नाले क वे या
बाइबल क स य ऐ तहा सक कहानी
शरोवन
'बेवकू फ, यहू दय म या एक से एक सु दर लड़ कय क
कमी हो गई है, जो तू खतनार हत प लि तय क लड़क से शाद
करना चाहता है?'
‘नह ं मां, मझु े तो वह अ छ लगती है। तू मेर शाद उसी से करा
दे।’
ये कह कर लड़का जब बाहर नकल गया तो उसक मां ने
नसूचक ि ट से अपने प त मानोह क ओर देखा। तब मानोह ने
अपनी प नी को समझाया। उसने उससे कहा क,
‘जसै ा छोरा कहता है, अब वह होने दे। खदु ा के भेद को हम या
समझ। या पता वह प लि तय से लड़ने के लये दांव ढूंढ़ता हो?
‘?’
इतना कह कर मानोह तो अपना सामान उठाकर, जानवर
को हाकं ता हुआ अपने खेत क ओर चला गया, पर तु उसक प नी
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क आंख के सम वत ह वष पूव वह घटना एक चल च के
समान आने लगी जब क वह एक दन बड़े ह नराश मन से अपने
घर के दरवाजे पर बैठ हुई अपनी बाझं ता के कारण अपने आपको
कोस रह थी। वह जानती थी क न जाने कस कारण उसक कोख़
ज म से ह बदं रह है और संतान का सुख उसके जीवन म नह ं है।
मगर फर भी उसने अपने परमे वर से याचना करनी बदं नह ं क
थी। सारा के समान एक उ मीद उसे अव य ह थी क जब सारा को
परमे वर अ सी वष क अव था म संतान दे सकता है, तो वह भी
उसे नसंतान नह ं रख सकता है। परमे वर के लये कु छ भी तो
असंभव नह ं है।
मानोह क प नी अभी ये सब सोच ह रह थी क तभी
अचानक से एक अनजान यि त अपने वते व म उसके सामने
आकर खड़ा हो गया।
मानोह क प नी ये देख कर और भी अ धक आ चय से गड़
गई क उसने इस वशषे पु ष को ना तो पहले कभी कह ं देखा था,
और ना ह आज भी इसको कह ं से आते हुये देखा है। फर ये
अचानक से आ कहां से गया?
`वह अभी ये सोच ह रह थी क तभी उस पु ष ने उससे कहा क,
‘बांझ होने के कारण तरे े ब चा नह ।ं पर तु अब तू गभवती होगी
और तरे े बेटा होगा। इस लये अब सावधान रह क न तो तू दाखमधु
वा और कसी भां त क म दरा पये, और न कोई अशु व तु खाये,
य क तू गभवती होगी और तरे े एक बेटा उ प न होगा। और उसके
सर पर छु रा न फरे, य क वह ज म से ह परमे वर का नाज़ीर
रहेगा, और इ ाए लय को प लि तय के हाथ से छु ड़ाने म वह हाथ
लगायेगा।’
‘?’
मानोह क प नी उस पु ष को कोई उ तर दे पाती क ण
भर म ह वह पु ष अपनी बात समा त करके वह ं खड़ा खड़ा गायब
हो गया। तब मानोह क प नी ने जाना क सचमचु उसे परमे वर के
कसी दतू ने दशन दया था। तब इसी आ चय और स नता म
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भागी भागी वह अपने प त मानोह के पास जा पहुंची और जाकर
उससे भय के साथ कहा क,
‘सुन, परमे वर का एक जन मेरे पास आया था। उसका प अ त
भययो य था। सो मने तो डर के कारण उससे न पूछा क तू कहां का
है। और उसने भी मुझे अपना नाम न बताया। पर तु उसने मुझसे
कहा,
‘सुन तू गभ से होगी और तरे े एक बेटा होगा। इस लये अब न तो
दाखमधु वा और कसी भां त क म दरा पीना, और न कोई अशु
व तु खाना, य क वह लड़का ज म से मरण के दन तक परमे वर
का नाज़ीर रहेगा।’
अपनी प नी क इस बात को सुन कर मानोह बड़ी देर तक
याल म ह जैसे गुम सा हो गया। वह बड़ी देर तक कु छ भी नह ं
कह सका। उसक प नी भी फर कोई भी अपना वचार नह ं दे सक ,
के वल इसके क अपने मन म इस अनोखे स देश को बसाये हुये
के वल अपने परमे वर को याद करती रहे।
फर शाम को जब मानोह खेत से काम समा त करके अपने घर पर
आया तो उसने एका त म परमे वर से ये वनती क क,
‘हे, भु वनती सुन। परमे वर का वह जन िजसे तूने भजे ा
था फर हमारे पास आये, और हम सखलाए क जो बालक उ प न
होनवे ाला है उस से हम या या कर?'
अपनी इस वनती और दआु को करके मानोह सो गया। फर
दसू रे दन सबु ह उठते ह वह फर से अपने काम पर चला गया। तब
कु छ दन के लये मानोह और उसक प नी के लये परमे वर के दतू
के दशन क बात एक अ भुत चम कार के प म बसी रह । दन
और भी सरक गये। ये बात पुरानी पड़ने लगी। हालं ा क वे इस बात
को अब बार बार याद तो नह ं करते थे, मगर वे भूले भी नह ं थ।े
तब एक दन जब मानोह क प नी मदै ान म अके ल बैठ
थी और उसका प त मानोह भी वह ं मदै ान म तो था मगर उसके संग
न था, क परमे वर का वह दतू उसके पास अचानक से आ खड़ा
हुआ। तब मानोह क प नी ने तरु त ह दौड़ कर मानोह को ये
समाचार दया और बताया क,
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‘वह परमे वर का जन जो पहले मेरे पास आया था, उसने
आज फर से मुझे दशन दया है। सो ज द कर क हम दोन ह
उससे बात कर।’
तब मानोह झट ह दौड़ कर अपनी प नी के पीछे पीछे चला
और उस परमे वर के जन के पास आकर उसने उससे पछू ा क,
‘ या तू वह पु ष है िजसने मेर प नी से बात क थी?ं ’
‘म वह हूं।’
उस परमे वर के दतू क इस बात को सुन कर मानोह तरु त ह
बोला क,
‘अब तरे े वचन परू े हो जाय तो उस बालक का कै सा ढंग और उसका
या काम होगा?’
तब यहोवा के दतू ने मानोह से कहा क,
‘िजतनी व तुओं क चचा मने इस ी से क थी, उन सबसे ये परे
रहे। यह कोई व तु जो दाखलता से उ प न होती है न खाये। जो जो
आ ा मने इसको द थी उसी को यह माने।’
यहोवा के दतू क इस बात को सुन कर मानोह ने उससे वनती क ।
वह बोला क,
‘हम तुझको य न रोक ल, क तरे े लये बकर का एक ब चा
पकाकर तैयार कर?’
‘चाहे तू मझु े रोक रखे, पर तु म तरे े भोजन म से कु छ न खाऊं गा
और य द तू होमब ल करना चाहे तो यहोवा ह के लये कर।’
उस पु ष क इस बात को सनु कर मानोह ने उससे कहा क,
‘ या हम तरे ा नाम जान सकते ह। इस लये जब तरे बात पूर हो
जाय तब हम तरे ा आदरमान कर सक?
मानोह क बात के उ तर म उस जन ने उससे कहा क,
‘मेरा नाम तो अ भतु है, इस लये तू उसे य पछू ता है?’
तब मानोह ने उस पु ष से कु छ भी नह ं कहा। उसने चपु चाप
अ नब ल समेत बकर का एक ब चा लेकर च ान पर यहोवा के लये
चढ़ाया। तब यहोवा के उस दतू ने उनके देखते देखते एक अ भतु
काम कया। जब आग क लौ उस बेद पर से उठ कर आकाश क
ओर उठ रह थी, तब यहोवा का वह दतू उस बेद क लौ म होकर
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मानोह और उसक प नी के देखते देखते ऊपर चढ़ गया, और ऊपर
आकाश म जाकर गायब हो गया। ये देखते ह मानोह और उसक
प नी भय के कारण भू म पर मंहु के बल गर पड़।े उसके बाद से
परमे वर के उस दतू ने मानोह और उसक प नी को फर कभी भी
दशन नह ं दया।
फर जब मानोह ने ये जान लया क ये सब कु छ यहोवा
क ह ओर से था, और आने वाला जन उसका दतू था तो वह अ त
भय के कारण अपनी प नी से बोला क,
‘हम न चय ह मर जायगे, य क हमने परमे वर का दशन पाया
है।’
तब उसक प नी ने उसे समझाया। वह बोल क,
‘य द यहोवा हम मार ह डालना चाहता तो हमारे हाथ से वह कभी
भी होमब ल और अ नब ल हण नह ं करता, और न वह ऐसी सब
बात हम दखाता, और न वह इस समय ऐसी बात सुनाता।’
अपनी प नी क बात को सुन कर तब मानोह चुप हो गया। फर बाद
म समय आने पर मानोह क प नी के एक बटे ा उ प न हुआ, और
उसका नाम शमशोन रखा गया। मानोह का ये बालक परमे वर के
अनु ह और आ मा म बढ़ता गया, और परमे वर उसको दन व दन
आशीष देता रहा। इसके साथ ह शमशोन पर परमे वर का आ मा
सोरा और एशताओल के बीच दान क छावनी महनेदान म उसको
उभारने लगा।
...सोचते सोचते अचानक ह मानोह क प नी के दमाग को
एक झटका सा लगा। वह तरु त ह अतीत से हट कर वतमान म आ
गई। उसने घर के अ दर ह आसपास एक उचटती सी नजर डाल ।
सब कु छ वसै ा ह था। मानोह खेत क तरफ न जाने कब का जा
चुका था इसके साथ ह उसका एकलौता बेटा और परमे वर का
नाज़ीर शमशोन भी अपने मन क बात उससे कह कर हर दन के
समान या तो वह इस समय इ ाए लय के झगड़े फसाद का याय
कर रहा होगा, अथवा त ना म रहने वाल प ल ती लड़क के पास
चला गया होगा।
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ये सोचते ह मानोह क प नी को न जाने य कु छ अजीब
सा लगा। उसने मन म ह सोचा क जब परमे वर ने सारे इ ाए लय
को अपने ह लोग म स बंध करने क आ ा द है तो ये कै से संभव
होगा क एक खतनाह न समाज क ी उसके घर क बहू बने?
मगर बाद म अपने प त मानोह क ये बात क परमे वर के भेद को
मनु य या समझ,े सोच कर उसने सारा कु छ परमे वर के ह हाथ
म छोड़ दया। सचमचु उसे या मालुम क शमशोन ऐसा करके
प ल शतय के व कोई योजना बना रहा हो। य द वह ऐसा नह ं
करेगा तो वह कस बहाने प ल शतय से लड़कर इ ाए लय को उनके
हाथ से आज़ाद करा सके गा?
तब एक दन शमशोन अपने माता पता को साथ लेकर
त ना को गया, ता क उस प ल ती लड़क से उसके ववाह क
बाकायदा र त और र म पूर हो सक। मगर माग म जाते समय
उसके माता पता तो थक कर एक थान पर थोड़ा क कर आराम
करने लगे, और शमशोन यंू ह एक दाख़ क बार क तरफ टहलने
सा लगा। मगर अचानक ह या हुआ क एक दम से एक क ावर
जवान सहं उसके सामने आकर गरज़ने लगा। ये देख कर तब
परमे वर का आ मा शमशोन पर बल से उतरा और फर उसने पलक
झपकते ह उस सहं को नह थे दोन हाथ से उसके जबड़े पकड़ कर
ऐसा चीर दया क जसै े कोई कसी मछल क खाल उतार देता है,
या फर बकर का ब चा फाड़ देता है। तब शमशोन उस सहं को
मारने के प चात उसे वह ं फक कर अपने माता पता के पास गया,
ले कन जो कु छ उसके साथ हुआ था, उसके बारे म उसने उ ह कु छ
भी नह ं बताया।
त ना म पहुंच कर बाकायदा उसके ववाह क बात प क
कर द गई और फर बाकायदा उसके ववाह क र त पूर करने के
लये उ चत समय व दन नधा रत कर दया गया।
फर जब उसके ववाह का समय आया तो वह फर एक बार
अपने माता पता के साथ त ना को गया। मगर राह म चलते समय
वह उस सहं क लोथ को देखने के येय से उसी दाख़ क बार क
तरफ मुड़ गया जहां पर उसने सहं को मार कर उसक लोथ फक द
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थी। वहां जाकर उसने या देखा क सहं क लोथ म मधुमि खय
का एक बड़ा छ ता और मधु भी है। तब शमशोन ने उसम से कु छ
मधु लेकर खाया और खाते खाते हाथ म लेकर अपने माता पता के
पास आया और उ ह भी कु छ खाने को दया। मगर उसने अपने
माता पता को ये नह ं बताया क इस मधु को उसने सहं क लोथ
म से नकाला है।
तब शमशोन और उसके माता पता ने ववाह क र त के अनसु ार
वहां पर सात दन क जवे नार क । इस जेवनार म उसक प नी के
घरवाल ने उसक जवे नार म मनोरंजन और खुशी मनाने के लये
तीस मेहमान को नमं त कया। तब जेवनार के समय पर
शमशोन ने अपने सगं ी मेहमान से कहा क,
‘मै तुम लोग से एक पहेल पछू ता हूं। य द जवे नार के सात दन के
अ दर तुम मुझे उसका अथ बता सके तो म तुमको तीस कु त और
तीस जोड़े कपड़े दंगू ा। और य द तुम मुझे उसका अथ नह ं बता सके
तो तुम मझु े तीस कु त और तीस जोड़े कपड़े देना।’
उसक इस बात पर सब के सब जैसे हंस पड़।े तब वे बोले क,
‘हम इतने बु ू नह ं ह क तेर पहेल का अथ न बता सक। अपनी
पहेल तो हमसे कह।’
तब शमशोन ने उनसे कहा क,
‘खानवे ाले म से खाना और बलव त म से मीठ व तु नकले।’
शमशोन क इस पहेल को सुन कर वे सबके सब यकायक ह चुप
हो गये। इस कार क जैसे उ ह सापं सूघं गया हो। वे सहज ह एक
दसू रे क बगल झांकने लगे। पहेल का अथ वे त काल समझ भी
नह ं सके । फर जब वे शमशोन क पहेल का अथ तीन दन के
भीतर भी नह ं बता सके तो खीजने लगे। खीजने का कारण एक तो
उनक त ठा पर आंच आती थी, और दसू रा उनका नाहक ह बड़ी
हा न भी हो जाने का भय था। तीस कु त और तीस जोड़े कपड़ का
बं ध करना कोई आसान बात तो नह ं थी।
सो सातव दन उ ह ने शमशोन क प नी से बड़े ह ोध म च ला
कर कहा क,
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‘ या तुम लोग ने हमारा सारा धन लूटने के लये ये ववाह का
नाटक करके हमारा नेवता कया है। चपु चाप अपने प त को बहला
फु सलाकर हम उसक पहेल का अथ बता दे, नह ं तो हम तरे े साथ
साथ तरे े पता को उसके घर समेत जला दगे।’
तब शमशोन क प नी उसके पास आकर रोने लगी। जब शमशोन
ने उससे रोने का कारण पूछा तो उसक प नी ने जैसे उससे शकायत
सी क । वह आसं ू बहाते हुये उससे बोल क,
‘ ेम क बात करनी तो तझु े बहुत अ छ तरह से आती ह, मगर
नभाना तो तुझे कसी ने जसै े सखाया ह नह ं है।’
‘तरे ा कहने का मतलब या है?’
शमशोन ने आ चय से उसे देखते हुये कहा तो उसक प नी बोल
क,
‘तूने एक पहेल मेर जा त के लोग से तो कह है, मगर मुझको
उसका अथ य नह ं बताया? आ खरकार म तरे प नी हूं, कोई पराई
तो नह ं हूं?’
‘मने उसका अथ अपने माता पता को भी नह ं बताया है, तो फर
तुझे कै से बता दं?ू शमशोन ने कहा तो उसक प नी बोल क,
‘वे तरे े मां बाप ह, मगर म तो तरे देह हूं। लगता है तू तो मझु से
फक रखता है। तरे ा ेम तो देखने भर का है, तरे े अ दर तो मेरे लये
बैर ह भरा है।’
उसक प नी कहते हुये फर से रोने लगी तो शमशोन उसके पास से
हट कर बाहर आ गया और उसके बहुत रोने और कहने पर भी उसने
उसे पहेल का अथ नह ं बताया। जब नह ं बताया तो वह जेवनार के
सात दन तक उसके सामने रोती रह और सातव दन जब उसने
शमशोन को बहुत ह अ धक तगं कया तो तब उसने उसको पहेल
का अथ बता ह दया। तब बाद म उसक प नी ने अपनी जा त के
लोग को उसका अथ बता दया।
तब सातव दन जब सूय का गोला आसमान के कोने म जाकर लाल
होने लगा और शाम डू बने के आसार दखने लगे तो उसके साथ के
जवे नार म आये हुये मेहमान ने बड़ी ह स नता के साथ शमशोन
से कहा क,
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‘मधु से अ धक मीठा या होगा और सहं से अ धक बलशाल कौन
हो सकता है।’
‘?’ ये सुन कर शमशोन का पारा सातव आसमान पर चढ़ गया। उसे
समझते देर नह ं लगी क पहेल का अथ इन लोग को उसक प नी
ने ह बता दया है। तब शमशोन ने जैसे सलु गते हुये उन लोग से
कहा क,
‘य द तुम लोग मेर प नी को नह ं धमकाते और उसे अपने हल म
नह ं जोतते तो कभी भी मेर पहेल का अथ नह ं बझू पात।े ’
ये कहता हुआ शमशोन आग बबलू ा होकर वहां से उठ गया। तब वह
सीधा अ कालोन को चला गया। वहां पर परमे वर का आ मा उस पर
इतने बल से उतरा क उसने ोध म आकर वहां के तीस पु ष को
मार कर धलू म मला दया और उनका धन लूट कर उनसे तीस
जोड़े कपड़े लेकर पहेल के बताने वाल को दे दये। मगर इस पर भी
उसके मन क आग धीमी न हुई। रह रहकर उसे अपनी प नी के
साथ साथ उसके लोग पर भी ोध आ रहा था। फर वह इसी आग
म भभकता हुआ अपने पता के घर चला गया। और इस बीच उसक
प नी उस पु ष को िजससे वह म भाव जसै ा यवहार रखता था
याह द गई। मगर शमशोन को ये सब नह ं बताया गया था।
प ल तय ने न के वल उसक प नी को ह छ ना था बि क साथ म
उसके अ भमान को भी ललकारा था। उनके इस दु यवहार का अब
अंजाम कतना घातक हो सकता है, ये शायद वे न जानते थे।
फर कु छ दन के प चात जब कटनी के दन आये और खते म
बाल पक ग तो शमशोन एक बकर का ब चा लेकर अपनी प नी
को लेने त ना गया। वहां पहुंचकर उसके ससरु ने उसे उसक प नी
से मलने से प ट मना कर दया तो शमशोन का चेहरा आ चय से
गड़ गया। तब उसके ससरु ने उसे वा त वकता से प र चत कराया।
उसने कहा क,
‘म तो समझता था क तू सचमुच ह उससे बैर रखता है। तरे ा यार
तो उसके लये एक दखावा है, सो मने उसे तरे े ह सगं ी को याह
दया है। उसक छोट बहन तो उससे भी अ धक सु दर है। अपनी
प नी के बदले तू उससे याह य नह ं कर लेता?’
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तब शमशोन का गु सा भड़क उठा। वह बोला क,
‘अब चाहे म तु हारे साथ साथ सम त प लि तय क भी हा न क ं
तौभी इस बारे म नद ष ठह ं गा। तुम लोग ने मझु को सरेआम धोखा
तो दया ह है, साथ ह मझु े तुम पर हाथ उठाने का अवसर भी दया
है।’
ये कहकर शमशोन वहां से चल कर एक जंगल क ओर आ गया
और वहां पर उसने फु त से तीन सौ लोम ड़ यां पकड़ीं और मशाल
लेकर दो दो लोमड़ी क पछंू एक साथ बाधं कर उ ह प लि तय के
पके खेत म छोड़ दया। इस कार उसने प लि तय के सारे खेत
और जलपाई क बा रयां आग म जलाकर फूं क द ।ं तब अपनी इतनी
बड़ी हा न को देख कर प ल ती ये पछू ने लगे क ये सब कसने और
य कया है। फर जब उ ह बताया गया क ये सब त नी के
दामाद शमशोन ने इस लये कया है, य क उसक प नी को उसने
उसके एक सगं ी को याह दया है। तब इससे अ य त नाराज़ होकर
प लि तय ने जाकर त नी और शमशोन क प नी दोन को आग
म जी वत जलाकर मार डाला।
फर जब शमशोन को ये पता चला क उसक प नी को प लि तय
ने आग म जलाकर मार डाला है तो वह भी गु से क आग म
भभकता हुआ प लि तय के पास गया और उनसे कहा क,
‘तुमने जो ये सब कया है, उसके कारण म तुमसे अब बदला लेकर
ह रहूंगा।’
फर उसने उन सारे प लि तय को बड़ी ह नममता के साथ मार
डाला और फर जाकर एताम नाम क एक च ान क दरार म रहने
लगा।
शमशोन क इस हरकत पर प ल ती एक दम ह शमशोन के दु मन
हो गये, और फर उ ह ने उसको मारने के य न से सारे यहूदा देश
पर चढ़ाई कर द तथा वह ं लह म अपने डरे े डाल दये।
प लि तय को अपने देश म चढ़ाई करते देख सारे यहूद भयभीत हो
गये। तब यहू दय ने प लि तय से पछू ा क,
‘ऐसा हमसे या हो गया है जो तुम हम पर चढ़ाई करते हो?’
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‘हम तुमसे कु छ भी सरोकार नह ं है। हमने तो शमशोन को बाधं ने के
लये यहां अपने डरे े खड़े कये ह। य क उसने हमारे आद मय को
मार डाला है और हमारे सारे खेत भी जला दये ह। हम उसे अब
जी वत छोड़ने वाले नह ं है। जैसा उसने हमारे साथ कया है, ब कु ल
वसै ा ह हम भी उसके साथ भी करगे।’
प लि तय ने उ तर दया तो लगभग तीन हजार यहूद पु ष एक
साथ एक त होकर एताम नाम च ान क दरार म जाकर शमशोन
से कहने लगे क,
‘य द यहोवा ने तझु े अपार बल दया है तो इसका मतलब ये नह ं है
क तू हमारे लये मुसीबत खड़ी करता फरे। या तू नह ं जानता है
क परमे वर ने हम प लि तय के हाथ म कर रखा है और सारा
पल तीन हम पर भुता करता है। तू तो हमारा यायी है, फर य
तू हमारे साथ ऐसा करता है?’
तब शमशोन ने उनको उ तर दया। वह उनसे बोला क,
‘उन प लि तय ने पहले तो मेर प नी मेरे संगी को याह द , फर
बाद म उसे भी िज दा जला कर मार डाला है। जसै ा उ ह ने मेरे साथ
कया था ठ क वसै ा ह मने भी उनको सबक दया है।’
‘हम तो तुझे बाधं कर प ल त य के हाथ म कर देने को आये ह। जब
तूने खुद ह मसु ीबत खड़ी क है, तो तू ह अके ला भुगत भी।’
तब शमशोन ने उनक बात मान ल । वह उनसे बोला क,
‘ठ क है तुम मुझे बाधं कर प लि तय के हाथ म स प दो। मगर
मझु से शपथ खाओ क तुम मुझे के वल बाधं कर उनके हाथ म करोगे
और मझु पर हार नह ं करोगे। य द तुमने कसी ने भी मुझ पर
हार कया तो तुम सबका भी वह अजं ाम होगा जो उन प लि तय
का हुआ है।’ के हाथ म
तब सारे यहू दय ने उससे शपथ खाई और कहा क,
‘हमारा भरोसा कर। हम के वल तुझे बाधं कर प लि तय
करगे, मगर तझु े कसी भी र त से मारगे नह ।ं ’
शमशोन क इस बात पर यहू दय ने उसको दो ब कु ल नई रि सय
से बांधा और फर उसे च ान म से नकाल कर बाहर ले आये। फर
जब वह लह तक आ गया तो प लि ती उसे रि सय से बना हुआ
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देख कर जोर से ललकारने लगे। तब यहोवा का आ मा शमशोन पर
बलपूवक उतरा और फर शमशोन क रि सयां आग म जले हुये सन
के समान राख़ बन कर गर पड़ी। साथ ह उसके हाथ के बधं न
मान गल कर टू ट पड़।े तब शमशोन को वह ं पर एक मरे हुये गधे
के कं काल के जबड़े क ह डी मल गई। उसने उसे उठा लया और
फर वह प लि तय के ऊपर जैसे कसी भख़ू े शरे के समान टू ट पड़ा।
उसने मा एक जबड़े क ह डी से पलक झपकते ह एक हजार
प लि तय को मार डाला। के वल एक नह थे मनु य के वारा हजार
प लि तय को मरता देख कर प लि तय के डरे म खलबची मचने
लगी। वे अपनी जान बचाकर जैसे भागने लगे। इतनी सार लाश के
ढेर लगते देख कर शमशोन ने कहा क, के वल एक गदहे के जबड़े
क ह डी से ह मने हजार को मार डाला।’
ऐसा कहने के प चात उसने ह डी फक द । उसने उस थान का नाम
‘रामत लह ‘ रखा। िजसका अथ है क, ‘जबड़े का ट ला‘।
तब उसको बड़ी यास लगी, और उसने यहोवा को पुकार कर कहा
क,
‘तूने अपने दास से बड़ा छु टकारा दलाया है, पर अब या म यास
मरके उन खतनाह न लोग के हाथ म पड़ू?ं ‘
तब परमे वर ने उसक वनती को सुना और उसने लह म ओख़ल
जसै ा गढ़ा कर दया। फर उसम से पानी नकलने लगा। तब जब
शमशोन ने पया तो उसके जी म जी आया। पानी पीकर वह फर से
ताजा दम हो गया। लह म परमे वर के वारा बनाये हुये इस सोते
का नाम ‘एनह कोरे‘ रखा गया। इसका अथ है क, ‘पकु ारनेवाले का
सोता।‘ शमशोन ने परमे वर को पुकारा था और परमे वर ने उसक
पकु ार को सुन कर जल का सोता खोल दया था।
शमशोन परमे वर के कहने म जब तक चलता रहा तब तक वह
उसका अनु ह पाता रहा। मगर अब जसै े उसके दन फरने लगे थे।
बुराइयां उसका दामन घसीटने लगीं थीं। एक ओर परमे वर उसके
वारा प लि तय को सबक देकर इ ाए लय को छु टकारा दलाना
चाहता था तो दसू र तरफ शैता नयत उसको परमे वर क नज़द क से
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बाहर ले जाना चाहती थी। अब लगता था क जसै े उसके बरु े दन के
काले बादल उसके सर पर मड़ं राने लगे थ।े
तब एक दन शमशोन अ जा को गया, और वहां पर एक वे या को
देख कर उस पर र झ गया। वहां पर रहने वाले अि जय ने इसका
लाभ उठाया और फर उसको चार तरफ से घरे लया। वे रात भर
नगर के फाटक पर लगे हुये उसक घात म लगे रहे। वे ये सब
सोचते रहे क भोर होते ह वे सब मल कर शमशोन को बड़ी
नममता के साथ घात कर दगे। पर तु शमशोन आधी रात को ह
उठा और नगर के फाटक को ब द देख उसने दोन फाटक को उनके
बेड़ समेत उखाड़ लया और अपने कं ध पर रख कर हे ोन क पहाड़ी
पर जाकर फक दया। फर जब अि जय को ये सब पता चला तो वे
के वल ववशतावश नराशा के साथ अपने हाथ मलते ह रह गये।
शमशोन उनके चंगलु म आकर भी साफ बच नकला था और अब वे
कर भी या सकते थ।े
शमशोन के दन इसी तरह से यतीत हो रहे थे। वह परमे वर का
नाज़ीर था मगर अब उसके परमे वर से दरू होने के दन कर ब आ
गये थे। वह नह ं जानता था क बुराई उसका दामन हर रोज़ पकड़
कर अपने दामन म बाधं लेने का भरसक यास कर रह है। य द
उसने अपने आपको नह ं सभं ाला तो यहोवा तो उसके पास से चला ह
जायेगा और साथ म उसक भी बड़ी हा न हो जायेगी।
फर एक दन शमशोन न जाने कस कारण सोरेक म चला गया।
वहां पर नाले म रहने वाल दल ला नाम क औरत से दल लगा
बठै ा। दल ला का भाव उस पर ऐसा हुआ क वह अ सर ह वहां
जाने लगा। जब भी उसको मौका मलता वह दल ला के पास चला
जाता और फर कई कई दन तक वह ं बना रहता था।
ऐसे म जब प लि तय को ये पता चला क शमशोन दल ला के पास
आता जाता है, तो उ ह ने दल ला के पास आकर कहा क,
‘तझु े तो मालुम है क शमशोन एक यहूद है, और जब देखो वह
हमारा कोई न कोई नु सान करता रहता है। वह हमारा दु मन है। सो
तू उसे कसी भी तरह फु सला बहलाकर उसके बड़े बल का भदे मालुम
कर ले। उसके बारे म पता कर क ऐसा कौन सा उपाय हम कर क
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हम उस पर बल हो जाय। टयु कदडे़ तू ऐसा कर लेगी तो हम सन
होकर तुझे यारह यारह सौ चादं दगे।’
उनक इस बात को सुन कर दल ला लालच म आ गई। उसने सोचा
क शमशोन कौन सा उसक जा त का है और कौन सा उसके
स बं धय का कोई सगा है। ऐसे तो न जाने कतने ह पु ष उसके
पास त दन आया करते ह। सो य द वह शमशोन के बड़े बल का
भेद मालुम करने म सफल हो गई तो फर इतना धन पाकर तो वह
ध य हो जायेगी। तब वह उसी दन से शमशोन के बल का भेद
जानने क कोई यिु त ढूंढ़ने लगी।
फर जब एक दन शमशोन फर उसके पास आया और वह उसके
साथ भोजन कर रहा था, तभी दल ला ने उससे पछू ा क,
‘तू अपने ेम क ी त नभाने के लये जब देखो यहां चला आता है
पर तु है तू बड़ा ह वाथ जसै ा यि त है?’
दल ला क इस अ या शत बात को सुन कर शमशोन अचानक ह
च क गया। उसने एक सशं य के साथ दल ला को देखते हुये कहा क,
‘तरे ा कहने का आशय या है?’
तब दल ला जैसे शकायत भरे वर म बोल । उसने कहा क,
‘अगर तू मुझसे सचमचु ीत रखता है तो मुझे बता क तरे े इस बड़े
बल का भेद या है। या कारण है क हजार आदमी भी तझु पर
काबू नह ं पा सकते ह। मने तरे े जैसा बलशाल ताकतवर शेर जैसा
मनु य आज तक नह ं देखा है। कस र त से कोई तुझे बांध कर रख
सकता है?’
तब शमशोन उसके कहने पर ह का सा मु कराया। फर वह दल ला
क तरफ देखते हुये उससे बोला क,
‘ये कौन सी बहुत बड़ी बात तूने पछू ल है। मेरे इस बड़े बल का
भेद, य द म ऐसी नई नई सात तात से बांधा जाऊं जो कभी भी
सुखाई न गई ह तो मेरा बल घट जायेगा और म फर साधारण
मनु य जैसा हो जाऊं गा।’
उसके बाद प लि तय के सरदार ने दल ला के पास ऐसी सात तातं े
भेजीं िज ह सखु ाया नह ं गया था। तब जब शमशोन सो गया तो
उसे उन तातं से बाधं दया गया। प लि ती तो पहले ह से दल ला
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के घर क दसू र कोठर म शमशोन के लये घात लगाये बठै े थ।े
तब दल ला ने उसे जगाते हुये कहा क,
‘ शमशोन ज द उठ कर देख तो, प लि ती तरे घात म ह।’
तब शमशोन अचानक ह उठा। मगर उसने जब देखा क वह बंधा
हुआ है तो उसने उन तातं को पलक झपकते ह ऐसा तोड़ डाला जैसे
क सन का सतू आग को छू ते ह टू ट जाता है। दल ला ने जब ये
देखा तो वह जान गई शमशोन ने उससे झठू बोला है, और उसके
बल का भेद वह उससे पछू ने म असफल रह है। तब वह पहले से भी
अ धक शकायत भरे वर म नाराज सी होते हुये शमशोन से बोल
क,
‘तू मुझसे छल य करता है। तझु े य द नह ं बताना था तो मुझसे
प ट य नह ं कह दया। ये सब तमाशा करने क या आव यकता
थी? सो अब मझु से झूठ मत बोलना। बता क तरे े बड़े बल का
असल भेद कौन सा है। तुझे कस व तु से बाधं ा जा सकता है ?’
तब शमशोन ने उसे बताया क,
‘य द म ऐसी नई नई रि सय से बांधा जाऊं जो कभी भी कसी
अ य काम म नह ं लाई ग ह तो मेरा बल जाता रहेगा और म एक
साधारण मनु य जैसा हो जाऊं गा।’
तब शमशोन को एक बार फर से नई नई रि सय से बाना गया,
और बाद म उससे कहा गया क,
‘हे, शमशोन प लि ती तरे घात म ह। ज द उठ।’
सो शमशोन ने उठ कर उन रि य को ऐसी आसानी से तोड़ डाला
जसै े क कोई क चा सतू तोड़ डालता है। उन रि सय को तोड़ने के
प चात शमशोन ने स देह क ि ट से दल ला से पछू ा क,
‘तरे ा इरादा या है। तू मुझे मरवा देना चाहती है या?’
‘नादान मत बन। मुझे तुझे मरवा कर या मलेगा। म अपनी हा न
य कर क ं गी। म तो के वल ये जानना चाहती हूं क सचमचु तुझे
इतना बल कहां से मला है। पर तू है क जो मुझे बताना नह ं
चाहता है, और हर बार मुझसे झठू बोल कर मझु े मखू भी बना रहा
है। सो अब कोई भी आगे झूठ मत बोलना और बहाना मत बनाना।
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मझु े सह सह बता क तरे ा भेद या है, और तू कस व तु से बंध
सकता है?’
तब शमशोन ने उससे कहा। वह बोला क,
‘य द तू मेरे सर क सात लट ताने म बुने तो, म सहज ह
साधारण मनु य जसै ा बन सकंू गा।’
तब दल ला ने अवसर पाते ह उसके सर क सात लट को बुना
और उ ह द वार से एक खंटू से बाधं ने के प चात उसे जगाया और
कहा क,
हे, शमशोन तू यहां पड़ा सोता है, और प लि ती तरे े को घात कर
देना चाहते ह।’
तब शमशोन उठा और खूंट को धरन म से उखाड़ कर उसे ताने
समेत ले गया। तब उसको ब कु ल ह वत देख कर प लि तय
का इरादा बदल गया। वे उस पर फर कोई भी हमला नह ं कर सके ।
इसके प चात दल ला शमशोन से फर से शकायत करने लगी। वह
उसके सामने रोने पीटने लगी। वह कहने लगी क,
‘तरे ा मन तो मझु से नह ं लगा। फर य कहता है क तू मुझसे ीत
रखता है। तूने अब तक तीन बार मझु से छल कया है और अभी
तक सच नह ं बताया है क तेरे बड़े बल का भेद या है?’
इस कार दल ला उसे हरेक दन परेशान करने लगी। हर दन वह
उससे बात करते करते उसका भेद जानने के लये उसे तंग करने
लगी। दल ला ने उसे यहां तक तंग कया क शमशोन उसक इस
आदत से खुद भी परेशान हो गया। शमशोन क कमजोर यह थी क
वह दल ला के बगैर एक पल भी नह ं रह सकता था। सो दल ला
उसक इस कमजोर का बाकायदा परू ा लाभ उठा लेना चाहती थी।
तब एक दन दल ला ने शमशोन को यहां तक परेशान कया क
उसने तब अपने बड़े बल का भेद उसे बता दया। शमशोन ने उससे
कहा क,
‘मेरे सर पर कभी भी छु रा नह ं फराया गया है, य क म अपनी
मां के पेट से ह परमे वर का नाज़ीर हूं। य द म मडूं ा ़ जाऊं तो मेरा
बल जाता रहेगा और म साधारण मनु य जैसा हो जाऊं गा। अब मझु े
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फर तंग मत करना। आज मने सचमुच तझु को अपना भेद बता दया
है।’
शमशोन क इस बात को सुन कर दल ला ने जान लया क सचमचु
आज उसने अपना भेद बता दया है। सो उसने प लि तय के सरदार
के पास कहला भेजा क अबक बार पया लेकर आओ, य क
शमशोन ने आज मुझको सचमचु ह अपना भेद बता दया है। आज
तुम लोग को खाल हाथ नह ं लौटना पड़गे ा।’
दल ला क इस खबर पर प ल ती उसके पास पया लेकर आये। तब
दल ला ने शमशोन को अपने घटु न पर सुलाया और जब वह गहर
नीदं म सो गया तो उसके सर क सात लट काट डाल ं और एक
मनु य को बलु वा कर उसके सारे बाल कटवा दये। वह उसका सर
सहलाने लगी, और वह नबल हो गया। तब उसने पहले क भां त
शमशोन को जगाया और उससे कहा क,
‘उठ शमशोन देख तो आज प लि ती फर से तरे घात म ह।’
तब शमशोन उठ कर पहले क ना सोचने लगा क म उठूं गा और
पहले जसै ा शि तशाल होकर प लि तय को मा ं गा। वह न जानता
क यहोवा आज सचमुच म उसक नाफरमानी से तंग आकर उसके
पास से चला गया है। वह यहोवा का नाज़ीर था, ये बात उसे खबू
अ छ तरह से मालुम थी, मगर फर भी वह यहोवा क बात नह ं
रख सका था। िजस बात के लये उसको वशषे मनाह थी, उसी को
उसने यहोवा के भय के बगैर कर डाला था। सो प रणाम उसके
सामने था। अब वह नबल मनु य था। उसने अपनी ताकत को पहले
क ना फर से एक त करना चाहा, मगर वह अपने थान से उठ
भी नह ं सका।
तब प लि तय ने आकर उसको चार तरफ से दबोच लया। सबसे
पहले उ ह ने उसक आखं फोड़ डाल ं। बाद म वे उसे बाधं कर अ जा
को ले गये, और वहां पर उ ह ने उसे पीतल क बे ड़ य म जकड़
डाला। उसे जले म बंद कर दया और उससे जेल म ह बंद अ य
कै दय के लये च क पसवाने लगे। वह अ य कै दय के लये
आटा पीसने लगा। जेल म बदं रहते हुये उसके सर के बाल फर से
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बढ़ने लगे। बाल बढ़ने के प चात उसम वह बल फर से भी आ
सकता है, इस भेद को प लि ती नह ं जानते थे।
शमशोन को पकड़ने और उस पर क जा करने के प चात
सारे ह प लि ती अ य त स न हुये। सो उ ह ने अपने देवता दागोन
के लये एक बड़ा य इस कारण कया क वे समझते थे क उनके
देवता ने उनके श ु को उनके हाथो म कर दया है। वे सब आन द
और खु शयां मनाने लगे, बगरै इस भेद को जाने हुये क उनका श ु
दागोन देवता के कारण नह ं, मगर अपने यहोवा परमे वर का कहना
न मानने के कारण यहोवा के अनु ह से वं चत कया गया है और
फल व प वे उस पर हावी हो सके । बाइबल म इस बात क न जाने
कतनी ह मसाल ह क जब जब यहू दय ने यहोवा परमे वर का
कहना नह ं माना, तब तब उसने इ ाए लय को गरै जा तय क
दासता म करवा दया था। शमशोन भी उनम से ऐसा ह एक
उदाहरण था। बाइबल म यहू दय को यव था देते समय यहोवा
परमे वर ने ये वशेष चते ावनी द थी क जब तक यहूद परमे वर के
कहने म चलते रहगे, तब तक उ ह उसका अनु ह और आशीष
मलती रहेगी, और साथ ह उनके राजा दाऊद का रा य बना रहेगा।
अब प ल ती शमशोन पर काबू पाने के प चात एक बड़ी
इमारत म बने मदै ान म आन द और मनोरंजन कर रहे थे, और
अपने देवता दागोन क तार फ कर रहे थ।े तब प लि तय के सरदार
ने शमशोन को ब द गहृ से बुलवाया, इस धे य से क शमशोन
बेबस होकर उनका मनोरंजन करे। उसे लाया गया, और उसे दो खंभ
के म य खड़ा कर दया गया। तब सारे प ल ती उसे देख देख कर
तमाशा करने लगे। ये देख कर शमशोन ने उस लड़के से जो उसको
वहां लेकर आया था कहा क,
‘उन खंभ से िजनसे ये घर सभं ला हुआ है छू ने दे ता क म टेक लगा
सकंू ।’
उस लड़के ने तब शमशोन को वहां ले जाकर खड़ा कर दया। वह
घर तो ी और पु ष से भरा पड़ा था, और वहां पर प लि तय के
सब सरदार भी जमा थ।े इसके अ त र त जो लोग छत पर बैठे हुये
थे, वे लगभग तीन हजार थ।े सारे के सारे प लि तय के लये
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शमशोन तमाशा तो बना ह हुआ था, साथ ह उनके लये उनके
मनोरंजन का कारण भी था। तब शमशोन ये सब जान और महसूस
करके अपने अ दर ह आ म ला न से भर गया। उसे अपनी भलू का
एहसास होने लगा। वह अ य त ह मन ह मन एक पछतावे से भर
गया। सो उसने यह कहकर अपने यहोवा परमे वर को दोहाई द ,
‘हे, भु यहोवा, मेर सु ध ले। हे, परमे वर अब क बार मझु े बल दे
क म इन खतनाह न प लि तय से अपनी दोन आंख का एक ह
बार म पलटा ल।ूं ‘
ऐसी याचना करने के उपरा त शमशोन ने उन दोन बीच
वाले खंभ को िजन पर घर टका हुआ था, पकड़कर एक पर तो
दा हने हाथ से और दसू रे पर बाय हाथ से बल देना आरंभ कया।
फर शमशोन ने कहा क, ‘प लि तय के साथ मेरा ाण भी जाये।'
तब परमे वर ने उसक ाथना को फर एक बार सुना। उस
पर उसका आ मा फर एक बार बल से उतरा, और फर थोड़ी ह देर
म शमशोन ने उस घर के खभं े तोड़ कर उसे नीचे गरा दया। जसै े
ह घर नीचे गरा तो चार तरफ से ी, ब च और तमाम लोग क
चीख पुकार सुनाई देने लगी। सारा वातावरण ण भर म ह जैसे
हाहाकार से भर गया। इस कार वहां पर िजतने लोग उस घर म बठै े
हुये थे, वे सब मर गये। और वे उन लोग से भी कह ं बहुत अ धक
थे िज ह शमशोन ने पहले मारा था। घर गरने के बाद शमशोन भी
वह ं दब कर मर गया। तब ये जानकर क शमशोन मर चुका है,
उसके पता के घराने के लोग आये और उसे उठाकर ले गये, और
सोरा और ए ताओल के म य उसके पता मानोह क क म उसे
म ी द गई। शमशोन ने अपने रहते हुये सारे इ ाएल का बीस वष
तक याय कया था। वह इतने दन तक प लि तय से बराबर
लड़ता रहा। ये बात सह है क जसै ा परमे वर ने उसके ज म से
पहले उसक मां को बताया था क वह यहोवा का नाज़ीर रहेगा और
इ ाए लय को प लि तय से छु ड़ाने म वह हाथ लगायेगा। शमशोन
इ ाए लय को प ल त य क गलु ामी से आज़ाद तो नह ं करा सका
था, मगर हां उसने आज़ाद ा त करने के लये संघष क शु आत
अव य ह कर द थी।
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वह परमे वर का चुना हुआ वशेष नाज़ीर था। य द वह
परमे वर के कहने म चलता और उसके भय म रहता तो ये न चय
था क इ ाएल प लि तय क दासता से अव य ह मु त हो जात।े
ले कन एक सोके र नाम नाले म रहने वाल वे या समान ी के मोह
म आकर वह परमे वर से दरू हट गया। ये ठ क है क उसने
प लि तय को सबक अव य ह दया, मगर उसक नाफरमानी और
गैर जु मेदार क बज़ह से परमे वर का बना बनाया सपना भी टू ट
गया। खुदा क योजनाओं पर मनु य क लापरवाह और नाफरमानी
के कारण पानी फरना कोई नई बात नह ं है। ये पहले भी हुआ है।
कल भी हुआ है। आज भी हो रहा है, और कब तक होता रहेगा?
इसको कोई नह ं जानता है।
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Yeshu Ke Paas, Inc. Hindi Masih Patra Prakashan
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शाल मार
कौन है वह?
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पौलुस जब इ फ़ससु म था ऐसा हुआ क जब अपु लोस
कु र थुस म था तभी पौलसु भीतर देश से या ा करता हुआ
इ फसुस म आ पहुँचा। वहाँ उसे कु छ श य मले। और उसने उनसे
कहा,
“ या जब तुमने व वास धारण कया था तब प व आ मा को हण
कया था?”
उ ह ने उ तर दया, “हमने तो सुना तक नह ं है क कोई प व
आ मा है भी।”
सो वह बोला, “तो तुमने कै सा बप त मा लया है?”
उ ह ने कहा, “यूह ना का बप त मा।”
फर पौलसु ने कहा, “यूह ना का बप त मा तो मन फराव का
बप त मा था। उसने लोग से कहा था क जो मेरे बाद आ रहा है,
उस पर अथात यीशु पर व वास करो।”
यह सुन कर उ ह ने भु यीशु के नाम का बप त मा ले लया। फर
जब पौलुस ने उन पर अपने हाथ रखे तो उन पर प व आ मा उतर
आया और वे अलग अलग भाषाएँ बोलने और भ व यवा णयाँ करने
लगे। कु ल मला कर वे कोई बारह यि त थ।े
फर पौलसु यहूद आराधनालय म चला गया और तीन मह ने नडर
होकर बोलता रहा। वह यहू दय के साथ बहस करते हुए उ ह
परमे वर के रा य के वषय म समझाया करता था। क तु उनम से
कु छ लोग बहुत हठ थे उ ह ने व वास हण करने को मना कर
दया और लोग के सामने पथं को भला बुरा कहते रहे। सो वह अपने
श य को साथ ले उ ह छोड़ कर चला गया। और तर नुस क
पाठशाला म हर दन वचार वमश करने लगा। दो साल तक ऐसा ह
होता रहा। इसका प रणाम यह हुआ क सभी ए शया नवासी यहू दय
और ग़रै यहू दय ने भु का वचन सुन लया।
परमे वर पौलसु के हाथ अनहोने आ चय कम कर रहा था।
यहाँ तक क उसके छु ए माल और अँगोछ को रो गय के पास ले
जाया जाता और उन क बीमा रयाँ दरू हो जातीं तथा दु टा माएँ
उनम से नकल भागती।ं
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कु छ यहूद लोग, जो दु टा माएँ उतारते इधर-उधर घूमा फरा
करते थे। यह करने लगे क िजन लोग म दु टा माएँ समायी थीं,
उन पर भु यीशु के नाम का योग करने का य न करते और कहत,े
“म तु ह उस यीशु के नाम पर िजसका चार पौलसु करता है, आदेश
देता हूँ।” एक क वा नाम के यहूद महायाजक के सात पु जब ऐसा
कर रहे थे तो दु टा मा ने उनसे कहा, “म यीशु को पहचानती हूँ और
पौलुस के बारे म भी जानती हूँ, क तु तुम लोग कौन हो?”
फर वह यि त िजस पर दु टा मा सवार थीं, उन पर
झपटा। उसने उन पर काबू पा कर उन दोन को हरा दया। इस तरह
वे नंगे ह घायल होकर उस घर से नकल कर भाग गये। इ फसुस म
रहने वाले सभी यहू दय और यूना नय को इस बात का पता चल
गया। वे सब लोग बहुत डर गये थे। इस कार भु यीशु के नाम का
आदर और अ धक बढ़ गया। उनम से बहुत से िज ह ने व वास
हण कया था, अपने वारा कये गये बरु े काम को सबके सामने
वीकार करते हुए वहाँ आये। जादू टोना करने वाल म से बहुत ने
अपनी अपनी पु तक लाकर वहाँ इक ी कर द ं और सब के सामने
उ ह जला दया। उन पु तक का मू य पचास हजार चादँ के स क
के बराबर था। इस कार भु का वचन अ धक भावशाल होते हुए
दरू दरू तक फै लने लगा।
इन घटनाओं के बाद पौलुस ने अपने मन म म कदु नया
और अखाया होते हुए य शलेम जाने का न चय कया। उसने कहा,
“वहाँ जाने के बाद मझु े रोम भी देखना चा हए।” सो उसने अपने
तमु थयुस और इरासतुस नामक दो सहायक को म कदु नया भेज
दया और वयं ए शया म थोड़ा समय और बताया। उ ह ं दन इस
पँथ को लेकर वहाँ बड़ा उप व हुआ। वहाँ देमे युस नाम का एक
चाँद का काम करने वाला सनु ार हुआ करता था। उसने अर त मस के
चादँ के मि दर बनवाता था िजससे कार गर को बहुत कारोबार
मलता था।
उसने उ ह और इस काम से जुड़े हुए दसू रे कार गर को
इक ा कया और कहा, “देखो लोगो, तुम जानते हो क इस काम से
हम एक अ छ आमदनी होती है। तुम देख सकते हो और सुन
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सकते हो क इस पौलसु ने न के वल इ फसुस म बि क लगभग
ए शया के समूचे े म लोग को बहका फु सला कर बदल दया है।
वह कहता है क मनु य के हाथ के बनाये देवता स चे देवता नह ं
है। इससे न के वल इस बात का भय है क हमारा यवसाय बदनाम
होगा बि क महान देवी अर त मस के मि दर क त ठा समा त हो
जाने का भी डर है। और िजस देवी क उपासना समूचे ए शया और
ससं ार वारा क जाती है, उसक ग रमा छन जाने का भी डर है।
जब उ ह ने यह सुना तो वे बहुत ो धत हुए और च ला च ला कर
कहने लगे, “इ फ़ सय क देवी अर त मस महान है!” उधर सारे नगर
म अ यव था फै ल गयी। सो लोग ने म कदु नया से आये तथा
पौलसु के साथ या ा कर रहे गयसु और अ र तरवुस को धर दबोचा
और उ ह रंगशाला म ले भागे। पौलुस लोग के सामने जाना चाहता
था क तु श य ने उसे नह ं जाने दया। कु छ ातं ीय अ धका रय ने
जो उसके म थे, उससे कहलवा भेजा क वह वहाँ रंगशाला म आने
का दु साहस न करे। अब देखो कोई कु छ च ला रहा था, और कोई
कु छ, य क समचू ी सभा म हड़बड़ी फै ल हुई थी। उनम से अ धकतर
यह नह ं जानते थे क वे वहाँ एक य हुए ह। यहू दय ने सक दर
को िजसका नाम भीड़ म से उ ह ने सझु ाया था, आगे खड़ा कर रखा
था। सक दर ने अपने हाथ को हला हला कर लोग के सामने
बचाव प तुत करना चाहा। क तु जब उ ह यह पता चला क
वह एक यहूद है तो वे सब कोई दो घ टे तक एक वर म च लाते
हुए कहते रहे, “इ फसु सय क देवी अर त मस महान है।” फर नगर
ल पक ने भीड़ को शातं करके कहा, “हे इ फसुस के लोग या संसार
म कोई ऐसा यि त है जो यह नह ं जानता क इ फसुस नगर महान
देवी अत र मस और वग से गर हुई प व शला का संर क है?
य क इन बात से इ कार नह ं कया जा सकता। इस लए तु ह
शांत रहना चा हए और बना वचारे कु छ नह ं करना चा हए। तुम इन
लोग को पकड़ कर यहाँ लाये हो य य प उ ह ने न तो कोई मि दर
लटू ा है और न ह हमार देवी का अपमान कया है। फर भी
देमे युस और उसके साथी कार गर को कसी के व कोई
शकायत है तो अदालत खुल ह और वहाँ रा यपाल ह। वहाँ आपस
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म एक दसू रे पर वे अ भयोग चला सकते ह। क तु य द तुम इससे
कु छ अ धक जानना चाहते हो तो उसका फै सला नय मत सभा म
कया जायेगा। जो कु छ है उसके अनुसार हम इस बात का डर है क
आज के उप व का दोष कह ं हमारे सर न मढ़ दया जाये। इस दंगे
के लये हमारे पास कोई भी हेतु नह ं है िजससे हम इसे उ चत ठहरा
सक।” इतना कहने के बाद उसने सभा वसिजत कर द ।
शैतान ने अपनी कहानी सुनाकर शाल मार से न कया।
वह बोला,
‘बाइबल म दु ट आ माओं का िजतना बोलबाला है, उससे भी कह ं
अ धक उ ह भगाने या नकालने का भी वणन है। इस काय म सबसे
अ धक काम यीशु मसीह ने वयं कया है और बाद म उनके नाम से
भी यह काय पहले हुआ है और आज भी होता रहा है। पुरानी बाइबल
म राजा शाऊल ने अपनी परेशानी के दन म शमुएल क आ मा को
बुलाने के लये एक भतू भगाने वाल म हला का योगदान लया था।
यीशु मसीह के समय म गरासे नय के देश म एक यवु क पर सवार
सेना के समान दु ट आ माओं ने उ ह देखकर गड़ गड़ाकर वनती
क थी क वह उ ह य द नकालता है तो सुअर के झुडं म भेज दे।
पौलुस ने अपने चार काय के दौरान इन दु ट आ माओं के वरोध म
मू त पूजा के नाम पर एक स चे जीवते परमे वर क उपासना से दरू
भटकते हुये लोग को सह माग पर लाने के लये जो काय कये ह,
वे सचमचु ह सराहनीय ह। ले कन मेरा यह न है क, परमे वर के
इस काय म यह दु ट आ माय कहां से आ जाती ह, और यह
परमे वर के काम क वरोधी य ह? कौन ह ये? परमे वर इ ह
समा त य नह ं कर देता ह? मेरे इन न का उ तर य द तुमने
सह सह नह ं दया तो तु ह भी यहां पर दफन होते देर नह ं
लगेगी।
शैतान क बात सुनकर शाल मार ने उसे उ तर दया। वह
बोला,
‘परमे वर ने जब यह दु नयां बनाई थी तो उस समय उसने वगदतू
को भी बनाया था। इ ह ं वगदतू म एक वगदतू जो बहुत ह
सु दर और अ य वगदतू से कह ं अ धक उनका मु खया माना जाता
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था, एक दन लालच म आ गया। वह सोचने लगा क य द म
परमे वर का थान ले लंू तो सार दु नयां परमे वर के थान पर मेर
ह उपासना कया करेगी। तब उसके मन क इस दु ट धारणा को
जानते हुये परमे वर ने उसे वग से नकाल फका। बाद म धरती पर
आकर इसी वगदतू ने लोग को भरमाना आरंभ कर दया और
परमे वर के वरोध म रहने के लये उनका साथ देने लगा। इसके
साथ क तमाम दु ट आ माय इसक साथी ह, और लोग को परेशान
तथा तंग कया करती ह। यह दु ट आ माय यीशु मसीह और उसके
नाम से डरा भी करती ह, ले कन जो भी उनक उपासना कया करता
है और उ ह अपने साथ रखा करता है और इ ह ो साहन दया
करता है, समय आने पर यह उसक भी हा न करने से नह ं चूकती
ह। परमे वर एक समय पर संसार के याय के समय पर इन सबका
अंत करेगा। जैसा क तूने पूछा है क, यह दु ट कौन है? तो यह
दु ट कभी वग म रहने वाला वगदतू तो तू ह है, िजसे ‘शैतान‘
कहा जाता है।‘
शैतान शाल मार के सारे उ तर सुनकर फर कु छ भी नह ं
कह सका। वह वायु क एक सनसनाती हुई भीषण व न के साथ उसे
अके ला छोड़कर कसी अ य क के ऊपर जाकर बठै गया। शैतान के
चले जाने के प चात शाल मार भी क तान के भयावह सूने ाचीर
को छोड़कर वापस अपने माग पर चल दया। - मश:
भजन सं हता अ याय 119
1 या ह ध य ह वे जो चाल के खरे ह, और यहोवा क यव था पर चलते ह!
2 या ह ध य ह वे जो उसक चतौ नय को मानते ह, और पणू मन से
उसके पास आते ह!
3 फर वे कु टलता का काम नह ं करत,े वे उसके माग म चलते ह।
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