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Law Wallet Hindi edition of Jan 2021
It contains articles on various legal, GST, Income Tax and Corporate affairs matters

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Published by Wallet, 2021-01-13 23:57:14

LAW WALLET MAGAZINE HINDI EDITION

Law Wallet Hindi edition of Jan 2021
It contains articles on various legal, GST, Income Tax and Corporate affairs matters

Keywords: law,legal india,law wallet

RS. 100 JAN 2021

लॉ वॉलेट
लीगल, टै सेशन, कॉप रेट अफे यस ...

प नी या माता- पता!!! इ न क म टै स से व ग
या प नी चुनने के लए टस

कर सकती है मजबूर?

RERA कं लट GST और इनकम
कै से फाइल कर टै स कै लडर

और भी ब त कु छ .

ADVOCATE VIKAS AGGARWAL

स ादक क कलम से

य ोफे शनल सा थयो,

लॉ वॉलटे (Law Wallet) प का के जनवरी 2021 के हद सं करण को जारी करते ए हमे ब त
खशु ी महससू हो रही है।

यवु ा ोफे शनल तेजी से बदलते समय के साथ चलने म क ठनाइय का सामना कर रहे ह और
नवीनतम
के स,कानून, नयम, अ ध नयम, व संबं धत बदलाव क जानकारी से खदु को अपडेट रखना, महामारी
क इस त म क ठन काम ह।ै

हम लॉ वॉलेट (Law Wallet) क , इस मा सक प का के जनवरी 2021 सं करण को आपके लए
लेकर आये है, जसम काननू ी जानकारी के साथ साथ GST और इनकम टै स, कं पनी लॉ के
जानकारी है ।

बेहतर समझ के लए हमने इस सं करण को हद और अं ेजी दोन भाषा म का शत कया ह।ै
अ धक व व ततृ जानकारी के लए आप हमारे यू ूब चैनल लॉ वॉलटे (You Tube channel
Law Wallet) को स स ाइब कर सकते ह,ै इसी के साथ हम येक सोमवार व शु वार साय: 6:00
बजे यू ूब चैनल लॉ वॉलेट (You Tube channel Law Wallet) पर लाइव आपक कानून
सबं ं धत
सवाल के जवाब देते ह।ै

हम आपके उ वल भ व य क कामना करते है।

जय ह द ।
वीण सघल
अ धव ा
ट म लॉ
वॉलटे
[email protected]

ध यवाद प

लॉ वॉलेट (Law Wallet) प का टीम के यास का एक
प रणाम है, जसम टीम के येक सद य ने इस प का को एक
ऐसी भाषा म लाने के यास कया ह जसे आसानी से समझा जा
सके ।

यह हमारी पहली प का है और चं ू क मानव वभाव म गल तयाँ
अप रहाय ह, इस लए आप हमारी मेल आईडी (E-mail id ) पर
कसी भी गलती के लए लख सकते ह, हमे
ख़शु ी होगी।

अंत म हम ध यवाद दे ना चाहगे
1. ी वकास अ वाल (एडवोके ट)
2. ी अंशु महाजन (एडवोके ट)
3. ी वीन संघल (एडवोके ट)
4. ीमती रे नू संघल (चाटड एकाउं टट)
5. ीमती ए ा रोज़र (चाटड एकाउं टट)
6. ी जगजीत पाहवा (एडवोके ट)
7. कु मारी री तका (एडवोके ट)
8. कु मारी ेता दयाल (एडवोके ट)

अ वीकरण

इस प का म लेखक के वचार ह और कोई भी ह सा, कसी भी तरह से, काननू ी राय के प म नहीं
माना जाये। इस प का के संपणू या कसी भी ह से पर व ास करना परू ी तरह से पाठक खुद के
जो खम पर है, और संपादक या लेखक को कसी भी तरीके से, कसी भी तरह से ज मेदार नहीं
माना जाएगा। स स ाइबस / पाठक को सलाह दी जाती है क प का के कसी भी त य पर भरोसा
करने से पहले ोफे शन स से राय ल ।

© सवा धकार सुर त

लॉ वॉलेट (Law Wallet) मा सक काननू ी लेख एवं GST टै स, आयकर, कॉप रे ट लेख व इससे जुडी
नवीनतम खबर क प का है। इस म का शत सभी रचनाओं के सवा धकार संबं धत लेखक
अथवा काशक के पास सुर त ह। लेखक अथवा काशक क ल खत वीकृ त के बना इनके
कसी भी अंश के पुन काशन क अनुम त नहीं है।
यह एक मा सक प का है। यह प का द ी से का शत होती है और कसी भी वाद के लए के वल
द ी यायालय के े ा धकार म ही दायर होगा।

सद यता

लॉ वॉलेट एक मा सक प का है और आप के वल 1200/- पये का भगु तान
करके हमारी वा षक सद यता ले सकते ह।

सद यता लेने के लए, हमे न न लखे:-

ईमेल:- [email protected]
मो० :- 9910633406
आप न न ल खत ववरण पर भी सद यता रा श का भगु तान कर सकते ह !
बक: यू नयन ऑफ़ इं डया
अकाउं ट न०: 510101003298389
IFSC कोड: CORP0002973

ांच का पता: वजय नगर, द ी -110009

लॉ वॉलेट प रवार का ह सा बन

लॉ-वॉलेट प का क सद यता ल @RS 1200 /- त
वष प का का लाभ उठाने के लए 31 जनवरी से
पहले सद यता ल @ 999 / - ।

1 साल क सद यता म शा मल है (वष 2021-2022 के
लए आईट आर दा खल करना या आपके कसी भी
जीएसट रटन के लए जांच करना)

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LAW & TAXATION
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INSIDE PG – 11 Pg 28 Pg- 33
THIS
ISSUE आपके वाहन के बलए चालान ,ई-वे बिल आपकी गाडी जीएसटी 86ए
जािी बकया गया? अपने घि,
PG – 03 काम या यहांो तक बक जि का कानूनी प्रमाण व्यापारिय ों क पिे शान
आप बकसी पाटी मंे भाग ले किने का एक नया
पत्नी आपको अपने माता- िहे ह ,ंो ति उससे भुगतान तिीका
पपता को छोड़ने के पिए किें ।
मजबूर कर रही है ?? इस
पर कारर वाई करने से पहिे
अपने अपिकारोों को जानंे।

PG – 06

बिल्डि द्वािा ध खाधडी
प्रचबलत है औि कई ल ग
इससे पीबडत हुए हैं ....
अपने आप क ध खाधडी
से िचाने के अपने अबधकाि
क जानंे

PG – 08

साइिि क्राइम? हाँा आपका
बिवाइस अपिाध का एक
स्र त भी ह सकता है ...
एक अवश्य पढंे लेख

1|P a g e

Pg 34 टीम लॉ वॉलेट

माबसक कानूनी समाचाि टीम िॉ वॉिेट भारत के नागररक के जीवन के शाोंपतपूर्र और
आनंोद के पिए पवपभन्न अपिकारोंो और कतरव्ोों के बारे मंे जागरूकता
Pg 37 पैदा करने के पिए कड़ी मेहनत करते हैं हैमारा उद्देशय सबको
जागरूक करना और ज्ञान बढ़ाना है।
कीि िड के बलए टैली
शॉटडकट कंोु जी सीए िे नु बसोंहल

Pg – 38 अपने क्षेत्र मंे 20 वर्षों के
अनुभव के िाद, सीए िे णु
आपक आगामी बतबिय ों के बसोंघल महत्वाकांोक्षी रूप से
साि अपिेट िखने के बलए सभी मूल्यवान ज्ञान औि
आयकि कै लंेिि अनुभव प्रदान किने के बलए
कडी मेहनत कि रही हंै औि
अपने कै रियि के माध्यम से
लगाताि हाबसल कि िहे हैं।

Adv. पिवीन बसंोघल

आम आदमी के पिए कानून को
समझना आसान बनाने और उन्हें
कानून से जुड़े पमथक का पदारफाश
करने मंे मदद करने का एक नजररया
है। कई िोगोंो को अदािती मामिोंो में
हार का सामना करना पड़ता है, जो पक
ज्ञान का अभाव होने के कारर् पवरोिी
के अपिकार और कतरव् हैं और
प्रपियात्मक ज्ञान की कमी के कारर्
प्रमुखता से हैं। हमारा मानना है पक
अगर कानून सभी के पिए है तो इसे
सभी को जानना चापहए।

2|P a g e

पत्नी या माता-पपता!!!

क्या पत्नी चुनने के पिए कर सकती है मजबूर?

ADV. VIKAS AGGARWAL

पपत और पत्नी वाहन के पपहए की तरह हंै और यपद इनमें यहाों तक पक माननीय सवोच्च न्यायािय और पवपभन्न
से कोई भी असंोतुपित होता है तो वाहन एक इंोच भी आगे अन्य उच्च न्यायाियोों ने भी इन सवािोंो का पवश्लेषर्
नहींो बढ़ सकता है। पत्नी और माता-पपता के बीच सोंतुिन पकया है और अपने पनष्कषर पदए हैं। हम इन मुद्दोंो पर
बनाए रखना आसान नहीों है, यह के वि पपत-पत्नी के बीच संोपिप्त मंे चचार कर रहे हंै:
ही नही,ंो बल्कि उनके पररवार के सदस्ोों के बीच भी
अच्छा आपसी तािमेि रखने से हो सकता है। सवोच्च न्यायािय

छोटे पररवार होने की पपिमी संोस्कृ पत ने वतरमान दोंपपतयोंो नरंे द्र बनाम कु ० मीना (2016) 9 एससीसी 455
को इतना प्रभापवत पकया है पक कई पववापहत िड़पकयांो
स्वतोंत्र रहना चाहती हैं और अपने पपत के माता-पपता तथ्य: इस मामिे में पत्नी ने पपत से अपने वृद्ध माता-पपता
और भाई-बहनोंो के साथ नहीों रहना चाहती हंै। और पररवार के अन्य सदस्ोंो को छोड़ने और उनसे
अिग होने की मांोग की तापक पत्नी अपने पपत के साथ
आज़ाद सोच और स्वतोंत्रता का यह दृपिकोर्, कभी- स्वतोंत्र रूप से रह सके ।
कभी, तिाक का एक प्रमुख कारर् बन जाता है। तो, अब
सवाि उठता है, पनर्रय:

क्या पत्नी माता-पपता से अिग रहने के पिए पपत को 1. अिग होने की मांोग करने का कोई अपिकार नही:ंो
मजबूर कर सकती है? शादी के बाद एक पहंोदू मपहिा पपत के पररवार का
पहस्सा बन जाती है और इस तरह वह अपने पपत के वृद्ध
क्या पत्नी अपने पिए अिग घर की माोंग कर सकती है? माता-पपता से उसे अिग-अिग कारर्ोंो को बताते हुए
अिग करने की माोंग नहींो कर सकती है, जैसे वह अपने
क्या इसके पिए कानून मंे कोई प्राविान है? पपत की आय का अके िे आनंोद िेना चाहती है।

इन सवािोंो का सरि उत्तर है "नही"ंो भारतीय कानून के 2. तिाक का आिार: उच्चतम न्यायािय ने उल्लेख
तहत कोई प्राविान नहीों है, पजसके द्वारा पत्नी अिग रहने पकया है पक एक पहंोदू पुत्र अपनी पत्नी को िू रता के पिए
की मांोग कर सके और यपद पत्नी पपत के पररवार से अिग कानूनी रूप से तिाक दे सकता है यपद वह उसे अपने
रहने की माोंग करती है तो यह पहोंदू पववाह अपिपनयम,
1955 की िारा 13 (1) (आईआईए) के तहत िू रता के
प्राविान मंे आता है।

3|P a g e


















































































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