्त राष्ट्र और तुर्की द्वारा लागू की गई काला सागर अनाज पहल के तहत यूक्रेन से लगभग 36 मिलियन टन खाद्य निर्यात किया जाना था। इसमे से लगभग 50 प्रतिशत विकासशील देशों के हिस्से का था। कुछ हलकों में यह धारणा है कि रूस के इस फैसले का प्रभाव बहुत अधिक नहीं होगा क्योंकि अनाज की पर्याप्तता है। विशेष रूप से गेहूं की। लेकिन तथ्य यह है कि आर्क थि रूप से वंचित लोग भोजन और ईंधन की ऊंची कीमतों से जूझ रहे हैं और पहले से ही हर तरह की किल्लत और भूख की पीड़ा महसूस कर रहे हैं। यूक्रेन और रूस गेहूं, जौ और अन्य खाद्य पदार्थों के शीर आपू ्ष र्तिकर्ता हैं जो अफ्रीका, एशिया और मध्य पूर्व के बाजारों में जाते हैं। अब यूक्रेन के काला सागर बंदरगाहों के आसपास नाकाबंदी और खनन जल की बिखरी हुई रिपोर्टों के कारण युद्धरत पक्षों में असहजता पैदा हो गई है और वे नौवहन (शिपिंग) पर हमले कर रहे हैं और तनाव बढ़ने के लिए दूसरे पक्ष को दोषी ठहरा रहे हैं। अमेरिका ने अनुमान लगाया है कि रूस खुले समुद्र में जहाजों पर हमला करना शुरू कर सकता है और रूस का कहना है कि पानी के नीचे यूक्रेनी निशान वाली खदानें पहले ही मिल चुकी हैं। यह सब खूनखराबे के एक नए दौर की शुरुआत प्रतीत होता है। यह समझना मुश्किल नहीं है कि मॉस्को ने यूक्रेन से बाहर और काला सागर बंदरगाहों के माध्यम से खाद्यान्न की आवाजाही पर रोक लगाने का फैसला क्यों किया। एक ओर यह रूसी कृषि बैंक के खिलाफ जारी प्रतिबंधों के साथ-साथ शिपिंग और बीमा कंपनियों पर दंडात्मक उपायों के कारण है, जिसने इसके निर्यात पर असर डाला है। और दूसरी ओर क्रीमिया में एक महत्वपूर्ण पुल पर हाल ही में यूक्रेनी हमले को भी एक तत्कालिक ‘उकसावे’ के रूप में देखा जा रहा है। लेकिन आम तौर पर फरवरी 2022 में शुरू हुए संघर में एक के बाद एक बढ़ते च ्ष रणों के तथ्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। एक समय ऐसा भी था जब तनाव कम होने की आशा कमतर थी। तब अमेरिका और रूस की हथियार संबंधी घोषणाओं ने कीव और उसके सहयोगियों को जैसे को तैसा वाला एक स्पष्ट संदेश दिया। अब यह तो पता नहीं है कि यह पागलपन कब रुकेगा लेकिन इस समय एक ही बात समझ आ रही है कि किसी भी पक्ष के लिए कुंठा और जीत का भ्रम उन लोगों को और अधिक खतरे में डालने वाला होगा जो पहले से ही बीते 18 महीने से प्रताड़ना ढेल रहे हैं। बेहतर तो यही होगा कि इस समय कीव के साथ-साथ मॉस्को पर भी यह दबाव बनाया जाए कि दोनों देश इस टकराव को खत्म करें क्योंकि इसमें किसी की जीत होने वाली नहीं है। HiPAC ने भारत की ‘छवियों’ को लेकर दी यह सलाह l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क हिंदूज ऑफ जॉर्जिया (PAC) यानी HiPAC की ओर से डॉ. सल्वाटोर बेबोन्स के तथ्यात्मक विश्लेषण पर आधारित एक कार्यक्रम ‘डेमोनाइजिंग ए डमो े क्रेसी’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य तथ्यों और शोधों के आधार पर भारत की विभिन्न रैंकिंग्स का विश्लेषण करना था। यहां रैंकिंग्स का अर्थ उन छवियों से है जो भारत को एक लोकतंत्र के रूप में देखते हुए विभिन्न संस्था-संगठनों ने बनाई हैं। गत 14 जुलाई को गोकुलधाम हवेली, अटलांटा में आयोजित इस कार्यक्रम में भारतीय-अमेरिकी प्रवासी समुदाय के 200 से अधिक सदस्यों ने भाग लिया। कार्यक्रम का नेतृत्व राजीव मेनन ने किया और संचालन सुरेश कृष्णमूर्ति के साथ शोभा स्वामी ने किया। व्याख्यान में भाग लेने वाले प्रमुख सामुदायिक नेताओं में प्रो.जगदीश शेठ, डॉ. भरत बरई, प्रवीण पटेल, सुभाष पटेल, अशोक पटेल, केतन गोस्वामी, धीरू शाह और वीणा कटदरे शामिल थे। कार्यक्रम की शुरुआत जुगल मालपानी और केतन गोस्वामी ने जॉर्जिया पीएसी के संक्षिप्त परिचय के साथ की। दोनों ने उपस्थित लोगों से इस संगठन में शामिल होने और सक्रिय होने का आग्रह किया ताकि मुख्यधारा के अमेरिकी राजनीतिक क्षेत्र और कई अन्य सामाजिक मंचों पर उनकी आवाज सुनी जाती रहे। खासकर उन मुद्दों को लेकर जो उन्हे प्रभावित करते हैँ। राजीव मेनन ने बताया कि इस कार्यक्रम के लिए डॉ. बेबोन्स विशेष रूप से यहां आए हैं। डॉ. बेबोन्स ने अपना व्याख्यान अमेरिका द्वारा गठित अंतरराष्ट्रीय धार्मिक आजादी आयोग और स्वीडन के वेरायटी ऑफ डेमोक्रसी इंस्टीट्यूट (V-Dem) के निर्धारण के आधार पर दिया। डॉ. बेबोन्स ने कहा कि अगर उपरोक्त अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की नजर से देखें तो बतौर एक लोकतांत्रिक देश भारत की छवि बहुत खराब है। उन्होंने कहा कि प्रेस फ्रीडम सर्वेक्षण में भारत को दुनिया के सबसे खराब देशों में गिना गया है। भारत के 20 करोड़ मुसलमानों (भारत की आबादी का लगभग 15%) के अधिकारों का उल्लंघन करने के लिए पीएम मोदी और बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) की आलोचना की जाती है। यही नहीं मोदी पर 2002 के गुजरात दंगों में मिलीभगत का भी आरोप है, जिसमें लगभग 700 मुस्लिम और 250 हिंदू मारे गये थे। लेकिन भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने उसे इस तरह की संलिप्तता से मुक्त कर दिया। अपनी बात को समाप्त करते हुए डॉ. बेबोन्स ने अमेरिकी-भारतीयों के साथ-साथ भारत सरकार को भी सार्वजनिक रूप से ऐसे दुर्भावनापूर्ण एवं विवादास्पद कतृ्यों का खंडन करने की सलाह दी। उन्होंने कहा हालांकि इन मजबूत एजेंसियों के खिलाफ लड़ाई जीतना संभव न हो लेकिन इस तरह के नकारात्मक प्रचार से लड़ना सभी भारतीयों के लिए अनिवार्य है। संपादकीय अमेरिका ने अनुमान लगाया है कि रूस खुले समुद्र में जहाजों पर हमला करना शुरू कर सकता है और रूस का कहना है कि पानी के नीचे यूक्रेनी निशान वाली खदानें पहले ही मिल चुकी हैं। यह सब खूनखराबे के एक नए दौर की शुरुआत प्रतीत होता है। यह समझना मुश्किल नहीं है कि मॉस्को ने यूक्रेन से बाहर और काला सागर बंदरगाहों के माध्यम से खाद्यान्न की आवाजाही पररोक लगाने का फैसला क्यों किया। अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की नजर से देखें तो बतौर एक लोकतांत्रिक देश भारत की छवि बहुत खराब है। प्रेस फ्रीडम सर्वेक्षण में भारत को दुनिया के सबसे खराब देशों में गिना गया है। हालांकि इन मजबूत एजेंसियों के खिलाफ लड़ाई जीतना संभव न हो लेकिन इस तरह के नकारात्मक प्रचार से लड़ना सभी भारतीयों के लिए अनिवार्य है। - डॉ. सल्वाटोर बेबोन्स, अमेरिकी समाजशास्त्री मेरा दिल पीड़ा से भरा हुआ है, क्रोध से भरा हुआ है। मणिपुर से जो घटना सामने आई है, वह किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मसार करने वाली घटना है। कानून अपनी पूरी ताकत से सबसे मजबूत कदम उठाएगा। मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता है। - नरेंद्र मोदी, भारत के प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम के लिए डॉ. बेबोन्स विशषे रूप से यहां आए हैं। डॉ. बेबोन्स ने अपना व्याख्यान अमेरिका द्वारा गठित अंतरराष्ट्रीय धार्मिक आजादी आयोग और स्वीडन के वेरायटी ऑफ डेमोक्रसी इंस्टीट्यूट (V-Dem) के निर्धारण के आधार परदिया। 12 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 24 जुलाई, 2023 कार्यक्रम में कहा गया कि सभी भारतीयों को नकारात्मक प्रचार से लड़ना चाहिए। Image : HiPAC


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14 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 24 जुलाई, 2023 l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने न्यूयॉर्क में टेक्सवर्ल्ड परिधान और होम टेक्सटाइल सोर्सिंग मेले में भारतीय मंडप का उद्घाटन किया। तीन दिन चलने वाले (18-20 जुलाई) टेक्सवर्ल्ड मेले में परिधान, कपड़े और घरेलू कपड़ा क्त्षेरों की दो दर्जन से अधिक भारतीय कंपनियां भागीदारी कर रही हैं। टेक्सवर्ल्ड मेले में भारत की भागीदारी का संचालन हैंडलूम एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल और कॉटन टेक्सटाइल्स एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (TEXPROCIL) द्वारा किया जा रहा है। उद्घाटन के बाद राजदूत संधू ने भारतीय कंपनियों के नुमाइंदों से बातचीत की और उनके स्टॉल्स का दौरा किया। श्री संधू ने अमेरिका में भारत के कपड़ा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कड़ी मेहनत के वास्ते कंपनियों को प्रोत्साहित किया और इस संबंध में कहा कि दूतावास और वाणिज्य दूतावास में वाणिज्यिक इकाई व्यापारिक गतिशीलता के लिए हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि भारत के विश्व स्तरीय कपड़ा उत्पादों की अमेरिका में पहले से ही बड़ी उपस्थिति है लेकिन विशेष रूप से टिकाऊ कपड़ा और जैविक उत्पादों के क्त्षेरों में और अधिक काम करने की संभावना है। 2022-23 में अमेरिका को भारत का कपड़ा निर्यात 10.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा। यह मोटे तौर पर अमेरिकी कपड़ा आयात का 9-10 फीसदी है। मेले में भाग लेने वाली अधिकांश भारतीय कपड़ा कंपनियां भारत के दो मुख्य क्त्षेरों- हरियाणा में पानीपत और तमिलनाडु में करूर से हैं। मेले में भागलपुरी रेशम, बांस, जूट और 3डी प्रिंट से बने नए जमाने के कई उत्पाद प्रदर्शित किये गये हैं। परिधान मेले में राजदूत संधू ने किया भारतीय मंडप का उद्घाटन, मदद का आश्वासन टेक्सवर्ल्ड मेले में भारत की भागीदारी का संचालन हैंडलूम एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल और कॉटन टेक्सटाइल्स एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (TEXPROCIL) द्वारा किया जा रहा है। राजदूत संधू ने भारतीय कंपनियों के नुमाइंदों से बातचीत की और उनके स्टॉल्स का दौरा किया। l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क वर्जीनिया के गवर्नर ग्लेन यंगकिन ने भारतीयअमेरिकी0 गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. बिमलजीत सिंह संधू को स्वास्थ्य क्षेत्र में एक प्रमुख प्रशासनिक पद पर नियुक्त किया है। पंजाब के फरीदकोट के रहने वाले संधू साल 2004 में अमेरिका आए थे। उस वक्त संधू को वर्जीनिया कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट के रूप में फैकल्टी मेंबर के तौर पर काम करने का मौका मिला था। डॉ. बिमलजीत सिंह संधू ने मंगलवार को वर्जीनिया कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी हेल्थ सिस्टम अथॉरिटी के बोर्ड सदस्य के रूप में शपथ ली है। इस पद पर भारतीय अमेरिकी संधू राज्य की स्वास्थ्य शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। रिचमंड में समारोह में डॉ. संधू ने शपथ ग्रहण के बाद कहा कि यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। हम धन जुटाने के संबंध में दिशानिर्देश प्रदान करते हैं, विभिन्न मेडिकल स्कूलों और अस्पतालों को रणनीतिक दिशा देते हैं ताकि हम अग्रणी रहें और वर्जिनियावासियों को सर्वोत्तम देखभाल प्रदान करें। बता दें कि बोर्ड सदस्य की भूमिका स्वास्थ्य प्रणाली, मेड स्कूल, नर्सिंग स्कूल, फार्मेसी स्कूल के संपूर्ण संचालन की देखरेख करना है। डॉ. संधू ने कहा कि वह कुछ विनिर्माण उद्योग, मेडिकल बायोटेक उद्योग को वर्जीनिया कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी हेल्थ सिस्टम के साथ सहयोग करने में मदद करने की कोशिश कर रहे हैं। भारत से अमेरिका तक की उनकी यात्रा उस प्रतिभा और विशेषज्ञता का उदाहरण है, जो भारतीय पेशेवर दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों में लाते हैं। पंजाब के डॉक्टर बिमलजीत सिंह संधू को मिली अहम जिम्मेदारी भारतीय मडं प का उद्घाटन करते अमेरिका में भारत के राजदूत संधू। Image : twitter@Taranjit Singh Sandh डॉ. संधू ने शपथ ग्रहण के बाद कहा कि यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। Photo : richmondgastro.com Photo : Twitter @SandhuTaranjitS डॉ. बिमलजीत सिंह संधू ने मंगलवार को वर्जीनिया कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी हेल्थ सिस्टम अथॉरिटी के बोर्ड सदस्य के रूप में शपथ ली है। इस पद पर भारतीय अमेरिकी संधू राज्य की स्वास्थ्य शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।


न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 24 जुलाई, 2023 15 l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में 16 हजार प्रवासियों के पैन कार्ड निरस्त कर दिए गए हैं। जिन प्रवासियों के पैन कार्ड निरस्त किए गए हैं, सरकार की ओर से ट्वीट कर उन्हें यह जानकारी दे दी गई है। वैसे सरकार की ओर से इन्हें अपना आयकर रिटर्न जमा करने की छूट दी गई है। जानकारी के अनुसार हजारों प्रवासियों के कार्ड इसलिए निरस्त किए गए हैं, क्योंकि उन्होंने राज्य के आयकर विभाग को न तो अपने आवास का पता दिया था और न ही रिटर्न दाखिल किया था। विभाग ने बताया कि जिन प्रवासी भारतीयों ने तीन वर से आयक ्ष र रिटर्न दाखिल नहीं किया है या संबंधित आयकर निर्धारण अधिकारी को अपनी नवीनतम आवासीय स्थिति के बारे में सूचित नहीं किया है, उन सभी के पैन निष्क्रिय किए गए हैं। भारतीय चार्टर्ड एकाउंटटें संस्थान के सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल के पूर्व चेयरमैन सीए विवेक खन्ना ने बताया कि प्रवासी भारतीयों के लिए पैन को आधार से लिंक कराना अनिवार्य नहीं है। जिन प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) और विदेशी नागरिकों का पैन (स्थायी खाता संख्या) आधार से जुड़ा नहीं होने के कारण निष्क्रिय हो गया है, उन्हें इसे सक्रिय कराने के लिए आयकर अधिकारी को आवास का प्रमाण देना होगा। बताया गया है कि निष्क्रिय पैन का मतलब उन्हें ब्लॉक करना नहीं है। पैन निष्क्रिय होने के बावजूद प्रवासी आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। हालांकि निष्क्रिय पैन पर रिफंड और रिफंड पर ब्याज नहीं दिया जाएगा। निष्क्रिय पैन के लिए उच्च दर पर टीडीएस कटौती की जाएगी। ऐसे करीब 6 लाख प्रवासी भारतीय हैं, जिनके परिवार उत्तर प्रदेश में रह रहे हैं। इनमें से अधिकांश अपना आयकर रिटर्न प्रदेश के आवासीय पते से दाखिल करते हैं। अप्रवासी भारतीयों को निवेश के प्रति अधिकाधिक आकर्षित करने के लिए प्रदेश सरकार ने अलग से NRI विभाग बनाया है। प्रवासी और विदेशी निवेशकों को अधिकतम सुविधाएं देने के लिए अलग से नीति लाने की तैयारी भी की जा रही है। भारत के इस राज्य में 16 हजार NRI के पैन कार्ड क्यों निरस्त किए गए? निष्क्रिय पैन का मतलब उन्हें ब्लॉक करना नहीं है। पैन निष्क्रिय होने के बावजूद प्रवासी आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। अप्रवासी भारतीयों को निवेश के प्रति अधिकाधिक आकर्षित करने के लिए प्रदेश सरकार ने अलग से NRI विभाग बनाया है। l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क इंडियन ओवरसीज कांग्रेस, यूएसए (IOCUSA) ने भारत के दक्षिणी राज्य केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी के निधन पर श्रद्धांजलि दी है। IOCUSA उपाध्यक्ष जॉर्ज अब्राहम ने कहा कि केरल के राजनीतिक परिदृश्य ने वास्तव में एक दिग्गज खो दिया है। श्री चांडी जनता के सच्चेमित्र थे और उन्होंने लंबे समय तक ईमानदारी और सम्मान के साथ उसकी सेवा की। अब्राहम ने कहा कि मैं भाग्यशाली था कि मुझे 60 के दशक में केरल में अपने बालाजाना सख्यम दिनों से उन्हें जानने का मौका मिला। हमारी लंबे समय से चली आ रही दोस्ती बरकरार रही। मैं अमेरिका की उनकी पिछली यात्राओं में शामिल रहा और उनके साथ विभिन्न कार्यक्रमों तथा हस्तियों से मुलाकातों की सुखद यादें मेरे साथ हैं। इनमें से 1998 में न्यूयॉर्क में आयोजित इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के उद्घाटन की यात्रा भी शामिल है। वह एक ऐसे व्यक्ति थे जो लोगों की नब्ज समझते थे और परिस्थितियों की परवाह किए बिना मदद के लिए आगे आते थे। उनकी राजनीतिक कुशलता के साथ-साथ उनकी सामाजिक और राजनीतिक सक्रियता ने उन्हें नेतृत्व के शीर प्ष र पहुंचा दिया जहां लक्ष्य निर्धारित करने और अपने उद्देश्यों को पूरा करने में उन्होंने शायद ही कभी मात खाई हो। वह अद्भुत प्रतिभा के धनी थे। किसी चुनौती से कभी घबराये नहीं। अपने राजनीतिक जीवन के सबसे बुरे संकट के बीच में भी उन्होंने पर्याप्त साहस जुटाया और तर्कसंगत तरीके से उससे बाहर निकले। इससे उनके दोस्त ही नहीं सियासी दुश्मन भी चकित रहे। मुख्यमंत्री के रूप में ओमन चांडी का बाद का कार्यकाल केरल राज्य के लिए अद्वितीय विकास और प्रगति लेकर आया जो दुनिया भर में उनके समर्थकों के लिए हमेशा एक सपना बना रहेगा। ईश्वर आपकी आत्मा को शांति प्रदान करें। चांडी ने केरल की ईमानदारी और सम्मान के साथ सेवा की: IOCUSA वर्ष 1988 में IOC का उद्घाटन करने के बाद बोलते चांडी Image : IOC, USA IOCUSA के अनुसार चांडी एक ऐसे व्यक्ति थे जो लोगों की नब्ज समझते थे और परिस्थितियों की परवाह किए बिना मदद के लिए आगे आते थे। वह अद्भुत प्रतिभा के धनी थे। किसी चुनौती से कभी घबराये नहीं। demo Photo by Markus Winkler / Unsplash demo pic Image : social media ओमन चांडी की पहली अमेरिका यात्रा, 1988 Image : IOC, USA


16 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 24 जुलाई, 2023 l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क अमेरिका के टेक्सास राज्य में बीते दिनों महाराणा एसोसिएशन को लॉन्च किया गया। यह संगठन भारत के महान योद्धा महाराणा प्रताप से प्रेरित बताया जा रहा है, जिन्होंने स्वतंत्रता की रक्षा के लिए आक्रमणकारियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। इस लॉन्चग का िं र्यक्रम में 150 से अधिक भारतीय अमेरिकी समुदाय के सदस्य शामिल हुए थे। कार्यक्रम में शशि केजरीवाल, किरण चुक्कापल्ली, चतर सिंह तंवर समेत विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय समुदाय के नेताओं ने हिंदू समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियों और महाराणा प्रताप के जीवन द्वारा सिखाए गए मूल्यों को अपनाने की आवश्यकता के बारे में चर्चा की। कार्यक्रम में शामिल हुए इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड साइंसेज के प्रोफेसर और अध्यक्ष डॉ. बलराम सिंह ने संगठन की वैश्विक कार्यकारी समिति को शपथ दिलाई और अपने भाषण में समुदाय की सच्ची सेवा के लिए सेवक नेतृत्व की भूमिका पर जोर दिया। बता दें कि महाराणा प्रताप एसोसिएशन की अध्यक्ष रंभा सिंह एरिजोना स्थित एक सफल उद्यमी हैं और कई परोपकारी परियोजनाओं में शामिल हैं। वह भारत के उत्तरप्रदेश राज्य के वाराणसी में एक वंचित बच्चों के स्कूल का समर्थन करती हैं। उन्होंने भारत और अमेरिका में विभिन्न सामाजिक परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की है। वहीं संगठन के उपाध्यक्ष उदय सिंह सोलंकी वर्तमान में भारत के वडोदरा में रहते हैं और समुदाय के लिए महत्वपूर्ण कारणों का समर्थन करते हैं। संगठन द्वारा जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार महाराणा प्रताप की विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए दुनिया भर में आयोजित किए जा रहे कई कार्यक्रमों की श्रृंखला में से यह अपनी तरह का पहला कार्यक्रम था। संगठन ने बताया कि स्वयंसेवकों को शामिल करने के लिए भारत और अमेरिका दोनों में स्थानीय, राज्य और क्त्षेरीय चैप्टर शुरू करने की योजना है। संगठन व्यापक पहुंच के लिए समान विचारधारा वाले व्यक्तियों और संगठनों के साथ साझेदारी के लिए भी खुला है। महाराणा एसोसिएशन की वेबसाइट अभी निर्माणाधीन है और इसका उपयोग सदस्यता कार्यक्रम शुरू करने के लिए किया जाएगा। संगठन ने संकटग्रस्त परिवारों की सहायता और सामान्य सहायता के लिए एक हेल्पलाइन नंबर (760-332-8177) भी लॉन्च किया है। महाराणा प्रताप के जीवन-मूल्यों का प्रचार-प्रसार करेगी टेक्सास की यह एसोसिएशन महाराणा प्रताप की विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए दुनिया भर में आयोजित किए जा रहे कई कार्यक्रमों की श्रृंखला में से यह अपनी तरह का पहला कार्यक्रम था। स्वयंसेवकों को शामिल करने के लिए भारत और अमेरिका दोनों में स्थानीय, राज्य और क्षेत्रीय चैप्टर शुरू करने की योजना है। महाराणा प्रताप एसोसिएशन की अध्यक्ष रंभा सिंह एरिजोना स्थित एक सफल उद्यमी हैं। Image Supplied l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क हाल ही में रिलीज हुई हॉलीवुड फिल्म ‘ओपेनहाइमर’ में प्राचीन हिंदू ग्रंथ ‘भगवद गीता’ को अपमानजनक तरीके से पेश किए जाने से हिंदू समुदाय में भारी नाराजगी है। भारत ही नहीं, अमेरिका में भी हिंदू संगठनों और नेताओं ने इसकी कड़ी आलोचना की है। अमेरिका के नेवादा में प्रतिष्ठित हिंदू राजनेता राजन जेड ने एक बयान में कहा कि पवित्र भगवद गीता और भगवान कृष्ण हिंदू धर्म में बेहद पूजनीय हैं। उनके प्रति इस तरह की अश्रद्धा और तुच्छता अनुचित है और भक्तों को काफी परेशान करने वाली है। यूनिवर्सल सोसाइटी ऑफ हिंदुइज्म के अध्यक्ष जेड ने फिल्म के निर्देशक क्रिस्टोफर नोलन और प्रोडक्शन कंपनी यूनिवर्सल पिक्चर्स से आपत्तिजनक संदर्भों को संपादित करने का आग्रह करते हुए कहा कि इसे उचित और गरिमापूर्ण तरीके से चित्रित किया जाना चाहिए। उनका कहना है कि व्यावसायिक और अन्य एजेंड के तहत े हिंदू ग्रंथों, देवताओं या प्रतीकों, अवधारणाओं या प्रतीकों का अनुचित उपयोग ठीक नहीं है। इससे अनुयायियों की भावनाएं आहत हुई हैं। यह हिंदू धर्म की गरिमा को कम करता है। राजन जेड ने कहा कि हम भौतिक विज्ञानी जूलियस रॉबर्ट ओपेनहाइमर की हिंदू ग्रंथों में गहरी रुचि और संस्कृत के प्रति उनके रुझान की सराहना करते हैं लेकिन क्रिस्टोफर नोलन और यूनिवर्सल पिक्चर्स को उनके ऊपर फिल्म बनाते समय पवित्र हिंदू ग्रंथ के साथ परिपक्वता से पेश आना चाहिए था। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म लगभग 1.2 अरब अनुयायियों और समृद्ध दार्शनिक विचारों के साथ दुनिया का सबसे पुराना और तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। इसकी गरिमा का ध्यान रखा जाना चाहिए। हिंदू धर्म ही क्यों, किसी भी धर्म के प्रतीकों के साथ गलत व्यवहार नहीं होना चाहिए। जेड ने कहा कि भगवद-गीता, भगवान कृष्ण या अन्य देवताओं के बारे में फिल्में बनाने के लिए हॉलीवुड का स्वागत है लेकिन फिल्म में उन्हें सम्मान के साथ पेश किया जाना चाहिए। राजन जेड ने सुझाव दिया कि हॉलीवुड के अधिकारियों को धार्मिक और सांस्कृतिक संवेदनशीलता की ट्रेनिंग लेने के लिए भेजा जाना चाहिए ताकि उन्हें दर्शकों और समुदायों की भावनाओं की समझ हो। उन्होंने कहा कि अगर ओपेनहाइमर के निर्माताओं या हॉलीवुड के अन्य अधिकारियों को हिंदू धर्म से संबंधित मुद्दों पर किसी विशेषज्ञता की आवश्यकता है तो वह खुद और अन्य हिंदू विद्वान खुशी-खुशी सहयोग करेंगे। अमेरिका के नेवादा में प्रतिष्ठित हिंदू राजनेता राजन जेड ने एक बयान में कहा कि पवित्र भगवद गीता और भगवान कृष्ण हिंदू धर्म में बेहद पूजनीय हैं। उनके प्रति इस तरह की अश्रद्धा और तुच्छता अनुचित है और भक्तों को काफी परशे ान करने वाली है। प्रतिष्ठित हिंदू राजनेता राजन जेड ने फिल्म निर्माता से आपत्तिजनक दृश्यों को संपादित करने का आग्रह किया है। फोटो ट्विटर @rajanzedआरोप है। फिल्म ‘ओपेनहाइमर’ में भगवद गीता का अपमान! हिद ं ुओं में नाराजगी


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18 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 24 जुलाई, 2023 l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क अमेरिका में एक भव्य हिंदू मंदिर का निर्माण रोकने की गहरी साजिश का पर्दाफाश करने का दावा किया गया है। राजस्थान उच्च न्यायालय के अधिवक्ता हेमंत नाहटा और आदित्य एसबी सोनी ने पत्थर तराशने वाले कुछ कारीगरों के हवाले से यह दावा किया है। नाहटा और सोनी ने भारतीय मजदूर संघ और पत्थर घढ़ाई संघ जैसे श्रमिक संघों के माध्यम से जानकारी देते हुए कहा कि अमेरिका में हिंदू आस्था और भारतीय संस्कृति के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय साजिश के तहत पहले इन कारीगरों को भी साजिश में सहयोगी बनाया गया था। लेकिन कई कारीगरों ने विद्रोह कर दिया और मंदिर के खिलाफ अमेरिकी अदालत में दायर दीवानी शिकायत से पीछ हे टने का फैसला कर लिया। अधिवक्ता आदित्य एसबी सोनी ने 25 से अधिक कारीगरों के अधिकत वकील के रूप में ृ बयान देते हुए कहा कि इन कारीगरों ने न्यू जर्सी के रॉबिन्सविले शहर में बन रहे बीएपीएस हिंदू मंदिर में स्वयंसेवक के रूप में पत्थर का काम किया है। इनमें से 12 स्वयंसेवकों पर न्यू जर्सी की अदालत में वादी के रूप में शामिल होने का दबाव डाला गया था। शिकायत के आधार पर एफबीआई 11 मई 2021 को मंदिर में आई और ‘मानव तस्करी’ का आरोप लगाते हुए कई स्वयंसेवकों को ले गई। पुलिस ने मंदिर में काम कर रहे 134 कारीगरों में से 110 को हटा दिया। इनमें से कुछ ने अब वकील सोनी से संपर्क किया है। इनका आरोप है कि अमेरिका में स्वाति सावंत नामक एक वकील ने उन्हें शिकायत करने के लिए गुमराह किया था। स्वाति और उनके साथियों ने मंदिर प्रबंधन के खिलाफ शिकायत करने के लिए उन्हें झूठे प्रलोभन भी दिए। दावा है कि ये कारीगर कई वर्षों से भारत और अमेरिका में बीएपीएस मंदिरों के लिए सेवाएं दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने कभी किसी दबाव, जातिवाद या भेदभाव का अनुभव नहीं किया। कारीगरों ने स्वेच्छा से मंदिर को बनाने में मदद के लिए अमेरिका जाने का फैसला किया। अधिवक्ता आदित्य एसबी सोनी ने बताया कि मंदिर ने इन स्वयंसेवकों को विमान टिकट, अमेरिका में रहने, कपड़े, स्वास्थ्य देखभाल और दवाएं आदि सभी सहायता और सुविधाएं प्रदान कीं। भारत में उनके परिजनों को भी सहायता दी गई। आदित्य एसबी सोनी ने दावा किया कि कारीगर सच्चाई बताने से डरते थे क्योंकि उन्हें धमकी दी गई थी कि अमेरिकी पुलिस में उनकी रिपोर्ट कर दी जाएगी। अगर उन्होंने सच्चाई का खुलासा किया तो सलाखों के पीछ डाल े दिया जाएगा। आरोप है कि स्वाति सावंत ने उन्हें अदालत में झूठा बयान देने के लिए राजी किया। बदले में अमेरिका की नागरिकता और भारी मात्रा में धन का वादा किया। प्रलोभनों के चलते 11 मई 2021 को कई कारीगर एफबीआई के साथ चले गए, लेकिन जब उन्हें पता चला कि उन्हें मंदिर के ऊपर झूठे आरोप लगाने की जरूरत पड़ेगी, तब उन्हें एहसास हुआ कि वे एक साजिश में फंस गए हैं। इसके बाद एक दर्जन ‘वादियों’ ने शिकायत वापस लेने और मामले से हटने का फैसला किया। आदित्य सोनी से अमेरिकी अदालतों और वकीलों को सूचित करने में मदद मांगी। इन्होंने स्वेच्छा से अपना दावा वापस ले लिया है। अधिवक्ता ने सबूत के तौर पर स्वयंसेवक कारीगरों के नोटरीकत हल ृ फनामे, वीडियो टेप साक्षात्कार और बयान भी दिखाए हैं। न्यू जर्सी: मंदिर के खिलाफ साजिश? कारीगरों ने ही किया खुलासा राजस्थान उच्च न्यायालय के अधिवक्ता हेमंत नाहटा और आदित्य एसबी सोनी ने पत्थर तराशने वाले कुछ कारीगरों के हवाले से अमेरिका में हिंदू आस्था और भारतीय संस्कृति के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय साजिश का दावा किया है। उन्होंने कहा कि कारीगर सच्चाई बताने से डर गए, क्योंकि उन्हें पुलिस की धमकी दी गई थी। l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क भारत के कई राज्यों में इन दिनों बारिश और बाढ़ ने लोगों को संकट में डाला हुआ है। ऐसे में बाढ़ग्रस्त लोगों की मदद के लिए हर स्तर पर मदद भी मिल रही है। इसी क्रम में भारतीय अमेरिकी उद्यमी और परोपकारी सनी गुरप्रीत सिंह द्वारा स्थापित राउंडग्लास फाउंडेशन उत्तर भारत के बाढ़ग्रस्त राज्य पंजाब के प्रभावित क्त्षेरों में फंसे व्यक्तियों को आवश्यक आपूर्ति पहुंचा रहा है। तीन दिनों की लगातार बारिश से आई बाढ़ ने पंजाब में भी बड़े पैमाने पर विनाश किया है तथा जीवन, संपत्ति और आजीविका को नुकसान पहुंचाया है। राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक बाढ़ के कारण 11 लोगों की जान चली गई और 14 जिलों के 1,058 गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। बाढ़ के चलते हजारों घर और एकड़ फसल पानी में डूब चुकी है। सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं और बिजली-पानी की आपूर्ति बाधित है। हाल ही में पंजाब के मोहाली स्थित राउंडग्लास फाउंडेशन ने फतेहगढ़ साहिब, पटियाला, रोपड़ और एसएएस नगर जिलों के सबसे अधिक प्रभावित गांवों में खाद्य सामग्री के 1,000 पैकेट बांटे। इसके साथ ही पानी की बोतलें भी हर घंटेवितरित की जा रही हैं। इन चार जिलों में बाढ़ से लगभग 650,000 लोग प्रभावित हुए हैं। संकट के इन हालात में राज्य को राहत कार्यों की सख्त जरूरत है। ऐसे में कई निजी संगठन राहत प्रयासों में सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद सुनिश्चित की जा सके। राउंडग्लास फाउंडेशन के संस्थापक विशाल चौला ने बताया कि फिलहाल हमारा पूरा ध्यान इन क्त्षेरों में बाढ़ से प्रभावित सभी लोगों तक खान-पान की सामग्री पहुंचाने पर है। इसके अलावा तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने पर भी ध्यान दिया जा रहा है। संगठन का दावा है कि राउंडग्लास फाउंडेशन ने पर्यावरण, अपशिष्ट प्रबंधन, बच्चों की शिक्षा, खेल विकास और महिला सशक्तिकरण में अपने काम के माध्यम से पंजाब के 1,800 गांवों में 17 लाख से अधिक लोगों को मदद पहुंचाई है। राउंडग्लास फाउंडेशन ने बाढ़ प्रभावित पंजाब के लोगों को पहुंचाई मदद मदिं र के खिलाफ शिकायत में कारीगरों को इस्तेमाल करने का आरोप है। बीएपीएस स्वामीनारायण मदिं र। फोटो साभार सोशल मीडिया राउंडग्लास फाउंडेशन के संस्थापक विशाल चौला ने बताया कि फिलहाल हमारा पूरा ध्यान इन क्षेत्रों में बाढ़ से प्रभावित सभी लोगों तक खान-पान की सामग्री पहुंचाने पर है। बाढ़ के चलते हजारों घर और एकड़ फसल पानी में डूब चुकी है। सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं औरबिजली-पानी की आपूर्ति बाधित है। बाढ़ग्रस्त लोगों को मिली मदद। Image : twitter@RoundGlass Foundation


न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 24 जुलाई, 2023 19 प्रिय पाठकगण कुछ कहना चाहते है? न्यू इंडिया अब्रॉड आपकी प्रतिक्रिया हमारे लिए प्रेरणादायी है। वेबसाइट/ई-पेपर में प्रकाशित होने वाले समाचार, कॉलम और विचार या भारतीय प्रवासियों से संबंधित किसी भी मुद् पर आपक दे ी राय या आलोचना। हम सभी का स्वागत करते हैं। अपने विचार भेजें, हम उसे अवश्य प्रकाशित करेंगे। संपादक के नाम पत्र लिखें 5,30,000 डॉलर जुटा बोले अमीश शाह, कांग्स के रे लिए बुलंद करेंगे आवाज l विशेष संवाददाता अमेरिका में एरिजोना राज्य के भारतीयअमेरिकी प्रतिनिधि अमीश शाह ने कांग्रेस के लिए चुनाव लड़ने के अपने अभियान के तहत शुरुआती तिमाही में व्यक्तिगत दानदाताओं से 530,000 डॉलर से अधिक की धनराशि जुटाई है। इन दाताओं में से 75% से अधिक एरिजोना से हैं। शाह ने कहा कि मैं उन सभी लोगों का आभारी हूं जिन्होंने हमारे अभियान में योगदान दिया। मुझे उम्मीद है कि मैं अपनी सेवा से उन्हें गौरवान्वित कर सकता हूं। डेमोक्रेट अमीश शाह एक डॉक्टर हैं और वर 2019 से एरिजोना हाउस ऑ ्ष फ रिप्रेजेंटेटिव्स के सदस्य के रूप में फीनिक्स क्षेत्र में जिलों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। वह राज्य प्रतिनिधि सभा के सदस्य के रूप में अपना तीसरा कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस में जाकर और भी अधिक प्रभाव डालना चाहते हैं और अपने क्षेत्र की आवाज को और बुलंद करना चाहते हैं। यह सीट वर्तमान में रिपब्लिकन डेविड श्वेइकर्ट के पास है। शाह का कहना है कि स्टेट हाउस के लिए मेरे सभी तीन पूर्व सफल अभियानों के समान यह अभियान हमारे प्रसिद्ध और प्रशंसित डोर-टू-डोर दृष्टिकोण, लोगों की चिंताओं को सुनने की इच्छा, एक सकारात्मक संदेश और रचनात्मक संवाद पर जोर देने के साथ सार्वजनिक सेवा पर केंद्रित है। शाह के मुताबिक धन जुटाने की उपलब्धि अभियान में यह सिर्फ पहला मील का पत्थर है। लेकिन यह पूरे जिले में उनके संदेश को प्रभावी ढग से ं प्रसारित करने की उनकी क्षमता को दर्शाता है। एरिजोना हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स में पांच वर्षों में डॉ शाह ने एरिजोना के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए अपने गहरे सामुदायिक जुड़ाव और व्यापक मतदाता संबंधों का बखूबी इस्तेमाल किया है। एरिजोना प्रतिनिधि सभा में अपने समय के दौरान डॉ शाह ने एक दशक से अधिक समय में किसी भी डेमोक्रेट की तुलना में कानून में अधिक बिलों पर हस्ताक्षर किए हैं। शिकागो में जन्मे और पले-बढ़े शाह के माता-पिता इंजीनियरिंग के छात्र थे जो 1960 के दशक में भारत से आकर बस गए थे। अमिश शाह ने 20 से अधिक वर्षों तक चिकित्सा का अभ्यास भी किया है। वह वर्तमान में एरिजोना के मेयो क्लिनिक में एक आपातकालीन चिकित्सक के रूप में अभ्यास कर रहे हैं। उन्हें एक दर्जन से अधिक पुरस्कार मिले हैं। शाह ने नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी में स्नातक की डिग्री हासिल की है। मेडिकल एजुकेशन में ऑनर्स प्रोग्राम के हिस्से के रूप में नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी मेडिकल स्कूल में अपनी मेडिकल डिग्री हासिल की है। इसके साथ ही कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले में सार्वजनिक स्वास्थ्य में मास्टर डिग्री उनके पास है। अमीश शाह ने कांग्स के रे लिए चुनाव लड़ने के अपने अभियान के तहत धनराशि जुटाई है। डमो े क्रेट अमीश शाह एक डॉक्टर हैं और वर्ष 2019 से एरिजोना हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के सदस्य के रूप में फीनिक्स क्षेत्र में जिलों का प्रतिनिधित्व कररहे हैं। अमीश शाह अपने समरकों के सा ्थ थ। फोटो: @DrAmishShah


H1B वीजा पर संघ ने रखी मांग, राजा कृष्णमूर्ति ले आए यह अधिनियम! l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क अमेरिका में ज्यादातर भारतीय-अमेरिकियों के स्वामित्व और संचालन वाली 2,100 से अधिक छोटी और मध्यम आकार की आईटी कंपनियों के एक संघ ने सांसदों से देश में उच्च कुशल कार्यबल की भारी कमी को दूर करने के लिए H-1B कोटा को मौजूदा 65,000 से दोगुना करने का आग्रह किया है। ITServe नाम के संगठन के 240 से अधिक सदस्य बीते दिन पहली बार व्यक्तिगत रूप से कांग्रेस एडवोकेसी ड के े लिए यूएस कैपिटल में एकत्र हुए, जहां उन्होंने कांग्रेसियों और सीनेटरों तक से मुलाकात की ताकि उन्हें अत्यधिक कुशल कार्यबल की भारी कमी के बारे में जानकारी दी जा सके। उन्होंने कहा कि अत्यधिक कुशल कार्यबल की कमी उनके कारोबार और सामान्य तौर पर अमेरिकी लाभ को प्रभावित कर रही है। H-1B वीजा की संख्या वर्तमान में 65,000 से बढ़ाकर 130,000 प्रति वर क्ष रने के अलावा संगठन ने सांसदों से अमेरिका में STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) शिक्षा में निवेश बढ़ाने का भी आग्रह किया है, ताकि देश के भीतर ही कुशल बल को विकसित किया जा सके। वहीं ITServe की मांग से मेल खाते हुए भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसी राजा कृष्णमूर्ति ने मंगलवार को रोजगार के लिए उच्च-कुशल आप्रवासन सुधार यानी High-Skilled Immigration Reform for Employment (HIRE) अधिनियम पेश किया है। यह अधिनियम नौकरियों के लिए जरूरी कौशल को पूरा करेगा, साथ ही अमेरिकी प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल के शिक्षा कार्यक्रमों को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त धनराशि प्रदान करने में भी मदद करेगा ताकि कौशल अंतर को कम किया जा सके। इतना ही नहीं इस अधिनियम से H-1B वीजा की मौजूदा संख्या 65,000 से दोगुना कर 130,000 करने की अनुमति देगा। इससे महत्वपूर्णप्रौद्योगिकी क्त्षेरों सहित अमेरिकी नियोक्ता दुनिया भर से सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को आकर्षित करेंगे। कृष्णमूर्ति ने कहा है कि नौकरियां पैदा करने और भविष्य की अर्थव्यवस्था का निर्माण करने के लिए हमें दुनिया भर से सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को आकर्षित करते हुए अपने घरेलू कार्यबल को विकसित करके प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे बढ़ने की आवश्यकता है। वहीं ITServe एलायंस के अध्यक्ष विनय महाजन ने कहा कि अमेरिका को प्रौद्योगिकी और नवाचार में अपना नेतृत्व बनाए रखने की जरूरत है। बता दें कि H-1B वीजा एक गैर-आप्रवासी वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी श्रमिकों को विशेष व्यवसायों में नियुक्त करने की अनुमति देता है जिनके लिए सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर साल हजारों कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए इस पर निर्भर हैं। ITServe की मांग से मेल खाते हुए भारतीय-अमेरिकी कांग्सी रे राजा कृष्णमूर्ति ने मंगलवार को रोजगार के लिए उच्च-कुशल आप्रवासन सुधार यानी High-Skilled Immigration Reform for Employment (HIRE) अधिनियम पेश किया है। निक्की, रामास्वामी के लिए अगली बहस क्यों होगी अहम? l विशेष संवाददाता अमेरिका में 2024 में होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी की ओर से उम्मीदवारी के दो दावेदार हैं भारतीय मूल की निक्की हेली और विवेक रामास्वामी। दोनों ही मिल्वौकी में 23 अगस्त को होने वाली पहली रिपब्लिकन प्राइमरी बहस के लिए क्वॉलिफाई करने की राह पर हैं। बहस के दौरान हेली और रामास्वामी का सामना पूर्वराष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डसैंे टिस, दक्षिण कैरोलिना के सीनेटर टिम स्कॉट और न्यू जर्सी के पूर्व गवर्नर क्रिस क्रिस्टी से होगा। इनके अलावा माइक पेंस, विल हर्ड, डग बर्गम, आसा हचिंसन, रयान बिंकले, फ्रांसिस सुआरेज और लैरी एल्डर सहित कई अन्य उम्मीदवार अभी भी क्वॉलिफाइंग पर काम कर रहे हैं। मिल्वौकी में 23 अगस्त को होने वाली बहस को रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के लिए एक-दूसरे के साथ जुड़ने और मतदाताओं को अपनी ताकत दिखाने के अवसर के रूप में देखा जाता है। रिपब्लिकन नेशनल कमेटी ने जून में उम्मीदवारों को धन जुटाने और बहस में भाग लेने की स्थिति को लेकर कुछ शर्तें तय की थीं। उम्मीदवारों को तीन राष्ट्रीय चुनावों में कम से कम 1% या दो राष्ट्रीय चुनावों में 1% और समिति द्वारा मान्यता प्राप्त दो राज्यों से प्रारभिं क राज्य चुनाव से 1% मतदान करना होगा। उम्मीदवारों को कम से कम 40,000 दानदाताओं को भी रखना होगा। प्रति राज्य कम से कम 200 दान दाताओं के साथ इन्हें पार्टी के उम्मीदवार का समर्थन करने के लिए सहमत होने की प्रतिज्ञा पर हस्ताक्षर कराना होगा। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत के रूप में ट्रंप के तहत राष्ट्रपति कैबिनेट में सेवा देने वाली पहली भारतीय अमेरिकी निक्की हेली बहस के लिए आवश्यकताओं को पूरा करने की राह पर हैं। निक्की हेली का कहना है कि वह बहस के मंच पर आने के लिए उत्सुक हैं। बायोटेक्नोलॉजी उद्यमी विवेक रामास्वामी की प्रवक्ता ट्रिसिया मैकलॉघलिन के अनुसार, उन्होंने भी बहस के मानदंडों को पूरा किया है। ट्रिसिया का कहना है कि रामास्वामी के पास 65,000 दानदाता हैं। सर्वेक्षण के मुताबिक रामास्वामी को जीओपी मतदाताओं से 8% समर्थन मिला है, जो पूर्व उपराष्ट्रपति माइक पेंस से आगे हैं। मॉर्निंग कंसल्ट के एक सर्वेक्षण के अनुसार, रिपब्लिकन उम्मीदवारी की दौड़ में सबसे आगे चल रहे ट्प को संभा रं वित रिपब्लिकन मतदाताओं का 56 प्रतिशत समर्थन प्राप्त है। वह अन्य राष्ट्रीय और राज्य चुनावों में पहले स्थान पर हैं। रिपब्लिकन प्राइमरी चुनावों में ट्प से पीछ रं े चल रहे डेसैंटिस ने अपनी उम्मीदवारी के पहले छह हफ्तों के दौरान दो करोड़ डॉलर से अधिक की राशि जुटाई है। जून के अंत तक उनके पास करीब 50,000 दानदाता हैं। ITServe की मांग से मेल खाता एक अधिनियम कांग्सरे ी राजा कृष्णमर्ति ू ने अधिनियम पेश किया है। भारतीय मूल की निक्की हेली और विवेक रामास्वामी। फोटो : @gachivision मिल्वौकी में 23 अगस्त को होने वाली बहस को रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के लिए एक-दूसरे के साथ जुड़ने और मतदाताओं को अपनी ताकत दिखाने के अवसर के रूप में देखा जाता है। भारतीय मूल की निक्की हेली औरविवेक रामास्वामी पहली रिपब्लिकन प्राइमरी बहस के लिए क्वॉलिफाई करने की राह पर हैं। 20 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 24 जुलाई, 2023 classified [email protected] Book Your


न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 24 जुलाई, 2023 21


22 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 24 जुलाई, 2023 l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क न्यूयॉर्क के क्वींस में 61वीं स्ट्रीट और ब्रॉडवे चौराहे को आधिकारिक तौर पर डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर-वे के रूप में नामित किए जाने की घोषणा ने मुझे खुशी और गर्व से भर दिया। औपनिवेशिक भारत में हाशिए पर पड़े समुदाय में पैदा होने और अपने पूरे जीवन में भेदभाव और सामाजिक बहिष्कार का सामना करने के बावजूद डॉ. अंबेडकर उत्पीड़ित लोगों के अधिकारों के मसीहा बन गए। विशेष रूप से अनुसूचित जाति से संबंधित लोगों के लिए, जो भारत के सबसे सामाजिकआर्क रूप से वं थि चित लोग हैं। जाति-आधारित भेदभाव के खिलाफ उनके अथक संघर औ्ष र भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने में उनकी भूमिका ने भारत में सामाजिक न्याय के वास्तुकार के रूप में उनकी विरासत को मजबूत किया है। बाबासाहेब बॉम्बे विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र और राजनीति में बीए करने के बाद, जुलाई 1913 में कोलंबिया विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने के लिए न्यूयॉर्क आए थे। बाबासाहेब के शिक्षक कृष्णजी अर्जुन केलुस्कर के प्रयासों से बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ ने उन्हें तीन साल के लिए 11.50 ब्रिटिश पाउंड प्रति माह की छात्रवृत्ति दी थी। उन्होंने अमेरिका में तीन साल बिताए। देश में उनके नाम पर एक सड़क का नाम होना, वाकई एक उचित श्रद्धांजलि है। समान अधिकारों और अवसरों को प्राप्त करने की इच्छा रखने वाले प्रत्येक अमेरिकी कार्यकर्ता को सामाजिक न्याय प्राप्त करने के लिए डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के संतुलित, सूक्ष्म और देशभक्ति पूर्ण दृष्टिकोण का अध्ययन करना चाहिए। यह लेख वर्तमान अमेरिका में सामाजिक न्याय प्राप्त करने के लिए अम्बेडकर की पद्धति की प्रयोज्यता का पता लगाने का मेरा प्रयास है। सशक्तिकरण की नींव के रूप में शिक्षा अंबेडकर ने सामाजिक असमानताओं को खत्म करने में शिक्षा के महत्व को पहचाना। अंबेडकर का दृष्टिकोण सामाजिक-आर्क पृ थि ष्ठभूमि या जाति के बावजूद गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक समान पहुंच प्रदान करने की आवश्यकता पर जोर देता है। अमेरिका में शिक्षा की खाई को पाटने, वंचित क्त्षेरों में शैक्षिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाने चाहिए कि सभी छात्रों को ऐसी शिक्षा प्राप्त हो जो उन्हें सफल होने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करे। कानून के अलावा, अगर संपन्न अमेरिकियों द्वारा वंचित स्कूलों में जमीनी स्तर पर स्वयंसेवा के प्रयास किए जाएं तो इसके जबरदस्त परिणाम होंगे। सकारात्मक कारवाई और आर ्र क्षण नीतियां अंबेडकर ने हाशिए पर पड़े समुदायों के साथ ऐतिहासिक अन्याय को दूर करने के लिए सुधारात्मक और सकारात्मक कार्रवाई की नीतियों और आरक्षण की जोरदार वकालत की। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए जाति-आधारित प्राथमिकताओं को समाप्त कर दिया है, लेकिन एथलीट, संकाय से संबंधित लोगों, छात्रों और प्रमुख दाताओं के लिए वरीयताओं को बरकरार रखा है। यह वंचितों के निरंतर कठिन संघर को उजाग ्ष र करता है। अंतर्निहित और स्पष्ट पूर्वाग्रहों के कारण बाधाएं काफी आम हैं। वंचितों को गरीबी और हाशिए से आजादी दिलाने के लिए अमेरिका में कार्यक्रमों को तैयार और कार्यान्वित किया जाना चाहिए। जमीनी स्तर के आंदोलनों को सशक्त बनाना सामाजिक न्याय के लिए अंबेडकर का संघर जमीनी ्ष आंदोलनों को लेकर उनके विश्वास से प्रेरित था। वर्तमान अमेरिकी संदर्भ में, ब्लैक लाइव्स मैटर, एलजीबीटीक्यू + अधिकारों की वकालत और महिला अधिकार अभियान जैसे सामाजिक आंदोलन डॉ. अंबेडकर की समावेशी दृष्टि के समान ही भेदभाव के विभिन्न रूपों के परस्पर संबंध पर जोर देते हैं। विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग सहित समाज के सभी वर्गों के लोगों के इन आंदोलनों में भागीदारी महत्वपूर्ण है। यह डॉ. अंबेडकर को अपने मिशन को संगठित करने और बनाए रखने के लिए तथाकथित उच्च जातियों की मदद स्वीकार करने की समानता देता है। धीरे-धीरे पूर्वनिर्धारित धारणाओं की बाधाओं को खत्म करके, हाशिए के समूहों की आवाज़ों को सशक्त बनाकर, नागरिक भागीदारी को प्रोत्साहित करके और एकजुटता बढ़ाकर अमेरिका एक अधिक समावेशी समाज की ओर प्रगति कर सकता है। भेदभाव को खत्म करना भेदभाव चाहे जाति, वंश, धर्म या लिंग के आधार पर हो या किसी दूसरे रूप में, यह पूरे राष्ट्र को नुकसान पहुंचाता है। इसमें किसी न किसी स्तर पर उत्पीड़ित और यहां तक कि उत्पीड़क भी शामिल होते हैं। आंबेडकर के तरीके को लागू करने में गहरे पूर्वाग्रहों को उजागर करना और समाज में भेदभाव को बढ़ावा देने वाले पूर्वाग्रहों को हवा देना शामिल है। व्यक्तिगत पारिवारिक स्तर पर जागरूकता, शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को सचेत रूप से बढ़ावा देकर, अमेरिका भेदभावपूर्ण प्रथाओं को खत्म करने और विभिन्न समुदायों के बीच सद्भाव को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर सकता है। हाशिए पर पड़े समुदाय के परिवारों को उत्सव के दौरान अपने घर पर आमंत्रित करना, सोशल मीडिया पर सामाजिक सद्भाव पर जोर देने की तुलना में ज्यादा बेहतर साबित होगा। शिक्षा, सकारात्मक कार्रवाई, कानूनी सुधार, जमीनी स्तर पर सशक्तिकरण और भेदभाव के उन्मूलन के माध्यम से सामाजिक न्याय प्राप्त करने के लिए डॉ. अंबेडकर की विधि समकालीन संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करती है। इन सिद्धांतों को अपनाकर, अमेरिका एक ऐसा समाज बनाने का प्रयास कर सकता है जहां अवसर सुलभ हों, हाशिए के समुदायों को सशक्त बनाया जाए और समानता और न्याय प्रबल हो। सामूहिक प्रयास, कानून और समावेशिता के प्रति प्रतिबद्धता से अमेरिका एक अधिक न्यायसंगत भविष्य की ओर कदम बढ़ा सकता है। भारत में सामाजिक न्याय के लिए अंबेडकर के अथक संघर से ्ष प्रेरणा लेते हुए, हम अमेरिकी सभी के लिए समानता और न्याय के महान लक्ष्य को लगातार आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित हो सकते हैं। (मंदार ए पाटटेकर: एमडी, सेवानिवृत्त चिकित्सक, सामुदायिक आयोजक और स्वयंसेवक हिंदू आध्यात्मिक देखभाल प्रदाता हैं। पत्नी मुग्धा के साथ, उन्होंने पिछले 15 वर्षों में इलिनॉयस के पिओरिया में एक वंचित स्कूल में स्वेच्छा से ट्यूशन देने में सहायता की पेशकश की है और भोजन और शैक्षिक ड्राइव का आयोजन किया है। हिंदू स्वयंसेवक संघ, संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ उनकी सक्रिय भागीदारी, सामाजिक सद्भाव और सार्वभौमिक भाईचारे के सिद्धांतों के लिए उनकी प्रशंसा को दर्शाती है।) विशेष: वर्तमान अमेरिकी सामाजिक राजनीति में अंबेडकर की प्रासंगिकता मंदार ए पाटटेकर डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर। फोटो साभार सोशल मीडिया अंबेडकर ने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो समानता, न्याय और व्यक्तिगत अधिकारों के संरक्षण के सिद्धांतों को प्रतिष्ठापित करता है। इसी तरह, संयुक्त राज्य अमेरिका सभी नागरिकों, विशेष रूप से हाशिए पर पड़े समुदायों के अधिकारों की रक्षा करने वाले कानूनी ढांचे को मजबूत करने के लिए अंबेडकर के दृष्टिकोण से सीख सकता है। अमेरिका आपराधिक न्याय प्रणाली के भीतर भेदभावपूर्ण प्रथाओं को संबोधित करके एक अधिक न्यायपूर्ण समाज की दिशा में प्रयास कर सकता है, जैसे नकद जमानत प्रणाली और अनिवार्य न्यूनतम सजा। वे कानूनी प्रतिनिधित्व तक समान पहुंच सुनिश्चित कर सकते हैं और स्टॉप और सर्च जैसी अन्य नीतियों का पुनर्मूल्यांकन कर सकते हैं। काननूी सुधार और अधिकारों का संरक्षण: शिक्षा, सकारात्मक कार्रवाई, कानूनी सुधार, जमीनी स्तर पर सशक्तिकरण और भेदभाव के उन्मूलन के माध्यम से सामाजिक न्याय प्राप्त करने के लिए डॉ. अंबेडकर की विधि समकालीन संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करती है।


न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 24 जुलाई, 2023 23 Stay Ahead With Us! Email [email protected] Website www.NewIndiaAbroad.Com l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क अमेरिका में लाखों भारतीय हैं, जो गाय को पूजनीय मानते हैं। वे गाय की सेवा करना चाहते हैं लेकिन उनके पास गाय रखने की जगह या संसाधन नहीं होते क्योंकि उनमें से अधिकांश शहरों में रहते हैं। अब एक कंपनी इस मामले में अनोखी योजना लेकर आई है। जिसमें अमेरिकी भारतीय ‘अनोखे तरीके’ से गाय के मालिक बन सकते हैं और उसका लालन-पोषण भी कर सकते हैं। इस योजना को अनूठी माना जा रहा है। जल्लीकट्टू (Jallikkettu) आईएनसी नाम की इस भारतीय कंपनी का कहना है कि आप अमेरिका समेत कहीं भी रहकर गाय के मालिक बन सकते हैं, उसकी देखभाल कर सकते हैं और यही नहीं गाय और उसके बछड़ों को अपने परिवार और मान्यताओं का हिस्सा बना सकते हैं। कंपनी के चेयरमैन राजेश सुंदरराजन ने अमेरिका में कंपनी के निदेशक के थॉमस के साथ हाल ही में टाइम्स स्क्वायर पर नैस्डैक के सामने कंपनी के अमेरिका लॉन्च की घोषणा की। नैस्डैक की बड़ी स्क्रीन पर गाय फार्म का विशाल प्रदर्शन और कंपनी का विवरण पेश किया, जिसने कई लोगों को आकर्षित किया। कंपनी का नाम जल्लीकट्टू रखने के पीछे का उद्देश्य पशुपालन और कृषि को बढ़ावा देना है। भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने पहले जल्लीकट्टू खेल को जानवरों के प्रति क्रूरता बताते हुए प्रतिबंध लगा दिया था। काफी विरोध और कानूनी दांवपेच के बाद अदालत ने अपना फैसला रद्द कर दिया और कहा कि यह तमिल संस्तिकृ का हिस्सा है। जब कंपनी की स्थापना हुई, तो हमने लोकप्रिय नाम लिया क्योंकि इसका उद्देश्य पशुपालन और कृषि को बढ़ावा देना है। सुंदरराजन ने बताया कि भारत के लिए यह एक नई अवधारणा है, लेकिन इसमें जबरदस्त क्षमता है। तमिलनाडु सरकार परियोजना में मदद कर रही है। सरकार ने गायों के लिए फार्म स्थापित करने के लिए भूमि मुफ्त दी है। अन्य राज्य सरकारें और केंद्र सरकार जल्द ही इसमें शामिल हो सकती हैं, क्योंकि भारत में गाय पूजनीय है। गाय का मालिक बनने के लिए कितनी कीमत अदा करनी होगी, ये अभी तय किया जाना है। लेकिन एक बार जब गाय को जमीन के साथ खरीदा जाता है तो खरीदार उस गाय का मालिक बन जाता है। उसे गाय के रखरखाव के खर्चों को पूरा करना होता है। गाय का दूध मालिक को दूध पाउडर या दूध के रूप में दिया जा सकता है। सुंदरराजन ने बताया कि खरीदार और उनके परिजन जब भारत की यात्रा करें तो वे गाय और फार्म में जा खुद देख सकते हैं। फार्म आधुनिक सुविधाओं और योग्य कर्मचारियों से सुसज्जित हैं। कंपनी का मानना है कि अमेरिका में रहने वाले लाखों भारतीय गाय को दैवीय मानते हैं। लेकिन उनके पास गाय रखने का बहुत कम या कोई मौका नहीं है। उसका कारण यह है कि अधिकांश भारतीय शहरों में रहते हैं। दूसरे, गाय को पालने के लिए उसके अनुकल आवास की ू आवश्यकता होती है। ऐसे परिदृश्य में वे अभी भी एक गाय रख सकते हैं और उसकी देखभाल कर सकते हैं। भारतीयों में मान्यता है कि गऊ पालन से समृद्धि आती है। न्यूयॉर्क शहर के मेयर कार्यालय के उपायुक्त दिलीप चौहान ने कंपनी का न्यूयॉर्क में स्वागत करते हुए कहा कि वह खुद गाय का सम्मान करते हैं और इस अनूठी अवधारणा से भारतीय-अमेरिकी समुदाय को काफी अच्छा लगेगा। अंतर्रात्मा की आवाज: हाई स्कूल के छात्र ने की करुणा दिवस की शुरुआत l सुचित्रा श्रीनिवास करुणा, सौहार्द और मानवता के लिए यह दौर चुनौतीपूर्ण है। ऐसे में एक हाई स्कूल के छात्र द्वारा लोगों को दयालु बनने के लिए प्रेरित करना न केवल अहम है बल्कि काबिले- तारीफ भी है। न्यू जर्सी के एक हाई स्कूल छात्र ने अपने सहपाठियों के साथ मिलकर दयालुता दिवस की शुरुआत की है। और वह भी अंतर्आत्मा की आवाज पर। हाई स्कूल के छात्र आदित्य बाला न्यू जर्सी के ईस्ट विंडसर और हाईटस्टाउन टाउनशिप में ‘दयालुता दिवस’ ​​समारोह के पीछेप्रेरक शक्ति थे। बाला ने अधिकारियों से दयालुता के मूल्यों को उत्सवित और उजागर करने के लिए एक दिन निर्धारित करने का आग्रह किया था। ऐसा दिन जो लोगों को उनकी आसपास की दुनिया पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए एक आंतरिक आह्वान से प्रेरित हो। बाला ने न्यू इंडिया अब्रॉड को बताया कि देश भर में नफरत, आत्महत्या और बंदूक हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं। ऐसे में हमें कुछ सकारात्मक संदेश देने की जरूरत महसूस हुई। यह हमारे समुदाय में करुण भाव को पुनर्जीवित करने का एक प्रयास है। खासकर तब जब हममें से कई लोगों ने कोविड ​​​​के परिणामस्वरूप अलगाव को गहराई से अनुभव किया है। बाला ने इससे पहले स्कूल में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता अभियानों का समन्वय किया था। वह हाईटस्टाउन हाई स्कूल में एक कल्याण दिवस की योजना बनाने के प्रभारी थे जहां 1600 से अधिक हाई स्कूल के छात्रों ने विभिन्न कार्यशालाओं में भाग लिया और स्वस्थ जीवन को बढ़ावा देने के मार्ग पर विचार किया। बाला ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य की चुनौती केवल युवाओं तक ही सीमित नहीं है। मैं शहर के लिए दयालुता दिवस की स्थापना करके कल्याण दिवस को हमारे पूरे समुदाय तक विस्तारित करना चाहता था। अपने दोस्तों के साथ मैंने सोचा कि दयालुता के कार्यों पर विचार करने के लिए गतिविधियों के साथ एक समर्पित दिन बिताना शुरुआत करने के लिए एक अच्छा विचार होगा। शहर के लोग छात्रों के प्रयासों की शिनाख्त के लिए उत्सुक थे लिहाजा करुणा दिवस की घोषणा की गई। ईस्ट विंडसर की मेयर जेनिस एस. ने इस पहल की शुरुआत के लिए बाला और उसके साथियों की सराहना की। हालांकि निवासियों को पूरे वर दयालु ्ष रहने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है लेकिन यह दिन समुदाय को दूसरों को स्वीकार करने और दयालु होने पर ध्यान केंद्रित करने की राह दिखाता है। गाय को घर में रखे बिना करें उसकी सेवा, यह कंपनी लाई विशेष योजना बाला ने न्यू इंडिया अब्रॉड को बताया कि देश भर में नफरत, आत्महत्या और बंदूक हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं। ऐसे में हमें कुछ सकारात्मक संदेश देने की जरूरत महसूस हुई। यह हमारे समुदाय में करुण भाव को पुनर्जीवित करने का एक प्रयास है। टाइम्स स्क्वायर पर नैस्डैक के सामने कंपनी की लॉन्चिंग की गई। न्यूयॉर्क शहर के मये र कार्यालय के उपायक्तु दिलीप चौहान ने कंपनी का न्यूयॉर्क में स्वागत किया। करुणा दिवस के मौके पर अपने साथियों के साथ आदित्य बाला। (बाएं से दूसरे) Image : NIA जल्लीकट्टू (Jallikkettu) आईएनसी नाम की इस भारतीय कंपनी का कहना है कि आप अमेरिका समेत कहीं भी रहकर गाय के मालिक बन सकते हैं, उसकी देखभाल कर सकते हैं और यही नहीं गाय और उसके बछड़ों को अपने परिवार और मान्यताओं का हिस्सा बना सकते हैं।


24 न् यू इंडिया अब्रॉड सोमवार, 24 जुलाई, 2023 l रोशमिला भट्टाचार्य 22 जुलाई 1923 को मुकेश चंद माथरु का जन्म दिल्ली में रहने वाले जोरावर और चद्राणी माथरु के घर पर हुआ। आज इस बात को 100 साल पूरे हो चुके हैं और वही मुकेश चंद माथरुहिंदी सिनेमा के गोल्डन वॉयस के रूप में जाना जाते हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं गायक मुकेश की। उनकी जन्मशती पर हम आपके सामने लेकर आए हैं कुछ यादगार किस्से और कहानियां जो मुकेश से जुड़े आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ा देंगी। आज मुकेश एक महान गायक के रूप में अमर हैं लेकिन उन्होंने एक अभिनेता के रूप में अपनी शुरुआत साल 1941 की म्यूजिकल थ्रिलर निर्दोश से की थी। यह फिल्म बहुत प्यार करने वाले एक जोड़े के इर्द-गिर्द घूमती है। इस फिल्म में प्रेमी को उस अपराध के लिए दोषी ठहराया जाता है जो उसने किया ही नहीं था। उनकी रोमांटिक जोड़ी नलिनी जयवंत के साथ थी। नलिनी जयवंत ने बाद में फिल्म के निर्देशक वीसी देसाई से शादी कर ली थी। मुकेश ने इस फिल्म के लिए अपना पहला सोलो ‘दिल ही बुझा हुआ हो तो फसल-ए-बहार क्या’ गाया था। इसके अलावा उन्होंने कपल गीत ‘मैं परी हूं’ भी रिकॉर्डकिया था। हालांकि इस गाने में उन्हें सिर्फ दो पक्तियां ही गाने को मिली थीं। इस फिल्म में अशोक घोष की एक अन्य रचना ‘तुम्ही ने मुझको प्रेम सिखाया’ भी था। निर्दोश के बाद मुकेश ने आधा दर्जन अन्य फिल्मों में भी अभिनय किया जिनमें दुख सुख, अदब अर्ज, आह, माशूका, अनुराग और दुल्हन शामिल हैं। इन फिल्मों में अधिकतर 40 और 50 के दशक में रिलीज हुईं जबकि दुल्हन 1976 में रिलीज हुई। इस फिल्म में हेमा मालिनी और जीतेंद्र मुख्य भूमिका में थे। खैर 1945 में आई फिल्म ‘पहली नजर’ में उन्होंने एक गाना गाया जिससे उनके करियर की दिशा बदल गई। यह फिल्म एक त्रिकोणीय प्रेम संबंध पर आधारित थी जिसमें कलाकार मोतीलाल का किरदार पहली नजर में मुनव्वर सुल्तान से प्यार कर बैठता है और वीना के साथ तय रिश्ते को ठुकरा देता है। मोतीलाल के इस कदम से दोनों लड़कियों के परिवारों के बीच झगड़ा पैदा हो जाता है। फिल्म के प्रमुख कलाकार मोतीलाल संयोग से एक शादी में थे जहां वह मुकेश को गाना गाते हुए देखते हैं। उन्हें मुकेश का गाना गाने का अंदाज पसंद आ जाता है और वो उन्हें अपने साथ बॉम्बे (अब मुंबई) ले आते हैं। इसके बाद मुकेश अनिल बिस्वास की निर्देशन में पहली नजर के लिए ‘दिल जलता है तो जलने दे’ गाते हैं। शुरुआत में एडिटिंग के दौरान मुकेश का यह गाना काट दिया गया था। उन्हें कहा गया था कि इससे कहानी की गति धीमी हो रही है। मुकेश ने मजहर खान से इस गाने को फिल्म में बनाए रखने की विनती की थी। दरअसल मुकेश को बताया गया था कि दुख भरे गाने दर्शकों को उतना आकर्षित नहीं करते। सौभाग्य से मजार खान को इस गाने के लिए अंतत: एक शर्त पर राजी किया गया था कि यदि दर्शकों की प्रतिक्रिया ठंडी रही तो इसे एक सप्ताह के बाद हटा दिया जाएगा। यह बात बीबीसी को दिए एक साक्षात्कार में मुकेश ने बताई थी। 80 साल बाद भी मुकेश का यह सबसे लोकप्रिय गानों में से एक है। सहगल और हारमोनियम ‘दिल जलता है तो जलने दे’ ने उद्योग जगत के कई दिग्गजों का ध्यान खींचा उनमें मुकेश के आदर्श कुंदन लाल सहगल भी शामिल थे। सहगल और मुकेश की आवाज और यहां तक कि उनकी गायन शैली भी इतनी समान थी कि कहा जाता है कि सहगल ने एक बार टिप्पणी की थी कि उन्हें याद नहीं कि उन्होंने यह गाना कब गाया। बाद में जब उन्हें पता चला कि यह उनकी नहीं बल्कि मुकेश की आवाज है तो उन्होंने युवा गायक मुकेश को आशीर्वाद के रूप में हारमोनियम दिया था। फिल्मफेयर को दिए एक साक्षात्कार में उनके बेटे नितिन मुकेश ने खुलासा किया था कि हारमोनियम उनके जन्म के वर 1951 में ख ्ष रीदा गया था और इसे मुकेश अपना भाई कहते थे। वह तांगेवाला कौन है? हिंदी सिनेमा की मशहूर फिल्म ‘आवारा हूं’ और ‘मेरे जूता है जापानी’ के बाद मुकेश को राज कपूर की ‘आवाज’ के रूप में जाना जाने लगा था। दिलचस्प बात यह है कि 1943 की फिल्म आह में मुकेश ने राज कपूर के साथ स्क्रीन शेयर की थी। फिल्म में बीमार राज कपूर को मुकेश तांगे में अस्पताल ले जाते हुए दिखाई देते हैं। इस सीन के दौरान ‘छोटी सी जिंदगानी तेरी’ की धुन चल रही होती है। आह फिल्म की शुरुआत में अभिनेता की तपेदिक से मौत हो जाती है और उनकी प्रेमिका नरगिस ने राज कपूर के आग्रह पर उनके डॉक्टर-मित्र प्राण से शादी कर ली थी। लेकिन दर्शकों की असहमति के बाद फिल्म में बदलाव किया गया। दरअसल कलाकार प्राण उस समय एक विलेन का किरदार निभाते थे। ऐसे में दर्शक उन्हें एक्ट्रेस मिलने की बात पचा नहीं पा रहे थे। इस प्रतिक्रिया के बाद फिल्म को दोबारा शूट किया गया और राज कपूर को जीवित रहने और नरगिस से शादी करने के साथ अंत तक कई बदलाव किए गए। हालांकि फिल्म फिर भी फ्लाॅप रही। त्रिमूर्ति मुकेश के पोते और अभिनेता नील नितिन मुकेश को बिमल रॉय की फिल्म मधुमती के सुहाना सफर और ये मौसम हसीन को अपने दादाजी का सबसे पसंदीदा गीत बताते हैं। यह फिल्म 1958 में आई थी। इसे दिलीप कुमार पर फिल्माया गया था। फिल्म में सलिल चौधरी का एक और सदाबहार गीत ‘दिल तड़प तड़प के कह रहा है’ भी है। यह गाना लता मंगेश्कर और मुकेश ने मिलकर गाया था। दिलचस्प बात यह है कि साल 1949 में मेहबूब खान की फिल्म अंदाज में भी मुकेश ने दिलीप कुमार और मोहम्मद रफी ने राज कपूर के लिए गाना गाया था। इसके अलावा संगीतकार ने हृषिकेश मुखर्जी की फिल्म आनंद में राजेश खन्ना के लिए किशोर कुमार की जगह मुकेश को चुना था। इस फिल्म में ‘मैंने तेरे लिए ही सात रंग के सपने चुने, सपने सुरीले सपने’ और ‘कहीं दूर जब दिन ढल जाए’ जैसे दिल छू लेने वाले गाने गाए। ये वो दौर था जब मुकेश, मोहम्मद रफी और किशोर कुमार को तिकड़ी कहा जाता था। इन तीनों ने दशकों तक हिंदी फिल्म प्लेबैक पर राज किया। पिता से पत्र ु तक मुकेश ने अपने जीवन का आखिरी गाना अपने फिल्म निर्माता दोस्त राज कपूर की 1978 की म्यूजिकल रोमांस फिल्म ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ के लिए गाया था। इस फिल्म में मुकेश ने ‘चंचल शीतल निर्मल कोमल’ को रिकॉर्ड किया था। अमेरिका और कनाडा जाने से ठीक पहले उन्होंने यह गाना रिकॉर्ड किया था। एयरपोर्ट के लिए रवाना होने से पहले राज कपूर उनके साथ थे। उन्हें नहीं पता था कि वह मुकेश से आखिरी बार मिल रहे हैं। अपने पापा के असामयिक निधन के बाद नितिन मुकेश ने फिल्म के लिए युगल गीत गाने के लिए कदम उठाया। उन्होंने लता मंगेशकर के साथ ‘वो औरत है तू मेहबूबा’ गाना गाया। उसी कॉन्सर्ट टूर के लिए टोरटं ो में मुकेश को हल्की सर्दी लग गई थी। ऐसे में लता मंगेश्कर के आग्रह पर नितिन मुकेश मंच पर आए। लता ने नितिन को मुकेश भैया के बेटे के रूप में पेश किया था। 24 अगस्त 1976 को संगीत समारोह में एक जोरदार स्वागत समारोह में उन्होंने ‘कभी- कभी मेरे दिल में ख्याल आता है’ गाया था। इस शो को मुकेश ने दूर से देखा था। शो के बाद मुकेश ने कहा था कि अब उनके बेटे ने अपनी काबिलियत साबित कर दी है। मुकेश ने यह खबर अपनी पत्नी को कॉल के माध्यम से दी थी। तीन दिन बाद उन्हें घातक दिल का दौरा पड़ा और वे हमेशा के लिए चले गए। जब राज कपूर ने यह खबर सुनी तो वह रोते हुए कहने लगे कि उन्होंने अपनी ‘आवाज’ खो दी है। मुकेश @ 100 : राज कपूर की आवाज थे मुकेश राष्ट्रीय पुरस्कार सलिल चौधरी और गीतकार योगेश ने बासु चटर्जी की फिल्म रजनीगंधा के लिए मुकेश के साथ काम किया था। मुकेश ने इस फिल्म में ‘कई बार यूं भी देखा है’ गाया था। अनिरुद्ध भट्टाचार्जी की किताब ‘बासु चटर्जी: एंड मिडिल-ऑफ-द-रोड सिनेमा’ से हमें पता चलता है कि गाना सबसे पहले विद्या सिन्हा और दिनेश ठाकुर पर फिल्माया गया था। फिल्म में विद्या और दिनेश घूमने के लिए जाते हैं जबकि वह इस सुविधा में होती हैं कि वह किस शख्स के साथ अपना घर बसाएं। इस गाने के लिए मुकेश ने उस वक्त केवल 1,000 रुपये में यह गाना गाया था। दरअसल फिल्म निर्माता लता मंगेश्कर पर 3,000 रुपये और खर्च नहीं कर सकते थे। मुकेश को इस गाने के लिए बेस्ट प्लेबैक सिंगर (मेल) के राष्ट्रीय पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया था।


WTO में लंबित छह व्यापार विवादों को भारत व अमेरिका ने सुलझाया ...Page II *India Abroad is a Registered trademark and not affiliated with the newspaper named India Abroad marketed in the US from 1972 to 2021. ...Page III ...Page V Year 1, Volume 40 Washington DC, Monday 24 July, 2023 ख़ुश-आमदीद: अबू धाबी में खुलेगा IIT दिल्ली का पहला विदेशी कैंपस भारत के बुनियादी ढांचे में अपने पेंशन फंड को क्यों लगाना चाहता है कनाडा? l त्रिभुवन शर्मा दुनिया की सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग 80 वर्षों से पेंटागन रही है। लेकिन अब यह खिताब भारत के गुजरात में बनी एक बिल्डिंग को मिल गया है। दरअसल गुजरात के सूरत में एक हीरा व्यापार केंद्र तैयार हुआ है, जिसे यह खिताब दिया गया है। सूरत दुनिया की डायमंड राजधानी कहा जाता है, जहां दुनिया के 90 प्रतिशत हीरे तराशे जाते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार इस बिल्डिंग का नाम सूरत डायमंड बोर्स है जो कटर, पॉलिशर्स और व्यापारियों सहित 65,000 से अधिक हीरा पेशेवरों के लिए वन-स्टॉप डेस्टिनेशन होगी। यह 15 मंजिला इमारत 35 एकड़ भूमि में फैली हुई है। बिल्डिंग के नक्शे में नौ आयताकार संरचनाएं हैं। वे सभी एक केंद्रीय रीढ़ नुमा एक बिल्डिंग से आपस में जुड़ी हुई हैं। इस विशाल परिसर का निर्माण करने वाली कंपनी के अनुसार इसमें 7.1 मिलियन वर्ग फुट से अधिक फ्लोर स्पेस है। इस इमारत का आधिकारिक उद्घाटन इस साल नवंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा। इमारत का निर्माण पूरा होने में चार साल लगे हैं। इस इमारत को बनाने वाली कंपनी SDB की वेबसाइट के अनुसार कॉम्प्लेक्स में एक मनोरंजन क्षेत्र और पार्किंग क्षेत्र है जो 20 लाख वर्ग फुट में फैला हुआ है। SDB डायमंड बोर्स द्वारा प्रचारित यह एक गैरलाभकारी संगठन है, जो कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत पंजीकृत कंपनी है और गुजरात के सूरत में डायमंड बोर्स की स्थापना और प्रचार के लिए बनाई गई है। इस मसले पर परियोजना के सीईओ महेश गढ़वी ने बताया कि नया भवन परिसर हजारों लोगों को व्यवसाय करने के लिए रोजाना की यात्रा से बचाएगा। काफी लोग काम के सिलसिले में मुंबई से सूरत रोजाना ट्रेन से सफर करते हैं। इस इमारत को एक अंतरराष्ट्रीय डिजाइन प्रतियोगिता के बाद भारतीय वास्तुकला फर्म मॉर्फोजेनेसिस द्वारा डिजाइन किया गया है। गढ़वी के अनुसार पेंटागन को पछाड़ना प्रतिस्पर्धा का हिस्सा नहीं था बल्कि परियोजना का आकार वक्त की मांग को देखकर तय किया गया था। उन्होंने कहा कि सभी कार्यालय निर्माण से पहले हीरा कंपनियों द्वारा खरीदे लिए गए थे। पेंटागन को पछाड़, भारत की इस बिल्डिंग ने रचा इतिहास, क्या है खास? सांकेतिक तस्वीर Photo by frank mckenna / Unsplash इस विशाल परिसर में 7.1 मिलियन वर्ग फुट से अधिक फ्लोर स्पेस है। US में ही रहना चाहते हैं 76 फीसदी भारतीयअमेरििकी युववाः सर्र्वे l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क एशियाई अमेरिकी वयस्कों पर प्यू रिसर्च सेंटर के बहुभाषी राष्ट्रीय प्रतिनिधि सर्वेक्षण से कुछ दिलचस्प नतीजे सामने आए हैं। एक नए सर्वेक्षण से पता चला है कि अमेरिका में रहने वाले भारतीयों सहित अधिकांश एशियाईअमेरिकी अमेरिका को सकारात्मक रूप से देखते हैं। अधिकांश लोगों का कहना है कि वे अपनी पैतृक मातृभूमि नहीं जाना चाहते। अमेरिका में रहने वाले जो भारतीय वयस्क भारत जाना चाहते हैं, वह इसकी मुख्य वजह वहां पर रहने की कम लागत को बताते हैं। यह सर्वे 5 जुलाई 2022 से 27 जनवरी 2023 तक अमेरिका में रहने वाले 7,006 एशियाई वयस्कों के बीच किया गया। इसमें पाया गया कि लगभग तीन-चौथाई एशियाई अमेरिकियों (78%) का अमेरिका के प्रति अनुकूल दृष्टिकोण है। इसमें 44% तो देश के बारे में बहुत ही अनुकल ू विचार रखते हैं। जापान, कोरिया और ताइवान के बारे में लोगों की राय काफी सकारात्मक है जबकि वियतनाम, फिलीपींस और भारत के बारे में कुछ हद तक मिश्रित विचार हैं। चीन के बारे में राय मुख्यतः नकारात्मक है। इस सर्वे के मुख्य निष्कर्ष इस प्रकार हैं- एशियाई मूल समूह के सदस्य अन्य एशियाई वयस्कों की तुलना में अपनी पैतृक मातृभूमि को अधिक सकारात्मक तरीके से देखते हैं। उदाहरण के लिए, रिपोर्ट में उजागर सात मूल समूहों में से, भारत के बारे में विचारों में सबसे बड़ा अंतर है। 76% भारतीय अमेरिकियों की भारत के बारे में अनुकूल राय है। लगभग आधे एशियाई अमेरिकियों (53%) का कहना है कि अमेरिका अगले दशक में दुनिया की अग्रणी आर्क श थि क्ति होगा। लगभग एक-तिहाई (36%) एशियाई वयस्कों का कहना है कि चीन अगले 10 वर्षों में वैश्विक स्तर पर अग्रणी आर्क श थि क्ति होगा। कुछ लोग भारत और जापान के बारे में भी यही कहते हैं। अधिकांश एशियाई वयस्कों का कहना है कि वे अपनी पैतृक मातृभूमि में नहीं जाएंगे। लगभग तीन-चौथाई एशियाई वयस्कों (72%) का कहना है कि वे वहां नहीं जाएंगे। 26% का कहना है कि मौका मिला तो वे ऐसा करेंगे। अमेरिका में जन्मे लोगों की तुलना में एशियाई आप्रवासियों में अपने मूल देश जाने की इच्छा ज्यादा है। अमेरिका में रहने वाले ऐसे भारतीय वयस्क जो कहते हैं कि वे भारत चले जाएंगे, वह इसका मुख्य कारण वहां पर रहने की कम लागत (52%) को बताते हैं। अपने पैतृक घर जाने की इच्छा रखने वाले 26% एशियाई अमेरिकी इसकी वजह दोस्तों और परिवार के करीब रहने (36%) को बताते हैं। सर्वे के अनुसार, लगभग आधे एशियाई अमेरिकियों (53%) का कहना है कि अमेरिका अगले दशक में दुनिया की अग्रणी आर्क थि शक्ति होगा। लगभग एक-तिहाई (36%) एशियाई वयस्कों का कहना है कि चीन अगले 10 वर्षों में वैश्विक स्तर पर अग्रणी आर्क थि शक्ति होगा। इस बिल्डिंग का नाम सूरत डायमंड बोर्स है जो कटर, पॉलिशर्स और व्यापारियों सहित 65,000 से अधिक हीरा पेशेवरों के लिए वन-स्टॉप डेस्टिनेशन होगी। यह 15 मंजिला इमारत 35 एकड़ भूमि में फैली हुई है। नया भवन परिसर हजारों लोगों को व्यवसाय करने के लिए रोजाना की यात्रा से बचाएगा।


II सोमवार, 24 जुलाई, 2023 l विशेष संवाददाता कनाडा की उपप्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड का कहना है कि उनका देश पेंशन कोष का भारत के बुनियादी ढांचा कोष में निवेश करने की इच्छुक हैं, क्योंकि भारत में निवेश का माहौल काफी स्थिर है। भारत की केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को गांधीनगर में जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों (FMCBG) की तीसरी बैठक से अलग कनाडा की उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड से मुलाकात की। इस दौरान फ्रीलैंड ने यह बात कही। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कनाडा की उपप्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड के साथ द्विपक्षीय व्यापार वार्ताओं की प्रगति पर चर्चा की। वहीं, सीतारमण ने मीटिंग में वित्तीय गड़बड़ियों, मनी लॉन्ड्रिंग आदि से निपटने के साथ ही क्रिप्टो करेंसी समेत अलग-अलग कैटेगरी की एसेट के बारे में सही जानकारी के लिए ग्लोबल सिस्टम को और मजबूत बनाने की वकालत की है। टैक्स चोरी, भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ G20 के उच्चस्तरीय टैक्स सम्मेलन में उन्होंने उम्मीद जताई कि इस तरह की गड़बड़ियों के मामले में G20 के देश अपनी सीमाओं में कानून का पालन सुनिश्चित करेंगे। जी-20 मीटिंग से अलग सीतारमण ने एशियाई इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश बैंक (AIIB) को सदस्य देशों की इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरतों को पूरा करने के लिए इनोवेटिव फाइनैंसिंग तरीके अपनाने का सुझाव दिया। सीतारमण ने एआईआईबी के अध्यक्ष जिन जिन लिकुन से मुलाकात की और वर्तमान वैश्विक विकासात्मक चुनौतियों से निपटने में AIIB सहित बहुपक्षीय विकास बैंकों (MDB) की भूमिका पर चर्चा की। भारत के वित्त मंत्रालय ने इस मीटिंग की जानकारी देते हुए ट्वीट कर बताया कि भारत और AIIB से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करते हुए वित्त मंत्री ने सुझाव दिया कि AIIB को सदस्य देशों की बुनियादी ढांचों से संबंधित जरूरतों को पूरा करने के लिए इनोवेटिव फाइनैंसिंग और फाइनैंसिंग उपायों का उपयोग करना चाहिए। भारत के बुनियादी ढांचे में अपने पेंशन फंड को क्यों लगाना चाहता है कनाडा? कनाडा की उपप्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड का कहना है कि भारत में निवेश का माहौल काफी स्थिर है। इसलिए कनाडा के पेंशन कोष का भारत के बुनियादी ढांचा कोष में निवेश करेंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिस्टिया फ्रीलैंड के साथ द्विपक्षीय व्यापार वार्ताओं की प्रगति पर चर्चा की विवाद तब पैदा हुआ जब अमेरिकी सदन और सीनेट ने इजरायली राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग को राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ उनकी यात्रा के एक दिन बाद बुधवार को कांग्स की एक संयुक रे ्त बैठक को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया गया था। गांधीनगर में आयोजित G20 वित्त मत्ंरियों की बैठक में हास परिहास का ऐसा दिखा नजारा। फोटो : @cafreeland जयपाल ने माफी तो मांगी लेकिन उसी मामले को लेकर इजराइल के नेतृत्व पर निशाना साधा। Image : twitter@Pramila Jayapal l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क अमेरिकी कांग्रेस में प्रगतिशील डेमोक्रेट्स के एक बड़े समूह का नेतृत्व करने वाली प्रतिनिधि प्रमिला जयपाल ने रविवार को इजराइल को ‘नस्लवादी’ राज्य कहने के लिए माफी मांगी। प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रेटिक नेताओं ने उनकी प्रारभिं क घोषणा का विरोध किया था। जयपाल ने एक बयान में कहा- मैं नहीं मानती कि एक राष्ट्र के रूप में इजराइल का विचार नस्लवादी है। हालांकि मेरा मानना ​​है कि इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की चरम दक्षिणपंथी सरकार भेदभावपूर्ण और पूरी तरह से नस्लवादी नीतियों में लगी हुई है और वर्तमान सरकार के नेतृत्व में उस नीति को चलाने वाले चरम नस्लवादी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शनिवार को जयपाल ने शिकागो में आयोजित एक सम्मेलन में इजराइल को ‘नस्लवादी राज्य’ बताते हुए अपनी प्रारभिं क टिप्पणी की थी जहां फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारी एक समूह चर्चा में बाधा डाल रहे थे। इसके बाद रविवार को एक अलग बयान में हाउस डेमोक्रेटिक नेता हकीम जेफरीज और उनके तीन शीर नेतृत ्ष ्व सहयोगियों ने जयपाल को स्पष्ट रूप से खारिज करते हुए कहा कि इजराइल एक नस्लवादी राज्य नहीं है। जेफरीज ने कहा कि मौजूदा इजरायली शासक गठबंधन के व्यक्तिगत सदस्य हैं जिनसे हम दृढ़ता से असहमत हैं। ठीक वैसे ही जैसे हम अक्सर अमेरिकी हाउस रिपब्लिकन सांसदों से असहमत होते हैं। जेफरीज के बयान में विशेष रूप से जयपाल का उल्लेख नहीं किया गया था। यह विवाद तब पैदा हुआ जब अमेरिकी सदन और सीनेट ने इजरायली राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग को राष्ट्रपति जो बाइडन के सा े थ उनकी यात्रा के एक दिन बाद बुधवार को कांग्रेस की एक संयुक्त बैठक को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया गया था। जयपाल ने कहा कि उन्होंने लंबे समय से इजरायल और फिलिस्तीनियों के लिए दो तरफा समाधान का समर्थन किया है लेकिन उन्होंने विवादित क्त्षेरों में इजरायल द्वारा बस्तियों के निरंतर विस्तार पर अपना विरोध जताया था। डेमोक्रेट प्रमिला ने इजरायल को ‘नस्लवादी’ कहने के लिए माफी मांगी इंडिया अब्रॉड हिन्दी


III सोमवार, 24 जुलाई, 2023 l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क प्रतिष्ठित भारतीय-अमेरिकियों के एक समूह ने यहां सांसदों से अमेरिका में बढ़ते हिंदूफोबिया के खिलाफ कदम उठाने और देश में हिंदू समुदाय के अधिकारों की रक्षा करने का आग्रह किया है। यूएस कैपिटल में 21 कांग्रेसियों ने दूसरे नेशनल हिंदू एडवोकेसी डे कार्यक्रम में भाग लिया और कहा कि अमेरिका में हिंदुओं के खिलाफ भेदभाव पर ध्यान देने की जरूरत है। कांग्रेसी रिच मैककॉर्मिक ने उत्तरी अमेरिका के हिंदुओं के संगठन (CoHNA) द्वारा यूएस कैपिटल में आयोजित सम्मेलन में कहा कि इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि किस तरह केवल जाति के आधार पर ही नहीं बल्कि धर्म के आधार पर भी भेदभाव होता है और हिंदू समुदाय को हिंदूफोबिया के नाम पर डराना-धमकाना एक पुरानी समस्या है। मैककॉर्मिक ने कहा कि कैलिफोर्निया के SB403 जैसे बिल नस्लवादी, भेदभावपूर्ण और विभाजनकारी हैं क्योंकि वे लोगों को उन तरीकों से वर्गीकत क ृ रना चाहते हैं जिन्हें लोग स्वयं अस्वीकार करते हैं। जॉर्जिया के रिपब्लिकन कांग्रेसी ने कहा कि यह अमेरिकी नहीं है और इसका विरोध किया जाना चाहिए। इस मसले पर कांग्रेसी सांसद श्रीथानेदार ने कहा कि मैं हर व्यक्ति के लिए धार्मिक स्वतंत्रता में दृढ़ता से विश्वास करता हूं और किसी भी तरह के हमलों और भय के खिलाफ खड़ा हूं। श्रीथानेदार ने विविध समूहों के लिए प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने और धर्म की स्वतंत्रता के महत्व के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म एक शांतिपूर्ण धर्म है फिर भी इस पर हमला किया जाता है। इसे संरक्षित करने की आवश्यकता है। दूसरों की तरह हिंदू भी किसी भी प्रकार की नफरत, पूर्वाग्रह या भय के बिना अपने धर्म का पालन करने के हकदार हैं। सम्मेलन में भाग लेने वालों में 12 राज्यों के हिंदू अमेरिकियों में हैंक जॉनसन, टॉम कीन, रिच मैककॉर्मिक, श्रीथानेदार, बडी कार्टर और सैनफोर्डबिशप के साथ-साथ ओहियो राज्य के सीनेटर नीरज अंतानी भी शामिल थे। अंतानी ने कहा कि अमेरिका में हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं। CoHNA के अध्यक्ष निकुंज त्रिवेदी का कहना था कि अमेरिका में हिंदुओं के बारे में जागरूकता बढ़ रही है। बढ़ते हिद ं फू ोबिया पर भारतीयअमेरिकियों ने सांसदों से लगाई गुहार कांग्सी सांसद श् रे रीथानेदार ने कहा कि मैं हर व्यक्ति के लिए धार्मिक स्वतंत्रता में दृढ़ता से विश्वास करता हूं औरकिसी भी तरह के हमलों और भय के खिलाफ खड़ा हूं। CoHNA के अध्यक्ष निकुंज त्रिवेदी का कहना था कि अमेरिका में हिंदुओं के बारे में जागरूकता बढ़ रही है। अबू धाबी में आईआईटी-दिल्ली का कैंपस स्थापित करने के समझौते पर दस्तखत के दौरान यूएई के राष्ट्रपति व अबू धाबी के शासक शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उपस्थित थे। धार्मिक आधार पर हिंसा और भेदभाव के खिलाफ अमेरिका में विरोध-प्रदर्शन होते रहे हैं। Demo Pic : Unsplash भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली l रिशिका भारद्वाज संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अबू धाबी में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (आईआईटी- दिल्ली) का पहला कैंपस स्थापित करने के लिए हाल ही में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। भारत के शिक्षा मंत्रालय और अबू धाबी के शिक्षा एवं ज्ञान विभाग (एडीईके) के बीच समझौता यह समझौता हुआ। इस समझौते के दौरान संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति व अबू धाबी के शासक शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उपस्थित थे। हस्ताक्षर समारोह में एडीईके के अवर सचिव मुबारक हमद अल म्हेरी, संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय राजदूत संजय सुधीर और आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर रंगन बनर्जी ने भाग लिया। एमओयू पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए भारत के केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास व उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अबू धाबी में आईआईटी दिल्ली कैंपस की स्थापना भारत की शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण में एक नया अध्याय है। धर्मेंद्र प्रधान ने जोर देकर कहा कि यह परिसर नए भारत के नवाचार और विशेषज्ञता के साथ ही भारत-यूएई दोस्ती की मिसाल बनेगा। उन्होंने आगे कहा कि अबू धाबी में आईआईटी दिल्ली परिसर आपसी समृद्धि और वैश्विक भलाई के लिए ज्ञान की शक्ति का उपयोग करने का उदाहरण पेश करेगा। यूएई की प्रारभिं क शिक्षा राज्य मंत्री और एडीईके की अध्यक्ष सारा मुसल्लम ने कहा कि आईआईटी कैंपस राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों के अनुरूप विश्व स्तरीय शिक्षा प्रणाली स्थापित करने के लिए अबू धाबी की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। उन्होंने इस साझेदारी को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी शिक्षा का इकोसिस्टम तंत्र बनाने, नवाचार को बढ़ावा देने और उच्च स्तरीय अनुसंधान को बढ़ावा देने में मील का पत्थर बताया। जारी विज्ञप्ति के अनुसार आईआईटी दिल्ली का अबू धाबी परिसर मोहम्मद बिन जायद यूनिवर्सिटी ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, खलीफा यूनिवर्सिटी, न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी अबू धाबी, टेक्नोलॉजी इनोवेशन इंस्टीट्यूट और हब71 जैसे संस्थानों के साथ मिलकर पूरक प्रोग्राम पेश करेगा। अबू धाबी में शैक्षणिक, अनुसंधान और नवाचार को बढ़ाने के उद्देश्य से स्थानीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को सपोर्ट देगा। खश-आ़ु मदीद: अबू धाबी में खुलेगा IIT दिल्ली का पहला विदेशी कैंपस इंडिया अब्रॉड हिन्दी


IV इंडिया अब्रॉड हिन्दी सोमवार, 24 जुलाई, 2023


सोमवार, 24 जुलाई, 2023 V WTO में लं WTO में लंबिबित छह व्या ्यापार वविववाददों को भारत व अमेरिका ने सुलझाया l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क भारत और अमेरिका ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) में लंबित सभी छह व्यापार विवादों को पारस्परिक सहमति से सुलझा लिया है। प्रधानमंत्री नरन्ेद्र मोदी की हालिया अमेरिका यात्रा के दौरान दोनों देशों ने इस बारे में प्रतिबद्धता जताई थी। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि दोनों देशों ने सभी लंबित विवादों के समाधान के बारे में डब्ल्यूटीओ के विवाद निपटान निकाय (डीएसबी) को बता दिया है। इन छह विवादों में तीन भारत द्वारा और तीन अमेरिका द्वारा शुरू किए गए हैं। डब्ल्यूटीओ 28 अमेरिकी उत्पादों पर भारत की तरफ से अतिरिक्त सीमा शुल्क लगाने से जुड़ेविवादों में एक के संबंध में पहले ही सूचना जारी कर चुका है। अधिकारी ने कहा कि बाकी पांच विवादों के संबंध में भी डब्ल्यूटीओ जल्द ही सूचना जारी करेगा। विश्व व्यापार संगठन की 17 जुलाई की सूचना के अनुसार अमेरिका और भारत ने विवाद निपटान निकाय को बताया है कि वे पारस्परिक रूप से मामलों का समाधान कर रहे हैं। ये समाधान विवाद निपटान के नियमों और प्रक्रियाओं के अनुरूप किया जा रहा है। जिस व्यापार विवाद को सुलझाया गया, वह 2019 में अमेरिका द्वारा भारत के खिलाफ दायर की गई एक शिकायत से संबंधित है। अमेरिका द्वारा स्टील और एल्यूमीनियम के कुछ उत्पादों पर शुल्क बढ़ाने के जवाब में भारत ने चना, दाल और सेब सहित 28 अमेरिकी उत्पादों पर अतिरिक्त सीमा शुल्क लगा दिया था। सरकारी सूत्रों ने बताया कि भारत चना, दाल और सेब सहित आठ अमेरिकी उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क हटा देगा, जो 2019 में अमेरिका द्वारा स्टील और एल्यूमीनियम उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने के जवाब में लगाए गए थे। गौरतलब है कि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। 2022-23 में द्विपक्षीय व्यापार बढ़कर 128.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया था, जो 2021-22 में 119.5 बिलियन डॉलर था। अधिकारी ने बताया कि दोनों देशों ने सभी लंबित विवादों के समाधान के बारे में डब्ल्यूटीओ के विवाद निपटान निकाय (डीएसबी) को बता दिया है। इन छह विवादों में तीन भारत द्वारा और तीन अमेरिका द्वारा शुरू किए गए हैं। पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन। फोटो साभार सोशल मीडिया Demo Photo by Brett Zeck / Unsplash Demo Photo by Ian Taylor / Unsplash हाल ही में भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच द्विपक्षीय लेनदेन स्थानीय मुद्रा में करने और तुरंत पेमेंट का यूपीआई सिस्टम अपनाने को लेकर समझौते हुए हैं। भारत और इंडोनेशिया भी इसी तरह के समझौते पर बातचीत कररहे हैं। इस पर जल्द ही फैसला होने की उम्मीद है। l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क फ्रांस और यूएई के बाद अब भारत के यूपीआई पेमेंट सिस्टम को इंडोनेशिया में लागू करने की तैयारी है। इसके अलावा भारत और इंडोनेशिया द्विपक्षीय कारोबार को स्थानीय मुद्राओं में करने पर भी बातचीत कर रहे हैं। हाल ही में भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच द्विपक्षीय लेनदेन स्थानीय मुद्रा में करने और तुरंत पेमेंट का यूपीआई सिस्टम अपनाने को लेकर समझौते हुए हैं। अब सूत्रों के हवाले से आई रपटों में बताया गया है कि भारत और इंडोनेशिया भी इसी तरह के समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। इस पर जल्द ही फैसला होने की उम्मीद है। जी20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की तीसरी बैठक से पहले 16 जुलाई को गांधीनगर में भारत और इंडोनेशिया के बीच मंत्री स्तरीय वार्ता हुई। इसमें भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और इंडोनेशियाई समकक्ष मुल्यानी इंद्रावती ने आर्थिक और वित्तीय वार्ता शुरू करने की घोषणा की। इंडोनेशियाई वित्त मंत्री ने सीतारमण के साथ एक संयुक्त बयान में कहा कि हमने इस पर चर्चा की कि द्विपक्षीय सहयोग को कैसे मजबूत बनाया जा सकता है। साथ ही, डिजिटल प्रौद्योगिकी, केंद्रीय बैंक के तहत भुगतान प्रणाली और व्यापार के लिए स्थानीय मुद्रा का अधिक उपयोग करने की संभावना पर भी चर्चा की। पिछले साल से भारत ने विश्व स्तर पर रुपये का इस्तेमाल बढ़ाने के कई प्रयास किए हैं। आरबीआई ने जुलाई 2022 में रुपये में वैश्विक व्यापार को व्यवस्थित करने के लिए एक सिस्टम बनाने की घोषणा की थी। इसके जरिए रूस से रियायती दरों पर तेल खरीदने में भी किया गया था। हालांकि ऐसी रिपोर्ट भी हैं कि भारत और रूस के बीच रुपये में द्विपक्षीय व्यापार पर बातचीत निलंबित कर दी गई थी क्योंकि रूस ने भारतीय बैंकों में अरबों रुपये जमा कर लिए थे लेकिन वह उनका उपयोग नहीं कर सका । अब इंडडोनेशिय शिया के सा ा के साथथ भारत करेगा भारत करेगा स्था ्थानीयीय ममद्रा द्राु ममें व्या ्यापार, ययूपीीआई भीी चचलेगा इंडिया अब्रॉड हिन्दी


VI सोमवार, 24 जुलाई, 2023 l न्यू इंडिया अब्रॉड नेटवर्क राष्ट्रपति जो बाइडन ने भा े रतीय अमेरिकी बिजनेस लीडर शमीना सिंह को राष्ट्रपति की निर्यात परिषद (Export Council) में नियुक्त करने के अपने इरादे की घोषणा की है। यह परिषद अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर प्रमुख राष्ट्रीय सलाहकार समिति के रूप में कार्य करती है। यह जानकारी व्हाइट हाउस ने दी है। बाइडेन ने हाल ही में इस आशय की घोषणा की थी। इस फैसले पर मास्टरकार्ड सेंटर फॉर इनक्लूसिव ग्रोथ की संस्थापक और अध्यक्ष शमीना सिंह ने कहा कि राष्ट्रपति की निर्यात परिषद के सम्मानित नेताओं के समूह में शामिल होने पर मैं सम्मानित महसूस कर रही हूं। बता दें कि परिषद राष्ट्रपति को उन सरकारी नीतियों और कार्यक्रमों के बारे में सलाह देती है, जो अमेरिकी व्यापार प्रदर्शन को प्रभावित करते हैं, निर्यात विस्तार को बढ़ावा देते हैं और औद्योगिक, कृषि, श्रम और सरकारी क्त्षेरों के बीच व्यापार संबंधी समस्याओं पर चर्चा और समाधान के लिए एक मंच प्रदान करते हैं। मास्टरकार्ड की वेबसाइट पर बयान में सिंह के हवाले से कहा गया है कि अपने करियर के शुरुआती दिनों से ही मैं ऐसे काम की ओर आकर्षित रही हूं जो अमेरिका और दुनिया भर में अर्थव्यवस्थाओं के लिए दीर्घकालिक और समावेशी समृद्धि बनाने में मदद करता है। मालूम हो कि सिंह मास्टरकार्ड में सस्टेनेबिलिटी के कार्यकारी उपाध्यक्ष के रूप में भी कार्य करती हैं और कंपनी की प्रबंधन समिति की सदस्य हैं। सार्वजनिक सेवा के प्रति गहरी प्रतिबद्धता वाली सिंह ने व्हाइट हाउस और अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में कई वरिष्ठ पदों पर कार्य किया है। सिंह एशियन अमेरिकंस एंड पैसेफिक आइलैंडर्स पर पहले राष्ट्रपति के सलाहकार आयोग की कार्यकारी निदेशक थीं। साल 2015 में सिंह को पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा AmeriCorps के लिए नियुक्त किया गया था जिसे बाद में अमेरिकी सीनेट ने AmeriCorps के बोर्ड में छह साल के कार्यकाल के लिए पुष्टि की गई थी। सिंह सार्वजनिक मुद्दों पर एड काउंसिल ऑफ अमेरिका की सलाहकार समिति की भी सह-अध्यक्ष हैं और एस्पेन इंस्टीट्यूट सिविल सोसाइटी फेलोशिप और न्यूयॉर्क डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज इनोवेशन के सलाहकार बोर्ड में कार्य करती हैं। बता दें कि सिंह ने हार्वर्ड, येल, स्टैनफोर्ड और इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस से पढ़ाई की है। उन्होंने ओल्ड डोमिनियन यूनिवर्सिटी से विज्ञान स्नातक और टेक्सास विश्वविद्यालय, ऑस्टिन के लिंडन बी. जॉनसन स्कूल ऑफ पब्लिक अफेयर्स से सार्वजनिक मामलों में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। उन्हें दोनों संस्थानों से पूर्व छात्र विशिष्टता पुरस्कार प्राप्त हुआ है। सिंह बाइडेन प्रशासन में प्रमुख पदों पर सेवा देने वाली भारतीय-अमेरिकी समुदाय से नवीनतम सदस्य बन गई हैं। मौजूदा वक्त में रिकॉर्ड 150 से अधिक भारतीय-अमेरिकी प्रमुख पदों पर कार्यरत हैं। बाइडेन के बेड़े में एक और भारतीयअमेरिकी शमीना सिंह की होगी एंट्री! संयुक्त राष्ट्र के सार्वजनिक सूचना विभाग के सहयोग से हिंदी@यूएन परियोजना साल 2018 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य हिंदी भाषा में संयुक्त राष्ट्र की सार्वजनिक पहुंच को बढ़ाना और वैश्विक मुद्दों को लाखों लोगों के बीच पहुंचाकर जागरूकता फैलाना था। l विशेष संवाददाता पूर्वी इंग्लैंड में एक भारतवंशी विशाल गोहेल (44) को लूटपाट के इरादे से ‘हनीट्प’ में रै फंसाकर हत्या का एक सनसनीखेज मामला सामने आया था। इस मामले में अदालत ने एक गिरोह के पांच सदस्यों को दोषी करार दिया है। दोषी पाए गए गिरोह के सभी पांच सदस्यों को 26 सितंबर को सेंट एल्बंस क्राउन कोर्ट में सजा सुनाई जाएगी। छठ सं े दिग्ध को अदालत ने बरी कर दिया। हर्टफोर्डशायर के बुशी स्थित एक फ्लैट में विशाल इस साल जनवरी में अचेत अवस्था में मिले थे। उन्हें घटनास्थल पर ही मृत घोषित कर दिया गया था। पुलिस जांच में पता चला था कि उनके सिर पर गंभीर वार हुए थे। ब्रिटिश मीडिया में छपी खबरों के अनुसार गिरोह में शामिल महिला ने विशाल को यौन संबंध बनाने का लालच दिया था। लेकिन गिरोह का इरादा उनके घर को लूटने का था। इस तरह विशाल गिरोह के बिछाए जाल के शिकार हो गए। हत्या की जांच के लिए पुलिस की एक टीम बनाई गई। क्राइम यूनिट के अधिकारियों ने हत्या की जांच शुरू की और मामले में छह गिरफ्तारियां कीं। पुलिस के मुताबिक विशाल को उनके फ्लैट में उनके चेहरे पर एक टेप के साथ पाया गया था। उस वक्त पड़ोसी ने देखा कि उनका सामने का दरवाजा खुला था और रसोई में रोशनी जल रही थी। पुलिस का कहना है कि विशाल वस्तुओं और सेवाओं की पेशकश करने वाली वेबसाइट क्रेगलिस्ट के माध्यम से संदिग्धों के संपर्क में था। मामले में 23 साल की टेविन लेस्ली को हत्या का दोषी ठहराया गया है। वह पहले भी लूट के मामलों में अदालत की ओर से दोषी करार दी जा चुकी है। इसके अलावा साकीन गॉर्डन (22) को हत्या और लूट की साजिश का दोषी ठहराया गया है। यार्ले जॉर्जिया ब्रूसअन्नान (22) को हत्या का दोषी ठहराया गया है। 22 वर्षीय ब्रैंडन ब्राउन को हत्या का दोषी नहीं पाया गया था, लेकिन वह साजिश रचने का दोषी ठहराया गया है। फेथ होप्पी (22 ) को हत्या का दोषी नहीं पाया गया, लेकिन साजिश का दोषी ठहराया गया। छठ सं े दिग्ध टियाना एडवर्ड्स हैनकॉक (22) को बरी कर दिया गया है। सभी पांचों को 26 सितंबर को सेंट अल्बान क्राउन कोर्ट में सजा सुनाई जाएगी। यूएन में लाखों डॉलर देकर हिंदी भाषा का विश्वस्तर पर विस्तार कर रहा भारत शमीना सिंह एशियन अमेरिकंस एंड पैसेफिक आइलैंडर्स पर पहले राष्ट्रपति के सलाहकार आयोग की कार्यकारी निदेशक थीं। साल 2015 में सिंह को पूर्वराष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा AmeriCorps के लिए नियुक्त किया गया था जिसे बाद में अमेरिकी सीनेट ने AmeriCorps के बोर्ड में छह साल के कार्यकाल के लिए पुष्टि की गई थी। Demo Photo by Akshat Vats / Unsplash इंडिया अब्रॉड हिन्दी


मेष आपका स्वाभाव गुस्से वाला है। कभी-कभी बहुत आता है। लेकिन कामकाज के मामले में इस समय गुस्सा करना ठीक नहीं है क्योंकि इससे आपकी अपने वरिष्ठ से अनबन हो सकती है और आप मुसीबत में पड़ सकते हैं। आपके आसपास कुछ लोग ऐसे हैं जो चाहते हैं कि आला अधिकारी से आपका टकराव हो। वे इसी फिराक में है और ऐसा माहौल बना सकते हैं कि अनबन हो जाए। लिहाजा इन दिनों अपनी भावनाओं और प्रतिक्रियाओं पर नियंत्रण रखें। कुछ भी बोलने से पहले विचार कर लेंगे तो यह कठिन समय बगैर किसी संकट से निकल जाएगा। स्पर्धा को खत्म करने और पिछड़ने से बचने के लिए पहल करने की हिम्मत जुटाइये। आपकी आर्क थि स्थिरता सुनिश्चित है। वृषभ आपके वर्तमान हालात को देखते हुए सबसे अच्छी सलाह तो यही है कि हार नहीं मानना। वैसे तो आप जुटेरहते हैं और आखिरी समय तक लड़ते हैं लेकिन कई बार आप नकारात्मकता की आंधी में बह जाते हैं जिसके कारण संघर जा ्ष री रखने का हौसला टूट जाता है। आप इन दिनों यह भी महसूस कर सकते हैं कि आपकी सारी कोशिशें बेकार जा रही हैं और आपसे कम काबिल लोग अधिक पहचान पा रहे हैं। लेकिन सच यह है कि आपकी काबिलियत, अनुभव, निष्ठा और चरित्र की कद्र होगी। आप जिसे सही मानते हैं उसे लेकर बातचीत करने की कोशिश करें। आपको सुना जाएगा। आपके साथ कुछ ऐसा ही प्रेम के मामले में है। आप कभी किसी के प्रति पूरी तरह समर्पित होते हैं। आप उन्हे अपना सब कुछ देने की कोशिश भी करते हैं। मिथुन मिथुन राशि के जातक इन दिनों ऊर्जा से भरे हैं। अब आप यह भी जान गए हैं कि इस ऊर्जा को किस दिशा में और कैसे लगाना है ताकि आप इसका अधिकाधिक लाभ ले सकें और अपने लक्ष्य हासिल कर सकें। ऐसी कोई भी स्थिति जो आपको नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है उसे लेकर बेहतर यही होगा कि आप पेशेवर हालात का सामना करें। यही आपके लिए अच्छा होगा। इस परिदृश्य में कोई आपसे लड़ना चाहेगा या आपको भड़काने की कोशिश करेगा ताकि आपकी प्रतिष्ठा पर बट्टा लग जाए। आपका सम्मान किया जाना चाहिए। जहां तक भावनात्मक पहलू का सवाल है तो बने हुए रिश्तों के लिहाज से अच्छा समय आने वाला है। अब आपके पुराने झगड़े खत्म हो गए हैं। सौहार्द और स्थिरता का वक्त है। कर्क चीजों को हल्के में न लें। इस सप्ताह आपको सावधानी बरतनी होगी और अपने शब्दों पर नियंत्रण भी रखना होगा। इसलिए कि अगर आपने ताव में आकर कुछ किया और बोलने से पहले विचार नहीं किया तो आप परेशानी में पड़ सकते हैं। कामकाज के मामले में यह सलाह आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि आपके आसपास के वे लोग जो आपसे जलते हैं और आपकी कामयाबी उन्हे चुभती है वे मुसीबत खड़ी कर सकते हैं। वे चाहते हैं कि आपका नुकसान हो। आप सजग और सावधान रहकर इस समय से पार पा सकते हैं। ध्यान रहे कि गलतियां न होने पाएं। उन लोगों की मदद लें जिन पर आप भरोसा करते हैं। आप अपने आसपास किसी के प्रति आकर्षित हो सकते हैं, वह भी आपके प्रति हो सकता है। लेकिन इस नए रिश्ते को लेकर सावधान रहें। फिलहाल इसे सार्वजनिक न करें। पहले चीजें पक जाने दें। सिंह आपका करिश्मा बढ़ रहा है। इसी के साथ आपका कारोबारी हौसला भी बढ़ रहा है। आपको अपनी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए इन दोनों की ही दरकार थी। यह एक बेहतरीन तालमेल है। लेकिन चीजें जब तक फल देंगी तब तक आपको इंतजार करना पड़ेगा। भावनात्मक स्तर पर एक शांत सप्ताह आपका इंतजार कर रहा है। लेकिन इस बात को लेकर सावधन रहें कि आपके साथी के नजदीक रहने वाला कोई व्यक्ति नकारात्मक संकेत दे रहा है। इसके चलते आप दोनों में टकराव की स्थिति पैदा हो सकती है। सच यह है कि आपके इस रिश्ते का भविष्य अच्छा है। आपको उन नकारात्मक संदेशों को खत्म करना होगा या फिर उस व्यक्ति को अपने परिवेश से हटाना होगा। अगर इसके बाद भी कोई मनमुटाव होता है तो आप जानते हैं कि ऐसा कहां से हो रहा है। आपका समय अच्छा है। अपने साथी को भी पर्याप्त समय दीजिये। कन्या एक गहन सप्ताह आपके इंतजार में है। इसमें बहुत कुछ करना है और आराम करने का समय न के बराबर है। लेकिन फिर भी सप्ताह अच्छा बीतेगा क्योंकि आपकी कुछ समस्याएं हैं जिनका निदान करना है और कुछ काम हैं जो निपटाने हैं। कुल मिलाकर चीजें गुजर जाएंगी। कामकाज के लिहाज से आपको अपने आसपास के लोगों पर विशेष ध्यान देना होगा। उनमें से कुछ लोग वैसे नहीं हैं जैसा कि आप उन्हे समझते हैं। वे पीठ पीछे आपका मजाक उड़ाते हैं। दरअसल वे चाहते हैं कि आप उन्हें सुनें और आपको इस बात का अहसास हो जाए कि आपकी सुरक्षा को खतरा है। लेकिन पीछे नहीं हटना है। एक पल के लिए भी यह प्रदर्शित न होने दें कि आप कमजोर पड़ गए हैं। वे लोग तो यही चाहते हैं भावनात्मक स्तर पर इस राशि के लोग कुछ उतार-चढ़ाव का सामना कर सकते हैं। तुला तुला राशि के लोग इस सप्ताह अपना हौसला बनाए रखें। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि कामकाज के लिहाज से चीजें सहज रहने वाली नहीं हैं। आपके पास करने के लिए काम तो बहुत होंगे लेकिन आप ध्यान केंद्रित नहीं कर पाएंगे। हो सकता है कि आपके दिमाग में कोई शख्स हो। या यह भी हो सकता है कि आप किसी विषय के बारे में सोचना बंद न कर पा रहे हों। आप विचलित हैं और हर कोई इसे नोटिस करता है। खासकर आपके वरिष्ठ अधिकारी। गलतियां करना आपके लिए आम बात नहीं है। अगर आप किसी रूमानी पहलू की तरफ से विचलन का शिकार हैं तो आपको ऐसा इसलिए लगता है कि आप प्रेम के मामले में खुद को खुशकिस्मत नहीं मानते। लेकिन यह सही नहीं है। सच यह है कि बीते कुछ समय से आप किसी गलत व्यक्ति के साथ अपने जीवन से जुड़ी चीजें साझा कर रहे हैं। वृश्चिक आप ऊर्जा से भरे सप्ताह के साथ शुरुआत करेंगे और दुनिया को जीतना चाहेंगे लेकिन आपको बाहरी परिस्थितियों के कारण खुद को संयत करना पड़ेगा। आपके पास काम बहुत होंगे और आप उन्हे खत्म भी करना चाहेंगे और कुछ ऐसे काम भी होंगे जो बाद के लिए छोड़े नहीं जा सकते। नई नौकरी तलाशने के लिहाज से यह अच्छा समय है। अब आप आलस भी नहीं करेंगे। आपके पास एक अच्छा सा सीवी बनाने का भी समय रहेगा। लेकिन समय का प्रबंधन ठीक से करें। अपने कारोबारी संपर्कों का आह्वान करें। अगर आप इस दिशा में कुछ कदम बढ़ा चुके हैं तो इस सप्ताह आपको कोई अच्छा समाचार मिलने वाला है। लेकिन प्यार-मोहब्बत के मामले में यह सप्ताह अच्छा रहने वाला नहीं है। साथी के कारण आप कुछ असहज स्थितियों का सामना कर सकते हैं। लेकिन कुछ भी बोलने से पहले विचार कर लें। ताकि बाद में पछताना न पड़े। धनु इस सप्ताह आप सामाजिक रूप से कई लोगों से जुड़ने वाले हैं। इसका माध्यम इंटरनेट भी हो सकता है। पिछले दिनों आप कुछ तनावग्रस्त थे क्योंकि आप खुद को अकेला और अलग-थलग महसूस कर रहे थे। हो सकता है कि आने वाले कुछ दिनों में आपके पास इतने प्रस्ताव आएं कि आप संभाल भी न पाएं। लेकिन जितना हो सके स्वीकार कीजिए क्योंकि यह आपकी मानसिक सेहत को बेहतर करने के हिसाब से ठीक रहेगा। कामकाजी स्थितियां भी इस सप्ताह ठीक रहने वाली हैं। हो सकता है आपकी तरक्की हो जाए, पैसे बढ़ जाएं। हो सकता है कि अधिक जिम्मेदारी लेने के अहसास से आप थोड़ा भयभीत हों, लेकिन आगे बढ़ने और खुद की बेहतरी के लिए यही श्रेष्ठ रास्ता होगा। भावनात्मक स्तरपर थोड़ी निराशा हाथ लग सकती है। लगेगा कि साथी तवज्जो नहीं दे रहा। मकर इस सप्ताह आपके पास हर तरह की कई योजनाएं हैं, लेकिन आपको उन्हें कुछ समय के लिए स्थगित करना पड़ सकता है। उन्हे पकने दीजिए। अभी उन पर कोई काम शुरू न कीजिए। हो सकता है कि आप और बेहतर करें। एक योजना नई नौकरी की तलाश भी हो सकती है क्योंकि आपको लगता है कि आप बीते लंबे समय से काम तो बहुत मेहनत के साथ कर रहे हैं लेकिन पेशेवर तरीके से आगे नहीं बढ़ पा रहे। अगले कुछ सप्ताह में आपकी उम्मीदों के मुताबिक पाने का समय आ सकता है। प्यार-मोहब्बत के मामले में अगर आप बीते कुछ संमय से संकट में चल रहे हैं तो इन दिनों आपके जीवन में एक नया भ्रम प्रवेश करने वाला है। लेकिन इन हालात में अपने गुस्से और टूटन को खुद पर हावी न होने दें। यानी आवेग में बहने से खुद को बचाकर रखें। जो भी करें सोच-समझ कर। कुंभ आर्क औ थि र कारोबारी मोर्चे पर आने वाले दिनों में आपको कोई अच्छी सूचना मिल सकती है जो नए और बेहतर अवसर भी लेकर आने वाली है। इस समय आप अपने बजट को प्रबंधित करें और कुछ पैसा बचत के लिहाज से एक तरफ रख दें ताकि अगर कोई अप्रिय घटना हो जाए तो हालात संभल जाएं। कामकाज के लिहाज से आपके पास कोई ऐसी पेशकश आ सकती है जिससे आप उत्साहित हो जाएंगे। जैसे कि कहीं बाहर जाना। लेकिन किन्हीं कारणों से उसे स्थगित करना पड़ सकता है। शुरुआत में तो आपको वह बुरा लगेगा लेकिन जैसे-जैसे समय बीतेगा आपको अहसास होगा कि वह स्थगन आपके लिए ठीक था और हर चीज किसी न किसी कारण होती है। जहां तक भावनाओं का सवाल है तो अपने साथी से वाद-विवाद वाली स्थितियों से बचें। गुस्सा किसी काम आने वाला नहीं है। धैर्यरखें। मीन अपने कामकाजी परिवेश में आप अब भी सहज नहीं हैं। आपको लगता है कि आपसे कम जानकारी वाले लोगों को अधिक तवज्जो और बेहतर जगह मिल रही है। आपको सबसे बुरा यह लगता है कि आपके वरिष्ठ आपकी योग्यता और कौशल को पहचानते ही नहीं हैं। लेकिन इस स्थिति और परेशानी का सबसे बड़ा कारण है आपकी विनम्रता। इसकी वजह से आप उस चीज की मांग ही नहीं करते जिसके कि आप हकदार हैं। लेकिन अभी तो लड़ते रहना होगा। हार नहीं माननी क्योंकि अगर आप पीछे हटे तो दूसरे लोगों को फायदा होगा। भावनात्मक स्तर पर सितारे आपके लिए नया चक्र बना रहे हैं। यह प्रेम से मिलाप का समय है। अगर आपने कोई रिश्ता हाल ही में शुरू किया है तो सारे डर-भय एक तरफ करके खुलकर जीयें। अगर आपने संदेह के चलते चीजों को बर्बाद नहीं किया तो आपको मजबूती मिलेगी। साप्ताहिक भविष्यफल (24 जुलाई-30 जुलाई) Sundeep Kochar Astrologer https://www.sundeepkochar.com विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषी संदीप कोचर से जानिए साप्ताहिक भविष्यफल। कोचर पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और डोनाल्ड ट्रम्प की जीत की भविष्यवाणी करके नाम कमा चुके हैं। यूके के विश्वविद्यालय ने उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया है। विश्व के कई रेडियो और टीवी चैनलों को वह साक्षात्कार दे चुके हैं। VII इंडिया अब्रॉड हिन्दी सोमवार, 24 जुलाई, 2023


सोमवार, 24 जुलाई, 2023 Published Weekly Copyright © 2022 Indian Star LLC Editor in Chief Dr. Sridhar Krishnaswami [email protected] Chief Executive Officer Rajeev Bhambri [email protected] Registered Address Indian Star LLC, 6215 Rockhurst Rd, Bethesda, MD 20817 USA Disclaimers: 1. India Abroad is a Registered trademark and not affiliated with the newspaper named India Abroad marketed in the US from 1972 to 2021. 2. Indian Star LLC assumes no liability for claims / assumptions made in advertisements and advertorials. Views expressed by the writers are their own. Indian Star LLC A publication of Editor (Hindi) Dr. Rameshwar Dayal [email protected] l विशेष संवाददाता भारत के राजे-रजवाड़ों के राज्य राजस्थान में अगर आप घूमना पसंद करते हैं तो ये खबर आपके लिए है। राजस्थान में जल्द ही आपको कई स्मारकों तक पहुंचने के लिए एक ही स्मार्ट कार्ड का उपयोग करने की सुविधा मिलने वाली है। इस कार्ड की मदद से आप राजस्थान में स्मारकों, होटल, कैब, रिसॉर्ट्स आदि सभी को एक साथ नेविगेट कर पाएंगे और बिना परेशानी के राजस्थान घूम सकेंगे। मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान सरकार एक ऐसी प्रणाली स्थापित करने में लगी है जो पर्यटकों के लिए यात्रा आसान बना सके। इसके लिए स्मार्ट कार्ड का प्रयाेग करना सर्वप्रथम पहल है। राजस्थान सरकार के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि शुरुआत में पर्यटकों को एक स्मार्ट कार्ड के माध्यम से कई स्मारकों तक पहुंच प्राप्त होगी। इस कार्ड को उन्हें रिचार्ज करना होगा। उन्होंने आगे कहा कि इस उद्देश्य के लिए एक पोर्टल विकसित किया जाएगा। यह पोर्टल पर्यटकों को प्रत्येक स्मारक पर टिकट खरीदने से भी राहत देगा और उनके सफर को आरामदायक बनाएगा। सरकार द्वारा संरक्षित सभी स्मारकों पर यह एक कार्ड मान्य होगा। उन्होंने आगे कहा कि शुरुआती चरण के दौरान स्मारकों के अलावा अंतरराज्यीय यात्रा के लिए सुपर लग्जरी बसों को सेवा में शामिल किया जाएगा। इस कार्ड की वैधता पर भी तय की जाएगी ताकि स्मारकों पर भीड़ प्रबंधन में भी मदद मिल सके। रिपोर्ट्स की मानें तो सिस्टम की प्रतिक्रिया के आधार पर इस सेवा का विस्तार किया जाएगा और निजी स्मारकों या संग्रहालयों को भी इसके तहत कवर किया जाएगा। एक बार यह प्रणाली लागू हो जाने पर टिकट के लिए कतार में खड़े होने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी जो पर्यटकों के संसाधन और समय दोनों की बचत करेगी। यह भी संभव है कि पर्यटक सेवाओं जैसे राजस्थान पर्यटन विकास निगम के स्वामित्व वाले होटल, निजी होटल और रिसॉर्ट्स, कैब सेवाओं को भी इस कार्ड से जोड़ा जाए। लेकिन यह काम धीरे- धीरे किया जाएगा। राजे-रजवाड़ों के इस शहर में डिजिटल यात्रा कर पाएंगे आप, मिलेगी ये सुविधाएं राजस्थान सरकार एक ऐसी प्रणाली स्थापित करने में लगी है जो पर्यटकों के लिए यात्रा आसान बना सके। इसके लिए स्मार्ट कार्ड का प्रयाेग करना सर्वप्रथम पहल है। यह प्रत्येक स्मारक पर टिकट खरीदने से भी राहत देगा और उनके सफर को आरामदायक बनाएगा। Photo by Nomad Bikers / Unsplash एक कार्ड से सभी स्मारकों की यात्रा कर सकेंगे पर्यटक। Photo by Jeet Dhanoa / Unsplash इंडिया अब्रॉड हिन्दी


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