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Published by pshashikant81, 2022-12-09 08:29:35

केनरा बैंक लखनऊ अवध संवाद सितंबर 2022

सितंबर 2022 तिमाही

Keywords: canara,bank,avadh,samvad,avadhsamvad

राजभाषा क 1 मेरी लु नी या ा
मानव सं साधन बंधन अनुभाग 2 बच गए गु
3 रामधारी सहं दनकर
अचं ल कायालय लखनऊ 4 न ध अतं रण मू नधारण....
सं र क 5 व ास
6 बक क कमचारी
ी आलोक कु मार अ वाल 7 राजभाषा िह ी गजल
महा बंधक 8 चीलगाड़ी और सरदार जी
परामशदाता 9 मेरा ारा भारत देश
ी लोक नाथ 10 शमला टाय टने
11 समय से समझ लँ ूगा
उप महा बंधक 12 नशे को ना
ी अजीत कु मार म
उप महा बंधक 13 सुर त जमा लॉकर

मागदशन 14 कहीं प जसै ा ही सं ुदर होता.....
सु ी उषा एस कु लक ण 15 ंूिक माँ जसै ा कोई नहीं
सहायक महा बंधक

सं पादक
ी श श का पा ेय,
बंधक (राजभाषा)
सं पादन सहयोग
ी वजय कु मार,व र बंधक

इस प का म का शत लेखों म दए गए वचार सं बं धत लेखकों के है।
सं पादक मं डल अथवा के नरा बक का इन वचारों से सहमत होना
आव क नहीं है

आतं रक प रचालन हेतु : : ब के लए नहीं

01

अचं ल मखु का
सं देश

य सा थयो,

‘अवध सं वाद’ प का के सतंबर अकं के मा म से आपसे ब होते ए मझु े हा दक स ता है।
व वष 2022-2023 क छमाही बीत चुक है बक ने छमाही प रणाम घो षत करते ए 2525 करोड़ का शु लाभ कमाया है।
आप सभी ने बक के कारोबार को एक नए तमान पर ा पत िकया है। आप सभी इसके लए बधाई के पा ह। आप सभी को
मेरी ओर से अनेक बधाई!!
हमारे बक का वै क कारोबार 19.58 लाख करोड़ को पार कर गया है और अब हम पए 20 लाख करोड़ के मशन को हा सल
करने से कु छ ही दूर ह। हमने बिकं ग के लगभग सभी े ों म ब त अ ा न ादन िकया है। हमने व भ वषमताओं के
बावजदू , बिकं ग जगत म उ खे नीय जगह बनाई है। इस म को बरकरार रखते ए लखनऊ अचं ल ने अचं ल के कु ल कारोबार को
44 हजार करोड़ के पार प ंचाया है। यह आप सबके समिे कत यासो का तफल है।
य प हमने मजबूत बु नयादी बातों और व ीय न ादन के साथ उ ोग म अपनी पहचान मजबतू क है। चं िू क, इस व ीय वष म
के वल कु छ महीने ही शषे रह गए ह, आइये हम अपने सव म यासों को जारी रख। बक का घो षत ल अथात 20 लाख करोड़
का वै क कारोबार ा करने के लए धान कायालय ने ेय वा सीआरएस(कासा, आरटीडी और पेज मनै ेजमट)
दया है। आगामी तमािहयों म, अ धक से अ धक गणु व ायु खाते खोलना, बहे तरीन ाज दर के साथ 666 के तहत अ धक से
अ धक ाहकों को जोड़ना और बक क आ यों को सुधारने के लए एनपीए पेज बंधन करना हम सब का परम कत होना
चािहए।

हमारे बक न,े ड जटल मोच पर ai1–250 से अ धक सु वधाओं (11 भारतीय भाषाओं म उपल ) के साथ मोबाइल बिकं ग

सुपर ऐप और हमारे ाहकों क बिकं ग ज रतों के लए वन- ॉप समाधान क शु आत के साथ ड जटल तज को नई उचाइयों
पर प ंचाया है।
म अपने अचं ल के सभी सा थयों से अनुरोध करता ँ िक ‘आप हमारे ड जटल बिकं ग उ ादों को सि य प से लोक य बनाएँ ,
और अ धक से अ धक ाहको को बिकं ग व ा से जोड़। बिकं ग व ा को आम जन तक प ंचाने के लए और व ीय
समावेशन के ल को ा करने के लए िह ी जसै ी अ तु भाषा का योग कर तथा लोक यता और समृ लाने म अपना
योगदान द’।
शुभकामनाओं के साथ

आलोक कु मार अ वाल
महा ब क

02

उप महा बंधक का
सं देश

य सा थयो,
नवीनतम सृजना क एवं रचना क वधाओं से प रपणू ‘अवध सं वाद’ प का के सतंबर अकं को आप सभी को सौपं ते ए मझु े हष
का अनुभव हो रहा है। आज यह प का अचं ल के उन सभी लोगों के लए सश मा म बन गई ह जो अपने वचारों क अ भ
िह ी भाषा म करना चाहते ह। इस अकं म राजभाषा ग त व धयों के साथ-साथ आलेख, क वता, बिकं ग आलेख, या ा वृ ा एवं
अनेक वधाओं को समािहत िकया गया है।
िकसी भी कारोबार के वकास के लए मानव सं साधन क भू मका मह पणू होती है। मानव सं साधन पी हमारे ाफ सद अपने
वचार, भाव, सकारा क कोण को नया आयाम देते ए रचना क तरीके से बक के कारोबार को बढ़ाने म य रत ह। इ ीं
समिे कत यासों का प रणाम है िक बक ने सतंबर 2022 तमाही के नतीजे घो षत करते ए 2525 करोड़ पए का नवल लाभ ा
िकया है और बक का कु ल कारोबार 20 लाख करोड़ के पार जाने से बस चं द कदम दूर है।
हमारे बक के जैसे बढ़ते सं गठन म मानव सं साधन को सबसे बड़ी सं प मानी जाती है। सभी मानव सं साधन नी तयों और थाओं को
हमारे कमचा रयों को लाभा त करने और उनक वा वक मता के करीब प ँचने म मदद करने के लए तयै ार िकया गया है। एक
पहल के प म बक म भत से लेकर व ीय योजना और सेवा नवृ के बाद क ा देखभाल तक, हमारी मानव सं साधन पहल
लोगों के वकास और व ार पर ान के त करने का आ ह करती है और फल प सामूिहक प से सं गठना क वकास का
माग श करती है। इस मौ लक वचारधारा को ान म रखते ए के मानव सं साधन वकास पहल क योजना बनाई गई है।
य प हमारे बक ने बढ़ते सागं ठ नक मता के अनुसार मानव सं साधन के लए उ चत नी तयों और थाओं क शु आत क है, तथा प
यदा-कदा कु छ ाफ सद ों क लापरवाही और चा र क पतन के कारण, बक क यु सं गत नी तयों और थाओं का हनन होता
है। जससे ऐसे ाफ सद यं तो परेशा नयों म आते ही ह, उनके साथ उनका प रवार भी भा वत होता है। साथ ही बक क छ व
पर भी नकारा क भाव पड़ता है। ऐसी तयों से नपटने के लए मेरा सभी ाफ सद ों से अनरु ोध है बक ारा नधा रत मानव
सं साधन नी तयों और उ म थाओं जैसे स न ा, ईमानदारी, द ता, सहयोग, रचना कता और स ान जैसी मह पणू वशेषताओं
के साथ एक स म, सरल, सश और वक सत कायबल के प म काय कर।
बक के वकास क वतमान ग त को बनाए रखने के लए यह आव क है िक आने वाले दनों म हमारा ान कम लागत वाली
जमारा श, अनजक आ बंधन, रत वपणन और ड जटल उ ादों को लोक य बनाते ए शाखा म ाहकों क सं ा को कम
करन,े वसूली के यासों को बढ़ाने म सि य भागीदारी पर होना चािहए।
इस प का का काशन एक सकारा क एवं सराहनीय यास है और इस प का के नरंतर काशन हेतु मरे ी हा दक बधाई।

शभु कामनाओं के साथ,

लोक नाथ
उप महा ब क

03

उप महा बंधक का
सं देश

य सा थयो,

‘अवध सं वाद’ प का के सतंबर 2022 तमाही के अकं के मा म से आपसे सं वाद करते ए मझु े हा दक स ता ह।ै

बक ने व वष 2022-23 क छमाही म वषानुवष वृ हा सल करते ए पए 2525 करोड़ का नवल लाभ अ जत िकया है।
इसके साथ हमारे लखनऊ अचं ल ने भी बहे तर दशन करते ए कारोबार के मुख मानदंडों यथा सकल अ म(वषानवु ष 9.1% क
वृ ), आरटीडी(वषानवु ष 8.0% क वृ ), कृ ष ऋण(वषानवु ष 13.9% क वृ ), ण ऋण(वषानुवष 101.5% क वृ ),
एमएसएमई(वषानवु ष 10.4% क वृ ), खदु रा ऋण(वषानुवष 19.4% क वृ ) का सतंबर तमाही का ल हा सल िकया है।
आप सभी के सामिू हक यासों से ा इस उपल के लए हा दक बधाई।

अपने काय ल पर सफल टीम नमाण अ र सभी के लए सफलता म त ील हो जाता है। िकसी भी सफल टीम क सव ृ ता
कु छ मुख कारकों जैसे- सं क ना, सहयोग, ेरणा और व ास पर आधा रत होती है। यह तभी ा िकया जा सकता है जब हम
एक-दूसरे क भावनाओं के त सकारा क कोण और आदर बढ़ाएँ और कमचा रयों के बीच टीम काय क भावना को बढ़ावा
द।

भाषा जोड़ने का काम करती है यह देखना सुखद होगा िक आने वाले समय म आप सभी िह ी भाषा के मा म से कै से अ धक से
अ धक ाहको को बिकं ग से जोड़ पाते ह। जब हम ाहकों को उनक भाषा म बिकं ग सेवा दान करते ह तो हम उनके साथ एक
आ ीय सं बंध बनाने म भी कामयाब होते ह। जससे हमारे कारोबार म भी वृ होती है।

हमने मजबतू बु नयादी बातों और बहे तर व ीय दशन के साथ अपनी पहचान मजबतू क है, हमारी मं जल यहीं नहीं कती, हम
और भी दू रयां तय करनी है। आगामी तमाही म सभी शाखाएं गणु व ायु 5 कासा खाते खोल, सभी खोले गए खातों को ड जटल
बिकं ग से यु कर, पा ाहकों को डे बट काड, े डट काड, मोबाइल बिकं ग इ रनटे बिकं ग और यपू ीआई सु वधा दान कर।

पेज बंधन और नकद वसलू ी करते ए बक क आ को गुणव ापणू बनाएँ ।

मुझे परू ा व ास है िक आप बक के दसं बर तमाही के ेय वा सीआरएस–कासा, आरटीडी, पेज बंधन पर पूरी ऊजा से

काय करगे और मशन #20 लाख करोड़ को पूरा करने मे आप सभी परू ी त यता से काय करते ए अपना स णू योगदान दगे।

बिकं ग और अ वषयों से सं ब त अपने अनभु वों को ल खत प दान करने के लए अचं ल क ई प का ‘अवध संवाद’ को
मा म बनाएं !

शुभकामनाओं के साथ,

अजीत कु मार म
उप महा ब क

04 र व काश चौबे

मरे ी लु नी या ा शाखा ब क
कै यरगंज शाखा

रा े हमशे ा टढ़े े मढ़े े नहीं होते, कभी-कभी सीधे सपाट भी होते ह, वह चाहे जदं गी का रा ा हो या िकसी या ा का रा ा
मं जल तक दोनों ही जाते ह। हा,ँ ये अलग बात है िक आपको कौन सा रा ा मला, या आपने कौन सा रा ा चुना। राही को
कमोबशे सपाट और उबड़ खाबड़ दोनों ही रा े मलते ह। मेरी लं ु बनी या ा म कोई उबड़ खाबड़ रा ा नहीं था। सब सीधे
सपाट रा े थे। मरे ी या ा गोरखपरु से शु ई। लं ु बनी गोरखपरु से लगभग सौ िकलोमीटर क दूरी पर त है जाने के
लए आप खदु क गाड़ी, बस या नौगढ़ स ाथनगर तक टेन से जा सकते ह। वहां से आपको साधन करना होता है। मने
गोरखपरु से बाइक से या ा करने का नणय लया। लु नी के लए दो रा े है एक सोनौली बॉडर से होते ए, दूसरा रा ा
नौगढ़ होते ए ककरहवा बॉडर से ह।ै मरे ी ि -च वािहनी ने मेरे साथ कई या ाएं क ह इस लए मझु े भरोसा था िक यह
या ा भी आसानी से परू ी हो जाएगी। सोनौली के लए सीधा रा ा ह,ै लेिकन नौगढ़ से जाने के लए आपको पहले गोरखपरु
से फरदा जाना है, वहां से आपको ढाले से धानी के लए मुड़ना पड़ता है। दोनों तरफ खेत और बीच म रा ा, जसै ा िक
अममू न उ र भारत मे पाया जाता है। मेरा मौसम बरसात का था तो खते तालाब बने ए थ।े जनम "बरे ा"( ानीय भाषा म)
जसे लोग सफे द कमल भी कहते ह खले ए थे। म उ ीं रा ों से धानी बाजार, उ ा बाजार होते ए नौगढ़ स ाथ नगर
प ँचा। वही नौगढ़ जसे ‘देवक नंदन ख ी’ ने ‘चं कातं ा’ म उतारा है। हो सकता है यह वही नौगढ़ हो, ोिं क चुनार
मजापुर के पास पड़ता है पूव उ र देश का े है, इस लए नौगढ़ उसके अ धकार े म हो सं भव है। नौगढ़ एक छोटा
सा शहर है। नौगढ़ म आप ना ा कर सकते ह, कु छ खा पी सकते ह। लेिकन जसे घमू ने वदेश जाना होगा वह तो वदेश क
रोटी खाना चाहगे ा। वैसे भी नपे ाली ब त अ े कु क होते ह। परू ा रा ा ाव ी तक बौ प रपथ होने के कारण शानदार
बना आ है। नौगढ़ से आप ब ी से आने वाले माग को पकड़कर नपे ाल बॉडर जा सकते ह। रा े म क पलव ु पड़ेगा
क पलव ु क त के बारे म मतभेद है कई व ान क पलव ु को तौ लहवा नेपाल से दो िकलोमीटर क दूरी पर
तलोराकोट को मानते ह। वसं ट थ जसै े व ान इसे ब ी का पपरावा नामक ान मानते ह। जहां बधु क अ यों के
अवशेषों पर शा ों ने पू बनवाए ह। जसे वसं ट थ जसै े व ान, बुध क अ मानते ह।
खरै , आज जसक मा ता है या कह लोक मा ता है वह ‘क पलव ’ु बु का नगर है। ‘बु ’ क पलव ु और लु नी के
कण-कण म है। अपने ान ा के प ात ‘बु ’ शु ोधन के नमं ण पर क पलव ु आए थ।े नौगढ़ से हम और मराठा
छ प बककम शुभम त अहाले जो हाल ही म पणु े जैसे शहर से उठाकर नपे ाल बॉडर पर एक गावं क शाखा म पो
कर दया गया था। मरे ा साथ देने के लए तैयार था। उसक पो गं ऐसी जगह गाँव मे है जहाँ ना े-खाने म समोसे-छोले ही
मलते है। बक क नौकरी म मुझे लगता है िक सबके साथ ऐसा होता है। कभी न कभी आदमी ऐसी जगह पो होता है िक
जहाँ पानी तक के लए तरस जाता है। खैर आगे क या ा हम दोनों को एकसाथ परू ी करनी थी।

05

हम जसै े-जैसे आगे बढ़े, हमने एक मत से क पलव ु नही जाने का न य कर, लु नी क तरफ ान िकया। भारत और
नपे ाल के बॉडर के पास के इलाके को ककरहवा बोलते है। ककरहवा बॉडर से पहले एक चौराहा जसे दू ा चौराहा कहते ह।
िकसी दू े को उसका चौराहा नही मलता हो तो वह लु नी जाते समय रा े मे अपना चौराहा ढूंढ सकता है। दू ा चौराहा
पढ़ कर ब त मजा आया, हसं ी आई। मने अहाले से मजाक भी िकया िक शादी कर ले और ठहर जा कब तक भागेगा। अब
तो दू ा चौराहा भी देख लया तून,े कर ले शादी दू ा बन जा। उसने कहा अभी नहीं सर अभी तो बक ाइन िकया है
दू ा बन गया तो यही बैठना पड़ेगा चौराहे पर। कपरवार बॉडर पार करने के लए आपको पहले एसएसबी से पर मशन लेनी
होती है, और बाइक से उतर कर पैदल बाइक को बॉडर पार ले जाना होता है। जो लगभग सौ मीटर है। अहाले बोला सर ये
बताइए, बाइक से पैदल जाएं गे तो ा कार को ध ा लगा कर ले जाएं गे? म भी हसं ने लगा बात तो ब ु ल सही थी। खैर
कार वाले अपना जाने हम तो गाड़ी से उतर गए। मने बोला दो शायद वो सीमा सरु ा बल का सरु ा जाचँ का कोई तरीका
हो। बॉडर से आगे बढ़ने पर आप छोटे-छोटे दो-तीन चौराहे पार करते ए प ंचगे मिहलवार, होटल तो आपको पहले भी
मल जाएगा लेिकन मिहलवार म होटल क अ धकता है वहां आपको स े और अ े होटल मल जाएं गे। नॉरमल डेज म
नेपाल सरकार बॉडर पार करने के लए भं सार( टै ) लेती ह।ै लेिकन हमारे समय बॉडर लॉक डाउन के बाद खलु े होने से
कु छ भ ार नहीं लया।
हमने होटल िकया सामान रखा और वापस भोजन क तलाश म नकले, वसै े तो आप "थकाली भाछं ा" म खा सकते ह जहां
बाक स यों और रोटी के साथ आपको कोई ना कोई साग क स ी ज र मलेगी। आपके पास वहाँ खाने के ब त सारे
ऑ शन होते ह। पंजाबी ढाबा, मारवाड़ी ढाबा, चीनी, को रयन कई तरह के ंजन आपको नेपाल के रे ोरट म मल जाएं गे,
और कई रे ोरट उसी थीम के आपको मल जाएं गे जहां आप अमकु देश के ंजन का लु उठा सकते है। नेपाल के
रे ोरट म शराब के शौक नों के लए मफु द जगह है। वहां आपको हर रे ोरट म शराब उपल मलेगी। बैिठये, खाइए,
पी जए और नपे ाल का आनंद ली जए।
हमारी या ा म अ ोहल का कोसे नहीं था। फर भी हमारी या ा नशीली नहीं थी कहना मु ल है। नेपाल ने अपने
धरोहरों को ऐसे सं र त िकया है जसै े लोग सोने को करते ह। हम खाना खाकर मं दर घूमने नकले। आयताकार ांगण म
शानदार मं दरों क वा ु श अतुलनीय है। अपनी बाइक लके र हम चार नंबर गेट से वशे िकय।े वशे करते ही दािहने
हाथ आपको ीलं का के बौ लोगों का मं दर मलेगा। आपके आगे सीधे महामाया मं दर है और दािहने होने पर आपको
गो न टपल, ांमार , थाईलड आ द देशों के लोगों के ारा बनाए गए बेहतरीन मं दर मलगे। इनको एक बार देखकर
आप खदु को वाह कहने से नहीं रोक पाएं गे। दािहने हाथ के मं दरों से आगे बढ़ने पर आपको एक खबू सूरत नहर मलेगी।
जसके िकनारे ब त खबू सूरती से प रों से बनाए गए ह। ीट ले क कतार और पानी म उगते ए कमल एक मनोरम

पैदा करते ह। आप चाहगे िक यहां के और एक सुबह क सैर एवं शाम का व ाम इसी नहर के िकनारे हो।

06

मं दरों को एक आयताकार े फल म बसाया गया है। बीच म नहर दोनों तरफ से मं दरों को वभा जत करती है। नहर का
िकनारा खबू सूरत है। नहर से िकनारे नकलने पर आप शां त ूप क ओर जा सकते ह। शा ूप को नपे ाली लोग,
वाइट टपल बलु ाते ह। जो सफे द रंग म बनाया गया है। जसके सामने दो शेर ा पत है। गोल गंबु द पर चारों और बधु क
चार मु ाओं को दशाया गया ान, व ाम इ ा द। शां त ूप के बगल म प यों के लए सं र त एक ल भी है। शां त

पू से नकलकर हम मं दरों क ओर बढ़े। हम ब त से मं दर घमू , कु छ मं दरों को अभी भी परू ा करना बाक है। ब त सारे
मं दर घूमकर हम मु मं दर महामाया माता मं दर क ओर बढ़े जो अनठू ा है। धा मक मा ता है िक क पलव ु से अपने
मायके जाते समय माँ महामाया ने भगवान बु को यही ज दया था। मं दर तक क या ा पैदल करनी होती है , मु
मं दर के वेश तक गाड़ी नही जाती है। हम गाड़ी खड़ी कर मं दर के लए बढ़ते गए। मं दर के आस पास ान और
वप ना क त है। वप ना क से आगे बढ़ने पर नहर के िकनारे कोने म एक वशालकाय घं टा लगा आ है। नहर
वहाँ थम गई है। नहर को मानो माँ, महामाया ने रोक दया हो, और नहर वहीं आकर नतम क हो गई हो। नहर के महु ाने
पर एक ोत लत थी। सामने ठीक थाईलड के बौ ो के ारा भट क गई णम तमा ा पत है। तमा के प
भाग म मं दर त है। मं दर के रा ों को ब त खबू सूरती से ीट लप, फू ल और प रों से सजाया गया है। उन रा ों से
मं दर का अ ंत मनोरम लगता है। मं दर के ांगण को सहेज कर रखा गया है। खदु ाई से ा अवशेषों को सं र त
करके बेहद सफाई के साथ नाम प का पर त थ अिं कत क गई ह।ै मं दर वशे म सी ढ़यों के िकनारे च के नशान लगाए
गए ह जो सं भवत बु के धम च वतन को दशाते ह, मं दर क सी ढ़यां का न मत है। मं दर के बाहर मं दर ागं ण म
शां त बनाए रखने क प ी लगी है। भीतर वशे करने पर मं दर क डजाइन ऐसे क गई है िक आप एक प र मा परू ी कर
ल। भीतर प टों से न मत दीवालों को सं र त िकया गया है जसम से कु छ बु के ज क ह। कु छ उनके ज से पहले
क ह, कु छ बु के ज के बाद क है। जो दशाता है िक लोगों को प टो क दीवार न मत करने का ान था। म र को
इतने अ े से सहेजा गया है िक आपको व य होगा। भगवान बु का ज जस गभगहृ म आ था उसे भी सं र त िकया
गया है। मं दर के भीतर ‘बु ’ के ज ान क जगह को दशाया गया है, प व ान को प व ता के साथ सं र त िकया
गया है। दशन करने के उपरातं हम पछले भाग से मं दर से बाहर नकले। पछले भाग म ब त से पीपल के पेड़ है। एक
बगीचा और प व पु रणी है(प व तालाब)। ऐसी कहावत है िक मां महामाया ने इसी प व तालाब म खदु और बु को

ान कराया था। वतमान म तालाब म कछु आ और मछली ह।ै तालाब साफ सुथरा है।

पीपल के पेड़ के नीचे ब त से बौ साधु ान साधना म ल थे एक साधु ने हम बना िकसी द णा के पीपल पजू न के
लए आमं त िकया। हम दोनों ने पीपल पूजन िकया और फर अपने होटल आ गए। या ा क शु आत के प ात या ा का
वराम भी मह पूण ह,ै आ खर ेनसागं और इ बततू ा भी अपने घर लौटे होगं े। लेिकन लौटना भी एक या ा है, हम या ा
करते ए ही लौटते है। लौटना भी या ा है। हम जीवन भर एक या ा पूरी करने के लए दूसरी या ा करते ह और हमशे ा
या ा म रहते ह। जीवन हमशे ा एक या ा म ही रहता ह, वह नही ठहरता हम और आप हमेशा ही एक या ा म रहते है। हम
के वल यह कर सकते है िक उस या ा को और मनोरंजक और रोमाचं कारी बना सकते है । यही एक या ी को करना चािहए
यही उसका धम है ।

07

बच गए गु अजय कु मार प

म लबक
अचं ल कायालय लखनऊ

बीवी को सं बो धत करते ए, एक क वता लखी ह,ै कहो तो सुनाऊँ ।
प ी ने ीकृ त म सर िहलाया,

थोड़ा आ व ास आया, फर कहा
एक रात मरे े सपने म ‘वो’ आई,

प ी क भकृ ु ट तनी, िकचन क तरफ मड़ु ी,
बोले ा बोले वो आई, वो कौन??

इससे पहले मामला गड़बड़ाता, म हड़बड़ाता,
जमु ला उछाला वो ‘रात कली’

प ी गरु ाई कौनसी रात और कौन सी कली
दमाग का दही हो गया,

ऐसा लगा िक गम के मौसम म रज़ाई ओढ़ ली
माथे पर पसीना आया, और बात सं भाली, वो रात कली तो तुम हो।
तु ारी बात म है गड़बड़झाला मुझे लग रहा है कु छ दही म काला।

ये ‘वो’ वो नहीं जसक तुम बात कर रहे हो,
सच सच बताओं ा छपा रहे हो,

मामला सं गीन होता देख, दमाग ने घं टी बजाई
और मने बात घुमाई, अ ा बाबा अब सुन ही लो
रात कली एक ाब म आई और गले का हार ई
बीबी मु राई, थोड़ा पास आई, बोली, बड़े रोमां टक हो

तो ये बात मुझसे ों घुमाई।
मन म सोचा िक ान

खीचं ने के लए िकतना जतन करना पड़ता है,
बातों को घुमाना पड़ता है।

तब कहीं जाकर थोड़ा साथ मल पाता है।
बच गए गु ....

08

रामधारी सहं ‘ दनकर’ वशषे ु त

राजभाषा क
अचं ल कायालय लखनऊ

रामधारी संह ' दनकर' जी का ज 24 सतंबर 1908 को बहार के बगे ूसराय जले के सम रया गावँ म आ था। उ ोनं े
पटना व व ालय से इ तहास, राजनी त व ान म बीए िकया। उ ोनं े सं ृ त, बां ा, अं ेजी और उदू का गहन अ यन
िकया था। बी. ए. क परी ा उ ीण करने के बाद वे एक व ालय म अ ापक हो गय।े 1934 से 1947 तक बहार
सरकार क सेवा म सब-र ज ार और चार वभाग के उप नदेशक पदों पर काय िकया। 1950 से 1952 तक लं गट संह
कालेज मुज रपुर म िह ी के वभागा रहे, भागलपरु व व ालय के उपकु लप त के पद पर 1963 से 1965 के
बीच काय िकया और उसके बाद भारत सरकार के िह ी सलाहकार बन।े

उ प वभषू ण क उपा ध से भी अलं कृ त िकया गया। उनक पु क सं ृ त के चार अ ाय के लये सािह अकादमी
परु ार तथा उवशी के लये भारतीय ानपीठ पुर ार दान िकया गया। अपनी लेखनी के मा म से वह सदा अमर रहगे।

ापर यगु क ऐ तहा सक घटना महाभारत पर आधा रत उनके ब का कु े को व के 100 सव े का ों म
74वाँ ान दया गया।

1947 म देश ाधीन आ और वह बहार व व ालय म िह ी के ा ापक व वभागा नयु होकर मज़ु रपरु
प ँचे। 1952 म जब भारत क थम सं सद का नमाण आ, तो उ रा सभा का सद चुना गया और वह द ी आ
गए। दनकर 12 वष तक सं सद-सद रहे, बाद म उ सन 1964 से 1965 ई. तक भागलपुर व व ालय का कु लप त
नयु िकया गया। लेिकन अगले ही वष भारत सरकार ने उ 1965 से 1971 ई. तक अपना िह ी सलाहकार नयु
िकया और वह फर द ी लौट आए।

रामधारी सहं दनकर भाव से सौ और मदृ भु ाषी थे, लेिकन जब बात देश के िहत-अिहत क आती थी तो वह बबे ाक
ट णी करने से कतराते नहीं थे। रामधारी संह दनकर ने ये तीन पं यां पं डत जवाहरलाल नहे के खलाफ सं सद म
सुनाई थी, जससे देश म भचू ाल मच गया था। दलच बात यह है िक रा सभा सद के तौर पर दनकर का चनु ाव पं डत
नेह ने ही िकया था, इसके बावजदू नेह क नी तयों क मखु ालफत करने से वे नहीं चूके ।

देखने म देवता स लगता है
बंद कमरे म बठै कर गलत लखता है।

जस पापी को गणु नहीं गो ारा हो
समझो उसी ने हम मारा है॥

09

1962 म चीन से हार के बाद संसद म दनकर ने इस क वता का पाठ िकया जससे त ालीन धानमं ी नेह का सर झुक
गया था। यह घटना आज भी भारतीय राजनी त के इ तहास क चु नदं ा ां तकारी घटनाओं म से एक है।

रे रोक यु र को न यहां जाने दे उनको गधीर

फरा दे हम गाडं ीव गदा लौटा दे अजनु भीम वीर॥

इसी कार एक बार तो उ ोनं े भरी रा सभा म नहे क ओर इशारा करते हए कहा- " ा आपने िहदं ी को रा भाषा
इस लए बनाया है, तािक सोलह करोड़ िहंदीभा षयों को रोज अपश सनु ाए जा सक?" यह सनु कर नेह सिहत सभा म बठै े
सभी लोग स रह गए थे। िक ा 20 जनू 1962 का ह।ै उस दन दनकर रा सभा म खड़े ए और िहंदी के अपमान को
लेकर ब त स र म बोले। उ ोनं े कहा-

“देश म जब भी िहंदी को लके र कोई बात होती है, तो देश के नेतागण ही नहीं ब क थत बु जीवी भी िहंदी वालों को
अपश कहे बना आगे नहीं बढ़त।े पता नहीं इस प रपाटी का आर िकसने िकया है, लेिकन मरे ा ाल है िक इस
प रपाटी को ेरणा धानमं ी से मली है। पता नही,ं तरे ह भाषाओं क ा िक त है िक धानमं ी ने उनके बारे म कभी
कु छ नहीं कहा, िक ु िहदं ी के बारे म उ ोनं े आज तक कोई अ बात नहीं कही। म और मरे ा देश पछू ना चाहते ह िक ा
आपने िहंदी को रा भाषा इस लए बनाया था तािक सोलह करोड़ िहंदीभा षयों को रोज अपश सनु ाएं ? ा आपको पता
भी है िक इसका दु रणाम िकतना भयावह होगा?”

यह सनु कर परू ी सभा स रह गई। ठसाठस भरी सभा म भी गहरा स ाटा छा गया। यह मुदा-चु ी तोड़ते ए दनकर ने फर
कहा- 'म इस सभा और खासकर धानमं ी नहे से कहना चाहता ं िक िहदं ी क नदं ा करना बंद िकया जाए। िहंदी क
नदं ा से इस देश क आ ा को गहरी चोट प ँचती ह।ै '

मुख कृ तयाँ

उ ोनं े सामा जक और आ थक समानता और शोषण के खलाफ क वताओं क रचना क । एक ग तवादी और मानववादी
क व के प म उ ोनं े ऐ तहा सक पा ों और घटनाओं को ओज ी और खर श ों का तानाबाना दया। उनक महान
रचनाओं म र रथी और परशरु ाम क ती ा शा मल है। उवशी को छोड़कर दनकर क अ धकतर रचनाएँ वीर रस से
ओत ोत ह।ै भषू ण के बाद उ वीर रस का सव े क व माना जाता है।

ानपीठ से स ा नत उनक रचना उवशी क कहानी मानवीय ेम, वासना और स ों के इद- गद घूमती ह।ै उवशी ग
प र ा एक अ रा क कहानी है। वही,ं कु े , महाभारत के शा -पव का क वता प है। यह दूसरे व यु के बाद
लखी गयी रचना है। वहीं सामधेनी क रचना क व के सामा जक च न के अनु प ई है। सं ृ त के चार अ ाय म
दनकर जी ने कहा िक सां ृ तक, भाषाई और े ीय व वधताओं के बावजदू भारत एक देश है। ोिं क सारी व वधताओं
के बाद भी, हमारी सोच एक जसै ी है।

10

दनकर जी क रचनाओं के कु छ अशं
िकस भां त उठँू इतना ऊपर? म क कै से छू पाउँ म?
ीवा तक हाथ न जा सकते, उँग लयाँ न छू सकती ललाट
वामन क पजू ा िकस कार, प ँचे तुम तक मानव वराट?
रे रोक यु ध र को न यहा,ँ जाने दे उनको ग धीर
पर फरा हम गाडं ीव गदा, लौटा दे अजनु भीम वीर --(िहमालय से)

मा शोभती उस भजु ं ग को, जसके पास गरल हो;
उसको ा जो द हीन, वषहीन, वनीत, सरल हो। -- (कु े से)

प र सी हों मासं पे शयाँ, लौहदंड भजु बल अभय;
नस-नस म हो लहर आग क , तभी जवानी पाती जय। -- (र रथी से)

हटो ोम के मघे पंथ से, ग लटू ने हम जाते ह;
दूध-दूध ओ व तु ारा, दूध खोजने हम जाते है।
सच पछू ो तो सर म ही, बसती है दी वनय क ;
स वचन सं पू उसी का, जसम श वजय क ।
सहनशीलता, मा, दया को तभी पजू ता जग है;
बल का दप चमकता उसके पीछे जब जगमग है।"
दो ाय अगर तो आधा दो, पर इसम भी य द बाधा हो,
तो दे दो के वल पाचँ ाम, र ो अपनी धरती तमाम।-- (र रथी / ततृ ीय सग / भाग 3)
जब नाश मनजु पर छाता है, पहले ववके मर जाता है। -- (र रथी / तृतीय सग / भाग 3)।।
वरै ा छोड़ बाहँ ों क वभा सं भालो, च ानों क छाती से दूध नकालो,
है क जहाँ भी धार शलाएं तोड़ो, पीयूष च माओं का पकड़ नचोड़ो, (वीर से)

11 नहे ा अरोरा

न ध अतं रण मू नधारण: ल पक
लाभ दता ा करने का माग अचं ल कायालय लखनऊ

आ थक जगत म कोई भी उप म लाभ कमाने के उ े से शु िकया जाता है। लाभ या अजन मता वह ाथ मक कारक
है जस पर िकसी भी वसाय क आधार शला रखना नभर करता है। य द कम उ ादन वाला वसाय अ धक लाभ देता
है, तो यह ीकाय ह,ै लेिकन उ उ ादन वाला वसाय कम लाभ उ करने वाला वसाय ीकाय नहीं ह।ै इसका
ता य यह है िक समाज क सेवा करने या आपू त ंखृ ला को पूरा करने का उ े लाभ के बाद आता है जहाँ तक वसाय
के मु उ े का सं बंध है। हम कह सकते ह िक वसाय का पयायवाची लाभ है।

तो, लाभ कै से कमाया जाए और लाभ कै से बढ़ाया जाए, यह िकसी भी वसाय, सं ा के लए चतं ा का वषय है और
बिकं ग े इसका अपवाद नहीं है। इस लए, िकसी ावसा यक सं गठन क के इकाई क उ ाद-वार लाभ दता का

व ेषण करने के लए एक भावी तं होना समय क आव कता है, और इसका उ र न ध अतं रण मू नधारण

(एफ़टीपी) तं है।

वतमान म, सं पणू बिकं ग े शु ाज आय के नरंतर सं कु चन और कई सं र चत उ ादो,ं व भ प रप ताओ,ं ाज क
न त और ो टगं दरों के कारण और अ धक ज टल होता जा रहा है, जसका सामना बकों को करना पड़ रहा है। ाज
दर अ धक अ र होती ह, जो बक के एनआईएम (शु ाज मा जन) को भी भा वत करती ह। इस लए, बकों के लए
यह ब त मह पणू है िक वे ज रत-आधा रत ब पर ान क त करके और व भ आयामों के तहत लाभ दता का
आकलन करके ाहकों को ा कर और बनाए रख, चाहे वह एक े , शाखा, उ ाद, ाहक या खाता हो।

वतमान बिकं ग प र म, अ धकाशं बकों के पास एक क त और ाहक-क त व त ाहक अ ध हण कोण है।
बक के सं साधन, ाहकों के अलावा, वह धन या तरलता है जसे वे अपनी सभी ावसा यक इकाइयो,ं यानी शाखाओं के
बीच साझा करते ह।

फं ड टांसफर ाइ सगं (एफ़टीपी) क तकनीक बिकं ग णाली के लए एक वा वक वरदान ह।ै बक ीकार करगे िक
थ नगं ेड के साथ, वसाय के क त वकास के साथ-साथ आय/लाभ दता म सधु ार के लए अ नवाय प से ान
क त करने क आव कता ह।ै

12

शु ाज आय, जो एक शाखा के मनु ाफे का लगभग 80 तशत योगदान करती है, को एक भावी ह ातं रण मू तं के
मा म से खाता-वार मापा जा सकता है। आजकल, फं ड टासं फर ाइ सगं (एफ़टीपी) वै क र पर बकों ारा उपयोग क
जाने वाली एक वै ा नक प त है। यह बकों को के प रसं प और देयता के ाज योगदान को नधा रत करने म स म
बनाता है, जो बक के उ चत लाभ योजना और बलै स शीट बंधन को सु न त करता है।

ेक प रसं प और देयता से लाभ क गणना करने क मता एक बक को वां छत प रसं प -देयता म ण पर नणय लने े
और वकास े ों को ल त करने या लाभदायक े ों पर ान क त करने म स म बनाती है। फं ड टांसफर ाइ संग
(एफ़टीपी) एक बंधन लखे ाकं न तकनीक है जसका उपयोग गत प से यह मापने के लए िकया जाता है िक फं डंग
का के ोत सम लाभ दता म िकतना योगदान दे रहा है।

सभी बकों क अलग-अलग ावसा यक म ण वाली शाखाएँ ह; कु छ जमा-उ खु ह, जबिक कु छ अ म-उ खु ह।
जमा-उ खु शाखाओं से अ धशेष अ म-उ खु शाखाओं म उपयोग के लए रखा जाता है और क ीय व पोषण इकाई
(सीएफय)ू के मा म से भेजा जाता है। अतं रण मू , न धयों के आंत रक अतं रण के लए नयत क गई दर है। अतं रण
मू के तहत जमा और ऋण दोनों को राज उ करने वाला माना जाता है।

इस लए, फं ड टासं फर ाइ सगं (एफ़टीपी) का सबसे मह पूण काय बक क व भ शाखाओं के बीच धन के आदान- दान
के लए एक आधार दान करना है। एफ़टीपी एक शाखा के व भ उधार और उधार के लाभ योगदान को नधा रत करने के
लए वृ शील जमा, ऋण और नवेश के मू नधारण के लए एक आतं रक आवंटन और माप तं है।

यह लाभ दता मापन ि या का एक मह पणू घटक है, ोिं क यह बक म लाभ दता के मखु घटक को आवं टत करता
है, अथात शु ाज मा जन(एनआईएम)। यह एक नणय लेने वाला उपकरण है और बक के भीतर ताकत और
कमजो रयो,ं अवसरों और खतरों के े ों क पहचान करने के लए बंधन के हाथ म एक SWOT व ेषण उपकरण है।

एफ़टीपी क आव कता

फं ड टासं फर ाइ सगं कोई नई अवधारणा नहीं है। वै क व ीय सं कट के दौरान, यह अ धक मखु ता से देखा गया था िक
बकों के लए बढ़ी ई फं डगं लागत को उ ादों म मू नहीं दया गया था, जसके प रणाम प ाहको/ं उधारकताओं को
बड़ी सं ा म लाभहीन उ ादों का व पोषण िकया गया था।

उ ाद क क मतों म जो खम मू को शा मल करने के लए एफ़टीपी का उपयोग करने का कारण न के वल त ध बने
रहना था, ब यह भी सु न त करना था िक उ ाद गलत तरीके से कम या अ धक क मत वाले नहीं ह।

बकों क बिहयाँ उ पूरे बक के लए सम आधार पर शु ाज मा जन को मापने म स म बनाती ह। लेिकन अ धक
व तृ या बारीक र पर शु ाज मा जन को समझने के लए, बकों या व ीय सं ानों को फं ड टासं फर ाइ संग
(एफ़टीपी) का उपयोग करने क आव कता ह।ै

13

फं ड टासं फर ाइ संग मकै े न सटीक लाभ दता माप, भावी बजट और योजना और बहे तर मू नधारण व ेषण का
समथन करने के लए फं ड क लागत या उपयोग को सटीक प से मापता है। यह बदले म, बेहतर मा जन बंधन, शाखा
व ेषण, उ ाद और वपणन रणनी तयों के साथ-साथ ाहक या सद लाभ दता का समथन करता है।
एफ़टीपी शाखाओं के लए एक ब ढ़या उपकरण है
शाखाएं अपनी मु द ताओं पर ान क त कर सकती ह, जैसे जमारा शयां जटु ाना और धन उधार देना।

ाज दर जो खम को क ीय सं रण इकाई म ानातं रत कर दया जाता है।
एफ़टीपी वेब पेज दै नक अतं रण दर द शत करता है।
शाखाएं दै नक आधार पर ानातं रण दरों का उ खे कर सकती ह ( वशेषकर जब थोक जमा और बड़-े टकट ऋण जटु ाए
जाते ह) और सार का एक वचार ा करते ह िक वे के सं प / देयता पर अ जत करगे जो वे जटु ाने का ाव करते
ह।
शाखाएं मखु उ ादों जैसे साव ध जमा, बचत और चालू खातों के साथ-साथ अ सरु त साव ध ऋण आ द के लए
ाहकों का खाता-वार ववरण भी देख सकती ह।
उ ाद-वार शु ाज आय भी उपल ह,ै जो ापार म ण क योजना बनाने म मदद करती है।
यह कहना अ तशयो नहीं होगी िक एफ़टीपी एक ब त ही उपयोगी उपकरण है जसका उपयोग के खाते क शु

ाज आय को मापने के लए िकया जाता है और शाखाओं को अपने ापार म ण को इस तरह से बदलने म मदद करता है
जससे लाभ को अ धकतम िकया जा सके ।
हालािं क, अतं रण मू नधारण प रणामों क सटीकता कोर बिकं ग स म से लए गए ोत डेटा क सटीकता म निहत है।
एफ़टीपी टीम ारा मा सक आधार पर बताई गई डेटा ु टयों पर शाखाओं ारा तुरंत ान दया जाना चािहए तािक यह
सु न त हो सके िक एफ़टीपी प रणाम सटीक ह।

एफ़टीपी

14

व ास शफे ाली जनै

अ धकारी
े ीय कायालय बरेली

माना रात अधँ ेरी ह,ै बादल अभी छटा नहीं है ,
त मर अभी हटा नहीं है, म म न अपनी सासं कर,

भोर क ती ा कर अव होगी,
तू व ास रख।

माना रा े मे शलू ह, हालात भी तकू ल ह,
शह भी दखाई न दे, उठ अपनी राह यं बना,

मं जल अव दखेगी– मलेगी,
तू व ास रख।

माना क कोई साथ नही है, पर तू यं ही समथ है,
वजय का स ा अथ है, यास का थम कदम बढ़ा,

रण मे वजय अव मलेगी,
तू व ास रख।

माना िक पाँव तेरे घायल ह, शरीर थक कर चूर है,
बस सासं ही अब शेष है, समय यही तेरे लए वशेष है,

ल से अब दूर नही है,
तू व ास रख।

माना िक च ान सी मसु ीबत है, िह त से अवरोध से गुजरना है,
सहारा ढँूढना ही कायरता का काम है, अपने अतं रा ा को सबल बनाना है,

जीवन क नयी प रभाषा यं लख, तू व ास रख।

15

बक क कमचारी ईषा धर

अ धकारी
बोड ऑफ रेवे ू शाखा

आज सुबह उठी तो रोज क तरह नहीं ब कु छ भ ही तीत हो रहा था। मन बड़ा वच लत था । दन था सतंबर 06,
2022 और ेक दन क तरह मझु े अपनी बक क शाखा म जाना था। फर मेरे अतं रा ा मझु से बोली- “ईशा ा तुम
सचमचु अपना कत पणू पणे कर रही हो?” उसी ण शाखा के बाहर झाड़ू लगाता आ बक का सब ाफ दखा। याद
आया िक उसक माँ ने मुझसे आकर कहा था िक उसका पु जो मा पए पाँच सौ प ीस के वेतन पर, बक म बना
अवकाश लए त दन आ रहा है, वह पढ़ने क भी इ ा कर रहा है।

मा पाचँ सौ प ीस के वेतन पर बन पता का ब ा, जसक आयु के वल स ह वष थी कै से काम छोड़कर घर बैठे पढ़ाई
कर सकता था? मेरे मन ने मझु े उलझन म फं सा दया िक ये कै सा ाय है िक वह कोमल का वाला बालक बक म
अवकाश होने पर िकतना दखु ी होता है और म िकतनी स !

दीपावली क वह काश पं याँ मा उसके लए एक म मा रह जाती ह। मझु े याद आया जब उस बालक ने मझु से कहा
िक मेदम मेरे इस अ बू र माह म बड़ी त हो गयी। आप जानती ह िक इस महीने मझु े िकतने दन पाचँ सौ प ीस पए
नहीं मले? तब ऐसी भावना आयी िक मने कै से उसक माँ क एक छोटी सी वनती पर भी ान न दया िक उसके बटे े को
कोई छोटा सा कज ही दला दँू? ा म अपना कत सही प से पूरा कर रही ँ? ा म इतनी असं वदे नशील ँ?

यही सब सोचते ए जब घर प ंची तो समझ आया िक बक का कमचारी होना मानवता को ो ाहन देना भी है। मा
रोज़मरा के काम करना ही नहीं ब ज हम त दन देख रहे ह उनके ारा भी बक के बजनेस को बढ़ाना है । ा पता
कल कोई बक म झाड़ू लगाने वाला ब ा देश का गौरव बने!

जब आप अतं रा ा क बात सनु ते ह, तो मानवता जीत जाती है

16

राजभाषा िह ी पर ग़ज़ल अवजीत संह

देश क अपने इससे ही पहचान है, ल पक
होना िहंदी से सबका ही उ ान है। बरेली मॉडल टाउन शाखा
इसका स ान करना ही धम है,
गाधँ ी बाबा का यह हमको वरदान है।
देश हो चाहे या कोई परदेश हो,
इसके स ान पर सबको अ भमान ह।ै
बोलने या समझने म द त नही,ं
िहदं ी भाषा तो सबसे ही आसान है।
िहदं ी क छ व न धू मल कभी होवे 'अ व',
जान से बढ़के िहंदी का स ान है।

17

चीलगाड़ी और सरदार जी: या ा वृ ा एम आर वमल

बक
खदु रा आ क बरेली

बात सन 1999 क है ,माता वै ो देवी के दशन करने के प ात म अपनी मां एवं प ी के साथ कटरा बस ेशन पर ज ू जाने
के लए बस क ती ा करने लगा। वहां देखा िक या यों क भारी भीड़ जमा थी। या यों से पूछताछ करने पर पता चला िक
ाइवटे बस, टे ी और आटो र ा वाले हड़ताल पर ह। उसके बाद हम लोग जैसे-तसै े मु ल से रोडवजे बस ारा ज ू आ
गय।े

रात को हम लोग ेशन के पास एक होटल म के । सुबह होने पर देखा िक आटो , टे ी और बस क हड़ताल जारी थी।
हमारे एयर टकट अगले दन के बकु थे इस लए आज का दन लोकल ज ू म ही घूमना था। हड़ताल के कारण हम लोग पैदल
ही घूमने चल दए ोिं क एक दन का समय तो बताना ही था। ज ू के गाडन म हम लोग पैदल ही गय।े हम रा े म के ही
ए थे िक एक कार आकर क और उसम बैठे श स ने पछू ा िक रघुनाथ मं दर जाने के लए आटो क ती ा कर रहे ह? मने
हां म सर िहलाया वह बोले हमारे साथ च लए हम उधर ही जा रह ह। हम अनजान होते ए भी उनके साथ चल दए। हमने
भगवान के दशन िकए और वापस आ गये और रात उसी होटल म बताई।

सबु ह जब एयरपोट जाने क बारी आई तो देखा िक हड़ताल खलु ी नही।ं वहां से ज ू एयरपोट लगभग सात िकलोमीटर दूर था।
इधर उधर ब त तलाश करने बाद भी कोई कोई आटो या टे ी वाला जाने के लए तैयार नहीं था। कु छ लोग तो कह रहे थे िक
गये तो हमारे साथ वाले ही रा े म रोक लगे और तोड़-फोड़ भी कर सकते ह। हवाई जहाज म यह हम लोगों क भी पहली
या ा थी। म जब छोटा था और तब कोई जहाज उड़ता दखाई देता था तो मां से पछू ता था िक यह ऊपर ा उड़ रहा है। मां
कह देती थीं चीलगाड़ी है इसम लोग या ा करते ह। मने कहा मां ये तो ब त छोटा है। मां ने बताया िक अ धक ऊं चाई पर है
इस लए छोटा दखाई देता है।

आज मझु े लग रहा था िक मेरा चीलगाड़ी (हवाई जहाज ) म मां को बठै ाने का सपना पूरा होगा िक नही।ं पता नही फर कब
मौका मलेगा। हम लोग हड़ताल के कारण शायद एयरपोट नहीं प ंच पायगे और ाइट छू ट जायेगी। म रोड के िकनारे कु छ
परेशान सा खड़ा था फर देखा िक एक सरदार जी आटो लके र पास आ गये। मने उनको अपनी सम ा बताई। सरदार जी वोले
म ं न! म आप लोगों को एयरपोट छोड़ दूंगा। हम सभी लोग सरदार जी के साथ चल दए। रा े म कु छ आटो वालो ने पछू ा
भी तो सरदार जी ने बता दया िक य.ू पी. म मेरा दो है उसके र ेदार ह। इस तरह हम एयरपोट प ँच गय।े हमने सरदार जी
से िकराया पछू ा तो जो िकराया होता था उ ोने उतना िकराया ही लया। मने अ धक देना चाहा पर ु उ ोनं े मना कर दया।

म बार-बार ई र को ध वाद कर रहा था और यही सोच रहा था िक आज न जाने िकस प म िकसने सहायता क ?

18

मरे ा ारा भारत देश टू न संह

अ धकारी
अचं ल कायालय लखनऊ

जीवन के णम सबु ह का, हम ागत करने आए ह ;
च ड़यों का कलरव, भौरों का गनु गुन गीत सुहाना लाए ह।
हम मानव जीवन म मानवता का मीठा सं देश सुनाने आए ह ;

हम अधीर ए उस वाणी से, जो देश ोह कहलाता है।
जस देश का पानी कल-कल कर, सुन दशन देश सुनाता ह;ै

जस देश क म ी सजन कर, नया एहसास दलाती है।
भखू ों को खाना, ासों को अमृत सा जल पलाती है ;
तब देश िहत मानवता को एक एहसास दलाता है।
जब देश का युवा, जर-जर म सं घष का ताल बजाता है ;
तब मानवता का अथ धारा पर, मधरु बयार बहाता है।

19

शमला टॉय टने : या ा वृ ा मु दत के सरवानी

ल पक
कचहरी शाखा, कानपुर

या ा का जीवन म एक वशेष ान है। अपने आपको ू त एवं नई ऊजा से भरने और व भ सं ृ तयों का ान ा
करने के लए मनु को समय-समय पर या ा अव करना चािहए। ऐसे ही अपनी एक छोटी सी या ा का वणन कर रहा
ं।
दसं बर 2019 क बात है, मन आ िक कही बफ़बारी( ोफॉल) का मजा लया जाए। जहे न म एक नाम आया िक चलो
शमला चला जाए और टॉय टने का मजा भी लया जाए। मने इसके बारे म अपनी प ी से बात क तो उनक सहम त भी
ा हो गई।
बटे ी का पहला ज दन 31 जनवरी 2020 को था तो नधा रत आ क फरवरी के थम स ाह म चला जाए और दनाकं
नधा रत ई 2 फरवरी।
जाने के लए टकट पहले ही बकु कर लए और आ खर वो दन आ ही गया जसका बसे ी से इंतजार था। म मरे ी प ी और

ारी बेटी अपने सामान के साथ पूरी तरह तयै ार थे ।
हमारी द ी क टने रा म कानपुर से थी और हम सुबह नई द ी ेशन पर उतर गए वहां बुआ जी के घर दो दन के
और इं डया गेट, चादं नी चौक और लाल िकले का दीदार िकया ।
6 तारीख क सबु ह हम नई द ी से कालका प ंचे और 7 फरवरी को दोपहर 12 बजे टॉय टने का आनंद लेने कालका रेलवे

ेशन म प ंच।े वहां छोटी सी टेन देखकर म फु त हो गया और हमने अपना-अपना ान हण िकया। पूरा रा ा
रोमाचं से भरा था, कही पवत, न दया,ं गुफाएं तो कहीं खबू सरू त वा दयां मन मोह रही थी। टॉय टने म परू ा दन बीत गया
और हम शाम को 5 बजे शमला क धरती पर उतर चकु े थे। मौसम ब त ठंडा था। हम टै ी करके अपने होटल प ंचे
और आराम िकया। अगले दन सुबह हम तैयार होकर ना ा करने को नकले और होटल के सामने ऑलू के गरमा-गरम
पराठों का आनंद लया और जैसे ही रे ोरट से बाहर नकले बाहर का नजारा अचं भत कर देने वाला था। बाहर ह
बफ़बारी( ोफॉल) हो रही थी हमने बफ का भरपरू आनंद लया और फर कु फरी के लए चल पड़े। वहां घुड़सवारी का आनंद
लया और वापस होटल आ गए। अगली सबु ह हम सबसे ऊं ची पहाड़ी पर त हनुमान जी के मं दर, जाखू टपल गए, वहाँ
दशन िकया और कु छ देर बठै कर ाकृ तक सौदं य का आनंद लया। फर बस के ारा वापस कालका आ गए।
कालका म हम लोगों ने ननै ा देवी, बालाजी और कालका माता के दशन िकए। अगली सुबह हम चं डीगढ़ प ंचे वहां हमने
रॉकगाडन और सगु ना लेक का दीदार िकया और शाम को 5 बजे चं डीगढ़ ेशन से अपनी टने को पकड़ कर या ा को
व ाम दया। इस तरह हमने 8 दन क या ा पूरी करणे के बाद 11 फरवरी को घर प ंचे ।
ये या ा अ या ाओं क तलु ना म ब त यादगार थी ंिू क हमने पहली बार ोफॉल का दीदार िकया था।

20

समय से समझ लँ ूगा तभा राजपतू

बक
पनक शाखा कानपरु

दन बीतता गया, शाम भी आ गयी,
रात क गोद म, सुबह नयी छा गयी।
म उठ गया इस आस म, िक आज तो मलँ गू ा,
अपने हर सवाल को, समय से समझ लँ ूगा।
कलम को पकड़ लया, सपनों को जकड़ लया,
इस डर से िक कु छ छू टे ना, हर ािहश को लख लया।
म सोचता रहा तु , िक जवाब मेरा तमु ही हो,
पर अपने हर जवाब को, समय से समझ लँ ूगा।
चपु चाप हो गया समय, मझु े नीदं भी आ गयी,
सवालों क लड़ी न क , पर समय गज़ु रता गया।
समय का साथ न सही, पर मल तो लया ँ कही,ं
इस पर भी कु छ रह गया, तो समय से समझ लं ूगा ।

21

अचं ल क ग त व धयां

वपणन अ धका रयों का स ेलन

के नरा बक अचं ल कायालय लखनऊ म िदनाकं 8.7.2022 को वपणन अ धका रयों के स ले न का आयोजन आ। काय म
क अ ता ी आलोक कु मार अ वाल, अचं ल मुख ारा क गई। इस अवसर पर ी अजीत कु मार म ा, उप महा बं धक
उप त रहे। ी आलोक कु मार अ वाल, जी ने अपने स ोधन म कहा िक बचत बक खाता, कारोबार का मूल है।

22

अचं ल क ग त व धयां

कृ ष व ारक अ धका रयों का स ले न

के नरा बक अचं ल कायालय लखनऊ म िदनाकं 01.08.2022 को कृ ष व ारक अ धका रयों के स ले न और समी ा बठै क
का आयोजन आ। काय म क अ ता ी आलोक कु मार अ वाल, अंचल मुख ारा क गई। इस अवसर पर उप
महा बं धक य ी लोक नाथ और ी अजीत कु मार म उप त रहे। ी आलोक कु मार अ वाल, जी ने अपने स ोधन म
कहा िक कृ ष, रा ीय समृ का मह पूण और मूल कारक है।

23

अचं ल क ग त व धयां

िह ी प रचचा काय म का आयोजन

के नरा बक अचं ल कायालय लखनऊ म िदनाकं 02.09.2022 को िह ी म प रचचा काय म का आयोजन आ। प रचचा का
वषय घाटे म रहने वाली शाखाओं को लाभ द बनाने क रणनी तयाँ था। काय म क अ ता ी आलोक कु मार
अ वाल, अंचल मखु ारा क गई। इस अवसर पर उप महा बं धक य ी लोक नाथ और ी अजीत कु मार म उप त
रहे। साथ ही अंचल कायालय लखनऊ के सभी अनुभाग मखु भी उप त रहे।

24

अचं ल क ग त व धयां

सतंबर माह: िह ी माह 2022 का शभु ारंभ

के नरा बक अचं ल कायालय लखनऊ म िदनाकं 01.09.2022 को सतंबर माह : िह ी माह 2022 का शुभारंभ आ। िह ी
माह का शभु ारंभ ी आलोक कु मार अ वाल, अचं ल मखु ारा क गई। इस अवसर पर उप महा बं धक य ी लोक नाथ
और ी अजीत कु मार म उप त रहे। साथ ही अचं ल कायालय लखनऊ के सभी अनभु ाग मुख भी उप त रहे।

25

अचं ल क ग त व धयां

सतंबर माह: िह ी दवस समारोह

के नरा बक अंचल कायालय लखनऊ म िह ी के ल त त और ां तकारी क व रामधारी सहं ‘िदनकर’ के ज जयं ती के
शुभअवसर पर िदनाकं 23.09.2022 को िह ी दवस के मु समारोह का भ िकया गया। समारोह क अ ता ी
आलोक कु मार अ वाल, अंचल मखु ारा क गई। इस अवसर पर उप महा बं धक य ी लोक नाथ और ी अजीत कु मार
म उप त रहे। साथ ही अचं ल कायालय लखनऊ के सभी अनुभाग मुख भी उप त रह।े

26 शुभम दीप

नशे को ‘ना’ अ धकारी
अचं ल कायालय लखनऊ
है गरल जो पी सका, वो सफ नीलकं ठ है।
तू जो पी रहा ह,ै वो तो तरे ा ही अतं है।।
बच रहा तू स से, वहम तुझे पसं द है।
गर रहा शन:ै शन:ै , जो तन तरे ा घमंड है।।
शौक से तू कश लगा, ये कश तुझे जलाएगा।
हो रहा धआु -ं धआु ,ं धआु ं ये मार जाएगा।।
बछ बसात खले क , तू खले ता ही जाएगा ।
बड़े बड़े ए फना, तू हार के ही आयगे ा। ।।
जो ल है नशे म, खदु से ा कभी वो सोता है?
टूटे प रवार, छू टे सं ग, धन भी खोता है।।
जीवन के अतं तक शरीर साथ होता ह।ै
फंू क दी जवानी जसन,े बाद म वो रोता है।

27

सुर त जमा लॉकर बिकं ग वषय

पर वशषे ु त
अचं ल कायालय लखनऊ

शाखाएँ /कायालय कृ पया नोट कर िक यह डे काड मा उदाहरण ह। परू ी जानकारी के लए समय समय पर जारी /
अ तन, सव म आचरण सं िहता-अनदु ेश पु का, नी तगत द ावेज़, प रप / ापन का सं दभ ल।
प रचय
ाहकों को िकराये पर सफे जमा लॉकर उपल कराना
पा ता

(एकल िकरायदे ार), दो या दो से अ धक िकरायदे ार (सं यु िकरायदे ार), फम, कं पनी, एसो सयेशन अथवा ब, ट ,
ट ी, नर र अथवा सा र के साथ सं यु प स,े बा धत , अ नवासी अ अ नवासी/ नवासी के साथ
नैस गक अ भभावक ारा या नसै गक अ भभावक के साथ नाबा लग सं यु प से ।
लॉकरों का आवंटन

 लॉकरों के आवं टन के लए ाहक ती ा सचू ी बनाई जानी चािहए।
 लॉकर आवंटन के लए ा सभी आवेदनों को पावती देनी चािहए और ती ा सं ा िदया जाना चािहए ।
 के वाईसी मानदंडों का समु चत पालन िकया जाना चािहए। ाहकों का न , म म, उ जो खम वग करण करते ए

उसे मा र शीट म नोट िकया जाना चािहए।
 सं चा लत खाते का सं चालन सं तोषजनक होना चािहए।
 लॉकर करार (ए ीमट) का न ादन उ चत कार से िकया जाना चािहए।
लॉकर िकराया
शाखाओ को, सं ब त अचं ल कायालय ारा समय समय पर नधा रत / अनुमोदन के अनसु ार, िकराया के वल सेफ पकै े ज के
मा म से वसूल करना है।
 लॉकर का िकराया, लॉकर के साइज और लॉकर क मागं के अनसु ार नधा रत िकया जाएगा।
 नू तम एक साल क अव ध का लॉकर िकराया वसलू िकया जाना ह।ै
 यिद लॉकर का िकरायेदार, िकराया भगु तान करने म चूक करता है, तो िकरायदे ार को लॉकर बकाया चकु ाने तक, लॉकर

का प रचालन नहीं करने िदया जाएगा।
लॉकर िकराये क देय दनाकं

 सफे िडपॉ जट लॉकर के िकराये को तवष 1 अ लै को वसलू िकया जाना है ।
 लॉकर िकराये क वसूली अ नवाय प से सफे िडपॉ जट लॉकर पकै े ज(SAFE) म, ेट ू ोसे सगं (एसटीपी) के

मा म से िकया जाना ह।ै
 आगामी वष के लॉकर िकराए को, अ म प से वा षक आधार पर वसूल िकया जाना चािहए।
 अगर लॉकर, माह के पहली से 15 तारीख के भीतर िकराए पर लया जाता है, तो जस महीने सफे िडपॉ जट लॉकर

िकराए पर लया जाता ह,ै उस महीने के बाक िह े को परू े महीने के प म गना जाएगा, यिद लॉकर महीने क 16
तारीख को या उसके बाद िकराए पर लया जाता है तो उसे नज़रअदं ाज िकया जा सकता है।
 यिद वलंब होता है तो वा वक िकराये के अ त र दंडा क भार वसूल िकए जाएं ग।े

28

लॉकर िकराये पर देने क ि या

लॉकर का सं चालन
 लॉकर के िकरायदे ार का ह ा र र ज र(एलएल.037) म ा िकया जाएगा।
 सेफ पकै े ज म, लॉकर िकरायेदार ारा लॉकर ए से करने के लए बायोमेिटक लॉ गन क सु वधा भी उपल है।
 लॉकर का िकराया बकाया होने पर, िकसी भी प रचालन क अनुम त नही दी जाएगी।
 लॉकर िकरायदे ार अपने एजट को एनएफ़114 म अलग से आदेश(मडेट) देकर अपने लॉकर को सं चा लत करने के
लए अ धकृ त कर सकता है।

बरती जाने वाली सावधानी
 म म जो खम वग के िकराएदारों के मामले म यिद लॉकर का सं चालन लगातार 3 साल तक और उ जो खम वग के
िकराएदारों के मामले म यिद लॉकर का संचालन 1 साल तक नहीं होता ह,ै तो शाखाओं को लॉकर िकरायेदार से सं पक
करना चािहए और उ लॉकर का संचालन करने अथवा सरडर करने के लए सू चत करना चािहए। यह अ ास तब
भी िकया जाए, जबिक िकरायदे ार समय पर िकराया चुका रहा हो।
 इस यास म, करार ा प एनएफ 285 म एक खं ड ह,ै जसम कहा गया ह,ै "यिद लॉकर एक वष से अ धक समय तक
सं चा लत नहीं होता है,तो बक को लॉकर के आवंटन को र करने और लॉकर को खोलने का अ धकार होगा, उस
त म भी जबिक िकराए का भुगतान नय मत प से िकया गया हो।
 इस लए, के वाईसी मानदंडों के अनुसार ाहक सं ब त उ चत सावधानी बरतनी चािहए।

29

चाबी का गुम होना
 जस तमाही म लॉकर तोड़ा जाएगा, उस तमाही तक का देय िकराया लया जाएगा ।
 लॉकर तोड़ने / मर त/ चाबी बदलने सं बंधी भार वसूला जाएगा ।
 . 200/- का भार (लॉकर तोड़ने के भार के अ त र ) जो समय-समय पर सं शोधन/प रवतन के अधीन ह।ै
 कोई अ रखरखाव भार।

प रचालन समय
 कारोबार घं टों के समा होने के एक घं टे बाद तक (म ा भोजन के समय को छोड़कर)।

लॉकर को सरडर करना
 सरडर प ा होते ही, लॉकर िकरायदे ार के ह ा र को स ा पत करना है।
 यह सु न त िकया जाए िक कोई िकराया बाक नहीं है।
 मा र शीट/ लॉकर उप त र ज र / सफे पकै े ज म िकराएदार का ह ा र ा कर और यह सु न त कर िक
वा वक चाबी ा ई ह।ै
 दोहरा ताला र ज र-एनबी 27 म नोट करते ए, चाबी को दोहरे ताले म सरु त रखा जाना ह।ै
 सं बं धत ांप करार को फाइल से हटाना चािहए, और उस पर ोज़र नोट करते ए उसे सफे िडपॉ जट लॉकर फाइल म
दज करना चािहए।

नामाकं न
 एकल या सं यु प से गत मता म रखे गए लॉकरों के लए उपल है।
 सं यु नाम वाले लॉकरों के सं बंध म, नामाकं न नयम तभी लागू होते ह जब लॉकर सं यु प से सं चा लत हो।ं
 एक नॉ मनी दूसरे नॉ मनी को नयु नहीं कर सकता।
 नर र लॉकर िकराएदारों के मामले म, दो यों को नामाकं न का गवाह बनाना चािहए।
 नामांकन भाग को सं शो धत करार एनएफ 285 म ही शा मल िकया गया ह।ै
 नामाकं न क ीकृ त को एक अ धकारी ारा अ धकृ त िकया जाना है।

िकरायदे ार ारा लॉकर िकराये म चूक का अनवु तन
 िकराया समयाव ध समा से 15 िदन पहले, लॉकर के िकरायदे ार को एनएफ़ 243 म नोिटस भजे ा जाना चािहए, जसम
िकराएदार से लॉकर को सरडर करने या समा त थ पर करार(ए ीमट) को नवीकृ त करने का अनुरोध िकया जाना
चािहए।
 यिद उपरो नोिटस के बाद भी िकरायदे ार शाखा म सं पक नहीं करता है तो, पं जीकृ त डाक पावती के मा म से लॉकर
को 15 िदन म सरडर करने अथवा तोड़ने का नोिटस िदया जाना चािहए।
 यिद कोई ति या नहीं होती ह,ै तो बक े ीय कायालय मखु से अनमु त ा करने के बाद लॉकर को तोड़ सकता है।

लॉकर तोड़ने के बाद
यिद कोई साम ी ा नहीं होती है तो

 लॉकर तोड़ने सं बं धी भार के आमेलन(absorption) के लए शाखाएं, अचं ल कायालय से अनमु त ा कर सकती
ह।

30

यिद कोई साम ी ा होती है तो
 साम ी क सूची दो तयों म बक के दो अ धका रयो,ं लॉकर नमाता मैके नक और जौहरी क उप त म उनके ह ा र
के साथ तयै ार क जानी चािहए।
 दोहरा ताला र ज र म व करते ए मूल त को दोहरे ताले म सरु त रखना चािहए और ववरणों को मा र शीट-
सह – लॉकर उप त र ज र / सफे पैके ज म दज िकया जाना चािहए।
 बक के बकाए क वसलू ी के लए लॉकर क साम ी के नपटान के लए अचं ल कायालय के प रसर और सं पदा अनुभाग से
अनमु त ा क जानी चािहए।

दावों का नपटान
 रा श पर ान िदए बना सभी दावों को संबं धत अंचल कायालय के वसूली और व ध अनुभाग को भजे ा जाना चािहए।
 दावों (नामाकं न के अलावा) का नपटान करने के लए अचं ल के उप महा ब क को श यां ा ह।
 मृत जमाकताओं के दावों के नपटान और सरु त जमा लॉकरो/ं सुर त अ भर ा म रखी गई व ओु ं क वापसी सं बं धी
प रचालन ि या के लए, "मृ ु दावों के नपटान और नामांकन " पर अनदु ेश पु का का सं दभ हण कर।

सं बंध – प ादाता(बक) और प ा ाही( ाहक)
सि य खातों को बं द करना
ाहक के सि य खातों को बं द करने क अनमु त देते समय, ा लॉकर सु वधा क समी ा क जानी है और लॉकर सु वधा को
जारी रखने पर उपयु नणय लया जाना है।
साधारण दशा नदश

 आबं टन म िकसी कार के प रवतन को लॉकर र ज र को लगातार अ तन िकया जाएगा।
 ाहकों के गत डेटा, उनके बायोमिे टक डेटा सिहत को, उनक सहम त के बना तीसरे प के साथ साझा नहीं िकए

जा सकता है।
 शाखाएं यह सु न त कर िक लॉकर तोड़ने सं बं धी िदशा- नदशों का पूरी तरह से पालन िकया जाए ।
 यह सु न त करने के लए उ चत स ापन ि या अपनाई जानी चािहए िक कोई भी अना धकृ त प लॉकर तक प ंच न

बना सके ।
 नकदी और लॉकर दोनों के लए एक ही ांग म वाली शाखाओं को सलाह दी जाती है िक वे लॉकर े से नकदी े

को अलग करने के लए ल गटे के साथ एक वभाजन दीवार खड़ी कर।
 लॉकर के आवंटन के समय सं बं धत नयमों और शत वाले लॉकर िकराया करार( ए ीमट) क एक त ाहक को दी

जाएगी तािक उ उनके अ धकारों और ज दे ा रयों से अवगत कराया जा सके ।
मलान करना

 खाली लॉकरों का मलान छह महीने म एक बार यानी माच और सतंबर के आ खरी िदन िकया जाना चािहए।
 मलान /गैर समतुलन म अतं र को पीआरआर(PRR18) चके िकए गए खातों के माणप (आतं रक नयं ण सं बं धी

नयं ण) म सू चत िकया जाना चािहए।
समी ा एवं ववरणी

 पीआरआर-22-सरु त जमा लॉकरों क त का ववरण माच और सतंबर के अं तम िदन क त के अनसु ार तैयार
िकया जाना चािहए और सं बं धत अंचल कायालय के प रसर अनभु ाग को भेजा जाना चािहए।

31 रंगीन छाया च

ी गोपी रमण
वर ब क
अ यन एवं वकास क

‘मु ान और उ ीद उ क परवाह नहीं करते’

गीता वी हैकरवाल
ल पक

खदु रा आ क , लखनऊ

सरै कर दु नया क गा फल, ज़दं गानी फर कहा!ँ !

32

कहीं प जसै ा ही सं दु र होता रा ल गु ा
आचरण तु ारा
अ धकारी
खदु रा आ क , कानपरु

हीरा जब तक रहे खाऩ म कोई मोल नहीं होता है,
कला न जब तक उसे तराशे वह अनमोल नहीं होता है।

नागम ण खदु चलकर आती कोिहनूर करता अ भनंदन,
शहदीले अधरों सा होता य द भाषा ाकरण तु ारा।।

सौ य तु ारा परी ा के ण कभी काम नही आता,
िक ु कौशल तु ारा बगड़ा आ काम भी बना जाता।

मं ज़ल खदु चलकर आती सफलता भी करती अ भन न,
इस सु र यौवन सा होता य द बु सं रण तु ारा।।

प थाम कर बाह उमर भर साथ तु ारे नही जाता,
लेिकन स ों का चचा साथ-साथ मरघट तक जाता।

सरू ज शीष नवाता च मा भी करता अ भन न,
उजले तन सा होता य द अ ःकरण तु ारा।।

33

ंिू क माँ जसै ा कोई नहीं यंका अ वाल

वर ब क
े ीय कायालय, कानपरु I

ंिू क माँ जसै ा कोई नही,ं तरे ा कोई मोल नहीं
वो ल े जब याद आते है ,
तो आखं े नम हो जाती है,

िू क माँ जसै ा कोई नही,ं तेरा कोई मोल नहीं
लखना मझु े आता नहीं पर,
तेरी याद म दो श ही सही!

ंिू क माँ जसै ा कोई नही,ं तरे ा कोई मोल नही।ं

वो सबु ह ही नराली होती थी ,
जब हाथ म चाय तेरी हाथ क होती थी
वो भखू म भी अपना ही मजा होता था,

जब खाना तरे े हाथ का होता था
वो डांट पड़ने पर भी डर नहीं लगता था ,

िू क बचाने के लए तेरा हाथ होता था
आज वो सब याद आता है --
ंूिक माँ जसै ा कोई नही,ं तेरा कोई मोल नही।ं

आज भी कान तरसते है ,
तेरे ार से शु च बलु ाने को,
आज भी आखं े तरसती है तेरी एक झलक पाने को,
आज भी मन तरसता है तरे े से गले लगने को,
ब त कु छ है बयान करने को।

पर ा क मा-ँ
तरे े लए दो श काफ नहीं ,

ंिू क तरे े जसै ा कोई नहीं ,
तेरा कोई मोल नही।ं

34

अपनी रचना म लेखक अपना घर बसाता है। जसका कोई घर नहीं रहा,
उसके लए रचना ही वह ान है जहां वह जी सके - अतं तोग ा वह
अपनी रचनाओं म भी नहीं रह पाता।
चंतन के एक वषय के प म नवासन जतना आकषक लगता है
अनभु व के र पर यह उतना ही भयावह है।
नवासन नाम है उस टूटन का, जो िकसी मनु और उसक ज भू म,
उसके अपने और के वा वक आ य के बीच घ टत होता है।
यह एक ऐसा घाव होता है, जो कभी भी भर नहीं पाता, इसके अतं रतम
म छपी ई व ा से पार पाना असं भव होता है। यह बात सच है िक
सािह और इ तहास म कई ऐसी कहा नयाँ दज ह, जनम नवा सत

के साह सक, िकं चत रोमां टक, गौरवपूण, यहाँ तक िक
वजयो ास से भरे कारनामों का उ ेख है, लेिकन ये सारी कहा नयाँ
बछोह क मारक पीड़ा पर वजय ा करने के यासों के अ त र
और कु छ भी नहीं ह। नवा सत क सारी उपल यां उस चीज
क भरपाई नहीं कर सकती, जसे उसने हमशे ा के लए गवां दया है।

-एडवड सईद
चतं न वचारक

35

े ीय कायालयों म िह ी दवस समारोह

े ीय कायालय वाराणसी I

े ीय कायालय गोरखपुर I

36

े ीय कायालयों म िह ी दवस समारोह

े ीय कायालय वाराणसी II

े ीय कायालय बरेली

37

े ीय कायालयों म िह ी दवस समारोह

े ीय कायालय मुरादाबाद

े ीय कायालय कानपरु I

38

े ीय कायालयों म िह ी दवस समारोह

े ीय कायालय कानपुर II


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