टैली ाइम या है? Tally Prime यह Tally ERP 9 का नवीनतम सं करण ह,ै टैली ाइम एक
accounting software है जसे Tally Solution Private Limited ारा वक सत कया
गया है, जसमे हम QR Code, E-invoice, E-Way Bill, Multi Printing, Bank
Cancellation update, Oman VAT, e-payment के साथ ही साथ यजू र डली
interface तैयार कया गया ह.ै जसम Tally ERP 9 के कमजो रय को र करके Tally काय करने
वाल के लए एक सरल वातावरण तैयार कया गया है, जसम हम पहले से और ब त आसानी से काय
कर सकते ह.
यह टैली का नवीनतम version जसमे tally erp 9 से advance बनाया गया है जसमे हम QR
Code, E-invoice, E-Way Bill, Multi Printing, Bank Cancellation update,
Oman VAT, e-payment के साथ ही साथ यजू र डली interface तयै ार कया गया ह.ै
Tally Prime Launch Date – Tally Prime को 9 नवंबर 2020 को टैली ाइवेट सलशू न
ल मटेड ारा लॉ च कया गया है.
Tally Prime Download 32 bit– Tally Prime 32 bit version म उपल ध नही ह,ै के वल
64 bit म टैली ाइम को install कया जा सकता ह.ै
Tally Prime Price –
SILVER RENTAL – 600 Per Month
SILVER – 18,000
GOLD RENTAL – 1,800 Per Month
GOLD – 54,000
Tally Prime या है
Billing Software
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Tally Prime Notes in Hindi – Version Hardware Configuration
ववरण आव यक कॉ फ़गरशे न
ोससे र 1.8 GHz 64-bit (x64) architecture processor;
(Processor) Core2 Duo,
Dual Core,
Core i3,
Core i5,
Core i7 और इससे अ धक
रैम (RAM) 4 GB और इससे अ धक
हाड ड क (Hard 150 MB free space सॉ टवरे को इन टॉल करने के लए
Disk)
Monitor 1366 × 768
Resolution
Operating 64-bit editions of Microsoft Windows 7, Windows
System Server 2008 R2 और इससे अ धक
Other MS Office 64-bit editions of MS Office software such as Excel,
software Word, और इससे अ धक
टैली या है What is Tally | Fullform | notes hindi pdf and Versions of Tally.(नए
ाउज़र टैब म खलु ता ह)ै
Tally erp 9 notes in english pdf free download with examples, GST Voucher
Entry
Tally Prime Download – Tally Prime Notes in Hindi
टैली ाइम सॉ टवये र को डाउनलोड करने के लए हम सबसे पहले टैली सॉ यूशन ाइवेट ल मटेड
य ऑ फ सयल वेबसाइट पर जाना होगा.
ऑ फ शयल वबे साइट पर जाने के बाद या ऊपर दए गए लक म लक करने के बाद आप ऊपर दए
ए page म प ंच जाएगं े जहां पर आप टेली ाइम का ायल वजन या फु ल वजन डाउनलोड या
परचजे कर सकते ह.
Tally क व भ न version – Tally Prime Notes in Hindi
1. Tally 3.0 (1990) – टैली 3.0 टैली का पहला सं करण है जसका उपयोग छोटे वसाय क
बु नयाद लेखाकं न आव यकता के लए कया गया है। ले कन, सॉ टवेयर को चलाने के लए बाहरी
और वशेष कमांड क आव यकता होती ह।ै और, यह के वल Microsoft DOS को सपोट करता है।
ये भी पढ़े – Ms Excel in Hindi – Formulas, Table, Cell, Formatting, Notes PDF
Download
2. Tally 3.12 (1991)
3. Tally 4 (1992)
4. Tally 4.5 (1994)
5. Tally 5.4 (1996)
6. Tally 6.3 (2001)
7. Tally 7.2 (2005)
8. Tally 8.1 (2006)
9. Tally 9 (2006)
10. Tally ERP 9 (2009)
टैली ईआरपी 9, 2009 के बाद से टैली का नवीनतम सं करण ह।ै इसम कई ापा रक संगठन ह।
इसम जीएसट गणना, चालान और परे ोल या, रमोट ए सेस, ब -उपयोगकता लॉ गन और लेनदेन
या स हत उ नत वशेषताएं ह। आजकल, वसायी टैली क तरह एक पूण ापार समाधान
सॉ टवेयर चाहते ह।
11. Tally Prime (2020) – Tally Prime Notes in Hindi
यह टैली का नवीनतम version जसमे tally erp 9 से advance बनाया गया है जसमे हम QR
Code, E-invoice, E-Way Bill, Multi Printing, Bank Cancellation update,
Oman VAT, e-payment के साथ ही साथ यजू र डली interface तयै ार कया गया है
Tally Prime Features in Hindi – Tally Prime Notes in Hindi
Goto or Switch Button – जसै े हम टैली ाइम को ओपन करगे तो सबसे पहले हम Home
Screen दखाई देगा जसमे Top Menu म GoTo बटन दखाई देगा जसका shortkey alt + g
है जसके मा यम से हम Gateway of Tally म रहकर इस वक प के मा यम से व भ न
Ledgers, Vouchers और Report को खोजने और खोलने म सहायता करते ह, यह वक प टैली
को और easy बनाता ह.ै
Create Option – टैली ाइम को टैली erp से आसान बनाने के लए टैली म create कये जाने
वाले ledger, voucher, stock आइटम, पु , ाइस लेवल, गोडाउन इ या द आ शन को create
आ शन म स म लत कर दया गया ह.ै
Reports – रपोट को easy way म वशलेषण करने के लए एक णे ीब तरीके से ततु कया
गया है। जब क टैली ाइम बड़ी सं या म रपोट दान करता है, रपोट को पढ़ना और समझना समान
इटं रै शन के साथ सरल होता है।
जब आप एक रपोट खोलते ह, तो आपको सबसे ासं गक रपोट अव ध के लए साराशं डेटा मलगे ा।
1. Oman VAT
Tally Prime Oman VAT को from 16-April-2021 सभी कार के लने देनो म support
करगे ा Tally ाइम म इसे एनबले करने के लए इस टे स को फॉलो करे –
1. Enable VAT
2. Set VAT registration details
3. Configure tax rates for VAT
4. Create duty masters for VAT
5. Charge VAT in transactions
2. Print logo in Simple Invoice Format
इस नए version म सपल invoice म भी लोगो ट कर सकते है नचे दए गए टे स के साथ आप
logo set कर सकते है पहले के version म logo ट म करने सम या होता था उसे र कया गया
है
The Use Simple Invoice format option को Yes करे print
configurations for an Invoice पर जा कर.
The e-Invoicing applicable option को NO करे GST
Details under F11 features पर जा कर.
३. Display Modes in TallyPrime
Tally Prime म दो कार के Display Modes दया गया है Bright और Soft.
While Bright display mode पहले से रहेगा, हम अपने अनसु ार ड ले मोड को change कर
सकते है इसके लए हम in टे स को follow करना होगा
> F1 (Help)
> Settings
> Display
> Colour & Sound
> Display Mode.
4. e-Invoicing – Tally Prime
tally ाइम e-Invoicing feasters को जोड़ा गया है जसके मा यम से हम अब इ-invoice
तयै ार कर सकते है
5. Experience Improvement – Tally Prime
6. Accounting & Finance – Accounting Reports -Tally Prime
Bill-wise details in Ledger Vouchers report
जब हम condensed format म वाउचर report ट करते थे तो , bill-wise details नही
दखाई देता था उसे इस version म सधु ार कया गया है
7- Printing of cheques in vertical mode -Tally Prime
8- Unable to save Contra voucher opened from BRS यह सम या को सुधार
कया गया है
8- e-Payments – Tally Prime
10- QR code in e-Invoices – Tally Prime Notes in Hindi
Tally Prime – Terminology (टैली के श दावली)
Tally Basic Notes Hindi / Basic Accounting Terms – Tally ERP 9 Notes
Tally Prime Notes Hindi – Introduction of Accounting वतमान म वसाय का े
काफ व तृत हो चकु ा ह।ै वै क (Global) अथ व था एवं वसाय के बदलते प रवशे म व ीय
लेन-देन क ज टलता म भी वृ ई ह,ै फल व प व ीय वहार के नयमन के लये लखे ा –
जोखा रखना एक ावसा यक संगठन के लये आव यक हो गया ह।
येक लेन-देन को याद रखना बड़ा मु कल एवं अस भव है, इसी कारण बहीखाता का ा भाव आ
है, लूकास पे सयोली को पु तपालन (Bookkeeping) का ज मदाता कहा जाता ह.
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भारत म लखे ाकं न माप के नधारण तथा लेखाकार के श ण का काय Institute of
Chartered Accountants of India and Institute of Costs and Works
Accountants of India ारा कया जाने लगा है।
Meaning and Definition of Book – Keeping – Tally Prime Notes in
Hindi
बहीखाता का अथ एवं प रभाषा
बहीखाता को पु तपालन भी कहते ह,ै इसका आशय है लेन-देन को पु तक म लखना। वसाय म
कई कार के मौ क लेन-देन होते ह जनका व थत प से पु तक म लेखा करना आव यक होता
है।
वसाय के सम त व ीय लने -देन का नय मत, व धवत, शु एवं प प से लखे ा करने क कला
को ही बहीखाता अथवा पु तपालन कहते है। जस दन लेन-देन होता है उसी दन बहीखाता का काय
कया जाता ह।ै प रभाषय:- काटर के अनसु ार – ’’बहीखाता उन सम त ापा रक लेन-देन का उ चत
ढंग से लेखा करने क कला है एवं व ान ह,ै जसके फल व प मु ा के मू य का ह तातं रण होता है।
ज.े आर. बाटलीबाॅय के अनुसार – ’’बहीखाता ापा रक वहार को उ चत शीषक के अतगं त लेखा
करने क कला ह।
Meaning and Definition of Accounting – लखे ाकं न अथ एवं प रभाषा
बहीखाता का काय के वल व ीय सौद को हसाब क पु तक म नयमानसु ार लखना ह, जब क
लेखांकन उनका वग करण व साराशं ीकरण कर व ीय प रणाम को ततु करता है। यसाय को
आ थक प रणाम जानने के लये बहीखाता म लखे गये लेन-देन का सं ह, वग करण, साराशं ीकारण
कर उनका व ेषण करना आव यक ह,ै तभी कोई यसायी अपने वसाय के प रणाम का न कष
नकाल सकता ह।ै इस काय को लखे ाकं न के ारा पूण कया जाता है.
Objective of Accounting – लेखांकन के उ े य – Tally Prime in Notes Hindi
लखे ांकन, जसै ा क हम जानते है क सम त ावसा यक वहार का पु तक म व धवत लेखा ह।ै
वसाय एवं उप म से सबं ं धत सम त व ीय वहार क जानकारी लखे ाकं न के मा यम से ा त हो
जाती है। इसके मखु उदद◌् े य न न ल खत है –
1. पँूजी का ान:-
2. य – व य का ान:-
3. देनदार एवं लने दार का ान:-
4. यसाय क व ीय थ त क जानकारी
5. लाभ – हा न का ान
Definition of Accounting – Tally Prime Notes in Hindi
Accounting : – वह ोससे है जसके ारा व ीय लने देन का पहचान कर (Identification)
एं करना, सरांशीकरण कर रपोट तयै ार करना होता है जसके ारा ापार के व ीय थती को
जाना जा सकता ह, लेखाकं न कहलाता ह।
Business : –
लाभ कमाने के उदे य से कया गया वैधा नक काय वसाय कहलाता ह वसाय एक ापक श द है
जसक अतं गत ापार, उ पादन काय, व तु या सवे ा का य – व य, बक, बीमा, प रवहन
क प नयाॅ इसके अतं गत आते ह।
Types of Business
1.Manufacturing (उ पादन)
2.Trading ( व य)
3.Servicing (सवे ा)
Trade ( ापार):-
लाभ कमाने के उदे य से कया गया व तु का य – व य ापार कहलाता ह।
Profession (पशे ा या वृ ):-
आय अ जत करने के लए कया गया कोई काय या साधन जसके लए पूव श ण आव यकता
होती ह,ै पशे ा कहलाता ह जैसे – डाॅ टर, श क, वक ल इ या द के काय पेशा के अंतगत आते ह।
Proprietor ( वामी या मा लक):- Tally Prime Notes in Hindi
वसाय को ार भ करने वाला जो आव यक पॅूजी क व था करता है तथा लाभ ा त करने
के अ धकारी व हा न का जो खम वहन करता ह, वसाय का वामी कहलाता ह।
Capital (पूजॅ ी)-
वसाय के वामी ारा वसाय को ार भ करने के लये धन, रोकड़ या अ य स प के प म
लगाया जाता ह उसे पजॅू ी कहते ह। वसाय म पजॅू ी लाभाजन के उ े य से लगाई जाती ह लाभ का
वह भाग जो वसाय से नकाला नही गया ह,
पजॅू ी:- स प यां – दा य व.
Drawing (आहरण)–
वसाय के वामी ारा वसाय के नजी उपयोग के लये जो माल या रोकड़ नकाल लये जाते ह,
उसे आहरण या नजी य कहते ह।ै आहरण से पूजॅ ी क मा ा कम हो जाती ह।
Transaction (सौदा या लेन – देन):– Tally Prime Notes in Hindi
दो प ो के म य होने वाले मु ा, माल या सवे ा के पार प रक व नमय ; गब दहम को स दे लेन – देन
कहते ह। माल का य – व य, भुगतान का का लने ा – देना आ द आ थक याए◌ॅ ावसा यक
सोदेै े या लेन – देन कहते ह।
Types of Transaction
1. Cash Transaction (नगद लने -देन)
2. Credit Transaction (उधार या साख लेन-देन)
3. Bill Transaction ( बल लने -देन)
Goods (माल)- Tally Prime Notes in Hindi
माल उस व तु को कहते ह, जसका य – व य या ापार कया जाता है। माल के अंतगत व तु
के नमाण हेतू ा त क ची साम ी, अ न मत साम ी या तयै ार व तुएं हो सकती ह.
Purchase ( य)-
जब ापारी ारा व य हेतू माल क खरीद क जाती ह,ै उसे य कहा जाता है।। यह खरीद क ची
साम ी या तैयार माल के प् म हो सकती ह। स प य का य, य म शा मल नह ह, य क ये
पुनः व य के लये नही होती ह।
Purchase Return ( य वापसी)-
य कये गये माल म से कसी कारणवश जो माल वापस कर दया जाता ह, उसे य वापसी अथवा
बा वापसी (Return Outward) कहते है।
Sales ( व य)-
लाभ ा त के उ े य से जब य कया आ माल बजे ा जाता ह उसे व य कहते ह। नगद माल बेचने
को नगद व य (Cash Sales) तथा उधार माल बचे ने को उधार व य (Credit Sales) कहते ह।
Sales Return ( व य वापसी)- Tally Prime Notes in Hindi
व य कये गये माल म से कसी कारणवश ाहक ारा वापस कर दया जाता ह, उसे व य वापसी
अथवा आ त रक वापसी कहते है। टैेली म Sales Return होने पर उसे जनल वाउचर या डे बट नोट
म एं कया जाता है।
Stock ( टाॅक या कं ध)-
एक न त समयाव ध के उपरा त जो माल बकने से रह जाता ह, उसे टाॅक कहते है कसी ापा रक
वष के अं तम दन जो बना बका माल रह जाता है उसे अं तम टाॅक (Closing Stock) कहते है।
नवीन ापा रक वष के ारभं म यही टाकॅ , ारं भक टाकॅ (Opening Stock) कहलाता ह।ै
Assets (स प यां)– Tally Prime Notes in Hindi
वसाय क ऐसी सभी थायी उवं अ थायी व तुएं जो वसाय को चलाने के लये आव यक होती ह
तथा का जन पर वसायी वामी व होता ह, स प यां कहलाली ह। जसै े – यं , भू म वभन तथा
वसाय क नजी उपयोग मे होने वाले सभी यं , फन चर, टर, क यटू र इ या द।
Types of Assets
1. Fixed Assets थायी स प () –
यं , भू म वभन तथा वसाय क नजी उपयोग मे होने वाले सभी यं , फन चर, टर, क यूटर
इ या द
2. Current Assets चल स प () –
नगद रोकड. बक नगद इ या द
Liabilities (दा य व या देयताए)– Tally Prime Notes in Hindi
वसाय के देयधन को दा य व कहते ह वसाय म कु छ आव यक रा शयाॅ ऐसी होती ह, जनको
चुकाने का दा य व वसाय पर होता है जसै े – पजॅू ी, देय वप , लने दार, बक अ ध वकष आ द।
Revenue (राज व):-
राज व से आशय ऐसी रा श से है जो माल अथवा सेवा के व य से नय मत प से ा त होती ह।ै
वसाय के दन – त दन के या-कलाप से ा त होने वाली रा शयाॅ जैसे – कराया, ाज,
कमीशन, ब ा, लाभांश आ द भी राज व कहलाते है।
Expenses ( य):- Tally Prime Notes in Hindi
वसाय म माल, व तु तथा सेवा के उ पादन या ा त करने के लये जो लागत आती ह।ै य
कहते ह। माल तथा सवे ा क ा त के लये भगु तान य के अंतगत आते ह। मज री, भाड़ा, रले
गाड़ी तथा माल के वतरण एवं व य पर भुगतान गया वते न, कराया, व ापन, य, बीमा आ द भी
म य म शा मल ह।सं पत म राज व म वृ करने क लागत को य कहते ह।
Types of Expenses
1. Direct Expenses –
माल तथा सेवा क ा त के लये भगु तान – मज री, भाड़ा, रेल गाड़ी तथा माल के वतरण एवं
व य पर भुगतान
2. Indirect Expenses –
राज व म वृ , वेतन, कराया, व ापन, य, बीमा आ द Expenditure (खच):- खच वह रा श
होती है जो यसाय क लाभ-अजन मता क वृ हेतू भुगतान क जाती ह।ै वसाय म स प य
के अ ध हण या ा त हेतू जो भगु तान कया जाता है वह खच कहलाता ह।
Gain (लाभ):-
यह एक कार क मौ क ा त ह,ै जो वसाय के फल व प् ा त होती है जसै े य द 1,00,000
पये मू य क माल को 1,50,000 पये म बचे ा जाएगा तो 50,000 पये क ा त लाभ
कहलगे ा।Basic Accounting Terms
Cost (लागत):-
वसाय एवं उसके काय म योग होने वाले क चे माल, सेवा व ऋण, उ पादन या उसे उपयोगी बनाने
हते ू कये जाने वाले सम त य एवं अ य य के योग को ही व तु क लागत कहते ह।ै व तु के
अतं गत क चा माल या स प या शा मल रहती है।
Discount (कटौती, ब ा या छू ट):‘- Tally Prime Notes in Hindi
ापारी ारा अपने ाहक को द जाने वाली रयायत को कटोैती, छू ट या ब ा कहते है। इसे उपहार
भी कहा जाता है। ब ा दो कार के होते ह –
1. ापा रक ब ा (Trade Distcount) :-
व े ता अपने ाहक को माल खरीदते समय उसके अं कत मू य अथात् सचू ी मू य म जो रयायत
(छू ट देता है) करता ह,ै उसे ापा रक ब ा कहते है यह माल क ब बढ़ाने के उ े य से दया जाता
ह। इसका लेखा पु तको म नही कया जाता है
2. नगद ब ा (Cash Discount) :-
न त अथवा नधा रत अव ध म नगद रा श या चैक ारा मू य का भगु तान करने पर जो छू ट द जाती
है, उसे नगद ब ा कहते है इसका लखे ा पु तको म कया जाता है
Debitor (देनदार या ऋणी):-
जो , फम या सं था से माल अथवा सेवाएं उधार लेते ह,ै उसे ापार का ऋणी या देनदार कहते
ह।ै देनदारो को ‘ व वध देनदार’ या Sundry Debtor कहते ह।ै
Creditor (लेनदार या ऋण दाता):- Tally Basic Notes in Hindi
जस , फम या सं था से माल अथवा सवे ाएं उधार ली जाती है उसे णदाता या लेनदार कहते है
माल उधार खरीदने पर ही लेदनदार का उदय होता है लने दारो को ‘ व वध लने दार’ (Sundry
Creditors) कहते है। जैसे – लखन याम से 2 टर 20000 पये मे खरीदा ।
Receivable ( ा य):- Tally Prime Notes in Hindi
वसाय से स ब धत ऐसी रा ष जसको ा त कया जाना है उसे ा य कहते है। ापार म माल क
उधार ब होने पर े ता को देनदार कहा जाता ह,ै जनसे रा ष ा त क जाना होती ह .
देयताय (Payable) –
वसाय म कु छ ऐसी रा षयां होती है ज हे◌े भ व य म ापारी को चकु ाना होता है उ हे देयताएं
(Payable) कहते है। जनसे ापार ारा उधार माल य कया जाता है वे ापार के लने दार
(Creditors) कहते ह।ै
Entry ( व ट):-
लेन देन को हसाब क पु तको म लखना व ट कहते है
कु ल ब (Turn Over) –
एक न त म होने वाले नगद तथा उधार व य का योग कु ल व य या Turn Over कहते ह।ै
व य नगद + व य उधार = Turn Over.
Insolvent / दवा लया:-
जो अपना ऋण चुकाने मे असमथ हो जाता है उसे दवा लया कहते है। ऐसे का दा य व
उसक स प के मू य से अ धक होता ह।ै ऐसी थ त म वह अपना ऋण परू ी मा ा म नही चकु ा
सकता है। आं शक प म ऋण चकु ता करने के लये उसे यायालय क शरण लने ी पड़ती ह।ै
यायालय उसे दवा लया घो षत कर आं शक प् से ऋण चुकाने क अनमु त दे देता है जससे वह
अपने ऋण से मु हो जात ह.ै
Bad Debts / ऋण:-
ऋणी क असमथता अथवा दवा लया हो जाने के कारण जो रकम वसूल नह हो पाती, लने दार के
लये डूबत-ऋण या अ्र ा य ऋण कहलाती है।
नामे और जमा (Debit and Credit) :- Tally Prime Notes in Hindi
यके खाते के दो प होते है। बाय प को नामे मइपज या वकलन तथा दा हने प को जमा
तमकपज या समाकलन कहते ह।ै कसी खाते के बाएं प म लखे ा करना नामे लेखा कहलाता है है
जसे पर परागत प से सं ेप म Dr. लखते है इस कार खाते के दा हने प म लेखा करना जमा
लेखा कहलाता है जसे पर परागत प से Cr. लखते है। यह उ लखे नीय है क भारतीय बहीखाता
णाली म नामे प दा हनी ओर तथा जमा बाय ओर हेाता है ।
Commission / कमीशन या वतन:-
ापा रक काया म सहयोग करने अथवा त न ध व करने के तफल म त न ध या अ भकता को
जो पा र मक दया जाता है उसे कमशीन कहते है .
फम (Firm) :-
सामा य अथ म फम से आशय उस सं था से है जो क साझेदारी था पत कर ापा रक या
ावसा यक काय करती ह,ै कतु ापक अथ म यके ापा रक इकाई को फम के नाम से सबं ो धत
कया जा कसता है ।
Account / Leger / खाता :- Tally Prime Notes in Hindi
लजे र या खाता एक ता लका है जसमे सोदै ा उनके वभाव के अनसु ार वग कृ त करके एक श षक के
अतं गत एक थान पर म से लखा जाता ह,ै सरल श दो म कसी , स प तथा आय- य
आ द से संब धत लखे ो को छाटं कर जो सूची बनाई जाती है उसे Account / Leger / खाता कहते
ह।ै
Account श द का अं जे ी म सं त प म A/c होता ह।ै लखे ो म ायः इस सं त प का ही
योग होता है और यके खाता दो प म वभा जत रहता है। बाये प को नामे Debit और दा हने
प को Credit कहते है
ये भी पढ़े – टैली या है टैली के fullform और टैली के version.
Tally Prime Create Company |Tally Prime म कं पनी कै से बनाय.े –
Tally Prime Notes in Hindi
Tally Prime Notes in hindi म कं पनी create करने के लए हमे इन टे स को follow करना
पड़ेगा तो च लये टैली म कं पनी create करते है
1. सबसे पहले tally prime 2020 software हम Tally prime के ऑ फस वेबसाइट से
download करना होगा और इसे अपने computer स टम म इन टॉल करना ह.ै
2. टैली ाइम 2020 इन टॉल होने के बाद उसे ओपन कर,े ओपन करते ही आपको इस तरह के
window दखाई देगा.
3. जैसे क उपर आपको दखाई दे रहा ये, टैली ाइम ओपन करते ही पहले न दखाई देगा जसमे
और इसमे हम Gateway of Tally > Create आ शन पर जाये या shortkey
Alt+K > Create कया जा सकता है.
4. इस आ शन को सले े ट करते ही हमारे सामने कं पनी एशन (company creation) न
ड ले होगा जसमे हम सभी जानकारी को सही – सही पूरी तरह भरना होगा.
5. सभी जानकारी भरने के बाद इंटर ेस करे और Y बटन दबाये या फर ctrl+A बटन ेस कर
जससे आपक कं पनी create हो जायेगा. कं पनी create होते ही हमारे सामने ये न खलु ेगा–
कं पनी create करते समय भरे जाने वाले जानकारी इस कार है
Company Data Path – Tally Prime Notes in Hindi
company data path इसके सामने बने ए बॉ स म हम उस path का नाम देना है जहां पर हम
Tally ाइम के डेटाबसे को टोर करके रखना है अथात हम हमारी कं पनी के डाटा को कस path /
location म या कस ाइव म रखना चाहते ह उसका चयन करते ह, जैसा क आपको पता है हमारे
कं यटू र म C ाइव, डी ाइव, ई ाइव इ या द बने ए रहते उदाहरण के लए – C:\Tally
Prime\Data।
Company Name
इस field म हम हमारे कं पनी का नाम भरना है यह नाम हमारे सभी वाउचर, Report इ या द म ट
ह गे इस लए सावधानी पूवक हम यहां पर अपने कं पनी के नाम को पूरी तरह से भरना चा हए।
Mailling Name
यहां पर हम हमारे कं पनी के प ाचार के पता को भरना है और इस बात का यान रख यह पता आपके
सभी रपोट्स म ट ह गे।
Address
यहां पर हम कं पनी के पता को भरना होगा अथात थाई पता पूण प से कस फ ड म भरा जाना ह।ै
State
यहां पर हम हमारे कं पनी के रा य लोके शन को सेले ट करना है जसै े छ ीसगढ़ म य देश उ र देश
द ली आं देश त मल नाडु उड़ीसा इ या द।
Country
यहां पर हम हमारे देश के नाम को सले े ट करना है जसै े इं डया।
Pin Code
यहां पर यहां पर हम अपने लॉक का अ अथात पो ट ऑ फस का पन कोड क जानकारी भरना ह।ै
Telephone
यहां पर कं पनी का कं पनी का टेलीफोन नबं र भरे
Mobile
यहां पर कं पनी के ोपराइटर का मोबाइल नंबर या अथवा ऑथराइ ड का मोबाइल नबं र भर।े
Fax
कं पनी का फै स नंबर क जानकारी भर।
Email
यहां पर कं पनी क email क जानकारी भरे जससे आपसे भ व य म आप के ाहक क यु नके ट कर
पाए।
Website
कं पनी के वबे साइट क जानकारी यहां पर भरे।
Base Currency Symbol
Formal Name
Financial Year Beginging from
Book Beginning From
Creating Ledgers in Tally Prime
Go to Gateway of Tally
Create
Ledger
or
Alt+G (Go To)
Create Master
Ledger.
1. ledger name का नाम भरे जैसे Purchase A/c.
2. Ledger का group चयन कर जैसे Purchase, Sales, Indirect Expenses.
3. सभी जानकारी को भर.े
4. फर Ctrl+A से करके ledger को सवे कर ल.े
Voucher Groups Creations
Go to Gateway of Tally
> Create
> Group or
Alt+G (Go To)
> Create Master
> Group.
1. Group name का नाम भरे जसै े Miscellaneous Expenses.
2. Under म group चयन कर जैसे – Indirect Expenses .
3. सभी जानकारी को भर.े
4. फर Ctrl+A ेस करके group को सेव कर ल.े
Stock Management or Inventory Management
Stock Management कसी कं पनी क ापा रक व तएु ,ं क चा माल, तयै ार माल और अधूरा
माल जो बका नही है, को टाकॅ सूची के प म जाना जाता है। टाॅक सचू ी वतमान सपं य मे से
एक है।
टेली टाॅक सचू ी बधं न क सु वधा दान करता है
Stock Items
Stock Groups
Stock Categories
Create Stock Items
टाॅक समहू ला णक आधार पर टाकॅ मदो या टाॅक आइटम का वग करण करने म सहायक होते है
Go to Gateway of Tally
> Create
> Stock Item
or press Alt+G (Go To)
> Create Master > Stock Item.
1. Stock Item का नाम भरे जसै े Printer.
2. Under म group चयन कर जैसे – Hardware .
3. सभी जानकारी को भर.े
4. फर Ctrl+A से करके सवे कर ल.े
Stock Groups
यह कं पनी ारा न मत अथवा ापार म य और व य कये गये माल बताता है यह ाथ मक टाकॅ
सचू ी क एं है । उपयोगकता को येक टाॅक सचू ी के लये मद बनाना होगा । जसका हसाब रखना
है
Go to Gateway of Tally
> Create
> Stock Group
or Alt+G (Go To)
> Create Master
> Stock Group anytime
1. Stock Group का नाम भरे जसै े Hardware.
2. Under म group चयन कर जैसे – Primary .
3. सभी जानकारी को भर.े
4. फर Ctrl+A ेस करके सेव कर ल.े
Stock Categories
टाॅक के उ म रखरखाव हते ू टेली म टाॅक ेणी / Stock Categories बनाए जा सकते है
उदाहरण:-
Hardware
Software
Go to Gateway of Tally
> Create
> Stock Category
or Alt+G (Go To)
> Create Master
> Stock Category.
1. Stock Category का नाम भरे जैसे Sweeteners.
2. Under म group चयन कर जसै े – Primary .
3. सभी जानकारी को भर.े
4. फर Ctrl+A ेस करके सेव कर ल.े
Create Units
टाॅक मद एक कार के माप के आधार पर बेचे या खरीदे जाते है। टेली म टाकॅ ् मद हेतू माप का
नमाण करना आव यक ह।ै माप क इकाई सं या मीटर, कलो ाम एवं सं या या पकै े ट हो सकते ह।
Example – 1. Number – No, Killogram – Kg, Quntity – Qty, Piceces – Pcs
Create Simple Units
1. Go to Gateway of Tally
> Create
> Unit
or use Alt+G (Go To)
> Create Master
> Unit.
1. Symbol का नाम भरे जसै े Printer.
2. Formal Name भरे
3. सभी जानकारी को भर.े
4. फर Ctrl+A से करके सेव कर ल.े
माप क इकाई को ड लट करने के लए Alt+D बटन दबाकर इकाई को हटाया जा सकता है
Create Compound Units
1. Go to Gateway of Tally
> Create
> Unit
or use Alt+G (Go To)
> Create Master
> Unit.
2. Press Backspace and select Compound.
3. Enter the Compound Unit as the First unit. For example, Kg.
4. Enter the Conversion factor. For example, 1000.
5. Enter the Second unit. For example, Gm.
6. Press Ctrl+A to create the Compound Unit.
Godown (गोदाम / थान बनाना)
गोदाम वो जगह है जहां टाकॅ को टोर या सं ह कर रखा जाता ह। टेली म उपयोगकता गोदाम का
नाम प रभा षत कर सकता है। जैसी – Home Godown और Office Godwon.
Go to Gateway of Tally
> Create
> Godown
or use Alt+G (Go To)
> Create Master
>Godown.
Basic Accounting – Golden Rules of Accounting – Tally Prime
Notes in Hindi
Golden Rules of Accounting – मु य प से एकाउं टग म तीन कार के अकाउंट या खाते
होते है –
Personal Account
Real Account
Nominal Account
Personal Account
Personal Account जसे हद म गत खाता के नाम से जाना जाता है इस कार के
account म कसी से स बं धत होता है और इस खाते का एका धकार होता है Personal
Account कहलाता ह,ै जसै े – Ram A/c, Ramesh A/c, Laxmi A/c.
Personal account ( क तगत खाता) के Golden Rules
Receiver (पाने वाला) – Debit (Dr.)
Giver (देने वाला) – Credit (Cr.)
Example – Ramesh ने मोहन को 100 पये दए.
इस example म Ramesh और मोहन के बीच लने देन हो रहा है और दोन है और खाते का
हक़दार वह अके ले ह,ै इस कार यह गत खाता के वग म आएगा. उपरो उदाहरण म मोहन
पाने वाला है और रमेश देने वाला है, इस कार इसका voucher entry इस कार होगा –
Voucher entry in Tally / journal entry in एकाउं टग
Mohan A/c Dr. – 100
Ramesh A/c Cr. – 100
Real Account – Tally Prime Notes in Hindi
Real Account जसे हद म वा त वक खाता के नाम से जाना जाता है, यह ापार क स प से
स बं धत होता है, Real Account कहलाता ह,ै जैसे – Purchase A/c, Sales A/c, Fixed
Assets A/c.
Types of Real Account – Tally Prime Notes in Hindi
Tangible accounts. (मूत खाता)
Intangible accounts. (अमतू खाता)
Tangible accounts. (मूत खाता)
Tangible खाता जसे हद म हम मूत खाता के नाम से जानते ह,ै ये खाते ापार के स प त से जसे
छु या देख सकते है मतू खाता के नाम से जाना जाता ह.ै for example – Building A/c, Cash
A/c, Goods A/c इ या द.
Intangible accounts. (अमूत खाता)
Tangible खाता जसे हद म हम अमतू खाता के नाम से जानते ह,ै ये खाते ापार के स प त से
जसे छु या देख नही सकते है अमतू खाता के नाम से जाना जाता है. for example – Goodwill,
Patent, Copyright, Trademark इ या द.
Real account (वा त वक खाता) के Golden Rules
Whats Come in (जो आता है ) – Debit (Dr.)
Whats Goes in (जो जाता है ) – Credit (Cr.)
Example – ी तषृ ा कं यूटर से लखन ेडस 15000 पये का computer system ख़रीदा.
लखन ेडस
इस example म ी तृषा कं यूटर से computer system ख़रीदा जा रहा है. उपरो उदाहरण म
computer system हम ा त हो रहा है जो क मूत स प है और नगद पये जा रहा है या भी
मूत स प , इस लए इसका voucher entry इस कार होगा –
Voucher entry in Tally / journal entry in एकाउं टग
Computer System A/c Dr. – 15000
Cash A/c Cr. – 15000
Nominal Account –
Nominal Account जसे हद म आय- य खाता के नाम से जाना जाता है इस कार के
account म कसी आय- य खाता से स बं धत होता है, Nominal Account कहलाता है, जसै े
Rent A/c, commission received A/c, salary A/c, wages A/c, conveyance A/c,
इ या द.
Nominal account (आय- यखाता) के Golden Rules
All Expenses & Losses (सभी य और हा न) – Debit (Dr.)
All Income & Gains (सभी आय और लाभ) – Credit (Cr.)
Example – बजली बल के 1000 पये दए.
इस example म बजली बल भुगतान लेनदेन हो रहा है और एक Electricity Bill account जो
क Expenses जो Nominal account है इसी कार cash account Real account ह.ै इस
कार इसका voucher entry इस कार होगा –
Voucher entry in Tally / journal entry in एकाउं टग
Electricity Bill A/c Dr. – 1000
cash A/c Cr. – 1000
Golden Rules of Accounting – Tally Prime Notes in Hindi
Personal Accout Real Account Nominal Account
Debit Receiver Whats Come In All Expenses & Loss
Credit Giver Whats Goes Out All Income & Gains
Golden Rules of Accounting
Golden Rules of Accounting
न न ल खत वहार को ी राम क पयूटस क पु तक म नकल व यां (Journal Entry) क रये
– Golden Rules of Accounting
2015
(1) नगद धन 18,000 और टर – 12 नग, रेट-10,000 पर प◌र् टर, माॅनीटर – 12 नग, रेट-
4500, सी.पी.यू – 12 नग, रटे – 8000, क -बोड – 12 नग, रटे -250, माउस – 12नग, रेट- 190, पर
नग से ापार ारंभ कयां।
(2) कलर प◌र् टर खरीदा 10 नग, पर नग रटे – 8000 पय।े
(3) रमशे को एक कलर टर 10000 म बेचा।
(4) एक कलर टर 10000 म बचे ा।
(5) रमेश से 10000 पये ा त आ।
(6) एच पी क पनी से लैक एडं हाइट 10 टर 7500 त नग से खरीदा।
(7) एच पी क पनी को पेयमट कया।
What is Voucher या है?
Inventory Voucher : Voucher या है – Voucher एक कार का ल खत ववरण होता ह,ै
जसमे सभी Financial or Non-Financial लने देनो का ववरण होता ह.ै voucher वसाय का
महतवपणू भाग है, यह सभी कार के वसाय म Voucher का उपयोग होता ह.ै Tally म हमइसी
के अनुसार Voucher Entry कया जाता है.
Types of Vouchers – Tally Prime Notes in Hindi
1. Accounting Voucher
2. Inventory Voucher
Accounting Vouchers वह वाउचर है जमसे वतीय लने देनो के हसाब कताब रखा जाता है
Types of Accounting Voucher
Contra Voucher (F4) Payment Vouchers(F5) Receipt Voucher (F6)
Journal Vouchers Sales Vouchers (F8) Credit Note Voucher (Ctrl
(F7) + F8)
Purchase Vouchers Memo Voucher (Ctrl + Debit Note Voucher ( Ctrl
(F9) F10) + F9)
Tally Prime Notes in Hindi
1- Contra Voucher :-
को ा व न ना कत कार के फं ड सि् ◌ाानातं रण को दशाता है।
• Cash A/c To Bank A/c
• Bank A/c To Cash A/c
• Bank A/c to Bank A/c
Contra Voucher का उपयोग करने के लए न न ल खत टेप को पालन करते है
A- Gateway of Tally > Vouchers
B- press F4 Button
2. Payment Voucher :-
इस वाउचर का योग टेली म भगु तान स ब धत वहारो के लए कया जाता है।
Payment Voucher का उपयोग करने के लए न न ल खत टेप को पालन करते है
A- Gateway of Tally > Vouchers
B- F5 Button press
3. Journal Voucher :-
यह एक एकाउं टग वाउचर है इसका उपयोग डे बट और े डट रा श को नगद अथवा बक खातो म
शा मल कये बना समायो जत करने के लये कया जाता है।
Journal Voucher :- का उपयोग करने के लए न न ल खत टेप को पालन करते है
A- Gateway of Tally > Vouchers
B- F7 Button press
Receipt Voucher :-
यह एक एकांउ टग वाउचर है। इसका उपयेाग कसी पाट या सरे कार से पेयमट या रा श ा त होने
पर इस वाउचर का उपयोग कया जाता है।
Receipt Voucher का उपयोग करने के लए न न ल खत टेप को पालन करते है
A- Gateway of Tally > Vouchers
B- press F6 Button
Sales Voucher :-
यह एक एकांउ टग वाउचर है इसका उपयोग व य सबं धी लेने – देन होने पर कया जाता ह।ै
Sales Voucher का उपयोग करने के लए न न ल खत टेप को पालन करते है –
A- Gateway of Tally >Vouchers
B- F8 Button press
Purchase Voucher :-
यह एक एकांउ टग वाउचर है इसका उपयोग य सबं धी लेने – देन होने पर कया जाता ह।ै
Purchase Voucher का उपयोग करने के लए न न ल खत टेप को पालन करते है
A- Gateway of Tally > Vouchers
B- F9 Button press
Golden Rules of Voucher Entry – Tally Prime Notes in Hindi
key Voucher Dr/Cr Cash Deposit Dr/cr Cash Withdraw
F4 Contra Cr To Cash A/c Cr To Bank A/c
Dr Bank A/c Dr Cash A/c
Contra
F5 PAYMENT Party Payment Dr Expences Payment
PAYMENT Dr Party Name A/c Cr Expences A/c
PAYMENT Cr Cash / bank A/c Cash / bank A/c
F7 JURNEL Dr Purchase Return Sales Return
JURNEL Cr Party Name A/c Dr Sales Return
JURNEL Purchase Return Cr Party Name A/c
F6 RECIPT Party Receipt Income Receipt
RECIPT Cr Party Name A/c Cr Income Name A/c
RECIPT Dr Cash / bank A/c Dr Cash / bank A/c
F8 SALES Cash Sales Credit Sales
SALES Dr Cash / bank A/c
SALES Cr Sales A/c Dr Party Name A/c
Cr Sales A/c
F9 PURCHASE Cash Purchase Credit Purchase
PURCHASE Cr Cash / bank A/c Cr Party Name A/c
PURCHASE Dr Purchase A/c Dr Purchase A/c
Tally Prime Notes in Hindi
Journalize the following transactions Tally Prime Notes in Hindi practice
book pdf
1. Commenced business with cash Rs.10, 000.
2. Deposit into bank Rs. 15,000
3. Bought office furniture Rs.3,000
4. Soled goods for cash Rs.2,500
5. Purchased goods form Mr X on credit Rs.2,000
6. Soled goods to Mr Y on credit Rs.3,000
7. Received cash form Mr. Y on account Rs.2,000
8. Paid cash to Mr X Rs. 1,000
9. Received commission Rs. 50
10. Received interest on bank deposit Rs. 100
11. Paid into bank Rs. 1,000
12. Paid for advertisement Rs.500
13. Purchased goods for cash Rs. 800
14. Sold goods for cash Rs. 1,500
15. Paid salary Rs. 500
Key Voucher Ledger Group Type of Principles Amoun
account
1 F6 Receipt Cr. Capital Personal Giver 10,000
Capital account
Dr. Cash Cash in Real Comes in 10,000
hand
2 F4 Contra Cr. Cash Cash in Real Goes out 15,000
hand
Dr. Bank Bank Real Comes in 15,000
account
3 F5 Payment Dr. Office Fixed Real Comes in 3,000
furniture asset
Cr. Cash Cash in Real Goes out 3,000
hand
4 F8 Sales Dr. Cash Cash in Real Comes in 2,500
5 F9 hand
6 F8
Cr. Sales Sales Real Goes out 2,500
account
Purchase Cr. X Sundry Personal Giver 2,000
creditor
Dr. Purchase Real Comes in 2,000
purchase account Receiver
Sales Dr. Y Sundry Personal 3,000
debtors
debtors
Cr. Sales Sales Real Goes out 3,000
account
7 F6 Receipt
Dr. cash Cash in Real Comes in 2,
hand
8 F5 Payment Dr. X Receiver 1,
Cr. Cash Cash in Real Goes out 1,
hand
9 F6 Receipt Cr. Indirect Nominal Credit all 50
commission income income
Dr. cash Cash in Real Comes in 50
hand
10 F6 Receipt Cr. Interest on Indirect Nominal Credit all 10
bank deposit income income
Dr. Bank Bank Real Comes in 10
account
11 F4 Contra Cr. Cash Cash in Real Goes out 1,
hand
Dr. Bank Bank Real Comes in 1,
account
12 F5 Payment Dr. Indirect Nominal Debit all 50
Advertisement expenses expenses
h Cash in l
Cr. Cash Cas Real Goes out 50
hand Goes out 80
Comes in 80
13 F9 Purchase Cr. Cash Cash in Real
hand
Dr. purchase Purchase Real
Cr cash account
Dr. cash
14 F8 Sales Cash in Real Comes in 1,
hand
Cr. Sales Sales Real Goes out 1,
15 F5 Payment Dr. salary account
Indirect Nominal Debit all 50
expense expenses
Cr. Cash Cash in Real Goes out 50
hand
Inventory Voucher या है?
Inventory Voucher या है – जस तरह Accounting System म Accounting
Voucher का काम होता है। उसी तरह इनवे टरी वाउचर म होता है, यह ा त अथवा भेजे गए माल/
टाकॅ का Record रखता ह.ै
Types of Inventory Voucher in Prime / इनवे टरी वाउचर के कार
tally म व भ न के इनवे टरी वाउचर उपल ध है जसके मा यम से हम stock managment या
inverntory managment कर सकते है.
1. Receipt Note (Alt + F9)
2. Delivery Note (Alt+F8)
3. Rejection Out (Ctrl + F5)
4. Rejection In (Ctrl+F6)
5. Stock Journal (Alt+F7)
6. Physical Stock (Ctrl + F7)
7. Sales Order (Ctrl+F8)
8. Purchase Order (Ctrl + F9)
Receipt Note Voucher ( रसी ट नोट वाउचर)
Receipt Note Voucher या है – यह एक inventory voucher ह,ै जसके मा यम से हम
purchase के लए order दए ए माल / Goods के ा त होने पर receipt नोट Entry कया
जाता है. Receipt Note म entry करते ह, हमारा stock दखना ारभं हो जाता है. Receipt
Note Voucher का shortcut key Alt + F9 होता ह.ै
Delivery Note Voucher
Delivery Note Voucher या है – यह एक inventory voucher ह,ै जसके मा यम से हम
Sales के लए order ा त होने पर माल / Goods को भजे ने के बाद Delivery Note
Voucher म Entry कया जाता है. Delivery Note Voucher म entry करते ही हमारा
stock कम हो जाता ह.ै Delivery Note Voucher का shortcut key Alt + F8 होता ह.ै
Rejection Out Voucher
Rejection Out Voucher या है – यह एक inventory voucher ह,ै जसके मा यम से हम
purchase के लए order दए ए माल / Goods के ा त होने पर कु छ item damage या
कसी अ य कारन से जब item को वापस कया जाता है. तब Rejection Out Voucher म
entry कया जाता है. Rejection Out Voucher म entry करते ही, हमारा stock म से item
घट कर दखना ारंभ हो जाता है. Rejection Out Voucher का shortcut key Ctrl + F5
होता ह.ै
Rejection In Voucher
Rejection In Voucher या है – यह एक Inventory Voucher ह,ै जसके मा यम से हम
Sales के लए order ा त ए माल / Goods के deliver होने पर कु छ item damage या
कसी अ य कारन से जब item को वापस आता ह.ै तब Rejection In Voucher म entry कया
जाता है. Rejection in Voucher म entry करते ही, हमारा stock म से item बढ़ कर दखना
ारंभ हो जाता है. Rejection in Voucher का shortcut key ctrl+F6 होता है.
Stock Journal Voucher
Stock Journal Voucher या है – यह एक inventory voucher ह,ै जसके मा यम से हम
stock को एक godown से सरे godown म stock को transfer करते है. shortcut key
alt+F7.
जैसे क – हमारे पास गोडाउन है पहला home godown और सरा office godown जसमे
हम stock रखते है.
Stock Journal Voucher का उपयोग Manufacturing ोसेस के लए भी कया जाता ह,ै
जसमे Raw Material को Finished Goods म transfer कया जाता ह.ै इसके लए हम
BoM (Bills of Material) option का उपयोग कया जाता है.
Physical Stock Voucher
Physical Stock Voucher का उपयोग वा त वक टॉक को रकॉड करने के लए कया जाता है,
जसे Verify या Count कया जा सकता है। जब हम हमारे पु तक म लखे गए stock और
physcial टॉक मचै नह होता है, तब हम difference stock entry हम Physical Stock
Voucher म करते है. shortcut key Ctrl+F7.
Sales Order Voucher
Sales Order Voucher या है – यह एक inverntory voucher है, जसके मा यम से हम
Sales के लए माल / Goods के order ा त होते ह,ै जसका हम Sales Order Voucher म
Entry कया जाता है. Sales Order Voucher म entry करने से stock म कोई अंतर नही
दखता है. Sales Order का Delivery Note Voucher म entry करने पर ही stock कम
होता ह.ै Sales Order Voucher का shortcut key Ctrl + F8 होता है
Purchase Order Voucher
Purchase Order Voucher या है – यह एक inverntory voucher है, जसके मा यम से
हम purchase के लए माल / Goods के order देते है, जसका हम Purchase Order
Voucher म Entry कया जाता है. Purchase Order Voucher म entry करने से stock म
नही दखता है. Purchase Order का Receipt Note Voucher म entry करने पर ही stock
add होता ह.ै Purchase Order Voucher का shortcut key Ctrl + F9 होता है.
टैली erp 9 क स पणू जानकारी हद म GST के साथ अभी पढ़े.
Tally Prime GST Entry
GST या है?
GST या ह?ै – GST को हद म व तु एवं सवे ा कर के नाम से जाना जाता ह,ै GST का
fullform Goods and Service Tax है, यह indirect Tax है. जो भारत सरकार ारा लया
जाता है, यह भारत सरकार ारा 1 जलु ाई 2017 म लागू कया गया है . यह अ य टै स जसै े उ पाद
कर, व य कर, वटै एवं अ य लगभग 50 से अ धक करो को मलाकर जीएसट का नमाण कया गया
है जससे क टै स को सरल कया जा सके . इस GST काउं सल ारा मैनेज कया जाता है जसमे
व मं ी क अगवु ाई म पुरे काउं सल काय करता है.
GST को एक रा एक कर भी कहा जाता ह.ै
GST – One Tax One Nation
GST क दरे – Tally Prime Notes in Hindi
5%
12%
18%
28%
https://www.cbic-gst.gov.in/gst-goods-services-rates.html
Types of GST
जीएसट को न न ल खत भाग म वभा जत कया गया है
SGST – State Goods and Service Tax
CGST – Central Goods and Service Tax
IGST – Integrated Goods and Service Tax
SGST या ह?ै
SGST या ह?ै – SGST को हद म रा य व तु एवं सेवा कर और SGST को English म State
Goods and Service Tax के नाम से जाना जाता ह,ै यह GST टै स टेट गवनमट को जाता है.
जैसे य द कं यटू र खरीद उसम 18% जीएसट लगाया जा रहा है तो उसम 9 परसट SGST के प म
लगाया जाता ह,ै SGST के वल टेट के अदं र ही खरीद और ब करने के लए लगाया जाता है
अथात टेट के अदं र कोई माल खरीदना है और माल बेचता है तो उसे SGST देना पड़ता है.
CGST या ह?ै
CGST या ह?ै – CGST को हद म के व तु एवं सवे ा कर और CGST को English म
Central Goods and Service Tax के नाम से जाना जाता है, यह GST टै स Central
Goverment को जाता है. जसै े य द कं यूटर खरीद उसम 18% जीएसट लगाया जा रहा है तो उसम
9 परसट CGST के प म लगाया जाता है, CGST के वल टेट के अंदर ही खरीद और ब करने के
लए लगाया जाता है अथात टेट के अदं र कोई माल खरीदना है और माल बचे ता है तो
उसे CGST देना पड़ता ह.ै
CGST 1 टेट के अदं र खरीद और ब करने पर लगाया जाता है जैसे म ट वी करता ं उसके ऊपर
18 पसट जीएसट दया तो बल म 9 परसट एसजीएसट और 9 परसट सीजीएसट के नाम से एं के
जाता है इस कार कु ल 18% जीएसट लगाया गया
IGST या है?
IGST या है? – IGST को हद म एक कृ त व तु एवं सवे ा कर और IGST को English म
Integrated Goods and Service Tax के नाम से जाना जाता ह.ै IGST इटं टे ेड जीएसट को
जब हम एक टेट से सरे टेट म लने देन करते ह, तब IGST लगाया जाता है. जैसे म माल को मबुं ई से
लके र आया और उसे छ ीसगढ़ म बेचा तो इस कार दो रा य के बीच म लने -देन हो रहा है, तो इस
कार के लेन दन म IGST लगाया जाता है जैसे क कोई म वा शग मशीन खरीद रहा ं तो इसके
ऊपर IGST 18 परसट लगाया जाएगा.
GSTIN या है?
GSTIN या ह?ै GSTIN को हद म व तु एवं सवे ा कर पहचान सं या कहा जाता है
और GSTIN को Englsih म Goods and Service Tax Identification Number अकं ो
का होता है, GSTIN का fullform पूरा नाम – Goods and Service Tax Identification
Number होता है जसे हम 5 भाग म बाट सकते है .
State Code
PAN Number
Entity Number
Z Defult Letter
Check Sum Digit
GSTIN State Code
GSTIN येक रा य के लए unique number नधा रत कया गया है जो क इस कार है –
GSTIN State Code Name of State
01 ज मू एवं क मीर (Jammu and Kashmir)
02 हमाचल देश ( Himachal Pradesh)
03 पजं ाब ( Punjab)
04 चंडीगढ़ ( Chandigarh)
05 उ राख ड (Uttarakhand)
06 ह रयाणा (Haryana)
07 द ली (Delhi)
08 राज थान (Rajasthan)
09 उ र देश (Uttar Pradesh)
10 बहार (Bihar)
11 स कम ( Sikkim)
12 अ णाचल देश ( Arunachal Pradesh)
GSTIN State Code Name of State
13 नागालड (Nagaland)
14 म णपुर (Manipur)
15 मजोरम (Mizoram)
16
17 परु ा (Tripura)
18 मेघालय (Meghalaya)
19 असम (Assam)
20 प म बंगाल (West Bengal)
21 झारख ड (Jharkhand)
22 उडीसा (Orissa)
23 छ ीसगढ़ (Chhattisgarh)
24 म य देश (Madhya Pradesh)
25 गजु रात (Gujarat)
26 दमण एवं द व (Daman and Diu)
27 दादर एवं नगर हवेली (Dadra and Nagar Haveli)
28 महारा (Maharashtra)
29 आं देश(Andhra Pradesh)
30 कनाटक (Karnataka)
31 गोवा (Goa)
ल प (Lakshdweep)
GSTIN State Code Name of State
32 के रल (Kerala)
33 त मलनाडु (Tamil Nadu)
34 पां डचेरी (Pondicherry)
35 अंडमान- नकोबार (Andaman and Nicobar)
GSTIN Code State
PAN Number
PAN का fullform Permanent Account Number होता ह,ै GSTIN म ापार- वसाय
के वामी का पनै काड क सं या स म लत होता है जो क 10 अंक का होता है इस लए जीएसट
पजं ीयन के समय पैन काड अ नवाय होता ह।ै
Entity Number
Z Defult Letter
Check Sum Digit
Tally Prime GST Entry (Tally Prime GST Auto Calculation)
अगर हम टैली के जानकर है और टैली म काय करना चाहते है तो हम टैली म gst का ान होना अ त
अव यक है तो अब हम टैली म Tally Prme GST Entry के बारे मे जानते ह,ै टैली
म GST या न गडु ्स एडं स वस टै स जलु ाई 2019 के बाद से जोड़ा गया है gst आपको टैली लटे े ट
वशन tally prime म देखने को मल जायेगा.
GST Activation – Tally Prime Notes in Hindi
GST Activation – सबसे पहले हम GST को activate करना है, Tally के Latest Version
Tally Prime म कं पनी Create ही हम हमारे GST Details क जानकारी भरना होता ह,ै इस लए
बाद म और GST को Activate करने Require नही ह.ै फर जाहे तो Tally Prime म GST
activate करने के लए F11 Press कर.
Tally Prime GST Entry – tally म gst क entry करने लए हम इन चरण का पालन करना
होगा –
सबसे पहले आप gateway of tally पर जाय.े
F11 features पर जाय.े
क पनी features म जाकर Statutory and Taxation वक प को सले े ट कर.
Statutory and Taxation म जाने के बाद आपको इसका डायलॉग बॉ स दखाई देगा.
डायलॉग बॉ स म Enable Goods and Service Tax को yes कर.
उसके बाद set / alter gst details को yes कर.
yes करते ही आपको इस तरह से न दखाई देगा जसमे हम स पूण जानकरी भरना होगा
जैसे state, GST number, period of gst इ याद .
इन सभी जानका रय को भरकर सेव कर और इस कार हमारा gst टैली म activate हो जायगे ा.
GST Ledger Creation – Tally Prime Notes in Hindi
अब आपको तीन कार के GST Ledger एट करने ह गे
SGST
CGST
IGST
SGST (state goods and service tax) जैसे क आपको पहले से पता है क यह टे स टेट
गवनमट को जाता है है और इससे हम टैली म sgst के नाम से लजे र बनाएगं े जसम हम sgst@9%,
sgst@6%, sgst@14% के नाम से बना सकते है
इस लजे र को बनाते समय यान म रख क टाइप ऑफ टै स जीएसट सेले ट कर और उ ह परसटेज
देना ना भलू इस कार से भी जानकारी भरकर सरु त कर.
CGST (Central goods and service tax) जैसे क आपको पहले से पता है क यह टे स से
Central Government को जाता है है और इससे हम टैली म cgst के नाम से लजे र बनाएगं े
जसम हम cgst@9%, cgst@6%, cgst@14% के नाम से बना सकते है.
च लए अब तीनो लेजर बनकर तैयार है.
Stock Item Creation for GST Auto Calculation – Tally Prime Notes in
Hindi
अब हम टॉक आइटम बना लगे stock item बनाते समय इन बातो का यान रखे –
> Set / Alter GST details को yes कर.े
> Yes करते ही आपको GST Details for Stock Item म Calculation type : On Value
कर और Taxability को Taxable कर.े
> Integrated Tax Rate डाले जैसे 18, 28, 12 or 5 अपने टॉक आइटम के GST दर अनुसार
नधा रत कर.े