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Published by Mrityunjay Singh, 2020-08-27 02:59:53

पंच परमेश्वर

पंच परमेश्वर

मशुं ी प्रेमचदं
जन्म - सन ् १८८०
मतृ ्यु - सन ् १९३६
जन्म स्थान - लमही ग्राम, वाराणसी
उपन्यास - सेवा सदन, नमलर्त ा, रंगभू म, कमभर्त ू म, गबन, गोदान
कहानी सगं ्रह - मान सरोवर [ ८ भागों मे प्रका शत, िजसमें ३०० कहानी
सकं लत हंै ।]
नाटक - कबलर्त ा, सगं ्राम और प्रेम की वेदी
नबधं - कु छ वचार नाम से प्रका शत हुए
गोदान हन्दी का एक श्रेष्ठ उपन्यास है ।

‘‘न्याय प्रयता सवर्वोत्तम गणु है ।’’

पंच परमेश्वर

अवतरण-
“जमु ्मन शखे और अलगू चौधरी मंे गाढ़ी मत्रता थी ।”



प्रश्न 1 कन बातों से ज्ञात होता है क जुम्मन और अलगू
की गाढ़ी मत्रता थी ?

उत्तर 1 जमु ्मन शखे और अलगू चौधरी की खेती साझे मंे
होती थी और लेन-देन मंे भी कु छ साझा था । एक दसू रे पर
बहुत वश्वास था जमु ्मन हज करने गया तो अपना घर अलगू
को सौंप कर गया था और अलगू जब कहीं बाहर जाता तो
जुम्मन पर अपना परू ा घर छोड़कर जाता । इन बातों से
स्पष्ट होता है क उन दोनों की मत्रता बहुत गाढ़ी थी ।



प्रश्न 2 खाला ने अपनी संप त्त
कसको और क्यों दे दी ?

उत्तर 2 खाला ने अपनी सपं त्त
जुम्मन को दे दी क्यों क उनकी न ही
कोई संतान थी और न ही नकट के
सबं ं धयों मंे कोई था ।



प्रश्न 3 रिजस्ट्री होने से पहले खाला के प्र त जुम्मन एवं उसकी पत्नी का
व्यवहार कै सा था?

उत्तर 3 रिजस्ट्री होने से पहले जमु ्मन ने बहुत वायदे कए एवं खालाजान

का खूब सत्कार कया गया । उन्हें खबू स्वा दष्ट पदाथर्त खलाए गए जसै े
हलवे व पुलाव ।



प्रश्न 4 खाला को पचं ायत बुलाने की आवश्यकता क्यों पड़ी ?

उत्तर 4 जब खाला ने अपनी सपं त्त जमु ्मन के नाम कर दी तो
जमु ्मन और उसकी पत्नी का व्यवहार उनके प्र त बदल गया । अब
उन्हें हलवे व पलु ाव की बजाय रूखी - सूखी रोटी मलने लगी और
साथ में तीखे ताने भी । अतः इन सब बातों को जब सहना
असंभव हो गया तब खाला ने पंचायत बलु ाने की ठान ली ।



प्रश्न / उत्तर

प्रश्न 1 अलगू पर खाला की इस बात का क्या
प्रभाव पड़ा “पंच के दल मंे खदु ा बसता है ।”

उत्तर 1 “पचं के दल में खदु ा बसता है ।” खाला की
इस बात का अलगू पर यह प्रभाव पड़ा क अलगू
समझ गया क पंच की कु सर्सी पर बठै ने के बाद न
कोई कसी का दोस्त होता है और न कोई कसी
का दशु ्मन और उसे सही न्याय देने के अलावा और
कु छ भी नहीं सूझता । अतः उसने यही कया ।



प्रश्न 2 अलगू ने खाला के पक्ष मंे क्या न्याय सनु ाया और क्यों ?

प्रश्न 2 अलगू ने खाला के पक्ष मंे यह न्याय सनु ाया क खालाजान को
माहवार खचर्त दया जाएगा और पचं ों के वचार से खाला की जायदाद से
इतना मनु ाफा अवश्य होता है क उन्हंे खचर्त दया जा सके । वह पचं के

पद पर बठै ा था, अतः दोस्ती के पक्ष में न जाकर उसने ईमानदारी व

न्याय का साथ दया और सही फै सला सुनाया ।



मलू ्यपरक प्रश्न

प्रश्न 3 अगर तमु सरपंच बन जाओ तो नणय्तर देते समय कन बातों का ध्यान
रखोगे ?

उत्तर 3 य द मैं सरपचं बन जाती तो नणयत्र देते समय इस बात को हमेशा
ध्यान मंे रखती क सरपंच की कु सर्सी पर बठै ने के बाद कसी के साथ पक्षपात
न करती । दोस्ती व दशु ्मनी दोनों को ही नणयत्र से अलग रखती । दोनों पक्षों
को पूणत्तर ः सनु ती एवं पचं ों की राय लेती । अमीर - गरीब आ द का भेद भी
नहीं रखती और के वल न्याय करती ।



शब्द शब्दाथ्रत

खाला अथर्त
बघारना
अनुग्रह मौसी
फ रश्ते घी का तड़का लगाना
बेवा कृ पा
देवता

वधवा



वाक्य प्रयोग

सालन - पत्ते आ द की सब्जी
वाक्य - सालन के बना भोजन बेस्वाद लगता है ।

वमै नस्य - मनमुटाव

वाक्य - आपस के वमै नस्य की आग मंे हमने अपना सवसतर् ्व
स्वाहा कर दया ।

दैवयोग से - संयोग से
वाक्य - अच्छे मत्र दैवयोग से मलते हंै ।



पया्रयत वाची लखो

खा तरदारी - आवभगत

सब्र - धयै ्तर

खदमत - सेवा

नेक-बद - अच्छा बरु ा

फ़ज्रत - कतव्तर ्य

धन्यवाद


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