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Published by rajat choudhary, 2019-07-19 06:13:44

UPSC APRIL MAGAZINE HINDI

UPSC APRIL MAGAZINE HINDI

U'PSC �2019

www.upsc1q.com

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CSE 2018
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A - STUDY IQ Initiative

upsciq.com अप्रैल 2019

सूची

टॉपस� से वाता� 1 14) सूडान पॉिलिटकल क्राइिसस 71
3 15) ट� � संयु� रा�� की संिध से पीछे हट गया 72
कला और सं�ृ ित 16) भारत ने ईरान से तेल खरीदना बंद कर िदया 73
1) नोट�े डेम फायर यूने�ो िव� िवरासत स्थल 17) जूिलयन असांजे को िगर�ार िकया गया 74
18) संयु� रा�� को भारत को 38 िमिलयन डॉलर का 75
राज�वस्था भुगतान करना है
1) VVPAT स�ापन 5
2) राफे ल सौदा द�ावेज िववाद 7 अथ��वस्था 76
3 )चुनावी बांड िववाद 9 1) भारत म� िवदे शी िनवेश 78
4)आम चुनाव 2019 11 2) भारत की 20 वीं पशुधन जनगणना 80
5) इले�ोरल बॉ�्स के बारे म� 13 3) एिशयाई िवकास आउटलुक 2019 81
6) िव� आयोग को स्थायी �स्थित 15 4) NITI Aayog & USAID �ारा इं िडया एनज�
7) पीएम मोदी के िमशन श�� भाषण और 16 मॉडिलंग फ़ोरम 82
आदश� आचार संिहता 5) नेशनल कॉमन मोिबिलटी काड� लॉ� िकया 84
8) �ा SC जजों को RTI के दायरे म� होना चािहए? 18 6) भारतीय सेना ने लेह म� भारत के सबसे लंबे पुल
9) सा�ी प्र�ा ठाकु र का नवीनतम िववाद 20 का िनमा�ण िकया 85
10) दागी उ�ीदवारों पर सुप्रीम कोट� का फै सला 22 7) �ोबल क्ूरड ऑयल की कीमतों म� तेजी और
�पया कमजोर 87
शासन और सामािजक �ाय 24 8) िनि�त प�रप�ता योजना �ा है? 89
9) मंदी के बाद चीन के िवकास 91
1) सव� 2019 की मह�ाकां�ाओं से परे िवकास 26 10) रा�� ीय रबर नीित 2019 93
�रपोट� UNESCAP �ारा 27 11) पे��को बनाम िकसान मु�ा 94
2) पुिलस म� मिहलाओं के िलए मॉडल नीित 29 12) स�से� 7 महीने की ऊं चाई पर 96
3) क� िडडा औ�रस: दवा प्रितरोधी कवक 13) अडॉलरीकरण �ा है? 98
4) जीवन प्र�ाशा पर िव� �ा� सां��की 31 14) जंक बॉ�्स �ा ह�? 100
अवलोकन 2019 की �रपोट� 33 15) सुप्रीम कोट� ने NPA पर RBI के 12 फरवरी के सक�ु लर
5) िसिवल सिव�सेज म� लेटरल एं ट� ी के बारे म� बताया को खा�रज कर िदया 102
6) भारत के िलए हे�के यर िस�म, यूएसए और 35 16) जीडीपी िडफा�र �ा है? �ा WPI और CPI की
यूरोपीय हे�के यर मॉडल म� अंतर? तुलना म� यह अिधक �ापक है? 103
7) िबलिकस बानो मामले पर सुप्रीम कोट� का 37 17) पारं प�रक स्रोतों से अ�य ऊजा� के िलए भारत
मुआवजा आदे श 39 का प�रवत�न 105
8) एनआईआरएफ इं िडया र� िकं ग 2019 घोिषत 18) भारत म� िनजी एयरलाइं स का उदय और पतन 107
9) शादी का झूठा वादा करके िकया गया यौन- 40 19) औ�ोिगक िवकास और बढ़ती मुद्रा�ीित म� मंदी 109
संबंध बला�ार है 20) पहली �ै मािसक मौिद्रक नीित समी�ा 111
10) 5 वष� से कम उम्र के ब�ों के िलए शारी�रक 42 21) एिशयाई चाय गठबंधन 113
गितिविध पर WHO के िदशािनद� श 44 22) सुप्रीम कोट� ने आरटीआई पर आरबीआई को
11) �ोबल टैल�ट कॉ��िटिटव इं डे� 2019 45 िदया आदे श 115
12) क� िडडा ऐ�रयोर संक्रमण 46 23) ट�ेडर क्ेरिडट काड� योजना �ा है? 117
13) गुणव�ा आ�ासन योजना 24) थोक मू� सूचकांक �ा है?
48
14) भारत के मु� �ायाधीश ने यौन उ�ीड़न के र�ा और सुर�ा 119
121
आरोपों का सामना िकया 1) ज�ू और क�ीर सरकार ने राजमाग� पर अव�� लगाया
2) गहराई से िव�ेषण म� AFSPA, सेिडशन और
15) िव� प्रेस �तंत्रता सूचकांक 2019 मानहािन कानून

अ�रा�� ीय संबंध 49 आपदा प्रबंधन 123
50 124
1) अ�ी�रया राजनीितक संकट 51 1) कै िबनेट ने बाढ़ प्रबंधन और सीमा �ेत्र काय�क्रम
2) जापान ने एक नया युग शु� िकया को मंजूरी दी
3) अमे�रका ने ईरान के क्रांितकारी गाड� को एक 52 2) SEEDS �ारा जारी की गई फे स ऑफ िडजा�स�
आतंकी संगठन करार िदया 53 2019 �रपोट�
4) भारत के िलए �ों मह�पूण� है िचली? 55
5) अमे�रकी मे��को सीमा दीवार िववाद 57 िव�ान और प्रौ�ोिगकी
6) भारत पािक�ान करतारपुर कॉ�रडोर वाता�
7) ट� � ने ईरान के इ�ािमक �रवो�ूशनरी 59 1) कॉ�ैट कै जुअ�ी ड� � 125
गाड� कॉ�� को नािमत िकया 61
8) यूएई भारत के िलए �ों मह�पूण� है? 64 2) पृ�ी का भारतीय संग्रहालय (TIME) 127
9) यूरोपीय संघ का नया कॉपीराइट कानून 66
10) अरब ��ंग 2.0 �ा है? 68 3) धनुष आिट�लरी गन 128
11) भारत पािक�ान संघष� डी-ए�े लेशन तंत्र
12) भारत ने पािक�ान के साथ िनयंत्रण रे खा 70 4) EMISAT सैटेलाइट लॉ� िकया गया 129
पार �ापार को िनलंिबत कर िदया
13) नाटो सहयोगी बनने के िलए भारत? 5) पहली बार एक काले छे द की छिव 130

6) भारत खरीदे गा MH60 रोिमयो हेिलकॉ�स� 132

7) तेजी से अपनाने और हाइिब्रड और इले��� क के िविनमा�ण133

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8) सेना ने िमसाइल डील के िलए इमरज�सी 135
पॉवस� का आ�ान िकया
9) INS इं फाल गाइडेड िमसाइल िव�ंसक 136
10) िनभ�य िमसाइल का सफल परी�ण िकया गया 137
11) सेल आधा�रत मांस 138
12) गंगा नदी म� जीवाणु 139
13) नेपाल और श्रीलंका ने अपना पहला उपग्रह 140
रावण 1 और नेपालीसैट -1 लॉ� िकया

पया�वरण 141
1) अमे�रकी सव�� �ायालय म� गुजरात के
मछु आरों की जीत 143
2) मद्रास उ� �ायालय ने चे�ई सलेम हाईवे
पर िदया आदे श 145
3) ग्रीन फाइन�स इकोिस�म �ा है? 148
4) आइस �ू पस पर िवशेष डाक िटकट जारी 149
5) भारत कू िलंग ए�न �ान 150
6) गंभीर खतरे के तहत नीलकु �रनजी फू ल 151
7) IUCN �ारा गंभीर �प से लु�प्राय सूची म�
शािमल ह�बैक महासेर मछली 152
8) बंदर िहमाचल प्रदे श म� िहंसक जानवर घोिषत 154
9) व� खा� पौधों के बारे म� 156
10) �ेट ऑफ �ोबल �ाइमेट �रपोट� 2018 158
11)पि�मी घाट म� पवन टरबाइन पा�र�स्थितकी
को प्रभािवत कर रहे ह�। 160
12) ड� ा� भारतीय वन अिधिनयम 2019 161
13) ज�ू और क�ीर पया�वरण मु�े 163
14) सोलर ईवे�

भूगोल 164
1) IMD का 2019 मानसून का पूवा�नुमान 166

�रपोट� और संके त
1) संयु� रा�� िव� प्रस�ता �रपोट�-2019

प्रीिल� िबट्स 168
�ाइस ऑफ़ द मंथ 176
मे� प्र� 186
प्रीिल� कै �ूलस 187
प्रीिल� प्र�ों के हल 197

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टॉपस� टॉक

शीष� पाँच लोगों म� स्थान बनाते �ए श्रेयांश कु मत ने अ�खल श्रेयांश: म�ने अपने �िच म� कु छ बदलाव िकए, म�ने �ान करना शु�
भारत �र पर चौथा स्थान हािसल िकया। �डी आई�ू िकया, िजसने मुझे अपनी तैयारी के दौरान ब�त मदद की, म�ने
(StudyIq) के साथ एक िवशेष सा�ा�ार म�, श्रेयांश ने िसिवल कु छ ट�ेिकं ग माग� की भी यात्रा की, जो प्रकृ ित के कु छ करीब आने
सेवा परी�ा के बारे म� बात की। म� सहायता प्रदान करते ह�। मुझे धरती माता के िलए एक अलग
उ�ोनं े अपने पहले ही प्रयास म� प्रिति�त िसिवल सेवा परी�ा प्रकार का आभार महसूस �आ। जब भी मुझे तनाव �आ; म�ने फ्री
उ�ीण� की है। िसिवल सेवा मु� परी�ा म� उनका वैक��क �ाइल (नृ� की एक शैली) म� नृ� िकया िजससे मुझे अपना तनाव
िवषय मानव-शा� था। कम करने म� सहायता िमली।

सा�ा�ारकता�: िसिवल सेवा परी�ा- 2018 म� उ�ीण� सा�ा�ारकता�: आपने िसिवल सेवा के िलए कहाँ से तैयारी की,
होने पर ब�त-ब�त बधाई, हम� अपने बारे म� कु छ बताएं । िद�ी से या घर से?
श्रेयांश: म� राजस्थान के अजमेर िजले के समीप िकशनगढ़ श्रेयांश: म� दोनों स्थानों पर रहा, कभी िद�ी म� और कभी घर पर,
िजले से �ं। म�ने अपनी अिधकांश �ू ली िश�ा िकशनगढ़ म� ऐसा कु छ भी तय नहीं �आ।
की और 10वीं क�ा की पढ़ाई अजमेर के मयूर �ू ल से की।
म�ने भारतीय प्रौ�ोिगकी संस्थान, बॉ�े (IIT-B) से मैके िनकल सा�ा�ारकता�: ऑफ़लाइन कोिचंग �ास और ऑनलाइन
इं जीिनय�रं ग म� बैचलर ऑफ टे�ोलॉजी (बी.टेक) िकया और काय�क्रमों म� से कौन-सा मददगार है, आप िकन स्रोतों पर िनभ�र थे?
वष� 2015 म� संस्थान से �ातक िकया। श्रेयांश: म�ने कु छ समय के िलए कु छ ऑनलाइन और साथ ही
म�ने िसिवल सेवा परी�ा दे ने से पूव� लगभग दो वष� तक संस्थानों के ऑफ़लाइन कोिचंग काय�क्रमों म� नामांकन करवाया था;
अ�� एं ड यंग (ईवाई) म� काय� भी िकया। वष� 2017 के म� त��ात म�ने �-अ�यन िकया। मुझे बेहतर �ृित हेतु मुिद्रत �प
के आसपास, म�ने अपनी यह नौकरी छोड़ दी और पूरे समय म� िकताब� पढ़ना पसंद है, न िक पीडीएफ फॉम�ट म�। अतः,
की तैयारी शु� कर दी। बेिस� को समझने हेतु म�ने ऑफ़लाइन पु�कों को वरीयता दी
और अित�र� तैयारी हेतु ऑनलाइन टे� श्रृंखलाओं म� नामांकन
सा�ा�ारकता�: अ�� एं ड यंग (ई.वाई.) एक ब�त बड़ी करवाया।
संस्था है तथा एक अ�ी आय प्रदान करती है, नौकरी छोड़ने
का िवचार आपके पास कहाँ से आया? सा�ा�ारकता�: �ा आपको िकसी भी �प म� �डी आई�ू के
श्रेयांश: म�ने अपनी नौकरी के िलए 12 से 14 घंटे िदए और वीिडयो उपयोगी थे?
सोचा िक �ों न म� अपना �ादा समय िकसी ऐसी चीज म� श्रेयांश: हां, जब म� िसिवल सेवा परी�ा की तैयारी कर रहा था, तो
लगा दूं जो समाज के िलए ब�त फायदे मंद हो और आई.ए.एस. अपने अ�यन िवराम के दौरान प्रशांत धवन सर के बिन�ग इशू
एक ऐसा कत�� है जो संतुि� प्रदान करता है। वीिडयो दे खता था।
इसिलए म�ने अपनी नौकरी छोड़ दी और अपना पूण�कािलक
अ�यन शु� कर िदया। सा�ा�ारकता�: कृ पया िसिवल सेवा परी�ा के तीन चरण पर अपने
िवचार साझा कर� ; आपने इस परी�ा के िलए कै सी तैयारी की, इसके
सा�ा�ारकता�: परी�ा की तैयारी म� आपने िकतना िलए आपकी �ा रणनीित थी?
समय िलया? श्रेयांश: “सभी तीन �र चुनौतीपूण� थे �ोिं क म� पहली बार ऐसा कर
श्रेयांश: म�ने अपनी नौकरी छोड़ दी और तभी से अपनी रहा था।” एक तरह से मु� परी�ा तथा सा�ा�ार के िलए
पूण�कािलक तैयारी शु� कर दी। ���परक-प्र�पत्र किठन थे। म�ने पहले आई.आई.टी. और कै ट के
दौरान व�ुिन� प्र�पत्र िदए थे। मेरे पास उसका ब�त अ�ा
सा�ा�ारकता�: �ा नौकरी छोड़ना और िफर परी�ा की अनुभव था। लेिकन ���परक-प्र�पत्र के िलए कहीं �ादा
तैयारी करना अ�ा है, �ोिं क आपने अपनी नौकरी छोड़ मेहनत की आव�कता थी। प्रीिल� म�, सामा� अ�यन मु�
दी और िफर तैयारी की। थी, इं जीिनय�रं ग पृ�भूिम से आना सी-सैट के िलए काफी आसान
श्रेयांश: यह पूरी तरह से नौकरी की प्रकृ ित पर िनभ�र करता है; है, इसिलए सामा� अ�यन के प्र�पत्र म� पूरा फोकस आव�क है।
मेरी नौकरी 12-14 घंटे की मांग करती है और यह आई.ए.एस. मेरी गणना म�, मेरा प्रीिल� �ोर 120+ आ रहा था।
की तैयारी के िलए समिप�त घंटे के िलए असमथ� थी।
सा�ा�ारकता�: अब मु� परी�ा पर आते ह�, मु� परी�ा के
सा�ा�ारकता�: एक अित�र� स्रोत से मुझे पता चला िक िलए आपने अपनी रणनीित म� �ा बदलाव िकए?
आप अपने कॉलेज के िदनों म� नृ� समूह का िह�ा थे, तो श्रेयांश: 10वीं और 12वीं क�ा के बाद, मुझे लंबे िनबंध व लेख
�ा आप अपने कॉलेज म� पा�ेतर का िह�ा थे? कई िलखने की आदत नहीं थी और मेरे िलए यह ब�त किठन था।
अ�थ� परी�ा की तैयारी के दौरान अपने �िच को पूरा इसिलए, हम 4-5 दो�ों ने िमलकर िवगत वष� के प्र� खोजे और
करने म� समथ� नहीं है, �ा आप अपने �िच को जारी रखने िफर उन प्र�ों के उ�र िलखने की रणनीित बनाई और िफर हमने
म� समथ� थे? खुद उन उ�रों की जाँच की। म�ने 3 महीने तक रोजाना 5-6 प्र�ों
के उ�र िलखे।

STUDY IQ

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सा�ा�ारकता�: यह आपका पहला प्रयास था, और प्रीिल� नोट्स
और मु� परी�ा के िलए पा�क्रम इतना िव�ृत है। आपने
इसे कै से प्रबंिधत िकया?
श्रेयांश: म� हर िवषय के मूल पहलू को समझता था। मेरी
रणनीित यह सुिनि�त करना था िक सभी िवषयों को इस तरह
से कवर िकया जाए िक म� परी�ा के दौरान संि�� �प से
उ�� पुन: पेश कर सकंू ।

सा�ा�ारकता�: आपका सा�ा�ार कै सा रहा?
श्रेयांश: भोसले सर ने मेरा सा�ा�ार िलया, सा�ा�ार बोड�
ब�त ही सौहाद� पूण� था और मुझसे अबाध-प्रवेश प्र� पूछे गए थे।

सा�ा�ारकता�: आपका वैक��क �ा था?
श्रेयांश: मेरा वैक��क िवषय मानवशा� था, यह जीव िव�ान
और मानिवकी का िमश्रण है। म�ने मानिवकी का चयन िकया
�ोिं क इससे मुझे सामा� अ�यन के प्र�पत्र म� भी
सहायता िमलती।

सा�ा�ारकता�: �ा आपने चौथी र� क की उ�ीद की थी?
श्रेयांश: म�ने कभी भी एकल अंक र� क प्रा� करने के बारे म�
नहीं सोचा था। लेिकन मुझे यह पता था िक मेरा नाम सूची म�
अव� आएगा।

सा�ा�ारकता�: िसिवल सेवा परी�ा की तैयारी म� 1 से 1.5
वष� का व� लगता है, यह बाकी छात्रों के िलए ब�त
चुनौतीपूण� है �ा आप बता सकते ह� िक इसे आपने कै से िकया?
श्रेयांश: अपने आप पर भरोसा रख� और पूरी प्रिक्रया के दौरान
सकारा�कता रह�। आपको पूरे समय अ�े से तैयारी करनी
होगी। इसके िलए िनयिमत �प से ब�त अिधक प्रेरणा एवं
अिभपुि� की आव�कता है।

सा�ा�ारकता�: �ा आपके पास कोई बैकअप योजना है?
श्रेयांश: यिद िसिवल सेवा नहीं होती तो म� सरकारी परामश� से
संबंिधत अिभमुखता म� शािमल होता। मुझे लगता है िक लोगों
को अपने संबंिधत कौशल का उपयोग करना चािहए और
यिद वे समाज म� योगदान करना चाहते ह�, तो वे संबंिधत �प
से कर सकते ह�।

ध�वाद।

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कला और सं�ृ ित

(वीिडयो दे खने के िलए उपरो� छिव पर ��क कर� ) नोट�े-डेम का िनमा�ण कब �आ?

प्रासंिगकता इस मु� िगरजाघर को एक छोटे से �ीप पर बनाया गया
था िजसे सीन के म� �ीप यथा इले डे ला सीटे कहा जाता है।
GS1 || कला और सं�ृ ित || �� कला || आिक� टे �र
राजा लुई VII के शासनकाल के दौरान इसका िनमा�ण
शीष�क काय� वष�1163 म� शु� �आ और वष� 1345 म� पूरा �आ।

यूने�ो के िव� धरोहर स्थल नोट�े-डेम कथीड� ल म� आगt इसे म�कालीन गािथक वा�ुकला के आभूषण के �प
म� विण�त िकया जाता है।
सुिख़�यों म� �ों ?
यह पे�रस का ऐितहािसक स्थल �ों है?
● पे�रस की युगांतरकारी तथा फ्रांस व िव� को आ�य�चिकत
करने वाली घटना जहाँ नोट�े-डेम कथीड� ल म� आग लग गई यह नोट�े-डेम था जहाँ नेपोिलयन बोनापाट� ने खुद को फ्रांस
िजसके प�रणाम��प यह ऐितहािसक स्थल पूरी तरह से के सम्राट का ताज पहनाया।
�ितग्र� हो गया, परं तु अि�शामकों ने प�र की संरचना तथा
इसके दो मु� घंटा घरों को िगरने से बचा िलया। इसके िवशाल ऊँ चे �र वाले घंटे ने 24 अग�, 1944 को
नाजी शासन से शहर को मु� करने की घोषणा की िजसके
नोट�े-डेम कथीड� ल �ा है? साथ ही ि�तीय िव� यु� म� जम�न शासन के अंतग�त काले
वष� को समा� कर िदया।
यह एक फ्रांसीसी गािथक मु� िगरजाघर है िजसका
िनमा�ण 12वीं शता�ी के अंत म� शु� �आ था - आमतौर छ�ीस वष� बाद यहां चा�� डी गॉल के अंितम सं�ार
पर इसकी ितिथ 1163 िनधा��रत की गई और इसका िनमा�ण का सभा आयोिजत �आ, जो उस नेता के िलए एक दुल�भ
काय� दो शता��यों से लेकर 1345 तक चला। िनमा�ण के स�ान था िजसने यु� के दौरान फ्रांस के प्रितरोध म� वृ�� की।
बाद से इस प्रिति�त मु� िगरजाघर को पे�रस के इितहास
म� समािहत िकया गया है। फ्रांसीसी कै थोिलकों (ईसाई स�दाय) के िलए यह िवशेष
स्थल है �ोिं क ऐसा माना जाता है िक यह िगरजाघर यीशु के
यह सीन नदी के एक �ीप इले डे ला सीटे पर अव�स्थत है क्ूरस पर चढ़ने से पूव� उनके िसर पर रखे गए कांटों के मुकु ट
और पे�रस के मु� क� द्र के �प िचि�त िकया जाता है। का िवश्राम स्थल था।

यह एक यूने�ो िव� धरोहर है जो प्रित वष� लाखों पय�टकों चच� (िगरजाघर) और कथीड� ल
के बीच आकष�ण का क� द्र है। (मु� िगरजाघर) म� �ा अंतर है?

ईसाईयों के प्राथ�ना स्थल की प्रमुख चार श्रेिणयां ह�: चैपल
(छोटा िगरजाघर), चच� (िगरजाघर), बैिसिलका (िवशेष-
अिधकार यु� िग�रजाघर) और कै थेड� ल (मु� िगरजाघर)।

मु� िगरजाघर एक िगरजाघर के अपे�ाकृ त प्राथ�ना का
एक बड़ा स्थल है और इसे एक बड़े पादरी �ारा संचािलत
िकया जाता है।

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अित�र� संदभ� (वीिडयो देखने के िलए QR कोड को �ै न कर� )
https://youtu.be/WPDthi27V40

नोट्स

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राज�वस्था

(वीिडयो दे खने के िलए उपरो� छिव पर ��क कर� ) 11 अप्रैल, 2019 से शु� होने वाले लोकसभा चुनावों म�
सुप्रीम कोट� के आदेश को लागू िकया जाएगा।
प्रासंिगकता
सुप्रीम कोट� का यह फै सला, 21 िवप�ी दलों ने जो चाहा
GS2 || राजस�ा || राजनीितक गितशीलता || चुनाव था, उससे कहीं ब�त दू र है - िक प्र�ेक िनवा�चन �ेत्र म� 50%
या 125 मतदान क� द्रों म� VVPAT स�ापन हो।
शीष�क
एक से पांच ईवीएम की वृ�� VVPAT स�ापन प्रितशत
VVPAT स�ापन, सुप्रीम कोट� ने चुनाव आयोग को प्रित को 0.44% से बढ़ाकर 2% से कु छ कम तक प�ंचाएगी।
िनवा�चन �ेत्र के 5 या���क VVPATs के पेपर ��प की 50% �ों नही?ं
िगनती करने का आदे श िदया है
अदालत ने कहा िक 125 मतदान क� द्रों के बजाय पांच
सुिख़�यों म� �ों ? EVM का VVPAT स�ापन इस समय "अिधक �वहाय�" है।

सुप्रीम कोट� ने चुनाव आयोग को प्र�ेक िवधानसभा �ेत्र / यह ECI के अवसंरचना�क संसाधनों और जनश�� पर
िनवा�चन �ेत्र म� पांच या���क इले�� ॉिनक वोिटंग मशीनों एक बोझ नहीं होगा जैसा िक िवप� का िवचार रहा है।
(EVM) म� वोटर वे�रफ़ाइड पेपर ऑिडट ट�ेल (VVPAT)
स�ापन को बढ़ाने का िनद� श िदया। न ही पांच EVM की VVPAT पिच�यों की िगनती म� ब�त
समय लगता है।
सव�� �ायालय का आदे श
50,000 मतदान क� द्रों म� से प्र�ेक म� 50% VVPAT
इससे पहले, ECI िदशािनद�श 16.6 के तहत, प्र�ेक स�ापन म� अित�र� किम�यों की भारी वृ�� की आव�कता होगी।
िवधानसभा �ेत्र / िनवा�चन �ेत्र म� एक EVM से के वल VVPAT
की पच� भौितक स�ापन के अधीन थी। मतदान क� द्र के एक स�ापन दल की संरचना िन� है-
तीन मतगणना अिधकारी,
SC ने िवधानसभा िनवा�चन �ेत्र या खंड म� मौजूदा एक �रटिन�ग ऑिफसर और
मतदाता-स�ापन यो� पेपर ऑिडट ट�ेल (VVPAT) स�ापन एक सामा� प्रे�क।
दर को एक से पाँच या���क इले�� ॉिनक वोिटंग मशीनों VVPAT पच� की िगनती म� वृ�� से �ेत्र म� चुनाव
(EVM) तक बढ़ाने का आदे श िदया है। अिधका�रयों के �ापक प्रिश�ण और �मता िनमा�ण की
आव�कता होगी।
आम चुनावों के मामले म�, संसदीय िनवा�चन �ेत्र के प्र�ेक VVPAT पच� गणना िवशेष �प से प्र�� तौर पर VVPAT
िवधानसभा �ेत्र म� पांच ईवीएम की VVPAT पच� भौितक गणना बूथों पर होती है जो �रटिन�ग ऑिफसर की िनगरानी
गणना के अधीन होगी। और पय�वे�क की सीधी िनगरानी के अधीन की जाती है।
ECI ने कहा था िक VVPATs का 50% या���क भौितक
रा� िवधानसभा चुनावों म�, वीवीपीएटी स�ापन प्र�ेक स�ापन 2019 के लोकसभा चुनाव प�रणामों को पूरे छह
िवधानसभा �ेत्र म� पांच या���क EVM तक िव�ार करे गा। िदनों तक िवलंिबत करे गा।

मह�

EVM की कु ल सं�ा यािन 20,000 मशीनो,ं को यथोिचत
�प से ‘अ��नी धोखाधड़ीʼ की ब�त दू रस्थ संभावना को
संबोिधत करना चािहए।

यह छोटे रा�ों म� EVM के एक उ� नमूने को भी स�ािपत
करे गा और EVM-छे ड़छाड़ की संभावना को हटाने के िलए
नमूने को उिचत आ�िव�ास �रों के अंदर लाएगा।

िकसी भी मामले म�, VVPAT पच� स�ापन, मतदाताओं को
आ�� करने के िलए है िक EVM वा�व म� िकसी भी
छे ड़छाड़ को रोकने के िलए पहले से ही मौजूद तकनीकी और
प्रशासिनक सुर�ा उपायों के मा�म से अिधक सुरि�त है।

वा�िवक सम�ा

● ECI के िलए, EVM और VVPAT के साथ प्रमुख तकनीकी
सम�ा वा�व म� छे ड़छाड़ करने के िलए नहीं ब�� मशीन
संबंधी खािमयों के संबंध म� है

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मु� परी�ा अ�ास प्र�

VVPAT प्रणाली के साथ EVM, मतदान प्रणाली की
सटीकता सुिनि�त करते ह�। गंभीर �प से पूण� पारदिश�ता
सुिनि�त करने और प्रणाली म� मतदाताओं के िव�ास को
बहाल करने के िलए उठाए गए कदमों का गंभीर �प से
िव�ेषण कर� ।

(वीिडयो देखने के िलए QR कोड को �ै न कर� )

नोट्स

जबिक उ�र प्रदे श और िबहार म� संसदीय उप-चुनाव
और कना�टक के िपछले साल िवधानसभा चुनाव म� मह�पूण�
मशीन प्रितस्थापन दर (क्रमशः 20% और 4%) दज� की गई
थी, बाद के सिद� यों के महीने म� आयोिजत चुनावों म� इ�� 2%
से भी कम पर लाया गया था। ।

ECI ने दे श भर म� उपयोग के दौरान उ�� अिधक लचीला
बनाने के िलए VVPAT के िलए तकनीकी सुधार िकए, और
यह ब�त ज़�री है िक सात चरण के लोकसभा चुनाव के
दौरान िकसी भी गड़बड़ी को संभालने के िलए इसे अ�ी
तरह से तैयार िकया जाए।

प्रितस्थापन मशीनों की उपल�ता और VVPAT की
िवफलता के मामले म� उ�� ज�ी से तैनात करने की �मता,
�वधान से बचने के िलए आव�क ह�।

अित�र� जानकारी

�ा ह� VVPAT मशीन�? Page 6

मतदाता स�ािपत पेपर ऑिडट ट�ेल (VVPAT) एक िविध
है जो मतदाताओं को फ़ीडबैक प्रदान करती है।

यह एक �तंत्र स�ापन िप्रंटर मशीन है और इले�� ॉिनक
वोिटंग मशीनों से जुड़ी है।

यह मतदाताओं को यह सुिनि�त करने की अनुमित दे ता
है िक उनका वोट इ��त उ�ीदवार के पास गया है या नही।ं

VVPAT मशीन कै से काम करती ह�?

जब कोई मतदाता EVM म� एक बटन दबाता है, तो
VVPAT के मा�म से एक पेपर ��प िप्रंट की जाती है।

पच� म� चुनाव िच� और उ�ीदवार का नाम होता है।
यह मतदाता को उसकी पसंद को स�ािपत करने की
अनुमित दे ता है।

सात सेकं ड के िलए VVPAT की �ीन म� मतदाता को
िदखाई दे ने के बाद, मतपत्र पच� कट जाएगी और VVPAT
मशीन म� ड� ॉप बॉ� म� िगरा दी जाएगी और एक बीप सुनाई
दे गी।

VVPAT मशीन� मतदान अिधका�रयों के ही िनयंत्रण म� रह�गी।

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(वीिडयो दे खने के िलए उपरो� छिव पर ��क कर� ) हालांिक, समी�ा यािचका की �स्थरता के संबंध म� सवालों
से िनपटने से पहले, शीष� �ायालय ने कहा िक यह पहली बार
प्रासंिगकता प्रेस की �तंत्रता के मह�पूण� मु�े से िनपटेगा, �ोिं क
यािचकाकता�ओं ने िविभ� मीिडया मंचों पर प्रकािशत लेखों
GS2 || राजस�ा || संवैधािनक ढांचा || मौिलक पर भरोसा िकया था।
अिधकार

शीष�क �ायालय �ारा तक�

राफे ल सौदा द�ावेज िववाद, सव�� �ायालय का कहना �ायालय ने शु�आत म� ही इस बात पर जोर िदया िक
है िक चोरी �ए द�ावेज �ायालय म� �ीकाय� ह� य�िप �ायालय के सम� मु�ा प्रेस की �तंत्रता के संबंध म�
नहीं है, इस मु�े पर सव�� �ायालय �ारा �� िकए गए

सुिख़�यों म� �ों ? िवचारों को याद करने के िलए "वत�मान ब�त अ�ा अवसर
हो सकता है"।

सव�� �ायालय ने क� द्र �ारा उठाए गए प्रारं िभक आपि�यों प्रेस की �तंत्रता: यह पाया गया िक इस प्रकार के
को खा�रज कर िदया िक िजन द�ावेजों �ारा यह दावा िकया प्रकाशन का अिधकार अिभ��� की �तंत्रता की संवैधािनक
गया था िक "िवशेषािधकार" को राफे ल लड़ाकू जेट सौदे म� प्रितभू के अनु�प होगा, और िलखा गया:
फै सले की िफर से जांच करने पर भरोसा नहीं िकया जा
सकता है। “संसद �ारा िवशेष �प से संिवधान के अनु�े द 19 (2)
म� उ���खत िकसी भी आधार पर ऐसे द�ावेजों के प्रकाशन

चचा� म� �ो?ं पर रोक या प्रितबंध लगाने का कोई कानून हमारे सं�ान म�
नहीं लाया गया है। व�ुतः, द िहंदू समाचार पित्रका म� उ�

"िवशेषािधकार प्रा�" द�ावेज: क� द्र ने यह प्र�ुत िकया द�ावेजों का प्रकाशन �ायालय की इस फै सले के लंबे क्रम
था िक यािचकाकता�ओं �ारा ग़ैरिवधायी मा�म से म� प्रेस की �तंत्रता को बनाए रखने के िव�मान िवचारों की
"िवशेषािधकार प्रा�" द�ावेजों का क्रय िकया गया था तथा याद िदलाता है। ”
शीष� �ायालय �ारा 14 िदसंबर, 2018 को िदए गए फै सले
के िव�� उनकी समी�ा यािचकाओं का समथ�न करने हेतु पूव� म� िलए गए िनण�य:
इ�ेमाल िकया गया था, जो फ्रांस के 36 राफे ल फाइटर जेट रोमेश थापर बनाम मद्रास रा� (1950) म�, मद्रास सरकार
के क्रय को चुनौती दे ने वाली सभी यािचकाओं को खा�रज �ारा कांग्रेस के मह�पूण� िवचारों को प्रकािशत करने के
करता है। िलए थापर की पित्रका क्रॉस रोड्स पर प्रितबंध लगाने के संबंध
म� �ायालय ने कहा था िक "सभी लोकतांित्रक संगठनों की
समाचार पित्रका द िहंदू और द वायर की �ूज वेबसाइट नीवं पर ही प्रेस की �तंत्रता" है।
�ारा इन द�ावेजों को प्रकािशत िकया गया था। बृज भूषण बनाम िद�ी रा� (1950) म�, जो आयोजक
की पित्रका पर प्रितबंध से संबंिधत है, �ायालय ने िनरी�ण
यािचकाकता�ओं ने 14 िदसंबर, 2018 को �ायालय के म� पाया था िक "एक पित्रका पर पूव�-स�सरिशप को लागू
फै सले की समी�ा की मांग करते �ए इन द�ावेजों पर करना प्रेस की �तंत्रता पर प्रितबंध है जो अनु�े द 19 (1)
भरोसा िकया था। (ए) �ारा घोिषत भाषण और अिभ��� की �तंत्रता का
अिधकार का एक अिनवाय� िह�ा है।
महा�ायवादी: महा�ायवादी के .के .वेणुगोपाल ने सरकार शासकीय गु� बात अिधिनयम: इसके अित�र�,
के िलए इस आधार पर आपि� की थी िक द�ावेजों को िबना �ायालय ने िनरी�ण म� यह पाया िक शासकीय गु� बात
प्रािधकृ ित प्रा� िकये र�ा मंत्रालय से हटा िदया गया था। अिधिनयम म� कोई प्रावधान िनिहत नहीं है और िकसी भी
महा�ायवादी ने तीन िविश� प्र� उठाए - अ� क़ानून म� ऐसा कोई प्रावधान हमारे �ान म� नहीं लाया
गया है, िजसके �ारा संसद ने सरकार की काय�कारी शाखा म�
द�ावेजों पर भरोसा करना आिधका�रक राज अिधिनयम
का उ�ंघन था;

सूचना के अिधकार अिधिनयम के अंतग�त द�ावेजों तक
नहीं प�ंचा जा सकता है; तथा

सरकार को सा� अिधिनयम के अंतग�त िवशेषािधकार
प्रा� था।

कोई श�� िनिहत की है िजसमे गु� द�ावेजों का प्रकाशन

या �ायलय के सम� ऐसे द�ावेजों को प्र�ुत करने से

A STUDY IQ संबंिधत है। Page 7

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सामािजक उ�े �: �ायमूित� जोसेफ ने एक फै सले को नोट्स
उ�े�खत करते �ए कहा िक 'अिभ��� की �तंत्रता', म�
चार �ापक सामािजक उ�े � शािमल ह�:
(i) यह एक ��� को आ� पूित� प्रा� करने म� सहायता
करता है,
(ii) यह स� की खोज म� सहायता करता है,
(iii) यह िनण�य लेने म� भाग लेने वाले ��� की �मता को
सु�ढ़ करता है, और
(iv) यह एक प्रणाली प्रदान करता है िजसके �ारा �स्थरता एवं
सामािजक प�रवत�न के म� एक उिचत संतुलन स्थािपत
करना संभव होगा।

मह�

तहकीकात संबंधी पत्रका�रता: सव�� �ायालय का
िनण�य इन पत्रों की �ाियक परी�ा को रोकने तथा इस िवषय
पर सभी तहकीकात संबंधी पत्रका�रता को वैधता प्रदान
करने हेतु क� द्र सरकार के प्रयासों के िलए एक �ढ़ एवं
आव�क प्रितघात है।

��ता: इस िवकास के आधार पर, यह िन�ष� िनकालना
अप�रप� है िक 36 राफे ल जेट की क्रय म� आपरािधक जांच
का आदे श नहीं दे ने के �ायालय के पहले के फै सले पर पुनः
िवचार िकया जाएगा। हालांिक, यह िनि�त �प से संदे हा�द
सौदे के कई पहलुओं पर ��ता प्रदान करने म� सहायता
प्रदान करे गा।

�तंत्र प्रेस का अिधकार: इसके अित�र�, इन द�ावेजों
की �ीकाय�ता पर िनण�य का राफे ल मु�े के अित�र�
मह�पूण� है: यह एक �तंत्र प्रेस के अिधकारों को पुनज�िवत
करता है तथा इस िस�ांत को रे खांिकत करता है िक यह
साव�जिनक िहत है, न िक ���गत द�ावेज़ की सामग्री है।
यह िनि�तता प्रदान करे गा िक िकसी िदए गए मामले म� खुलासे
की आव�ता है या नही।ं

मु� परी�ा हेतु अ�ास प्र�

एक �तंत्र प्रेस सरकार तथा जनता के म� एक महान
�ा�ाकार के �प म� संदिभ�त है। उदाहरणों का उ�े�खत
करते �ए, शीष� �ायालय �ारा वष� से प्रेस की �तंत्रता के
मु�े पर �� िकए गए िवचारों का िव�े� कर� ।

(वीिडयो देखने के िलए QR कोड को �ै न कर� ) Page 8

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(वीिडयो दे खने के िलए उपरो� छिव पर ��क कर� ) एसोिसएशन फॉर डेमोक्ेरिटक �रफॉ�� के यािचकाकता�ओं
ने इस आधार पर बेनामी-आधा�रत धन योजना पर सवाल
प्रासंिगकता उठाया िक -

GS2 || राजस�ा || राजनीितक गितशीलता || चुनाव यह अ��ता को बढ़ावा दे ता है,
यह शेल कं पिनयों के मा�म से पािट�यों को दान िकए
शीष�क जाने वाले काले धन की संभावना को �� करता है और
स�ा�ढ़ पाट� को सश� बनाता है, जो अके ले दाताओं
चुनावी बांड िववाद, SC ने राजनीितक दलों को चुनाव आयोग की पहचान करने की �स्थित म� होती है और इसिलए, अ�
को िववरण प्र�ुत करने का आदे श िदया दलों के दान को हतो�ािहत करने के िलए अ�ी तरह से
उपयोग िकया जा रहा है।
सुिख़�यों म� �ों ? यािचकाकता�ओं ने चार प्रमुख आपि�याँ उठाईं:
साधारण नाग�रक यह नहीं जान पाएं गे िक कौन िकस
सुप्रीम कोट� ने अपने अंत�रम आदे श म� राजनीितक दलों राजनीितक दल को िकतना पैसा दान कर रहा है, और ये बांड
को चुनाव आयोग को सीलबंद कवरों म� उन दानों का "राजनीितक दान की गुमनामी को बढ़ाते ह�"।
खुलासा करने के िलए कहा, जो चुनावी बांड के मा�म से उस राजनीितक दल का नाम िजसे दान िदया गया है, को
उ�� िमले ह�। �ए लाभ और हािन का खुलासा करने की आव�कता को भी
हटा िदया गया है।
मामला िकसी कं पनी के िपछले तीन वष� के शु� लाभ पर 7.5%
कै प को हटाने के साथ, कॉप�रे ट फं िडंग कई गुना बढ़ गई है,
एडीआर �ारा जारी िववरण: 2017-18 के दौरान, भाजपा �ोिं क अब कोई सीमा नहीं है िक कोई भी कं पनी, यहां तक
ने चुनावी बॉ� से 200 करोड़ �पये और कांग्रेस ने 15 करोड़ िक जो घाटे म� चल रही है वह िकतना दान कर सकती है।
�पये कमाए, एसोिसएशन फॉर डेमोक्ेरिटक �रफॉ�� (ADR) इससे मु� �प से चुनावी बॉ� जैसे गुमनाम और
ने हाल ही म� पािट�यों के कर �रटन� और योगदान बयानों के अपारदश� उपकरणों के मा�म से राजनीितक दलों को धन
िव�ेषण के आधार पर कहा था िज�� चुनाव आयोग के के माग� के िलए असंगत त�ों �ारा अ��� म� लाए जाने की
सम� प्र�ुत िकया गया। संभावना है।
चुनावी बांड के �प म� िकसी भी यो� राजनीितक दल
ADR �ारा जारी िववरण के अनुसार, िकसी अ� रा�� ीय �ारा प्रा� योगदान आयकर अिधिनयम की धारा 13 A के
पाट� ने चुनावी बांड के मा�म से िकसी भी प्रकार के अनुदान अनुसार आयकर से मु� होगा।
की घोषणा नहीं की।
सुप्रीम कोट� का आदे श
पारदिश�ता की कमी का हवाला देते �ए, ADR ने बाद म�
सुप्रीम कोट� म� चुनावी बॉ� योजना को चुनौती दी, िजसम� सुप्रीम कोट� का अंत�रम आदे श अपारदश� योजना के
पािट�यों को चुनावी बॉ� के मा�म से चुनाव आयोग के बारे म� उठाई गई गंभीर िचंताओं के िलए एक अपया�� और
योगदान का िववरण प्र�ुत करने के िलए कहा गया। बेलगाम प्रितिक्रया है।

हालाँिक, जब इस मामले को उठाया गया, तो यह माना यह योजना, िजसके तहत कोई नािमत ब�क से िविभ�
गया िक उपल� समय ब�त गहराई से सुनवाई के िलए संप्रदायों के बांड खरीद सकता है और उ�� िकसी भी
सीिमत था। राजनीितक दल के खातों म� जमा कर सकता है, को एक
साल पहले शीष� अदालत म� चुनौती दी गई थी।
अनाम राजनीितक िनिध के खतरों के बारे म� िचंितत लोगों
को दी गई एकमात्र �रयायत यह है िक ये नाम EC के साथ इस आधार को दे खते �ए, यह पूछा जा सकता है िक �ा
उपल� होगं े, और सीलबंद िलफाफे म� ये तब तक उपल� �ाियक ह��ेप पहले नहीं आ सकता था।
रह�गे, जब तक िक अदालत यह फै सला नहीं करती िक उ��
साव�जिनक िकया जा सकता है। आदे श, दुभा�� से, यथा�स्थित को बरकरार रखता है, और
राजनीितक फं िडंग म� संभािवत िवषमता चुनाव प्रिक्रया पर
मामला िजतना प्रभाव पड़ता वह उतना ही रहेगा।

हालाँिक, यह सब अब यह सुिनि�त करने के िलए िकया
गया है िक इसकी अंत�रम �वस्था िकसी भी दल के प� म�
'संतुलन का झुकाव न करे '।

िन�ष�

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कु छ िचंताएं ह� िक कॉरपोरे ट दानदाताओं �ारा खरीदे मु� परी�ा अ�ास प्र�
गए बांडों का एक बड़ा िह�ा भारतीय जनता पाट� (भाजपा)
के पास चला गया है। �ा सरकार �ारा शु� की गई चुनावी बॉ� योजना के
साथ अनाम नकद दान कम हो गए ह�? �ा �वस्था म�
चुनावी बॉ� के ज�रए भाजपा को जो 200 करोड़ �पये किमयां ह�? गंभीर �प से जांच कर� ।
िमले, वह पाट� �ारा घोिषत 1,027 करोड़ �पये म� से थे।
(वीिडयो देखने के िलए QR कोड को �ै न कर� )
इसम� अघोिषत स्रोतों से प्रा� 553 करोड़ �पये शािमल
थे; चुनावी बांड के मा�म से िमली रािश भी उसी का िह�ा थी। नोट्स

चुनावी बांड के मा�म से कांग्रेस �ारा एकत्र िकए गए
15 करोड़ �पये, इस बीच, अ�ात स्रोतों से प्रा� 120 करोड़
�पये म� से थे और कु ल िमलाकर 199 करोड़ �पयों की
घोषणा की गई थी।

सभी रा�� ीय दलों (CPM को छोड़कर) ने चुनावी बांड के
मा�म से प्रा� 215 करोड़ �पये के सभी योगदानों का
लगभग एक-ितहाई (689 करोड़ �पये) िह�ा अ�ात स्रोतों
से प्रा� िकया।

यह दाता गुमनामी समा� की जा सकती है अगर अदालत
यह फै सला करती है िक चुनाव आयोग को मुकदमेबाजी के
अंत म� नामों का खुलासा करना होगा, लेिकन इस शत� के
साथ िक इस तरह के दान का प्रभाव, चुनावी नतीजों पर नहीं
पड़े गा।

अदालत ने अपने आदे श म� कहा है िक यह मामला
मह�पूण� मु�ों को ज� देता है, िजसका दे श म� चुनावी
प्रिक्रया की पिवत्रता पर जबरद� असर पड़ता है।

अित�र� जानकारी

चुनावी बॉ�

एक चुनावी बॉ� को प्रॉिमसरी नोट की तरह एक िबयरर
इं �� म�ट के �प म� अिभक��त िकया गया है - वा�व म�,
यह एक ब�क नोट के समान होगा जो िक मांग पर और दे य
�ाज पर दे य होता है।

इसे भारत के िकसी भी नाग�रक या भारत म� िनगिमत
िनकाय �ारा खरीदा जा सकता है।

बांड �पये के गुणक म� जारी िकए जाएं गे। जैसे 1,000 �,
10,000 �, 1 लाख �, 10 लाख और �1 करोड़ और भारतीय
�ेट ब�क की िनिद� � शाखाओं पर उपल� होगं े।

दानकता� अपनी पसंद की पाट� को बांड दान कर सकते
ह� िजसे 15 िदनों के भीतर पाट� के स�ािपत खाते से कै श
िकया जा सकता है।

जन प्रितिनिध� अिधिनयम, 1951 (1951 का 43) की
धारा 29 A के तहत पंजीकृ त हर पाट� को सबसे हािलया
लोकसभा या रा� चुनाव म� कम से कम एक प्रितशत मतदान
प्रा� होना चािहए और उसके पास भारत िनवा�चन आयोग
�ारा आवंिटत स�ािपत खाता होना चािहए। इस खाते के
ज�रए ही चुनावी बॉ� ट� ांजे�न िकए जा सकते ह�।

बांड, प्र�ेक ितमाही की शु�आत म� 10 िदनों की अविध
के िलए खरीद के िलए उपल� होगं े, अथा�त् जनवरी, अप्रैल,
जुलाई और अ�ू बर म� क� द्र सरकार �ारा िनिद� � िकए गए
अनुसार।

लोकसभा चुनाव के वष� म� क� द्र सरकार �ारा 30 िदनों की
अित�र� अविध िनिद� � की जाएगी।

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(वीिडयो दे खने के िलए उपरो� छिव पर ��क कर� ) उ�ोनं े जोर दे कर कहा िक इस तरह के प्रचार को जारी
करने से मु� प्रचार बढ़ा है, और इसिलए इसकी कीमत
प्रासंिगकता उ�ीदवार के नाम पर चुनाव खच� के �प म� काटी जानी चािहए।

GS2 || राजस�ा || राजनीितक गितशीलता || चुनाव इसी तरह के मानकों को अ� प्रचारों पर भी लागू होना
चािहए, उदाहरण के िलए "मोदी: एक आम आदमी की यात्रा"
शीष�क नामक एक वेब श्रृंखला।

आम चुनाव 2019, �ा चुनाव आयोग आदश� आचार संिहता अ� अिधसूिचयां: पत्र म� शािमल अ� मह�पूण� मु�े
के बढ़ते उ�ंघन की अनदे खी कर रहा है? शािमल ह� -

शीष� अिधका�रयों के स्थानांतरण,
मतदाता स�ापन पेपर ऑिडट ट�ेल (VVPAT) ऑिडट,
राजस्थान के रा�पाल क�ाण िसंह �ारा MCC का
उ�ंघन (िजसके िलए समूह ने "गंभीर दु ��वहार" के कारण
उ�� हटाने का अनुरोध िकया है) और
उ�र प्रदे श के मु�मंत्री योगी आिद�नाथ (अपने भाषण
म� उ�ोनं े सश� बलों को नर� द्र मोदी की सेना के �प म�
संदिभ�त िकया), और
सामा� �प से राजनीितक प्रवचन का भी �रण।

सुिख़�यों म� �ों ? खािमयां

चुनाव आयोग की िव�सनीयता पर सवाल उठ रहे ह�। िनयु��: सम�ा की उ�ि� चुनाव आयु�ों की िनयु��
हालांिक, यह पहली बार नहीं है िक आयोग के आचरण पर की त्रुिटपूण� प्रणाली म� िनिहत है, िज�� सरकार �ारा एकतरफा
सवाल उठाया गया है। िनयु� िकया जाता है।

हाल की घटनाएँ इस बहस को �ापक परामश� के मा�म से िनयु��यों का
राजनीितकरण िकए िबना सुलझाया जा सकता है जैसा िक
भारत िनवा�चन आयोग (EC) एक दुज�य संस्थान है िजसने अ� दे शों म� होता है।
अपनी स्थापना के बाद से दुिनया को चुनावी द�ता म� आगे
बढ़ाया है। संर�ण: िनयु�� के तरीके के अलावा, चुनाव आयु�ों को
हटाने की प्रणाली म� भी सुधार की आव�कता है।
MCC का उ�ंघन: हालांिक 2019 के आम चुनाव म�, यह
पहले की तरह सवालों के घेरे म� आ गया है, िजसम� आदश� के वल मु� चुनाव आयु� (CEC) को महािभयोग के
आचार संिहता का उ�ंघन शािमल है, िवशेषकर स�ाधारी मा�म से हटाए जाने से बचाया जाता है।
पाट� �ारा।
चुनाव आयोग के कामकाज म� समान मतदान श�� रखने
िव�सनीयता का संकट: 8 अप्रैल, 2019 को, भारत के वाले अ� दो आयु� िदन म� 10 बार CEC को र� कर सकते ह�।
रा�� पित को एक पत्र म�, सेवािनवृ� नौकरशाहों और राजनियकों
के एक समूह ने हाल की घटनाओं के संदभ� म�, चुनाव आयोग व�र�ता �ारा ऊं चाई की अिनि�तता उ�� सरकारी दबाव
के "प्रभावहीन आचरण" और आज िव�सनीयता के संकट से के प्रित संवेदनशील बनाती है। सरकार दो आयु�ों के ब�मत
पीिड़त संस्थान पर "िचंता" �� की। वाले मतदान के मा�म से एक दोषपूण� CEC को िनयंित्रत कर
सकती है।
अिधसूिचयां
प्रािधकरण: चुनाव आयोग की प्रित�ा तब भी प्रभािवत होती
िमशन श�� भाषण: पत्र म� प्रधानमंत्री की 27 माच� की है जब वह राजनीितक दलो,ं िवशेष �प से स�ा�ढ़ दलो,ं को
घोषणा, यािन भारत के पहले एं टी-सैटेलाइट (ASAT) परी�ण शांत करने म� असमथ� होता है।
का वण�न िकया गया है, जो "�ािम� के गंभीर उ�ंघन के
�प म� दे खा गया है �ोिं क यह स�ा म� पाट� को अनुिचत ऐसा इसिलए है �ोिं क जनप्रितिनिध� कानून, 1951 की
प्रचार प्रदान कर रहा था"। धारा 29A के तहत पंजीकरण प्रािधकारी होने के बावजूद,
यह सबसे गंभीर उ�ंघन के िलए भी उनका पंजीकरण र�
मीिडया: िबना लाइस�स के नमो टीवी के लॉ� पर भी सवाल करने की श�� नहीं रखता है।
उठाए गए, इसके अलावा प्रधान मंत्री के जीवन पर एक
बायोिपक जो 11 अप्रैल को �रलीज होने वाली थी, पर भी सवाल वांिछत प�रवत�न
खड़े िकए गए �ोिं क तब चुनाव शु� �ए थे।
िनयु��: अपनी 255 वी ं �रपोट� म�, िविध आयोग ने एक
समूह ने चुनाव आयोग से "चुनावी प्रिक्रया के समापन तक कॉलेिजयम की िसफा�रश की थी, िजसम� प्रधान मंत्री, िवप�
िकसी भी मीिडया तंत्र के मा�म से िकसी भी राजनीितक के नेता और भारत के मु� �ायाधीश शािमल थे।
श�ख्सयतों पर सभी बायोिप� और वृ�िचत्रों को जारी करने
से रोकने के िलए िदशा-िनद� श जारी करने" का अनुरोध िकया।

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लेिकन स�ा�ढ़ी �वस्था ने इस मु�े को भुनाया है, जो ● अविध: इनका काय�काल 6 साल का या जब तक वे 65
अपनी श�� को जाने नहीं दे ना चाहते ह�। वष� की आयु प्रा� नहीं कर लेते, जो भी पहले हो, तक है।

श��यां: चुनाव आयोग कई अ� सुधारों के बीच, राजनीितक वे िकसी भी समय इ�ीफा दे सकते ह� या उनके काय�काल
दलों के पंजीकरण को र� करने की श�� की मांग कर रहा है। की समा�� से पहले भी हटाया जा सकता है।

सुधार का सुझाव पहली बार 1998 म� CEC �ारा िदया गया मु� परी�ा अ�ास प्र�
था और कई बार दोहराया गया था।
● �ा भारत का चुनाव आयोग प्रभावहीन है या वह ठोस
चुनाव आयोग ने भी िपछले फरवरी म� सव�� �ायालय को काय� करने से इं कार कर रहा है?
एक हलफनामा प्र�ुत िकया था िजसम� कहा गया था िक वह
" िवशेष �प से संवैधािनक जनादे श के म�े नजर राजनीितक (वीिडयो देखने के िलए QR कोड को �ै न कर� )
दल को र�" करने के िलए सश� होना चाहता है।
नोट्स
समाधान

संस्थागत सुर�ा: चुनाव लोकतंत्र का आधार ह� और चुनाव
आयोग की िव�सनीयता लोकतांित्रक वैधता के िलए क� द्रीय है।
इसिलए, चुनाव के संर�क को अपनी �ाय�ता की र�ा के
िलए त�ाल संस्थागत सुर�ा उपायों की आव�कता होती है।

यह समय आ गया है िक संवैधािनक िनयु��यों का
राजनीितकरण होने से रोकने और चुनावी कदाचार के िलए
पािट�यों के पंजीकरण को र� करने के िलए चुनाव आयोग को
सश� बनाने की कार� वाई की जाए।

यह �ान दे ने यो� है िक संिवधान ने CEC को संर�ण
प्रदान िकया है �ोिं क यह शु� म� एक-��� आयोग था।

इसे अब अ� आयु�ों तक िव�ा�रत िकया जाना चािहए,
िज�� 1993 म� जोड़ा गया था, �ोिं क वे सामूिहक �प से
चुनाव आयोग का प्रितिनिध� करते ह�।

यह संस्था म� मह�पूण� साव�जिनक िव�ास को बहाल करने
की िदशा म� एक कदम है।

हालांिक इन सुधारों पर बहस जारी रह सकती है, चुनाव
आयोग को संिवधान के तहत पया�� अिधकार होने और स�
होने से कु छ भी नहीं रोक सकता है। यह उनका िववेक नहीं
ब�� संवैधािनक जनादे श है। इसके िलए सुप्रीम कोट� िनद� श
या इशारे की ज�रत नहीं है

अित�र� जानकारी

भारत िनवा�चन आयोग (ECI) Page 12

चुनाव आयोग दे श म� �तंत्र और िन�� चुनाव सुिनि�त
स्थायी और एक �तंत्र िनकाय है।

संिवधान का अनु�े द 324 यह प्रावधान करता है िक
संसद, रा� िवधानसभाओं, भारत के रा�� पित के काया�लय
और भारत के उपरा�� पित के चुनाव के िलए िनवा�चन की
िदशा, िनयंत्रण और िनद� श चुनाव आयोग म� िनिहत होगं े।

यहां यह �ान रखना होगा िक चुनाव आयोग का रा�ों के
पंचायतों और नगरपािलकाओं के चुनावों से कोई संबंध नहीं है।
इसके िलए, भारत का संिवधान एक अलग रा� चुनाव
आयोग प्रदान करता है।

ब�-सद�ीय िनकाय: चुनाव आयोग ब�-सद�ीय िनकाय
के �प म� काय� कर रहा है िजसम� तीन चुनाव आयु� शािमल ह�।

मु� चुनाव आयु� और दो अ� चुनाव आयु�ों के पास
समान अिधकार ह� और समान वेतन, भ�े और अ� अनुलाभ
प्रा� करते ह�, जो िक सव�� �ायालय के �ायाधीश के समान ह�।

मु� चुनाव आयु� और / या दो अ� चुनाव आयु�ों के
बीच मतभेद के मामले म�, आयोग �ारा ब�मत से मामला तय
िकया जाता है।

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(वीिडयो दे खने के िलए उपरो� छिव पर ��क कर� ) मु� िवशेषताएं : हालांिक इसे बॉ� कहा जाता है, ब�िकं ग
उपकरण, जो वचनपत्रों से िमलता-जुलता है, कोई िदलच�ी
प्रासंिगकता नहीं रखता है। चुनावी बॉ�, जो एक वाहक उपकरण है,
भुगतानकता� का नाम नहीं लेगा और िकसी भी मू� के िलए
GS2 || राज�वस्था|| राजनीितक गितशीलता || चुनाव खरीदा जा सकता है, 1,000 �पये, 10,000 �पये, 1 लाख
�पये, 10 लाख �पये या 1 करोड़ �पये के गुणकों म�।
शीष�क
पात्रता: योजना के प्रावधानों के अनुसार, भारत के नाग�रक
आपके जानने यो� चुनावी बॉ� या भारत म� शािमल या स्थािपत संस्थाओं �ारा चुनावी बांड
खरीदे जा सकते ह�। एक ��� चुनावी बाॉ� खरीद सकता
सुिख़�यों म� �ों ? है, या तो अके ले या अ� ���यों के साथ संयु� �प से।
��� को िपछले पंजीकृ त चुनावों म� या रा� िवधान सभा के
सरकार ने SC म� िकया चुनावी बांड योजना का बचाव। मतदान म� एक प्रितशत से अिधक मत हािसल करने वाले
के वल पंजीकृ त राजनीितक दल ही चुनावी बांड प्रा� करने
के पात्र ह�।

आव�कता: चुनावी बांड का उ�े � राजनीितक दलों के
बड़े पैमाने पर बेनामी नकदी दान की वत�मान प्रणाली को
जड़ से ख� करना है, जो अथ��वस्था म� काले धन की उ�ि�
को ज� दे ता है।

बॉ� कै से मदद कर� गे?

�ा है मामला? अनाम स्रोतों से नकद दान की िपछली प्रणाली पूरी तरह
से गैर-पारदश� है। दाता, ग्रहणकता�, दान की मात्रा और �य

उ�तम �ायालय म� एक यािचका दायर की गई है की प्रकृ ित सभी अ�ात ह�।
िजसम� 'इले�ोरल बॉ� �ीम 2018' को र� करने और सरकार के अनुसार बॉ� की प्रणाली ���यो,ं कं पिनयो,ं
िव� अिधिनयम, 2017 म� संशोधन करने की मांग की गई है,
िजसम� "���यों और िवदे शी कं पिनयों से राजनीितक दलों HUF, धािम�क समूहो,ं दान आिद से �� धन के राजनीितक
को िबना िकसी �रकॉड� के धन स्रोतों से असीिमत दान की दान को प्रो�ािहत करे गी। बांड खरीदने के बाद, ये इकाइयाँ
अनुमित है"। उ�� अपनी पसंद के राजनीितक दलों को सौपं सकती ह�,
िज�� िनधा��रत समय म� उ�� िनकालना होगा।
कै से िकया सरकार ने
अपने प� का बचाव? पारदिश�ता के कु छ त� को पेश िकया जाएगा, तािक सभी
दानदाता अपने खातों म� उन बॉ� की रािश की घोषणा कर�

राजनीितक दलों �ारा प्रा� धन और दान म� पारदिश�ता जो उ�ोनं े खरीदे ह� और सभी पािट�यां उन बॉ� की मात्रा की
को बढ़ावा देने के िलए चुनावी बाॉ� पेश िकए गए ह�। घोषणा कर� जो उ�� िमली ह�।

यह योजना वैध KYC और ऑिडट ट�ेल के साथ बाॉ� प्रा� िन�िल�खत िचंताएं
करने की एक पारदश� प्रणाली बनाने की प�रक�ना करती है। �� की गईं
एक सीिमत �खड़की और एक ब�त ही कम प�रप�ता
अविध इस दु�पयोग को असंभव बनाएगी। चुनावी बांड खरीदने वाले ���यों के िलए प्रकटीकरण
आव�कताओं की कमी को दे खते �ए इस कदम का दु�पयोग
जारीकता�, प्रािधकरण �ारा अपनी पहचान के साथ, िकया जा सकता है।
चुनावी बांड दानकता�ओं को ब�िकं ग माग� के मा�म से दान
करने के िलए प्रे�रत करे गा। यह पारदिश�ता और जवाबदेही चुनावी बांड चुनावी फं िडंग को और भी अिधक अपारदश�
सुिनि�त करे गा और चुनावी सुधार की िदशा म� एक बड़ा बनाते ह�। यह राजनीितक �वस्था म� अिधक से अिधक काला
कदम है।

चुनावी बॉ� के बारे म� धन लाते ह�।
चुनावी बॉ� के कारण कं पिनयों के िलए राजनीितक पाट�

�ा ह� इले�ोरल बॉ�? चुनावी बाॉ� दानदाताओं को के िलए कर मु� �ेत्र के राउं ड-िट� प करने का एक कानूनी
म�स्थ के �प म� ब�कों का उपयोग करके राजनीितक दलों माग� हो सकता है। यिद यह �वस्था की जा सकती है, तो एक
को भुगतान करने की अनुमित दे ता है। �वसायी, नीित म� बदलाव की पैरवी कर सकता है, और
कानूनी �प से इस नीित से होने वाले मुनाफे का एक िह�ा

राजनेता या पाट� को दे ता है जो इसे लाई है।

चुनावी बॉ� कं पनी के दान पर 7.5% की सीमा को ख�

करते ह�, िजसका मतलब है िक घाटे म� चल रही कं पिनयां

असीिमत दान कर सकती ह�। Page 13

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कं पिनयों को अब उन पािट�यों के नाम घोिषत करने की (वीिडयो देखने के िलए QR कोड को �ै न कर� )
आव�कता नहीं है, िजनके िलए उ�ोनं े दान िदया है,
इसिलए शेयरधारकों को नहीं पता होगा िक उनका पैसा
कहां चला गया है।

उनके पास स�ा�ढ़ दल के प� म� पासा डालने की �मता
है �ोिं क दाता ब�क और ग्रहणकता� ब�क ��� की पहचान
जानते ह�। लेिकन दोनों ब�क RBI को �रपोट� करते ह� जो बदले
म� क� द्र सरकार की इ�ा के अधीन है।

नोट्स

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(वीिडयो दे खने के िलए उपरो� छिव पर ��क कर� ) वैधता

प्रासंिगकता िव� आयोगों को स्थायी दजा� दे ने का सुझाव उनकी
िसफा�रशों म� नवीकरण की िनरं तर आव�कता को �ान
GS 2 || राज�वस्था|| संवैधािनक िनकाय || िव� आयोग म� नहीं रखता है।

शीष�क िव� आयोग राजकोषीय प�र�� के साथ-साथ संघवाद
की �स्थित का सव��ण करते ह� और िफर िसफा�रश� करते ह�,
RBI गवन�र ने िव� आयोग के िलए िकया स्थायी �स्थित का िजसे राजनीितक वग� को बोड� म� लेना होता है।
प्र�ाव , राजकोषीय संघवाद के िलए अ�ा या बुरा?
िविभ� �ि�कोणों के बावजूद रा�ों के प्रित िवचलन बढ़ाने
सुिख़�यों म� �ों ? के िलए हाल के आयोगों म� एक �ापक प्रवृि� दे खी गई है।
यह स्थािपत िकया गया है, और भिव� के आयोग भी इसे
भारतीय �रजव� ब�क (RBI) के गवन�र श��कांत दास ने आगे ले जाएं गे इसम� कोई संदे ह नहीं होगा।
"िव� आयोगों के िलए स्थायी �स्थित" का आ�ान िकया है,
जहां पुराना आयोग, अगले आयोग के कामकाज शु� होने वा�िवक अिधसूिचयां
तक योजनाओं को लागू करना जारी रखता है।
वा�िवक सम�ा यह है िक इस तरह की िसफा�रशों का
पूव� म� श्री दास पंद्रहव� िव� आयोग के सद� थे, और उ�रवत� सरकारों �ारा सही भावना म� पालन नहीं िकया गया है।
क� द्रीय िव� मंत्रालय म� एक व�र� अिधकारी के �प म� सेवा
दे चुके ह�। उदाहरण के िलए, वत�मान सरकार ने रा�ों को िदए गए
करों के साझा पूल के अनुपात को 32 से 42% तक बढ़ाने के
ज़�रत िलए चौदहव� िव� आयोग के िनण�य पर ठीक से काम नहीं िकया।

पूव� म� िविभ� िव� आयोगों ने "कर िवचलन पर अलग- उस बढ़े �ए आवंटन म� से अिधकांश को िविभ� प्रकार
अलग �ि�कोण अपनाए थे" और रा�ों को अनुदान िदया, के उपकरों के मा�म से वापस लौटाया गया, साथ ही क� द्र
और यह एक सम�ा थी �ोिं क इसके िलए अिधक िनरं तरता प्रायोिजत योजनाओं पर संघ के प�र�य म� तेज कटौती की गई।
वांिछत थी।
िव� आयोग की मह�ा
संभवतः उस प्रयास की सहायता से, RBI गवन�र ने एक
स्थायी िव� आयोग के िलए एक के स बनाया जो िक वत�मान िव� आयोग भारत की संवैधािनक संरचना का एक
प्रणाली के िवपरीत है, िजसम� इसे हर पांच साल म� पुनग�िठत मह�पूण� िह�ा ह�। वे िनरं तर नवीनीकरण के िलए अनुमित
िकया जाता है। दे ते ह� िक कै से भारत, संघीय प्र�ों के हल खोजता है।

अब जब GST लागू िकया जा चुका है तो यह आव�क िनयमों के एक िवशेष समूह के साथ एक स्थायी िव�
हो गया था जहां GST प�रषद, कर संग्रह म� सुधार की आयोग बनाना इस प्रयास म� बाधा बनेगा और भारत के संघीय
आव�कता पर �ान क� िद्रत कर सकती है औऱ िव� आयोग ढांचे को गंभीर �प से कमजोर करे गा। रा� इस चचा� को
अ� सुधारों का प्रबंधन कर सकता है। करीब से दे ख रहे ह�।

पहले से ही संघ ने संदभ� की शत� म� प�रवध�न के िववादा�द
सेट के मा�म से पंद्रहव� िव� आयोग पर अनुिचत प्रभाव डाला
है यािन िक कु छ रा�ो,ं िवशेष �प से दि�ण म�, यह भय बना
�आ है िक उ�� भुगतान का द� िदया जाएगा।

िव� आयोगों का स�ान िकया जाना चािहए, और असुिवधा
के �प म� नहीं दे खा जाना चािहए।

मु� परी�ा अ�ास प्र�

िवशेष �प से, GST के बाद के प�र�� म�, िव� आयोगों
के बीच िनरं तरता और प�रवत�न होना चािहए। चचा� कर� ।

(वीिडयो देखने के िलए QR कोड को �ै न कर� ) Page 15

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(वीिडयो दे खने के िलए उपरो� छिव पर ��क कर� ) आदश� आचार संिहता की आ�ापत्र

प्रासंिगकता संिहता का भाग VII "स�ा म� दल" को शािमल करते �ए
राजकोष की कीमत पर उन िव�ापनों को प्रितबंिधत करता है
GS2 || राज�वस्था || राजनीितक गितिविधयां || चुनाव तािक स�ा म� उस दल की संभावनाओं को आगे बढ़ाया जा सके ।

इसम� कहा गया है ... "राजनीितक समाचारों व प्रचारों के
प�पातपूण� कवरे ज के िलए चुनावी अविध के दौरान
आिधका�रक जन मीिडया का दु�पयोग स�ा म� दल की
संभावनाओं को आगे बढ़ाने के �ि�कोण के साथ उपल��यों
से बचा जायेगा।"

शीष�क

प्रधानमंत्री मोदी �ारा िमशन श�� भाषण तथा आदश� आचार
संिहता, िनवा�चन आयोग �ारा �ा िनण�य िलया गया?
समसामियक घटनाएँ - 2019

सुिख़�यों म� �ों ?

● िनवा�चन आयोग ने िन�ष� म� कहा िक एक एं टी-सैटेलाइट
िमसाइल के सफल परी�ण पर प्रधानमंत्री �ारा रा�� को
संबोधन ने आदश� आचार संिहता का उ�ंघन नहीं िकया।

िववाद

प्रधानमंत्री �ारा घोषणा: प्रधानमंत्री नर� द्र मोदी ने एकरा�� ीय िनवा�चन आयोग का िनण�य
�र पर प्रसा�रत मा�म �ारा एक प�रचालन उपग्रह को न�
कर भारत के �मता-प्रदश�न की घोषणा की। िनवा�चन आयोग �ारा गिठत पांच सद�ीय सिमित ने
िन�ष� िनकाला िक इस मामले म� संबंिधत प्रावधान को
िमशन श��: भारत ने इस जिटल �मता को प्रदिश�त प्रभािवत नहीं िकया गया था।
करने के िलए एक एं टी-सैटेलाइट िमसाइल �ारा अंत�र� म�
अपने एक उपग्रह को न� कर िदया, िजसके साथ ही प्रधानमंत्री समाचार एज�सी से फीड लेने के बाद इस सिमित ने
ने घोषणा की िक भारत के वल चौथा रा�� है िजसने इस तरह "आिधका�रक जन मीिडया यथा दू रदश�न और आकाशवाणी
के हिथयार का इ�ेमाल िकया है। का दु �पयोग" नही ं होने की बात कही, और 60 से अिधक
चैनलों ने भी ऐसा ही िकया, यह संिहता पत्र म� िनिहत है,
उ�ोनं े घोषणा की िक ऑपरे शन 'िमशन श��' की इसकी भावना म� नहीं है।
सफलता के बाद भारत ने �यं को वैि�क �र पर एक
अंत�र� श�� के �प म� स्थािपत िकया है, प्रधानमंत्री ने कहा �ा यह तक� मा� है?
िक यह िमसाइल अंत�र� म� 300 िकमी. दू र पृ�ी की िनचली
क�ा म� घूम रहे लाइव सैटेलाइट को न� िकया। इस िमसाइल र�ा अनुसंधान म� एक ऐितहािसक उपल�� के �प म�,
ने अपने प्र�ेपण के 30 िमनट के भीतर ही ऐसा िकया। यह उ� �र पर साव�जिनक घोषणा की यो�ता रखता है।

िवप�ी दलों ने प्रधानमंत्री पर स�ा�ढ़ भाजपा की एक इसके अित�र�, डी.आर.डी.ओ. ने इस उपल�� की
मह�पूण� उपल�� के �प म� एं टी-सैटेलाइट (ए-सैट/A-SAT) पहले �ा�ा करने दे ना इस उ�े � को पूरा कर दे ता।
िमसाइल परी�ण के प्रदश�न की दलाली कर आदश� संिहता
का उ�ंघन करने का आरोप लगाया। इस उपल�� हेतु शािमल एज�सी डी.आर.डी.ओ. �ारा
घोषणा न करने के बजाय प्रधानमंत्री �ारा �यं घोषणा करने
माकपा (सीपीआई (एम)) महासिचव सीताराम येचुरी ने से िदए गए प्रचार - प्रकृ ित से स�ा प� के "संभावनाओं को
औपचा�रक �प से िनवा�चन आयोग से इसकी िशकायत की थी। आगे बढ़ाना" पर संिहता का उ�ंघन होता है।

परी�ण के समय के साथ-साथ इसकी घोषणा के तरीके इसके अित�र�, एक िनजी एज�सी का उपयोग ऐसे
के बारे म� भी कई प्र� थे �ोिं क इस समय दे श म� िविभ� �ेत्रों
म� चुनाव आयोिजत है अथात� इस समय पूरा रा�� चुनावी
अवस्था म� िल� है।

घोषणाओं को �रकॉड� करने तथा साझा करने के अ�ास का

उ�े � आिधका�रक मीिडया के प्रयोग �ारा प्रचार न करके

दू सरे मा�मों से करना है। Page 16

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जैसा िक िवधाियक नीित वचन कहता है, जो प्र�� �प नोट्स
से नही ं िकया जा सकता है वह अप्र�� �प से भी
नही ं िकया जा सकता है।

इस प्रकार, िनवा�चन आयोग �ारा िदया गया िन�ष� एक
संकीण� तकनीकी �ि�कोण दशा�ता है �ोिं क यह एक पतली
रे खा है जो चुनावी लाभों के िलए इसका उपयोग करने से
बचाव-�मता की उ�-�रीय घोषणा करने के िवचार को
िवभािजत करती है।

अित�र� जानकारी

आदश� आचार संिहता (एम.सी.सी.)

एम.सी.सी. मु� �प से भाषणो,ं मतदान िदवस, मतदान
क� द्रो,ं िवभागो,ं चुनावी घोषणा-पत्रो,ं जुलूसों तथा सामा�
आचरण के संबंध म� चुनाव के दौरान राजनीितक दलों व
उ�ीदवारों के चुनाव के िलए भारतीय िनवा�चन आयोग �ारा
जारी िदशा िनद�शों का एक संग्रह है।

मानदं डों के ये संग्रह राजनीितक दलों की आम सहमित से
िवकिसत �ए ह� िज�ोनं े अपने पत्र व �भाव म� उ� कोड म�
िनिहत िस�ांतों का पालन करने की सहमित दी है।

�तंत्र व िन�� चुनाव सुिनि�त करने हेतु आयोग �ारा
चुनाव काय�क्रम की घोषणा के तुरं त बाद आदश� आचार
संिहता लागू हो जाती है।

इसका मु� उ�े � यह सुिनि�त करना है िक क� द्र व
रा�ों म� स�ाधारी दल अनुिचत बढ़त हािसल करने के िलए
अपने लाभपूण� �स्थित का दु �पयोग न कर� । यह उन प्रथाओं
के उ�ूलन हेतु बनाया गया है िज�� आदश� आचार संिहता के
अंतग�त भ्र� माना जाता है।

उदाहरणतः, राजनेताओं �ारा घृणा फै लाने वाले भाषण
नहीं दे ने चािहए, एक समुदाय को दू सरे के �खलाफ नहीं करना
चािहए या नई प�रयोजनाओं के बारे म� वादे नहीं करना चािहए
जो मतदाता को प्रभािवत कर सकते ह�।

मु� परी�ा हेतु अ�ास प्र�

भारतीय िनवा�चन आयोग, जो कभी उ�-िव�ास का
पात्र था, अब एक िव�सनीयता संकट का सामना कर रहा है।
िट�णी कर� ।

(वीिडयो देखने के िलए QR कोड को �ै न कर� ) Page 17

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आ��यों की घोषणा: दू सरे मामले म�, RTI आवेदक ने पूछा

िक �ा उ�तम �ायालय या उ� �ायालयों के �ायाधीशों

�ारा कभी भी संबंिधत CJI को संपि� की घोषणा की गई थी।

सुप्रीम कोट� के 1997 के प्र�ाव म� �ायाधीशों को अपने

�यं के नाम पर, उनके पित या उनके आिश्रत िकसी ���

के नाम पर CJI को घोिषत संपि� की घोषणा करने की

आव�कता है।

जानकारी से इनकार िकया गया था, लेिकन सीआईसी ने

(वीिडयो दे खने के िलए उपरो� छिव पर ��क कर� ) िनद� श िदया िक आवेदक �ारा मांगी गई जानकारी प्रदान की

प्रासंिगकता जाए।
CIC के आदे श को उ�तम �ायालय ने िद�ी उ�

GS2 || राजस�ा || �ायपािलका || सुप्रीम कोट� �ायालय म� चुनौती दी थी, िजसम� कहा गया था िक संपि�
की घोषणा की सामग्री को RTI अिधिनयम की धारा 8 (1) (J)

शीष�क के तहत ���गत जानकारी के �प म� माना जाता है,
लेिकन चंूिक आवेदक के वल यह जानना चाहता था िक �ा

�ा SC के �ायाधीशों को RTI के दायरे म� होना चािहए? 1997 के प्र�ाव का अनुपालन िकया गया था, इसिलए मांगी
सूचना का अिधकार बनाम िनजता का अिधकार गई जानकारी प्रदान की जानी चािहए।

सुिख़�यों म� �ों ? इस फै सले को बाद म� मु� लोक सूचना अिधकारी ने
उ�तम �ायालय के सम� चुनौती दी थी।

सुप्रीम कोट� की एक संिवधान पीठ ने सूचना का अिधकार िनण�य पर प्रभाव: एक मीिडया �रपोट� का हवाला दे ते �ए,
अिधिनयम (RTI), 2005 के तहत आ�खरकार एक मह�पूण� उ�तम �ायालय के साथ एक RTI आवेदन दायर िकया गया
अपील (नौ साल से लंिबत) की सुनवाई समा� कर दी है। था िजसम� त�ालीन सीजेआई और मद्रास उ� �ायालय के
�ायाधीश के बीच पत्राचार की प्रितयां मांगी गई थी,ं जो क� द्रीय

RTI मामलों पर सवाल मंत्री के उ� उ� �ायालय के �ाियक िनण�यों को प्रभािवत
करने के प्रयास के संबंध म� थी।ं

�ायाधीशों की िनयु��: एक RTI आवेदक ने 2009 म� आवेदक ने संबंिधत क� द्रीय मंत्री के नाम के बारे म� भी
सुप्रीम कोट� म� एक अनुरोध दायर िकया था िजसम� भारत के जानकारी मांगी।
मु� �ायाधीश (CJI) और अ� संबंिधत संवैधािनक
अिधका�रयों के बीच होने वाले स�ूण� पत्राचार की फाइिलंग CIC ने अपने आदे श म�, साव�जिनक सूचना अिधकारी के
के साथ उसकी एक कॉपी मांगी गई थ, जो िन�िल�खत से उस फै सले को पलट िदया, िजसम� मांगी गई जानकारी से
संबंिधत थी - इनकार िकया गया था।

�ायमूित� ए.पी. शाह, �ायमूित� ए. के . पटनायक और िद�ी उ� �ायालय को दरिकनार करते �ए, सुप्रीम
�ायमूित� वी.के . गु�ा की व�र�ता को नज़रअंदाज़ करते �ए कोट� के साव�जिनक सूचना अिधकारी ने सीधे SC के सम�
�ायमूित� एच. एल. द�ू, �ायमूित� ए. के . गांगुली और �ायमूित� एक यािचका दायर की िजसम� CIC �ारा सूचना का खुलासा
आर.एम. लोढ़ा की सुप्रीम कोट� के �ायाधीशों के �प म� िनयु�� । करने के आदे श को चुनौती दी गई थी।

मांगी गई सूचना को अ�ीकार कर िदया गया था।. मौजूदा मामला
जब क� द्रीय सूचना आयोग (CIC) ने िनद� श िदया िक सूचना
प्रदान की जाए, तो शीष� अदालत के सूचना अिधकारी ने इस सुप्रीम कोट� ने अपने आदे श म�, �ायाधीशों की िनयु�� के
आदे श के �खलाफ सीधे सुप्रीम कोट� म� अपील की।

बारे म� CJI और अ� संवैधािनक अिधका�रयों के बीच पत्राचार

से संबंिधत मामले की सुनवाई करते �ए मामले के साथ अ�

दो मामलों को िमला िदया।

शीष� अदालत के आदे श म� कहा गया था िक एक बड़ी ब�च

के िवचार की आव�कता थी �ोिं क गंभीर संवैधािनक मु�े

दांव पर थे, िजनम� �ायपािलका की �तंत्रता और भाषण और

अिभ��� की �तंत्रता के िलए नाग�रकों के मौिलक

संवैधािनक अिधकार को संतुिलत करने की आव�कता

शािमल थी।

इस मामले म� उठाए गए तीन मह�पूण� प्र�ों म� से एक

यह है िक �ा �ायाधीशों को धारा 8 (1) (J) के प्रकाश म�

RTI अिधिनयम के तहत साव�जिनक �प से अपनी संपि� का

A STUDY IQ Inखitुलiाaसtा कivरeने की आव�कता है। Page 18

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यह प्रावधान ���गत जानकारी को साझा करने पर रोक नोट्स
लगाता है, िजसम� साव�जिनक गितिविध के िलए कोई सांठगांठ
नहीं है या जो गोपनीयता के अनुिचत आक्रमण के िलए पया��
मात्रा म� है, जब तक िक बड़े साव�जिनक िहत इस तरह के
प्रकटीकरण को सही नहीं ठहराते।

अित�र� जानकारी

क� द्रीय सूचना आयोग (CIC)

क� द्रीय सूचना आयोग का गठन सूचना के अिधकार
अिधिनयम, 2005 के तहत िकया गया है।

आयोग का अिधकार �ेत्र सभी क� द्रीय साव�जिनक
प्रािधकरणों पर है।

आयोग के पास कु छ श��यां और काय� ह� जो मोटे तौर
पर िन�िल�खत से संबंिधत ह� -

सूचना दे ने के िलए दू सरी अपील म� िनण�य;
�रकॉड� रखने के िनद� श,
सुओ मोटो खुलासे
RTI आिद दज� करने म� असमथ�ता पर एक िशकायत
प्रा� करना और पूछताछ करना;
दं ड और िनगरानी और �रपोिट�ग का आरोपण, एक वािष�क
�रपोट� तैयार करने सिहत।
आयोग के िनण�य अंितम और बा�कारी ह�।

मु� परी�ा अ�ास प्र�

�ायपािलका के कामकाज के बारे म� हाल ही म� लगाए
गए आरोपों के साथ, RTI अिधिनयम एक मा�र उपकरण
के �प म� काम करे गा, िजससे �ाय िवतरण तंत्र राजनीितक
दबाव के प्रित अिधक प्रितर�ा और लोगों के प्रित जवाबदे ह
होगा। िट�णी कर� ।

(वीिडयो देखने के िलए QR कोड को �ै न कर� ) Page 19

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(वीिडयो दे खने के िलए उपरो� छिव पर ��क कर� ) िव�ोट

प्रासंिगकता 29 िसतंबर 2008 को पि�मी भारत म� बम िव�ोट, भारत
के गुजरात और महारा�� रा�ों म� तीन बम िव�ोट �ए और
GS2 || राजनीित || राजनीितक गितशीलता || चुनाव 10 लोग मारे गए और 80 लोग घायल हो गए। महारा�� के
मालेगांव म� दो बम िव�ोट �ए, िजसम� नौ लोगों की मौत हो
शीष�क गई, जबिक गुजरात के मोडासा म� एक और िव�ोट �आ
िजसम� एक ��� की मौत �ई।
सा�ी प्र�ा ठाकु र का नवीनतम िववाद
महारा�� म� जांच के दौरान, िव�ोटों म� मु��म समूह या
सुिख़�यों म� �ों ? समूहों की संिल�ता का पता लगाने के िलए किथत सबूत
बनाए गए थे।
26/11 के नायक हेमंत करकरे पर अपने "अिभशाप" की िगर�ार तीनों की पहचान सा�ी प्र�ा के �प म� �ई
िट�णी पर, भाजपा नेता प्र�ा िसंह ठाकु र ने माफी मांगी और िसंह ठाकु र।
कहा िक वह "अपने श�ों को वापस ले रही ह�"। उ�ोनं े कहा
िक हेमंत करकरे आतंकवािदयों �ारा मारे गए और िनि�त ATS की जांच
�प से शहीद ह�।
ATS की जांच म� आरोिपयों �ारा रची गई सािजश, किथत
अपमानजनक िट�णी तौर पर िजहादी हमलों के प्रितशोध म� अंजाम दी गई।

प्र�ा ठाकु र ने एक प्रेस कॉन्फ्�रस म� कहा, "म�ने उनसे कहा मालगाओं 2008- 29 िसतंबर,2008, 4 मृत, 79 घायल
था िक तुम ख� हो जाओगे, और दो महीने से भी कम समय अटैक: शकील गुड्स ट� ांसपोट� कं पनी के िवपरीत �आ
म� उ�� आतंकवािदयों ने मार िदया।" �ा�, LML फ्रीडम मोटरसाइिकल के कारण िजसम� िव�ोटक
छु पा �आ था।
"जांच दल ने हेमंत करकरे को बुलाया और कहा िक अगर
आपके पास सबूत नहीं ह�, तो उसे जाने द� । उ�ोनं े कहा िक चुनाव
म� उसके �खलाफ सबूत हािसल करने के िलए कु छ भी क�ं गा।
म� उसे जाने नहीं दूं गा। यह उसकी नफरत (कु िटलता) थी। सा�ी प्र�ा का चुनाव भाजपा �ारा अपने मूल िहंदु� के
वह रा�� -िवरोधी था। वह धम� िव�ध (धम�-िवरोधी) था। आप आधार को एक ऐसे ��� को समथ�न दे ने का प्रयास है,
िव�ास नही ं कर� गे, लेिकन म�ने कहा, 'तेरा सव�नाश होगा'। िजसे भाजपा मानती है िक वह कांग्रेस के नेतृ� वाले UPA
की सािजश "िहंदू आतंक की कथा" का िशकार है।
सा�ी प्र�ा ठाकु र का हेमंत
करकरे से कने�न हमारा मानना है िक सा�ी प्र�ा ठाकु र मिहलाओं की
लड़ाई की भावना का प्रितिनिध� करती ह�। वह झूठे आरोपों
हेमंत करकरे की अगुवाई म� ATS की जांच के बाद िव�ोट के तहत अकथनीय अ�ाचार और यातना के �खलाफ लड़ाई
के एक महीने के अंदर 23 अ�ू बर, 2008 को मालेगांव 2008 का भी प्रितिनिध� करती है। म� प्रदेश के भाजपा के रा�� ीय
�ा� मामले म� प्र�ा िसंह ठाकु र की पहली िगर�ारी �ई थी। उपा�� िवनय सहस्रबु�े ने कहा िक वे वोट ब�क की राजनीित
के �खलाफ हमारी लड़ाई का प्रितिनिध� करती ह�।

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�ा वो चुनाव लड़ सकती ह�? अित�र� संदभ�

जनप्रितिनिध� अिधिनयम 1951 की धारा 8 (3) के https://www.thehindu.com/elections/lok-sabha-
अनुसार, यिद िकसी ��� को िकसी अपराध का दोषी 2019/he-died-for-treating-me-badly-pragya-singh-
ठहराया जाता है और उसे दो वष� या अिधक के कारावास की thakur-says-about-2611-martyr-hemant-karkare/
सजा सुनाई जाती है, तो वह चुनाव लड़ने से अयो� हो जाएगा। article26887877.ece
सा�ी प्र�ा को िकसी भी अदालत ने दोषी नही ं ठहराया है
और यह उ�� चुनाव लड़ने के यो� बनाता है। मु� परी�ा अ�ास प्र�

िव�ेषण �ा चुनाव लड़ने के िलए सा�ी प्र�ा को िटकट दे ना सही
है? िट�णी कर� ।
आतंकवाद के प्रकार मौजूद नहीं ह�।
हम� अपने शहीदों का स�ान करना चािहए। (वीिडयो देखने के िलए QR कोड को �ै न कर� )
कोट� का फै सला अंितम है

अित�र� संदभ�

https://www.thehindu.com/elections/lok-sabha-
2019/he-died-for-treating-me-badly-pragya-singh-
thakur-says-about-2611-martyr-hemant-karkare/
article26887877.ece

नोट्स

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(वीिडयो दे खने के िलए उपरो� छिव पर ��क कर� ) ● आवेदन एवं यािचकाएँ : यह िनण�य एन.जी.ओ. प��क
इं टरे � फाउं डेशन, पूव� मु� िनवा�चन आयु� जे.एम.
प्रासंिगकता िलंगदोह, िद�ी बीजेपी नेता एवं वकील अि�नी कु मार
उपा�ाय तथा अ� �ारा दायर यािचकाओं एवं आवेदनों पर
GS2 || राजस�ा || राजनीितक गितशीलता || चुनाव गिठत एक पीठ �ारा आया, जो भारतीय िनवा�चन आयोग को
िनद� श दे ने की मांग करते थे िक उन उ�ीदवारों को िनवा�चन
शीष�क से अयो� घोिषत कर� जो आपरािधक मामलों म� आरोिपत ह�।

दागी अ�िथ�यों पर सव�� �ायालय का िनण�य तथा भारतीय िसफा�रश�
राजनीित का वैधीकरण
रा� की �ाियक शाखा संिवधान के अंितम म�स्थ होने
सुिख़�यों म� �ों ? के कत�� से बािधत है और संवैधािनक लोकाचार का र�क
उस श�� को प्रा� नहीं कर सकता है जो उसके अधीन
● सा�ी प्र�ा िसंह ठाकु र, जो भोपाल लोकसभा �ेत्र म� नहीं है।
कांग्रेस के िद��जय िसंह के िव�� भाजपा की उ�ीदवार
होगं ी, को वष� 2008 के मालेगांव िव�ोट मामले म� आरोप-पत्र परं तु, संसद को एक मजबूत कानून लाना चािहए िजससे –
म� शािमल िकया गया था और वत�मान म� वे जमानत पर ह�। राजनीितक दलों को ऐसे ���यों की सद�ता र� करना
िनवा�चन पर कानूनी रोक के वल उ�ीं ���यों पर लागू होती अिनवाय� है िजनके �खलाफ जघ� एवं गंभीर अपराधों म�
है िज�� �ायालय �ारा दोषी ठहराया है। आरोप तय िकए गए ह�, तथा
संसद अथवा रा� िवधानसभाओं दोनों के िलए आयोिजत
िसतंबर 2018 िनण�य िनवा�चन हेतु इस प्रकार के कृ � म� शािमल ���यों के
िनवा�चन को र� कर दे ना चािहए।
िसतंबर 2018 म�, सुप्रीम �ायालय की पांच-�ायाधीशों इस संदभ� म� �ायालय ने आगे कहा िक यह राजनीित के
की संिवधान पीठ ने कहा िक आपरािधक मामलों का सामना अपराधीकरण तथा ��, बेदाग, िन�लंक एवं सदाचारी
करने वाले राजनेताओं को िनवा�चन से अयो� ठहराना उनके छिव संवैधािनक लोकतंत्र के युग म� प्रवेश करने के िलए एक
श��यों के अधीन नहीं है। लंबा सफर तय करे गा।

भारत के त�ालीन मु� �ायाधीश दीपक िमश्रा की आगे की राह
अ��ता वाली पीठ ने इस संदभ� म� कहा, “हालांिक राजनीित
म� अपराधीकरण एक कड़वा �� स� है, जो लोकतंत्र के संसद �ारा यह सुिनि�ता प्रदान करने हेतु एक कानून
गढ़ हेतु दीमक के समान है, �ोिं क यह हो सकता है िक बनाना चािहए िजसके प�रणाम��प गंभीर आपरािधक
�ायालय इसके िलए कानून नहीं बना सकती है।” (प��क मामलों का सामना करने वाले ��� राजनीितक धारा म�
इं टरे � फाउं डेशन व अ� बनाम भारत संघ व अ�, 25 प्रवेश न कर सक� ।
िसतंबर, 2018)
आरोिपयों को बेगुनाही के अंतग�त शािमल कर लेना एक
पृ�भूिम बात है, परं तु यह भी उतना ही आव�क है िक िनवा�िचत
��� जन जीवन म� प्रवेश करते ह� और कानून के िनमा�ण
म� भाग लेते ह�, वे िकसी भी तरह के गंभीर आपरािधक
आरोप म� िल� नहीं होने चािहए।

यह सही है िक भावी उ�ीदवारों पर झूठे मुकदमे भी
आरोिपत िकये जाते ह�, परं तु उ�� संसद �ारा उिचत कानून
के मा�म से संबोिधत िकया जा सकता है।

रा�� को इस तरह के कानून का बेसब्री से इं तजार है �ोिं क
समाज को उिचत संवैधािनक शासन �ारा संचािलत होने की
अपे�ा है।

मु� परी�ा हेतु अ�ास प्र�

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राजनीित का अपराधीकरण एक ऐसी �ािध है जो (वीिडयो देखने के िलए QR कोड को �ै न कर� )
अिनयंित्रत रहने पर हमारे लोकतंत्र को खोखला कर दे गी।
राजनीित के अपराधीकरण हेतु लागू िकए गए उपायों तथा
उन उपायों की प्रभावशीलता की चचा� कर� ।

नोट्स

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शासन और सामािजक �ाय

(वीिडयो दे खने के िलए उपरो� छिव पर ��क कर� ) िनवेश: संयु� रा�� की एक �ेत्रीय शाखा UNESCAP
ने �रपोट� म� कहा है िक इस �ेत्र को $ 1.5 िट� िलयन के
प्रासंिगकता अित�र� वािष�क िनवेश की आव�कता है जो िक 2030
तक SDGs प्रा� करने के िलए प्रित ��� एक डॉलर प्रित
GS2 || शासन और सामािजक �ाय || मानव िवकास || िदन के बराबर होगी।
िवकास की अवधारणा
�रपोट� म� यह भी कहा गया है िक यह खच� कई दे शों की
शीष�क प�ंच के भीतर है, िजनम� राजकोषीय स्थान और िनजी िनवेश
का लाभ उठाने की �मता है।
UNESCAP, सतत िवकास ल�ों और भारत �ारा सव��ण
2019: मह�ाकां�ाओं से परे िवकास �रपोट� उपाय

सुिख़�यों म� �ों ? नई �रपोट� म� तक� िदया गया है िक हर कीमत पर जीडीपी
वृ�� को प्राथिमकता दे ने का पुराना प्रितमान रखना न तो
हाल ही म� एक �रपोट�, सव��ण 2019: मह�ाकां�ाओं संभव है और न ही वांछनीय।
से परे िवकास, एिशया और प्रशांत �ेत्र (UNESCAP)
के िलए संयु� रा�� आिथ�क और सामािजक आयोग �ारा संतुिलत िनवेश पैके ज: इसके बजाय, UNESCAP,
प्रकािशत िकया गया था। एिशया-प्रशांत िवकासशील देशों के 2018 के संयु� सकल
घरे लू उ�ाद के 5% के बराबर, एक िनवेश पैके ज प्र�ािवत
SDGs करता है, िजसम� िन� शािमल ह�:

संयु� रा�� गरीबी को समा� करने, ग्रह की र�ा करने बुिनयादी मानव अिधकारों का समथ�न करने और मानव
और सभी लोगों को शांित और समृ�� का आनंद लेने के �मताओं को िवकिसत करने के िलए $ 669 िबिलयन
िलए कार� वाई करने के िलए एक साव�भौिमक आ�ान के �प
म� 17 SDG को प�रभािषत करता है। सभी के िलए �� ऊजा� प्रा� करने और प्रकृ ित के साथ
स�ाव म� रहने के िलए $ 590 िबिलयन
इनम� "गरीबी नही"ं , "शू� भूख", "अ�ा �ा� और
क�ाण", "गुणव�ा िश�ा" और "िलंग समानता" जैसे ल� प�रवहन, सूचना और संचार प्रौ�ोिगकी (ICT), और पानी
शािमल ह�। और ��ता म� सुधार के िलए $ 196 िबिलयन।

�रपोट� की िवशेषताएं इस िनवेश अंतर को बंद करना कई दे शों के िलए प�ंच के
भीतर है, लेिकन यह अंतर उन दे शों म� सबसे अिधक है जो
सरोकार: बढ़ती िव�ीय अ�स्थरता, घरे लू ऋण, गैर- इसे संकीण� करने के िलए कम से कम खच� कर सकते ह�।
िन�ािदत प�रसंपि�यां और �ापार यु�, िवकास म� जो�खम
को बढ़ा सकते ह�, जो गरीबी उ�ूलन काय�क्रमों को और ब�प�ीय िव�पोषण तंत्र: उ�र-दि�ण, दि�ण-दि�ण
नुकसान प�ंचाएगा। और ित्रकोणीय सहयोग के साथ-साथ मजबूत ब�प�ीय
िव�पोषण तंत्र स्थायी िवकास की गित को तेज करने के िलए
�रपोट� के अनुसार - घरे लू और कॉप�रे ट ऋणों म� वृ�� आव�क होगा।
�ई है - मलेिशया, थाईल�ड और को�रया गणरा� म� घरे लू
ऋण बढ़ रहे ह�; और चीन ने तेज़ी से कॉप�रे ट ऋणों का ग्रीन बॉ� और नए िनवेशक वग� को बढ़ावा दे ने जैसे नए
िव�ार िकया है। िव�ीय साधन िवकासशील एिशया-प्रशांत �ेत्र म� िनजी िव�ीय
�ेत्र �ारा प्रबंिधत संपि� म� बड़े पैमाने पर $ 51 िट� िलयन का
गैर-ब�क ऑनलाइन उपभो�ा ऋण के उ�व ने भी बंधक लाभ उठाने म� मदद कर सकते ह�।
ऋण की तुलना म� उ� िडफ़ॉ� दरों के साथ नए जो�खम
उ�� िकए ह�। कर राज�: इसके अलावा, िनवेश द�ता म� सुधार करते
�ए इस �ेत्र म� कर राज� बढ़ाने की काफी संभावनाएं ह�।

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िश�ा पर िट�णी अित�र� जानकारी

एिशया-प्रशांत �ेत्र म� िपछले कई दशकों म� िश�ा की UNESCAP
प�ंच और औसत �ू ली िश�ा म� काफी वृ�� �ई है, लेिकन
गुणव�ा एक मु�ा बना �आ है। यूनाइटेड नेशंस इकोनॉिमक एं ड सोशल किमशन फ़ॉर
एिशया एं ड पेरे िफ़क (ESCAP), एिशया-प्रशांत �ेत्र के िलए
वत�मान म� भी, �ेत्र के 92 िमिलयन ब�े प्राथिमक िव�ालय संयु� रा�� की �ेत्रीय िवकास शाखा है।
(िव� ब�क, 2018) को पूरा करने के बाद भी बुिनयादी सा�रता
और सं�ा�क कौशल प्रा� करने म� िवफल रहते ह�। इसकी स्थापना 1947 म� ब�काक, थाईल�ड म� �ई थी और
इसका मु�ालय भी वहीं है।
�रपोट� म� कहा गया है िक िश�ा की गुणव�ा और
प�रणामों पर अिधक जोर देने के मा�म से मह�पूण� मूल संगठन: UN ECOSOC
बचत हािसल की जा सकती है। भारत UNESCAP का संस्थापक सद� है।

मु� परी�ा अ�ास प्र�

यह 2014 म� यूने�ो के अनुमानों का हवाला दे ता है िक "आिथ�क िवकास पर ब�त अिधक �ान दे ने से अ�स्थर
िव� �र पर, �ू ली िश�ा के वष� और बुिनयादी कौशल के िवकास होगा, और भिव� के िवकास को जो�खम म�
अिधग्रहण का क्रम नदारद होने के कारण, सालाना 129 डाल दे गा।" UNESCAP �ारा जारी सव��ण 2019:
िबिलयन डॉलर बबा�द हो गए थे। मह�ाकां�ाओं से परे िवकास �रपोट� के प्रकाश म� िव�ेषण
कर� ।
एक द�ता सीमा �ि�कोण का उपयोग करते �ए, एिशया
-प्रशांत िवकासशील देशों म� िश�ा के प्रदश�न पर समझौता (वीिडयो देखने के िलए QR कोड को �ै न कर� )
िकए िबना द�ता लाभ के मा�म से औसतन 30% से अिधक
की बचत हो सकती है। नोट्स

िश�ण गुणव�ा और िश�क प्रिश�ण को मजबूत करना
बेहतर शैि�क प�रणाम प्रा� करने के िलए मह�पूण� है।

भारत

बढ़ते NPA: �रपोट� म� भारत की बढ़ती गैर-िन�ािदत Page 25
प�रसंपि� के बारे म� भी िचंता �� की गई है जो एसडीजी
प्रा� करने के िलए दे श के प्रयासों को संभािवत �प से
प्रभािवत कर सकती है।

गरीबी: सी रं गराजन सिमित की �रपोट� के अनुसार, भारत
म� लगभग 363 िमिलयन लोग गरीबी म� रहते ह�।

भारत को अपने सकल घरे लू उ�ाद का लगभग 10
प्रितशत खच� करने की आव�कता है, जबिक एिशया-प्रशांत
के बाकी दे शों को SDG प्रा� करने के िलए अपने सकल
घरे लू उ�ाद का के वल 5 प्रितशत खच� करने की आव�कता है।

भारत को गरीबी हटाने के िलए प्रित ��� प्रित िदन
लगभग $ 2 (� .140) खच� करने की आव�कता है,
जबिक एिशया-प्रशांत के बाकी दे शों को सतत िवकास
ल�ों (SDG) को प्रा� करने के िलए 2030 तक प्रित ���
लगभग $ 1 प्रित िदन खच� करना होगा।

रोजगार सृजन: यूने�ो �रपोट� म� कहा गया है िक
िवमुद्रीकरण और गुड्स एं ड सिव�सेज टै� के आिथ�क झटकों
से भारत की वृ�� दर भिव� म� गरीबों की मदद कर सकती है।

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(वीिडयो दे खने के िलए उपरो� छिव पर ��क कर� ) वत�मान आंकड़ों से पता चलता है िक पुिलस म� अिधकांश
मिहलाएं िनचले �र पर क� िद्रत ह�; इसे बदलने के िलए प्रयास
प्रासंिगकता िकए जाने चािहए।
ल�िगक समानता - मिहलाओं को दरिकनार करने की
GS2 || शासन और सामािजक �ाय || कमजोर वग� || मानिसकता है, या उ��
मिहलाओं पुिलस म� ऐसे काम िदए जाते ह� िजसम� शारी�रक �प से
�ादा काम नहीं करना होता है .
शीष�क
उ�� के वल डे� �ूटी तक सीिमत िकया जा रहा है, या
पुिलस म� मिहलाओं के िलए आदश� नीित, पुिलस बल म� के वल मिहलाओं के �खलाफ अपराधों पर काम करने के िलए
िपतृस�ा को समा� करने के िलए कदम िदए जाते ह�।

सुिख़�यों म� �ों ? इस प्रकार मॉडल नीित को यह सुिनि�त करने का प्रयास
करना चािहए िक मिहलाओं की तैनाती पर िनण�य ल�िगक
पुिलस म� मिहलाओं की बढ़ती सं�ा के साथ, पुिलस म� �िढ़यों से मु� हो।ं
मिहलाओं के िलए ठोस नीित की आव�कता बढ़ रही है।
यह अग्रणी प�रचालन �स्थितयों म� मिहलाओं की उप�स्थित
आव�कता �ों है? और भागीदारी को सुिवधाजनक बनाने के िलए आव�क है।

भारत म� पुिलस म� लगभग 7% मिहलाएं ह�। मिहला पुिलस अिधका�रयों को साव�जिनक आदे श और
कई रा�ों और क� द्रशािसत प्रदे शों म� िविश� र� क म� सभी प्रकार के खोजी अपराधों पर कार� वाई करने के िलए
मिहलाओं के िलए 30% (और अिधक) आर�ण प्रदान करा प्रो�ािहत िकया जाना चािहए।
जा रहा है, िजसके बाद यह िह�ा बढ़ने की उ�ीद है
हालांिक, एक भी रा� पुिलस िवभाग ने इसके िलए एक डे� वक� भी पु�षों और मिहलाओं के बीच समान �प
िविश� नीित का मसौदा तैयार करने का प्रयास नहीं िकया है। से आवंिटत िकया जाना चािहए।
नीित िनधा�रण की आव�कता पर िवचार िकए िबना
िलंग िविवधता बढ़ाने के िलए आर�ण को अपनाने से ब�त सपोट� िस�म - मिहलाओं पर प�रवार और
कम सहायता िमलेगी। चाइ�कै अर िज�ेदा�रयों का एक बड़ा बोझ होता है
इसिलए, एक मॉडल नीित की आव�कता है
िशकायत सिमित - पुिलस िवभाग को मिहलाओं के िलए
इस नीित म� �ा शािमल होना चािहए? सुरि�त काय� स्थान सुिनि�त करना चािहए और भेदभाव और
उ�ीड़न के प्रित शू�-सिह�ुता की नीित अपनानी चािहए।
सं�ा बढ़ाना - मिहलाओं के िलए एक �रीय खेल मैदान
सुिनि�त करने के िलए मिहला पुिलस की सं�ा बढ़ाना एक िवभागों को काय�स्थल पर मिहलाओं के यौन उ�ीड़न
पहला कदम है। (रोकथाम, िनषेध और िनवारण) अिधिनयम 2013 का संचालन
करना चािहए।
आर�ण प्रदान करने के अलावा, पुिलस िवभागों को
समयब� तरीके से 30% या उससे अिधक के ल� को काय�स्थल पर यौन उ�ीड़न को रोकने के िलए आंत�रक
प्रा� करने के िलए एक काय� योजना िवकिसत करनी चािहए। िशकायत सिमितयों के गठन के िलए िवभाग कानूनी �प से
बा� ह�।
यह उन रा�ों पर भी लागू होता है िज�ोनं े अभी तक
कोटा प्रदान नहीं िकया है। अित�र� संदभ�

भौगोिलक िविवधता सुिनि�त करने के िलए िवभागों को https://www.thehindu.com/opinion/
हर िजले म� िवशेष भत� अिभयान भी चलाने चािहए। op-ed/a-model-policy-for-women-in-the-p
olice/article26524978.ece
पुिलस को मीिडया और शै�िणक संस्थानों तक भी प�ंचना
चािहए तािक पुिलस म� मिहलाओं के िलए अवसरों के बारे म� मु� अ�ास प्र�
जाग�कता फै लाई जा सके ।
पुिलस बल म� िपतृस�ा को समा� करने के िलए �ा
कदम उठाए गए ह�?

(वीिडयो देखने के िलए QR कोड को �ै न कर� )

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(वीिडयो दे खने के िलए उपरो� छिव पर ��क कर� ) यू.एस. प्रणाली

प्रासंिगकता यू.एस. गरीबों तथा बुजुग� को �रयायती �ा� देखभाल
तक ही सीिमत है, गुणव�ा हेतु कठोर �प से िनयंित्रत िकया
GS 2 || शासन और सामािजक �ाय || मानव िवकास || जाता है और तकनीकी नवाचार को प्रो�ािहत करने हेतु लाभ
�ा� की सामान िव�ीय प्रो�ाहन की अनुमित प्रदान करता है।

शीष�क एक िन�ष� के �प म�, �ा� पर अपने जीडीपी का 18
प्रितशत �य वहन के बावजूद इसकी 20 लाख से अिधक
क� डीडा ऑ�रस : ड� � के प्रित कवक प्रितर�ा गु� �प से आबादी �ा� सुलभता से वंिचत है।
दुिनया भर म� फै ल रही है
यूरोपीय प्रणाली
सुिख़�यों म� �ों ?
वहीँ दू सरी ओर यूके और यूरोप, सामूिहक उ�रदािय�
भारत की �ा� प्रणाली की कहानी आगामी चुनावों म� के िस�ांत का पालन करते ह� जो प्र�ेक ��� के �ा�
एक नित प�रवत�न िबंदु होने जा रहा है - िकतना स�ा, और सेहत के िलए िनिहत अिधकार सुिनि�त करता है,
िकतना सुलभ, िकतना सम�प? िजससे रा� को िव�ीय एवं िनयामक प्रणािलयों का िवकास
िकया जाता है जो सभी ���यों को �ा� सेवाओं और
िविभ� �ि�कोण उ�ादों तक समान प�ंच की गारं टी दे ती है।

य�िप अभी भी �ा� एक राजनीितक प्राथिमकता ये दे श अमे�रका के अपे�ाकृ त बेहतर प�रणामों के साथ
नहीं है, परं तु भिव� की �ा� नीित के दो �ि�कोण �� �ा� पर जीडीपी का औसतन 10 फीसदी �य वहन करते ह�।
�प से उभर रहे ह�।
समानता बनाम �तंत्रता
एक, भाजपा �ारा समथ�न प्रा�- एक क� द्रीयकृ त
अ�ताल बीमा-आधा�रत �ा� प्रणाली िजसे यू.एस. के जब भारत ने िब्रिटशों से �तंत्रता प्रा� की, तो हम
िचिक�ा सहायता प्रणाली पर तैयार िकया गया है। समानता के यूरोपीय मू�ों से प्रे�रत थे, जो एक उ� �रीकृ त
सामािजक �वस्था पर थोपा गया था।
दू सरा, कांग्रेस �ारा, यू.के . तथा यूरोपीय प्रणाली के समान
आव�क �ा� सेवाओं का हर नाग�रक तक प�ंच के साथ सकारा�क कार� वाई को लागू करने म� कु छ सफलताएं
गारं टी दे ने का आवा�। िमली ह�।

यह दोनों �ि�कोण �ापक �प से िभ� ह� तथा �ा� इन वष� म�, हालांिक, आिथ�क एवं सामािजक प्रणाली
प्रणाली के तीन �ंभों को प्रभािवत करते ह� - सुलभता, सामािजक समानता के अित�र� ���गत �तंत्रता के
गुणव�ा और साम��ता। मू�ों के साथ अिधक चलन म� थे।

िचंताऐं भारत म� �ा� मानकों म� िगरावट

भारत की कमजोर आिथ�क प्रणाली तथा इसके �ारा कई असमानताएं इस हद तक फ़ै ल गई ह� िक नवीनतम
मांगों को दे खते �ए, भारत की दू सरी सबसे तेजी से बढ़ती आंकड़ों से �ात होता है िक भारत की 1 प्रितशत आबादी को
अथ��वस्था होने के अित�र�, �स्थरता एक बड़ी िचंता होगी। 70 प्रितशत धन का आनंद प्रा� है।

भाजपा तथा कांग्रेस प्रा� दो िवचार धाराएं , दो सामािजक जबिक एक भारतीय िव� के 10 सबसे धनी लोगों म�
मू� प्रणािलयों म� सि�िहत और दशा�ते ह�; शािमल है, हम िव� के सबसे गरीब लोगों म� भी शािमल ह�,
36 प्रितशत से अिधक ब�े िचरकारी कु पोषण के कारणवश
अमे�रका म�, यह ���गत �तंत्रता तथा ���गत मारे गए, खुले म� शौच करने वाली आधी आबादी शािमल और
िज�ेदारी है। लगभग तीन-चौथाई आबादी िबना नल के पानी से वंिचत है।

वहीँ यूरोप तथा जापान जैसे देश सामािजक िज�ेदारी भारत म� बीमारी का बढ़ता बोझ है, लेिकन आव�क एवं
एवं रा� जवाबदेही के िवचारों से प्रे�रत ह�। बुिनयादी सामािजक व�ुओं के इस तरह के अभाव �ेत्रो,ं
जाितयो,ं िलंग और उम्र म� �ापक असमानताओं का प्रितिबंब है।
िचंताऐं
स्थायी �स्थ �ॉकों के िनमा�ण
म� चुनौितयां

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�ा� प्रणाली �ॉकों के वृ��शील और �व�स्थत भवन नोट्स
के �खलाफ ढे र, िजस प्रकार थाईल�ड या तुक� ने िकया,
�ा� उ�ोग के श��शाली िनकाय ह� जो अ�ताल
बीमा काय�क्रम के संकीण� एज�डा का समथ�न करते ह�।

इन िनकायों को अमे�रका अव�स्थत संस्थाए और दानदाता,
िव� ब�क, सीआईआई, एफआईसीसीआई, �ा� बीमा
संबंधी िचिक�ा संघ एवं कं पिनयां, डेटा एकत्रीकरण आईटी,
िचिक�ा उपकरण आिद का समथ�न प्रा� है।

यह साव�जिनक �ा� �ि�कोण जो प्र�ेक नाग�रक के
अिधकारों के �प म� �ापक प्राथिमक देखभाल को
प्राथिमकता प्रदान करने पर क� िद्रत है, �� �प से �� है
तथा इसे लोगों �ारा आंदोलनों और भागीदारी की आव�कता है।

यह सकल घरे लू उ�ाद के 1.1 प्रितशत के अ� संसाधनों
के समान मह�पूण� है, िवक� बनाए जा रहे ह�।

िन�ष�

कोई भी ��� यह तक� नहीं दे गा िक अ�ताल बीमा
एक गलत नीित है और के वल प्राथिमक देखभाल पर �ान
क� िद्रत होना चािहए।

पर�ु प्राथिमक दे खभाल के नीवं के िबना अ�तालों पर
लटकी एक प्रणाली आपदा के िलए एक िनि�त प्रयोग है
�ोिं क यह �� �प से अप्रभावी और िनरं तर है।

प्रभावी प्राथिमक दे खभाल न के वल अ�ताल म� भत�
होने के एक ितहाई की कमी करती है, अिपतु बीमारी से
अिधक अ�ी तरह से प्राथिमकता दे कर, यह रोग और
कमजोरी के कारण को दू र करती है।

इन मु�ों के मह� को दोहराना मह�पूण� है �ोिं क
िपछले बजट म� �ा� बीमा के िलए 300 प्रितशत की
वृ�� िदखाई गई थी।

अ�ताल की दरों म� संशोधन के साथ, �ा� बीमा
काय�क्रम की लागत भी दोगुनी हो जाएगी और वृ�� जारी
रहेगी।

�ा� बजटों म� वृ�� के अभाव म�, मू� भुगतान गरीबों
और म�म वग� के बड़े तबके के लोगों �ारा िकया जाएगा
िज�� अ�ी गुणव�ा वाली प्राथिमक �ा� सेवा की स�
ज�रत है।

इसकी अनुप�स्थित समय-समय पर होने वाली मौतों की
अिधक सं�ा, वैि�क टीबी के एक चौथाई बोझ तथा ��
हवा की चाह म� एक लाख लोगों के मौतों के िलए उ�रदायी है।

मु� परी�ा हेतु अ�ास प्र�

भारत म� �ा� देखभाल �ेत्र म� शािमल चुनौितयों तथा
अवसरों पर िट�णी कर� ।

(वीिडयो देखने के िलए QR कोड को �ै न कर� ) Page 28

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(वीिडयो दे खने के िलए उपरो� छिव पर ��क कर� ) दे शवार िवसंगित

प्रासंिगकता जीवन प्र�ाशा आय से अ�िधक प्रभािवत रहती है।
कम आय वाले दे शों म�, उ� आय वाले दे शों की तुलना म�
GS2 || शासन और सामािजक �ाय || मानव िवकास || जीवन प्र�ाशा 18.1 वष� कम है।
�ा� कम आय वाले दे श म� पैदा होने वाले हर 14 म� से एक
ब�ा अपने पांचव� ज�िदन से पहले मर जाएगा।
शीष�क उ� आय और िन�-आय वाले दे शों के बीच मातृ मृ�ु का
जो�खम बेहद अलग है।
जीवन प्र�ाशा पर िव� �ा� सां��की अवलोकन 2019 पु�षों और मिहलाओं की जीवन प्र�ाशा के बीच का अंतर
की �रपोट�, ड�ूएचओ की �रपोट� के सभी मु� आकष�ण सबसे कम है जहां मिहलाओं को �ा� सेवाओं तक प�ंच
की कमी है।
सुिख़�यों म� �ों ? कम आय वाले दे शों म�, जहां सेवाएं दुल�भ ह�, उ� आय
वाले दे शों म� 3300 म� से 1 की तुलना म� 41 म� से 1 मिहलाओं
िव� �ा� संगठन (WHO) ने हाल ही म� िव� �ा� की मृ�ु मातृ मृ�ु से होती है।
सां��की अवलोकन 2019 जारी िकया। 90 प्रितशत से अिधक कम आय वाले दे शों म�, प्रित 1000
लोगों पर 4 से कम निस�ग और िमडवाइफ़री कम�चारी ह�।
िवशेषताएँ
संभािवत कारण
जीवन प्र�ाशा: पु�षों और मिहलाओं को िमलाकर,
औसत जीवन-प्र�ाशा 5½ साल बढ़ गई है, - 2000 म� 66.5 �ा� सेवा के प्रित अलग-अलग �ि�कोण: �रपोट� म�
साल से 2016 म� 72 साल। पु�षों और मिहलाओं के बीच �ा� देखभाल के िलए
अलग �ि�कोण के िवसंगित का वण�न है।
जबिक "�स्थ" जीवन प्र�ाशा (वष� की सं�ा पूण� �ा�
म� रहती थी) 2000 म� 58.5 वष� से बढ़कर 2016 म� 63.3 वष� सामा�ीकृ त एचआईवी महामारी वाले दे शों म�, उदाहरण
हो गई। के िलए, पु�षों म� मिहलाओं की तुलना म� एचआईवी परी�ण
करने की संभावना कम होती है, एं टीरे ट� ोवाइरल थेरे पी तक
ज�: ड�ूएचओ की �रपोट� म� कहा गया है, 2019 म�, प�ंचने की संभावना कम होती है और मिहलाओं की तुलना
141 िमिलयन से अिधक ब�े पैदा होगं े: 73 िमिलयन लड़के म� एड्स से संबंिधत बीमा�रयों से मरने की संभावना अिधक
और 68 िमिलयन लड़िकयां। होती है।

मृ�ु दर जो�खम: हाल के मृ�ु दर जो�खम के आधार पर तपेिदक पीिड़तों के िलए एक ही िस�ांत लागू होता है,
लड़के जीिवत रह�गे, औसतन 69.8 वष� और लड़िकयां 74.2 पु�ष रोिगयों म� मिहलाओं की तुलना म� दे खभाल की संभावना
वष� - 4.4 वष� का अंतर। कम होती है।

60 वष� की आयु म� जीवन प्र�ाशा पु�षों की तुलना म� तो पु�षों को रोकने यो� और उपचार यो� गैर-संचारी
मिहलाओं के िलए भी अिधक है: 21.9 बनाम 19.0 वष�। रोगों से मरने की अिधक संभावना है।

िव� �ा� संगठन (ड�ूएचओ) ने हाल ही म� िव�
�ा� सां��की अवलोकन 2019 को जारी करते �ए कहा
िक मिहलाएं हर जगह पु�षों को पछाड़ रही ह�।

चाहे वह ह�ा, सड़क दुघ�टना, आ�ह�ा और �दय रोग
हो - समय और समय िफर से, पु�ष मिहलाओं की तुलना म�
बदतर कर रहे ह�।

2016 म� मिहलाओं की तुलना म� वैि�क आ�ह�ा मृ�ु
दर 75% अिधक थी।

15 साल की उम्र की मिहलाओं की तुलना म� सड़क की
चोट से मृ�ु दर पु�षों की तुलना म� दोगुनी से अिधक है।

मिहलाओं की तुलना म� पु�षों म� ह�ा के कारण मृ�ु
दर 4 गुना अिधक है।

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मु� अ�ास प्र�
सुिख़�यों म� �ों ?
भारत की �ा� सेवा प्रणाली की क� द्रीय सम�ाओं म�
िव� �ा� संगठन (WHO) से एक �ा� पर साव�जिनक खच� का िन� �र है। गंभीर
�प से जांच कर� िक खराब �ा� संके तकों के बावजूद
िव� �ा� संगठन (WHO) संयु� रा�� की एक िवशेष �ा� पर साव�जिनक खच� कम �ों है। यह भी िट�णी
एज�सी है जो अंतरा��� ीय साव�जिनक �ा� से संबंिधत है। कर� िक मु�े को तुरं त संबोिधत करने की आव�कता �ों है।

यह 7 अप्रैल 1948 को स्थािपत िकया गया था, और (वीिडयो देखने के िलए QR कोड को �ै न कर� )
इसका मु�ालय िजनेवा, ��ट्जरल�ड म� है।

WHO संयु� रा�� िवकास समूह का सद� है। इसके
पूव�वत�, �ा� संगठन, रा�� संघ की एक एज�सी थी।

अपनी स्थापना के बाद से, इसने चेचक के उ�ूलन म�
अग्रणी भूिमका िनभाई है।

इसकी वत�मान प्राथिमकताओं म� शािमल ह�:
संचारी रोग, िवशेष �प से एचआईवी / एड्स, इबोला,
मले�रया और तपेिदक म�;
गैर-संचारी रोगों जैसे िक यौन और प्रजनन �ा�,
िवकास और उम्र बढ़ने के प्रभाव का शमन;
पोषण, खा� सुर�ा और �स्थ भोजन; �ावसाियक �ा�;
मादक द्र�ों का सेवन; तथा
�रपोिट�ग, प्रकाशन और नेटविक� ग के िवकास को बढ़ावा दे ना।
WHO िव� �ा� �रपोट�, दुिनया भर म� िव� �ा�
सव��ण और िव� �ा� िदवस के िलए िज�ेदार है।

नोट्स

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(वीिडयो दे खने के िलए उपरो� छिव पर ��क कर� ) दू सरी चुनौती यह है िक सरकार उनकी िवशेष�ता का
िकतना लाभ उठा सकती है।
प्रासंिगकता
ऐसा करने के िलए इन िवशेष�ों के काय� करने के िलए
GS2 || शासन और सामािजक �ाय || प्रशासन || एक स�म वातावरण के िनमा�ण की आव�कता होती है, यह
कािम�क प्रशासन ऐसा अ�ास है जो नौकरशाह से उ� �र के सहयोग की
मांग करे गा।
शीष�क
यह करने से कहना आसान है, कम से कम सामा�वािदयों
िसिवल सेवाओं म� पा�� प्रवेश की �ा�ा, �ा पा�� प्रवेश एक और िवशेष�ों के बीच अप�रहाय� तनावों के कारण नही।ं
समाधान है या हम� आईएएस का कायापलट करना चािहए?
इसके अित�र�, िव� म� कहीं भी नौकरशाह एक �तः
सुिख़�यों म� �ों ? प्रवृ� जनजातीयता प्रदिश�त करते ह� जो बा� लोगों के िलए
िकसी भी हद तक द�ता के साथ काय� करने के िलए �कावट
सरकार ने िविभ� �ेत्रों म� संयु� सिचवों के �प म� प्रमुख हटाता है।
�र पर िनजी �ेत्र से नौ पेशेवरों का चयन िकया है, यह नीितयों
को आकार दे ने म� पेशेवरों के प्रवेश म� प्रमुख बदलाव का उदाहरणतः, िजस तरह से आईएएस ने सरकार पर अपने
संके त दे ता है। �यं के क� द्रीय ब�क गवन�रों म� से एक को िनयु� करने के
िलए दबाव डाला है, यह एक मामला है।
मह�
बा� िवशेष�ों के �प म� िनयु�� से पता भी चलता है िक
वै�ीकरण ने शासनीय �वसाय को तेजी से जिटल इस तरह की मूल बात� फाइलों तक प�ंच और मंित्र�रीय
गितिविध बना िदया है, िवशेष� कौशल तथा �ान की मांग बैठकों म� उ� राजनीित का िवषय बन सकती ह�।
पहले जैसी कभी नहीं �ई।
इसिलए, यह इस बात पर िनभ�र करता है िक राजनीितक
सरकार की पा�� प्रवेश योजना, िनजी �ेत्र म� आवेदकों को काय�कारी इन बा� िवशेष�ों के काय� प्रणाली को सुिवधाजनक
िविभ� िवभागों म� 10 संयु� सिचव पदों के िलए आवेदन बनाने के िलए िकतना तैयार है।
करने म� स�म बनाती है, यह �ापक प्रितभा पूल तक प�ँचने
की िदशा म� एक समझदार पहला कदम है। आगे की राह

िसिवल सेवा के र� कों म� िनजी �ेत्र के िवशेष�ों का यह नाग�रक सेवाओं की पूव�िनयु�� से हटकर, सरकार को
प्र�� समावेश, िनिद� � पदों तथा वेतनमान एवं भ�ों के साथ, यह भी समझ म� आएगा िक वह िनयामक प्रमुखों की अपनी
शासन म� बा� िवशेष�ता लाने हेतु लगातार सरकारों के खोज के दायरे को िव�ा�रत करे ।
प्रयासों की िनरं तरता माना जा सकता है।
वत�मान म�, एक संि�� अविध हेतु भारतीय �रजव� ब�क के
यह नवीनतम कदम यूपीएससी के संस्थागत �ि�कोण म� अपवाद के साथ, सेवािनवृ� नौकरशाहों और साव�जिनक �ेत्र
एक बड़ी छलांग दशा�ता है। के कं पनी प्रमुखों के िलए �ेत्रीय िनयामकों या िट� �ूनल प्रमुखों
का चयन िकया जाना िदखाई दे ता है।
चुनौितयां
सरकार के पास इस प्रणाली को प�रचािलत करने हेतु कोई
तक� नहीं है।

भारतीय िनजी �ेत्र एवं प्रवासी भारतीयों म� प्रितभा का
खजाना/ब�लता है, िजसे सरकार नीितगत िनण�य लेने की
गुणव�ा म� सुधार हेतु प्रयोग कर सकती है।

इसिलए, वृहद् संदभ� म�, िसिवल सेवा म� पा�� प्रवेश एक
अ�ा परी�ण �स्थित होगी।

अित�र� जानकारी

संस्थागत चुनौितयां: िनजी �ेत्र के िवशेष�ों को श्रेणीब� संघ लोक सेवा आयोग
काय� म� शािमल करना संस्थागत चुनौितयों का मूल शािमल है। (यू.पी.एस.सी.)

उनम� से मु� उन लोगों की गुणव�ा है िजनके संघ लोक सेवा आयोग भारत की प्रमुख क� द्रीय भत�
प�रणाम��प उ�� िनयु� िकया जाता है। एज�सी है।

बा� िवशेष�ों को िनिद� � िश�ा यो�ता मानदं ड को पूरा यह अ�खल भारतीय सेवाओं और क� द्रीय सेवाओं के ग्रुप
करना होगा और िजन लोगों के िनयु�� से पहले यूपीएससी ए एवं ग्रुप बी के िलए िनयु��यों एवं परी�ाओं के िलए
के सा�ा�ार से गुजरना होगा। यह �� नहीं है िक यह बा� उ�रदायी है।
िवशेष�ों को शािमल करने का एक इ�तम तरीका है या नही।ं

जबिक कािम�क एवं प्रिश�ण िवभाग भारत म� क� द्रीय

कािम�क एज�सी है। Page 31

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संघ एवं अ�खल भारतीय सेवाओं के िलए िनयु��यों हेतु मु� परी�ा हेतु अ�ास प्र�
आयोग को संिवधान �ारा अिनवाय� िकया गया है।
पा�� प्रवेश योजना, यिद सुचा� �प से लागू की जाती है,
इसे �ारा िनयु��, स्थानांतरण, पदो�ित तथा तो अिधक प्रित�ध� की �स्थित को बढ़ावा िमल सकता है,
अनुशासना�क स्थित से संबंिधत मामलों म� सरकार को यह उ� िसिवल सेवकों की शालीनता को तोड़ सकता है
परामश� िकया जाना आव�क है। और अंततः लोक िहत म� एक अग्रणी पहल सािबत हो सकता है।
आलोचना�क िव�ेषण कर� ।
यह आयोग प्र�� रा�� पित को �रपोट� करता है और
उसके मा�म से सरकार को सलाह दे सकता है। हालाँिक, (वीिडयो देखने के िलए QR कोड को �ै न कर� )
ऐसी सलाह सरकार के िलए बा�कारी नहीं है।

संवैधािनक प्रािधकारी होने के प�रणाम��प,
यू.पी.एस.सी. उन कु छ संस्थानों म� से एक है, जो दे श की उ�
�ायपािलका और हाल ही म� स्थािपत िनवा�चन आयोग के
साथ �ाय�ता एवं �तंत्रता दोनों के साथ काय� करता है।

1 अ�ू बर 1926 को लोक सेवा आयोग के �प म� स्थािपत,
इसे बाद म� भारत सरकार अिधिनयम, 1935 �ारा संघीय
लोक सेवा आयोग के �प म� पुनग�िठत िकया गया; �तंत्रता
के बाद के वल एक बार वत�मान म� संघ लोक सेवा आयोग के
�प म� इसका नाम बदला गया है।

नोट्स

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िचंताऐं

(वीिडयो दे खने के िलए उपरो� छिव पर ��क कर� ) भारत की कमजोर आिथ�क प्रणाली तथा इसके �ारा कई
मांगों को दे खते �ए, भारत की दू सरी सबसे तेजी से बढ़ती
प्रासंिगकता अथ��वस्था होने के अित�र�, �स्थरता एक बड़ी िचंता होगी।

GS2 || शासन और सामािजक �ाय || मानव िवकास || भाजपा तथा कांग्रेस प्रा� दो िवचार धाराएं , दो सामािजक
�ा� मू� प्रणािलयों म� सि�िहत और दशा�ते ह�;

अमे�रका म�, यह ���गत �तंत्रता तथा ���गत
िज�ेदारी है।

वहीँ यूरोप तथा जापान जैसे देश सामािजक िज�ेदारी
एवं रा� जवाबदेही के िवचारों से प्रे�रत ह�।

यू.एस. प्रणाली

शीष�क यू.एस. गरीबों तथा बुजुग� को �रयायती �ा� देखभाल
तक ही सीिमत है, गुणव�ा हेतु कठोर �प से िनयंित्रत िकया
भारत म� �ा� दे खभाल प्रणाली, यू.एस.ए. तथा यूरोपीय जाता है और तकनीकी नवाचार को प्रो�ािहत करने हेतु लाभ
�ा� दे खभाल मॉडल म� अंतर की सामान िव�ीय प्रो�ाहन की अनुमित प्रदान करता है।

सुिख़�यों म� �ों ? एक िन�ष� के �प म�, �ा� पर अपने जीडीपी का 18
प्रितशत �य वहन के बावजूद इसकी 20 लाख से अिधक
भारत की �ा� प्रणाली की कहानी आगामी चुनावों म� आबादी �ा� सुलभता से वंिचत है।
एक नित प�रवत�न िबंदु होने जा रहा है - िकतना स�ा, िकतना
सुलभ, िकतना सम�प? यूरोपीय प्रणाली

िविभ� �ि�कोण वहीँ दू सरी ओर यूके और यूरोप, सामूिहक उ�रदािय� के
िस�ांत का पालन करते ह� जो प्र�ेक ��� के �ा� और
य�िप अभी भी �ा� एक राजनीितक प्राथिमकता नहीं सेहत के िलए िनिहत अिधकार सुिनि�त करता है, िजससे
है, परं तु भिव� की �ा� नीित के दो �ि�कोण �� �प रा� को िव�ीय एवं िनयामक प्रणािलयों का िवकास िकया
से उभर रहे ह�। जाता है जो सभी ���यों को �ा� सेवाओं और उ�ादों
तक समान प�ंच की गारं टी दे ती है।
एक, भाजपा �ारा समथ�न प्रा�- एक क� द्रीयकृ त अ�ताल
बीमा-आधा�रत �ा� प्रणाली िजसे यू.एस. के िचिक�ा ये दे श अमे�रका के अपे�ाकृ त बेहतर प�रणामों के साथ
सहायता प्रणाली पर तैयार िकया गया है। �ा� पर जीडीपी का औसतन 10 फीसदी �य वहन करते ह�।

दू सरा, कांग्रेस �ारा, यू.के . तथा यूरोपीय प्रणाली के समान समानता बनाम �तंत्रता
आव�क �ा� सेवाओं का हर नाग�रक तक प�ंच के
साथ गारं टी दे ने का आवा�। जब भारत ने िब्रिटशों से �तंत्रता प्रा� की, तो हम समानता
के यूरोपीय मू�ों से प्रे�रत थे, जो एक उ� �रीकृ त सामािजक
यह दोनों �ि�कोण �ापक �प से िभ� ह� तथा �ा� �वस्था पर थोपा गया था।
प्रणाली के तीन �ंभों को प्रभािवत करते ह� - सुलभता,
गुणव�ा और साम��ता। सकारा�क कार� वाई को लागू करने म� कु छ सफलताएं
िमली ह�।
िविभ� �ि�कोण
इन वष� म�, हालांिक, आिथ�क एवं सामािजक प्रणाली
य�िप अभी भी �ा� एक राजनीितक प्राथिमकता नहीं सामािजक समानता के अित�र� ���गत �तंत्रता के
है, परं तु भिव� की �ा� नीित के दो �ि�कोण �� �प मू�ों के साथ अिधक चलन म� थे।
से उभर रहे ह�।
भारत म� �ा� मानकों म� िगरावट
एक, भाजपा �ारा समथ�न प्रा�- एक क� द्रीयकृ त अ�ताल
बीमा-आधा�रत �ा� प्रणाली िजसे यू.एस. के िचिक�ा असमानताएं इस हद तक फ़ै ल गई ह� िक नवीनतम आंकड़ों
सहायता प्रणाली पर तैयार िकया गया है। से �ात होता है िक भारत की 1 प्रितशत आबादी को 70 प्रितशत
धन का आनंद प्रा� है।
दू सरा, कांग्रेस �ारा, यू.के . तथा यूरोपीय प्रणाली के समान
आव�क �ा� सेवाओं का हर नाग�रक तक प�ंच के
साथ गारं टी दे ने का आवा�।

यह दोनों �ि�कोण �ापक �प से िभ� ह� तथा �ा�
प्रणाली के तीन �ंभों को प्रभािवत करते ह� - सुलभता,
गुणव�ा और साम��ता।

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मु� परी�ा हेतु अ�ास प्र�
जबिक एक भारतीय िव� के 10 सबसे धनी लोगों म�
शािमल है, हम िव� के सबसे गरीब लोगों म� भी शािमल ह�, ● भारत म� �ा� देखभाल �ेत्र म� शािमल चुनौितयों तथा
36 प्रितशत से अिधक ब�े िचरकारी कु पोषण के कारणवश अवसरों पर िट�णी कर� ।
मारे गए, खुले म� शौच करने वाली आधी आबादी शािमल और
लगभग तीन-चौथाई आबादी िबना नल के पानी से वंिचत है। (वीिडयो देखने के िलए QR कोड को �ै न कर� )

भारत म� बीमारी का बढ़ता बोझ है, लेिकन आव�क एवं नोट्स
बुिनयादी सामािजक व�ुओं के इस तरह के अभाव �ेत्रो,ं
जाितयो,ं िलंग और उम्र म� �ापक असमानताओं का प्रितिबंब है।

स्थायी �स्थ �ॉकों के िनमा�ण म�
चुनौितयां

�ा� प्रणाली �ॉकों के वृ��शील और �व�स्थत भवन
के �खलाफ ढे र, िजस प्रकार थाईल�ड या तुक� ने िकया, �ा�
उ�ोग के श��शाली िनकाय ह� जो अ�ताल बीमा काय�क्रम
के संकीण� एज�डा का समथ�न करते ह�।

इन िनकायों को अमे�रका अव�स्थत संस्थाए और दानदाता,
िव� ब�क, सीआईआई, एफआईसीसीआई, �ा� बीमा संबंधी
िचिक�ा संघ एवं कं पिनयां, डेटा एकत्रीकरण आईटी,
िचिक�ा उपकरण आिद का समथ�न प्रा� है।

यह साव�जिनक �ा� �ि�कोण जो प्र�ेक नाग�रक के
अिधकारों के �प म� �ापक प्राथिमक देखभाल को
प्राथिमकता प्रदान करने पर क� िद्रत है, �� �प से �� है
तथा इसे लोगों �ारा आंदोलनों और भागीदारी की
आव�कता है।

यह सकल घरे लू उ�ाद के 1.1 प्रितशत के अ�
संसाधनों के समान मह�पूण� है, िवक� बनाए जा रहे ह�।

िन�ष�

कोई भी ��� यह तक� नहीं दे गा िक अ�ताल बीमा
एक गलत नीित है और के वल प्राथिमक दे खभाल पर �ान
क� िद्रत होना चािहए।

पर�ु प्राथिमक देखभाल के नीवं के िबना अ�तालों पर
लटकी एक प्रणाली आपदा के िलए एक िनि�त प्रयोग है
�ोिं क यह �� �प से अप्रभावी और िनरं तर है।

प्रभावी प्राथिमक दे खभाल न के वल अ�ताल म� भत� होने
के एक ितहाई की कमी करती है, अिपतु बीमारी से अिधक
अ�ी तरह से प्राथिमकता दे कर, यह रोग और कमजोरी के
कारण को दू र करती है।

इन मु�ों के मह� को दोहराना मह�पूण� है �ोिं क िपछले
बजट म� �ा� बीमा के िलए 300 प्रितशत की वृ�� िदखाई
गई थी।

अ�ताल की दरों म� संशोधन के साथ, �ा� बीमा
काय�क्रम की लागत भी दोगुनी हो जाएगी और वृ�� जारी रहेगी।

�ा� बजटों म� वृ�� के अभाव म�, मू� भुगतान गरीबों
और म�म वग� के बड़े तबके के लोगों �ारा िकया जाएगा
िज�� अ�ी गुणव�ा वाली प्राथिमक �ा� सेवा की स�
ज�रत है।

इसकी अनुप�स्थित समय-समय पर होने वाली मौतों की
अिधक सं�ा, वैि�क टीबी के एक चौथाई बोझ तथा ��
हवा की चाह म� एक लाख लोगों के मौतों के िलए उ�रदायी है।

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(वीिडयो दे खने के िलए उपरो� छिव पर ��क कर� )

प्रासंिगकता

GS2 || शासन और सामािजक �ाय || कमजोर वग� ||
धािम�क अ�सं�क

शीष�क सुप्रीम कोट� का आदे श

िबलिकस बानो मामले पर सुप्रीम कोट� का मुआवजा आदे श, मुआवजा: गुजरात सरकार को िबलिकस याकू ब रसूल बानो
गुजरात सरकार को 50 लाख �. दे ने का आदे श को 50 लाख �पये का भुगतान करने का आदे श, सुप्रीम कोट�
�ारा �ाय बहाल करने का प्रयास है।
सुिख़�यों म� �ों ?
अिभयु�ों �ारा उनकी सजा के �प म� अदा की गई अ�ी
सुप्रीम कोट� ने गुजरात सरकार को 2002 के सांप्रदाियक रकम सौपं ना, इस तरह के �ाय का एक पहलू है;
दं गों के पीिड़त िबलिकस याकू ब रसूल बानो को मुआवजे के
�प म� 50 लाख, एक सरकारी नौकरी और उसकी पसंद के अदालत के िलए एक और पहलू यह है िक वह सरकार से
�ेत्र म� आवास दे ने का आदे श िदया। पीिड़तों को मुआवजा दे ने के िलए कहे।

मामला यह इन प�र�स्थितयों म� है िक खंडपीठ ने उ�� 50 लाख �.
मुआवज़ा दे ने का आदे श िदया, और रा� सरकार को उ��
2002 के गुजरात दंगे: 2002 के गुजरात दं गों के दौरान, एक सरकारी नौकरी और एक घर प्रदान करने के िलए कहा।
दं गाइयों के एक समूह ने उनके साथ अ� दो मिहलाओं के
साथ बला�ार िकया था, और 3 माच�, 2002 को रं िधकपुर सुप्रीम कोट� ने तीन पुिलस अिधका�रयों के प�शन लाभों को
गांव म� उनके प�रवार के सात सद�ों की ह�ा कर दी थी। वापस लेने के िलए कहा है।

अदालत ने कहा िक उनका अपनी बेटी को एक दीवार पीिड़तों को िदया जाने वाला मुआवजा, आपरािधक �ाय
से टकराकर मारे जाने के सा�ी होने का दुभा�� था, साथ ही के अपे�ाकृ त कम मा�ता प्रा� घटक है।
साथ उ�� प�रवार की तबाही का भी सामना करना पड़ा।
एक प्रणाली म� जो मु� �प से अिभयु� पर �ान क� िद्रत
घटना के समय वह गभ�वती भी थी। करता है, मुआवजे का आदे श अपराध, िवशेष �प से भयानक
इसके अलावा, अदालत को बताया गया था िक वह जीवन कृ �ों के पीिड़तों के िलए रा� के दािय� की मा�ता है।
िनवा�ह के िलए जगह-जगह रहने के िलए मजबूर थी।ं
कानूनी तंत्र
सुश्री बानो का मामला वा�व म�
एक दुल�भ मामला है धारा 357 A: धारा 357 A को स��िलत करने के िलए
2008 म� दंड प्रिक्रया संिहता म� संशोधन िकया गया था, िजसके
आपरािधक अिभयोजन के प�रणाम��प 11 ���यों तहत प्र�ेक रा� सरकार को िनिध तैयार करने के िलए एक
को दोषी ठहराया गया और उम्रकै द की सजा सुनाई गई। योजना तैयार करनी होती है, िजसम� से अपराध के पीिड़तों
और उनके आिश्रतों को �ितपूित� का भुगतान िकया जा सके ,
बॉ�े हाईकोट� ने सजा को बरकरार रखा था। िज�� नुकसान और चोट लगी हो और िज�� पुनवा�स की
इसके अलावा, अदालत ने कु छ पुिलस अिधका�रयों की आव�कता हो।
ओर से जानबूझकर िन��यता पाई और कहा िक शव संबंधी
परी�ण अ�� थे और उनम� हेरफे र की गई थी। क� द्रीय पीिड़त मुआवजा कोष: क� द्र के पास एक क� द्रीय
सं�ेप म�, यह रा� की िन��यता और लापरवाही का एक पीिड़त मुआवजा कोष है।
ठोस उदाहरण है जो सामा� �प से भारी मुआवजे के भुगतान
को सही ठहराएगा। नालसा: सुप्रीम कोट� के िनद� शों पर, रा�� ीय कानूनी सेवा
हर अपराध म� प�र�स्थितयां समान नहीं हो सकती।ं हालांिक प्रािधकरण (NALSA) ने यौन उ�ीड़न और अ� अपराधों से
भीड़ की िहंसा के मामलों म� दोष िस� होना आसान नहीं है, बचने वाली मिहलाओं के िलए मुआवजा योजना तैयार की है।
पीिड़त मुआवजा अ�र कु छ �ाय सुिनि�त करने का
एकमात्र तरीका हो सकता है।

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● कई रा�ों ने इन तज� पर योजनाओं को अिधसूिचत िकया है। नोट्स
जबिक कागज पर पुनवा�स की ज�रतों का आकलन करने

और मुआवजे का भुगतान करने के िलए एक तंत्र है, योजनाओं
को सु�व�स्थत करने और यह सुिनि�त करने की आव�कता
है िक मुआवजा प्रिक्रया तदथ� तरीके से नहीं की जा रही है,
ब�� �िन िस�ांतों पर आधा�रत है।

अित�र� जानकारी

NALSA

रा�� ीय िविधक सेवा प्रािधकरण (NALSA) का गठन
िविधक सेवा प्रािधकरण अिधिनयम, 1987 के तहत िकया
गया है।

समाज के कमजोर वग� को मु� कानूनी सेवाएं प्रदान
करना और

िववादों के सौहाद� पूण� िनपटारे के िलए लोक अदालतों का
आयोजन करना।

क� द्र: NALSA नई िद�ी म� �स्थत है।
रा�: प्र�ेक रा� म�, रा� िविधक सेवा प्रािधकरण का
गठन िकया गया है -
NALSA की नीितयों और िदशाओं को प्रभावी करने के
िलए और
लोगों को मु� कानूनी सेवाएं दे ने के िलए और
रा� म� लोक अदालतों का आयोजन।
रा� िविधक सेवा प्रािधकरण की अ��ता संबंिधत उ�
�ायालय के मु� �ायाधीश करते ह� जो रा� िविधक सेवा
प्रािधकरण के मु� संर�क होते ह�।
िजला: प्र�ेक िजले म�, िविधक सेवा काय�क्रमों को लागू
करने के िलए िजला िविधक सेवा प्रािधकरण का गठन िकया
गया है।
िजला िविधक सेवा प्रािधकरण प्र�ेक िजले म� िजला
�ायालयों के प�रसर म� �स्थत है और इसकी अ��ता
संबंिधत िजले के िजला �ायाधीश �ारा की जाती है।

मु� परी�ा अ�ास प्र�

पीिड़तों को िदया जाने वाला मुआवजा आपरािधक �ाय
का अपे�ाकृ त कम मा�ता प्रा� घटक है। चचा� कर� ।

(वीिडयो देखने के िलए QR कोड को �ै न कर� ) Page 36

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(वीिडयो दे खने के िलए उपरो� छिव पर ��क कर� ) भारत का �ोर 0.44 था, िजसका अथ� है िक आज पैदा
�आ ब�ा पूरी �ा� और िश�ा के साथ अपनी �मता की
प्रासंिगकता तुलना म� के वल 44% उ�ादक होने की उ�ीद कर सकता है।
इसके बाद, सरकार ने �रपोट� को खा�रज कर िदया था।
GS 2 || शासन और सामािजक �ाय || मानव
िवकास || िश�ा भारत म� उ� िश�ा के िलए सकल नामांकन अनुपात
(GER) 26 है। यह अनुसूिचत जाितयों (SC) और अनुसूिचत
शीष�क जनजाितयों (ST) के िलए क्रमशः 22 और 16 है। यह ब्राजील
के 51, चीन के 48 और �स के 81 की तुलना म� खराब है।
NIRF इं िडया र� िकं ग 2019 घोिषत - रा�� ीय संस्थागत
र� िकं ग फ्ेरमवक� , मानव संसाधन िवकास मंत्रालय जबिक िश�ा की गुणव�ा खराब बनी �ई है और अ�िधक
असमान है, पृ�भूिम म� हम जो दे ख रहे ह�, वह िवशेष �ेत्र से
रा� के पीछे हटने की कार� वाई है, खासकर उ� िश�ा से।

2012-13 म� िश�ा पर साव�जिनक �य सकल घरे लू
उ�ाद का लगभग 3.1% था। 2015-16 तक यह घटकर 2.4%
रह गया। और उ� िश�ा पर साव�जिनक �य लगभग 1%
रहा है। यह इस �ेत्र �ारा 6% की लंबे समय से चली आ रही
मांग के �खलाफ है।

नया लोक प्रबंधन �ि�कोण

सुिख़�यों म� �ों ? बजटीय समथ�न को कम करने और द�ता बढ़ाने की एक
ता�ािलकता, नये लोक प्रबंधन म� प�रलि�त �ई, िजसने
NIRF 2019, मानव संसाधन िवकास मंत्रालय (MHRD) दुिनया भर की सरकारों को 1980 के दशक के बाद से एक
के रा�� ीय संस्थागत र� िकं ग फ्ेरमवक� का उपयोग करते �ए प�रणाम-उ�ुख �ि�कोण की ओर बढ़ने के िलए प्रे�रत िकया।
उ� िश�ण संस्थानों की वािष�क र� िकं ग हाल ही म� जारी
की गई थी। साव�जिनक �ेत्र के साथ �ए इस मोहभंग के कारण सेवा
प्रदाता और सरकारों की िनयामक / नीित िनधा�रण की
मु� बात� भूिमका अलग हो गई।

3,127 ने िलया भाग: भारत म� लगभग 900 िव�िव�ालय अध� बाजार के वातावरण म� काम करने वाली इकाइयों के
और 40,000 कॉलेज ह�, जबिक भाग लेने वाले संस्थानों की बीच प्रित�धा� से नीित के ल�ों की प्रा�� के िलए प�रणामों म�
सं�ा के वल 3,127 थी, और उनम� से शायद ही कोई वैि�क सुधार की उ�ीद थी। भारत िश�ा म� इस रा�े पर चल रहा है।
मानकों का हो। o रा�� ीय मू�ांकन और प्र�ायन प�रषद (NAAC),
िव�िव�ालय अनुदान आयोग (UGC) के तहत एक �ाय�
वा�व म�, QS व�� यूिनविस�टी र� िकं ग 2019 के शीष� िनकाय है, जो पांच साल की अविध के िलए उ� िश�ा के
100 म� कोई भारतीय िव�िव�ालय नही ं ह�। संस्थानों का मू�ांकन करता है और मा�ता दे ता है।
o एनआईआरएफ र� िकं ग एक वािष�क मामला है, जो मूल
अवसर �प से एक वािष�क प्रगित काड� है। हालांिक प्रदश�न का
मू�ांकन करना मह�पूण� है, हम� इस �ि�कोण के अनपेि�त
जनसां��कीय लाभांश: जहां भारत के िलए प�रणामों के बारे म� भी पता होना चािहए।
जनसां��कीय लाभांश खुला रहता है, वहीं िश�ा एक बड़ी
अड़चन है। यह रा�� ों के िलए जीवन भर म� एक बार आने समाधान
वाला अवसर है।
िश�ा के िलए एक समग्र �ि�कोण पर काय� करना समय
मानव पूंजी: हम� िकतना फायदा होगा, यह मानव पंूजी
की गुणव�ा पर िनभ�र करे गा। लेिकन भारत 2018 के मानव की आव�कता है। िश�ा को सभी �रों पर सु�व�स्थत करने
िवकास सूचकांक म� 189 दे शों म� से 130 व� स्थान पर है।
की आव�कता है। हम कमजोर �ू ली िश�ा प्रणाली पर
मानव पंूजी सूचकांक
उ� िश�ा की अिधरचना का िनमा�ण नहीं कर सकते।
अप्रैल 2018 म� िव� ब�क �ारा जारी िकए गए पहले मानव
पंूजी सूचकांक म� 157 दे शों म� से भारत 115 व� स्थान पर था। उ� िश�ा संस्थान जो के वल उ� श्रेणी के ह�, वे उदार
o यह सूचकांक मानव पूंजी �र को मापता है और ब�ों
की संभािवत उ�ादकता की भिव�वाणी करता है। िव� पोषण, बेहतर बुिनयादी ढांचे और एक गितशील नेतृ�

A की वजह से ह� जो सबसे अ�े संकाय और छात्रों को आकिष�त

करते ह�। Page 37

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अगर हम� इस तरह के और संस्थान बनाने ह�, तो हम� (वीिडयो देखने के िलए QR कोड को �ै न कर� )
िश�ा म�, खासकर िश�क प्रिश�ण म�, िश�ा म� िश�कों की
सव�प�र भूिमका को पहचानते �ए अिधक िनवेश करना होगा। नोट्स

और उनकी ऊजा� को सही गितिविधयों म� शािमल िकया
जाना चािहए, जो संके तक के दश�क से प्रभािवत न हो। नहीं
तो हम चूक जाएं गे।

अित�र� जानकारी

रा�� ीय संस्थागत र� िकं ग
फ्ेरमवक� (NIRF)

NIRF, मानव संसाधन िवकास मंत्रालय (MHRD),
भारत सरकार �ारा भारत म� उ� िश�ा के संस्थानों को
र� क करने के िलए अपनाई गई एक प�ित है।

फ्ेरमवक� को MHRD �ारा अनुमोिदत िकया गया था और
29 िसतंबर 2015 को मानव संसाधन िवकास मंत्री �ारा शु�
िकया गया था।

िव�िव�ालयों और कॉलेजो,ं इं जीिनय�रं ग संस्थानो,ं प्रबंधन
संस्थानो,ं फाम�सी संस्थानों और वा�ुकला संस्थानों जैसे उनके
संचालन के �ेत्रों के आधार पर िविभ� प्रकार के संस्थानों
के िलए अलग-अलग र� िकं ग ह�।

यह फ्ेरमवक� , संसाधनो,ं अनुसंधान और िहतधारक धारणा
जैसे र� िकं ग उ�े �ों के िलए कई मापदं डों का उपयोग करता है।
o इन मापदं डों को पांच समूहों म� वग�कृ त िकया गया है और
इन समूहों को कु छ िनि�त मानक िदए गए ह�।
o ये मानक, संस्थान के प्रकार पर िनभ�र करते ह�।

लगभग 3500 संस्थानों ने �े�ा से र� िकं ग के पहले दौर
म� भाग िलया।

मु� परी�ा अ�ास प्र� Page 38

अगर हम� बेहतर संस्थान बनाने ह�, तो हम� िश�ा म� और
िनवेश करना चािहए, खासकर िश�क प्रिश�ण म�। और
उनकी ऊजा� को सही गितिविधयों म� शािमल िकया जाना
चािहए, जो संके तक के दश�क से प्रभािवत न हो।ं चचा� कर� ।

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(वीिडयो दे खने के िलए उपरो� छिव पर ��क कर� ) �ायालय ने कहा िक आधुिनक समाज म� इस तरह की
घटनाएं बढ़ रही ह�।
प्रासंिगकता
“बला�ार एक समाज म� सबसे नैितक और शारी�रक �प
GS2 || शासन और सामािजक �ाय || कमजोर से िनंदनीय अपराध है, जो पीिड़ता के तन, मन और िनजता पर
धारा || मिहलाओं हमला करता है। जबिक एक ह�ारा पीिड़ता के शारी�रक ढांचे
को न� कर दे ता है, एक बला�ारी एक असहाय मिहला की
आ�ा को अपमािनत और अपिवत्र करता है। बला�ार एक
मिहला को एक जानवर बना दे ता है, �ोिं क यह उसके जीवन
के मूल को झकझोर दे ता है, ”�ायमूित� शाह ने फै सले म� िलखा।

�ायालय ने कहा िक बला�ार "सबसे घृिणत अपराध" है।
फै सले म� कहा गया, "यह एक मिहला के सव�� स�ान के
िलए एक गंभीर झटका है, और उसके स�ान और प्रित�ा
दोनों को ठे स प�ंचाता है।"

शीष�क समापन िट�णी

शादी का झूठा वादा करके िकया गया यह त� िक पीिड़ता और उसके हमलावर ने अ� िकसी
यौन-संबंध बला�ार है। से शादी ली और अपने रा�े अलग कर िलया पर यह उसके
�ारा िकये गए कृ त को नहीं िमटाएगा। बला�ारी को अपराध
सुिख़�यों म� �ों ? के प�रणामों का सामना करना होगा।

जब यौन-संबंध के िलए शादी करने के वादे के आधार पर हालांिक, �ायालय ने उसकी सजा को सात वष� के
मिहला की सहमित प्रा� होती है और यह सािबत हो िक कारावास म� घटा िदया।
आरोपी का मिहला से शादी करने का कोई उ�े � नहीं था,
तो आरोपी भारतीय दं ड संिहता की धारा 375 के अंतग�त अित�र� संदभ�
बला�ार का दोषी होगा। https://www.thehindu.com/news/national
/sex-on-false-promise-of-marriage-is-
�ायाधीश एल.नागे�र राव और एम.आर. शाह की सव�� rape-supreme-court/article26831183.ece
�ायालय ब�च ने इसकी पुि� की है।
मु� परी�ा हेतु अ�ास प्र�
िव�ेषण- िबंदुओं म�
इस प्रकरण को दे ख�: शादी का झूठा वादा करके िकया गया यौन-संबंध बला�ार
है। िट�णी कर� ।
यह त� िक पीिड़ता और बला�ारी ने अ� िकसी से
शादी ली और अपने रा�े अलग कर िलया पर यह उसके (वीिडयो देखने के िलए QR कोड को �ै न कर� )
अपराध को नहीं िमटाएगा। बला�ारी को अभी भी अपने
अपराध के िलए जवाब दे ना होगा, �ायाधीश एल नागे�र राव
और एमआर शाह की �ायपीठ ने अपने हािलया फै सले म�
िन�ष� िनकाला।

यह प्रकरण वष� 2013 म� छ�ीसगढ़ म� एक सरकारी
डॉ�र �ारा एक मिहला के साथ बला�ार का िवषय है। उस
��� ने उससे शादी करने के वादे पर अपने घर म� उसके
साथ शारी�रक संबंध बनाने म� िल� था।

अपराध के व�, वह पहले से ही एक अ� मिहला से
शादी के िलए सगाई कर चुका था। बाद म� उसने �ायाधीश
से अपना वादा तोड़ िदया।

दज� प्राथिमकी के आधार पर, ��� को बला�ार का
दोषी ठहराया गया। इस सजा की पुि� उ� �ायालय ने की।
उसे 10 वष� के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी।
शीष� �ायालय से अपील भी की गई थी।

पीठ के िलए अपने फै सले म�, �ायमूित� शाह ने कहा िक
प्रा� सबूतों से यह �� था िक पीिड़ता को धोखा दे ना ���
का उ�े � था। मिहला ने यौन- संबंध हेतु अपनी सहमित नहीं
दी होगी यिद उसने शादी का वादा नहीं िकया होता। "यह
धोखाधड़ी एवं छल का एक �� प्रकरण था,
" सव�� �ायालय ने उ�े�खत िकया।

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(वीिडयो दे खने के िलए उपरो� छिव पर ��क कर� ) एक समय म� 1 घंटे से अिधक समय तक एक ही �स्थित म�
नहीं रहना चािहए (जैसे घुमाने वाली गाड़ी म�, ऊं ची कु िस�यो,ं
प्रासंिगकता या एक देखभाल करने वाले की पीठ पर बंधन म�) या लंबे
समय तक एक स्थान म� बैठे नहीं रहना चािहए। 1-वष� के
GS2 || शासन और सामािजक �ाय || मानव ब�ों के िलए, गितहीन �ीन समय (जैसे टीवी या वीिडयो
िवकास || �ा� दे खना, कं �ूटर गेम खेलना) की िसफा�रश नहीं की जाती है।
2 वष� की आयु के ब�ों के िलए, गितहीन �ीन समय 1 घंटे
शीष�क से अिधक नहीं होना चािहए; कम हो तो बेहतर है। जब आसीन
हो,ं तो दे खभाल करने वाले के साथ पढ़ने और कहानी कहने
5 वष� से कम उम्र के ब�ों के िलए शारी�रक गितिविध म� संल� होना अ�ा है।
पर WHO (िव� �ा� संगठन) के िदशािनद�श।
िनयिमत नीदं और जागने के समय के साथ-साथ, अ�ी
सुिख़�यों म� �ों ? गुणव�ा वाली नीदं के 11-14 घंटे भी शािमल ह�।

5 साल से कम उम्र के ब�ों के िलए शारी�रक 3-4 वष� के ब�ों को िन�िल�खत करना चािहए:
गितिविध, गितहीन �वहार और नीदं पर नए WHO िकसी भी तीव्रता पर िविभ� प्रकार की शारी�रक
िदशािनद�श जारी िकए गए ह�।
गितिविधयों म� कम से कम 180 िमनट िबताएं , िजनम� से कम
अनुशंसाएँ से कम 60 िमनट, म�म - जोरदार तीव्रता वाली शारी�रक
गितिविध के िलए हो,ं ऐसा पूरे िदन होने चािहए; यिद अिधक
िशशुओं (1 वष� से कम) से संबंिधत बात� हो तो बेहतर है।

िशशुओं को िदन म� कई बार शारी�रक �प से सिक्रय एक बार म� 1 घंटे से अिधक समय तक संयिमत न रह�
रहना चािहए, िवशेष �प से इंटरे ��व �ोर-आधा�रत (जैसे, प्राम म� बैठे रहना) या समय की िव�ा�रत अविध के
नाटक के मा�म से; अिधक बेहतर है। जो लोग अभी तक िलए नहीं बैठना चािहए। आसीन �ीन समय 1 घंटे से अिधक
गितशील नही ं ह�, उनम� जागने के दौरान पूरे िदन म� कम से नहीं होना चािहए; कम हो तो बेहतर है। जब आसीन हो,ं तो
कम 30 िमनट की प्रवण �स्थित (टमी टाइम) शािमल है। दे खभाल करने वाले के साथ पढ़ने और कहानी कहने म� संल�
होना अ�ा है।
िशशुओं को एक बार म� 1 घंटे से अिधक समय तक
एक ही �स्थित म� नही ं रखना चािहए (जैसे घुमाने वाली िनयिमत �प से नीदं और जागने के समय के साथ
गाड़ी म�, ऊं ची कु िस�यो,ं या एक देखभाल करने वाले की अ�ी गुणव�ा वाली नीदं के 10–13 घंटे ल�।
पीठ पर बंधन म�)। �ीन समय अनुशंिसत नहीं है। जब
आसीन हो,ं तो दे खभाल करने वाले के साथ पढ़ने और कहानी फायदे
कहने म� स��िलत होना सुझाया जाता है।
शारी�रक गितिविध म� सुधार, गितहीन समय को कम
हमेशा 14–17h (0–3 महीने की आयु) या 12–16h करने और छोटे ब�ों म� गुणव�ा की नीदं सुिनि�त करने
(4–11 महीने की आयु) की अ�ी नीदं होनी चािहए, िजसम� से उनके शारी�रक, मानिसक �ा� और �ा� म�
झपिकयां भी शािमल ह�। सुधार होगा, और बचपन के मोटापे और जीवन म� बाद म�
होने वाली बीमा�रयों को रोकने म� मदद िमलेगी।
1-2 वष� के ब�ों को िन�िल�खत करना चािहए:
िकसी भी तीव्रता पर िविभ� प्रकार की शारी�रक शारी�रक गितिविध, गितहीन �वहार और पया�� नीदं के
समय और शारी�रक और मानिसक �ा� और भलाई पर
गितिविधयों म� कम से कम 180 िमनट खच� कर� , िजसम� उनके प्रभाव के बीच मह�पूण� अंतःिक्रयाओं को एं िडंग
म�म-से-जोरदार-तीव्रता वाली शारी�रक गितिविध चाइ��ड ओबेिसटी आयोग �ारा मा�ता प्रा� थी, िजसने
शािमल है, जो पूरे िदन होनी चािहए; यिद अिधक हो तो शारी�रक गितिविध, गितहीन �वहार और ब�ों म� नीदं के
बेहतर है। िलए �� माग�दश�न का आ�ान िकया था।

जीवन के पहले पांच वष� के दौरान इन िदशािनद� शों की
िसफा�रशों को लागू करना ब�ों के सं�ाना�क िवकास और
आजीवन �ा� म� योगदान दे गा।

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समाधान नोट्स

जो देश, आिथ�क िवकास को बढ़ावा देने, शांितपूण�
और िटकाऊ समाजों को बढ़ावा देने और अ�िधक
गरीबी और असमानता को ख� करना चाहता वह
बचपन के िवकास म� िनवेश से बेहतर िनवेश कही ं नही ं
समझता। जीिवत रहने और पनपने के िलए हर ब�े के
अिधकार को बनाए रखना आव�क है।

ये �ा� प�रणाम सतत िवकास ल� (SDG) 2.2
(कु पोषण के सभी �पों को समा� करने के िलए) और 3.4
(समय से पहले मृ�ु दर को एक ितहाई कम करने के िलए)
को लि�त करता है।

मु� परी�ा अ�ास प्र�

वैि�क मोटापे के संकट पर अपने िवचार बताएं ।

(वीिडयो देखने के िलए QR कोड को �ै न कर� )

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(वीिडयो दे खने के िलए उपरो� छिव पर ��क कर� ) भारत िब्र� (ब्राजील, �स, भारत, चीन और दि�ण
अफ्रीका) �ेत्र म� िपछड़ा �आ है और 80व� स्थान पर था।
प्रासंिगकता
यह िन�-आय वाले सािथयों की तुलना म� बेहतर प्रदश�न
GS2 || शासन और सामािजक �ाय || मानव करता है, जब बढ़ती (48 वी)ं प्रितभा की बात आती है, मु�
िवकास || कौशल िवकास �प से आजीवन सीखने (38 व�) और िवकास के अवसरों (41
व�) तक प�ंच के िलए संभावनाओं के आधार पर।
शीष�क
एक औसत-से-अिधक िबजनेस और लेबर ल�ड�े प (38
वैि�क प्रितभा प्रित�धा� सूचकांक 2019 वां) और रोज़गार(34 वां), स�मता (70 व�) और �ावसाियक
और तकनीकी कौशल (72 व�) से संबंिधत �ंभों के अंकों को
सुिख़�यों म� �ों ? बढ़ाते ह� जो अ�था शेष उप-�ंभों �ारा बािधत होते ह�।

2019 के िलए वैि�क प्रितभा प्रित�धा� सूचकांक यािन बोड� म� सुधार की गुंजाइश के बावजूद, भारत की सबसे
�ोबल टैल�ट कॉ��िटिटव इंडे� (GTCI) जारी िकया बड़ी चुनौती प्रितभा के आकष�ण (95 वी)ं और उसे बनाए रखने
गया है। (96 वी)ं के िलए अपनी �मता म� सुधार करना है।

िवशेषताएँ इन सबसे ऊपर, आंत�रक �र (116 व�) के खराब �र
को संबोिधत करने की ज�रत है - िवशेष �प से कमजोर
2013 म� लॉ� िकया गया, GTCI, एक वािष�क ब�चमाक� ल�िगक समानता, अ�सं�कों और प्रवािसयों के प्रित कम
�रपोट� है जो प्रितभाओं के िलए प्रित�धा� करने की देशों सिह�ुता और जीवनशैली संके तकों म� िनराशाजनक प्रदश�न
की �मता को मापता है। के संबंध म�।

इसे INSEAD िबजनेस �ू ल ने टाटा क�ूिनके शंस वैि�क िन�ष�
और अडेको ग्रुप की साझेदारी म� जारी िकया है।

यह �रपोट�, �ोबल टैल�ट क�ीिटशन के �र को मापती Page 42
है, िजसम� 68 कारक ह� जैसे नौकरी के चयिनत होने की
सुगमता, ज�डर अिन�ग गैप और फम� म� प्रिश�ण आिद।

भारत का प्रदश�न

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इस छठे सं�रण म�, ��ट्जरल�ड, वैि�क प्रितभा (वीिडयो देखने के िलए QR कोड को �ै न कर� )
प्रित�धा� सूचकांक 2019 म� शीष� पर है, जबिक िसंगापुर
और संयु� रा� अमे�रका क्रमशः दू सरे और तीसरे
स्थान पर आते ह�।

यमन इस वष� के सूचकांक के िनचले स्थान यािन 125
व� स्थान पर, कांगो (124 व�) और बु�ं डी (123 व�) पर है।

नोट्स

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(वीिडयो दे खने के िलए उपरो� छिव पर ��क कर� ) क� िडडा ऑ�रस के प्रसार को
कै से रोका जा सकता है?
प्रासंिगकता
अ�े हाथ की ��ता (या तो साबुन और पानी से हाथ
GS 2 || शासन और सामािजक �ाय || मानव िवकास || धोना या अ�ोहोल-आधा�रत ह�ड सैिनटाइज़र का प्रयोग
�ा� करना) के साथ संक्रमण की रोकथाम और िनयंत्रण के िलए
सावधानीपूव�क �ान, �ा� किम�यों और �ा� सुिवधा
शीष�क के आगंतुकों सिहत सभी के िलए मह�पूण� है।

क� िडडा ऑ�रस संक्रमण यह मह�पूण� है िक �ा� देखभाल कम� संक्रमण की
रोकथाम और िनयंत्रण उपायों का स�ी से पालन कर� ,
सुिख़�यों म� �ों ? जैसे िक गाउन और द�ाने का उिचत उपयोग। हे�के यर
सुिवधा का दौरा करते समय, आगंतुकों को संक्रमण के
ICMR ने क� िडडा ऑ�रस संक्रमण और उपचार के िलए प्रसार को रोकने के िलए सुिवधा िनद� शों का पालन करना
िदशािनद�श जारी िकए ह�। चािहए।

�ा है क� िडडा ऑ�रस? अंत म�, �ा� सुिवधा �ारा उिचत और प्रभावी
पया�वरणीय सफाई और कीटाणुशोधन, संक्रमण की रोकथाम
क� िडडा ऑ�रस एक उभरता �आ ब�ड� ग-प्रितरोधी और िनयंत्रण का एक मह�पूण� िह�ा है।
यी� है। कई दे शों के साव�जिनक �ा� अिधका�रयों ने
बताया है िक क� िडडा ऑ�रस ने अ�ताल म� भत� मरीजों �ा क� िडडा ऑ�रस से पीिड़त
म� गंभीर बीमारी को ज� िदया है। का उपचार िकया जा सकता है?

क� िडडा ऑ�रस के कारण होने वाले संक्रमण अ�र अिधकांश क� िडडा ऑ�रस इ�े �न ऐिं टफं गल दवाओं के
आमतौर पर इ�ेमाल िकए जाने वाले एं िटफं गल दवाओं के साथ इलाज यो� ह�। हालांिक, क� िडडा ऑ�रस संक्रमण कु छ
प्रित प्रितिक्रया नही ं देते ह�, िजससे उनका इलाज करना एं िटफं गल दवाओं के सभी तीन मु� वग� के िलए प्रितरोधी
मु��ल हो जाता है। इसके अलावा, क� िडडा ऑ�रस �ा� रहे ह�, िजससे उनका इलाज करना अिधक किठन हो जाता है।
दे खभाल वातावरण म� सतहों पर बने रह सकते ह� और
�ा� सुिवधाओं म� रोिगयों के बीच फै ल सकते ह�। फं गल रोगों के बारे म�

िजन रोिगयों को एक गहन दे खभाल इकाई म� लंबे समय फं गल रोग िविभ� प्रकार के कवक के कारण होते ह� जो
तक रहना पड़ता है, उनकी गंभीर िचिक�ा �स्थितयां होती आमतौर पर पया�वरण म� पाए जाते ह�।
ह�, और जो पहले एं टीबायोिट� या एं िटफं गल दवाएं प्रा�
कर चुके ह�, वे संक्रमण के उ�तम जो�खम के अधीन कवक सू�जीव ह� जो िम�ी, पौधों और पेड़ों और यहां
िदखाई दे ते ह�। तक िक आंत�रक सतहों और मानव �चा म� रहते ह�।

यह इतना खतरनाक �ों है? कवक की लाखों अलग-अलग प्रजाितयां ह� लेिकन के वल
कु छ ही लोगों को बीमार बनाते ह�।

�स्थ लोगों म� आक्रामक संक्रमण शायद ही कभी होता है
लेिकन कमजोर प्रितर�ा प्रणाली वाले ��� इस खतरे के
अधीन होते ह�।

अित�र� संदभ�

https://youtu.be/0chD0ZsQNvU

क� िडडा ऑ�रस अ�र प्रमुख एं टीफं गल दवाओं के िलए (वीिडयो देखने के िलए QR कोड को �ै न कर� )
प्रितरोधी है जो आमतौर पर इस तरह के संक्रमणों के इलाज
के िलए उपयोग की जाती ह�।

फै लाव

क� िडडा ऑ�रस, दू िषत सतहों या उपकरणों के संपक�
म�, या संक्रिमत या उपिनवेिशत ��� के साथ शारी�रक
संपक� से �ा� सेवा �वस्थाओं म� फै ल सकता है।

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(वीिडयो दे खने के िलए उपरो� छिव पर ��क कर� ) एन.ए.बी.एल. के बारे म�

प्रासंिगकता रा�� ीय परी�ण और अंशांकन प्रयोगशाला प्र�ायन बोड�
(एन.ए.बी.एल.) वािण� एवं उ�ोग मंत्रालय के अंतग�त
GS2 || शासन || मानव िवकास || �ा� भारतीय गुणव�ा प�रषद् (�ू.सी.आई.) का एक घटक बोड� है।

शीष�क एन.ए.बी.एल. िचिक�ा एवं मापंकन प्रयोगशालाओं सिहत
परी�ण मा�ता हेतु अंतरा��� ीय प्रयोगशाला प्र�ायन सहयोग
गुणव�ा आ�ासन योजना (आई.एल.ए.सी.) और एिशया प्रशांत प्र�ायन सहयोग
(ए.पी.ए.सी.) जैसे अंतरा��� ीय िनकायों के िलए पार��रक
सुिख़�यों म� �ों ? मा�ता �वस्था (एम.आर.ए.) ह�ा�रकता� है।

एन.ए.बी.एल. �ारा गुणव�ा आ�ासन योजना का शुभारं भ एम.आर.ए. सहकम� प्र�ायन िनकायों �ारा मू�ांकन पर
आधा�रत है और एम.आर.ए. भागीदारों का प्रितिनिध� करने
गुणव�ा आ�ासन योजना वाले दे शों के म� परी�ण/ अंशांकन प�रणामों की �ीकृ ित
की सुिवधा प्रदान करता है।
एन.ए.बी.एल. ने बेिसक कं पोिजट (बी.सी.) िचिक�ा
प्रयोगशालाओं के िलए गुणव�ा आ�ासन योजना (�ू.ए.एस.) इस प्रकार एन.ए.बी.एल. मा�ता प्रा� प्रयोगशाला प�रणाम
नामक एक �ै��क योजना का शुभारं भ िकया है। िव�भर की 80 से अिधक अथ��वस्थाओं म� �ीकार िकए
जाते ह�।
�ड �ूकोज, �ड काउं ट्स, सामा� संक्रमणों के िलए
��रत परी�ण, यकृ त व गुद� के काय� परी�ण तथा मूत्र के अित�र� संदभ�
िनयिमत परी�ण जैसे ही बुिनयादी िनयिमत परी�ण करने
वाली प्रयोगशालाएं इस योजना के तहत आवेदन करने की http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=189209
पात्र होगं ी।
मु� परी�ा हेतु अ�ास प्र�
यह नैदािनक प्रित�ान (क� द्र सरकार) िनयमावली, 2012
म� संशोधन के िलए जारी की गई है। गुणव�ापूण� �ा� सेवाओं को बढ़ावा दे ने के तंत्र �ा ह�?

इस योजना का लाभ उठाने के िलए �ूनतम द�ावेज की (वीिडयो देखने के िलए QR कोड को �ै न कर� )
आव�कता होती है और साथ ही इसके िलए नाम मात्र का
शु� िनधा��रत िकया गया है। नोट्स

ल� तथा उ�े �

यह योजना भारत की �ा� प्रणाली के जमीनी

�र पर गुणव�ा लाने म� सहायता प्रदान करे गी जहां

प्रयोगशालाएं अपनी सभी प्रिक्रयाओं म� गुणव�ा की

अिनवाय�ता का अनुपालन करती ह�।

इस योजना के मा�म से प्राथिमक िचिक�ा क� द्रो,ं

समुदाय �ा� क� द्रो,ं डॉ�रों के �ीिनको,ं छोटी

प्रयोगशालाओं और छोटे निस�ग होम की प्रयोगशालाओं

को गुणव�ा यु� प्रयोगशाला के प�रणामों तक प�ंच

उपल� होगी।

यह योजना से िवशेषतः गांवों एवं छोटे शहरों म�

िनवािसत अिधकांश नाग�रकों को गुणव�ा यु� िनदान

सुिवधा उपल� कराकर गुणव�ा िचिक�ा दे खभाल के

िलए आयु�ान भारत- रा�� ीय �ा� सुर�ा योजना की

वैि�क प�ंच के ल� को भी बढ़ाने म� सहायता प्रदान

करे गी। A STUDY IQ Initiative

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(वीिडयो दे खने के िलए उपरो� छिव पर ��क कर� ) सी.जे.आई. िट�णी

प्रासंिगकता �ायमूित� गोगोई ने गु�े और पीड़ा के साथ इस आरोप
का जवाब िदया।
शासन एवं सामािजक �ाय|| �ायपािलका || सव��
�ायालय उ�ोनं े कहा:
20 वष� या िनः�ाथ� सेवा के बाद। यह अिव�सनीय है ...
शीष�क मेरे ब�क खाते म� 6,80,000 �पए के ब�क बैल�स के साथ।
यही मेरी कु ल संपि� है। जब म�ने एक �ायाधीश के �प म�
भारत के मु� �ायाधीश ने यौन उ�ीड़न के आरोपों का शु�आत की, तो मुझे ब�त उ�ीद थी। सेवािनवृि� के कगार
सामना िकया पर मेरे पास 6 लाख ह�। यह पुर�ार है सी.जे.आई. को 20
वष� की सेवा के बाद, 6,80,000 �पये का ब�क बैल�स। मुझे
सुिख़�यों म� �ों ? लगा िक �ायपािलका की सव�� सीट से यह कहा जाना
चािहए।
�ायालय के एक कम�चारी ने भारत के मु� �ायाधीश
रं जन गोगोई पर यौन उ�ीड़न का आरोप लगाया है। सव�� �ायालय म� िविधवत प्रिक्रया

मु� �ायाधीश ने इन आरोपों को एक सािजश तथा पर�ु खुद आरोपी मु� �ायाधीश �ारा अचानक �ई
�ायपािलका की �तंत्रता के िलए खतरा बताया। यह सुनवाई ने किथत यौन उ�ीड़न के ऐसे मामलों म� िविधवत
प्रिक्रया के संदभ� म� आ�य� की �स्थित पैदा करता है।
भारत के मु� �ायाधीश (सी.जे.आई.)
के �खलाफ लगाए गए आरोप भारत के सव�� �ायालय ने �यं काय�स्थल पर घिटत
होने वाले यौन उ�ीड़न को दू र करने के िलए िदशािनद� श
19 अप्रैल को, िशकायतकता� ने अपने अनुभवों का िववरण िनधा��रत िकए ह�। इसके बाद प्रशंिसत िवशाखा िनण�य
दे ते �ए सव�� �ायालय के 22 पीठासीन �ायाधीशों को काय�स्थल म� मिहलाओं के यौन उ�ीड़न की रोकथाम पर
पत्र भेजे। उसने कहा िक वह मई 2014 म� सव�� �ायालय एक नए कानून का आधार बन गया। POSH, जैसा िक
म� काय�रत थीं और वष� 2015 से िदसंबर 2018 तक आमतौर पर कहा जाता है, उस प्रिक्रया हेतु प्रदान करता है
�ायालय सहायक के �प म� काय� िकया जब उसकी सेवा िजसम� यौन उ�ीड़न की िशकायतों को संबोिधत िकया जाना
समा� हो गई। चािहए, जांच की जानी चािहए और उन पर कार� वाई की जानी
चािहए।
हलफनामे के अनुसार पहली किथत घटना िपछले वष�
के अंत म� �ई, िजसम� �ायाधीश ने िशकायतकता� के व�ों अ� उठे प्र�?
पर किथत �प से िट�णी की और िफर उसे अनुिचत
तरीके से छु आ। शिनवार को िवशेष पीठ का गठन �ों िकया गया?
मु� �ायाधीश इस पीठ म� �ों बैठे ? कोई भी ���
अ�ू बर म� एक अ� घटना म� �ायाधीश ने अंततः अपने ही ऊपर आरोिपत मसलों का �ायाधीश नहीं
िशकायतकता� को किथत तौर पर गले लगाया। हलफनामे हो सकता है।
म� यह दावा िकया गया है िक िशकायतकता� ने उसे ध�ा दे उ�ोनं े सबसे किन� �ायाधीशों म� से एक �ायमूित�
िदया और कमरे से बाहर चली गई और िफर उसे वापस बुला संजीव ख�ा को �ों चुना िजनके ऊपर 33 व�र� �ायाधीश थे?
िलया गया तथा िकसी के साथ भी इस घटना पर चचा� नहीं यिद आज एक पीठ का गठन िकया जाना था तो व�र�तम
करने की चेतावनी दी। उसे एक नोट िलखने के िलए कहा �ायाधीशों को �ों नहीं चुना गया?
गया, िजसम� उसने उसे पकड़ने के िलए कहा था। सोमवार तक यह इं तजार �ों नहीं िकया जा सका?

सव�� �ायालय �ारा िवशेष सुनवाई दू सरा प�

मु� �ायाधीश गोगोई तथा �ायाधीश अ�ण िमश्रा व भारत के मु� �ायाधीश की अगुवाई वाली यह पीठ
संजीव ख�ा की अगुवाई म� तीन �ायाधीशों की एक पीठ ने चुनाव के दौरान बड़े मामलों की सुनवाई करने वाली है
सुनवाई की। िजसका चुनावों पर असर पड़ सकता है।

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अित�र� संदभ� (वीिडयो देखने के िलए QR कोड को �ै न कर� )

https://www.thehindu.com/news/national/cji-ranjan
-gogoi-denies-charges-of-sexual-harassment/
article26895720.ece

नोट्स

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