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धनतेरस कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है. धन तेरस के दिन महालक्ष्मी के सचिव कुबेर का पूजन होता है. कुबेर के वरदान से घर में अपार धन के भंडार लग सकते हैं. इनके पूजन के लिए धनतेरस के दिन कई उपाय भी किए जाते हैं. धनतेरस की शाम परिवार की मंगलकामना के लिए यम नाम का दीपक भी जलाया जाता है. इस साल धनतेरस 13 नवंबर 2020 को मनाया जाएगा। इस दिन लोग शुभता के लिए सोना, चांदी, आभूषण, बर्तन आदि की खरीदारी भी करते है। आइए जानते हैं कि इस वर्ष धनतेरस पूजा का मुहूर्त तथा तिथि क्या है?

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Published by singh.shivani8733, 2020-10-28 09:34:31

कब है धनतेरस - जाने पूजा विधि और खरीदारी का शुभ मुहूर्त

धनतेरस कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है. धन तेरस के दिन महालक्ष्मी के सचिव कुबेर का पूजन होता है. कुबेर के वरदान से घर में अपार धन के भंडार लग सकते हैं. इनके पूजन के लिए धनतेरस के दिन कई उपाय भी किए जाते हैं. धनतेरस की शाम परिवार की मंगलकामना के लिए यम नाम का दीपक भी जलाया जाता है. इस साल धनतेरस 13 नवंबर 2020 को मनाया जाएगा। इस दिन लोग शुभता के लिए सोना, चांदी, आभूषण, बर्तन आदि की खरीदारी भी करते है। आइए जानते हैं कि इस वर्ष धनतेरस पूजा का मुहूर्त तथा तिथि क्या है?

कब है धनतेरस - जाने पूजा विवध और खरीदारी का शुभ मुहूतत

धनतेरस कार्तिक मास की कृ ष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है. धन तेरस के र्दन महालक्ष्मी के सर्िव
कु बेर का पूजन होता है. कु बेर के वरदान से घर में अपार धन के भंडार लग सकते हैं. इनके पूजन के र्लए
धनतेरस के र्दन कई उपाय भी र्कए जाते हंै. धनतेरस की शाम पररवार की मंगलकामना के र्लए यम नाम का
दीपक भी जलाया जाता है. इस साल धनतेरस 13 नवंबर 2020 को मनाया जाएगा। इस र्दन लोग शुभता के
र्लए सोना, िांदी, आभूषण, बतिन आर्द की खरीदारी भी करते है। आइए जानते हंै र्क इस वषि धनतेरस पूजा
का मुहूति तथा र्तर्थ क्या है?

धनतेरस 2020 वतवि और शुभ मुहूतत (Dhanteras 2020 Subh Muhurat)-
धनतेरस र्तर्थ - शुक्रवार, 13 नवंबर 2020
धनतेरस पूजन मुहूति - शाम 05:25 बजे से शाम 05:59 बजे तक।
प्रदोष काल - शाम 05:25 से रात 08:06 बजे तक।
वृषभ काल - शाम 05:33 से शाम 07:29 बजे तक।
त्रयोदशी र्तर्थ प्रारं भ-12 नवंबर 2020 की रात 09:30 बजे से।
धनतेरस 2020 की पूजा विवध

धनतेरस को शुभ मुहूति मंे आपको देवताओं के वैद्य या आरोग्य के देवता धन्वंतरर और धन के देवता कु बेर की पूजा
करनी िार्हए। धनतेरस पर दर्क्षण र्दशा मंे र्दया जलाया जाता है। र्वशेषरूप से यर्द घर की लक्ष्मी इस र्दन
दीपदान करंे तो पूरा पररवार स्वस्थ रहता है| संध्याकाल में पूजा करने से र्वशेष फल की प्राप्ति होती है| पूजा के
स्थान पर उत्तर र्दशा की तरफ भगवान कु बेर और धन्वन्तरर की मूर्ति स्थापना कर उनकी पूजा करनी िार्हए| सबसे
पहले भगवान गणेश का पूजन करें उन्हंे सबसे पहले पुष्प और दू वाि अर्पित करें और उनका र्वर्धवत पूजन करंे ।
इसके बाद हाथ मंे अक्षत लेकर भगवान धनवंतरी का ध्यान करें । इसके बाद भगवान धनवंतरी को पीले रं ग की
र्मठाई का भोग लगाएं और अंत मंे माता लक्ष्मी और कु बेर जी का भी पूजन करें ।

धनतेरस पर मांा लक्ष्मी की पूजा

समुद्रमंथन के समय िौदह रत्ों मंे से एक मां लक्ष्मी भी प्रकट हुई थी। मां लक्ष्मी धन की देवी हंै, इसर्लए धनतेरस
पर मां लक्ष्मी और धन के देवता कु बेर की पूजा करने का प्रावधान भी है। इस र्दन आपको मां लक्ष्मी के यंत्र को
स्थार्पत करना िार्हए और र्दवाली तक इसका पूजन करना िार्हए। इसके बाद भी इसका पूजन हमेशा करते रहंे।
ऐसा करने से आपको मां लक्ष्मी की कृ पा प्राि होगी। धनतेरस के र्दन अपने घर पर कु बेर यंत्र अवश्य लांए और
लाल कपडे में इसे रखकर इसकी पूजा करें और इसे अपनी दुकान,फै क्ट्र ी या र्फर र्तजोरी में अवश्य रखें। ऐसा
करने से आप धन की बित कर पाएं गे।

जावनए धनतेरस पर वकस चीज की खरीदारी है शुभ

- धातु का बतिन, अगर पानी का बतिन हो तो ज्यादा अच्छा होगा.
- खील बताशे और र्मट्टी के दीपक, एक बडा दीपक भी जरूर खरीदें.
- पीतल और िााँदी के बतिन खरीदना िार्हए, क्योरं्क पीतल महर्षि धन्वंतरी का धातु है
- धनतेरस के र्दन अपने घर पर कु बेर यंत्र अवश्य लांए और लाल कपडे मंे इसे रखकर इसकी पूजा करें

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