The words you are searching are inside this book. To get more targeted content, please make full-text search by clicking here.

रेल सुरभि, मध्य रेल, अंक- 30

Discover the best professional documents and content resources in AnyFlip Document Base.
Search

रेल सुरभि, मध्य रेल, अंक- 30

रेल सुरभि, मध्य रेल, अंक- 30

रले स ाह समारोह 2022 क झलिकयां

46

भारतीय रले के 150 वष पूरे होने के उपल य म छ पित िशवाजी महाराज टिमनस
भवन के ागं ण म आयोिजत रगं ारगं काय म 'नवरसगं म’ के आकषक य

73व गणतं िदवस के य

47

े ीय राजभाषा काया वयन सिमित क िदनांक 23.02.2022 को आयोिजत े ीय राजभाषा काया वयन सिमित क िदनांक 23.02.2022 को आयोिजत
173व बठै क के दौरान मु यालय राजभाषा िवभाग क गहृ पि का रले सरु िभ के 176व बैठक का य

अकं 29 का िवमोचन करते हए महा बंधक ी अिनल कु मार लाहोटी, अपर
महा बधं क ी बी.के .दादाभोय, मु य राजभाषा अिधकारी ी ए.के . ीवा तव

एवं अ य अिधकारी गण

बठै क के दौरान े ीय तर पर आयोिजत िहदं ी ितयोिगताओं के सफल महा बधं क महोदय के आमला-नागपरु से शन के वािषक िनरी ण के दौरान िदनाकं
ितभािगय को माणप दान करते हए महा बंधक ी अिनल कु मार लाहोटी 22 फरवरी, 2022 को पाढं ुरना टेशन पर 'राजभाषा दशनी' का अवलोकन करते

एवं अ य अिधकारीगण हए महा बंधक महोदय ी अिनल कु मार लाहोटी, ी ए.के . ीवा तव, मु य
राजभाषा अिधकारी, ीमती ऋचा खर,े मडं ल रले बंधक व अ य अिधकारीगण

िदनांक 25.02.2022 को महा बंधक, म य रले ी अिनल कु मार लाहोटी ारा सोलापरु मंडल के यवे ला – द ड खडं का
वािषक िनरी ण िकया गया। इस अवसर पर कोपरगावं टेशन पर राजभाषा दशनी लगाई गई थी तथा मडं ल क ितमाही

राजभाषा ई-सूचना प संदशे के अकं – 9 का िवमोचन महा बंधक महोदय ारा िकया गया।

48

किवता धरोहर

सादर नमन

ज म : 20 मई, 1900
मृ यु : 28 िदसंबर, 1977

भारतमाता राह िसत
शरदे दु हािसनी।
भारत माता ामवािसनी।
खेत म फै ला है यामल िचि तत भृकु िट-ि ितज ितिमरांिकत,
धूल भरा मैला सा आचँ ल, निमत नयन नभ वा पा छािदत,
गगं ा यमनु ा म आसँ ू जल, आनन ी छाया-शिश उपिमत,
ान मढ़ू
िम ी क ितमा गीता कािशनी!
उदािसनी।
सफल आज उसका तप सयं म,
दै य जिड़त अपलक नत िचतवन, िपला अिहसं ा त य सुधोपम,
अधर म िचर नीरव रोदन, हरती जन-मन-भय, भव-तम- म,

युग-युग के तम से िवष ण मन, जग जननी
वह अपने घर म जीवन िवकािसनी।
वािसनी।
- सिु म ानदं न पतं
तीस कोिट सतं ान न न तन,
अध िु धत, शोिषत, िनर जन,
मढ़ू , अस य, अिशि त, िनधन,

नत-म तक
त तल िनवािसनी!

वण श य पर-पदतल लुिं ठत,
धरती सा सिह णु मन कुं िठत,

दन कं िपत अधर मौन ि मत,


Click to View FlipBook Version