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Published by Sarfaraz Hussain Khan, 2020-11-18 04:55:58

Waah Kalam Edition-1, Issue-1

Valley of Words

ऩसु ्तक The Prelude to Empire (2000) भंे मह अमर फ रूकी टदल्री ववश्वववद्मारम, टदल्री भंे
तका जोयदाय तयीके से टदमा गमा है कक इततहासकायों इततहास ववर्म का अध्माऩन।
ने शसयाजदु ्दौरा के चचत्रण भें क्जन स्रोतों को आधाय
फनामा गमा है वे ज्मादातय नकायात्भक हंै औय ववशऱयम डरे शऱपं ऱ: इततहासकाय,
ऩवू धा ायणा से ग्रशसत हंै। डरे रयऩॊ र की याम चौधयी से रेखक, सॊयऺक, प्रसायक तथा
अरग है, उनका कहना है कक शसयाज का व्मवहाय सभीऺक। नवीनतभ ऩुस्तकंे The
फगदाद भें 9/11 से ऩहरे उदम हुसनै के व्मवहाय Anarchy : The East India
जसै ा है। Company, Corporate Violence and the
Pillage of an Empire औय Forgotten Masters:
कई फाय मह कहा गमा है कक ईस्ट इॊडडमा कॊ ऩनी ने Indian Paintings for the East Indian
गोऩनीम तयीके से अऩना साम्राज्म स्थावऩत ककमा था Company प्रकाशित। जमऩयु साटहत्म भहोत्सव के
औय बायतीम उच्चवगा आखॉ ों ऩय ऩर्टटी फाधॊ े, मह ससॊ ्थाऩक सदस्म औय सह-तनदेिक।
कहता यहा कक कॊ ऩनी िातॊ तऩूणा तयीके से अऩने
व्माऩाय तक सीशभत है। जफ वास्तववकता का ऩता वैरी ऑप वर्डसा अतॊ यााष्रीम साटहत्म एवॊ
चरा तफ तक फहुत देय हो चकु ी थी। मह ऩुस्तक करा भहोत्सव - 2018 भें अगॊ ्रेज़ी कितिन
जोयदाय ढॊग से इस धायणा का खॊडन कयती है। श्रेणी भें ऩुयस्कृ त
1740 के दिक के अतॊ भें कनााटक के सफू ेदाय डु यॊर्डस कसा
अनवरुद्दीन, औय फॊगार के सूफेदाय अरीवदी खान, रेखक: याजीव डोगया
के सभम से ही इस फात की जानकायी थी कक अॊग्रेजी प्रकािक: रूऩा ऩक्धरके िन्स
औय मूयोऩीम कॊ ऩतनमों ने भुगरों की जड़ें खोदनी िुरू
कय दी थी।ॊ अठायहवीॊ सदी के उत्तयाद्धा भें, जहाॊ–जहाॊ
ईस्ट इॊडडमा कॊ ऩनी काभ कय यही थी वहाॊ के िासकों
ने कॊ ऩनी की फढती ताकत को योकने की कोशिि की
क्जसकी वजह से यततऩात बी हुआ। बिटटि िासन
कॊ ऩनी को सहामता ऩहुॊचा यहा था औय सऩॊ ूणा प्रबुत्व
स्थावऩत कयने के शरए आगे फढ यहा था। भाय-काट
के जरयए साम्राज्म पै र यहा था। डरे रयऩॊ र ने कई
ऐसी रड़ाइमों का वविरे ् उल्रेख ककमा है क्जनके
जरयए ईस्ट इॊडडमा कॊ ऩनी ने प्रबतु ्व स्थावऩत ककमा।

तनक यॉबफनस् ने The Corporation that
Changed the World भंे ईस्ट इॊडडमा कॊ ऩनी का
रटू ऩाट कयने वारा चरयत्र उजागय ककमा है। ईस्ट
इॊडडमा कॊ ऩनी ने ही आधतु नक फहुयाष्रीम कॊ ऩतनमों का
भॉडर टदमा। डरे रयऩॊ र ने यॉबफन्स का सभथना कयते
हुए तनष्कर्ा भें शरखा है ‘ईस्ट इॊडडमा कॊ ऩनी आज के
इततहास भंे कॉऩोयेट िक्तत के दरु ूऩमोग की सबॊ ावना
की चते ावनी देती है क्जसके जरयए िेमयधायकों के
टहत याष्रीम टहत फन जाते हंै’।

खंड-1, अकं -1 (प्रवेश कं : वषष 2020) 43

समीक्षक: रज क ज़मी प्राकृ ततक ऩमाावास की बमावह क्स्थतत को अकॊ ों औय
THE WILD HEART OF INDIA आकॉ ड़ों के जार भें शरख कय आगे फढ जाते हैं उसके
ऱेखक: T.R. Shankar Raman ठीक ववऩयीत िॊकय यभन ने एक कदभ आगे फढ के
Oxford University Press, 2019 प्रकृ तत के भानवीम ऩऺ को उजागय ककमा है औय
साथ ही भानवता भंे तनटहत प्रकृ तत की उऩक्स्थतत का
टी.आय. िॊकय याभन कौन हैं? मह बी आबास कयामा है। िॊकय यभन ने इस कामा को
प्रश्न भंै नहीॊ फक्ल्क स्वमॊ रेखक फहुत ही सॊदु य अवऩतु सयर औय रृदम स्ऩिी-बार्ा भंे
अऩने आऩ से कयते हंै जफ वे वऩयो कय ऩयू ा ककमा है क्जसका ऩरयणाभ है एक
भाराऩोय, चने ्नई भंे अऩनी अत्मॊत ऩठनीम ऩसु ्तक।
फाल्मावस्था भंे शरखा एक रेख कई
सारों फाद कपय से देखते हंै- ‘भैं कौन हूॊ? िॊकय, जो THE WILD HEART OF INDIA प्राकृ ततक दतु नमा
जॊगरों भंे घूभते हुए ऩक्षऺमों का अवरोकन कयने का एक गहन वैऻातनक औय दािता नक अध्ममन है।
वारा एक वऻै ातनक है, मा जो सहज रेखक है....?’ रेखक बायत के प्राकृ ततक सौन्दमा का ऩयू ा ऩरयचम
ऩसु ्तक को ऩढने के फाद इसका उत्तय स्वमॊ ही भझु े कयाते हुए ऩाठक को शभज़ोयभ औय अरूणाचर प्रदेि
शभर गमा- ‘वह िॊकय बी है औय श्रीधय बी औय के वर्ावा न से याजस्थान के तनजरा ऺते ्रों तक ।
इससे बी फढकय वह रेखन भें दरु बा हो चरी
‘कपरोसोकपमा नेचुयशरस’- प्राकृ ततक दतु नमा को 25 वर्ों की अवचध भंे शरखे गए फासठ साठ तनफॊधों
दािातनक नजरयए से देखने की करा- के एक भंे से रेखक ने दस तनफॊध अऩनी सह-वन्मजीव
अनुकयणीम उदाहयण हैं। ऩरयणाभस्वरूऩ हभाये सभऺ वैऻातनक ऩत्नी टदव्मा भदु प्ऩा के साथ शभरकय शरखे
है एक फहुत ही योचक औय प्रबाविारी ऩसु ्तक। हंै। ऩूयी ऩसु ्तक को तीन बागों भें ववबाक्जत ककमा
योचक इसशरए बायत के प्राकृ ततक इततहास ऩय हार गमा है। ऩहरे बाग भें अऩने मवु ाकार भंे ववशबन्न
के दिकों भें प्रकाशित हुई ऩसु ्तकों की सचू ी भंे िॊकय जैव ववववध ऺते ्रों के अध्ममन के दौयान तैमाय ककए
यभन की मह ऩुस्तक उच्चतभ ऩामदान भंे आने वारी गए नोर्टस टदए गए हंै, दसू ये टहस्से भंे प्रकृ तत के
ऩुस्तकों भें से एक है। प्रबाविारी इसशरए तमोंकक सॊयऺण के साभने भौजूद खतयों का वववेचन ककमा
इस िैरी की अचधकतय ऩुस्तकंे जो के वर हभाये गमा है औय तीसये टहस्से भंे प्रकृ तत का व्माऩक
ऩरयविे भें गहन अध्ममन ककमा गमा है। सयताज
44 घभु न के खफू सूयत येखाचचत्र ऩुस्तक की सुदॊ य
खंड-1, अकं -1 (प्रवेश ंक: वषष 2020) प्रस्ततु ीकयण भें चाय चादॉ रगा देते हैं।

रज़ क ज़मी: सॊयऺक, रेखक औय वन्मजीव
इततहासकाय। अिोका आकााइव्स ऑप कॊ टेंऩयेयी
इॊडडमा, अिोका ववश्वववद्मारम, सोनीऩत, हरयमाणा भें
ऩयाभिादाता।

टी.आर. शंकर र मन: रखे क से
वन्मजीव वऻै ातनक। उष्णकटटफॊधीम
वनों औय वन्मजीव सॊयऺण तथा
ऩारयक्स्थततकी ऩय वविरे ् काम।ा The
Wild Heart of India के अततरयतत टदव्मा भुदप्ऩा
के साथ Pillars of Life: Magnificent Trees of
the Western Ghats का सह-रेखन।

समीक्षक: र फ़फय क जज़म है औय न ही नागरयक। बायतवासी अऩने आस-ऩास
WASTED: THE MESSY STORY OF की जगह को साप यखने के प्रतत इतने अनिु ासनहीन
SANITATION IN INDIA, A MANIFESTO तमों हंै? तमों बायतीम रोग अऩने घय को साप यखते
FOR CHANGE हैं औय सावजा तनक स्थान ऩय हय तयह का कू ड़ा
ऱेखक: Ankur Bisen पंे कना अऩना अचधकाय सभझते हैं? मह ऩुस्तक
Macmillan, New Delhi, 2019 बायतीम सभाज की भानशसकता ऩय प्रकाि डारती है
औय सावजा तनक स्थान से कू ड़े के तनस्तायण औय
मह ऩुस्तक आॊकड़ों औय त्मों के रीटभंेट की जरूयत फताती है।
साथ प्रस्ततु की गई है जो ववश्व के रेखक ने ववश्व के सफसे फड़े प्रजाताबॊ त्रक देि भंे
सबी रोगों के शरए ऩठनीम है। स्वच्छता औय कू ड़े के प्रफॊधन को प्राथशभकता देने भंे
क्जतनी आकर्का ऩुस्तक है, उतना ही देि की ववपरता को येखाॊककत ककमा है। मह बी
आकर्का उसका आवयण बी है। इसभें कू ड़े के ढेय ऩय उल्रेखनीम है कक बायतीम सॊववधान के तनभाता ाओॊ
कू ड़ा फीनने वारी फच्ची की तस्वीय है जो इसभें ने बी कचये के रीटभंेट को अहशभमत नहीॊ दी। रेखक
तनटहत जोखखभ से अनाशबऻ है। मह तस्वीय फमान ने मह टटप्ऩणी की है कक बायतीम रोगों को इस फात
कयती है कक ककस तयह कू ड़े का ढेय वचॊ चतों के शरए के शरए हीन बावना भंे आने की जरूयत नहीॊ है कक
एक खजाना फना हुआ है, मह बायत भंे स्वच्छता की साप-सुथये देिों ने िताधदी ऩहरे अऩना सपाई
वीबस्त कहानी फमान कयती है। अशबमान िुरू कय टदमा था। रेखक का मह वततव्म
ऩुस्तक बायत भंे कू ड़े के प्रफॊधन ऩय ववचाय कयते हुए तका सगॊ त नहीॊ है। इसके ववऩरयत वतभा ान स्वच्छ देि
जातत, स्वच्छता, सपाई के प्रतत रोगों का यवमै ा औय इतने साप-सथु ये इसशरए हंै तमोंकक वहाॊ देि औय
कई िहयों भंे कू ड़े के प्रतत रोगों की उदासीनता को नागरयक दोनों के शभर-जरु े प्रमासों से साप-सपाई
येखाकॊ कत कयती है। बायत भें जहाॊ जगह-जगह कू ड़े के यखी गई है। ऐसी क्स्थतत भें बायत को एक स्वच्छ
उऩेक्षऺत ढेय, सीवय से फाहय तनकर कय इधय-उधय देि फनाने का तमा तयीका है? ‘स्वच्छ बायत’ के
पै रता ऩानी औय गदॊ गी, खरु े भंे फेिभी से ऩेिाफ आह्वान ने बायतीम सभाज ऩय ककतना प्रबाव डारा
कयते ऩरु ुर्, खुरे भें फेऩयवाही से िौच कयते रोग है? रेखक ने अतॊ तभ अध्माम– ‘स्वच्छ बायत :
औय ऩेट बयने के शरए कू ड़े के ढेय से कू ड़ा फीनते कल्ऩना से वास्तववकता’ भें व्मावहारयक सुझाव टदए
फच्चे टदखाई ऩड़ते हैं। इसके शरए न तो देि चचतॊ तत हंै क्जससे बायत की तरु ना स्वच्छ देिों के साथ की
जा सके ।

र फ़फय क जज़म एरएनएभ ववश्वववद्मारम भंे

सभाजिास्त्र के सहामक प्रोपे सय औय सीएसडी
हैदयाफाद की ऩूवा पे रो हंै।

अंकु र बबसेन: टेतनोऩाका एडवाईज़सा भें

प्रफॊधन कॊ सल्टंेट। ऩूवा भंे टाटा ग्रुऩ

औय रेभन री होटल्स भें कामा का

अनुबव। बायत की स्वच्छता सॊफधॊ ी

सभस्मा के सभाधान ऩय अनुसधॊ ान औय रेखन।

प्रभखु अगॊ ्रेजी दैतनक सभाचाय ऩत्रों भें रेख प्रकाशित।

Wasted ऩहरी ऩसु ्तक प्रकाशित।

खंड-1, अकं -1 (प्रवेश ंक: वषष 2020) 45

ऺेत्रीय भ ष ओं से अगं ्रेजी मंे अनवु द

समीऺक: रऺ ंद जऱीऱ जलऱय ंव ऱ बग याजनीततक जागरूकता क झरक बायतीम साहहत्म
KHOONI VAISAKHI: भें बी ऩरयरक्षऺत ह ने रगी। Khooni Vaisakhi
हत्य क डं , 1919 ऩर कववत 22 िर्षीम नानक लसहंी (1897-1971) द्िाया ऩंीजाफी
ऱेखक: Nanak Singh भंे लरखी गई रींफी कविता ह। नानक लसहीं घटना के
ऩजं बी से अगं ्रेज़ी अनुव द सभम फाग़ भें भौजदू थे औय उन्होंने न के िर
अनवु दक - नवदीऩ सूरी आँखों देखा हार फमान ककमा फल्कक इसे एक
HarperCollins, 2019 ऐततहालसक दस्तािेज़ फनामा।

रेखक औय कवि इततहास से कबी हाराकंी क जलरमािीं ारा फाग त्रासद ऩय अनके
अछू ते नह ीं यहे हैं। जफ कबी फदु ्धधजीविमों ने फहुत कु छ लरखा ह रेककन
इततहास अत्मन्त ्ू यता औय विलबन्न बार्षांीं भंे लरखे गए बायतीम साहहत्म भें
यक्तऩात का साऺी ह जाता ह, तफ इसे उतना भहत्ि नह ीं लभरा ल्जतना लभरना चाहहए
रेखक अऩनी करभ उठाने क फाध्म ह जाता ह। था। महद हभ मह जानना चाहें कक उस घटना ने
जफ क ई घटना ऩूये विश्ि क भानिता क झकझ य ककस प्रकाय कय ड़ों र गों क आत्भा क झकझ य
देती ह औय देशों क सीभाएंी राीघं जाती ह, तफ कय यख हदमा था औय उसका स्ितींत्रता सीं्ाभ ऩय
साहहत्म न के िर उस कार भंे फल्कक कई मुगों तक ककस प्रकाय का दयू गाभी प्रबाि ऩड़ा, त हभंे उस
उससे प्रबावित हुए बफना नह ीं यहता। 13 अप्रर, सभम लरखे गए साहहत्म क ऩ़नना ह गा।
1919 क जलरमािीं ारा फाग भें शाीतं तऩणू ण विय ध
प्रदशणन कय यहे तनहत्थे र गों क तनभभण हत्मा एक िरयष्ठ याजनतमक निद ऩ सयू ने अऩने दादा द्िाया
ऐसी ह घटना थी। इस घटना ने आधुतनक बायत यधचत कविता का अनिु ाद ककमा ह। मह कविता
के इततहास भें एक तनणामण क ऺण ज ड़ हदमा। 1920 भंे लरखी गई थी औय लरखे जाने के तयु ंीत
साहहत्म के ऩरयप्रेक्ष्म भंे बी मह घटना भहत्िऩूणण फाद बिहटश सयकाय ने इस ऩय प्रततफीधं रगा हदमा
थी। याजनीततक गततविधधमों ने ज़ य ऩकड़ा औय था औय उसके फाद दशकों तक इसक ंय ककसी
का ध्मान नह ीं गमा। अनुिाद भें भूर कविता क
रमफद्धता क फड़ी कु शरता से फनाए यखा गमा
ह। ऩुस्तक भंे एक तयप भूर ऩंजी ाफी कविता का
देिनागाय भें लरपमातीं यण हदमा गमा ह औय उसके
साभने उसका अनुिाद ककमा ह।

न नक लसहं : (1897-1971)
ऩंीजाफी उऩन्मास के जनक के तौय
ऩय ख्मातत प्रापत। अधधक लशक्षऺत
न ह ने के फािजूद उनसठ ऩसु ्तकों
का रेखन। इनभें अड़तीस उऩन्मास, अनेक नाटक,
कहातनमों, कवितांीं औय तनफधीं ों के रेखक। ‘इक
भमान द तरिायांी’ के लरए 1962 भंे साहहत्म
अकादभी ऩसु ्काय से सम्भातनत। ‘ऩवित्र ऩाऩी’
उऩन्मास ऩय 1968 भंे कपकभ फनी। ‘धचट्टा रहू’
का नताशा टॉकस्टॉम द्िाया रूसी बार्षा भें अनुिाद।

46 खंड-1, अकं -1 (प्रवेश ंक: वषष 2020)

Khooni Vaisakhi ऩ़नते सभम इस फात का फ ध समीऺक: एम. अस ददु ्दीन
ह ता ह कक इततहास से रूफरू कयाने के लरए SHIP OF SORROWS: उऩन्य स
साहहत्म क ह सिथाण उऩमकु ्त भाध्मभ क्मों ऱेखखक : Qurratulain Hyder
सभझा जाता था। िह जभाना फीत चुका जफ उदषू से अगं ्रेज़ी अनवु द
कविता क जीिन क सकु भर संिी दे नांंी क अनवु दक: सऱीम ककदवई
व्मक्त कयने का, प्रेभ औय य भाींस क अलबव्मल्क्त Women Unlimited, 2019
का औय जादईु ककऩना का एक जरयमा सभझा
जाता था। Ship of Sorrows कु तुरण ऐन हदय
के दसू ये उऩन्मास ‘सफ़ ना-ए-ग़भे
1857 क जागतृ त एक ऐसा सभम था ल्जससे क ई हदर’ (1952) का अं्ी ेजी अनुिाद
बी प्रबावित हुए बफना नह ीं यह सका, कवि औय ह। मह उऩन्मास रेकखका ने देश के
रेखक बी इसके प्रबाि भंे आएीं। िास्ति भें 1919 विबाजन के तुयन्त फाद ऩाककस्तान
क घटना बी ऐसा ह एक भ ड़ थी, जफ अरग- भें व्मापत उऩ्रवि के कार भें लरखा था। इसे
अरग बार्षांंी के रेखकों औय कविमों ने अऩनी रेकखका के ऩहरे उऩन्मास ‘भेये बी सनभखाने’ का
करभ उठाई। अफ साहहत्म का अलबप्राम फग़ीचों भंे लसरलसरेिाय उऩन्मास भाना जाता ह। मह यचना
घूभते हुए प्रेभी क प्रेभ कहानी मा दास्तान मा रेकखका ने आजाद के फाद बायत भें यहते हुए
फ़साने लरखने से नह ीं यह गमा था। मह एक नमा लरखी। Ship of Sorrows भें उन ऩरयल्स्थततमों का
मुग था ल्जसने साहहत्म क नई ऩरयबार्षा द । िणनण ह ल्जनके चरते रेकखका के ऩरयिाय क
साहहत्म जगत भें एक अबतू ऩूिण ऩरयितनण क जन्भ 1947 भें ऩाककस्तान जाने ऩय भजफयू ह ना ऩड़ा।
हदमा। नानक लसहीं क कविता इस ऩरयितनण का ऩाककस्तान भंे ह यहते हुए उन्होंने ‘आग का दरयमा’
एक प्रत्मऺ प्रभाण ह। (1958) उऩन्मास लरखा। उसके फाद का सभम
रेकखका ने बायत भंे बफतामा औय अऩनी रेखनी
रऺ ंद जऱीऱ रेखक, अनिु ादक औय साहहल्त्मक जाय यखी। िर्षण 2007 भें उन्होंने अंीततभ सासंी र ।
इततहासकाय हैं। उन्होंने Jallianwala Bagh: िह फीसिीीं सद क उत्कृ ष्ट उदणू रेकखका थीीं औय
Literary Responses in Prose & Poetry अीं्ेजी बार्षा ऩय बी उनक ऩकड़ उतनी ह भजफूत
(Niyogi, 2019) का सींऩादन ककमा औय कई थी ल्जतनी कक उदणू भें। कु तरुण ऐन हदय ने फीसिींी
ऩसु ्तकंे लरखी।ीं

नवदीऩ सरू ी: ितभण ान भें ऑब्‍ज़ियण
रयसचण पाउंीडशे न भंे सटें य पॉय न्मू
इक नॉलभक डडपर भेसी के पर औय
तनदेशक। बायतीम विदेश सेिा से
सेिातनितृ ्त। अऩने दादा नानक लसहंी
के उत्कृ ष्ट उऩन्मासों का अी्ं ेजी अनुिाद ककमा
ल्जसे ऩेंल्‍िन द्िाया The Watchmaker के नाभ
से औय हाऩयण कॉलरन्स द्िाया A Life Incomplete
औय Khooni Vaisakhi के नाभ से प्रकालशत ककमा
गमा ह।

47खडं -1, अकं -1 (प्रवशे ंक: वषष 2020)

सद भें बायतीम बार्षांीं भंे प्रम गात्भक रेखन का Ship of Sorrows क ऩाठकों के एक विशार िगण
साहस ककमा। देश के विबाजन के द दशकों भें तक ऩहुींचाने भंे अनिु ादक का प्रमास िास्ति भें
उत्तय बायत भें भुल्स्रभ साभतंी ी ऩरयिायों के जीिन सयाहनीम ह। प्रायींब भंे 21 ऩषृ ्ठों भें अनुिादक ने
का सजीि धचत्रण कयते हुए रेकखका ने गींगा-मभनु ी अऩनी अनुिाद-मात्रा क ल्जस प्रकाय व्माख्मा क ह,
तहज़ीफ क लभधित सींस्कृ तत क सींज मा ह। ऩुस्तक उससे उसक प्रततफद्धता औय सींककऩ का अनभु ान
भंे अल्स्तत्ििाद का बी ऩमापण त प्रबाि ऩरयरक्षऺत सहज ह रगामा जा सकता ह। उऩन्मास भंे
ह ता ह क्मोंकक उस सभम बायतीम रेखक सात्रण विलबन्न ऩात्रों के अंीदाज़ औय उनके स्िय के भूर
औय काभू से काप प्रबावित थ।े रहज़े से अीं्ेजी ऩाठकों क िाककफ़ कयाना क ई
आसान काभ नह ीं ह। विदेशी ऩात्रों, स्थानों औय
ऩाठकों के एक िगण क मह याम ह सकती ह कक चीज़ों के नाभ ज्मों के त्मों यखने के लरए
उनके रेखन भें उच्च फुजआुण िगण ह भखु रयत हुआ लरपमाींतयण फड़ी कु शरता से ककमा गमा ह। Ship
ह औय उसभें आभ आदभी के जीिन का ऩमाणपत of Sorrows अनूहदत ऩुस्तकों के लरए अऩने आऩ
धचत्रण नह ीं लभरता। असर भंे हदय ने कबी बी भें एक लभसार ह। सर भ ककदिई का मह प्रमास
आभ आदभी क रेकखका ह ने का दािा नह ंी ककमा। इस उऩन्मास क िह स्थान हदरिाने भें भहत्िऩणू ण
िह अऩने िगण के र गों का धचत्रण कयने भें ह बलू भका तनबाएगा ल्जससे मह ऩसु ्तक िींधचत यह ह।
स्िमीं क सहज भहसूस कयती हंै। उन्हंे रखनिी
तहज़ीफ हभेशा आकवर्षतण कयती यह ह औय उनके एम. अस ददु ्दीन जालभमा लभलरमा इस्रालभमा, नई
रेखन भें उसी का प्राचमु ण ह। हदकर भें अ्ंी ेजी के प्र पे सय हंै औय ितभण ान भें
इस विश्िविद्मारम के डीन, भानविक एिीं बार्षा
अनहू दत ऩसु ्तकों क सभीऺा कयते सभम सभीऺक संकी ाम हंै। हार ह भें आऩके द्िाया प्रेभचदंी क
प्राम: अनिु ाद क उस प्रक्मा क नज़यअंदी ाज़ कयते कहातनमों का अी्ं ेजी अनिु ाद Premchand:
हैं ल्जसभंे से अनिु ादक क गुजयना ऩड़ता ह। भूर Complete Stories के नाभ से चाय खंीडों भंे
बार्षा से स्र त बार्षा भंे विलबन्न बार्षामी औय प्रकालशत हुआ ह।
सांसी ्कृ ततक ऩयींऩयांंी क अऺ‍ु ण फनाए यखना
अऩने आऩ भंे एक कहठन कामण ह। आभ तौय ऩय सऱीम ककदवई: भध्मकार न
सभीऺा रखे क औय उसक ऩसु ्तक क विर्षम-िस्तु
ऩय ह के ल्न््रवत यहती ह, जफकक अनहू दत ऩुस्तक क इततहासकाय, विद्िान औय
सभीऺा के सभम अनिु ादक द्िाया प्रमकु ्त बार्षा
औय रूऩाीतं यण शर ऩय ध्मान हदमा जाना जरूय ह अनुिादक। Same-Sex Love in
जाता ह। अनिु ादक ककसी रखे क क प्रततष्ठा क
फना बी सकता ह औय धूलभर बी कय सकता ह। India: Readings from

कु तऱुष ऐन हैदर: उदणू क प्रख्मात Literature and History का सह-सींऩादन।
कथाकाय। चाय कहानी-स्ंी ह, ऩांची
उऩन्मास औय अनके रघु उऩन्मास कु तरुण ऐन हदय द्िाया लरकखत Begum: The
प्रकालशत। ऩत्रकाय, ऩटकथा रेकखका
औय फीफीसी क िॉडकास्टय यह ी।ं Singer, Song Sung True औय समद रीक
बायतीम ऻानऩीठ, ऩद्भिी, साहहत्म अकादभी औय
ऩद्भबरू ्षण ऩुस्कायों से सम्भातनत। हुसन के कहानी सं्ी ह Mirror of Wonders and

Other Tales के नाभ से अनुिाद।

48 खंड-1, अकं -1 (प्रवेश ंक: वषष 2020)

समीऺक: एन. कमऱ एम. मकु ंु दन: अनेक उऩन्मासों,
The Bells are Ringing in Haridwar: Three कहानी-संी्हों औय नाटक सहहत
Novellas चार स से अधधक ऩुस्तकें
ऱेखक: M. Mukundan प्रकालशत। सिाणधधक बफकने िार
अनुव दक: प्रेम जयकु म र ऩुस्तकों भंे On the Banks of the Mayyazhi,
मऱय ऱम से अंग्रेजी अनुव द Delhi Gathakal औय The Bells are Ringing
Ratna Translation Series, Ratna Books, in Haridwar, सल्म्भलरत। तीन िर्षों तक के यर
Delhi, 2019 साहहत्म अकादभी के अध्मऺ के रूऩ भंे काम।ण

मह भकु ींु दन के तीन उऩन्मासों का ‘साहफ हय फात स्ऩेतनश बार्षा भें लरखते हंै। महद
अनुिाद ह ल्जसभंे एक फड़ा अनिु ादक उसके ऩास नह ंी ह ता त उनका क ई
उऩन्मास औय द छ टे उऩन्मास हैं। अल्स्तत्ि नह ीं यहता। यभेश उसक ल्जह्िा ह। उस
उऩन्मास का कथ्म नमा नह ंी ह, विदेशी व्मल्क्त क ल्जह्िा कु त्ते क ल्जह्िा जसी
मह 1960 के उत्तयाद्धण औय 1970 के ऩूिाणद्णध भंे रार ह। क्मा यभेश िह ल्जह्िा ह ज सेन य हेय ज़ी
लरख गमा ह। प्रेभा जमकु भाय ने य चक ढंीग से के भंीहु भंे कद ह? (ऩषृ ्ठ 5) चयस का आद यभेश
इसका अं्ी ेजी अनिु ाद ककमा ह। इतने रंफी े अयसे के अऩनी खूफसयू त प्रेलभका के साथ एक सपताह के
फाद इसका अनिु ाद ककए जाने से अनके विद्िानों लरए हरयद्िाय जाता ह। उसका भानना ह कक उसे
ने इस ऩय प्रश्न उठाए हैं। क्मा इसका अथण मह ह ऩवित्र नगय भंे जरूय जाना चाहहए। उसका विचाय
कक ऩहरे क तुरना भें अफ अनुहदत कहातनमों क ह ‘मह सपय भाीं के गबण से रेकय धचता ऩय जाने
स्िीकाय ककमा जाने रगा ह? क्मा इनका कथ्म अफ तक का ह। धयती ऩय कह ंी न कह ंी उसक धचता के
द फाया संीगत ह गमा ह? क्मा मह ऩुयाने साहहत्म लरए जगह ह नी चाहहए।’ (ऩ.ृ 7)। भीहं दयों के शहय भें
क ऩुनजीवित कयना ह? क्मा ऩहचान के लरए सबी उसक आस्था फन जाती ह। साधंु ीं क धयती
रेखकों क अीं्ेजी अनिु ाद क जरूयत ह? ‘हरयद्िाय’ उसके हृदम भंे फस जाता ह।

The Bells are Ringing in Haridwar भें भुकींु दन ने कथ्म का ऐसा ताना-फाना फुना ह कक
भकु ींु दन ने कु छ सिारों का जिाफ हदमा ह औय ऩाठक ऩषृ ्ठ ऩरटने के लरए फाध्म ह जाता ह।
बार्षा तथा अनिु ाद भें एक प्रगा़न सींफधीं क िकारत रेखक ने हींसी-भजाक क बी ऩमाणपत जगह द ह,
क ह। नामक यभेश हदकर भें सेन य हेय ज़ी नाभ ज ऩसु ्तक क य चक फनाती ह। प्रेभा जमकु भाय का
के एक विदेशी व्मल्क्त के लरए अनुिाद कयता ह। अनुिाद बी फहुत सनु ्दय ह। शब्‍दों का चमन फहुत
िह इस फात ऩय आश्चमण व्मक्त कयता ह कक सझू फूझ के साथ सट क ढींग से ककमा गमा ह।

एन. कमऱ जिाहयरार नहे रू विश्िविद्मारम, नई
हदकर भंे फ्रें च क प्र पे सय हैं औय अनुिाद
अध्ममन क विशेर्षऻ ह। आऩने यींग र नामक
ऩुस्तक भें कहातनमों का फ्रंे च भें अनुिाद ककमा ह।

प्रेम जयकु म र: भरमारभ से
अ्ंी ेजी क अनुिादक औय ऩत्र-
ऩबत्रकांीं भंे रेखन। अनिु ाद क
ऩुस्तकों भंे God’s Mischief
प्रभुख। ऩुस्तकों का ऩेन्गुइन औय साहहत्म अकादभी
द्िाया प्रकाशन। याभामण, भहाबायत औय ऩुयाणों क
कथांीं का Mango Books औय मूके के Real
Reads के लरए रेखन।

49खंड-1, अकं -1 (प्रवेश कं : वषष 2020)

समीऺक: म य ऩडं डत न रकर स्थावऩत कयते हुए औय प्रश्न उठाते हुए आगे फ़नाते
The Story of Being Useless + Three हैं।
Contexts of a Writer
ऱेखक: Avadhoot Dongare इन रघु उऩन्मासों का अनिु ाद ककसी बी व्मल्क्त के
मर ठी से अंग्रेज़ी अनवु द लरए एक चनु ौती ह ह। जसा कक Three Context
अनुव दक: नदीम ख न of a Writer भंे रेखक एक ऩात्र के भाध्मभ से
Ratna Translation Series, Ratna Books, लरखते हंै- उनके रेखन क शुरआत से रेकय अतंी
2019 तक ऩहुींचते-ऩहुंीचते फहुत फदराि ह ता चरा जाता
ह। मह फात अनिु ाद ऩय बी रागू ह ती ह। िास्ति
The Story of Being Useless + भंे, भूर यचना भें औय उसके अ्ंी ेजी अनुिाद भंे
Three Contexts of a Writer व्माऩक सींदबण के लरए जगह यहती ह औय मह
अिधतू डोंगये द्िाया भयाठी भंे सदीं बण द नों बार्षांंी के फीच एक ऩरु का काभ
यधचत द उऩन्मासों का अनिु ाद ह। कयता ह। महद अनुिाद क भूर यचना का ऩनु रेखन
मह अनुिाद नद भ खान ने अ्ीं ेजी भाना जाता ह त द नों बार्षांंी के फीच का मह
भंे ककमा ह। भयाठी साहहत्म क अ्ंी ेजी के ऩाठकों अीतं यार ह उस ऩनु रेखन क भतू ण रूऩ देता ह।
तक ऩहुंीचाने औय अनिु ाद के लरए इस ऩुस्तक का
चमन कयने ऩय नद भ खान फधाई के ऩात्र हैं। अनुिाद भंे द नों भयाठी रघु उऩन्मासों का न के िर

द नों रघु उऩन्मास भयाठी भें साहहल्त्मक अलबमल्क्त ऩुनरेखन हुआ ह फल्कक उनभंे धचबत्रत जीिंिी ता बी
से भहत्िऩूणण ह। मे उऩन्मास सजृ नात्भक ककऩना हदखाई ऩड़ती ह।
के ससंी ाय से रूफरू कयाते हंै ल्जनभंे रूह़नमों के प्रतत
वि्रव ह का स्िय बी भद्धभ नह ंी ह ता। मे उऩन्मास मह अनहू दत कृ तत द नों भयाठी उऩन्मासों क न
करात्भक सजृ नात्भकता क एक अद्बुत झरक के िर ऩनु जीवित कयती ह फल्कक भयाठी बार्षा का
प्रस्तुत कयते हैं। भयाठी उऩन्मासों क स्थावऩत संपी ्रेर्षण बी कयती ह। इसके साथ-साथ मह ऩसु ्तक
ऩयींऩया से ऩाठक क ऩरयधचत कयाते हुए, कथ्म औय अ्ंी ेजी बार्षा भें अनूहदत साहहत्म क आधुतनक औय
लशकऩ क ऩयंीऩया का प्रतततनधधत्ि कयते हंै। मे उत्तय-आधतु नक संसी ्कृ तत का फ ध कयाती ह।
उऩन्मास प्रत्मऺ औय ऩय ऺ अथण भंे साभजीं स्म
उऩन्मासों क फात कयें त भयाठी भंे ‘पारतू’ शब्‍द
50 खडं -1, अकं -1 (प्रवशे ंक: वषष 2020) के अनेक अथण हंै, जसे कक सस्ता, साधायण,
अप्रासंधी गक, पू हड़, अथहण न आहद। रघु उऩन्मास का
नामक भुम्फई भहानगय के एक र कवप्रम भयाठी
सभाचाय-ऩत्र के ऺते ्रीम सींस्कयण का उऩ संऩी ादक ह।
िह मह भहससू कयता ह कक उसके जीिन के मे
सबी काभ ‘अथहण न’ हैं। उसे ऩत्रकारयता के क सण भें
ऩ़नामा गमा था कक ककसी बी सभाचाय-ऩत्र भंे उऩ
सऩीं ादक भखु ्म आधाय ह ता ह क्मोंकक िह इस फात
का तनधाणयण कयता ह कक कौन-सा सभाचाय
प्रकालशत कयने म ‍म ह औय कौन-सा नह ।ीं रेककन
उसका अनबु ि बफरकु र विऩय त ह ता ह। उसे ऐसे
काभ बी कयने ऩड़ते हंै ज बफरकु र साधायण हंै,
नीयस हंै औय ल्जनक क ई साथकण ता नह ीं ह ती।
ऐसी सकु खमण ांी औय रयऩ टंे प्रकालशत ह ती हंै ज
के िर विविधता के लरए द जाती हैं, बायत सभेत
दतु नमा-बय भंे ह यह घटनांंी क खफयंे द जाती

हैं ल्जनक न त क ई प्रसधीं गकता नह ंी ह ती ह औय छऩा ह िह क ई औय ह! क्मा मह विखींडडत
न ह क ई ऐततहालसक भहत्ि, इनसे के िर छवि ह व्मल्क्तत्ि क लभसार ह? क्मा िह ऩहरे रघु
खयाफ ह ती ह। वप्रटीं भीडडमा से मह उम्भीद क उऩन्मास का उऩ सीऩं ादक ह? मा कपय िह ऩहरा
जाती ह कक उसभें सभाज क सभझ ह , रेककन प्रकयण ह? उऩ संऩी ादक क तयह िह बी स्िमंी क
महाीं क ई सभाज हदखाई नह ीं ऩड़ता। उसका एक पारतू सभझता ह औय अऩने रेखन से िह कबी
लभत्र कहता ह- ‘ऩत्रकारयता फकिास ह।’ सींतषु ्ट नह ंी ह ता। िह अरग-अरग सींदबों भें औय
अऩने शब्‍दों भें तनयंीतय उरझा यहता ह। िह अऩने
उसे उक्ताहट भहससू ह ने रगती ह ककन्तु िह कु छ अंीदय झाींकता ह औय िहाीं खार ऩन के अरािा कु छ
बी कयने भंे असभथण ह। द रूऩए के लरए नह ंी देख ऩाता। इसलरए उसे रगता ह कक उसे
रयक्शाचारक से झगड़ा औय हभराियों से खदु क रगाताय लरखते यहना ह गा। रेककन उसका लरखा
फचाते हुए, इभायत से धगयकय रड़क क भौत, िह साहहत्म क ई चयु ा रेता ह औय अऩने नाभ से
हय जगह खुद क फेफस भहसूस कयता ह। िह इस छऩिा रेता ह। क्मा िह ऩूय तयह ईभानदाय ह?
दतु नमा से बाग जाना चाहता ह, ककन्तु बाग कय िह क्मों लरखता ह औय उसके लरखे शब्‍दों के क्मा
जाए कहांी? इस व्मिसाम भें आने िारे फच्चों क भामने हंै?
नीतत क लशऺा देना औय उनके साथा नततक-
अनततक क चचाण कयना, सफ छरािा ह। खफयें इस तयह Three Contexts of a Writer रघु
ट्रकपक क तयह हैं, कहांी से आ यह हंै औय कहाीं उऩन्मास भें रेखन ऩय ह सिालरमा तनशान रगामा
जा यह हैं, मह सभझना फहुत भुल्श्कर ह। उसे गमा ह। ऩहरे उऩन्मास भंे काभू औय काफ्का का
जीिन क साथकण ता चाम फेचने िारे भंे, ऩुयानी स्िय सुनाई देता ह त दसू ये उऩन्मास भंे श य औय
ककताफंे फेचने िारे रड़के भंे, तीन टाीगं ों िारे कु त्ते आल्स्तत्ि के फीच भंे एक व्मल्क्त क विभ्ाीतं त क
भंे औय एक मिु ा दंीऩवत्त भें हदखाई ऩड़़ती ह। धचबत्रत ककमा गमा ह।

दसू ये उऩन्मास भंे एक रेखक ह ज अऩनी यचनांंी नद भ खान द्िाया द नों उऩन्मासों का अनिु ाद
के तीन सदंी बण तराश कयता ह औय खुद क शालभर उत्कृ ष्ट ह। अनिु ाद क बार्षा सींिादों औय
कयके तीन चरयत्रों का तनभाणण कयता ह। ऩहरा ऩरयल्स्थततमों का सजीि धचत्रण कयती ह। रेखक क
अलबव्मल्क्त का अनुिाद कयने क करा सयाहनीम
व्मल्क्त करय-ब्‍राइींड ह ज फिासीय के य ग से हंै। अनिु ादक ने भयाठी कथ्म के साथ स्िमीं क
आत्भसात कयके अनुिाद कामण ककमा ह। अनुिादक
ऩीडड़त ह औय उसक ऩत्नी के गबाशण म भें ने फाहु ऩाधेम औय विश्िास ऩाहटर जसे अरग-
अरग भयाठी रेखकों के अनिु ाद के ्भ भें इसे
पाइिॉइड्स ह; दसू या ऩात्र सािर नाभ क रड़क ह प्रस्ततृ ककमा ह।
ज विश्िविद्मारम भें याजनीतत विऻान ऩ़नाती ह
सफसे य चक फात मह ह कक अनुिाद भंे द नों
औय तीसया ऩात्र रेखक स्िमंी ह। ककन्तु महाीं एक बार्षांीं का लभिण फड़े सुन्दय ढंीग ककमा गमा ह।
ऩेचीदगी ह, उसे रगता ह कक िह एक रेखक ह, द बार्षाई अलबव्मल्क्त भें सजृ नात्भकता स्ऩष्ट
ऩरयरक्षऺत ह ती ह। अी्ं ेजी बार्षा तन:सदीं ेह अच्छी ह
उऩन्मासों का रेखक। ककन्तु किय ऩय ल्जसका नाभ औय उसभंे प्रिाह ह। कह ीं-कह ीं िह भयाठी के तनकट
चर जाती ह औय उसका रहजा य चक ढंीग से
अवधूत डोंगरे: भयाठी भें चाय ऩाठकों के साभने आता ह। इस अनुिाद क एक
विशेर्षता मह ह कक कई स्थानों ऩय हहन्द कपकभों
उऩन्मास स्ितहरा पारतू के गीतों का इस्तभे ार ककमा गमा ह। कह ंी-कह ंी
भयाठी अऩशब्‍द अखयते हंै। विविध प्रकाय के
सभाजन्माची (2012), एका सांीस्कृ ततक कथ्म का अंी्ेजी भें अनिु ाद अनठू े ढींग

रेखकाचे तीन संदी बण (2013), ऩान 51खडं -1, अकं -1 (प्रवेश ंक: वषष 2020)

ऩानी नी (2015) औय लबनबत्रिचाण

चश्भा (2018) प्रकालशत। स्ितहचा अिकाश

तऩसतना (2017) तनफीधं -संी्ह तथा फार कहातनमों

क एक ऩुस्तक प्रकालशत।

से ककमा गमा ह। अनिु ाद न के िर भूर कथ्म क समीऺक: नबननऩ भट्ट च जी
नमा जन्भ देता ह फल्कक बार्षामी सींयचना क बी Tiger Woman
नमा रूऩ देता ह। नद भ खान अऩने इस प्रमास भंे ऱेखक: Sirsho Bandopadhyay
सपर यहे हैं। ब गं ्ऱ से अंग्रेज़ी अनुव द
अनवु दक: अरुणव लसन्ह
म य ऩडं डत न रकर ई एप एर विश्िविद्मारम, Picador India, New Delhi, 2019
हदयाफाद से अीं्ेजी क सेिातनितृ ्त प्र पे सय हंै।
उन्होंने पे लभतनस्ट सभीऺा, अनिु ाद अध्ममन औय बायत के ककसी बी ऐततहालसक कार
भयाठी यींगभचंी ऩय कामण ककमा ह। उनके अनुिाद ने रेखकों का इतना अधधक ध्मान
कामों भंे Baby Kamble’s The Prisons We आकावर्षतण नह ंी ककमा ल्जतना फगीं ार
Broke, Urmila Pawar’s The Weave of My क उन्नीसिीीं सद ने ककमा ह।
Life, Dario Fo’s An Accidental Death of an फींगार ‘निजागयण’ के उदम आय
Anarchist, and Ramu Ramnathan’s विकास का सभम औय खास तौय ऩय ‘फगीं ार र ग’
Mahadevbhai, Jayant Pawar’s The रगबग सबी ऺेत्रों भंे शानदाय उऩरल्ब्‍धमों के लरए
Nowhere People and Sanjay Pawar’s Pass विख्मात हंै। इसलरए उन्नीसिींी सद आधतु नक
the Buck on Brother; Mahatma Phule’s फगंी ार ऩहचान का सिाणधधक भहत्िऩूणण हहस्सा फन
Slavery, Saniya’s Thereafter, among गई हंै। हाराकीं क इततहासकायों ने सभम-सभम ऩय
several others. आऩक ऩुस्तक Gopal Ganesh निजागयण ऩय काप कु छ लरख ह रेककन कपय बी
Agarkar, Adventures with Grammar and सभीऺकों के लरए मह ऩमाणपत नह ीं हंै।
Compositions औय काव्म सं्ी ह, Talkhali हंै।
उन्नीसिींी शताब्‍द भें फगंी ार भंे फहुत अधधक रेखन
नदीम ख़ न: अी्ं ेजी के अध्माऩक। हुआ ह, साहहत्म बी औय अन्म रेखन बी। इस
िर्षण 1973 भंे भयाठी के प्रख्मात ्भ लशफनाथ शास्त्री द्िाया यधचत ‘याभतनु राहहय ’
उऩन्मासकाय बाऊ ऩाधमे औय भें तत्कार न फंीग सभाज (1940) औय सुनीर
विश्िास ऩाहटर क ऩसु ्तकों तथा गंगी ऩाध्माम द्िाया यधचत ‘शईे श भ म’ (199-
हहन्द कहानीकाय दधू नाथ लसहीं क कहातनमों का 1182) विशेर्ष उकरेखनीम हंै। िीश फीदं ऩाध्माम का
अंी्ेजी भंे अनुिाद। सत्म सयण क ऩुस्तक My
Daughter, My Shakti का हहन्द से अी्ं ेजी भंे
अनिु ाद।

52 खडं -1, अकं -1 (प्रवेश ंक: वषष 2020)

लसरशो बदं ोऩ ध्य य: ऩत्रकाय एिीं का धचत्रण ककमा गमा ह । अत:, Tiger Woman
रेखक। ितभण ान भें फंगी ार दतनक हभंे उऩतनिेश-विय धी फीगं ार ऩहचान औय
आजकर से सीफं द्ध। टाइगय िभु न के (बायतीम) याष्ट्रिाद का फ ध कयाती ह।
अततरयक्त अन्म चाय उऩन्मास
Tiger Woman प्रत्मेक ष्ल्ष्ट से ऐततहालसक यचना
प्रकालशत। ह। मह उऩन्मास हभंे ‘स्िदेशी’ सकण स के जरयए
सींस्कृ तत का ऩरयचम कयाते हुए फगंी ार याष्ट्रिाद का
उऩन्मास ‘शादणरू सनु ्दय ’ (2016) बी इसी िेणी भें फ ध कयाता ह। सुशीरा सनु ्दय औय शेयों से उसके
आता ह। अरूणि लसन्हा ने Tiger Woman नाभ प्रेभ का धचत्रण इस उऩन्मास क विशरे ्षता ह।
से अनूहदत उऩन्मास अन्म बार्षा-बार्षी ऩाठकों के हाराकीं क उऩन्मास भें उसक उऩल्स्थतत सीलभत ह
लरए उऩरब्‍ध कयामा ह। इस छ टे से उऩन्मास भंे रेककन इस ऩुस्तक क ऩठनीम फना देती ह।
हाराीकं क उन्नीसिींी सद के सभम का ह धचत्रण ह,
ककन्तु मह अनूठा विर्षम ह। उन्नीसिींी सद के अतंी नबननऩ भट्ट च जी िी िंेकटेश्िय कॉरेज, हदकर
भें करकत्ता भें वप्रमनाथ फ स ऩहर काभमाफ विश्िविद्मारम, नईर हदकर भें अध्माऩन कयती हैं।
फंीगार सकण स के ससंी ्थाऩक/रयगंी भास्टय थे औय
सशु ीरा सदुीं य (भंीच का नाभ) एक मिु ती इस सकण स अरुणव लसन्ह : फा‍ीं रा साहहत्म का
क कराकाय औय शये ों क सबंी ारने का कामण देखती अ्ीं ेजी भें अनिु ाद। रगबग ऩचास
थी। सकण स ऩय फहुत ज्मादा उऩन्मास नह ंी लरखे अनूहदत ऩुस्तकें प्रकालशत। ्ॉसिडण
गए हंै ल्जनभंे अदीं रूनी कामपण ्रणार औय याजनीतत ट्रांीस्रेशन अिाडण औय अनुिाद के
लरए म्मूस इंीडडमा अिाडण से सम्भातनत।

िर ऑप िड्णस अतीं याणष्ट्र म साहहत्म एिंी िर ऑप िड्सण अींतयाणष्ट्र म साहहत्म एिंी
करा भह त्सि - 2019 भंे ऺते ्रीम बार्षा से करा भह त्सि - 2019 भंे अंी्ेज़ी कफ़क्शन
अी्ं ेज़ी भंे अनुिाद िेणी भें ऩयु स्कृ त िेणी भें ऩुयस्कृ त
एक ज ऑप द िीणा द भन हू सेव्ड इंीडडमा
रेखक: आय. चदु ाभकण रेखक: हहडीं र सेनगुपता
प्रकाशक: यत्ना सागय प्रकाशक: ऩंेगइु न यनडभ हाउस इींडडमा

53खडं -1, अकं -1 (प्रवेश ंक: वषष 2020)

ककशोरों के लिए ह दं ी में लिखी गयी पुस्तकें

समीक्षक: डॉ. सुशीि उप ध्य य सह -सह पररप्रेक्ष्य में प्रस्ततु करती हंै। इस सगीं ्रह
खखड़ककयों से झ ाँकती आँखा ंे की कहाननयों मंे भारतीय और अमेररकी संीस्कृ नत के
िेखखक : सधु ओम ढीगं र समान और ववर्षम मलू ्य, दोनों की सहज प्रस्तुनत
लशवन प्रक शन, 2019 हुई है।

सधु ा ओम ढ ंीगरा अपनी कहाननयों सधु ा ओम ढ ंगी रा परू े पररदृश्य को व्यापक दृक्ष्ट से
के जररए एक ऐसे सींसार की रचना देिती हैं और यह दृक्ष्ट उनके इस सगंी ्रह की पहल
करती हैं, जो प्रवासी भारतीयों के कहानी "खिड़ककयों से झाींकती आंीिंे" से लेकर
भावों की अभभव्यक्तत के साथ-साथ अंीनतम कहानी तक हदिाई देती है। खिड़ककयों से
उनके भीतर होने वाले सघंी र्षों का झांीकती कहानी अत्यींत सींवेदनशील धरातल पर
भी जीवतीं दस्तावेज बन कर सामने आती हैं। भलिी गई है। यह ऐसे लोगों की कहानी है क्जन्होंने
"खिड़ककयों से झाकंी ती आंिी ें" सधु ा ओम ढ ंगी रा का अपनी जड़ों से अलग होकर भौनतक रूप से बड़ी
सातवाीं कहानी संीग्रह है। इससे पहले उनके 6 तरतकी हाभसल की है, लेककन जीवन के उत्तराधा मंे
कहानी संकी लन और 5 काव्य संीग्रह आ चकु े हंै, उनकी आंीिें अपने उन ररश्तों को तलाश रह हैं
क्जनमंे एक काव्य ऑडियो संीग्रह भी शाभमल है। क्जसकी उन्हंे इस वतत सवाधा धक जरूरत है। कहानी
उनके सम्पादन में प्रकाभशत प्रवासी महहला का फलक इतना व्यापक है कक अपनी धरती से दरू
साहहत्यकारों की कहाननयों और कववताओीं के संीग्रह गया हर व्यक्तत इसमंे िदु को पा सकता है।
भी चचाा मंे रह चकु े हंै। कहानी के पात्रों के बीच मौजूद भावनात्मक सघीं र्षा
बहुत गहर सीवं दे ना के साथ प्रस्तुत होता है।
सधु ा ओम ढ ींगरा के रचना कमा की एक महत्वपूर्ा हर ककसी के जीवन मंे उम्र का एक दौर ऐसा आता
ववशरे ्षता यह है कक वे ववदेश में रहकर आज के है, जब व्यक्तत अपनी जन्मभूभम की तरफ लौटना
भारत को रचती हंै। वह एक ओर अपनी थाती को चाहता है, लेककन उसके सपनों मंे जो जन्मभभू म
सभंी ाल कर रिती हंै और समकाल न समय की बैठी हुई है, वह शायद इतने अंीतराल के बाद उसे
अनदेिी भी नह ंी करतींी। खिड़ककयों से झांकी ती स्वीकार करने की क्स्थनत में नह ीं रह जाती। इसी
आींिंे सगंी ्रह मंे भी यह बात बार-बार पषु ्ट होती है कहानी का एक पात्र कहता है, "जब पौधा वकृ ्ष बन
कक वे अतीतजीवी नह ीं हैं, वरन आज के संदी भों को गया तो हम उसे उिाड़ कर कफर पुरानी धरती में
लगाने ले गए। क्जन ररश्तों के भलए पौधा ववदेश मंे
वकृ ्ष बना, उन्ह ीं ररश्तों ने स्वाथा की ऐसी आीधं ी
चलाई कक वकृ ्ष के सारे पत्ते झड़ गए, टुींि-मीिुं हो
गए। परु ानी धरती और टुंीि-मुंिी हुए वकृ ्ष, दोनों ने
एक दसू रे को स्वीकार नह ीं ककया।"

सुधा ओम ढ ंीगरा के न के वल इस कहानी सीगं ्रह,
वरन अन्य सकीं लनों की कहाननयों मंे भी यह बात
बार-बार उभर कर आती है कक न तो ववदेश में सब
कु छ बरु ा है और न ह सब कु छ स्वदेश में अच्छा
है। अच्छे और बरु े का अींश सभी जगह मौजदू रहता
है। हालाकंी क, यह बात जरूर है कक जब हम अपने
देश के सीदं भा मंे सोचते हैं तो भावुक हो कर सोचते

54 खडं -1, अकं -1 (प्रवशे ंक: वर्ष 2020)

हंै, जबकक पराये देश के बारे में सोचते हुए हमारा की उम्मीद देिने लगती हंै। प्रेम के इस एक पमै ाने
बुवि पक्ष प्रबल होता है। को ध्यान में रिकर अगर सुधा ओम ढ ंीगरा की
इस ककताब को पढा जाए तो पाठक को लगेगा कक
इस सगीं ्रह की अन्य कहाननयांी 'वसलू ' और 'एक उसने अपने समय का सह उपयोग ककया है।
नई हदशा' भी उल्लेिनीय कहाननयाीं हैं। 'वसूल ' डॉ. सशु ीि उप ध्य य: पत्रकार, लेिक एवीं भशक्षक।
नाम से पूवा मंे भी उनका एक कहानी संगी ्रह आ चमनलाल महाववद्यालय, हररद्वार मंे प्रधानाचाय।ा
चकु ा है। सधु ा ओम ढ गंी रा की कहाननयों की मीडिया, भार्षा और साहहत्य ववर्षयक चौदह पसु ्तकंे
सामान्य प्रवकृ ्त्तयों को देिें तो उनमें वतमा ान प्रकाभशत।
भारतीय सरोकारों के साथ-साथ समकाल न
प्रवकृ ्त्तयों का बहुत सहज प्रस्फु टन हदिाई देता है। सुध ओम ढीगं र : कहानीकार और
सुधा ओम ढ ींगरा हहदंी के उन धगने-चुने प्रवासी कवनयत्री। हहन्द चते ना नामक
साहहत्यकारों में उल्लेिनीय नाम है, क्जन्हें हहदीं के पत्रत्रका की संपी ादक। अनेक
मुख्य धारा के समकाल न साहहत्य में सम्मान के पुरस्कारों से सम्माननत।
साथ पढा जाता है। उनका का बहुभार्षी होना भी
उनकी कहाननयों के सांसी ्कृ नतक फलक को व्यापकता वैल ऑफ वर्डसा अींतरााष्र य साहहत्य एवंी
प्रदान करता है। यहद अन्य प्रवासी साहहत्यकारों के कला महोत्सव - 2018 मंे ककशोरों के भलए
रचनाकमा से तलु ना करंे तो एक अंीतर साफ हदिता भलिी गई पुस्तक श्रेर्ी में परु स्कृ त
है कक उनके पात्र आज के भारत के पात्र हैं, वे भमक्ष्ट- द भमर्ाापुर लेब्रािोर उर्ा भमक्ष्ट के
आज के दौर की भार्षा बोलते हंै और आज के कारनामे
भारत की ताकत को महसूस करते हैं। लेिक: धगभलयन राइट
प्रकाशक: स्पीककंी ग टाइगर पक्ललभशगीं
वस्ततु ः अच्छी कहानी वह होती है जो पाठक को
अपने भीतर समेट ले और कहानी को पढते वतत
पाठक यह भलू जाए कक वह कहानी के पात्रों से
अलग है। इस मानक पर सुधा ओम ढ गंी रा की
प्रायः सभी कहाननयांी िर उतरती हैं। इस संीग्रह की
कहाननयों के पात्रों की सींवाद शैल और तका पिनत
उनकी गहन मनोवैज्ञाननक दृक्ष्ट को भी प्रस्ततु
करती हंै। इस सींग्रह की कहाननयों का घटनाक्रम
अमेररका की धरती है, लेककन उनके ज्यादातर पात्र
भारतीय हंै इसभलए पाठक को इन कहाननयों के
साथ जडु ़ने में कोई बाधा नह ंी आती। लेखिका
प्रायः सभी कहाननयों मंे जहटल प्रश्नों को उठाती हंै,
लेककन कई बार सरल समाधान की तरफ जाने की
कोभशश करती हैं। कई जगहों पर भार्षा का प्रवाह
बाधधत भी होता है। पर, कु ल भमलाकर सभी
कहाननयांी पठनीय हैं। "खिड़ककयों से झांीकती आंीिें"
कहानी में आिीं ें उन विृ ों का प्रतीक हंै, क्जनके
बच्चे सफलता की सीहढयांी चढते हुए जीवन मंे
बहुत आगे बढ गए और वे आींिंे राह देिती रह
गई हैं। प्रेम की तलाश मंे ये आीिं ंे ककसी के भी
साथ जुड़ जाती हंै और कफर उसी में क्जंीदगी जीने

55खंड-1, अकं -1 (प्रवेश कं : वर्ष 2020)

समीक्षक: डॉ. र जशे कपूर कहा जाएगा। पहल कहानी ‘कफर कभी’ रेलवे
गलियों के श ज़ दे स्टेशन के प्लटे फामा पर छु टपटु जरूरत की चीर्ें
िेखखक : न लसर शम ष बेचकर गरु ्र-बसर करती छोट -छोट लड़ककयों के
प्रभ त प्रक शन, 2019 जीवन का माभमका धचत्रर् करती है। अनाथ हो जाने
के कारर् या पररवाररक क्स्थनतयों की वजह से घर
समकाल न हहन्द साहहत्य के क्षते ्र छोड़ने को मजदरू होकर नारकीय जीवन जीती
में नाभसरा शमाा का नाम बड़े अदब लड़ककयों को कर ब से देिती हुई लेखिका अपने
से भलया जाता है। कहाननयांी हो या पाठक को वस्तकु ्स्थनत से पररधचत कराती हुई
उपन्यास, लेि हों या संीस्मरर्, भलिती हंै- ‘…दो समय भोजन िानवे ाले यह
नाभसरा की लेिनी का कोई सानी नह ीं है। जीवन कमभसन बच्चे जब सारे हदन की मेहनत के बाद
के अनभु ावों के आधार पर देिे और भोगे हुए भसफा एक समय भोजन ले पाते हंै, तब इनकी
यथाथा को कलमबि करना और उसे परू सजंी ीदगी हर्डिील काया थकने लगाती है। ऊपर से गटु का
के साथ पाठकों को रूबरू कराने की कला लेखिका और नशे की दसू र चीर्ों के सेवन के बाद कफर
को अलग पहचान हदलाती है। पात्रों की क्स्थनतयों- यह ककसी काम के नह ंी रह जात।े उस समय कू ड़े
पररक्स्थनतयों का धचत्रर् तो है ह , साथ ह साथ से बरामद चीर्े बीनकर भसफा इतना कमा पाते हैं
उन पर प्रश्न धचह्न लगाते हुए चलना उनकी कक या नशा करें या कफर रोट िाएंी।’ नन:सदीं ेह
लेिनी की ववशेर्षता है। कहानी समाज को इन बच्चों के बारे में सोचने पर
वववश करती है।
‘गभलयों के शहजादे’ नाभसक शमाा की बारह
कहाननयों का सगंी ्रह है। गभलयों मंे घमू त,े कू ड़ा पुस्तक मंे बच्चों के जीवन का धचत्रर् ह नह ंी
बीनते या कोई छोट -छोट चीर्े बेचते बच्चे अतसर बक्ल्क बाल-मन की आशाओ-ंी आकांीक्षओीं, उमगंी ों एवीं
शहरों और कसबों के बाजारों, बस अर्डिों, रेलवे उल्लास के साथ-साथ भय और आशंीकाओंी का पक्ष
स्टेशनों आहद पर हदिाई दे जाते हंै। तरे ् रर्तार भी अछू ता नह ीं रहा है। ‘सबीना के चल स चोर’
दौड़ती क्र्न्दगी में उनकी तरफ शायद ह ककसी का बाल मनोववज्ञान की दृक्ष्ट से हहन्द कहानी-जगत
ध्यान पड़ता हो। ऐसे बच्चों के जीवन को कर ब से में एक मील का पत्थर है। सापंी ्रदानयकता की लपटों
देिती-समझती कहाननयाीं भलिना साहहत्य और की आचंी बाल मन को ककस हद तक प्रभाववत
समाज के भलए लेखिका का एक अनूठा योगदान ह करती है, इस बात अहसास कराती यह कहानी
सापंी ्रदानयक समाज के मंीुह पर एक करारा तमाचा
56 खडं -1, अकं -1 (प्रवेश ंक: वर्ष 2020) है। साींप्रदानयकता को बढावा देने वाल दररदीं गी और
छोट बच्ची सबीना की मासभू मयत की यह कहानी
ननक्श्चत रूप से लेखिका को अलग पहचान हदलाती
है। ‘मटमलै ा पानी’ सत्रह साल की एक लड़की
फु लवा की कहानी है जो पररक्स्थनतयों से वववश
होकर शोर्षर् का भशकार होती है और चाहकर भी
उसमंे से बाहर नह ीं ननकल पाती। वह बार-बार
भरोसा करती है हर बार उसका ववश्वास लहू-लहु ान
होता, समाज को शमसा ार करता है। हर घटना के
बाद वह नतल-नतल टू टती चल जाती है। उसकी इस
त्रासद को लेखिका ने इस प्रकार बयान ककया है-
‘यह फु लवा की भूल थी। दसू रे हफ्ते कफर कोई
आया और ककसी दसू र तरह से हादसा दोहराया
गया। इस बार फु लवा की भशकायत पर उसको

खझड़की भमल । तीसर बार िाीटं और चौथी बार जब जूठन उठाकर िाने को मजबूर बच्चों का माभमका
वह भागी तो मार, कफर ताले मंे बदंी कै द। यह धचत्र उके रती हुई लेखिका कहती हैं-’ दाग़ लगा फल,
भसलभसला ऐसा चल पड़ा कक फु लवा ने मजबरू हो बासी परू , के क का टु कड़ा या कफर कोई स्वाहदष्ट
उसी को अपना जीवन समझा भलया।’ व्यंीजन प्लाक्स्टक मंे बंधी ा ठीक-ठाक हालत मंे होता
तो उसको पहले सघंूी त,े ख़राब न होने की शींका दरू
इसी प्रकार ‘गंूीगी गवाह ’ बच्चों के यौन-शोर्षर् का हो जाती तो वे िदु िा लेत।े इस बटीं वारे पर कु त्ते
धचत्रर् करने के साथ-साथ इस तरह की घटनाओीं नारार् होकर कभी भौंकते नह ीं थे, बक्ल्क प्यार से
के प्रनत समाज के पत्थर-हदल रवैये को भी उनका हाथ-परै चाट अपनी स्वीकृ नत जताते थे कक
रेिाकंी कत करती है और पभु लस प्रशासन की उदासीन कोई बात नह ीं, भिू तो तुम्हंे भी लगी होगी, पेट
प्रवकृ ्त्त की भी पोल िोलती है। ‘भमट्टी का सफर’ भरकर िा लो।’
और ‘भमस्टर ब्राउनी’ ऐसी कहाननयांी हंै जो
इन्साननयत को ठें गा हदिाती सांपी ्रदानयकता और पसु ्तक मंे रिी गई सभी कहाननयों मंे भार्षा की
लोगों के बीच नफरत फै लाती राजनीनत की सरलता और प्रवाह ववद्यमान है। सहज शैल में
सावभा ौभमकता की बात बेबाकी से करती हंै। ‘भमस्टर रोचकता बनाए रिते हुए कह गई कहाननयाीं पाठक
ब्राउनी’ में िशु ीजान भसयासत से उकताकर अपनी को पन्ने पलटने पर वववश करती हैं। कह ीं-कह ंी
झुझंी लाहट व्यतत करता हुआ कहता है- ‘हमंे अरबी-फारसी के शलदों के अथा फु टनोट में हदए जा
भसयासत से तया लेना-देना? भसयासत हमार माीं है, सकते थे। कु छे क स्थानों पर वप्रहंी टगीं की त्रहु टयाीं हैं।
बाप है, हमको रोट , कपड़ा, मकान देती है? अरे कु ल भमलाकर पसु ्तक पठनीय तो है ह , समाज को
भाई, भसयासत हमंे नह ीं चाहहए। हमें भसफा चार पसै े आईना हदिाती हुई कहाननयों की एक ववशरे ्षता यह
चाहहए और हदल का सुकू ना।’ भी है कक इनमें आशावाद दृक्ष्टकोर् को छोड़ा नह ीं
गया है। कहाननयों मंे समाज पर उठाए गए सवालों
‘आया बसीतं सिी’ में लिनऊ की धचकनकार का का उत्तर भी भमलता है और हैरान-परेशान कर देने
काम करती महहलाओीं की तगंी हाल और उनके वाल पररक्स्थनतयों के बीच आशा की ककरर् भी
शेर्षर् को बिूबी धचत्रत्रत ककया गया है। कहानी की सभी कहाननयों में हदिाई पड़ती है। लेखिका के
एक पात्र गलु बानो के माध्यम से उन महहलाओीं अन्य कहानी सींग्रहों की तरह इस सीगं ्रह को भी
की क्स्थनत का धचत्रर् लेखिका ने इस प्रकार ककया उत्कृ ष्ट साहहक्त्यक दस्तावजे कहने में कोई गुरेर्
है- ‘…दस्तकार के नाम पर हाथ, कमर, आिीं ंे फोड़ों नह ंी है।
और तोड़ो, तो भी इस पेट के दोर्ख़ मंे कम्बख़्त
आग सलु गती रहती है।’ त्रबचौभलयों के जररए काम डॉ. र जशे कपरू : ववभभन्न पत्र-पत्रत्रकाओंी में लेि,
करने पर बाध्य महहलाओंी की दयनीय क्स्थनत को कहाननयाीं और कववताएीं प्रकाभशत। शोध पत्रत्रका और
सुलताना के सींवाद मंे व्यतत ककया गया है- ‘…उस अनेक पत्र-पत्रत्रकाओंी का संपी ादन। अखिल भारतीय
शबरातन की जवान लड़की का हाल ककसी से छु पा स्वतंीत्र लेिक मचीं द्वारा कहानी लेिन के भलए
है! पेट से थी। लाला का लड़का ज़्यादा मर्दरू देने सरस्वती रत्न सम्मान।
का लालच हदिा इज़्र्त लटू ता रहा। बाद में जान
से गई ग़र ब। करती तया, शीश पीसकर फाकंी गई। न लसर शम ष: प्रभसि लेखिका एवीं
हमारे भलए तो ये त्रबचौभलए ह भले हैं, जो कई अनुवादक। ‘ठीकरे की मँगनी’,
दसू र परेशाननयों से हमंे बचाते हंै।’ ‘पाररजात’, ‘शाल्मल ’, ‘क्र्ंीदा
मुहावरे’, ‘कु इयाँजान’ जसै े प्रभसि
अंनी तम कहानी गभलयों के शहर्ादे कू ड़े के ढेरों में उपन्यासों का लेिन। अनके पसु ्तकों का अनुवाद।
प्लाक्स्टक बीनते बच्चों की व्यथा कहती हुई, इींिो-रभशयन भलटरेर तलब द्वारा धचन्रन राइहटगीं
माभमका धचत्रर् करती है। कू ड़े के ितरों से अनजान अवािा से सम्माननत।
बच्चे अपना पेट भरने के भलए वह ीं अपना जीवन
तलाशते नर्र आते हैं। गीदं , बदबदू ार जगहों से 57खडं -1, अकं -1 (प्रवेश कं : वर्ष 2020)

ककशोरों के लऱए अगं ्रेज़ी मंे लऱखी गयी ऩुस्तकें

समीऺक: गौरी शम ष इस कथानक ऩय एक फडे फजट की कपल्भ
A CLOUD CALLED BHURA: CLIMATE ‘KKloud Kon Kya Kaha?’ की घोषणा की गई
CHAMPIONS TO THE RESCUE है। भीडडमा इस जस्थतत को देश के लरए गौयव के
ऱेखखक : Bijal Vachharajani ऺण के रूऩ भें देखता है क्मोंकक इस ऩय
Talking Club, 2019 अतॊ ययाष्ट्ट्रीम ध्मान जाता है। हभायी प्राथलभकताओॊ
ऩय ध्मान ददमा जा यहा है क्मोंकक ‘क्राउड’ ने
भॊफई शहय बमावह धूसय धॊध के बायत को तयजीह दी है जफकक अन्म रेखकों का
चऩेट भें आ गमा है, जजसभें झकाव न्ममू ॉकश औय घातक एलरमन्स, खतयनाक
गगनचॊफी इभायतों के आसऩास जानवयों औय दैत्मों की तयप यहता है।
जहयीरी गैसंे भडॊ याती हैं। कोई नहीॊ ......ऩस्तकारम जाने के लरए खारी सभम भंे
जानता कक मह धॊध कहाॊ से आई है, ऩयॊत ऐसा स्कू री फच्चों के लरए उचचत फार-कथा के रूऩ भंे
प्रतीत होता है जसै े सऩनों की नगयी भंे अॊधकाय इस ऩस्तक को नहीॊ यखा जा सकता। इस ऩस्तक
छामा हआ है। ट्ववटय ऩय भंे हय उम्र के रोगों के लरए आदशशवादी ववचायधाया
#BhuraCloudusWhoRU ट्रेंड चर यहा है, जफकक है, जजसभें इस देश के शजक्तशारी रोगों द्वाया
दसू यी तयप रोकवप्रम भीडडमा चैनर ‘खफय बमकॊ य’ तनणमश लरए जाने की सस्त चार को स्वीकाय ककमा
के होस्ट इस खफय का चचल्रा-चचल्रा कय प्रचाय गमा है। स्ऩष्ट्ट रूऩ से हभ दतनमा के लरए अऩनी
कय यहे हैं। दशकश ों को शहय ऩय भडॊ याने वारे इन ज़िम्भेदायी औय भानवशास्रीम दृजष्ट्ट की अनदेखी
अततयॊजजत फादरों से बमबीत होने के लरए भजफूय को कफ तक फदाशश्त कय सकते हैं? ऩस्तक की
ककमा जाता है। प्रत्मेक ऩॊजक्त ऩाठक सजग कयती है। ऩयॊत रेखक
इसे चचतॊ ा का ववषम नहीॊ फनने देता। जरवाम
.....मह ऩस्तक आरॊकारयक रूऩ से मह ददखाने का ऩरयवतनश का ववषम एक याम न फनाने की जस्थतत
प्रमास कयती है कक बायत जरवाम ऩरयवतनश से भें उन रोगों के लरए बी ववशषे रूऩ से एक
औय डीजर के खतये से कै से तनऩटेगा, कई रोग चनौतीऩूणश कामश फन सकता है जो ऩमावश यण की
अबी बी अजस्तत्व को सभाप्त कय देने वारे फवडॊ य चचतॊ ा कयते हैं ऩयॊत इस ऩस्तक भें उन चाय फच्चों
को देखने से कतयाते हंै। वैऻातनकों की फातों को की कहानी को शालभर कयने से मह सॊकरन योचक
नजयॊदाज ककमा जाता है, सफतू ों की अनदेखी की फन गमा है, प्रत्मेक फच्चा फखफू ी ककयदाय तनबाता
जाती है। व्मवसाम कयने के भकसद से ‘Vision है। जस्थतत को स्वीकाय न कयना उनकी भासलू भमत
plus plus goggles’ को फाजाय भें उताया जाता है है। सभाचायों के भाध्मभ से जानकारयमाॊ हालसर
कयके वमस्कों ने अऩना जीवन अनावश्मक रूऩ से
जदटर फनामा है।

गौरी शम ष ने जालभमा लभलरमा इस्रालभमा, नई
ददल्री से भानव अचधकाय तथा कतवश ्म लशऺा भंे
एभए ककमा है।

बिजऱ वछ रजनी: ऩरकाय औय
सऩॊ ादक। मतू नवलसटश ी ऑप ऩीस,
कोस्टारयका से एनवामयनभेंट
लसक्मोरयटी एॊड ऩीस भंे भास्टस।श
फार सादहत्म की तीन ऩस्तकों का रेखन।

58 खडं -1, अकं -1 (प्रवशे कं : वषष 2020)

समीऺक: अंदऱीि व जजद महाॉ कई कहातनमाॊ ददर को छू रेने वारी हंै तथा
A TIGRESS CALLED MACHHLI AND इन भें से कोई एक ऩसॊदीदा कहानी चनना भजश्कर
OTHER TRUE ANIMAL STORIES FROM है। उन सबी भें एक अरग फात है, कछ ऐसी फात
INDIA जो आऩको ऩन् कहानी ऩढ़ने के लरए प्रेरयत कयती
ऱेखखक : Supriya Sehgal है। वह कहानी चाहे डॉ. भाथय के फाये भें हो, जो
Hachette Publishers, 2019 जानवयों के लरए प्रोस्थदे टक्स फनाते हैं, मा
तछऩकलरमों के रेकय फने लभथक हों, मा कपय साॊऩों
जफ ककसी व्मजक्त ने कथेतय के बम को कभ कयने की ददशा भंे गौयी शॊकय के
सादहत्म न ऩढ़ा हो, तफ बायतीम प्रमास हों, इन सबी भंे कछ खास फात है।
जानवयों के फाये भंे सच्ची कहातनमों
का ववचाय ऩस्तक ऩढ़ने के लरए ...इस ऩस्तक भें भझे जो सफसे अच्छी फात रगी,
प्रेरयत कयता है। सवप्रमा सहगर वह मह कक हय कहानी भंे जानवय मा अभ्मायण्म
ऩाठक को तनयाश नहीॊ कयती। मा उनके इततहास के फाये भें अचधक जानकायी बी
दी गई है। रेखक का रहजा सयर तथा फच्चों के
रेखक की शैरी को, रेखक तथा ऩाठक के फीच लरए ऩूयी तयह से अनकू र है जो उन से फात कयना
सवॊ ाद को सभझने के लरए इस ऩस्तक भंे कई औय वास्तव भें उन्हंे कहानी सनना चाहते हैं। इसभंे
अरग-अरग आकषकश कहातनमाॊ हैं। जानवयों तथा कोई उफाऊ ऺण नहीॊ है तथा जसै ा कक रेखखका
भनष्ट्म के साथ उनके सफॊ ॊध रगबग हय कहानी का अऩने ऩरयचम भंे कहती हंै, मदद आऩ जानवयों से
आधाय है तथा हभेशा उन रोगों के फाये भंे ऩढ़ना प्माय कयते हैं, तो उनकी हयकतंे आऩ को फेहद
अच्छा रगता है जो जानवयों की देखबार कयते हंै, भनोयॊजन रगती हैं औय कबी-कबी वे भजाककमा,
जो भसीफत भंे जानवयों की भदद कयते हैं, जो आकषकश एवॊ हास्मास्ऩद रगते हैं, इसलरए मह
हभाये तथा ऩशओॊ के जीवन को आसान फनाने का ऩस्तक ऩठनीम है। औय मदद आऩ जानवयों से डयते
प्रमास कयते हैं। मे कहातनमाॉ प्रेयणादामक हंै औय हंै मा आऩ उन्हें ऩसदॊ नहीॊ कयते, कपय बी, मह
ववचायोत्तेजक नहीॊ हैं जफ रेखक हभंे जानवयों के ऩस्तक आऩके लरए ऩठनीम है।'
लरए नकसानदामक कछ गरत प्रथाओॊ के फाये भंे
चते ावनी देता है। अंदऱीि व जजद फगंै रोय भें यहतीॊ हंै जो वऩछरे दस
वषों से वमस्कों, मवाओॊ तथा फच्चों के लरए ऩस्तकंे
लरखतीॊ हैं। उनका हार ही भें क ॊ गयवप्रटॊ द्वाया
प्रकालशत A Sweet Deal नाभक उऩन्मास
प्रकालशत हआ है।

सुप्रप्रय सहगऱ: मारा-वतृ ाॊत भें
ववशेष रूऩ से ख्माततप्राप्त रेखखका
हैं तथा याष्ट्ट्रीम औय अतॊ याशष्ट्ट्रीम
स्तय ऩय ऩस्तकें प्रकालशत हो चकी
हंै।

59खडं -1, अकं -1 (प्रवेश ंक: वषष 2020)

समीऺक: सचु ररत सेनगपु ्त रेखखका ट्रासॊ व्मजक्तमों के दोहये जीवन का चचरण
FIERCE FEMMES AND NOTORIOUS अऩनी छोटी फहन चरै यटी को लरखे ऩरों भें कयती
LIARS: A DANGEROUS TRANS GIRL’S है। मे ऩर एक ऐसे जीवन का वणनश कयते हंै जो
CONFABULOUS MEMOIR सयक्षऺत औय साॊसारयक है, जहाॊ नामक एक ककयाने
ऱेखखक : Kai Cheng Thom की दकान भें काभ कयता है ताकक वह अऩना
Young Zubaan, New Delhi, 2019 गजाया कय सके तथा यात भंे फ्ाॊसीसी कऺाओॊ भंे
जा सके । इन ऩरों भंे वखणतश साभान्म काल्ऩतनक
जंेडय-आधारयत दहसॊ ा ने कई रूऩ दतनमा नातमका के वास्तववक जीवन को दशातश ी है,
धायण कय लरए हंै। मह ट्राॊसजेंडय जो रासदी की बावना को फढ़ाती है। मह भानना
सभदाम के लरए सफसे ज्मादा दखद गरत होगा कक रेखखका ऩाठक भें दमा बाव ऩदै ा
है। जेंडय की फदरती ऩहचान के कयने की कोलशश कय यही है। रेखखका का तात्ऩमश
फाये भंे जागरूकता फढ़ गई है, ऩयॊत इस सत्म को दशाशना है कक ककसी व्मजक्त से कै से
दव्मवश हाय अऩेक्षऺत रूऩ से कभ नहीॊ हआ। काई चेंग आसानी से व्मजक्तत्व एवॊ गरयभा को छीन लरमा
थॉभ द्वाया यचचत FIERCE FEMMES AND जाता है, जजससे उन्हें खतयनाक जीवन जीने के
NOTORIOUS LIARS: A DANGEROUS लरए भजफूय होना ऩडता है।
TRANS GIRL’S CONFABULOUS MEMOIR
एक साहलसक उऩन्मास है जो ट्रासॊ जंेडय सभदाम के इस ऩस्तक भें भनहूस दतनमा का चचरण है। आभ
हालशए की रासदी, ववशेष रूऩ से ट्रासॊ भदहराओॊ की तौय ऩय, रेखन की मह शैरी ऩरुष रेखकों द्वाया
जस्थतत को दृजष्ट्ट भंे यखता है। अऩनाई जाती है जो फहत ही तनबीक है। काई चंेग
थॉभ एक रेखखका, कराकाय, साभाजजक कामश कताश
FIERCE FEMMES की नातमका, जो ऩयू ी ककताफ हैं जो लरऩजस्टक औय सऩयहीयो काटूशन ऩसॊद कयती
भंे गभनाभ यहती है, उसका जन्भ एलशमाई हंै। तनफधॊ काय औय कवतमरी के तौय ऩय उनका
प्रवालसमों के ग्रूभ नाभक काल्ऩतनक शहय भें होता ऩहरा काव्म सॊग्रह A Place Called No
है। वह जीवन भंे ऩहरे अऩनी ऩहचान फनाती है, Homeland वषश 2017 भें आसेनर ऩल्ऩ प्रेस
औय एक भदहरा के रूऩ भें जीने का सऩना देखती द्वाया प्रकालशत ककमा गमा। मह तघनौनी
है। गयीफी औय उऩहास दोनों का साभना कयते हए, वास्तववकता का सफसे सटीक वणनश है। मह ऩस्तक
वह ग्रूभ भें अऩनी ककशोयावस्था भें, लसटी ऑ मवाओॊ, खास तौय ऩय रडककमों ऩय आधारयत है।
स्भोक एॊड राइट्स, के लरए प्रस्थान कयती है। महाॊ मह जंेडय, मौन सफॊ धॊ सहभतत, कामसश ्थर ऩय
वह स्ट्रीट ऑप लभयेकल्स नाभक ऺेर भें ट्रासॊ उत्ऩीडन, ट्राॊस व्मजक्तमों के लरए साभाजजक तथा
सभदाम के अन्म सदस्मों के साथ यहने रगती है। याजनीततक ऩरयजस्थततमों को येखाकॊ कत कयती है जो
स्ऩष्ट्ट रूऩ से सत्म औय सहानबतू त के रामक हंै।
60 खडं -1, अकं -1 (प्रवशे ंक: वषष 2020) मह ऩस्तक उन साहसी मवाओॊ द्वाया अवश्म ऩढ़ी
जानी चादहए, जजन्हें जीवन के अधॊ कायभम ऩऺ से
दयू यहने की आवश्मकता भहससू नहीॊ होती है।

सुचररत सेनगुप्त जालभमा लभलरमा इस्रालभमा, नई
ददल्री भंे याजनीतत ववऻान की सहामक प्रोपे सय हैं।

क ई चेंग थ म: रेखखका औय
कवतमरी। ए प्रेस काल्ड नो
होभरडंै सदहत अनके प्रलसद्ध
ऩस्तकों का रेखन। अनेक ऩस्तकों
के लरए कई ऩयस्कायों से सम्भातनत।

समीऺक: ऩद्म ि लऱग उऩजस्थतत को नजयअॊदाज ककमा गमा है, अऩयाध
THE DAUGHTER FROM A WISHING तथा रज्जा के रूऩ भें दशामश ा गमा है मा
TREE: UNUSUAL TALES ABOUT स्टीरयमोटाइऩ भें वखणतश ककमा गमा है।
WOMEN IN MYTHOLOGY
ऱेखखक : Sudha Murty सधा भूततश हभें भहत्वाकाॊऺी, फद्चधभान, भखय,
Puffin Books, 2019 तनडय, समॊ भी, ववनम्र, ववस्भतृ , सभवऩतश तथा
कतवश ्मतनष्ट्ठ अद्बत भदहराओॊ की चौफीस कहातनमाॉ
THE DAUGHTER FROM A उऩरब्ध कयाती हंै। कहातनमाॉ सयर बाषा भें
WISHING TREE: UNUSUAL लरखी गई हंै, जजससे उन्हें ऩढ़ने औय सभझने भंे
TALES ABOUT WOMEN IN आसानी होती है ...
MYTHOLOGY दहदॊ ू ऩौयाखणक
कथाओॊ भें सधा भूततश की ककताफों की श्ॊखृ रा भंे ... हाराॊकक, कई कहातनमों भंे, भदहराओॊ का चचरण
चौथी ऩस्तक है। मह एकभार ऐसा खॊड है जो ऩरुष की भदहभा का फखान कयने के लरए ककमा
ऩौयाखणक कथाओॊ भंे भदहराओॊ ऩय कंे दित है। सधा गमा है। ‘The Goddess of the White Lake’
भूततश ने प्रस्तावना भें लरखा है कक वह मह जानकय मा ‘The Temple with No Deity’ जैसी
'तनयाश तथा भामूस' थीॊ कक 'फहत कभ सादहत्म है कहातनमाॊ भदहरा के साइड एक्टय के साथ ऩरुष की
जो भदहराओॊ द्वाया तनबाई गई भहत्वऩणू श मारा तथा ऩरयवतनश के फाये भंे हैं। वास्तव भें, कोई
बलू भकाओॊ को उजागय कयता है।' मह ऩस्तक धभश, बी मह कह सकता है कक इनभंे से कोई बी कहानी
ऩौयाखणक कथाओॊ औय सभाज के ऻान तथा सभझ फीच्डरे ऩयीऺण भंे सपर नहीॊ होगी। प्रत्मेक
के अॊतय को ऩाटने का प्रमास कयती है। दहदॊ ू भदहरा ने ऩस्तक भें अऩना स्थान ऩरुष के साथ
ऩौयाखणक कथाओॊ भंे भदहराएॊ, दगाश से रेकय उग्र अऩने रयश्ते के भाध्मभ से अजजतश ककमा है, चाहे
िौऩदी, देवरोक भें उवशश ी तथा भेनका जैसी वह उसके वऩता, ऩतत, ऩर, प्रेभी, याजा मा कोई
अप्सयाओॊ से रेकय अदहल्मा, बाभती औय सकन्मा खरनामक ही क्मों न हों।
एवॊ भहान ऋवषमों तथा ववद्वानों की ऩजत्नमों का
बी वणनश हैं। हाराॊकक, कहातनमों को ऩायॊऩरयक रूऩ हाराकॊ क भदहराओॊ की कछ जानी-भानी कहातनमों
से ऩरुष दृजष्ट्टकोण से कहा गमा है, भदहराओॊ की को ऩढ़ना अच्छा रगता है। एक कहानी भंे ऩावतश ी
द्वाया मह इच्छा व्मक्त की गई है कक उसकी एक
ऩरी हो, तथा अशोक सदॊ यी के कई योभाचॊ क
कहातनमों की कें िीम ववचाय-श्ॊखृ रा की ऩरयचामक
हैं।

ऩद्म ि लऱग फार सादहत्म लरखती हैं तथा स्कू रों
भें अध्ममन कामकश ्रभ चराती हैं।

सधु मरू ्त:ष इनपोलसस पाउॊ डशे न की
अध्मऺ। अॊग्रेजी औय कन्नड भंे
रेखन। उऩन्मासों, कहातनमों,
मारावतृ ातॊ ों औय फच्चों के लरए
ऩस्तकों का रेखन। इनकी ऩस्तकों का बायतीम
बाषाओॊ भंे अनवाद ककमा गमा है। ऩद्भश्ी, आय.के .
नायामण अवाडश तथा उत्कृ ष्ट्ट कन्नड सादहत्म रेखन
के लरए कनाटश क सयकाय द्वाया सम्भातनत।

61खडं -1, अकं -1 (प्रवशे कं : वषष 2020)










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