The words you are searching are inside this book. To get more targeted content, please make full-text search by clicking here.

केनरा बंक अंचल कार्यालय लखनऊ की हिंदी ई-पत्रिका

Discover the best professional documents and content resources in AnyFlip Document Base.
Search
Published by olcoluck, 2021-12-26 12:07:43

अवध संवाद सितम्बर 2021

केनरा बंक अंचल कार्यालय लखनऊ की हिंदी ई-पत्रिका

02

राजभाषा क अनु म णका
मानव संसाधन बंधन अनभु ाग
अचं ल मुख का सं देश
अंचल कायालय लखनऊ उप महा बंधक का सं देश
उप महा बंधक का सं देश
संर क बकै ों म मानव सं साधन वकास का मह

ी श भू लाल नजर उठा के
महा बंधक सव म नवेश चू ुअल फं ड

परामशदाता नया सवरे ा
कथाकार ेमचं द
ी लोक नाथ देख सूरज जाग गया
उप महा बंधक िहंदी ो ाहन योजनाएँ
ी अजीत कु मार िम ा
उप महा बंधक जा त
अचं ल क ग त व धयां
मागदशन श ण और कौशल वकास

सु ी उषा एस कु लक ण राम का राज
सहायक महा बंधक हा रस
एक अनोखी दु नया : तातं पुर
संपादक नम ार का मह
वषायन क क वता
ी मयंक पाठक , बंधक (राजभाषा ) वतमान बिकं ग प र म िहंदी
आधु नक भारत म िहंदी भाषा का मह
संपादन सहयोग फोटो ाफ
पकंु ड टेक : मानव कं कालों से घरा कंु ड
ी िवजय कु मार, व र बंधक
ी रिव कु मार िस हा , बंधक (राजभाषा ) इस प का म का शत लखे ों म दए गए वचार सं बं धत
लेखकों के है। सं पादक मं डल अथवा के नरा बक का इन
वचारों से सहमत होना आव क नहीं है ।

आतं रक प रचालन हेतु : : ब के लए नहीं

अंचल प्रमुख का संदेश

प्रिय साप्रियो,

‘अवध संवाद’ पप्रिका के माध्यम से आपसे सवं ाद करते हुए मझु े हार्दकि िसन्नता का अनभु व हो रहा है ।

इस प्रवत्त वर्ि की छमाही के पररणाम आशातीत रहे हैं । आप सभी ने कोप्रवड – 19 महामारी से उत्पन्न चुनौप्रतयों का
अत्यतं साहस के साि मकु ाबला करते हुए ग्राहक सवे ा के नए िप्रतमान गढ़े हैं । यह सभी कमचि ाररयों के संयकु ्त ियास
का ही िप्रतफल है कक बैकं ने इस प्रवपरीत आर्ििक पररप्रथिप्रत में भी लाभ अर्जति ककया है ।

कोप्रवड – 19 से उत्पन्न चनु ौप्रतयों ने सम्पणू ि प्रवश्व की अििव्यवथिा को िभाप्रवत ककया है । सभी बड़ी अििव्यवथिाएं
इससे उबरने के प्रलए ियासरत हंै । भारत सरकार भी अनके योजनाओं के माध्यम से दशे की अििव्यवथिा को पुनः
उबारने के प्रलए ियासरत है । जैसा कक आप सभी जानते हैं कक बैकं ककसी भी अिवि ्यवथिा की रीढ़ होते हैं । ऐसे मंे
हमारा कायि और भी महत्वपूणि हो जाता है । हमंे अपने आर्िकि लाभ को ध्यान मंे रखते हुए समाज के जरुरतमंद
लोगों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुचुँ ाने की भी प्रजम्मदे ारी का प्रनविहन करना है । ऐसे करिन समय मंे
प्रडप्रजटल बैंककं ग हमारे प्रलए जनता के बड़े वगि तक पहुँुच बनाने का सबसे सशक्त माध्यम है । हमंे अपने सभी ग्राहकों
को डपे ्रबट व क्रे प्रडट काडि के साि मोबाइल बैकं कं ग की सुप्रवधा पहुचुँ ानी है ।

के नरा बंकै ने प्रवगत कु छ वर्ों में अनके प्रडप्रजटल उत्पाद जारी ककए हंै । हमारा यह ियास हो कक हम अपने वतमि ान
व सम्भाप्रवत ग्राहकों को इन प्रडप्रजटल उत्पादों की जानकारी दते े हुए उन्हंे इसे अपनाने के प्रलए जागरुक करंे । मरे ा
आग्रह है कक क्वाप्रलटी कासा और गुणवत्तापूणि अप्रग्रम पर प्रवशेर् ध्यान दते े हुए ग्राहकों को सुप्रवधाएं िदान करंे साि
ही वसलू ी के प्रलए सजग होकर करटबद्ध ियास करते रहें ।

ग्राहकों से हमारे जड़ु ाव को और भी मजबतू करने के प्रलए आवश्यक है कक हम हहदं ी भार्ा का अप्रधकाप्रधक ियोग
करें। कमिचाररयों को हहदं ी भार्ा में अपनी रचनाएं बकंै की प्रवप्रभन्न पि- पप्रिकाओं में िकाशन हते ु िपे ्रर्त करते रहना
चाप्रहए और अपनी अप्रभव्यप्रक्त क्षमता को प्रनरंतर सुदढ़ृ करना चाप्रहए ।

मझु े आशा ही नहीं वरन पणू ि प्रवश्वास है कक आप सभी आगे भी पप्रिका को और भी रचनात्मक बनाने के प्रलए अपना
सहयोग िदान करते रहगंे े ।

शम्भू लाल

महा िबधं क

उप महा प्रबंधक का संदेश

प्रिय के नराइट्स,

एक बार पनु ः अचं ल कायालि य, लखनऊ की ई-पप्रिका “अवध संवाद” के माध्यम से आप सभी साप्रियो से संवाद
करने का अवसर प्रमला है । जसै ा कक आप सभी को ज्ञात है कक प्रवत्तीय वर्ि 2021-22 की जून प्रतमाही मंे हमारा
बकंै दशे का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बन चकु ा है और इस उपलप्रधध के प्रलए आप सभी बधाई के पाि हंै । इस
उपलप्रधध की बात करें तो प्रजतनी मेहनत से हमंे यह थिान िाप्त हुआ है, इस थिान को बनाए रखने के प्रलए और
कड़ी मेहनत करनी होगी ।

समय तजे ी से प्रनकल रहा ह,ै हम प्रतमाही, छमाही व वार्र्कि थतर पर व्यावसाप्रयक लक्ष्यों को िाप्त करने के प्रलए
िप्रतबद्ध हंै । मुझे दढ़ृ प्रवश्वास है कक हम सब एक साि प्रमलकर कड़ी महे नत द्वारा बैकं के लक्ष्यों को िाप्त करेंगे और
बैंक को नई व्यावसाप्रयक ऊं चाइयों पर पहुचं ाएगे ।

यह सविप्रवकदत है कक हमारा मखु ्य उद्देश्य ग्राहकों को उनकी आवश्यकता के अनुसार सवोत्तम ग्राहक सेवा िदान
कर बंैक के व्यवसाय को बढ़ाना है । ग्राहक और व्यवसाय वपृ ्रद्ध मंे राजभार्ा हहदं ी सवोत्तम मागि बन सकती है ।
हम हहदं ी भार्ी क्षेि मंे ह,ै हमारा यह नैप्रतक और सांप्रवप्रधक दाप्रयत्व है कक हम अपने दहै नदं न कायों मंे हहदं ी का
अप्रधकाप्रधक ियोग करें ।

मैं सभी साप्रियो से अनरु ोध करता हुँ कक अपने अचं ल के कारोबार को बढ़ाने के प्रलए श्रेष्ठ कायि प्रनष्पादन करंे ।

मझु े इस बात खशु ी है कक अंचल की “अवध संवाद” पप्रिका ज्ञानवधिक और सरु ुप्रचपूणि प्रवप्रवध प्रवर्यों के साि
िथतुत की जा रही है । आशा ह,ै पप्रिका का यह अंक संग्रहणीय होगा और राजभार्ा हहदं ी के िचार-िसार में एक
महती भूप्रमका प्रनभाएगा । आपके बहुमूल्य प्रवचारों की हमंे ितीक्षा रहगे ी ।

आपके उत्तम थवाथि की शभु कामनाओं के साि .......................

लोक नाि

उप महा िबधं क

उप महा प्रबंधक का संदेश

प्रिय पािक,

अचं ल कायालि य लखनऊ से िकाप्रशत ई-पप्रिका “अवध संवाद” के ततृ ीय अकं को सौपते हुए अत्यतं हर्ि हो रहा ह।ै
यह पप्रिका न के वल थटाफ सदथयों की रचनात्मक अप्रभरुप्रच को िकट करने का सशक्त माध्यम है अप्रपतु प्रवप्रभन्न
बैंककं ग व साप्रहत्य प्रवर्य पर ज्ञानवद्धनि करने का भी मचं है । इस पप्रिका के िकाशन के प्रलए मैं इसके संपादक
मडं ल एवं राजभार्ा कक्ष को शभु कामनाएुँ दते ा हुँ । साि ही मैं अचं ल के अधीन कायरि त सभी थटाफ सदथयों से
आग्रह करता हँु कक वे इस पप्रिका के प्रलए अपना योगदान दंे ।

जैसा कक आपको ज्ञात है कक हमारे अंचल को राजभार्ा कायानि ्वयन के प्रलए िधान कायािलय से प्रद्वतीय परु थकार
िाप्त हुआ है । इसके साि-साि गृह मंिालय राजभार्ा प्रवभाग द्वारा आयोप्रजत अप्रखल भारतीय कं िथि अनुवाद
िप्रतयोप्रगता में अचं ल कायालि य लखनऊ को पनु रीक्षण व अनवु ाद कायि में ििम थिान िाप्त हुआ । इस उपलप्रधध के
प्रलए आप सबको बधाई एवं इस प्रवश्वास के साि कक चालू प्रतमाही में हम और बहे तर कायानि ्वयन करंेगे ।

प्रवगत वर्ि से कोप्रवड 19 महामारी ने प्रवकट पररप्रथिप्रत उत्पन्न कर दी है । हमारे कई सािी हमसे प्रबछड़ गए ।
सविि िम मंै उन सबके िप्रत अपने श्रद्धा समु न अर्पित करता हुँ और उनके पररवार सदथयों के िप्रत संवेदना िकट
करता हँु । मेरा सभी से आग्रह है कक कोप्रवड िोटोकाल का कड़ाई से पालन करें और जो सािी कोप्रवड का टीका
अब भी नहीं प्रलए हैं वे टीका जरूर लगवा लंे ।

साप्रियो, आजादी के अमृत महोत्सव (थवतिं भारत@75) पर श्रषे ्ठ भारत, उत्कृ ष्ट भारत, सम्पन्न और थवथ्य
भारत की सकं ल्पना की गई ह।ै इस महान यज्ञ में हम बकैं र महत्वपूणि योगदान कर सकते हैं । ककसानों से संबप्रन्धत
योजनाओं एवं सरकार द्वारा िायोप्रजत योजनाओं को हमंे िािप्रमकता दने ी है । तकनीकी उत्पादों के माध्यम से
‘कॉन्टेक्टलसे बकैं कं ग’ के िप्रत ग्राहकों को जागरुक करना है । बंैक के अप्रभयान (R&R) के तहत खदु रा जमा और
अप्रग्रम में वपृ ्रद्ध के साि वसूली पर जोर दने ा है । ग्राहकों की जरूरतों और िािप्रमकताओं के अनुरूप अपनी
प्रवपणन रणनीप्रत मंे पनु रावलोकन और सधु ार करते हुए हुए इसे िभावशाली बनाना होगा ।

आशा है कक आप सभी को यह पप्रिका पसदं आएगी । आपके बहुमूल्य सझु ावों एवं प्रवचारों की हमंे ितीक्षा रहगे ी।
शुभकामनाओं सप्रहत……….

अजीत कु मार प्रमश्रा

उप महा िबधं क

बकै ों में मानव संसाधन ववकास का महत्व

अवपित साहू, अवधकारी
अंचल कार्ािलर् लखनऊ

मानव संसाधन, िबधं न का वह प्रहथसा है जो प्रवशेर् रूप से कमिचाररयों के िप्रशक्षण और प्रवकास से सबं ंप्रधत ह।ै यह
िबंधन कमिचाररयों को अपने ज्ञान, कौशल और क्षमताओं को प्रवकप्रसत करने मंे मदद करता है ताकक संगिनात्मक
लक्ष्यों की उपलप्रधध के साि आत्म-परू ्ति िाप्त कर सके ।

मानव संसाधन आधपु ्रनक अििशास्त्र की प्रवकास िकक्रया मंे महत्वपूणि भूप्रमका प्रनभाते ह।ैं आििर लपे ्रवस ने कहा, "उन
दशे ों के बीच प्रवकास में बहुत अतं र हैं, प्रजनके पास लगभग समान ससं ाधन हंै, इसप्रलए मानव व्यवहार में अतं र के
बारे में पछू ताछ करना आवश्यक ह।ै " यह अक्सर महसूस ककया जाता है कक, िाकृ प्रतक संसाधनों का दोहन, भौप्रतक
और प्रवत्तीय संसाधनों की उपलधधता और अतं रािष्ट्रीय सहायता आधपु ्रनक अिवि ्यवथिाओं की वपृ ्रद्ध में िमखु भपू ्रमका
प्रनभाते ह,ंै इनमें से कोई भी कारक कु शल और िप्रतबद्ध जनशप्रक्त से अप्रधक महत्वपूणि नहीं ह।ै

कॉपोरेट सेक्टर की ज्यादातर समथयाएं शारीररक, तकनीकी या आर्ििक के बजाय मानवीय और सांथकृ प्रतक ह।ैं
ककसी भी उद्योग को तब तक कु शल नहीं बनाया जा सकता, जब तक कक मलू त्य यह न पहचाना जाए कक यह
मुख्य रूप से मानव ह।ै यह मशीनों और तकनीकी िकक्रयाओं का नहीं बप्रल्क परु ुर्ों का शरीर ह।ै इसका शरीर
यांप्रिक उपकरणों का जरटल चक्रव्यूह नहीं बप्रल्क एक आवर्धित तपं ्रिका तंि ह।ै

एक संगिन मंे मानव संसाधन िणाली न के वल एक अप्रद्वतीय उप-िणाली ह,ै बप्रल्क एक िमुख और कंे द्रीय उप-
िणाली है और यह अन्य सभी उप-िणाप्रलयों को सचं ाप्रलत और प्रनयपं ्रित करती ह।ै मानव ससं ाधन संगिन के
भीतर व्यवप्रथित प्रशक्षण गप्रतप्रवप्रधयों के रूप मंे पररभाप्रर्त करता है ताकक नौकरी, व्यप्रक्त और / या संगिन में
सुधार के उद्दशे ्य से िदशिन और / या व्यप्रक्तगत प्रवकास में सधु ार हो सके ।

िबधं न में कमचि ारी िप्रशक्षण, कै ररयर प्रवकास, िदशिन िबधं न, कोहचगं , सलाह, िमखु कमचि ारी पहचान, िप्रतभा
प्रवकास और संगिन प्रवकास के क्षिे शाप्रमल ह।ैं एक अत्यप्रधक उत्पादक और बहे तर कायबि ल प्रवकप्रसत करना
एचआरडी गप्रतप्रवप्रधयों का उद्दशे ्य ह।ै

ककसी संगिन का िभावी िदशनि न के वल उपलधध संसाधनों पर प्रनभरि करता है, बप्रल्क सगं िन द्वारा समय-समय
पर इसकी गणु वत्ता और क्षमता पर प्रनभरि करता ह।ै दो राष्ट्रों के बीच का अतं र काफी हद तक मानव संसाधनों की
गुणवत्ता के थतर पर प्रनभिर करता ह।ै

इसी तरह, दो संगिनों के िदशिन के थतर में अंतर भी मानव ससं ाधनों के उपयोग मूल्य पर प्रनभिर करता ह।ै
इसके अलावा, उत्पादन िकक्रया और िबधं न के प्रवप्रभन्न क्षिे ों की दक्षता मानव ससं ाधन प्रवकास के थतर पर
काफी हद तक प्रनभिर करती ह।ै

एचआरडी तजे ी से बदलते संगिनात्मक वातावरण और संगिन की जरूरत को दखे ते हुए पयािवरणीय पररवतिनों
का जवाब दने े के प्रलए नई तकनीकों को अपनाने के प्रलए महत्व दते ा ह।ै

मानव संसाधन प्रवकास िबंधन का वह प्रहथसा है जो प्रवशेर् रूप से कमिचाररयों के िप्रशक्षण और प्रवकास से
संबपं ्रधत ह।ै यह कमचि ाररयों को अपने ज्ञान, कौशल और क्षमताओं को प्रवकप्रसत करने में मदद करता है ताकक
सगं िनात्मक लक्ष्यों को पूरा करने मंे आत्म-परू ्ति और सहायता िाप्त कर सके ।

एचआरडी को संगिन के भीतर व्यवप्रथित प्रशक्षण गप्रतप्रवप्रधयों के रूप में पररभाप्रर्त ककया जा सकता है ताकक
नौकरी, व्यप्रक्त और / या सगं िन मंे सधु ार के उद्दशे ्य से िदशनि और / या व्यप्रक्तगत प्रवकास में सुधार हो सके ।
िबंधन में कमचि ारी िप्रशक्षण, कै ररयर प्रवकास, िदशिन िबंधन, कोहचंग, सलाह, िमुख कमचि ारी पहचान,
िप्रतभा प्रवकास और संगिन प्रवकास के क्षेि शाप्रमल हैं । एक अत्यप्रधक उत्पादक और बेहतर कायिबल प्रवकप्रसत
करना एचआरडी गप्रतप्रवप्रधयों का उद्दशे ्य है ।

ककसी संगिन की सफलता में मानव की भपू ्रमका को गहराई से पहचाना जाता ह।ै कमिचाररयों को प्रवकप्रसत
करने के प्रलए कई औपचाररक और अनौपचाररक तरीकों का उपयोग ककया जाता ह।ै एचआरडी न के वल
व्यप्रक्तगत श्रप्रमकों के सुधार के प्रलए ियास करता है, बप्रल्क समग्र रूप से समूह और सगं िन के प्रवकास के प्रलए
भी सदवै लाभदायक रहता है ।

िबंधन लोगों को दक्षताओं को िाप्त करने मंे मदद करने की िकक्रया ह।ै एक सगं िनात्मक सदं भि में एचआरडी
“एक िकक्रया है जो संगिन के कमचि ाररयों को प्रनरंतर और प्रनयोप्रजत तरीके से मदद करती है । िौद्योप्रगकी में
पररवतनि , अिवि ्यवथिाओं के उदारीकरण आकद के कारण आधपु ्रनक व्यवसाय तेजी से बदलाव के दौर से गजु र
रहा ह।ै व्यवसाय में पररवतनि के कारण गंभीर िप्रतथपधाि हुई। व्यापार मंे जानकार कमिचाररयों को िप्रतथपर्धियों
पर िप्रतथपधाति ्मक लाभ होना चाप्रहए।

संगिन में व्यप्रक्तयों के बौप्रद्धक, नैप्रतक, मनोवजै ्ञाप्रनक, साथं कृ प्रतक, सामाप्रजक और आर्ििक प्रवकास को तैयार
करने के प्रलए सगं िन द्वारा की जाने वाली गप्रतप्रवप्रधयों और िकक्रया के रूप में पररभाप्रर्त ककया जाता है, ताकक
समदु ाय के प्रलए एक संसाधन के रूप में उच्चतम मानवीय क्षमता िाप्त करने में उनकी मदद की जा सके । । इसका
मतलब कामकाजी मानव के कु ल-सवागंा ीण प्रवकास को लाना ह,ै ताकक वे सगं िन, समुदाय, समाज और राष्ट्र के
प्रलए अपना सवशि ्रेष्ठ योगदान दे सकें ।

िबंधन में तंि या तकनीकों के एक सेट को कवर नहीं ककया जाता ह,ै यह एक ऐसी िकक्रया है प्रजसके द्वारा
कमचि ारी प्रवप्रभन्न कायों को करने के प्रलए क्षमताओं को िाप्त करते हंै या तेज करते हैं, अपनी सामान्य क्षमताओं
को व्यप्रक्तयों के रूप में प्रवकप्रसत करते हैं और अपनी आतं ररक क्षमताओं का दोहन करते हंै, टीम के काम और
सहयोग का प्रवकास करते ह।ैं एचआरडी अवधारणा बहुत व्यापक है और एक संगिन के लगभग सभी क्षेिों को
गले लगाती ह।ै

कर्मिकों को ककसी लक्ष्य या कायि सौंपे जाने से पहले उन्हंे कु छ हद तक प्रवकप्रसत होना चाप्रहए। िप्रशक्षण के
माध्यम से कौशल की वपृ ्रद्ध के साि करना ही कार्मिकों का समग्र प्रवकास है जो लक्ष्य की िाप्रप्त मंे उप्रचत के
िदशिन के प्रलए आवश्यक ह।ै इस िकक्रया में कमचि ाररयों को प्रवकप्रसत करने के प्रलए िप्रशक्षण की प्रवप्रभन्न
तकनीकों का उपयोग ककया जाता है । व्यप्रक्तत्व प्रवकास के साि बकंै कं ग के प्रवप्रभन्न क्षेिों का व्यापक और
समयानुकू ल िप्रशक्षण , पदोन्नप्रत के आधार का प्रनधारि ण और िदशनि मलू ्याकं न करना कार्मिकों के प्रवकास का
आधार ह।ै

अत्यप्रधक िप्रतथपधी और गप्रतशील वातावरण मंे, संगिनात्मक अप्रथतत्व और प्रवकास एचआरडी की भूप्रमका की
दक्षता और िभावशीलता पर प्रनभिर कर सकता । जैसे-जसै े एचआरडी की गप्रतप्रवप्रधयां और उनके सुप्रनयोप्रजत
कायकि लाप अप्रधक सकक्रय होते जाते ह,ंै दक्षता और उत्पादकता का अप्रधकतम प्रवकास होता है । प्रवकप्रसत होने
की क्षमताओं और क्षमता वाले लोगों के गणु ात्मक प्रवकास के माध्यम से बंकै में लाभिदता की प्रथिप्रत को िाप्त
ककया जा सकता ह।ै

िेरणा और परु थकार संगिन में कार्मिकों के प्रवकास के महत्वपूणि अगं ह,ंै मानव ससं ाधन िबंधकों को बढ़ते हुए
उपायों मंे कमचि ाररयों की जरटल और बदलती जरूरतों और मूल्यों को समझना, परु थकार द्वारा िरे रत करना,
और समायोप्रजत करना होगा। पुरथकार और िेरणा मंे प्रवप्रवधता और जरटलता को िबंप्रधत करना होगा ।
िदशनि के तीनों थतरों अिाित व्यप्रक्तगत िदशनि , टीम के िदशिन और सगं िनात्मक िदशनि को ध्यान मंे रखतई हुऐ
िासपं ्रगक नीप्रतयों को अपनाना होगा ।

बकंै कं ग के संदभि में, एचआरडी का अिि के वल ज्ञान और कौशल का अप्रधग्रहण नहीं ह,ै बप्रल्क आंतररक और
बाहरी पयािवरण और साविजप्रनक सेवा के प्रलए आत्मप्रवश्वास और िरे णा दोनों का अनमु ान लगाने और िबंधन
करने की क्षमता िाप्त करना ह।ै इसके अलावा, एचआरडी एक टुकड़ा या एक बार का अभ्यास नहीं है, यह एक
प्रनरंतर िकक्रया है प्रजसमें पररवतनि और प्रवकास के साि तालमेल रखने की आवश्यकता होती ह।ै

‘नजर उठा के ’

अरुण कु मार , प्रबंधक (सुरक्षा)
क्षेत्रीर् कार्ािलर् कानपुर -I

दपु्रनया बेहद बड़ी और हसीन ह,ै
जरा नजर उिा के तो दखे ।

लफ्जों से ही तो सरगम बनी ह,ै
जरा गुनगुना के तो दखे ॥

रात के अंधेरे में चादुँ की कोप्रशश छु पी है,
जरा बाहं फै ला के तो दखे ।

डूबते सूरज में भी आने वाले कदन की खुशी छु पी है,
जरा उसे प्रनहार के तो देख ॥

धूप की तप्रपश मंे भी एक अजीब सी खशु ी छु पी है,
जरा पसीना बहा के तो दखे ।

दखु ों के दौर मंे भी आने वाले कदन की खुशी छु पी ह,ै
जरा मक़ु ाबला प्रनभा के तो देख ॥

मुप्रश्कलों से ही तो लड़ने की उम्मीद जड़ु ी है,
जरा प्रहम्मत जटु ा के तो दखे ।

धोखे से ही तो अपनों की पहचान जुड़ी ह,ै
जरा धोखा खा के तो देख ॥

दपु्रनया बेहद बड़ी और हसीन ह,ै
जरा नजर उिा के तो दखे ॥

सवोत्तम वनवेश म्र्चू ुअल फं ड

अवमत कु मार पॉल , प्रबंधक
सेन बावलका ववद्यालर् शाखा, कानपुर -I

“म्यूचुअल फं ड, बैंक कर्मयि ों के प्रलए प्रनवशे क बनने का आसान तरीका”

बकंै कमी होते हुए, एक सही प्रनवेशक को पता होना चाप्रहए की कहाँु और कै से सही प्रनवेश ककया जाये, बैंक से
िाप्त वते न के अलावा क्या शये र बाजार से कु छ पसै े कमा सकता ह,ै पर शेयर बाजार में तो बहुत जोप्रखम ह,ै एक
बकंै कमी अपने कायि समय मे शये र बाजार के उतार-चढ़ाव को नहीं दखे सकता ह,ै जो कक सभं व ही नही ह,ै बकंै
कमी का पूरा ध्यान और मन बंैक के काम में लगा हुआ होता ह।ै
और आप्रखर में यह प्रनष्कर्ि हुआ कक, िप्रतकदन शये र बाजार को न दखे ना पड़े और एक बकढ़या प्रनवशे क भी बन
जाए तो म्यूच्यूअल फण्ड ही आसान और सरल उपाय है और इसको अपने प्रनवेश का जररया बनाया जाए ।

पहले म्यचू अु ल फं ड की कु छ महत्वपणू ि जानकारी को समझते है

म्यचू ्यअू ल फण्ड कई तरह के होते ह,ै सीधे तौर पर कहा जाए तो म्यचू ्यअू ल फण्ड शये र बाजार का ही िप्रतरूप ह,ै
इनके कु छ िकार प्रनम्नप्रलप्रखत है
❖ डेट फं ड (Debts Funds)
❖ प्रलकक्वड फं ड्स (Liquid Funds)
❖ इकक्वटी फं ड (Equity Funds)
❖ लाजि कै प/धलू प्रचप फं ड (Large Cap/Blue-chip Fund)
❖ प्रमड कै प फं ड (Mid Cap Funds)
❖ थमॉल कै प फं ड (Small Cap Funds)
❖ मल्टी कै प फं ड (Multi Cap Funds)
❖ इकक्वटी हलंक्ड सहे वंग थकीम (ELSS Funds)

डेट फं ड (Debts Funds)

Debts Funds ऐसे म्यूच्यूअल फं ड होते हंै जो एक प्रनप्रित ररटनि दते े हंै । डटे इंथूमटें के माध्यम से कं पप्रनयां या
सरकार पसै ा उधार लेती हंै और वापस एक प्रनप्रित धयाज दर के साि वापस लौटाती हंै । प्रनप्रित ररटनि की
वजह से डेट फं ड को Fixed income प्रसक्योररटीज भी कहा जाता ह।ै डेट फं ड कम ररथक कम ररटनि की
अवधारणा पर कायि करते ह।ैं

प्रलकक्वड फं ड्स (Liquid Funds)

प्रलकक्वड फं ड जैसा नाम से ही पता चल रहा है ये म्यचू ्यअू ल फं ड ककसी भी समय रीडीम करवाए जा सकते हैं ।
Liquid Funds डटे फं ड का ही एक िकार है । प्रलकक्वड फं ड डटे फं ड की के टेगरी मंे सबसे कम ररटनि दते े हैं परंतु
यह सुरप्रक्षत भी अप्रधक होते ह।ैं प्रलकक्वड फं ड सेहवंग अकाउं ट और बैंक एफडी का सवोत्तम प्रवकल्प ह।ै इसप्रलए
आप अपने अप्रतररक्त पसै ों को प्रलकक्वड फण्ड मंे पाकि कर सकते हैं ।

इकक्वटी फं ड (Equity Funds)

ये म्यूचअु ल फं ड में सबसे लोकप्रिय फं ड ह।ै इकक्वटी फं ड में लोग ज्यादा ररथक लेकर ज्यादा ररटनि की आशा में
प्रनवेश करते ह।ंै इकक्वटी म्यूचअु ल फं ड में फं ड मैनेजर द्वारा लगभग पूरा प्रनवेश थटॉक माके ट मंे ककया जाता ह।ै

लाजि कै प फं ड (Large Cap/Bluechip Fund)

ये वो म्यचू ्यअू ल फण्ड होते है जो अपना पसै ा बड़े बाजार पंजू ीकरण वाली कं पनी मंे लगाते ह।ैं लाजि कै प कं पनी
पहले से अपनी ग्रोि िाप्त कर चुकी होती है अतः यहां ररटनि बाकी फं ड्स की अपेक्षा कम प्रमलते है
परंतु ररटनि मंे प्रनरंतरता ज्यादा होती ह।ै लाजि कै प फं ड मंे थमाल एडं प्रमड कै प की जगह कम ररथक होता ह।ै प्रजन
लोगो को कम ररथक के साि प्रनवेश करना होता है ये थकीम उसके प्रलए सवोत्तम होती ह।ै

प्रमड कै प फं ड (Mid Cap Funds)

जो म्यचू ्यअू ल फं ड थकीम प्रमड कै प वाली कं पप्रनयों में प्रनवेश करती है वो प्रमड कै प म्यचू ्यअू ल फं ड कहलाते ह।ै
प्रमड कै प वाली कं पनी मध्यम श्रणे ी की माके ट की सूचीबद्ध (Listed) कं पनी होती ह।ै यह वह कं पप्रनयां होती है
प्रजन्होंने अपने व्यापार को थिाप्रपत कर प्रलया है एवं आगे ग्रोि के प्रलए ियासरत ह।ै
इस िकार प्रमड कै प फं ड लाजि कै प फं ड्स की तलु ना में अप्रधक ररटनि दने े की क्षमता रखते ह।ैं वही िोड़ी कम ररथक
के साि थमॉल कै प फं ड से कम ररटनि दते े ह।ैं

थमॉल कै प फं ड (Small Cap Funds)

जो म्यचू ्यअू ल फं ड्स, थमॉल कै प वाली कं पप्रनयों मंे प्रनवेश करते हंै थमॉल कै प फं ड कहलाते ह।ंै थमॉल कै प फं ड
वाली कं पप्रनयां माके ट मंे नए प्रबज़नसे के साि प्रथिरता िाप्त करने का ियास करती ह।ै इनमें ररटनि दने े की उच्च
क्षमता होती है परंतु उसके साि बहुत ज्यादा ररथकी भी होती ह।ै यह म्यचू अु ल फं ड थकीम में सवािप्रधक
पररवतिनशील मानी जाती ह।ै अगर आपको थमॉल कै प में प्रनवशे करना हैं तो आपको इनको लबं ा समय दने ा
होगा। लंबे समय मंे समय के गुजर ने के साि ररथक िोड़ा कम हो जाता ह।ै

मल्टी कै प फं ड (Multi Cap Funds)

म्यचू ्यूअल फण्ड के िकार में मल्टी कै प के टेगरी बहुत ही लोकप्रिय के टेगरी ह।ै जसै ाकक इस म्यूच्यअू ल फं ड के नाम
से ही अदं ाजा हो रहा है यह म्यूच्यूअल फं ड एक से अप्रधक िकार के थटॉक मंे प्रनवशे करता ह।ै मल्टी कै प
फं ड थकीम के अतं गति लाजि कै प, प्रमड कै प एवं थमॉल कै प कं पप्रनयों मंे एक प्रनप्रित अनपु ात मंे प्रनवशे ककया जाता
ह।ै अपनी इसी प्रवशरे ्ता के कारण मल्टी कै प फं ड म्यूच्यअू ल फं ड प्रनवशे कों मंे काफी लोकप्रिय ह।ै
ELSS म्यचू ्यअू लफं ड

ELSS का अिि है इकक्वटी हलकं ्ड सेहवंग थकीम। ELSS इकक्वटी में प्रनवशे करने वाली थकीम ही होती ह।ै यह
थकीम इकक्वटी ओररएटं ेड होती ह।ै प्रपछले कु छ समय में लोगों में टैक्स सेहवंग के प्रलए ELSS थकीम का िचलन
बढ़ा ह।ै
ELSS मंे प्रनवेश ककए गए पसै े में 3 साल का लॉक-इन-पीररयड होता ह।ै ELSS मंे ककए गए प्रनवेश पर हमें
इनकम टैक्स की धारा 80 सी के अंतगति डेढ़ लाख रुपए तक के प्रनवशे पर छू ट प्रमल जाती ह।ै

म्यचू ्यअू ल फं ड दो तरीके से खरीद कर प्रडमटै फॉमि मे रखा जाता ह-ै

❖ Open Ended schemes
लगभग सभी िकार की म्यूचुअल फं ड थकीम्स Open Ended कै टेगरी मंे आती ह।ै इस िकार की थकीम में कभी
भी खरीद एवं प्रबक्री ककया जा सकता ह।ै इसमे कं पनी प्रबना ककसी सीमा के अपने प्रनवेशकों को शये र/ यूप्रनट
जारी कर सकती ह।ैं

❖ Close Ended schemes
इस िकार की श्रणे ी के बहुत ही कम फं ड्स होते ह।ंै इनमंे यपू ्रनट/ शये सि की संख्या भी प्रनप्रित होती ह।ै ओपन
एंडेड थकीम की भांप्रत आप इसमें कभी भी खरीद एवं प्रबक्री नहीं कर सकते । प्रवक्रय करने हते ु आपको पररपक्क्वता
तक इंतजार करना होता ह।ै

म्यचू ्यअू ल फं ड का भाव या दाम को समप्रझये
जैसे शये र बाज़ार मंे अलग अलग कं पप्रनयों को उनके 1 Share के अनसु ार बेचा जाता ह,ै प्रजससे एक सामान्य
छोटा प्रनवशे क अपनी प्रथिप्रत के अनसु ार छोटी राप्रश का भी प्रनवशे कर सकता ह।ै वसै े ही म्यचू ्यअू ल फं ड को भी
छोटे-छोटे प्रहथसों मंे बाटं ा जाता ह,ै प्रजससे एक छोटा प्रनवेशक भी उसमे प्रनवशे कर सके । उस हर एक प्रहथसे को 1
यपू ्रनट कहते है और म्यचू ्यअू ल फं ड को उस यपू ्रनट्स के अनसु ार ही ख़रीदा और बेचा जा सकता ह।ै जैसे आप ककसी
को कहते है कक मरे े पास इस कं पनी के 1000 शये र ह,ै उसी िकार म्यूच्यअू ल फं ड की इतनी यूप्रनट्स है ऐसा कह
सकते ह।ै

इसको एक उदाहरण से समझते ह।ंै

सोप्रचये की आपको एक म्यूच्यअू ल फं ड में प्रनवेश करना ह,ै प्रजसकी मलू ्य (Value) 10000 करोड़ ह।ै
क्या आप इस पूरे Mutual Fund को खरीद सकंे गे ?
नहीं ना ?
क्योंकक इतनी बड़ी राप्रश ज्यादातर सामान्य प्रनवशे कों के पास नहीं होती।
इसप्रलए इन Mutual Funds को परू ा तो कोई सामान्य प्रनवेशक खरीद नहीं सकता।
लके कन अब अगर उसी 10000 करोड़ के म्यचू ्यअू ल फं डस को 100 करोड़ प्रहथसों मंे बांटे तो ?
ऐसा करने पर उस हर एक प्रहथसे की कीमत 100 रुपए हो जाएगी। तो क्या अब आप उस प्रहथसे को खरीद सकते
ह?ै जरूर खरीद सकंे गे। बप्रल्क अब कोई भी सामान्य प्रनवशे क उसे खरीद सकता ह।ै
इस तरह म्यूच्यूअल फं ड को परू ा नहीं बप्रल्क छोटे-छोटे प्रहथसों मंे ख़रीदा और बचे ा जाता ह।ै
इस हर एक प्रहथसे को ही 1 Unit कहगें े। यानी Unit हर एक म्यचू ्यूअल फं ड का एक बहुत छोटा प्रहथसा ह।ै
और उसी खरीद कर म्यूच्यअू ल फं ड में प्रनवेश ककया जाता ह।ै यह खरीद अलग-अलग प्रनवेशक अपने जोप्रखम
और पैसो की व्यवथिा की अनुसार खरीदता ह।ै
कु छ प्रनवेशक हर महीने SIP(प्रसथटेमेरटक इन्वथे टमेटं प्लान) के द्वारा इन Units को खरीदते ह।ै लके कन कु छ
जो म्यचू ्यूअल फं ड मंे िोड़ा ज्यादा जोप्रखम ले सकते है वह एक साि एक ही बार(Lump sum भी कहा जाता ह)ै
मंे प्रनवशे करते ह।ै

म्यचू ्यअू ल फं ड इसमंे NAV क्या है ?

NAV का पूरा नाम Net Asset Value ह।ै म्यूच्यूअल फं डस मंे NAV का मतलब है उसके एक Unit का दाम।
ऊपर के उदाहरण में हमने दखे ा कक 1000 करोड़ के फं ड को 10 करोड़ Units में बाटं ा गया। क्या आप बता सकते
है की एक unit की कीमत (NAV) ककतनी होगी ?(सभी ख़चों को अभी के प्रलएशून्य मान ल)े उस एक unit की
कीमत 100 रूपए होगी। यानी उस म्यचू ्यूअल फं ड की NAV 100 रुपए होगी। इस NAV को िप्रतकदन प्रगना
जाता ह।ै इसके प्रलए उस कदन प्रजस कीमत पर शेयर बदं हुए है उस कीमत को प्रगना जाता ह।ै
अगर ककसी फं ड की NAV 100 रूपए है और आपको 1000 रूपए उस फं ड में प्रनवशे करने ह।ै
तो आपको प्रमलने वाली Units = (प्रनवशे की राप्रश) / (NAV) = 1000 / 100 Units = 10

इस तरह आप आपको प्रमलने वाली Units का पता लगा सकते ह।ै
अब हमंे Units तो प्रमल जाती है लके कन हमें यह कै से पता चले कक हमारे प्रनवेश की अभी कीमत ककतनी ह?ै या
हमें ककतना लाभ या नुकसान हो रहा है ?
आपने प्रजस फं ड में प्रनवशे ककया है उस फं ड की NAV पता कर लें और आपके पास उस फं ड की प्रजतनी यपू ्रनट है
वो जान लें। कफर उन दोनों का गणु ा करे। अब आपको जो राप्रश प्रमली वो आपकी प्रनवशे का मूल्य ह।ै

उदाहरण :
अब आपने प्रजस फं ड मंे प्रनवेश ककयाहै उस फं ड की आज की NAV 110 रूपए है और आप के पास उस फं ड
की 100 Units ह,ै तो आपने प्रनवशे ककए हुए 10 हजार रूपए अभी बढ़ के 110 (NAV) x 100 (Number of
units) = 11000 हो गए ह।ैं
इस तरह आप कोई भी Mutual Fund की NAV और Units से अपने ककए हुए प्रनवेश की प्रथिप्रत जान सकते ह।ै
आशा करता हँु यहाँु तक आपने ये लखे पढ़ा होगा और आप म्यूच्यूअल फं ड के बारे मे बहुत कु छ जान गए होंगे।

अब म्यचू ्यअू ल फं ड मे प्रनवशे करने और उससे मनु ाफा कमाने की मरे ी रणनीप्रत को समप्रझये

❖ अपने पोटिफोप्रलयो को डाइवर्सफि ाइ करें
अपने सारे प्रनवेश को एक ही म्यूचअु ल फं ड थकीम पर न लगाए , अपने प्रनवशे को अलग - अलग म्यूचअु ल फं ड
थकीम पर लगाए। इस तरह आप अपने ररथक को कम कर सकते ह।ैं

❖ SIP(प्रसथटेमरे टक इन्वथे टमटंे प्लान) से प्रनवशे कररए
SIP(प्रसथटेमेरटक इन्वथे टमटें प्लान) से प्रनवेश हर महीने कर सकते हैं । बाज़ार के हर उतार-चढ़ाव के भाव पर
units जमा करते जाइए । ये सबसे अच्छा और आसान प्रवकल्प है । SIP से रेगुलर सहे वगं ्स होती रहगे ी और ये
प्रनवशे खु-ब-खुद आपके सहवंग अकाउं ट से डपे ्रबट होता रहगे ा जब तक के प्रलए आप प्लान चनु ते हैं ।

❖ SIP (प्रसथटेमरे टक इन्वथे टमटंे प्लान) को TOP-UP (और खरीदना)
जब भी शये र बाज़ार मे बहुत बड़ी प्रगरावट आए तब अपने चुने हुए म्यूचअु ल फं ड प्लान मे और प्रनवशे कररए ,
उस समय आप Lump sum Units खरीद कर अपने िॉकिट को और बढ़ा सकते ह।ंै

❖ डाइरैक्ट प्लान (Direct Plan) को चनु े
म्यचू ुअल फं ड खरीदते समय दो प्लान होते है डाइरैक्ट प्लान और रेगलु र प्लान , आप डाइरैक्ट प्लान का प्रवकल्प
चपु ्रनये क्यूंकक ये सथता होता है रेगलु र प्लान की अपेक्षा, कम खचि पर म्यचू ुअल फं ड को डाइरैक्ट प्लान मे खरीदा
जाता ह।ंै

❖ समय - समय पर अपने म्यचू अु ल फं ड के परफॉमसंे की समीक्षा करते रह।े
AMFI( Association of Mutual Funds in INDIA) ने एक सरल वबै साइट बनाया है , प्रजसमे म्यचू अु ल फं ड
से जुड़ी सारी जानकारी प्रमल जाती है और उसी वैबसाइट से आप अपने फं ड के परफॉमसें को कभी भी दखे सकते
ह।ै
वबै साइट का नाम :https://www.mutualfundssahihai.com

❖ ELSS म्यचू ्यअू ल फं ड से लगातार प्रनवशे क बने रहे

ELSS म्यूच्यूअल फं ड मे लगातार हर साल डेढ़ लाख रुपए या आपके प्रनवेश के अनसु ार प्रनवेश कररए, कफर तीन
साल बाद उसी प्रनवेश को कफर से हर साल प्रनवेश कर सकते है

उदाहरण :
2019 मे 100000 रुपेय प्रनवशे ककया जो 3 साल का लॉक-इन-पीररयड मंे रहगे ा
2020 मे 100000 रुपेय प्रनवशे ककया जो 3 साल का लॉक-इन-पीररयड मंे रहगे ा
2021 मे 100000 रुपये प्रनवशे ककया जो 3 साल का लॉक-इन-पीररयड में रहगे ा

अगर 10% का ररटनि लगा के चले तो 33100 का मुनाफा होगा 2019 वाले ELSS फं ड मे प्रजसका प्रनकासी
2022 मे कर सकते है , मुनाफे को अपने पास रखते हुए आप कफर से 100000 को ELSS मे प्रनवशे कर सकते
ह।ै इस तरह 2020 के ELSS को 2023 मे और 2021 के ELSS को 2024 मे प्रनकासी और कफर से प्रनवेश कर
सकते ह।ै इस तरह आप लगातार आप प्रनवशे क बने रह सकते है और 80सी के अंतगति छू ट ले सकते ह।ैं

❖ म्यचू ्यअू ल फं ड मंे कहाँु से और कै से प्रनवशे करे

हमारे बंकै की साि जुड़ी एक संथिा CANARA ROBECO MUTUAL FUND है प्रजसमे हम आसानी से
म्यूचअु ल फं ड मे प्रनवेश कर सकते है ।

ये कं पनी साल 1987 से कायशि ील है , पहले ये CanbankMutual Fund के नाम से जाना जाता िा ।
अप्रधक जानकारी के प्रलए https://www.canararobeco.com/ मे जाए और अपने म्यचू अु ल फं ड के प्रनवेश की
यािा की शुरुआत करे।

आशा करता हुँ आपको म्यूचअु ल फं ड के ऊपर प्रलप्रखत इस लेख से कु छ सीखने को प्रमला होगा ।

अथवीकरण

म्यचू अु ल फं ड प्रनवशे बाज़ार जोप्रखम के अधीन ह,ंै योजना सबं धं ी सभी दथतावज़े ों को सावधानी से पढ़।ें योजनाओं
की NAV, धयाज दरों मंे उतार-चढ़ाव सप्रहत प्रसक्योररटी बाज़ार को िभाप्रवत करने वाले कारकों व शप्रक्तयों के
आधार पर ऊपर-नीचे हो सकती ह।ै ककसी म्यचू अु ल फं ड का पवू ि िदशिन, आवश्यक रूप से योजनाओं के भप्रवष्य
के िदशिन का पररचायक नहीं हो सकता ह।ै

कोई भी प्रनवशे करेने से पहले अपने प्रवत्तीय सलाहकार से ज़रूर सलाह ले ।



नर्ा सवेरा

रे नी श्रीवास्तव, अवधकारी
बांसफाटक शाखा, वाराणसी -I

कै लंडे र के पन्नों से एक और साल गया ,
कु छ ख़्वाब दे गया, कु छ लम्हें चुरा ले गया ।

पर इस गुज़रते साल में,
कोरोना महामारी के साि में,

अपनों से नाता टूटा,
यार दोथतों का साि छू टा ।

कु छ सपनें प्रबखरे,
कु छ मंप्रज़लें छू टीं,
कु छ राह भटके ,
कु छ प्रनराशाएुँ प्रमलीं ।

अब एक नए सवेरे के साि,
कफर से पन्नों पर नई तारीख़ होगी,
नए अध्याय में हर होंि पे मुथकान होगी ।
कफर से यारों की महकिल सजेगी,

कफर से ररश्तों की डोर बुधँ गे ी ।

भटकते राही को,
मंप्रज़ल की पहचान प्रमलेगी,
प्रबखरे सपनों को समटे ने,
कफर से हौसलों को उड़ान प्रमलेगी ।

कथाकार प्रेमचंद

अवनीकांत वसंह, अवधकारी
क्षेत्रीर् कार्ािलर् वाराणसी -I

किाकार िमे चंद की “प्रचिात्मक जीवनी”

हहदं ी किा साप्रहत्य मंे िमे चदं आज भी अप्रद्वतीय किाकार के रूप मंे समादतृ हैं । तीन सौ से अप्रधक कहाप्रनयों एवं
एक दजिन से अप्रधक उपन्यासों क़े रचप्रयता िेमचदं को भारतीय समाज की गहरी समझ िी ।भारतीय समाज की
आधारप्रशला ककसान है । िमे चंद की रचनाओं मंे ककसान और उसका जीवन िमुखता से मौजदू है । महाजनी
परम्परा, जमींदारी ििा, सरकारी अफसरों द्वारा शोर्ण, व्यवथिा की खामी से सबसे अप्रधक ककसान ही िभाप्रवत
है । ‘पसू की रात’ , ‘कफन’ और गद्य के महाकाव्य ‘गोदान’ मंे िमे चदं ककसानों की समथया को अपने क्य का
आधार बनाते हंै । िेमचंद कों बाहरी प्रवचारधारा के िकोष्ठ में समाप्रहत करने की बहुत कोप्रशश हुई है , परंतु
िेमचंद की थवतंि दपृ्रष्ट भारतीय ककसान की समथया को ही उके रती रही । कहीं वह जमींदारी के बोझ तले दबा है ,
कहीं आयाप्रतत प्रवचारों के लोग उसे अप्रधकार का सधजबाग कदखाकर िवंप्रचत करते हैं । इन सारे सदं भों मंे उनकी
सहानभु ूप्रत ककसान के िप्रत ही कदखती है ।

िेमचदं साप्रहत्य को समाज को राथता कदखाने वाली मशाल कहते िे । समाज की अनेक समथयाएँु साप्रहत्य की इस
मशाल से साफ – साफ कदखने लगती हंै । लख़नऊ मंे आयोप्रजत िगप्रतशील लखे क सघं के ििम अप्रधवेशन में
िमे चंद ने साप्रहत्य और समाज के अंतसिम्बधं ों पर बबे ाक रटप्पणी करते हुए कहा िा कक हार युग का साप्रहत्य थवयं
मंे िगप्रतगामी होता है । साप्रहत्य की पहली प्रवशरे ्ता गप्रतशीलता है, प्रथिरता नहीं । िगप्रतशील लेखक सघं का
वक्तव्य ‘साप्रहत्य का उद्देश्य’ नाम की छोटी सी पपु ्रथतका रूप में िकाप्रशत है । िमे चदं के इस वक्तव्य में कई िश्नों का
साििक व सटीक जवाब कदया गया है । वक्तव्य में उन्होंने कहा िा कक साप्रहत्य रचने में उसी िकार आनंद की
अनभु ूप्रत होती है जसे आध्याप्रत्मक व्यप्रक्त अध्यात्म में िाप्त करता है । इसी िकार उनकी कहप्रनयों मंे घीसू, माधव,
झबरा कु त्ता, होरी, उसकी पत्नी धप्रनया, गोबर, होरी के भाइयों का जीवतं प्रचिण भारतीय ककसान की िासद
गािा तो है ही ।

कहाप्रनयों और उपन्यासों में ककसानों की समथया को जीवतं रूप दने े वाले िमे चंद के जीवन और साप्रहत्य पर िभतू
मािा मंे पुथतकंे प्रलखी जा चुकी हैं । पररणाम की दपृ्रष्ट से वे पुथतकंे उनकी रचनाओं से अप्रधक हंै, पर डॉ कमल
ककशोर गोयनका ने िेमचदं पर जो कायि सम्पन्न ककया है, वह अद्भूत है । िेमचदं के लखे न और जीवन से सम्बपं ्रधत
डॉ गोयनका की ‘प्रचिात्मक जीवनी’ द्वारा िमे चदं के पररवार की आर्िकि प्रथिप्रत, वंश पररचय प्रमि पररवार के
सदथयों और उनके जीवाुँ की घटनाओं को िेरक ही नहीं जीवंत भी बना कदया है । िमे चदं की वेशभूर्ा में होते
बदलाव प्रचिों की माध्यम से जीवंत कदखते हैं ।

िेमचन्द के वशं वृक्ष को जीवनीकार ने अत्यंत ही पररश्रम से तयै ार ककया है । परमप्रपतामह गरु सहाय लाल से अप्रनल
राय तक की पड़ताल और बोलते प्रचि ऐसे लगते हैं मानो िेमचंद ही परू ा प्रववरण िथततु कर रहे हों । प्रचिात्मक
जीवनी मंे िेमचदं की तथवीर ककसान के मसीहा के रूप मंे कदखती है ।

िमे चंद के गावुँ लमही की तथवीर मंे कप्रव प्रिलोचन और चेकथलोवाककया के प्रवद्वान िोफे सर थमके ल का प्रचि पािक
को गौरवशाली हहदं ी साप्रहत्य की याद कदलाता है । जीवनी के लखे क डॉ गोयनका ने िेमचंद का पररचय अत्यतं
सहजता से दते े हुए प्रलखा है कक “ उत्तर िदशे के िप्रसद्ध नगर बनारस (अब वाराणसी) से आजमगढ़ की ओर जाने
वाली सड़क पर लगभग छह ककलोमीटर दरू प्रथित लमही गाँुव मंे सावन बदी 10, शप्रनवार , प्रवक्रमी सवं त 1937,
अिाति 31 जलु ाई 1880 को हहदं ी – उदिू के िप्रसद्ध लखे क िमे चदं का कच्चे पुश्तनै ी मकान में जन्म हुआ । प्रपता का
नाम अजायबलाल श्रीवाथतव तिा माता का नाम आनदं ी िा । अजायबलाल के प्रपता गरु ुसहायलाल पटवारी िे । वे
शराब पीने , पत्नी को पीटने तिा ककसानों से रुपया छीनने के कारण बदनाम िे , ककं तु अजायबलाल अपने प्रपता के
प्रवपरीत ईमानदार , प्रनष्कपट एवं मधरु भार्ी िे । गावुँ मंे सभी उनका सम्मान करते िे । वे गावँु की पोथट ऑकफस
में पोथटमाथटर िे । दस रुपए माप्रसक वेतन पाते िे । आनंदी भी पप्रत के समान कोमल , सहृदय और दसू रों की
सहायता करने वाली स्त्री िी । उनकी दो पपु ्रियों की मतृ ्यु तिा छह – सात वर्ि की एक जीप्रवत पिु ी सुग्गी के बाद
इस पिु का जन्म हुआ िा । प्रपता ने पुि का नाम रखा धनपतराय और ताऊ ने नवाबराय । यही ‘धनपतराय’ आगे
चलकर िमे चदं के रूप में भारत के िप्रसद्ध लखे क बने ।

सामान्यतः िमे चन्द गोरे िे , थयाह रंग की चचाि कहीं नहीं प्रमलती पर, डॉ गोयनका बहुत दढ़ृ ता से यह थिाप्रपत
करते हैं कक – वे प्रपता के समान गोरे – प्रचट्टे लके कन शरीर से दबु िल िे । िमे चंद के बाल जीवन पर पड़े िभाव बाद में
उनकी कहाप्रनयों को कै से िभाप्रवत करते हैं – इसका एक छोटा सा नमनू ा – जीवनीकार ने ककिात्मक जीवनी में कदया
है - रात को बलभद्र के साि ही दादी से कहानी सुनते । रामलीला में राम – सीता , लक्षमण पर तो वे अपनी जान
न्योछावर करते और कजाकी डाक हरकारे के िमे में इतने बुँधे कक उसकी हर एक मदद के प्रलए बचे नै हो उिे । उनकी
‘चोरी’ , ‘कजाकी’, ‘रामलीला’ , ‘गुल्ली डंडा’, ‘ होली की छु ट्टी’ आकद कहाप्रनयों में बाल जीवन की कु छ ऐसी ही
घटनाएँु ममिथपशी रूप में प्रचप्रित हुई हैं ।

प्रचिात्मक जीवनी के कई ऐसे पृष्ठ हैं प्रजस पर िमे चदं के उदिू , अगं ्रजे ी और हहदं ी प्रलखावट की झाकं कया कदखती ह।ैं
1899 ईथवी के उनके प्रमप्रडल थकू ल गोरखपरु ) से परीक्षा के िमाणपि का प्रचि दके र जीवनीकार ने शोधकताि की
पररभार्ा पूणि की है । मंशु ी दयानारायण प्रनगम द्वारा िकाप्रशत ‘जमाना’ (उद)िू अखबार में िमे चदं की उदिू में प्रलखी
पपं ्रक्तयां दखे ने योग्य हंै । पथु तक की आरम्भ मंे ही िमे चंद का भारतीय पररवशे में प्रसर पर साफा और बड़ी – बड़ी
मूछंे उनके भारतीय होने की पहचान हैं । यह प्रचि 1907 ईथवी का है । िेमचदं , प्रशवरानी दवे ी , उनकी पुिी कमला
और पिु धनु ्नु बनु ्नु श्रीपत राय – अमतृ राय का दलु भि प्रचि लखे क की गवरे ्णा के पयायि हंै । पषृ ्ठ 16 पर आचायि
महावीर िसाद प्रद्ववेदी जो िमे चंद के पहले आलोचक िे, सोजे वतन पर रटप्पणी करते हुए प्रलखते ह।ैं “सोजे वतन
पथु तक उदिू मंे ह,ै इसमें थवदशे िेम सम्बधं ी पाुँच आख्याप्रयकाएँु हैं । आख्याप्रयकाएुँ मनोरंजक और उद्देश्यपूणि हैं । उन्हें
पढ़कर थवदशे भप्रक्त का पप्रवि भाव हृदय में अकं ु ररत होता है । आजकल ऐसे ककथसों की बड़ी आवश्यकता है । इन्हें
पढ़कर लोग बहुत लाभ उिा सकते ह”ैं ।

िेमचदं ने उदिू से हहदं ी मंे लखे न शुरू ककया िा । मन्नन प्रद्ववदे ी और कफराक गोरखपुरी कई प्रछिा के साि िेमचदं के
हहदं ी क्षिे में पदापिण का थवागत करते हुए मन्नन प्रद्ववदे ी प्रलखते हंै “हर्ि की बात है कक मातृभार्ा हहदं ी ने कु छ कदनों
से आपके प्रचत्त को आकर्र्ति ककया है । उन्होंने यह रटप्पणी 1917 में अहरौला, आजमगढ़ में तहसीलदार रहते हुए
की िी । सयं ोग से यह मेरी बाजार भी है और गाँवु भी । इतने अज्ञात प्रचिों व रटप्पप्रणयों को प्रचिात्मक जीवनी मंे
समाप्रहत कर कमल ककशोर गोयनका ने अद्भतु खोज की प्रमशाल कायम की है । इयासी पड़कर थवाधीनता आदं ोलन
के दौरान महात्मा गाुँधी के साि िेमचदं का प्रचि अनेक ऐप्रतहाप्रसक क्षणों की याद ताजा कर जाता है ।

प्रचिात्मक जीवनी की सबसे बड़ी प्रवशरे ्ता प्रचिों के माध्यम से िमे चदं के सम्पूणि जीवन का रेखाकं न है । उनकी
प्रचिात्मक जीवनी में कई ऐसे चररि हैं जो ििम बार इस पुथतक में कदख सके हैं । छोटे भाई महताब राय, दलु ारे
लाल भागिव, शायर इकबाल, प्रशवपूजन सहाय, नवल िेस के सथं िापक प्रवष्णुनारायण भागिव, माधरु ी के संथिापक
मडं ल के साि िेमचदं का प्रचि कु छ ऐसे ही दलु भि प्रचि हंै । हसं पप्रिका के ििम अंक का मखु पृष्ठ व 1901 से 1937
तक िेमचदं के प्रचि पुथतक को गम्भीर व सगं ्रहणीय बनाते हैं । मपै ्रक्सम गोकी, प.ं जवाहर लाल नेहरू, कमला नहे रू
के साि िेमचदं और नािूराम , प्रशवरानी दवे ी – िेमचदं , िेमचंद और जनादनि झा, िमे चदं और कृ ष्ण चरण जनै व
जैनंेद्र कु मार, मृत्यु के करीब शैय्या पर ज्वरग्रथत िमे चदं और प्रशवरानी दवे ी अपं ्रतम यािा पर जाते िमे चंद के प्रचि
ऐसे हैं प्रजससे उनका पूरा जीवन जीवंत और बोधगम्य हो जाता है ।

िेमचंद पर तो हजारों लेखकों ने अपनी कलम चलाई है । दशे ी – प्रवदशे ी लखे कों ने बहुत कु छ प्रलखा है पार कमल
ककशोर गोयनका का यह लेखन और राष्ट्रीय पुथतक न्यास से उसका िकाशन दोनों थवयं मंे महत्वपूणि हंै । ईतनी सरल
भार्ा और सहज िवाह में प्रलखी िेमचन की प्रचिात्मक जीवनी आगे आने वाली पीकढ़यों के प्रलए िक्शा थतम्भ का
कायि करेगी । पुथतक की सहजता लखे क के िेमचंद बोध को िकट करती है । इसका अंग्रेजी अनवु ाद यकद सम्भव हो
सके तो प्रवश्व के पािकों को भी िमे चंद के अनछु ए पहलू से पररप्रचत होने का सौभाग्य िाप्त होगा।

देख सरू ज जाग गर्ा

हेमन्त शमाि, सशत्र प्रहरी
महानगर शाखा लखनऊ -I

दखे सूरज, जाग गया ।
दखे सूरज, जाग गया ।
तू भी जग, कु छ धमि कर ।
कतिव्य मागि पर, कु छ कमि कर ॥
अपनी एक तू पहचान बना ॥
दखे सरू ज, जाग गया ।
दखे सरू ज, जाग गया ।
सीरत, सरू त का भदे समझ ।
सूरत है तुझको झिु लाती ।
सीरत चदं न सा महकाती ।
दखे सरू ज, जाग गया ।
दखे सरू ज, जाग गया ।
अपने अंदर एक अलख जगा ।
इस कमियुग का कमयि ोगी बन ।
सत्कमों से इप्रतहास बना ।
दखे सूरज, जाग गया ।
दखे सरू ज, जाग गया ।
जो हार गया तो क्या होगा ।
जो जीत गया तो क्या होगा ।
एक हार तरे ी इस गलु शन को बेला सी महका दगे ी ।
एक जीत तेरी इस गुलशन को हीरे सा चमका दगे ी ।


























































Click to View FlipBook Version